Kala Nag मित्र कैसे हो, बहुत ही सच्चा व मजेदार अंक रहा है..
वीर का समय चक्र उसे उलझाए जा रहे हैं.. उसका परिवार कुछ उसके साथ वं बाकी की तो बात ही क्या है
विश्व अपने अभिन्न मित्रों के साथ एक विशेष कार्यक्रम के लिए लगा है
ये अज्ञात सहयोगी कुछ भी कर सकते हैं

इंस्पेक्टर को

अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है रूप कि, परंतु जोश पूरा है.. उसने विश्व की जान न लेने की अपनी चुटिया पंतती को क्या ही कहे
राजा तो बहुत शातिर है परंतु समय बड़ा बलवान है..
रूप शुभ्रा अनु के लिए प्रसन्न तो है पर ये इतना आसान नहीं है.. वीर भी रूप के लिए चिंता मे है...
विक्रम तो अभी भी कई चूहों की खोज में है...
उधर नेता के के वं दूसरी पार्टी अपने आप में उलझे हुए हैं

ताने बानो की इस दौड़ते भागते अपडेट के लिए पूरे अंक.. जगमग जगमग व शानदार...