ये केसी अनुभुती
अपडेट - १६९
तबतक रसीलानेभी अपनी जेठानीसे दुबारा बात करके हमारे आनेकी सुचना देदी ओर हमसब फोमार्लीटी पुरी करके फ्लाइटमे बेठ गये ओर हमारी फ्लाइट टेकओफ करगइ ओर हम दो धंटेके बार मुम्बइ अेयरपोर्ट पे बहार आगये ओर केब करके हमारे बंगलोकी ओर नीकल गये ओर आधे घंटेकी डड्ढइव के बाद हम बंगलोपे पहोच गये....अब आगे
तब वहाके सीक्युरीटीनेभी हमे पहेचानलीया ओर हम सब अंदर आगये तब वहा अेक आधेड पुरुष तकरीबन ४५ सालका ओर अेक महीला जो तकरीबन ३८ सालकीथी जो बहार गेइटपे हमारा इन्तजार कर रहीथी हमे देखतेही दोनोकी चहेरेपे स्माइल आगइ कार रुकतेही हमारे पास हाथ जोडके आगये ओर हमे हसते हुअे नमस्कार करने लगे हम कारसे उतर गयेतो वो हमारे पांव छुने लगे तो मायाने हसते हुअे उन दोनोको रोकलीया
माया : (हसते) अरे रहेने दीजीये आप दोनो ये क्या कर रहेहे हें..हें..हें..क्या नाम हे आपका?
आनंद : (हसते) जी महारानी साहीबा मेरा नाम आनंद हे मे मोहनका बडा भाइ हु ओर ये मेरी पत्नी हे इनका नाम सुमन हे मोहनकी भाभी आइअे सब हम सामान लेकर आतेहे
रीटा : आनंद भैया सामान बहुत हे हमभी आपकी मदद करते हे चलो..
सुमन : रहेने दीजीये छोटी महारानी हम लेलेगे आप सब आरामसे अंदर जाइअे हम ले लेते हेनां
तब रीटा सरमाके हसने लगी ओर डड्ढाइवरने सब सामान नीकालके बहार रख दीया तो आनंद ओर सुमन सब सामान लेके अंदर जाने लगे ओर मेने केबका कीराया देदीया ओर हम सब अंदर आगये फीर नीचेही फ्रेस होके वही सोफेपे बेठ गये तब सुमनने सबको पानी पीलाया ओर वो चाइ बनाने चली गइ तो साथमे माया ओर दिवुभी चली गइ तब आनंद वही खडा रहा
आनंद : महाराज आप लोगोको आनेमे कोइ तकलीफतो नही हुइ?
में : आनंदभैया पहेलेतो मुजे महाराज मत कहो मे आपसे छोटाहु ओर मे मोहनकोभी अपना भाइ मानताहु ओर रसीलाभाभीको मे भाभीही कहेता हुतो आपभी हमारे भाइ भाभीही हे तो कोइभी संकोच मत रखीयेगा ओर अबतो हमारा बीजनेस दोनोने कीतना सम्हाल लीयाहे आप उन दोनोको देखेगेथो खुस हो जायेगे
सुमन : (हसते) राजाभैया मेरी रसीलासे बात होती रहेतीहे वो आप लोगोकी बहुत तारीफ करतीहे मुजे आपके बारेमे सब कुछ बताती रहेती हे तो मुजेतो आप लोग अन्जाने लगतेही नहीहे बस अेक बार मीलनेकीही देरीथी सो आज मीलभी गये
अेसेही बाते करते वो हमारे लीये चाइनास्ता बनाके लाइ ओर सबके साथ घुलमीलके बाते करने लगी तबतक आनंद हमारा सबका सामान उपर रखने चला गया ओर हम सब हस हसके बाते करते रहे सुमनको देखके लगाही नहीकी हम आज उसे पहेली बार मीले हे वो मेरी पाचो बीवीसे हस हसके बाते करती रही ओर बीच बीचमे चोर नजरसे मेरी ओर देखती रही
सुमन : कहो देवरजी आज खानेके क्या पसंद करोगे मुजे सब बनाना आता हे
माधवी : भाभीजी आज कुछ तडका मारके मसालेदार खाना बना दीजीये कीतने दीनोसे अेसा खाना नही खाया चलीये मेभी आपकी हेल्प कर दुगी
सुमन : (हसते) माधवीदीदी क्या आपको खाना बनाना आता हे? आपतो डाकटरनी हे कभी कीचनमे गइ हे? हें..हें..हें..(मेरी सब बीवीया ठहाका मारके हसने लगी)
माधवी : (हसते) क्या भाभी अेक बार देखीयेतो सही..मेभी खाना बनालेतीहु थोडा बहुत मां ने सीखाया हे..हें..हें..हें..
तभी आनंदभी सब सामान रखके आगया ओर वो सुमनको कहेके कुछ सब्जी ओर दुध लेने चला गया तब मे रीटा ओर दिवु ओर मनु उपर हमारे रुममे चले गये तो दिवुने अंदर आतेही दरवाजा बंध करलीया ओर मुजपे टुटही पडी तो रीटा ओर मनुभी उनके साथ सामील होगइ ओर हम चारो बेडपे आगये ओर दिवु मेरी कमरपे चडके बेठ गइ ओर मुजे चुमने लगी
दिव्या : (कीस करते) जानु अब ये चार दीन आप हमारी गीरफ्तमे हो जेसा हम कहेगी अेसाही आपको करना पडेगा क्या कहेतीहो बहेनो..
मानषी : (हसते) ठीक कहा दिवुदी कबसे हमारे हाथ आतेही नही हमेतो पहेलेही इनपे फोर्स करदेना चाहीयेथा अबतक तो हमारीभी गोद भराइ हो चुकी होती अब हम इनको नही छोडेगी
रीटा : (जोरोसे हसते) रहेनेदो दोनो कही उल्टा दाव ना पड जाये वोतो दो तीन दीन बादही पता चलेगा ठीकसे चल पतीहोकी नही हें..हें..हें..
दिव्या : (रीटाको मुका मारते) कमीनी हमे मत डरा तुने इनके साथ मजे करलीये तो बस पुरी रात इनसे ठुकवाती रही मुजेतो पताही नही था येतो सुबह तेरी चाल देखी तभी पता चला दोनोने पुरी रात मजा कीयाहे मुजे बतायाभी नही मेरी तुमसे बाततो हुइथी फीरभी..
रीटा : दीदी उस दीन मंदाकीनीदीदी ओर सोनुदीदीने मुजे बहुत फोर्स कीयाथा लेकीन हालत बीगाडकेभी बहुत मजा आया फीकर मत करो इधरभी वही सब होने वाला हे हम सब यहासे जायेगी तब सबके अंदर इनका बीज आचुका होगा ओर हम सब उब..उब..उआ..उबबबब...
करती रीटा अपने मुहमे हाथ रखके बाथरुमकी ओर दोड पडी ओर अंदर जाके उल्टीया करने लगी तबतक दिवु ओर मनुभी गभराके उनके पीछे दोड पडी तब दिवु उनकी पीठ सहेलाती रही तबतक मनु माधुको उपरसे ही आवाज देकर बुलाने लगी ओर माधु दोडके उपर आगइ ओर रीटाके पास जाके उनकी पीठ सहेलाती रही ओर उनका हाथ पकडके चेक करने लगी
फीर वो रीटाका मुह साफ करवाके उसे बहार लेआइ ओर उसे बेडपे लीटा दीया तबतक मायाभी आगइ ओर रीटाका हाथ पकडके बेठ गइ तब सुमनभी आके सब देखने लगी ओर माधु हमारी बेगसे कुछ दवाइआ नीकालने लगी फीर अेक गोली लाके रीटाको खीलादी
माया : (चीन्तासे) माधुदी क्या हुआ हे मेरी रीटाको कुछ गभरानेकी बाततो नही..
माधवी : (हसते) अरे दीदी कोइ गभरानेकी बात नही बस वहा अेकका कामतो होही गया अबतो मीठाइ मंगवाही लो हमारी रीटा सायद प्रेगनेन्ट होगइ हे हें..हें..हें..
