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Romance मोहब्बत का सफ़र [Completed]

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avsji

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प्रकरण (Chapter)अनुभाग (Section)अद्यतन (Update)
1. नींव1.1. शुरुवाती दौरUpdate #1, Update #2
1.2. पहली लड़कीUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19
2. आत्मनिर्भर2.1. नए अनुभवUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3. पहला प्यार3.1. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह प्रस्तावUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21
3.3. पल दो पल का साथUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
4. नया सफ़र 4.1. लकी इन लव Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15
4.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
4.3. अनमोल तोहफ़ाUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
5. अंतराल5.1. त्रिशूल Update #1
5.2. स्नेहलेपUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10
5.3. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24
5.4. विपर्ययUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
5.5. समृद्धि Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20
6. अचिन्त्यUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28
7. नव-जीवनUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5
 
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पहला प्यार - विवाह प्रस्ताव - Update #1


गैबी से शादी करने की संभावना और इच्छा, बेहद रोमांचक और सुकून देने वाली थी। बेशक, जीवन के इतने बड़े फैसले लेने के लिए अक्सर समय और बहुत विश्वास की आवश्यकता होती है, लेकिन मुझे गैबी से शादी करने का फैसला लेने में कोई समय नहीं लगा। मुझे ऐसा लगता कि जैसे उसके साथ रहना उतना ही स्वाभाविक, और उतना ही प्राकृतिक है जितना कि साँस लेना! साथ ही साथ माँ और डैड की गैबी को लेकर अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मेरा इस फैसले के प्रति भरोसा, और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफ़ी था। माँ और डैड रोज़ शाम को उससे फ़ोन पर बात करते और पूछते कि उसका दिन कैसा गुजरा, उसका पीएचडी का काम कैसा चल रहा है, क्या खाया, क्या पकाया, क्या किया, इत्यादि। गैबी भी उन वार्ताओं में बड़े उत्साह से भाग लेती थी - और हर शाम अपनी ‘मम्मी’ [माँ] से बात करने के लिए वो उत्सुक रहती थी! तो, दिवाली से कुछ रोज़ बाद ही मैंने सोच लिया कि मैं गैबी से ही शादी करूंगा और जल्द ही करूंगा! बिना वजह इस कार्य में देर करने का कोई लाभ नहीं है।

मैंने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया।

एक शनिवार की सुबह, जब मैं उठा, तो मेरे पेट में गुड़गुड़ाहट हो रही थी। मैंने जल्दी से तरोताजा होने और नाश्ता करने का फैसला किया। मैं जब अपने दाँत ब्रश कर रहा था, काजल आ गई और रसोई में काम करने लगी। मैंने गैबी को जगाया [वो आज कल देर रात तक काम कर रही थी] और उसे जल्दी से नाश्ता करने के लिए तैयार होने को कहा। मैं आमतौर पर इस तरह की ज़ोर जबरदस्ती नहीं करता, इसलिए गैबी को भी मेरी हरकतों पर हैरानी हुई। लेकिन उसने कोई ना-नुकुर नहीं की। जल्दी ही, काजल ने हमारे लिए चाय के साथ नाश्ता परोसा, जिसे हमने खुशी-खुशी खा लिया। बाजार में जल्द ही दुकानें खुलेंगी, और मैं सबसे पहले ही अपनी ख़रीददारी निबटा लेना चाहता था। नाश्ता कर के, तैयार हो कर, मैं और गैबी पास के बाजार में खरीददारी करने निकल पड़े।

जब हम बाजार पहुंचे तो वहाँ दुकानें अभी खुलने की प्रक्रिया में ही थीं। सप्ताहांत में व्यापार की शुरुवात धीमी हो सकती है, लेकिन लेकिन व्यापार होता बहुत है। अभी सुबह सुबह ही थी, फिर भी, बाज़ार अभी से ही लोगों से भरा हुआ था! सप्ताहांत में ऐसा ही होता है - ग्राहक जल्दी जल्दी अपना काम निबटा कर घर पर आराम करना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि गैबी को मेरे प्लान के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं था कि हम वहाँ क्यों आए थे। वो सुबह अपने रिसर्च पर कुछ काम खत्म करना चाहती थी, लेकिन मेरे कहने पर वह मेरे साथ चली गई - कभी कभी बदलाव भी अच्छा रहता है। करीब दस मिनट चलने के बाद हम एक कपड़ों की दुकान पर रुके। यह कपड़ों की एक छोटी सी दुकान थी, और उन्होंने सामान को स्टाइल और मटेरियल के अनुसार सजाया हुआ था। मुझे यह पता था कि वे विश्वसनीय सामान के विक्रेता थे, और इसीलिए तो मैं यहाँ आया था।

मैं आज गैबी के लिए, उसकी शादी का जोड़ा खरीदना चाहता था!!

