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Fantasy ब्रह्माराक्षस

VAJRADHIKARI

Hello dosto
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अध्याय सत्ताइस

जब मेंने अपनी आंखे खोली तो मे किसी और ही जगह पर पहुंच गया था ये जगह किसी युद्ध के मैदान जैसी जगह लग रही थी और तो और इस मैदान के चारों तरफ बहुत बड़ी दीवारें और दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की हुई थी बिल्कुल जैसे पुराने ज़माने युद्ध के मैदान होते थे बिल्कुल वैसी ही लग रही थी

और अभी मे ये सब देख ही रहा था कि तभी मुझे वहाँ जोरों से चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनायी देने लगी और जब मेंने उस दिशा में देखा तो वहाँ पर ना जाने कहां से लेकिन शैतानों की एक बहुत बड़ी टुकड़ी मेरे सामने थी और उनके आते ही पूरे मैदान में दर्शकों की भी भीड़ हो गई थी

अभी तक मुझे यहां क्या हो रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा था कि तभी वहाँ पर आसमान में 6 गोले दिखाई देने लगे और उनके आते ही वहाँ मैदान में होने वाला सारा शोर एकदम से ही शांत हो गया

और फिर वो गोले भी मैदान के ठीक सामने बने हुए किसी बाल्कनी जैसी जगह पर आ गए और देखते ही देखते वो 6 गोले 6 महाकाय शैतानों मे बदल गए ये वही 6 शैतान थे जिन्हें हमने अध्याय चौबीस मे देखा था

और उनके आते ही उन मेसे जो सबसे बुढ़ा शैतान (राजगुरु) था वो आगे आया और मुझे देखते हुए बोलने लगा

राजगुरु :- मेरे प्यारे शैतानों ये वही है जिसने आप सबके भविष्य राजा यानी शैतान राजकुमारों को मार गिराया था और आज इसने हमारे द्वारा भेजे गए मायावी योद्धाओं को भी मार डाला है और अब इसे इसकी उन्हीं गुनाहों का परिमाण चुकाने के लिए यहां लाया गया है आज आप सबके सामने इसे मारकर हम फिर से एक बार शैतानों के साम्राज्य की ताकत पूरे विश्व को दिखाएंगे परंतु उससे पहले हमारे कानून के अनुसार इसे जीने के लिए एक मौका दिया जाएगा और उसके लिए इसे हमारी छह चुनौती को स्वीकार करके पूरा करना होगा

उसकी बातें सुनकर वहाँ पर मौजूद सभी लोग बहुत ही जोर से चिल्लाने लगे ये सब बिल्कुल वैसे ही खुश हो रहे थे जैसे भारत पाकिस्तान के मैच के ठीक पहले सब लोग होते हैं

तो वही मे बस एक जगह पर खड़ा हो कर इनका तमाशा देख रहा था मेरा मन तो कर रहा था कि सबको अभी मार गिरा दु लेकिन पता नहीं किस मायावी जाल ने मुझे इस कदर जकड़ के रखा था कि ना मे हिल सकता था और ना ही कुछ बोल पा रहा था

मे सिर्फ उस बुढ़े को घूरे जा रहा था तो वहीं जब भी उस बुढ़े की नजर मुझ पर पड़ती वो मुझे देख कर मुस्करा देता जिससे मुझे और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था

राजगुरु :- तो अब बिना किसी देरी के पहला मुकाबला सुरु करते हैं जिसमें इस मानव को लड़ना होगा हमारे योद्धाओं से जिनसे आज तक कोई जितना तो दूर उनके सामने टिक भी नहीं सका

और उस बुढ़े के इतना बोलते ही सारे दर्शक लोक ज़ोरों से चीखने चिल्लाने लगे और तभी मुझे मेरे शरीर के आसपास जो पकड़ महसूस कर रहा था था वो अब एकदम से गायब हो गई थी

और अभी मे कुछ समझ पाता इससे पहले ही मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल होती महसूस हुई जिससे मे तुरंत पीछे मूड गया और मेरे पीछे इस वक़्त एक दो नहीं ब्लकि पुरे 50 योद्धा थे और वो सभी अभी मेरे तरफ ही बढ़ रहे थे

