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Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

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सतयुग और त्रेतायुग से पकड़कर ले आए हैं क्या शर्मा जी
इस वकील और इंस्पेक्टर साहब को ? :D
एक ऐसा वकील जो कभी केस हारा नही फिर भी साहब की ढंग की कोई कमाई नही है । और एक ऐसा इंस्पेक्टर जो नौजवान है , चतुर चालक है फिर भी महज साठ हजार रुपए के लिए मारा मारा फिर रहा है ।
आज के दौर मे पुलिस के एक छोटे से छोटे पोस्ट के लिए भी लड़के पन्द्रह बीस लाख रुपए तक खर्च कर देते हैं । अगर रोकड़ा नही है तो खेत जमीन बेच कर रकम का जुगाड़ करते हैं ।
वैसे इमानदार प्रजाति जो विलुप्त के कगार पर खड़ी है उसे फिर से जिंदा होते देख बहुत बढ़िया लगा ।
लेकिन हमारे इंस्पेक्टर साहब को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी जो साठ हजार रुपए के लिए दर दर भटक रहे है ?

इधर सांसद साहब का कत्ल भी आखिरकार हो ही गया । इल्ज़ाम लगा है उनके ही स्मगलर दोस्त चंदन कुमार पर ।
पर जैसा कि वकील साहब ने कहा कि चंदन कुमार बेकसूर है तो इसका मतलब वह हंड्रेड पर्सेंट बेकसूर है ।
जब चीफ मिनिस्टर साहब के पर्सनल सेक्रेटरी ने यह कबूल कर ही लिया था कि सांसद साहब का कत्ल होकर ही रहेगा और किस के वजह से कत्ल होगा तब कुछ कहने सुनने की बात ही नही बचती ।
बशर्ते हमारे राइटर साहब इस कत्ल मे कोई ट्विस्ट न डाल दें !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
 
Last edited:

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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सतयुग और त्रेतायुग से पकड़कर ले आए हैं क्या शर्मा जी
इस वकील और इंस्पेक्टर साहब को ? :D
एक ऐसा वकील जो कभी केस हारा नही फिर भी साहब की ढंग की कोई कमाई नही है । और एक ऐसा इंस्पेक्टर जो नौजवान है , चतुर चालक है फिर भी महज साठ हजार रुपए के लिए मारा मारा फिर रहा है ।
आज के दौर मे पुलिस के एक छोटे से छोटे पोस्ट के लिए भी लड़के पन्द्रह बीस लाख रुपए तक खर्च कर देते हैं । अगर रोकड़ा नही है तो खेत जमीन बेच कर रकम का जुगाड़ करते हैं ।
वैसे इमानदार प्रजाति जो विलुप्त के कगार पर खड़ी है उसे फिर से जिंदा होते देख बहुत बढ़िया लगा ।
लेकिन हमारे इंस्पेक्टर साहब को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी जो साठ हजार रुपए के लिए दर दर भटक रहे है ?

इधर सांसद साहब का कत्ल भी आखिरकार हो ही गया । इल्ज़ाम लगा है उनके ही स्मगलर दोस्त चंदन कुमार पर ।
पर जैसा कि वकील साहब ने कहा कि चंदन कुमार बेकसूर है तो इसका मतलब वह हंड्रेड पर्सेंट बेकसूर है ।
जब चीफ मिनिस्टर साहब के पर्सनल सेक्रेटरी ने यह कबूल कर ही लिया था कि सांसद साहब का कत्ल होकर ही रहेगा और किस के वजह से कत्ल होगा तब कुछ कहने सुनने की बात ही नही बचती ।
बशर्ते हमारे राइटर साहब इस कत्ल मे कोई ट्विस्ट न डाल दें !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
:D Bade bhaiya, ab satyug ka kaho ya kaliyug ka par hakikar yahi hai, duniya me aise bohot kam bache hai, par hai jaroor, ek aadh ko to personally jaanta hu:approve: Rahi baat 60 hajaar ki to wo bas apni dosti ka fatj nibha raha hai, waise agla update abhi aaraha hai👍
Thank you so much for your amazing support and review ❤️ SANJU ( V. R. ) bhai
:hug:
 

Raj_sharma

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#10

विजय के तो छक्के छूट गये। रोमेश जिस आत्मविश्वास से कह रहा था, उससे साफ जाहिर था कि वह जो कह रहा है, वही होगा।

''तो फिर तुम ही बताओ, असली कातिल कौन है?"

