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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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Kala Nag

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Happy new year Kala naag bhai
आपको भी मेरे मित्र
जब मेरी यह कहानी ख़तम हो जाएगी तब एक लंबा विराम लूँगा
आपकी कहानी संघर्ष पढ़ने के लिए
शुरु किया था आरंभ अच्छा लगा था पर चूंकि मैं कुछ एक कहानियों से जुड़ा हुआ हूँ इसलिए अभी के लिए दिमाग में कहानियों की खिचड़ी नहीं बनाना चाहता
वैसे धन्यबाद और आभार
 

Kala Nag

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कहते है की आप अपने कर्मो से नहीं बच सकते वही अब चेट्टी, रॉय और महानायक जैसे लोगो के साथ हो रहा है अपनी ताकत के नशे में जिन लोगो को कुचला था अब मदद भी उन्ही लोगो में से एक विश्व से लेनी पड़ रही है। सबके कर्म सामने आते है वो क्या है ना की कर्मा रिश्वत नहीं लेता।
Lib am भाई इस बार आपकी प्रतिक्रिया में थोड़ा विलंब हुआ है
खैर आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार था और आ भी गया
यह आपने बिल्कुल सही कहा कर्म सामने आते हैं
विश्व को चेट्टी के बारे में सारी जानकारी है पर चेट्टी विश्व से पूर्ण अवगत नहीं है
ये रूप भी सबकी बंद बजवा के रहेगी, सिर्फ प्रपोज होने भर से उड़ी फिर रही है और फंस गई बेचारी शुभ्रा मगर किसी तरह से निकल भी गई। वीर भी अब भावनाएं समझने लगा है इसीलिए उसको भी पता चल गया कि Roop is in love. मगर ये राजकुमारी / नंदिनी / रुप / नकचड़ी ने अभी भी शुभ्रा और चाची मां के सिवाय किसी को विश्व के बारे में नही पता चलने दिया है अभी तक।
हा हा हा
हाँ पर रुप ने वीर से अप्रत्यक्ष विश्व के बारे में बोल दिया है
जरा गौर कीजिए थ्री डी के बारे में वीर क्या कहा और जवाब में रुप ने क्या कहा
दुश्मन विक्रम का
दोस्त वीर का
और दिलबर रूप कि
विश्व ने उमाकांत सर का घर वापस ले लिया और उसका उपयोग भी प्लान कर लिया और गांव के बच्चो से दोस्ती भी कर ली मगर अभी मुर्दों में जान और बेगरतो में गरत डालना बाकी है मगर अब विश्व ने कुछ सोचा है तो वैसा होगा भी ज़रूर।
जी जरूर विश्व बच्चों के जरिए उनके माँ बाप के दिलों में भैरव सिंह के खिलाफ विद्रोह का बीज बोयेगा
वीर के भी मजे है जो ऑफिस में ही इश्क लड़ाने को भी मिल जाता है और डेट मारने का चक्कर ही खत्म । अनु अभी तक तो कह रही है कि उसको वीर के पास्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता मगर जब उसको अपने मट्टू भईया और उसके परिवार के साथ हुए कुकर्मों का पता चलेगा तो क्या तब भी वो वीर के साथ खड़ी होगी?
बहुत बड़ी त्रासदी अपेक्षा में है वीर और रुप के प्यार की राह में
ये जो तापस और प्रतिभा की नोकझोक वाली लव स्टोरी चलती है वो सच में काबिल ए तारीफ होती है और उस पर तड़का लग गया रूप के आने से और बेचारे तापस का फ्यूज ही उड़ गया कि ये हो क्या रहा है?
हा हा हा
भाई इस कहानी में उनकी भूमिका भी तो अहम है
बेचारे रोड़े के तो लो** ही लग गए अब ना गांव में घूम सकता है ना हवेली जा सकता है और विश्व के खिलाफ तो कुछ कर ही नहीं सकता है। बल्लभ भी अभी इसीलिए शेखचिल्ली बन रहा है की विश्व से सीधे सामना नहीं हुआ है मगर मारी तो इसकी भी बुरी तरह से जाएगी और कोई बचाने वाला भी नही मिलेगा।
बहुत जल्द बल्लभ का सामना होने वाला है जब उसके दिमाग का बल्ब का फ्यूज उड़ जाएगा
इस खेल में अब और ज्यादा ही मजा आने वाला है।

