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बहुत अच्छा हूं, भैय्या। आप बताइए, बहुत दिनों बाद आए आप, सब ठीक?धन्यवाद मेरे भाई!
कैसे हो?
बिल्कुल सही कहा आपने, बहुत कुछ सीखाया है भैय्या ने।आपकी कहानी में जो प्यार हे मिठास हे ,जीवन की सच्चाई हे ,जीवन किस तरह जिया जा सकता हे ,प्यार और सेक्स कैसे किया जाता हे ,रिश्तो को कैसे निभाया जाता हे रिश्तो में साफगोई कैसे रखी जाती हे वो सब कुछ हे .
दुखद।अभी में आपको अपनी जिंदगी के एक वाकिये के बारे मै बताती हु ,मेरे पति के कजिन हे जो उनसे बड़े हे ,भाभी लगभग 43 साल की हे ,उनके एक लड़की और एक लड़का हे ,दोनों भाई बहनो के बीच 8 साल का गेप हे।
उनके 13 वर्षीय बेटे की पिछले दिनों एक दुर्घटना में डेथ हो गयी ,उनके लिए बड़े सदमे की बात थी। लेकिन 15 दिन भी नहीं गुजरे होंगे सब उनके पीछे पड़ गए की वो एक बच्चा और करे।
वो मुझसे काफी नजदीकी रखती हे वो मुझसे कहने लगी ,जूही किसी भी सदमे को भुलाने में समय लगता हे ,में बिस्तर में होती हु और तुम्हारे भैया रोजाना सेक्स की जिद करते हे वो चाहते हे में जल्दी से जल्दी प्रेग्नेंट हो जाऊ लेकिन मेरा मन ही नहीं होता हे रोजाना एक रेप से गुजरती हु।
मेरी समझ ही नहीं आता ये केसा रिश्ता हे ,आप अपनी पत्नी के मन को तो समझ नहीं पा रहे ,उसकी नजरो से और गिर रहे हो ..वो कहती हे कोई बच्चा गोद ले ले तो उनके परिवार के लोग तैयार नहीं हे ,अभी तो वो मुझसे कह रही थी में कम से कम इस आदमी से तो बच्चा नहीं करुँगी चाहे में किसी और से प्रेगनेंट हो जाऊ
वो राक्षस ही होगा जो अपने बेटे के मृत्यु के मात्र पन्द्रह दिन बाद ही पत्नि से सेक्स की डिमांड करेगा । ऐसे लोग के लिए रिश्ते नाते कोई मायने नही रखता है। ये सिर्फ और सिर्फ हवस के भूखे होते है। मानसिक रूप से बीमार होते है ये लोग। विकृत मानसिकता होती है ऐसे लोगो की।आपकी कहानी में जो प्यार हे मिठास हे ,जीवन की सच्चाई हे ,जीवन किस तरह जिया जा सकता हे ,प्यार और सेक्स कैसे किया जाता हे ,रिश्तो को कैसे निभाया जाता हे रिश्तो में साफगोई कैसे रखी जाती हे वो सब कुछ हे .
अगर में अपनी वैवाहिक जिंदगी में खुश हु तो बहुत कुछ वो वजह आप भी हे .,आपने जिस तरह रचना और अमर के सेक्स के बारे में लिखा हे वो बेमिसाल हे .
अभी में आपको अपनी जिंदगी के एक वाकिये के बारे मै बताती हु ,मेरे पति के कजिन हे जो उनसे बड़े हे ,भाभी लगभग 43 साल की हे ,उनके एक लड़की और एक लड़का हे ,दोनों भाई बहनो के बीच 8 साल का गेप हे।
उनके 13 वर्षीय बेटे की पिछले दिनों एक दुर्घटना में डेथ हो गयी ,उनके लिए बड़े सदमे की बात थी। लेकिन 15 दिन भी नहीं गुजरे होंगे सब उनके पीछे पड़ गए की वो एक बच्चा और करे।
वो मुझसे काफी नजदीकी रखती हे वो मुझसे कहने लगी ,जूही किसी भी सदमे को भुलाने में समय लगता हे ,में बिस्तर में होती हु और तुम्हारे भैया रोजाना सेक्स की जिद करते हे वो चाहते हे में जल्दी से जल्दी प्रेग्नेंट हो जाऊ लेकिन मेरा मन ही नहीं होता हे रोजाना एक रेप से गुजरती हु।
मेरी समझ ही नहीं आता ये केसा रिश्ता हे ,आप अपनी पत्नी के मन को तो समझ नहीं पा रहे ,उसकी नजरो से और गिर रहे हो ..वो कहती हे कोई बच्चा गोद ले ले तो उनके परिवार के लोग तैयार नहीं हे ,अभी तो वो मुझसे कह रही थी में कम से कम इस आदमी से तो बच्चा नहीं करुँगी चाहे में किसी और से प्रेगनेंट हो जाऊ
आज काजल और अमर ने सब रिश्तो को जिस तरह बखूबी निभाया हे वो सबके लिए एक मिसाल हे
आपकी कहानी या आपकी लेखनी के बारे में कुछ लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा हे ,आप लिखे खूब लिखे लिखते रहे अनवरत हमेशा हम जैसे पाठको के लिए
आपकी कहानी में जो प्यार हे मिठास हे ,जीवन की सच्चाई हे ,जीवन किस तरह जिया जा सकता हे ,प्यार और सेक्स कैसे किया जाता हे ,रिश्तो को कैसे निभाया जाता हे रिश्तो में साफगोई कैसे रखी जाती हे वो सब कुछ हे .