कहातो मायाकी ओर दिवुकी आंखसे खुसीसे आंसु छलकने लगे तब दिवुतो मेरे पास आके मुजसे लीपटते रोनेही लगी तब मायाभी आके मुजसे लीपट गइ ओर मुजे थेन्कयु थेन्कयु कहेने लगी येसब देखके सुमन मेरी ओर देखके हसती रही ओर हमारी नजर मीलतेही वो मेरे सामने हसते हुअे अपने नैन नचाने लगी
तो मेने आंख मारदी तो वो अेकदम सरमा गइ ओर नीचेकी ओर भाग गइ ओर कीचनमे जाके दिवालके सहारे आंख बंध करते खडी रही फीर धीरे धीरे हसने लगी ओर अपना अेक हाथ उनके बुब्सपे चला गया ओर वो सरमातने उसे मसलने लगी ओर अपनेही होठको अपने दांतोसे काटते सरमाती हसती रही
आनंद : (अंदर दुध सब्जी रखते) अरे क्या हुआ..अेसे क्यो सरमाती हे कुछ हुआ क्या..?
सुमन : (सकपकाते) कुछ..नही..कुछ.. नही हुआ..वो..वो..सायद छोटी रानी पेटसे होगइ हे अभी उल्टीया कर रहीथी तो दुसरी रानी उनकीही डाक्टरनीहे तो चेक कर रही हे
आनंद : (हसते) अरे वाह येतो खुसीकी बात हे तो फीर तु क्यु सरमा रही हे..?
सुमन : (जुठा गुसा करते) तो क्या करती..? तुमसेतो कुछ हो नही रहा..क्या आपको इच्छा नही होती हमाराभी अेक बच्चा होता..ओर वो छोटीभी कुछ नही कर रही..
आनंद : (हसते) अरे बाबा हम कोसीसतो कर रहेहे ओर वो दोनोभी कोसीस करते होगे वो पहेले अपनी थोडी केरीयरतो बनाले फीर कुछ पेसे बेसे बनाके आरामसे करलेगे वो हमारी तराह मजदुरी थोडी करेगे येतो भगवानने हमारी ओर देख लीया ओर हमकोभी इधर बुलाके वो मजदुरीसे छुटकारा दीलवा दीया अब हमभी इधर कोसीस तो कर ही रहेहे
सुमन : (सरमाते) सुनीयेनां हमारी वो महारानी इनकीही डाकटरनीहे आप कहोतो मे इनसे अेक बार बात करलु? अेक बार उनको दीखादु..कही कमी मुजमेतो नही..होगी..?
आनंद : (हसते) अरे दीखा देना तुजमे कोइ कमी नही होगी होगीतो मुजमें होगी तो फीर तु क्या करोगी..?
सुमन : शुभ शुभ बोलो आपमे क्यु कमी होगी..? हटे कटे तो लगते हो..वरना हमारी वो बुआ हमारा गाव छोडके थोडीना जाती..हें..हें..हें..
आनंद : (थोडा गुसेसे) तुभी क्या पुरानी बाते लेके बेठ गइ क्या मेने थोडी उनको पेटसे कीयाथा..बात करतीहे हा मेरी ओर उनका लगाव थोडा ज्यादाथा इनका मतलब ये नहीकी..
सुमन : (हसते) ठीक हे..ठीक हे..मे कोइ फरीयाद नही कर रही मेतो सीर्फ केह रहीथी चलो मुजे अभी खाना बनाना हे आप दुधको फ्रिजमे रखदो हम रातमे आरामसे बात करेगे
आनंद : (कातील नजरसे हसते) क्या सीर्फ बातेही करनी हे..की कुछ..? हें..हें..हें..
सुमन : (सरमाके हसते) धत्त..मुजे नही पता..कोइ सुनलेगातो क्या कहेगे जाइअे इधरसे..
तब आनंद वहासे हसते हुअे बहार चला जाता हे तब उपर मे रीटाके पास बेठके उनके सरको सहेलाने लगातो रीटा बेडपे अेकदम बेठ गइ ओर मुजे जोरोसे बाहोमे भरलीया ओर मेरे कंधेपे सर रखके बेठी रही तब माया आगइ ओर अपनी सारीके पलुसे उनके आंसु पोछने लगी
रीटा : रहेनेदो मम्मी येतो मेरी खुसीके आंसुहे आजमें बहुत खुस हु हमारी सब तमनाअे पुरी होगइ थेन्कयु जानु मेने सपनेमेभी नही सोचाथा अेक दीन आप मेरा पती होजायेगे ओर मे आपके बच्चेकी मां बनुगी मुजेतो ये सब आजभी अेक सपना जेसा लग रहा हे
दिव्या : हां बीटु मुजेभी अेसाही लग रहा हे वरना मेरीतो जींदगीही अेक वीरान जेसी होगइ थी
रीटा : दिवुदी हम हमारे पतीको खुब प्यार करेगी बस यही जींदगी हमे चाहीये मे अभी सोनुदीको फोन करतीहु वोही मेरी गुरुहे मे पहेली खुस खबरी उनकोही सुनाउगी
मनु : (हसते) बीलकुल पागलहे ये लडकी, चलो नीचे अब खानाभी बनानाहे अकेली सुमनभाभी कब बनायेगी रीटु तु यही आराम कर हम नीचे जाते हे
माधवी : बीटु तु थोडी देर आराम करले इनमे गभराने वाली कोइ बात नही येतो अच्छा हुआ मेने कुछ दवाइ ज्यादा लेलीथी वरना मेतो मायादीका देखकेही सब दवाइ लेकर आइथी
कहातो माया सरमाके हसने लगी ओर अपना सर मेरे कंधेपे रखके हसने लगी तो मे खडा होगया ओर उनको गोदमे उठालीया तो वो सरमाके जोरोसे हसने लगी तब रीटा ओर दिवुभी हसने लगी ओर मे मायाको उठाके नीचेकी ओर जाने लगा तो माया कहेने लगी
माया : (हसते) रहेने दीजीये सखा नीचे सुमनभाभी ओर आनंदभैया होगे क्या सोचेगे..
में : क्या सोचेगे..? यहीकी मे मेरी रानीसखीसे प्यार कर रहा हु हें..हें..हें..
मे अेसेही मायाको गोदमे लेके नीचे आ रहाथा तो कीचनसे सुमन हमे देखके सरमाती हसने लगी ओर अपना मुह दुसरी ओर करते हसती रही तब पीछे माधु मनुभी आगये तब दिवु रीटाके पासही बेठी रही तब रीटाने सोनुको फोन लगादीया तब थोडी रींग बजनेके बाद फोनपे
सोनु : (हसते) हां रीटु पहोंच गये सब आरामसे? फोन करनेमे देर क्यु करदी..?
रीटा : (सरमाते हसते धीरेसे) अरे सुनोतो सही सोनुदी..हम आरामसे पहोचभी गये ओर खाना बन रहाहे आपसे अेक बात कहेनीथी? यहा मुजे उल्टीया हुइ ओर माधुदीने चेकभी कीया..सोनुदी..पहेली खुसखबरी आपहीको सुना रहीहु..आइ अेम..प्रेगनेन्ट..हमारे पतीने मुजे पेटसे करदीयाहे थेन्कयु वेरी मच जो उस दिन आपने हमारे पतीको फोर्स कीयाथा..
सोनु : (खुसीसे जोरोसे) सच..रीटु आइ अेम सो हेपी मे बहुत खुस हु मे अभी सबको खुस खबरी सुनातीहु तु अपना खयाल रखना ओर सुन सबको कहेदे सब खुलके हमारे पतीको प्यार करले सबका काम वही होजाना चाहीये समजी ओर कहाहे वो हमारी सोतन ओर तेरी बुआ..
रीटा : (हसते दिवुकी ओर देखते) यहीहे हमारी बात सुन रहीहे लीजीये इनसे बात कीजीये..
दिव्या : (फोन लेके) हां सोनुदी कहीअे मे सब सुन रहीहु क्या कहेना हे..
सोनु : (धीरेसे) सुनीये दिवुदी आप हमारे पतीसे जमकर चुदवाना मुजे आपका रीजल्ट चाहीये समजी में प्रार्थना करुगी आपको ट्वीन्स होजाये हें..हें..हें..
दिव्या : (सरमाके हसते) सोनुदी क्या बोल रहीहे अभी अेक होजाये वोभी बस हे
सोनु : अरे होजायेगा सुनो दिवुदी आज आपकी बारीहे हमारे पतीको लुट लेना जरासाभी रहेम मत करना मेरी रीटाके बच्चेके लीये अेक फुल जेसी बेटी देदो ओर दो होगीतो अेकको मे मेरे बेटेके लीये लेजाउगी हें..हें..हें..
दिव्या : (सरमाते हसते) जी..पका..दीदी ट्वीन्स नही हुअेतो मे आपके बेटेके लीये फीरसे प्रेगनेन्ट होके दुसरी बच्ची पेदा करुगी ये मेरा वादा हे हें..हें..हें..
