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Romance मोहब्बत का सफ़र [Completed]

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avsji

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प्रकरण (Chapter)अनुभाग (Section)अद्यतन (Update)
1. नींव1.1. शुरुवाती दौरUpdate #1, Update #2
1.2. पहली लड़कीUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19
2. आत्मनिर्भर2.1. नए अनुभवUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3. पहला प्यार3.1. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह प्रस्तावUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21
3.3. पल दो पल का साथUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
4. नया सफ़र 4.1. लकी इन लव Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15
4.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
4.3. अनमोल तोहफ़ाUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
5. अंतराल5.1. त्रिशूल Update #1
5.2. स्नेहलेपUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10
5.3. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24
5.4. विपर्ययUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
5.5. समृद्धि Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20
6. अचिन्त्यUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28
7. नव-जीवनUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5
 
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नया सफ़र - विवाह - Update #5


आज से पहले भी मैंने कई बार डेवी के कपड़े उतारे थे - लेकिन उसका ब्लाउज कभी भी नहीं। तो यह पहला अनुभव था!

‘उसकी ब्लाउज़ उतारने का अनुभव दिलवाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, ससुर जी!’

डेवी ने जब मुझे उसकी ब्लाउज़ से छेड़खानी करने हुए देखा, वो वो शरमा कर मुस्कुराने लगी। मैं इस समय उत्तेजना से भर गया था और उसके कारण मेरा हाथ थोड़ा काँपने लगा। मैं हैरान था! ये तब हो रहा था जब हम आज से पहले भी कई बार सम्भोग कर चुके थे! जब मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए, तो देखा कि उसके स्तन एक आकर्षक और सेक्सी, गहरे लाल रंग की ब्रा में छुपे हुए थे। वो एक डेमी-कप ब्रा थी - मतलब उसमे सामान्य से केवल आधा ही कप था। इस कारण से ब्रा में से उसके एरोला का कोई चौथाई हिस्सा दिख रहा था। वैसे यह कोई ब्रा नहीं थी, बल्कि ब्रा-लेट थी - और पारदर्शी गुईप्योर लेस की बनी हुई थी। यह बहुत ही कोमल वस्त्र था - यह स्तनों को सहारा देने के लिए नहीं बना था। वैसे भी देवयानी के स्तनों को किसी सहारे की आवश्यकता नहीं थी। नहीं। उस ब्रा-लेट का उपयोग देखने वाले की कामुकता बढ़ाने वाला था। सच में - डेवी के सेक्सी स्तनों को उस वस्त्र में देखना - यह दृश्य बेहद बेहद कामुक था! और वस्त्रों का ऐसा चयन, इस अवसर के लिए बिल्कुल सही भी था! मेरे लिंग में ऐसा स्तम्भन हो गया था कि जैसे अब उसमे विस्फ़ोट हो जाएगा! सही प्रभाव! मैंने डेवी का ब्लाउज उतार दिया, और बाहें उठा कर उसको उतरवाने में मेरी मदद भी करी। साड़ी वैसे भी आधी अधूरी लटकी हुई थी उसके पेटीकोट से, वो उसको भी एक झटके से उतार दिया गया। उस झटके से पेटीकोट के नाड़े ही गाँठ भी ढीली पड़ गई थी, जिहाजा, साड़ी के साथ वो भी स्वयं ही नीचे सरक गई। मैंने डेवी को अपनी गोद में उठाया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया।

मैंने दो कदम पीछे हो कर उसकी ओर मन भर कर देखा - उसके सर से लेकर उसके पैरों तक - वो केवल अपने आभूषणों और उन सेक्सी, लैस के मैचिंग अधोवस्त्रों को पहने बिस्तर पर लेटी हुई थी।

बहुत देर तक देखने के बाद मैंने कहा, “वाह!”

“जानू मेरे! आपने मुझे कितनी बार तो देखा है!” उसने धीरे से, शर्माते हुए, और फिर भी मुस्कुराते हुए कहा।

“हाँ... देखा है! लेकिन फिर भी... ईमानदारी से कहूँ, तो आज तो तुम पूरी क़यामत लग रही हो!” उसकी आँखों में देखते हुए मैंने कहा, “तुम मेरे लिए सबसे खूबसूरत और सबसे सेक्सी लड़की हो!”

डेवी ने एक पल मेरी तरफ देखा - वो समझ रही थी कि मेरा हर एक शब्द पूरी तरह से सच्चाई से बोला गया था। वो इस प्रत्याशा से मुस्कुराने लगी कि अब मैं न जाने क्या करूँगा। मैंने आगे झुक कर उसकी जाँघों को चूमा - वो खुशी से चिहुँक गई। और उसी समय मुझे अचानक से एक विचार आया... मैंने मन ही मन अपने आपको कोसा भी - क्यों नहीं मैंने इसके बारे में पहले नहीं सोचा? लेकिन जिस क्षण, डेवी ने किलकारी मारी, मैं समझ गया कि मुझे उसकी तस्वीरें उतारनी हैं! मैंने उसे अपनी तर्जनी दिखाते हुए ‘एक मिनट’ का ब्रेक माँगा। वो मेरी इस हरकत पर हैरानी से मुस्कुराई।

मैं बिस्तर से उठा, और तेजी से दरवाज़े की तरफ़ बढ़ा। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला और बाहर आया, मैंने देखा कि जयंती दीदी, मुझको चिढ़ाने वाले भाव लिए, और अपने हाथ में एक कैमरा लिए खड़ी हैं। जैसे कि उनको मालूम हो कि मैं अपनी बीवी की तस्वीरें उतारना चाहता था, और वो इसीलिए मेरा ही इंतज़ार कर रही थीं!

“दामाद जी,” उन्होंने मुझको चिढ़ाते हुए कहा, “क्या आप अपने सुहागरात की कुछ खास तस्वीरें नहीं लेना चाहते?” दीदी ने चुटीली, शरारती मुस्कराहट के साथ पूछा।

“ओह गॉड! थैंक यू, दीदी!”

“अरे अरे... नहीं नहीं! ऐसे नहीं! बिना अपनी एकलौती साली को कुछ दिए अपनी बीवी के पास जाओगे, तो यही होगा!” उन्होंने मुझे फिर से छेड़ा, “मेरा नेग कहाँ है?”

“क्या दीदी! मुझे जाने दीजिये न! मेरी दुल्हन मेरा इंतजार कर रही है।” मैंने भी शरारत से कहा।

“तो पहले मुझे मेरा नेग दो?”

“ओह गॉड! आप भी न! अच्छा बोलिए, आपको क्या चाहिए?”

“जो माँगूगी, दोगे?”

“अरे दीदी! पहेलियाँ न बुझाइए और बोलिये न!”

“आय हाय! कैसी बेकरारी!” उन्होंने मुझे फिर से चिढ़ाया, “बीवी से मिलने के लिए रहा नहीं जा रहा है आपसे?”

“ओह दीदी! ठीक है! न बताओ - आपका ही नुकसान है!” कह कर मैं जाने लगा!

“अरे रुको रुको!” जयंती दीदी का स्टाइल बिलकुल नहीं बदला, “मेरे प्यारे दामाद जी, नेग में मुझे तुम्हारा छुन्नू देखना है!”

“क्या!? धत्त!”

“क्या धत्त? मेरी पिंकी के हस्बैंड पर मेरा भी तो कोई हक़ है!”

“अरे दीदी! जाने दो न!”

“अरे चले जाना! वो तो बेचारी तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही है! लेकिन मेरा भी तो काम कर दो न!” जयंती दी मुझे बुरी तरह से चिढ़ा रही थीं।

“दिखा दूँगा दीदी,” मैंने हथियार डालते हुए और पीछा छुड़ाते हुए कहा, “लेकिन अभी नहीं। बाद में?”

“बाद की किसने देखी है? चलो चलो... अब देर न करो! जल्दी से इसको बाहर निकालो, और मुझे दिखा दो! फिर ये कैमरा तुम्हारा!”

“ओह दीदी! यू आर इनकरीजिबल!” मैंने कहा और अपने पायजामे में हाथ डालकर अपना लिंग बाहर निकाल लिया।

जयंती दीदी ने उसे देखा और छुआ और फिर घोषणा की, “च च! ये तो नरम पड़ा हुआ है बिलकुल! पिल्लू जैसा! शिलाजीत दूँ क्या?”

ऐसे चिढ़ाए जाने पर चिढ़ना तो लाज़मी है - मैंने उनके हाथ से कैमरा छीन लिया, और वो मेरी इस हरकत से हँसने लगीं।

“फक यू!” उनको हँसता हुआ देख कर मैं भी हँसने लगा, लेकिन मैंने उनको डाँट लगाई।

एनी टाइम हनी, एनी टाइम!” उन्होंने कहा और हँसते हुए वहां से चली गईं।

मैं कैमरा ले कर कमरे में वापस लौट आया, और देवयानी की तस्वीरें क्लिक करने लगा। देवयानी शुरू में शर्मीली अवश्य थी, लेकिन फिर इस नए अनुभव का आनंद उठाने लगी और फिर मुझसे खुलने लगी। मैं कुछ देर उसकी तस्वीरें निकालता और फिर उसको चूमता! कुछ देर बाद देवयानी ने मेरा कुर्ता हटा दिया, और पायजामे के ऊपर से मेरे लिंग के उभार को महसूस किया। मेरे लिंग के कड़ेपन को महसूस कर के वो कराह उठी। जब वो मेरे पायजामे को उतारने में मेरी मदद कर रही थी, तो मैं उसकी ब्रा और पैंटी को उतारने में उसकी मदद करने लगा। जैसे ही मैंने उसकी पैंटी उतारी, मेरे गले से सिसकारी निकल गई। उसकी योनि पर एक भी बाल नहीं था! उसकी योनि किसी बच्चे के नितम्ब जैसी चिकनी थी! मैंने उसकी तरफ़ आश्चर्य से देखा।

डेवी समझ गई कि मैं क्या पूछना चाहता हूँ। उसने कहा,

“हनी, हम पहले भी कई बार सेक्स कर चुके हैं... तो, मैं आपको कुछ नया देना चाहती थी... हमारी सुहागरात में आपको कुछ नया, कुछ अनोखा मिलना चाहिए न! तो मैंने सोचा कि आज रात के लिए... चिकनी चूत... ऐसे ही बोलते हो न आप लोग इसे? सो, दिस इस माय गिफ़्ट फॉर यू!” वो मुस्कुराई।

आई लव इट माय लव!” मैंने उसकी योनि को चूमते हुए कहा, “सबसे प्यारी चूत है ये!” मैंने कहा और उसकी योनि के होठों को गहराई तक चूमा। फिर मैं अपनी पूर्ण-नग्न डेवी की तस्वीरें क्लिक करने लगा।

“ये ज़ेवर भी उतार दूँ?” उसने पूछा।

“बिलकुल भी नहीं!” मैंने कहा, “सुहागिन औरतें पूरी तरह सजी-धजी ही सुन्दर लगतीं हैं!”