"तुम्हारा सी.एम. ! जे.एन. है उसका कातिल।"

विजय उछल पड़ा। वह इधर-उधर इस प्रकार देखने लगा, जैसे कहीं किसी ने कुछ सुन तो नहीं लिया।

"एक मिनट।'' वह उठा और दरवाजा बंद करके आ गया।

''अब बोलो।'' वह फुसफुसाया।

''तुम इस केस से हाथ खींच लो।'' रोमेश ने भी फुसफुसा कर कहा।

''य...यह नहीं हो सकता।''

''तुम चीफ कमिश्नर को गिरफ्तार नहीं कर सकते। नौकरी चली जायेगी। इसलिये कहता हूँ, तुम इस तफ्तीश से हाथ खींच लोगे, तो जांच किसी और को दी जायेगी। वह
चंदन को ही पकड़ेगा और मैं चंदन को छुड़ा लूँगा। तुम्हारा ना कोई भला होगा, ना नुकसान।''

''यह हो ही नहीं सकता।'' विजय ने मेज पर घूंसा मारते हुए कहा।

''नहीं हो सकता तो वर्दी की लाज रखो, ट्रैक बदलो और सी एम को घेर लो। मैं तुम्हारासाथ दूँगा और सबूत भी। जैसे ही तुम ट्रैक बदलोगे, तुम पर आफतें टूटनी शुरू होंगी।
डिपार्टमेंटल दबाव भी पड़ सकता है और तुम्हारी नौकरी तक खतरे में पड़ सकती है।

परंतु शहीद होने वाला भले ही मर जाता है, लेकिन इतिहास उसे जिंदा रखता है और जो इतिहास बनाते हैं, वह कभी नहीं मरते। कई भ्रष्ट अधिकारी तुम्हारे मार्ग में रोड़ा बनेंगे,
जिनका नाम काले पन्नों पर होगा।"

''मैं वादा करता हूँ रोमेश ऐसा ही होगा। परंतु ट्रैक बदलने के लिए मेरे पास सबूत तो होना चाहिये।''

"सबूत मैं तुम्हें दूँगा।"

"ठीक है।" विजय ने हाथ मिलाया और उठ खड़ा हुआ।

रोमेश ने अगले दिन दिल्ली फोन मिलाया। कैलाश वर्मा को उसने रात भी फोन पर ट्राई किया था, मगर कैलाश से बात नहीं हो पायी। ग्यारह बजे ऑफिस में मिल गया।

"मैं रोमेश ! मुम्बई से।"

"हाँ बोलो। अरे हाँ, समझा।
मैं आज ही दस हज़ार का ड्राफ्ट लगा दूँगा। तुम्हारी पेमेंट बाकी है।''

"मैं उस बाबत कुछ नहीं बोल रहा। ''

"फिर खैरियत?"

"अखबार तो तुम पढ़ ही रहे होगे।"

''पुलिस की अपनी सोच है, हम क्या कर सकते हैं? जो हमारा काम था, हमने वही करना होता है, बेकार का लफड़ा नहीं करते।"

"लेकिन जो काम तुम्हारा था, वह नहीं हुआ।"

''तुम कहना क्या चाहते हो?"

"तुमने सावंत को …।"

"एक मिनट! शार्ट में नाम लो।

यह फोन है मिस्टर! सिर्फ एस. बोलो।"

"मिस्टर एस. को जो जानकारी तुमने दी, उसमें उसी का नाम है, जिस पर तर्क हो रहा है। तुमने असलियत को क्यों छुपाया? जो सबूत मैंने दिया, वही क्यों नहीं दिया, यह दोगली हरकत क्यों की तुमने?"

