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Thriller शतरंज की चाल

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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
20,819
41,503
259
#अपडेट १५


अब तक आपने पढ़ा -



कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....


अब आगे -


ये श्रेय था। आज तक मैने कभी उसे मित्तल सर के साथ इतनी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना था। मैं वहां से जाने लगा, पर तभी मुझे मेरा नाम सुनाई दिया। अब मैं कान लगा कर उनकी बहस सुनने की कोशिश करने लगा।


"चाचाजी, मनीष को मैं किसी भी सूरत में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होने दूंगा।" श्रेय की आवाज आई।


"लेकिन क्यों? अच्छा लड़का है टैलेंटेड है, ऐसे लोगों की जरूरत है कंपनी को, वैसे भी मैं उसे अपना बेटा मानता हूं।"


"पर वो मानता है क्या? पहले मैं भी उसे अच्छा मानता था, पर उसने शिविका के साथ क्या किया?"


"श्रेय।" इस बार मित्तल सर की आवाज बहुत तेज थी। "उसमें उसकी क्या गलती थी? उसे तो पता भी नहीं कि हम उसकी शादी शिविका से करवाना चाहते थे, बतानि तो हमें ही थी ये बात, पर हम ही अपने स्वार्थ में पहले अपने सपने पूरे करवाने लगे उससे। और उसका दिल कहीं और लग गया, तो इसमें कोई क्या कर सकता है। और ऐसा नहीं है कि मैं बोलता तो वो शिविका से शादी नहीं करता, लेकिन ये सोचो फिर अपनी ही शिविका का जीवन कैसा हो जाता? क्या पता मनीष उसे वैसा प्यार दे पता या नहीं?"


"फिर भी चाचाजी, मैं नहीं चाहता कि वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आए।"


"तुम इस कंपनी में मेरी ऑथोरिटी को चैलेंज कर रहे हो श्रेय?"


"नहीं चाचाजी, वो मैं कभी नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये कंपनी आपके बिना यहां तक नहीं पहुंचती, और इसीलिए पापा भी कभी आपकी कोई बात नहीं टालते, लेकिन फिर भी मैं आपकी इस बात के खिलाफ हूं।"


" तक फिर मनीष बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आएगा, ये मेरा फैसला है।"


"फिर मैं भी पूरी कोशिश करूंगा कि वो न आए।" श्रेय ने भी ऊंची आवाज में बोला।


मुझे लगा कि वो बाहर आने वाला है, इसीलिए मैं वहां से अपने कमरे में चला आया। मेरे और शिविका के बारे में मित्तल सर ने ये सोचा था इसे।जान कर मुझे खुद में कुछ ग्लानि होने लगी, शायद यही कारण था कि अब शिविका मुझसे कटी कटी रहने लगी थी। लेकिन शायद सर भी सही थे, उनके कहने पर मैं आज भी नेहा को छोड़ दूं, पर वो प्यार किसी और को दे पाऊंगा? शायद कभी नहीं।


श्रेय उसी समय वापस वापी के लिए निकल गया था। हमें अभी 2 से 3 दिन और लगने थे। अगले दिन गृह मंत्रालय से बुलावा आया और हम लोग वहां मीटिंग के लिए चले गए। मीटिंग अच्छी रही थी। सरकार अपने खजाने का कुछ हिस्सा रखने को तैयार थी, बस उनकी एक जांच समिति आ कर वाल्ट की सुरक्षा जांच करने के बाद ही इसका अप्रूवल मिलता था। हम वापस वापी आ गए।


अगले हफ्ते पहले ही दिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग बुला ली गई। फिलहाल इसमें 9 मेंबर हैं, मित्तल सर जो 15% होल्डिंग रखते हैं और फिलहाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके अलावा महेश अंकल के पास 10%, दोनो की पत्नी और बच्चों के पास 5 5 % की होल्डिंग है। इनके अलावा 2 प्रमोटर है जो 5% की ही होल्डिंग रखते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आने के लिए कम से कम 5% की होल्डिंग होना जरूरी था, और 1% से ऊपर की होल्डिंग बिना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अप्रूवल के नहीं मान्य थी। तो किसी को भी बोर्ड में शामिल होने के लिए इनकी अप्रूवल जरूरी थी।


हर मेंबर को एक वोट की ही वोटिंग राइट थी, लेकिन MD होने के नाते मित्तल सर की बात को कोई आज तक काटा नहीं था, तो वोटिंग को नौबत नहीं आई थी।


