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Fantasy ब्रह्माराक्षस

Tri2010

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अध्याय तेईस

जब हम दोनों मेरे घर पहुंचे तो आज मुझे प्रिया के चेहरे पर अलग ही चमक दिख रही थी आज वो जितनी खुश थी उतनी तो वो अपने जन्मदिन पर भी नहीं थी आज वो किसी बचे की तरह व्यवहार कर रही थी जिसे अपना मनपसंद गिफ्ट मिला हो

तो वही उसे हँसता देखकर मेरे दिल को भी एक अजीब सी खुशी मिल रही थी आज मुझे एहसास हो रहा था कि प्रेम किसे कहते हैं और अभी मे उसके चेहरे की मुस्कुराहट मे खोया हुआ था कि तभी मुझे अपने हाथ पर अचानक कुछ चुभन महसूस हुई जिससे मे होश में आ गया

और जब मेंने प्रिया की और देखा तो वो मेरे सामने सिर झुका कर शर्मा रही थी शायद उसने मुझे खुद को घूरते हुए देख लिया था कि तभी मेरा ध्यान उसके हाथ पर गया जहा उसके हाथ में एक पिन पकडी हुई थी शायद उसी ने वो पिन चुभाई थी और अभी मे कुछ बोलता उससे पहले ही प्रिया बोलने लगी

प्रिया :- अगर घूरने से मन भर गया हो तो जाओ फ्रेश हो जाओ में खाना मंगवाया है

प्रिया की बात सुनकर मैं बिना कुछ कहे फ्रेश होने चला गया और जब मे जा रहा था तो प्रिया के हंसने की आवाज मुझे सुनाई दे रही थी शायद मेरी हालत पर ही हंस रही थी और जब मे फ्रेश होकर आया तो दंग रह गया

सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था प्रिया बिल्कुल किसी परी के तरह दिख रही थी इतनी ख़ूबसूरत की उसे देख कर मेरा मुँह खुला ही रह गया उसने इस वक़्त एक काली जाँघों तक आती वन पीस ड्रेस जो उसके गोरे बदन से एकदम कस के चिपकी हुई थी

जिसमें से उसके शरीर का हर एक उभार में अच्छी तरह से देख पा रहा था तो वही उसके खुले काले बाल जो सिर्फ कंधो तक थे। हल्का मेकअप, होठों पर वो हल्की गुलाबी लिपस्टिक, कानों में लंबी स्टाइलिश बाली, हर जगह से वो सौंदर्य की प्रतिमा लग रही थी

खाना खाना आ आ गया गया गया गया था था और जब मेरी नजर खाने पर पडी पडी तो मेने अपना सिर पीट लिया क्यूँकी प्रिया ने खाने के साथ बियर की भी 2 बोतल मंगाई थी और और फिर उसके बाद प्रिया भी फ्रेश हो कर आ गई जिसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और फिर बीयर पीने लगे और जब हमारी बीयर खत्म करके हुई तो हम दोनों मेरे बेड पर जाके बैठ गए

में :- मुझे मुझे लगा नहीं था कि तुम इतना पीती हो

प्रिया :- मे हर दिन नहीं पीती सिर्फ किसी खास दिन

में :- अच्छा और आज क्या खास है

प्रिया :- आज मुझे मेरा मेरा पहला प्यार मिल गया है और आज मे पूरी तरह तुम्हरी बन जाना चाहती हूं

में :- प्रिया ये कुछ जल्दी नहीं होगा मतलब

अभी मे कुछ बोलता की उसने मुझे बेड पर धक्का देके लिटाया और फिर मेरे उपर आके बैठ गयी ऊपर आके बैठ गई और फिर मेरे कानों के नज़दीक आके बोलने लगी

प्रिया :- क्या तुम मुझे नहीं चाहते हो मेरे से प्यार नहीं करते हो

इतना बोलकर वो मुझसे दूर हो गई लेकिन अभी भी मेरे उपर ही बैठी हुई थी वही आज पहली बार प्रिया को मेरे इतने करीब देख कर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था या ऐसा भी कह सकते हैं कि मे उसकी सुंदरता इतने पास से देख के ही मंत्रमुग्ध हो गया था

क्या सुन्दरता थी. वो हसीन चेहरा, पूरी इत्मीनान से तराशा गया वो बदन, वो नैन जो एक झलक में किसी की जान ले ले ऐसी सुंदर लड़की इस वक़्त मेरे ऊपर बैठी हुई थी पर ये बात भी सच थी कि वो इस वक्त पूरे होश में नहीं थी

और अगर इस वक़्त में उसके साथ कुछ भी करता तो गलत ही होता चाहे वो मेरे होने वाली बीवी ही क्यु ना हो मे अभी ये सोच ही रहा था कि तभी वो नीचे झुकी और फिर एक बार मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा लाई उसकी गरम गरम सासे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी

जो मुझे कुछ गलत करने पर मजबूर करती जा रही थी अब मेरे ऊपर तो पहले से ही कामोत्तेजना का बवंडर मंडरा रहा था और ऊपर से बीयर का नशा आखिर कब तक ही रोक पाता मे खुदको उसने बड़े ही प्यार से मेरे गाल पर अपना एक अंगूठा फिराया और मेरे चेहरे को निहारने लगी,

लड़की :- मे हमेशा ये सीन अपने सपने मे देखती थी जिसमें हम दोनों सारे बंधनों को तोड़ कर एक हो जाएंगे

और अगले ही पल उसने झुकते हुए मेरे होंठ अपने गुलाबी होठों में भर लिए

दोनों के होंठ आपस में मिलते ही एक जोरदार झटका दोनों के ही शरीर को लगा

ये एहसास इतना अद्भुत था कि किसी को भी इसकी लत लग जाए लेकिन अब मेरे उपर भी बीयर और कामवासना का नशा पूरा चढ़ गया था मे चाह कर के भी खुदको रोक नहीं पाया और जी भर के प्रिया के के होंठ चूमने लगा

मे नहीं चाहता था कि मे कभी भी इस फीलिंग को भूल जाऊँ और इसलिए मे जी भर के प्रिया के होंठ चूसने लगा जब दोनों के होंठ एक दूसरे से अलग हुए तो दोनों की सासें फुल रही थी जिस वजह से प्रिया के स्तन भी उपर नीचे हो रहे थे

ये दृश्य देखकर मेरी नजर प्रिया पर ही टिकी हुई थी इस वक़्त तक हम दोनों भी बीयर और कामवासना के नशे मे पूरी तरह से डूब गए थे अब हमे ना किसी और चीज की समझ थी ना ही हम कुछ और समझना चाहते थे

वहीं जब प्रिया ने मुझे उसके स्तनों को घूरते देखा तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने स्तनों पर रख दिया और फिर मेरे कानों में गरम सास छोड़ते हुए बोली

प्रिया (कामुक आवाज में) :- ये तुम्हारें ही है सिर्फ देखो मत ब्लकि मसलों इन्हें

जब उसने ऐसा कहा तो मेंने भी बिना समय गवाए और बिना हिचकिचाटे हुए प्रिया के स्तनों को ड्रेस के ऊपर से ही ज़ोर से भींचते हुए उन्हें निचोड़ना शुरू कर दिया जिससे प्रिया के शरीर को एक झटका सा लगा

