• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,892
22,281
189
हो जाइए तैयार
आगामी अपडेट्स के लिए

राज - अनुज और रागिनी
Hard-core threesome
बहुत जल्द

Gsxfg-IAX0-AAa-Jnh
(सिर्फ पनौती न लगे बस 😁)
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,892
22,281
189
UPDATE 184


रविवार लिखा है , कि सोमवार लिखा है
तोहर दीदी के 16 गो यार लिखा है
तनीक देख लो !!


"हे तोहार बहिनचोदो सुना " , काजू की औरत दुलारी भाभी ने अमन को छेड़ते हुए उसका चेहरा अपनी ओर किया ।

अमन हल्दी के चौकी पर बैठा हुआ था , जिस्म पर एक बनियान और निचे एक बॉक्सर जो उसकी मा ने आज ही मगवाया था बाजार से ,
एक्का दुक्का लोग हल्दी लगा चुके थे मगर अभी लाईन लम्बी थी और बारि थी दुलारि भाभी की ।
गाव की ठेठ बनारसी क्षेत्र की रहने वाली थी , तो लहजा और रुआब दोनो भोजपूरी ही था ।

दुलारि ने ठंडी हल्दी की उबटन को अमन के गालो पर लगाते हुए अपनी ओर तकाया ।

दुलारि खिलखिलाती हुई - सुनो , भौजी के हाथ से माल लगवा रहे हो , चुम्मा पप्पी दोगे ना कि सब मेहरारू लिये रिजर्ब रखे हो

दुलारि की बाते सुनकर अमन लाज से पानी पानी होकर मुस्कुराने लगा और सभी औरते ठहाका लेके हसने लगी ।
दुलारि हस कर - अच्छा चुम्मा ना देना लेकिन गाना तो सुन लो ।

ये रिंकि के पहुना !!
ये तोहर बहिनचोदो सुना !!

अमन बस हसे जा रहा था ।
दुलारि -
रविवार लिखा है कि सोमवार लिखा है
तोहर बहिन के ... अरे तोहरे रिंकि के सोलह को भतार लिखा है
तनीक देख लो !!
तनिक देख लो ये मोबाइल मे क्या लिखा है
तनीक देख लो !!


दुलारि ने हाथ मे मोबाइल की स्क्रीन पर एक फोटो खोलकर सबसे छिपा कर दिखाया और अमन ने जैसे ही उसको पढने के लिए होठ से बुदबुदाय उसकी हसी छुट गयी ।

20231016-165634
" आज रिंकि खोल के देगी देवर जी लोगे क्या "

अमन और दुलारि की खिलखिलाती नजरे आपस मे टकराई और दुलारि ने आंखे उठा कर इशारे से फिर से वही मोबाइल वाला सवाल दुहराया और अमन शर्मा कर मुह फेर लेता है ।

तभी अमन की मामी ने दुलारि को खिंच कर अलग किया - क्या काजू बहू , तु तो मेरे लाड़ले को तन्ग करने का ही सोच कर आई है ।

अमन ने राहत की सान्स ली कि अब उसे कही राहत मिलेगी मगर मामी कहा पीछे रहने वाली थी ।
मामी ने गीत गाते हुए अमन की फ़ोल्ड और सटी हुई टाँगे खोलती हुई जांघो पर ठंडी हल्दी चभोड़ती हुई

हल्दी लगाओ जी
ऊबटन लगाओ जी
अमन बाबू का गोरा बदन चमकाओ जी


साथ मे पीछे औरते भी मामी के दिये हुए लिरिक्स दुहरा रही थी ,
अमन को लग रहा था कि ये राउंड आराम से कट ही जायेगा मगर तभी उसकी मामी


हल्दी लगाओ जी उबटन लगाओ जी
अमन के नुन्नु को भी चमकाओ हिहिहिही ,
अमन की मामी ने लपक कर अमन के बॉक्सर मे हाथ घुसा कर हल्दी लगाने की कोशिश की । मगर सतर्क अमन ने झटके से खिलखिलाते हुए टाँगे जोड़ ली ।

मामी हस कर डांटती हुई - हेयय , पैर खोलो जी
अमन हस कर - नही मामी हाहाहा प्लीज मम्मी देखो ना

मामी ने नजर उठा कर ममता को हस्ता देखा और बोली -

अम्मा अम्मा बोलने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
अरे मम्मी मम्मी कहने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दुल्हा


ममता अपनी भौआई , अमन की मामी की ओर देख कर हसते हुए आंख दिखाती है तो उसको भी लपेटे मे ले लेती है

आंख मटकाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
अरे मुह बनाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो



अमन की मामी के शब्दो पर ममता झेप कर हसने लगी और सभी लोग ठहाका लगा कर हसे जा रहे थे ।
इधर औरतो के ठहाके और खिलखिलाहट ने मर्द जनो मे भी कुछ ध्यान खिंच और मौका देख कर भोला मदन को खिंचता हुआ इस डर मे लेके आया कि नही चलोगे तो गाली सुनवा दूंगा ।

मदन हस्ता हुआ भोला के साथ चल दिया और भोला ने जगह देखकर संगीता के ठिक पीछे खड़ा हो गया ।

अपनी बहन को अपने ठिक सामने महज कुछ इंच की दुरी पर पाकर मदन की सान्से चढने लगी, सुबह की बिसरी यादे एक बार फिर से सर उठाने लगी ,

देखते ही देखते उनदोनो के पीछे भी और लोग खडे होकर क्योकि गारी गीत का मुकाबला सा सुरु हो गया था । सबको मजा आ रहा था तभी संगीता ने गरदन घुमा कर एक शरारत भरी मुस्कान के साथ भोला की ओर देखा तो भोला ने मुस्कुरा कर उसका सामने की ओर कर दिया ।

मदन को समझते देर नही लगी कि अभी तक उसके बहन की गर्मी शान्त नही हुई है और वो लगातार संगीता पर नजर बनाये रखा

कुछ ही मिंट की देरी मे उसने भोला के चेहरे पर हरकते मह्सुस की और जब उसने निचे नजर मारी तो देखा उसकी बहन इस भीड की रस्सा कस्सी का फायदा लेके खुलेआम अपना हाथ पीछे ले जाकर भोला का मुसल उसके पजामे के उपर से पकड कर मसल रही थी । भोला के चेहरे के कामोत्तेजक भाव देख कर मदन का लन्ड पूरी तरह से फौलादी होने लगा था ।

तभी महिलाओ की हुल्लड़बाजी हुई और सबकी नजर सामने गयी तो पता चला कि अमन की मामी के जबरजसती उसका चुममा ले लिया था ।

वही जब मदन ने वापस भोला की ओर देखा तो वहा से गायब था और पीछे की भिड़ ने मदन को धकेल कर भोला की जगह पर सेट कर दिया ।
मदन ने इस बात को इंकार किया और गरदन उच्का कर आगे देखने लगा कि तभी उसकी सांसे अटक गयी क्योकि अनजाने मे संगीता ने उसका मोटा लन्ड हाथो मे भर लिया था ।

संगीता को भी समझते देर नही लगी कि ये उसके छोटे भैया का लन्ड है और उसने भर भर बिना पीछे घुमे अपने हथेलियो को आड़ो तक घुमाती रही ।

20231016-170051
वही मदन की सांसे अटक गयी थी उसका जिस्म काप रहा था , चेहरा लाल हुआ जा रहा था माथे से पसीना आने लगा था ।

वही उसकी बहन का स्पर्श उसके मुसल को फौलादी किये जा रहा था , संगीता उसके लन्ड को भींचने कोई कसर नही छोड रही थी ।

मदन को समझ नही आ रहा था कि कैसे इस स्थिती से बाहर आये ।
उसे डर था अगर उसकी बहन को पता चल गया कि वो अपने भाई का लन्ड भींच रही है तो ना जाने क्या कयामत आ जाये । दोनो कभी नजरे ना मिला पाये।

मगर जल्द ही मदन को राहत मिली क्योकि संगीता का हल्दी लगाने के लिए बुलावा आ गया था ।
इधर एक एक करके सबने अमन की हल्दी के साथ साथ गारी से भी खुब रग्डाई की और फिर तस्वीरे खिंचने का दौर शुरु हो गया ।

राज के घर

अरे बुआ आप !!!
राज चहकता हुआ लपक कर अपनी कम्मो बुआ को हग कर लेता है ।
अपने लाड़ले से मिल कर कामिनी भी खुश हो जाती है ।
कम्मो के जिस्म की कसावट और नरम अह्सास से राज के सोते अरमान फिर सर उठाने लगे ।
वो हल्के से अपनी बुआ के अलाव होता हुआ - क्या बुआ आप आज आ रहे हो ?