आज की मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था।


मीटिंग शुरू होते समय मुझे मित्तल सर के चेहरे पर कुछ टेंशन दिखी, जो मुझे बहुत चुभ रही थी। आज तक मैने उनको कभी इस प्रकार से तनाव में नहीं देखा था।


मीटिंग शुरू होने पर कुछ जनरल बाते डिसकस हुई, वाल्ट के लिए सरकार की ओर से लगभग मंजूरी मिलने की बात भी मित्तल सर ने बताई जिसे सुन सभी बहुत खुश हुए, और मुझे भी बधाई दी।


फिर मित्तल सर ने मुझे बोर्ड में शामिल होने का प्रपोजल दिया। जिसे पहले तो महेश अंकल ने एक्सेप्ट किया, लेकिन उसके फौरन बाद ही श्रेय ने उठ कर इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया, और वोटिंग की बात कर दी। इसे सुन कर न सिर्फ मित्तल सर, बल्कि महेश अंकल भी टेंशन में आ गए।


वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।


और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Bahut hi badhiya update he Riky007 Bhai,

Manish ko shaq to hota he lekin bechara neha ka nanga sharir dekhte hi sab bhul jata he............

Triya chartira he hi aisi cheez, achche achche kho gaye is chhed ki gehrayi me

Ab ye hamalwar kaha se aa gya..................aur neha ko chaku bhi lag gaya............

Keep rocking Bro

Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update....

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Nice update....

Night me padh kar review deta hu Riky abhi thoda busy hu :declare:

Kafi kuch is UPDATE me intresting raha dekhne ko jaise Manish ke ne jaise he Neha ko piche apni bahoo me leya Neha ne ek pal me Manish ko dekh call per bat kar rhe shaksh se bat palat di use papa bata dia sath he Manish se 25 lac ki bat bol di apne X husband ko Dene ki ye bol ke ki in paiso ko leke wo Neha ko divorce dede ga
.
Fir Karan ne jo bataya Manish ko ki Neha ko Shray se isharo me bat karte dekha tha Karan ne ab ye bat janne ke bad Manish aage kya karta hai ye janna intresting hoga aage
.
Filhal Neha ne Manish ke ghar aake acha romantic waqt bitaya sath me
.
Jabki Manish ne Neha ko achi shopping Kara di sath me pub me dance or Dinner kia
.
Update kafi majedar raha ye wala very well Riky007 bhai

🤔 Kya matlab SIRJI

Awesome update
Kya ye hamla sochi samjhi sajish ke tahat hua hai Kyoki lag rha hai ki neha apne ko.sahi sabit karne aur manish ki taraf se uske parti fikar mand hokar uske liye hua shak ko darkinar krvana hai,
Lekin samir ne neha ke.jel.jane.ka.bta kar phir manish ke man me shak paida kiya lekin uska bhi jald.hi.hal.ho.gya,
Kahani ek dum se do mahine aage bad gayi hai ,

Ab 2 mahine ki mehnat lagi hai to walt to badhiya banega hi, kaisa bana hai waise?🤔 neha 2 mahine jail me rah chuki hai?? :shhhh: Ye pakka hi manish ka chootiya kaat ragi hai, mai fir bol raha hu:declare:, agar ye usse sacha pyar karti to use sacchai bata chuki hoti:approve:, manish ko bhi ispe nazar rakhni chahiye, waise shrey to bahar gaya bata rahe the na???? :beee:
Superb update Bhai :claps:

Basketball Wives Agree GIF by VH1

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

नेहा की एक्टिविटी और किश्त बाई किश्त उसका पास्ट सामने आना उसे संदेह के घेरे मे ही लाता है ।
लेकिन उसने जिस तरह से मनीष को लगने वाला चाकू खुद पर ले लिया , वह उसके संदिग्ध कैरेक्टर से मेल नही खाता है ।
और जहां बात है उसके चिटफंड घोटाले मे शामिल होने की , तो पुलिस उसे पहले ही क्लिन चिट दे चुकी है ।

मनीष के शक की एक वजह थी कि उसने एक रात एक युगल प्रेमी को मित्तल निवास के टेरेस पर आपत्तिजनक स्थिति मे देखा और उसे इल्म हुआ कि लड़की नेहा हो सकती है ।
नेहा के अनुसार उस रात वो अपनी एक रिलेटिव के साथ फिल्म देख रही थी । अगर मनीष साहब चाहें तो वो उस रिलेटिव से इसका सत्यापन पता कर सकते है ।

कुल मिलाकर नेहा का किरदार अब भी मिस्ट्रीयस जैसा रहा है । उसके पास्ट शनैः शनैः सामने आ रहे है इसलिए उन पर थोड़ा-बहुत शक बनता ही है ।

लेकिन मनीष पर जानलेवा घात किसने किया ? क्या यह एक साधारण पब फाइट का तत्कालिक परिणाम था या फिर कोई अन्य कारण ?