मैंने दुकानदार को एक तरफ ले जा कर अपनी स्थिति के बारे में बताया, और उसको समझाया कि मुझे अपनी होने वाली बीवी के लिए शानदार शादी का जोड़ा सिलवाना है। लेकिन यह सब बड़ी जल्दी जल्दी में हो रहा है, और मैं पूरी तरह से उसी पर निर्भर हूँ। दुकानदार बहुत दयालु किस्म का आदमी था, और वो ख़ुशी ख़ुशी हमारी सेवा करने के लिए तत्पर हो गया - भारतीय विक्रेताओं में मैंने अक्सर एक ‘हायर पर्पस’ देखा है। विक्री, और लाभ के साथ साथ अक्सर उनमे समाज-सेवा वाला भाव भी देखने को मिलता है। अब जैसी इसी दुकानदार को लीजिए - किसी का घर बसाने में उसका छोटा सा ही सही, लेकिन एक योगदान तो है ही न? कपड़ों को देखते और चुनते हुए, मैंने गैबी को समझाया कि मैं उसके लिए एक लहंगा और चोली खरीदने जा रहा हूँ, और फिर उसको उस पोशाक के बारे में समझाया! भारत में मुस्लिमों के आगमन और आधिपत्य के बाद से लहंगा और चोली का चलन शुरू हुआ, और मुगल काल तक आते आते यह एक शाही महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला पोशाक बन गया। अब यही शाही पोशाक, अधिकतर भारतीयों के लिए एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है - ख़ास तौर पर शादी के दौरान! हमने कई सारे कपड़े देखे और अंत में, हम दोनों को गुलाबी और हरे रंग का एक लहंगा बहुत पसंद आया। मैं चाहता था कि यह पोशाक गैबी के फिगर को निखारे और उस पर सेक्सी लगे। तो दुकानदार ने पेटीकोट के लिए एक बहुत हलके कपड़े का और चोली के लिए उसी से मिलते इनर लाइनिंग का सुझाव दिया।

दर्ज़ी भी उसी दुकान पर बैठता है - उसने तुरंत ही गैबी के विभिन्न माप लिए और हमको लहंगा और चोली की डिज़ाइन का एक मोटा सा कैटलॉग दिखाया। बड़े विचार विमर्श के बाद, हमने एक बढ़िया सी डिज़ाइन चुनी - ऐसी जो बाद में ऐश्वर्या राय ने फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में पहनी! गैबी के फिगर पर वो डिज़ाइन बहुत अधिक फबती! दर्ज़ी ने हमको तीन से चार घंटे बाद आने को कहा। उसके पास अभी कोई ख़ास अधिक काम नहीं था, और मैं उसको सिलाई के पैसे भी अधिक दे रहा था। लिहाज़ा मेरा आर्डर वो प्राथमिकता पर पूरा कर के देने वाला था। मैंने लहंगा और चोली के कपड़ों का पैसा दिया, दर्ज़ी को अग्रिम राशि दी, और फिर वहाँ से निकल गए। वहां से हम एक एक ब्रांडेड ज्वेलरी की दुकान पर गए, और गैबी से एक अंगूठी चुनने को कहा। अब तक वो सब बातें समझ तो चुकी थी, लेकिन फिर भी जान बूझ कर अंजान बन रही थी। मैंने भी नाटक जारी रखते हुए उससे केवल इतना ही कहा कि यह अंगूठी उसके लिए मेरा शादी का तोहफा है। उसने एक साधारण सी [अधिक महंगी नहीं], लेकिन सुन्दर दिखने वाली अंगूठी चुनी। उसने अपनी उंगली पर पहनने की कोशिश भी की - बिल्कुल सही फिटिंग! मैंने अंगूठी का पैसा चुकाया, और अंगूठी उठा ली। इस पूरी खरीदारी में समय कुछ अधिक लग गया, इसलिए हमने अपना दोपहर का भोजन बाहर किया। खाने के लिए हमने दो मारवाड़ी थाली मँगाई - बहुत स्वादिष्ट! गैबी बहुत से पकवान आजमाना चाहती थी, लेकिन उसका पेट थोड़े से भोजन से ही भर गया - सारी प्यालियों में जो जो व्यंजन थे, उसको ही खा कर गैबी का पेट भर गया। वापस आते आते मैंने लहंगा और चोली सेट उठाया - जो अब तैयार हो गया था - और अंत में, हम घर वापस आ गए।

आज सवेरे से ही मैं बहुत बढ़िया मूड में था, जो साफ़ दिख रहा था। तो अंततः गैबी से रहा नहीं गया और उसने पूछ ही लिया,

“मेरी जान, क्या बात है? आज बिलकुल अलग ही मूड में दिख रहे हो!”

मैंने उत्तर में गैबी को पीछे से अपने आलिंगन में भर लिया और उसकी भीनी भीनी खुशबू सूंघते हुए कहा,

“हनी, मुझे तुमसे कुछ पूछना है…”

“क्या, जान?”

“मिस गैब्रिएला सूसा, वुड यू लाइक टू स्पेंड द रेस्ट ऑफ़ योर लाइफ एस माय वाइफ?”