अब वो लंबी लंबी सिस्किया लेने लगी फिर मेंने उसे पकड़ते हुए अपने ऊपर से हटा के उसे मेरे बगल में लिटाया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया और ऐसा होते ही प्रिया के चेहरे के भाव ही बदल गए जहा उसके चेहरे पर कामवासना के भाव थे वही अब उसके चेहरे पर शर्माहट साफ़ देखी जा सकती थी साथ ही साथ उसका जोश भी उतना ही चढ़ा हुआ था

ये उसके लिए किसी सपने से बढ़कर नहीं था तो वही वही मेरा भी ये दूसरा मौका ही था इसीलिए मुझे भी इसमे बिल्कुल वैसा ही मजा आ रहा था कि मानो ये मेरा भी पहली बार ही है फिर में धीरे धीरे प्रिया के चेहरे की तरफ झुकने लगा और नीचे झुकते हुए उसके गोरे कंधों को चूमना शुरू कर दिया

और धीरे-धीरे ऊपर जाते हुए मे उसकी गर्दन को अपनी चुम्मियों से गीला करने लगा जिसके बाद मेने अपने हाथों का इस्तमाल करते हुए पल भर में ही प्रिया के उस काली ड्रेस को उसके शरीर से दूर कर दिया और अब प्रिया मेरे सामने केवल एक पैंटी मे थी जो कि उसके ड्रेस से बिल्कुल काली थी

वो ड्रेस ही ऐसा था कि जिसमें ब्रा ना पहननी पड़े जिस वजह से उसकी गोरी नर्म चूचियों के दर्शन मुझे हो गए और फिर अगले ही पल उसने अपना मुंह खोल एक चूचा मुंह में भर लिया प्रिया सिस्की लेते हुए अपने हाथों को मेरे सर के पीछे लपेट ली और मेरे बालो में अपनी उंगलियां फेरते हुए मुझे अपनी ओर खींचते हुए अपने स्तनों पर मेरा सर रख दबाव बढ़ाने लगी

जेसे कहना चाह रही हो कि चूसो इन्हें जी भर के चूसो और मेंने भी उसके मन की बात सुन ली थी और फिर मेने ठीक वही किया मे उन नर्म नर्म चुचियों को जी भर के चूस रहा था , उन्हें निचोड़ रहा था , दबा रहा था और निपल्स के साथ खेल रहा था जो मेरे मन में आये कर रहा था

जो प्रिया को दर्द और मजे की नयी ऊंचाई पर पहुंचा रहा था क्यूंकि कभी मे उन्हें काटता तो कभी उनपे जीभ फिरता, कभी मुँह में भरता तो कभी दातो तले दबा के उसे खीचता जिससे अब प्रिया पूरी तरह मदहोश हो गई थी मेरा हर प्रहार पर प्रिया सिहर के रह जाती थी

तो वही वो मेरे गरदन को ऐसी चूस रही थी मानो जैसे खा ही जाएगी अब हमारा हाल ऐसा हो गया था था कि हम दोनों कब पूरी तरह से नग्न हो गए हमे भी पता नहीं चला और जब मेने प्रिया की योनि के दर्शन किए तो पल भर के लिए तो मे बस देखता ही रहा क्या अध्भुत दृश्य था वो

चिकनी पतली सी गोरी चूत मुझे उकसा रही थी जैसे कह रही थी कि आओ और चूसो इसे तबाह कर दो इसे इतनी पतली गुलाबी चूत और उससे आ रही सुगंध मुझे हर पल मदहोश करती जा रही थी प्रिया भी मुझे इतनी नशीली आँखों से देख रही थी जो मुझको बेकाबू कर रहा था

फिर मे अपना चेहरा प्रिया के चुत के पास ले गया और पहले उसमे से आ रही खुशबु को एक बार ज़ोर से सूंघा और उसे अपने दिलोदिमाग मे बसा लिया और फिर अपना मुँह खोल प्रिया की चूत को अपने मुँह में भर लिया

मेरे ऐसा करते ही प्रिया की आंखें फटी रह गईं और उसने अपनी टांगें जोर से मेरे सर पर इरद गिर्द कस ली उसके चेहरे से ही लग रहा था कि ऐसा एहसास प्रिया को आज तक नहीं हुआ था वो तो बस अलग ही दुनिया में जा चुकी थी

जिसका सबूत था कि कुछ ही मिनट की चुत चुसाई के बाद उसकी चूत रस छोड़ने लगी और फिर प्रिया का शरीर भी अकड़ने लगा लेकिन मे रुका नहीं जिससे जल्द ही उसका शरीर झटके खाते हुए झड़ने लगा

जिसके बाद मेने अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर सेट करते हुए मेंने एक ज़ोरदार धक्का मारा जिससे मेरे लंड का टोपा झट से चूत में प्रवेश कर गया तो वही ऐसे एकदम धक्का मारने से प्रिया की हालत खराब हो गई दर्द के मारे बेचारी प्रिया की जोरदार चीख निकलने वाली थी

लेकिन इसके पहले कि वो ज़ोर से चिल्लाती है, मेने उसके मुँह पर हाथ रख उसकी आवाज़ को रोक दिया और वैसे ही कुछ देर रुक गया फिर कुछ देर बाद मेंने फिर दो धक्के मारे जिससे अब मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में जा चुका था

तो वही हल्के हल्के आसु प्रिया की कोमल पलकों को भिगोने लगे थे जिसे देखकर मे फ़िर एक बार रुक गया और कुछ देर यू ही बिना हिले डुले मे अपना लंड उसकी योनि के अंदर ही रखा रहा और जब प्रिया शांत हुई तो

मेने हौले हौले ही अपने लिंग को आगे पीछे करना शुरू कर दिया प्रिया की चूत अंदर से इतनी गर्म थी कि ऐसा लग रहा था मानो मेरा लंड उसी वक़्त जल जाएगा किसी भट्टी से कम नहीं थी तो वही चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड बड़ी ही मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था

चुत के अंदर की दीवारे मेरे लंड को कस कर पकड़ रही थी और अपने तपमान से मेरे लंड को किसी गरम लोहे की रॉड में बदल रही थी अब पूरे कमरे में चुड़ाई की आवाज कमरे में फेल हो गई

और इस अदभुत चुदाई के बाद अब मुझसे और काबु करना मुश्किल हो रहा था और अगले ही पल मेंने अपना लंड बाहर निकाला अपने वीर्य की एक तेज़ पिचकारी छोरी, जो सीधी प्रिया की नंगी चुचियो, उसकी छाती, और उसके पैर पर जाके गिरी जिसके बाद मे और प्रिया वैसे ही एक

दूसरे के बाहों में सो गए

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आज के लिए इतना ही

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Lovely update
 
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Tri2010

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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Interesting update
 
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अध्याय चौबीस

जहाँ एक तरफ मेरे जीवन में एक के बाद एक घटनाएं घटती जा रही थी तो वही दूसरी तरफ धरती लोक से दूर किसी और ग्रह पर जहा पे भयानक जीवों का वास था जहां पर हर पल किसी ना किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी

लेकिन आज उस जगह पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था और फिर उसी सन्नाटे को चीरते हुए एक दहाड़ पूरे ग्रह मे फैल गई जिसे सुनकर ही किसी की भी डर के मारे बुरा हाल हो जाए वो आवाज उसी ग्रह के मध्य में स्थित एक बड़े महल से आ रही थी

चलिए हम भी देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ इस वक़्त उस महल मे 4 महाकाय शैतान मौजूद थे जो कि बड़े ग़ुस्से मे दिख रहे थे उन चारों के शरीर की रचना एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थी

