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Nice and superb update....अध्याय तैंतालीस (महा यूद्ध भाग 1)
कुमार:- भद्रा अब से और अभी से पृथ्वी अस्त्र तुम्हारे आज्ञा का पालन करेगा तुम अब पृथ्वी से जुड़े हुए किसी भी अंश को मन मर्जी मुताबिक आकार और भार दे सकते हो अब चलो तुम्हारी शक्तियों को परखने का समय आ गया है
मै:- चलो
तो वही दूसरी तरफ मायासुर की माया मे महागुरु फँस गए थे जिसका फायदा उठा कर सारे महासुरों ने उनपर हमला कर दियामहासंग्रामजिससे महागुरु बेहद कमजोर हो गए थे
और अभी वो कुछ कर पाते उससे पहले ही सारे महासुरों ने उन्हे पकड़ लिया और ये देखकर मायासुर ने तुरंत अपनी माया को रोक दिया और फिर मायासुर ने अपनी असुरी ऊर्जा से श्रपित कवच निकल कर सीधा महागुरु के तरफ फेक दिया
और अभी वो श्रापित कवच महागुरु के तरफ बढ़ने लगा और अभी वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले ही आसमान से एक तीर आकर सीधा उस कवच को लगा जिससे उस कवच की दिशा ही बदल गयी और वो कवच महागुरु को लगने के बदले उसके बगल से चला गया
जो देखकर मायासुर आग बबूला हो गया और अभी वो कुछ कर पाता उससे पहले ही वहा पर दो ऊर्जा गोले आये और सीधा उन महासुरों से टकरा गए जिससे महागुरु को पकड़े हुए सारे महासूर महासूर धमाके से दूर जा कर गिर गये
तो वही अचानक से जीती हुई बाजी हाथ से जाते हुए देखकर मायासुर क्रोध के अग्नि में जलने लगा और क्रोधग्नि मे जलते हुए मायासुर ने अपनी मायावी आग का हमला महागुरु पर कर दिया
लेकिन वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले बीच मे वो किसी से टकराने के वजह से नष्ट हो गया और जब सबने उस तरफ देखा तो वहा प्रिया खड़ी थी
जिसके हाथ मे एक धनुष पकडा हुआ था जिसे देखकर अब मायासुर का गुस्सा चरम पर पहुँच गया था तो वही जब महागुरु ने वहा प्रिया को देखा तो वो भी दंग रह गए थे
मायासुर:- ए लड़की कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई की हमारे शिकार के बीच मे आने की
प्रिया:- मेरा छोड़ो पहले तुम ये बताओ की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई महारानी वृंदा से ऐसे बात करने की
जब प्रिया ने खुदके परिचय मे वृंदा का जिक्कर किया तो महागुरु समझ गए की प्रिया ने अपनी शक्तियों पर काबू पा लिया है तो वही प्रिया से ऐसे प्रतिउत्तर मिलने से मायासुर और गुस्से मे आ गया था
और उसने तुरंत सारे महासुरों को हमले का आदेश दिया जिसके बाद प्रिया ने महागुरु को बाजू करके खुद अकेले भिड़ने चली गयी महासुरों से और जैसे ही महासुरों के नजदीक पहुची वैसे ही उसने अपना धनुष गायब कर दिया और अपने हाथों से यूद्ध करने लगी
तो वही मायासुर को इतना क्रोध आ गया था कि वो सीधा महागुरु के पास जाने लगा और जब महागुरु ने मायासुर को अपने तरफ आते देख महागुरु भी खुद को संभालके खड़े हो गए
तो वही प्रिया और महासुरों के बीच का यूद्ध आरंभ हो गया था जिसमे सबसे पहले बलासुर ने प्रिया पर अपने घुसे से वार करना चाहा लेकिन प्रिया ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया
जिससे उसका घुसा जाकर विशंतक के जबड़े पर पड़ा और फिर प्रिया ने सीधा एक लात बलासुर के सीने पर मार दी जिससे वो 5 कदम दूर जा के गिर गया
