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Amazing updateUPDATE 182 B
अमन के घर
इधर नीचे ममता अपनी तैयारी मे थी तो भोला भी अपनी तैयारी मे लगा हुआ था ।
भोला पेशे से मेडिकल फ़ील्ड मे एक सीनियर एम.आर. था और आये दिन उसकी देर रात तक क्लाइंट के साथ लम्बी बात चीत होती रहती थी ।
ऐसे मे संगीता या उसकी बेटी कोई उसे डिस्टर्ब नही करता था ।
इसी बात का फायदा लेके भोला ने संगीता को बोल कर बाल्किनी मे अपना लैपटॉप और मोबाइल लेके चला गया । संगीता और रिंकि सोने के लिए दरवाजा भीडका चुके थे और भोला बेचैन परेशान होकर बाल्किनी से बार उपर की गैलरी मे झाकता और कभी कभी जीने की नजर भर देख लेता । फिर बाल्किनी की ओर टहलता हुआ निकल जाता ।
इधर ममता भी उपर आ रही थी
चुकि उपर जीने पर आने के बाद पहले एक गेस्ट रूम फिर अमन का रूम आता और बाद मे भोला का रूम था ।
ममता ने जीने की सीढियो से भोला को उपर छत पर बाल्किनी की ओर गुजरते हुए देखा तो उसकी सासे चढने लगी और अनायास उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गयी ।
ममता जैसे ही जीने से होकर उपर पहुची और उसने बेचैन परेशान भोला को पीछे से गला खराश करते हुए पुकारा
भोला ने पलट कर ममता को सामने बिना दुपट्टे के हाथ मे ट्रे मे दूध के ग्लास के साथ देखा ।
फौरन उसका मुसल तनमना गया और लपक कर वो ममता के करीब गया
भोला - ओह्ह भाभी कितनी देर लगा दी आपने
ममता ने एक नजर खाली गैलरी की ओर देखा और फिर मुस्कुराते हुए - मै कहा लेट हु , अभी तो साढ़े दस हो रहे है ना
भोला उसके करीब होकर उसको साइड से अपनी बाहो मे भरकर उसके गरदन से उसके जिस्म की भीनी खुस्बु लेता हुआ अपना कड़क मुसल ममता के जांघो पर चुबोता हुआ - उम्म्ंम भाभी अब और नही रुक जायेगा मुझसे
भोला के इस अचानक किये हरकत से ममता चौकने के साथ साथ सिहर गयी ।
ममता के दोनो हाथ बन्धे हुए ट्रे के साथ और उसकी सांसे अटक गयी ।
ममता फलती सासो से - उम्म्ं क्या कर रहे है छोडिए ना
भोला अपना मुसल ममता के जांघो पर रगड़ता हुआ उसके गालो को चुम लिया जिस्से ममता सिस्क पड़ी ।
भोला - भाभी अभी चलो ना , ऊहह प्लिज्ज्ज
ममता अपने उफनाती सासो को काबू करती हुई - मान जाओ ना नंदोई जी मै ये दूध देखकर आती हु ना इस्स्स्स उम्म्ं
भोला ममता के कान के आस पास चुमता हुआ - पक्का ना भाभी आओगी
ममता ने बडी मादकता से हामी भरी और भोला ने उसे छोड दिया ।
फिर ममता के ट्रे से दुध का गिलास ले के - जाओ अमन को दे आओ
ममता - अरे ! ये तो मै रिंकि के लिए लाई थी
भोला गर्मागर्म दूध की सिप लेता हुआ - भाभी वो नही पीती है
ममता - ठिक है मै अमन को दे दू फिर
ये बोल कर ममता मुस्कुराते हुए अमन के कमरे की ओर बढ़ गयी और अपनी उफनती सासो को काबू करने लगी ।
अमन के कमरे के पास पहुच कर उसने वापस भोला की ओर देखा जो उसके मटकते भारी कूल्हो को देख कर अपने चढढे के उपर से अपना मुसल मसल रहा था ।
ममता उसकी हरकत देख कर मुस्करा दी और अमन के कमरे का दरवाजा खोलती हुई बेबाक भीतर घुस गयी ।
वही अमन निशा के किये हुए मैसेज पढ़ रहा था , जहा निशा ने उसको बताया था कि आज रात सोनल की चुत पर मेंहदी रखी जायेगी ।
निशा के मैसेज पढकर अमन का मुसल तन गया था । और
अमन ने रिक़्वेस्ट की निशा उसकी फोटो निकाल कर भेजे ।
अमन कुछ और बाते करता इससे पहले उसकी मा दरवाजा खोलकर भीतर आ चुकी थी ।
सामने अमन सोफे पर बैठा हुआ था और अचानक से अपनी मा को देख कर वो चौक कर ।
उसने मोबाइल साइड रख दिया और खड़े होकर अपनी मा के इस नये रूप को देखने लगा ।
जहा उसकी आज पहली बार उसके सामने बिना दुपट्टे के आई थी । वही ममता भी शायद इस बात से अंजान थी कि भोला ने स्पर्श औए चुम्बन ने उसके मोटे मुन्क्के फुला दिये थे जो उसकी सूट को भेडे हुए तन चुके थे ।
अमन ने थुक गटक कर अपनी मा के तने हुए निप्पल देखा और जैसे ही खड़ा हुआ तो उसकी मा की आंखे फैल गयी ।
उसके अंडरवियर मे उसका बडा सा मुसल फुला हुआ था । जिसका सुपाडा भी साफ साफ फड़कता नजर आ रहा था ।
अमन के इस रूप को देख कर ममता शर्मा कर मुस्कुराते हुए - तुझे शर्म नही आती , शादी का माहौल है और घर मे मेहमान है । उपर से तू ऐसे ..
ममता ने अमन को उसके तने हुए लन्ड की ओर दिखा कर बोला ।
फिर घुमकर दरवाजा बन्द करके चटखनी लगाते हुए - अरे घर मे रिंकि है और बुआ है तेरी । कुछ तो शर्म कर
अमन लजाता हुआ हसकर तौलिया लपेट लिया मगर वो उसके फुले हुए मुसल के उभार को छिपाने मे कामयाब ना रहा ।
ममता ने कुछ सोचा और फिर बोली - अच्छा सुन तेरे पास कोई ढीला चढढा है
अमन - क्यू
ममता हसती हुई - अरे कल तेरी मामी भाभी बुआ सब तुझे हल्दी लगायेंगी और तु सिर्फ अंडरवियर मे रहेगा और उस टाईम कही ये ...हिहिहिहिही
अमन शर्माता हुआ - क्या मा आप मजे ले रही हो । एक मुझे डर लग रहा है । याद है ना काजू भैया (अमन की मौसी का लड़का ) की शादी मे कैसे मामी उनको परेशान की थी ।
ममता - वही मै कह रही हु ना उसकी क्या हालत हुई । आज तक तेरी मामी उसका मजाक उड़ाती है हिहिहिही
अमन उखड़ कर - वही ना
ममता - इसीलिए कह रही हु तेरे पास कोई बडा ढीला चढ़ढा है
अमन - बड़े मे तो लोवर होगे मेरे पास , एक शॉर्ट्स है ढीला है थोडा
ममता - ठिक है दिखा मुझे
अमन फौरन उठ कर अपनी आलमारी तालाशने लगा ।
फिर उसने एक शॉर्ट्स और एक लोवर निकाला
ममता - ठिक है इनको बारी बारी से पहन के दिखा
अमन पहले अपना एक शॉर्ट्स लेके बाथरूम जाने लगा तो ममता ने आवाज दी - कहा जा रहा है यही बदल ले
अमन शर्माता हुआ हस कर - क्या!! न्हीईई
अमन ये बोलकर बाथरूम मे घुस गया तो ममता हसने लगी ।
फिर अमन दो मिंट बाद बाथरूम से बाहर आया ।
अमन को देखकर ममता थोडा शर्माते हुए हसने लगी ।
क्योकि उसके बेटे का मोटा 9 इंच का बड़ा सा उस पुराने शॉर्ट्स से बाहर झांक रहा था । निचे से उसके सुपाड़े की लाली साफ नजर आ रही थी मगर अमन को ये फर्क नही नजर आ रहा था ।
उसने अपनी मा से हसने का कारण पूछा तो ममता ने हसकर बोली - ये कबकी निकर है तेरी हिहिहिही
अमन - हाईस्कूल की , क्यू ?
ममता हस कर इशारे से उसको निचे दिखाते हुए बोली - तभी वो झांक रहा है निचे से हाहह्हा
अमन को जैसे ही अहसास हुआ वो लपक कर दोनो हाथो से अपना लन्ड छिपाते हुए बाथरूम मे भाग गया ।
ममता खिलखिलाके हसने लगी ।
अमन - मम्मी यार आप मजाक ना उडाओ प्लीज और मेरा लोवर दोगे
ममता - क्यू
अमन झिझककर - वो मैने गलती से अंडरवियर फर्श पर ही निकाल दिया और वो गीली हो गयी है थोड़ी
ममता हस कर - अब तो बाहर आ ब्च्चु हिहिहिही तभी मिलेगा लोवर
अमन को थोडा झिझक और शर्मीन्दी हो रही थी मगर आज उसके मा के ये खिला हुआ रूप उसे बहुत उत्तेजित कर रहा था । शाम को उसकी मा के चुतड और अब उसके तने हुए चुचे ने अमन को कामरस मे भिगोना शुरु ही कर दिया था ।
अमन ने तय किया कि देखते है ये सब कहा तक जा सकता है वो अपनी मा को नंगा देखने के लिए कुछ भी कर गुजर सकने को फड़फ्ड़ा रहा था ।
इसीलिए उसने अपनी मा की दिलचसपी देखनी चाही ।
अमन ने खुद को शान्त किया और चेहरा गिराते हुए शर्माते मुस्कुराते बाहर आया ।
सामने देखा तो उसकी मा हाथ मे वो लोवर लेके खडी थी जो उसने अभी अभी आलमारी से निकाला था ।
अमन बच्चो जैसे रौंदू शकल और जिद दिखाते हुए - क्या मम्मी दो ना , क्यू तंग कर रहे हो
ममता - तु मुझसे इतना शर्मा क्यू रहा है , भूल गया बचपन मे मेरी गोद मे नंगा पुँगा होकर मूत मूत कर मुझे पुरा भीगा दिया करता था ।
अपनी मा की बात सुनकर अमन हसते हुए - तो क्या आप मै फिर से आपकी गोद मे नँगू पँगू होकर रहु और पेसाब करू हिहिहिहिही
अमन की बातों ने ममता को कुछ पलो के लिए बान्ध दिया और अगले ही पल वो हस दी - चुप कर बदमाश और निकाल इसको बदल मेरे सामने
अमन वापस से बच्चो पैर पटकता हुआ रोतडू सी शकल के साथ - म्ममीईई याररर
ममता ने अपने दोनो हाथ अपनी कमर पे रखते हुए अमन को आंख दिखाई मानो उसकी बात ना मानने पर अमन को सजा मिलेगी ।
अमन फिर से भुनभुनाने लगा और ममता को हसी आने लगी । उसे अपने लाडले का बचपना रिझाने लगा और वो इस पल को इन्जाय कर रही थी ।
अमन ने मुह बनाते हुए अपना जांघिया अपनी मा के सामने धीरे धीरे सरकाने लगा और तभी उसका 9 इंच लम्बा बियर की कैन सा मोटा लन्ड उछलता हुआ बाहर निकल गया ।
ममता अपने बेटे के भयानक लन्ड को देखकर चौकी गयी । लन्ड की फूली हुई नसे देख कर ममता की सासे फुलने लगी और उसका सुर्ख गुलाबी सुपाडा धीरे धीरे और लाली लिये जा रहा था ।
अमन ने नजर भर अपनी मा को देख और मुस्कुरा कर अपना भुनभुनाने वाला नाटक जारी रखा ।
ममता को उम्मीद नही थी उसका लाडला सच मे इतना बड़ा हो गया होगा ।
ममता ने बिना कुछ बोले हाथ बढा कर अमन को लोवर दे दिया और अमन ने मुस्कुराते हुए अपनी निश्ब्द मा को देखने लगा ।
उसमे फौरन जल्दी जल्दी वो लोवर पहन लिया और अपनी मा को दिखाता हुआ बोला - देखो ये सही क्या अब
ममता एक गहरी आह्ह भरती हुई अपनी आंखे भीच कर फैलाती हुई वापस से अमन को देखा ।
इस ढीले लोवर का भी कोई खास फायदा नजर नही आ रहा था , अमन का मुसल अभी ऐसा ही दिख रहा था मानो उसने अपने कमर मे कोई मोटा तंदुरुस्त गन्ना बांध रखा हो ।
ममता - अरे नही , हल्दी तेरे पैर मे भी तो लगेगि ना । फिर इसका बाजू नीचे पतला है ।
अमन - फिर
ममता - कल मै तेरे पापा को बोलकर मगवा दूँगी ।
अमन - ठीक है फिर मै इसको निकाल दू
ममता हस कर - हा निकाल दे लेकिन पहनेगा क्या हिहिहिही
अमन झेप कर - क्या मा आप भी
इधर इनकी बाते हो रही थी और वही लगातार मैसेज कर रही थी , मगर अमन का जवाब ना मिलने के नाते उसने एक बार काल किया ।
फोन रिंग होते ही अमन और ममता दोनो का ध्यान उसपे गया
ममता अमन को छेड़ती हुई - चल भाई मै जा रही हु , अब तुम दोनो लैला मजनू आपस मे चुम्मीया लो दो हिहिहिही
अमन शर्मा कर - क्या मम्मी आप भी , ऐसा कुछ नही है ।
ममता हस के - अच्छा एक बात बता
अमन - हा पूछो
ममता - ये तुम सिर्फ़ गालो पर ही पप्पीया लेते हो क्या ?
अमन अपनी भौहे सिकोड़ते हुए - मतलब
ममता खिलखिलाती हुई हस कर - नही हर बार सिर्फ़ तु मुझे गालो पर ही चुम्मीया देता है ना इसीलिए बोली हहहाहा
अमन - फिर और कहा चुम्मी ली जाती है
ममता - क्यू होठो वाली चुम्मी नही लेते क्या तुम लोग हिहिहिही
अमन - उसको समूच कहते है मम्मी हीहिहिही
ममता - भई मै ठहरी हिन्दी मीडियम वाली , मै तो उसे होठो वाली चुम्मी ही जानती हु ना हिहिहिहिह
अमन - हा लेकिन हमे मौका कहा मिलता है , जब मिलेगे तब ना करेंगे वो सब
ममता - मतलब तुने कभी भी होठो वाली ....