वो सभी बड़े अजीब थे क्यूंकि उन सभी के शरीर पर पूरा लोहे का कवच था और उनके चेहरे के जगह पर सिर्फ काला धुआ था और अभी मे उन योद्धाओं को देख रहा था कि तभी फिर एक बार मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल महसूस हुई और इस बार जब मेंने पीछे मुड़कर देखा तो मुझे अपनी तरफ एक आग का गोला आते दिखा

जिसे देखते ही मे बाजू मे हट कर बच गया और जब मेंने जहा से वो गोला आया था उस दिशा में देखा तो वहां पर 5 जादूगर खड़े थे जिनका चेहरा काले कपड़े से ढाका हुआ था और अभी मे ये सब जो हो रहा था उसे समझने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी

उस बूढे शैतान ने अपनी छड़ी को हवा में गोल घुमा कर मेरे तरफ़ इशारा किया और उसके ऐसा करते ही वो सभी 50 के 50 योद्धा मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे

तो वही दूसरी तरफ उसी कैदखाने मे बैठ कर त्रिलोकेश्वर और उसका असुर दोस्त (अध्याय बीसवें वाला) वो दोनों ध्यान में बैठ कर भद्रा को देख रहे थे और दमयन्ती बस संयम से बैठी थी और त्रिलोकेश्वर के ध्यान तोड़ने का इन्तेज़ार कर रही थी कि तभी उसे अपने बगल के कमरे से जोरों से चीखने की आवाज सुनाई देती है जिसे सुन कर त्रिलोकेश्वर भी अपना ध्यान तोड़ देता है

त्रिलोकेश्वर :- क्या हुआ मित्र तुम ऐसे चिल्लाए क्यूँ

असुर :- (बेहद गुस्से में) उन मामूली शैतानों की इतनी हिम्मत की वो कुमार के साथ ऐसा जानलेवा खेल खेल रहे हैं

हुआ यू की जब असुर ने भद्रा पर वार होते देखा तो उसका गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया तो वही जब दमयन्ती ने ये सुना तो उसे भी भद्रा की चिंता होने लगी

दमयन्ती :- ये क्या बोल रहे हैं आप मेरा पुत्र ठीक तो है ना

त्रिलोकेश्वर :- तुम दोनों शांत हो जाओ और ये मत भूलो की वो कौन है उसे मारना इन शैतानों मेसे किसी के बस की बात नहीं है

असुर :- लेकिन फिर भी तुम बस मुझे बोलो अभीं मेरे पांचो अंशों को उस जगहभेज कर उन शैतानों को ही क्या ब्लकि पूरे विश्व में जहां कहीं भी शैतान छुपे बैठे हैं उन सबको खत्म कर दूँगा

त्रिलोकेश्वर :- नहीं तुम ऐसा कुछ नहीं करने वाले ये भद्रा की परिक्षा है उसे जिनसे युद्ध करना है वो इससे 100 गुना अधिक शक्तिशाली है और अगर वो इन शैतानों को ही हरा नहीं पाया तो आगे के युद्ध में उसकी मृत्यु तय है

त्रिलोकेश्वर की बात सुनकर वो दोनों शांत हो जाते हैं और फिर से असुर और त्रि लोकेश्वर दोनों ध्यान में बैठ कर उस मैदान में हो रहे युद्ध को देखने लगे लेकिन इस बार उस युद्ध वो असुर भी भद्रा की मदद के लिए था

लेकिन त्रिलोकेश्वर के मना करने के बाद भी वो कैसे ये कर सकता है ये देखने वाली बात होगी

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आज के लिए इतना ही

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sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hee behtarin updates… is update ne toh agle update ki pratiksha ko or kathin kar diya hai… 👏🏻👏🏻👏🏻
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
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अध्याय छब्बीस