अगर में अपनी वैवाहिक जिंदगी में खुश हु तो बहुत कुछ वो वजह आप भी हे .,आपने जिस तरह रचना और अमर के सेक्स के बारे में लिखा हे वो बेमिसाल हे .
अभी में आपको अपनी जिंदगी के एक वाकिये के बारे मै बताती हु ,मेरे पति के कजिन हे जो उनसे बड़े हे ,भाभी लगभग 43 साल की हे ,उनके एक लड़की और एक लड़का हे ,दोनों भाई बहनो के बीच 8 साल का गेप हे।
उनके 13 वर्षीय बेटे की पिछले दिनों एक दुर्घटना में डेथ हो गयी ,उनके लिए बड़े सदमे की बात थी। लेकिन 15 दिन भी नहीं गुजरे होंगे सब उनके पीछे पड़ गए की वो एक बच्चा और करे।
वो मुझसे काफी नजदीकी रखती हे वो मुझसे कहने लगी ,जूही किसी भी सदमे को भुलाने में समय लगता हे ,में बिस्तर में होती हु और तुम्हारे भैया रोजाना सेक्स की जिद करते हे वो चाहते हे में जल्दी से जल्दी प्रेग्नेंट हो जाऊ लेकिन मेरा मन ही नहीं होता हे रोजाना एक रेप से गुजरती हु।
मेरी समझ ही नहीं आता ये केसा रिश्ता हे ,आप अपनी पत्नी के मन को तो समझ नहीं पा रहे ,उसकी नजरो से और गिर रहे हो ..वो कहती हे कोई बच्चा गोद ले ले तो उनके परिवार के लोग तैयार नहीं हे ,अभी तो वो मुझसे कह रही थी में कम से कम इस आदमी से तो बच्चा नहीं करुँगी चाहे में किसी और से प्रेगनेंट हो जाऊ
आज काजल और अमर ने सब रिश्तो को जिस तरह बखूबी निभाया हे वो सबके लिए एक मिसाल हे
आपकी कहानी या आपकी लेखनी के बारे में कुछ लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा हे ,आप लिखे खूब लिखे लिखते रहे अनवरत हमेशा हम जैसे पाठको के लिए
बहुत अच्छा हूं, भैय्या। आप बताइए, बहुत दिनों बाद आए आप, सब ठीक?
बिल्कुल सही कहा आपने, बहुत कुछ सीखाया है भैय्या ने।
वो राक्षस ही होगा जो अपने बेटे के मृत्यु के मात्र पन्द्रह दिन बाद ही पत्नि से सेक्स की डिमांड करेगा । ऐसे लोग के लिए रिश्ते नाते कोई मायने नही रखता है। ये सिर्फ और सिर्फ हवस के भूखे होते है। मानसिक रूप से बीमार होते है ये लोग। विकृत मानसिकता होती है ऐसे लोगो की।
बेहतर होगा वो महिला अपने हसबैंड से दूर अपनी एक अलग पहचान बनाए।
अगर आप का रिलेशन उनसे अच्छा है तो उन्हे एहसास दिलाए कि उन्हे फिर से एक नई जंग जितनी है।
बड़प्पन है आपका।कुछ नहीं सिखाया भाई।
संसार के अनेकों रंग हैं, और मैंने बस एक दो रंग यहाँ दर्शा दिए हैं।
और कुछ नहीं! बाकी सब आपका प्रेम और स्नेह है।
असल मे हम मनुष्य बहुत शंकित प्राणी होते हैं, एकदम से इतनी खुशी पचती नही, इसीलिए संदेह घेरे रहता है सबको।जी भाई! सभी को रचना के चरित्र पर बहुत संदेह था।
कम से कम अब वो इस संदेह से मुक्त हो गई
अच्छा, कहानी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, या नहीं?
इंतज़ार रहेगा! आपकी पहली ही कहानी ऐसी थी, तो उम्मीद है कि अगली भी बढ़िया रहेगी!