अमन - की है दो तीन बार
ममता - अच्छा ब्च्चु और मुझे बताया भी नही
अमन - लेकिन आपको क्यू बताना
ममता आंखे दिखा के - भूल गया अभी उस दिन बोला कि जितनी तु बहू को चुम्मी देगा उससे एक ज्यादा मुझे
अमन शर्मा कर हसता हुआ - हा मम्मी लेकिन वो मै और सोनल आपका वाला चुम्मी नही करते है ना , हमारा दुसरा होता है
ममता - अच्छा वो कैसी
अमन झिझक के - वो हम लोगो की चुम्मी 5 , 10 कभी कभी तो 15-20 मिंट तक चलती है
ममता के लिए ये कुछ नये जैसा था वो अचरज से - क्या ? मतलब 10 20 मिंट ऐसे होठ से होठ सटाये थकते नही तुम लोग हाहहहा
अमन हस के - अरे मम्मी अब कैसे बताऊ मै आपको
ममता - अरे करके बता ना
अमन - पक्का
ममता मुस्कुरा कर एक उत्सुकता से गहरी सांस लेती हुई उसके करीब गयी और अपनी आंखे बन्द कर अपना चेहरा अपने बेटे के आगे करते हुए - हम्म्म्म
अमन की सांसे चढ रही थी कि वो अपनी मा को कैसे लिप टू लिप किस्स करेगा ।
तभी ममता फिर से उसको डांटते हुए बोली - कर ना !!
अमन ने हौले से अपने मा के नरम नरम गालो को थामा और धीरे से अपने तपते होठ अपनी मा के रसिले सॉफ़्ट होठो से जोड़ दिये और हल्के से अपने होठ खोलता हुआ उसने अपनी मा के निचले होठ को अपने गर्म होठो मे भर कर चुबलाने लगा ।
ममता के रसिले मुलायम होठ मोम के जैसे अमन के मुह मे घुलने लगे और ममता को पहली बार एक नये स्पर्श और नये अनुभव हुए
उसका पुरा जिस्म इस नये रोमांच से गनगना गया , वही अमन अपनी मा के रसिले होठो पर पकड मजबूत करता हुआ उसको चुसने लगा ।
ममता की सासे भारी होती चली गयी और करीब 3 मिंट बाद अमन ने अपनी मा को छोड़ा ।
अमन हाफ्ता हुआ हसकर अपने होठ पोछने लगा और ममता ने शर्माते हुए हसकर उसकी ओर देखा ।
उसके चेहरे पर इस नये अनुभव की चमक साफ दिख रही थी । आज तक उसने ऐसे अनुभव नही किये ।
मुरारी उसे नंगी करके चोदता तो बहुत जबरदस्त ही था , मगर ममता को ह्मेशा से कुछ नया कुछ बेहतर की तालाश थी ज्यादातर वो बस निचे लेटी रहती थी और वो चोद कर झड़ कर सो जाता था ।
ममता ने सालो से अपने भीतर कई अरमान दफना रखे थे और उसी आग को सबसे भोला ने चिन्गारी दी फिर अब उसके बेटे ने एक नई हवा से उसमे आग फूँक दी थी ।
अमन हस कर - देखा ऐसे ही होता है हिहिहिही
ममता अपने होठ पोछ कर - ये तु चुम्मी ले रहा था कि चबा रहा थे मेरे होठ को । सारी लिपस्टिक भी साफ कर दी तुने
अमन खिलखिलाकर - ये नेचुरल लिपस्टिक रिमोवर था हाहहहा
ममता उसकी बात पर हस पड़ी- धत्त शैतान कही का ,
अमन हस कर - फिर मजा आया ना आपको , उम्म्ं कैसा लगा ?
ममता को अपने बेटे से ऐसे सवाल की उम्मीद नही थी और वो शर्माने लगी ।
अमन - क्या मा बोलो ना , ह ना आपकी वाली चुम्मी से एकदम अलग उम्म्ं
ममता हस के - हा भाई , एकदम होश उडा दे ऐसा हाहाह्हा , वैसे तुने कहा से सीखी ये वाली चुम्मी उम्म
अमन हस कर - मोबाइल पे नेट से , वहा सब कुछ मिल जाता है सिखने को
ममता - हम्म्म तो और क्या क्या सिखा है तुने
अमन - आपको क्या सीखना है बताओ
ममता अमन के दोहरे अर्थ वाली बात पर फिर से शर्मा गयी और बोली - हट्ट गन्दा , मुझे नही कुछ सिखना ।
अमन हस के - वैसे एक बात कहू मम्मी
ममता - हा बोल
अमन - आज ये वाली चुम्मी पापा पर ट्राई करना खुश हो जायेंगे वो हिहिहिही
ममता मे लपक के उसके कान ऐंठ कर - चुप कर शैतान कही का , तुझे ऊँगली दी तो हाथ पकड रहा है हम्म्म
अमन खिलखिलाता हुआ - अच्छा सॉरी ना मम्मी हिहिहिही
ममता उसको छोड़ दिया और अपने कान मलता हुआ - ऊहह , क्या मम्मी मै तो बस आइडिया दे रहा था ना । जैसे आप और पापा रोमांस ही नही करते होगे ।
ममता उसकी बात पर हस दी - क्या रोमान्स हिहिहिही , उन्हे कहा आता है रोमान्स वो बस एक ही रोमान्स जानते है ।
अमन अभी भी अपने कान सहलाते हुए - क्या ?
ममता को लगा कि अमन समझ जायेगा मगर उसने जब देखा कि अमन एकदम सामान्य रूप से अपने कान सहलाये जा रहा था तो वो उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा दी - कुछ नही छोड़
अमन - क्या मा बताओ ना , इसमे छिपाना कैसा ? देखो मै और सोनल तो बहुत रोमैंटिक है । हम तो खुब सारि बाते करते है और हिहिहिही
ममता अमन के बाजू पर चपत लगाती हुई शर्मा कर- धत्त अरे रोमान्स सिर्फ़ बातो का ही थोड़ी होता है । वो तो साथ रह कर अकेले मे जो किया जाये वो वाला बोल रही हु
अमन अपनी मा को शर्माता देख कर - आपका मतलब हम तुम एक कमरे मे बन्द हो और चाभी खो जाये वाला हिहिहिहिही
ममता शर्मा कर - चुप बेशर्म कही का ,
अमन हस कर ममता के दोनो गुलाबी गाल खिंचता हुआ उसके एक गाल को चुमता हुआ - हिहिहिही मम्मी आप तो शर्माते हुए बहुत क्यूट लगते हो
ममता ने तुनक कर उसका हाथ झटका
अमन - मुझे नही लगता इतनी प्यारी बीवी हो और कोई रोमैंटिक ना हो ।
अमन ने पीछे जाकर अपनी मा को बाहो मे भरते हुए उसके गुबाबी गालो को चुमता हुआ बोला - मै पापा की जगह होता तो ऐसे हग कर खुब सारा प्यार देता उम्म्ंम्ं उम्म्ंम उम्म्ंम
ममता अपने बेटे के स्पर्श और दुलार से सिहर कर मुस्कुरा उठी - हा छोड़ मुझे अब , तु मेरा पति नही है समझा
अमन - क्यू , क्या सिर्फ़ पापा को ही हक है कि आपको प्यार करे , मुझे हक नही मै अपनी मा को प्यार करु
ममता अमन की मीठी मीठी बातो और उसके जिस्म का गर्माहट भरे स्पर्श से घुलने लगी थी - क्यू नही है , सारे बच्चो का हक होता है अपनी मा पर तो तेरा भी है मगर ?
अमन - मगर क्या ?
कुछ पल के लिए कमरे मे चुप्पी सी छा गयी और बस दोनो के दिल में कुछ बाते चलने लगी जिससे दोनो की धडकनें तेज हो रही थी ।
ममता कुछ सोचकर मुस्कुराते हुए बोली - मगर ये कि पति के प्यार मे कोई मर्यादा नही होती है मगर बेटे के प्यार मे होती है ।
अमन - इसमे मर्यादा कैसी ?
ममता मुस्कुराती हुई - मतलब ये कि मा बेटे का प्यार सिर्फ मन की सीमाओ तक ही होता है और एक पति-पत्नी का प्यार मन से आगे बढ़ कर जिस्म को शामिल करता है ।
अमन - ओह आपका मतलब एक मा बेटे जिस्मानी संबध नहीं बना सकते बाकी सारे प्यार कर सकते है
ममता हस कर - हा पागल हिहिहिही
अमन - मगर मै तो आपको कितनी सारी पप्पिया देता हू तो क्या गलत नही है ?
ममता - नही !
अमन - क्यू ?
ममता मुस्कुरा कर - क्योकि मा बेटे का रिशता शरीर से जुड़ा होता है तो कुछ हद तक एक मा अपने बेटे को शारिरीक प्रेम कर सकती है ।
अमन - जैसे ?
ममता अमन की उत्सुकता पर मुस्कुराइ- जैसे जब तु छोटा था तो मै तुझे दूध पिलाती थी और तुझे दुलार करती थी । बस वैसा ही ।
अमन - तो यानी कि मै अभी भी आपके दूध पी सकता हु ना
ममता खिल्खिलाई और हस कर बोली - धत्त अब कहा इसमे दूध आता है और अब तो तु बड़ा भी हो गया है हिहिहिही
अमन - क्या मम्मी , मुझसे मेरे हिस्से का प्यार तो ना छीनो । अभी तो बोली आप कि बेटा अपनी मा के दूध पी सकता है
अमन की जिद भरी बचकानी बाते ममता की सासे फूला रही थी और वो काप रही थी ।
ममता उससे अलग होती हुई हस कर - हा लेकिन वो छोटे बच्चों पर लागू होता है और तु घोड़े जैसा हो गया है हिहिहिही
अमन - क्या मम्मी ये तो गलत है ना
ममता - नही बोला ना तुझे , जा वो वाला दूध पी हिहिहिही
ममता ने बिस्तर के पास रखे हल्दी केसर वाले दूध की ओर इशारा किया ।
अमन - मम्मी प्लीज ना !!!!
ममता अमन को छोटे बच्चों जैसे जिद दिखाता देख हसने लगी और उसने एक नजर घड़ी की ओर देखा तो 11 कबके बज गये थे ।
अमन के साथ उसको समय का पता ही नही चला , उसे भोला की चिन्ता अलग होने लगी ।
उसने यही सोचा कि अमन आखिर उसका बेटा ही है और एक बार की जिद पूरी करने मे कोई हरज नही है
ममता हस कर ऊँगली दिखाती हुई - बस एक बार ठिक है
अमन - हा पक्का
ममता वही बिस्तर पर बैठ गयी और अपने सूट को उपर करने लगी ।
ममता - आजा गोदी मे
अमन खुश हुआ और चहकता हुआ ममता की गोद मे लेट गया और ममता ने अपना सूट उपर करते हुए एक तरफ की अपनी 42 साइज़ की मोटी खरबूजे जैसी चुची बाहर निकाली और उसपे बडा सा गुलाबी भूरा घेरा लिये काले अंगूर के दाने जैसा निप्प्ल अमन के मुह के सामने था । अमन ने जरा भी देरी नही कि और लपक कर उसने अपनी मे निप्प्ल को मुह मे भर लिया ।
ममता सिस्क पड़ी- अह्ह्ह बदमाश आराम से उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
अमन ने अपनी मा के निप्प्ल को अपनी जीभ पर रखा और उसके चारो ओर होठो का घेरा बना कर उसको चुसने लगा ।
खुरदरी जीभ की मुलायम रगड़ अपने निप्प्ल पर पाकर ममता सीस्क उठी , उसकी चुत कुलबुलाने लगी ।
वही अमन का लन्ड उसके लोवर मे त्म्बू बना चुका था ।
ममता की नजर अपने बेटे के तने हुए मुसल पर गयी तो उसकी सासे और चढने लगी ।
ममता सिसकते हुए अमन के बालो को सहलाते हुए - बस कर बेटा उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं
अमन मुह हटा कर - मम्मी ये वाला भी प्लीज
मादकता मे सनी ममता अपने लाडले के प्रेम भरे आग्रह को ठुकरा ना सकी और उसने साइड से दुसरी छाती भी खोलकर उसको अपने बेटे के होठो से लगा दिया ।
एक बार फिर अमन के होठ उसके चुचो पर कस गये और ममता की सिसकिया बढ गयि ।
ममता ने दुलार भरे स्पर्श से अमन के सर मे हाथ फेरने लगी मानो उसके बेटे का बचपन लौट आया हो , मगर अगले ही पल उसकी नजर लोवर मे फड़कते उसके लाडले का 9 इंच का बांस जैसे मोटे लन्ड पर चली जाती जो एक बडा सा तम्बू बनाए हुए था ।
ममता बस उसे निहारते हुए अमन के पीठ को सहला रही थी ।
ममता मदहोशि मे - हो गया बेटा
अमन उसकी चुची मुह हटा के- हम्म्म्म
ममता मुस्कुरा कर - बदमाश कही का ! चल उतर अब , दो दिन मे शादी है और तु यहा अपनी अपने मा के दूध पी रहा है , क्या कहेगी मेरी बहू कि सासु का बेटा तो अभी बच्चा है हिहिहिही
अमन - कहने दो उसको , उसके कहने से मै मेरी मा को प्यार करना नही छोड़ने वाला हु
ममता ह्स कर खड़ी हुई और अपना सूट सही किया - चल बहुत हो गयी बाते अब ये दूध पी कर सो जा
अमन लपक कर अपनी मा के गाल चुमकर - हम्म ओके थैंकू मम्मी
ममता हस कर - तुझे बस मौका चाहिये , गीला कर देता है
अमन हसने लगता है और उसकी मा कुल्हे हिलाते हुए कमरे के बाहर चली जाती है ।
अभी वो अपनी सासे बराबर कर अमन की शरारतो के बारे मे सोच रही होती है कि सामने गैलरी मे भोला उसको खड़ा दिखाई दे रहा होता है ।
उसकी नाराजगी से ममता बखूबी वाकिफ थी और वो जान रही थी कि भोला की नाराजगी और उसे आधे घंटे अतिरिक्त इंतेजार करवाने के लिए कैसे मनाना है ।
वही अपनी मा के जाते ही अमन ने एक गहरी आह भरी और मुस्कुराता हुआ अपना मुसल भींचता हुआ लपककर मोबाइल पकडता है ।
तो देखता है कि निशा ने 3 बार वीडियो काल किये थे करिब 40-45 मिंट पहले ही और अमन ने जब सॉरी बोलते हुए मैसेज किया तो निशा ने गुस्से मे उसे रिप्लाई किया कि उसने वीडियो काल पर लाइव सोनल की बुर पर गुलाब खिलते देखना मिस्स कर दिया ।
अमन को एक पल को बहुत अफसोस हुआ मगर उसे खुशी थी कि उसने अपनी मा के साथ अब तक सबसे बेहतरीन पल गुजारा था ।
फिर उसने फरियाद की निशा से कि वो उसे तस्वीरे भेज दे मगर निशा ने एक ऐसी शर्त रख दी अमन के सामने जिसे वो चाह कर भी मना नही कर सकता था ।
अमन ने मुस्कुराते हुए हामी भर दी और अगले ही काफी सारे सनैप्स निशा ने अमन को भेज दिये धडाधड एक एक करके उसका मोबाईल बिप होने लगा ।
अमन ने फ़ाईल खोलकर देखने लगा और उन तस्वीरो को देख कर उसका लन्ड और भी ज्यादा अकड़ने लगा ।
लम्बे समय से जो सैलाब उसने अपने अंडकोष की थैलियों मे रोके हुए था और वो कुछ बार हाथो से लन्ड रगड़ने पर फूट पड़ा और उसका लोवर उसकी जान्घे सब भीग गये ।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अमन उठा और बाथरूम मे नहाने चला गया ।
जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैUPDATE 182 C
राज के घर
अन्धेरे कमरे मे शालिनी अपनी साडी कमार तक चढाए हुए घोडी बनी हुइ थी और उसका बेटा राहुल अपनी मा की चुत मे खुब ह्चक हचक कर लंड पेल रहा था ।
शालिनी की घुटी हुई मादक सिसकिया दरवाजे पर कान लगाये खडे अनुज के कानो मे पड रही थी और वो अपना लन्ड बाहर निकाल कर तेजी से उसको भींच रहा था ।
योजना के हिसाब से तय हुआ था कि राहुल पहले अपनी मा को खुब गर्म करके चुदाई के लिए तैयार करेगा और जब चोदने की बारी आयेगी तो वो अनुज को बुला लेगा ।
मगर राहुल की अपनी मा को गर्म करके चुदाई के लिए तैयार करने की योजना तो सफल रही मगर वो खुद अपनी मा को चोदे बिना रह ना सका और कस कस अपनी मा को पेले जा रहा था ।
अनुज की चिडचिडाहट अब बढ़ रही थी कि राहुल ने अपना वादा पुरा नही किया , उसको राहुल पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था ।
तभी कमरे मे राहुल के सिस्कने की आवाज आई और वो अपनी मा की बुर मे झड़ने लगा ।
फिर वो अपना लन्ड झाड़ कर पीछे हट गया - मम्मी मै पेसाब करके आ रहा हु
शालिनी जो कि काफी समय से घुटने के बल घोडी बनी हुई थी और बीते दो दिनो की कसर उसके बेटे मे जिस तरह से हचक कर पेल के पुरी की थी ,उससे हिम्मत नही हो पाई कि वो अपने कपडे ठिक कर पाये और वो वैसे ही अधनंगी पेट के बल लेटी रही थी ।
पंखे की सर्द हवाओं से जल्द ही राहुल का वीर्य सुखने लगा ।
इधर राहुल जैसे ही बाहर आया तो जीने के पास अनुज और उसकी फुसफुसाहट भरी कहा सुनी होने लगी ।
राहुल अपने गलती से अनुज से माफी मागने लगा और बोला कि नेक्स्ट बारी कोसिस की जायेगी ।
फिर वो पेसाब के लिए उपर चला गया और अनुज जिसका मूड खराब हो गया था उसने सोचा मूड़ खराब हो ही गया है कम से कम नीद तो अच्छी ली जाये ।
इसीलिए वो हाल से अपना चद्दर तकिया लेके वापस कमरे मे चला गया और बत्ती जला दी ।
बत्ती जलते ही उसकी नजर बिसतर पर पेट के बल लेटी शालिनी पर गयी जिसकी साडी अभी तक कमर तक उपर चढ़ी हुई थी और उसके नरम मुलायम भरे भरे चुतड साफ साफ दिख रहे थे ।
ये नजारा देखते ही अनुज का सोया लन्ड और बिसरे अरमान जाग गये ।
वही कमरे मे बत्ती जला पाकर शालिनी ने बड़बडाते हुए अनुज की ओर घूमी - अरे बेटा लाईट क्यू जला दी , अनुज तु!!