“क्या!!” गैबी मेरी तरफ़ घुमते हुए बोली - उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव साफ़ दिखाई दे रहे थे।

“क्या तुम मुझसे शादी करोगी, माय डिअर?”

“ओह गॉड! ओह गॉड! ओह गॉड! यस यस यस....!” उसकी आँखें गीली होती दिखाई दे रही थीं। उसका शरीर अभी से ही कम्पित होने लगा।

मैंने बस कुछ ही समय पहले खरीदी गई वो सुंदर सी अंगूठी को उसके पैकेट से निकाला, और गैबी के बाएँ हाथ की अनामिका पर पहना दिया। गैबी की आँखों से आँसू की बूँदें गिरने लगीं, लेकिन उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव दिख रहे थे। हमने एक दूसरे के होंठों पर देर तक चुम्बन लिया। आज गैबी और मेरा सम्बन्ध काफ़ी आगे बढ़ गया था, और उसमे एक स्वाभाविक गति आ गई थी!

हमारे समाज में अधिकतर शादियाँ माँ बाप ही तय करते हैं, इसलिए हमारे समाज में किसी लड़की को ऐसे ‘प्रोपोज़’ करना नौटंकी जैसा लगता है। हमारे समाज में सगाई (की रस्म) ज्यादातर इसलिए की जाती है कि फोटो और खाने पीने का इंतजाम हो सके। और इसका कोई महत्त्व नहीं है। लेकिन जिन समाजों में, ख़ासतौर पर पाश्चात्य समाजों में, किसी शादी में, माँ बाप प्रमुख मुद्दई नहीं होते, वहाँ ‘प्रोपोज़ करने’ का बड़ा महत्त्व है। प्रोपोज़ करना यह दर्शाता है कि लड़का लड़की अपने भविष्य को लेकर निश्चित हैं, और एक दूसरे के साथ ही जीवन बसर करना चाहते हैं। प्रोपोज़ करने के पहले की बातें थ्योरेटिकल होती हैं - इसलिए ‘इंगेज्ड’ स्टेटस का पाश्चात्य समाज में बड़ा महत्त्व है - लगभग उतना ही जितना ‘मैरिड’ स्टेटस का। इस हिसाब से देखा जाए, तो गैबी का आश्चर्य करना लाज़मी है। बिलकुल हम दोनों पति पत्नी बनना चाहते थे, लेकिन अब उस विचार में संशय का कोई स्थान नहीं था। अब सब पक्का हो गया था।

कुछ भावनात्मक घंटों के बाद, मैंने अपने कंपनी के मुख्य वकील को फोन किया, और गैबी से शादी करने की अपनी इच्छा के बारे में बताया। उन्होंने सबसे पहले तो मुझे मेरे फैसले पर बहुत सारी बधाइयाँ दीं, और फिर मेरी पूरी बात को ध्यान से सुना। फिर उन्होंने मुझे सिविल मैरिज की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर में शादी करने में भी कोई समस्या नहीं है, लेकिन मुझे मंदिर के पुजारी से हमारी शादी की रसीद लेनी होगी, और शादी के कम से कम तीन चश्मदीद गवाह और शादी की महत्वपूर्ण रस्मों (जैसे मंगलसूत्र पहनाना, सिन्दूर दान करना आदि) की विभिन्न तस्वीरें होनी चाहिए, जिसमे हमारे चेहरे ठीक से दिख रहे हों। उसके बाद हमको मैरिज रजिस्ट्रार के पास जा कर अपनी शादी का पंजीकरण आवेदन करना था, और यह किसी भी दिन किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि गैबी को जल्दी से जल्दी ब्राजील दूतावास से एक ‘नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ लेने के लिए आवेदन कर देना चाहिए। एक बार जब ‘नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ आ जाता है, तो ये सारे कानूनी काम जल्दी हो जाते हैं।

मैंने उनसे हमारे विवाह से सम्बंधित सारे कानूनी काम करवाने में हमारी मदद करने को कहा। वो एक मामूली सी फीस पर मेरी मदद करने पर राज़ी हो गए। बेशक, इस काम के लिए उनको गैबी की पृष्ठभूमि की जांच के लिए गैबी के घर के पते, जन्म विवरण, व्यक्तिगत रेफरेन्सेस [संदर्भ] के लिए गैबी के मित्रों के संपर्क, और ब्राज़ील में उसकी वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी की आवश्यकता थी। मैंने उसे अपनी ओर से औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा और उनको बताया कि हम एक सुन्दर से, छोटे से शादी समारोह की योजना बना रहे हैं। मुझे एक बच्चे की तरह व्यवहार करते हुए देखकर वो बहुत खुश हुए और बोले कि यही भोलापन अपने विवाहित जीवन में भी बरक़रार रखना। ऐसे ही प्रेम बढ़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनको सभी दस्तावेजों की प्रतियों की आवश्यकता होगी, और फिर वो बाकी सब देख लेंगे। मैंने इन सभी आवश्यक औपचारिकताओं और कागजी कार्यों को पूरा करने के लिए सोमवार को वकील के साथ बैठक के लिए समय ले लिया।