तो वही जैसे ही मायासुर महागुरु के पास पहुंचा तो तुरंत महागुरु ने मायासुर पर अपने घुसे से वार कर दिया जिसे मायासुर ने एक ही हाथ से रोक दिया और तुरंत उसने भी अपने दूसरे हाथ से महागुरु पर वार किया जिसे महागुरु ने रोक दिया
अब सिन ऐसा था की वो दोनों एक दूसरे के आँखों में देखकर एक दूसरे को गुस्से मे घूर रहे थे की तभी महागुरु ने मायासुर के पेट पर लात मारकर उसे खुद से दूर कर दिया भले ही महागुरु अब कमजोर हो गए थे लेकिन फिर भी उनकी एक लात से ही मायासुर 5 कदम पीछे खिसक गया
तो वही जब बलासुर प्रिया के लात मारने के वजह से पीछे की और गिर गया था तो ये देखकर महादंश ने तुरंत ही प्रिया पर वार करना चाहा लेकिन उससे पहले ही प्रिया अपने जगह से हटकर ज्वाला सुर के सामने आ गयी
तो वही प्रिया को अचानक से अपने सामने देखकर ज्वालासुर अचंभित हो गया था और इसीका फायदा उठा कर प्रिया ने तुरंत उसके चेहरे पर अपने घुसे से जोरदार वार किया जिससे वो दो कदम पीछे खिसक गया था
तो वही मायासुर ने जैसे ही खुदको संभाला था वैसे ही महागुरु ने फिर से एक लात मायासुर के सीने मे जड़ दी जिससे वो इस बार सीधा जमीन पर ही गिर गया था
तो वही जब प्रिया ने ज्वाला सुर पर वार किया तब उसके पीछे से सारे महासुरों ने उसे घेरना आरंभ कर दिया था और अब प्रिया बीच मे थी और उसे घेर कर पांचो महासूर उसे घूर रहे थे और ये देखकर प्रिया ने अपना हाथ आगे किया और तुरंत उसके हाथ मे एक तलवार आ गयी थी
जिसे देखकर एक पल के लिए सारे महासूर सतर्क हो गए थे उन्हे लग रहा था कि प्रिया भी एक अस्त्र धारक है लेकिन जब उन्हे प्रिया के अंदर से किसी अस्त्र का एहसास नही हुआ तो सभी ने प्रिया को खतम करने का फैसला किया
और जैसे ही प्रिया ने अपनी तलवार निकाली वैसे ही महादंश ने प्रिया पर हमला कर दिया परंतु प्रिया उस वार से बच गयी और उसने भी पलट कर महादंश पर वार किया
लेकिन उसकी तलवार महादंश को एक खरोच भी नही दे पायी जो देखकर प्रिया दंग रह गयी और फिर वो लगातार अपने तलवार से महादंश पर वार करने लगी लेकिन उसके सारे वार खाली जा रहे थे
ऐसा लग रहा था कि उसके तलवार मे धार ही न हो ये देखकर जहाँ प्रिया के चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे तो वही सारे महासूर प्रिया की हालत देखकर हँसे जा रहे थे
महादंश:- मार और मार लड़की हम सभी को आम असुर समझने की भूल कर रही हैं तु हम महासूर है तुम्हारे ये हमले हमारा कुछ बिगाड़ नही पाएंगे
इतना बोलकर महादंश ने प्रिया की तलवार को पकड़ कर तोड़ दिया और फिर एक घुसा सीधा उसके मुह पे मारना चाहा लेकिन इससे पहले की वो घूसा प्रिया तक पहुँच पाता उससे पहले ही प्रिया बाजू मे हट गई
लेकिन जैसे ही वो बाजू मे हटी क्रोधसूर ने अपनी लात से उसके छाती पर वार कर दिया जिससे वो बलासुर के तरफ गिरने लगी लेकिन इससे पहले की वो गिरती बलासुर ने उसके पीठ पर अपने लात से प्रहार किया जिससे वो बेशुध सी होने लगी
तो वही प्रिया को मार खाता देखकर महागुरु ने तुरंत ही अपने अस्त्र को जाग्रुत करने के लिए ध्यान अवस्था मे चले गए और जैसे ही कलास्त्र जाग्रुत हुआ वैसे ही सारे महासूर प्रिया को छोड़ कर महागुरु के तरफ बढ़ने लगे
