प्रारंभिक शिक्षा के दौरान राष्ट्र कवि ' रामधारी सिंह दिनकर ' जी की एक कविता पढ़ी थी मैने - कलम और तलवार। 
वैसे इस कविता का उद्देश्य कलम की शक्ति को तलवार की अपेक्षा श्रेष्ठ दर्शाने का था । लेकिन आप के इस अपडेट ने इस बात को भी सोचने के लिए विवश कर दिया कि अगर एक व्यक्ति के पास यह दोनो शक्ति हासिल हो जाए तब वह क्या कुछ नही कर सकता है ।
विश्व ने सेनापति दंपती की वजह से कलम का ताकत हासिल किया । एक काबिल वकील बना । ( वैसे दिनकर जी के अनुसार कलम का तात्पर्य लेखनी से था ) वह बुद्धि की पराकाष्ठा प्रज्ञा के शिखर तक पहुंचा ।
और डैनी के मार्गदर्शन मे उसने तलवार की शक्ति भी हासिल की। लडाई के सभी पैंतरे सीखा ।
विश्व के इन दो अद्भुत शक्तियों का प्रदर्शन इस अपडेट मे स्पष्ट नजर आया । भैरव सिंह के पास इसका कोई जवाब नही था । भैरव सिंह ने अपने पुरी जीवन मे ऐसा शिकस्त कभी नही खाया ।
यह पुरा प्रसंग एक अद्भुत लेखनी की मिसाल थी । रोमांच और उतेजना से भरपूर सीन्स था । 
शानदार डायलॉग , शानदार सिनेरियो , शानदार राइटिंग सबकुछ शानदार ही शानदार था ।
भैरव सिंह की शिकस्त , उसकी खामोशी इत्मीनान की खामोशी तो हरगिज नही थी । उसकी यह खामोशी एक कब्रिस्तान की खामोशी बयां कर रही थी । और यह भविष्य मे होने वाले एक विकट जलजले की तरफ इशारे कर रहा है। 
एक तरफ थ्रिलर का रोमांच था तो एक तरफ रोमांस से आपने हमारा दिल गार्डेन गार्डेन कर दिया । रूप और विश्व की बातें रोमांटिक लम्हा ही तो था । 
बहुत बहुत खुबसूरत लिखा इन लम्हात को आपने ।
बहुत बहुत ही बेहतरीन अपडेट बुज्जी भाई। 
और जगमग जगमग से भी भरपूर अपडेट ।