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कभी कभी जिंदगी के ही नही रास्ते के मोड़ भी जिंदगी बदल देते हैं...........
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Congratulations Bhai for your new thread title just awesome and nice start bhai dheere dheere seduction ke sath sex dikhana agar sex dikhao toh aur dheere dheere aur female characters badha dena aur pura support milega bhai ok and ek hero rakhna aur usse hi sab ladies aur girls ko chudawana ok and best of luck broजंगल के बीचों बीच एक काली गाड़ी पूरी रफ्तार से चली जा रही थी, जिसे कोई 26- 27 साल का का एक हैंडसम सा आदमी चला रहा था। तभी उसका फोन बजता है।
आदमी: हां बस 3 से 4 घंटे में।पहुंच जाऊंगा। और पहुंचते ही कॉल करता हूं, होटल की बुकिंग है, उसका नाम याद नही, कहीं रुक कर बताता हूं।
फोन पर: .......
आदमी: हां पता है, सब कुछ इसी काम पर निर्भर करता है, हमारी आने वाली पूरी जिंदगी इस से जुड़ी है, काम खतम करूंगा जल्द ही। फिर आ कर मिलता हूं।
और फोन कट जाता है, शायद जंगल में सिग्नल की कोई दिक्कत होती है।
फिर उसका हाथ ने जेब से एक कार्ड निकाला जो किसी होटल का लग रहा था। जिसपर एक बड़ी सी हवेली की फोटो बने थी और लिखा था...
"Woods Villa"
Outer hill Road
Hameerpur
शाम के 4 बज रहे थे और उसे भूख सी लग रही थी। थोड़ा आगे जाने पर एक बस्ती जैसी दिखाई दी, उसमे एक कैफे था।
गाड़ी बाहर खड़ी करके वो अंदर गया, काउंटर पर एक 18 साल का लड़का बैठा था। लड़के ने उसका स्वागत किया और एक टेबल तक ले गया। वहां बैठने के बाद आदमी ने मेनू देख कर एक कॉफी और सैंडविच का आर्डर किया।
कोई 20 मिनिट के बाद उसके टेबल पर ऑर्डर सर्व हो चुका था। खाते खाते उसकी बात कैफे वाले लड़के से होने लगी, और उसने कैफे वाले लड़के से हमीरपुर के रास्ते के बारे में पूछा।
कैफे वाले लड़के ने बताया की यहां से अभी कोई 2 घंटे कम से कम लगेंगे, और रास्ता सही है, लेकिन...
"लेकिन क्या??"
"हमीरपुर से पहले घाटी पड़ती है और उसका आखिरी वाला मोड़ बहुत खतरनाक है, अक्सर धुंध रहती है वहां शाम के वक्त, और कई एक्सीडेंट हो चुके हैं वहां, वैसे भी अभी 5 बजने वाले है और एक घंटे में ही अंधेरा घिर जायेगा। तो जरा सम्हाल कर गाड़ी चलाएगा।"
"हम्म्, और कुछ?"
"नही, और सब सही है, बस वहां पर जरा सतर्क रहिएगा। फिर उस मोड़ से 5 किलोमीटर बाद शहर की आबादी शुरू हो जाती है।"
"अच्छा। चलो ठीक है ध्यान रखूंगा। कितने पैसे hue तुम्हारे?"
लड़का बिल लेकर आता है, और आदमी ने अपने पर्स से उसे पैसे दे कर वाशरूम की तरफ निकल गया, जो कैफे के दरवाजे के पास में ही था। फिर 5 मिनट बाद वो बाहर निकल कर अपनी गाड़ी में बैठ कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाता है। उसके जाते समय कैफे वाला लड़का उसे नही दिखता, शायद वो और कस्टमर्स का ऑर्डर लेने अंदर की तरफ चला गया था। बाहर अंधेरा छाने लग था।
समय शाम के 6:30, गाड़ी हमीरपुर की घाटी को लगभग पार कर ही चुकी थी और मौसम साफ था, कुछ 2 या 3 मोड़ और थे, कि तभी उसका फोन फिर से बजा।
आदमी: हां डार्लिंग, बोला था न की पहुंचते ही कॉल करूंगा, अभी बस पहुंचने वाला ही हूं।
फोन: ......
आदमी: हां बस कल से ही इस काम में लग जाऊंगा, और जितनी जल्दी होगा उसको खत्म करके वापस आता हूं। आखिर हम दोनो की जिंदगी का सवाल जुड़ा है इस काम से। बस डार्लिंग कुछ दिनो की बात है, फिर हम साथ होंगे और अच्छी जिंदगी बिताएंगे क्योंकि इस काम के बाद ही तो पैसे आयेंगे अपने पास।
फोन: ......
आदमी: हां डार्लिंग, Love... आआ ओह नो...
और एक जोर का धमाका होता है....
गाड़ी एक मोड़ पर एकदम से अनियंत्रित हो कर खाई की तरफ ढलान पर मुड़ जाती है और एक पत्थर से टकरा जाती है। लड़के का सर जोर से स्टीयरिंग से टकरा कर खून से लथपथ हो जाता है, और उसका होश खोने लगता है, गलती से उसका पैर एक्सीलेटर पर लगता है और गाड़ी पत्थर से छूट कर उलट कर खाई की ओर फिसलने लगती है, और लड़का बेहोश हो जाता है।
कुछ देर बाद लड़के को जरा सा होश आता है, और वो निकलने की कोशिश करता है, मगर वो कामयाब नही होता। उसकी गाड़ी खाई के एकदम किनारे किसी तरह से बस अटकी हुई होती है, जो उसके बाहर निकलने की कोशिश से हिलने लगती है। तभी उसके कान में एक आवाज आती है।
"हाथ दो अपना"
वो एक तरफ देखता है तो बाहर रोशनी में उसे कोई खड़ा दिखता है, चेहरा नही दिखता लेकिन कंधे के पीछे लहराते बाल, और उसकी ओर बढ़ता एक हाथ जिसपर लंबे नाखून थे वो उसे दिखता है। आदमी अपना हाथ उस ओर बढ़ा देता है और फिर से बेहोश हो जाता है......
भाईCongratulations Bhai for your new thread title just awesome and nice start bhai dheere dheere seduction ke sath sex dikhana agar sex dikhao toh aur dheere dheere aur female characters badha dena aur pura support milega bhai ok and ek hero rakhna aur usse hi sab ladies aur girls ko chudawana ok and best of luck bro
अब ये तो नियति जाने की हॉरर होगी या कॉमेडीभाई
ये तो हॉरर स्टोरी लग रही है
लेकिन आपने थ्रिलर में डाली है तो क्राइम होगी...
मुझे पढ़ी हुई नहीं लग रही... पढ़ता हूँ
ये मनीष भाई की तरह नियति का डायलॉग मत मारो...अब ये तो नियति जाने की हॉरर होगी या कॉमेडी
जब आपने सवाल नियत का कर दिया तो जवाब नियति का ही आयेगा ना, इसमें फौजी भाई की क्या गलती अबये मनीष भाई की तरह नियति का डायलॉग मत मारो...