तो वही जब महागुरु ने अपने तरफ सारे महासुरों को आते देखकर महागुरु ने अपने अस्त्र से वार करना चाहा लेकिन वो वार कर पाते उससे पहले ही मायासुर ने छल से उनके पीठ मे छुरा घोंप दिया
और ये देखकर उन महासुरों मे से क्रोधसूर तुरंत आगे बढ़ा और महागुरु के हाथ मे प्रकट हुए कालास्त्र को तुरंत पकड़ लिया और अपने कब्ज़े मे ले लिया लेकिन जैसे ही उसने कालास्त्र को छुआ वैसे ही कालास्त्र के चारों तरफ जो ऊर्जा जो प्रकाश फैला हुआ था
वो कुछ ही क्षण में गायब हो गयी ऐसा लगने लगा की जैसे उसकी सारी शक्तियों को किसी ने सोंख लिया हो जो देखकर सभी महासूर और मायासुर दंग रह गए तो वही ये देखकर महागुरु के चेहरेपर मुस्कान आ गयी वो दर्द से तड़पते हुए हँसने लगे
महागुरु :- मतलब वो कहानी सत्य है भले ही कालस्त्र ने मुझे अपने धारक के रूप में स्वीकार न किया हो लेकिन फिर भी हम जुड़ चुके है और जब तक मे न मर जाऊ या मुझसे काबिल धारक अस्त्र को न मिल जाए तब तक कोई भी इसे इस्तेमाल नही कर पायेगा और किसीने जबरदस्ती की तो वो अस्त्र अपनी सारी शक्तियाँ खो कर आम अस्त्र बन जायेगा
इतना बोलके महागुरु हँसने लगे और उन्हे हँसता हुआ देखकर क्रोधसूर से सहन न हुआ और उसने तुरंत ही महागुरु के सीने पर वार किया
जिससे वो जाके दूर दीवार से टकरा गए और उनके मुह से जोरों की चीख निकल गयी जिसे सुन कर प्रिया भी होश मे आ गयी और वो तुरंत महागुरु के पास पहुँच गयी
मायासुर :- तुम्हारे जिंदा रहते ये अस्त्र हमारा नही हो सकता न लेकिन अगर तुम ही न बचे तो क्या होगा (ज्वालासुर से) ज्वालासुर खतम कर दो दोनों को
मायासुर का आदेश पाते ही ज्वालासुर ने उन दोनों पर अपनी सबसे खतरनाक अग्नि वार से हमला किया जो उन दोनों को हानि पहुंचा पाता उससे पहले ही उन दोनों के सामने एक पत्थर की मजबूत दीवार आ गयी
जिससे टकरा कर ज्वालासुर का वार भी विफल हो गया और ये देख कर सारे महासूर दंग रह गए और उनसे भी ज्यादा दंग थे महागुरु वो दीवार देखकर केवल एक ही शब्द बोल पाए
महागुरु :- पृथ्वी अस्त्र
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आज के लिए इतना ही
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Nice update....अध्याय तैंतालीस (महा यूद्ध भाग 1)
कुमार:- भद्रा अब से और अभी से पृथ्वी अस्त्र तुम्हारे आज्ञा का पालन करेगा तुम अब पृथ्वी से जुड़े हुए किसी भी अंश को मन मर्जी मुताबिक आकार और भार दे सकते हो अब चलो तुम्हारी शक्तियों को परखने का समय आ गया है
मै:- चलो
तो वही दूसरी तरफ मायासुर की माया मे महागुरु फँस गए थे जिसका फायदा उठा कर सारे महासुरों ने उनपर हमला कर दियामहासंग्रामजिससे महागुरु बेहद कमजोर हो गए थे
और अभी वो कुछ कर पाते उससे पहले ही सारे महासुरों ने उन्हे पकड़ लिया और ये देखकर मायासुर ने तुरंत अपनी माया को रोक दिया और फिर मायासुर ने अपनी असुरी ऊर्जा से श्रपित कवच निकल कर सीधा महागुरु के तरफ फेक दिया
और अभी वो श्रापित कवच महागुरु के तरफ बढ़ने लगा और अभी वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले ही आसमान से एक तीर आकर सीधा उस कवच को लगा जिससे उस कवच की दिशा ही बदल गयी और वो कवच महागुरु को लगने के बदले उसके बगल से चला गया
