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Incest मेरे अंतरंग हमसफ़र

deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र




परिचय

दोस्तों मैं दीपक कुमार, मेरे अंतरंग हमसफर मेरी सबसे पहली कहानी है और इसके पहल्रे 3 भाग आप पढ़ सकते हैं "अंतरंग हमसफर" के नाम से जो मेरे कॉलेज के दोस्त आमिर ने पोस्ट किये हैं .

आगे के सभी भाग आपको इस फोरम पर मिलेंगे और मेरी कोशिश है आप इसे काफी कामुक पाएंगे और आपको पढ़ कर मजा भी आएगा

मैं अठारह साल की उम्र तक पढ़ाई में ही डूबा रहाl मैं हमेशा पढ़ने लिखने में होशियार, एक मेधावी छात्र थाl उस समय तक पढाई में ही डूबे रहने के कारण मेरे कोई ख़ास दोस्त भी नहीं थे और मैं स्कूल में भी अपने अध्यापकों के ही साथ अपनी पढ़ाई में ही लगा रहता थाl

आपका

दीपक कुमार




मेरे अंतरंग हमसफ़र

INDEX

प्रथम अध्याय

सेक्स से मेरा परिचय और पहला सम्भोग
भाग 1 से
भाग 3
भाग 4
भाग 5 - रूबी के साथ सेक्स, उसके बाद समूह सेक्स-
भाग 6 - टीना के साथ सेक्स-
भाग 7 - साथियो की अदला बदली.

द्वितीय अध्याय
परिवार से मेलजोल

भाग 1/ भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12

भाग 13


तृतीय अध्याय
खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग 1/
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12
भाग 13/ भाग 14/भाग 15 भाग 16/भाग 17/भाग 18/ भाग 19
भाग 20

चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी


भाग 1 -
भाग 16/
भाग 17- भाग 21/भाग 22/भाग 23/भाग 24/
भाग 25-भाग 31/भाग 32/ भाग 33-भाग 41
/भाग 42/भाग 43/भाग 44/
भाग 45

पांचवा अध्याय
लंदन की हवाई यात्रा

भाग 1-
भाग 12/

छठा अध्याय

लंदन में पढ़ाई और मस्तिया


भाग 1- भाग 15
भाग 16-नियंत्रण
भाग 17-सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंद
भाग 18- अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार
भाग 19-अरबपति की ट्रॉफी पत्नी
भाग 20-टिटियन प्रकार की लड़की !
भाग 21-लड़की या कोई हूर परी !
भाग 22-चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोग
भाग 23-कामुक पागलपन
भाग 24-कामुक आजाद ख्याल
भाग 25-कामुक दृश्यम

भाग 26-रात का आखिरी पहर
भाग 27 -सुबह-सुबह टहलना - कुछ- बहुत कुछ
भाग 28-सुबह-सुबह - बहुत कुछ
भाग 29-समारोह की प्रक्रिया
भाग 30-सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिने
भाग 31- मैं ही क्योे


सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर





astra1


भाग 1 -काफिला
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6/भाग 7/भाग 8
भाग 9/
भाग 10/भाग 11/
भाग 12/
भाग 13/
भाग 14 विशेष समारोह आरंभ-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ता
भाग 15 विशेष समारोह की मालिशकर्ता
भाग 16 महायाजक
भाग 17 महायाजक द्वारा सशक्तिकरण
भाग 18 पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरण

भाग 19 सशक्तिकरण
भाग 20 दावत कक्ष
भाग 21 मार्टिनी ग्लास में लड़की
भाग 22 दावत का समय
भाग 23- भाग 55
भाग 56 - सुगंध
भाग 57 - सुंदर सम्भोग का आनंद
भाग 58 - सुंदर आनंद
भाग 59 - नयी राजकुमारी का प्रेम परिचय

भाग 60 - भाग 62
भाग 63- हवेली
भाग 64 - जनून
भाग 65 - स्टड
भाग 66 - आज्ञा
भाग 67 - पारिश्रमिक
भाग 68 - असर
भाग 69 - अनुष्ठान का अंत





आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण


भाग 1 -
नवनिर्माण
भाग 2-भाग 45


नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई

भाग 1 -भाग 45


दशम अध्याय
भाग 1-भाग 55

अंतरंग हमसफ़र भाग: INDEX
अंतरंग हमसफ़र भाग 001अंतरंग जीवन की पहली हमसफ़र रोज़ी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 002पहली हमसफ़र - शारीरक सुखो से मेरा पहला परिचय.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 003अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ पहले सम्भोग की कहानी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 004अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ मानसिक सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 005रूबी के साथ संसर्ग, उसके बाद समूह सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 006टीना एक नयी कुंवारी युवती के साथ तालाब में पहला संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 007साथियो की अदला बदली.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 008सुन्दर युवती से मुलाकात.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 009फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 010रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 011रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 012रोजी, रूबी के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 013जेन के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 014जेन के साथ मुखमैथुन और सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 015जेन के साथ सेक्सIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 016अलका की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 017अलका की पहली चुदाईIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 018दूसरी फूफेरी बहन के साथ सम्भोग.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 019फूफेरी बहन के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 020कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 021कमसिन फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 022नयी लड़किया और तालाब पर छुप कर मस्तियो के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 023लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 024तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 025नग्न सामूहिक कामुक खेल और मुख मैथुन.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 026सौतेली बहने.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 027सौत बनी साथी.Loving Wives
अंतरंग हमसफ़र भाग 028बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 029सेक्स का आरंभिक ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 030चुदाई के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 031प्यार का असली सबकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 032कजिन के सहेली के साथ मेरे फूफेरे भाई की आशिक़ी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 033रुखसाना की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 034रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी हैErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 035हुमा की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 036दुल्हन की लाल रंग की पोशाक में खूबसूरत हुमा.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 037चुदाई से पहले की चूमा चाटी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 038चिकनी संकरी और छोटी से चूत वाली हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 039हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 040हुमा की आनंदभरी चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 041हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 042हुमा बहुत नाराज हो गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 043सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 044सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 045मेजबान के साथ संसर्ग.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 046लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 047लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 048सरप्राइज़.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 049सोई हुई परम् सुंदरीErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 050परम् सुंदरी का प्रभाव.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 051वूमेन ऑन टॉप.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 052नकली गुस्सा असली प्यार.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 053भाग्यशाली.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 054लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 055चलती कार में चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 056सामने चुदाई करते हुए देखना.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 057तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 058तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 059मिली का सौंदर्य अवलोकन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 060मिली की सहायिका सपना की ख़ूबसूरती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 061सपना के नग्न सौंदर्य का निरीक्षण कर उसे सराहा.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 062हुमा का निरिक्षण.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 063हुमा को सजा.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 064मिली निकली उस्ताद.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 065मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 066लिली के साथ मजे.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 067लिली ने की लंड चुसाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 068घट कंचुकी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 069एमी और तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 070हुमा ने की लंड चटाईErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 071अगले सत्र की तयारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 072मैं तरोताजा महसूस कर रहा था.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 073ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 074चॉकलेट खाने का सही तरीका.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 075मिली खुद चुदी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 076चकाचक माल की दावत.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 077सपना का कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 078पहली चुदाई के बाद का दुलार.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 079सपना चुपके से मेरे कमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 080वीसा साक्षात्कारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 081पहली डेटRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 082सूर्यास्तRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 083चाँद की धीमी रोशनी, नदी में नाव में हमFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 084मुखमैथुन के नए पाठFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 085कुंवारी योनि का दुर्लभ अवलोकन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 086कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 087दोबारा करेंगे तो बेहतर लगेगाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 088मैं पूरी कोशिश करूँगाGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 089लंदन की हवाई यात्रा-1Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 090जहाज के सफर में मनोरंजनRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 091हवाई यात्रा में छोटा ब्रेकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 092एयरलाइंस की वो परिचारिकाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 093एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 094एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 095एयरलाइंस परिचारिका का पहला अनुभवFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 096नायाब एयरलाइंस परिचारिकाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 097आगे का सफर नए साथी के साथRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 098नए साथी के साथ खेलErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 099हवाई यात्रा मे हस्तमैथुनToys & Masturbation
अंतरंग हमसफ़र भाग 100इन-फ्लाइट मनोरंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 101लंदन में पढ़ाई और मस्तियो की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 102लंदन का ख़ास पैराडाइस मनोरजन क्लबGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 103साथी का चयनFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 104भोजन, संगीत और प्रेम का इजहारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 105प्रेम और मस्तियाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 106प्रेम आलिंगन और नृत्यGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 107सार्वजानिक और खुले तौर पर सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 108चुदाई के दौरान बिस्तर ने हवा उछाल दियाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 109बिस्तर में लगे ताकतवार स्प्रिंगों का स्प्रिंगिंग एक्शनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 110लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुकता और ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 111लंदन में पढ़ाई और मस्तिया सामूहिक ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 112लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, नफीसा का स्वागतGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 113सुंदरता, सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 114सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 115लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, पुजारिन के ख़ुशी के आंसू!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 116लंदन में पढ़ाई और मस्तिया नियंत्रणMind Control