उस मे से एक शैतान की ऊंचाई कम से कम 15 फीट की थी तो वही उसके हाथ में एक बड़ी लंबी और चौड़ी तलवार थी और उसके आखें बिल्कुल नीले रंग की थी

तो वही दूसरा शैतान जिसकी ऊंचाई 10 फीट के आसपास होगी और उसकी आखें आम लोगों के तरह थी लेकिन उसके सर पे सिंग लगे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर सांप का मुह बना हुआ था


तो तीसरे और चौथे शैतान बिल्कुल एक जैसे थे जैसे कि मानो जुड़वा हो दोनों की ऊंचाई 12 से 13 के बीच होगी और दोनों ही आधे मानव तो आधे घोड़े की तरह थे

वो सभी इस वक़्त बड़े ही गुस्से में लग रहे थे सबकी आखों मे जहा क्रोध के अंगार थे तो वही दुख का समुद्र आसुओं के रूप में बहते हुए भी दिख रहा था लेकिन जो 15 फीट का असुर था

जिसे हम असुर 1 कहेंगे उसकी आखें नीली और लाल रंग के मिश्रित रंग की हो गई थी और हर बढ़ते समय के साथ ही उसकी आखें लाल होती जा रही थी तो वही उसकी पकड़ भी उसके तलवार पर कसती जा रही थी

और उसे देख कर बाकी तीनों असुर डरे हुए लग रहे थे अभी कोई कुछ करता या बोलता की तभी वहाँ दो और शैतान आ गए उन मेसे एक तो वही है जिसे हम ने पहले भी देखा था (अध्याय बाइस मे)

और उसके साथ जो दूसरा शैतान था वो कोई बुढ़ा था जिसके हाथ में एक किताब थी तो दूसरे हाथ में एक छड़ी थी जिसके मुह पर एक पत्थर लगा हुआ था अभीं इन्हें हम उनके क्रम से बुलाएंगे जब सबने उन दोनों को देखा तो सभी उस बूढे शैतान (राजगुरु) के आगे झुक गए

राजगुरु :- खड़े हो जाओ मेरे शिष्यों मुझे पता है आप सभी बेहद गुस्से मे है कि किसीने आप सबके पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया है लेकिन यह समय शोक मनाने का नहीं बल्कि अपने उस गुस्से को इस्तेमाल कर पूरे पृथ्वी लोक को तबाह करने का है और इसके लिए मे तुम्हें कुछ देने आया हूं

इतना बोलते ही राजगुरु ने अपनी छड़ी के निचले हिस्से को जोर से जमीन पर दे मारा जिससे वहाँ पर पांच शैतान और आ गए जिन्हें देख कर शैतान 1 बड़े गुस्से मे गरज उठा गुस्सा तो सबको आया था लेकिन कोई राजगुरु के खिलाफ नहीं जाना चाहता था

शैतान 1 (गुस्से में) :- गुरुवर हम भले ही दुःख मे है लेकिन अभी भी हमारे बाजुओं में इतनी ताकत है कि अपने बेटे की हत्या का बदला हम खुद ले सकते हैं उसके लिए हमे किसी मायावी योद्धा की जरूरत नहीं है आप केवल आज्ञा दे तो मे अकेला ही पूरे पृथ्वी को गेंद की तरह उछाल के ऐसे पटक दूँगा की उस ग्रह के छोटे छोटे टुकड़े पूरे अंतरिक्ष में घूमते रहे

शैतान 2 :- जी गुरुवर हमारा दुःख और क्रोध तभी शांत होगा जब हम हमारे पुत्रों के हत्यारे के खून से अपनी प्यास बुझायेंगे और इसके लिए हमे किसी भी तरह के मदद की जरूरत नहीं है

राजगुरु :- मुझे तुम्हारे ताकत पर कोई शक नहीं है लेकिन तुम अपने बुद्धी का इस्तेमाल करो हम ये नहीं जानते कि उन पांचो को मारने वाला कोण है कहा है कैसा दिखता है या फिर वो अकेला है या पूरी सेना है उसके साथ ये सब पता करने के लिए ही ये पांचो धरती पर जाएंगे और इनका पहला कार्य ये होगा कि ये उन पांचो बहनों को ढूंढे और उन्हें खत्म कर दे और ये करते वक़्त जब वो हत्यारा सामने आयेगा तब ये पांचो अपनी शक्तियों से उसे यहा ले आयेंगे और फिर उन पांचो लड़कियों के साथ उस हत्यारे को भी हम सभी अपने हाथों से मारेंगे

इतना बोलकर राजगुरु जोरों से हंसने लगा और उसके साथ बाकी पांचो शैतान भी हंसने लगे और तभी राजगुरु ने फिर एक बार अपनी छड़ी को जमीन पर मारा

और ऐसा करते ही वो पांचो योद्धाओं के सामने एक एक दरवाजा खुला जो उन्हें सीधा लेके गया उसी गोदाम के तरफ जहां पर मेंने उन पांचो असुरों रूपी शैतानों को मार गिराया था

तो वही दूसरी तरफ उस अंधेरी गुफा में जहां दमयन्ती और त्रिलोकेश्वर को कैद कर के रखा था वहाँ आज त्रिलोकेश्वर बड़े गुस्से में था और इसकी वजह थी कि उसे अब तक अपने पुत्र को कैसे उसका अस्तित्व याद दिलाए ये पता नहीं चला था

तो वही वो तीनों असुर अभी अपनी योजना तैयार कर रहे थे कि कैसे वो अस्त्र धारकों पर हमला करके उन्हें मार गिराए और इसके पीछे वजह साफ़ थी कि वो जिनसे लड़ने की योजना बना रहे थे वो कोई मामूली नहीं बल्कि अस्त्र धारक हैं

जिनके पास महाशक्ति और ग्यान का समुद्र है उनसे वो सीधा युद्ध करने का प्रयास तो क्या विचार भी नहीं कर सकते थे इसीलिए वो एक ऐसी योजना बना रहे थे जिससे अस्त्र धारक कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है

तो वही धरती लोक पर अभी मे और प्रिया एक दूसरे के बाहों में सो रहे थे कि तभी प्रिया की आंख खुलने लगी और जब वो उठी तो उसकी नजर सबसे पहले तो मेरे चेहरे पर गई जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब उसकी नजर मेरी नग्न अवस्था पर पड़ी तो उसे होश आया और जब उसने खुदको नग्न अवस्था में पाया तो उसका शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और धीरे धीरे उसे रात का पूरा दृश्य उसके आखों के सामने आने लगा

जिसे याद करते ही प्रिया के आंखे शर्म और खुशी से नीचे झुक गयी जिसके बाद वो उठीं और अपना काला ड्रेस उठाकर पहन लिया और बाथरुम जाने लगी और जब वो नहा रही थी तो उसे अपने चुत के पास सूखा हुआ खून दिखने लगा

जो उसे फिर एक बार कल की हसीन रात के सपनों में घुमाने लगी कि तभी उसे एक जोर का झटका लगा और उसका दिमाग काम करने लगा कि कल उसकी सील टूटी थी

लेकिन फिर भी उसे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था ये सोचकर वो हैरान हो रही थी कि तभी उसने सोचा कि शायद मेंने अपने जादू से उसके दर्द को ठीक किया होगा लेकिन सच क्या है ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है

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आज के लिए इतना ही

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Bhot hi saandaar or mast update and waiting for your next update 🤔wesa aap itne time kab se lene lage update Dene me kuki shyad abhi to ye ek hi story pe kaam kar rahe hona aap?
 