जो देखकर मायासुर आग बबूला हो गया और अभी वो कुछ कर पाता उससे पहले ही वहा पर दो ऊर्जा गोले आये और सीधा उन महासुरों से टकरा गए जिससे महागुरु को पकड़े हुए सारे महासूर महासूर धमाके से दूर जा कर गिर गये
तो वही अचानक से जीती हुई बाजी हाथ से जाते हुए देखकर मायासुर क्रोध के अग्नि में जलने लगा और क्रोधग्नि मे जलते हुए मायासुर ने अपनी मायावी आग का हमला महागुरु पर कर दिया
लेकिन वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले बीच मे वो किसी से टकराने के वजह से नष्ट हो गया और जब सबने उस तरफ देखा तो वहा प्रिया खड़ी थी
जिसके हाथ मे एक धनुष पकडा हुआ था जिसे देखकर अब मायासुर का गुस्सा चरम पर पहुँच गया था तो वही जब महागुरु ने वहा प्रिया को देखा तो वो भी दंग रह गए थे
मायासुर:- ए लड़की कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई की हमारे शिकार के बीच मे आने की
प्रिया:- मेरा छोड़ो पहले तुम ये बताओ की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई महारानी वृंदा से ऐसे बात करने की
जब प्रिया ने खुदके परिचय मे वृंदा का जिक्कर किया तो महागुरु समझ गए की प्रिया ने अपनी शक्तियों पर काबू पा लिया है तो वही प्रिया से ऐसे प्रतिउत्तर मिलने से मायासुर और गुस्से मे आ गया था
और उसने तुरंत सारे महासुरों को हमले का आदेश दिया जिसके बाद प्रिया ने महागुरु को बाजू करके खुद अकेले भिड़ने चली गयी महासुरों से और जैसे ही महासुरों के नजदीक पहुची वैसे ही उसने अपना धनुष गायब कर दिया और अपने हाथों से यूद्ध करने लगी
तो वही मायासुर को इतना क्रोध आ गया था कि वो सीधा महागुरु के पास जाने लगा और जब महागुरु ने मायासुर को अपने तरफ आते देख महागुरु भी खुद को संभालके खड़े हो गए
तो वही प्रिया और महासुरों के बीच का यूद्ध आरंभ हो गया था जिसमे सबसे पहले बलासुर ने प्रिया पर अपने घुसे से वार करना चाहा लेकिन प्रिया ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया
जिससे उसका घुसा जाकर विशंतक के जबड़े पर पड़ा और फिर प्रिया ने सीधा एक लात बलासुर के सीने पर मार दी जिससे वो 5 कदम दूर जा के गिर गया
तो वही जैसे ही मायासुर महागुरु के पास पहुंचा तो तुरंत महागुरु ने मायासुर पर अपने घुसे से वार कर दिया जिसे मायासुर ने एक ही हाथ से रोक दिया और तुरंत उसने भी अपने दूसरे हाथ से महागुरु पर वार किया जिसे महागुरु ने रोक दिया
अब सिन ऐसा था की वो दोनों एक दूसरे के आँखों में देखकर एक दूसरे को गुस्से मे घूर रहे थे की तभी महागुरु ने मायासुर के पेट पर लात मारकर उसे खुद से दूर कर दिया भले ही महागुरु अब कमजोर हो गए थे लेकिन फिर भी उनकी एक लात से ही मायासुर 5 कदम पीछे खिसक गया
तो वही जब बलासुर प्रिया के लात मारने के वजह से पीछे की और गिर गया था तो ये देखकर महादंश ने तुरंत ही प्रिया पर वार करना चाहा लेकिन उससे पहले ही प्रिया अपने जगह से हटकर ज्वाला सुर के सामने आ गयी
तो वही प्रिया को अचानक से अपने सामने देखकर ज्वालासुर अचंभित हो गया था और इसीका फायदा उठा कर प्रिया ने तुरंत उसके चेहरे पर अपने घुसे से जोरदार वार किया जिससे वो दो कदम पीछे खिसक गया था