अभी मे उस आखिरी शैतान की और बढ़ता की तभी मुझे किसी के चीखने की आवाज सुनाई दी

जिसे सुन कर जब मेंने पिछे मुड़कर देखा तो वहाँ प्रिया खड़ी थी और आखें फाड़े उन शैतानों की लाश को देख रही थी और इससे पहले कि वो आखिरी बचा हुआ शैतान प्रिया को कुछ करता की

उससे पहले ही मेंने जादू से उस पर हमला किया जिससे वो जमीन पर गिर गया वो मरा तो नहीं था लेकिन मेने उसे बेहोश कर दिया था और उसके बेहोश होते ही मे तुरंत प्रिया की तरफ चला गया

में ::- (प्रिया से) तुम पागल हो क्या यहाँ क्यूँ आयी

प्रिया :- मुझे क्या पता था कि यहां ये सब होगा और तुम इन से लडने अकेले क्यूँ आए तुम्हारे गुरुओं को बुलाना चाहिए था ना मदद के लिए

में :- और उनके नजरिए में खुदको कमजोर साबित कर दूँ ऐसा कभी नहीं होगा और रही बात मदद की तो तुम खुद देखो और बताओ क्या मुझे मदद की जरूरत है

मेरी बात सुनकर प्रिया चारों तरफ देखने लगी और उसे वहाँ सिर्फ मरे हुए शैतान दिख रहे थे कि तभी उसकी नजर उन पांचों लड़कियों पर गई जिन्हें देख कर वो उनके पास जाने लगी

प्रिया :- ये कोण है और इन्हें ऐसे मारकर बंधकों की तरह क्यु रखा है

में :- इनको मेंने बाँध कर रखा है और जितना तुम्हें जानना था वो जान लिया अब चलो तुम घर जाओ इससे पहले कि यहां और शैतान आ जाए

प्रिया :- लेकिन क्यू तुमने इन्हें बाँध कर क्यु रखा है और देखो मुझे यहा से भेजने के पीछे मत लगो मे यहां से तभी जाऊँगी जब तुम मेरे साथ चलोगे

में :- देखो तुम बच्चों की तरह बातें मत करो यहां कोई पिक्चर की शूटिंग नहीं चालू है समझी ये सभी असली के शैतान है

प्रिया :- हाँ मे हूँ बच्ची बोलो क्या करोगे मे तभी जाऊँगी जब तुम मेरे साथ चलोगे

अभी मे और प्रिया बात ही कर रहे थे कि तभी उन पांचों लड़कियों मे से एक लड़की हमे टोकते हुए बोलने लगी

लड़की 1 :- चुप हो जाओ तुम दोनों सिर्फ मिया बीवी की तरह लढते ही जा रहे हो अभीं तुम दोनों को पता भी है कि तुम कितने बड़े खतरे में हो

जहां उस लड़की की बात सुन कर मुझे गुस्सा आ रहा था तो वही ना जाने क्यों लेकिन प्रिया मुस्करा रही थी जैसे कि उसे शर्म आ रही हो

में (प्रिया से) :- अब तुम्हे क्या हुआ

प्रिया (शर्माते हुए) :- उसने हमे मिया बीवी की तरह कहा हम उसे मिया बीवी लगे

में :- (अपना सर पीट कर) :- उसने उदाहरण के रूप में मिया बीवी कहा (उस लड़की से) तुम्हारे लिए सबसे बड़ा खतरा मे ही हूँ समझी अब सच सच बताओ कोण हो तुम