फीर अेसीही बाते करते दोनोने बात खतमकी तब फोन रखतेही दिवु जोरोसे रीटासे लीपट गइ ओर उनके गालको चुमलीया ओर उनकी आंखोमें हसते देखती रही
रीटा : दिवुदी अेसे क्या देख रहीहे सोनुदीने कुछ कहा क्या?
दिव्या : हां..समधनजी..बीटु तुजे पताहे मेरी बच्चीकी सादी तेरे बेटेसे होगी हम दोनोही समधन होगी कीतना अजीब हेना दोनोही सोतन आपसमे समधन होगी
रीटा : दिवुदी सायद आपको पता हेकी नही मालुम नही, हम सब परीया हे ओर आपसमेही सादी करती हे तो हमारे बच्चेभी आपसमेही सादी करेगेनां वेसे सोनुदीकी बेटीकी सादीभी नेनुदीके बेटेसे होगी ओर हमारी दोनो बडी मम्मीकी बेटीओकी सादीभी नेनुदीके बेटेसे होगी क्या इनके बारेमे आपको पता हे?
दिव्या : (सरमाके हसते धीरेसे) हां पताहे मुजे नेनुदीने बतादीया हे आनेवाले वक्तमे वोभी हमारी सोतन होजायेगी ओर अभी इनके पेटमे हमारे पतीके बच्चेही पल रहेहे
रीटा : (हसते) दी कीतना अजीब हेना हमारे धरकी सभी ओरतोको हमारे पतीनेही प्रेगनेन्ट कीया हे बस अेक मंदामम्मी ही बाकी रेह गइहे हें..हें..हें..
उपर दोनोही अेसी बाते करते मजे ले रहीथी तब मे नीचे सोफेपे मायासे चीपकके बेठाथा तो अंदर कीचनमे सुमन माधु ओर मनु खाना बना रहीथी ओर मे मायाको बाहोमे भरके प्यार कर रहाथा तब सुमन बीच बीचमे हमारी ओर देख लेतीथी ओर वो हमे अेसे देखके उतेजीत हो रहीथी तब उनकी चुत पानी बहाने लगी
ओर वो धीरेसे बाथरुममे चली गइ ओर जडसे चुतमे उंगली करके जड गइ ओर साफ करके बहार आगइ तबतक खानाभी बन गया ओर सुमनने आनंदको बुलालीया तब मनुभी उपरसे रीटा दिवुको बुलाके आगइ ओर हम सब फ्रेस होके खाना खाने बेठ गये तब सुमन ओर आनंदने हमे खाना परोसके खीला दीया
फीर वोभी दोनो खाना खाने बेठ गये तबतक माधुने सुमनसे सब बाते करली तो सुमनभी हसके हांमे गरदन हीलाके सरमाके हसने लगी ओर सब काम नीपटाके आनंदको लेकर अपने रुममे चली गइ ओर माधुने सब दरवाजा बंध करलीया ओर हम सब हमारे रुममे उपर आ गये तब माधुने वो दरवाजाभी बंध करलीया ओर हम सब बेडपे आके आराम करने लगे तब मेरी सब बीवीया कपडे नीकालके नंगी होगइ ओर हम सब आपसमे चीपकके सो गये ओर साम ५ बजे तब सोते रहे
तब दुसरी ओर सुमन अपने पतीको लेके अपने रुममे चली गइ ओर अंदर जाके दरवाजा बंध करके कपडे नीकालने लगी ओर आनंदका हाथ पकडके उसेभी बेडपे लेगइ ओर उनके कपडे नीकालने लगी तो आनंद उसे देखताही रेह गया ओर आनंदको नंगा करदीया फीर उनका लंड पकडके हीलाने लगी ओर आनंदकी ओर देखती रही
आनंद : सुमन क्या होगया हे तुजे आज अेसा क्यु कर रहीहे ओर वोभी दीनमे?
सुमन: बस कुछ मत बोलो आज मुजे ठंडी करदो जबसे मेने सुनाहे छोटीरानी पेटसे होगइहे तबसे मुजे आग लगी हुइ हे मे पेटसे होना चाहतीहु आप सुरु करो..
आनंद : पागल होगइहे क्या ये कोइ चोकलेट हेजो तु मागेगी ओर तुजे मील जायेगा ये सबतो इश्वरकी क्रिपासे होता हे चल छोड मुजे ओर आराम करने दे
सुमन : (मनते करते) बस आनंद अेक बार मुजे अच्छेसे चोदलो कही बात बन जाये फीर हम रातमे आरामसे करेगेना अभी मुजे अेक बार चोदलो प्लीज..
कहेके वो आनंदके पेरके पास घुटनोके बल बेठ जातीहे ओर लंडको मुहमे लेके जोरोसे चुसने लगतीहे जेसे कोइ लोलीपोप हो तब आनंदका लंडभी हरकतमे आने लगा ओर जटके मारते खडा होने लगा तब आनंदभी मदहोस होने लगा ओर उसने सुमनको पकडके बेडपे लीटा दीया ओर उनके उपर चड गया
तब सुमनने उनका लंड पकडके अपनी चुतपे सेट करदीया ओर आनंदको बाहोमे भरलीया तब आनंदने अेकही जटकेमे पुरा लंड सुमनकी चुतमे उतार दीया ओर उसे जोरोसे कमर हीलाके चोदने लगा तब सुमनभी उतेजीत होने लगी ओर आनंदको बाहोमे भरते चुमने लगी तब अचानक आनंद अकडने लगा
ओर सुमनको कीस करके जडने लगा तब सुमनकी हालत देखने जेसीथी ओर वो आनंदको मनमे गालीया देते उसे नीतंबसे पकडके अपनी चुतपे दबाव बनाते कमर हीलाती रही ताकी आनंदका पानी अंदर लेसके तब आनंद उपरसे हट गया तब सुमन मनमे बडबडाती बाथरुममे चली गइ ओर कमोडपे बेठते अपनी उंगली चुतमे घुसादी ओर जोरोसे हीलाने लगी फीर मुजे इमेजींज करतेही जडने लगी फीर साफ होके बहार आगइ ओर अपने कपडे पहेनके लेट गइ ओर आनंदसे बात करने लगी
सुमन : आप हर बार मुजे प्यासी रख देते हो कोइ इतनी जल्दी पानी नीकालता हे? कुछतो मजा करते बस डाला नही ओर पानी नीकल गया फीर कहासे बच्चा होयेगा पता नही अपनी बुआको केसे पेटसे करदीया..
आनंद : (गुसेसे) सुमन तु फीर वोही बात लेके बेठ गइ तुजे केसे यकीन दीलाउकी मेने उसे पेटसे नही कीया वो मेरी बुआ हे तुभी गांव वालोकी बातोमे आ गइ..
कहातो सुमन आंख बंध करके लेट गइ तब आनंदभी अपने अतीतके बारेमे सोचते आंख बंध करके पडा रहा ओर सोचता रहाकी जब सुमनका गौना नही हुआ तब अेक साल तक उनकी बुआ जो अेक वीधवा थी ओर उनके साथ रेह रहीथी ओर खेतोमे उनका हाथभी बटा रहीथी उनके बीच केसे जानायज रीस्ता बन गयाथा तब उनकी जवानी उफानपे थी
तब उनकी बुआभी छोटी उमरमेही वीधवा बन गइथी तो उनके पतीके घरवालोने उनकी सब जमीन जायदाद लेकर उनको घरसे नीकाल दीयाथा ओर वो अपने मायके आ गइ जो वहा सीर्फ उनके भतीजे ओर बहुही थे उनके माता पीतातो कबसे गुजर गयेथे तब उनका छोटा भतीजाभी लडकीको लेकर भाग गयाथा
अेक साल पहेले सुमन नहीथी तो रातमे जोरोकी बारीसमे खेतोसे आते वक्त दोनोही भीग गयेथे ओर ठंडसे कांप रहेथे तब उस रात दोनोही अेक दुसरेका खयाल रखते बहेक गये ओर दो जीस्म अेक जान होगये ओर पुरे अेक साल पती पत्नीकी तराह रहेके दीन रात चुदाइका आनंद लेते रहे ओर सुमनके आने तक मजा करते रहे फीर दोनोको घरमे मीलनेका मोका नही मीलता ओर दोनो खेतपेही चुदाइका आनंद लेते रहे
तब अेक दीन उनकी बुआ पेटसे होगइ ओर कीसीको बीना बताये वहासे कही ओर चली गइ तब उस रात आनंदने खुब आंसु बहाये ओर अपनी बुआको खुब ढुंढा लेकीन उनका कही अता पता नही मीला ओर वो दोनोको मोहनने यहा बुलालीया यही सब सोचके आनंदकी आंख कब लग गइ उसे पताभी नही चला
तब सामको हमे सखीने जगादीया ओर हम सब फ्रेस होके नीचे आ गये तब सुमन हम सबके लीये चाइनास्ता बना रहीथी आज उनका मुड खराब था तो माधुने देखलीया ओर वो धीरेसे सुमनके पास चली गइ ओर उसे बाते करने लगी ओर बातो बातोमेही उसने सुमनसे सब राज उगलवा लीया ओर वो उनकी मदद करती रही
फीर हम सबने चाइ नास्ता करलीया ओर अेक बडी गाडी मंगवाली ओर हम सब चोपाटी घुमने चले गये ओर माधुने सुमनको बता दीयाथा की हम खाना बहार खाकेही आयेगे सीर्फ तुम दोनोही खाना बनाके खा लेना फीर हमने खुब अेन्जोय कीया खुब मस्तीयाकी फीर बहुत सारी खरीदारीकी ओर हम ताजमे खाना खाने चले गये
तब मनु ओर माधु बुहतही खुस होगइ फीर वही खाना खाके हम सब वापस आगये तबतक आनंद सुमनभी खाना खाके सब काम नीपटा लीयेथे ओर हमारे आतेही दोनो सोनेके लीये चले गये ओर हमभी हमारे रुममे आगये तब हम सब कपडे नीकालके नंगे हो गये ओर सब बेडपे आ गये तब मेने पहेले माया फीर मनु रीटा ओर माधुको दो दोबार अच्छेसे चोदलीया तो सब थकके नहाके सो गइ मे दिवुको लेके दुसरे रुममे चला गया
दिवु : जानु हम यहा क्यु आये सबको बुरा नही लगेगा क्या?