VAJRADHIKARI

Hello dosto
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Bhot hi saandaar or mast update and waiting for your next update 🤔wesa aap itne time kab se lene lage update Dene me kuki shyad abhi to ye ek hi story pe kaam kar rahe hona aap?
Story ek hi hai Lekin jindagi jo mere sath har pal alag khel khel rahi hai uska bhi toh mujhe hi dekhna hai

aur delay ek wajah ye bhi hai ki hinglish me jyada tezi se likh sakte hai toh wahi Hindi ke kana matra sabka dhyan rakhna padta hai

aur meri pahli do stories Mene Bina kisi outline ke banayi thi isiliye me unhe jaise chahta le jata Aur update time par post kar deta

Lekin iski outline hai mere paas aur me ise usi outline par chala Raha hoon isiliye ise likhane aur edit me samay lagta hai
 
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VAJRADHIKARI

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अध्याय पच्चीस

अभी मे सोया हुआ था कि तभी मेरा मोबाइल बजने लगा और जब मेंने देखा तो प्रिया के माँ का फोन था शायद वो प्रिया के लिए परेशान थी इसीलिए मेंने फोन उठाकर उनसे बात की और फिर उन्हें बताया कि प्रिया मेरे साथ है तो उनकी परेशानी कम हो गई

और फिर कुछ देर उनसे बात कर के में फ्रेश होने चला गया और जब मे फ्रेश होकर आया तो देखा कि मेरे कपड़े बेड पर प्रेस किए हुए हैं जिसे देख कर मे हैरान हो गया लेकिन फिर जब मुझे प्रिया का खयाल आया तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब मे बाहर आया तो देखा कि प्रिया किचन में थी और शायद नास्ता बना रही थी अभी उसने कल की काली ड्रेस ही पहनी हुई थी जिसे देखकर मेरे शरीर में हलचल मचने लगी और मेंने उसके पीछे जाकर उसे अपने बाहों में भर लिया

और उसके कान को चूमने लगा पता नहीं मुझे क्या हो रहा था लेकिन जब से मेंने प्रिया को अपने असलियत के बारे में बताया था तभी से मे उसके साथ काफी खुला हुआ महसूस कर रहा था शायद मुझे भी प्रिया से प्यार हो गया था

और जब हम दोनों के बीच की झूठ की दीवार हट गयी तो शायद मेरे भावनाओं पर पड़ा हुआ पर्दा भी हट गया था और यह सोच कर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था और यही सब सोचते हुए कब मेरा हाथ प्रिया के हाथ के उपर आ गया मुझे पता नहीं चला

लेकिन प्रिया मेरे टच को अच्छे से महसूस कर रही थी और ये टच उसे मदहोश किए जा रहा था कि तभी मेरे घर की बेल बजी जिससे हम दोनों होश में आ गए और मे तुरंत प्रिया से दूर हट गया और जब मेंने दरवाजा खोल कर देखा तो वहाँ कोई और नहीं बल्कि शांति थी

और जब शांति ने प्रिया को उस काले ड्रेस मे देखा तो शांति को शरारत सुझने लगी और वो किचन में प्रिया के पास चली गई और उसे छेड़ने लगी जिससे प्रिया का शर्म के मारे बुरा हाल हो रहा था तो वही प्रिया को ऐसे शर्माते हुए देख कर मे और शांति दोनों हस रहे थे कि तभी

ना जाने शांति को क्या हुआ वो किचन से निकल कर मेरे पास आ गई और मेरे चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर मेरे होंठों को अपने होंठों से चिपका लिया और किस करने लगी तो वही जब शांति ने मुझे किस किया तो मुझे थोड़ा अजीब लगने लगा

क्यूंकि प्रिया हमे ही देख रही थी लेकिन यही फिलिंग मेरे शरीर में मस्ती भर रही थी और फिर किस मे मेने भी शांति का साथ देने लगा और फिर मेरा एक हाथ अपने आप जाकर शांति के गांड को दबाने लगा और दूसरा हाथ प्रिया को मेरे पास बुलाने लगा

तो वही शायद प्रिया भी इसी बात का इन्तेज़ार कर रही थी मेरा इशारा पाते ही वो तुरंत मेरे बाहों में आ गई और मेरा दूसरा हाथ प्रिया के गांड को दबाने लगा और अब हालत ऐसे थे कि इस वक़्त प्रिया और शांति दोनों भी मेरे बाहों में थी और मे दोनो को ही बारी बारी से किस कर रहा था और मेरे हाथ दोनों के ही चुतडों को मसल रहा था

जिससे दोनों की भी सिसकियाँ निकल रही थी तो तभी मेंने समय का खयाल करते हुए इस खेल को रोक दिया जिससे प्रिया और शांति दोनों के ही चेहरे पर निराशा साफ़ झलक रही थी शायद वो ये खेल और खेलना चाहती थी और मेरा मन भी अभी तक भरा नहीं था

लेकिन फिर भी मेंने इस खेल को रोक दिया क्यूंकि ये समय इस सब के लिए सही नहीं था और सबसे बड़ी बात की अभी मुझे कुछ अजीब फिलिंग आ रही ऐसी मुझे आज तक कभी नहीं आयी थी और ये किसी भी तरह से अच्छी फिलिंग नहीं थी

मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई है जो मुझे अपनी तरफ़ बुला रहा है मुझे खींच रहा और इसी बात का पता लगाने के लिए मेंने जल्दी नाश्ता खत्म किया और शांति को प्रिया को उसके घर छोड़ने के लिए बोलकर मे उस दिशा में जाने लगा जहां से मुझे वो अजीब सी फिलिंग आ रही थी

और जब मे वहाँ पहुंचा तो वो जगह देख कर मे हैरान रह गया क्यूंकि वो जगह कोई और नहीं बल्कि वही गोदाम था जहां मेंने असुरों के साथ युद्ध किया था और जब मे उस गोदाम के दरवाजे के पास पहुंचा तो मुझे फिर से वही पांचो लड़किया दिखाई दे रही थी

जिनकी जान मेंने बचाई थी और जब मेंने ध्यान से देखा तो पाया कि उन पांचों ल़डकियों के हाथ पाँव सर या ये कहो शरीर के हर एक भाग से खून टपक रहा था ऐसा लग रहा था कि उन पांचों को किसीने बहुत बुरी तरह से मारा है और अभी मे कुछ कर पाता कि उससे पहले ही एक आग का गोला आके उनसे टकराया जिससे वो पांचो दूर जा कर गिर गई

और जब मेंने उस आग के गोले के दिशा में देखा तो वहाँ मुझे पांच महाकाय असुर दिखाई दे रहे थे और अभी वो लडकिया उठने की कोशिश कर ही रहे थे कि तभी उन असुरों ने फिर से आग का गोला उनके उपर छोड़ दिया

और इससे पहले कि वो गोला उन लड़कियों तक पहुंच पाता कि तभी मे उस गोले के आगे आ गया और जैसे ही वो गोला मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने अपने सामने पानी की एक दीवार खड़ी कर दी जिससे टकराते ही वो आग का गोला ग़ायब हो गया और फिर मेंने तुरंत अपने जादू से उन पांचो ल़डकियों को बाँध दिया तो वही अचानक हुए इस हमले से वो असुर हैरत मे पड गये लेकिन जब उनका दिमाग काम करने लगा तब उन्हें हालत का पता चला वैसे बताने की जरूरत नहीं है फिर भी बता देता हूं ये वही है जिनको राजगुरु ने भेजा था जिन्हें हम योद्धा कहेंगे