लड़की 1:- मेरा नाम सोना है और ये मेरी बहने है हम पांचों दूर ग्रह की राजकुमारी है कुछ समय पहले ईन शैतानों के गुरु ने हमारे ग्रह को अपने अधिकार में लेने के लिए उस पर हमला कर दिया हमारे पास और ना ही हमारे सेना के पास इतनी शक्ति थी कि वो उनका सामना कर पाए लेकिन फिर भी हमने हमारे स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए अंतिम क्षण तक युद्ध किया और जब हम युद्ध हार रहे थे तब हमारे पिता ने हमारे ग्रह की देवी यानी हमारे ग्रह की प्रथम रानी की शक्तियों का अंश याने उनका हार हमे निशानी के रूप में हमारे जिम्मेदारी के रूप में दिया और वही हार और उसकी शक्तियों को पाने के लिए वो शैतान हमारे पीछे पड़े हुए हैं और तभी से हम उनसे बचते हुए हर ग्रह हर आकाशगंगा हर उल्का मे छिपते फिर रहे हैं लेकिन जब हम इस ग्रह पर आए तो वो हार हमारे हाथों से इसी जगह कहीं पे गिर गया और जब हम उसे ढूँढ रहे थे तभी उन शैतान राजकुमारों ने हमे पकड़ लिया और जब हमने उन्हें बताया कि हार गुम हो गया है तो उन्हें लगा कि हम झूठ बोल रहे हैं और इसीलिए वो हार और हमारी संपूर्ण शक्तियां पाने के लिए उन्होंने सम्भोग शक्ति प्रक्रिया का इस्तेमाल करने का प्रयास किया लेकिन तब तुमनें आके उन पांचो को मार डाला और अब उनके पिता और वो राजगुरु वो सभी तुम्हें मारने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगे

उस लड़की की बात सुनकर जहां मे गहरी सोच मे चला गया था तो वही प्रिया उसकी आखिरी लाइन सुनकर डर गई थी और अभी मे सोच मे गुम था कि तभी मेरे कानों में एक बार फिर से चीख सुनाई दी

जो उसी लड़की की थी और जब मेंने उसके तरफ देखा तो वो मेरे पीछे की तरफ डर के मारे देखे जा रही थी और जब मेंने उसकी नजरों का पीछा किया तो पता चला कि जिस योद्धा को मेने बेहोश किया था वो अभी तक होश मे आ चुका था

और जब हमारा ध्यान नहीं था तब तक उसने एक बड़ा मायावी गोला तैयार कर लिया था जिसे वो हमारे उपर फेंकने ही वाला था कि तभी मेंने अपनी तलवार उठाई और तेजी से उसकी तरफ दौड़ लगा दी

और जैसे ही वो उस गोले से हम पर वार करने वाला था कि तभी मेंने अपनी तलवार उसके सीने उतार दी लेकिन वो मरते हुए कुछ कह रहा था और जब मेने ध्यान से सुना तो वो कह रहा था कि

"मेरा कार्य पूर्ण हुआ अब तुम नहीं बच सकते हो"

उसकी ये बात सुन कर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्यूंकि जितना मुझे लग रहा था उसका कार्य था वो हार लेना या फिर मुझे मारकर उसके राजकुमारों के हत्या का बदला लेना लेकिन यहा तो वो खुद ही अपने साथियों के साथ मारा गया था

और उसे अभी तक हार भी नहीं मिला था और मे अभीं इस बारे में और गहराई में सोचता कि तभी मेरा ध्यान उसके द्वारा निर्माण किए हुए गोले पर गया जो उसके मरने के बाद भी अपना आकार बढ़ाए जा रहा था

और इस से पहले मे उसे और बढ़ने से रोक पाता वो फ़ट गया और उसके धमाके से इतनी तेज रोशनी फैली कि उस वज़ह से मेरी आखें ही बंद हो गई और जब मेंने अपनी आखें खोलीं तो मे किसी और ही जगह पर था

तो वही जब वो गोला फटा तो उसमे से इतनी तेज और शक्तिशाली तरंगें निकली की पूरे धरती लोक मे जहां कहीं भी मायावी शक्ति का प्रयोग किया जाता था उन सब जगहों पर हल्का सा भूकंप आ गया गया था और सभी शक्ति धारकों को भी उस तरंग से कुछ पल के लिए कमजोरी आ गई थी

तो वही जब वो ऊर्जा की तरंग पूरे धरती लोक मे फैली तब एक जंगल मे एक साधु जैसा दिखने वाला आदमी ध्यान में बैठा हुआ था जिसका ध्यान उस भूकंप से टूट गया और जब उसने अपनी आखें खोली तो उसकी आखें गुस्से में पूरी लाल रंग की हो गई थी जैसे कि उसके आंखों में खुन उतर आया था और वो बड़ी जोर से चिल्लाया "भद्रा"

