avsji की कहानीयों में शायद आपको सेक्स मिल जाएगा
पर उनके लेखन शैली को मैं हमेशा शृंगार लेखन से जोड़ता हूँ
पर उनके कहानियों में प्रेम और भावनायें बड़ी ही निश्चलता से लिखा है उन्होंने
avsji जी मैंने पहली कहानी पढ़ी थी संयोग का सुहाग वह कहानी मुझे बहुत ही अच्छा लगा था l उसके बाद कायाकल्प और उसके बाद मंगलसूत्र l उनकी कहानियों में सेक्स होता तो है पर कहानी में वह मुख्य या प्रमुख नहीं होता l उनकी कहानी पढ़ने से एक टाइम ट्रैवल जैसा फिल होता है l इसलिए उनकी कहानी मुझे पसंद है l और खास बात भावनाओं का सटीक और विस्तृत प्रेजेंटेशन l
भाई साहेब - आपका बहुत बहुत आभार! ऐसे शब्द सुनने को मिलते हैं, तो मैं तुरंत ही चने के झाड़ पर चढ़ जाता हूँ!
हा हा हा!

मन तो मेरा नहीं होता सेक्स लिखने का - आप मेरी non-erotic कहानियाँ देख सकते हैं। लेकिन यहाँ कोई पढ़ेगा ही नहीं।
और बिना पाठकों के लिखने का क्या अर्थ है भला? इसीलिए मैं भी सुस्त पड़ गया हूँ।
जंगल में नाचा मोर, किसने देखा? बस, वही हालत यहाँ चरितार्थ है।
आज कल बस पढ़ रहा हूँ, आपकी कहानी (रोचक, रोमांचक), और डाक्टर साहब की कहानी (दिलचस्प और मज़ेदार)।
बाकी तो सभी किसी लेवल ही हैं ही नहीं। न किसी को लिखने का शऊर न कोई सलीका। जो थोड़े कुछ लोग बढ़िया लिख रहे थे, अब वो भी नहीं लिखते।
क्या करें?