योद्धा 1 :- अच्छा तो तुम हो वो जिसने उन पांचो शैतान कुमारों को जान से मारने की गुस्ताखी की है अब तुम्हें उसका परिणाम भी सहन करना होगा

में :- माफ़ करना दोस्त लेकिन मे नही जानता कि तुम किन शैतानों की बात कर रहे हों हाँ अगर तुम्हारा अंदेशा उन कमजोर असुरों से है जिन्हें मेंने इसी जगह पर मार डाला था तो तुमने सही बंदे को ढूँढा है

योद्धा 2 :- बोलते बहुत हो तुम सबसे पहले तो तुम्हारी ये जुबान ही में काट कर अलग कर दूंगा

में :- अच्छी बात है आओ कोशिश कर के भी देखों मे भी तो जानू की तुम सिर्फ बातों के शेर हो या कुछ कर भी सकते हो

शायद मेरी बात उन्हें ज्यादा पसंद नहीं आयी इसीलिए तो उन मेसे एक असुर तुरंत दौड़ते हुए मेरे पास आया और मे भी इसी इन्तेज़ार मे था जैसे ही वो मेरे तरफ बढ़ने लगा वैसे ही मेने भी अपनी तलवार को याद कर लिया था और जैसे ही वो मेरे पास पहुंचा मेंने उसकी गर्दन को निशाना बनाकर अपनी तलवार चलायी

लेकिन उसने तुरंत ही झुक कर उस हमले को विफल कर दिया जो देख कर मे दंग रह गया क्यूंकि जब उसने मेरे वार को विफल किया तब मेने उसे गौर से देखा था लेकिन मुझे उसकी जीव मनी कहीं भी दिखाई नहीं दी

लेकिन जितना मेंने पढ़ा था हर असुर की जीव मनी होती है अभी मे ये सब सोच रहा था कि तभी उस योद्धा ने मुझ पर वार किया जिससे मे सीधा उड़ता उड़ता हुआ उन ल़डकियों के के पास पहुंच गया

लड़की 1 :- कोण हो तुम और हमे बाँध कर क्यु रखा है

में :- मे भी वही जानना चाहता हूं कि कोण हो तुम और कोण है वो असुर और उनकी जीव मनी कहा है

लड़की 1 :- असुर तुम कोई नौसिखिए हो क्या वो असुर नहीं शैतान है उन्हें किसी भी जीव मनी की जरूरत नहीं है

में :- शैतान ये कैसे हो सकता है उनका अंत तो सालों पहले ही हो गया था और उन्हें तुमसे क्या चाहिए

अभी मे उस लड़की से सवाल पूछ ही रहा था कि तभी पीछे से वो योद्धा आया और उसने मेरी गर्दन पकड़ कर उठाया और जोर से जमीन पर पटक दिया जैसे मे कोई गेंद हु और अब वो मुझे अपने पैरों तले कुचलने का प्रयास करने वाला था कि तभी मेंने उसके पैरों में अपनी तलवार घुसा दी और इससे पहले कि वो कुछ सोच समझ सकता मेंने तुरंत उसके पैर से तलवार निकाल कर सीधा उसकी गर्दन उड़ा दी

में :- (लड़कियों से) नौसिखिया अब देखो ये नौसिखिया क्या करता है

इतना बोलकर मे दौड़ते हुए सीधा उन योद्धाओं की तरफ बढ़ने लगा तो वही मुझे अपने पास आते देखकर वहाँ से भी एक योद्धा मेरे मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगा और इस बार पहला हमला उस योद्धा ने अपनी तलवार से किया

जिससे मे बाजू में हटकर बच गया जिससे उसकी तलवार जमीन मे धस गयी और इससे पहले कि वो तलवार बाहर निकाल पाता मेंने तुरन्त कूद कर अपनी तलवार से उसके सर पर वार कर दिया जिससे उसका शरीर दो हिस्सों में बट गया

जिसे देख कर वो लड़किया वो योद्धा सभी दंग रह गए थे यहाँ तक कि मे खुद हैरान था क्यूँकी भले ही मेरे पास कुछ शक्तियां है लेकिन इतनी भी नहीं की मे इन शैतानों को इतनी आसानी से और इतनी बुरी तरह से मार सकू

लेकिन फिलहाल मेरे पास ये सब सोचने का वक्त नहीं था क्यूँकी सामने से और दो शैतान एक साथ दौड़ते हुए आ रहे थे जिन्हें देख कर मेंने एक शैतान की तरफ अपनी तलवार को किसी भाले की तरह फेंक दिया

जिससे वो तलवार हवा से भी तेज उड़ते हुए सीधा जाकर एक शैतान के गर्दन में घुस गई और और वो वही पर मर गया और दूसरा शैतान जैसे ही मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने एक जोरदार घुसा उसके पैट मे मार दिया और वो घुसा इतना तेज और शक्तिशाली था

कि मेरा घुसा उसके पेट को फाड़ कर सीधा उसकी रीड की हड्डी को तोड़ते हुए दूसरी तरफ़ से बाहर निकल गया और जैसे ही मेंने अपना हाथ बाहर निकाला वैसे ही वो शैतान भी मर गया और अभी मे उस आखिरी शैतान की और बढ़ता की तभी मुझे किसी के चीखने की आवा
ज सुनाई दी

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आज के लिए इतना ही

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Sabhi91

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159
अध्याय पच्चीस

अभी मे सोया हुआ था कि तभी मेरा मोबाइल बजने लगा और जब मेंने देखा तो प्रिया के माँ का फोन था शायद वो प्रिया के लिए परेशान थी इसीलिए मेंने फोन उठाकर उनसे बात की और फिर उन्हें बताया कि प्रिया मेरे साथ है तो उनकी परेशानी कम हो गई

और फिर कुछ देर उनसे बात कर के में फ्रेश होने चला गया और जब मे फ्रेश होकर आया तो देखा कि मेरे कपड़े बेड पर प्रेस किए हुए हैं जिसे देख कर मे हैरान हो गया लेकिन फिर जब मुझे प्रिया का खयाल आया तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब मे बाहर आया तो देखा कि प्रिया किचन में थी और शायद नास्ता बना रही थी अभी उसने कल की काली ड्रेस ही पहनी हुई थी जिसे देखकर मेरे शरीर में हलचल मचने लगी और मेंने उसके पीछे जाकर उसे अपने बाहों में भर लिया

और उसके कान को चूमने लगा पता नहीं मुझे क्या हो रहा था लेकिन जब से मेंने प्रिया को अपने असलियत के बारे में बताया था तभी से मे उसके साथ काफी खुला हुआ महसूस कर रहा था शायद मुझे भी प्रिया से प्यार हो गया था

और जब हम दोनों के बीच की झूठ की दीवार हट गयी तो शायद मेरे भावनाओं पर पड़ा हुआ पर्दा भी हट गया था और यह सोच कर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था और यही सब सोचते हुए कब मेरा हाथ प्रिया के हाथ के उपर आ गया मुझे पता नहीं चला