वैसे शिविका के चेहरे के नूर का फीकापन अब दिखाई देने लगा है । लेकिन इस फीकापन का कारण वह स्वयं थी । वह मनीष को पसंद करती थी तो उन्हे मनीष को यह बात बताना चाहिए था ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
avsji भाई, इस अपडेट होल्डिंग के डिटेल्स भी पोस्ट कर दिया है।🙏🏼
 

Rekha rani

Well-Known Member
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अब तक आपने पढ़ा -



कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....


अब आगे -


ये श्रेय था। आज तक मैने कभी उसे मित्तल सर के साथ इतनी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना था। मैं वहां से जाने लगा, पर तभी मुझे मेरा नाम सुनाई दिया। अब मैं कान लगा कर उनकी बहस सुनने की कोशिश करने लगा।


"चाचाजी, मनीष को मैं किसी भी सूरत में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होने दूंगा।" श्रेय की आवाज आई।


"लेकिन क्यों? अच्छा लड़का है टैलेंटेड है, ऐसे लोगों की जरूरत है कंपनी को, वैसे भी मैं उसे अपना बेटा मानता हूं।"


"पर वो मानता है क्या? पहले मैं भी उसे अच्छा मानता था, पर उसने शिविका के साथ क्या किया?"


"श्रेय।" इस बार मित्तल सर की आवाज बहुत तेज थी। "उसमें उसकी क्या गलती थी? उसे तो पता भी नहीं कि हम उसकी शादी शिविका से करवाना चाहते थे, बतानि तो हमें ही थी ये बात, पर हम ही अपने स्वार्थ में पहले अपने सपने पूरे करवाने लगे उससे। और उसका दिल कहीं और लग गया, तो इसमें कोई क्या कर सकता है। और ऐसा नहीं है कि मैं बोलता तो वो शिविका से शादी नहीं करता, लेकिन ये सोचो फिर अपनी ही शिविका का जीवन कैसा हो जाता? क्या पता मनीष उसे वैसा प्यार दे पता या नहीं?"


"फिर भी चाचाजी, मैं नहीं चाहता कि वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आए।"


"तुम इस कंपनी में मेरी ऑथोरिटी को चैलेंज कर रहे हो श्रेय?"


"नहीं चाचाजी, वो मैं कभी नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये कंपनी आपके बिना यहां तक नहीं पहुंचती, और इसीलिए पापा भी कभी आपकी कोई बात नहीं टालते, लेकिन फिर भी मैं आपकी इस बात के खिलाफ हूं।"


" तक फिर मनीष बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आएगा, ये मेरा फैसला है।"


"फिर मैं भी पूरी कोशिश करूंगा कि वो न आए।" श्रेय ने भी ऊंची आवाज में बोला।


मुझे लगा कि वो बाहर आने वाला है, इसीलिए मैं वहां से अपने कमरे में चला आया। मेरे और शिविका के बारे में मित्तल सर ने ये सोचा था इसे।जान कर मुझे खुद में कुछ ग्लानि होने लगी, शायद यही कारण था कि अब शिविका मुझसे कटी कटी रहने लगी थी। लेकिन शायद सर भी सही थे, उनके कहने पर मैं आज भी नेहा को छोड़ दूं, पर वो प्यार किसी और को दे पाऊंगा? शायद कभी नहीं।


श्रेय उसी समय वापस वापी के लिए निकल गया था। हमें अभी 2 से 3 दिन और लगने थे। अगले दिन गृह मंत्रालय से बुलावा आया और हम लोग वहां मीटिंग के लिए चले गए। मीटिंग अच्छी रही थी। सरकार अपने खजाने का कुछ हिस्सा रखने को तैयार थी, बस उनकी एक जांच समिति आ कर वाल्ट की सुरक्षा जांच करने के बाद ही इसका अप्रूवल मिलता था। हम वापस वापी आ गए।


