• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance मोहब्बत का सफ़र [Completed]

Status
Not open for further replies.

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159
b6ed43d2-5e8a-4e85-9747-f27d0e966b2c

प्रकरण (Chapter)अनुभाग (Section)अद्यतन (Update)
1. नींव1.1. शुरुवाती दौरUpdate #1, Update #2
1.2. पहली लड़कीUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19
2. आत्मनिर्भर2.1. नए अनुभवUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3. पहला प्यार3.1. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह प्रस्तावUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21
3.3. पल दो पल का साथUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
4. नया सफ़र 4.1. लकी इन लव Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15
4.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
4.3. अनमोल तोहफ़ाUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
5. अंतराल5.1. त्रिशूल Update #1
5.2. स्नेहलेपUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10
5.3. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24
5.4. विपर्ययUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
5.5. समृद्धि Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20
6. अचिन्त्यUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28
7. नव-जीवनUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5
 
Last edited:

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159
Another amazing update. Kya khule vichar hain. Waiting for next village update
धन्यवाद भाई 😊
कल देता हूँ अगला अपडेट।
 

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159
पहला प्यार - विवाह - Update #13


घर से कुछ ही दूरी पर नुक्कड़ था - वहाँ जा कर देखा तो अलाव जल रहा था, जहाँ चार पाँच लोग बैठ कर शरीर सेंक रहे थे। अभी तो बातें अलग हो गई हैं, लेकिन एक समय था जब गाँवों में नुक्कड़ पर जलने वाले अलाव का बड़ा महत्त्व था। वो केवल शरीर सेंकने का साधन मात्र नहीं थे, बल्कि उनका एक सामाजिक उपयोग भी था। ये अलाव साँझ होते ही शुरू हो जाते थे, और देर सुबह तक जलते ही रहते थे। दिन में भी इनमे से धीमी धीमी आंच आती रहती थी। सूर्यास्त के बाद ही इनमे फिर से आग बढ़ा दी जाती थी, और वहाँ पर धीरे-धीरे लोगों जमावड़ा होने लगता था! और फिर हर प्रकार की चर्चा, किस्से कहानियों का सुनना सुनाना - सब होता था। अलाव मनोरंजन का भी एक माध्यम था - उसके इर्द गिर्द बैठ कर लोक संगीत गाए बजाए जाते। रात-रात भर! और तो और लड़ाई-झगड़े भी यहाँ निबटा लिए जाते थे, और एक दूसरे की मदद भी हो जाती। जिन परिवारों के पास सीमित संसाधन होते थे, उनके लिए अलाव, ठंड से बचने का एकमात्र सहारा होता था। एक और काम किया जाता था - चूँकि ये अलाव शायद ही कभी बुझती थी, इसलिए इसमें धीमी धीमी आंच हमेशा बनी रहती थी। लोग उसकी राख में नई फसल की आलू और शकरकंद डाल देते, जो उस हल्की आँच में देर तक भुन कर बेहद स्वादिष्ट हो जाती। तो जब मैं वहाँ पहुँचा तो देखा कि लोग उस राख में से भुन चुकी आलू निकाल रहे थे। मुझे देखते ही मुझे सभा में सम्मिलित होने का निमंत्रण मिल गया।

लोग बात चीत करते हुए, भुन गए आलू का छिलका उतार रहे थे और मुझसे बतिया भी रहे थे। अधिकतर बातें मेरे काम और शहर में मेरे जीवन को ले कर थीं। एक व्यक्ति थोड़ा पढ़ा लिखा था, तो जाहिर सी बात है कि मुझसे उसके लिए कुछ ‘जुगाड़’ लगाने के लिए कहा गया। अब उनको कैसे समझाएँ कि मैंने भी अभी अभी ही नौकरी की शुरुवात करी थी, और मैं इस मुकाम पर नहीं था कि उनकी मदद कर सकता। लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं यथासंभव उनकी मदद करूँगा। तब तक सारे आलू छिल कर तैयार थे, और उनको धनिया-हरी मिर्च की चटनी के साथ दोने में परोसा गया। मैं अभी अभी ही नाश्ता कर के निकला था, लेकिन सच में, इस सादे से ‘नाश्ते’ में जो स्वाद, जो आनंद आया, उसको बयान कर पाना बहुत कठिन है!

**

“माँ,” मेरे जाने के बाद, गैबी ने बड़ी चंचलता से माँ से पूछा, “आप और डैड अभी भी प्यार करते हैं …” यह कोई सवाल नहीं था; यह केवल एक बयान था।

“हाँ हम करते हैं।” माँ ने बड़े साधारण लहज़े में कहा, “सप्ताह में तीन चार बार तो करते ही हैं!” फिर अचानक ही वो शरारत के मूड में आ गईं, “अभी मेरी उम्र ही क्या है!”

बात तो सही ही थी! माँ अभी पैंतीस-छत्तीस की ही तो थीं! आज कल कई सारी महिलाएँ इस उम्र में आ कर शादी करती हैं!

गैबी मुस्कुराई, “और जाहिर है कि आप दोनों अभी भी इसका आनंद लेते हैं?”

“हा हा हा! हाँ बेटा, आनंद तो आता ही है! तुम्हारे डैड मुझसे बहुत प्यार करते हैं; और हमने भी कल रात सेक्स किया था, जब तुम दोनों सेक्स कर रहे थे। और हम ही क्या, मुझे तो लगता है कि यहाँ आधे गाँव ने कल रात सेक्स किया होगा। यह एक खुशहाल गाँव है - लोग गरीब हैं, लेकिन फिर भी अपनी सभी मुश्किलों के साथ ख़ुशी से जीते हैं! अब देखो न - पड़ोस वाली सासू माँ याद हैं तुमको?”

माँ गैबी को हमारी पड़ोस वाली चाची जी की याद दिला रही थीं। गैबी ने ‘हाँ’ में सर हिलाया।

“वो मुझसे तो कितनी ही बड़ी हैं उम्र में - उनको मैं खुद माँ कह कर बुलाती हूँ। अब उन्ही को ले लो - उनको एक छोटा सा बच्चा है। लेकिन वो और उनके हस्बैंड, अभी भी खूब सेक्स करते हैं। उनके बेटे और बहू भी। किसी नए जोड़े की शादी की रात में सेक्स करना - यह एक तरह का अनकहा रिवाज है है इस क्षेत्र में... शायद नव-विवाहित जोड़े का समर्थन करने का एक तरीका है।”

“हा हा हा! माँ... आप बहुत बदमाश हैं!”

“अरे! मैं तुम्हारी माँ हूँ, लेकिन बूढ़ी थोड़े ही हूँ!”

“नहीं माँ! बिलकुल भी बूढ़ी नहीं हैं आप! और मैं तो चाहती हूँ कि आप दोनों हमेशा ऐसे ही रहे - हमेशा खुश, प्यार करते हुए... और यंग!” गैबी कुछ देर के लिए रुकी, और फिर कुछ सोच कर बोली, “माँ, एक आईडिया है - क्यों न हम दोनों - मतलब आप और मैं - एक साथ प्रेग्नेंट हो जाएँ?”

गैबी अपने आईडिया से काफ़ी उत्साहित लग रही थी, और यह उत्साह स्पष्ट दिख रहा था।

‘कैसा बचपना!’ माँ ने सोचा।

“हा हा! नहीं, मेरी प्यारी बिटिया, तुम्हारा आईडिया बहुत अच्छा है, लेकिन नहीं! मेरा एक बेटा है; और मुझे एक बेटी चाहिए थी, जो भगवान की कृपा से, मुझे बड़ी प्यारी सी मिल गई है! तुम!”

“ओह माँ! आप सबसे प्यारी हैं!”

कह कर गैबी माँ से कस कर लिपट गई - माँ उसके बचपने पर मुस्कुराए बिना नहीं रह सकीं!

“मेरे लिए, तुम दोनो बच्चे काफी हो - सरकार भी तो कहती है न - ‘हम दो, हमारे दो’! तो, अब तुम लोगों की बारी है! मेरी इच्छा है कि तुम दोनों के एक-दो बच्चे तो हो जाएँ। और, उनके पालन-पोषण की चिंता मत करो... मैं हूँ न! मैं एक अच्छी दादी की तरह उनकी देखभाल करूंगी। तुम अपनी पढ़ाई करो, और बाद में प्रोफेसर बनो; अमर अपनी नौकरी में आगे बढ़े! तुम्हारे बच्चे मैं देख लूँगी, सम्हाल लूँगी!”

“ओह माँ - आप और डैड बहुत प्यारे हैं!”

“हा हा!! हाँ! हैं न हम? मुझे पता है ... लेकिन बेटा, अगर हम माँ बाप ही अपने बच्चों को सपोर्ट नहीं करेंगे, तो और कौन करेगा?”