लेकिन प्रिया मेरे टच को अच्छे से महसूस कर रही थी और ये टच उसे मदहोश किए जा रहा था कि तभी मेरे घर की बेल बजी जिससे हम दोनों होश में आ गए और मे तुरंत प्रिया से दूर हट गया और जब मेंने दरवाजा खोल कर देखा तो वहाँ कोई और नहीं बल्कि शांति थी

और जब शांति ने प्रिया को उस काले ड्रेस मे देखा तो शांति को शरारत सुझने लगी और वो किचन में प्रिया के पास चली गई और उसे छेड़ने लगी जिससे प्रिया का शर्म के मारे बुरा हाल हो रहा था तो वही प्रिया को ऐसे शर्माते हुए देख कर मे और शांति दोनों हस रहे थे कि तभी

ना जाने शांति को क्या हुआ वो किचन से निकल कर मेरे पास आ गई और मेरे चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर मेरे होंठों को अपने होंठों से चिपका लिया और किस करने लगी तो वही जब शांति ने मुझे किस किया तो मुझे थोड़ा अजीब लगने लगा

क्यूंकि प्रिया हमे ही देख रही थी लेकिन यही फिलिंग मेरे शरीर में मस्ती भर रही थी और फिर किस मे मेने भी शांति का साथ देने लगा और फिर मेरा एक हाथ अपने आप जाकर शांति के गांड को दबाने लगा और दूसरा हाथ प्रिया को मेरे पास बुलाने लगा

तो वही शायद प्रिया भी इसी बात का इन्तेज़ार कर रही थी मेरा इशारा पाते ही वो तुरंत मेरे बाहों में आ गई और मेरा दूसरा हाथ प्रिया के गांड को दबाने लगा और अब हालत ऐसे थे कि इस वक़्त प्रिया और शांति दोनों भी मेरे बाहों में थी और मे दोनो को ही बारी बारी से किस कर रहा था और मेरे हाथ दोनों के ही चुतडों को मसल रहा था

जिससे दोनों की भी सिसकियाँ निकल रही थी तो तभी मेंने समय का खयाल करते हुए इस खेल को रोक दिया जिससे प्रिया और शांति दोनों के ही चेहरे पर निराशा साफ़ झलक रही थी शायद वो ये खेल और खेलना चाहती थी और मेरा मन भी अभी तक भरा नहीं था

लेकिन फिर भी मेंने इस खेल को रोक दिया क्यूंकि ये समय इस सब के लिए सही नहीं था और सबसे बड़ी बात की अभी मुझे कुछ अजीब फिलिंग आ रही ऐसी मुझे आज तक कभी नहीं आयी थी और ये किसी भी तरह से अच्छी फिलिंग नहीं थी

मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई है जो मुझे अपनी तरफ़ बुला रहा है मुझे खींच रहा और इसी बात का पता लगाने के लिए मेंने जल्दी नाश्ता खत्म किया और शांति को प्रिया को उसके घर छोड़ने के लिए बोलकर मे उस दिशा में जाने लगा जहां से मुझे वो अजीब सी फिलिंग आ रही थी

और जब मे वहाँ पहुंचा तो वो जगह देख कर मे हैरान रह गया क्यूंकि वो जगह कोई और नहीं बल्कि वही गोदाम था जहां मेंने असुरों के साथ युद्ध किया था और जब मे उस गोदाम के दरवाजे के पास पहुंचा तो मुझे फिर से वही पांचो लड़किया दिखाई दे रही थी


जिनकी जान मेंने बचाई थी और जब मेंने ध्यान से देखा तो पाया कि उन पांचों ल़डकियों के हाथ पाँव सर या ये कहो शरीर के हर एक भाग से खून टपक रहा था ऐसा लग रहा था कि उन पांचों को किसीने बहुत बुरी तरह से मारा है और अभी मे कुछ कर पाता कि उससे पहले ही एक आग का गोला आके उनसे टकराया जिससे वो पांचो दूर जा कर गिर गई

और जब मेंने उस आग के गोले के दिशा में देखा तो वहाँ मुझे पांच महाकाय असुर दिखाई दे रहे थे और अभी वो लडकिया उठने की कोशिश कर ही रहे थे कि तभी उन असुरों ने फिर से आग का गोला उनके उपर छोड़ दिया

और इससे पहले कि वो गोला उन लड़कियों तक पहुंच पाता कि तभी मे उस गोले के आगे आ गया और जैसे ही वो गोला मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने अपने सामने पानी की एक दीवार खड़ी कर दी जिससे टकराते ही वो आग का गोला ग़ायब हो गया और फिर मेंने तुरंत अपने जादू से उन पांचो ल़डकियों को बाँध दिया तो वही अचानक हुए इस हमले से वो असुर हैरत मे पड गये लेकिन जब उनका दिमाग काम करने लगा तब उन्हें हालत का पता चला वैसे बताने की जरूरत नहीं है फिर भी बता देता हूं ये वही है जिनको राजगुरु ने भेजा था जिन्हें हम योद्धा कहेंगे

योद्धा 1 :- अच्छा तो तुम हो वो जिसने उन पांचो शैतान कुमारों को जान से मारने की गुस्ताखी की है अब तुम्हें उसका परिणाम भी सहन करना होगा

में :- माफ़ करना दोस्त लेकिन मे नही जानता कि तुम किन शैतानों की बात कर रहे हों हाँ अगर तुम्हारा अंदेशा उन कमजोर असुरों से है जिन्हें मेंने इसी जगह पर मार डाला था तो तुमने सही बंदे को ढूँढा है

योद्धा 2 :- बोलते बहुत हो तुम सबसे पहले तो तुम्हारी ये जुबान ही में काट कर अलग कर दूंगा

में :- अच्छी बात है आओ कोशिश कर के भी देखों मे भी तो जानू की तुम सिर्फ बातों के शेर हो या कुछ कर भी सकते हो

शायद मेरी बात उन्हें ज्यादा पसंद नहीं आयी इसीलिए तो उन मेसे एक असुर तुरंत दौड़ते हुए मेरे पास आया और मे भी इसी इन्तेज़ार मे था जैसे ही वो मेरे तरफ बढ़ने लगा वैसे ही मेने भी अपनी तलवार को याद कर लिया था और जैसे ही वो मेरे पास पहुंचा मेंने उसकी गर्दन को निशाना बनाकर अपनी तलवार चलायी

लेकिन उसने तुरंत ही झुक कर उस हमले को विफल कर दिया जो देख कर मे दंग रह गया क्यूंकि जब उसने मेरे वार को विफल किया तब मेने उसे गौर से देखा था लेकिन मुझे उसकी जीव मनी कहीं भी दिखाई नहीं दी

लेकिन जितना मेंने पढ़ा था हर असुर की जीव मनी होती है अभी मे ये सब सोच रहा था कि तभी उस योद्धा ने मुझ पर वार किया जिससे मे सीधा उड़ता उड़ता हुआ उन ल़डकियों के के पास पहुंच गया

लड़की 1 :- कोण हो तुम और हमे बाँध कर क्यु रखा है

में :- मे भी वही जानना चाहता हूं कि कोण हो तुम और कोण है वो असुर और उनकी जीव मनी कहा है

लड़की 1 :- असुर तुम कोई नौसिखिए हो क्या वो असुर नहीं शैतान है उन्हें किसी भी जीव मनी की जरूरत नहीं है

में :- शैतान ये कैसे हो सकता है उनका अंत तो सालों पहले ही हो गया था और उन्हें तुमसे क्या चाहिए