अगले हफ्ते पहले ही दिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग बुला ली गई। फिलहाल इसमें 9 मेंबर हैं, मित्तल सर जो 15% होल्डिंग रखते हैं और फिलहाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके अलावा महेश अंकल के पास 10%, दोनो की पत्नी और बच्चों के पास 5 5 % की होल्डिंग है। इनके अलावा 2 प्रमोटर है जो 5% की ही होल्डिंग रखते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आने के लिए कम से कम 5% की होल्डिंग होना जरूरी था, और 1% से ऊपर की होल्डिंग बिना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अप्रूवल के नहीं मान्य थी। तो किसी को भी बोर्ड में शामिल होने के लिए इनकी अप्रूवल जरूरी थी।


हर मेंबर को एक वोट की ही वोटिंग राइट थी, लेकिन MD होने के नाते मित्तल सर की बात को कोई आज तक काटा नहीं था, तो वोटिंग को नौबत नहीं आई थी।


आज की मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था।


मीटिंग शुरू होते समय मुझे मित्तल सर के चेहरे पर कुछ टेंशन दिखी, जो मुझे बहुत चुभ रही थी। आज तक मैने उनको कभी इस प्रकार से तनाव में नहीं देखा था।


मीटिंग शुरू होने पर कुछ जनरल बाते डिसकस हुई, वाल्ट के लिए सरकार की ओर से लगभग मंजूरी मिलने की बात भी मित्तल सर ने बताई जिसे सुन सभी बहुत खुश हुए, और मुझे भी बधाई दी।


फिर मित्तल सर ने मुझे बोर्ड में शामिल होने का प्रपोजल दिया। जिसे पहले तो महेश अंकल ने एक्सेप्ट किया, लेकिन उसके फौरन बाद ही श्रेय ने उठ कर इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया, और वोटिंग की बात कर दी। इसे सुन कर न सिर्फ मित्तल सर, बल्कि महेश अंकल भी टेंशन में आ गए।


वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।


और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....
[/
Awesome update
तो श्रेय मित्तल sir से बहस कर रहा था जोकि मनीष को बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर में लेना चाहते थे
उनकी बहस में।मनीष को मालूम हुआ कि शिविका के साथ उसकी शादी की प्लानिंग थी और जिसमें श्रेय भी खुश था लेकिन अब वो मनीष के लिए खुन्नस पाले बैठा है
और आखिर वो कामयाब हो गया मनीष के लिए वोटिंग करवाने में
रिजल्ट क्या रहा जिससे mital सर भी चकित हो गए
श्रेय का विरोध सिर्फ शिविका से शादी नहीं हो पाई मनीष की इसलिए है या इसमें नेहा को लेकर कुछ अड़ंगा है
 
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Rekha rani

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कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....


अब आगे -


ये श्रेय था। आज तक मैने कभी उसे मित्तल सर के साथ इतनी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना था। मैं वहां से जाने लगा, पर तभी मुझे मेरा नाम सुनाई दिया। अब मैं कान लगा कर उनकी बहस सुनने की कोशिश करने लगा।


"चाचाजी, मनीष को मैं किसी भी सूरत में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होने दूंगा।" श्रेय की आवाज आई।


"लेकिन क्यों? अच्छा लड़का है टैलेंटेड है, ऐसे लोगों की जरूरत है कंपनी को, वैसे भी मैं उसे अपना बेटा मानता हूं।"


"पर वो मानता है क्या? पहले मैं भी उसे अच्छा मानता था, पर उसने शिविका के साथ क्या किया?"


"श्रेय।" इस बार मित्तल सर की आवाज बहुत तेज थी। "उसमें उसकी क्या गलती थी? उसे तो पता भी नहीं कि हम उसकी शादी शिविका से करवाना चाहते थे, बतानि तो हमें ही थी ये बात, पर हम ही अपने स्वार्थ में पहले अपने सपने पूरे करवाने लगे उससे। और उसका दिल कहीं और लग गया, तो इसमें कोई क्या कर सकता है। और ऐसा नहीं है कि मैं बोलता तो वो शिविका से शादी नहीं करता, लेकिन ये सोचो फिर अपनी ही शिविका का जीवन कैसा हो जाता? क्या पता मनीष उसे वैसा प्यार दे पता या नहीं?"


"फिर भी चाचाजी, मैं नहीं चाहता कि वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आए।"


"तुम इस कंपनी में मेरी ऑथोरिटी को चैलेंज कर रहे हो श्रेय?"