तो वही जब उस गोदाम में प्रकाश हटा तो प्रिया को वहाँ मे कहीं भी दिखाई नहीं दिया जिससे वो बहुत ही ज्यादा डर गई और उसने तुरंत शांति को फोन लगा कर सब कुछ बता दिया

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आज के लिए इतना ही
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Hello dosto me ek week ke liye gayab ho raha hoon USC ke liye story likhne is story ka agla update Sunday ko aayega jaanta hoon bahut late hai lekin me try karunga ki USC ki story padhkar aap sabko ye ek week worth it lage
Great update bhai 👍 and superb 👌 writing ✍️.
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌💥💥💥💥💥💥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 
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Raj_sharma

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जब मेंने अपनी आंखे खोली तो मे किसी और ही जगह पर पहुंच गया था ये जगह किसी युद्ध के मैदान जैसी जगह लग रही थी और तो और इस मैदान के चारों तरफ बहुत बड़ी दीवारें और दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की हुई थी बिल्कुल जैसे पुराने ज़माने युद्ध के मैदान होते थे बिल्कुल वैसी ही लग रही थी

और अभी मे ये सब देख ही रहा था कि तभी मुझे वहाँ जोरों से चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनायी देने लगी और जब मेंने उस दिशा में देखा तो वहाँ पर ना जाने कहां से लेकिन शैतानों की एक बहुत बड़ी टुकड़ी मेरे सामने थी और उनके आते ही पूरे मैदान में दर्शकों की भी भीड़ हो गई थी

अभी तक मुझे यहां क्या हो रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा था कि तभी वहाँ पर आसमान में 6 गोले दिखाई देने लगे और उनके आते ही वहाँ मैदान में होने वाला सारा शोर एकदम से ही शांत हो गया

और फिर वो गोले भी मैदान के ठीक सामने बने हुए किसी बाल्कनी जैसी जगह पर आ गए और देखते ही देखते वो 6 गोले 6 महाकाय शैतानों मे बदल गए ये वही 6 शैतान थे जिन्हें हमने अध्याय चौबीस मे देखा था

और उनके आते ही उन मेसे जो सबसे बुढ़ा शैतान (राजगुरु) था वो आगे आया और मुझे देखते हुए बोलने लगा

राजगुरु :- मेरे प्यारे शैतानों ये वही है जिसने आप सबके भविष्य राजा यानी शैतान राजकुमारों को मार गिराया था और आज इसने हमारे द्वारा भेजे गए मायावी योद्धाओं को भी मार डाला है और अब इसे इसकी उन्हीं गुनाहों का परिमाण चुकाने के लिए यहां लाया गया है आज आप सबके सामने इसे मारकर हम फिर से एक बार शैतानों के साम्राज्य की ताकत पूरे विश्व को दिखाएंगे परंतु उससे पहले हमारे कानून के अनुसार इसे जीने के लिए एक मौका दिया जाएगा और उसके लिए इसे हमारी छह चुनौती को स्वीकार करके पूरा करना होगा

उसकी बातें सुनकर वहाँ पर मौजूद सभी लोग बहुत ही जोर से चिल्लाने लगे ये सब बिल्कुल वैसे ही खुश हो रहे थे जैसे भारत पाकिस्तान के मैच के ठीक पहले सब लोग होते हैं

तो वही मे बस एक जगह पर खड़ा हो कर इनका तमाशा देख रहा था मेरा मन तो कर रहा था कि सबको अभी मार गिरा दु लेकिन पता नहीं किस मायावी जाल ने मुझे इस कदर जकड़ के रखा था कि ना मे हिल सकता था और ना ही कुछ बोल पा रहा था

मे सिर्फ उस बुढ़े को घूरे जा रहा था तो वहीं जब भी उस बुढ़े की नजर मुझ पर पड़ती वो मुझे देख कर मुस्करा देता जिससे मुझे और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था

राजगुरु :- तो अब बिना किसी देरी के पहला मुकाबला सुरु करते हैं जिसमें इस मानव को लड़ना होगा हमारे योद्धाओं से जिनसे आज तक कोई जितना तो दूर उनके सामने टिक भी नहीं सका

