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Romance फ़िर से

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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159
दोस्तों - इस अपडेट सूची को स्टिकी पोस्ट बना रहा हूँ!
लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि केवल पढ़ कर निकल लें। यह केवल आपकी सुविधा के लिए है। चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए :)

अपडेट 1; अपडेट 2; अपडेट 3; अपडेट 4; अपडेट 5; अपडेट 6; अपडेट 7; अपडेट 8; अपडेट 9; अपडेट 10; अपडेट 11; अपडेट 12; अपडेट 13; अपडेट 14; अपडेट 15; अपडेट 16; अपडेट 17; अपडेट 18; अपडेट 19; अपडेट 20; अपडेट 21; अपडेट 22; अपडेट 23; अपडेट 24; अपडेट 25; अपडेट 26; अपडेट 27; अपडेट 28; अपडेट 29; अपडेट 30; अपडेट 31; अपडेट 32; अपडेट 33; अपडेट 34; अपडेट 35; अपडेट 36; अपडेट 37; अपडेट 38; अपडेट 39; अपडेट 40; अपडेट 41; अपडेट 42; अपडेट 43; अपडेट 44; अपडेट 45; अपडेट 46; अपडेट 47; अपडेट 48; अपडेट 49; अपडेट 50; अपडेट 51; अपडेट 52; अपडेट 53; अपडेट 54; अपडेट 55; अपडेट 56; अपडेट 57; अपडेट 58; अपडेट 59; अपडेट 60; अपडेट 61; अपडेट 62; अपडेट 63; अपडेट 64; अपडेट 65; अपडेट 66; अपडेट 67; अपडेट 68; अपडेट 69; अपडेट 70; अपडेट 71; अपडेट 72; अपडेट 73; अपडेट 74; अपडेट 75; अपडेट 76; अपडेट 77; अपडेट 78; अपडेट 79; अपडेट 80; अपडेट 81; अपडेट 82; अपडेट 83; अपडेट 84;
 
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avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
4,392
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159
अपडेट 73


दोनों इस भावनात्मक रूप से भारी पल के महत्त्व को समझ रहे थे। जो कार्य उन्होंने अभी अभी सम्पन्न किया था, उसी कार्य से सृष्टि चलती है। उस पल में दोनों अपने बीच एक आश्चर्यजनक कनेक्शन महसूस हुआ - जो उन दोनों के प्यार से भी अधिक मज़बूत था। लेकिन दोनों ही अब थक गए थे और दोनों की साँसें तेजी से चल रही थीं। कमल माया के ऊपर ही था। उसने माया की साँसों के साथ उसके स्तनों को ऊपर नीचे होते देखा, तो अपना लोभ न रोक सका। उसने माया का एक चूचक अपने मुँह में लिया और चूसने चुभलाने लगा।

उसकी इस हरकत पर माया खिलखिला कर हँस दी।

“क्या हुआ?”

“कुछ नहीं मेरे सैयां जी!” माया ने बड़े लाड़ से कहा, “अच्छा सुनिए... आपने अब हमको पूरी तरह से अपना बना लिया है... अब हमको हमारे नाम से बुलाइए?”

“कैसे करें... आप हमसे बड़ी हैं न,”

“तो क्या? आपकी पत्नी हैं हम... और आप हमारे सब कुछ हैं...” माया ने आग्रहपूर्वक कहा, “इसलिए आपको मेरी यह बात माननी ही होगी,”

“माया... मेरी माया,”

“एक बार और...”

कमल मुस्कुराया, “माया... आई लव यू मेरी जान,”

“थैंक यू जानू!” माया बोली, “आई लव यू टू!”

“आप हमको हमारे नाम से नहीं बुलाएँगी?”

माया ने ‘न’ में सर हिलाया, “कभी नहीं!”

“थॉट सो,”

“अच्छा सुनिए...”

“हम्म?”

“अब से हम एक अच्छी पत्नी की तरह, हर सुबह उठ कर, आपके पैर छू कर आपका आशीर्वाद लेंगे...”

“अरे! लेकिन जानू...”