"नहीं चाचाजी, वो मैं कभी नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये कंपनी आपके बिना यहां तक नहीं पहुंचती, और इसीलिए पापा भी कभी आपकी कोई बात नहीं टालते, लेकिन फिर भी मैं आपकी इस बात के खिलाफ हूं।"


" तक फिर मनीष बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आएगा, ये मेरा फैसला है।"


"फिर मैं भी पूरी कोशिश करूंगा कि वो न आए।" श्रेय ने भी ऊंची आवाज में बोला।


मुझे लगा कि वो बाहर आने वाला है, इसीलिए मैं वहां से अपने कमरे में चला आया। मेरे और शिविका के बारे में मित्तल सर ने ये सोचा था इसे।जान कर मुझे खुद में कुछ ग्लानि होने लगी, शायद यही कारण था कि अब शिविका मुझसे कटी कटी रहने लगी थी। लेकिन शायद सर भी सही थे, उनके कहने पर मैं आज भी नेहा को छोड़ दूं, पर वो प्यार किसी और को दे पाऊंगा? शायद कभी नहीं।


श्रेय उसी समय वापस वापी के लिए निकल गया था। हमें अभी 2 से 3 दिन और लगने थे। अगले दिन गृह मंत्रालय से बुलावा आया और हम लोग वहां मीटिंग के लिए चले गए। मीटिंग अच्छी रही थी। सरकार अपने खजाने का कुछ हिस्सा रखने को तैयार थी, बस उनकी एक जांच समिति आ कर वाल्ट की सुरक्षा जांच करने के बाद ही इसका अप्रूवल मिलता था। हम वापस वापी आ गए।


अगले हफ्ते पहले ही दिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग बुला ली गई। फिलहाल इसमें 9 मेंबर हैं, मित्तल सर जो 15% होल्डिंग रखते हैं और फिलहाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके अलावा महेश अंकल के पास 10%, दोनो की पत्नी और बच्चों के पास 5 5 % की होल्डिंग है। इनके अलावा 2 प्रमोटर है जो 5% की ही होल्डिंग रखते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आने के लिए कम से कम 5% की होल्डिंग होना जरूरी था, और 1% से ऊपर की होल्डिंग बिना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अप्रूवल के नहीं मान्य थी। तो किसी को भी बोर्ड में शामिल होने के लिए इनकी अप्रूवल जरूरी थी।


हर मेंबर को एक वोट की ही वोटिंग राइट थी, लेकिन MD होने के नाते मित्तल सर की बात को कोई आज तक काटा नहीं था, तो वोटिंग को नौबत नहीं आई थी।


आज की मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था।


मीटिंग शुरू होते समय मुझे मित्तल सर के चेहरे पर कुछ टेंशन दिखी, जो मुझे बहुत चुभ रही थी। आज तक मैने उनको कभी इस प्रकार से तनाव में नहीं देखा था।


मीटिंग शुरू होने पर कुछ जनरल बाते डिसकस हुई, वाल्ट के लिए सरकार की ओर से लगभग मंजूरी मिलने की बात भी मित्तल सर ने बताई जिसे सुन सभी बहुत खुश हुए, और मुझे भी बधाई दी।


फिर मित्तल सर ने मुझे बोर्ड में शामिल होने का प्रपोजल दिया। जिसे पहले तो महेश अंकल ने एक्सेप्ट किया, लेकिन उसके फौरन बाद ही श्रेय ने उठ कर इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया, और वोटिंग की बात कर दी। इसे सुन कर न सिर्फ मित्तल सर, बल्कि महेश अंकल भी टेंशन में आ गए।


वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।


और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....
Awesome update
तो श्रेय मित्तल sir से बहस कर रहा था जोकि मनीष को बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर में लेना चाहते थे
उनकी बहस में।मनीष को मालूम हुआ कि शिविका के साथ उसकी शादी की प्लानिंग थी और जिसमें श्रेय भी खुश था लेकिन अब वो मनीष के लिए खुन्नस पाले बैठा है
और आखिर वो कामयाब हो गया मनीष के लिए वोटिंग करवाने में
रिजल्ट क्या रहा जिससे mital सर भी चकित हो गए
श्रेय का विरोध सिर्फ शिविका से शादी नहीं हो पाई मनीष की इसलिए है या इसमें नेहा को लेकर कुछ अड़ंगा है
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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अब तक आपने पढ़ा -



कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....