“हा हा हा!” उसने हँसते हुए, रुचिपूर्वक कहा, “आप कैसी पोज़ चाहते हैं, मुझसे?”

“यहाँ... बिस्तर पर बैठ कर, अपनी एड़ियों को पीछे की तरफ़ एक साथ रखो।” मैंने समझाया।

“ऐसे?” उसने एक पोज़ कर के दिखाया।

“नहीं, एक सेकंड रुको।” मैं गया और उसके घुटनों को सामने की तरफ़ खोलते हुए मैंने उसको बैठाया।

उस पोज़ में उसकी योनि के होंठ कुछ खुल गए... ऐसा लग रहा था कि जैसे वो मुस्कुरा रहे हों! सच में, पागल कर देने वाला दृश्य था वो!

“अभी ठीक है?” उसने पूछा।

“ठीक? क़यामत है मेरी जान! क़यामत!” मैंने उसकी योनि को छूते हुए कहा “आई लव यू योर पुसी!”

“थैंक यू!” उसने शरमाते हुए कहा।

मैं फिर उसकी तस्वीरें लेने लगा।

“इसमें अपनी एक उंगली डाल सकती हो?” मैंने बेतहाशा तस्वीरें लेते हुए कहा, “बहुत सेक्सी लगेगा!”

“हनी, आज रात तो केवल तुम ही इसके अंदर जा सकते हो।” डेवी ने बड़ी अदा से कहा।

मैं मुस्कराया।

“ठीक! फिर एक हाथ को अपने बूब्स पर ले जाओ!”

“ऐसे?” उसने कर के दिखाया।

मैं तस्वीरें निकाल तो रहा था, लेकिन अब तक मैं पूरी तरह से पागल हो गया था! मुझे ये लड़की चाहिए थी! अभी के अभी!

डिड यू रियली लाइक दिस हनी?”

अब्सॉल्युटली!”

“सच में? प्लीज टेल मी ओनेस्टली!”

“मेरी जान! मैं तो कितना पागल हुआ जा रहा हूँ... ये तेरी नंगी चूत को देखकर मैं पागल हो गया हूँ! सच में, बहुत सुन्दर लगती है ये ऐसे, और तुम भी!” मैंने अपनी तर्जनी से उसके चीरे पर चलाया, “ये अब कितनी लम्बी भी लग रही है! और अब मैं तुम्हारी लेबिया का रंग भी जान गया हूँ! ओह... दोनों होंठ कितने सूजे हुए हैं! आर यू एक्साइटेड हनी?”

डोंट यू नो इट येट?”

मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया, और धीरे से उसको बिस्तर पर धकेलने लगा।

मैंने कहा, “हनी, आई नो!” फिर उसको चूम कर आगे बोला, “हनी, आई नो कि यह बात कहने का टाइम आज नहीं है, लेकिन मैं फिर भी यह कहना चाहता हूँ... एस मच एस आई वांट टू मेक लव टू यू, आई आल्सो वांट टू इम्प्रेगनेट यू! मैं चाहता हूँ कि तुम्हारे पेट में मेरा बच्चा आ जाए - जितना जल्दी हो उतना! हो सके, तो आज ही!”

मैंने उसकी योनि के होंठों को चूमा, फिर उसके पेट को चूमा, “समझी जानू? मैं तुमको गर्भवती करना चाहता हूँ!”

डेवी ने मेरे चेहरे की ओर देखा और मेरे दोनों गालों को अपने हाथों से कोमलता से छूते हुए, धीरे से कहा, “और तुमको क्या लगता है कि मुझे ये नहीं चाहिए? आई नो दैट यू वांट मी टू हैव योर बेबीज़... और मैं भी तो यही चाहती हूँ! तुम्हारे नहीं, तो और किसके बच्चे करूँगी? एंड आई वांट यू टू नो दैट आई ऍम रेडी!”

मैं मुस्कुराया।

डेवी ने कहना जारी रखा, “तुमको यह सब कहने की ज़रुरत नहीं! मैं भी माँ बनना चाहती हूँ! मुझे यह सब उतना ही चाहिए जितना कि तुम चाहते हो। मैं ये सब चाहती हूँ! कई सारे बच्चे और उनको कई सालों तक अपना दूध पिलाना! मैं आपकी हर विशेज़ पूरी करूँगी!”

डेवी की बात दिल को छू गई! बाहर से कड़क और मॉडर्न दिखने वाली देवयानी, अंदर से कितनी नरम, मृदुल और पारम्परिक थी - यह देखने वाली बात थी!

मैंने उसे चूमा और कहा, “ओह जान! ऐसे मत बोलो! नहीं तो मुझसे कण्ट्रोल नहीं होगा।”

“अरे कौन चाहता है कि आज रात आप कण्ट्रोल करो!” वो अदा से मुस्कुराई।

मैं मुस्कुराया और उसे चूमने के लिए आगे बढ़ा। हमने कुछ देर तक फ्रेंच-किस किया - हमारी जीभें एक दूसरे के साथ झूमने लगीं। ऐसे ही चूमते हुए, मैंने देवयानी को अपनी गोद में बैठा लिया। डेवी जैसी बला की सुन्दर, और पूर्ण-नग्न लड़की का मेरी गोद में होने का अनुभव बहुत आश्चर्यजनक था! हम दोनों के शरीर कामुक उत्तेजना से गर्म हो चले थे और थरथरा रहे थे! उसने मेरी गोद बैठे बैठे, न जाने कैसे, असंभव आसन लगा कर मेरी चड्ढी को मेरे शरीर से खिसका दिया। अब मैं भी पूरी तरह से नग्न था। उसने मेरे लिंग को पकड़ लिया, जो उसके नरम गरम स्पर्श को पा कर पूरी तरह से कठोर हो गया।

“ओओओओह! कितना बड़ा हो गया है ये!” उसने कहा - उसकी आँखें विस्मय से भर गई थीं और उसके होंठ अंग्रेज़ी के ‘ओ’ के आकार में खुल हुए थे। सच में, औरतों को अपने आदमियों को खुश करने का तरीका मालूम होता है! मैंने उसे फिर से चूमा। मैंने डेवी को कई बार नग्न देखा था, लेकिन आज वो वास्तव में अलग लग रही थी। उसके स्तनों को केवल सुंदर कहना न्यूनोक्ति है! यौवन की पुष्टता से भरे हुए और दृढ़, स्ट्रॉबेरी के रंग के चूचक और उनके गिर्द गुलाबी रंग का एरोला! और डेवी के हिलने डुलने से वे मेरी आंखों के सामने कामुकता से हिल रहे थे। ऐसी कामुकता कि मुर्दे में भी जान डाल दे!

मैंने देवयानी की ठुड्डी को चूमा, फिर उसकी गर्दन को जीभ से गुदगुदाया, और एक एक कर के, उसके दोनों चूचकों को चूमा। मैंने उसे बिस्तर पर ही, घुटनों के बल खड़ा किया, और शरारत से अपनी उंगली को उसके नितंबों की दरार में चलाया, और इससे पहले कि वो कोई प्रतिक्रिया दिखा पाती, मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया। डेवी मेरी गोद में गिर गई और मैंने उसके कूल्हों को कुछ इस तरह से व्यवस्थित किया कि मेरा लिंग उसके दोनों चूतड़ों के मध्य दब जाए। डेवी समझ गई कि मैं क्या करना चाहता हूँ, तो उसने भी हिल-डुल कर ऐसा किया कि मेरा लिंग उसके नितम्बों के बीच की दरार में ठीक से बैठ जाए।

हमारा चुम्बन जारी रहा - और उसके साथ ही मेरा उसके स्तनों के साथ खेलना, उनको गुदगुदी करना, उनको दबाना कुचलना, इत्यादि भी जारी रहा। डेवी ने मेरे लिंग पर अपने नितम्ब हिलाए, लेकिन वो बहुत कुछ कर न सकी - वो इस आसन में थोड़ी असहाय सी थी। लिहाज़ा, उसने हार मान कर मेरे कंधे पर अपना सर रख लिया, और मेरे साथ ही काम समुद्र में गोते लगाने लगी। मैंने उसके पूरे शरीर को सहलाया! यह सब करते करते डेवी को उस रात कर पहला चरमोत्कर्ष प्राप्त हुआ - और मैंने अभी तक उसकी योनि को ठीक से छुआ भी नहीं था! एक विवाहित स्त्री के रूप में उसका पहला ओर्गास्म - और उसे ‘वहाँ’ छुआ तक नहीं गया था! कमाल है!

यह एक ऐसी सफलता थी जिसकी मुझे जरूरत थी। मैंने पहले ही सोच रखा था कि डेवी की योनि में मेरा लिंग तभी जाएगा जब तो मुझसे यह करने की भीख मांगेगी! मैंने उसके एक चूचक को अपने मुँह में भरा और किसी भूखे बच्चे की तरह उसके चूचक को चाटना और चूसना शुरू कर दिया।
 
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नया सफ़र - विवाह - Update #6


डेवी गुदगुदी से आहत होते हुए चिल्लाई, “अरे, इतनी ज़ोर से नहीं। आह हा हा हा! बस बस! गुदगुदी होती है।”

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया, और फिर धीरे धीरे से उसके चूचकों को चूसने लगा।

“ओ मेरा बच्चा! पियो! हाँ! ऐसे ही! इनको प्यार से चूसो!” वो बड़बड़ा रही थी।

और मैंने आनंद से उसका स्तनपान कर रहा था। स्तनपान के दौरान मुझे एक आईडिया आया - मैंने उसके दोनों स्तनों को आपस में दबा कर कुछ ऐसा सेट किया कि उसके दोनों चूचक एक साथ हो जाएँ। फिर मैंने उसके दोनों चूचकों को एक साथ चूसा। डेवी फौरन ही पागल जैसी हो गई। उसके कूल्हे, मेरे लिंग पर एक अनियंत्रित पैटर्न में मचलने लगे। यह तो एक अद्भुत रहस्योद्घाटन था!

“क्या तुम्हारे निपल्स का तुम्हारी चूत के साथ कोई सीधा कनेक्शन है?” मैंने उसको छेड़ते हुए कहा।

डेवी शर्म से लाल हो गई और फिर हँस पड़ी, “हा हा! हो सकता है!” उसने कहा, “पर ये भी तो पॉसिबल है ना, कि तुमने इतने दिनों में कोई नया कनेक्शन बना दिया हो? हम्म?”

मुझे उसका ये जवाब पसंद आया! मैंने चूसना जारी रखा।

“तुम इतने प्यार से मेरे निपल्स को चूसते हो... मैं तो दीवानी हो गई हूँ तुम्हारी!”