कम्मो अपने नाराज भतीजे के गालो को छू कर दुलार दिखाती हुई - अरे बेटा घर पर भी फुरसत कहा होती है , वो तो मीना थी इसीलिए चली आई ।

राज - तो आप अकेले आये हो ।
कम्मो - नही , अरुण भी तो आया है ना
राज - और फूफा लोग !!
कम्मो - बेटा वो और तेरी दोनो बहने कल साथ मे ही आयेंगे ।

राज चहक कर - क्या सच मे दीदी लोग नोएडा से आ गयी है ।
कम्मो खुश होकर - कैसे नही आती , आखिर उन्के दीदी की शादी है । मैने और दीदी ( शिला) ने डांट कर बुलाया है उन्हे

राज बहुत खुश हुआ कि सालो बाद वो अपनी दो और बहनो से मिलेगा ।
जिनकी ना उस्के पास तस्वीर थी ना कोई पहचान , बचपन कभी देखा था उसने ।
शुरु से ही वो बोर्डिंग स्कूल फिर अब नोएडा मे पढ़ाई करती है ।
उन दोनो से मिलने के लिए राज की एक अलग ही उत्सुकता थी । एक बड़े शहर के रंग मे रंगी दुनिया के लोग कैसे होगे उनसे कैसा वास्ता होगा उसका । बहुत सारि बाते थी ।

फिलहाल सबको छोड कर राज अपनी बुआ को पकड कर उपर ले जाने लगा - चलो बुआ उपर चलते है ।

कम्मो खिलखिलाती हुई मुस्कुराइ- हा बाबा चल रही हु , चल !!

उपर छत के अलग ही हाल से
डीजे पर डांस हुल्लड़बाजी हो रही थी और तस्वीरे खिंची जा रही थी ।
उपर आते ही राज को उसकी मा ने जोर की डांट लगाई कि सारा प्रोग्राम खतम हो गया और तू कहा था ।
मौका देखकर रंगी ने बहाने से राज को बचाया कि उन्होने उसे एक काम से भेजा था ।

वही एक कोने मे शकुन्तला खडी होठ दबाए मुस्कुरा रही थी ।
राज अभी उपर का जायजा ले रहा था कि तभी गीता बबिता ने उसको पीछे से दबोच लिया

भैया भैया !! चलो ना डांस करते है प्लीज

राज चौक कर - अरे मीठी - गुड़िया तुम लोग कब आये ।

गीता - बस थोडा देर पहले , आओ ना भैया

इधर अनुज ने बादशाह का गाना लगा दिया " अभी तो पार्टी शुरु हुई है "

डीजे के धुन पर हम सब भाई बहन थिरक रहे थे , निशा सबको खिंच कर ला रही थी तो राज ने अपनी रसिली मामी को पकड कर डांस किया ।

पाव थके , गला सुखा , पेट मे गुडगुड हुई ।
कुछ ही देर मे एक बजने वाले थे और धिरे धीरे खाने के लिए बाते होने लगी ।

बेचारी सोनल का बुरा हाल था । रीना , पंखुडी, मामी , निशा ने जो रगड़ रगड़ कर उसको हल्दी लगाई थी कि पूछो मत
उसकी साड़ी पूरी लसराई हुई थी ।

सोनल ने अपनी मा को नहाने को बोला तो उसकी मा ने ये बोलकर टाल दिया कि "हल्दी लगवाने के तुरन्त बाद नही नहाते है "

फिर सोनल अपने होने वाले सईया की खोज खबर लेने लगी और अपना हाल बताया
कुछ तस्वीरे साझा हुई और अनुभव भी बाटे गये ।
बन्द कमरे मे कुछ प्यार भरी बाते भी हुई और आने वाले कल के लिए कुछ तैयारिया भी हुई ।

बाते चल रही थी कि बाहर से सोनल का बुलावा आ गया ।


अमन के पुछने पर सोनल ने बताया कि वो अभी खाना खाने जा रही है उसके बाद नहायेगी फिर न्यू ड्रेस मे तस्वीरे भेजेगी ।

इतना मैसेज टाइप करके सोनल ने बिना अमन का मैसेज पढे ही डाटा बन्द कर दिया और मोबाइल लेके चली गयी बाहर ।
इधर राज के यहा मेहमानो की भीड और काम मे सभी लोग फसे हुए थे ।
हल्दी के भात की दावत हो रही थी तो काफी सारे लोग आये हुए थे खाने के लिए ।
लगभग सभी मर्द और औरते लगी हुई थी ।
इधर सबका खाना पीना चल रहा था और रागिनी को ध्यान आया कि उसके बाऊजी यानी राज के नाना कहा है ।

रज्जो से पुछने पर पता चला कि वो उन्हे राज के कमरे मे आराम करने का बोली है ।
रागिनी के पास कामो से फुर्सत कहा थी तो उसने रज्जो को बोला कि जरा बाऊजी को खाना के लिए पुछ लो ।

रज्जो जा रही थी कि उसको सुनीता यानी राज की मामी किसी काम के लिए रोक लिया तो रज्जो ने पास खड़ी शिला को राज के नाना के पास खाना खाने के लिए पुछने भेज दिया ।


घर के बुजुर्ग के सामने जाने के लिए शिला अपने आप को सलिखे से डीप गले वाले सूट से झाकते क्लिवेज पर सिफान का हल्का पिला दुप्प्टा घुमाते हुए सर पर ओढ़ लिया ।

माथे को ढकती हुई शिला राज के कमरे मे प्रवेश करती है
दरवाजे पर आहट होते ही राज के नाना अपनी लेटी हुई अवस्था से उठकर पाव बेड से लटका कर बैठ जाते है और धोती के उपर अपना कुर्ता सही करने लगते है ।

सामने नजर पडती है शिला के कसे हुए फिगर को देख कर उनका मुसल फड़क पड़ता है ।
गहरी सास लेते हुए राज के नाना शिला के परिचय को इच्छुक होते हैं कि शिला मुस्कुराते हुए हाथ जोड कर नमसकार की मुद्रा मे कमरे आती है ।

राज के नाना भी गरदन झुका कर उसका आभार करते हुए उत्सुक होते ही कि वो अपना परिचय दे तब तक शिला उन्के पास आकर निचे बैठने अपना दुप्प्टा खिंच कर उन्के पाव का आशीर्वाद लेने लगती है ।
अजनबी और आकर्षक महिला जिसके मनमोहक रूप पर अभी अभी उनका लन्ड नतमस्तक हुआ जा रहा था वही महिला उन्के पाव मे झुकी हुई अपनी भारी भारी चुचो की गहरी घाटियाँ दिखाती हुई उनके पाव पुज रही थी ।

images-2
फूंकारते लन्ड के साथ राज के नाना के मुस्कुरा कर शिला के माथ पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद दिया - खुश रहो बेटा, अच्छा कही तुम जमाई बाबू की छोटी बहन तो नही ।

