बैभवी और विश्व का अतीत काफी दुखद और संघर्षपूर्ण रहा। काफी अपमान के घूंट पीने पड़े उन्हे। अगर यह नही हुआ होता तो विश्व आज विश्व प्रताप नही बना होता।
उमाकांत सर की मौत सांप के काटने से जरूर हुआ हो सकता है। लेकिन वो सांप अवश्य भैरव सिंह का रहा होगा। जयादा दुख इस बात का है हरामजादों ने उमाकांत सर के मासूम बच्चे की भी हत्या कर दी थी।
विश्व उसकी मौत के लिए खुद को कसूरवार मान रहा है। उसे इस सोच से तत्काल बाहर आना चाहिए । इस गांव मे इतने अधिक खून किए गए हैं.....इतना ज्यादा बलात्कार हुआ है....लोगों को ताउम्र जुते की नोक पर रखा गया है , क्या इन सभी के लिए उसे खुद को गुनाहगार मानना चाहिए ! उसकी सोच प्रथम और आखिरी सिर्फ और सिर्फ भैरव सिंह को न्याय के कटघरे मे ला खड़ा करने पर होना चाहिए।
बहुत खुबसूरत अपडेट नाग भाई ।
Outstanding & Amazing & brilliant.