"मेरे ख्याल से इस किस्म के उल्टे सीधे सवाल न तो फोन पर होते हैं, न फोन पर उनका जवाब दिया जाता है। बाई द वे, अगर तुम दस की बजाय बीस बोलोगे, वो भेज दूँगा, मगर अच्छा यही होगा कि इस बाबत कोई पड़ताल न करो।"

"मुझे तो अब तुम्हारा दस हज़ार भी नहीं चाहिये और आइंदा मैं कभी तुम्हारे लिए काम भी नहीं करने का।"

"यार इतना सीरियस मत लो, दौलत बड़ी कुत्ती शै होती है। हम वैसे भी छोटे लोग हैं।
बड़ों की छाया में सूख जाने का डर होता है ना, इसलिये बड़े मगरमच्छों से पंगा लेना ठीक नहीं होता। तुम भी चुप हो जाना और मैं बीस हज़ार का ड्राफ्ट बना देता हूँ।"

''शटअप ! मुझे तुम्हारा एक पैसा भी नहीं चाहिये और मुझे भाषण मत दो।
तुमने जो किया, वह पेशे की ईमानदारी नहीं थी। आज से तुम्हारा मेरा कोई संबंध नहीं रहा।"

इतना कहकर रोमेश ने फोन काट दिया। करीब पन्द्रह मिनट बाद फोन की घंटी फिर बजी।रोमेश ने रिसीवर उठाया ।

''एडवोकेट रोमेश ''

''मायादास बोलते हैं जी। नमस्कार जी।"

"ओह मायादास जी , नमस्कार।"

"हम आपसे यह बताना चाहते थे कि फिलहाल जे.एन. साहब के लिए कोई केस नहीं
लड़ना है, प्रोग्राम कुछ बदल गया है।
हाँ , अगर फिर जरूरत पड़ी , तो आपको याद किया जायेगा। बुरा मत मानना ।"

''नहीं-नहीं । ऐसी कोई बात नहीं है।
वैसे बाई द वे जरूरत पड़ जाये, तो फोन नंबर आपके पास है ही ।''

"आहो जी ! आहो जी ! नमस्ते ।'' माया-दास ने फोन काट दिया ।

रोमेश जानता था कि दो-चार दिन में ही मायादास फिर संपर्क करेगा और रोमेश को अभी उससे एक मीटिंग और करनी थी, तभी जे.एन. घेरे में आ सकता था।

तीन दिन बाद विजय ने चंदन को चार्ज से हटा लिया और अखबारों में बयान दिया कि चंदन को शक के आधार पर तफ्तीश में लिया गया था किंतु बाद की जांच के मामले ने
दूसरा रूप ले लिया और इस कत्ल की वारदात के पीछे किसी बहुत बड़ी हस्ती का हाथ होने का संकेत दिया ।

सावंत कांड अभी भी समाचार पत्रों की सुर्खियों में था। विजय ने इसे एक बार फिर नया मोड़ दे दिया था।
उसी दिन शाम को मायादास का फोन आ गया।

''आपकी जरूरत आन पड़ी वकील साहब।"

"आता हूँ।"

"उसी जगह, वक्त भी आठ।“

"ठीक है ।"

रोमेश ठीक वक्त पर होटल जा पहुँचा। मायादास के अलावा उस समय वहाँ एक और आदमी था।
वह व्यक्ति चेहरे से खतरनाक दिखता था और उसके शरीर की बनावट भी
वेट-लिफ्टिंग चैंपियन जैसी थी। उसके बायें गाल पर तिल का निशान था और सामने के दो दांत सोने के बने थे। सांवले रंग का वह लंबा तगड़ा व्यक्ति गुजराती मालूम पड़ता था ,
उम्र होगी कोई चालीस वर्ष ।

"यह बटाला है।" मायादास ने उसका परिचय कराया ।

"वैसे तो इसका नाम बटाला है, लेकिन अख्तर बटाला के नाम से इसे कम ही लोग जानते हैं। पहले जब छोटे-मोटे हाथ मारा करता था, तो इसे बट्टू चोर के नाम से जाना जाता था। फिर यह मिस्टर बटाला बन गया और कत्ल के पेशे में आ गया, इसका निशाना सधा हुआ है। जितना कमांड इसका राइफल, स्टेनगन या पिस्टल पर है, उतना ही भरोसा रामपुरी पर है। जल्दी ही हज करने का इरादा रखता है, फि र तो हम इसे हाजी साहब कहा करेंगे ।''

बटाला जोर-जोर से हंस पड़ा ।

''अब जरा दांत बंद कर।" मायादास ने उसे जब डपटा, तो उसके मुंह पर तुरंत ब्रेक का जाम लग गया।

''वकील लोगों से कुछ छुपाने का नहीं मांगता।" वह बोला !