बनवारी ने जानबुझ कर अपने सवाल को बडे ही शातिर तरिके शब्दो मे चंद हेरफेर करके ऐसे बोला कि शिला की तारिफ भी हो जाये और बाते करने का मुद्दा भी खुल जाये ।

शिला मुस्कुरा कर खडी हुई और अपने दुप्प्टे को सही करती हुई - जी नही बाऊजी हम बड़े है , हमसे छोटी एक है कम्मो ।

बनवारी हस कर - मुझे लगा कि तुम ही छोटी वाली हो ।
शिला ने अपनी तारिफ पर थोडा सा बलश किया और फिर उसे याद आया कि वो यहा किस लिये आयी है ।

शिला - अच्छा बाऊजी वो मै कह रही थी कि आप फ्रेश हो जाईये हम खाना ला रहे है ।

नाना - अरे नही अभी भूख नही है उतना
शिला - क्या नही !! गरम गरम तैयार है , मै लेके आ रही हु आप खा लिजिए ।

बस इतना ही बोलकर शिला घूमी और अपनी मदमस्त बड़ी गाड़ हिलाती हुई बाहर निकल गयी , शिला भी उभरि हुई गाड़ देख कर बनवारी ने एक गहरी आह्ह भरी और अपना मुसल भिंच कर उसको दबाते हुए बडबडाए - हाय क्या कसी हुई गाड़ है इसकी , आह्ह बनवारी अब तेरे जवानी के दिन गये और वो समय भी चला गया जब तुझपे भी ऐसी ही गदराई औरते मर मिटती थी । तु बस किसमत वाला है कि तेरी बेटिया और बहू तेरे बुढापे मे तेरे साथ है । वरना इस बुढापे मे किसे भनक है कि तेरा लन्ड ऐसी चुतडो के लिए कितना मचलता है ।

अपनी बड़बडाहट मे बनवारी बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए चला गया और कुछ ही देर मे शिला खाना लेके आ गयी ।

बनवारी ने खाना खाया और शिला थाली लेके बाहर चली गयी । इस आवा जाहि मे बनवारी की नजरे शिला के गुदाज चुतडो को गुपचुप नजरो से निहारती रही ।

बनवारी- अरे बेटा जरा एक ग्लास पानी ला दे और वो बैग मे मेरी दवाईओ की थैली है दे देना

बनवारि ने निचे रखे एक बैग की ओर इशारा करके शिला को दिखाया ।
शिला आगे बढ़ कर गयी , चुकी निचे खाफी सारि बैग रखी हुई थी तो शिला घुटने के बल होती हुई आगे झुक कर वो बैग तालाशने लगी , मगर वो मिल नही रही थी ।

20230907-212637
अपने सामने झुकी हुई शिला की फैली हुओ गाड़ देखकर बनवारी का मुसल फौलादी हुआ जा रहा था और वो उसे कस कस कर भींच रहा था ।

शिला - बाऊजी यहा पर वही नाही है वो पिला पाउच आपका ?

बनवारी- ओह लग रहा है रज्जो ने उपर आलमारी मे तो नही रख दिया ।

बनवारि ने कमरे की एक बड़ी आलमारी को देखते हुए बोला ।
शिला उठी और हाल से एक कुर्सी लेके आई

बनवारी - बेटा आराम से , गिरना मत
शिला ने बनवारि की बात पर अपनी स्तर्कता भरी स्पस्टीकरण दिया और उपर चढ कर आलमारी खोल कर देखने लगी ,

इस दौरान उसे जरा भी भनक नही लगी कि कमरे मे हनहनाते हुए पंखे की हवा उसकी सूट को पीछे से उड़ाने लगेगी और बनवारी को उसके गुदाज गोल गोल बड़े चुतडो के साफ साफ और स्पष्ट दरशन होने लगेंगे ।

20231016-170301

शिला का सूट तेज हवा से लहरा रहा था और निचे उसकी चुस्त सलवार उसके भारी चुतडो पर कसी हुई उसके गाड़ के दरारो मे फसी हुई थी ।
जिसे देखकर बनवारी अपना मुसल कस कस भीच रहा था ।
बामुशिकलन शिला ने एक बैग निकाल कर उसमे से बनवारी को उसका दवा का पाउच दिया और फिर चली गयी ।
मगर अनजाने मे बनवारी की कामुकता भडका गयी ।
बनवारी भी बेबस अपना सूपाड़ा खुजा कर रह गया ।


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,892
22,281
189
Superb.. humme toh shadishuda beti sonal ka intezar hai.. waiting more

Madharchod meri fantcy chachi chodne ki teri trh mai madharchod nhi hu laude

Tu log nhi sudhrane wale ho

Siraj Patel
Adirshi
Plz action on them


Maa ka chodu beta & Deepaksoni
Both are continuously misleading my thread and post abusive things.

Super Hot update

good one bhai...
DREAMBOY40

Raj ko apni Mami najar aa gayi apni maa ke kamre me. Pratiksha agle rasprad update ki

Mast update

Super Super Super Super Super Super Super Super Super Super Super Super Super Update Bhai Awesome ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ Keep it up ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ I can't wait for next update ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️💯🙏👍💯🥵 please Upload soon

Sangita aur madan ka accha chal raha hai... Dheere dheere aage badenge

Behatreen update mitra, lagta hai har or chudai ka nasha chadha hai, har kamre se aah ooh sunai degi jaldi hi, kuch naye kirdaron ka samanvay bhi acha lag raha hai, bas ek nivedan ki naye kirdaron ke sath sath jo mukhya kirdar hain un par bhi dhyan banaye rakhein, Bahut dino se Ragini ko sookha hi rakh rahe ho uske bhi jalwe dikhao, ab to Rangi- Jangi bhi aapas mein khul chuke hain,
Waise gif ko dhoondhne mein jo mehnat kar rahe ho wo dikh rahi hai keep it up.

Shandar update

Amazing and hot update

Nice update

Bahut hi mazedar update

Super duper hot update yrrr gjb

बहुत ही शानदार एवं मनोरंजन से भरपूर अपडेट भाई गजब

तभी मौसी बोली - नही छोटी ये मेरे आशिक़ का मेरे जिस्म पर उनका प्यार है और अपनी चुची पर लगा माल को उगली से मुह मे चातते हुए बोली - आज रात ऐसे ही रहना है मुझे और पापा को देखने लगी

Ye sabse mast likha hai
Aaj hi padhi shandaar aur kamuk hai

Very good
New update is posted
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
43,952
116,081
304

Raj Kumar Kannada

Good News
1,374
1,644
144
UPDATE 184


रविवार लिखा है , कि सोमवार लिखा है
तोहर दीदी के 16 गो यार लिखा है
तनीक देख लो !!


"हे तोहार बहिनचोदो सुना " , काजू की औरत दुलारी भाभी ने अमन को छेड़ते हुए उसका चेहरा अपनी ओर किया ।

अमन हल्दी के चौकी पर बैठा हुआ था , जिस्म पर एक बनियान और निचे एक बॉक्सर जो उसकी मा ने आज ही मगवाया था बाजार से ,
एक्का दुक्का लोग हल्दी लगा चुके थे मगर अभी लाईन लम्बी थी और बारि थी दुलारि भाभी की ।
गाव की ठेठ बनारसी क्षेत्र की रहने वाली थी , तो लहजा और रुआब दोनो भोजपूरी ही था ।

दुलारि ने ठंडी हल्दी की उबटन को अमन के गालो पर लगाते हुए अपनी ओर तकाया ।

दुलारि खिलखिलाती हुई - सुनो , भौजी के हाथ से माल लगवा रहे हो , चुम्मा पप्पी दोगे ना कि सब मेहरारू लिये रिजर्ब रखे हो

दुलारि की बाते सुनकर अमन लाज से पानी पानी होकर मुस्कुराने लगा और सभी औरते ठहाका लेके हसने लगी ।
दुलारि हस कर - अच्छा चुम्मा ना देना लेकिन गाना तो सुन लो ।


ये रिंकि के पहुना !!
ये तोहर बहिनचोदो सुना !!