अब आगे -


ये श्रेय था। आज तक मैने कभी उसे मित्तल सर के साथ इतनी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना था। मैं वहां से जाने लगा, पर तभी मुझे मेरा नाम सुनाई दिया। अब मैं कान लगा कर उनकी बहस सुनने की कोशिश करने लगा।


"चाचाजी, मनीष को मैं किसी भी सूरत में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होने दूंगा।" श्रेय की आवाज आई।


"लेकिन क्यों? अच्छा लड़का है टैलेंटेड है, ऐसे लोगों की जरूरत है कंपनी को, वैसे भी मैं उसे अपना बेटा मानता हूं।"


"पर वो मानता है क्या? पहले मैं भी उसे अच्छा मानता था, पर उसने शिविका के साथ क्या किया?"


"श्रेय।" इस बार मित्तल सर की आवाज बहुत तेज थी। "उसमें उसकी क्या गलती थी? उसे तो पता भी नहीं कि हम उसकी शादी शिविका से करवाना चाहते थे, बतानि तो हमें ही थी ये बात, पर हम ही अपने स्वार्थ में पहले अपने सपने पूरे करवाने लगे उससे। और उसका दिल कहीं और लग गया, तो इसमें कोई क्या कर सकता है। और ऐसा नहीं है कि मैं बोलता तो वो शिविका से शादी नहीं करता, लेकिन ये सोचो फिर अपनी ही शिविका का जीवन कैसा हो जाता? क्या पता मनीष उसे वैसा प्यार दे पता या नहीं?"


"फिर भी चाचाजी, मैं नहीं चाहता कि वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आए।"


"तुम इस कंपनी में मेरी ऑथोरिटी को चैलेंज कर रहे हो श्रेय?"


"नहीं चाचाजी, वो मैं कभी नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये कंपनी आपके बिना यहां तक नहीं पहुंचती, और इसीलिए पापा भी कभी आपकी कोई बात नहीं टालते, लेकिन फिर भी मैं आपकी इस बात के खिलाफ हूं।"


" तक फिर मनीष बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आएगा, ये मेरा फैसला है।"


"फिर मैं भी पूरी कोशिश करूंगा कि वो न आए।" श्रेय ने भी ऊंची आवाज में बोला।


मुझे लगा कि वो बाहर आने वाला है, इसीलिए मैं वहां से अपने कमरे में चला आया। मेरे और शिविका के बारे में मित्तल सर ने ये सोचा था इसे।जान कर मुझे खुद में कुछ ग्लानि होने लगी, शायद यही कारण था कि अब शिविका मुझसे कटी कटी रहने लगी थी। लेकिन शायद सर भी सही थे, उनके कहने पर मैं आज भी नेहा को छोड़ दूं, पर वो प्यार किसी और को दे पाऊंगा? शायद कभी नहीं।


श्रेय उसी समय वापस वापी के लिए निकल गया था। हमें अभी 2 से 3 दिन और लगने थे। अगले दिन गृह मंत्रालय से बुलावा आया और हम लोग वहां मीटिंग के लिए चले गए। मीटिंग अच्छी रही थी। सरकार अपने खजाने का कुछ हिस्सा रखने को तैयार थी, बस उनकी एक जांच समिति आ कर वाल्ट की सुरक्षा जांच करने के बाद ही इसका अप्रूवल मिलता था। हम वापस वापी आ गए।


अगले हफ्ते पहले ही दिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग बुला ली गई। फिलहाल इसमें 9 मेंबर हैं, मित्तल सर जो 15% होल्डिंग रखते हैं और फिलहाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके अलावा महेश अंकल के पास 10%, दोनो की पत्नी और बच्चों के पास 5 5 % की होल्डिंग है। इनके अलावा 2 प्रमोटर है जो 5% की ही होल्डिंग रखते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आने के लिए कम से कम 5% की होल्डिंग होना जरूरी था, और 1% से ऊपर की होल्डिंग बिना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अप्रूवल के नहीं मान्य थी। तो किसी को भी बोर्ड में शामिल होने के लिए इनकी अप्रूवल जरूरी थी।



हर मेंबर को एक वोट की ही वोटिंग राइट थी, लेकिन MD होने के नाते मित्तल सर की बात को कोई आज तक काटा नहीं था, तो वोटिंग को नौबत नहीं आई थी।


आज की मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था।


मीटिंग शुरू होते समय मुझे मित्तल सर के चेहरे पर कुछ टेंशन दिखी, जो मुझे बहुत चुभ रही थी। आज तक मैने उनको कभी इस प्रकार से तनाव में नहीं देखा था।