और उस बुढ़े के इतना बोलते ही सारे दर्शक लोक ज़ोरों से चीखने चिल्लाने लगे और तभी मुझे मेरे शरीर के आसपास जो पकड़ महसूस कर रहा था था वो अब एकदम से गायब हो गई थी

और अभी मे कुछ समझ पाता इससे पहले ही मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल होती महसूस हुई जिससे मे तुरंत पीछे मूड गया और मेरे पीछे इस वक़्त एक दो नहीं ब्लकि पुरे 50 योद्धा थे और वो सभी अभी मेरे तरफ ही बढ़ रहे थे

वो सभी बड़े अजीब थे क्यूंकि उन सभी के शरीर पर पूरा लोहे का कवच था और उनके चेहरे के जगह पर सिर्फ काला धुआ था और अभी मे उन योद्धाओं को देख रहा था कि तभी फिर एक बार मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल महसूस हुई और इस बार जब मेंने पीछे मुड़कर देखा तो मुझे अपनी तरफ एक आग का गोला आते दिखा


जिसे देखते ही मे बाजू मे हट कर बच गया और जब मेंने जहा से वो गोला आया था उस दिशा में देखा तो वहां पर 5 जादूगर खड़े थे जिनका चेहरा काले कपड़े से ढाका हुआ था और अभी मे ये सब जो हो रहा था उसे समझने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी

उस बूढे शैतान ने अपनी छड़ी को हवा में गोल घुमा कर मेरे तरफ़ इशारा किया और उसके ऐसा करते ही वो सभी 50 के 50 योद्धा मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे

तो वही दूसरी तरफ उसी कैदखाने मे बैठ कर त्रिलोकेश्वर और उसका असुर दोस्त (अध्याय बीसवें वाला) वो दोनों ध्यान में बैठ कर भद्रा को देख रहे थे और दमयन्ती बस संयम से बैठी थी और त्रिलोकेश्वर के ध्यान तोड़ने का इन्तेज़ार कर रही थी कि तभी उसे अपने बगल के कमरे से जोरों से चीखने की आवाज सुनाई देती है जिसे सुन कर त्रिलोकेश्वर भी अपना ध्यान तोड़ देता है

त्रिलोकेश्वर :- क्या हुआ मित्र तुम ऐसे चिल्लाए क्यूँ

असुर :- (बेहद गुस्से में) उन मामूली शैतानों की इतनी हिम्मत की वो कुमार के साथ ऐसा जानलेवा खेल खेल रहे हैं

हुआ यू की जब असुर ने भद्रा पर वार होते देखा तो उसका गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया तो वही जब दमयन्ती ने ये सुना तो उसे भी भद्रा की चिंता होने लगी

दमयन्ती :- ये क्या बोल रहे हैं आप मेरा पुत्र ठीक तो है ना

त्रिलोकेश्वर :- तुम दोनों शांत हो जाओ और ये मत भूलो की वो कौन है उसे मारना इन शैतानों मेसे किसी के बस की बात नहीं है

असुर :- लेकिन फिर भी तुम बस मुझे बोलो अभीं मेरे पांचो अंशों को उस जगहभेज कर उन शैतानों को ही क्या ब्लकि पूरे विश्व में जहां कहीं भी शैतान छुपे बैठे हैं उन सबको खत्म कर दूँगा

त्रिलोकेश्वर :- नहीं तुम ऐसा कुछ नहीं करने वाले ये भद्रा की परिक्षा है उसे जिनसे युद्ध करना है वो इससे 100 गुना अधिक शक्तिशाली है और अगर वो इन शैतानों को ही हरा नहीं पाया तो आगे के युद्ध में उसकी मृत्यु तय है

त्रिलोकेश्वर की बात सुनकर वो दोनों शांत हो जाते हैं और फिर से असुर और त्रि लोकेश्वर दोनों ध्यान में बैठ कर उस मैदान में हो रहे युद्ध को देखने लगे लेकिन इस बार उस युद्ध वो असुर भी भद्रा की मदद के लिए था