वो फौरन झटके से उठी और जल्दी जल्दी अपनी साडी ठिक करने लगी ।
अनुज अभी भी वैसे ही अपनी चाची को निहार रहा था ।
वही शालिनी को समझ नही आ रहा था कि अनुज को क्या जवाब दे ।
अनुज भी बस चुप था और ऐसा दिखावा कर रहा था मानो उसे कुछ पता नही था ।
शालिनी जबरन की मुस्कान अपने चेहरे पर लाती हुई बोली - अरे वो मेरे पाव मे दर्द था ना तो राहुल को बोला कि थोड़ी मालिश कर दे इसीलिए
अनुज नजरे चुराकर वापस कमरे से जाने लगा - जी चाची
शालिनी - अरे क्या हुआ तु कहा जा रहा है , सोने आया है ना तो यही सो जा चल
अनुज - हम्म्म ठिक है
शालिनी को अनुज की ये चुप्पी खलने लगी थी मगर इस संजोग के लिए वो क्या ही जवाब देती । बस वो शूकर मना रही थी कि अनुज सब कुछ होने के बाद आया ।
थोड़ी देर बाद राहुल भी आया और तीनो वापस बिस्तर पर लेट गये । थका हुआ राहुल बिस्तर पर आते ही जल्द ही सो गया । मगर अनुज और शालिनी के लिए नीद अभी दुर की बात थी ।
अनुज ने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि कुछ ऐसा हो जायेगा और वो इस बात को गुप्त ही रखने वाला था ।
शायद इसके बाद से वो अपनी चाची को चोदना तो दुर नजरे भी ना मिलाए ।
एक कमरे मे जहा ये सब घट रहा था वही बगल के कमरे मे सोनल की मादक सिसकिया ले रही थी ।
खुली टांगो के बिच झुकी हुई रीना ने उसके गर्म चुत के दाने के पास ठंडी ठंडी महँदी के कोन से गुलाब की पंखुडियां बना रही थी ।
वही सोनल हस्ती खिलखिलाती तो कभी चुत के पास ठंडी छरहराहट से अपने कुल्हे पटकती ।
जिस पर रीना उसको डांट देती थी ।
इधर निशा बार बार फोन लगा रही थी अमन को मगर वो फोन उठाने से रहा ।
खीझ कर उसने इस मोमेंट के स्नैपस ले लिये कि इन स्नैपस के बदले मे अमन से कुछ अच्छी वसूली की जा सके ।
रीना - ओह्ह मेरी लाडो रानी जब इस ठंडी ठंडी कोन से ही तुम्हारी मुनिया इतना पानी बहा रही है उम्म्ंम
"और जब नंदोई जी मोटा खुन्टा इसपे रगडेगा तो क्या हाल होगा ", रीना ने मेंह्दी के कोन के पीछे वाले मोटे हिस्से हो घुमा कर सोनल की बजबजाई बुर मे घिसते हुए कहा ।
सोनल अकड़ते हुए सिस्क पड़ी- सीईई अह्ह्ह भाभीईई क्या करती हो उम्म्ंम धत्त
"मै कहा कुछ कर रही हो , ये खुद रो रही है । कहो इसके आंसू पोछ दू " , रीना ने अपनी अंगूठे से सोनल के चुत के दाने उपर की तरफ रगड़ते हुए कहा
सोनल ने जोर से अपनी गाड़ उचकाइ और सिस्क पड़ी
वही ये सब देखकर निशा की भी बुर कुलबुलाने लगी ।
वो अपनी चुत मलते हुए रीना की हरकते निहारने लगी ।
रीना ने वापस से सोनल को पुचकारा - बोलो ना ननद रानी , पोछ दू एकदम से चिकना कर दूंगी
सोनल ने मादकता मे हस कर बोली - उहू नही झुठा हो जायेगा वो
रीना - सल्हज और साली का झुठा तो नंदोई खा ही सकते है , क्यू निशा
निशा अपनी बुर मसलती हुई - हम्म्म्म क्यों नही भाभीईई
सोनल कसमसाती हुई - उम्म्ंम नहीईई भाभीई प्लिज्ज्ज सीईई अह्ह्ह
निशा - भाभी ये साली ऐसे ही नखरे करेगी , आप चाटो ना इसकी रसिली चुत उम्म्ंम्ं
रीना निशा के उतावले पन पर मुस्कुराइ औए बोली - फिर तो तुम ही शुरुवात करो ।
सोनल- क्याह्ह न्हीईई
निशा - अब बस भी कर ना याररर कितना नाटक करेगी , आखिरी बैचलर पार्टी समझ कर इंजॉय कर ना
ये बोलते हुए निशा ने बडे हिसाब से उपर की महँदी खराब ना हो रिसती आइसक्रीम की तरह निचे से उपर की ओर कर के सोनल के फाको पर अपनी जीभ फिराई और सारी मलाई उसके मुह मे
दो बार दाँतो मे जीभ को फिराया और अगली बार गले से सिधा पेट मे ।
सोनल पैर झटक कर रह गयी ।
निशा ने उसकी जान्घे खोलते हुए रिना को आग्रह किया और रिना ने एक बार निशा के जैसे निचे से उपर की ओर अपनी जीभ को नुकीला करते हुए चुत मे धंसाते हुए चाट कर भीतर से मलाई निकाल लाई और चटकारे लिये ।
रीना - उम्म्ंम्ं लाडो रानी , साले नन्दोई की चान्दी हो जायेगी । क्या रसिली बुर मिल रही है उसको
निशा - हा भाभी , जीजा तो किसमत वाला निकला
रीना ने वापस से एक बार फिर सोनल की बुर की गहराई जीभ घुसा कर टटोलकर ढेर सारी रबड़ी निकालती हुई घोट गयी - उम्म्ंम्ं काफी समय बाद ऐसी रसभरी नमकीन चुत मिली
निशा - उम्म्ं भाभी इससे पहले किसका था हिहिहिही
रिना की बात पर सोनल ने भी फूलती सासो के साथ जिज्ञासा दिखाते हुए रिना को ताकने लगी
रीना उसकी बुर मे उंगलिया लगा कर उसको चाटती हुई बोली -अरे वही मेरी कमिनी भाभी
शादी मे मेरी भी ऐसी ही रग्डाई हुई थी और वो मेरे मुह पर बैठ कर अपना भोसडा खुब रगड़ रगड़ कर झड़ी थी मेरे मुह मे
" कैसे भाभी बताओ ना जरा " , निशा ने एक शरारत भरी नजर से सोनल को हस कर देखा
सोनल ने उसको आंख दिखाई
मगर रीना कहा मानने वाली थी आज ,
वो झटके से उठी और अपनी साडी निकाल के ब्लाउज पेतिकोट मे आ गयी ।
फिर अपना पेतिकोट खोलते हुए निचे से पूरी नंगी हो गयी ।
सोनल थुक गटकते हुए पहली बार रिना की तराशे हुए नन्गे जिस्म को निहार रही थी । उसकी चुत की फाके बिल्कुल चिपकी हुई और चिकनी थी ।
सोनल के गले पानी आने लगा मगर वो ऐसे दिखाने लगी कि मानो उसके साथ जबरज्सती हो रही हो ।
सोनल - न्हीईई भभीई प्लिज्ज्ज
रीना - निशा इसके पैर पकड बस , हाथ तो वैसे ही नही चलने वाले
निशा खिलखिलाई और उसने सोनल के पाव पकड लिये
रीना अब अपने दोनो पैर सोनल के चेहरे दोनो ओर करके निशा की ओर अपनी गाड़ करके खडी हो गयी ।
रीना - पता है निशा मेरी भाभी ने सबसे पहले क्या किया था
निशा - क्या भाभी
रीना - उन्होने पहले मुझे अपना भोस्डा सुन्घाया था जिसको मेरे भैया ने खुब चोद चोद के फैलाया हुआ था
ये बोलते हुए रिना सोनल के मुह के ठिक उपर उक्डु होकर बैठ गयी और उसका मुह सामने की ओर था ।
उसने सोनल के बाल पकड़े और उसका सर उठाते हुए उसके नथुने अपनी बुर के पास लाते हुए बोली - सूंघ लो ननद रानी , भौजाई की बुर सुघना अच्छा सगुन है ।
नुकुराती भुनभुनाती पैर झटकती सोनल ने जब रिना की रसाती बुर से आती भीनी खुशबू अपनी नथुनो पर मह्सूस की तो उसकी सासे गहराने लगी और मुह् मे लार बनने लगा
रीना - सच कहू निशा भाभी की चुत सुघने मे अलग ही मजा था
इस पर सोनल ने जवाब दिया - मजा आयेगा ही ना आपको , आपके भैया के लन्ड का पानी जो भरा होता था उसमे ,
रीना सोनल की बात पर सिहरि और उसने सोनल की थूथ पर अपनी बुर के फाके दरते हुए बोली - हा तो इसको चाटो ना , इसमे भी तुम्हारे भैया का पानी भरा हुआ है उह्ह्ह्ह सीईई उम्म्ंम लेहहह उह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह और चुसस्स उम्म्ंम
सोनल ने भी मौके का फाय्दा लेते हुए खुलने लगी और अपने होठ खोलते हुए रीना की रस छोडती बुर को चुबलाना शुरु कर दिया
रीना कस कस के अपनी बुर सोनल के मुह पर रगड़ रही थी - अह्ह्ह सोनल्ल्ल उह्ह्ह और चाट उह्ह्ह उह्ह्ह
निसा से भी रहा नही गया और वो भी अपना लोवर उतारते हुए अपनी नंगी बुर लेके रिना के सामने खडी हो गयी ।
रिना ने बिल्कुल देरी ना करते हुए निशा की चुत पर अपना मुह दे दिया ।
निशा रीना के सर को जोर से अपने बुर मे दबोचने हुए - ऊहह भभीईई और चाटो ऊहह खा जाओ इसको उम्म्ंम सीईई आह्ह्ह उह्ह्ह
वही सोनल निचे से रिना की बुर अपने रगड़कर - आह्ह भाभी क्या मस्त चुत है आपकी , गरमागरम उम्म्ंम्ं उम्म्ंम्ं
रिना - है ना मजेदार , भाभियो की चुत ऐसी ही होती है मेरी जान और लेह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्ं हा ऐसे ही जीभ डाल ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उह्ह्ह हा और नचा अन्दर उम्म्ंम फ़क मीईई फककककक फ्क्क्क्क फ्क्क्क मीईईई
सोनल ने अपनी जीभ को टाइट करके नुकिला कर दिया और रिना उसको अपने भितर लेके उसपे उछलने लगी और सोनल की जीभ उसके चुत के फाको को फैलाती हुई अन्दर बाहर होने लगी
रीना - अह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह माअह्ह्ह ओह्ह फ्क्क्क मीई सोनल्ल्ल उह्ह्ह मै आ रहीईई हुऊ ओह्ह्ह ओह्ह येस्स्स्स येस्स्स
ऐसे ही जोर जोर से चिखती हुई रीना अपनी गाड़ और चुत सोनल के मुह पर रगड़ने लगी और झड़ने लगी ।
इधर निशा ने भी रीना की सिस्कियो को दबाने के लिए एक बार फिर उसके मुह मे अपनी चुत मे लगा दिया और जल्द ही उसके पाव भी लड़खडाने लगे
वो जल्दी से रीना से अलग हुई और रीना को सोनल के उपर से हटाने लगी
ना रिना को और ना ही सोनल को कुछ समझ आ रहा था
तभी निशा सोनल के उपर आकर घोड़ी बनती हुई 69 पोजीशन मे आ गयी और तेजी से सोनल के मुह के ठिक उपर अपनी चुत रगड़ने लगी ।
इस नये रोमांच ने निशा को इत्ना गर्म कर दिया था वो तेजी से दो उंगलिया अप्नी बुर मे पेलते हुए अपनी बुर के फाको को जोर से कसे हुए रखा और सोनल भी उसके गाड़ को सहलाए जा रही थी
निशा फच्फच अपनी तेज उंगलियाँ तेजो मे अपनी बुर मे पेले जा रही थी और उसके चेहरा भिचा हुआ लाल था हाथ दर्द हो रहे थे नथुने फुले हुए थे
मगर वो ना रुकी तेजी से अपनी बुर मे अपनी ऊंगलियां पेलती रही - ईईईयिया हहहहहह उह्ह्ह्ब उह्ह्ह फ्क्क्क्क फ्क्क्क फ्क्क्क।ईईईई उह्ह्ह्ह उह्ह्ह अह्ह्हा हहह सोनल्ल्ल्ल मुह खोल्ल्ल्ल्ल ओह्ह्ह्ह
और अचानक से झटके से अपनी उंगलिया बाहर खिंच कर आगे कोहनियों के बल झुक गयी और भलभ्ला कर ढेर सारा सोमरस उसकी बुर से गिरने लगा , सोनल ने फौरन उस्के कुल्हे थामते हुए अपना मुह खोल दिया ।