अभी मे उस लड़की से सवाल पूछ ही रहा था कि तभी पीछे से वो योद्धा आया और उसने मेरी गर्दन पकड़ कर उठाया और जोर से जमीन पर पटक दिया जैसे मे कोई गेंद हु और अब वो मुझे अपने पैरों तले कुचलने का प्रयास करने वाला था कि तभी मेंने उसके पैरों में अपनी तलवार घुसा दी और इससे पहले कि वो कुछ सोच समझ सकता मेंने तुरंत उसके पैर से तलवार निकाल कर सीधा उसकी गर्दन उड़ा दी

में :- (लड़कियों से) नौसिखिया अब देखो ये नौसिखिया क्या करता है

इतना बोलकर मे दौड़ते हुए सीधा उन योद्धाओं की तरफ बढ़ने लगा तो वही मुझे अपने पास आते देखकर वहाँ से भी एक योद्धा मेरे मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगा और इस बार पहला हमला उस योद्धा ने अपनी तलवार से किया

जिससे मे बाजू में हटकर बच गया जिससे उसकी तलवार जमीन मे धस गयी और इससे पहले कि वो तलवार बाहर निकाल पाता मेंने तुरन्त कूद कर अपनी तलवार से उसके सर पर वार कर दिया जिससे उसका शरीर दो हिस्सों में बट गया

जिसे देख कर वो लड़किया वो योद्धा सभी दंग रह गए थे यहाँ तक कि मे खुद हैरान था क्यूँकी भले ही मेरे पास कुछ शक्तियां है लेकिन इतनी भी नहीं की मे इन शैतानों को इतनी आसानी से और इतनी बुरी तरह से मार सकू

लेकिन फिलहाल मेरे पास ये सब सोचने का वक्त नहीं था क्यूँकी सामने से और दो शैतान एक साथ दौड़ते हुए आ रहे थे जिन्हें देख कर मेंने एक शैतान की तरफ अपनी तलवार को किसी भाले की तरह फेंक दिया

जिससे वो तलवार हवा से भी तेज उड़ते हुए सीधा जाकर एक शैतान के गर्दन में घुस गई और और वो वही पर मर गया और दूसरा शैतान जैसे ही मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने एक जोरदार घुसा उसके पैट मे मार दिया और वो घुसा इतना तेज और शक्तिशाली था

कि मेरा घुसा उसके पेट को फाड़ कर सीधा उसकी रीड की हड्डी को तोड़ते हुए दूसरी तरफ़ से बाहर निकल गया और जैसे ही मेंने अपना हाथ बाहर निकाला वैसे ही वो शैतान भी मर गया और अभी मे उस आखिरी शैतान की और बढ़ता की तभी मुझे किसी के चीखने की आवा
ज सुनाई दी

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आज के लिए इतना ही

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अध्याय पच्चीस

अभी मे सोया हुआ था कि तभी मेरा मोबाइल बजने लगा और जब मेंने देखा तो प्रिया के माँ का फोन था शायद वो प्रिया के लिए परेशान थी इसीलिए मेंने फोन उठाकर उनसे बात की और फिर उन्हें बताया कि प्रिया मेरे साथ है तो उनकी परेशानी कम हो गई

और फिर कुछ देर उनसे बात कर के में फ्रेश होने चला गया और जब मे फ्रेश होकर आया तो देखा कि मेरे कपड़े बेड पर प्रेस किए हुए हैं जिसे देख कर मे हैरान हो गया लेकिन फिर जब मुझे प्रिया का खयाल आया तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई

और जब मे बाहर आया तो देखा कि प्रिया किचन में थी और शायद नास्ता बना रही थी अभी उसने कल की काली ड्रेस ही पहनी हुई थी जिसे देखकर मेरे शरीर में हलचल मचने लगी और मेंने उसके पीछे जाकर उसे अपने बाहों में भर लिया

और उसके कान को चूमने लगा पता नहीं मुझे क्या हो रहा था लेकिन जब से मेंने प्रिया को अपने असलियत के बारे में बताया था तभी से मे उसके साथ काफी खुला हुआ महसूस कर रहा था शायद मुझे भी प्रिया से प्यार हो गया था

और जब हम दोनों के बीच की झूठ की दीवार हट गयी तो शायद मेरे भावनाओं पर पड़ा हुआ पर्दा भी हट गया था और यह सोच कर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था और यही सब सोचते हुए कब मेरा हाथ प्रिया के हाथ के उपर आ गया मुझे पता नहीं चला

लेकिन प्रिया मेरे टच को अच्छे से महसूस कर रही थी और ये टच उसे मदहोश किए जा रहा था कि तभी मेरे घर की बेल बजी जिससे हम दोनों होश में आ गए और मे तुरंत प्रिया से दूर हट गया और जब मेंने दरवाजा खोल कर देखा तो वहाँ कोई और नहीं बल्कि शांति थी

और जब शांति ने प्रिया को उस काले ड्रेस मे देखा तो शांति को शरारत सुझने लगी और वो किचन में प्रिया के पास चली गई और उसे छेड़ने लगी जिससे प्रिया का शर्म के मारे बुरा हाल हो रहा था तो वही प्रिया को ऐसे शर्माते हुए देख कर मे और शांति दोनों हस रहे थे कि तभी

ना जाने शांति को क्या हुआ वो किचन से निकल कर मेरे पास आ गई और मेरे चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर मेरे होंठों को अपने होंठों से चिपका लिया और किस करने लगी तो वही जब शांति ने मुझे किस किया तो मुझे थोड़ा अजीब लगने लगा

क्यूंकि प्रिया हमे ही देख रही थी लेकिन यही फिलिंग मेरे शरीर में मस्ती भर रही थी और फिर किस मे मेने भी शांति का साथ देने लगा और फिर मेरा एक हाथ अपने आप जाकर शांति के गांड को दबाने लगा और दूसरा हाथ प्रिया को मेरे पास बुलाने लगा

तो वही शायद प्रिया भी इसी बात का इन्तेज़ार कर रही थी मेरा इशारा पाते ही वो तुरंत मेरे बाहों में आ गई और मेरा दूसरा हाथ प्रिया के गांड को दबाने लगा और अब हालत ऐसे थे कि इस वक़्त प्रिया और शांति दोनों भी मेरे बाहों में थी और मे दोनो को ही बारी बारी से किस कर रहा था और मेरे हाथ दोनों के ही चुतडों को मसल रहा था

जिससे दोनों की भी सिसकियाँ निकल रही थी तो तभी मेंने समय का खयाल करते हुए इस खेल को रोक दिया जिससे प्रिया और शांति दोनों के ही चेहरे पर निराशा साफ़ झलक रही थी शायद वो ये खेल और खेलना चाहती थी और मेरा मन भी अभी तक भरा नहीं था

लेकिन फिर भी मेंने इस खेल को रोक दिया क्यूंकि ये समय इस सब के लिए सही नहीं था और सबसे बड़ी बात की अभी मुझे कुछ अजीब फिलिंग आ रही ऐसी मुझे आज तक कभी नहीं आयी थी और ये किसी भी तरह से अच्छी फिलिंग नहीं थी

मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई है जो मुझे अपनी तरफ़ बुला रहा है मुझे खींच रहा और इसी बात का पता लगाने के लिए मेंने जल्दी नाश्ता खत्म किया और शांति को प्रिया को उसके घर छोड़ने के लिए बोलकर मे उस दिशा में जाने लगा जहां से मुझे वो अजीब सी फिलिंग आ रही थी