फिर उसने मेरे लिंग को पकड़ लिया, और उसे ऐसे पकड़ लिया, मानो उसे पकड़ कर ही उसको सारी खुशी मिल रही हो! और इस बात का अनुभव मैं पहले भी कर चुका हूँ - काजल, गैबी, और अब डेवी - तीनों का ही एक ही जैसा रिएक्शन!

“मुझे ये बहुत पसंद है! कितना मोटा और लंबा!” उसने मेरे लिंग की प्रशंसा की और फिर मेरे सामने घुटने टेक दिए, “मैं इसको इतना प्यार करूँगी, कि आपको जन्नत का मजा आ जाएगा।”

उसने मेरे लिंग को नीचे से लेकर ऊपर तक चाटा, फिर शिश्नाग्र पर उसके अपनी जीभ अच्छी तरह फिराई। फिर उसने उसको अपने मुँह में भर लिया! आह - वो गर्म गीला एहसास! उसने मेरे नितम्बों को पकड़ कर मुझे एक तरह से स्थिर कर दिया, और फिर मेरे लिंग की लम्बाई पर अपना मुँह ऊपर-नीचे करने लगी।

“हनी, इसमें से कुछ निकल रहा है!” उसने लिंग से निकलते हुए प्री-कम को चाट कर कहा, और फिर से मेरे लिंग को मुख-मैथुन देने लगी।

मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाते हुए पूछा, “तुमको कैसा लग रहा है, डेवी?”

“मेरे हस्बैंड, मैं तो तुम्हारे पीनस की दीवानी हूँ! जब ये मेरे अंदर बाहर स्लाइड करता है न, तो मुझे बहुत सेक्सी लगता है।” वो बोली, और फिर फुसफुसाते हुए आगे बोली, “आई ऍम वैरी हॉर्नी हनी! माय पुसी इस वेट!”

इतना बोल कर वो वापस मेरे लिंग को मुख-मैथुन का आनंद देने लगी। वो मेरे नितम्बों को पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच रही थी, तो मैं भी प्रोत्साहित हो गया। एक बिंदु पर मेरी उत्तेजना मेरे नियंत्रण से बाहर हो गई, और मैंने अपने कूल्हों को उसके मुंह में धकेल दिया - जैसे मैं उसके मुँह से ही सेक्स करने वाला होऊँ! गलती से मेरा लिंग उसके गले की गहराई तक चला गया और डेवी को खाँसी आने लगी। हमारा फोरप्ले कुछ देर के लिए रुक गया।

पानी पी कर जब डेवी कुछ संयत हुई तो बोली, “हनी, मेरी चूत में आग लग गई है। अब अंदर आ जाओ प्लीज!”

बस, इसी बात का तो इंतज़ार था मुझे! मैं उठा, और फिर देवयानी को वापस बिस्तर पर लिटाया! उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा।

“आराम लेट जाओ... अब शुरू करते हैं!” मैंने कहा।

देवयानी की मुस्कान चौड़ी हो गई, “ओह! आई कांट वेट टू बी फक्ड फॉर द फर्स्ट टाइम एस अ मैरीड वुमन!”

उसने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दीं, जिससे मुझे उसके अंदर प्रवेश करने में आसानी रहे। मैं उसके ऊपर कुछ इस तरह आ गया कि मेरे शरीर के ऊपरी हिस्से का भार मेरी बाहों पर रहे, और निचले हिस्से, ख़ास तौर पर नितम्बों का भार डेवी की श्रोणि पर रहे। फिर मैंने अपने घुटनों से उसकी जाँघों को और फैलाया, और उसके अंदर प्रविष्ट हो गया। मेरे लिंग का अगला हिस्सा उसकी योनि की गर्म, गीली सुरंग में सरसराते हुए प्रविष्ट हो गया। दो तीन धक्कों में ही मेरा लिंग पूरी तरह से उसके अंदर सुरक्षित हो गया।

इस अचानक हुई घुसपैठ के कारण डेवी कामुकता से चिहुँक लगी! लेकिन जब मैं पूरी तरह से उसके अंदर आ गया, तो वो आनंद से कराह उठी। उसका भगशेफ मेरी श्रोणि से रगड़ खा गया था। मुझे पता था कि डेवी भी मुझे ग्रहण करने के लिए तत्पर थी, और और वो उसकी चिहुंक दर्द के कारण नहीं, मेरे अकस्मात् प्रवेश के आश्चर्य के कारण निकली थी। आज से पहले मैं धीरे धीरे कर के उसके अंदर जाता था। लेकिन आज तुरंत ही चला गया। मैंने जल्दी ही मैथुन की एक तेज गति स्थापित की और डेवी को भोगने लगा। उधर डेवी ने मुझे अपनी गहराई के अंदर तक जाने देने के लिए, अपने पैर ऊपर कर लिए। यह कोई काव्यात्मक प्रेम-सम्बन्ध नहीं था, बल्कि एक पाशविक मैथुन क्रिया थी! यह एक अद्भुत कामुक जुनून था, जिसे केवल हम दोनों महसूस कर रहे थे और इस समय जी रहे थे।

सम्भोग के दौरान डेवी आनंद से कराहती रही, और लगातार मुझे प्रोत्साहित करती रही। उसने अपने पैरों को लगातार ऊपर कर रखा था दो, जिससे मैं ठीक से, निर्बाध अपनी काम पिपासा पूरी कर सकूँ। मैंने भी बिना रुके हुए तब तक धक्के लगाना जारी रखा, जब तक मेरा खुद का ओर्गास्म बनने लगा। मुझे समझ आ गया कि मैं और अधिक समय तक नहीं टिक पाऊँगा।

“डेवी, आई ऍम कमिंग!” मैंने हाँफते हुए कहा।

वह मुझ पर दिव्य रूप से मुस्कुराई, “यस हनी! यस! कम... एजाकुलेट इनसाइड मी! काम को पूरा करो!”

यह कहते हुए कि उसने मुझे चूमा - बेहद लुभावने अंदाज़ में - उसने मेरी जीभ को अपने होठों से चूस कर मुझमें सांस ली! यह एक बेहद कामुक क्रिया थी! ऐसा लगा कि जैसे उसके इस कामुक चुम्बन ने किसी ट्रिगर का काम किया हो! अगला धक्का मैंने जैसे ही लगाया, मैं पूरी तरह से डेवी की योनि के अंदर तक चला गया, और उसी समय मेरे अंदर जमा वीर्य का गोला, एक विस्फोट से साथ बाहर निकल पड़ा। मेरे उत्सुक शुक्राणु मेरे लिंग की लंबाई से तेजी से निकलते हुए, देवयानी की योनि की गर्म, गुलाबी सुरंग की रेशमी गहराइयों में जा बैठे! ये उनका नया घर था! मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे इच्छा रुपी बिच्छू ने डंक मार दिया हो - मैं अपनी देवयानी को हमेशा चूमना चाहता था, और चाहता था कि हमेशा ही मेरे लिंग से वीर्य निकल निकल कर उसकी योनि में समाहित होता रहे! उधर, जैसे ही डेवी ने मेरे स्खलन को महसूस किया, वो खुद भी इस प्रथम सम्भोग की दूसरी रति-निष्पत्ति को पा बैठी! मैं उसकी गर्म, आरामदायक सुरंग में स्खलित होता रहा, क्योंकि उसकी चरम आनंद प्राप्त करती योनि की दीवारों ने मेरे लिंग को निचोड़ना शुरू कर दिया था। उसकी योनि की गर्माहट के संकुचन ने मुझे सामान्य से बहुत देर तक स्खलन का सुख लेने दिया। लेकिन देर तक ओर्गास्म का आनंद पूरे शरीर को निढाल कर देता है। अब मैं सीधा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। थक कर मैं उसके धौंकनी की तरह चलते हुए सीने पर गिर पड़ा। इस समय हम दोनों ही पसीने से तर-ब-तर थे, और अपने श्रमसाध्य सम्भोग की तीव्रता के कारण भारी साँसे ले रहे थे।

कुछ देर सुस्ताने के बाद डेवीने कहा कि आज की रात एक बार सेक्स करना काफी नहीं था! वो मुझसे बार-बार सम्भोग करना चाहती थी - आज की रात कई बार! हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे, और प्यार और वासना की बातें करते रहे। डेवी की बाहों में होना, उसको अपने आलिंगन में बाँध कर रखना, उसके साथ सम्भोग करना, उसे चूमना और उसकी सेक्सी आवाज़ सुनना - यह सब बहुत दिव्य था!

थोड़ी ही देर में मैं फिर से स्तंभित हो गया, और डेवी के मन की मुराद पूरी करने लगा। उसने अपने पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया, और हमने इस बार फिर से, धीमी, और कम तीव्रता से सम्भोग किया। सम्भोग करने का तरीका अलग था, लेकिन पहले वाले के ही जितना आनंद इस बार भी आया - क्योंकि यह दीर्घकालीन सम्भोग था। मेरे स्खलन होने से पहले देवयानी दो और बार स्खलित हुई। जब वो तीस्री बार स्खलित हो रही थी, तब उसकी योनि की दीवारें, मेरे लिंग को बेहद कामुक रूप से मेरे लिंग को निचोड़ने लगीं। जैसे, वो चाहती हों, कि मैं अपनी संपत्ति उसके अंदर जमा कर दूँ! कहने वाली बात नहीं है, कि उस समय मैंने अपनी सुहागरात का दूसरा स्खलन प्राप्त किया।

अपनी नवविवाहित पत्नी से सम्भोग करना एक बेहद आश्चर्यजनक, लगभग दिव्य अनुभव होता है!

हमारे अब तक के सम्बन्ध में ये सबसे गर्म, और सबसे कामुक दो सम्भोग रहे थे। और दोनों ही हमारे विवाहित होने के बाद हुए थे। मतलब विवाहित होने से कामुक अंतरंगता बढ़ जाती है! संभव है! पहले भी हमको आनंद आता था, लेकिन इस समय का मज़ा कई गुणा अधिक था। मुझे लगता है कि हमको ऐसा अनुभव इसलिए हुआ था, क्योंकि नवविवाहित जोड़े, विवाहित जीवन की चिंताओं से ग्रस्त नहीं होते हैं! और शायद इसीलिए वो सेक्स का भरपूर आनंद उठा पाते हैं।

जब हम थोड़ा संयत हुए, तो डेवी ने मुस्कुराते हुए मुझे अपने में भींच लिया और बोली,

टेल मी मिस्टर सिंह,”

आस्क अवे, मिसेज़ सिंह?”

हाऊ मैनी पुस्सीज़ हैव यू फक्ड सो फार?”