“अभी हमारी बात ख़तम नहीं हुई... हर सुबह हम आपका आशीर्वाद लेंगे और आप हर सुबह हमारी माँग में सिन्दूर भरेंगे,”

“और ये हमको कब तक करना पड़ेगा?”

“अच्छा जी, अभी अभी हमारी शादी हुई है और आप अभी से तंग आ गए?”

“हा हा हा... कभी नहीं माया... कभी नहीं! आई लव यू!” कमल हँसते हुए बोला, “अभी से कैसे तंग आएँगे भला आप से? अभी तो हमको ढेर सारे बच्चे करने हैं, फिर उनको पालना है, उनकी शादी करनी है, उनके भी बच्चे देखने हैं... यह सब करते करते कम से कम साठ सत्तर साल निकल जायेंगे! फिर उसके बाद देखेंगे...”

“बाप रे!” माया उसकी बात पर हँसने लगी।

“सच में माया... हमको मन में होता है कि हम साथ में एक खूबसूरत घर बनाएँ,” कमल ने कहा, “ऐसा घर, जहाँ हमारे बच्चे हँसी-खुशी खेलें... बड़े हों! उनके भी बच्चे हों!”

“ये घर नहीं है?”

“है!”

“फिर?” माया ने कमल के होंठों को चूमा, “हम तो चाहते हैं कि माँ जी और पिता जी हमेशा हमारे साथ रहें! हमको उनकी खूब सेवा करनी है!”

“हम्म्म... गुड गर्ल!” कमल बोला।

माया ने मुस्कुराते हुए पूछा, “अच्छा... एक बात बताइये... आपको कितने बच्चे चाहिए?”

कमल ने बताया, “दो... तीन? [फिर थोड़ा सोच कर] ओके, दो - एक प्यारी सी बेटी, जो आपकी तरह हो... सुंदर, समझदार, काइंड एंड क्यूट! और एक बेटा, जो थोड़ा शरारती हो, जैसे कि हम।”

माया ने हँसते हुए कहा, “और अगर दो बेटियाँ हों गईं, या दोनों बेटे हो गए तो?”

कमल ने माया के दूसरे स्तन को चूमते हुए कहा, “तो क्या? हमको तो हर हाल में ख़ुशी ही रहेगी, क्योंकि हमारे बच्चे हमारे प्यार की निशानी होंगे।”

कह कर वो उस स्तन के चूचक को चूसने लगा।

“आपको अच्छा लगता है?” माया ने कुछ देर बाद पूछा।

“क्या?” कमल ने पूछा, “बच्चे?”

माया ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, “बच्चे भी... लेकिन हमने दूध पीने को ले कर पूछा था!”

“बच्चे तो चाहिए ही न! ... और हाँ... बहुत पसंद है दूध पीना! आई ऍम हैप्पी कि माँ प्रेग्नेंट हैं!” कमल बोला, “वैसे... शायद आपको पता नहीं... माँ को दूध बनने लगा है!”

“व्हाट? सच में?”

“हाँ... आप दस दिन से घर नहीं आई न! इसलिए आपको पता नहीं।”

“वाओ! आई वांटेड टू बी द फर्स्ट...”

“हा हा हा... माँ भी यही कह रही थीं कि पहले वो माया बिटिया को अपना दूध पिलाना चाहती थीं!”

माया मुस्कुराई, “आपको बताना चाहिए था... हम आ जाते,”

“अपने घर आने में क्या सोचना... क्या बुलाना?”

माया कुछ सोच कर मुस्कुराई - इस बार उसकी मुस्कराहट थोड़ी चौड़ी थी।

“क्या सोच रही हैं आप? क्या है आपने मन में?”

“हमारे मन में एक नॉटी थॉट है...”

“बताइये?”

“नेक्स्ट टाइम जब हम माँ जी का दूध पिएंगे न, तो हम नंगू हो कर पिएंगे!”

“व्हाट! पूरी तरह?”

माया ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, “हमने माँ जी को बोला था कि जब भी हम उनका ‘दूध’ पहली बार पिएंगे न... तो उनके बेबी जैसा रहना चाहते हैं!”