में : नही दिवु मेने सबको बतादीयाहेकी आज मेरी दिवुके साथ असली सुहागरात हे तो अब हमे कोइ डीस्टर्ब नही करेगी आज सही मायनेमे हमारा मलन होजायेगा
दिवु : (मुजे जोरोसे बाहोमे भीचके) ओर राज आइ लव यु सो मच..आज मे बहुत खुस हु आज मे आपको पुरी समपर्ती होते हमारे बच्चेकी मा बन जाउगी लव यु बाबु
ओर दिवु मुजे पागलोकी तराह चुमने लगी ओर हम अेक दुसरेको प्यार करते करते ना जाने कब बेडपे आके लेट गये हमे पताही नही चला तब दिवु अभीभी मुजे चुमेही जा रहीथी तब दिवुने मुजे पीठके बल सुला दीया ओर वो मेरे पेरके बीच बेठ गइ ओर मेरा लंड मुहमे लेके जोरोसे चुसते अंदर बहार करने लगी ओर मेने उसे अपने उपर खीचलीया
में : बस दिवु अब ओर नही मे जल्दसे जल्द तुजमे समा जाना चाहता हु
दिवु : (पलटके मुजे अपने उपर खीचते) तो आजाओना बाबु मे कब मना कीया मेभी आपके अंदर वीलीन होजाना चाहतीहु अबतो मेरे जानुको सुबहही अपने उपरसे उतरने दुगी
कहेके दिवुने मेरा लंड पकडलीया ओर अपनी चुतपे घीसने लगी ओर लंडको चुतके होलमे फसाके मुजे जोरोसे बाहोमे भीचलीया ओर मेने अेकही जटकेमे पुरा लंड दिवुकी चुतमे घुसा दीया तो दिवुकी चीख नीकल गइ ओर मुजे बाहोमे भीचलीया फीर वो नसीली आखोेसे मेरी ओर देखती रही ओर सरमसे मुह इधर उधर करने लगी
दिवु : (लडखडाती आवाजमे) जानु आज अपनी दिवुको चोद डालो कोइ रहेम मत करना मे कीतनीभी चीखु चीलाउ आज मे अपनी हालत बीगाडना चाहतीहु
में : नही दिवु तु मेरी बीवीहे कोइ रंडी नही जो मे तेरी हालत बीगाडु मे मेरी इस बीवीको खुब प्यारसे चोदुगा ओर वोभी बीना लंड बहार नीकाले पुरी रात चोदताही रहुगा आज हमारी बेबी आकेही रहेगी आज मे मेरी दिवुको प्रेगनेन्ट करकेही रहुगा
दिवु : (जोरोसे बाहोमे भीचके कीस करते) ओह..राज चोद डालीये मुजे मे रेडी हु
ओर हमारे बीच घमासान चुदाइ सुरु होगइ तब दिवुभी कमर उछाल उछालके पुरे तालमेलमे मेरा साथ देने लगी ओर धुआधार चुदाइ होने लगी तब बीच बीचमे उनको दोनो बुब्स बारी बारी चुसके लाल करदीया ओर दीवुको होंठपेभी कीस करता रहा ओर हम दोनोही चुदाइमे मस्त होगये तब दिवु पुरी मदहोस होके चुदवाती रही
वो जबभी जडती मुजे लीपलोक करते बाहोमे भीचलेतीथी ओर आखीर मेने दिवुकी चुतमे लंडको जडतक घुसादीया ओर उसे बाहोमे भीचलीया तब दिवुनेभी होंठ लीपलोक करलीया ओर मेरा विर्य दिवुकी बच्चेदानीपे बोछार करने लगा तब दिवुभी साथमे जडने लगी ओर मेरी पीठ सहेलाती रही तब मे उनके पेरके बीच बेठ गया ओर दिवुके पेरे मेरे कंधेपे लेलीया तब दिवु सरमाके हसने लगी ओर सरमसे मुह दुसरी ओर करलीया
दिवु : जानु लगताहे आपको बच्चा ठहेरानेका काफी कुछ अेक्स्पीरीयन्स हो गयाहे अब तक कीतनीको प्रेगनेन्ट कर चुकेहो? हें..हें..हें..
में : (हसते) क्यु..? ज्वेलेसी फील हो रही हे हें..हें..हें..
दिवु : (हसते) नही बाबु कोइ ज्वेलेसी नहीहे बस पुछ रहीहु मुजे लगताहे आज मेरा काम तमाम हो जयेगा जीस तराह आप बेठेहो अेकभी बुद बहार नही जायेगी
में : दिवु हमारे संपर्कमे जीतनीभी ओरतेहे दो तीनको छोडके सब मुजसे प्रेगनेन्ट हो चुकी हे बस अब तुम तीनोही बाकीथी तो दो दीनमे सब होजायेगी
दिवु : जानु क्या ताराभाभी ओर सारीकादीके गर्भमेभी आपका बच्चा पल रहा हेनां आनेवाले वक्तमे वोभी मेरी सोतन होजायेगी, जानु अभी पापाके पास कीतना वक्त हे?
में : बेबी वो सब हम सुबह बात करेगे मे कल आपको सब बता दुगा अभी बताना ठीक नही होगा क्युकी मुजे मेरी इस बीवीको खुब प्यार करना हे आपने मेरा सपनाजो सच करदीया हे लव यु बेबी चलो अेक ओर राउन्डके लीये तैयार होजाओ
दिवु : (सरमाके हसते) जानु मेतो तैयारही हु आप सुरु करो पुरी रात मुजे अेसेही चोदते रहेना मे पुरी तैयारीया करकेही आइ हु क्या आपकी सोनुके साथ बात हुइथी?
में : हां मेरी सोनुने सबसे पहेले आपकोही प्रेगनेन्ट करनेको कहा हे
दिवु : (कीस करते) ओह..लव यु सोनुदी..आपकी दोनो बहेने हम सबका बहुत खयाल रखती हे ओर नेनुदीकीतो बातही कुछ ओर हे वो हम सबका खयाल रखती हे
फीर हम वापस चुदाइ करने लगतेहे ओर इस पुरीरात मे दिवुको अेसेही चोदता रहा तब दिवुनेभी मेरा खुब साथ दीया ओर हमने सुबह लगातार बीना नीचे उतरेही ओर बीना लंड बहार नीकालेही सुबह ५ बजे तब चुदाइ करते प्यार कीया तबतकत मने दिवुकी चार बार चुत अपने पानीसे भरदीथी तब दिवु थकके चकनाचुर होचुकीथी
दिवुकी अेक अेक नक्स उसे चोद चोदके ढीली करदी तब दिवु हीलनेकीभी स्थीतीमे नहीथी ओर उनके सब बाल बीखरे पडेथे उनके बुब्स लाल टमाटर जेसे हो गयेथे उनके होठोपेभी हल्कीसी सुजन आ गइथी ओर उनके होंठकी लालीभी गालपे आगइथी तब दिजुने मुजे अपने उपरसे उतरनेको कहा ओर मे उतर गया तब दोनोका पानी बहेने लगा
दिवु : जानु मे अपने आप हीलभी नही सकती अेसी हालत आपने मेरी करदी हे अब मुजे अंदर लेचलो ओर हां अंदर अब कोइ सरारत मत करना समजे आपतो थकतेही नही
तब मे दिवुको अपनी गोदमे उठाके लेगया ओर उसे नहेलाके खुदभी नहालीया फीर दिवुकी चुतकी सीकाइ करदी तो वो मुजे देखतीही रही फीर मे उसे वापस बेडपे लेआया ओर उसे सुलादीया तब उसने मुजे हाथ पकडके अपने उपर खीचलीया ओर मुजे बाहोमे भरलीया ओर वो मुजसे चीपकके रोने लगी
में : (उनके आंसु पोछते) क्या हुआ बेबी क्यु रो रहीहो कुछ हुआ हे क्या?