रूप की हालत पे ये गाना याद आ गया

अपनी खबर है ना दिल का पता
कुछ मुझे याद नही तेरे सिवा
देखु जिधर तू ही नज़र आए दिलरुबा
दुनिया के हर ख्याल से बैगाना कर दिया
मुझे दीवाना कर दिया कही भी लागे ना जिया

बेदर्दी तेरे प्यार ने दीवाना कर दिया

मुझे दीवाना कर दिया कही भी लागे ना जिया
वाह वाह वाह
अब इस पर हम क्या कहें
बस बंधु जुड़े रहें
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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चेट्टी और रॉय के बीच का संवाद बड़ा बढ़िया था। चेट्टी भैरव के सताए लोगों को इकट्ठा कर के अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। लेकिन एक आदमी, जिसका सब कुछ (अपने लड़के के रूप में) जाता रहा है, उसको अपना उल्लू क्या सीधा करना? उसके पास अब खोने को क्या बचा? वो तो सीधी लड़ाई लड़ सकता है न? इसलिए मुझे चेट्टी का व्यवहार अजीब ही लगता है।

मुझे अरकु वैली के बारे में पता है। बड़ी सुन्दर जगह है। कॉफ़ी प्लांटेशन हैं यहाँ। ऊटी या कह लीजिए कूर्ग जैसा!

यार ये लोग चाहे कितने ही बड़े रजवाड़े हों, खाते गरीबों वाला ही खाना हैं (आलू टोस्ट)! हा हा हा हा हा हा! वैसे रूप निखार जी झूठ भी बोलने लगीं हैं। छठी गैंग की दुहाई दे कर ससुराल घूमने जाने लगीं हैं। बढ़िया है!

विक्रम कैसा लल्लू है - प्यार का तो समझ गया, लेकिन आदमी गलत समझा। दसपल्ला के राजकुमार से शायद रूप की मुलाकात ही नहीं हुई, और अगर हुई भी तो बस क्षण भर की। इतने में किसी को घंटा प्यार होता है! उधर विक्रम कम से कम ज्यादा सटीक निशाना मार सका - गलत वो भी है, लेकिन सही मायने में सटीक। कम से कम रूप और रॉकी का आपस में कोई मेल जोल तो है।

रुप - वाव... आज कल आपकी बातेँ भी ग़ज़ब की लगती हैं... वैसे कौन है वह... आपके राहवर...
वीर - तुम नहीं जानती उसे... मेरा सबसे खास और इकलौता दोस्त... उसका नाम प्रताप है... विश्व प्रताप...

हाँ - एक अँधा दूसरे को रास्ता दिखा रहा था।

वीर - ठीक है... तो सुनो... प्रताप कहता है... प्यार... तभी मुकम्मल होता है... जब हर ज़ज्बात और एहसास में थ्री डी हो...
रुप - (मुहँ बना कर) थ्री डी...

थ्री डी? डबल डी तो सुना है! लेकिन ये वाला नया था। और उसके भी दो दो फुल-फॉर्म्स निकले! हा हा!

विश्व - राजा का हुकुम... तुम जैसे निकम्मे और नाकारों के लिए है... बच्चों के लिए नहीं... इसलिए अपनी निकम्मे पन की खीज बच्चों पर क्यूँ उतार रहे हो...
हरिया - बस बहुत हुआ... राजा के आदमियों को मार दिया तो इसका मतलब यह नहीं... की मैं तुमसे डर जाऊँगा... मेरा और हम सबके बच्चे ना तो यहाँ आयेंगे... ना ही तुम से कोई वास्ता रखेंगे... इसलिए... तुम हमसे... हमारे बच्चों से दुर ही रहो...

हरिया गज़ब का चूतिया आदमी है। अरे भाई, जिनसे तुम्हारी फटती है, विश्व ने उनको ही मारा है।
लिहाज़ा, तुम्हारी विश्व से भी फटनी चाहिए! साले में कोई लॉजिकल रीजनिंग ही नहीं!
हा हा!