‘क्या बात है! डेवी गन्दी गन्दी बातें कर रही थी।’

डेवी बहुत ही साफ़-सुथरी महिला थी - भाषा से भी - मैंने उसको कभी गाली-गलौज करते, या बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते नहीं सुना था। तो उसका इस समय का वार्तालाप दिलचस्प था।

“हम्म्म... लेट अस सी...” मैंने गिनने का नाटक किया, “... और... तुम...”

अपना नाम सुन कर वो मुस्कुराई।

“हम्म... ओके! हाँ! चार लड़कियाँ! तुमको मिला कर!” मैं उसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए रुक गया, लेकिन उसने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी - वो बस मुस्कुराई!

“और मैं आपको बता दूँ... तुम्हारी पुस्सी सबसे बढ़िया है!”

“हम्म... मक्खन लगा रहे हो?”

“नहीं, मक्खन तो डाल चुका हूँ! तुम्हारे अंदर!”

उसने मुझे कोहनी मारी।

“आऊ!”

“आप बहुत नटखट रहे हैं, मिस्टर सिंह।”

“मैं क्या कह सकता हूँ, मेरी जान?” मैंने विनम्र होने का नाटक करते हुए कहा, “मैं लड़कियों के मामले में बहुत लकी रहा हूँ! एक से बढ़ कर एक शानदार लड़कियाँ मिली हैं मुझे!”

“सबसे पहली वाली के बारे में बताओ?”

मैंने देवयानी को रचना के बारे में बताया! कैसे हमने माँ का स्तनपान एक साथ किया, कैसे माँ उसको अपनी बहू बनाना चाहती थीं, और कैसे हमने अपने पहले सेक्स का अनुभव एक साथ किया।

“अच्छा जी! तो आप उतनी ही उम्र में बदमाश हो गए थे!”

“अरे यार! उतनी उम्र में तो मेरी माँ, मेरी माँ भी तो बन गई थीं!” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने मुझसे कुछ पूछा, तो मैं बता रहा हूँ!”

डेवी भी मुस्कुराई, “मम्मी इस वैरी स्वीट! आई कांट बिलीव दैट वी हैव बिकम सच गुड फ्रेंड्स इन सच फ्यू डेज!”

“हाँ! वो हैं स्वीट!” फिर मुझे कुछ याद आया, “अच्छा, आज वो ‘यूनिफार्म’ वाला आईडिया किसका था?”

“हा हा हा! यूनिफॉर्म! वो आईडिया था दीदी का! काजल दीदी का!”

डेवी के मुँह से काजल के लिए ‘दीदी’ वाला सम्बोधन सुन कर मुझको बहुत अच्छा लगा।

“उन्होंने जयंती दी से कहा कि क्यों न तीनों ‘बहनें’ एक जैसी साड़ी पहन कर शादी में आएँ!”

“हा हा हा! बहुत अच्छे!” मैंने विनोदपूर्वक कहा, “बढ़िया था!”

“तुमको अच्छा तो लगा न डेवी? ऐसा तो नहीं लगा न कि फ़ीका फ़ीका हो गया सब?” मैंने पूछा।

“अरे नहीं यार! हम दोनों ने ही तो डिसाइड किया था न कि ऐसे करेंगे! और कल रात तो मस्ती होनी है खूब!” उसने उत्साह से कहा।

“हाँ! वो तो है!”

फिर हम दोनों कुछ देर के लिए चुप हो गए।

“हनी?”

“हाँ?”

“मैंने तुमसे अपनी फैंटसी शेयर करी थी न?”

“हम्म!” हाँ, याद था मुझे!

“तो,” उसने प्यार से मेरी छाती को सहलाया, और बड़ी मिठास से बोली, जैसे अक्सर छोटे बच्चे करते हैं, जब वो अपने बड़ों से कुछ चाहते हैं, “विल इट बी टू बैड इफ आई कैन आल्सो हैव सेक्स विद समवन एल्स?”

किसके साथ?”

हाँ, देवयानी की फंतासी! बड़ी अनोखी फंतासी थी। और मुझे लग रहा था कि वो केवल फंतासी है - वो उसको साकार नहीं करना चाहती होगी। सच कहूँ, तो मुझे अपनी पत्नी को किसी अन्य आदमी के साथ शेयर करने के विचार से ही नफरत थी। मैं बाहर चाहे जितना दम भरूँ, अंदर से तो देसी आदमी ही हूँ! अपनी बीवी किसी और के साथ! न बाबा न! देवयानी ने भी मेरी आवाज में नाराजगी जरूर सुनी होगी, लेकिन वो मुझे बताना चाहती थी कि उसके मन में क्या है। और उसकी सच्चाई की मुझे बेहद क़द्र थी। अगर मेरी बीवी अपने मन की बातें मुझसे नहीं कर सकती, तो फिर किससे कर सकती है?

“आई डोंट नो... ऐसा कोई है नहीं। ... बस कोई ऐसा हो हू कैन कीप मी एंड अस सेफ एंड रेस्पेक्ट अस !”

“हम्म... तो,” मैंने बात की गंभीरता को हल्का करने की कोशिश की, “तुम्हारी ये छोटी सी चूत एक और लण्ड चाहती है?” मैंने उसे छेड़ा, और उसकी योनि में अपनी उँगली डाल दी।

डेवी इस अकस्मात् प्रहार से चिहुँक गई। फिर संयत हो कर बोली,

“हनी, यहाँ ‘चाहने’ जैसा कुछ नहीं है! मैं बस एक ‘और’ बार इसको एक्सपीरियंस करना चाहती हूँ!” उसने सच्चाई से कहा, “बस इतना ही हनी!”

हाँ, सालों पहले देवयानी का किसी से अफेयर तो था - उसको सेक्स का भी अनुभव मिला था।

मैंने तुरंत तो कुछ नहीं कहा, और बस सोचा कि डेवी अनुभव क्या करना चाहती है। कुछ देर सोचने पर मुझे लगा कि यह बहुत बुरी बात नहीं होगी अगर वो किसी और आदमी के साथ सेक्स का अनुभव कर सके! अगर मैं कई लड़कियों के साथ सेक्स कर सकता हूँ, तो वो भी कर सकती है। मुझे यकीन है कि कई महिलाएं ऐसा अनुभव लेना चाहती होंगी। कम से कम मेरी बीवी मुझसे इस बारे में खुले रूप से बातें कर रही थी। मुझसे कुछ छुपा नहीं रही थी। इसलिए इस बात को उसकी बेवफाई नहीं माना जा सकता।

“क्या सोच रहे हो हनी?” उसने डरते हुए पूछा।

“सोच रहा हूँ!”

उसने कुछ देर कुछ नहीं कहा; मैंने भी कुछ देर कुछ नहीं कहा।

“हनी, आई विल ओनली डू इट अगर आप बुरा न मानें! बिना आपकी इज़ाज़त के मैं कुछ नहीं करूँगी! आई लव यू! एंड आई विल नेवर चीट ऑन यू!” उसने जोड़ा।

“तुम समझती हो न डेवी, कि मेरे लिए यह करना बहुत कठिन होगा... मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! और मेरे लिए तुमको किसी और से शेयर करना बहुत मुश्किल होगा!”

“मैं जानती हूँ। और मैं इसे हमेशा नहीं करना चाहती! बस एक बार... मुझे जो चाहिए, वो आप दे रहे हैं मुझे! मुझे बस एक और बार एक्सपीरियंस करने का मन है... अगर आपको ठीक लगे, तो! अगर आपकी इज़ाज़त हो तो!”

“और अगर मैं परमिशन न दूँ तो?”

“तो मैं इस बारे में सोचूँगी भी नहीं!” उसने संजीदगी से कहा, “मेरा प्रॉमिस है ये!”

मैंने कुछ देर उसकी तरफ देखा, और फिर उसका मुँह चूम लिया।

“सोचते हैं!” मैंने कहा।

हमने कुछ देर और बातें की और फिर अपने सम्भोग की थकावट के कारण हम आखिरकार एक-दूसरे की बाहों में सो गए। वैसे भी काफी रात हो गई थी। कुछ घंटों बाद मेरी नींद टूटी तो मैं बाथरूम जाने के लिए उठा। जब मैं वापस लौटा तो मैंने देखा कि डेवी की चादर आधी उघड़ी हुई है। यह जानते हुए कि वो उसके नीचे पूरी तरह से नग्न है, मैं फिर से उत्तेजित हो गया। मैंने बिस्तर में आराम से लेटा, और फिर उसकी गर्दन से शुरू कर के धीरे-धीरे उसके स्तनों तक चूमना गुदगुदाना शुरू कर दिया। डेवी मुस्कुराते हुए उठी और प्रत्युत्तर में मुझे भी चूमने लगी। अगले डेढ़ घंटे तक हमने दो बार सम्भोग किया, और चूर हो कर फिर से सो गए!

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Waiting bro..!!

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आया आया आया आया...
😂😂😂😂😂
अब तक कुल जमा 96 उपडेट्स लिखे हैं मैंने - कोई दो लाख, चालीस हज़ार शब्द!
मतलब हर अपडेट औसतन ढाई हज़ार शब्दों का।
इतना कलम घिसने पर तो कमेंट और इंगेजमेंट की बारिश होनी चाहिए इस थ्रेड पर!
लेकिन ये कमीने बेगैरत XF के रीडर्स! 🤦‍♂️
 
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नया सफ़र - विवाह - Update #6


डेवी गुदगुदी से आहत होते हुए चिल्लाई, “अरे, इतनी ज़ोर से नहीं। आह हा हा हा! बस बस! गुदगुदी होती है।”

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया, और फिर धीरे धीरे से उसके चूचकों को चूसने लगा।

“ओ मेरा बच्चा! पियो! हाँ! ऐसे ही! इनको प्यार से चूसो!” वो बड़बड़ा रही थी।

और मैंने आनंद से उसका स्तनपान कर रहा था। स्तनपान के दौरान मुझे एक आईडिया आया - मैंने उसके दोनों स्तनों को आपस में दबा कर कुछ ऐसा सेट किया कि उसके दोनों चूचक एक साथ हो जाएँ। फिर मैंने उसके दोनों चूचकों को एक साथ चूसा। डेवी फौरन ही पागल जैसी हो गई। उसके कूल्हे, मेरे लिंग पर एक अनियंत्रित पैटर्न में मचलने लगे। यह तो एक अद्भुत रहस्योद्घाटन था!

“क्या तुम्हारे निपल्स का तुम्हारी चूत के साथ कोई सीधा कनेक्शन है?” मैंने उसको छेड़ते हुए कहा।

डेवी शर्म से लाल हो गई और फिर हँस पड़ी, “हा हा! हो सकता है!” उसने कहा, “पर ये भी तो पॉसिबल है ना, कि तुमने इतने दिनों में कोई नया कनेक्शन बना दिया हो? हम्म?”