तो वही मायासुर ने जैसे ही खुदको संभाला था वैसे ही महागुरु ने फिर से एक लात मायासुर के सीने मे जड़ दी जिससे वो इस बार सीधा जमीन पर ही गिर गया था
तो वही जब प्रिया ने ज्वाला सुर पर वार किया तब उसके पीछे से सारे महासुरों ने उसे घेरना आरंभ कर दिया था और अब प्रिया बीच मे थी और उसे घेर कर पांचो महासूर उसे घूर रहे थे और ये देखकर प्रिया ने अपना हाथ आगे किया और तुरंत उसके हाथ मे एक तलवार आ गयी थी
जिसे देखकर एक पल के लिए सारे महासूर सतर्क हो गए थे उन्हे लग रहा था कि प्रिया भी एक अस्त्र धारक है लेकिन जब उन्हे प्रिया के अंदर से किसी अस्त्र का एहसास नही हुआ तो सभी ने प्रिया को खतम करने का फैसला किया
और जैसे ही प्रिया ने अपनी तलवार निकाली वैसे ही महादंश ने प्रिया पर हमला कर दिया परंतु प्रिया उस वार से बच गयी और उसने भी पलट कर महादंश पर वार किया
लेकिन उसकी तलवार महादंश को एक खरोच भी नही दे पायी जो देखकर प्रिया दंग रह गयी और फिर वो लगातार अपने तलवार से महादंश पर वार करने लगी लेकिन उसके सारे वार खाली जा रहे थे
ऐसा लग रहा था कि उसके तलवार मे धार ही न हो ये देखकर जहाँ प्रिया के चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे तो वही सारे महासूर प्रिया की हालत देखकर हँसे जा रहे थे
महादंश:- मार और मार लड़की हम सभी को आम असुर समझने की भूल कर रही हैं तु हम महासूर है तुम्हारे ये हमले हमारा कुछ बिगाड़ नही पाएंगे
इतना बोलकर महादंश ने प्रिया की तलवार को पकड़ कर तोड़ दिया और फिर एक घुसा सीधा उसके मुह पे मारना चाहा लेकिन इससे पहले की वो घूसा प्रिया तक पहुँच पाता उससे पहले ही प्रिया बाजू मे हट गई
लेकिन जैसे ही वो बाजू मे हटी क्रोधसूर ने अपनी लात से उसके छाती पर वार कर दिया जिससे वो बलासुर के तरफ गिरने लगी लेकिन इससे पहले की वो गिरती बलासुर ने उसके पीठ पर अपने लात से प्रहार किया जिससे वो बेशुध सी होने लगी
तो वही प्रिया को मार खाता देखकर महागुरु ने तुरंत ही अपने अस्त्र को जाग्रुत करने के लिए ध्यान अवस्था मे चले गए और जैसे ही कलास्त्र जाग्रुत हुआ वैसे ही सारे महासूर प्रिया को छोड़ कर महागुरु के तरफ बढ़ने लगे
तो वही जब महागुरु ने अपने तरफ सारे महासुरों को आते देखकर महागुरु ने अपने अस्त्र से वार करना चाहा लेकिन वो वार कर पाते उससे पहले ही मायासुर ने छल से उनके पीठ मे छुरा घोंप दिया
और ये देखकर उन महासुरों मे से क्रोधसूर तुरंत आगे बढ़ा और महागुरु के हाथ मे प्रकट हुए कालास्त्र को तुरंत पकड़ लिया और अपने कब्ज़े मे ले लिया लेकिन जैसे ही उसने कालास्त्र को छुआ वैसे ही कालास्त्र के चारों तरफ जो ऊर्जा जो प्रकाश फैला हुआ था
वो कुछ ही क्षण में गायब हो गयी ऐसा लगने लगा की जैसे उसकी सारी शक्तियों को किसी ने सोंख लिया हो जो देखकर सभी महासूर और मायासुर दंग रह गए तो वही ये देखकर महागुरु के चेहरेपर मुस्कान आ गयी वो दर्द से तड़पते हुए हँसने लगे
महागुरु :- मतलब वो कहानी सत्य है भले ही कालस्त्र ने मुझे अपने धारक के रूप में स्वीकार न किया हो लेकिन फिर भी हम जुड़ चुके है और जब तक मे न मर जाऊ या मुझसे काबिल धारक अस्त्र को न मिल जाए तब तक कोई भी इसे इस्तेमाल नही कर पायेगा और किसीने जबरदस्ती की तो वो अस्त्र अपनी सारी शक्तियाँ खो कर आम अस्त्र बन जायेगा