"और हम यह भी पसंद नहीं करते कि हमारा कोई आदमी तड़ी पार चला जाये । अगर बटाला को जुम्मे की नमाज जेल में पढ़नी पड़ गई, तो लानत है हम पर ।''

"पण जो अपुन को तड़ी पार करेगा, हम उसको भी खलास कर देगा" बटाला ने फटे बास की तरह घरघराती आवाज निकाली।"

"तेरे को कई बार कहा, सुबह-सुबह गरारे किया कर, वरना बोला मत कर।"
मायादास ने उसे घूरते हुए कहा । बटाला चुप हो गया।

''सावंत का कत्ल करते वक्त इस हरामी से कुछ मिस्टेक भी हो गयी। इसने जुम्मन की टैक्सी को इस काम के लिये इस्तेमाल किया और जुम्मन उसी दिन से लापता है। उसकी टैक्सी गैराज में खड़ी है। यह जुम्मन इसके गले में पट्टा डलवा सकता है।

मैंने कहा था- कोई चश्मदीद ऐसा ना हो, जो तुम्हें पहचानता हो। जुम्मन की थाने में हिस्ट्री शीट खुली हुई है और अगर वह पुलिस को बिना बताए गायब होता है, तो पुलिस उसे रगड़ देगी।
ऐसे में वह भी मुंह खोल सकता है। जुम्मन डबल क्रॉस भी कर सकता है, वह भरोसे का आदमी नहीं है।"

बटाला ने फिर कुछ बोलना चाहा, परंतु मायादास के घूरते ही केवल हिनहिना कर रह गया।

''तो सावंत का मुजरिम ये है।'' रोमेश बोला ।

''आपको इसे हर हालत में सेफ रखना है वकील साहब, बोलो क्या फीस मांगता ?"

"फीस में तब ले लूँगा, जब काम शुरू होगा। अभी तो कुछ है ही नहीं , पहले पुलिस को बटाला तक तो पहुंचने दो, फिर देखेंगे।"


जारी रहेगा……..✍️✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Do bichde premi mile hai phir se kuch Raj hoga
Superb update

Nice start

Nice and superb update....

Nice update....

Mai to tumhe aacha aadmi samjhta tha raj bhai tum to mohalle mai talak karwani wali chachi nikle
Bechare Romesh babu ke lanka laga rahe ho…

Ye twist mast daal diya Romesh ka wife ke upar shaq karne ka aur ye chal kya raha h abhi katal hua h nahi karne wala aur hone wala apni apni taiyari pahle kar rhe hai…
Nice update keep it up

🤭What an story yaar 🤔 starting thodi si ha thodi si ajib thi ...than its beacoms into a suspance....now this into a love great idea great writer

Raj_sharma भाई जी, लीजिए - हम भी आपकी कहानी पर पहुँच ही गए। :)

पहले छः अपडेट शायद मुख्य पात्रों को जमाने में लग गए : रोमेश - सीमा, और विजय - वैशाली। इन्ही पात्रों के इर्द गिर्द चलेगी कहानी। ये हालिया दो अपडेट ही शायद मुख्य कहानी का हिस्सा हैं। तो उसी की बातें करते हैं।

सावंत राव को अपनी हत्या होने का अंदेशा है, और सबसे पहले चीफ़ मिनिस्टर जनार्दन नागा रेड्डी पर ही शक जाता है। लेकिन जैसा कि अनगिनत कहानियाँ पढ़ने से हमको ट्रेनिंग मिली है कि जिस पर ऑब्वियस शक़ हो, वो खूनी नहीं होता - तो उस लॉजिक से मुख्यमंत्री जी शायद ये खून न करें/करवाएँ। लेकिन रोमेश के हिसाब से सावंत का मर्डर मुख्यमंत्री ही करवाने वाला है। ख़ैर, तो बचे, चन्दन दादा और मेधा-रानी। अभी उनकी तरफ़ से पत्ते फेंके जाने बाकी हैं, इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। सबसे बड़ी बात, क़त्ल किसका होगा, वो नहीं पता। अंदेशा होना एक अलग बात है, लेकिन टार्गेट होना अलग। क्या पता इतना शोर मचा कर मिस्टर राव ही किसी को अपने रास्ते से हटा देना चाहते हों?