दिवु : जानु मेतो आपको पाकर धन्य होगइहु क्या कोइ अपनी बीवीकी इतनी केयर करता हे? लव यु जानु आइ लव यु सो मच बस हमे अेसेही प्यार करते रहेना
में : बस बेबी अब सांत होजा अब सोना नहीहे क्या अभी सब जाग जायेगे
दिवु : जानु आपभी यही सोजाइअे मुजे आज आपकी बाहोमे सोना हे
फीर मे दिवुसे चीपकके सो गया तब दिवुभी मेरी बाहोमे आके मेरे सीनेपे सर रखके गहेरी नींदमे चली गइ ओर हम दोनो सुबह ९ बजे तक सोते रहे तब हमारा दरवाजा कीसीने खटखटाया तब दिवुकी आंख खुल गइ ओर वो बेडसे उतरके दरवाजा खोलने जाने लगी तब उनसे चला नही गया ओर वो बेड पकडते धीरे धीरे चलने लगी
तब मे जटसे बेडसे उतर गया ओर दिवुको वापस गोदमे उठाके बेडपे सुलादीया ओर मेने जाके दरवाजा खोला तो सामने मेरी सखी खडीथी जो मेरी ओर देखके मुस्करा रहीथी तो मेने उसे गोदमे उठालीया ओर अंदर आके वापस दरवाजा बंध करलीया तो वो जोरोसे हसते मुजे सीनेपे मुका मारने लगी ओर मे उसे बेडपे लेआया ओर दिवुके पास लीटादीया ओर उनके उपर चडके लेट गया ओर उसे कीस करने लगा
माया : सखा मेरी बहेनको पुरी रात प्यार करते रहे फीरभी आपका दील नही भरा?
में : नही सखी तुजे देखतेही मे सब भुल जाता हु लव यु बेबी बस अेक पेइनकीलर लाके देदो मे मेरी दिवुको खीलादु उनको चलनेमे बहुतही तकलीफ होतीहे
माया : नही..कोइ पेइनकीलर नही आज भलेवो यही आराम करती रहे सखा आपका बीज उनके गर्भमे आ चुकाहे तो अभी कोइ उल्टी सीधी दवाइ नही खानी समजे
दिवु : मायादी अपतो सब जानती हे क्या मे प्रेगनेन्ट हो गइ हु?
माया : (मेरे नीचे लेटते दिवुकी ओर देखते) हां दिवु तेरे गर्भमे इनकी बच्ची आगइ हे अब पुरे नौ महीनेके बाद अेक खुबसुरत बच्चीको जन्म देगी जो मेरी रीटाकी बहु होगी
दिवु : मायादी मे इनको हर जन्ममे पाना चाहती हु आपतो सब जानती हे क्या ये मुजे नही मील सकते?
माया : (हसते) दिवु तु इनके लीये हर दीन भगवानको प्रार्थना कर सायद तेरी सुनले
दिवु : दीदी वोतो मे हर दीन कर रहीहु मे ओर रीटा हमारे मंदिरमे जाके सबसे पहेले वही प्रार्थना करती हे फीर कामपे लग जाती हे कभीतो वो हमारी सुनेगा उनपे हमे पुरा विस्वास हे हम दोनो इनको पाकरही रहेगी इनकोभी सब मालुम हे लेकीन बताते नही
मायाके सीनेपे सर रखके दिवुकी ओर देखता रहा तब दिवुकी अेसी मनते देखके मेरी आंखसे आंसु नीकल गये ओर मे उसे देखताही रहा तब दिवु मुजे देखते थोडी वीचलीत होगइ ओर मेरी ओर पलटके मेरे आंसु पोछने लगी तब मेरे मुहसे नीकल गया
में : बस दिवु यही समजले भगवानने तेरी ओर रीटाकी प्रार्थना सुनली अब हर जन्ममे तुम सीर्फ मेरीही होगी ओर मुजे हर जन्ममे मीलती रहोगी
तब सखीने मुजे जोरोसे बाहोमे भीचलीया ओर मुजे बेहीम्तहा चुमने लगी ओर हम दोनोही बहेकने लगे तब नाजाने कब हम अेक होगये हमे पताही नही चला ओर दिवु हमे प्यार भरी नजरोसे चुदाइ करते देखती रही ओर मे ओर सखी चरमसुख तक नही पहोचे तब तक चुदाइ करते रहे ओर हम अेक दुसरेको आगोसमे अेसेही पडे रहे
माया : सखा आपसे प्यार करते जीही नही भरता बस अेसा लगताहे दीन रात हर वक्त अेसेही आपसे प्यार करती रहु आइ लव यु सो मच
दिवु : दीदी हम सबका यही हाल हे मे मेरे जानुको बहुतही कम प्यार दे रहीहु मुजेतो इनका सपना पुरा करना हे फीर मे इनको खुब प्यार करुगी ओर इनको लेके अेक हप्तेके लीये कही भाग जाउगी वहा हम दोनो हनीमुन मनाते खुब प्यार करेगे क्यु जानु आप चलोगेना मेरे साथ?
में : हां बेबी बस ये मंदिरका काम पुरा होजाये फीर तु रीटा ओर मे लंडन चले जायेगे
माया : सखा फीर मेरे साथभी आना पडेगा मे ओर नेनुदी साथमे आयेगे चलो इस खुसीमे अेक बार ओर होजाये हें..हें..हें..
कहतो दिवु हसने लगी ओर हमारे बीच अेक बार ओर जबरदस्त चुदाइ होने लगी तब रीटा हमे बुलाने आगइ ओर मुजे इनकी मम्मीके साथ चुदाइ करते देखके खुब सरमाइ ओर हमारे पास आके अपनी कमरपे दोनो हाथ रखके खडी होगइ ओर हमे नजदीकसे चुदाइ करते देखने लगी ओर हसती हुइ करहेने लगी
रीटा : मम्मी तुजे हमारे पतीको बुलानेके लीये भेजाथा चुदाइ करने नही समजी अकेले मीले नहीके चुदाइ सुरु, सोनुदी ठीक केह रहीथी तुम बहोत ठरकी होगइ हो
माया : (जोरोसे कमर हीलाते) क्या करु? इनको देखतेही ठरक चड जातीहे आजा तुभी चुदवाले हम यहा आयेही इसीलीये हेकी इनसे चुदवाती रहे सखा ओर जोरोसे...
रीटा : (दिवुकी ओर) देखा दिवुदी पहेले मम्मीको अेसी देखाथा? पहेले कीतनी सरमातीथी अबतो खुलेआम सबके सामने हमारे पतीका लंड खातीहे ओर सरमभी नही आती अब दोनोका होजायेतो नहाके नीचे आजाना चाइनास्ता रेडी हे ओर दिवुदी आज आप यही आराम करना आपका चाइनास्ता मे अभी लेके आतीहु
माया : सखा..गइ..मे..कीतनी देर हे अब..जोरोसे चोदीयेनां..
में : बस सखी.होगया आइ...आया..
कहेके मेने लंडको मायाकी चुतमे जडतक घुसा दीया ओर दोनो साथमे जडने लगे फीर दोनोही उठके बाथरुममे जाने लगे तब दिवुने मुजे आवाज देके वापस बुलालीया ओर हाथ मेरी ओर करदीया तो मे उसे गोदमे उठाके अंदर ले गया वहा सब नीत्य करके हमने नहालीया ओर दिवुकोभी नहेला दीया फीर बहार आगये तब मायाने दिवुको तैयार करदीया ओर हमभी तैयार होगये तब मेरी सब बीवीया इधर आगइ ओर मेने सबकी मांग भरदी ओर हम दिवुको हग करते नीचे आगये तब रीटा दिवुका ओर खुदका चाइनास्ता लेके दिवुके पास आगइ
रीटा : (हसते दिवुके पास चाइ नासता रखते) दिवुदी केसी रही आप दोनोकी असली सुहागरात मजा आयाकी नही हें..हें..हें..
