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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Vishalji1

भोसड़ा का दीवाना मूत पसीने का चटोरा💦🤤🍑
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UPDATE 183 A

अमन के घर

ममता से मुलाकात के बाद भोला अपना मुसल सही करता हुआ अपना लैपटॉप लेके कमरे मे आया ।

कमरे मे आहट पाते ही संगीता उठ कर बैठ गयि ।
भोला मुस्कुरा कर - अरे अभी तुम सोई नही

संगीता ने मुस्कुरा कर - आपके बिना कैसे सो जाती
भोला उसके पास आकर गालो को चुमता हुआ उसका हाथ पकड कर अपने लन्ड पर रखता हुआ - मेरे बिना या इसके बिना

संगीता चिहुकी - धत्त क्या आप भी , रिंकि यही पर है ।

रिंकि जो कि बेड के किनारे पर दुसरी करवट लेके लेटी हुई थी - हा पापा और मै सोई भी नही हु

रिंकि की बात सुनकर संगीता हस दी और उसको डांटती हुई - तु अब तक क्यू जाग रही है ।

रिंकि - आज दिन मे सो गयी थी ना तो नीद नही आ रही है ।
संगीता अचरज से - तु कब से दिन मे सोने लगी भइ

रिंकि - आप लोग देर रात तक रोमान्स करते हो और मेरी नीद खराब होगी ही ना

रिंकि की बात सुनते ही संगीता और भोला की आंखे फैल गयी और दोनो मुस्कुरा उठे ।

संगीता झिझकते हुए स्वर मे - तो क्या तु कल रात ?

रिंकि - हम्म्म्म लेकिन पापा आप मम्मी को गाली क्यू देते हो ? बैड मैनर्स ना !!

भोला हसता हुआ बेजवाब हो गया था कि वो इसपे क्या बोले ।

संगीता - चुप कर बहुत आदत बिगड़ गयी है तेरी ,कहा क्या बोलना है कहा नही ये नही समझ तुझे

संगीता ने मामले को दबाने के झूठे गुस्से का सहारा लिया तो रिंकि घूमकर - अब इसमे मेरी क्या गलती ? आप लोग इतना शोर करके क्यू करते हो वो सब । चुप चाप करते तो मेरी नीद नही खुलती ना ?

रिंकि की बात पर भोला और संगीता का चेहरा शर्म से लाल हो गया कि उनकी बेटी उनके सामने कैसी बाते कर रही है ।

भोला उतरे हुए चेहरे के साथ - बेटा सॉरी मुझे लगा कि तु कल सो गयी थी

रिन्की को अपने पापा का यू उदास होना पसंद नही आया
रिंकि - अरे पापा आप सॉरी क्यू बोल रहे है , आप लोग कुछ गलत थोड़ी ना कर रहे थे हिहिहिही बस आप मम्मी को गाली ना दिया करो

रिंकि की बात पर संगीता भोला को देख कर मुस्कराने लगी ।
भोला - हम्म लेकिन तुझे ये सब कैसे पता उम्म

रिंकि - क्या पापा भूल गये मै बायो से हु हिहिहिही आपसे ज्यादा ही जानती हु और मम्मी आप भी थोडा hygenic किया करो ये सब

संगीता शर्माकर हसती हुई - तु पहले अपने दाँत साफ किया कर , मुझे पता है कैसे सफाई रखनी है कैसे नही

रिंकि - छीईई आपको बिलकुल भी साफ सफाई नही रखनी आती , देखा मैने कल पापा जब आपको एनल कर रहे थे तो उसके बाद आपने ब्लोजॉब किया उनको

संगीता और भोला दोनो अचरज से रिंकि की बात पर अटके और समझने की कोसिस करने लगे ।
संगीता - क्या कर रहे थे हम लोग

रिंकि हस कर - अरे ऐनल , वोह्ह हिहिहिही जो पिछवाड़े मे करते है ना और फिर पापा ने वहा से निकालकर आपको चुसने को दे दिया छीईई यक्क कितना गन्दा होता है वो