लेकिन त्रिलोकेश्वर के मना करने के बाद भी वो कैसे ये कर सकता है ये देखने वाली बात होगी

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Bohot khoob ye hui na baat . Dekhte hai bhadra asuro se kaise nipatta hai.
Awesome 👌 update and great writing ✍️ super episode
 
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park

Well-Known Member
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अध्याय सत्ताइस

जब मेंने अपनी आंखे खोली तो मे किसी और ही जगह पर पहुंच गया था ये जगह किसी युद्ध के मैदान जैसी जगह लग रही थी और तो और इस मैदान के चारों तरफ बहुत बड़ी दीवारें और दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की हुई थी बिल्कुल जैसे पुराने ज़माने युद्ध के मैदान होते थे बिल्कुल वैसी ही लग रही थी

और अभी मे ये सब देख ही रहा था कि तभी मुझे वहाँ जोरों से चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनायी देने लगी और जब मेंने उस दिशा में देखा तो वहाँ पर ना जाने कहां से लेकिन शैतानों की एक बहुत बड़ी टुकड़ी मेरे सामने थी और उनके आते ही पूरे मैदान में दर्शकों की भी भीड़ हो गई थी

अभी तक मुझे यहां क्या हो रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा था कि तभी वहाँ पर आसमान में 6 गोले दिखाई देने लगे और उनके आते ही वहाँ मैदान में होने वाला सारा शोर एकदम से ही शांत हो गया

और फिर वो गोले भी मैदान के ठीक सामने बने हुए किसी बाल्कनी जैसी जगह पर आ गए और देखते ही देखते वो 6 गोले 6 महाकाय शैतानों मे बदल गए ये वही 6 शैतान थे जिन्हें हमने अध्याय चौबीस मे देखा था

और उनके आते ही उन मेसे जो सबसे बुढ़ा शैतान (राजगुरु) था वो आगे आया और मुझे देखते हुए बोलने लगा

राजगुरु :- मेरे प्यारे शैतानों ये वही है जिसने आप सबके भविष्य राजा यानी शैतान राजकुमारों को मार गिराया था और आज इसने हमारे द्वारा भेजे गए मायावी योद्धाओं को भी मार डाला है और अब इसे इसकी उन्हीं गुनाहों का परिमाण चुकाने के लिए यहां लाया गया है आज आप सबके सामने इसे मारकर हम फिर से एक बार शैतानों के साम्राज्य की ताकत पूरे विश्व को दिखाएंगे परंतु उससे पहले हमारे कानून के अनुसार इसे जीने के लिए एक मौका दिया जाएगा और उसके लिए इसे हमारी छह चुनौती को स्वीकार करके पूरा करना होगा

उसकी बातें सुनकर वहाँ पर मौजूद सभी लोग बहुत ही जोर से चिल्लाने लगे ये सब बिल्कुल वैसे ही खुश हो रहे थे जैसे भारत पाकिस्तान के मैच के ठीक पहले सब लोग होते हैं

तो वही मे बस एक जगह पर खड़ा हो कर इनका तमाशा देख रहा था मेरा मन तो कर रहा था कि सबको अभी मार गिरा दु लेकिन पता नहीं किस मायावी जाल ने मुझे इस कदर जकड़ के रखा था कि ना मे हिल सकता था और ना ही कुछ बोल पा रहा था

मे सिर्फ उस बुढ़े को घूरे जा रहा था तो वहीं जब भी उस बुढ़े की नजर मुझ पर पड़ती वो मुझे देख कर मुस्करा देता जिससे मुझे और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था

राजगुरु :- तो अब बिना किसी देरी के पहला मुकाबला सुरु करते हैं जिसमें इस मानव को लड़ना होगा हमारे योद्धाओं से जिनसे आज तक कोई जितना तो दूर उनके सामने टिक भी नहीं सका

और उस बुढ़े के इतना बोलते ही सारे दर्शक लोक ज़ोरों से चीखने चिल्लाने लगे और तभी मुझे मेरे शरीर के आसपास जो पकड़ महसूस कर रहा था था वो अब एकदम से गायब हो गई थी