मीटिंग शुरू होने पर कुछ जनरल बाते डिसकस हुई, वाल्ट के लिए सरकार की ओर से लगभग मंजूरी मिलने की बात भी मित्तल सर ने बताई जिसे सुन सभी बहुत खुश हुए, और मुझे भी बधाई दी।


फिर मित्तल सर ने मुझे बोर्ड में शामिल होने का प्रपोजल दिया। जिसे पहले तो महेश अंकल ने एक्सेप्ट किया, लेकिन उसके फौरन बाद ही श्रेय ने उठ कर इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया, और वोटिंग की बात कर दी। इसे सुन कर न सिर्फ मित्तल सर, बल्कि महेश अंकल भी टेंशन में आ गए।


वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।



और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....
Ohhooo to ye bat hai Shrey isileye bhais kar raha tha Mittal saheb se taki Manish ko Board me shamil nahi kia jaay or iski wajh thi Shivika jiski shadi Mittal saheb Chahte the Manish se ho lekin Manish ke dile Neha hai ye bat Mittal saheb ache se jante the or ye bhi jante the ki Manish unke kehne per ek bar shadi ke leye maan bhi jata Shivika se lekin uske bad ye bhi such hai ki Manish waisa pyar nahi kar pata Shivika se isiliye unhne ye bat nahi batai Manish ko
.
Kher ab to Mittal saheb Board me shamil karna chahte hai Manish ko jabki Shrey is bat ke sakth khilaaf hai or ab to Shrey jaroor kuch na kuch krega esa jisse Manish Board me shamil na ho paaya lekin kya or kaise Intresting hoga kafi
.
Very Amazing update Riky007 bhai
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
4,367
24,390
159
तो जैसा मुझे उम्मीद थी, शिविका का मनीष को ले कर दोस्त/प्रेमिका वाला भाव ही था!

लेकिन ऐसे गुप-चुप रह कर यह आशा करना कि अगला आपके मन की बात समझ जाएगा - मूर्खता होती है। वैसे, मेरे हिसाब से शिविका सही होती मनीष के लिए। नेहा के अतीत में ढेरों बोझ दिखाई दे रहे हैं, जिनके बारे में भाई को कोई ज्ञान नहीं है। वो भी उसको कुछ बताती नहीं - बस दूध मलाई खिला खिला कर बहलाती हुई दिख रही है।

रजत मित्तल के पास 15%; महेश मित्तल के पास 10%; तीनों बच्चों (प्रिया, श्रेयन, और शिविका) और दोनों श्रीमतियों के पास 55% -- मतलब औसतन 11% प्रति व्यक्ति? और दोनों प्रमोटर्स के पास 5-5% मिला कर 10% है। ये तो 90% ही बना! बचे हुए 10% कहाँ हैं? या फिर मैंने कुछ गलत समझ लिया? कृपया फिर से समझाएँ।

वैसे, यहाँ वोटिंग राइट शेयरहोल्डिंग पर आधारित नहीं है। नौ लोग हैं - अगर पाँच ने ‘न’ कह दिया, तो वो प्रपोजल ‘न’ ही रह जाएगा। मुझे लगता है कि श्रेयन, प्रिया, श्रीमति रजत मित्तल, श्रीमति महेश मित्तल, और दोनों प्रमोटर्स ने न कहा होगा (6 No और 3 Yes)। शिविका मनीष को चाहती है, इसलिए वो उसको यूँ नहीं काटेगी।

ख़ैर, शतरंज की बिसात वॉल्ट के इर्द-गिर्द बिछाई जा रही है। और मोहरा है मनीष। क्यों? क्योंकि उसके अलावा केवल रजत और महेश मित्तल को ही उसका एक्सेस है। लेकिन इसमें चाल क्या है, वो अभी मेरी समझ से परे है। मित्तल परिवार में अगर कोई चाहे तो मनीष को हटा सकता है। ख़ून से गाढ़ा कुछ नहीं होता!