“माँ,” गैबी हिचकिचाते हुए बोली, “जब आप मुझे अपना बच्चा - अपनी बेटी - कहती हैं न, तो मैं... मुझे ऐसा लगता है…” गैबी ने अपना वाक्य अधूरा ही छोड़ दिया। वो हिचकिचा रही थी, लेकिन माँ समझ गईं।

“मेरी प्यारी बिटिया, मैंने तुमको पहले ही कहा हुआ है, कि तुम्हारा जब भी मन करे, तुम मेरा दूध पी सकती हो। ... मेरी बिटिया को तो मैं हमेशा ही अपना प्यार दूँगी... जब भी तुम्हारा मन करे... बिना किसी हिचकिचाहट के। मैंने कहा है या नहीं?”

“हाँ माँ!”

“तो फिर? इतना फॉर्मल क्यों होती हो फिर? क्या तुम अभी पीना चाहती हो?”

“हाँ माँ!” गैबी ने शर्माते हुए कहा।

“तो फिर हिचकिचा क्यों रही हो?”

“लेकिन माँ... यहाँ आराम से बैठने को नहीं है!”

“ठीक है, तो फिर, तुम्हारे कमरे में चलें?”

“हाँ माँ!”

जैसे ही गैबी खड़ी हुई, वो दर्द से चिहुँक गई। माँ तुरंत ही चिंतित हो कर, गैबी से पूछने लगीं कि क्या हुआ। गैबी केवल शरमा कर मुस्कुराई।

“‘वहाँ’ दर्द है, माँ।”

“बहुत तकलीफ़ हो रही है क्या, बेटा?” माँ ने कहा और गैबी की योनि की क्षति का निरीक्षण करने के लिए उन्होंने उसकी लेगिंग नीचे सरका दी। गैबी के योनि होंठ सूजे हुए थे, और उनका रंग असामान्य तरीके से लाल हो गया था। एक तो बे-रोक-टोक, ताबड़-तोड़, एक के बाद एक सम्भोग, और ठंडक का मौसम! दोनों के मिले जुले प्रभाव ने गैबी की तकलीफ़ बढ़ा दी थी।

“ओह बेटा, तुम्हारी म्यानी तो वाकई चोटिल है।” माँ ने चिंतित होते हुए कहा।

यहाँ पाठकों को यह बता देना आवश्यक है कि म्यानी शब्द, स्त्री की vulva / योनिमुख का शाब्दिक अनुवाद नहीं है - लेकिन भारत में महिलाएं आमतौर पर अपने निजी अंगों को चलताऊ भाषा वाले नामों, जैसे चूत / बुर, से नहीं बुलाती हैं, और न ही अति-शुद्ध शब्दों से - वो अक्सर इसके लिए कोई संकेतात्मक शब्द प्रयोग करती हैं। माँ योनि के लिए म्यानी शब्द का प्रयोग करती हैं)

“रुको, मैं तुम्हारे लिए गरम पानी ले आती हूँ। उसमें बैठ कर सेंकाई कर लो - सूजन थोड़ी कम हो जाएगी।”

“ओह, आप कहीं न जाइए, मम्मी! मैं थोड़ा आराम कर लूंगी, तो ठीक हो जाऊँगी!” गैबी ने माँ को काम करने से मना किया, लेकिन माँ को अपने बच्चों की देखभाल करने से रोक पाना बहुत मुश्किल है। काफी समझाने के बाद आखिरकार, गैबी उनको कुछ देर के लिए रोक पाई।

जब गैबी और माँ आराम से हमारे बिस्तर पर बैठे, तो माँ ने उससे पूछा, “क्या उसने तुम्हारे बिना पूरी तरह तैयार हुए किया था?”

“अरे नहीं, माँ। अमर ऐसा नहीं कर सकते। वो मुझे सच में मुझसे बहुत प्यार करते हैं... वो जाने या अनजाने में भी ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे मुझे चोट पहुंचे... बात बस इतनी सी है कि उनका... मेरे लिए बहुत बड़ा है।”

गैबी अभी भी शर्मा रही थी। उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो अपनी सास से इस बारे में बात कर सकती है।

“हम्म... सुन कर बहुत अच्छा लगा कि वो तुमको इतना प्यार करता है कि तुमको तकलीफ नहीं दे सकता। ठीक है - गर्म पानी से काफ़ी आराम मिल जाएगा, लेकिन केवल कुछ समय के लिए। मुझे लगता है कि तुम दोनों कुछ और दिन सेक्स कर लोगे, तो तुम उसके साइज़ से कम्फर्टेबल हो जाओगी। उसको बोलना कि धीरे धीरे किया करे, और करने से पहले बहुत देर तक तुम्हारी म्यानी को चाटे! इट हेल्प्सइट हेल्पड मी!”

“माँ!” गैबी ने मारे शर्म के अपना चेहरा अपनी हथेलियों के पीछे छिपा लिया। माँ से अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बात चीत करने में उसको अभी भी शर्म आ रही थी।

“क्या माँ! अरे, मेरे एक्सपीरियंस से कुछ सीख! जब मैंने शादी की थी, तो मैं बहुत छोटी थी, और मेरी म्यानी भी बहुत छोटी थी... इसलिए, ‘ये’ मुझको आराम देने के लिए, और दर्द कम करने के लिए यही सब कुछ करते थे। इट हेल्प्स! अमर अभी भी नौसिखिया है, और तुम्हें उसको बताना चाहिए कि तुम्हारे लिए क्या अच्छा है... क्या सही है!”

गैबी अब क्या बताए कि हमारा संभोग पूर्व की क्रीड़ा (फोरप्ले) कितनी लम्बी चलती है। समस्या गैबी के पूरी तरह तैयार होने की है ही नहीं, समस्या कुछ अलग ही है। वैसे माँ का सुझाव गलत बिल्कुल भी नहीं है। माँ ने फिर प्यार से मुस्कुराते हुए और बिस्तर पर पालथी मार कर बैठते हुए कहा,

“अब आओ, मैं तुमको थोड़ा प्यार दे दूँ!”

गैबी माँ के आग्रह पर मुस्कुराई और माँ की गोद में लेट गई। माँ ने धैर्यपूर्वक अपने ब्लाउज के बटन खोले और अपने स्तनों को मुक्त कर दिया। माँ ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। माँ ने गैबी को देखते हुए देखा, तो कहा,

“तुम्हारे डैड ने कल रात इसको उतार दिया था।”

“हा हा हा! माँ... आप सचमुच कमाल हैं... डैड भी!” गैबी माँ की गोदी में एडजस्ट होते, और उनके स्तनों को प्यार से सहलाते हुए बोली, “और... माँ, आपके ब्रेस्ट्स पूरी दुनिया के सबसे सुन्दर ब्रेस्ट्स हैं!”

“हाँ, मुझे पता है... ये तुम्हारी माँ के ब्रेस्ट्स हैं न, इसलिए!”

“माँ, यू आर ब्यूटीफुल लाइक ए गॉडेस!”

“हा हा! चलो, अब बातें करना बंद करो, और काम करना शुरू करो।”

माँ ने ने बड़े प्रेम से कहा और गैबी को अपना स्तन पीने को दिया। जैसे ही गैबी ने मेरी माँ का चूचक अपने मुँह में लिया, दोनों महिलाओं ने सुख वाली आह भरी!

“आह... हाँ, मेरी प्यारी बेटी,” माँ ने अपनी सबसे मधुर, प्यार भरी आवाज़ में कहा, “मैं तुमको माँ का सारा प्यार दूँगी! मेरी बच्ची!”

माँ ने प्यार से गैबी के गालों को सहलाते हुए जोड़ा, “बिटिया, तुमने मुझे जो प्यार और सम्मान दिया... उसके लिए थैंक यू! मैं एक बेटी के लिए कब से तरस रही थी - लेकिन अब मैंने तुम्हें पा लिया है। मुझे तो लगता है कि हमारा बंधन शाश्वत है... मुझे तुम्हारी माँ बनना ही था! पियो मेरी बच्ची, पियो...!”