और अभी मे कुछ समझ पाता इससे पहले ही मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल होती महसूस हुई जिससे मे तुरंत पीछे मूड गया और मेरे पीछे इस वक़्त एक दो नहीं ब्लकि पुरे 50 योद्धा थे और वो सभी अभी मेरे तरफ ही बढ़ रहे थे

वो सभी बड़े अजीब थे क्यूंकि उन सभी के शरीर पर पूरा लोहे का कवच था और उनके चेहरे के जगह पर सिर्फ काला धुआ था और अभी मे उन योद्धाओं को देख रहा था कि तभी फिर एक बार मुझे मेरे पीछे कुछ हलचल महसूस हुई और इस बार जब मेंने पीछे मुड़कर देखा तो मुझे अपनी तरफ एक आग का गोला आते दिखा


जिसे देखते ही मे बाजू मे हट कर बच गया और जब मेंने जहा से वो गोला आया था उस दिशा में देखा तो वहां पर 5 जादूगर खड़े थे जिनका चेहरा काले कपड़े से ढाका हुआ था और अभी मे ये सब जो हो रहा था उसे समझने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी

उस बूढे शैतान ने अपनी छड़ी को हवा में गोल घुमा कर मेरे तरफ़ इशारा किया और उसके ऐसा करते ही वो सभी 50 के 50 योद्धा मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे

तो वही दूसरी तरफ उसी कैदखाने मे बैठ कर त्रिलोकेश्वर और उसका असुर दोस्त (अध्याय बीसवें वाला) वो दोनों ध्यान में बैठ कर भद्रा को देख रहे थे और दमयन्ती बस संयम से बैठी थी और त्रिलोकेश्वर के ध्यान तोड़ने का इन्तेज़ार कर रही थी कि तभी उसे अपने बगल के कमरे से जोरों से चीखने की आवाज सुनाई देती है जिसे सुन कर त्रिलोकेश्वर भी अपना ध्यान तोड़ देता है

त्रिलोकेश्वर :- क्या हुआ मित्र तुम ऐसे चिल्लाए क्यूँ

असुर :- (बेहद गुस्से में) उन मामूली शैतानों की इतनी हिम्मत की वो कुमार के साथ ऐसा जानलेवा खेल खेल रहे हैं

हुआ यू की जब असुर ने भद्रा पर वार होते देखा तो उसका गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया तो वही जब दमयन्ती ने ये सुना तो उसे भी भद्रा की चिंता होने लगी

दमयन्ती :- ये क्या बोल रहे हैं आप मेरा पुत्र ठीक तो है ना

त्रिलोकेश्वर :- तुम दोनों शांत हो जाओ और ये मत भूलो की वो कौन है उसे मारना इन शैतानों मेसे किसी के बस की बात नहीं है

असुर :- लेकिन फिर भी तुम बस मुझे बोलो अभीं मेरे पांचो अंशों को उस जगहभेज कर उन शैतानों को ही क्या ब्लकि पूरे विश्व में जहां कहीं भी शैतान छुपे बैठे हैं उन सबको खत्म कर दूँगा

त्रिलोकेश्वर :- नहीं तुम ऐसा कुछ नहीं करने वाले ये भद्रा की परिक्षा है उसे जिनसे युद्ध करना है वो इससे 100 गुना अधिक शक्तिशाली है और अगर वो इन शैतानों को ही हरा नहीं पाया तो आगे के युद्ध में उसकी मृत्यु तय है

त्रिलोकेश्वर की बात सुनकर वो दोनों शांत हो जाते हैं और फिर से असुर और त्रि लोकेश्वर दोनों ध्यान में बैठ कर उस मैदान में हो रहे युद्ध को देखने लगे लेकिन इस बार उस युद्ध वो असुर भी भद्रा की मदद के लिए था

लेकिन त्रिलोकेश्वर के मना करने के बाद भी वो कैसे ये कर सकता है ये देखने वाली बात होगी

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आज के लिए इतना ही

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Nice and superb update....
 
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