रिंकि की बाते सुनकर संगीता और भोला दोनो बुरी तरह से झेप गये । उन्हे यकीन नही था कि उनकी बेटी ने उन्हे कैसे कैसे पोजीशन मे सेक्स करते हुए देखा था

उन्हे समझ नही आ रहा था कि अपनी नादान लाडली को कैसे समझाए जिसे वो गंदा बोल रही है सेक्स मे वो सब मोमेंट कितने उत्तेजक होते है

भोला हस कर - अरे ऐसी बात नही है बेटा, उसके लिये लोग बहुत साफ सफाई रखते है पहले से ही

संगीता - हा बेटा और उससे कोई नुकसान नही होता है बल्कि ...।

रिंकि हसकर - तो आप दोनो फेवरिट है ये सब, हिहिहिही कोई नही आप लोग कर सकते हो

भोला - गुड बच्चा , चल सो जा अब
रिंकि हस कर - ठिक है लेकिन आप लोग प्लीज ज्यादा शोर मत करना हिहिहिही

संगीता - चल सो जा अब दादी अम्मा मत बन , आओ जी आप भी सो जाओ सुबह मुझे और भाभी को पानी लेने कुएँ पर जाना है ।

भोला ने इशारे से अपनी लण्ड की ओर दिखाया तो संगीता ने रिंकि की ओर इशारा करके ना मे सर हिलाया

भोला उसके कान मे - बाहर चलते है ना बाल्किनी मे पीछे

संगीता ने हामी भर दी -
बेटा तु सो जा हम अभी आते है

रिंकि - क्या मम्मा आप लोग बाहर क्यू जा रहे हो , मैने बोला ना कर सकते हो ।

भोला कसमसाकर - क्या कह रही हो संगीता
संगीता थोडा शर्माती हुई - धत्त चलो सो जाओ , हा नही तो ।

रिंकि - क्या मम्मा शर्मा क्यू रहे हो एन्जॉय करो ना

संगीता असहज होती हुई
नजरे उठा कर भोला को देखा और पुछा क्या किया जाये तो उसने अपना मुसल मसलकर आगे बढ़ने को कहा ।

संगीता - चल तु उधर मुह कर और इधर देखना मत

रिंकि ने चहह्क कर हस्ते हुए गरदन घुमा ली और वही भोला ने अपना मुसल चढ़ढे से निकाल कर संगीता के मुह मे दे दिया ।

सन्गिता ने उसको झुक कर चुसना शुरु कर दिया ।
आज बेटी के सामने अपनी बीवी से लन्ड चुसवाने का मजा अलग ही था भोला के लिए

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रोज के मुकाबले आज उसका मुसल बहुत मोटा हुआ था ।

संगीता की लपल्पाती जीभ के स्पर्श ने भोला के सिसकिया शुरु कर दी ।

वही रिंकि भी अपने पापा की सिस्किया सुन कर अपनी हसी दबा रही थी ।

भोला - आह्ह संगीता उह्ह्ह और च्जुस्स्स उम्म्ंम्ं सीईईई
संगीता समझ रही थी कि भोला थोडा नाटक कर रहा है इसीलिए वो उसके जांघो पर चपट लगाते हुए उसे चुप रहने का इशारा करती है ।

फिर वो अपनी साडी उपर कर बिस्तर के किनारे जान्घे खोल कर लेट जाती है ।

भोला वही निचे खडे खडे ही संगीता की चुत पर अपना मुह लगा कर उसको चुसने लगता है और संगीता की सिस्किया शुरु हो जाती है ।

अपनी मम्मी की तेज सिस्किया सुनकर रिंकि - ओहो मम्मी धीरे धीरे बोलो ना

संगीता खीझ कर - चुप कर कमिनी तू अह्ह्ह सीईई उम्म्ं माअह्ह्ह और चाटो ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम खा जाओ मेरी बुर को उम्म्ंम ऐसे ही ओह्ह्ह रिंकि के पापा उह्ह्ह और चुसोउह्ज्ज

