निराश बिलकुल मत होइएगा 
Kala Nag भाई! मुझे बेहद पसंद आया ये भाग भी, बिलकुल उसी तरह जैसे अभी तक के सभी भाग... लेखन क्षेत्र में सैदव एक बात स्मरण रखिएगा मित्र, की एक लेखक कभी भी सभी पाठकों को संतुष्ट नहीं कर सकता। कोई भाग सबको भा जाता है तो, कोई भाग किसी को अच्छा लगता है, किसी को साधारण.. कभी – कभी ऐसा भी होता है की अधिकतर को एक विशेष भाग पसंद ना आए, परंतु इसका अर्थ ये नहीं की वो आपके लेखन अथवा कल्पना की कमी थी। सबकी अपनी – अपनी प्राथमिकता होती है कहानी को लेकर, और उसी के अनुरूप उनकी प्रतिक्रिया, एक विशेष अध्याय को लेकर...
खैर, मुझे काफी बढ़िया लगा ये सौंवा अध्याय भी। विस्तृत समीक्षा मैं कल देता हूं।
बधाई आपको, कहानी के 100 अध्याय और 3 लाख व्यूज़ पूरे होने की... 