“उन्होंने क्या कहा?”

“उन्होंने कहा कि, ‘बेबी जैसा का क्या मतलब? तू मेरी बेबी है…’” माया ने हँसते हुए बताया, “‘तो तुझे जैसे कम्फर्टेबल लगे, वैसे ही रह कर मेरा दूध पी,’”

“अरे तो उसमें हँसने वाली क्या बात है?”

“माँ जी हमसे बस तेरह साल ही तो बड़ी हैं न, इसलिए!”

“लेकिन इस बात ने कभी आपको उनका ब्रेस्टफीड करने से नहीं रोका!”

“नहीं!”

“तो फिर? जैसा कि माँ ने कहा - आप उनकी बेबी हैं!”

“ठीक है...!” माया विनोदपूर्वक बोली, “हमने भी कब इंकार किया है इस बात से?”

कमल ने बात बदलते हुए कहा, “अच्छा एक बात बताइए, हम हमारे बच्चों के नाम क्या रखेंगे?”

“हमारे बच्चों के नाम सोचना आपका काम है, या फिर पापा या माँ जी का! आप बच्चों के पापा हैं और माँ पापा हमारे बड़े।”

“बुद्धिमान हो... उम्म्म,” कमल ने सोचते हुए कहा, “अगर बेटी हुई, तो उसका नाम आराध्या रखेंगे... और बेटा हुआ, तो अर्णव?”

माया ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे वाह! कितने सुन्दर नाम हैं! हमको ये नाम बहुत पसंद आए!” फिर थोड़ा ठहर कर, “जानू... दोनों नाम तो ‘अ’ से शुरू हो रहे हैं...”

कमल समझ गया कि माया को भी समझ में आ रहा है, “अगर हम हमारे बेटे का नाम अजय रखेंगे, तो बहुत कंफ्यूशन हो जाएगा न... मामा का नाम भी अजय, भांजे का नाम भी अजय! इसलिए केवल ‘अ’ से नाम रखना हमको बेहतर लगा।”

“हनी... ये तो बहुत अच्छी बात है! आप बाबू को इतना प्यार करते हैं!”

“माया, वो आपका छोटा भाई है और आप उसको अपने बच्चे जैसा चाहती हैं। उस हिसाब से हमारा भी वही रिश्ता बैठा न?” कमल बोला, “वैसे भी हमारी शादी अज्जू के कारण ही पॉसिबल हो पाई है! वो पहल न करता, तो हमारे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि हम आपसे अपनी मोहब्बत का इज़हार कर पाते,”

माया ने कमल को अपने सीने में भींचते हुए कहा, “आई लव यू,”

“आई लव यू मोर,”

“जानू... एक बात तो बताइए?”

“हम्म्म?”

“आपको अच्छा तो लगा न?”

“मतलब?”

“मतलब... हमारे साथ सेक्स... आपको अच्छा लगा?”

“द बेस्ट! लाइक हेवन! हम आपको पहले ही बताना चाहते थे, लेकिन समझ में नहीं आया कि कैसे बताएँ!”

माया संतुष्टि से मुस्कुराई।

“आपको कैसा लगा?” कमल ने माया से पूछा, “अनाड़ी हैं, लेकिन हमने कोशिश करी कि आपको अच्छा लगे,”

“बहुत अच्छा लगा जानू... बहुत अच्छा,”

“आपको बहुत पेन हुआ न?”

“जानू... पहली बार सेक्स में शायद हर लड़की को पेन होता ही है! ... हम कुँवारी हैं... थे... [माया के स्पष्टीकरण पर कमल और माया दोनों ही मुस्कुरा दिए] ... और आपके नन्हे बदमाश का साइज बड़ा है,”

“सॉरी,”

“चुप! लकी हैं हम...” माया ने बड़े प्यार से कमल का लिंग अपनी हथेली में कोमलता से पकड़ कर सहलाते हुए कहा, “... कि हमको इतना प्यारा सा नन्हा बदमाश मिला है! वैसे भी, आप जितना अधिक हमसे सेक्स करेंगे, हम इसकी उतनी ही यूज़्ड टू हो जाएँगे...”