अमन बस हसे जा रहा था ।
दुलारि -
रविवार लिखा है कि सोमवार लिखा है
तोहर बहिन के ... अरे तोहरे रिंकि के सोलह को भतार लिखा है
तनीक देख लो !!
तनिक देख लो ये मोबाइल मे क्या लिखा है
तनीक देख लो !!


दुलारि ने हाथ मे मोबाइल की स्क्रीन पर एक फोटो खोलकर सबसे छिपा कर दिखाया और अमन ने जैसे ही उसको पढने के लिए होठ से बुदबुदाय उसकी हसी छुट गयी ।

20231016-165634
" आज रिंकि खोल के देगी देवर जी लोगे क्या "

अमन और दुलारि की खिलखिलाती नजरे आपस मे टकराई और दुलारि ने आंखे उठा कर इशारे से फिर से वही मोबाइल वाला सवाल दुहराया और अमन शर्मा कर मुह फेर लेता है ।

तभी अमन की मामी ने दुलारि को खिंच कर अलग किया - क्या काजू बहू , तु तो मेरे लाड़ले को तन्ग करने का ही सोच कर आई है ।

अमन ने राहत की सान्स ली कि अब उसे कही राहत मिलेगी मगर मामी कहा पीछे रहने वाली थी ।
मामी ने गीत गाते हुए अमन की फ़ोल्ड और सटी हुई टाँगे खोलती हुई जांघो पर ठंडी हल्दी चभोड़ती हुई


हल्दी लगाओ जी
ऊबटन लगाओ जी
अमन बाबू का गोरा बदन चमकाओ जी


साथ मे पीछे औरते भी मामी के दिये हुए लिरिक्स दुहरा रही थी ,
अमन को लग रहा था कि ये राउंड आराम से कट ही जायेगा मगर तभी उसकी मामी



हल्दी लगाओ जी उबटन लगाओ जी
अमन के नुन्नु को भी चमकाओ हिहिहिही ,
अमन की मामी ने लपक कर अमन के बॉक्सर मे हाथ घुसा कर हल्दी लगाने की कोशिश की । मगर सतर्क अमन ने झटके से खिलखिलाते हुए टाँगे जोड़ ली ।

मामी हस कर डांटती हुई - हेयय , पैर खोलो जी
अमन हस कर - नही मामी हाहाहा प्लीज मम्मी देखो ना

मामी ने नजर उठा कर ममता को हस्ता देखा और बोली -

अम्मा अम्मा बोलने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
अरे मम्मी मम्मी कहने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दुल्हा


ममता अपनी भौआई , अमन की मामी की ओर देख कर हसते हुए आंख दिखाती है तो उसको भी लपेटे मे ले लेती है

आंख मटकाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
अरे मुह बनाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो



अमन की मामी के शब्दो पर ममता झेप कर हसने लगी और सभी लोग ठहाका लगा कर हसे जा रहे थे ।
इधर औरतो के ठहाके और खिलखिलाहट ने मर्द जनो मे भी कुछ ध्यान खिंच और मौका देख कर भोला मदन को खिंचता हुआ इस डर मे लेके आया कि नही चलोगे तो गाली सुनवा दूंगा ।

मदन हस्ता हुआ भोला के साथ चल दिया और भोला ने जगह देखकर संगीता के ठिक पीछे खड़ा हो गया ।

अपनी बहन को अपने ठिक सामने महज कुछ इंच की दुरी पर पाकर मदन की सान्से चढने लगी, सुबह की बिसरी यादे एक बार फिर से सर उठाने लगी ,

देखते ही देखते उनदोनो के पीछे भी और लोग खडे होकर क्योकि गारी गीत का मुकाबला सा सुरु हो गया था । सबको मजा आ रहा था तभी संगीता ने गरदन घुमा कर एक शरारत भरी मुस्कान के साथ भोला की ओर देखा तो भोला ने मुस्कुरा कर उसका सामने की ओर कर दिया ।

मदन को समझते देर नही लगी कि अभी तक उसके बहन की गर्मी शान्त नही हुई है और वो लगातार संगीता पर नजर बनाये रखा

कुछ ही मिंट की देरी मे उसने भोला के चेहरे पर हरकते मह्सुस की और जब उसने निचे नजर मारी तो देखा उसकी बहन इस भीड की रस्सा कस्सी का फायदा लेके खुलेआम अपना हाथ पीछे ले जाकर भोला का मुसल उसके पजामे के उपर से पकड कर मसल रही थी । भोला के चेहरे के कामोत्तेजक भाव देख कर मदन का लन्ड पूरी तरह से फौलादी होने लगा था ।

तभी महिलाओ की हुल्लड़बाजी हुई और सबकी नजर सामने गयी तो पता चला कि अमन की मामी के जबरजसती उसका चुममा ले लिया था ।

वही जब मदन ने वापस भोला की ओर देखा तो वहा से गायब था और पीछे की भिड़ ने मदन को धकेल कर भोला की जगह पर सेट कर दिया ।
मदन ने इस बात को इंकार किया और गरदन उच्का कर आगे देखने लगा कि तभी उसकी सांसे अटक गयी क्योकि अनजाने मे संगीता ने उसका मोटा लन्ड हाथो मे भर लिया था ।

संगीता को भी समझते देर नही लगी कि ये उसके छोटे भैया का लन्ड है और उसने भर भर बिना पीछे घुमे अपने हथेलियो को आड़ो तक घुमाती रही ।

20231016-170051
वही मदन की सांसे अटक गयी थी उसका जिस्म काप रहा था , चेहरा लाल हुआ जा रहा था माथे से पसीना आने लगा था ।

वही उसकी बहन का स्पर्श उसके मुसल को फौलादी किये जा रहा था , संगीता उसके लन्ड को भींचने कोई कसर नही छोड रही थी ।

मदन को समझ नही आ रहा था कि कैसे इस स्थिती से बाहर आये ।
उसे डर था अगर उसकी बहन को पता चल गया कि वो अपने भाई का लन्ड भींच रही है तो ना जाने क्या कयामत आ जाये । दोनो कभी नजरे ना मिला पाये।

मगर जल्द ही मदन को राहत मिली क्योकि संगीता का हल्दी लगाने के लिए बुलावा आ गया था ।
इधर एक एक करके सबने अमन की हल्दी के साथ साथ गारी से भी खुब रग्डाई की और फिर तस्वीरे खिंचने का दौर शुरु हो गया ।


राज के घर

अरे बुआ आप !!!
राज चहकता हुआ लपक कर अपनी कम्मो बुआ को हग कर लेता है ।
अपने लाड़ले से मिल कर कामिनी भी खुश हो जाती है ।
कम्मो के जिस्म की कसावट और नरम अह्सास से राज के सोते अरमान फिर सर उठाने लगे ।
वो हल्के से अपनी बुआ के अलाव होता हुआ - क्या बुआ आप आज आ रहे हो ?

कम्मो अपने नाराज भतीजे के गालो को छू कर दुलार दिखाती हुई - अरे बेटा घर पर भी फुरसत कहा होती है , वो तो मीना थी इसीलिए चली आई ।

राज - तो आप अकेले आये हो ।
कम्मो - नही , अरुण भी तो आया है ना
राज - और फूफा लोग !!
कम्मो - बेटा वो और तेरी दोनो बहने कल साथ मे ही आयेंगे ।

राज चहक कर - क्या सच मे दीदी लोग नोएडा से आ गयी है ।
कम्मो खुश होकर - कैसे नही आती , आखिर उन्के दीदी की शादी है । मैने और दीदी ( शिला) ने डांट कर बुलाया है उन्हे

राज बहुत खुश हुआ कि सालो बाद वो अपनी दो और बहनो से मिलेगा ।
जिनकी ना उस्के पास तस्वीर थी ना कोई पहचान , बचपन कभी देखा था उसने ।
शुरु से ही वो बोर्डिंग स्कूल फिर अब नोएडा मे पढ़ाई करती है ।
उन दोनो से मिलने के लिए राज की एक अलग ही उत्सुकता थी । एक बड़े शहर के रंग मे रंगी दुनिया के लोग कैसे होगे उनसे कैसा वास्ता होगा उसका । बहुत सारि बाते थी ।

फिलहाल सबको छोड कर राज अपनी बुआ को पकड कर उपर ले जाने लगा - चलो बुआ उपर चलते है ।

कम्मो खिलखिलाती हुई मुस्कुराइ- हा बाबा चल रही हु , चल !!