और जब मे वहाँ पहुंचा तो वो जगह देख कर मे हैरान रह गया क्यूंकि वो जगह कोई और नहीं बल्कि वही गोदाम था जहां मेंने असुरों के साथ युद्ध किया था और जब मे उस गोदाम के दरवाजे के पास पहुंचा तो मुझे फिर से वही पांचो लड़किया दिखाई दे रही थी


जिनकी जान मेंने बचाई थी और जब मेंने ध्यान से देखा तो पाया कि उन पांचों ल़डकियों के हाथ पाँव सर या ये कहो शरीर के हर एक भाग से खून टपक रहा था ऐसा लग रहा था कि उन पांचों को किसीने बहुत बुरी तरह से मारा है और अभी मे कुछ कर पाता कि उससे पहले ही एक आग का गोला आके उनसे टकराया जिससे वो पांचो दूर जा कर गिर गई

और जब मेंने उस आग के गोले के दिशा में देखा तो वहाँ मुझे पांच महाकाय असुर दिखाई दे रहे थे और अभी वो लडकिया उठने की कोशिश कर ही रहे थे कि तभी उन असुरों ने फिर से आग का गोला उनके उपर छोड़ दिया

और इससे पहले कि वो गोला उन लड़कियों तक पहुंच पाता कि तभी मे उस गोले के आगे आ गया और जैसे ही वो गोला मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने अपने सामने पानी की एक दीवार खड़ी कर दी जिससे टकराते ही वो आग का गोला ग़ायब हो गया और फिर मेंने तुरंत अपने जादू से उन पांचो ल़डकियों को बाँध दिया तो वही अचानक हुए इस हमले से वो असुर हैरत मे पड गये लेकिन जब उनका दिमाग काम करने लगा तब उन्हें हालत का पता चला वैसे बताने की जरूरत नहीं है फिर भी बता देता हूं ये वही है जिनको राजगुरु ने भेजा था जिन्हें हम योद्धा कहेंगे

योद्धा 1 :- अच्छा तो तुम हो वो जिसने उन पांचो शैतान कुमारों को जान से मारने की गुस्ताखी की है अब तुम्हें उसका परिणाम भी सहन करना होगा

में :- माफ़ करना दोस्त लेकिन मे नही जानता कि तुम किन शैतानों की बात कर रहे हों हाँ अगर तुम्हारा अंदेशा उन कमजोर असुरों से है जिन्हें मेंने इसी जगह पर मार डाला था तो तुमने सही बंदे को ढूँढा है

योद्धा 2 :- बोलते बहुत हो तुम सबसे पहले तो तुम्हारी ये जुबान ही में काट कर अलग कर दूंगा

में :- अच्छी बात है आओ कोशिश कर के भी देखों मे भी तो जानू की तुम सिर्फ बातों के शेर हो या कुछ कर भी सकते हो

शायद मेरी बात उन्हें ज्यादा पसंद नहीं आयी इसीलिए तो उन मेसे एक असुर तुरंत दौड़ते हुए मेरे पास आया और मे भी इसी इन्तेज़ार मे था जैसे ही वो मेरे तरफ बढ़ने लगा वैसे ही मेने भी अपनी तलवार को याद कर लिया था और जैसे ही वो मेरे पास पहुंचा मेंने उसकी गर्दन को निशाना बनाकर अपनी तलवार चलायी

लेकिन उसने तुरंत ही झुक कर उस हमले को विफल कर दिया जो देख कर मे दंग रह गया क्यूंकि जब उसने मेरे वार को विफल किया तब मेने उसे गौर से देखा था लेकिन मुझे उसकी जीव मनी कहीं भी दिखाई नहीं दी

लेकिन जितना मेंने पढ़ा था हर असुर की जीव मनी होती है अभी मे ये सब सोच रहा था कि तभी उस योद्धा ने मुझ पर वार किया जिससे मे सीधा उड़ता उड़ता हुआ उन ल़डकियों के के पास पहुंच गया

लड़की 1 :- कोण हो तुम और हमे बाँध कर क्यु रखा है

में :- मे भी वही जानना चाहता हूं कि कोण हो तुम और कोण है वो असुर और उनकी जीव मनी कहा है

लड़की 1 :- असुर तुम कोई नौसिखिए हो क्या वो असुर नहीं शैतान है उन्हें किसी भी जीव मनी की जरूरत नहीं है

में :- शैतान ये कैसे हो सकता है उनका अंत तो सालों पहले ही हो गया था और उन्हें तुमसे क्या चाहिए

अभी मे उस लड़की से सवाल पूछ ही रहा था कि तभी पीछे से वो योद्धा आया और उसने मेरी गर्दन पकड़ कर उठाया और जोर से जमीन पर पटक दिया जैसे मे कोई गेंद हु और अब वो मुझे अपने पैरों तले कुचलने का प्रयास करने वाला था कि तभी मेंने उसके पैरों में अपनी तलवार घुसा दी और इससे पहले कि वो कुछ सोच समझ सकता मेंने तुरंत उसके पैर से तलवार निकाल कर सीधा उसकी गर्दन उड़ा दी

में :- (लड़कियों से) नौसिखिया अब देखो ये नौसिखिया क्या करता है

इतना बोलकर मे दौड़ते हुए सीधा उन योद्धाओं की तरफ बढ़ने लगा तो वही मुझे अपने पास आते देखकर वहाँ से भी एक योद्धा मेरे मेरे तरफ दौड़ते हुए आने लगा और इस बार पहला हमला उस योद्धा ने अपनी तलवार से किया

जिससे मे बाजू में हटकर बच गया जिससे उसकी तलवार जमीन मे धस गयी और इससे पहले कि वो तलवार बाहर निकाल पाता मेंने तुरन्त कूद कर अपनी तलवार से उसके सर पर वार कर दिया जिससे उसका शरीर दो हिस्सों में बट गया

जिसे देख कर वो लड़किया वो योद्धा सभी दंग रह गए थे यहाँ तक कि मे खुद हैरान था क्यूँकी भले ही मेरे पास कुछ शक्तियां है लेकिन इतनी भी नहीं की मे इन शैतानों को इतनी आसानी से और इतनी बुरी तरह से मार सकू

लेकिन फिलहाल मेरे पास ये सब सोचने का वक्त नहीं था क्यूँकी सामने से और दो शैतान एक साथ दौड़ते हुए आ रहे थे जिन्हें देख कर मेंने एक शैतान की तरफ अपनी तलवार को किसी भाले की तरह फेंक दिया

जिससे वो तलवार हवा से भी तेज उड़ते हुए सीधा जाकर एक शैतान के गर्दन में घुस गई और और वो वही पर मर गया और दूसरा शैतान जैसे ही मेरे पास पहुंचा वैसे ही मेंने एक जोरदार घुसा उसके पैट मे मार दिया और वो घुसा इतना तेज और शक्तिशाली था

कि मेरा घुसा उसके पेट को फाड़ कर सीधा उसकी रीड की हड्डी को तोड़ते हुए दूसरी तरफ़ से बाहर निकल गया और जैसे ही मेंने अपना हाथ बाहर निकाला वैसे ही वो शैतान भी मर गया और अभी मे उस आखिरी शैतान की और बढ़ता की तभी मुझे किसी के चीखने की आवा
ज सुनाई दी

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आज के लिए इतना ही

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superb bro....
bahut hi shandar update hai.
ab ye cheekh kisi nikli.....

waiting for your next update....
 
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