दिवु : (सरमाके हसते) मेरी हालत नही देखती क्या? मेरातो पुरा सरीर दर्द कर रहा हे चोद चोदके मेरी अेक अेक नब्स तोडके रखदी, कीतना जोसके साथ चोदतेथे वोतो थकतेही नही बस चोदेही जा रहेथे, क्या रीटु तेरे साथभी अेसी चुदाइ हुइ हे?
रीटा : (उनके पास बेठते नासता करते) अरे दिवुदी पुछोही मत मेरीभी हालत आपके जेसे होगइथी इनका अंदर होताहेतो कीतना मजा आता हे बस अेसा लगताहे दीन रात इसे अंदरही रखे क्या आपकोभी अेसा लगता था?
दिवु : (सरमाते हसते) ओर नहीतो क्या? रीटु भलेही मेरी हालत खराब करदी लेकीन बुहत मजा आया मेरी अेसी चुदाइ कभी नही हुइ आज मेने चुदाइका असली आनंद लीया हे अबतो हम दोनो काम पुरा होतेही इनको लेके हनीमुन मनाने चली जायेगी ओर वहा दीन रात बस हम दोनो यही काम करते रहेगे बस चुदाइ चुदाइ ओर सीर्फ चुदाइ
रीटा : दिवुदी क्या आपको अंदर कुछ फील होता हे मतलब आपके गर्भ मे..
दिवु : हां रीटु मुजे अभीभी अंदर गर्म महेसुस होता हे, क्या तुजेभी अेसा लगताथा?
रीटा : (सरमाते हसते) दिवुदी मुजेतो दोदीन तक अेसा महेसुस होता रहा ओर अेक बारतो मे गभरागइ फीर सोनुदीको पुछा तो उसने बतायाकी उनको ओर नीरालीदीकोभी अेसा महेसुस हुआथा ओर आज हम तीनोही पेटसे हे मुजे पका यकीन हे आपभी होगइहे
दिवु : (खुसीसे रीटाको नासता खीलाते) तेरे मुहमे घी सकर तो पका हम दोनो समधन होजायेगी हें..हें..हें..
रीटा : (सरमाते हसते धीरेसे) कीतना अजीब होगाना दिवुदी मेरा बेटा ओर आपकी बेटी बडे होजायेगे ओर मेरा बेटा आपकी बेटीकी यानी इनकी बहेनकोही चोदेगा हें..हें..हें..
दिवु : (सरमाते रीटाको मुका मारते) छी..केसी बाते करतीहे मुजे तो वापस नीचे कुछ होने लगा हे कमीनी तुनेतो मुजे बातोसेही फीरसे गरम करदीया
रीटा : (जोरोसे हसते) तो क्या मे हमारे पतीको वापस इधर भेजदु हें..हें..हें..
दिवु : (हसते मुका मारते) नही कमीनी मुजे अपनी ओर हालत नही बीगाडनी वोतो कहेतेही वापस आके मुजे ठोक देगे भुलसेभी इनको मत कहेना समजी
रीटा : (जोरोसे हसते) कीतनी डरपोक हो अगर आगे प्रोबलेमहे तो पीछे करवालो वोतो अभीभी सीलपेक होगी हें..हें..हें..
दोनोही अेसी मस्ती मजाक करते चाइ नास्ता करती रही ओर हमभी नीचे चाइ नास्ता कर रहेथे तब आज सुमन मुजे कुछ अजीब नीगाहोसे देख रहीथी हमारी नजर मीलतेही वो अपनी जीभसे अपने होठोको गीला करने लगतीथी ओर मुजे कामुक नजरसे देखती रहेतीथी तब मेने सबसे छुपके उनकी ओर देखके आंख मारदी
तब वो सकपका गइ ओर मुह घुमाके सरमके मारे हसने लगी फीर तीरछी नजरसे मुजे देखती रही तब अचानकही सबके सामने देखके तसली करलीकी हमे कोइ देखतो नही रहाहे तब सब चाइनास्ता करनेमे व्यस्तथी तो सुमननेभी मुजे हसके आंख मारदी ओर अेक फ्लाइन्ग कीस देदी फीर मेरी ओर देखके हसने लगी
तब मे समज गयाकी मामला पुरी तराह फीट हे ओर बात कुछ ओरही हे फीर हमने चाइनास्ता करलीया ओर बहार हमारे बंगलोके गार्डनमे घुमने लगे तब आनंदने वही पाच छे खुरशी रखदी तब माया ओर माधु यही बेठ गइ ओर मनु मेरे साथ घुमने लगी
मनु : जानु आज आप पुरी रात मेरे साथ प्यार करेगे अभी सुबहही नेनुदीका फोन आयाथा उनको देवयानीदीने कहा हे पता नही कोन हे वो मेतो इनको समजही नही पा रही क्या वाकइ परीलोकमे हम इनकी संतान हे?
में : हां मनु सीर्फ परीलोकही नही उनकी अप्सरालोकमेभी सब इन्हीकी संतान हे
मनु : जानु कीतना अजीबहेनां? इस जमानेमेभी हमे येसब ज्ञात हे ओर हमे देखनेकोभी मीलता हे जब आपलोग हमारी जींदगीमे नही आयेथे तब हम सब अेक सामान्य जींदगी जी रहेथे ओर हर रीस्तोमे कडवाहस ओर संकाये बनी रहेतीथी ओर अब देखो सब जगाह हमे स्वर्गही नजर आता हे, मेरी मम्मीभी कीतनी खुस हे
में : (हसते) मनु जब हम हमारे सहेरमे थे तब हमेभी अेसाही लगताथा ओर हमे बाबा मील गये ओर हमे अपने आपसे रुबरु करवाया तब जाके हमे पता चलाकी हम वास्तवमे कोन हे मेरी नेनु ओर सोनु अंजु कोन हे ओर आजमे बहुत खुसहुकी मेरीही बहेने मेरी रानीया हे ओर देखा जायेतो धारा ओर आपभी मेरी बहेनही हे
मनु : (सरमाके हसते) सही कहा आपने बस..मे यही उलजनमे फसीथीकी मुजे आपसे प्यारतो हो गया पर दिलके अेक कोनेमे आपको भाइ मानने लगीथी ओर यही सोचती रहेतीथीकी मे मेरेही भाइसे केसे फीजीकल होउगी हें..हें..हें..
में : (हसते) जेसे आज हम होगे अब तु अपने भाइसे सीर्फ फीजीकलही नही उनके बच्चेकोभी जन्म देगी आज हमारा सही मायनो मे मीलन होजायेगा
मनु : (सरमाते धीरेसे) जानु चलोना हम अंदर जातेहे मुजे रात तकका इन्तजार नही हो रहा क्या हम लंचकेबादही वो सब नही कर सकते?
में : नही बेबी रात तक इन्तजार करले फीर रातमे सीर्फ हम दोनोही होगे बाकी सब दुसरे कमरेमे होगे जेसे कल मे ओर दिवु थे समज गइनां
माया : (जोरोसे) सखा आप दोनो इधर आजाइअे वहा क्या घुम रहेहे हमभी इधर बेठीहे
मनु : (धीरेसे) जानु आपकी ये सखी बहुतही तीखी हे चलो हम वहा बेठतेहे
माधवी : (हसते) मायादी दोनोको अकेले घुमने दोनां मनुतो कमही हमारे पतीको मीलतीहे बस उनकी मम्मीकी सेवामेही लगी रहेती हे हें..हें..हें..
माया : (जोरोसे हसते) क्या करे बेचारी इस उमरमे इनको पेट फुलाके घुमनाथा ओर उनकी मम्मी घुम रहीहे हें..हें..हें..वो बेचारी अपनी मम्मीका बहुत खयाल रखती हे
माधवी : (हसते) अरे हां..अबतो हमारे काकाकोभी पापा पापा कहेते थकती नही हे
मनु : (पास आके माधुको मुका मारते) हांतो पापाही कहुगीना वो बाकायदा मेरे पापाही हे समजी..(पासमे बेठते) दीदी मुजे पापाका प्यार कभी नसीब नही हुआ तो ये मेरे पापा मुजे बेटी मानके इतना प्यार दे रहेहेकी इतना प्यारतो सीमादीकोभी नही मीला होगा
में : (मायासे चीपकते) बेबी सीर्फ तुजेही नही काका हमेभी इतना प्यार करते हे
माधवी : (धीरेसे) दीदी आपने सुमन ओर आनंदकी कहानी सुनी? जब वो ब्याह कर आइथी तब आनंदभैया ओर उनकी बुआही साथ रहेते थे तब मोहनभाइ ओर हमारी रसीलाभाभी साथ पढतेथे तो दोनोही भागके इधर आगयेथे तब सुमनको पता नहीथाकी उनके पती आनंद ओर उनकी बुआके बीच अवैध रीस्ता हे ओर अेक दीन उनकी बुआ घर छोडके कही चली गइ तब आनंदभैयाने उसे ढुंढनेकी बहुत कोसीसकी लेकीन नही मीली फीर इन दोनो कुछ साल रहेके इधर चले आये
माया : लेकीन उनकी बुआने उनका घर क्यु छोड दीया?