उपर छत के अलग ही हाल से
डीजे पर डांस हुल्लड़बाजी हो रही थी और तस्वीरे खिंची जा रही थी ।
उपर आते ही राज को उसकी मा ने जोर की डांट लगाई कि सारा प्रोग्राम खतम हो गया और तू कहा था ।
मौका देखकर रंगी ने बहाने से राज को बचाया कि उन्होने उसे एक काम से भेजा था ।

वही एक कोने मे शकुन्तला खडी होठ दबाए मुस्कुरा रही थी ।
राज अभी उपर का जायजा ले रहा था कि तभी गीता बबिता ने उसको पीछे से दबोच लिया

भैया भैया !! चलो ना डांस करते है प्लीज

राज चौक कर - अरे मीठी - गुड़िया तुम लोग कब आये ।

गीता - बस थोडा देर पहले , आओ ना भैया

इधर अनुज ने बादशाह का गाना लगा दिया " अभी तो पार्टी शुरु हुई है "

डीजे के धुन पर हम सब भाई बहन थिरक रहे थे , निशा सबको खिंच कर ला रही थी तो राज ने अपनी रसिली मामी को पकड कर डांस किया ।

पाव थके , गला सुखा , पेट मे गुडगुड हुई ।
कुछ ही देर मे एक बजने वाले थे और धिरे धीरे खाने के लिए बाते होने लगी ।

बेचारी सोनल का बुरा हाल था । रीना , पंखुडी, मामी , निशा ने जो रगड़ रगड़ कर उसको हल्दी लगाई थी कि पूछो मत
उसकी साड़ी पूरी लसराई हुई थी ।

सोनल ने अपनी मा को नहाने को बोला तो उसकी मा ने ये बोलकर टाल दिया कि "हल्दी लगवाने के तुरन्त बाद नही नहाते है "

फिर सोनल अपने होने वाले सईया की खोज खबर लेने लगी और अपना हाल बताया
कुछ तस्वीरे साझा हुई और अनुभव भी बाटे गये ।
बन्द कमरे मे कुछ प्यार भरी बाते भी हुई और आने वाले कल के लिए कुछ तैयारिया भी हुई ।

बाते चल रही थी कि बाहर से सोनल का बुलावा आ गया ।



अमन के पुछने पर सोनल ने बताया कि वो अभी खाना खाने जा रही है उसके बाद नहायेगी फिर न्यू ड्रेस मे तस्वीरे भेजेगी ।

इतना मैसेज टाइप करके सोनल ने बिना अमन का मैसेज पढे ही डाटा बन्द कर दिया और मोबाइल लेके चली गयी बाहर ।
इधर राज के यहा मेहमानो की भीड और काम मे सभी लोग फसे हुए थे ।
हल्दी के भात की दावत हो रही थी तो काफी सारे लोग आये हुए थे खाने के लिए ।
लगभग सभी मर्द और औरते लगी हुई थी ।
इधर सबका खाना पीना चल रहा था और रागिनी को ध्यान आया कि उसके बाऊजी यानी राज के नाना कहा है ।

रज्जो से पुछने पर पता चला कि वो उन्हे राज के कमरे मे आराम करने का बोली है ।
रागिनी के पास कामो से फुर्सत कहा थी तो उसने रज्जो को बोला कि जरा बाऊजी को खाना के लिए पुछ लो ।

रज्जो जा रही थी कि उसको सुनीता यानी राज की मामी किसी काम के लिए रोक लिया तो रज्जो ने पास खड़ी शिला को राज के नाना के पास खाना खाने के लिए पुछने भेज दिया ।


घर के बुजुर्ग के सामने जाने के लिए शिला अपने आप को सलिखे से डीप गले वाले सूट से झाकते क्लिवेज पर सिफान का हल्का पिला दुप्प्टा घुमाते हुए सर पर ओढ़ लिया ।

माथे को ढकती हुई शिला राज के कमरे मे प्रवेश करती है
दरवाजे पर आहट होते ही राज के नाना अपनी लेटी हुई अवस्था से उठकर पाव बेड से लटका कर बैठ जाते है और धोती के उपर अपना कुर्ता सही करने लगते है ।

सामने नजर पडती है शिला के कसे हुए फिगर को देख कर उनका मुसल फड़क पड़ता है ।
गहरी सास लेते हुए राज के नाना शिला के परिचय को इच्छुक होते हैं कि शिला मुस्कुराते हुए हाथ जोड कर नमसकार की मुद्रा मे कमरे आती है ।

राज के नाना भी गरदन झुका कर उसका आभार करते हुए उत्सुक होते ही कि वो अपना परिचय दे तब तक शिला उन्के पास आकर निचे बैठने अपना दुप्प्टा खिंच कर उन्के पाव का आशीर्वाद लेने लगती है ।
अजनबी और आकर्षक महिला जिसके मनमोहक रूप पर अभी अभी उनका लन्ड नतमस्तक हुआ जा रहा था वही महिला उन्के पाव मे झुकी हुई अपनी भारी भारी चुचो की गहरी घाटियाँ दिखाती हुई उनके पाव पुज रही थी ।

images-2
फूंकारते लन्ड के साथ राज के नाना के मुस्कुरा कर शिला के माथ पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद दिया - खुश रहो बेटा, अच्छा कही तुम जमाई बाबू की छोटी बहन तो नही ।

बनवारी ने जानबुझ कर अपने सवाल को बडे ही शातिर तरिके शब्दो मे चंद हेरफेर करके ऐसे बोला कि शिला की तारिफ भी हो जाये और बाते करने का मुद्दा भी खुल जाये ।

शिला मुस्कुरा कर खडी हुई और अपने दुप्प्टे को सही करती हुई - जी नही बाऊजी हम बड़े है , हमसे छोटी एक है कम्मो ।

बनवारी हस कर - मुझे लगा कि तुम ही छोटी वाली हो ।
शिला ने अपनी तारिफ पर थोडा सा बलश किया और फिर उसे याद आया कि वो यहा किस लिये आयी है ।

शिला - अच्छा बाऊजी वो मै कह रही थी कि आप फ्रेश हो जाईये हम खाना ला रहे है ।

नाना - अरे नही अभी भूख नही है उतना
शिला - क्या नही !! गरम गरम तैयार है , मै लेके आ रही हु आप खा लिजिए ।

बस इतना ही बोलकर शिला घूमी और अपनी मदमस्त बड़ी गाड़ हिलाती हुई बाहर निकल गयी , शिला भी उभरि हुई गाड़ देख कर बनवारी ने एक गहरी आह्ह भरी और अपना मुसल भिंच कर उसको दबाते हुए बडबडाए - हाय क्या कसी हुई गाड़ है इसकी , आह्ह बनवारी अब तेरे जवानी के दिन गये और वो समय भी चला गया जब तुझपे भी ऐसी ही गदराई औरते मर मिटती थी । तु बस किसमत वाला है कि तेरी बेटिया और बहू तेरे बुढापे मे तेरे साथ है । वरना इस बुढापे मे किसे भनक है कि तेरा लन्ड ऐसी चुतडो के लिए कितना मचलता है ।

अपनी बड़बडाहट मे बनवारी बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए चला गया और कुछ ही देर मे शिला खाना लेके आ गयी ।

बनवारी ने खाना खाया और शिला थाली लेके बाहर चली गयी । इस आवा जाहि मे बनवारी की नजरे शिला के गुदाज चुतडो को गुपचुप नजरो से निहारती रही ।

बनवारी- अरे बेटा जरा एक ग्लास पानी ला दे और वो बैग मे मेरी दवाईओ की थैली है दे देना

बनवारि ने निचे रखे एक बैग की ओर इशारा करके शिला को दिखाया ।
शिला आगे बढ़ कर गयी , चुकी निचे खाफी सारि बैग रखी हुई थी तो शिला घुटने के बल होती हुई आगे झुक कर वो बैग तालाशने लगी , मगर वो मिल नही रही थी ।

20230907-212637
अपने सामने झुकी हुई शिला की फैली हुओ गाड़ देखकर बनवारी का मुसल फौलादी हुआ जा रहा था और वो उसे कस कस कर भींच रहा था ।

शिला - बाऊजी यहा पर वही नाही है वो पिला पाउच आपका ?