मुझे उसका ये जवाब पसंद आया! मैंने चूसना जारी रखा।

“तुम इतने प्यार से मेरे निपल्स को चूसते हो... मैं तो दीवानी हो गई हूँ तुम्हारी!”

फिर उसने मेरे लिंग को पकड़ लिया, और उसे ऐसे पकड़ लिया, मानो उसे पकड़ कर ही उसको सारी खुशी मिल रही हो! और इस बात का अनुभव मैं पहले भी कर चुका हूँ - काजल, गैबी, और अब डेवी - तीनों का ही एक ही जैसा रिएक्शन!

“मुझे ये बहुत पसंद है! कितना मोटा और लंबा!” उसने मेरे लिंग की प्रशंसा की और फिर मेरे सामने घुटने टेक दिए, “मैं इसको इतना प्यार करूँगी, कि आपको जन्नत का मजा आ जाएगा।”

उसने मेरे लिंग को नीचे से लेकर ऊपर तक चाटा, फिर शिश्नाग्र पर उसके अपनी जीभ अच्छी तरह फिराई। फिर उसने उसको अपने मुँह में भर लिया! आह - वो गर्म गीला एहसास! उसने मेरे नितम्बों को पकड़ कर मुझे एक तरह से स्थिर कर दिया, और फिर मेरे लिंग की लम्बाई पर अपना मुँह ऊपर-नीचे करने लगी।

“हनी, इसमें से कुछ निकल रहा है!” उसने लिंग से निकलते हुए प्री-कम को चाट कर कहा, और फिर से मेरे लिंग को मुख-मैथुन देने लगी।

मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाते हुए पूछा, “तुमको कैसा लग रहा है, डेवी?”

“मेरे हस्बैंड, मैं तो तुम्हारे पीनस की दीवानी हूँ! जब ये मेरे अंदर बाहर स्लाइड करता है न, तो मुझे बहुत सेक्सी लगता है।” वो बोली, और फिर फुसफुसाते हुए आगे बोली, “आई ऍम वैरी हॉर्नी हनी! माय पुसी इस वेट!”

इतना बोल कर वो वापस मेरे लिंग को मुख-मैथुन का आनंद देने लगी। वो मेरे नितम्बों को पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच रही थी, तो मैं भी प्रोत्साहित हो गया। एक बिंदु पर मेरी उत्तेजना मेरे नियंत्रण से बाहर हो गई, और मैंने अपने कूल्हों को उसके मुंह में धकेल दिया - जैसे मैं उसके मुँह से ही सेक्स करने वाला होऊँ! गलती से मेरा लिंग उसके गले की गहराई तक चला गया और डेवी को खाँसी आने लगी। हमारा फोरप्ले कुछ देर के लिए रुक गया।

पानी पी कर जब डेवी कुछ संयत हुई तो बोली, “हनी, मेरी चूत में आग लग गई है। अब अंदर आ जाओ प्लीज!”

बस, इसी बात का तो इंतज़ार था मुझे! मैं उठा, और फिर देवयानी को वापस बिस्तर पर लिटाया! उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा।

“आराम लेट जाओ... अब शुरू करते हैं!” मैंने कहा।

देवयानी की मुस्कान चौड़ी हो गई, “ओह! आई कांट वेट टू बी फक्ड फॉर द फर्स्ट टाइम एस अ मैरीड वुमन!”

उसने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दीं, जिससे मुझे उसके अंदर प्रवेश करने में आसानी रहे। मैं उसके ऊपर कुछ इस तरह आ गया कि मेरे शरीर के ऊपरी हिस्से का भार मेरी बाहों पर रहे, और निचले हिस्से, ख़ास तौर पर नितम्बों का भार डेवी की श्रोणि पर रहे। फिर मैंने अपने घुटनों से उसकी जाँघों को और फैलाया, और उसके अंदर प्रविष्ट हो गया। मेरे लिंग का अगला हिस्सा उसकी योनि की गर्म, गीली सुरंग में सरसराते हुए प्रविष्ट हो गया। दो तीन धक्कों में ही मेरा लिंग पूरी तरह से उसके अंदर सुरक्षित हो गया।

इस अचानक हुई घुसपैठ के कारण डेवी कामुकता से चिहुँक लगी! लेकिन जब मैं पूरी तरह से उसके अंदर आ गया, तो वो आनंद से कराह उठी। उसका भगशेफ मेरी श्रोणि से रगड़ खा गया था। मुझे पता था कि डेवी भी मुझे ग्रहण करने के लिए तत्पर थी, और और वो उसकी चिहुंक दर्द के कारण नहीं, मेरे अकस्मात् प्रवेश के आश्चर्य के कारण निकली थी। आज से पहले मैं धीरे धीरे कर के उसके अंदर जाता था। लेकिन आज तुरंत ही चला गया। मैंने जल्दी ही मैथुन की एक तेज गति स्थापित की और डेवी को भोगने लगा। उधर डेवी ने मुझे अपनी गहराई के अंदर तक जाने देने के लिए, अपने पैर ऊपर कर लिए। यह कोई काव्यात्मक प्रेम-सम्बन्ध नहीं था, बल्कि एक पाशविक मैथुन क्रिया थी! यह एक अद्भुत कामुक जुनून था, जिसे केवल हम दोनों महसूस कर रहे थे और इस समय जी रहे थे।

सम्भोग के दौरान डेवी आनंद से कराहती रही, और लगातार मुझे प्रोत्साहित करती रही। उसने अपने पैरों को लगातार ऊपर कर रखा था दो, जिससे मैं ठीक से, निर्बाध अपनी काम पिपासा पूरी कर सकूँ। मैंने भी बिना रुके हुए तब तक धक्के लगाना जारी रखा, जब तक मेरा खुद का ओर्गास्म बनने लगा। मुझे समझ आ गया कि मैं और अधिक समय तक नहीं टिक पाऊँगा।

“डेवी, आई ऍम कमिंग!” मैंने हाँफते हुए कहा।

वह मुझ पर दिव्य रूप से मुस्कुराई, “यस हनी! यस! कम... एजाकुलेट इनसाइड मी! काम को पूरा करो!”

यह कहते हुए कि उसने मुझे चूमा - बेहद लुभावने अंदाज़ में - उसने मेरी जीभ को अपने होठों से चूस कर मुझमें सांस ली! यह एक बेहद कामुक क्रिया थी! ऐसा लगा कि जैसे उसके इस कामुक चुम्बन ने किसी ट्रिगर का काम किया हो! अगला धक्का मैंने जैसे ही लगाया, मैं पूरी तरह से डेवी की योनि के अंदर तक चला गया, और उसी समय मेरे अंदर जमा वीर्य का गोला, एक विस्फोट से साथ बाहर निकल पड़ा। मेरे उत्सुक शुक्राणु मेरे लिंग की लंबाई से तेजी से निकलते हुए, देवयानी की योनि की गर्म, गुलाबी सुरंग की रेशमी गहराइयों में जा बैठे! ये उनका नया घर था! मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे इच्छा रुपी बिच्छू ने डंक मार दिया हो - मैं अपनी देवयानी को हमेशा चूमना चाहता था, और चाहता था कि हमेशा ही मेरे लिंग से वीर्य निकल निकल कर उसकी योनि में समाहित होता रहे! उधर, जैसे ही डेवी ने मेरे स्खलन को महसूस किया, वो खुद भी इस प्रथम सम्भोग की दूसरी रति-निष्पत्ति को पा बैठी! मैं उसकी गर्म, आरामदायक सुरंग में स्खलित होता रहा, क्योंकि उसकी चरम आनंद प्राप्त करती योनि की दीवारों ने मेरे लिंग को निचोड़ना शुरू कर दिया था। उसकी योनि की गर्माहट के संकुचन ने मुझे सामान्य से बहुत देर तक स्खलन का सुख लेने दिया। लेकिन देर तक ओर्गास्म का आनंद पूरे शरीर को निढाल कर देता है। अब मैं सीधा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। थक कर मैं उसके धौंकनी की तरह चलते हुए सीने पर गिर पड़ा। इस समय हम दोनों ही पसीने से तर-ब-तर थे, और अपने श्रमसाध्य सम्भोग की तीव्रता के कारण भारी साँसे ले रहे थे।

कुछ देर सुस्ताने के बाद डेवीने कहा कि आज की रात एक बार सेक्स करना काफी नहीं था! वो मुझसे बार-बार सम्भोग करना चाहती थी - आज की रात कई बार! हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे, और प्यार और वासना की बातें करते रहे। डेवी की बाहों में होना, उसको अपने आलिंगन में बाँध कर रखना, उसके साथ सम्भोग करना, उसे चूमना और उसकी सेक्सी आवाज़ सुनना - यह सब बहुत दिव्य था!

थोड़ी ही देर में मैं फिर से स्तंभित हो गया, और डेवी के मन की मुराद पूरी करने लगा। उसने अपने पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया, और हमने इस बार फिर से, धीमी, और कम तीव्रता से सम्भोग किया। सम्भोग करने का तरीका अलग था, लेकिन पहले वाले के ही जितना आनंद इस बार भी आया - क्योंकि यह दीर्घकालीन सम्भोग था। मेरे स्खलन होने से पहले देवयानी दो और बार स्खलित हुई। जब वो तीस्री बार स्खलित हो रही थी, तब उसकी योनि की दीवारें, मेरे लिंग को बेहद कामुक रूप से मेरे लिंग को निचोड़ने लगीं। जैसे, वो चाहती हों, कि मैं अपनी संपत्ति उसके अंदर जमा कर दूँ! कहने वाली बात नहीं है, कि उस समय मैंने अपनी सुहागरात का दूसरा स्खलन प्राप्त किया।

अपनी नवविवाहित पत्नी से सम्भोग करना एक बेहद आश्चर्यजनक, लगभग दिव्य अनुभव होता है!

हमारे अब तक के सम्बन्ध में ये सबसे गर्म, और सबसे कामुक दो सम्भोग रहे थे। और दोनों ही हमारे विवाहित होने के बाद हुए थे। मतलब विवाहित होने से कामुक अंतरंगता बढ़ जाती है! संभव है! पहले भी हमको आनंद आता था, लेकिन इस समय का मज़ा कई गुणा अधिक था। मुझे लगता है कि हमको ऐसा अनुभव इसलिए हुआ था, क्योंकि नवविवाहित जोड़े, विवाहित जीवन की चिंताओं से ग्रस्त नहीं होते हैं! और शायद इसीलिए वो सेक्स का भरपूर आनंद उठा पाते हैं।

जब हम थोड़ा संयत हुए, तो डेवी ने मुस्कुराते हुए मुझे अपने में भींच लिया और बोली,

टेल मी मिस्टर सिंह,”

आस्क अवे, मिसेज़ सिंह?”

हाऊ मैनी पुस्सीज़ हैव यू फक्ड सो फार?”