टीलु - जिनके लिए लड़ने आए हो... उन्हीं लोगों को... उनके बच्चों के सामने अपमान कर दिया... तुम भी तो उनमें से एक हो....

यहाँ पर टीलू गलत है - विश्व कभी गाँव वालों में से था, लेकिन अब नहीं। उसका कायाकल्प हो गया।
गाँव वाले विश्व की मौत कब की हो गई।
इसलिए उसको अपने में से एक मानना गाँव वालों की भी गलती होगी।

उनके बीच से आया तो हूँ... पर अब उनके जैसा नहीं हूँ... और हाँ... मैं ज़रूर उनको अपने जैसा बनाना चाहता हूँ... उनकी लड़ाई... मेरी लड़ाई तब होगी... जब वह लोग... मेरे जैसे बनेंगे...
टीलु - पर उन्हें ऐसे अपमानित कर...
विश्व - हाँ... अंडा जब बाहर से टूटता है... तो जीवन समाप्त हो जाता है... पर जब अंदर से टूटता है... तो नया जीवन आरंभ होता है... मैं उनको अंदर से झिंझोड रहा हूँ... ताकि एक नए जीवन की शुरुआत हो...

बहुत सही! हाँ - यही तो मैं कह रहा हूँ। कालीन की तरह भैरव सिंह के सामने बिछ कर गांव वाले भी उसी के सपोर्ट में हैं, लिहाज़ा, वो भी विश्व के ही दुश्मन हैं।
कोई भी विश्व के बारे में चुगलखोरी कर सकता है। उनसे सतर्क रह कर रहने की आवश्यकता है।
जब तक उनकी रीढ़ न पैदा हो, उन पर एक पैसे का भरोसा करना मूर्खता है।

अनु - वह... पंजाबी में ना... वीरजी का मतलब भैया होता है... इसलिए... (शर्मा के घुम जाती है)

हा हा हा हा हा हा हा हा हा!!!! अनु और उसका भोलापन!
गज़ब का डायलॉग है भाई! गज़ब का!
हा हा हा!

वीर अनु को अपने करीब लता है l उसका चेहरा अनु के चेहरे से कुछ ही दूर था l दोनों को एक-दूसरे की गरम सासों की एहसास हो रहा था l वीर की होंठ आगे बढ़ते हैं l अनु अपनी आँखे मूँद लेती है l एक नर्म चुंबन का एहसास उसके माथे पर होता है l अनु अपनी आँखे खोल देती है l

अनु - राजकुमार जी... आप डरते क्यूँ हैं...
वीर - मैं किसी से नहीं डरता...

हाँ भाई! डरते क्यों हो? चूम लो!
मैंने “संयोग का सुहाग” में लिखा था -

"चुम्बन भी एक अद्भुत वस्तु है - चुम्बन की प्रक्रिया में आपका कुछ अंश दूसरे की त्वचा में समां जाता है, सदा के लिए। सदा के लिए इसलिए कहा क्योंकि आप चुम्बन समाप्त हो जाने के बाद भी उसको हमेशा महसूस कर सकते हैं। यह एक चमत्कारिक क्रिया है, जिसमें प्रेम के संकेतों का इतने अंतरंग प्रकार से आदान प्रदान होता है। संभव है कि इसी कारण बहुत सारे लोग चुम्बन करते समय अपनी आँखें बंद कर लेते हैं। "

प्रतिभा - अगर आपको प्यार होता... तो आप टीवी के बजाय... मुझे देखते हुए किचन के अंदर... अपनी कोई सढी गली शायरी सुना रहे होते...
तापस - एक और तौहीन... यह ना काबीले बर्दास्त है... योर हाइनेस...
प्रतिभा - मैंने फिर कहाँ तौहीन लगाया...
तापस - मेरे शायरी को... सढि गली कहा...
प्रतिभा - (बिदक कर) आआआआह्ह्ह्ह... (हाथ में जो चम्मच था उसे पटकती है)
तापस - (उसे देख कर)
हाय...

तापस अंकल और प्रतिभा आंटी - इनकी नोक झोंक मस्त होती है।
मेरी कहानी में होते, तो इनका भी एक सीन लिखता!

रुप - (शर्मा कर इतराते हुए) अगर सास बनकर बुलाओगे तो बहु अंदर आएगी...
अगर प्रताप की माँ बनकर बुलाओगे... तो भी आपकी बहु ही अंदर आएगी..