गैबी ने माँ के स्तनों को बड़े आराम से, बड़ी फ़ुर्सत से पिया। जहाँ काजल के स्तन, पौष्टिक दूध से भरे हुए थे, वहीं माँ के स्तन - यद्यपि उनमें दूध नहीं था तथापि वो बड़े सुकून देने वाले थे। उनमें से दूध ही धारा तो नहीं, लेकिन प्रेम की, स्नेह की धारा ज़रूर बह रही थी। गैबी को अपने मुँह में माँ के चूचक का स्पर्श बहुत पसंद आ रहा था। उसने उनके एक स्तन को अपने दोनों हाथों से लिया, और एक बच्चे की ही तरह चंचलता में आ कर, उनके पूरे एरोला के साथ उनके चूचक को अपने मुंह में ले लिया। अब वो एक बच्चे की ही तरह, उनकी गोद में छोटी हो कर लेट गई थी।

उसको अब माँ के सामने नग्न होने में कोई मलाल, कोई शर्म नहीं थी। बच्चे अपनी माँ के सामने नंगे तो हो सकते हैं : इसमें कोई बुराई थोड़े ही है। उसे अब यह स्वाभाविक लगने लगा था। दूसरी ओर, माँ ने गैबी की टाँगों को थोड़ा अलग कर दिया, जिससे उसकी योनि के होंठ दिख सकें। जब उनको वहाँ थोड़ी जगह मिली, उन्होंने उसकी योनि पर अपना हाथ रख दिया। गैबी ने थोड़े आश्चर्य और थोड़े प्रश्नवाचक भाव लिए माँ की तरफ देखा - लेकिन माँ ने अपनी आँखों के इशारे से उसको रिलैक्स करने को कहा, और उसकी योनि को धीरे से दबाया। गैबी के होठों से एक छोटी सी कराह निकल गई। स्पष्ट था कि गैबी की योनि चोटिल हो गई थी, और उसको दर्द हो रहा था। लेकिन माँ ने कुछ सोच कर ही गैबी के वर्जित क्षेत्र में अपना हाथ लगाया था - इसलिए उन्होंने अपना हाथ हटाया नहीं। उल्टा, उसके दर्द को थोड़ा शांत करने के लिए, उन्होंने बारी-बारी से उसकी योनि के होठों की एक ख़ास तरीके से मालिश करनी शुरू कर दी। कुछ देर तक मालिश होने के बाद गैबी को दर्द कम महसूस होने लगा।

“क्या दर्द कुछ कम हुआ, बेटा?” माँ ने पूछा।

गैबी ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, लेकिन उसने चूचक नहीं छोड़ा।

“गुड!” माँ ने संतुष्ट हो कर कहा, और फिर बोला, “गैबी, एक मिनट।”

जब गैबी ने उनका चूचक छोड़ा, तो माँ ने गैबी की स्वेट-शर्ट उतार दी, और उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया। नग्न होते ही उसको ठंड लगी, और वो काँप गई। लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया, क्योंकि वो जानती थी कि माँ उसे किसी भी तरह से तकलीफ़ नहीं होने देंगी। फिर माँ ने उसको पुनः दूध पिलाने से पहले, उसे अपने नरम, ऊनी शॉल से ढँक दिया।

इस दिस बेटर, माय बेबी?”

खुशी से पुनः स्तनपान शुरू करते हुए गैबी मुस्कुराई, और उसने ‘हाँ’ में सर हिलाया।

“गुड! पी लो!”
 

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159
पहला प्यार - विवाह - Update #14


लगभग एक मिनट के बाद, उन्होंने डैड को पुकारते हुए सुना। माँ ने उनकी पुकार के उत्तर में कहा कि वे मेरे कमरे में हैं। इस डर से कि डैड उसको ऐसे नंगा नंगा देख लेंगे, गैबी माँ के स्तनों को छोड़कर खुद को ढँकने लगी। पर माँ ने उसे रोक दिया,

इट इस ओके, हनी! जस्ट रिलैक्स! रिलैक्स!… ओके…?”

लेकिन गैबी रिलैक्स नहीं कर पा रही थी - उसको बहुत अधिक शरम आ रही थी। इससे पहले वो खुद को ढँकने के बारे में कुछ सोच पाती, या कर पाती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डैड हमारे कमरे के अंदर आ चुके थे। उसने देखा कि माँ और गैबी क्या कर रहे थे, और वो एक पल के लिए झिझके; लेकिन फिर वो कमरे के अंदर आ गए, और उन दोनों के पास बिस्तर पर बैठ गए। अगर वो अंदर आए बिना चले जाते, तो स्थिति सामान्य न होती, और गैबी और भी अधिक लज्जा महसूस करती। गैबी के स्तन तो शॉल में ढके हुए थे, लेकिन उसकी कमर के नीचे उसका सारा नग्न शरीर प्रदर्शित था। कुछ देर तक किसी ने कुछ नहीं कहा।

“सुनिये जी, ज़रा रसोई से नारियल तेल लेते आइएगा!” अंत में माँ ने ही डैड से कहा।

“क्या हो गया?”

“अरे, बिटिया की मालिश कर दूँगी थोड़ा!”

तो डैड कमरे से बाहर चले गए।

“माँ, डैड ने मुझे नंगी देख लिया।” गैबी ने लजाते हुए माँ से शिकायत करी।

“हाँ! तो? तुम तो हम दोनों की ही बेटी हो न! अगर मुझसे नहीं शरमा रही हो, फिर अपने डैड से क्यों?” माँ ने उसे शांत किया, “और फिर हमारी बेटी कितनी खूबसूरत भी तो है। उनको भी पता चले! है न?”

गैबी कुछ कह न सकी। डैड कुछ देर बाद नारियल तेल की बोतल लेकर वापस लौटे।

“बिटिया भी दूध पीती है?” डैड ने कहा; प्रत्यक्ष्य को प्रमाण क्या?

“हाँ! क्यों जी? क्यों ना पिए? मेरी बेटी है।”

“अरे भाग्यवान! मैंने कुछ कहा? बिलकुल पिए! तुम्हारी बेटी है, तो मेरी क्या मेरी बेटी नहीं है?”

“बिलकुल है... लेकिन दूध तो मैं ही पिला सकती हूँ ना!” माँ ने कहा!

“हा हा हा, हाँ, वो बात तो अटल सत्य है!”

माँ ने अपनी हथेली पर थोड़ा सा नारियल तेल डाला और गेबी की योनि पर उदारतापूर्वक लगाया। माँ के हाथ को समुचित जगह देने के लिए गैबी को अपने पैर खोलने पड़े। डैड को अब गैबी की योनि के होंठ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने भी गैबी के सूजे हुए होंठों को देखा।

“क्या हुआ? दर्द हो रहा है क्या?” उन्होंने पूछा - उनकी आवाज़ में चिंता साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी।

गैबी को याद आया कि कैसे जब तो छोटी थी, तब उसके पिता उसे ‘शील’ में बने रहने के लिए कम से कम अपनी पैंटी पहनने के लिए कहते थे। नग्न रहना तो उसके लिए असंभव था। लेकिन यहाँ तो डैड को गैबी की हालत पर ज़रा भी विरोध नहीं था। बेशक, उनको देख कर वो यह नहीं कह सकती थी, कि उनको उसकी नग्नता के बारे में सोच कर कैसा लग रहा था! कम से कम उन्होंने अपनी भावना किसी स्पष्ट तरीके से दिखाई नहीं। इस बीच माँ ने धीरे धीरे गैबी की योनि की मालिश करनी शुरू कर दी।

“हाँ न! गैबी बिटिया की म्यानी छोटी सी है ना! और आपके बेटे का छुन्नू बड़ा सा है।”

माँ ने अपनी बड़ी मधुरता के साथ कहा। डैड केवल मुस्कुराए। शायद वो अंदर ही अंदर खुश थे कि उनके बेटे का लिंग अपनी पत्नी के लिए समुचित आकार का था।

“अरे, तो सेंकाई कर देती ना!” उन्होंने सुझाया।

“कर तो देती, लेकिन आपकी लाडली को मेरा दूध पीना था…”

“ओह! अच्छी बात है!” पिताजी ने समझते हुए कहा, “फिर दूध पिला के सेंकाई कर दो!”

“जी, ठीक है।”

“गैबी बेटा,” डैड ने गैबी से मुखातिब होते हुए कहा, “अभी तुम छोटी हो, और तुम्हारे पैर की मसल्स भी स्ट्रांग हैं। इसलिए तुम कुछ स्ट्रेच और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइजेज किया करो। उससे फ्लेक्सिबिलिटी भी आती है, और इंटरकोर्स की परेशानियों में हेल्प भी होती है।” उन्होंने बिलकुल प्रोफेशनल तरीके से कहा, और फिर कुछ सोच कर आगे जोड़ा,

“इसके अलावा, अमर से कहो - मैं भी कहूँगा - कि पेनिट्रेशन से पहले फोरप्ले पर अधिक समय बिताए... यू नो, जब पार्टनर अच्छी तरह से उत्तेजित होती है, तो उसको दर्द कम होता है।” उन्होंने गैबी को कुछ इस तरह समझाया जैसे कि उसको सेक्स के बारे में कुछ मालूम ही न हो!

