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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
भाग 126 (मध्यांतर)
भाग 127 भाग 128 भाग 129 भाग 130 भाग 131 भाग 132
भाग 133 भाग 134 भाग 135 भाग 136 भाग 137 भाग 138
भाग 139 भाग 140 भाग141 भाग 142 भाग 143 भाग 144 भाग 145 भाग 146 भाग 147 भाग 148 भाग 149 भाग 150 भाग 151 भाग 152 भाग 153 भाग 154
 
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Napster

Well-Known Member
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बहुत ही सुंदर और रमणिय अपडेट है भाई
क्या राजेश सोनू के घर रहते हुए लाली से जोरदार चुदाई कर पायेगा तब सोनू की प्रतिक्रिया क्या होगी
बहुत ही मजेदार अपडेट है
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Lutgaya

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Pratik maurya

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आपके लिखे हुए का कोई जवाब नहीं कभी-कभी शब्द नहीं मिलते कि आपकी राइटिंग का कोई सही वर्णन कर पाए क्या लिखूं कुछ समझ नहीं आता इतना अच्छा भी कोई लिख सकता है क्या
 

Lovely Anand

Love is life
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कहानी के पाठक जालिम महबूबाओं की तरह होते है
जो कहानी को प्रेमपत्र की तरह पढ़ते तो है पर जबाब देते समय आँचल में मुह छूपा लेते है।

कठोर पर सत्यवचन...
 

Pratik maurya

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कहानी के पाठक जालिम महबूबाओं की तरह होते है
जो कहानी को प्रेमपत्र की तरह पढ़ते तो है पर जबाब देते समय आँचल में मुह छूपा लेते है।

कठोर पर सत्यवचन...
16 आने सच
 
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pprsprs0

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कहानी के पाठक जालिम महबूबाओं की तरह होते है
जो कहानी को प्रेमपत्र की तरह पढ़ते तो है पर जबाब देते समय आँचल में मुह छूपा लेते है।

कठोर पर सत्यवचन...
सत्यवचन
 
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