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Fantasy ब्रह्माराक्षस

VAJRADHIKARI

Hello dosto
1,484
18,080
144
अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था

तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आज के लिए इतना ही

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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great updat and super story bhai.
bhadra ke liye musibate badhti hi ja rahi hai. ek taraf to wo jawani ka swaad le raha hai. wahi doosri taraf asur use maarne ki yojna bana rahe hai. us 5 ladkiyo ka kya hoga ye sochne wali baat hai. kya bhadra unhe bacha sakega?
agley update ka besabri se intzaar rHega.

👌👌👌👌💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 
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park

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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Nice and superb update.....
 

Rohit1988

Well-Known Member
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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Lovely story
Bas thora long update diya karo bhai ji fantasy Mr sex jayada na do nahi to fantasy ot thriller nahi rahta story me bas sex rah jata hai
 

parkas

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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Bahut hi badhiya update diya hai VAJRADHIKARI bhai....
Nice and beautiful update....
 

dhparikh

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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Nice update....
 
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Reactions: VAJRADHIKARI

VAJRADHIKARI

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great updat and super story bhai.
bhadra ke liye musibate badhti hi ja rahi hai. ek taraf to wo jawani ka swaad le raha hai. wahi doosri taraf asur use maarne ki yojna bana rahe hai. us 5 ladkiyo ka kya hoga ye sochne wali baat hai. kya bhadra unhe bacha sakega?
agley update ka besabri se intzaar rHega.

👌👌👌👌💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Jo bhi hoga acche ke liye hi hoga Lekin meri taraf se spoiler warning





A SUPREME ACTION SCENE IS COMING 😈😈😈😈😈😈😈😈
 

VAJRADHIKARI

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Lovely story
Bas thora long update diya karo bhai ji fantasy Mr sex jayada na do nahi to fantasy ot thriller nahi rahta story me bas sex rah jata hai
Bhai me wo hu jisne incest aur adultery stories me bhi jayada sex nahi Diya aur isme isiliye AA Raha hai kyunki wo need hai future ke liye set ho raha hai

aur Rahi update size ki baat toh aaj me sabko is baat se bhi parichit kar du ki Jab me update ki starting karta hu toh mere dimag me ek theme set hoti hai

jise me update end hone Tak khichta hoon lekin ye baat bhi mujhe pata hai ki kisi bhi cheej ko khinchne ki bhi limit hoti hai

aur updates ke bich me unnecessary scene ya dialogues dalne ki aadat mujhe nahi isiliye mere stories ke update ki size kabhi bhi same nahi hoti
 
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