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अपनी मा की मादक आवाजे और पापा के बुर चुसाई की तारिफ ने रिंकि की चुत के दाने पर खुजली सी कर दी थी ।

भोला भी संगीता की बुर मे अपनी थूथ रगड़ कर चाट रहा था - ओहहह संगीता तेरी चुत बहुत रसिली है उह्ह्ह उम्म्ं उम्म्ंम्ं सुउउर्रृऊऊओप्प आह्ह

संगीता - अब डाल दो ना मेरे राजा , घुसाओ ना अपना मोटा बास

इधर दोनो मिया बीवी पुरे जोश मे थे तो रिंकि अपनी मा के संवादो पर हसे जा रही थी कि उसकी मा लन्ड छोड़ उसको हर तरह के नाम से बुला रही है ।

भोला खड़ा होकर अपना मुसल संगीता की बुर पर रगड़ने लगता है - बोलो जान चाहिये क्याह्ह्ह उम्म्ं

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संगीता - हा रिन्की के पाप दो नह्ह्ह उह्ह्ह घुसाओ ना प्लीज उह्ह्ह

भोला - क्या चाहिये मेरी रानी कोह्ह उम्म्ंम
संगीता अपनी बुर मलती हुई - आअह्ह्ह येहीईई ऊहह प्लीज डालो ना

भोला वापस अपना सुपाड़ा उसके चुत के दाने पर रगड़ता हुआ - पहले बोलो ना क्या चाहिये उह्ह्ह

संगीता बार बार उसको रिंकि की ओर इशारा कर रही थी ।
भोला नही मानने वाला था तो ऐसे मे सन्गीता ने ही हदे पार कर दी और तेजी से अपनी गाड़ उचकाती हुई - आह्ह बहनचोद लन्ड डाल ना उह्ह्ह

रिंकि की चौकी और फौरन घुम कर अपनी मा की ओर देखा

सामने भोला भी जोश मे था और उसने भी लन्ड को मजबूती से एक ही झटके मे उसकी चुत मे उतारते हुए बोली - आह्ह क्या बोली मादरचोद उह्ह्ह फिर से बोल

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संगीता - सुना नही क्या बोली मै बहिनचोद है तु अह्ह्ह उह्ह्ह और पेलो मुझे उह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं फास्ट फास्ट उम्म्ंम
भोला - अच्छा ये लेअह्ह्ह ऊहह और लेह्ह्ह उम्म्ंम क्या गर्म चुत है तेरी जान ओह्ह्ह सीईई किसके लिए इतनी गर्म कर रखा है ऊहह

संगीता - आपके लिये ही तो है मेरे राजा यहा और किसके लिये गर्म होउन्गी उह्ह्ह

भोला जोश मे - क्यू है ना तेरा बहिनचोद भैया , उसका नाम आते ही तेरी बुर और फैल जाती है देख कैसे रस छोड रही है उह्ह्ह साली तु सच मे चुदना चाहती है ना उससे उम्म्ं

रिंकि को यकीन नही हो रहा था कि उसके मम्मी पापा बेखौफ़ होकर ना जाने क्या क्या बाते किये जा रहे थे ।

सन्गिता - हा ले लूंगी तोह्ह्ह क्या कर लेगा उह्ह्ह साले तू जब नही चोदेगा कसके त किसी ना किसी का लूंगी ही ना

भोला - जा लेले ना मदन का लन्ड , बास जैसा है फ़ाड देगा तेरी उह्ह्ह
संगीता - उसके लिए तो आपकी बहिन का भोस्डा लगेगा उसने घुसेगा तो मजा आयेगा अह्ह्ह अह्ह्ह ऊहह मेरे राआज्जाआ मै आ रही हुउउउऊ पेलो नाह्ह

भोला - बोल पहले लेगी ना अपने भैया का लन्ड, घुसायेगी ना अपने बुर मे उह्ह्ह बोल साली रन्डी बोल ना माधरचोद उह्ह्ह