रोमेश की प्रसिद्धि बात का बतंगड़ होने के कारण हुई है - जिसको उसने छुड़ाया, वो पहले से ही बेगुनाह था। यह बात लोगों को समझ आनी चाहिए। गुनहगार को वो नहीं छुड़ाता शायद। लेकिन जो भी केस उसको अप्प्रोच कर रहे हैं, वो सभी गुनहगार लग रहे हैं। क़रीमुल्लाह ने खून किया, इसलिए रोमेश उसका केस नहीं लेना चाहता। यह बात सीमा ने भी साफ़ कर दी। राव वाले केस में अभी तक मर्डर हुआ ही नहीं है, लिहाज़ा कोई मुल्ज़िम/मुज़रिम है ही नहीं।

सीमा इतनी ख़र्चीली क्यों है, समझ में नहीं आया। शौक़ होना अलग बात है, फ़िज़ूलख़र्ची अलग! और अगर उसकी नौकरी छूट गई थी, तो अन्य नौकरियाँ भी मिल सकती हैं। भूतपूर्व एयरहोस्टेस को हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में नौकरी मिलना कठिन नहीं होना चाहिए। उसके कज़िन से रोमेश की मुलाकात भी नहीं हुई है, जो बड़े ही रहस्य की बात है। देर रात क्लब में जाना… थोड़ा पेंचीदा चरित्र लग रहा है सीमा का। हाँलाकि सामान्य तौर पर देखने पर वो अच्छी, और मित्रवत महिला मालूम होती है। तो चक्कर क्या है? क्या वो कोई हाई-क्लास प्रॉस्टिट्यूट है? लेकिन ऐसे रहस्य छुपाने कठिन हैं, ख़ास कर जब विजय स्वयं पुलिस में है।

वैशाली का विजय की मंगेतर बनने का सफर बड़ा ही तेज रहा। कोई संकेत ही नहीं मिला। इसलिए कहानी का वो पहलू भी इंटरेस्टिंग है। लेकिन चूंकि कहानी थ्रिलर है, तो शायद इन बातों पर ध्यान न गया हो।

न जाने क्यों लगता है कि कोई गुनाह ‘घर’ में ही होगा/होने वाला है।

सबसे अच्छी बात मुझे जो पसंद आई वो है कहानी की रफ़्तार। घटनाक्रम तेजी से आगे बढ़ता है। जो ठीक भी है। हर बात का डिटेल्ड वर्णन करना ज़रूरी नहीं है। सधी हुई भाषा है, तीखा (शार्प) लेखन है। पढ़ने में आनंद आता है, और आगे के लिए रूचि बनती है।

बहुत बढ़िया Raj_sharma भाई! :applause: :applause:

Bahut khoob shandar Lajawab Jabardast superb ekdum dhasu update

Behtareen
Waiting for next

Whf Raj_sharma Supreme member😯😯

Discount ka fayda utha liya😁😁

Somu ki toh seth ji ne chupke se maar li :haha: ab dekte hai waise ye Vaishali mast hai :secruity: kahi lead herione toh nhi :blush1:

Kafi had tak Romesh ne bat sahii kahee apni Bivi Seema se
Kher
Dekhte hai Vijay or Vashali kya kerte hai is mamle me

Superb thriller ,vakil aur police inspector ke beech mein upyukt samvad
✔️✔️✔️✔️✔️✔️✔️
👌👌👌👌👌👌
💯💯💯💯💯

Awesome update,
शुरवात दो जिगरी दोस्तो की एक दुसरे के लिए फिक्र और त्याग से शुरू हुई अपडेट की, और एमपी के कतल से थ्रिल पैदा किया
और एंडिंग में दोनो दोस्तो के उसूल से आमने सामने खड़ा कर दिया
लाजवाब

Wah Raj_sharma Bhai,

Kya dhamakedar update post ki he............

Vijay ne scheme to badhiya lagayi he romy ko anguthi ke liye paise dene ki............uske liye usne khud ki jewellary bhi girvi rakhne ki soch li............