गैबी ने उत्तर में कुछ नहीं कहा, लेकिन वह शर्म से लाल हो गई।

“शरमाओ मत बेटा। जब तुम्हारी माँ और मेरी नई-नई शादी हुई थी, तो मैं तुम्हारी माँ के साथ भी ऐसा ही करता था। बाद में इन्होने लेग स्ट्रेच करना शुरू कर दिया, जिससे इनको काफ़ी आराम मिला। और, बाद में इनको मेरी आदत भी हो गई।”

“हाँ, मैंने भी बिटिया को ये सब बताया है।” माँ ने कहा, और मालिश करना जारी रखा।

गैबी ने अब तक माँ का दूध पीना छोड़ दिया था, और किसी तरह से अपने चेहरे पर धीर गंभीर भाव बनाए रखे हुई थी, जो कि बहुत मुश्किल था - खासकर तब, जब डैड सामने बैठे हुए थे। माँ ने भी अपने स्तन छिपाने की कोई कोशिश नहीं की। गैबी को देखते हुए, डैड के चेहरे पर गंभीर, लेकिन स्नेह के भाव आ गए। उन्होंने कुछ कहने से पहले थोड़ा इंतज़ार किया, और फिर कहा,

“गैबी बेटा, हम - मतलब तुम्हारी माँ और मैं - तुमको अपनी बेटी के रूप में पाकर बहुत खुश हैं... बहुत खुश! अमर के बाद, हमने बड़े लंबे समय तक अपना एक और बच्चा करने के बारे में बहुत सोचा और विचारा... लेकिन फिर हमने उस इच्छा को दबा दिया, ताकि हम अमर का पालन-पोषण कर अच्छी तरह से कर सकें। ताकि हम उसको उसके जीवन के लिए यथासंभव, सबसे अच्छी शुरुवात दे सकें। हम कभी भी उसकी शिक्षा और पालन पोषण में कोई समझौता नहीं करना चाहते थे... और दूसरा बच्चा होने से हमें फाइनेंशियल तनाव तो होता…”

डैड बोलते बोलते काफ़ी सीरियस हो गए थे; उन्होंने अचानक ही यह महसूस किया, और मुस्कुराते हुए बोले, “आई मीन, मैं जो कहने की कोशिश कर रहा हूँ, वो यह है कि हम दोनों को ही हमेशा महसूस होता रहा कि हमारा परिवार अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ था... लेकिन अब, तुम्हारे साथ, तुम्हारे आने के बाद, मेरा परिवार पूरा हो गया है। हमको हमारी बेटी मिल गई!”

डैड ने गैबी को इतने प्यार से ‘बेटी’ कहा, कि उसकी आँखों में आँसू आ गए।

“ओह डैडी! डैडी! आई लव यू सो वैरी मच!” गैबी ने कहा और माँ की गोदी से कूद कर, डैड को जितना संभव था, उसने उतने मजबूत आलिंगन में उनके गले से लग गई। यह तथ्य कि वो अब डैड के सामने भी पूरी तरह से नग्न थी, अब उसके लिए कोई मायने नहीं रखता था। अब हम उसका परिवार थे; अब माँ और डैड उसके माँ और डैड थे!

“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी लकी हूँगी कि आपके इस सुंदर से परिवार का हिस्सा बनूँगी! मैं बहुत लकी हूँ, डैडी... मैं बहुत लकी हूँ! आई फील सो प्राउड एंड ऑनर्ड कि आपने मुझे अपने परिवार में स्वीकार किया।”

डैड ने उसके माथे को चूमा और कहा, “न बेटा, तुम नहीं, हम हैं लकी! तुम्हारे कारण मेरा परिवार पूरा हुआ है! तुम हमारी बेटी की तरह रहोगी… हमारी बहू की तरह नहीं। हम हमेशा तुम दोनों के साथ साथ खड़े मिलेंगे। मुझे पता है कि तुम्हारा जीवन यहाँ आ कर बहुत बदल गया है... और मैं तुमसे वायदा करता हूँ कि हम दोनों तुम्हारे लिए इस बदलाव को थोड़ा आसान करने की कोशिश करेंगे। और, तुमको अपना सारा प्यार देंगे!”

“थैंक यू सो मच, डैडी... थैंक यू सो मच, मम्मी!”

डैड उसे कुछ देर तक अपने आलिंगन में पकड़े रहे, और कई बार गैबी के माथे को चूमते रहे। डैड बहुत ही स्नेही व्यक्ति हैं - लगभग माँ के समान ही, या फिर शायद उनसे भी अधिक। लेकिन जहाँ माँ बहुत खुल कर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन कर देती हैं, डैड उतना खुलकर अपना स्नेह नहीं दिखा पाते। लेकिन फिर आखिरकार उन्होंने गैबी को अपने से अलग किया और कहा,

नाउ गो... कंटिन्यू ब्रेस्टफीडिंग!”

गैबी फिर से शरमा गई, “डैडी, क्या आपको वाकई इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है?”

“हा हा हा! नहीं बेटा, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। तुम हमारी बेटी हो... और इस घर में हमारे बच्चों का दूध पीना कभी नहीं रुक सकता।” डैड ने बड़े मजे से कहा।

“तुमने कभी बंद किया दूध पीना मिस्टर?” माँ ने डैड को चिढ़ाया।

माँ की इस बात पर गैबी ज़ोर से हँस पड़ी। उसके मानस पटल पर एक मज़ेदार दृश्य खिंच गया - डैड, माँ की गोद में लेटे हुए, उनके स्तनों को पी रहे हैं! उसने कुछ कहा नहीं, और फिर से माँ के स्तन पीने माँ की गोद में लेट गई। डैड ने उसके नग्न शरीर को शॉल से वापस ढँक दिया। लेकिन उनको अपना ‘सीक्रेट’ लीक हो जाने के कारण शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, इसलिए उन्होंने वहाँ से खिसक लेने में ही अपनी भलाई समझी।

“काजल बिटिया कहां है?” उन्होंने वहाँ से निकल लेने के लिए बहाना बनाया, “सवेरे से उसको देखा नहीं। उसकी तबियत तो ठीक है?”

इतना कहकर पापा उठ गए और काजल को देखने के लिए कमरे से बाहर चले गए। जब गैबी का मन भर गया, तो उसने माँ को देखा और मुस्कुराई।

“तुमको यह पसंद आया, बेटा?” माँ ने पूछा।

“माँ! आई लव यू…” गैबी ने बड़ी खुशी से कहा, और माँ के गले से लग गई और उनके होठों को चूमते हुए बोली, “आई लव यू... आई लव यू... आई लव यू! ... आप पूरी दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं! थैंक यू... थैंक यू... थैंक यू... सो सो मच!”

“मेरी बिटिया रानी, अपने बच्चों को प्यार दे पाना, प्यार से पालना पोसना - यह मेरे लिए बड़े सम्मान और खुशी की बात है।” माँ उसकी ओर देखकर मुस्कुराईं और अपने ब्लाउज के बटन लगाने लगीं, “और याद रखना, तुम जब चाहो तब मेरा दूध पी सकती हो!”

“थैंक यू, माँ।”

“हम्म्म! हनी, अब मुझे बताओ... अमर तुम्हें खुश कर पाता है न!”

गैबी फिर से शरमा गई और बोली, “हाँ माँ, बहुत खुश करता है! सच मेर, बहुत खुश! मैं उस भावना की व्याख्या नहीं कर सकती जब वो... हे भगवान! मुझे तो कहते हुए भी बहुत शर्म आ रही है…”

माँ ने कुछ नहीं कहा लेकिन उसकी बात का इंतज़ार करती रहीं। एक संक्षिप्त से विराम के बाद गैबी ने कहना जारी रखा,

“... लेकिन माँ, जब उसका पीनस... जब वो मेरे अंदर - बाहर स्लाइड करता है न! हे भगवान... वो एक बहुत अच्छा एहसास होता है! वो सब याद कर के ही मेरे तन में सिहरन होने लगी!” गैबी मुस्कुराई, “माँ, उसका पीनस बहुत मजबूत है... और इसके लिए मुझे आपको धन्यवाद देना चाहिए!”

“मुझे धन्यवाद? वो क्यों?”

“क्योंकि आपने ही तो उसे इतने सालों तक स्तनपान कराया है।”

“हाँ, तो…?”

“.... मैंने सुना है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से लड़कों का छुन्नू मजबूत हो सकता है…”

“क्या सच में? मुझे नहीं मालूम था ये! अच्छा है! मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुमको अमर का छुन्नू पसंद है... लेकिन क्या अमर उसका ढंग से इस्तेमाल करना जानता है? उसको ठीक से आता नहीं होगा न… जबकि… तुमको…” माँ थोड़ा सा हिचकिचाईं, “तुमको.... कुछ अनुभव तो है?”