संगीता - हा मेरे राजा ले लूंगी उह्ह्ह जिसका कहोगे लूंगी अह्ह्ह पेलो नाह्ह्ब उह्ह्ह फक्क फ्क्क्क मीई ओफ्फ्फ येस्स्स्स चोद ना बहिनचोद अह्ह्ह

भोला भी संगीता की बाते सुनकर जोर जोर से उसते पेलता हुआ उसकी बुर मे झड़ने लगा और फिर उसके उपर ही गिर गया ।

कुछ देर बाद जब दोनो की सासे बराबर हुई तो रिंकि उन्हे ही देख रही थी ।

दोनो लाज के मारे हस दिये ।
मगर रिंकि का चेहरा
सीरियस था - ये सब क्या मम्मी पापा

भोला - बेटा तु इसपे ध्यान ना दे , वो बस हम लोग जोश जोश मे बोलते है हमारा इरादा गलत नही होता

संगिता - हा बच्चा , तु ये सब मत सोच ठिक है सो जा , हम बाथरूम से आते है

रिंकि ने हामी भर दी और सोने की कोसिस करने लगी मगर नीद उसकी आंखो से दूर थी ।


संगीता बाथरूम मे जाकर दरवाजा लगाती हुई भोला से - ये सब क्या था ,, मदन भैया को बीच मे लाने की क्या जरूरत थी

भोला - यार मुझसे मदन भाई का अकेलापन देखा नही जाता और तुम्हे भी एक नये स्वाद की तालाश है तो मैने सोचा ये सबसे सुरक्षित रहेगा और घर की बात घर मे रहेगी ।

संगीता - तुम पागल हो गये हो मै मदन भैया के साथ कैसे और क्या मदन भैया कभी इसके लिए राजी होगे मै उनकी सगी बहन हु , दिमाग कहा है आपका ?

भोला - ओहो मेरी जान मुझे पता है कि ये आसान नही है लेकिन मेरी जान के लिए मुश्किल भी नही है , मुझे पता है एक तुम ही हो जिसकी बात वो कभी नही टालते । और तुम्हे नही लगता कि उन्हे भी खुश रहना चाहिए ।

संगीता - हा लेकिन मै कैसे ?
भोला मुस्कुरा कर -वैसे मै एक बार उनको पेसाब करते देखा है मेरे से लम्बा और मोटा हथियार है उनका , तेरी बुर भर जायेगी एक ही बार मे

संगीता - धत्त क्या आप भी ,
भोला - प्लीज मान जाओ ना मुझे भी अच्छा लगेगा
संगीता - मतलब

भोला अपना मुसल मसलकर
जान सालो से मेरी तमन्ना है कि कोई तुम्हे कस के मेरे सामने हचक के पेले , प्लीज मान जाओ ना मेरे लिये
सन्गिता - अच्छा ठिक है मै ट्राई करती हु वैसे चांस कम ही होगा

भोला - तुम कर लोगि मुझे यकीन है
संगीता कामुक होकर उसके लण्ड को थामती हुई - बदले मे मुझे ये चाहिये पूरी रात के लिए मेरी गाड़ मे बोलो डालोगे ना उम्म्ंम

भोला - हा मेरी जान चलो सोते है अब


भोला - हा मेरी जान चलो सोते है अब

फिर वो लोग सोने चले गये ।



राज के घर

अगली सुबह ने अपनी अंगडाई ली और वही रागिनी के कमरे मे सोई महिलाए उठ कर बारि बारि से नहाना धोना चालू कर चुकी थी ।
आज मेहमान आने के साथ साथ हल्दी की पूजा और रस्म भी होनी थी ।
राज और कमलनाथ भी बारि बारी से नहा धो कर तैयार हो गये ।
रंगी जंगी ने अपने कपडे लेके चंदू के घर मे नहाने फ्रेश होने के लिए चले गये ।
वही घर की लडकियों ( सोनल , निशा , रीना ) ने भी बड़े सवेरे ही नहाना धोना कर लिया था ।

