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Fantasy ब्रह्माराक्षस

VAJRADHIKARI

Hello dosto
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अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था

तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी

वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था

इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आज के लिए इतना ही

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Rohit1988

Well-Known Member
2,640
7,295
158
अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था

तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी

वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था

इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

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आज के लिए इतना ही

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Gajab update bro
 

park

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अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था


तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी


वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था


इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

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आज के लिए इतना ही

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Nice and superb update....
 

parkas

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अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था


तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी


वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था


इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

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आज के लिए इतना ही

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Bahut hi badhiya update diya hai VAJRADHIKARI bhai...
Nice and beautiful update....
 

kas1709

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अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था


तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी


वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था


इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

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आज के लिए इतना ही

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Nice update....
 

dhparikh

Well-Known Member
12,466
14,457
228
अध्याय उनत्तीस

वहा कोई कूछ कर पाता उससे पहले ही मेने दोनों तलवारों को एक दूसरे से जोड़ दिया बिल्कुल X की तरह और ऐसा करते ही आसमान से एक भयानक बिजली आकर सीधा उन पांचो पर पड़ी और फिर देखते ही देखते वो पांचों राख में बदल गये

लेकिन इस वार का इस्तेमाल करने के लिए मेरी बहुत सारी ऊर्जा खर्च हो गयी जिससे अब मेरी सास भी फूलने लगी थी और मे अभी अपनी सासे दुरस्त कर रहा था कि तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरे पीठ पर पुरा पहाड़ फेका हो

जिससे मे सीधा आगे जाकर मुंह के बल जमिन पर गिर गया और जब मेने पिछे मुड़ कर देखा तो मेरे सामने वो पांचों सम्राट थे जिस मे सबसे बड़े शैतान के हाथ मे एक सोने की गदा थी

शायद उसी से मुझ पर वार हुआ था और अभी मे उठा ही था की तभी उन पांचों सम्राट मेसे एक ने अपने तीर से मुझ पर वार कर दिया जिससे उसका तीर हवा को चीरते हुए सीधा मेरे सिने में घुस गया

यू कहलो की मेरे दिल से केवल दो इंच दूर रह गया और जैसे ही मे वो तीर निकलता उससे पहले ही तीसरे और चौथे शैतान ने एक साथ मुझ पर अपने तलवरों से हमला किया

जिससे बचने के लिए मैने अपनी दोनों तलवरों को आगे किया लेकिन मेरी ऊर्जा पहले से ही कम थी जिस वजह से उनका वार मे रोक नही पाया और उनकी तलवारे सीधा मेरे कंधे पे लगी

उन्होंने इतने ताकत के साथ वार किया था कि वो तलवारे मेरे कंधे की हड्डी को भी काट गयी थी अब मे खून से लथ पथ होके वही गिरा हुआ था यू समझो अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था


तो वही अंधेरी गुफा मे ये सब त्रिलोकेश्वर और उसका असुर मित्र देख रहे थे और मुझे ऐसे खून में सना देख कर दोनों का गुस्सा अब चरम सीमा पर पहुँच गया था

त्रिलोकेश्वर :- उन शैतानों की इतनी हिम्मत उन्हे अब मे नही छोडूंगा

असुर :- हा सही कहा सम्राट अब आप मुझे ना रोके मेरे अंश अभी शैतान लोक को उलट पलट कर देंगे

जहा दोनों उन शैतानों से लढने के लिए तैयार हो रहे थे तो वही दमयंती अपने ही विचारों में गुम थी और जब वो दोनों भी ध्यान में बैठे तो दोनों दंग रह गए क्योंकि उनके सामने चित्र ही ऐसा था

जब मे वहा जमीन पर लेटकर अपने मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो तभी मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी कि तभी मेरे दिमाग मे अजीब सी अजनबी आवाजे सुनाई देने लगी


वो आवाजे अजीब इसीलिए थी क्योंकि वो आवाज इतनी कर्कश थी कि उसे सुन कर मृत्यु भी कांप जाए तो वही उस आवाज में मुझे अत्यंत दुःख दर्द पीड़ा का अनुभव होने लगा था और धीरे धीरे वो आवाज एक स्त्री मे बदल गयी

जिसका चेहरा तो मे देख नही पा रहा था लेकिन इतना तय था कि उसका और मेरा जरूर कोई नाता था क्योंकि उसकी पीड़ा महसूस कर के मेरे दिल में अजीब सी चुभन होने लगी थी

और अभी मे उस स्त्री के तरफ बढ़ता की तभी ऐसा लगा जैसे किसी शक्ति ने मुझे जकड़ रखा है और ये देख कर वो स्त्री रोने लगी

स्त्री :- मेरे पुत्र तुम्हे ऐसी मृत्यु नही मिल सकती हैं तुम उन सबसे लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हो अपने अस्तित्व को पहचानो तुम्हारी माँ यहाँ हर दिन तड़प रही हैं हर पल दर्द सहन कर रही हैं क्योंकि मुझे विश्वास है कि तुम आओगे और मेरे सभी दुश्मनों के रक्त का मलहम अपनी माँ के जख्मों पर लगाओगे तुम्हारी माँ तड़प रही है पुत्र उसे ऐसे अकेले छोड़ कर मत जाओ