गैबी का चेहरा फ़क्क से सफ़ेद हो गया!

‘माँ को कैसे मालूम कि वो शादी से पहले कुंवारी नहीं थी?’

“आपको कैसे…?”

“... मुझको कैसे पता है कि तुम कुंवारी नहीं हो? इजी! अमर ने ही मुझे बताया।” माँ ने सीधा शीशा उसको बता दिया।

गैबी का दिल और भी डूब गया, “क्या आपको यह जान कर बुरा लगा, माँ?”

“क्यों, मेरे बिटिया!? हमको क्यों बुरा लगता? और बुरा लगता तो हम तुम दोनों को इतनी आसानी से मिलने देते?” माँ मुस्कुराईं, और फिर बोलीं, “सबसे पहली बात तो यह है कि न तो अमर को, और न ही हमको इस बात से कोई फर्क पड़ता है। तुम्हारे देश की संस्कृति, हमारे देश की संस्कृति से बहुत अलग है। मुझे पता है कि ब्राजील में, भारतीयों की तुलना में सेक्स के प्रति लोगों का बड़ा खुला हुआ रवैया है। इसलिए, मुझे आश्चर्य नहीं है कि अमर से मिलने से पहले तुमने सेक्स का अनुभव किया है... और वैसे भी, अमर से मिलने से पहले तुमने जो किया, उससे हमारा सरोकार नहीं। हमारे लिए वास्तव में केवल यह मायने रखता है, कि क्या तुम उससे प्यार करती हो, या नहीं! और क्या तुम उसको आगे भी प्यार करती रहोगी, या नहीं?”

“मैं उसको दिलोजान से प्यार करती हूँ, माँ। मैं खुद से ज्यादा अमर से प्यार करती हूँ… और मैं दूसरे नंबर पर आपसे और डैडी से प्यार करती हूँ।”

“फ़िर? फ़िर हमें किसी बात पर ऐतराज करने का क्या कारण है, मेरे बच्चे?”

“माँ…” गैबी थोड़ा झिझकी और फिर बोली, “... माना कि आप मेरी माँ हैं...लेकिन आप मुझसे ‘उतनी’ बड़ी नहीं हैं!”

“हाँ! मैं जानती हूँ।”

“तो, क्या मैं कभी-कभी आपको अपना दोस्त भी मान सकती हूँ?”

“बिलकुल, बेटा! ज़रूर!” माँ ने कहा, और जोड़ा, “जब बेटी बड़ी हो जाती है, और उसकी शादी हो जाती है, तो वह ख़ुद ही अपनी माँ की दोस्त बन जाती है।”

“थैंक यू, माँ।” गैबी ने माँ को फिर से गले लगाया और चूमा।

माँ ने गैबी के माथे को चूमा और बिस्तर से उठ गईं। कमरे से बाहर जाने से पहले उन्होंने कहा, “मैं तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए कुछ गरम पानी ले आती हूँ।”

“माँ, प्लीज़! आप नाहक चिंता न करिए। पानी वानी की ज़रुरत नहीं है। आपकी मालिश से यहाँ का दर्द काफी कम हो गया है... और... और मैं ‘वेट’ भी हो गई हूँ!”

“ओ ओह! ‘वेट’ एंड ‘रेडी’... तो अमर को ढूँढ़ कर लाऊँ? हा हा हा!”

“हा हा हा! माँ, आप बिलकुल नटखट हैं!”

“क्या नटखट? हमारे पवित्र पुस्तकों में भी कहा गया है कि अगर कोई स्त्री यौन संबंध बनाने के लिए उत्सुक है, तो उसकी इच्छा पूरी करनी ही चाहिए।”

“क्या! हा हा हा! न बाबा! अब मैं और नहीं कर पाऊँगी! ... और वैसे भी, आपकी मालिश के कारण मैं पूरी तरह से ‘वेट’ हो गई हूँ!” गैबी थोड़ा सा हिचकिचाई, “माँ, थोड़ी देर और कर दीजिए न?”

“हम्म्म! बिटिया मेरी, ये सब काम अपने हस्बैंड से करवाओ - माँ से नहीं!”

“वो मालिश तो कर देगा, लेकिन फिर उसके बाद जो कुछ करेगा, उसके बाद मुझे फिर से मालिश ही ज़रुरत पड़ जाएगी!”

“हा हा हा! वो भी है!” माँ ने कहा, अपनी हथेली में थोड़ा और तेल डाला और अपने योनि होंठों की मालिश करने लगी, इस बार थोड़ा और अच्छी तरह से, “वैसे अगर तुम चाहो तो मैं रोज़ तुम्हारी म्यानी की मालिश कर सकती हूँ…”

“मैं आपके प्यार भरे स्पर्श का बुरा थोड़े ही मानूँगी…” गैबी ने कहा!

“ठीक है,” माँ ने कहा, और फिर मुस्कुराते हुए बोलीं, “बहुत सुंदर है, बेटा ये!” माँ ने बड़ी कोमलता से गैबी की योनि की पंखुड़ियों को इस तरह से छेड़ा कि वे कुछ देर बाहर दिखने लगीं, “गुलाब की पंखुड़ियों की तरह... नाज़ुक... अमर बहुत भाग्यशाली है।”

माँ ने कहा और धीरे से अपनी तर्जनी उसके अंदर डाल दी। गैबी ने अपने होंठ काट लिए; एक स्वतः प्रेरणा से उसकी योनि की सुरंग ने माँ की पतली सी उंगली को भी मज़बूती से पकड़ लिया। माँ हैरान हो गईं।

“तेरी म्यानी तो वकाई बहुत छोटी है, बेटा! इसकी झिर्री तो लंबी है, लेकिन छेद छोटा सा है! कैसे ले पाती है तू उसे अंदर?” माँ ने गैबी की योनि के होंठों की अंदर बाहर मालिश करते हुए कहा। मालिश से उसको आराम तो मिला - कुछ समय बाद दर्द लगभग न के बराबर था। इसी बीच गैबी को एक छोटा सा, अस्वैच्छिक ओर्गास्म भी मिल गया। माँ को यह बात दिख गई, और वो मुस्कुराई। जब गैबी थोड़ा संयत हुई तो बोली,

“थैंक यू, माँ।”

“कोई बात नहीं, बेटा! मैं जानती हूँ कि तुमको अभी तकलीफ़ है, लेकिन जब भी पॉसिबल हो तुम सेक्स कर लेना। कम से कम आगे चल कर तकलीफ कम होगी, या नहीं होगी। और वैसे भी बहुत टाइट है - थोड़ा ढीली हो जाएगी, तो कोई परेशानी नहीं है! हा हा हा!"

“हा हा हा - बदमाश मम्मी!” गैबी भी इस हँसी मज़ाक में शामिल हो गई, “माँ?”

“हाँ बेटा?”

“आप कैसी हो... उम्म्म... मेरा मतलब... नीचे?”

“तू तो इसे पहले ही देख चुकी है न।”

“हाँ, लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह आपने मुझे देखा है।”

“ठीक है! देख ले!”

माँ ने गैबी को अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा कर एक बार फिर से मेरी जन्मभूमि देखने की अनुमति दी। साड़ी पहनते समय माँ ने कभी पैंटी नहीं पहनती थीं। गैबी को योनि के बालों को हटाने की ‘ग्रामीण प्रक्रिया’ पर थोड़ा संदेह था, इसलिए माँ ने उसके पहले खुद ही उस प्रक्रिया का उपयोग किया। नतीजतन, माँ और गैबी, दोनों की ही योनि पूरी तरह से बाल रहित थी। गैबी ने उसे छुआ।

“माँ, आपके होंठ कितने कोमल हैं।”

“सभी स्त्रियों के होंठ कोमल होते हैं!”

गैबी मुस्कुराई, “आप मुझको बोलती हैं, लेकिन आपकी योनि भी तो छोटी सी ही है!”

“हा हा! हो सकती है! लेकिन मेरे हस्बैंड के हिसाब से इसका साइज ठीक है!”

“मतलब... अमर का साइज... डैड से....?”

“हाँ, बड़ा है!”

“बाप रे!”

“हाँ, बाप रे! लेकिन वो तुम्हारी चिंता का विषय है, मेरी नहीं! हा हा हा हा!”

“हा हा हा! बदमाश मम्मी!” गैबी ने हँसते हुए कहा, “लेकिन माँ, सच में - मुझे आपकी योनि बहुत पसंद है! ये मेरे हस्बैंड का जन्मस्थान है... इसलिए मेरे लिए ये दुनिया का सबसे सुंदर और पवित्र स्थान है!” उसने कहा और माँ की योनि को चूम लिया।

माँ केवल मुस्कुराई।

“माँ,” गैबी ने कहा, “क्यों न हम सभी - सिर्फ आज के लिए - हम सभी नंगे नंगे रहें?”

