हल्दी, चुमावन के मौके की गारी जबरदस्त है, थोड़ी पारंपरिक थोड़ी नयी और साथ में छेड़ छाड़ भी हल्दी लगाने में
बहुत कम कहानियों में अब यह रीति रिवाज के बहाने छेड़खानी दिखाई जाती है जब की शादी की तो हर रसम में इसके मौके आते है
बहुत बहुत बधाई इस पोस्ट के लिए
मुझे कभी कहानियों मे सम्भोग- क्रिया को लेके उत्सुकता नही रही है
उसपे मै ज्यादा ध्यान देता भी नही कि 4 4 अपडेट का सम्भोग दृश्य छाप दू
मेरी उत्सुकता सम्भोग के लिए बन रही नवीन समभावनाओ पर ही होती है।
आम तौर पर जिन संजोगो या घटनाचक्रो को हम अपने जीवन मे नजरे फेर कर दिमाग से ओझल कर देते है मुझे उन्ही मनोरम लम्हो को बिना किसी मर्यादा मे बधे आगे जीने की कलपना करने मे मजा आता है ।