वकील से बात करने के बाद, हमने घर पर माँ और डैड को फ़ोन लगाया। वो शाम के लिए कहीं मौज मस्ती करने के लिए निकलने वाले थे। हमारे प्रोपोज़ करने की बात जान कर माँ और डैड इतने खुश हुए कि उसका शब्दों में बयान करना बहुत कठिन है। उन्होंने सारी जानकारी मांगी - क्या कहा, कैसे कहा, कोई गिफ्ट दिया या नहीं, इत्यादि। फिर उन्होंने शादी के प्लान के बारे में पूछा। मैंने सुझाव दिया कि गैबी और मैं, वास्तव में एक साधारण सा शादी समारोह करना चाहते थे - अगर हो सके, तो किसी पुराने, ऐतिहासिक मंदिर में, और केवल अपने बहुत करीबी परिवार और बहुत करीबी मित्रों के साथ। शादी के बाद हम अपने और मित्रों के लिए एक भव्य पार्टी का आयोजन कर सकते हैं। शुरू में तो उनको यह प्लान सुन कर थोड़ा खटका लगा, लेकिन फिर माँ और डैड को यह विचार बहुत पसंद आया! और उन्होंने कहा कि वे तुरंत ही हमारी शादी के लिए एक तिथि निश्चित करेंगे, और फिर हमारे पुश्तैनी गाँव या फिर अपने गृह-नगर में हमारे विवाह के लिए कोई ढंग का स्थान खोज लेंगे। मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और उनसे अनुरोध किया कि अगर हो सके, तो हम किसी एक प्राचीन मंदिर में शादी करना चाहेंगे।

इसके बाद, गैबी ने अपने कुछ बहुत करीबी दोस्तों को फ़ोन लगाया, और उन्हें बताया कि मैंने उसको प्रपोज कर दिया है, और उसने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट [स्वीकार] भी कर लिया है! फिर उसने उनसे ज़रूरी कानूनी कार्रवाई के लिए उनको समझाया, और उसने सारे काम करने में मदद माँगी। यह सब खबर सुन कर उसके सभी दोस्त बहुत उत्साहित थे, और वे हमारी मदद करके बहुत खुश थे।

अंत में, गैबी ने अपने घर पर फ़ोन लगाया।
 

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पहला प्यार - विवाह प्रस्ताव - Update #2


गौर करने वाली बात है कि उसे अपने घर पर फोन किए हुए कोई दो महीने हो चुके थे! उसकी पढ़ाई के साथ बहुत व्यस्त बहुत होने, और अपनी कॉलों पर मिलने वाली बिलकुल शुष्क प्रतिक्रिया के कारण शनैः शनैः, गैबी की घर पर फ़ोन करने की संख्या कम होती गई। और वो और, उसको इस बात पर भी आश्चर्य होता कि आज तक ब्राज़ील से उसके लिए कभी कोई कॉल नहीं आया। क्या उसके घर वाले उसे याद नहीं करते? चलो, कॉल नहीं तो न सही, लेकिन ई-मेल तो किया ही जा सकता था! वो सुविधा तो उपलब्ध है आज कल! लेकिन वो भी नहीं। आमतौर पर हम उम्मीद करते हैं कि इतने लंबे समय के बाद अपने बच्चों की आवाज़ सुनने पर उसके माता-पिता खुश होंगे। लेकिन गैबी के माता-पिता नहीं! उनके साथ अच्छी बातचीत करने या उनसे अपनी सगाई और अपने होने वाले विवाह पर किसी प्रकार की सुखद प्रतिक्रिया प्राप्त करने की गैबी के मन में जो भी थोड़ी बहुत आशा थी, वह लगभग तुरंत ही फीकी पड़ गई।

अबसे पहले तो उसकी माँ ने इतने लंबे अंतराल के बाद कॉल करने के लिए उसे लताड़ा, और वो बात जल्दी ही आरोप और प्रत्यारोप में बदल गई। कौन कॉल कर सकता था, अगर दूसरा नहीं कर सकता था इत्यादि। यह बहस जल्दी ही बदसूरत होना शुरू हो गई, और इससे पहले कि उनकी बहस उबलने लगती, मैं बीच कूद गया। मैंने आज से पहले कभी गैबी की माँ से बात नहीं की थी।

“हेलो मिसेज़ सूसा!” मैंने मुस्कुराते हुए बात करने की कोशिश की।

बड़ी गलती हो गई! उनसे बात नहीं करी थी, तो आज भी नहीं करनी चाहिए थी।

“ओह ... अच्छा तो आज कल तू इसको रखे हुए है!” गैबी की माँ ने बड़े तिरस्कार से मुझे चिढ़ाते हुए कहा।

हे भगवान! ये कैसी घटिया औरत है! दिल से घटिया, मन से घटिया, और भाषा में भी घटिया!! क्या गैबी जैसी सभ्य लड़की, सच में उसकी बेटी हो सकती है?