और निशा की चुत से सारा का सारा झटके दर झटके सोनल मे मुह भरने लगा , फिर सोनल ने उसको जमकर उसकी चुत साफ की ।
रीना के लिये ताज्जुब की बात था , निशा को जितना समझ पा रही थी वो उससे कही आगे की थी । वही सोनल का धीरे धीरे खुलना उसे कुछ उलझा भी रहा था ।
मगर जो भी था तीनो के लिए बहुत मजेदार था और ये पल उन्हे और करीब ले आया था ।
उनकी दोस्ती अब और मजबूत हो गयी थी ।
जल्द वो लोग बाते करते हुए सो गये ।
अमन के घर
गेस्ट रूम के दोनो छोरो पर भोला और ममता खडे थे ।
भोला का चेहरा जहा बुरी तरह उखड़ा हुआ था और वही ममता उसकी स्थिति पर मुस्कुरा रही थी ।
वो इठलाती हुई भोला की आंखो मे निहारते हुए उसके पास आई और उसका एक हाथ सूट के निचे था । जिसपर भोला का जरा भी ध्यान नही था ।
ममता ने हौले से भोला के फुले हुए गालो को सहलाया और मुस्कुराते हुए - बोली इसको लेते आना
फिर वो बाल्किनी की ओर आगे बढ़ दी ।
भोला को पहले कुछ समझ नही आया और जब उसने निचे फर्श पर देखा तो ममता अपना सलवार वही भोला के पैरो के पास उतार चुकी थी और कमर के निचे पूरी नंगी थी ।
भोला ने जैसे ममता की ओर देखा , सूट मे उसकी फैली हुई गाड़ गजब के हिल्कोरे खा रही थी , पल भर मे ही उसका सोया लन्ड फौलादी हो गया । वो चहक कर ममता की सलवार को उठाया और उसको सूंघता हुआ ममता के पीछे हो लिया ।
भोला आगे बढ़ कर गैलरी का दरवाजा बाहर से बन्द कर दिया । सामने बाल्किनी की रेलिंग पर ममता आगे झुकी हुई थी । चंदनी रात मे हल्की ठंडी हवा उसके चेहरे को छू रही थी और उसका सूट हिल रहा था ।
सामने सैकड़ो बिघो मे फैला हुआ सिवान था , जी हा दोनो की योजनानुसार ये घर के सामने वाली बालिकिनी नही बल्कि पिछवाड़े की बालिकीनि पर मिलने की योजना थी ।
भोला ने आगे बढ कर ममता को पीछे से हग करते हुए - कितना टाईम लेती हो उम्म्ंम
ममता भोला के स्पर्श से कसमसाइ - वो जरा अमन से शादी के लिए बाते होने लगी थी उम्म्ंम सीईई
अमन का नाम आते ही भोला को शाम की घटना याद आई जब उसकी योजना विफल हुई थी और अमन ने अपनी मा की गाड़ देख ली थी ।
ममता उसको चुप पाकर - क्या हुआ बोलो ,
भोला ममता के कन्धे को चुमत हुआ - कुछ नही ।
ममता - तो क्यू बुलाया मुझे यहा , इतनी रात और ऐसे
भोला - क्यू तुम्हे नही पता तुम यहा क्यू आई हो
ममता - उहू
भोला अपना मुसल उसकी चर्बीदार गाड़ पर दरता हुआ - अच्छा सच मे
ममता - हम्म्म्म हिहिहिही
भोला - वैसे मुझे लगा नही था तुम ऐसे एकदम से मान जाओगी
ममता - इतने सालो से मौके तालाश रहे थे सब मै जानती हु ।
भोला - ओहो फिर तब क्यू नही आई
ममता - तब आपने पूछा ही नही हिहिहिही
भोला ने उसकी मोटी चुचिया मसलता हुआ - वो तो मै इस बार भी नही पुछ पाता अगर वो लिखने वाला संजोग ना बनता
ममता खिलखिलाई - फिर तो मेरा अहसान मानो कि मैने देवर जी के बजाय आपको बुलाया था हिहिहिही
" ओहो तो यानी कि आपको भी मेरी किसी चीज ने ही मोह लिया था , कही ये तो नही " , भोला ने अपना कड़ा मुसल उसकी गाड की दरखतो मे सूट के उपर से भेदते हुए कहा ।
ममता - धत्त, हा मोह तो लिया था मगर वो नही
भोला - फिर ?
ममता - बस आपकी शायरी ने हिहिहिही आपको पता है आज तक किसी ने मुझसे ऐसे बात नही को थी ।
भोला - क्यू सालेसाहब रोमांटिक नही है क्या
ममता हस के - उन्हे उसका एबीसीडी भी नही पता , वो तो बस एक ही काम जानते है
भोला हस - क्या ?
ममता शर्माई - धत्त , चुप रहो ।
ना जाने क्यू भोला से होती बाते ममता को अमन की याद दिला देती है और उसको समूच का याद आता है ।
ममता - अच्छा एक बात पूछे
भोला - हा बोलो ना
ममता - आपको समूच आता है वो होठो वाली चुम्मी करना
भोला - हम्म्म आता है
ममता का दिल एकदम से खुश हो गया - सच मे
भोला ने उसको कस के पकड कर - हा मेरी जान, करना है
ममता - हमे सिखाओगे आप
भोला - हा क्यू नही इधर आओ
भोला ने ममता को अपने पास किया और फिर उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी ओर खिंच लिया ।
ममता एकदम से उसके करीब थी
भोला - अब अपने हाथ मेरे पीठ पर ले जाओ
ममता ने वैसा ही किया ।
भोला - समूच मे दो होठो के बीच एक होठ रख कर उन्हे दोनो लोगो द्वारा चुबलाया जाता है । जितना धीरे और रस लेके करोगे उतना ही मजा आयेगा , रेडी
ममता ने हा मे सर हिलाया और भोला के करीब गयि ।
भोला ने ममता के दोनो होठ के बीच अपना निचला होठ रख कर उसके उपरी होठ चुबलाने लगा
ममता को लगा भोला उलटा कर रहा है वो अलग होकर
अरे आप उपर वाला क्यू चुबला रहे हो निचे वाला ना करते है
भोला हस कर - नही ऐसा कुछ भी नही है , समूच मे बारी बारि से कभी उपर तो कभी निचे के होठ चुबलाये जाते है , आओ शुरु करो
एक बार फिर दोनो के होठ कस गये और भोला ने उसके गुलाब से मुलायम उपरी होठ चुबलाने लगा और ममता ने भी उसके नीचले होठ चुसने लगी ।
भोला - उहू तेजी से नही एकदम धीरे धीरे
ममता ने हुन्कारि भरी और वापस से किसिन्ग शुरु हुई।
इस्बार धीरे धीरे 2 मिंट गुजरे और ममता को मजा आने लगा वो होठ बदल के चुसने लगी ।
धीरे धीरे भोला के हाथ ममता की कमर से सरक कर उसकी चुतड़ प सूट के उपर से रेंगने लगे ।
अपनी गाड़ पर भोला के पंजे रेंगते पाकर ममता की सासे अटकी और उसकी किस्सिंग रुक गयी तो भोला ने होठ खिच कर उसे जारी करने का इशारा किया ।
ममता वापस से आंख बन्द कर उस गहरे चुम्बन को फील करने लगी , भोला ने धीरे धीरे उसकी सूट को उपर करके उसकी नंगी गाड़ को सहलाने लगा और अपने पंजे से फैलाने लगा ।
करीब 7 मिंट बाद ममता ने चुंबन तोड़ा और हाफने लगी ।
दोनो एक दुसरे को देख कर हाफ रहे थे और मुस्कुरा रहे थे ।
भोला - क्यू मजा आया ।
ममता - हम्म्म
भोला - और करना है
ममता - अभी रुक कर
फिर वो बाल्किनी से लग कर ठंडी हवा खाने लगी और भोला उसके पास खड़ा होकर उसकी नंगी गाड़ पर हाथ घुमा रहा था ।
ममता मुस्कुरा कर उसके हाथ को इशारे कर - आप ये करना बन्द नही करेंगे ना
भोला - तो आई यहा किस लिये हो उम्म्ंम
ममता मुस्कुरा कर - नही पता मुझे , बस चली आई
भोला अचरज से - मै कुछ समझा नही ।
ममता - पता नही उस टाईम आप फोन पे बिना मेरी बात सुने काट दिये और मुझे लगा कि कही आप नाराज ना हो जाओ बस इसीलिए मै वहा कमरे मे खोलकर खडी थी ।
भोला - तो क्या तुम्हे वो सब नही करना जो हम फोन पे बाते कर रहे थे
ममता - पता नही ,
भोला - पता नही ? ये कैसा जवाब ?
ममता - हा उस समय आपकी बाते मुझे खिंच रही थी , क्योकि इन्ही सब पलो के लिए मै तरसी हु । मेरे पति बहुत सीधे और साधारण है । ऐसा नही है कि वो मुझे प्रेम नही करते । वो बहुत ज्यादा चाहते है मगर उनका प्यार जताने का तरीका बहुत सहज है । मुझे जो चाहिये वो मुझे कभी मिला नही । वो कभी मेरी तारिफ नही करते जैसे आज आपने की थी ।
भोला बहुत गम्भीर होकर उसकी बाते सुन रहा था ।
ममता ने अपनी बात आगे बढ़ाई- मै सच मे इनसब पलो के लिए तरसी हु । मुझे नही पता क्या मुझे यहा खिच लाया शायद मै जो खोज रही थी वो आपका ये साथ था । ये बाते ये नयी चीजे जो आपने सिखाई ।
ममता - देखीये मुझे सच मे नही पता कि मै यहा ऐसे आपके सामने बिना कपड़ो के क्यू हु । मुझे आपसे कोई शर्म भी नही हो रही है , एक दोस्ताना सा फील हो रहा है आपके साथ कि आप मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ कुछ भी नही करोगे ।
भोला - मै कुछ समझ नही पा रहा हु भाभी
ममता - औरत को समझ पाना आसान नही है नंदोई जी , आप औरत के इस रूप की कल्पना भी नही कर पाये होंगे है ना
भोला अटकते हुए स्वर मे - ह हा !!
ममता मुस्कुरा कर - हर औरत को एक दोस्त चाहिये होता है । शादी के बाद इस घर मे मेरे अतिरिक्त सब मर्द ही थे ।
देवर जी अपनी ड्यूटी मे फ्से रह गये और अमन अपनी पढ़ाई मे , इनको भी मेरे लिए उतना टाईम नही मिला तो मै बहुत लम्बे अरसे से अकेली हु बस मुझे एक दोस्त चाहिये । जिससे मै खुल कर बाते कर सकू और कभी कभी रोमैंस भी हिहिहिही
भोला मुस्कुरा कर - आपने इतनी खुबसूरती से मेरा सारा जोश उतार दिया , यहा तक अब मेरा वो भी सोने लगा
ममता खिलखिलाई - सॉरी हिहिहिही
भोला - तो यानी कि आप अपने पति के लिए वफादार ही है
ममता - हम्म्म कह सकते है अगर किसी गैर मर्द से सिर्फ़ सेक्स ना करने औरत वफादार मानी जाती है तो मै हु हिहिहिही
भोला - यार आप उलझा रहे हो हमको
ममता हस कर - आप औरतो को समझिये मत बस सुन लिजिए । वो अपनी उलझन खुद सुलझा लेती है बस कोई उनकी बाते चुप चाप सुन ले ।
भोला - हम्म्म ठिक है तो आगे ब्तायिये
ममता - फिलहाल तो कुछ ऐसी बात नही है हा अब दोस्ती हुई तो ना आप मुझसे कुछ छिपाना ना मै आपसे
भोला - हा ठिक है
ममता हस के - तो ये बताओ दीदी के बाद मै पहली थी जिस्पे ट्राई कर रहे थे या कोई और भी थी ।
भोला ह्स कर - आप मेरा पेशा जानती ही हो और कभी कभी कलाईन्ट से डील फाइनल करवाने के लिए उनको लालच के नाम पर कुछ महिलाओ की मदद लेनी पड़ती है । आप समझ रही है ना
ममता - हम्म्म
भोला - हम्म तो कभी कभी आउट ऑफ टाउन जाना होता है तो उन्ही मे से किसी एक के साथ मै भी
ममता - ओह और दीदी जानती है ये सब
भोला - हम्म्म मैने कुछ भी नही छिपाया कभी भी , यहा तक कि
ममता - क्या ?