बनवारी- ओह लग रहा है रज्जो ने उपर आलमारी मे तो नही रख दिया ।

बनवारि ने कमरे की एक बड़ी आलमारी को देखते हुए बोला ।
शिला उठी और हाल से एक कुर्सी लेके आई

बनवारी - बेटा आराम से , गिरना मत
शिला ने बनवारि की बात पर अपनी स्तर्कता भरी स्पस्टीकरण दिया और उपर चढ कर आलमारी खोल कर देखने लगी ,

इस दौरान उसे जरा भी भनक नही लगी कि कमरे मे हनहनाते हुए पंखे की हवा उसकी सूट को पीछे से उड़ाने लगेगी और बनवारी को उसके गुदाज गोल गोल बड़े चुतडो के साफ साफ और स्पष्ट दरशन होने लगेंगे ।

20231016-170301

शिला का सूट तेज हवा से लहरा रहा था और निचे उसकी चुस्त सलवार उसके भारी चुतडो पर कसी हुई उसके गाड़ के दरारो मे फसी हुई थी ।
जिसे देखकर बनवारी अपना मुसल कस कस भीच रहा था ।
बामुशिकलन शिला ने एक बैग निकाल कर उसमे से बनवारी को उसका दवा का पाउच दिया और फिर चली गयी ।
मगर अनजाने मे बनवारी की कामुकता भडका गयी ।
बनवारी भी बेबस अपना सूपाड़ा खुजा कर रह गया ।


जारी रहेगी
Super Super Super Super Super Super Super Super Super Update Bhai Awesome Sangeeta Madan good pair ❣️❣️❣️❣️❤️❤️💯💯💯💯💯❣️❣️❣️❤️❣️💯❣️❣️❣️❣️❤️❤️❤️❤️❣️💯💯❣️❤️❤️🐐🙏👍 waiting for next update
 

Deepaksoni

Active Member
1,656
3,877
144
Bhai rahul or anuj ka bhi kuch karwao na saddi ka mahole h sab busy h kahi na kahi kuch to moka milenga na salini ,ragini,rajjo ya mami ke sath ya sheela
Kammo bua k sath
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,115
62,121
259
UPDATE 184


रविवार लिखा है , कि सोमवार लिखा है
तोहर दीदी के 16 गो यार लिखा है
तनीक देख लो !!


"हे तोहार बहिनचोदो सुना " , काजू की औरत दुलारी भाभी ने अमन को छेड़ते हुए उसका चेहरा अपनी ओर किया ।

अमन हल्दी के चौकी पर बैठा हुआ था , जिस्म पर एक बनियान और निचे एक बॉक्सर जो उसकी मा ने आज ही मगवाया था बाजार से ,
एक्का दुक्का लोग हल्दी लगा चुके थे मगर अभी लाईन लम्बी थी और बारि थी दुलारि भाभी की ।
गाव की ठेठ बनारसी क्षेत्र की रहने वाली थी , तो लहजा और रुआब दोनो भोजपूरी ही था ।

दुलारि ने ठंडी हल्दी की उबटन को अमन के गालो पर लगाते हुए अपनी ओर तकाया ।

दुलारि खिलखिलाती हुई - सुनो , भौजी के हाथ से माल लगवा रहे हो , चुम्मा पप्पी दोगे ना कि सब मेहरारू लिये रिजर्ब रखे हो

दुलारि की बाते सुनकर अमन लाज से पानी पानी होकर मुस्कुराने लगा और सभी औरते ठहाका लेके हसने लगी ।
दुलारि हस कर - अच्छा चुम्मा ना देना लेकिन गाना तो सुन लो ।


ये रिंकि के पहुना !!
ये तोहर बहिनचोदो सुना !!

अमन बस हसे जा रहा था ।
दुलारि -
रविवार लिखा है कि सोमवार लिखा है
तोहर बहिन के ... अरे तोहरे रिंकि के सोलह को भतार लिखा है
तनीक देख लो !!
तनिक देख लो ये मोबाइल मे क्या लिखा है
तनीक देख लो !!


दुलारि ने हाथ मे मोबाइल की स्क्रीन पर एक फोटो खोलकर सबसे छिपा कर दिखाया और अमन ने जैसे ही उसको पढने के लिए होठ से बुदबुदाय उसकी हसी छुट गयी ।

20231016-165634
" आज रिंकि खोल के देगी देवर जी लोगे क्या "

अमन और दुलारि की खिलखिलाती नजरे आपस मे टकराई और दुलारि ने आंखे उठा कर इशारे से फिर से वही मोबाइल वाला सवाल दुहराया और अमन शर्मा कर मुह फेर लेता है ।

तभी अमन की मामी ने दुलारि को खिंच कर अलग किया - क्या काजू बहू , तु तो मेरे लाड़ले को तन्ग करने का ही सोच कर आई है ।

अमन ने राहत की सान्स ली कि अब उसे कही राहत मिलेगी मगर मामी कहा पीछे रहने वाली थी ।
मामी ने गीत गाते हुए अमन की फ़ोल्ड और सटी हुई टाँगे खोलती हुई जांघो पर ठंडी हल्दी चभोड़ती हुई


हल्दी लगाओ जी
ऊबटन लगाओ जी
अमन बाबू का गोरा बदन चमकाओ जी


साथ मे पीछे औरते भी मामी के दिये हुए लिरिक्स दुहरा रही थी ,
अमन को लग रहा था कि ये राउंड आराम से कट ही जायेगा मगर तभी उसकी मामी



हल्दी लगाओ जी उबटन लगाओ जी
अमन के नुन्नु को भी चमकाओ हिहिहिही ,
अमन की मामी ने लपक कर अमन के बॉक्सर मे हाथ घुसा कर हल्दी लगाने की कोशिश की । मगर सतर्क अमन ने झटके से खिलखिलाते हुए टाँगे जोड़ ली ।

मामी हस कर डांटती हुई - हेयय , पैर खोलो जी
अमन हस कर - नही मामी हाहाहा प्लीज मम्मी देखो ना

मामी ने नजर उठा कर ममता को हस्ता देखा और बोली -

अम्मा अम्मा बोलने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
अरे मम्मी मम्मी कहने से हीरो ना कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दूल्हा
तुम तो मऊगा कहाओगे ये दुल्हा


ममता अपनी भौआई , अमन की मामी की ओर देख कर हसते हुए आंख दिखाती है तो उसको भी लपेटे मे ले लेती है

आंख मटकाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
अरे मुह बनाने से हीरोइन ना कहाओगी , ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो
तुम तो छिनरे कहाओगी ये ननदो