इतना बोलके महागुरु हँसने लगे और उन्हे हँसता हुआ देखकर क्रोधसूर से सहन न हुआ और उसने तुरंत ही महागुरु के सीने पर वार किया
जिससे वो जाके दूर दीवार से टकरा गए और उनके मुह से जोरों की चीख निकल गयी जिसे सुन कर प्रिया भी होश मे आ गयी और वो तुरंत महागुरु के पास पहुँच गयी
मायासुर :- तुम्हारे जिंदा रहते ये अस्त्र हमारा नही हो सकता न लेकिन अगर तुम ही न बचे तो क्या होगा (ज्वालासुर से) ज्वालासुर खतम कर दो दोनों को
मायासुर का आदेश पाते ही ज्वालासुर ने उन दोनों पर अपनी सबसे खतरनाक अग्नि वार से हमला किया जो उन दोनों को हानि पहुंचा पाता उससे पहले ही उन दोनों के सामने एक पत्थर की मजबूत दीवार आ गयी
जिससे टकरा कर ज्वालासुर का वार भी विफल हो गया और ये देख कर सारे महासूर दंग रह गए और उनसे भी ज्यादा दंग थे महागुरु वो दीवार देखकर केवल एक ही शब्द बोल पाए
महागुरु :- पृथ्वी अस्त्र
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आज के लिए इतना ही
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Bahot jabardast update tha bhai. Ab aayga maja hero karegaa dishoom dishoomअध्याय तैंतालीस (महा यूद्ध भाग 1)
कुमार:- भद्रा अब से और अभी से पृथ्वी अस्त्र तुम्हारे आज्ञा का पालन करेगा तुम अब पृथ्वी से जुड़े हुए किसी भी अंश को मन मर्जी मुताबिक आकार और भार दे सकते हो अब चलो तुम्हारी शक्तियों को परखने का समय आ गया है
मै:- चलो
तो वही दूसरी तरफ मायासुर की माया मे महागुरु फँस गए थे जिसका फायदा उठा कर सारे महासुरों ने उनपर हमला कर दियामहासंग्रामजिससे महागुरु बेहद कमजोर हो गए थे
और अभी वो कुछ कर पाते उससे पहले ही सारे महासुरों ने उन्हे पकड़ लिया और ये देखकर मायासुर ने तुरंत अपनी माया को रोक दिया और फिर मायासुर ने अपनी असुरी ऊर्जा से श्रपित कवच निकल कर सीधा महागुरु के तरफ फेक दिया
और अभी वो श्रापित कवच महागुरु के तरफ बढ़ने लगा और अभी वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले ही आसमान से एक तीर आकर सीधा उस कवच को लगा जिससे उस कवच की दिशा ही बदल गयी और वो कवच महागुरु को लगने के बदले उसके बगल से चला गया
जो देखकर मायासुर आग बबूला हो गया और अभी वो कुछ कर पाता उससे पहले ही वहा पर दो ऊर्जा गोले आये और सीधा उन महासुरों से टकरा गए जिससे महागुरु को पकड़े हुए सारे महासूर महासूर धमाके से दूर जा कर गिर गये
तो वही अचानक से जीती हुई बाजी हाथ से जाते हुए देखकर मायासुर क्रोध के अग्नि में जलने लगा और क्रोधग्नि मे जलते हुए मायासुर ने अपनी मायावी आग का हमला महागुरु पर कर दिया
लेकिन वो महागुरु तक पहुँच पाता उससे पहले बीच मे वो किसी से टकराने के वजह से नष्ट हो गया और जब सबने उस तरफ देखा तो वहा प्रिया खड़ी थी
जिसके हाथ मे एक धनुष पकडा हुआ था जिसे देखकर अब मायासुर का गुस्सा चरम पर पहुँच गया था तो वही जब महागुरु ने वहा प्रिया को देखा तो वो भी दंग रह गए थे
मायासुर:- ए लड़की कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई की हमारे शिकार के बीच मे आने की
प्रिया:- मेरा छोड़ो पहले तुम ये बताओ की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई महारानी वृंदा से ऐसे बात करने की