“माफ़ कीजिए?”

“तुम इंडियंस को गोरी चमड़ी इतनी पसंद आती है, कि उसके लिए तुम कुछ भी करोगे? हह!”

मैं चौंक गया। क्या यह औरत पागल हो गई है!? इतना घटियापन! इतनी नीचता! वो भी अपनी ही बेटी को ले कर!

“क्या कह कर अपने पास रखे हो उसको? क्या वायदा किया है? घर का? पैसों का? ताकि तुम हर दिन उसको चोद सको?”

(यह सभी बातें अंग्रेजी में बोली गईं थीं - और उनके अंदाज़ में उतना ही या उससे अधिक घटियापन था, जितना यहाँ पढ़ने में लग रहा है)

हे प्रभु! ये औरत कैसा बकवास कर रही थी! मैंने कई सारे घटिया, और ओछे लोग देखें हैं, लेकिन गैबी की माँ एक अलग ही दर्ज़े की घटिया औरत लग रही थी। अब मैं उसकी गन्दगी और नहीं ले सकता था। गैबी पहले ही रोने लगी थी। हमारे सारे के सारे खुशनुमा माहौल का पूरा सत्यानाश हो गया था! कितना परफेक्ट दिन जा रहा था आज का! और इस औरत ने उस पर ज़हर डाल दिया।

“एक मिनट! एक मिनट!” मेरी आवाज़ अचानक ही ऊँची और कड़क हो गई - आज तक मैंने किसी भी औरत से इस तरह से बात नहीं करी थी, “आप ऐसी गंदी, ऐसी घटिया औरत हैं कि मैं सोच भी नहीं सकता था! मैं आपकी इन वाहियात बातों को सुनने के लिए एक मिनट भी खड़ा नहीं हो सकता। मुझे आश्चर्य है कि गैबी आपको अभी तक बर्दाश्त कैसे करती आई है! आज आपसे बात करी है, लेकिन आप जान लें, कि मेरी आपके साथ यह आखिरी बातचीत है। गैबी केवल इतना चाहती थी कि वो आपको हमारी सगाई, और होने वाली शादी के हमारे फैसले के बारे में आपको बता सके। आप मुझे सुन रही हैं न? समझ आ रहा है न? हम शादी कर रहे हैं - हाँ, गैबी और मैं! मुझे लगा कि यह खबर आपके घटिया से जीवन के लिए कुछ अच्छा कर सकती है। इसलिए हम यह खबर आपसे शेयर करने लगे। लेकिन शायद मैं ग़लत था!”

मैंने आवेश में आ कर न जाने क्या क्या कहा, और सब कुछ कह कर, फोन काट दिया।

गुस्से, अविश्वास, और अपमान से मेरा सर घूम रहा था। मैं अभी तक गैबी के घर के नकारात्मक माहौल की केवल कहानियाँ ही सुन रहा था, लेकिन आज जब मैंने खुद उस नकारात्मकता से सामना किया तो उस जहर की मात्रा की थाह ही नहीं ले पाया! आखिर उसकी माँ की समस्या क्या थी? अगर गैबी के जीवन में कुछ अच्छा हो रहा था तो वो उसके लिए खुश क्यों नहीं हो सकती थी?

मैंने गैबी की तरफ देखा - वो बेकाबू होकर रो रही थी। वो अपनी माँ के अशिष्ट व्यवहार के लिए मुझसे क्षमा याचना कर रही थी। उस बेचारी का, उस घटिया औरत के व्यवहार के लिए क्या दोष? मैंने गैबी को अपने आलिंगन में लिया, और उसे शांत करने की कोशिश करने लगा। गैबी को शांत करने में मुझे बहुत समय और प्रयास लगा। लेकिन अंततः, वो कम से कम बाहर से शांत हो गई। लेकिन मुझे मालूम था कि वो अंदर ही अंदर रो रही थी। मैं उसको स्वांत्वना देने के लिए, उसको आलिंगनबद्ध किये ही उसके बालों को सहलाता रहा, और रह रह कर उसको चूमता रहा, और उसको शांत करने के लिए प्रेम भरे शब्द बोलता रहा। वो कितनी शांत हुई, कहना तो मुश्किल है, लेकिन मुझे थोड़ी राहत हुई जब मैंने देखा कि वो मेरे बाहों में ही सो गई। चलो, कम से कम कुछ शांति तो मिलेगी! मैंने देखा कि उसकी बाहों पर रोंगटे खड़े हो गए थे। आज कल हवा में ठंडक थोड़ी बढ़ रही थी। नवंबर बीत रहा था। मैं कुछ देर उसको ऐसे ही, अपनी बाहों में लिए रहा, ताकि गैबी गहरी नींद में सो जाए। जब वो गहरी गहरी साँसे भरने लगी, तब मैंने चुपके से गैबी को अपनी बाँहों में उठाया, और उसको अपने कमरे में ले गया। वहां मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसको कंबल से ढक दिया।

