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Nice update...अध्याय छत्तीस
कुछ ही देर में प्रिया को होश आ गया लेकिन जब वो होश में आयी तो उसकी आँखों में मुझे एक अलग ही प्रिया दिखाई दे रही थी और जब प्रिया ने मुझे देखा तो वो तुरंत मेरे गले लग गयी
लेकिन इस बार मुझे उस स्पर्श का अनुभव नही हो रहा था जो अक्सर मुझे प्रिया के छूने से होता था मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो प्रिया न होकर कोई बहरूपिया हो और ये अहसास होते ही मैने उसे खुद से दूर किया
मै:- कौन हो तुम और मेरी प्रिया कहा है
प्रिया:- ये क्या बोल रहे हो तुम भद्रा मे ही तुम्हारी प्रिया हूँ
मै:- नही मुझे तुम मेसे प्रिया का एहसास नही हो रहा है बस तुम्हारा शरीर चेहरा और आवाज पहले जैसा है लेकिन तुम्हारी आत्मा तुम्हारा मन सब बदला बदला लग रहा है
प्रिया:- उसके पीछे का कारण मे बताती हूँ
इसके बाद प्रिया ने मुझे उसके साथ जो भी हुआ वो सब बताया जिस पर मुझे यकीन तो नही हो रहा था लेकिन जब मैने कुमार के बारे में सोचा तो ना चाहते हुए भी मुझे विश्वास करने लगा
क्योंकि मुझे भी तो कुमार के रूप में मेरे शक्तियों का प्रतिरूप मे दिख रहा था और अभी मे इस सब के बारे में सोच रहा था कि तभी प्रिया मेरे उपर कूद पड़ी और मुझे बेड पर लिटा कर मेरे उपर चढ़ गयी और मेरे होठों से अपने होंठ जोड़ दिये
और हमारे बीच फिर से रुका हुआ खेल शुरू हो गया और अभी हम दोनों ही पीछे हटने के मूड मे नही थे हम दोनों भी एक अलग ही दुनिया में चले गए थे और अभी हम उस दुनिया की गहराई में जा रहे थे
की तभी प्रिया के शरीर पर फिर से वो गुलाबी आग लग गयी लेकिन इस बार प्रिया को उससे कोई फरक नहीं पड़ रहा था और न मुझे उल्टा मे जितनी देर उस आग के संपर्क में था उतना ही मेरे अंदर की कामग्नि बढ़ती जा रही थी
और ऐसे ही एक दूसरे के होठों को चूसते हुए हम उसमे इतना डूब गए थे की हमे पता भी नही चला की हमे ऐसे एक दूसरे को किस करते कितना समय हो गया वो तो जब हमारी साँसे फूलने लगी तब हम दोनों ने बेमन से अपनी किस तोड़ दी
और साँसे लेने लगे तो वही जब प्रिया साँसे ले रही थी तो उसके चुचे जो उपर नीचे होते जा रहे थे जिन्हे देख कर ऐसा लग रहा था की जैसे मुझे न्यौता दे रहे हो की आओ और मसलो हमे और इस न्योते को मे ठुकरा नही पाया
और मैने प्रिया को मेरे उपर से हटा कर बेड पर लिटा दिया और फिर मे खुद उसके उपर आ गया और अपने दोनों हाथों में उसके दोनों चुचे पकड़ कर उन्हे कपड़ों के उपर से ही मसलने लगा तो वही इस अचानक से हुए इस हमले से दंग रह गई लेकिन जल्द ही वो आनंद के समुद्र में महसूस करने लगी
प्रिया :- अहहाहा भद्रा ऐसे ही मसलो इन्हे ऐसे ही
और फिर मैने उसका योग सूट भी उतार दिया अभी वो मेरे सामने केवल अपनी ब्रा और पैन्टी मे थी तो वही उसका ये रूप देखकर मेरे अंदर की आग और भड़क उठी और फिर मैने एक ही झटके में अपने भी कपड़े उतार दिये
और अब मे सिर्फ कच्छे मे था तो वही प्रिया भी मेरी बॉडी देख उसे सहलाने लगी जो की पृथ्वी अस्त्र से जुड़ने के बाद और भी मजबूत हो गयी थी तो वही मेरे शरीर को सहलाते हुए प्रिया अपने नाखूनों को मेरे छाती मे चुभाने लगी