भोला - देखीये आपसे दोस्ती है इसीलिए आपको बता रहा हु , बात दो तीन साल पुरानी है । आप वादा करिये भाईसाहब या किसी से इसका जिक्र नही करेंगी
ममता - दोस्ती की है तो भरोसा करिये हिहिही नही बोलूंगी पक्का वाला वादा
भोला हिचक के - दरअसल कुछ साल पहले मेरे एक सप्लायर मे मुझे ओरिजिनल ब्रांड के नकली दवाए भेज दी और जब मैने वो डील की तो भारी नुकसान उठाना पड़ा मुझे । पुलिस केश का पंगा भी झेलना पडा
ममता ताजुब करती हुई - फिर
भोला - फिर मैने मेरे बॉस से बात की , सिर्फ वही थे जो मुझे उस नर्क से निकाल सकते थे । उनकी वाइफ को मरे काफी साल हो गये थे । पहले भी अकसर वो हमारे घर आया करते थे मगर तब उनकी नियत पर कोई ऐसी बात नही थी । मगर मज्बुर का फायदा कौन नही लेता ।
ममता का सिना जोरो से धडक रहा था इस डर मे कही वो जो सोच रही है वो सच तो नही हो जायेगा - फिर
भोला - बस ऐसे ही एक शाम वो आये हमने डील को लेके बात की । फिर वो उठ कर चले गये । थोड़ी देर बाद उनका ड्राईवर आया और संगीता को लेके बाहर गया ।
मैने देखा तो बॉस संगीता से कुछ बाते कर रहे थे और फिर वो जब वापस आई तो उसने मुझे कुछ नही बताया । बार बार जोर देने पे बोली कि सर ने कहा है कि परेशान होने की जरुरत नही है सब सही हो जायेगा ।
फिर कुछ ही दिन बाद उसने रिंकि को उसकी मौसी के यहा भेज दिया ।
फिर एक दिन मुझे एक डील के लिए थोडा दुर जाने का आदेश हुआ और मैने अगले दिन ही आ पाता ।
संजोग से जिस डील के लिए बॉस ने मुझे भेजा था वो क्लाइंट मेरा मित्र निकला और रास्ते मे फोन पर ही डील फाइनल हो गयी ।
मै आधे रास्ते ही वापस आ गया । मुझे याद उस रात जोर की बारिश हो रही थी ।
मै घर आया तो देखा बॉस की गाड़ी खड़ी है । मुझे समझ नही आया , क्योकि इस बारे मे ना संगीता ने मुझे बताया ना बॉस ने कि वो घर आने वाले थे ।
मेरे पास घर की चाभी थी तो मै अन्दर गया , संगीता को आवाज दी मगर बाहर तेज बारिश की तड़तड़ और बादलो के शोर मे मेरी आवाज दबी हुई थी ।
मैने देखा हाल के टेबल पर मेरी ही फ़ाईल रखी हुई थी जिसे मैने बॉस को दी थी । उसने लिखा था कि क्लाइंट ने केस वापस ले लिया है । मै बहुत खुश हुआ । मगर खुशी में मेरी बिवी कही नही दिखी ।
फिर मै जीने से होकर उपर गया और मुझे मेरे कमरे का दरवाजा खुला हुआ मिला ।
भोला के शब्दो के साथ साथ ममता की सासे भी भारी होती जा रही थी ।
भोला - फिर मैने जैसे ही भीतर मेरे पाव जमीन मे जम गये ,
मेरा बॉस मेरी बीवी की गाड़ मे अपना मोटा लन्ड घुसेड़ कर उसके बाल खींचता बड़ी बेरहमी से उसको चोद रहा था और मेरी संगीता आहे भर रही थी ।
ममता - क्याआ??
भोला - हा और जब मैने उसके सामने गया तो वो उदास चेहरे के साथ यही बोली कि यही एक चारा था आपको बचाने का
मैने अपना माथ पिट लिया , उसने मेरे लिये अपना सतित्व भी त्याग दिया ।
कुछ महीने के बाद मेरा प्रोमोशन हो गया मेरे बॉस के पोस्ट पर और मेरे बॉस का ट्रांसफर हो गया ।
बाद मे मैने जब फ़ाईल देखी तो पता चला जिस केश के लिए मेरी बीवी ने बलिदान किया था वो सारा षड़यंत्र मेरे बॉस ने रचा था , उसने ये सब सिर्फ मेरे साथ ही नही बल्कि और भी कई स्टाफ के साथ किया था ।
मगर अब भी मै कुछ नही कर सकता था और मैने ये बात संगीता को भी नही बताई नही तो वो टूट जाती ।
ममता एक गहरी सास लेते हुए - ऊहह क्या बात है फिर तो आपको उनसे कुछ भी नही छिपाना चाहिये
भोला - मै छिपाता भी नही , यहा तक उसे पता होता है मै किसी औरत के साथ हु
ममता - सच मे और वो नाराज नही होती हिहिही
भोला - नही लेकिन बदला जरुर लेती है मुझसे
ममता - कैसा बदला ?
भोला - उसके बाद जब भी मै घर आता हु तो मेरी सजा होती है कि उसे 3 से 4 राउंड हिहिहिही
ममता - हिहिहिही फिर ये सजा कहा हुई । अच्छा तो क्या मेरे बारे मे भी बता दिये
भोला हस के - नही अभी कहा , हा वो जब आप और मै कमरे मे थे तो जरुर पुछि थी
ममता - क्या ?
भोला - यही कि कही सलहज को चोद तो नही ना रहे थे
ममता - तो आप क्या बोले हिहिहिही
भोला - मै बोला इतनी जल्दी मे कैसे कुछ हो पाएगा , उसके लिए तो पूरी रात ल्गेगि ना
ममता शर्मा कर - धत्त , अरे बोल देते ना क़्विकी था हिहिहिही
भोला - हा लेकिन मेरा क़्विकी नही होता ना
ममता - ओहो सच मे , वैसे कितना टाईमिंग है आपका हिहुहिही
भोला - वो तो इस पर निर्भर करता है ना कि जगह कितनी खुली है और कितनी कसी हुई
ममता अपने होठ दबा कर हस्ते हुए - हम्म्म ये भी सही है
ममता - अच्छा दीदी का फेवरिट पोजिसन क्या है
भोला - डॉगी वो भी बैक एन्ट्री
ममता - वाह गजब
भोला - और आपका
ममता खिलखिलाई - कभी कभी वो अगर मूड मे आ गये तो डॉगी नही तो हमेशा मै ही निचे होती हु हिहिहिहू
भोला - अरे मै भाईसाहब का नही आपका पुछ रहा हु
ममता - मेरी ख्वाईश है कि एक बार मै उन्के उपर आऊ हिहिहिही मगर उनकी सासे फुलने लगती है कहते है बहुत भारी हु हिहिहिही
भोला उसकी गाड़ पे दुबारा से हाथ घुमात हुआ - वैसे भारी तो हो ही आप
भोला की बात पर ममता हसी - धत्त
ममता - अच्छा ये बताओ क्या उसके बाद भी दीदी किसी और से उम्म्ं
भोला - क्यू पुछ रहे हो
ममता - अरे यार मेरी नन्द है पता तो चले कितनी छिनार है हिहिहिही
भोला - प्रोमोशन के बाद कभी ऐसी नौबत नही आई , हा एक बार रिंकि के एडमिशन के लिए दिक्कत हुई थी । इसने ट्रस्टी के बेटे पर डोरे डाले और उसे घर बुलाया । मगर वो बहुत सिधा निकला ।
ममता हसी - ओह्ह जवाँ लन्ड का सपना टुट गया बेचारी का हिहिहिही
भोला - हम्म्म ऐसा ही कुछ समझो , मैने उसे कई बार परखा है वो भी नये टेस्ट के लिए आतुर है मगर डरती है बहुत है कही बदनामी ना हो जाये ।
ममता - हम्म ये भी सही बात है , ऐसी बात है तो घर मे ही ट्राई कर ले , एक भैया उन्के जनमजात कुवारे है हिहिहिही
भोला ठहाका लगा कर हसा - अरे हा यार मुझे तो मदन भाई का कुछ समझ नही आया कि क्यू वो शादी नही किये । यार किसी बीवी और सेक्स नही चाहिये
ममता हसने लगी
भोला - बोलो यार
ममता - अरे उनकी कहानी अलग है । उनकी प्रेमिका थी क्योकि उसका बाप इनसे शादी इसीलिए नही करवाया क्योकि ये आर्मी मे थे कही जान ना नही चली जाये औए बेटी बिधवा ना हो जाये इसी डर से उसकी शादी कही और हो गयी । तबसे इन्होने कही की ही नही ।
भोला - हम्म्म लेकिन फिर मर्द बिना चुत के रह नही पाता
ममता - क्या पता इनका बाहर कही चलता हो पार्ट टाईम हिहिहिही
भोला - अच्छा तो इन्होने आपपर कभी ट्राई नही किया
ममता हस के - धत्त कैसी बात करते है आप
भोला उसकी चरबीदार गाड़ की फैलाता हुआ - अरे घर मे इतनी गदराआई माल हो और किसी का लन्ड खड़ा ना हो ।ऐसे कैसे ?
ममता - हा तो घर मे वही बस थोडी ना है अमन भी है तो क्या वो भी ?
अमन की बात आते भोला के जहन मे वो विचार कौधा कि अब उसे अमन वाली बात बता ही देनी चाहिए ।
ममता - क्या हुआ चुप क्यू है ?
भोला - दरअसल मुझे तुमसे कुछ बताना है ? अमन के बारे मे
ममता - हा कहिये क्या बात है
भोला - दरअसल जब मैने शाम को तुम्हे सलवार खोलकर खडी रहने को बोला था तो
ममता - हा तो
फिर भोला ना सारी बात डीटटो बता दी जिसके बाद ममता शान्त हो गयी उसके जहन मे काफी सारे बाते चल रही थी ।
भोला - देखीये इसमे उसकी कोई गलती नही है , बस हमारी नादानी थी ।
ममता - अरे आप क्यू परेशान हो रहे है , कोई बात नही हो जाता है ये सब
ममता - चलिये अब सोया जाये समय बहुत हुआ है
भोला - हा अभी नीद कहा आने वाली है , आपने निराश कर दिया
ममता बाल्किनी मे झुकती हुई अपनी गाड़ फैला दी - अच्छा ठिक है लिजिए कर लिजिए नाराज ना होवो आप
भोला की सासे चढ़ने लगी उसने अपना मुसल निकाला और थुक लगा कर नाइस ममता के बुर पर रखा था और रुक गया ।
ममता - क्या हुआ
भोला - नही ये उचित नही लग रहा है , आप बस मेरी खुशी के लिए कर रही है , इसमे आपकी मर्जी नही है । मुझे खुशी होती जब आप इसे पकड कर खुद लेती ।
ममता मुस्कुरा कर - ठिक है मै वो भी करूंगी लेकिन एक शर्त है
भोला चहका - क्या ?
ममता - आपको देवर जी के लिए कोई औरत खोजिये जो रिझाने मे माहिर हो और देवर जी उसको मना ना कर पाये । अगर आपने उनके लिए ये कर दिया तो मै खुशी खुशी आपकी हुई ।
भोला - फिर ये काम एक ही औरत कर सकती है , संगीता
ममता चौक कर - क्या दीदी ??
भोला - हा वही एक कर सकती है और मुझे यकीन है उसके आग्रह को मदन भाई नही ठुकरा पायेंगे ।
ममता - मगर क्या ये सही रहेगा , वो दोनो सगे भाई बहन है । हसी मजाक एक है लेकिन
भोला - वैसे रिश्ता तो हमारा आपका भी बहुत खास है मगर हम भी बहके ना
ममता - लेकिन क्या दीदी मानेगी इसके लिये
भोला - वो तुम मुझपे छोड दो , डील डन करे फिर
ममता हस के - ओके डन
ममता - हा और एक बात हमारी इस दोस्ती के बारे मे आप दीदी को भी नही बतायेंगे प्रोमिस
भोला - प्रोमिस , तो समुच हो जाये
ममता - हा क्यू नही हिहिहिही
फिर ममता और भोला के क़्विकी किस्स किया और ममता कपडे पहन के निकल गयी निचे ।
भोला भी अपने कमरे मे चला गया , जहा उसकी बीवी अभी तक उसके आने का वेट कर रही थी ।
जारी रहेगी
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट हैUPDATE 183 A
अमन के घर
ममता से मुलाकात के बाद भोला अपना मुसल सही करता हुआ अपना लैपटॉप लेके कमरे मे आया ।
कमरे मे आहट पाते ही संगीता उठ कर बैठ गयि ।
भोला मुस्कुरा कर - अरे अभी तुम सोई नही
संगीता ने मुस्कुरा कर - आपके बिना कैसे सो जाती
भोला उसके पास आकर गालो को चुमता हुआ उसका हाथ पकड कर अपने लन्ड पर रखता हुआ - मेरे बिना या इसके बिना
संगीता चिहुकी - धत्त क्या आप भी , रिंकि यही पर है ।
रिंकि जो कि बेड के किनारे पर दुसरी करवट लेके लेटी हुई थी - हा पापा और मै सोई भी नही हु
रिंकि की बात सुनकर संगीता हस दी और उसको डांटती हुई - तु अब तक क्यू जाग रही है ।
रिंकि - आज दिन मे सो गयी थी ना तो नीद नही आ रही है ।
संगीता अचरज से - तु कब से दिन मे सोने लगी भइ
रिंकि - आप लोग देर रात तक रोमान्स करते हो और मेरी नीद खराब होगी ही ना
रिंकि की बात सुनते ही संगीता और भोला की आंखे फैल गयी और दोनो मुस्कुरा उठे ।
संगीता झिझकते हुए स्वर मे - तो क्या तु कल रात ?
रिंकि - हम्म्म्म लेकिन पापा आप मम्मी को गाली क्यू देते हो ? बैड मैनर्स ना !!
भोला हसता हुआ बेजवाब हो गया था कि वो इसपे क्या बोले ।
संगीता - चुप कर बहुत आदत बिगड़ गयी है तेरी ,कहा क्या बोलना है कहा नही ये नही समझ तुझे
संगीता ने मामले को दबाने के झूठे गुस्से का सहारा लिया तो रिंकि घूमकर - अब इसमे मेरी क्या गलती ? आप लोग इतना शोर करके क्यू करते हो वो सब । चुप चाप करते तो मेरी नीद नही खुलती ना ?