छत पर हल्की धूप बिखरी थी और राहुल अनुज दातून घिसे जा रहे थे ।

अनुज बेसिन पर कुल्ला कर रहा था कि तभी
शालिनी बाथरूम से नहा कर निकली और उसकी नजरे बेसिन पर कुल्ला कर रहे अनुज से टकराई ।

दोनो के जहन मे बीती रात हुए हादसे की बातें उभर आई और अनुज ने नजरे चुराने लगा ।
शालिनी उसकी सादगी पर मुस्कुरा उठी और राहुल को डांट लगाते हुए बोली - अभी तक तेरा ब्रश नही हुआ । जल्दी से नहा कर निचे आ और अनुज बेटा ।

अपनी चाची के मुह से इतना प्रेम भरा सम्बोधन सुन कर अनुज का दिल मोम सा पिघल गया और वो मुह मे पानी के गरारे करते हुए गरदन घुमा कर अपनी चाची को देखा ।

शालिनी - बेटा तु भी जल्दी से नहा ले , देर मत करना

अनुज ने हा मे सर हिलाया और फिर अपनी चाची को जीने की ओर जाते हुए देखने लगा । साडी मे उनका कुल्हा बहुत ही कामुक तरीके से झटके खा रहा था और अनुज ने निगाहे फेर कर अपने काम मे लग गया ।

राहुल उसके पास आकर बोला - भाई परेशान ना हो मै बोला ना तुझे मम्मी की चुत दिला दूंगा , अब शादी बीत जाने दे एक बार

अनुज भन्नाते हुए - नही मुझे नही करना है ऐसा कुछ भी । मुझे चाची के साथ धोखा नही करना है समझा

राहुल - अरे इसमे धोखे जैसा क्या है यार
अनुज - तु नही स्मझेगा छोड़

ये बोलकर अनुज चुपचाप नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गया ।
राहुल को लगा कि अनुज अभी भी कल रात के लिए ही नाराज है उससे और वो उसे मनाने के लिए तरकिबे सोचने लगा ।
देखते ही देखते 10 बज गये सारे लोग इधर उधर भागा दौडी मे लगे थे ।
रागिनी ने सभी लोगो को फोन पर बुला लिया था बस शकुन्तला को बुलाना था ।

तो उसने राज को बोला । ताई के यहा जाने की बात से ही राज चहक उठा और फौरन शकुन्तला के घर की ओर चल दिया ।

3 बार की ठक ठक पर शकुन्तला ने बन्द दरवाजे के पीछे से आवाज दी - कौन है ?

राज - मै हु ताई दरवाजा खोलो
शकुन्तला थोड़ी असहज भाव मे - बेटा तु अकेला है कोई और भी है तेरे साथ

राज को समझ नही आया कि शकुन्तला ने ऐसा क्यू पूछा मगर उसने जवाब दिया - अकेला हु ताई , क्या हुआ ?

तभी शकुन्तला ने दरवाजे के पीछे खडे होकर दरवाजा खोला और गरदन निकाल कर बाहर का जायजा लेते हुए राज को बोली - आजा अन्दर ।

राज अचरज से दरवाजे के भीतर आया और इससे पहले वो कुछ बोलता उसकी नजर सामने खड़ी शकुन्तला पर गयी ।

जो सीधा बाथरूम से आई थी ।

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वो अपने हाथो से अपने दोनो बडे बडे चुचे छिपाये हुए खडी थी और राज की नजर उनके अधनंगे जिस्म पर पड़ते ही उसका मुसल तन गया ।

राज- क्या ताई अभी आप तैयार नही हुई ,मम्मी इंतजार कर रही है

शकुन्तला ने इस बात को बिल्कुल भी तब्ज्जो नही दी कि राज के सामने वो सिर्फ पेतिकोट मे थी ।

वो गैलरी मे आगे बढ़ते हुए निचे के बाथरूम की ओर जाती हुई बोली - बस बेटा 5 मिंट रुक जा मै बस नहाने जा रही थी ।