अभी वो स्त्री बात कर रही थी कि तभी उसके पीछे से सफेद रोशनी आने लगी जिसमे वो स्त्री धीरे धीरे समा गयी और उसे जाते हुए देख कर मुझे ऐसा लगा

जैसे कि कोई मेरा दिल मुझसे छिन रहा है और जब वो प्रकाश हटा तो मेरे सामने बिल्कुल मेरे जैसे ही दिखने वाला एक लड़का था बस उसने जो वस्त्र पहने थे वो अलग थे

मै (लड़के से) :- कौन हो तुम

लड़का :- ये सवाल तुम अपने आप से पूछो भद्रा की तुम कौन हो मे कौन हू वो स्त्री कौन है तुम सब जान जाओगे और मे उसी पल का इंतज़ार में था कि कब तुम अपने अस्तित्व तक पहुँचो लेकिन शायद मुझे हि तुम्हे उस तक लेकर जाना होगा ठीक है वो भी कर लेंगे लेकिन फ़िलहार हमे कुछ और करना है

इतना बोलकर वो लड़का बिल्कुल किसी भूत की तरह मेरे शरीर में घुस गया और उसके बाद मेरे शरीर को झटके लगने लगे तो वही शैतानी दुनिया में जब वो पांचो सम्राट मेरे मृत्यु पर खुश हो रहे थे

उसी वक़्त मेरे शरीर को झटके लगने शुरू हुए और ये देखकर वहा मौजूद सभी हैरान रह गए और इससे पहले वो कुछ समझ पाते मेरी आँखे खुल गई मेरे जखम भरे नहीं थे लेकिन अब मुझे दर्द नही हो रहा था

और जैसे ही मे खड़ा हुआ वो पांचो मेरे सामने आ गए और उन्हे देखकर मेरे होंठों पर एक शैतानी मुस्कान छा गयी जिसे देखकर वो सभी एक दूसरे को देखने लगे और अभी वो एक दूसरे को हि देख रहे थे की तभी मेरे दोनों हाथों मे मेरी तलवारे आ गयी

जिसे देखकर तीसरे और चौथे शैतान ने भी अपनी तलवारे निकाल कर मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगे लेकिन वो मेरे पास आ सकते उससे पहले ही मेरी तलवरों ने उन दोनों के सर को एक ही वार मे उनके धड़ से अलग कर दिया

और मेरे ऐसा करते ही बाकी तीनों शैतानों की आँखों में मुझे डर और आश्चर्य के भाव दिखाई दे रहे थे शायद ऐसा कुछ हो सकता हैं उन्होंने सोचा नही था तो वही उन दोनों को मारने के बाद भी मेरा मन भरा नही था


इसीलिए मैने उन दोनों की लाशों को वही आग से जला दिया और फिर उन्हे वैसे ही जलते हुए छोड़ कर में बाकी तीनों की तरफ चल पड़ा और मुझे अपनी तरफ आता देख दूसरे और पांचवे शैतान ने भी अस्त्र निकाल लिए और मेरे तरफ बढ़ने लगे

लेकिन इससे पहले वो मुझे छु भी पाते उससे पहले ही मैने उन दोनों के हाथ काट दिये अभी उस जगह पर उन दोनों शैतानों के चीखने चिल्लाने की आवाजे सब सुन पा रहे थे जहाँ कुछ देर पहले सब लोग उत्सव मना रहे थे तो वही अब वहा केवल डर और मातम छा गया था

और जब उन दोनों कि चीखे बंद हुई तो मैने तुरंत ही उनके उपर आग से हमला कर दिया जिससे अब वो दोनों जिंदा जलने लगे और उनकी दर्द से तड़पते हुई चीखे सुन कर मेरे दिल को सुकून मिल रहा था

तो वही अब मेरे सामने केवल एक ही शैतान बचा हुआ था जिसके चेहरे पर मुझे क्रोध और भय के भाव दिख रहे थे जिसे देख कर मे धीरे धीरे उसके पास बढ़ने लगा

तो उसने भी अपनी वही सोने की गदा निकाल ली और जैसे ही मे उसके पास पहुँचा उसने अपनी गदा से मुझ पर वार किया लेकिन मेने बीच मे ही उसके उस गदा को पकड़ लिया

और जैसे ही मैने उसके गदा को पकड़ा वैसे ही वो गदा तुरंत ही सोने की ऊर्जा मे बदल गयी और तुरंत मेरे शरीर में समा गयी जिसे देख कर अब उस शैतान की आँखों में केवल भय दिखाई दे रहा था

लेकिन मैने बिना एक पल रुके सीधा मेरे दोनों तलवरों को उसके पेट घुसा दिया और जैसे ही मेरी तलवरों ने एक दूसरे को छुआ वैसे ही आकाश से एक भयानक बिजली आकर उस आखिरी शैतान पर गिरी

और वो वही पर जलकर खाक हो गया और ये वही दृश्य था जिसे देख कर त्रिलोकेश्वर और वो असुर जिसे हम मित्र कहेंगे उन्होंने ध्यान में बैठे हुए दे
खा था

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आज के लिए इतना ही

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Nice update...
 
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