‘क्या बात है! डेवी गन्दी गन्दी बातें कर रही थी।’

डेवी बहुत ही साफ़-सुथरी महिला थी - भाषा से भी - मैंने उसको कभी गाली-गलौज करते, या बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते नहीं सुना था। तो उसका इस समय का वार्तालाप दिलचस्प था।

“हम्म्म... लेट अस सी...” मैंने गिनने का नाटक किया, “... और... तुम...”

अपना नाम सुन कर वो मुस्कुराई।

“हम्म... ओके! हाँ! चार लड़कियाँ! तुमको मिला कर!” मैं उसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए रुक गया, लेकिन उसने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी - वो बस मुस्कुराई!

“और मैं आपको बता दूँ... तुम्हारी पुस्सी सबसे बढ़िया है!”

“हम्म... मक्खन लगा रहे हो?”

“नहीं, मक्खन तो डाल चुका हूँ! तुम्हारे अंदर!”

उसने मुझे कोहनी मारी।

“आऊ!”

“आप बहुत नटखट रहे हैं, मिस्टर सिंह।”

“मैं क्या कह सकता हूँ, मेरी जान?” मैंने विनम्र होने का नाटक करते हुए कहा, “मैं लड़कियों के मामले में बहुत लकी रहा हूँ! एक से बढ़ कर एक शानदार लड़कियाँ मिली हैं मुझे!”

“सबसे पहली वाली के बारे में बताओ?”

मैंने देवयानी को रचना के बारे में बताया! कैसे हमने माँ का स्तनपान एक साथ किया, कैसे माँ उसको अपनी बहू बनाना चाहती थीं, और कैसे हमने अपने पहले सेक्स का अनुभव एक साथ किया।

“अच्छा जी! तो आप उतनी ही उम्र में बदमाश हो गए थे!”

“अरे यार! उतनी उम्र में तो मेरी माँ, मेरी माँ भी तो बन गई थीं!” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने मुझसे कुछ पूछा, तो मैं बता रहा हूँ!”

डेवी भी मुस्कुराई, “मम्मी इस वैरी स्वीट! आई कांट बिलीव दैट वी हैव बिकम सच गुड फ्रेंड्स इन सच फ्यू डेज!”

“हाँ! वो हैं स्वीट!” फिर मुझे कुछ याद आया, “अच्छा, आज वो ‘यूनिफार्म’ वाला आईडिया किसका था?”

“हा हा हा! यूनिफॉर्म! वो आईडिया था दीदी का! काजल दीदी का!”

डेवी के मुँह से काजल के लिए ‘दीदी’ वाला सम्बोधन सुन कर मुझको बहुत अच्छा लगा।

“उन्होंने जयंती दी से कहा कि क्यों न तीनों ‘बहनें’ एक जैसी साड़ी पहन कर शादी में आएँ!”

“हा हा हा! बहुत अच्छे!” मैंने विनोदपूर्वक कहा, “बढ़िया था!”

“तुमको अच्छा तो लगा न डेवी? ऐसा तो नहीं लगा न कि फ़ीका फ़ीका हो गया सब?” मैंने पूछा।

“अरे नहीं यार! हम दोनों ने ही तो डिसाइड किया था न कि ऐसे करेंगे! और कल रात तो मस्ती होनी है खूब!” उसने उत्साह से कहा।

“हाँ! वो तो है!”

फिर हम दोनों कुछ देर के लिए चुप हो गए।

“हनी?”

“हाँ?”

“मैंने तुमसे अपनी फैंटसी शेयर करी थी न?”

“हम्म!” हाँ, याद था मुझे!

“तो,” उसने प्यार से मेरी छाती को सहलाया, और बड़ी मिठास से बोली, जैसे अक्सर छोटे बच्चे करते हैं, जब वो अपने बड़ों से कुछ चाहते हैं, “विल इट बी टू बैड इफ आई कैन आल्सो हैव सेक्स विद समवन एल्स?”

किसके साथ?”

हाँ, देवयानी की फंतासी! बड़ी अनोखी फंतासी थी। और मुझे लग रहा था कि वो केवल फंतासी है - वो उसको साकार नहीं करना चाहती होगी। सच कहूँ, तो मुझे अपनी पत्नी को किसी अन्य आदमी के साथ शेयर करने के विचार से ही नफरत थी। मैं बाहर चाहे जितना दम भरूँ, अंदर से तो देसी आदमी ही हूँ! अपनी बीवी किसी और के साथ! न बाबा न! देवयानी ने भी मेरी आवाज में नाराजगी जरूर सुनी होगी, लेकिन वो मुझे बताना चाहती थी कि उसके मन में क्या है। और उसकी सच्चाई की मुझे बेहद क़द्र थी। अगर मेरी बीवी अपने मन की बातें मुझसे नहीं कर सकती, तो फिर किससे कर सकती है?

“आई डोंट नो... ऐसा कोई है नहीं। ... बस कोई ऐसा हो हू कैन कीप मी एंड अस सेफ एंड रेस्पेक्ट अस !”

“हम्म... तो,” मैंने बात की गंभीरता को हल्का करने की कोशिश की, “तुम्हारी ये छोटी सी चूत एक और लण्ड चाहती है?” मैंने उसे छेड़ा, और उसकी योनि में अपनी उँगली डाल दी।

डेवी इस अकस्मात् प्रहार से चिहुँक गई। फिर संयत हो कर बोली,

“हनी, यहाँ ‘चाहने’ जैसा कुछ नहीं है! मैं बस एक ‘और’ बार इसको एक्सपीरियंस करना चाहती हूँ!” उसने सच्चाई से कहा, “बस इतना ही हनी!”

हाँ, सालों पहले देवयानी का किसी से अफेयर तो था - उसको सेक्स का भी अनुभव मिला था।

मैंने तुरंत तो कुछ नहीं कहा, और बस सोचा कि डेवी अनुभव क्या करना चाहती है। कुछ देर सोचने पर मुझे लगा कि यह बहुत बुरी बात नहीं होगी अगर वो किसी और आदमी के साथ सेक्स का अनुभव कर सके! अगर मैं कई लड़कियों के साथ सेक्स कर सकता हूँ, तो वो भी कर सकती है। मुझे यकीन है कि कई महिलाएं ऐसा अनुभव लेना चाहती होंगी। कम से कम मेरी बीवी मुझसे इस बारे में खुले रूप से बातें कर रही थी। मुझसे कुछ छुपा नहीं रही थी। इसलिए इस बात को उसकी बेवफाई नहीं माना जा सकता।

“क्या सोच रहे हो हनी?” उसने डरते हुए पूछा।

“सोच रहा हूँ!”

उसने कुछ देर कुछ नहीं कहा; मैंने भी कुछ देर कुछ नहीं कहा।

“हनी, आई विल ओनली डू इट अगर आप बुरा न मानें! बिना आपकी इज़ाज़त के मैं कुछ नहीं करूँगी! आई लव यू! एंड आई विल नेवर चीट ऑन यू!” उसने जोड़ा।

“तुम समझती हो न डेवी, कि मेरे लिए यह करना बहुत कठिन होगा... मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! और मेरे लिए तुमको किसी और से शेयर करना बहुत मुश्किल होगा!”

“मैं जानती हूँ। और मैं इसे हमेशा नहीं करना चाहती! बस एक बार... मुझे जो चाहिए, वो आप दे रहे हैं मुझे! मुझे बस एक और बार एक्सपीरियंस करने का मन है... अगर आपको ठीक लगे, तो! अगर आपकी इज़ाज़त हो तो!”

“और अगर मैं परमिशन न दूँ तो?”

“तो मैं इस बारे में सोचूँगी भी नहीं!” उसने संजीदगी से कहा, “मेरा प्रॉमिस है ये!”

मैंने कुछ देर उसकी तरफ देखा, और फिर उसका मुँह चूम लिया।

“सोचते हैं!” मैंने कहा।

हमने कुछ देर और बातें की और फिर अपने सम्भोग की थकावट के कारण हम आखिरकार एक-दूसरे की बाहों में सो गए। वैसे भी काफी रात हो गई थी। कुछ घंटों बाद मेरी नींद टूटी तो मैं बाथरूम जाने के लिए उठा। जब मैं वापस लौटा तो मैंने देखा कि डेवी की चादर आधी उघड़ी हुई है। यह जानते हुए कि वो उसके नीचे पूरी तरह से नग्न है, मैं फिर से उत्तेजित हो गया। मैंने बिस्तर में आराम से लेटा, और फिर उसकी गर्दन से शुरू कर के धीरे-धीरे उसके स्तनों तक चूमना गुदगुदाना शुरू कर दिया। डेवी मुस्कुराते हुए उठी और प्रत्युत्तर में मुझे भी चूमने लगी। अगले डेढ़ घंटे तक हमने दो बार सम्भोग किया, और चूर हो कर फिर से सो गए!

**
विवाह की तैयारियों और विवाह का वर्णन बहुत ही सुंदर था। जयंती का कैमरे के लिए छेड़ना भी मनोरंजक था। क्या डेबी की फैंटेसी या इच्छा, दोनो के वैवाहिक जीवन पर असर डालेगी, क्या इससे दोनो का प्रेम और वैवाहिक जीवन समाप्त तो नही हो जायेगा। लगता है कुछ ऐसा ही है या फिर डेबी के मन में कुछ और ही चल रहा है। कुछ रहस्मयी सा लग रहा है।
 

Choduraghu

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नया सफ़र - विवाह - Update #6


डेवी गुदगुदी से आहत होते हुए चिल्लाई, “अरे, इतनी ज़ोर से नहीं। आह हा हा हा! बस बस! गुदगुदी होती है।”

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया, और फिर धीरे धीरे से उसके चूचकों को चूसने लगा।

“ओ मेरा बच्चा! पियो! हाँ! ऐसे ही! इनको प्यार से चूसो!” वो बड़बड़ा रही थी।

और मैंने आनंद से उसका स्तनपान कर रहा था। स्तनपान के दौरान मुझे एक आईडिया आया - मैंने उसके दोनों स्तनों को आपस में दबा कर कुछ ऐसा सेट किया कि उसके दोनों चूचक एक साथ हो जाएँ। फिर मैंने उसके दोनों चूचकों को एक साथ चूसा। डेवी फौरन ही पागल जैसी हो गई। उसके कूल्हे, मेरे लिंग पर एक अनियंत्रित पैटर्न में मचलने लगे। यह तो एक अद्भुत रहस्योद्घाटन था!

“क्या तुम्हारे निपल्स का तुम्हारी चूत के साथ कोई सीधा कनेक्शन है?” मैंने उसको छेड़ते हुए कहा।

डेवी शर्म से लाल हो गई और फिर हँस पड़ी, “हा हा! हो सकता है!” उसने कहा, “पर ये भी तो पॉसिबल है ना, कि तुमने इतने दिनों में कोई नया कनेक्शन बना दिया हो? हम्म?”

