इन्स्पेक्टर रोणा साहब के खुशी के दिन बीते रे भैया बीते.... अब अपने नाम के अनुरूप रोणे मतलब , रोने के दिन आ गए । पाप का घड़ा फूटने का समय बहुत नजदीक है ।
वैसे इन्स्पेक्टर रोणा और वैदेही के बीच का कन्वर्सेशन बहुत ही बेहतरीन था । जिस तरह से कानून के धाराओं का बखान किया जा रहा है उससे साफ लगता है कि आगे की लड़ाई दिमागी स्तर से लड़ी जायेगी । पुराने केस को फिर से रि ओपन किया जायेगा और अदालत में एक बार फिर से बहस का सिलसिला शुरू होगा ।
इस दरम्यान मुझे लगता है खून का कतरा बहेगा भी तो वो सिर्फ भैरव सिंह के प्यादों का । भैरव सिंह क्षेत्रपाल का बहता खून शायद हम क्लाइमेक्स में देखें !
बहुत बढ़िया अपडेट था ब्लैक नाग भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।