अमन की मामी के शब्दो पर ममता झेप कर हसने लगी और सभी लोग ठहाका लगा कर हसे जा रहे थे ।
इधर औरतो के ठहाके और खिलखिलाहट ने मर्द जनो मे भी कुछ ध्यान खिंच और मौका देख कर भोला मदन को खिंचता हुआ इस डर मे लेके आया कि नही चलोगे तो गाली सुनवा दूंगा ।

मदन हस्ता हुआ भोला के साथ चल दिया और भोला ने जगह देखकर संगीता के ठिक पीछे खड़ा हो गया ।

अपनी बहन को अपने ठिक सामने महज कुछ इंच की दुरी पर पाकर मदन की सान्से चढने लगी, सुबह की बिसरी यादे एक बार फिर से सर उठाने लगी ,

देखते ही देखते उनदोनो के पीछे भी और लोग खडे होकर क्योकि गारी गीत का मुकाबला सा सुरु हो गया था । सबको मजा आ रहा था तभी संगीता ने गरदन घुमा कर एक शरारत भरी मुस्कान के साथ भोला की ओर देखा तो भोला ने मुस्कुरा कर उसका सामने की ओर कर दिया ।

मदन को समझते देर नही लगी कि अभी तक उसके बहन की गर्मी शान्त नही हुई है और वो लगातार संगीता पर नजर बनाये रखा

कुछ ही मिंट की देरी मे उसने भोला के चेहरे पर हरकते मह्सुस की और जब उसने निचे नजर मारी तो देखा उसकी बहन इस भीड की रस्सा कस्सी का फायदा लेके खुलेआम अपना हाथ पीछे ले जाकर भोला का मुसल उसके पजामे के उपर से पकड कर मसल रही थी । भोला के चेहरे के कामोत्तेजक भाव देख कर मदन का लन्ड पूरी तरह से फौलादी होने लगा था ।

तभी महिलाओ की हुल्लड़बाजी हुई और सबकी नजर सामने गयी तो पता चला कि अमन की मामी के जबरजसती उसका चुममा ले लिया था ।

वही जब मदन ने वापस भोला की ओर देखा तो वहा से गायब था और पीछे की भिड़ ने मदन को धकेल कर भोला की जगह पर सेट कर दिया ।
मदन ने इस बात को इंकार किया और गरदन उच्का कर आगे देखने लगा कि तभी उसकी सांसे अटक गयी क्योकि अनजाने मे संगीता ने उसका मोटा लन्ड हाथो मे भर लिया था ।

संगीता को भी समझते देर नही लगी कि ये उसके छोटे भैया का लन्ड है और उसने भर भर बिना पीछे घुमे अपने हथेलियो को आड़ो तक घुमाती रही ।

20231016-170051
वही मदन की सांसे अटक गयी थी उसका जिस्म काप रहा था , चेहरा लाल हुआ जा रहा था माथे से पसीना आने लगा था ।

वही उसकी बहन का स्पर्श उसके मुसल को फौलादी किये जा रहा था , संगीता उसके लन्ड को भींचने कोई कसर नही छोड रही थी ।

मदन को समझ नही आ रहा था कि कैसे इस स्थिती से बाहर आये ।
उसे डर था अगर उसकी बहन को पता चल गया कि वो अपने भाई का लन्ड भींच रही है तो ना जाने क्या कयामत आ जाये । दोनो कभी नजरे ना मिला पाये।

मगर जल्द ही मदन को राहत मिली क्योकि संगीता का हल्दी लगाने के लिए बुलावा आ गया था ।
इधर एक एक करके सबने अमन की हल्दी के साथ साथ गारी से भी खुब रग्डाई की और फिर तस्वीरे खिंचने का दौर शुरु हो गया ।


राज के घर

अरे बुआ आप !!!
राज चहकता हुआ लपक कर अपनी कम्मो बुआ को हग कर लेता है ।
अपने लाड़ले से मिल कर कामिनी भी खुश हो जाती है ।
कम्मो के जिस्म की कसावट और नरम अह्सास से राज के सोते अरमान फिर सर उठाने लगे ।
वो हल्के से अपनी बुआ के अलाव होता हुआ - क्या बुआ आप आज आ रहे हो ?

कम्मो अपने नाराज भतीजे के गालो को छू कर दुलार दिखाती हुई - अरे बेटा घर पर भी फुरसत कहा होती है , वो तो मीना थी इसीलिए चली आई ।

राज - तो आप अकेले आये हो ।
कम्मो - नही , अरुण भी तो आया है ना
राज - और फूफा लोग !!
कम्मो - बेटा वो और तेरी दोनो बहने कल साथ मे ही आयेंगे ।

राज चहक कर - क्या सच मे दीदी लोग नोएडा से आ गयी है ।
कम्मो खुश होकर - कैसे नही आती , आखिर उन्के दीदी की शादी है । मैने और दीदी ( शिला) ने डांट कर बुलाया है उन्हे

राज बहुत खुश हुआ कि सालो बाद वो अपनी दो और बहनो से मिलेगा ।
जिनकी ना उस्के पास तस्वीर थी ना कोई पहचान , बचपन कभी देखा था उसने ।
शुरु से ही वो बोर्डिंग स्कूल फिर अब नोएडा मे पढ़ाई करती है ।
उन दोनो से मिलने के लिए राज की एक अलग ही उत्सुकता थी । एक बड़े शहर के रंग मे रंगी दुनिया के लोग कैसे होगे उनसे कैसा वास्ता होगा उसका । बहुत सारि बाते थी ।

फिलहाल सबको छोड कर राज अपनी बुआ को पकड कर उपर ले जाने लगा - चलो बुआ उपर चलते है ।

कम्मो खिलखिलाती हुई मुस्कुराइ- हा बाबा चल रही हु , चल !!

उपर छत के अलग ही हाल से
डीजे पर डांस हुल्लड़बाजी हो रही थी और तस्वीरे खिंची जा रही थी ।
उपर आते ही राज को उसकी मा ने जोर की डांट लगाई कि सारा प्रोग्राम खतम हो गया और तू कहा था ।
मौका देखकर रंगी ने बहाने से राज को बचाया कि उन्होने उसे एक काम से भेजा था ।

वही एक कोने मे शकुन्तला खडी होठ दबाए मुस्कुरा रही थी ।
राज अभी उपर का जायजा ले रहा था कि तभी गीता बबिता ने उसको पीछे से दबोच लिया

भैया भैया !! चलो ना डांस करते है प्लीज

राज चौक कर - अरे मीठी - गुड़िया तुम लोग कब आये ।

गीता - बस थोडा देर पहले , आओ ना भैया

इधर अनुज ने बादशाह का गाना लगा दिया " अभी तो पार्टी शुरु हुई है "

डीजे के धुन पर हम सब भाई बहन थिरक रहे थे , निशा सबको खिंच कर ला रही थी तो राज ने अपनी रसिली मामी को पकड कर डांस किया ।

पाव थके , गला सुखा , पेट मे गुडगुड हुई ।
कुछ ही देर मे एक बजने वाले थे और धिरे धीरे खाने के लिए बाते होने लगी ।

बेचारी सोनल का बुरा हाल था । रीना , पंखुडी, मामी , निशा ने जो रगड़ रगड़ कर उसको हल्दी लगाई थी कि पूछो मत
उसकी साड़ी पूरी लसराई हुई थी ।

सोनल ने अपनी मा को नहाने को बोला तो उसकी मा ने ये बोलकर टाल दिया कि "हल्दी लगवाने के तुरन्त बाद नही नहाते है "

फिर सोनल अपने होने वाले सईया की खोज खबर लेने लगी और अपना हाल बताया
कुछ तस्वीरे साझा हुई और अनुभव भी बाटे गये ।
बन्द कमरे मे कुछ प्यार भरी बाते भी हुई और आने वाले कल के लिए कुछ तैयारिया भी हुई ।

बाते चल रही थी कि बाहर से सोनल का बुलावा आ गया ।



अमन के पुछने पर सोनल ने बताया कि वो अभी खाना खाने जा रही है उसके बाद नहायेगी फिर न्यू ड्रेस मे तस्वीरे भेजेगी ।