रूप निखार साबुन!

तापस - मैं... पता नहीं बेटी.. अब तक तो बहुत बढ़िया ही था...

हा हा हा हा! तापस अंकल का रिएक्शन!
बेचारे अपने ही घर में हर चीज़ से अनभिज्ञ हैं!

रुप - बस माँ आपसे मिलना चाहती थी... इसलिए आ गई... पर वादा करती हूँ... जो वैदेही दीदी का सपना था... जो प्रताप बनना चाहता था... वह मैं बन कर दिखाऊँगी... मैं डॉक्टर बनूँगी...

आएं? डॉक्टर? भाई, MBBS की एंट्री इण्टर के बाद होती है।
ये रूप निखार तो पहले से ही कॉलेज में पढ़ रही है। अब कैसे डॉक्टर?
हाँ - कम्पाउण्डर अवश्य बन सकती है!

तापस - (गुन गुनाने लगता है) क्या से क्या हो गया.... बेवफा तेरे प्यार में

अरे रे रे!
तापस जी वाला हाल ही अपने विश्व का होने वाला है।

बल्लभ - अब तक तुम लोगों की... तकदीर... तकवीर... ही लाल थी... विश्वा ने तुम सबकी तशरीफ़ भी लाल कर दी... तुम लोग यहाँ जो फांदेबाजी कर पाते हो... वह इसलिए कि तुम सब राजा साहब के आदमी हो... उनके सेना से हो... पर तुम लोगों ने उनकी मूंछें नीची कर दी...
शनिया - इसी लिए तो डर के मारे... यहाँ छुपे हैं...
बल्लभ - कोई नहीं... जो मुझसे बन पड़ेगा.. वह मैं करूँगा... तुम लोग इस बात को दबा देने की कोशिश करो... बात ना फैले... उसके लिए तरकीब करो...

बस, यही छुपाने वाली गलती ही सबसे बड़ी चूक साबित होगी भैरव सिंह की कंपनी की।
अच्छा है अपने हीरो के लिए।

न जाने जैसे ये अपडेट छूट गया था भाई जी! क्या बड़ा, और क्या बढ़िया अपडेट दिया है आपने। आनंद आ गया।
बढ़िया संवाद, वापस ही सारे (लगभग) मुख्य पात्र, और सबकी अपनी अपनी समस्याएँ!
मस्त!
 

Lib am

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Lib am भाई इस बार आपकी प्रतिक्रिया में थोड़ा विलंब हुआ है
खैर आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार था और आ भी गया
यह आपने बिल्कुल सही कहा कर्म सामने आते हैं
विश्व को चेट्टी के बारे में सारी जानकारी है पर चेट्टी विश्व से पूर्ण अवगत नहीं है

हा हा हा
हाँ पर रुप ने वीर से अप्रत्यक्ष विश्व के बारे में बोल दिया है
जरा गौर कीजिए थ्री डी के बारे में वीर क्या कहा और जवाब में रुप ने क्या कहा
दुश्मन विक्रम का
दोस्त वीर का
और दिलबर रूप कि

जी जरूर विश्व बच्चों के जरिए उनके माँ बाप के दिलों में भैरव सिंह के खिलाफ विद्रोह का बीज बोयेगा

बहुत बड़ी त्रासदी अपेक्षा में है वीर और रुप के प्यार की राह में

हा हा हा
भाई इस कहानी में उनकी भूमिका भी तो अहम है

बहुत जल्द बल्लभ का सामना होने वाला है जब उसके दिमाग का बल्ब का फ्यूज उड़ जाएगा

वाह वाह वाह
अब इस पर हम क्या कहें
बस बंधु जुड़े रहें
दोस्त घर में एक मृत्यु हो गई थी करीबी रिश्तेदार में इसी वजह से विलंब हुआ। इंतजार रहेगा नए अपडेट का
 