जिससे होने वाला हल्का दर्द महसूस करके मेरा खुद पर से काबू हट गया और फिर मैने अपने एक हाथ मे ही प्रिया के दोनों हाथों को पकड़ लिया और उन्हे उसके सर के उपर रख दिया और दूसरे हाथ से उसके चुचियों को मसलने लगा
और अपने होठों को उसके होठों से जोड़ दिया और अपने लंड को कपड़ों के उपर से ही उसके चूत पर घिसने लगा जिससे प्रिया दंग रह गयी और इस तीन तर्फे हमले से उसकी चीख निकलने वाली थी लेकिन मैने पहले ही उसके होठों को अपने होठों मे लॉक कर दिया था
जिससे उसकी चीख उसके मुह मे ही दब गयी और फिर मैने अपने कमर को तेज हिलाना शुरू कर दिया जिससे प्रिया तो मानो पागल हो गयी थी जिसके बाद मैने उसके हाथों को छोड़ कर उसके दोनों चुचियों को एक साथ मसलने लगा
तो वही इस तीन तर्फे हमले को प्रिया सहन नहीं कर पायी और उसका एक हाथ मेरे सर को सहला रहा था तो वही दूसरा हाथ मेरे पीठ पर चल रहा था जिसके बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ गर्माहट महसूस हुई और जब मैने प्रिया के तरफ देखा तो वो अपनी आँखे बंद किये बेड पर लैटि हुई थी
और उसने अपने शरीर को भी ढीला छोड़ दिया था जिसके बाद मेने उसके होठों को आज़ाद कर दिया और फिर मैने धीरे धीरे नीचे आ गया और उसकी ब्रा को भी उसके शरीर से अलग कर दिया
और जब मेरी नज़र उसके नंगी चुचियों पर गयी तो उन्हे देख कर मे अपने होश खोने लगा और मैने तुरंत ही उसके एक चुचे को मुह मे भर लिया और चूसने लगा तो वही दूसरे को अपने एक हाथ मे भर के मसलने लगा
तो वही इस बार प्रिया ने अपना एक हाथ मेरे सर के पीछे रख दिया और अपने हाथ से मेरे सर पर दबाव बढ़ाने लगी जिससे मे और भी जोश मे आ गया और फिर मैने दूसरे चुचे को भी अपने मुह मे भर लिया
अब हालत ऐसी थी कि मेरे मुह में प्रिया के दोनों चुचे एक साथ थे और प्रिया धीरे धीरे मेरे सर पे दबाव भी बढ़ाये जा रही थी कि तभी मे उसके चुचे छोड़ कर धीरे धीरे नीचे आने लगा और उसके पेट को और नाभी को चूमने चुटने लगा
और बीच बीच में उसके कमर को काट भी लेता और फिर ऐसे ही नीचे आते आते मे उसके चूत तक पहुँच गया और उसके पैन्टी के उपर से ही उसकी चूत को मुह मे भर लिया और अब तक के इस खेल मे उसकी पैन्टी पूरी भीग गयी थी
और जब मेरा मन भर गया तो मैने उसकी पैन्टी को साइड से अपने दातों मे फँसा कर उसे उतारने लगा जब मे उसे उतार रहा था तो मेरे होंठ और नाक उसके कमर से लेकर तलवों तक घिस रहे थे जिससे प्रिया अलग ही दुनिया में चली गई थी
जिसके बाद मैने उसके दोनों ही टांगों को पकड़ कर फैला दिये और बिना देर किये मैने उसकी चूत को जो की अब पूरी तरह नंगी मेरे सामने थी उसे अपने मुह मे भर लिया और चूसने लगा
और जैसे ही प्रिया को अपनी नंगी चूत पर मेरी गरम और खुरदरी जीभ का एहसास हुआ तो फिर उसके सर पर तो मानो जैसे भूत ही चढ़ गया था वो ऐसे तड़प रही थी वो बार बार अपना सर कभी दाएँ तो कभी बाये मार रही थी तो वही उसकी चूत से इतना पानी निकल रहा था कि उसकी चूत का पुरा हिस्सा गिला हो गया था