इतना मैसेज टाइप करके सोनल ने बिना अमन का मैसेज पढे ही डाटा बन्द कर दिया और मोबाइल लेके चली गयी बाहर ।
इधर राज के यहा मेहमानो की भीड और काम मे सभी लोग फसे हुए थे ।
हल्दी के भात की दावत हो रही थी तो काफी सारे लोग आये हुए थे खाने के लिए ।
लगभग सभी मर्द और औरते लगी हुई थी ।
इधर सबका खाना पीना चल रहा था और रागिनी को ध्यान आया कि उसके बाऊजी यानी राज के नाना कहा है ।

रज्जो से पुछने पर पता चला कि वो उन्हे राज के कमरे मे आराम करने का बोली है ।
रागिनी के पास कामो से फुर्सत कहा थी तो उसने रज्जो को बोला कि जरा बाऊजी को खाना के लिए पुछ लो ।

रज्जो जा रही थी कि उसको सुनीता यानी राज की मामी किसी काम के लिए रोक लिया तो रज्जो ने पास खड़ी शिला को राज के नाना के पास खाना खाने के लिए पुछने भेज दिया ।


घर के बुजुर्ग के सामने जाने के लिए शिला अपने आप को सलिखे से डीप गले वाले सूट से झाकते क्लिवेज पर सिफान का हल्का पिला दुप्प्टा घुमाते हुए सर पर ओढ़ लिया ।

माथे को ढकती हुई शिला राज के कमरे मे प्रवेश करती है
दरवाजे पर आहट होते ही राज के नाना अपनी लेटी हुई अवस्था से उठकर पाव बेड से लटका कर बैठ जाते है और धोती के उपर अपना कुर्ता सही करने लगते है ।

सामने नजर पडती है शिला के कसे हुए फिगर को देख कर उनका मुसल फड़क पड़ता है ।
गहरी सास लेते हुए राज के नाना शिला के परिचय को इच्छुक होते हैं कि शिला मुस्कुराते हुए हाथ जोड कर नमसकार की मुद्रा मे कमरे आती है ।

राज के नाना भी गरदन झुका कर उसका आभार करते हुए उत्सुक होते ही कि वो अपना परिचय दे तब तक शिला उन्के पास आकर निचे बैठने अपना दुप्प्टा खिंच कर उन्के पाव का आशीर्वाद लेने लगती है ।
अजनबी और आकर्षक महिला जिसके मनमोहक रूप पर अभी अभी उनका लन्ड नतमस्तक हुआ जा रहा था वही महिला उन्के पाव मे झुकी हुई अपनी भारी भारी चुचो की गहरी घाटियाँ दिखाती हुई उनके पाव पुज रही थी ।

images-2
फूंकारते लन्ड के साथ राज के नाना के मुस्कुरा कर शिला के माथ पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद दिया - खुश रहो बेटा, अच्छा कही तुम जमाई बाबू की छोटी बहन तो नही ।

बनवारी ने जानबुझ कर अपने सवाल को बडे ही शातिर तरिके शब्दो मे चंद हेरफेर करके ऐसे बोला कि शिला की तारिफ भी हो जाये और बाते करने का मुद्दा भी खुल जाये ।

शिला मुस्कुरा कर खडी हुई और अपने दुप्प्टे को सही करती हुई - जी नही बाऊजी हम बड़े है , हमसे छोटी एक है कम्मो ।

बनवारी हस कर - मुझे लगा कि तुम ही छोटी वाली हो ।
शिला ने अपनी तारिफ पर थोडा सा बलश किया और फिर उसे याद आया कि वो यहा किस लिये आयी है ।

शिला - अच्छा बाऊजी वो मै कह रही थी कि आप फ्रेश हो जाईये हम खाना ला रहे है ।

नाना - अरे नही अभी भूख नही है उतना
शिला - क्या नही !! गरम गरम तैयार है , मै लेके आ रही हु आप खा लिजिए ।

बस इतना ही बोलकर शिला घूमी और अपनी मदमस्त बड़ी गाड़ हिलाती हुई बाहर निकल गयी , शिला भी उभरि हुई गाड़ देख कर बनवारी ने एक गहरी आह्ह भरी और अपना मुसल भिंच कर उसको दबाते हुए बडबडाए - हाय क्या कसी हुई गाड़ है इसकी , आह्ह बनवारी अब तेरे जवानी के दिन गये और वो समय भी चला गया जब तुझपे भी ऐसी ही गदराई औरते मर मिटती थी । तु बस किसमत वाला है कि तेरी बेटिया और बहू तेरे बुढापे मे तेरे साथ है । वरना इस बुढापे मे किसे भनक है कि तेरा लन्ड ऐसी चुतडो के लिए कितना मचलता है ।

अपनी बड़बडाहट मे बनवारी बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए चला गया और कुछ ही देर मे शिला खाना लेके आ गयी ।

बनवारी ने खाना खाया और शिला थाली लेके बाहर चली गयी । इस आवा जाहि मे बनवारी की नजरे शिला के गुदाज चुतडो को गुपचुप नजरो से निहारती रही ।

बनवारी- अरे बेटा जरा एक ग्लास पानी ला दे और वो बैग मे मेरी दवाईओ की थैली है दे देना

बनवारि ने निचे रखे एक बैग की ओर इशारा करके शिला को दिखाया ।
शिला आगे बढ़ कर गयी , चुकी निचे खाफी सारि बैग रखी हुई थी तो शिला घुटने के बल होती हुई आगे झुक कर वो बैग तालाशने लगी , मगर वो मिल नही रही थी ।

20230907-212637
अपने सामने झुकी हुई शिला की फैली हुओ गाड़ देखकर बनवारी का मुसल फौलादी हुआ जा रहा था और वो उसे कस कस कर भींच रहा था ।

शिला - बाऊजी यहा पर वही नाही है वो पिला पाउच आपका ?

बनवारी- ओह लग रहा है रज्जो ने उपर आलमारी मे तो नही रख दिया ।

बनवारि ने कमरे की एक बड़ी आलमारी को देखते हुए बोला ।
शिला उठी और हाल से एक कुर्सी लेके आई

बनवारी - बेटा आराम से , गिरना मत
शिला ने बनवारि की बात पर अपनी स्तर्कता भरी स्पस्टीकरण दिया और उपर चढ कर आलमारी खोल कर देखने लगी ,

इस दौरान उसे जरा भी भनक नही लगी कि कमरे मे हनहनाते हुए पंखे की हवा उसकी सूट को पीछे से उड़ाने लगेगी और बनवारी को उसके गुदाज गोल गोल बड़े चुतडो के साफ साफ और स्पष्ट दरशन होने लगेंगे ।

20231016-170301

शिला का सूट तेज हवा से लहरा रहा था और निचे उसकी चुस्त सलवार उसके भारी चुतडो पर कसी हुई उसके गाड़ के दरारो मे फसी हुई थी ।
जिसे देखकर बनवारी अपना मुसल कस कस भीच रहा था ।
बामुशिकलन शिला ने एक बैग निकाल कर उसमे से बनवारी को उसका दवा का पाउच दिया और फिर चली गयी ।
मगर अनजाने मे बनवारी की कामुकता भडका गयी ।
बनवारी भी बेबस अपना सूपाड़ा खुजा कर रह गया ।


जारी रहेगी
हल्दी, चुमावन के मौके की गारी जबरदस्त है, थोड़ी पारंपरिक थोड़ी नयी और साथ में छेड़ छाड़ भी हल्दी लगाने में

बहुत कम कहानियों में अब यह रीति रिवाज के बहाने छेड़खानी दिखाई जाती है जब की शादी की तो हर रसम में इसके मौके आते है

बहुत बहुत बधाई इस पोस्ट के लिए
 
Top