• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance मोहब्बत का सफ़र [Completed]

Status
Not open for further replies.

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
b6ed43d2-5e8a-4e85-9747-f27d0e966b2c

प्रकरण (Chapter)अनुभाग (Section)अद्यतन (Update)
1. नींव1.1. शुरुवाती दौरUpdate #1, Update #2
1.2. पहली लड़कीUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19
2. आत्मनिर्भर2.1. नए अनुभवUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3. पहला प्यार3.1. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह प्रस्तावUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21
3.3. पल दो पल का साथUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
4. नया सफ़र 4.1. लकी इन लव Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15
4.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
4.3. अनमोल तोहफ़ाUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
5. अंतराल5.1. त्रिशूल Update #1
5.2. स्नेहलेपUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10
5.3. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24
5.4. विपर्ययUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
5.5. समृद्धि Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20
6. अचिन्त्यUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28
7. नव-जीवनUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5
 
Last edited:

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
और आपकी यह कहानी निःशब्द, जैसा शीर्षक वैसी ही पढ़ने के बाद मेरी प्रतिक्रिया।
बिल्कुल दिल बैठ सा गया था, मंगल के साथ हुई अमंगल घटना को पढ़के।

बहुत बहुत धन्यवाद मेरे भाई!
मेरी इस कहानी को सभी ने इतना सराहा है, इतना प्रेम दिया है कि मैं आनंद से अभिभूत हूँ!
अब इसी फीडबैक में एक दो और लाइनें जोड़ कर USC Review सेक्शन में भी लिख दीजिए :)
थोड़ा वजन बढ़ेगा आपके भाई की कहानी का! हा हा हा!
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
15,654
31,899
244
ख़ैर, अब रचना के दृष्टिकोण से सोचिए - एक नई आती लड़की को यही लगेगा न कि उसके प्रभाव से कहीं अधिक प्रभाव एक कामवाली का है - उसके पति पर!
और यह बात अच्छी तो नहीं ही लगने वाली है। प्रतिद्वंद्विता वाली भावना आनी स्वाभाविक ही है।
जबकि उसको पता है की दोनो मतलब उसकी होने वाली सास और दादी सास की घर गृहस्थी अलग है।
तो रुपए पैसे वाला चक्कर नहीं था - मालिकान हक़ वाली बात थी। ऐश्वर्य वाली बात थी! संपन्न होना एक बात है, ऐश्वर्यपूर्ण धनाढ्य होना अलग बात है!
वैसे, कुछ लोग होते हैं जिनको लगता है कि उनको सब कुछ मिलना चाहिए ही। अपने आस पास नज़र उठा कर देख लें, एक नहीं दर्जनों उदाहरण मिल जाएँगे आपको।
एक तरह से रचना भी उन्ही लोगों में थीं।
और शादी के बाद क्या होता, वो अभी से ही सोच रही थी, जबकि घर में वो मालकिन ही होती

भाई - हा हा हा! हाँ, आपको और अन्य कई पाठकों को रचना पर शक तो था।
कई कारण है, और सबसे बड़ी ये कि अमर के परिवार में कई ऐसे कारण है जिनको कोई भी इतनी आसानी से स्वीकार नहीं कर सकता, जितनी आसानी से रचना स्वीकार ही नही अंगीकार भी कर रही थी।
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
Sir main bharosa karne ka mana nahi kar rha, lekin itna adhik bharosa ki karna ki bad main apke pariwar ko dukh ho kya kye sahi hai ?

सही बात है भाई!
ऐसे 'अंध-विश्वास' से खतरा तो है।
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
जबकि उसको पता है की दोनो मतलब उसकी होने वाली सास और दादी सास की घर गृहस्थी अलग है।

और शादी के बाद क्या होता, वो अभी से ही सोच रही थी, जबकि घर में वो मालकिन ही होती


कई कारण है, और सबसे बड़ी ये कि अमर के परिवार में कई ऐसे कारण है जिनको कोई भी इतनी आसानी से स्वीकार नहीं कर सकता, जितनी आसानी से रचना स्वीकार ही नही अंगीकार भी कर रही थी।

इनसेक्योर लड़की है वो। जब सम्भावना दिखती है, तो इस बात की इन्सेक्योरिटी आ गई कि कहीं सब हाथ से निकल न जाए!
उस कारण से उसने ऐसी ऐसी हरकतें कर दीं, जो उसको नहीं करनी चाहिए थी।

हाँ - अमर का परिवार कुछ ऐसा है कि कोई इतनी आसानी से उसको स्वीकार नहीं सकता।
रचना के सहर्ष स्वीकृति का कारण संदेहास्पद तो था।
 