रिंकि की बात पर भोला और संगीता का चेहरा शर्म से लाल हो गया कि उनकी बेटी उनके सामने कैसी बाते कर रही है ।
भोला उतरे हुए चेहरे के साथ - बेटा सॉरी मुझे लगा कि तु कल सो गयी थी
रिन्की को अपने पापा का यू उदास होना पसंद नही आया
रिंकि - अरे पापा आप सॉरी क्यू बोल रहे है , आप लोग कुछ गलत थोड़ी ना कर रहे थे हिहिहिही बस आप मम्मी को गाली ना दिया करो
रिंकि की बात पर संगीता भोला को देख कर मुस्कराने लगी ।
भोला - हम्म लेकिन तुझे ये सब कैसे पता उम्म
रिंकि - क्या पापा भूल गये मै बायो से हु हिहिहिही आपसे ज्यादा ही जानती हु और मम्मी आप भी थोडा hygenic किया करो ये सब
संगीता शर्माकर हसती हुई - तु पहले अपने दाँत साफ किया कर , मुझे पता है कैसे सफाई रखनी है कैसे नही
रिंकि - छीईई आपको बिलकुल भी साफ सफाई नही रखनी आती , देखा मैने कल पापा जब आपको एनल कर रहे थे तो उसके बाद आपने ब्लोजॉब किया उनको
संगीता और भोला दोनो अचरज से रिंकि की बात पर अटके और समझने की कोसिस करने लगे ।
संगीता - क्या कर रहे थे हम लोग
रिंकि हस कर - अरे ऐनल , वोह्ह हिहिहिही जो पिछवाड़े मे करते है ना और फिर पापा ने वहा से निकालकर आपको चुसने को दे दिया छीईई यक्क कितना गन्दा होता है वो
रिंकि की बाते सुनकर संगीता और भोला दोनो बुरी तरह से झेप गये । उन्हे यकीन नही था कि उनकी बेटी ने उन्हे कैसे कैसे पोजीशन मे सेक्स करते हुए देखा था
उन्हे समझ नही आ रहा था कि अपनी नादान लाडली को कैसे समझाए जिसे वो गंदा बोल रही है सेक्स मे वो सब मोमेंट कितने उत्तेजक होते है
भोला हस कर - अरे ऐसी बात नही है बेटा, उसके लिये लोग बहुत साफ सफाई रखते है पहले से ही
संगीता - हा बेटा और उससे कोई नुकसान नही होता है बल्कि ...।
रिंकि हसकर - तो आप दोनो फेवरिट है ये सब, हिहिहिही कोई नही आप लोग कर सकते हो
भोला - गुड बच्चा , चल सो जा अब
रिंकि हस कर - ठिक है लेकिन आप लोग प्लीज ज्यादा शोर मत करना हिहिहिही
संगीता - चल सो जा अब दादी अम्मा मत बन , आओ जी आप भी सो जाओ सुबह मुझे और भाभी को पानी लेने कुएँ पर जाना है ।
भोला ने इशारे से अपनी लण्ड की ओर दिखाया तो संगीता ने रिंकि की ओर इशारा करके ना मे सर हिलाया
भोला उसके कान मे - बाहर चलते है ना बाल्किनी मे पीछे
संगीता ने हामी भर दी -
बेटा तु सो जा हम अभी आते है
रिंकि - क्या मम्मा आप लोग बाहर क्यू जा रहे हो , मैने बोला ना कर सकते हो ।
भोला कसमसाकर - क्या कह रही हो संगीता
संगीता थोडा शर्माती हुई - धत्त चलो सो जाओ , हा नही तो ।
रिंकि - क्या मम्मा शर्मा क्यू रहे हो एन्जॉय करो ना
संगीता असहज होती हुई
नजरे उठा कर भोला को देखा और पुछा क्या किया जाये तो उसने अपना मुसल मसलकर आगे बढ़ने को कहा ।
संगीता - चल तु उधर मुह कर और इधर देखना मत
रिंकि ने चहह्क कर हस्ते हुए गरदन घुमा ली और वही भोला ने अपना मुसल चढ़ढे से निकाल कर संगीता के मुह मे दे दिया ।
सन्गिता ने उसको झुक कर चुसना शुरु कर दिया ।
आज बेटी के सामने अपनी बीवी से लन्ड चुसवाने का मजा अलग ही था भोला के लिए
रोज के मुकाबले आज उसका मुसल बहुत मोटा हुआ था ।
संगीता की लपल्पाती जीभ के स्पर्श ने भोला के सिसकिया शुरु कर दी ।
वही रिंकि भी अपने पापा की सिस्किया सुन कर अपनी हसी दबा रही थी ।
भोला - आह्ह संगीता उह्ह्ह और च्जुस्स्स उम्म्ंम्ं सीईईई
संगीता समझ रही थी कि भोला थोडा नाटक कर रहा है इसीलिए वो उसके जांघो पर चपट लगाते हुए उसे चुप रहने का इशारा करती है ।
फिर वो अपनी साडी उपर कर बिस्तर के किनारे जान्घे खोल कर लेट जाती है ।
भोला वही निचे खडे खडे ही संगीता की चुत पर अपना मुह लगा कर उसको चुसने लगता है और संगीता की सिस्किया शुरु हो जाती है ।
अपनी मम्मी की तेज सिस्किया सुनकर रिंकि - ओहो मम्मी धीरे धीरे बोलो ना
संगीता खीझ कर - चुप कर कमिनी तू अह्ह्ह सीईई उम्म्ं माअह्ह्ह और चाटो ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम खा जाओ मेरी बुर को उम्म्ंम ऐसे ही ओह्ह्ह रिंकि के पापा उह्ह्ह और चुसोउह्ज्ज
अपनी मा की मादक आवाजे और पापा के बुर चुसाई की तारिफ ने रिंकि की चुत के दाने पर खुजली सी कर दी थी ।
भोला भी संगीता की बुर मे अपनी थूथ रगड़ कर चाट रहा था - ओहहह संगीता तेरी चुत बहुत रसिली है उह्ह्ह उम्म्ं उम्म्ंम्ं सुउउर्रृऊऊओप्प आह्ह
संगीता - अब डाल दो ना मेरे राजा , घुसाओ ना अपना मोटा बास
इधर दोनो मिया बीवी पुरे जोश मे थे तो रिंकि अपनी मा के संवादो पर हसे जा रही थी कि उसकी मा लन्ड छोड़ उसको हर तरह के नाम से बुला रही है ।
भोला खड़ा होकर अपना मुसल संगीता की बुर पर रगड़ने लगता है - बोलो जान चाहिये क्याह्ह्ह उम्म्ं
संगीता - हा रिन्की के पाप दो नह्ह्ह उह्ह्ह घुसाओ ना प्लीज उह्ह्ह
भोला - क्या चाहिये मेरी रानी कोह्ह उम्म्ंम
संगीता अपनी बुर मलती हुई - आअह्ह्ह येहीईई ऊहह प्लीज डालो ना
भोला वापस अपना सुपाड़ा उसके चुत के दाने पर रगड़ता हुआ - पहले बोलो ना क्या चाहिये उह्ह्ह
संगीता बार बार उसको रिंकि की ओर इशारा कर रही थी ।
भोला नही मानने वाला था तो ऐसे मे सन्गीता ने ही हदे पार कर दी और तेजी से अपनी गाड़ उचकाती हुई - आह्ह बहनचोद लन्ड डाल ना उह्ह्ह
रिंकि की चौकी और फौरन घुम कर अपनी मा की ओर देखा
सामने भोला भी जोश मे था और उसने भी लन्ड को मजबूती से एक ही झटके मे उसकी चुत मे उतारते हुए बोली - आह्ह क्या बोली मादरचोद उह्ह्ह फिर से बोल
संगीता - सुना नही क्या बोली मै बहिनचोद है तु अह्ह्ह उह्ह्ह और पेलो मुझे उह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं फास्ट फास्ट उम्म्ंम
भोला - अच्छा ये लेअह्ह्ह ऊहह और लेह्ह्ह उम्म्ंम क्या गर्म चुत है तेरी जान ओह्ह्ह सीईई किसके लिए इतनी गर्म कर रखा है ऊहह
संगीता - आपके लिये ही तो है मेरे राजा यहा और किसके लिये गर्म होउन्गी उह्ह्ह
भोला जोश मे - क्यू है ना तेरा बहिनचोद भैया , उसका नाम आते ही तेरी बुर और फैल जाती है देख कैसे रस छोड रही है उह्ह्ह साली तु सच मे चुदना चाहती है ना उससे उम्म्ं
रिंकि को यकीन नही हो रहा था कि उसके मम्मी पापा बेखौफ़ होकर ना जाने क्या क्या बाते किये जा रहे थे ।
सन्गिता - हा ले लूंगी तोह्ह्ह क्या कर लेगा उह्ह्ह साले तू जब नही चोदेगा कसके त किसी ना किसी का लूंगी ही ना
भोला - जा लेले ना मदन का लन्ड , बास जैसा है फ़ाड देगा तेरी उह्ह्ह
संगीता - उसके लिए तो आपकी बहिन का भोस्डा लगेगा उसने घुसेगा तो मजा आयेगा अह्ह्ह अह्ह्ह ऊहह मेरे राआज्जाआ मै आ रही हुउउउऊ पेलो नाह्ह
भोला - बोल पहले लेगी ना अपने भैया का लन्ड, घुसायेगी ना अपने बुर मे उह्ह्ह बोल साली रन्डी बोल ना माधरचोद उह्ह्ह
संगीता - हा मेरे राजा ले लूंगी उह्ह्ह जिसका कहोगे लूंगी अह्ह्ह पेलो नाह्ह्ब उह्ह्ह फक्क फ्क्क्क मीई ओफ्फ्फ येस्स्स्स चोद ना बहिनचोद अह्ह्ह
भोला भी संगीता की बाते सुनकर जोर जोर से उसते पेलता हुआ उसकी बुर मे झड़ने लगा और फिर उसके उपर ही गिर गया ।
कुछ देर बाद जब दोनो की सासे बराबर हुई तो रिंकि उन्हे ही देख रही थी ।
दोनो लाज के मारे हस दिये ।
मगर रिंकि का चेहरा
सीरियस था - ये सब क्या मम्मी पापा
भोला - बेटा तु इसपे ध्यान ना दे , वो बस हम लोग जोश जोश मे बोलते है हमारा इरादा गलत नही होता
संगिता - हा बच्चा , तु ये सब मत सोच ठिक है सो जा , हम बाथरूम से आते है
रिंकि ने हामी भर दी और सोने की कोसिस करने लगी मगर नीद उसकी आंखो से दूर थी ।
संगीता बाथरूम मे जाकर दरवाजा लगाती हुई भोला से - ये सब क्या था ,, मदन भैया को बीच मे लाने की क्या जरूरत थी
भोला - यार मुझसे मदन भाई का अकेलापन देखा नही जाता और तुम्हे भी एक नये स्वाद की तालाश है तो मैने सोचा ये सबसे सुरक्षित रहेगा और घर की बात घर मे रहेगी ।
संगीता - तुम पागल हो गये हो मै मदन भैया के साथ कैसे और क्या मदन भैया कभी इसके लिए राजी होगे मै उनकी सगी बहन हु , दिमाग कहा है आपका ?
भोला - ओहो मेरी जान मुझे पता है कि ये आसान नही है लेकिन मेरी जान के लिए मुश्किल भी नही है , मुझे पता है एक तुम ही हो जिसकी बात वो कभी नही टालते । और तुम्हे नही लगता कि उन्हे भी खुश रहना चाहिए ।
संगीता - हा लेकिन मै कैसे ?
भोला मुस्कुरा कर -वैसे मै एक बार उनको पेसाब करते देखा है मेरे से लम्बा और मोटा हथियार है उनका , तेरी बुर भर जायेगी एक ही बार मे
संगीता - धत्त क्या आप भी ,
भोला - प्लीज मान जाओ ना मुझे भी अच्छा लगेगा
संगीता - मतलब
भोला अपना मुसल मसलकर
जान सालो से मेरी तमन्ना है कि कोई तुम्हे कस के मेरे सामने हचक के पेले , प्लीज मान जाओ ना मेरे लिये
सन्गिता - अच्छा ठिक है मै ट्राई करती हु वैसे चांस कम ही होगा
भोला - तुम कर लोगि मुझे यकीन है
संगीता कामुक होकर उसके लण्ड को थामती हुई - बदले मे मुझे ये चाहिये पूरी रात के लिए मेरी गाड़ मे बोलो डालोगे ना उम्म्ंम
भोला - हा मेरी जान चलो सोते है अब
भोला - हा मेरी जान चलो सोते है अब
फिर वो लोग सोने चले गये ।
राज के घर
अगली सुबह ने अपनी अंगडाई ली और वही रागिनी के कमरे मे सोई महिलाए उठ कर बारि बारि से नहाना धोना चालू कर चुकी थी ।
आज मेहमान आने के साथ साथ हल्दी की पूजा और रस्म भी होनी थी ।
राज और कमलनाथ भी बारि बारी से नहा धो कर तैयार हो गये ।
रंगी जंगी ने अपने कपडे लेके चंदू के घर मे नहाने फ्रेश होने के लिए चले गये ।
वही घर की लडकियों ( सोनल , निशा , रीना ) ने भी बड़े सवेरे ही नहाना धोना कर लिया था ।
छत पर हल्की धूप बिखरी थी और राहुल अनुज दातून घिसे जा रहे थे ।
अनुज बेसिन पर कुल्ला कर रहा था कि तभी
शालिनी बाथरूम से नहा कर निकली और उसकी नजरे बेसिन पर कुल्ला कर रहे अनुज से टकराई ।
दोनो के जहन मे बीती रात हुए हादसे की बातें उभर आई और अनुज ने नजरे चुराने लगा ।
शालिनी उसकी सादगी पर मुस्कुरा उठी और राहुल को डांट लगाते हुए बोली - अभी तक तेरा ब्रश नही हुआ । जल्दी से नहा कर निचे आ और अनुज बेटा ।
अपनी चाची के मुह से इतना प्रेम भरा सम्बोधन सुन कर अनुज का दिल मोम सा पिघल गया और वो मुह मे पानी के गरारे करते हुए गरदन घुमा कर अपनी चाची को देखा ।
शालिनी - बेटा तु भी जल्दी से नहा ले , देर मत करना
अनुज ने हा मे सर हिलाया और फिर अपनी चाची को जीने की ओर जाते हुए देखने लगा । साडी मे उनका कुल्हा बहुत ही कामुक तरीके से झटके खा रहा था और अनुज ने निगाहे फेर कर अपने काम मे लग गया ।
राहुल उसके पास आकर बोला - भाई परेशान ना हो मै बोला ना तुझे मम्मी की चुत दिला दूंगा , अब शादी बीत जाने दे एक बार
अनुज भन्नाते हुए - नही मुझे नही करना है ऐसा कुछ भी । मुझे चाची के साथ धोखा नही करना है समझा
राहुल - अरे इसमे धोखे जैसा क्या है यार
अनुज - तु नही स्मझेगा छोड़
ये बोलकर अनुज चुपचाप नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गया ।
राहुल को लगा कि अनुज अभी भी कल रात के लिए ही नाराज है उससे और वो उसे मनाने के लिए तरकिबे सोचने लगा ।
देखते ही देखते 10 बज गये सारे लोग इधर उधर भागा दौडी मे लगे थे ।
रागिनी ने सभी लोगो को फोन पर बुला लिया था बस शकुन्तला को बुलाना था ।
तो उसने राज को बोला । ताई के यहा जाने की बात से ही राज चहक उठा और फौरन शकुन्तला के घर की ओर चल दिया ।
3 बार की ठक ठक पर शकुन्तला ने बन्द दरवाजे के पीछे से आवाज दी - कौन है ?