काजल उस रात घर कुछ देर से आई। जब उसने कॉल-बेल दबाई, तो गैबी चौंक कर उठ गई, और जोर-जोर से रोने लगी। मैंने दरवाज़ा खोला और जब काजल अंदर आई तो उसने गैबी का रोना सुना, और उसको चिंता हुई।

“क्या हुआ दीदी को?” उसने पूछा।

“कुछ नहीं। वो बस चौंक कर उठ गई है। बस इतना ही …”

काजल ने मुझे शक वाली नज़र से देखा। मेरे जवाब ने उसको शांत नहीं किया। वो सीधा मेरे कमरे में घुस गई। अंदर गैबी को एक नज़र देखते ही वो व समझ गई कि गैबी बहुत रोई थी। उसकी आँखें रोने से सूज गई थीं; उसके आँसू उसके नाक और गालों पर सूख गए थे। ये सब निशान किसी और ही तरफ संकेत कर रहे थे। मैं कमरे के अंदर नहीं गया; मैं पहले से ही उदास था, और गैबी को और रोते नहीं देखना चाहता था। लगभग दस या पंद्रह मिनट के बाद, काजल कमरे से बाहर आई और मुझे खतरनाक नजर से देखने लगी।

“तुमने उसके साथ क्या किया? उसको मारा है?” आज तक काजल ने मुझसे ऐसे बात नहीं करी थी।

“मारा? अरे नहीं काजल। मैंने आज गैबी को ‘प्रोपोज़’ किया था, और वो अपनी मम्मी को इसके बारे में बताना चाहती थी। लेकिन उन दोनों का झगड़ा हो गया, इसलिए गैबी दुखी है।”

“ओह…” काजल ने कहा, और फिर कुछ पलों के बाद उसे होश आया कि मैंने क्या कहा, “क्या? तुमने दीदी को प्रपोज किया? वाह! वाआआआआह!!!”

काजल स्पष्ट रूप से खुश थी। बहुत खुश! उसने मुझे किलकारी मारते हुए अपने गले से लगा लिया और मुझे कई बार चूमा। अंत में, वह खुशी-खुशी रसोई में अपना काम करने चली गई। गैबी उस समय तक उठ कर, बिस्तर से बाहर आ गई, और उसने काजल को मुझे चूमते हुए देख लिया। मैंने जब गैबी को उठा हुआ देखा तो उसका हाथ थाम कर, बाहर बालकनी में उसके साथ बैठ गया।

“गैबी, आई ऍम सॉरी, कि मैंने तुम्हारी माँ के साथ बदतमीज़ी की।”

“ओह! नहीं डार्लिंग! तुम सॉरी मत कहो। उनको तुमसे जो मिला, वो उसी के लायक है। उनको तुमसे इस तरह बात करने का कोई अधिकार नहीं है। मैं तुमको और तुम्हारे स्वभाव को जानती हूँ। सॉरी तो मुझको कहना चाहिए - क्योंकि मेरे कारण.... मेरी मम्मी के कारण तुमको ठेस पहुँची है। तुम्हारी बेइज़्ज़ती हुई है। इसलिए आई ऍम सॉरी!”

“मेरी गैबी! कृपया सॉरी मत कहो। आई ऍम योर फॅमिली नाउ! माँ और डैड दोनों ही तुमसे इतना प्यार करते हैं। तुमको तो वो अपनी बेटी ही मानते हैं।”

“यस, माय लव! मैं भी उनसे बहुत प्यार करती हूँ। माँ मुझसे बहुत प्यार करती हैं। डैड भी उतना कहते नहीं, लेकिन उनका सारा प्यार उनकी आँखों में दिखता है! और तुम बिलकुल सही हो, अब तुम सब ही मेरा परिवार हो… और मैं बहुत खुश हूँ - यह बात मैं जितनी बार भी कहूँ, कम है! सच में!!”

मैंने उसकी इस बात पर उसको चूम लिया! हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को चूमते रहे। जब हम अंत में हमने अपना चुम्बन तोड़ा, तो गैबी ने पूछा,

“हनी, क्या तुमने काजल दीदी के साथ सेक्स किया है?”

यह बात गैबी ने केवल पूछने के इरादे से कही थी। उसमे कोई शिकायत नहीं थी। उसके चेहरे पर कोई उद्विग्नता नहीं थी। न कोई ईर्ष्या। वो बस जानना चाहती थी, तो मैंने भी गैबी को काजल और मेरे सम्बन्ध के बारे में सब कुछ सच सच बताने का निर्णय लिया।

“नहीं यार, सेक्स तो नहीं किया। लेकिन काजल ने मुझे इतनी बार नंगा देखा है, कि अब मेरे पास उससे छिपाने के लिए कुछ नहीं है।”

वह समझ रही थी कि मैं क्या कह रहा था, लेकिन फिर भी उसने मुझे चिढ़ाया, “हाँ हाँ! अब तुम इतने भी सीधे नहीं हो!” उसने मजाक में टिप्पणी की।

फिर मैंने गैबी को काजल के साथ अपने सभी अंतरंग क्षणों के बारे में संक्षेप में बताया। काजल ने मेरे लिए क्या क्या किया, यह सब जान कर, सुन कर गैबी जैसे मंत्रमुग्ध सी हो गई, और शायद थोड़ी उत्तेजित भी!