KinkyGeneral

Member
326
611
93
इनसेक्योर लड़की है वो। जब सम्भावना दिखती है, तो इस बात की इन्सेक्योरिटी आ गई कि कहीं सब हाथ से निकल न जाए!
उस कारण से उसने ऐसी ऐसी हरकतें कर दीं, जो उसको नहीं करनी चाहिए थी।

हाँ - अमर का परिवार कुछ ऐसा है कि कोई इतनी आसानी से उसको स्वीकार नहीं सकता।
रचना के सहर्ष स्वीकृति का कारण संदेहास्पद तो था।
समझ सकता हूं रचना का दृष्टिकोण, इनसेक्योरिटी बड़ी कुत्ति चीज़ है, अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देती।

अमर का परिवार एक अलग ही दुनिया में बसता है, इसमें शामिल होना कोई साधारण व्यक्ति का काम नहीं।
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
समझ सकता हूं रचना का दृष्टिकोण, इनसेक्योरिटी बड़ी कुत्ति चीज़ है, अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देती।

अमर का परिवार एक अलग ही दुनिया में बसता है, इसमें शामिल होना कोई साधारण व्यक्ति का काम नहीं।

एक सौ एक प्रतिशत सही विश्लेषण किया है भाई मेरे!
इस परिवार का वैल्यू सिस्टम इतना अलग है, कि हर किसी के लिए इसमें सहज होना संभव ही नहीं।
 

dumbledoreyy

New Member
62
132
48
Avsji, काफी दिनों बाद आया तो पता चला कहानी काफी अलग मोड़ ले चुकी है। जैसा मेरी आशंका थी रचना को लेकर वही हुआ। अब ये जानना इंटरस्टिंग होगा की आगे क्या मोड़ आता हैं।

और एक खुश खबरी हैं जैसा कि मेने आपको बताया था पिछली बार की नौकरी की समस्या थी तो अब मुझे एक बड़ी MNC में अच्छी नौकरी मिल गई है और सैलरी पैकेज भी बढ़िया हैं। सौतेली बहनें पैसों को लेकर झगड़ा कर रही है वो भी काफी हद तक सॉर्ट आउट कर दिया हैं।

पर कहते हैं ना की खुशी ज्यादा कहा टिकती हैं। नौकरी मिली उसके दूसरे दिन ही माताजी की तबीयत बहुत बिगड़ गई और ब्रेन ट्यूमर निकला। शुक्र है अभी खतरे से बाहर है पर आईसीयू में हैं। आगे किसी बच्चे की तरह उनकी देखभाल की आवश्यकता रहेगी।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
15,654
31,899
244
इनसेक्योर लड़की है वो। जब सम्भावना दिखती है, तो इस बात की इन्सेक्योरिटी आ गई कि कहीं सब हाथ से निकल न जाए!
उस कारण से उसने ऐसी ऐसी हरकतें कर दीं, जो उसको नहीं करनी चाहिए थी।

हाँ - अमर का परिवार कुछ ऐसा है कि कोई इतनी आसानी से उसको स्वीकार नहीं सकता।
रचना के सहर्ष स्वीकृति का कारण संदेहास्पद तो था।
वैसे अब मुझे अमर का भला 3 साल बाद ही दिख रहा है। :fever:
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
3,812
21,628
159
Avsji, काफी दिनों बाद आया तो पता चला कहानी काफी अलग मोड़ ले चुकी है। जैसा मेरी आशंका थी रचना को लेकर वही हुआ। अब ये जानना इंटरस्टिंग होगा की आगे क्या मोड़ आता हैं।

शीघ्र ही भाई, शीघ्र ही।

और एक खुश खबरी हैं जैसा कि मेने आपको बताया था पिछली बार की नौकरी की समस्या थी तो अब मुझे एक बड़ी MNC में अच्छी नौकरी मिल गई है और सैलरी पैकेज भी बढ़िया हैं। सौतेली बहनें पैसों को लेकर झगड़ा कर रही है वो भी काफी हद तक सॉर्ट आउट कर दिया हैं।

अरे वाह भाई। आनंद आ गया यह खबर सुन कर।
बहुत बहुत बधाईयां। 🎉

पर कहते हैं ना की खुशी ज्यादा कहा टिकती हैं। नौकरी मिली उसके दूसरे दिन ही माताजी की तबीयत बहुत बिगड़ गई और ब्रेन ट्यूमर निकला। शुक्र है अभी खतरे से बाहर है पर आईसीयू में हैं। आगे किसी बच्चे की तरह उनकी देखभाल की आवश्यकता रहेगी।

ओह यह दुखद समाचार है, लेकिन आशा भी है कि आपकी माता जी शीघ्र ही ठीक हो जाएं। सावधानी बरतनी पड़ेगी, लेकिन उम्मीद है कि वो पूरी तरह ठीक हो जाएं 🙏
 
Status
Not open for further replies.
Top