भाई ये बहुत तेजी से कहानी आगे बढ़ी है इस अपडेट में तो!
सबसे पहली बात तो यह है कि विक्रम की निगाह में मृत्युञ्जय आया अवश्य ही है। मामूली मुलाज़िम का नाम उसको मालूम पड़ गया है, तो ऐसा नहीं है कि वो पूरी आसानी से अब आगे की कारस्तानी करता रहेगा। वैसे भी उसके हाथ पैर टूटे हुए हैं, तो अब वो सक्रिय रूप से वीर का नुकसान नहीं कर सकेगा। 
लेकिन एक बात सोचनी पड़ेगी - वो नीच तो है। अनु उसको भैया भैया कह कर बुलाती है, और वो अनु को नुक्सान देने से पहले एक बार भी नहीं सोच रहा है। अनु क्या, दादी को भी नापने में उसको एक क्षण का समय नहीं लगा! ऐसे भीतरघाती (अनु के लिए) लोग बेहद हानिकारक होते हैं। 
अखबार में कोड की सहायता से कौन है जो विश्व को सन्देश भेज रहा है? अनोखा सिस्टम है, लेकिन बढ़िया! 
सबसे अच्छा लगा सुषमा आंटी का संवाद! अपने लम्पट पति को आईना अच्छे से दिखाया उन्होंने। 
खोखले लोगों की एक बात अवश्य होती है - थोड़ा भी ठोंको, तो स्साले बजते बहुत हैं! पिनाक की भी वही हालत हुई। मूंछो की बातें करने लगा। 
स्साले की मूंछे मूँडों कोई सरे चौराहे पर! चूतिये का पट्ठा!
सीलु की लाई हुई खबर इंटरेस्टिंग है। कोई एक सूत्र भी हाथ लग जाए तो खेत्रपालों की लगनी तय है। 
बहुत बढ़िया अपडेट भाई जी! अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें!
और शीघ्र ही ठीक हो जाएँ!