काजल इस ए ब्यूटीफुल वुमन! मुझे जान कर बहुत खुशी हुई, कि उसने तुमको इतनी सारी खुशियाँ दी हैं।” उसने कहा।

“मतलब कि तुम .... नाराज नहीं हो?”

“बकवास! मैं भला नाराज़ क्यों होऊं? क्या तुम इस बात को जान कर मुझसे नाराज़ हो कि मैंने कई लोगों के साथ सेक्स किया है?”

“नहीं।” यह सच था।

“तो फिर मैं कैसे और क्यों तुमसे नाराज होऊंगी? लेकिन हाँ - मैं एक बात से थोड़ा दुखी हूं! मैं यहां आ कर, वो सब चीज़ें तुम्हारे लिए कर सकती थी। और भी बहुत कुछ कर सकती थी।”

इट इस नेवर टू लेट टू से सॉरी!” मैं मुस्कुराया।

“सच में!”

वह कुछ देर रुकी; उसका चेहरा गंभीर था। वह कुछ तो सोच रही थी। मैंने उसके कुछ कहने का इंतजार किया। कुछ देर बाद गैबी ने कहा,

“हनी, क्या तुम जानते हो, कि जब भी मैं हमारे पहले सेक्स के बारे में सोचती हूँ, तो मैं बस यही चाहती हूँ, कि यह तुम्हारे और मेरे लिए ख़ास एक्सपीरियंस हो। खास और बढ़िया! बिलकुल स्पेशल!” फिर बिलकुल से पिघलते हुए वो बड़ी कोमलता से बोली,

हनी, इफ़ यू वांट टू मेक लव टू मी, देन टेल मी! मैं अब तुमको बिल्कुल भी मना नहीं करूंगी। यू हैव मोर दैन हंड्रेड परसेंट राइट्स ओवर मी! लेकिन मैं बस इसलिए तुमको अपने से दूर रख रही हूँ, क्योंकि मैं हमारे पहले एक्सपीरियंस को हमारे लिए बिलकुल खास बनाना चाहती हूँ!”

“ओह गैबी! गैबी!” कह कर मैंने उसको अपने आलिंगन में भर लिया, “तुम मेरे लिए आप स्पेशल हो! तुम्हारे साथ होना मेरे हर पल को स्पेशल बनाता है। उसके लिए मुझे टाइम और सेटिंग्स की परवाह नहीं है। अगर मैं तुम्हारे साथ झोपड़ी में भी रहूँ, तो वो मेरे लिए एक महल समान है। मैं तुमसे प्यार करता हूं, और बस यही एक चीज है जो कोई मायने रखती है।”

गैबी मुस्कुराई; उसकी आँखों से आँसू की एक बूँद ढलक गई।

“तुम वेट करना चाहती हो, तो मैं भी वेट करना चाहता हूँ!”

“ओह हनी! आई लव यू!” फिर थोड़ा रुक कर, “क्या मैं एक बात पूछ सकती हूँ?”

“क्या?” मैं भी मुस्कुराया।

“क्या तुमको काजल पर भरोसा है?”

“भरोसा मतलब?”

“मतलब, क्या तुम उस पर भरोसा करते हो?” मुझे पता था कि गैबी के पूछने का क्या मतलब था।

“हाँ, मैं करता हूँ। पूरा भरोसा। मुझे हर चीज में उस पर भरोसा है।”

“बढ़िया! बढ़िया! हनी, क्या तुम काजल को आज रात यहाँ रुकने के लिए कह सकते हो?”

“हाँ! ज़रूर। लेकिन यह उसके ऊपर है, कि वो यहाँ रहना चाहती है, या नहीं। क्या बात है, डार्लिंग?”

“कुछ नहीं मेरी जान! आज मैं उन सभी लोगों के साथ रहना चाहती हूँ, जो हम दोनों से खूब प्यार करते हैं।”

“... और मैं, एक अकेला, काफ़ी नहीं हूँ?”

हनी, यू आर मोर दैन एनफ! बट, आई थिंक, आई नीड ए वुमंस ओर से, ए मदर्स टच! प्लीज हनी! आस्क हर?”