राज भी अपना मुसल मसलते हुए शकुन्तला की मोटी पेतिकोट मे चिपकी हुई गाड़ देखता आगे बढता हुआ बाथरुम के साम्ने आ गया ।

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जहा खुले दरवाजे के सामने पानी से भरी बालटी के खडी शकुन्तला खडी थी और उसके 38DD साइज़ के बड़े बड़े चुचे लटके हुए थे ।
शकुन्तला ने सामने राज के पजामे मे तने हुए मुसल को देखा और उसकी चुत मचल उठी , फिर उसने राज के चेहरे को देखा
गहराती सासो से फुलते नथुने , हल्के खुले होठ और चुचो पर गड़ी नजरे ।

शकुन्तला मुस्कुराई और उसे कल शाम वाली बात याद आई जब राज ने बर्फ से उसके चुचो की सेकाई की थी और बडी चतुराई से चुसा भी था ।

शकुन्तला मुस्कुरा कर - दरवाजा खुला ही रहेगा हम्म्म , बैठ जा

शकुन्तला की बात पर राज लाज से थोडा झेप कर मुस्कुराया और फिर वही दरवाजे के गेट पर कोहनी लगाकर हाथो पर अपना सर टिकाते हुए - यही ताई मै यही ठिक हु

शकुन्तला हस कर - धत्त चल उधर भीग जायेगा

राज - अरे तो कपडे निकाल देता हू ना
शकुन्तला - नही बोला ना , चल उधर बैठ
राज हसता हुआ बाथरूम के ठिक सामने एक कुर्सी लेके पाव के उपर पाव रख कर ऐसे बैठा मानो कोई शो शुरु होने वाला हो और वो चीफ गेस्ट हो ।

शकुन्तला उसको देख कर माथा पिट ली और बालटी से पानी निकाल कर अपने उपर गिराने लगी ।
जल्द से पानी ने शकुन्तला के जिस्म को भीगा दिया और उसका पेतिकोट भी गीला हो गया ।
साबुन लेके शकुन्त्ला ने अपने जिसम पर घुमाना शुरु कर दिया , हाथो से शुरु होकर गले और फिर सीने से चुचो पर लगाने लगी ।

राज उसके सामने ही अपना मुसल छिप छिप कर मसल रहा था
शकुन्तला ने बैठे बैठे अपने पेतिकोट का नाड़ा खोला और उसको ढीला करते हुए पेट और नाभि के पास से होते हुए निचे चुत तक हाथ घुसा कर साबुन लगाने लगी


शकुन्तला ने जब राज को उसको ऐसे एक टक निहारते देखा तो वो हस कर बोली - उधर मुह कर , शर्म नही आ रही तुझे

राज ने मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाया
शाकुंतला ने अब हाथ पीछे ले जाकर कमर और गाड़ की दरखतो मे भी हाथ घुसा कर पेतिकोट के अंदर साबुन लगाने लगी ।

राज की उत्तेजना अब और भी बढ रही थी ,
राज - ताई मै लगा दू साबुन

शकुन्तला मुस्कुराते हुए - नही हो गया ,
राज उठ कर आया और दरवाजे के पास ख्दा होकर - कहा हो गया , पीठ पर तो आपने लगाया ही नही

शाकुंतला ने सामने खडे राज के पजामे मे तने हुए तम्बू को निहारती हुई - हा वहा मेरा हाथ नही जाता
राज अपने पजामे को उपर करता हुआ बाथरूम मे घुस कर ठिक शकुन्तला के सामने खड़ा हो गया - लाओ मै लगा देता हु दो साबुन

शकुन्तला नजर उठा कर देखा तो राज का लन्ड ठिक उसके नथुनो के पास फुला हुआ था और उसने साबुन की टिक्की उसे दे दी

फिर राज आगे झुकता हुआ अपने पीले कुर्ते की कलाई उपर चढा कर हाथ ले जाकर साबून को लगाने लगा