जब प्रिया ने खुदके परिचय मे वृंदा का जिक्कर किया तो महागुरु समझ गए की प्रिया ने अपनी शक्तियों पर काबू पा लिया है तो वही प्रिया से ऐसे प्रतिउत्तर मिलने से मायासुर और गुस्से मे आ गया था
और उसने तुरंत सारे महासुरों को हमले का आदेश दिया जिसके बाद प्रिया ने महागुरु को बाजू करके खुद अकेले भिड़ने चली गयी महासुरों से और जैसे ही महासुरों के नजदीक पहुची वैसे ही उसने अपना धनुष गायब कर दिया और अपने हाथों से यूद्ध करने लगी
तो वही मायासुर को इतना क्रोध आ गया था कि वो सीधा महागुरु के पास जाने लगा और जब महागुरु ने मायासुर को अपने तरफ आते देख महागुरु भी खुद को संभालके खड़े हो गए
तो वही प्रिया और महासुरों के बीच का यूद्ध आरंभ हो गया था जिसमे सबसे पहले बलासुर ने प्रिया पर अपने घुसे से वार करना चाहा लेकिन प्रिया ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया
जिससे उसका घुसा जाकर विशंतक के जबड़े पर पड़ा और फिर प्रिया ने सीधा एक लात बलासुर के सीने पर मार दी जिससे वो 5 कदम दूर जा के गिर गया
तो वही जैसे ही मायासुर महागुरु के पास पहुंचा तो तुरंत महागुरु ने मायासुर पर अपने घुसे से वार कर दिया जिसे मायासुर ने एक ही हाथ से रोक दिया और तुरंत उसने भी अपने दूसरे हाथ से महागुरु पर वार किया जिसे महागुरु ने रोक दिया
अब सिन ऐसा था की वो दोनों एक दूसरे के आँखों में देखकर एक दूसरे को गुस्से मे घूर रहे थे की तभी महागुरु ने मायासुर के पेट पर लात मारकर उसे खुद से दूर कर दिया भले ही महागुरु अब कमजोर हो गए थे लेकिन फिर भी उनकी एक लात से ही मायासुर 5 कदम पीछे खिसक गया
तो वही जब बलासुर प्रिया के लात मारने के वजह से पीछे की और गिर गया था तो ये देखकर महादंश ने तुरंत ही प्रिया पर वार करना चाहा लेकिन उससे पहले ही प्रिया अपने जगह से हटकर ज्वाला सुर के सामने आ गयी
तो वही प्रिया को अचानक से अपने सामने देखकर ज्वालासुर अचंभित हो गया था और इसीका फायदा उठा कर प्रिया ने तुरंत उसके चेहरे पर अपने घुसे से जोरदार वार किया जिससे वो दो कदम पीछे खिसक गया था
तो वही मायासुर ने जैसे ही खुदको संभाला था वैसे ही महागुरु ने फिर से एक लात मायासुर के सीने मे जड़ दी जिससे वो इस बार सीधा जमीन पर ही गिर गया था
तो वही जब प्रिया ने ज्वाला सुर पर वार किया तब उसके पीछे से सारे महासुरों ने उसे घेरना आरंभ कर दिया था और अब प्रिया बीच मे थी और उसे घेर कर पांचो महासूर उसे घूर रहे थे और ये देखकर प्रिया ने अपना हाथ आगे किया और तुरंत उसके हाथ मे एक तलवार आ गयी थी
जिसे देखकर एक पल के लिए सारे महासूर सतर्क हो गए थे उन्हे लग रहा था कि प्रिया भी एक अस्त्र धारक है लेकिन जब उन्हे प्रिया के अंदर से किसी अस्त्र का एहसास नही हुआ तो सभी ने प्रिया को खतम करने का फैसला किया
और जैसे ही प्रिया ने अपनी तलवार निकाली वैसे ही महादंश ने प्रिया पर हमला कर दिया परंतु प्रिया उस वार से बच गयी और उसने भी पलट कर महादंश पर वार किया
लेकिन उसकी तलवार महादंश को एक खरोच भी नही दे पायी जो देखकर प्रिया दंग रह गयी और फिर वो लगातार अपने तलवार से महादंश पर वार करने लगी लेकिन उसके सारे वार खाली जा रहे थे