Kala Nag

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चेट्टी और रॉय के बीच का संवाद बड़ा बढ़िया था। चेट्टी भैरव के सताए लोगों को इकट्ठा कर के अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। लेकिन एक आदमी, जिसका सब कुछ (अपने लड़के के रूप में) जाता रहा है, उसको अपना उल्लू क्या सीधा करना? उसके पास अब खोने को क्या बचा? वो तो सीधी लड़ाई लड़ सकता है न? इसलिए मुझे चेट्टी का व्यवहार अजीब ही लगता है।
हाँ कुछ चरित्र ऐसे होते हैं
ओंकार के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है
पर वह अपने जीते जी भैरव सिंह को घुटनों पर देखना चाहता है
क्यूंकि उसके हिसाब से उसके लिए उसके बाद बदला लेने वाला वारिस कोई नहीं है

मुझे अरकु वैली के बारे में पता है। बड़ी सुन्दर जगह है। कॉफ़ी प्लांटेशन हैं यहाँ। ऊटी या कह लीजिए कूर्ग जैसा!
जी बिलकुल बहुत ही खूबसूरत जगह है
यार ये लोग चाहे कितने ही बड़े रजवाड़े हों, खाते गरीबों वाला ही खाना हैं (आलू टोस्ट)! हा हा हा हा हा हा! वैसे रूप निखार जी झूठ भी बोलने लगीं हैं। छठी गैंग की दुहाई दे कर ससुराल घूमने जाने लगीं हैं। बढ़िया है!
हा हा हा हा
सच कहा आपने मैंने बड़े लोगों का नाश्ता देखा है
ज्यादातर टोस्ट, सलाद अंडा वगैरह होते हैं
विक्रम कैसा लल्लू है - प्यार का तो समझ गया, लेकिन आदमी गलत समझा। दसपल्ला के राजकुमार से शायद रूप की मुलाकात ही नहीं हुई, और अगर हुई भी तो बस क्षण भर की।
जी कुछ सेकेंड के लिए जिसे रुप ने कोई दर किनार कर चली गई थी
इतने में किसी को घंटा प्यार होता है!
हाँ पर उसक गदिल में यह गलत फहीम बैठ गई है कि चूंकि रुप की शादी उससे तय हुई है और उसी रात के बाद रुप के हरकतों में तब्दीली आई है इसीलिए
उधर विक्रम कम से कम ज्यादा सटीक निशाना मार सका - गलत वो भी है, लेकिन सही मायने में सटीक। कम से कम रूप और रॉकी का आपस में कोई मेल जोल तो है।
विक्रम नहीं वीर
हाँ - एक अँधा दूसरे को रास्ता दिखा रहा था।
हा हा हा हा
इस पर मौन रहना मेरे सेहत के लिए ठीक है
थ्री डी? डबल डी तो सुना है! लेकिन ये वाला नया था। और उसके भी दो दो फुल-फॉर्म्स निकले! हा हा!
जी भाई
यह थ्री डी हमारे इंडस्ट्रियल स्लोगन है बस उसको यहाँ चेप दिया है
हरिया गज़ब का चूतिया आदमी है। अरे भाई, जिनसे तुम्हारी फटती है, विश्व ने उनको ही मारा है।
लिहाज़ा, तुम्हारी विश्व से भी फटनी चाहिए! साले में कोई लॉजिकल रीजनिंग ही नहीं!
हा हा!
भेड़ कभी कभी उसी शेर पर सिर मारता है
जो उपवास में होता है

यहाँ पर टीलू गलत है - विश्व कभी गाँव वालों में से था, लेकिन अब नहीं। उसका कायाकल्प हो गया।
गाँव वाले विश्व की मौत कब की हो गई।
इसलिए उसको अपने में से एक मानना गाँव वालों की भी गलती होगी।
जी बिलकुल
बहुत सही! हाँ - यही तो मैं कह रहा हूँ। कालीन की तरह भैरव सिंह के सामने बिछ कर गांव वाले भी उसी के सपोर्ट में हैं, लिहाज़ा, वो भी विश्व के ही दुश्मन हैं।
कोई भी विश्व के बारे में चुगलखोरी कर सकता है। उनसे सतर्क रह कर रहने की आवश्यकता है।
जब तक उनकी रीढ़ न पैदा हो, उन पर एक पैसे का भरोसा करना मूर्खता है।
जी विश्व तो सतर्क है ही
पर गाँव वालों के रीढ़ की हड्डी में करेंट भी दौड़ाना है
विश्व धीरे धीरे यही करेगा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा!!!! अनु और उसका भोलापन!
गज़ब का डायलॉग है भाई! गज़ब का!
हा हा हा!
थैंक्स भाई थैंक्स
हाँ भाई! डरते क्यों हो? चूम लो!
मैंने “संयोग का सुहाग” में लिखा था -

