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आपने सही कहा था। ये अपडेट बिलकुल ठीक नहीं था। गैबी से जुड़ाव महसूस करते थे पाठक के तोर पर। उसका इस तरह चले जाना दुखद है।
Intjar rahega Amar ke jivan ki in paristhitiyon se kaise aage badhte hai.भाई, अपडेट तो बिलकुल ठीक था - हाँ, पसंद का नहीं था। यह बात तो मैंने पहले ही कही थी।
लेकिन, जीवन में उतार चढ़ाव तो आते ही हैं। सब दिन एक समान नहीं रहते।
अमर का जीवन भी बदलेगा। उतार आया है, तो चढ़ाव भी आएगा। इसलिए साथ में बने रहें।
जल्दी ही अगला अपडेट आएगा
Ye update padh k to dil hi baith gaya.पहला प्यार - पल दो पल का साथ - Update #3
एक शाम, जब मैं ऑफिस से वापस लौटा, तो मैंने पाया कि गैबी अभी तक विश्वविद्यालय से नहीं लौटी थी। ऐसा नहीं है कि वो कभी भी देर से नहीं आती थी - जब से उसने विश्वविद्यालय ज्वाइन किया था, तब से वो तीन चार बार देर से आई थी। लेकिन इतनी देर कभी नहीं लगी।
‘हो सकता है,’ मैंने सोचा, ‘कि किसी ज़रूरी काम से उसको रोकना पड़ा हो!’ इसलिए मैंने थोड़ा इंतज़ार करने का सोचा।
लेकिन जब वो मेरे घर आने के तीन घंटे बाद भी जब वापस नहीं लौटी तो मुझे चिंता होने लगी। बहुत चिंता! मेरी छठी इंद्रिय को लगने लगा कि हो न हो, गैबी के साथ कुछ न कुछ अनिष्ट हो गया है। मैंने उसके गाइड प्रोफेसर को उनके ऑफिस में कॉल लगाया; लेकिन वहाँ कोई नहीं था। इसलिए मैंने उनके घर पर फोन किया! तो उन्होंने मुझे बताया कि गैबी वो लगभग पांच घंटे पहले ही यूनिवर्सिटी से निकल गई थी, घर के लिए!
‘पांच घंटे पहले?’ कुछ तो गड़बड़ था! उसने पांच घंटे पहले ऑफिस छोड़ा था, और अभी तक घर नहीं आई थी! गैबी के लिए ऐसा कुछ करना बहुत ही अनियमित था, इसलिए मैं बहुत अधिक चिंतित हो गया।
मैं बिना देर किए, लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पास के पुलिस स्टेशन गया। जैसा हमेशा होता है, पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी! उनका कहना था कि छः सात घंटे की देरी क्या देरी है? ज़रूर वो किसी दोस्त से मिलने गई होगी। लेकिन फिर मैंने उन्हें समझाया कि गैबी एक विदेशी है, और यहाँ के विश्वविद्यालय में रिसर्च कर रही है। इसलिए उसको इस शहर में अपने विश्वविद्यालय के कुछ लोगों को छोड़कर, और किसी का अता पता नहीं है, और न जान पहचान!
बड़ी आनाकानी और मेरी विनती करने के बाद आखिरकार पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार हुई। उन्होंने मुझसे गैबी के बारे में सारी जानकारी ली। भारतीय पुलिस का अंदाज़ और रवैया दोस्ताना नहीं होता। आपको पुलिस स्टेशन में बैठने को पूछ लें, वही बहुत बड़ी बात हो जाती है। इसलिए, मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब पुलिस के कुछ लोग मुझसे बड़ी सहानुभूति से बात कर रहे थे। निश्चित रूप से कुछ तो गड़बड़ था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी यूनिवर्सिटी से घर कैसे आती जाती है, तो मैंने बताया कि वह आमतौर पर सिटी बस का इस्तेमाल करती है।
इतना सुन कर वो सभी कुछ देर के लिए चुप हो गए। जब मैंने ज़ोर दे कर पूछा कि आखिर बात क्या है, वो उन्होंने जो कहा, उससे मुझे लगा कि जैसे मेरे सर पर कोई बम गिर गया हो! उन्होंने बताया कि कुछ घंटों पहले एक बस की दुर्घटना हो गई थी, जिसमें दो महिलाओं सहित पाँच लोगों की मौत हो गई थी, कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मरने वाली महिलाओं में एक विदेशी भी थी!
वो जितना मुझे बताते जाते, उतना ही मेरा दिल भारी होता जाता। वो मुझे कुछ पूछ रहे थे, और मैं उनको यंत्रवत सब बता रहा था। लेकिन मस्तिष्क में मानों एक झंझावात चल रहा था -
‘गैबी मुझे ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकती है…’ अभी तो हमने साथ में जीना शुरू भी नहीं किया, और अभी ही ये!
मुझसे जानकारी लेने के कोई एक घंटे बाद एक इंस्पेक्टर ने अंततः पुष्टि करी कि मेरी गैबी वास्तव में उन दो महिलाओं में से एक थी, जिनकी उस बस दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी!
मैं आपको कोई रक्तरंजित विवरण नहीं देना चाहता! लेकिन मेरी सुंदर सी गैबी का बेजान, विकृत, और कुचला हुआ शरीर देखना, मेरी आत्मा को झकझोर देने वाला दृश्य था! मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी ही जिंदगी ने मेरा शरीर छोड़ दिया है... जैसे गैबी के साथ मेरी खुद की संजीवनी चली गई हो। मैं अपने घुटनों के बल गिर गया और रोने लगा। पुलिस और मुर्दाघर के लोग मुझे सांत्वना देते रहे, और पूछने लगे कि क्या कोई है जिससे वे संपर्क कर सकते हैं, या मुझे सहारा देने के लिए बुला सकते हैं। जब मैं जवाब नहीं दे सका, तो उन्होंने खुद मेरी जेब की तलाशी ली, और डैड का फ़ोन विवरण ले कर उनको कॉल किया। यह खबर सुन कर डैड और माँ का क्या हाल हुआ होगा, मुझे नहीं मालूम! एक झटके से मेरी जीवन की ज्योति जाती रही - गैबी और हमारा होने वाला बच्चा! होनी कितनी क्रूर हो सकती है और जीवन कितना क्षणभंगुर!
उसके बाद और क्या क्या हुआ, मुझे ठीक से याद नहीं।
A milestone of 50 pages is crossed...लेखन कार्य जारी है; लेकिन धीरे।
ऑफिस का काम अधिक urgent है।
शीघ्र ही मिलेगा अगला अपडेट।
धन्यवाद भाई।A milestone of 50 pages is crossed...
Congratulations... Eagerly waiting for new updates...