“हम्म्म... अब आप फँस गई हैं...”

“फँस गए? कैसे?”

“आपको कभी नहीं छोड़ा जाएगा...” कमल ने शरारत से कहा, “आपके साथ मुझे रोज़ सेक्स करना है!”

“ऐसा फँसना तो हमको बहुत पसंद है,” माया बोली, “लेकिन जानू... आप हमसे प्रॉमिस करिए, कि आप हमेशा सेक्स के बारे में ही नहीं सोचेंगे... अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे... और हमारे बड़ों ने हमको शादी के टाइम जो सिखाया गया है, उसका पालन करेंगे?”

“यस मैम,”

“गुड ब्यॉय,”

“थक गई हैं?”

“थोड़ा,”

“सो जाएँ कुछ देर?”

माया मुस्कुराई, “आप हमको अपनी बाँहों में भर लीजिए... तभी हमको अच्छी नींद आएगी,”

**
 

dhparikh

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दोनों इस भावनात्मक रूप से भारी पल के महत्त्व को समझ रहे थे। जो कार्य उन्होंने अभी अभी सम्पन्न किया था, उसी कार्य से सृष्टि चलती है। उस पल में दोनों अपने बीच एक आश्चर्यजनक कनेक्शन महसूस हुआ - जो उन दोनों के प्यार से भी अधिक मज़बूत था। लेकिन दोनों ही अब थक गए थे और दोनों की साँसें तेजी से चल रही थीं। कमल माया के ऊपर ही था। उसने माया की साँसों के साथ उसके स्तनों को ऊपर नीचे होते देखा, तो अपना लोभ न रोक सका। उसने माया का एक चूचक अपने मुँह में लिया और चूसने चुभलाने लगा।

उसकी इस हरकत पर माया खिलखिला कर हँस दी।

“क्या हुआ?”

“कुछ नहीं मेरे सैयां जी!” माया ने बड़े लाड़ से कहा, “अच्छा सुनिए... आपने अब हमको पूरी तरह से अपना बना लिया है... अब हमको हमारे नाम से बुलाइए?”

“कैसे करें... आप हमसे बड़ी हैं न,”

“तो क्या? आपकी पत्नी हैं हम... और आप हमारे सब कुछ हैं...” माया ने आग्रहपूर्वक कहा, “इसलिए आपको मेरी यह बात माननी ही होगी,”

“माया... मेरी माया,”

“एक बार और...”

कमल मुस्कुराया, “माया... आई लव यू मेरी जान,”

“थैंक यू जानू!” माया बोली, “आई लव यू टू!”

“आप हमको हमारे नाम से नहीं बुलाएँगी?”

माया ने ‘न’ में सर हिलाया, “कभी नहीं!”

“थॉट सो,”

“अच्छा सुनिए...”

“हम्म?”

“अब से हम एक अच्छी पत्नी की तरह, हर सुबह उठ कर, आपके पैर छू कर आपका आशीर्वाद लेंगे...”

“अरे! लेकिन जानू...”

“अभी हमारी बात ख़तम नहीं हुई... हर सुबह हम आपका आशीर्वाद लेंगे और आप हर सुबह हमारी माँग में सिन्दूर भरेंगे,”

“और ये हमको कब तक करना पड़ेगा?”

“अच्छा जी, अभी अभी हमारी शादी हुई है और आप अभी से तंग आ गए?”

“हा हा हा... कभी नहीं माया... कभी नहीं! आई लव यू!” कमल हँसते हुए बोला, “अभी से कैसे तंग आएँगे भला आप से? अभी तो हमको ढेर सारे बच्चे करने हैं, फिर उनको पालना है, उनकी शादी करनी है, उनके भी बच्चे देखने हैं... यह सब करते करते कम से कम साठ सत्तर साल निकल जायेंगे! फिर उसके बाद देखेंगे...”

“बाप रे!” माया उसकी बात पर हँसने लगी।

“सच में माया... हमको मन में होता है कि हम साथ में एक खूबसूरत घर बनाएँ,” कमल ने कहा, “ऐसा घर, जहाँ हमारे बच्चे हँसी-खुशी खेलें... बड़े हों! उनके भी बच्चे हों!”