गैबी को इतना कहने की ज़रुरत नहीं थी। मैंने काजल से आज रात यहीं रुक जाने के लिए कहा, और वो ख़ुशी ख़ुशी इस बात के लिए राज़ी हो गई। मुझे मालूम था कि उसके साथ उसके बच्चे भी आएंगे, लेकिन मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं थी। मुझे सुनील और लतिका दोनों ही बहुत प्यारे लगते थे, और उनके साथ खेलना और बात करना मुझे पसंद था। काजल को एक और घर जा कर अपना काम खत्म करना था, इसलिए हमने उसके लौटने का इंतजार करने का फैसला किया, ताकि हम सभी साथ ही में खाना खा सकें। चूँकि उसके वापस आने में कुछ समय था, इसलिए मैंने इसी बीच बाहर जाकर सुनील के लिए आइसक्रीम खरीदी, और लतिका के लिए मोतीचूर के लड्डू। दोनों बच्चों को ये बहुत पसंद है, और हमको भी! साथ ही मैंने बाहर से ही थोड़ा और खाना पैक करवा लिया, क्योंकि यह प्लान थोड़ा देर से बना, और हम चारों के लिए खाना थोड़ा कम हो जाता।

खैर, कोई एक घंटा बाद काजल और दोनों बच्चे घर आ गए। जैसा कि मैंने कहा, सुनील एक खुशमिजाज बच्चा था, और वो हंसी ख़ुशी रहता था। लतिका भी वैसी ही खुशमिज़ाज़ बच्ची थी। हम पाँचों ने साथ ही में खाना खाया, और फिर उसके बाद हम चारों ने लूडो खेला, जो बेहद मजेदार रहा। हम चारों ने जो खूब मज़ा किया और देखने से साफ़ लग रहा था कि गैबी का दुःख लगभग समाप्त हो गया था। सोने से पहले सुनील और हम तीनों ने आइसक्रीम खाई, और लतिका ने लड्डू। जल्दी ही दोनों बच्चो को नींद आने लगी।

काजल, हमेशा के जैसे ही, फर्श पर सोने की व्यवस्था करने के लिए बढ़ी, लेकिन मैंने उसे मना किया। रात में ठंड बढ़ गई थी, और अब हमारे बीच में ऐसी किसी औपचारिकता की न तो कोई जरूरत थी, और न ही उसके लिए कोई स्थान। काजल का स्थान बहुत खास था - मेरे दिल में भी, और मेरे घर में भी। गैबी ने भी उसको नीचे लेटने से साफ़ मना कर दिया, और उसको अपने साथ, अपने बिस्तर पर लेटने के लिए कहा। गैबी ने कहा कि उसे भी नींद आ रही थी, इसलिए चारों ही साथ में आ सकते हैं। मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए मैं ड्राइंग रूम में बैठ कर टीवी देखने लगा।
 
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avsji

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Koi baat nahi aap jab update post karte hein toh thoda tag kar diya kijiye (humble request) jisse humko pata chal payega ki apne naye update post ho rahe hein aur baaki aap jaante hein ki story ke liye kya accha rahega🙂

भाई, पाठकों को टैग करना मेहनत का काम है।
कहानी लिख कर अपडेट डाल रहा हूँ, मेरे ख़याल से वही बहुत है।
कुछ लोगों ने पर्सनल मैसेज में भी कहानी जारी रखने को कहा है।
फिलहाल तो अपडेट लिखे हैं - लेकिन फिर भी, अब मन खट्टा हो चुका है।
अगले उपदेट्स इस बात पर निर्भर करेंगे कि इन उपदेट्स पर कैसा रिस्पांस आता है।
अगर ठण्डा रिस्पांस है, तो मतलब साफ़ है!
 

Tinkuram

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Fantastic bro. Avsji se jaisi umeed rehti hai story ussee parkas shandar tarike se aage chal rahi hai. Romantic and precise. Keep it up. Kahani ko band karne ka khyal ab dobara man me mat laiyega.
 

Mink

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भाई, पाठकों को टैग करना मेहनत का काम है।
कहानी लिख कर अपडेट डाल रहा हूँ, मेरे ख़याल से वही बहुत है।
कुछ लोगों ने पर्सनल मैसेज में भी कहानी जारी रखने को कहा है।
फिलहाल तो अपडेट लिखे हैं - लेकिन फिर भी, अब मन खट्टा हो चुका है।
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अगर ठण्डा रिस्पांस है, तो मतलब साफ़ है!
Waiting for your next update bro ☺️
 
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avsji

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Mink

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Mink

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Superb update thaa aur akhir amar ne gaaby ko propose kar hi daali aur fir shaadi ke liye taiyariyan mein jut gaye magar isi bich gaaby ke maa ke dwara tiraskar karna dono premiyon ke liye dukh ki baat rahi jisse gaaby ka rona fir amar ka usko shaant karna aur akhir mein kajal aur uske bacchon ke saath time spend karke donon premiyon ne apna mood thik kar liya...as always superb update aur update ka flow bahut hi accha tha kahin nahi laga ki bore ho rahe ho,aur hindi shabdon ka bakhubi vyavahar bahut acche se hua hai,and last mein waiting for your next update bro 😜
 
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