“इस ठंडक में?”

“हम्म! वो भी ठीक है। चलो, कम से कम रात में तो हम सब एक साथ नंगे नंगे सो सकते हैं...?”

“हा हा हा! देखेंगे... देखेंगे!”

**
 

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
1,484
3,334
144
पहला प्यार - विवाह - Update #14


लगभग एक मिनट के बाद, उन्होंने डैड को पुकारते हुए सुना। माँ ने उनकी पुकार के उत्तर में कहा कि वे मेरे कमरे में हैं। इस डर से कि डैड उसको ऐसे नंगा नंगा देख लेंगे, गैबी माँ के स्तनों को छोड़कर खुद को ढँकने लगी। पर माँ ने उसे रोक दिया,

इट इस ओके, हनी! जस्ट रिलैक्स! रिलैक्स!… ओके…?”

लेकिन गैबी रिलैक्स नहीं कर पा रही थी - उसको बहुत अधिक शरम आ रही थी। इससे पहले वो खुद को ढँकने के बारे में कुछ सोच पाती, या कर पाती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डैड हमारे कमरे के अंदर आ चुके थे। उसने देखा कि माँ और गैबी क्या कर रहे थे, और वो एक पल के लिए झिझके; लेकिन फिर वो कमरे के अंदर आ गए, और उन दोनों के पास बिस्तर पर बैठ गए। अगर वो अंदर आए बिना चले जाते, तो स्थिति सामान्य न होती, और गैबी और भी अधिक लज्जा महसूस करती। गैबी के स्तन तो शॉल में ढके हुए थे, लेकिन उसकी कमर के नीचे उसका सारा नग्न शरीर प्रदर्शित था। कुछ देर तक किसी ने कुछ नहीं कहा।

“सुनिये जी, ज़रा रसोई से नारियल तेल लेते आइएगा!” अंत में माँ ने ही डैड से कहा।

“क्या हो गया?”

“अरे, बिटिया की मालिश कर दूँगी थोड़ा!”

तो डैड कमरे से बाहर चले गए।

“माँ, डैड ने मुझे नंगी देख लिया।” गैबी ने लजाते हुए माँ से शिकायत करी।

“हाँ! तो? तुम तो हम दोनों की ही बेटी हो न! अगर मुझसे नहीं शरमा रही हो, फिर अपने डैड से क्यों?” माँ ने उसे शांत किया, “और फिर हमारी बेटी कितनी खूबसूरत भी तो है। उनको भी पता चले! है न?”

गैबी कुछ कह न सकी। डैड कुछ देर बाद नारियल तेल की बोतल लेकर वापस लौटे।

“बिटिया भी दूध पीती है?” डैड ने कहा; प्रत्यक्ष्य को प्रमाण क्या?

“हाँ! क्यों जी? क्यों ना पिए? मेरी बेटी है।”

“अरे भाग्यवान! मैंने कुछ कहा? बिलकुल पिए! तुम्हारी बेटी है, तो मेरी क्या मेरी बेटी नहीं है?”

“बिलकुल है... लेकिन दूध तो मैं ही पिला सकती हूँ ना!” माँ ने कहा!

“हा हा हा, हाँ, वो बात तो अटल सत्य है!”

माँ ने अपनी हथेली पर थोड़ा सा नारियल तेल डाला और गेबी की योनि पर उदारतापूर्वक लगाया। माँ के हाथ को समुचित जगह देने के लिए गैबी को अपने पैर खोलने पड़े। डैड को अब गैबी की योनि के होंठ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने भी गैबी के सूजे हुए होंठों को देखा।

“क्या हुआ? दर्द हो रहा है क्या?” उन्होंने पूछा - उनकी आवाज़ में चिंता साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी।

गैबी को याद आया कि कैसे जब तो छोटी थी, तब उसके पिता उसे ‘शील’ में बने रहने के लिए कम से कम अपनी पैंटी पहनने के लिए कहते थे। नग्न रहना तो उसके लिए असंभव था। लेकिन यहाँ तो डैड को गैबी की हालत पर ज़रा भी विरोध नहीं था। बेशक, उनको देख कर वो यह नहीं कह सकती थी, कि उनको उसकी नग्नता के बारे में सोच कर कैसा लग रहा था! कम से कम उन्होंने अपनी भावना किसी स्पष्ट तरीके से दिखाई नहीं। इस बीच माँ ने धीरे धीरे गैबी की योनि की मालिश करनी शुरू कर दी।

“हाँ न! गैबी बिटिया की म्यानी छोटी सी है ना! और आपके बेटे का छुन्नू बड़ा सा है।”

माँ ने अपनी बड़ी मधुरता के साथ कहा। डैड केवल मुस्कुराए। शायद वो अंदर ही अंदर खुश थे कि उनके बेटे का लिंग अपनी पत्नी के लिए समुचित आकार का था।

“अरे, तो सेंकाई कर देती ना!” उन्होंने सुझाया।

“कर तो देती, लेकिन आपकी लाडली को मेरा दूध पीना था…”

“ओह! अच्छी बात है!” पिताजी ने समझते हुए कहा, “फिर दूध पिला के सेंकाई कर दो!”

“जी, ठीक है।”

“गैबी बेटा,” डैड ने गैबी से मुखातिब होते हुए कहा, “अभी तुम छोटी हो, और तुम्हारे पैर की मसल्स भी स्ट्रांग हैं। इसलिए तुम कुछ स्ट्रेच और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइजेज किया करो। उससे फ्लेक्सिबिलिटी भी आती है, और इंटरकोर्स की परेशानियों में हेल्प भी होती है।” उन्होंने बिलकुल प्रोफेशनल तरीके से कहा, और फिर कुछ सोच कर आगे जोड़ा,

“इसके अलावा, अमर से कहो - मैं भी कहूँगा - कि पेनिट्रेशन से पहले फोरप्ले पर अधिक समय बिताए... यू नो, जब पार्टनर अच्छी तरह से उत्तेजित होती है, तो उसको दर्द कम होता है।” उन्होंने गैबी को कुछ इस तरह समझाया जैसे कि उसको सेक्स के बारे में कुछ मालूम ही न हो!

गैबी ने उत्तर में कुछ नहीं कहा, लेकिन वह शर्म से लाल हो गई।

“शरमाओ मत बेटा। जब तुम्हारी माँ और मेरी नई-नई शादी हुई थी, तो मैं तुम्हारी माँ के साथ भी ऐसा ही करता था। बाद में इन्होने लेग स्ट्रेच करना शुरू कर दिया, जिससे इनको काफ़ी आराम मिला। और, बाद में इनको मेरी आदत भी हो गई।”

“हाँ, मैंने भी बिटिया को ये सब बताया है।” माँ ने कहा, और मालिश करना जारी रखा।

गैबी ने अब तक माँ का दूध पीना छोड़ दिया था, और किसी तरह से अपने चेहरे पर धीर गंभीर भाव बनाए रखे हुई थी, जो कि बहुत मुश्किल था - खासकर तब, जब डैड सामने बैठे हुए थे। माँ ने भी अपने स्तन छिपाने की कोई कोशिश नहीं की। गैबी को देखते हुए, डैड के चेहरे पर गंभीर, लेकिन स्नेह के भाव आ गए। उन्होंने कुछ कहने से पहले थोड़ा इंतज़ार किया, और फिर कहा,

“गैबी बेटा, हम - मतलब तुम्हारी माँ और मैं - तुमको अपनी बेटी के रूप में पाकर बहुत खुश हैं... बहुत खुश! अमर के बाद, हमने बड़े लंबे समय तक अपना एक और बच्चा करने के बारे में बहुत सोचा और विचारा... लेकिन फिर हमने उस इच्छा को दबा दिया, ताकि हम अमर का पालन-पोषण कर अच्छी तरह से कर सकें। ताकि हम उसको उसके जीवन के लिए यथासंभव, सबसे अच्छी शुरुवात दे सकें। हम कभी भी उसकी शिक्षा और पालन पोषण में कोई समझौता नहीं करना चाहते थे... और दूसरा बच्चा होने से हमें फाइनेंशियल तनाव तो होता…”

डैड बोलते बोलते काफ़ी सीरियस हो गए थे; उन्होंने अचानक ही यह महसूस किया, और मुस्कुराते हुए बोले, “आई मीन, मैं जो कहने की कोशिश कर रहा हूँ, वो यह है कि हम दोनों को ही हमेशा महसूस होता रहा कि हमारा परिवार अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ था... लेकिन अब, तुम्हारे साथ, तुम्हारे आने के बाद, मेरा परिवार पूरा हो गया है। हमको हमारी बेटी मिल गई!”