"चुम्बन भी एक अद्भुत वस्तु है - चुम्बन की प्रक्रिया में आपका कुछ अंश दूसरे की त्वचा में समां जाता है, सदा के लिए। सदा के लिए इसलिए कहा क्योंकि आप चुम्बन समाप्त हो जाने के बाद भी उसको हमेशा महसूस कर सकते हैं। यह एक चमत्कारिक क्रिया है, जिसमें प्रेम के संकेतों का इतने अंतरंग प्रकार से आदान प्रदान होता है। संभव है कि इसी कारण बहुत सारे लोग चुम्बन करते समय अपनी आँखें बंद कर लेते हैं। "
यह आपने बिल्कुल सही कहा
प्रेम भरा चुंबन और कामोद्दीपक चुंबन में आकाश पाताल का फर्क़ होता है
और कभी कभी पुरुष प्रेम भरे चुंबन के समय बेवकूफ़ी करता है
तापस अंकल और प्रतिभा आंटी - इनकी नोक झोंक मस्त होती है।
मेरी कहानी में होते, तो इनका भी एक सीन लिखता!
ह्म्म्म्म
आप तो लिख ही सकते हो
कुछ बातों में आपकी पकड़ बहुत ही भयंकर है
रूप निखार साबुन!
हा हा हा हा
हा हा हा हा! तापस अंकल का रिएक्शन!
बेचारे अपने ही घर में हर चीज़ से अनभिज्ञ हैं!
क्या करें
इस उम्र में शॉक पर शॉक
आएं? डॉक्टर? भाई, MBBS की एंट्री इण्टर के बाद होती है।
ये रूप निखार तो पहले से ही कॉलेज में पढ़ रही है। अब कैसे डॉक्टर?
हाँ - कम्पाउण्डर अवश्य बन सकती है!
रुप साइंस पढ़ रही है
एंट्रेंस तो दे ही सकती है
अरे रे रे!
तापस जी वाला हाल ही अपने विश्व का होने वाला है।
हा हा हा
सास बहु जो मिल गए
बस, यही छुपाने वाली गलती ही सबसे बड़ी चूक साबित होगी भैरव सिंह की कंपनी की।
अच्छा है अपने हीरो के लिए।
हाँ अपनी चमड़ी बचाने के चक्कर में
यह गलती कर बैठे हैं इससे अपने विश्वा को टाइम मिल जाएगा
न जाने जैसे ये अपडेट छूट गया था भाई जी! क्या बड़ा, और क्या बढ़िया अपडेट दिया है आपने। आनंद आ गया।
बढ़िया संवाद, वापस ही सारे (लगभग) मुख्य पात्र, और सबकी अपनी अपनी समस्याएँ!
मस्त!
थैंक्स शुक्रिया आभार
और क्या कहूँ
 

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,121
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दोस्त घर में एक मृत्यु हो गई थी करीबी रिश्तेदार में इसी वजह से विलंब हुआ। इंतजार रहेगा नए अपडेट का
मित्र क्षमा चाहूँगा
किसी के वियोग में आप दुखी थे
पर यह भी है आपकी टिप्पणी मेरे भीतर एक ऊर्जा भर देती है
कल रात तक अगला अपडेट पोस्ट कर दूँगा
 

Golu

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आपको भी मेरे मित्र
जब मेरी यह कहानी ख़तम हो जाएगी तब एक लंबा विराम लूँगा
आपकी कहानी संघर्ष पढ़ने के लिए
शुरु किया था आरंभ अच्छा लगा था पर चूंकि मैं कुछ एक कहानियों से जुड़ा हुआ हूँ इसलिए अभी के लिए दिमाग में कहानियों की खिचड़ी नहीं बनाना चाहता
वैसे धन्यबाद और आभार
Okk bhai
Naam jaise hai kahani me update bhi usi trah aa paa rahe hai time ka sangharsh chal raha hai jivan me
 
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