मुझे उसका ये जवाब पसंद आया! मैंने चूसना जारी रखा।

“तुम इतने प्यार से मेरे निपल्स को चूसते हो... मैं तो दीवानी हो गई हूँ तुम्हारी!”

फिर उसने मेरे लिंग को पकड़ लिया, और उसे ऐसे पकड़ लिया, मानो उसे पकड़ कर ही उसको सारी खुशी मिल रही हो! और इस बात का अनुभव मैं पहले भी कर चुका हूँ - काजल, गैबी, और अब डेवी - तीनों का ही एक ही जैसा रिएक्शन!

“मुझे ये बहुत पसंद है! कितना मोटा और लंबा!” उसने मेरे लिंग की प्रशंसा की और फिर मेरे सामने घुटने टेक दिए, “मैं इसको इतना प्यार करूँगी, कि आपको जन्नत का मजा आ जाएगा।”

उसने मेरे लिंग को नीचे से लेकर ऊपर तक चाटा, फिर शिश्नाग्र पर उसके अपनी जीभ अच्छी तरह फिराई। फिर उसने उसको अपने मुँह में भर लिया! आह - वो गर्म गीला एहसास! उसने मेरे नितम्बों को पकड़ कर मुझे एक तरह से स्थिर कर दिया, और फिर मेरे लिंग की लम्बाई पर अपना मुँह ऊपर-नीचे करने लगी।

“हनी, इसमें से कुछ निकल रहा है!” उसने लिंग से निकलते हुए प्री-कम को चाट कर कहा, और फिर से मेरे लिंग को मुख-मैथुन देने लगी।

मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाते हुए पूछा, “तुमको कैसा लग रहा है, डेवी?”

“मेरे हस्बैंड, मैं तो तुम्हारे पीनस की दीवानी हूँ! जब ये मेरे अंदर बाहर स्लाइड करता है न, तो मुझे बहुत सेक्सी लगता है।” वो बोली, और फिर फुसफुसाते हुए आगे बोली, “आई ऍम वैरी हॉर्नी हनी! माय पुसी इस वेट!”

इतना बोल कर वो वापस मेरे लिंग को मुख-मैथुन का आनंद देने लगी। वो मेरे नितम्बों को पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच रही थी, तो मैं भी प्रोत्साहित हो गया। एक बिंदु पर मेरी उत्तेजना मेरे नियंत्रण से बाहर हो गई, और मैंने अपने कूल्हों को उसके मुंह में धकेल दिया - जैसे मैं उसके मुँह से ही सेक्स करने वाला होऊँ! गलती से मेरा लिंग उसके गले की गहराई तक चला गया और डेवी को खाँसी आने लगी। हमारा फोरप्ले कुछ देर के लिए रुक गया।

पानी पी कर जब डेवी कुछ संयत हुई तो बोली, “हनी, मेरी चूत में आग लग गई है। अब अंदर आ जाओ प्लीज!”

बस, इसी बात का तो इंतज़ार था मुझे! मैं उठा, और फिर देवयानी को वापस बिस्तर पर लिटाया! उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा।

“आराम लेट जाओ... अब शुरू करते हैं!” मैंने कहा।

देवयानी की मुस्कान चौड़ी हो गई, “ओह! आई कांट वेट टू बी फक्ड फॉर द फर्स्ट टाइम एस अ मैरीड वुमन!”

उसने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दीं, जिससे मुझे उसके अंदर प्रवेश करने में आसानी रहे। मैं उसके ऊपर कुछ इस तरह आ गया कि मेरे शरीर के ऊपरी हिस्से का भार मेरी बाहों पर रहे, और निचले हिस्से, ख़ास तौर पर नितम्बों का भार डेवी की श्रोणि पर रहे। फिर मैंने अपने घुटनों से उसकी जाँघों को और फैलाया, और उसके अंदर प्रविष्ट हो गया। मेरे लिंग का अगला हिस्सा उसकी योनि की गर्म, गीली सुरंग में सरसराते हुए प्रविष्ट हो गया। दो तीन धक्कों में ही मेरा लिंग पूरी तरह से उसके अंदर सुरक्षित हो गया।

इस अचानक हुई घुसपैठ के कारण डेवी कामुकता से चिहुँक लगी! लेकिन जब मैं पूरी तरह से उसके अंदर आ गया, तो वो आनंद से कराह उठी। उसका भगशेफ मेरी श्रोणि से रगड़ खा गया था। मुझे पता था कि डेवी भी मुझे ग्रहण करने के लिए तत्पर थी, और और वो उसकी चिहुंक दर्द के कारण नहीं, मेरे अकस्मात् प्रवेश के आश्चर्य के कारण निकली थी। आज से पहले मैं धीरे धीरे कर के उसके अंदर जाता था। लेकिन आज तुरंत ही चला गया। मैंने जल्दी ही मैथुन की एक तेज गति स्थापित की और डेवी को भोगने लगा। उधर डेवी ने मुझे अपनी गहराई के अंदर तक जाने देने के लिए, अपने पैर ऊपर कर लिए। यह कोई काव्यात्मक प्रेम-सम्बन्ध नहीं था, बल्कि एक पाशविक मैथुन क्रिया थी! यह एक अद्भुत कामुक जुनून था, जिसे केवल हम दोनों महसूस कर रहे थे और इस समय जी रहे थे।

सम्भोग के दौरान डेवी आनंद से कराहती रही, और लगातार मुझे प्रोत्साहित करती रही। उसने अपने पैरों को लगातार ऊपर कर रखा था दो, जिससे मैं ठीक से, निर्बाध अपनी काम पिपासा पूरी कर सकूँ। मैंने भी बिना रुके हुए तब तक धक्के लगाना जारी रखा, जब तक मेरा खुद का ओर्गास्म बनने लगा। मुझे समझ आ गया कि मैं और अधिक समय तक नहीं टिक पाऊँगा।

“डेवी, आई ऍम कमिंग!” मैंने हाँफते हुए कहा।

वह मुझ पर दिव्य रूप से मुस्कुराई, “यस हनी! यस! कम... एजाकुलेट इनसाइड मी! काम को पूरा करो!”

यह कहते हुए कि उसने मुझे चूमा - बेहद लुभावने अंदाज़ में - उसने मेरी जीभ को अपने होठों से चूस कर मुझमें सांस ली! यह एक बेहद कामुक क्रिया थी! ऐसा लगा कि जैसे उसके इस कामुक चुम्बन ने किसी ट्रिगर का काम किया हो! अगला धक्का मैंने जैसे ही लगाया, मैं पूरी तरह से डेवी की योनि के अंदर तक चला गया, और उसी समय मेरे अंदर जमा वीर्य का गोला, एक विस्फोट से साथ बाहर निकल पड़ा। मेरे उत्सुक शुक्राणु मेरे लिंग की लंबाई से तेजी से निकलते हुए, देवयानी की योनि की गर्म, गुलाबी सुरंग की रेशमी गहराइयों में जा बैठे! ये उनका नया घर था! मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे इच्छा रुपी बिच्छू ने डंक मार दिया हो - मैं अपनी देवयानी को हमेशा चूमना चाहता था, और चाहता था कि हमेशा ही मेरे लिंग से वीर्य निकल निकल कर उसकी योनि में समाहित होता रहे! उधर, जैसे ही डेवी ने मेरे स्खलन को महसूस किया, वो खुद भी इस प्रथम सम्भोग की दूसरी रति-निष्पत्ति को पा बैठी! मैं उसकी गर्म, आरामदायक सुरंग में स्खलित होता रहा, क्योंकि उसकी चरम आनंद प्राप्त करती योनि की दीवारों ने मेरे लिंग को निचोड़ना शुरू कर दिया था। उसकी योनि की गर्माहट के संकुचन ने मुझे सामान्य से बहुत देर तक स्खलन का सुख लेने दिया। लेकिन देर तक ओर्गास्म का आनंद पूरे शरीर को निढाल कर देता है। अब मैं सीधा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। थक कर मैं उसके धौंकनी की तरह चलते हुए सीने पर गिर पड़ा। इस समय हम दोनों ही पसीने से तर-ब-तर थे, और अपने श्रमसाध्य सम्भोग की तीव्रता के कारण भारी साँसे ले रहे थे।

कुछ देर सुस्ताने के बाद डेवीने कहा कि आज की रात एक बार सेक्स करना काफी नहीं था! वो मुझसे बार-बार सम्भोग करना चाहती थी - आज की रात कई बार! हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे, और प्यार और वासना की बातें करते रहे। डेवी की बाहों में होना, उसको अपने आलिंगन में बाँध कर रखना, उसके साथ सम्भोग करना, उसे चूमना और उसकी सेक्सी आवाज़ सुनना - यह सब बहुत दिव्य था!

थोड़ी ही देर में मैं फिर से स्तंभित हो गया, और डेवी के मन की मुराद पूरी करने लगा। उसने अपने पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया, और हमने इस बार फिर से, धीमी, और कम तीव्रता से सम्भोग किया। सम्भोग करने का तरीका अलग था, लेकिन पहले वाले के ही जितना आनंद इस बार भी आया - क्योंकि यह दीर्घकालीन सम्भोग था। मेरे स्खलन होने से पहले देवयानी दो और बार स्खलित हुई। जब वो तीस्री बार स्खलित हो रही थी, तब उसकी योनि की दीवारें, मेरे लिंग को बेहद कामुक रूप से मेरे लिंग को निचोड़ने लगीं। जैसे, वो चाहती हों, कि मैं अपनी संपत्ति उसके अंदर जमा कर दूँ! कहने वाली बात नहीं है, कि उस समय मैंने अपनी सुहागरात का दूसरा स्खलन प्राप्त किया।

अपनी नवविवाहित पत्नी से सम्भोग करना एक बेहद आश्चर्यजनक, लगभग दिव्य अनुभव होता है!

हमारे अब तक के सम्बन्ध में ये सबसे गर्म, और सबसे कामुक दो सम्भोग रहे थे। और दोनों ही हमारे विवाहित होने के बाद हुए थे। मतलब विवाहित होने से कामुक अंतरंगता बढ़ जाती है! संभव है! पहले भी हमको आनंद आता था, लेकिन इस समय का मज़ा कई गुणा अधिक था। मुझे लगता है कि हमको ऐसा अनुभव इसलिए हुआ था, क्योंकि नवविवाहित जोड़े, विवाहित जीवन की चिंताओं से ग्रस्त नहीं होते हैं! और शायद इसीलिए वो सेक्स का भरपूर आनंद उठा पाते हैं।

जब हम थोड़ा संयत हुए, तो डेवी ने मुस्कुराते हुए मुझे अपने में भींच लिया और बोली,

टेल मी मिस्टर सिंह,”

आस्क अवे, मिसेज़ सिंह?”