ऐसा लग रहा था कि उसके तलवार मे धार ही न हो ये देखकर जहाँ प्रिया के चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे तो वही सारे महासूर प्रिया की हालत देखकर हँसे जा रहे थे
महादंश:- मार और मार लड़की हम सभी को आम असुर समझने की भूल कर रही हैं तु हम महासूर है तुम्हारे ये हमले हमारा कुछ बिगाड़ नही पाएंगे
इतना बोलकर महादंश ने प्रिया की तलवार को पकड़ कर तोड़ दिया और फिर एक घुसा सीधा उसके मुह पे मारना चाहा लेकिन इससे पहले की वो घूसा प्रिया तक पहुँच पाता उससे पहले ही प्रिया बाजू मे हट गई
लेकिन जैसे ही वो बाजू मे हटी क्रोधसूर ने अपनी लात से उसके छाती पर वार कर दिया जिससे वो बलासुर के तरफ गिरने लगी लेकिन इससे पहले की वो गिरती बलासुर ने उसके पीठ पर अपने लात से प्रहार किया जिससे वो बेशुध सी होने लगी
तो वही प्रिया को मार खाता देखकर महागुरु ने तुरंत ही अपने अस्त्र को जाग्रुत करने के लिए ध्यान अवस्था मे चले गए और जैसे ही कलास्त्र जाग्रुत हुआ वैसे ही सारे महासूर प्रिया को छोड़ कर महागुरु के तरफ बढ़ने लगे
तो वही जब महागुरु ने अपने तरफ सारे महासुरों को आते देखकर महागुरु ने अपने अस्त्र से वार करना चाहा लेकिन वो वार कर पाते उससे पहले ही मायासुर ने छल से उनके पीठ मे छुरा घोंप दिया
और ये देखकर उन महासुरों मे से क्रोधसूर तुरंत आगे बढ़ा और महागुरु के हाथ मे प्रकट हुए कालास्त्र को तुरंत पकड़ लिया और अपने कब्ज़े मे ले लिया लेकिन जैसे ही उसने कालास्त्र को छुआ वैसे ही कालास्त्र के चारों तरफ जो ऊर्जा जो प्रकाश फैला हुआ था
वो कुछ ही क्षण में गायब हो गयी ऐसा लगने लगा की जैसे उसकी सारी शक्तियों को किसी ने सोंख लिया हो जो देखकर सभी महासूर और मायासुर दंग रह गए तो वही ये देखकर महागुरु के चेहरेपर मुस्कान आ गयी वो दर्द से तड़पते हुए हँसने लगे
महागुरु :- मतलब वो कहानी सत्य है भले ही कालस्त्र ने मुझे अपने धारक के रूप में स्वीकार न किया हो लेकिन फिर भी हम जुड़ चुके है और जब तक मे न मर जाऊ या मुझसे काबिल धारक अस्त्र को न मिल जाए तब तक कोई भी इसे इस्तेमाल नही कर पायेगा और किसीने जबरदस्ती की तो वो अस्त्र अपनी सारी शक्तियाँ खो कर आम अस्त्र बन जायेगा
इतना बोलके महागुरु हँसने लगे और उन्हे हँसता हुआ देखकर क्रोधसूर से सहन न हुआ और उसने तुरंत ही महागुरु के सीने पर वार किया
जिससे वो जाके दूर दीवार से टकरा गए और उनके मुह से जोरों की चीख निकल गयी जिसे सुन कर प्रिया भी होश मे आ गयी और वो तुरंत महागुरु के पास पहुँच गयी
मायासुर :- तुम्हारे जिंदा रहते ये अस्त्र हमारा नही हो सकता न लेकिन अगर तुम ही न बचे तो क्या होगा (ज्वालासुर से) ज्वालासुर खतम कर दो दोनों को
मायासुर का आदेश पाते ही ज्वालासुर ने उन दोनों पर अपनी सबसे खतरनाक अग्नि वार से हमला किया जो उन दोनों को हानि पहुंचा पाता उससे पहले ही उन दोनों के सामने एक पत्थर की मजबूत दीवार आ गयी
जिससे टकरा कर ज्वालासुर का वार भी विफल हो गया और ये देख कर सारे महासूर दंग रह गए और उनसे भी ज्यादा दंग थे महागुरु वो दीवार देखकर केवल एक ही शब्द बोल पाए
महागुरु :- पृथ्वी अस्त्र
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आज के लिए इतना ही
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