माधवी : (हसते धीरेसे) क्युकी आनंदभैयाने उनकी बुआको प्रेगनेन्ट करदीयाथा तो बेचारी क्या करती उनकी बदनामीकी वजहसे उनका घर छोडके कही दुर चली गइ ओर अब देखो यहा सुमनको बच्चे नही हो रहे हें..हें..हें..
मनु : (मेरी ओर जोरोसे हसते) जानु लगताहे आपके लीये अेक काम ओर आगया हें..हें..हें..
माया : (जोरोसे हसते मनुको मुका मारते) कमीनी धीरे बोल वो सुन लेगे हें..हें..हें..
माधवी : (जोरोसे हसते) मायादी करनेदो..हें..हें..हें..हमारे पतीका कामही यही हे हें..हें..हें..
माया : (मेरी ओर देखते हसते) देखा सखा मेरी सब सोतन अेक जेसीही हे हें..हें..हें..
में : (आंख बंध करते गंभीर होके धीरेसे) सखी इनकी बुआ वापस उसी गावमे आगइ हे ओर उनका बच्चाभी साथमेहे जो ६ सालका होगया हे ओर वो आनंदके खाली पडे घरमेही रेह रहीहे वो बहुतही तकलीफमे हे उसे आनंदसे मीलवाना होगा वो इन्हीके लीये वापस आगइ हे वोभी आनंदके बगैर नही रेह सकती तो वापस आगइ
माया : (मुजे ढंढोरते) सखा आप कहा खो गये? क्या ये सच हे..?
में : (आंख खोलते) हां सखी वो पैसेके बीना बहुतही तकलीफमे हे खानेको कुछ नही हे
आनंद : (हमारे पास आके अदबसे) राजाभैया क्या आपके लीये कुछ लाउ..? मतलब आप लोग आइसक्रिम या कुछ ओर खाओगे..? तो मे अभी इधरसे लेके आता हु
में : (खडे होके इनके कंधेपे हाथ रखके) चलो आनंदभैया हम दोनो लेकर आते हे
आनंद : (हसते) भैया आप क्यु तकलीफ लेतेहे यहा पासमेही तो हे मे अभी लेके आजाउगा आप लोग बेठीये..
में : अरे चलो..इसी बहाने बहार कुछ देखनेकोभी मीलेगा देखुतो सही हमारी सोसायटी केसी हे ओर यहाकी मार्केटमे क्या क्या मीलता हे, सखी आप लोग बेठो हम अभी आतेहे
कहेके मे आनंदके कंधेपे हाथ रखके चलने लगा तो आनंदभी खुस होके हसने लगा ओर हम दोनो बहारकी ओर जाने लगे जब गेटपे पहोचे तब सीक्युरीटीवालेभी हमे देखके हसने लगे ओर हम दोनो बहार आगये तब मेने आनंदसे कहा
में : हां कहो आनंदभैया वहा गांवमे घरमे अब कोन कोन हे?
आनंद : क्या भैया पुरा घर खाली पडा हे ओर हमारे खेतभी अब वेसेही पडा हे मोहनतो पहेलेही अपनी बीवीके साथ इधर आगयाथा वो वहा आगया तो हमेभी यहा बुला लीया अब वहा कोइ नही रहेता
में : (धीरेसे) मेने सुुनाहे वहा आपके साथ आपकी बुआभी रहेतीथी?
आनंद : (सकपकागया ओर आंख गीली होगइ) भैया..क्या आपको हमारे बारेमे सब मालुम हे..? आपको कीसने बताया? कही मोहनसेतो बात नही हुइ..?
में : हां मुजे सब मालुम हे मुजे मोहनकीभी पुरी स्टोरी मालुम हे ओर आपकीभी पुरी स्टोरी मुजे मालुम हे ओर मे कीसीभी रीस्तेको गलत नही मानता बस आपके मुहसे सब सचाइ सुनना चाहता हु क्युकी आपकी बुआ इस वक्त बहुतही तकलीफमे हे
कहातो आनंद वीचलीत हो गया ओर अपने आंसु बहाने लगा फीर मेरीओर देखते रोयेही जा रहाथा तब मेने उसे बडी मुस्कीलसे सांत कीया ओर उसनेभी अपने आंसु पोछ डाले फीर हीमत करके मुजे पुरी स्टोरी सुनानेकी ठानली ओर वो कहेने लगा
आनंद : भाइ मेरी बुआकी सादीके बादही छे महीनेके अंतरालमे मेरे मां ओर पीताजी चल बसे तब मेरी सादीभी होचुकीथी पर गोना नही हुआथा जो तीन सालके बाद होनाथा तब मोहन सहेरमे पढ रहाथा ओर मे खेतीबाडी देखताथा ओर अेसेही दो साल नीकल गये तब अेक दीन अचानक मेरे फुफाभी चल बसे ओर बुआके ससुराल वालोने उनका सबकुछ छीनलीया ओर बुआको घरसे नीकालदीया ओर वो वापस घर आगइ
में : तो क्या आप लोगोने कोइ केस बेस नही कीया..?
आनंद : भैया वो बहुतही पहोचे हुअे लोगथे ओर हमभी कहा ये केस बेसके चकरमे पडे इनमेतो सब पुलीसवाले ओर वकीलही सब खायेगे ओर इनके चकरमे हमारा सबकुछ बीक जायेगा फीरभी हम उसे नही पहोेच सकते इससेतो अच्छाहे हमारे पास हमारा घर ओर खेततो हे तो हम आरामसे मजदुरी करते हमारा पेट पाल सकतेहे तो कुछ नही कीया
में : हांं येभी सही हे तो फीर..
आनंद : फीर क्या बुआभी खेतोमे मेरा हाथ बटाने लगी कहेतीथी मे यहा मुफ्तमे रोटी नही खाउगी मेरी बुआ इतनी खुदार हे फीर आपतो जानतेहे तब मेभी जवानथा ओर बुआकी सादीकोभी सीर्फ दो सालही हुअेथे तो इनकीभी कुछ जरुरतथी दोनोही साथमे काम करतेथे तो हम दोनो काफी नजदीक आगये ओर अेकदीन सबकुछ होगया
में : हं..मतलब दोनोही आपसमे प्यार करतेथे..
आनंद : हां भाइ बुआभी मुजे दीलोजानसे चाहने लगीथी ओर मेभी इनको चाहने लगाथा ओर अेक साल तब दोनो पती पत्नीकी तराहही रहेतेथे दोनोका अेकही बीस्तर होताथा ओर सुमनका गोना होगया तब दोनोकोही मीलनेमे मुस्कील आने लगी ओर हम खेतोमे मीलने लगे ओर अेक दीन उनको उल्टी होने लगी ओर उनको पता चल गयाकी वो पेटसे होगइ हे ओर उस रात वो हमे बीना बतायेही कही चली गइ
में : तो फीर आपने उनको ढुंढा नही..
आनंद : भाइ बहुत ढुंढा इस गावसे लेके सभी गाव छानमारा लेकीन उनका कहीभी पता नही लगा ओर तब मोहनभी हमारेही कुटुबकी बहेनको लेकर भाग गया
में : हां उसने बतायाथा वोदोनो इधरही सबसे छुपके रेह रहेथे फीर..?
आनंद : फीर क्या भैया हमनेतो बुआकी उमीदही छोडदी ओर आज उनको सात साल होगये ओर अबतो हमभी इधर आगये पता नही कहा होगी वो..
तब हम अेक मोल जेसी शोपमे चले गयेतो मे हसने लगा क्युकी यहा अेक पुरा काउन्टर हमारी ब्रान्डका लगा हुआथा तो मेने वहीसे आइसक्रिम लेलीया ओर हम वापस बाते करते बंगलोकी तराह चलने लगे
में : आनंदभैया आप सोचो, अगर आपकी बुआ आपको वापस मील जायेगीतो आप क्या करोगे..?