हाऊ मैनी पुस्सीज़ हैव यू फक्ड सो फार?”

‘क्या बात है! डेवी गन्दी गन्दी बातें कर रही थी।’

डेवी बहुत ही साफ़-सुथरी महिला थी - भाषा से भी - मैंने उसको कभी गाली-गलौज करते, या बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते नहीं सुना था। तो उसका इस समय का वार्तालाप दिलचस्प था।

“हम्म्म... लेट अस सी...” मैंने गिनने का नाटक किया, “... और... तुम...”

अपना नाम सुन कर वो मुस्कुराई।

“हम्म... ओके! हाँ! चार लड़कियाँ! तुमको मिला कर!” मैं उसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए रुक गया, लेकिन उसने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी - वो बस मुस्कुराई!

“और मैं आपको बता दूँ... तुम्हारी पुस्सी सबसे बढ़िया है!”

“हम्म... मक्खन लगा रहे हो?”

“नहीं, मक्खन तो डाल चुका हूँ! तुम्हारे अंदर!”

उसने मुझे कोहनी मारी।

“आऊ!”

“आप बहुत नटखट रहे हैं, मिस्टर सिंह।”

“मैं क्या कह सकता हूँ, मेरी जान?” मैंने विनम्र होने का नाटक करते हुए कहा, “मैं लड़कियों के मामले में बहुत लकी रहा हूँ! एक से बढ़ कर एक शानदार लड़कियाँ मिली हैं मुझे!”

“सबसे पहली वाली के बारे में बताओ?”

मैंने देवयानी को रचना के बारे में बताया! कैसे हमने माँ का स्तनपान एक साथ किया, कैसे माँ उसको अपनी बहू बनाना चाहती थीं, और कैसे हमने अपने पहले सेक्स का अनुभव एक साथ किया।

“अच्छा जी! तो आप उतनी ही उम्र में बदमाश हो गए थे!”

“अरे यार! उतनी उम्र में तो मेरी माँ, मेरी माँ भी तो बन गई थीं!” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने मुझसे कुछ पूछा, तो मैं बता रहा हूँ!”

डेवी भी मुस्कुराई, “मम्मी इस वैरी स्वीट! आई कांट बिलीव दैट वी हैव बिकम सच गुड फ्रेंड्स इन सच फ्यू डेज!”

“हाँ! वो हैं स्वीट!” फिर मुझे कुछ याद आया, “अच्छा, आज वो ‘यूनिफार्म’ वाला आईडिया किसका था?”

“हा हा हा! यूनिफॉर्म! वो आईडिया था दीदी का! काजल दीदी का!”

डेवी के मुँह से काजल के लिए ‘दीदी’ वाला सम्बोधन सुन कर मुझको बहुत अच्छा लगा।

“उन्होंने जयंती दी से कहा कि क्यों न तीनों ‘बहनें’ एक जैसी साड़ी पहन कर शादी में आएँ!”

“हा हा हा! बहुत अच्छे!” मैंने विनोदपूर्वक कहा, “बढ़िया था!”

“तुमको अच्छा तो लगा न डेवी? ऐसा तो नहीं लगा न कि फ़ीका फ़ीका हो गया सब?” मैंने पूछा।

“अरे नहीं यार! हम दोनों ने ही तो डिसाइड किया था न कि ऐसे करेंगे! और कल रात तो मस्ती होनी है खूब!” उसने उत्साह से कहा।

“हाँ! वो तो है!”

फिर हम दोनों कुछ देर के लिए चुप हो गए।

“हनी?”

“हाँ?”

“मैंने तुमसे अपनी फैंटसी शेयर करी थी न?”

“हम्म!” हाँ, याद था मुझे!

“तो,” उसने प्यार से मेरी छाती को सहलाया, और बड़ी मिठास से बोली, जैसे अक्सर छोटे बच्चे करते हैं, जब वो अपने बड़ों से कुछ चाहते हैं, “विल इट बी टू बैड इफ आई कैन आल्सो हैव सेक्स विद समवन एल्स?”

किसके साथ?”

हाँ, देवयानी की फंतासी! बड़ी अनोखी फंतासी थी। और मुझे लग रहा था कि वो केवल फंतासी है - वो उसको साकार नहीं करना चाहती होगी। सच कहूँ, तो मुझे अपनी पत्नी को किसी अन्य आदमी के साथ शेयर करने के विचार से ही नफरत थी। मैं बाहर चाहे जितना दम भरूँ, अंदर से तो देसी आदमी ही हूँ! अपनी बीवी किसी और के साथ! न बाबा न! देवयानी ने भी मेरी आवाज में नाराजगी जरूर सुनी होगी, लेकिन वो मुझे बताना चाहती थी कि उसके मन में क्या है। और उसकी सच्चाई की मुझे बेहद क़द्र थी। अगर मेरी बीवी अपने मन की बातें मुझसे नहीं कर सकती, तो फिर किससे कर सकती है?

“आई डोंट नो... ऐसा कोई है नहीं। ... बस कोई ऐसा हो हू कैन कीप मी एंड अस सेफ एंड रेस्पेक्ट अस !”

“हम्म... तो,” मैंने बात की गंभीरता को हल्का करने की कोशिश की, “तुम्हारी ये छोटी सी चूत एक और लण्ड चाहती है?” मैंने उसे छेड़ा, और उसकी योनि में अपनी उँगली डाल दी।

डेवी इस अकस्मात् प्रहार से चिहुँक गई। फिर संयत हो कर बोली,

“हनी, यहाँ ‘चाहने’ जैसा कुछ नहीं है! मैं बस एक ‘और’ बार इसको एक्सपीरियंस करना चाहती हूँ!” उसने सच्चाई से कहा, “बस इतना ही हनी!”

हाँ, सालों पहले देवयानी का किसी से अफेयर तो था - उसको सेक्स का भी अनुभव मिला था।

मैंने तुरंत तो कुछ नहीं कहा, और बस सोचा कि डेवी अनुभव क्या करना चाहती है। कुछ देर सोचने पर मुझे लगा कि यह बहुत बुरी बात नहीं होगी अगर वो किसी और आदमी के साथ सेक्स का अनुभव कर सके! अगर मैं कई लड़कियों के साथ सेक्स कर सकता हूँ, तो वो भी कर सकती है। मुझे यकीन है कि कई महिलाएं ऐसा अनुभव लेना चाहती होंगी। कम से कम मेरी बीवी मुझसे इस बारे में खुले रूप से बातें कर रही थी। मुझसे कुछ छुपा नहीं रही थी। इसलिए इस बात को उसकी बेवफाई नहीं माना जा सकता।

“क्या सोच रहे हो हनी?” उसने डरते हुए पूछा।

“सोच रहा हूँ!”

उसने कुछ देर कुछ नहीं कहा; मैंने भी कुछ देर कुछ नहीं कहा।

“हनी, आई विल ओनली डू इट अगर आप बुरा न मानें! बिना आपकी इज़ाज़त के मैं कुछ नहीं करूँगी! आई लव यू! एंड आई विल नेवर चीट ऑन यू!” उसने जोड़ा।

“तुम समझती हो न डेवी, कि मेरे लिए यह करना बहुत कठिन होगा... मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! और मेरे लिए तुमको किसी और से शेयर करना बहुत मुश्किल होगा!”

“मैं जानती हूँ। और मैं इसे हमेशा नहीं करना चाहती! बस एक बार... मुझे जो चाहिए, वो आप दे रहे हैं मुझे! मुझे बस एक और बार एक्सपीरियंस करने का मन है... अगर आपको ठीक लगे, तो! अगर आपकी इज़ाज़त हो तो!”

“और अगर मैं परमिशन न दूँ तो?”

“तो मैं इस बारे में सोचूँगी भी नहीं!” उसने संजीदगी से कहा, “मेरा प्रॉमिस है ये!”

मैंने कुछ देर उसकी तरफ देखा, और फिर उसका मुँह चूम लिया।

“सोचते हैं!” मैंने कहा।

हमने कुछ देर और बातें की और फिर अपने सम्भोग की थकावट के कारण हम आखिरकार एक-दूसरे की बाहों में सो गए। वैसे भी काफी रात हो गई थी। कुछ घंटों बाद मेरी नींद टूटी तो मैं बाथरूम जाने के लिए उठा। जब मैं वापस लौटा तो मैंने देखा कि डेवी की चादर आधी उघड़ी हुई है। यह जानते हुए कि वो उसके नीचे पूरी तरह से नग्न है, मैं फिर से उत्तेजित हो गया। मैंने बिस्तर में आराम से लेटा, और फिर उसकी गर्दन से शुरू कर के धीरे-धीरे उसके स्तनों तक चूमना गुदगुदाना शुरू कर दिया। डेवी मुस्कुराते हुए उठी और प्रत्युत्तर में मुझे भी चूमने लगी। अगले डेढ़ घंटे तक हमने दो बार सम्भोग किया, और चूर हो कर फिर से सो गए!

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Bahut hi shandar update hai sir
 
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विवाह की तैयारियों और विवाह का वर्णन बहुत ही सुंदर था। जयंती का कैमरे के लिए छेड़ना भी मनोरंजक था। क्या डेबी की फैंटेसी या इच्छा, दोनो के वैवाहिक जीवन पर असर डालेगी, क्या इससे दोनो का प्रेम और वैवाहिक जीवन समाप्त तो नही हो जायेगा। लगता है कुछ ऐसा ही है या फिर डेबी के मन में कुछ और ही चल रहा है। कुछ रहस्मयी सा लग रहा है।

प्रेम है, इसीलिए तो अपने मन की बातें बताने की हिम्मत हुई देवयानी को।
वैसे हर 'मन की बात' करने वाला व्यक्ति आपसे प्रेम नहीं करता - यह समझना ज़रूरी है। :tongue:
खैर, आगे की बातें आगे देखेंगे!
 

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juhi gupta

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कोई भी शब्द नहीं है इन दोनों अपडेटस की तारीफ़ के लिए ।अच्छा लिखते हैं आप कितनी बार यह कहना पड़ेगा ।अक्षरों से किस तरह से खेला जाता है आपको पता है लेकिन लिखने में आप सेक्स को जिस तरह से बयां करते हैं सभी उसकी भावनाओं में बह जाते हैं ।आप की सभी कहानियों को कई कई बार पढा है और उनको पढ़कर मै हमेशा विचलित हुई हू ।क्यों लिखा आपने सुहाग रात का ऐसा वणृण?आप नहीं समझते कि हम सभी भी इसी तरह अपने अतीत में चले जाते हैं हमको भी सब वो चीज़ें याद आती है ।आपके कई अपडेटस सेक्स में मेरे लिए मददगार होते हैं,लेकिन अब नहींअब नहीं , मै नही पढूगी आपकी कोई कहानी
 
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