और फिर जब उसका होने वाला था तो वो अपने दोनों हाथों से मेरे सर को चूत पर दबाने लगी और जैसे ही उसका निकलने वाला था कि तभी मैने अपना सर उसके चूत से हटा दिया और ऐसे करते ही वो मुझे ऐसे घूरने लगी की अभी मुझे मार ही देगी
लेकिन वो कुछ बोलती या करती उससे पहले ही मैने उसके होंठों को अपने कब्ज़े मे ले लिया और फिर मे अपने दोनों हाथों को नीचे ले जाते हुए मेने अपना कच्छा भी उतार दिया और अब मे भी पुरा नँगा हो गया था
और मैने प्रिया होंठो को मजबूती से अपने होठों मे कैद कर दिया और वो कुछ समझ पाती उससे पहले ही मैने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और एक तेज धक्का मारा तो वही उसकी चूत का हिस्सा गिला होने से मेरा आधा लंड उसकी चूत की दीवारों को चिरता हुआ अंदर घुस गया
जिससे प्रिया की चीख निकलने वाली थी लेकिन उसके होंठ पहले से ही मेरे होंठों के कैद में थे जिससे उसकी आवाज उसके मुह में ही दब गयी और तभी मेने एक और झटका मारा जिससे अब मेरा पुरा लंड उसके चूत मे चला गया था
लेकिन न इस बार वो चिल्लाई और न ही तड़प रही थी और जब मैने उसके आँखों में देखा तो उसकी आँखे आधी बंद थी जैसे वो अभी इस पल का मजा ले रही हो जो देखकर अब मैने भी धक्के मारना शुरू किया और उसके होंठों को भी छोड़ दिया
और जैसे उस होंठ आज़ाद हुए तो वो जोर जोर से सास लेने के साथ सिसकरिया भी ले रही थी तो वही जब मे उसके चूत मे धक्के मार रहा था तो उसकी चूत की गर्मी इतनी बढ़ गयी थी कि मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरे लंड का जलना तय है
अभी मे इसके बारे में सोच रहा था कि तभी फिर से एक बार प्रिया के शरीर को उस गुलाबी आग ने घेर लिया लेकिन इस बार उस आग ने न केवल प्रिया को बल्कि मुझे भी अपने चपेट में ले लिया
लेकिन उस आग से मुझे पीड़ा नही हो रही थी बल्कि और भी ज्यादा जोश चढ़ रहा था जिसके वजह से अब मेरे धक्कों की गति भी बढ़ गयी थी और जैसे मेरी गति बढ़ती जा रही थी वैसे ही प्रिया की चीखे और उसकी चूत की गर्मी भी बढ़ती जा रही थी
जिसके सामने मे ज्यादा देर टिक न सका और मेरा सर लावा प्रिया की चूत के अंदर ही निकल गया तो वही मेरा लावा अपने चूत मे महसूस करके प्रिया का भी खुद पर से काबू छुट गया और उसका भी कामरस उसके चूत से निकलने लगा
और प्रिया का कामरस निकलते ही जो आग हम दोनों के शरीर को लगी थी वो हम दोनों के ही शरीर में समा गयी और इस सब के वजह से मे और प्रिया बहुत थक गए थे इसीलिए हम वैसे ही एक दूसरे के बाहों में नंगे ही सो गए
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आज के लिए इतना ही
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Are 56 bhog aaram se khaya jata hai jisse har prakar ke padatth ka sahi se aur barabar luft utha paye yaha bhi waisa hi haiBahut jabardast kamukta se bharpur updates… mitr ab story ko bhi thodi gati do Bhadra ke maa baap ko jaldi se is qaid se nikalne ka intezaam karo or usko uski shaktiyon se milao ….![]()