“ये घर नहीं है?”

“है!”

“फिर?” माया ने कमल के होंठों को चूमा, “हम तो चाहते हैं कि माँ जी और पिता जी हमेशा हमारे साथ रहें! हमको उनकी खूब सेवा करनी है!”

“हम्म्म... गुड गर्ल!” कमल बोला।

माया ने मुस्कुराते हुए पूछा, “अच्छा... एक बात बताइये... आपको कितने बच्चे चाहिए?”

कमल ने बताया, “दो... तीन? [फिर थोड़ा सोच कर] ओके, दो - एक प्यारी सी बेटी, जो आपकी तरह हो... सुंदर, समझदार, काइंड एंड क्यूट! और एक बेटा, जो थोड़ा शरारती हो, जैसे कि हम।”

माया ने हँसते हुए कहा, “और अगर दो बेटियाँ हों गईं, या दोनों बेटे हो गए तो?”

कमल ने माया के दूसरे स्तन को चूमते हुए कहा, “तो क्या? हमको तो हर हाल में ख़ुशी ही रहेगी, क्योंकि हमारे बच्चे हमारे प्यार की निशानी होंगे।”

कह कर वो उस स्तन के चूचक को चूसने लगा।

“आपको अच्छा लगता है?” माया ने कुछ देर बाद पूछा।

“क्या?” कमल ने पूछा, “बच्चे?”

माया ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, “बच्चे भी... लेकिन हमने दूध पीने को ले कर पूछा था!”

“बच्चे तो चाहिए ही न! ... और हाँ... बहुत पसंद है दूध पीना! आई ऍम हैप्पी कि माँ प्रेग्नेंट हैं!” कमल बोला, “वैसे... शायद आपको पता नहीं... माँ को दूध बनने लगा है!”

“व्हाट? सच में?”

“हाँ... आप दस दिन से घर नहीं आई न! इसलिए आपको पता नहीं।”

“वाओ! आई वांटेड टू बी द फर्स्ट...”

“हा हा हा... माँ भी यही कह रही थीं कि पहले वो माया बिटिया को अपना दूध पिलाना चाहती थीं!”

माया मुस्कुराई, “आपको बताना चाहिए था... हम आ जाते,”

“अपने घर आने में क्या सोचना... क्या बुलाना?”

माया कुछ सोच कर मुस्कुराई - इस बार उसकी मुस्कराहट थोड़ी चौड़ी थी।

“क्या सोच रही हैं आप? क्या है आपने मन में?”

“हमारे मन में एक नॉटी थॉट है...”

“बताइये?”

“नेक्स्ट टाइम जब हम माँ जी का दूध पिएंगे न, तो हम नंगू हो कर पिएंगे!”

“व्हाट! पूरी तरह?”

माया ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, “हमने माँ जी को बोला था कि जब भी हम उनका ‘दूध’ पहली बार पिएंगे न... तो उनके बेबी जैसा रहना चाहते हैं!”

“उन्होंने क्या कहा?”

“उन्होंने कहा कि, ‘बेबी जैसा का क्या मतलब? तू मेरी बेबी है…’” माया ने हँसते हुए बताया, “‘तो तुझे जैसे कम्फर्टेबल लगे, वैसे ही रह कर मेरा दूध पी,’”

“अरे तो उसमें हँसने वाली क्या बात है?”

“माँ जी हमसे बस तेरह साल ही तो बड़ी हैं न, इसलिए!”

“लेकिन इस बात ने कभी आपको उनका ब्रेस्टफीड करने से नहीं रोका!”

“नहीं!”

“तो फिर? जैसा कि माँ ने कहा - आप उनकी बेबी हैं!”

“ठीक है...!” माया विनोदपूर्वक बोली, “हमने भी कब इंकार किया है इस बात से?”

कमल ने बात बदलते हुए कहा, “अच्छा एक बात बताइए, हम हमारे बच्चों के नाम क्या रखेंगे?”