तो शतरंज की चाल क्या है, समझ नहीं आ रहा है। मिशन इम्पॉसिबल को शतरंज की चाल नहीं कहा जा सकता है -- वो चोरी होती है। अगर सरकारी ख़जाने की चोरी होती है, तो पूरे ग्रुप का नुकसान होना है... किसी एक का नहीं! क्या पता, महेश ने रजत को हटाने के लिए कोई चाल चली हो। पुनः, वॉल्ट में अगर कोई लफ़ड़ा हुआ, तो पूरे ग्रुप को नुक़सान होगा - किसी एक को नहीं।

गाड़ी में पिस्तौल ले कर चलना मूर्खता है - गाड़ी का लॉक खोलना, संसार का सबसे आसान काम है।

बहुत बढ़िया कहानी है भाई! बहुत बढ़िया!
लेकिन आशा है कि शतरंज की चाल होगी - न कि चोरी डाका!
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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तो जैसा मुझे उम्मीद थी, शिविका का मनीष को ले कर दोस्त/प्रेमिका वाला भाव ही था!

लेकिन ऐसे गुप-चुप रह कर यह आशा करना कि अगला आपके मन की बात समझ जाएगा - मूर्खता होती है।

रजत मित्तल ने रोका था उसे, यही बात श्रेय से बोली उसने बहस करते समय
वैसे, मेरे हिसाब से शिविका सही होती मनीष के लिए। नेहा के अतीत में ढेरों बोझ दिखाई दे रहे हैं, जिनके बारे में भाई को कोई ज्ञान नहीं है। वो भी उसको कुछ बताती नहीं - बस दूध मलाई खिला खिला कर बहलाती हुई दिख रही है।
बिल्कुल
रजत मित्तल के पास 15%; महेश मित्तल के पास 10%; तीनों बच्चों (प्रिया, श्रेयन, और शिविका) और दोनों श्रीमतियों के पास 55% -- मतलब औसतन 11% प्रति व्यक्ति? और दोनों प्रमोटर्स के पास 5-5% मिला कर 10% है। ये तो 90% ही बना! बचे हुए 10% कहाँ हैं? या फिर मैंने कुछ गलत समझ लिया? कृपया फिर से समझाएँ।
बाकी के पब्लिक डिस्कोर्स और स्पॉन्सर्स के पास हैं।
वैसे, यहाँ वोटिंग राइट शेयरहोल्डिंग पर आधारित नहीं है। नौ लोग हैं - अगर पाँच ने ‘न’ कह दिया, तो वो प्रपोजल ‘न’ ही रह जाएगा। मुझे लगता है कि श्रेयन, प्रिया, श्रीमति रजत मित्तल, श्रीमति महेश मित्तल, और दोनों प्रमोटर्स ने न कहा होगा (6 No और 3 Yes)। शिविका मनीष को चाहती है, इसलिए वो उसको यूँ नहीं काटेगी।

देखिया क्या हुआ है।
ख़ैर, शतरंज की बिसात वॉल्ट के इर्द-गिर्द बिछाई जा रही है। और मोहरा है मनीष। क्यों? क्योंकि उसके अलावा केवल रजत और महेश मित्तल को ही उसका एक्सेस है। लेकिन इसमें चाल क्या है, वो अभी मेरी समझ से परे है। मित्तल परिवार में अगर कोई चाहे तो मनीष को हटा सकता है। ख़ून से गाढ़ा कुछ नहीं होता!

मनीष को हटाना आसान नहीं है, क्योंकि उसको रजत मित्तल और महेश मित्तल दोनों का पूरा सपोर्ट है। हां खून से गाढ़ा कुछ नहीं होता, दिखाया शायद ये बात भी सामने आ जाय।
तो शतरंज की चाल क्या है, समझ नहीं आ रहा है। मिशन इम्पॉसिबल को शतरंज की चाल नहीं कहा जा सकता है -- वो चोरी होती है। अगर सरकारी ख़जाने की चोरी होती है, तो पूरे ग्रुप का नुकसान होना है... किसी एक का नहीं! क्या पता, महेश ने रजत को हटाने के लिए कोई चाल चली हो। पुनः, वॉल्ट में अगर कोई लफ़ड़ा हुआ, तो पूरे ग्रुप को नुक़सान होगा - किसी एक को नहीं।
बिल्कुल होगा, लेकिन शायद बिसात बिछाने वाला ये समझना ही नहीं चाहता।
गाड़ी में पिस्तौल ले कर चलना मूर्खता है - गाड़ी का लॉक खोलना, संसार का सबसे आसान काम है।
मनीष है ही इतना मूर्ख, क्या करें इसमें अब 😌
बहुत बढ़िया कहानी है भाई! बहुत बढ़िया!
लेकिन आशा है कि शतरंज की चाल होगी - न कि चोरी डाका!
होगी तो चोरी/डाक भी, लेकिन और भी बहुत कुछ होगा।

धन्यवाद भाई जी 🙏🏼
 
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