डैड ने गैबी को इतने प्यार से ‘बेटी’ कहा, कि उसकी आँखों में आँसू आ गए।

“ओह डैडी! डैडी! आई लव यू सो वैरी मच!” गैबी ने कहा और माँ की गोदी से कूद कर, डैड को जितना संभव था, उसने उतने मजबूत आलिंगन में उनके गले से लग गई। यह तथ्य कि वो अब डैड के सामने भी पूरी तरह से नग्न थी, अब उसके लिए कोई मायने नहीं रखता था। अब हम उसका परिवार थे; अब माँ और डैड उसके माँ और डैड थे!

“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी लकी हूँगी कि आपके इस सुंदर से परिवार का हिस्सा बनूँगी! मैं बहुत लकी हूँ, डैडी... मैं बहुत लकी हूँ! आई फील सो प्राउड एंड ऑनर्ड कि आपने मुझे अपने परिवार में स्वीकार किया।”

डैड ने उसके माथे को चूमा और कहा, “न बेटा, तुम नहीं, हम हैं लकी! तुम्हारे कारण मेरा परिवार पूरा हुआ है! तुम हमारी बेटी की तरह रहोगी… हमारी बहू की तरह नहीं। हम हमेशा तुम दोनों के साथ साथ खड़े मिलेंगे। मुझे पता है कि तुम्हारा जीवन यहाँ आ कर बहुत बदल गया है... और मैं तुमसे वायदा करता हूँ कि हम दोनों तुम्हारे लिए इस बदलाव को थोड़ा आसान करने की कोशिश करेंगे। और, तुमको अपना सारा प्यार देंगे!”

“थैंक यू सो मच, डैडी... थैंक यू सो मच, मम्मी!”

डैड उसे कुछ देर तक अपने आलिंगन में पकड़े रहे, और कई बार गैबी के माथे को चूमते रहे। डैड बहुत ही स्नेही व्यक्ति हैं - लगभग माँ के समान ही, या फिर शायद उनसे भी अधिक। लेकिन जहाँ माँ बहुत खुल कर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन कर देती हैं, डैड उतना खुलकर अपना स्नेह नहीं दिखा पाते। लेकिन फिर आखिरकार उन्होंने गैबी को अपने से अलग किया और कहा,

नाउ गो... कंटिन्यू ब्रेस्टफीडिंग!”

गैबी फिर से शरमा गई, “डैडी, क्या आपको वाकई इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है?”

“हा हा हा! नहीं बेटा, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। तुम हमारी बेटी हो... और इस घर में हमारे बच्चों का दूध पीना कभी नहीं रुक सकता।” डैड ने बड़े मजे से कहा।

“तुमने कभी बंद किया दूध पीना मिस्टर?” माँ ने डैड को चिढ़ाया।

माँ की इस बात पर गैबी ज़ोर से हँस पड़ी। उसके मानस पटल पर एक मज़ेदार दृश्य खिंच गया - डैड, माँ की गोद में लेटे हुए, उनके स्तनों को पी रहे हैं! उसने कुछ कहा नहीं, और फिर से माँ के स्तन पीने माँ की गोद में लेट गई। डैड ने उसके नग्न शरीर को शॉल से वापस ढँक दिया। लेकिन उनको अपना ‘सीक्रेट’ लीक हो जाने के कारण शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, इसलिए उन्होंने वहाँ से खिसक लेने में ही अपनी भलाई समझी।

“काजल बिटिया कहां है?” उन्होंने वहाँ से निकल लेने के लिए बहाना बनाया, “सवेरे से उसको देखा नहीं। उसकी तबियत तो ठीक है?”

इतना कहकर पापा उठ गए और काजल को देखने के लिए कमरे से बाहर चले गए। जब गैबी का मन भर गया, तो उसने माँ को देखा और मुस्कुराई।

“तुमको यह पसंद आया, बेटा?” माँ ने पूछा।

“माँ! आई लव यू…” गैबी ने बड़ी खुशी से कहा, और माँ के गले से लग गई और उनके होठों को चूमते हुए बोली, “आई लव यू... आई लव यू... आई लव यू! ... आप पूरी दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं! थैंक यू... थैंक यू... थैंक यू... सो सो मच!”

“मेरी बिटिया रानी, अपने बच्चों को प्यार दे पाना, प्यार से पालना पोसना - यह मेरे लिए बड़े सम्मान और खुशी की बात है।” माँ उसकी ओर देखकर मुस्कुराईं और अपने ब्लाउज के बटन लगाने लगीं, “और याद रखना, तुम जब चाहो तब मेरा दूध पी सकती हो!”

“थैंक यू, माँ।”

“हम्म्म! हनी, अब मुझे बताओ... अमर तुम्हें खुश कर पाता है न!”

गैबी फिर से शरमा गई और बोली, “हाँ माँ, बहुत खुश करता है! सच मेर, बहुत खुश! मैं उस भावना की व्याख्या नहीं कर सकती जब वो... हे भगवान! मुझे तो कहते हुए भी बहुत शर्म आ रही है…”

माँ ने कुछ नहीं कहा लेकिन उसकी बात का इंतज़ार करती रहीं। एक संक्षिप्त से विराम के बाद गैबी ने कहना जारी रखा,

“... लेकिन माँ, जब उसका पीनस... जब वो मेरे अंदर - बाहर स्लाइड करता है न! हे भगवान... वो एक बहुत अच्छा एहसास होता है! वो सब याद कर के ही मेरे तन में सिहरन होने लगी!” गैबी मुस्कुराई, “माँ, उसका पीनस बहुत मजबूत है... और इसके लिए मुझे आपको धन्यवाद देना चाहिए!”

“मुझे धन्यवाद? वो क्यों?”

“क्योंकि आपने ही तो उसे इतने सालों तक स्तनपान कराया है।”

“हाँ, तो…?”

“.... मैंने सुना है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से लड़कों का छुन्नू मजबूत हो सकता है…”

“क्या सच में? मुझे नहीं मालूम था ये! अच्छा है! मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुमको अमर का छुन्नू पसंद है... लेकिन क्या अमर उसका ढंग से इस्तेमाल करना जानता है? उसको ठीक से आता नहीं होगा न… जबकि… तुमको…” माँ थोड़ा सा हिचकिचाईं, “तुमको.... कुछ अनुभव तो है?”

गैबी का चेहरा फ़क्क से सफ़ेद हो गया!

‘माँ को कैसे मालूम कि वो शादी से पहले कुंवारी नहीं थी?’

“आपको कैसे…?”

“... मुझको कैसे पता है कि तुम कुंवारी नहीं हो? इजी! अमर ने ही मुझे बताया।” माँ ने सीधा शीशा उसको बता दिया।

गैबी का दिल और भी डूब गया, “क्या आपको यह जान कर बुरा लगा, माँ?”

“क्यों, मेरे बिटिया!? हमको क्यों बुरा लगता? और बुरा लगता तो हम तुम दोनों को इतनी आसानी से मिलने देते?” माँ मुस्कुराईं, और फिर बोलीं, “सबसे पहली बात तो यह है कि न तो अमर को, और न ही हमको इस बात से कोई फर्क पड़ता है। तुम्हारे देश की संस्कृति, हमारे देश की संस्कृति से बहुत अलग है। मुझे पता है कि ब्राजील में, भारतीयों की तुलना में सेक्स के प्रति लोगों का बड़ा खुला हुआ रवैया है। इसलिए, मुझे आश्चर्य नहीं है कि अमर से मिलने से पहले तुमने सेक्स का अनुभव किया है... और वैसे भी, अमर से मिलने से पहले तुमने जो किया, उससे हमारा सरोकार नहीं। हमारे लिए वास्तव में केवल यह मायने रखता है, कि क्या तुम उससे प्यार करती हो, या नहीं! और क्या तुम उसको आगे भी प्यार करती रहोगी, या नहीं?”

“मैं उसको दिलोजान से प्यार करती हूँ, माँ। मैं खुद से ज्यादा अमर से प्यार करती हूँ… और मैं दूसरे नंबर पर आपसे और डैडी से प्यार करती हूँ।”

“फ़िर? फ़िर हमें किसी बात पर ऐतराज करने का क्या कारण है, मेरे बच्चे?”

“माँ…” गैबी थोड़ा झिझकी और फिर बोली, “... माना कि आप मेरी माँ हैं...लेकिन आप मुझसे ‘उतनी’ बड़ी नहीं हैं!”