राज - मै हु ताई दरवाजा खोलो
शकुन्तला थोड़ी असहज भाव मे - बेटा तु अकेला है कोई और भी है तेरे साथ
राज को समझ नही आया कि शकुन्तला ने ऐसा क्यू पूछा मगर उसने जवाब दिया - अकेला हु ताई , क्या हुआ ?
तभी शकुन्तला ने दरवाजे के पीछे खडे होकर दरवाजा खोला और गरदन निकाल कर बाहर का जायजा लेते हुए राज को बोली - आजा अन्दर ।
राज अचरज से दरवाजे के भीतर आया और इससे पहले वो कुछ बोलता उसकी नजर सामने खड़ी शकुन्तला पर गयी ।
जो सीधा बाथरूम से आई थी ।
वो अपने हाथो से अपने दोनो बडे बडे चुचे छिपाये हुए खडी थी और राज की नजर उनके अधनंगे जिस्म पर पड़ते ही उसका मुसल तन गया ।
राज- क्या ताई अभी आप तैयार नही हुई ,मम्मी इंतजार कर रही है
शकुन्तला ने इस बात को बिल्कुल भी तब्ज्जो नही दी कि राज के सामने वो सिर्फ पेतिकोट मे थी ।
वो गैलरी मे आगे बढ़ते हुए निचे के बाथरूम की ओर जाती हुई बोली - बस बेटा 5 मिंट रुक जा मै बस नहाने जा रही थी ।
राज भी अपना मुसल मसलते हुए शकुन्तला की मोटी पेतिकोट मे चिपकी हुई गाड़ देखता आगे बढता हुआ बाथरुम के साम्ने आ गया ।
जहा खुले दरवाजे के सामने पानी से भरी बालटी के खडी शकुन्तला खडी थी और उसके 38DD साइज़ के बड़े बड़े चुचे लटके हुए थे ।
शकुन्तला ने सामने राज के पजामे मे तने हुए मुसल को देखा और उसकी चुत मचल उठी , फिर उसने राज के चेहरे को देखा
गहराती सासो से फुलते नथुने , हल्के खुले होठ और चुचो पर गड़ी नजरे ।
शकुन्तला मुस्कुराई और उसे कल शाम वाली बात याद आई जब राज ने बर्फ से उसके चुचो की सेकाई की थी और बडी चतुराई से चुसा भी था ।
शकुन्तला मुस्कुरा कर - दरवाजा खुला ही रहेगा हम्म्म , बैठ जा
शकुन्तला की बात पर राज लाज से थोडा झेप कर मुस्कुराया और फिर वही दरवाजे के गेट पर कोहनी लगाकर हाथो पर अपना सर टिकाते हुए - यही ताई मै यही ठिक हु
शकुन्तला हस कर - धत्त चल उधर भीग जायेगा
राज - अरे तो कपडे निकाल देता हू ना
शकुन्तला - नही बोला ना , चल उधर बैठ
राज हसता हुआ बाथरूम के ठिक सामने एक कुर्सी लेके पाव के उपर पाव रख कर ऐसे बैठा मानो कोई शो शुरु होने वाला हो और वो चीफ गेस्ट हो ।
शकुन्तला उसको देख कर माथा पिट ली और बालटी से पानी निकाल कर अपने उपर गिराने लगी ।
जल्द से पानी ने शकुन्तला के जिस्म को भीगा दिया और उसका पेतिकोट भी गीला हो गया ।
साबुन लेके शकुन्त्ला ने अपने जिसम पर घुमाना शुरु कर दिया , हाथो से शुरु होकर गले और फिर सीने से चुचो पर लगाने लगी ।
राज उसके सामने ही अपना मुसल छिप छिप कर मसल रहा था
शकुन्तला ने बैठे बैठे अपने पेतिकोट का नाड़ा खोला और उसको ढीला करते हुए पेट और नाभि के पास से होते हुए निचे चुत तक हाथ घुसा कर साबुन लगाने लगी
शकुन्तला ने जब राज को उसको ऐसे एक टक निहारते देखा तो वो हस कर बोली - उधर मुह कर , शर्म नही आ रही तुझे
राज ने मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाया
शाकुंतला ने अब हाथ पीछे ले जाकर कमर और गाड़ की दरखतो मे भी हाथ घुसा कर पेतिकोट के अंदर साबुन लगाने लगी ।
राज की उत्तेजना अब और भी बढ रही थी ,
राज - ताई मै लगा दू साबुन
शकुन्तला मुस्कुराते हुए - नही हो गया ,
राज उठ कर आया और दरवाजे के पास ख्दा होकर - कहा हो गया , पीठ पर तो आपने लगाया ही नही
शाकुंतला ने सामने खडे राज के पजामे मे तने हुए तम्बू को निहारती हुई - हा वहा मेरा हाथ नही जाता
राज अपने पजामे को उपर करता हुआ बाथरूम मे घुस कर ठिक शकुन्तला के सामने खड़ा हो गया - लाओ मै लगा देता हु दो साबुन
शकुन्तला नजर उठा कर देखा तो राज का लन्ड ठिक उसके नथुनो के पास फुला हुआ था और उसने साबुन की टिक्की उसे दे दी
फिर राज आगे झुकता हुआ अपने पीले कुर्ते की कलाई उपर चढा कर हाथ ले जाकर साबून को लगाने लगा
इस दौरान उस्का लन्ड शकुन्तला के गालो को छू रहा था और वो आंखे भिचे हुए राज के जिद पर हारी जा रही थी ।
तभी राज के हाथ से साबुन फिसला या उसने जानबुझ कर ऐसा किया , मगर साबुन सीधा शकुन्तला की ढीली पेतिकोट मे पीछे की तरफ सरकता हुआ चुतडो के चला गया
शकुन्तला को जैसे ही मह्सूस हुआ तो वो चिहुकी - क्या गिरा राज वहा
राज - ताई वो साबुन निचे गिर गया है रुको निकालता हु
शकुन्तला इससे पहले राज को हटा कर मना कर पाती राज की फुर्तीली उंगलिया उसके गाड़ के दरखतो को टटोलने लगी थी ।
वही आगे ज्यादा झुकने से राज के आड़ शकुन्तला के होठो को छू रहे थे उनकी गन्ध शकुन्तला के नथुनो मे समा रही थी ।
शकुन्त्ला पूरी तरह से गनगना गयी थी , उसकी चुत बजबजा उठी थी
राज - ताई पीछे नही है , लग रहा है आगे आया है साबुन देखो जरा
शकुन्तला ने बेहोशी भरी सतर्कता से राज ने सामने की अपना ढीला पेतिकोट सामने की ओर फैला दिया और राज ने जब निचे देखा तो शकुन्तला की हल्के झान्ट भरे चुत के घाटी और उसके चुत का मोटा दाना साफ दिख रहा था ।
जब तक शकुन्तला की चेतना आती , राज अपनी आन्खे फाडे उसके बुर के बारामदे निहार चुका था , मगर चुत उसके उभरे हुए पेड़ू मे निचे छिपी थी ।
शकुन्तला अब झेपते हुए वो साबुन की टिकिया निकाली और राज को देने लगी - नही हो गया ताई , साबुन लग गया , हाथ धुला दो
शकुन्तला ने लाज से मुस्कुरा कर बिना नजरे मिलाए उसके हाथ पर पानी गिराया । फिर राज हाथ झटक कर बाहर आया
शकुन्तला ने जल्दी से पानी गिराया अपने जिस्म पर और नहा कर राज की ओर पीठ करके खडी हुई
भीगी पेतिकोट मे शकुन्तला के भारी चुतड साफ दिख रहे थे ।
शकुन्तला अपने जिस्म को तौलिये से साफ कर रही थि और राज के बारे सोच रही थी , कि इतनी छुट देने के बाद भी वो क्यू आगे नही बढ़ रहा है । कैसा लड़का है ये ? इतना सब कुछ होने पर कोई भी अपना मुसल निकाल कर खड़ा हो जायेगा ।
कही वो ये तो नही चाहता कि मै पहल करु , क्योकि वो फायदा तो छिप छिप कर खुब ले रहा है लेकिन खुल कर सामने नही आता । कमीने ने मेरी चुत गीली कर दी और उसका मुसल कितना गर्म था ।
शकुन्तला ने सोचा क्यू ना इसको अब और हिन्ट दू और थोडा खुलापन और करु ।
फिर शकुन्तला ने तौलिया फैलाया और पेतिकोट निचे सरकाते हुए उपर की तरफ तौलिया लपेट लिया , इतना उपर कि जैसे ही वो राज के आगे अपना पेतिकोट उठाने के लिए झुकी उसकी पूरी गाड़ फैल कर उसके सामने नंगी हो गयी , फिर शकुन्तला ने कनअखियो से उसकी को नजर भर देखा कि इस नजारे से राज पर क्या असर हुआ है ।
वही राज को भी समझते हुए देर नही लगी कि खेल दुसरी ओर से भी शुरु हो चुका है ।
उसकी जो योजना थी कि ताई को गर्म करके अपने करीब लाने की उस योजना मे ट्विस्ट आ चुका है ।
Amazing and hot updateUPDATE 183 B
अमन के घर
संगीता और भोला की योजना सुबह से ही शुरु हो गयी थी ।
मदन का कमरा नीचे ही हाल से लगा हुआ था । अकेले रहने और हाल से सटे होने के नाते अक्सर उसका कमरा एक गेस्ट रूम मे तौर भी यूज़ हो जाता था ।
दृश्य 01
निचे किचन मे महिलाए मिलकर नास्ते की तैयारियाँ कर रही थी और वही मदन मुरारी और एक दो जन आपस मे बैठे बाते कर रहे थे । भोला अभी उपर अपने कमरे मे था ।
तभी मुरारी और मदन की बात चीत से संगीता को भनक हुई कि मदन कुछ ही देर मे स्टोर रूम से समान लेके उपर छत पर जायेगा ।
संगीता को ये समय अपनी योजना के लिए सही लगा और वो किचन से निकल कर चुपचाप उपर कमरे मे चली गयी । उसने भोला को मदन के उपर आने की खबर दी और दोनो तैयार होने लगे ।
उपर फिल्हाल कोई नही था , संगीता और भोला दरवाजा खोलकर अपने कमरे मे खड़े थे इस इंतेजार मे कि कब मदन उनके बगल के कमरे का दरवाजा खोलता है ।
कुछ ही मिंट मे सीढियो से आहट हुई और जैसे ही बगल एक स्टोर रूम के दरवाजे पर खटपट हुई , दोनो ने अपना ड्रामा शुरु कर दिया ।
भोला तेज फुसफुसाहट भरी आवाज मे - ओहो संगीता सीई अह्ह्ह ठहर जाओ , मुरारी भाई ने मुझे निचे बुलाया है ।
संगीता - नह्ह प्लीज बस थोड़ी देर ना ऊहह प्लीज ना रिंकि के पापा
अपनी बहन और जीजा के फुसफुसाहट भरे संवाद ने मदन का ध्यान उनकी ओर खिंच और उसके गतिमान हाथ जड़ हो गये ।
उसने अपने सतर्क कान गरदन बढा कर अपनी बहन के कमरे की ओर किये इस जिज्ञासा मे कि आखिर किस बात के लिए उसकी दीदी अपने पति से जिद कर रही है ।
भोला - नही संगीता समझो ना , इस समय हम रिस्क नही ले सकते , रात मे देखते है ना ।
भोला की बातो ने मदन की उत्सुकता और बढा दी , उसकी धडकने भी तेज हुई कि आखिर उसके दीदी जीजा किस बारे मे बात कर रहे है । एक रिटार्य आर्मी जवाँ रहने के नाते उसके जहन मे कई सारे नकारात्मक ख्याल आ रहे थे । मगर बिना सच्चाई जाने वो किसी भी निष्कर्ष पर नही जा सकता था । आखिर ये लोग उसके अपने थे ।
तभी संगीता की आवाज आई - रात मे कैसे करोगे ? रात मे रिंकि भी तो यही सोती है प्लीज मान जाओ ना , क्यू तडपा रहे हो देखो ना मेरे दुध भी कडे हो रहे है प्लीज ।
अपनी बहन की बात सुनते ही मदन के कान खड़े हो गये और उसकी आंखे फैल गयी साथ ही चेहरे पर मुस्कान आ गयी कि वो फालतू ही शक कर रहा था , यहा उसकी बहन रोमैंटिक बाते कर रहे है । वही उसे इस बात की भी भनक नही हो पाई कि धिरे धिरे उसका मुसल सर उठाने लगा था ।
भोला - ओहो मेरी जान प्लीज बस दो दिन और रुक जाओ ना , फिर तुम जितना कहोगी उतना चोदूंगा पूरी रात कस कस के
संगीता ने एक गहरी आह भरी - लेकिन मेरा अभी मन है ना
भोला - नही संगीता मुझे जाना होगा मुरारी भाई वेट कर रहे है
मदन को लगा कि भोला अभी निकलेगा इसीलिए वो झटके से दरवाजा खोलकर स्टोर रूम मे घुस गया और भोला सरपट निचे चला गया
तभी संगीता भी दरवाजे से बाहर निकलती है और तुनकते हुए - इनके तो अलग ही नखरे है , ना जाने किस मिट्टी के बने है हुउह
अपनी बहन की किरकिरी होने पर मदन की हसी छुट जाती है और वो उसे औरत का ये रूप देखकर अलग ही तरह का आनंद होता है ।
मगर उसने कभी सोचा भी कि उसकी अपनी सगी बहन इतनी कामुक होगी ।
मदन एक पल को सोचता है कि अगर उसकी प्रेमिका होती तो क्या वो भी ऐसे ही जिद दिखाती । मदन मुस्कुराता है और वापस काम मे लग जाता है ।
इधर भोला और संगीता सीढ़ी पर आकर मिलते है और खिलखिला कर एक दुसरे को ताली देते है ।
दृश्य 02
मदन उपर छ्त पर समान पहुचा रहा होता है इस दौरान मुरारी और अन्य जन नास्ता करके बगल के हाते मे खाने का प्रबंध देखने चले जाते है जहा 500 लोगो को आज दोपहर "हल्दी का भात " खाने का निमंत्रण दिया गया था ।
ममता भोला के लिए नासता लाने को होती है मगर भोला मदन के आने का इन्तेजार करता और जब मदन आता है तो दोनो साथ बैठ जाते है अलग अलग सोफे पर ।
मदन भोला के बाये हाथ के सोफे पर बैठा था । सामने कांच का टेबल रखा हुआ था और जिस पर चाय पकोड़े चिप्स रखे थे ।
तभी भोला ने संगीता को अवाज दी कि वो पानी लेके आये ।
मदन अखबार लेके बैठा हुआ पकोड़े नोच रहा था तभी संगीता पानी लेके आई और भोला देने लगी ।
भोला ने संगीता को मदन की ओर इशारा किया कि ये अख्बार मे ध्यान मगन है इसका ध्यान भंग करो ।