As expected, MP savant ka murder ho gya............police ke according killer chandan he.........jabki romy ne saaf keh diya he ki vo chandan ka case free ladega aur use bari bhi karwayega.....

Gazab ki thriller likh rahe ho Bhai

Keep rocking Bro

Mast thrilling update

Vijay apni dosti bakhubi nibha raha ha apne dost ki shadishuda jindagi sahi karne ke liye apna ghar tak girwi rakhne ke kiye ready ha

Idhar sawant rao ka murder ho hi gaya sabko chandan per shak ha use pakadne ke liye vijay nikal chuka ha lekin romesh ko pura confidence ha ki chandan begunah ha ab dekhte han ki is case ki kya mystery ha bhai kd pathak ka dusra ep chal raha ha aise lag raha ha

Nice update,
Chandan to bas Mohra lgta hai, case ko jald se jald rafa dafa krne ke liye. Vijay ko bhi sare sabut samne se mil gaye hai to uski taraf se puri jaanch huvi nahi hai. Dekhna rahega Romesh kese sabit karega.

Jab ye bhai saheb sikhege tab tak ai bana bhi doga INDEX 😂😂😂😂

Shandar jabardast update

सतयुग और त्रेतायुग से पकड़कर ले आए हैं क्या शर्मा जी
इस वकील और इंस्पेक्टर साहब को ? :D
एक ऐसा वकील जो कभी केस हारा नही फिर भी साहब की ढंग की कोई कमाई नही है । और एक ऐसा इंस्पेक्टर जो नौजवान है , चतुर चालक है फिर भी महज साठ हजार रुपए के लिए मारा मारा फिर रहा है ।
आज के दौर मे पुलिस के एक छोटे से छोटे पोस्ट के लिए भी लड़के पन्द्रह बीस लाख रुपए तक खर्च कर देते हैं । अगर रोकड़ा नही है तो खेत जमीन बेच कर रकम का जुगाड़ करते हैं ।
वैसे इमानदार प्रजाति जो विलुप्त के कगार पर खड़ी है उसे फिर से जिंदा होते देख बहुत बढ़िया लगा ।
लेकिन हमारे इंस्पेक्टर साहब को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी जो साठ हजार रुपए के लिए दर दर भटक रहे है ?

इधर सांसद साहब का कत्ल भी आखिरकार हो ही गया । इल्ज़ाम लगा है उनके ही स्मगलर दोस्त चंदन कुमार पर ।
पर जैसा कि वकील साहब ने कहा कि चंदन कुमार बेकसूर है तो इसका मतलब वह हंड्रेड पर्सेंट बेकसूर है ।
जब चीफ मिनिस्टर साहब के पर्सनल सेक्रेटरी ने यह कबूल कर ही लिया था कि सांसद साहब का कत्ल होकर ही रहेगा और किस के वजह से कत्ल होगा तब कुछ कहने सुनने की बात ही नही बचती ।
बशर्ते हमारे राइटर साहब इस कत्ल मे कोई ट्विस्ट न डाल दें !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।

intezaar rahega Raj_sharma bhai....
Ufaq saba
kamdev99008
Ben Tennyson


:dost: Update post kar diya hai dosto.. aapke reviews ka intzaar rahega..
 
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यह दोनो कलयुगी हरिश्चन्द्र किसी छोटे मोटे आग से नही बल्कि ज्वालामुखी से अपने हाथ सेंकने की कोशिश कर रहे हैं । हाथ की तो छोड़ो पुरा शरीर लावा बनकर बह जायेगा ।
चीफ मिनिस्टर अपने स्टेट का सर्वे सर्वा होता है । पुरा सरकारी महकमा उसके मुठ्ठी मे होता है । पुलिस की सभी डिपार्टमेन्ट उसके आदेश की रहनुमाई होती है । इनके साथ पंगा लेना मतलब तालाब मे रहकर मगरमच्छ से बैर लेना होता है ।
इन्हे सिर्फ जनता की ताकत ही परास्त कर सकती है ।

सेक्रेटरी ने वकील साहब का साक्षात्कार सीधे कातिल से करा दिया लेकिन यह कातिल भी अपने बाॅस के आदेश का पालन मात्र निमित्त था ।
देखते हैं इस धर्मयुद्ध मे किसकी विजय होती है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
 
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