मित्र कहानी मे एक ठहराव सा आ गया है, थोड़ा रोमांचक और गतिशील बनाये, क्योंकि फ्लैश बैक के बाद लाइफ धीमी सी हो गई है, पाठकों के मनोभावों को समझिये, आप का लेखन लाजवाब है, परंतु अब प्रताप का एक्शन, विश्व का ध्यान अपने दुश्मनों को आश्चर्यचकित करने मे व कुछ नया करने के लिए तत्पर रहना भी.. कंही दो महीने माँ के साथ रहना उसको अपने लक्ष्य से धीमा नहीं कर दे, बाकी आप की कहानी है, कुछ विचार पाठकों के तौर पर आय, व्यक्त करते हुए रखे हैं,.. आप अद्भुत लेखक है.. गतिशीलता जरूरी होती है

... अगले विस्तृत अंक की प्रतीक्षा में...