संगीता मुस्कुराई और पानी भरा स्टील गिलास छन्न करके फर्श पर गिरा दिया ।
मदन - अरे क्या हुआ
भोला - कुछ नही भाईसाहब वो रिंकि की मा से पानी गिर गया
"जाओ जल्दी से कपडा लाओ कोई गिर जायेगा भई " , संगीता भागी भागी किचन गयी और अपने चुचे उछालते हुए तेजी से हाल मे आने लगी ।
अपनी बहन की उछलती चुचिय देख कर मदन ने नजरे फेर ली और जबरन अखबार मे नजरे जमाने लगा ।
आन्खे उसकी शब्दो को निहार तो रही थी मगर उसके जहन मे अपने दीदी को देखने की चाह हो रही थी ।
तभी उसने अक्बार का कोना उंगलियो से मोड़ते हुए कनअखियो से संगीता की ओर देखा तो वो झेप गया ।
सामने संगीता अपने पति से नजरे मिलाती हुई उसे रिझाने के इरादे से अपने साडी का पल्लू सीने से थोडा निचे उतारते हुए अपने डीप गले से अपने गोरे स्तन के उभारो का दरशन भोला को करवाति हुई एक पोछा से पानी बालटी मे गार रही थी
तभी मदन की नजर अपनी बहन की गुदाज गहरी नाभि पर गयी जिसे देखते ही मदन का मुसल सर उठाने लगा और उसके मुह मे पानी भरने लगा ।
थुक गटक कर उसने अपनी बहन का कामोत्तेजक रूप देखा उसकी सासे फुलने लगी और फिर संगीता उठी । बालटी लेके अपने मादक कुल्हे हिलाती हुई किचन मे चली गयी ।
वही मदन इस बात से बेफिकर था कि शायद अखबार की आड़ मे उसे किसी ने देखा नही मगर भोला की तेज नजरो ने अपने साले को गरदन घुमा कर उसकी बहन के मटकते चुतड देखता पकड लिया था ।
भोला अपनी योजना पर मुस्कराया और चाय की चुस्की लेने लगा ।
मगर मदन भीतर से पुरा बेचैन हुआ पड़ा था , आज ना जाने कैसे संजोग उसके साथ हो रहे थे उसे जरा भी समझ नही आ रहा था ।
तभी संगीता ने किचन से निकलते हुए ममता को बोला - भाभी मेरी साडी भीग गयी है मै बदल के आती हु ।
फिर उसने एक शरारत भरी नजरो से भोला को देखा और उपर आने का इशारा किया ।
भोला ने मुस्कुरा कर ना मे सर झटक दिया ।
वही मदन इस बात पर खुश हो रहा था कि दोनो कितने नादान है उनहे लग रहा है जैसे उनकी लुकाछिपी कोई देख नही रहा है ।
मगर उसे क्या पता वो खुद अपनी बहन की साजिश मे शिकार हुआ जा रहा था ।
इधर मदन को लगा कि शायद कुछ देर मे भोला उपर जायेगा मगर भोला जरा भी अपनी जगह से नही हिला और मदन को भोला से ईर्ष्या होने लगी कि क्यू वो अपनी बीवी के पास नही जा रहा है जबकी वो उसे रिझाये जा रही है ।
अगर कोई मदन को सामने से बोलता कि " उसे ये जलन भरी भावना इसीलिए हो रही है कि उसे अपनी बहन का जिस्म देखने का मौका नही मिल पाया " , तो शायद मदन इस बात को कभी नही स्वीकारता मगर कारण तो यही था । भोला के जेंटलमैन वाले व्यव्हार ने मदन के जहन मे एक जलन वाली भावना भर दी , उसे लगने लगा कि भोला तो उसकी बहन की कदर ही नही जानता ।
मगर हकिकत से अंजान मदन समझ नही पाया कि उसके भीतर उठ रही भावना भी भी उन दोनो की चाल थी जिससे मदन संगीता के लिए थोडा पोजेसिव हो जाये ।
शकुन्तला के घर
बाथरूम से निकल कर शकुन्तला इतराती हुई अपने चुतड ऐसे ढंग से मटका कर चल रही थी मानो उसकी जवानी के दिन लौट आये ।
सीने मे गजब का फुलाव , कमर तनी हुई पूरी लचक खा रही थी , उसके गीले बालो को झटकते हुए उसने अपने जिस्म को निहारा और आईने मे राज को बेहाल देख कर एक शरारत भरी मुस्करा बिखेर दी ।
सामने जोबन पर लगी तौलिये की गाठ को ऊँगलीयो से उधेड़ते हुए उसने अपने बाहो को फैलाया और पीठ रगड़ती हुई उपर ले गयि ।
इस बात से बखूबी जानकर की उस छीने से तौलिये मे निचे उसके उजले मलायम चुतड बेपरदा हो जायेंगे ।
ताई की नंगी गुदाज गाड़ देख कर राज की सासे फुलने लगी और लन्ड जोर जोर से फुदकने लगा ।
राज ने जोर से अपना मुसल भींच कर मन को तसल्ली दी कि अभी कुछ पल रुक जा
तभी शकुन्तला ने अपने बाहे समेटते हुए तौलिया निचे किया और इस कामुक ढंग से ऐसे शरारती ढंग से किया कि राज को उसके गाड़ भूरे दरारो की शुरुवात झलक मिलती रहे और ऐसे ही उसने गरदन फेर कर उसकी ओर तनिक भर देखा और मन ही मन चहक उठी ।
बिना एक पल गवाये राज की उत्तेजना बढाते हुए उसने वो तौलिया वही जमीन पर गिरा कर आगे बिस्तर की ओर बढ़ गयी
नगन गोरे गुदाज चुतडो की मादक थिरकन देख कर राज का सुपाडा फ़नकार मारने लगा , जोरो की जलन सी होने लगी ।
वही शकुन्तला ने बिना राज की ओर देखे उसके ओर अपने तंदुरुस्त नितंब फैलाये उनपे पैंटी चढाने लगी ।
राज वही हाल के बैठा कमरे के सारे नजारे देखता रहा और धिरे धीरे करके शकुन्तला एक एक करके अपने जिस्म को धकने लगी ।
सुखे नरम चुचो की दरश के आश मे राज के होठ सुखे जा रहे थे मगर शकुन्तला ने छटाक भर ना पलटी और उसकी ओर पीठ किये ब्रा पहन ली और फिर ब्लाऊज के हुक लगाते हुए पलटी ।
उज्ले पेट पर गहरी नाभि के तुरंत निचे पेतिकोट कसा हुआ था और वही से ढलानो पर शकुन्तला की पैंटी की कसी हुई शेप साफ साफ दिख रही थी ।
नगन होकर शकुन्तला राज पर वो छाप नही छोड पाई थी जो असर उसने अपने जोबनो को ढक कर दिया था ।
शकुन्तला साड़ी बान्धने लगी थी और राज को हर पल अपनी चालाकी के लिए अफसोस हुआ जा रहा था कि ना जाने ऐसा संजोग कब बने? कब शकुन्तला अकेले ऐसे मिल पाये ?
मगर कुछ तो था जो उसको अब रोक रहा था , शायद वो हार ही थी राज जो शकुन्तला के सामने वो घुटने टेक चुका था ,
साडी पहन कर शकुन्तला बाल बनाने लगी और राज के चेहरे के उडे हुए भाव देख कर वो बस मुस्कुरा रही थी ।
राज दिखावे के लिए अब मोबाइल चलाने लगा था , मगर उसके जहन मे हर बितता पल ये अहसास दिला रहा था कि इससे अच्छा मौका फिर कभी नही आयेगा ?
शकुन्तला तैयार होकर राज के पास खडी हुई - चल , आजा चलते है
ये बोलकर शकुन्तला अपने मादक कुल्हे हिलाती हुई आगे बढी और उन्हे देख कर राज का लन्ड फिर से बगावत पर आ गया ।
आखिर उसने अपने दिल की सुन ली और शकुन्तला को पकड कर झटके से दिवाल से लगा दिया ।
शकुन्तला इतराती हुई अपने विजयी मुस्कुराहट के साथ सिसकी - अह्ह्ह राज क्या करता है
राज ने अपने होठ से जवाब देते हुए उसकी साडी पेतिकोट सहित उपर करके पैटी के उपर से उसकी गाड पर लगा दिया
शकुन्तला इस स्पर्श से सिस्क पड़ी, राज ने उसके नरम कूल्हो को पकड़ते हुए उसके गाड़ की खुस्बु लेता हुआ उसके गाड़ के मुलायम पाटो को काटने लगा ।
शकुन्तला दिवाल से चिपकी हुई एडिया उठाए घुटी हुई सिस्किया लेने लगी
राज खड़ा हुआ और शकुन्त्ला को हाल की चौकी पर झुका दिया और उसकी कच्छी खिंचने लगा
शकुन्तला ने निर्विरोध अपनी टाँगे ढीली कर दी और राज को अपने गाड़ के आगे घुटनो के बल झुका दिया ।
राज ने उसके चुतदो को थामा और जीभ से एक बार उसकी फैली हुई बुर और गाड़ की सुराख पर जीभ फिराई जिससे शकुन्तला की आख उलटने लगी ,
अगले ही पल उसने अपना पुरा मुह उसकी गाड़ मे देते हुए उसकी गाड़ चाटने लगा और जीभ से कुरेदने लगा ।
शकुन्तला बेबस ऐठती अकड़ती हुई आंखे पटलति सिस्क्ने लगी , राज अपने होठो से उसकी चुत के निचले छोर को सुरकता हुआ जीभ को नुकिला कर उसकी गाड मे भेदने लगा ,
शाकुंतला को ये अह्सास मदहोश कर गया ,
राज ने देरी ना करते हुए खड़ा हुआ और अपना मुसल निकाल कर टिप पर थुक लगाते हुए उसे शकुन्तला की गाड़ के छेद पर टिका दिया
शकुन्तला समझ गयी कि जिस तरह से आज उसने राज को अपनी गाड़ दिखा कर रिझाया है वो नही बक्सने वाला,
और अगले ही राज ने उग्लियो मे ढेर सारा थुक लेके उसके गाड़ की सुराख पर मलने लगा और फिर अपना चिकना सुपाडा पकड कर दबाता हुआ घुसेड़ने लगा ,
शकुन्तला ने भी अपने चुतदो के पाटे दोनो ओर से जोर से पकड कर फैला रखा
लन्ड बड़ी आसानी से उसके गाड़ अन्दर और अन्दर घुसता चला गया ।
शकुन्तला के गाड़ की दीवारे फैलती चली गयी , महिनो बाद उसने लन्ड की गर्माहट महसुस की थी और उसकी चुत पिघलने लगी ,
राज ने उसकी साडी हाथो मे पेतिकोट सहित समेटता हुआ अब झटके लगाने लगा , कसी हुई गाड मे राज मे फुल हुआ सुपाडा रगड़ रगड़ कर जगह बना रहा था और राज हुम्च हुम्च कर कस कस के पेलने लगा ,
हाल मे घुटी हुई मादक सिसकिया अब चिखो मे बदलने लगी और राज कस कस कर पेलने लगा ,
शाकुंतला - आह्ह बेटा और पेल उह्ह्ह हा हा ऐसे हहहह उम्म्ं अह्ह्ह और तेज ऊहह फ़ाड दे उह्ह्ह अमुह्ह
शकुन्त्ला के पहले संवाद पर राज ने भी मुह खोला - ऊहह ताई आपकी गाड़ मस्त कसी हुई है ओह्ह्ह कितने दिनो ने नही पेलवाया उह्ह्ह
शकुन्तला अपनी गाड़ उठाए हुए आहे भरती हुई - सालो से पुछ बेटा ओह्ह्ह उह्ह्ह कितने सालो लन्ड ने छुआ नही मेरे जिस्म को ओह्ह्ह बेटा और पेल ओह्ह्ह और तेज्ज्ज्ज ओह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह तेरा मोटा लन्ड मेरी चुत की दिवारो की खुजली बढा रहा है
शकुन्तला ने अपने बुर के फाको को मसलते हुए कहा ।
राज ने हाथ आगे बढाते हुए उसके बालो को पकडते हुए कस कस के पेल रहा था - अह्ह्ह ताईई ऊहह मस्त माल हो आप उह्ह्ह कितना तड़पाता आपने ओह्ह्ह
शकुन्तला- तड़पाती नही तो क्या तु इतना मजे से पेलता उह्ह्ह बोल ओह्ह्ह
राज- आह्ह ताईई सच कह रही हो , कल से ही मूड था आपको पेलने का अह्ह्ह अह्ह्ह ताई मै आऊंगा ओह्ह्ह
शकुन्तला- ओह्ह बेटा भर दे मेरी गाड़ ओह्ह उह्ह्ह उडेल दे सारा उह्ह्ह उम्म्ंम
राज के लन्ड का फब्बरा शकुन्तला के जोशिले श्बदो के साथ ही फूट पड़ा , गाड़ को सुराख को बड़ा करता हुआ राज का लण्ड उसकी जड़ो मे झटके खाने लगा और उसकी गाड़ मे अपना गर्म गर्म माल भरने लगा ।
आखिरी बूंद आने तल शकुन्तला ने अपने गाड़ के छल्ले को लन्ड पर कसे रखा और फिर ढील दिया , राज लण्ड निचुड़ कर ऊपर रबड़ी लपेटे हुए बाहर निकल आया ।
दोनो ने अपने जिस्म को साफ किया और अपने कपडे सही करके जल्दी से राज के घर के लिए निकल गये ।
राज को आए 30 मिंट से उपर हो गये थे , राज को डर था कि पक्का डांट मिलने वाली थी ।
घर मे गया तो निचे सब कुछ शान्त और खाली था ।
उसने शकुन्तला को उपर की छत भेजते हुए खुद अपनी मा को तालाशने उसके कमरे के दरवाजे को खोलकर जैसे ही कमरे मे झाका सामने आईने के सामने
एक औरत अपने बाल संवार रही थी , जिसकी बड़ी सी चुतड पर साडी कसी हुई थी और उसके ब्लाउज से झांकती नंगी गोरी पीठ साफ नजर आ रही थी ।
तभी वो औरत दरवाजे की आहट पर घूम कर देखती है और उसके कजरारी आन्खे देख कर राज का चेहरा खिल जाता है
जारी रहेगी
Bahut bahut aabhaarBehatreen update mitra, lagta hai har or chudai ka nasha chadha hai, har kamre se aah ooh sunai degi jaldi hi, kuch naye kirdaron ka samanvay bhi acha lag raha hai, bas ek nivedan ki naye kirdaron ke sath sath jo mukhya kirdar hain un par bhi dhyan banaye rakhein, Bahut dino se Ragini ko sookha hi rakh rahe ho uske bhi jalwe dikhao, ab to Rangi- Jangi bhi aapas mein khul chuke hain,
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THnxxxShandar update
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
शुक्रियाबहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
धन्यवादAmazing and hot update