“हमारे बच्चों के नाम सोचना आपका काम है, या फिर पापा या माँ जी का! आप बच्चों के पापा हैं और माँ पापा हमारे बड़े।”

“बुद्धिमान हो... उम्म्म,” कमल ने सोचते हुए कहा, “अगर बेटी हुई, तो उसका नाम आराध्या रखेंगे... और बेटा हुआ, तो अर्णव?”

माया ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे वाह! कितने सुन्दर नाम हैं! हमको ये नाम बहुत पसंद आए!” फिर थोड़ा ठहर कर, “जानू... दोनों नाम तो ‘अ’ से शुरू हो रहे हैं...”

कमल समझ गया कि माया को भी समझ में आ रहा है, “अगर हम हमारे बेटे का नाम अजय रखेंगे, तो बहुत कंफ्यूशन हो जाएगा न... मामा का नाम भी अजय, भांजे का नाम भी अजय! इसलिए केवल ‘अ’ से नाम रखना हमको बेहतर लगा।”

“हनी... ये तो बहुत अच्छी बात है! आप बाबू को इतना प्यार करते हैं!”

“माया, वो आपका छोटा भाई है और आप उसको अपने बच्चे जैसा चाहती हैं। उस हिसाब से हमारा भी वही रिश्ता बैठा न?” कमल बोला, “वैसे भी हमारी शादी अज्जू के कारण ही पॉसिबल हो पाई है! वो पहल न करता, तो हमारे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि हम आपसे अपनी मोहब्बत का इज़हार कर पाते,”

माया ने कमल को अपने सीने में भींचते हुए कहा, “आई लव यू,”

“आई लव यू मोर,”

“जानू... एक बात तो बताइए?”

“हम्म्म?”

“आपको अच्छा तो लगा न?”

“मतलब?”

“मतलब... हमारे साथ सेक्स... आपको अच्छा लगा?”

“द बेस्ट! लाइक हेवन! हम आपको पहले ही बताना चाहते थे, लेकिन समझ में नहीं आया कि कैसे बताएँ!”

माया संतुष्टि से मुस्कुराई।

“आपको कैसा लगा?” कमल ने माया से पूछा, “अनाड़ी हैं, लेकिन हमने कोशिश करी कि आपको अच्छा लगे,”

“बहुत अच्छा लगा जानू... बहुत अच्छा,”

“आपको बहुत पेन हुआ न?”

“जानू... पहली बार सेक्स में शायद हर लड़की को पेन होता ही है! ... हम कुँवारी हैं... थे... [माया के स्पष्टीकरण पर कमल और माया दोनों ही मुस्कुरा दिए] ... और आपके नन्हे बदमाश का साइज बड़ा है,”

“सॉरी,”

“चुप! लकी हैं हम...” माया ने बड़े प्यार से कमल का लिंग अपनी हथेली में कोमलता से पकड़ कर सहलाते हुए कहा, “... कि हमको इतना प्यारा सा नन्हा बदमाश मिला है! वैसे भी, आप जितना अधिक हमसे सेक्स करेंगे, हम इसकी उतनी ही यूज़्ड टू हो जाएँगे...”

“हम्म्म... अब आप फँस गई हैं...”

“फँस गए? कैसे?”

“आपको कभी नहीं छोड़ा जाएगा...” कमल ने शरारत से कहा, “आपके साथ मुझे रोज़ सेक्स करना है!”

“ऐसा फँसना तो हमको बहुत पसंद है,” माया बोली, “लेकिन जानू... आप हमसे प्रॉमिस करिए, कि आप हमेशा सेक्स के बारे में ही नहीं सोचेंगे... अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे... और हमारे बड़ों ने हमको शादी के टाइम जो सिखाया गया है, उसका पालन करेंगे?”

“यस मैम,”

“गुड ब्यॉय,”

“थक गई हैं?”

“थोड़ा,”

“सो जाएँ कुछ देर?”

माया मुस्कुराई, “आप हमको अपनी बाँहों में भर लीजिए... तभी हमको अच्छी नींद आएगी,”

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Nice update....
 
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