आनंद : (सरमाके हसते) क्या करुगा..? अरे उसे घर वापस लाउगा ओर अपना लुगा इनके लीये सुमनभी राजी हे कहेतीथी बुआ मीलजायेतो वापस लेकर आइअे हम दोनो बहेनकी तराहही साथमे रहेगी मेरी सुमन बहुतही समजदार हे
में : तो फीर सोचलो आपकी बुआ आपको मील गइ..आप उसे यहा लेकर आजाइअे ओर आपके साथही रखीये क्युकी दोनोही बंगलेकी सफाइ वगेरे काम करती रहेगी ओर सेलेरीभी मीलती रहेगी ओर जब सुमनभाभीको कुछ बच्चे वच्चे होगेतो वो सम्हालभी सकती हे क्या कहेते हो..?
आनंद : (मेरी ओर देखते हसते) राजाभैया क्या हमारी बुआको आप जानतेहो..? इतना ढुंढा फीरभी नही मीलीतो अब कहासे मीलेगी..ओर मील गइतो जरुर लाउगा
में : (हसते) आनंदभाइ बस ओर कुछ मत पुछना.. बस इतना मालुम हेकी इस वक्त वो आपके खाली पडे घरमेही रेह रहीहे ओर आप दोनोका बच्चाभी साथमेहे जो अभी ६ सालका होगया हे ओर उनको अभी खानेकी बहुत तकलीफ हे बस आप आजही गांव चले जाओ ओर अपनी बुआ ओर आपके बच्चेको लेकर आजाओ फीर आप उनसे सादी कर लेना ओर आप अपनी दोनो बीवीओके साथ इधरही रहेना
आनंद : (मेरी ओर अेक नजरसे देखते) राजाभैया ये सब आप केसे..जानते..मतलब आपको सब केसे मालुमकी वो वही हे..
में : (हसते) इसीलीये आपसे कहाथा की मुजे ओर कुछ मत पुछना बस आपतो उनको लेने चलेही जाओ ओर सुमनभाभी नही मानतीतो हम उसे मनायेगे आप आजही नीकलो मे आपको कुछ पेसे देताहु दोनोको लेके इधर आजाओ
तब आनंदके सरीर ओर मनमे अेक जोस आगया ओर हम वापस बंगलोपे आगये तब वो सीधा सुमनके पासही चला गया ओर उसे सब बताने लगा तब सुमनभी आस्चर्यसे उनकी सब बाते सुनती रही फीर आइसक्रिम नीकालके खुद हमारे पास आगइ तब वहा रीटाभी बेठीथी तब दिवु सो चुकीथी ओर हमे आइसक्रिम देने लगी
सुमन : (मुजे आइसक्रिम देते) राजाभैया आपके भाइ कुछ केह रहेथे उसे अभी गाव जाना हे क्या येसब सच हे..? हमारी बुआ वही हे?
में : हां भाभी क्या इनके लीये आप राजीतो हेनां? बाकी मे सब सम्हाल लुगा
सुमन : (हसते) अरे हां मेतो राजीही हु इनके बीनातो पगला गयेथे अच्छा हुआ मील गइ हम साथमे रेह लेगे आप फीकर मत करो ओर वेसेभी इतना बडा बंगला साफ करते १० बज जातेहे तो दोनो मीलके यहा काम करती रहेगी ओर मुजेभी कंपनी मील जायेगी
जब वो हम सबको आइसक्रिम देके चली गइ तब मे मेरी सब बीवीओको पुरी बात बता देता हु तो सब सोक्ट होके हसने लगी ओर खुस होगइ तब माधु खडी होगइ ओर सुमनके पास चली गइ ओर उनसे बाते करने लगी तब आनंदभी अपनी रुममें जाके जानेकेलीये तैयार होने लगा आज वो बहुतही खुस नजर आ रहाथा ओर इधर कीचनमे
सुमन : देखा दीदी इनके चहेरेपे केसी रोनक आगइ, चलो अच्छा हुआ अब बुआका लडकाभीतो इन्हीका खुन हे मे इसेही अपना बेटा मान लुगी अब इस उमरमेतो कुछ होगा नही अब आपही बताये मे क्या करु?
माधवी : भाभी मेरी मानो जबवो यहा आयेतो दोनोकी सादी करदो ताकी अपकी बुआको वीधवाके लेबलसे छुटकारा मीलजाये ओर कीसने कहा अब आप मां नही बन सकती देखना आपभी अेक प्यारेसे बच्चेकी मां बनेगी मुजे यकीन हे
सुमन : कास आपकी बात सच होती दीदी अब ये मुजे वो सुख नही देपायेगे
माधवी : क्यु..? इनमे कुछ कमीहे क्या..? तो फीर बुआको केसे प्रेगनेन्ट करदीया?
सुमन : तबकी बात ओर थी तब वो जवानथे ओर तब मे नहीथी तो दोनोही साथमे मीया बीवीकी तराह ही रहेतेथे फीर मेरा गोना होगया ओर मे आगइ जब बुआ चली गइ तब ये बहुतही पगला गेयेथे ओर बुरी लतमे फस चुकेथे येतो अच्छा हुआ हमे मोहनभाइने इधर बुलालीया ओर इनकी सब आदते छुट गइ मेरे खयालसे इनकी वजहसेही कुछ नही होरहा बस अबतो भगवानही कुछ चमत्कार करे ओर आपकी बात सच होजाये
माधवी : भाभी जब आनंदभाइ चले जाये तब आप हमारे पतीको पकड लेना आपका काम होजायेगा वेसेभी मुजे पता हे आप हमारे पतीपे लटु हो गइ हे हें..हें..हें..
सुमन : (सरमाके हसते) ये आप क्या केह रहीहे अेसा कुछभी नही हे..
माधवी : (हसते) रहेने दीजीये भाभी आपके चहेरेपे आपकी लाली बहुत कुछ बता रही हे ओर गभराये नही हमारे पतीका कामही यही हे उन्होने बहुत ओरते जो बाजंथी सबकी गोद भरदी हे तो आपकीभी गोद भरदेगे हमारी चीन्ता मत कीजीयेगा वो सब हमे बताकेही करते हे ओर मे सामनेसे केह रही हु
दोनोही अेसी बाते करती रही ओर खाना बनाती रही तब आंनदभाइभी तैयार होके बहार आगये तब मेने उसे १० हजार रुपीये दीयेतो वो खुसीसे गदगद होगये फीर हम सब मीलके लंच करने बेठ गये तब सुमन बार बार मेरी ओर देखके कुछ इसाराभी करने लगी मानोवो मुजे मीलना चाहतीहो मुजे सुनानेके लीये आनंदसे कहेने लगी
सुमन : सुनीअेजी..आप आज वही रुक जायेगा मे घरमे अकेली सोजाउगी ये सब लोग हेतो कोइ दीकत नहीहे फीर सुबह बुआको लेकर आजाइगा
आनंद : अरे हा भगवान तु मेरी फीकर मत कर वेसेभी हमारा गाव बहुत दुर हे मे कल साम तक वापस आजाउगा ओर कुछ चाहीयेतो तुम इधर मोलसेही सब लेलेना
में : भाइ आप आरामसे जाओ मेने मोल देखलीयाहे हमही घुमके लेआयेगे
सुमन : (हसते) अरे आप लोग क्यु जायेगे मे हुनां ओर राजाको अेसे अकेले बहार नही घुमना चाहीये हें..हें..हें..
कहातो मेरी सब बीवीया ठहाका मारके हसने लगी तब सुमनभी मेरी ओर तीरछी नजरसे देखते हसती रही तब आनंदभाइने फटाफट खाना खालीया ओर वो सुमनसे कुछ बाते करके नीकल गया ओर हमनेभी खाना फीनीस कीया तब माया रीटा माधु मनु सब उपर आराम करने जाने लगी तब सुमनने मुजे यही रुकनेका इसारा कीया ओर वो बर्तन लेके कीचनमे चली गइ ओर वही सब काम नीपटाते बार बार मेरी ओर देखते हस रहीथी
माधवी : जानु आपको आराम नही करना क्या? चलो उपर की यही बेठना हे?
में : बस माधु तुम लोग जाओ मे अभी दो तीन फोन करके आताहु
कहातो माधु चली गइ ओर मे फोन लगाके नेनुसे बात करने लगा तब मेरी सब बीवीयाने बारी बारी मुजसे बात करली तबतक सुमनभाभीनेभी सब काम नीपटा लीयाथा ओर वो सीडीके पास वाले रुमपे खडे होके मेरा इन्तजार कर रहीथी जेसेही मे वहासे गुजरा उसने मुजे हाथ पकडके रुममे खीचलीया ओर दरवाजा बंध करदीया..
कन्टीन्यु....