“हाँ! मैं जानती हूँ।”

“तो, क्या मैं कभी-कभी आपको अपना दोस्त भी मान सकती हूँ?”

“बिलकुल, बेटा! ज़रूर!” माँ ने कहा, और जोड़ा, “जब बेटी बड़ी हो जाती है, और उसकी शादी हो जाती है, तो वह ख़ुद ही अपनी माँ की दोस्त बन जाती है।”

“थैंक यू, माँ।” गैबी ने माँ को फिर से गले लगाया और चूमा।

माँ ने गैबी के माथे को चूमा और बिस्तर से उठ गईं। कमरे से बाहर जाने से पहले उन्होंने कहा, “मैं तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए कुछ गरम पानी ले आती हूँ।”

“माँ, प्लीज़! आप नाहक चिंता न करिए। पानी वानी की ज़रुरत नहीं है। आपकी मालिश से यहाँ का दर्द काफी कम हो गया है... और... और मैं ‘वेट’ भी हो गई हूँ!”

“ओ ओह! ‘वेट’ एंड ‘रेडी’... तो अमर को ढूँढ़ कर लाऊँ? हा हा हा!”

“हा हा हा! माँ, आप बिलकुल नटखट हैं!”

“क्या नटखट? हमारे पवित्र पुस्तकों में भी कहा गया है कि अगर कोई स्त्री यौन संबंध बनाने के लिए उत्सुक है, तो उसकी इच्छा पूरी करनी ही चाहिए।”

“क्या! हा हा हा! न बाबा! अब मैं और नहीं कर पाऊँगी! ... और वैसे भी, आपकी मालिश के कारण मैं पूरी तरह से ‘वेट’ हो गई हूँ!” गैबी थोड़ा सा हिचकिचाई, “माँ, थोड़ी देर और कर दीजिए न?”

“हम्म्म! बिटिया मेरी, ये सब काम अपने हस्बैंड से करवाओ - माँ से नहीं!”

“वो मालिश तो कर देगा, लेकिन फिर उसके बाद जो कुछ करेगा, उसके बाद मुझे फिर से मालिश ही ज़रुरत पड़ जाएगी!”

“हा हा हा! वो भी है!” माँ ने कहा, अपनी हथेली में थोड़ा और तेल डाला और अपने योनि होंठों की मालिश करने लगी, इस बार थोड़ा और अच्छी तरह से, “वैसे अगर तुम चाहो तो मैं रोज़ तुम्हारी म्यानी की मालिश कर सकती हूँ…”

“मैं आपके प्यार भरे स्पर्श का बुरा थोड़े ही मानूँगी…” गैबी ने कहा!

“ठीक है,” माँ ने कहा, और फिर मुस्कुराते हुए बोलीं, “बहुत सुंदर है, बेटा ये!” माँ ने बड़ी कोमलता से गैबी की योनि की पंखुड़ियों को इस तरह से छेड़ा कि वे कुछ देर बाहर दिखने लगीं, “गुलाब की पंखुड़ियों की तरह... नाज़ुक... अमर बहुत भाग्यशाली है।”

माँ ने कहा और धीरे से अपनी तर्जनी उसके अंदर डाल दी। गैबी ने अपने होंठ काट लिए; एक स्वतः प्रेरणा से उसकी योनि की सुरंग ने माँ की पतली सी उंगली को भी मज़बूती से पकड़ लिया। माँ हैरान हो गईं।

“तेरी म्यानी तो वकाई बहुत छोटी है, बेटा! इसकी झिर्री तो लंबी है, लेकिन छेद छोटा सा है! कैसे ले पाती है तू उसे अंदर?” माँ ने गैबी की योनि के होंठों की अंदर बाहर मालिश करते हुए कहा। मालिश से उसको आराम तो मिला - कुछ समय बाद दर्द लगभग न के बराबर था। इसी बीच गैबी को एक छोटा सा, अस्वैच्छिक ओर्गास्म भी मिल गया। माँ को यह बात दिख गई, और वो मुस्कुराई। जब गैबी थोड़ा संयत हुई तो बोली,

“थैंक यू, माँ।”

“कोई बात नहीं, बेटा! मैं जानती हूँ कि तुमको अभी तकलीफ़ है, लेकिन जब भी पॉसिबल हो तुम सेक्स कर लेना। कम से कम आगे चल कर तकलीफ कम होगी, या नहीं होगी। और वैसे भी बहुत टाइट है - थोड़ा ढीली हो जाएगी, तो कोई परेशानी नहीं है! हा हा हा!"

“हा हा हा - बदमाश मम्मी!” गैबी भी इस हँसी मज़ाक में शामिल हो गई, “माँ?”

“हाँ बेटा?”

“आप कैसी हो... उम्म्म... मेरा मतलब... नीचे?”

“तू तो इसे पहले ही देख चुकी है न।”

“हाँ, लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह आपने मुझे देखा है।”

“ठीक है! देख ले!”

माँ ने गैबी को अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा कर एक बार फिर से मेरी जन्मभूमि देखने की अनुमति दी। साड़ी पहनते समय माँ ने कभी पैंटी नहीं पहनती थीं। गैबी को योनि के बालों को हटाने की ‘ग्रामीण प्रक्रिया’ पर थोड़ा संदेह था, इसलिए माँ ने उसके पहले खुद ही उस प्रक्रिया का उपयोग किया। नतीजतन, माँ और गैबी, दोनों की ही योनि पूरी तरह से बाल रहित थी। गैबी ने उसे छुआ।

“माँ, आपके होंठ कितने कोमल हैं।”

“सभी स्त्रियों के होंठ कोमल होते हैं!”

गैबी मुस्कुराई, “आप मुझको बोलती हैं, लेकिन आपकी योनि भी तो छोटी सी ही है!”

“हा हा! हो सकती है! लेकिन मेरे हस्बैंड के हिसाब से इसका साइज ठीक है!”

“मतलब... अमर का साइज... डैड से....?”

“हाँ, बड़ा है!”

“बाप रे!”

“हाँ, बाप रे! लेकिन वो तुम्हारी चिंता का विषय है, मेरी नहीं! हा हा हा हा!”

“हा हा हा! बदमाश मम्मी!” गैबी ने हँसते हुए कहा, “लेकिन माँ, सच में - मुझे आपकी योनि बहुत पसंद है! ये मेरे हस्बैंड का जन्मस्थान है... इसलिए मेरे लिए ये दुनिया का सबसे सुंदर और पवित्र स्थान है!” उसने कहा और माँ की योनि को चूम लिया।

माँ केवल मुस्कुराई।

“माँ,” गैबी ने कहा, “क्यों न हम सभी - सिर्फ आज के लिए - हम सभी नंगे नंगे रहें?”

“इस ठंडक में?”

“हम्म! वो भी ठीक है। चलो, कम से कम रात में तो हम सब एक साथ नंगे नंगे सो सकते हैं...?”

“हा हा हा! देखेंगे... देखेंगे!”


**
क्या शानदार लिखा है भाई । बोहोत अच्छा खूब बेहतरीन लिखा है जुड़े रहने वाला अपडेट थे ।
 
  • Love
  • Like
Reactions: ss268 and avsji

avsji

..........
Supreme
3,507
15,898
159
क्या शानदार लिखा है भाई । बोहोत अच्छा खूब बेहतरीन लिखा है जुड़े रहने वाला अपडेट थे ।

बहुत बहुत धन्यवाद भाई!
कुछ दिनों से हमारा दुराव हो गया है!
लेकिन जल्दी ही आपकी कहानी के सभी नए अपडेट (52 से आगे) पढ़ कर बताता हूँ :)
साथ में बने रहें 🙏
 
  • Love
  • Like
Reactions: ss268 and Polakh555

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
1,484
3,334
144
बहुत बहुत धन्यवाद भाई!
कुछ दिनों से हमारा दुराव हो गया है!
लेकिन जल्दी ही आपकी कहानी के सभी नए अपडेट (52 से आगे) पढ़ कर बताता हूँ :)
साथ में बने रहें 🙏
Koi na bhai mujhe bhi read karne ka waqt nehi milta he kabhi kabhi kisi tarah se waqt leke ata hoon
 
  • Like
Reactions: avsji

A.A.G.

Well-Known Member
9,634
19,998
173
nice updates..!!
gabby ko maa baap ka pyaar mil gaya bahot hi achhi baat hai lekin gabby ko amar ke baap ke samne toh nanga mat karo..gabby amar ki hai toh woh amar ke baap ki bahu hi huyi na toh aisa nanga dikhana thoda galat laga muze baki aapki marji hai jaise aap likhe..hum toh hai hi padhne ke liye..!!🙏
 
Last edited:
  • Love
Reactions: avsji
Status
Not open for further replies.
Top