इस दौरान उस्का लन्ड शकुन्तला के गालो को छू रहा था और वो आंखे भिचे हुए राज के जिद पर हारी जा रही थी ।
तभी राज के हाथ से साबुन फिसला या उसने जानबुझ कर ऐसा किया , मगर साबुन सीधा शकुन्तला की ढीली पेतिकोट मे पीछे की तरफ सरकता हुआ चुतडो के चला गया

शकुन्तला को जैसे ही मह्सूस हुआ तो वो चिहुकी - क्या गिरा राज वहा
राज - ताई वो साबुन निचे गिर गया है रुको निकालता हु

शकुन्तला इससे पहले राज को हटा कर मना कर पाती राज की फुर्तीली उंगलिया उसके गाड़ के दरखतो को टटोलने लगी थी ।
वही आगे ज्यादा झुकने से राज के आड़ शकुन्तला के होठो को छू रहे थे उनकी गन्ध शकुन्तला के नथुनो मे समा रही थी ।

शकुन्त्ला पूरी तरह से गनगना गयी थी , उसकी चुत बजबजा उठी थी

राज - ताई पीछे नही है , लग रहा है आगे आया है साबुन देखो जरा

शकुन्तला ने बेहोशी भरी सतर्कता से राज ने सामने की अपना ढीला पेतिकोट सामने की ओर फैला दिया और राज ने जब निचे देखा तो शकुन्तला की हल्के झान्ट भरे चुत के घाटी और उसके चुत का मोटा दाना साफ दिख रहा था ।

जब तक शकुन्तला की चेतना आती , राज अपनी आन्खे फाडे उसके बुर के बारामदे निहार चुका था , मगर चुत उसके उभरे हुए पेड़ू मे निचे छिपी थी ।

शकुन्तला अब झेपते हुए वो साबुन की टिकिया निकाली और राज को देने लगी - नही हो गया ताई , साबुन लग गया , हाथ धुला दो

शकुन्तला ने लाज से मुस्कुरा कर बिना नजरे मिलाए उसके हाथ पर पानी गिराया । फिर राज हाथ झटक कर बाहर आया

शकुन्तला ने जल्दी से पानी गिराया अपने जिस्म पर और नहा कर राज की ओर पीठ करके खडी हुई

भीगी पेतिकोट मे शकुन्तला के भारी चुतड साफ दिख रहे थे ।
शकुन्तला अपने जिस्म को तौलिये से साफ कर रही थि और राज के बारे सोच रही थी , कि इतनी छुट देने के बाद भी वो क्यू आगे नही बढ़ रहा है । कैसा लड़का है ये ? इतना सब कुछ होने पर कोई भी अपना मुसल निकाल कर खड़ा हो जायेगा ।

कही वो ये तो नही चाहता कि मै पहल करु , क्योकि वो फायदा तो छिप छिप कर खुब ले रहा है लेकिन खुल कर सामने नही आता । कमीने ने मेरी चुत गीली कर दी और उसका मुसल कितना गर्म था ।

शकुन्तला ने सोचा क्यू ना इसको अब और हिन्ट दू और थोडा खुलापन और करु ।

फिर शकुन्तला ने तौलिया फैलाया और पेतिकोट निचे सरकाते हुए उपर की तरफ तौलिया लपेट लिया , इतना उपर कि जैसे ही वो राज के आगे अपना पेतिकोट उठाने के लिए झुकी उसकी पूरी गाड़ फैल कर उसके सामने नंगी हो गयी , फिर शकुन्तला ने कनअखियो से उसकी को नजर भर देखा कि इस नजारे से राज पर क्या असर हुआ है ।

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वही राज को भी समझते हुए देर नही लगी कि खेल दुसरी ओर से भी शुरु हो चुका है ।
उसकी जो योजना थी कि ताई को गर्म करके अपने करीब लाने की उस योजना मे ट्विस्ट आ चुका है ।
Super duper hot update yrrr gjb
 
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