अंतरंग हमसफ़र भाग 117सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंदCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 118अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 119लंदन में पढ़ाई और मस्तिया अरबपति की ट्रॉफी पत्नीGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 120लंदन में मस्तिया टिटियन प्रकार की लड़कीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 121लड़की या कोई हूर परी!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 122चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 123लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुक पागलपन .Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 124कामुक ख्यालGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 125लंदन में मस्तिया कामुक दृश्यमExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 126लंदन में मस्तिया और उस रात का आखिरी पहरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 127सुबह-सुबह टहलना-कुछ-बहुत कुछExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 128सुबह-सुबह-बहुत कुछGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 129समारोह की प्रक्रियाHow To
अंतरंग हमसफ़र भाग 130सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिनेExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 131मैं ही क्योे?Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 132काफिलाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 133पुजारिन के उद्धारकर्ता की जयNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 134प्यार का मंदिर प्रेम भरी प्राथनाRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 135स्नानागारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 136शुद्धिकरण स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 137ऐयाशी - जब रात हैं ऐसी मतवाली तो फिर सुबह का आलम क्या होगा!Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 138जनाना स्नान्नगारLesbian Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 139प्यार की देवीNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 140स्नान और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 141सफाई और स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 142विशेष समारोह आरंभGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 143विशेष समारोह शुद्धिकरण दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 144विशेष समारोह - दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 145विशेष समारोह-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 146विशेष समारोह की मालिशकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 147विशेष समारोह महायाजकGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 148महायाजक द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 149पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 150सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 151दावत कक्षGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 152मार्टिनी ग्लास में नर्तकीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 153दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 1. जूस, 2 फल. 3 स्नैक्स 4. सूपGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 154दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 5. ऐपेटाइज़र, 6. सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 155दावत - 13. मुख्य व्यंजन 6- सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 156दावत - 13. 7 - तालू की सफाई के लिए वाइन. स्तन निरीक्षणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 157दावत - 13. 8 मुख्य व्यंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 158दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 8- मुख्य व्यंजनGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 159दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 9 शैंपेन से मुख शुद्धि -Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 160दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10 अगली मुख्य डिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 161दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10- एक बार फिरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 162दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 -मजेदार आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 163दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - सामूहिक आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 164दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - मजेदार अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 165दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मजेदार मीठाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 166असुविधा को दूर करने का प्रयासFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 167दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा त्यार हैFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 168दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा परोस दिया हैGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 169मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 170सैंडविच मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 171जुड़वाँ बहनो के साथ मालिश और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 172बेकरार महायाजकFetish
अंतरंग हमसफ़र भाग 173समारोह की तयारीNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 174उद्घाटन समारोह शुरू करेंErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 175दाता को प्रेम, सेक्स और सम्भोग से सशक्त करनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 176मुख्य पुजारिन की दीक्षाCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 177सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की दीक्षाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 178सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की कामुकताFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 179सेक्सी अपना कौमार्य अर्पित कर दोErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 180मुख्य पुजारिन का कौमार्य भंगErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 181कौमार्य भंग करने के साथ प्रथम सम्भोगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 182नयी मुख्य पुजारिन का प्रथम सम्भोगNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 183शक्ति का स्थापनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 184नई प्रधान महायाजकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 185मंदिर में दीक्षा के दौरान माहौल का प्रभावExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 186सर्वदा तैयार, पुनःErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 187प्रथम गुदा प्रवेशAnal
अंतरंग हमसफ़र भाग 188लंदन का प्यार का मंदिर और कुंवारी की सुगंधErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 189प्रशिक्षु महायाजक पुजारिन के साथ सुंदर सम्भोग का आनंद.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 190सुंदर आनंदFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 191नयी राजकुमारी का प्रेम परिचयNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 192राजकुमारी का प्रेमErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 193रसGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 194उपहारGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 195हवेलीRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 196लंदन का मंदिर, महायाजक का प्यार का जनूनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 197स्टडErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 198प्रेम की देवी की आज्ञा और हम सब पुजारिणो की ओर से उपहारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 199पारिश्रमिक- रेशमी लबादे में लिपटी सुन्दरियाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 200सुंदर स्वागत योग्य रमणीय स्त्रीत्वErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 201अनुष्ठान का अंतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 202आठवा अध्याय हवेली नवनिर्माणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 203हवेली नवनिर्माण इंस्तांबुल टर्की हरम की यात्राExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 204टोपकापी पैलेस के हरम की योजना का विस्तारExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 205उत्कृष्ट वासना का सत्रErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 206हाहाकारी चुदाई का एक उत्कृष्ट नमूनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 207विशेष सेविका कैपरीInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 208चालाक संदेहInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 209मेरे लिए इनामNovels and Novellas
अंतरंग हमसफ़र भाग 210फूफा या मामू का परिवारIncest/Taboo
 
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -21

सजा.


आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 20 में पढ़ा:

बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।

मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "

"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।


मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:


मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।



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उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।



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लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।


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कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'



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कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।



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घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

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अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

SEMI8
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए।

अब आगे:-

हुमा माफ़ी मांगने लगी तो लिली बोली नहीं हुमा आपको माफ़ी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी इसके लिए आपको साबित करना होगा की आप मास्टर से अपने बर्ताव के लिए शर्मिंदा हैं और अब उनकी आज्ञाकारी हैं आप सबसे पहले घुटनो के बल होकर मास्टर से माफ़ी मांगो

हुमा हो लग रहा था कि बेंत के मार के सामने ये सजा बहुत कम है। हुमा तुरंत घुटनो के बल हो गयी तो सपना बोली अब ऐसे ही घुटनो के बल चलते हुए मास्टर के पास जाओ और उनसे माफ़ी मांगो.


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हुमा ने अपने हाथ जोड़े और घुटनो के बल धीरे-धीरे चलती हुई मेरे पास आयी तो डेज़ी बोली अब मास्टर के हाथ चूमो और पैर चाटो तो हुमा ने मुँह आगे किया और मेरे हाथ चाटे और फिर मेरे पैर। चाटने लगी । मुझे भी अब मजा आने लगा ये तो मेरी सोची हुई सजा से भी बेहतर था ।

फिर शबनम बोली अब हुमा आप अपने स्तनों को मरोडो और निप्पलों को खींचो और मास्टर के सामने पेश कर उन्हें मसलने और खींचने के लिए प्राथना करो ।

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तो हुमा उसकी बात का पालन करते हुए अपने स्तनों को दबाने लगी और अपने निप्पलों को मसलने लगी तो उसके स्तन उत्तेजना में खड़े हो गए और फिर खींच कर मेरे सामने पेश कर बोली मास्टर। प्लीज इन्हे मसलन और खींच कर मुझे सजा दीजिये और प्लीज मुझे माफ़ कर दो

डेज़ी ने हुमा को बोला इन्हे खींच कर मास्टर के मुँह में डालो और फिर मैंने उसके निप्पल को हलके से दांतो से कुत्रा तो हुमा कराहने लगी और बोली आअह्ह्ह मास्टर प्लीज अब मुझे माफ़ कर दो । अब फिर कभी आपको अवज्ञा नहीं करुँगी ।

एमी बोली हुमा आप मास्टर को किश कर मास्टर के हाथ अपने स्तनों पर ले जाएये और मास्टर आप इनके स्तन और फिर नितम्बो को दबाइये हुमा मेरे हाथ अपने स्तनों पर ले गयी और मुझे किस करने लगी और फिर मेरे दुसरे हाथ को अपने नितम्बिओ पर ले गयी और फिर हमने किस की और मैंने उसके स्तन और नितम्ब दबाये और जब हम सांस लेने को रुके तो ।

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"अब हुमा फिर से घुटनो के बल बैठो और-और उन्हें और सब लड़कियों के पैरो को चूमो और उन्हें धन्यवाद दो की उन्होंने आपको सजा दी है," मिली ने निर्देश दिया।

अब तक हुमा सब की बात बिना किसी विरोध के मानने लग गयी थी और वह झुकी और मेरे पैरो को चाटा और मुझे बोली मास्टर मुझे सजा देने के लिए आपका धन्यवाद । इससे मुझे मेरा व्यवहार सुधारने में सहायता मिलेगी और आप मुझे माफ़ कर दीजिये और फिर सब लड़कियों के पैरो को चूमा और उन्हें धन्यवाद बोला फिर मेरे पास आयी।

मिली बोली हुमा तुमने जितना तुमने अपराध किया है उसके लिए इतनी सजा काफी नहीं है तुमने न केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे लड़ाई भी की है, उन्हें दुःख पहुँचाया है परेशान किया है और फिर बिना उनकी आज्ञा के उनको छोड़ कर चली गयी थी इसलिए तुम्हे अभी और सजा मिलनी चाहिए जाओ अब मास्टर के घुटनो पर पेट के बल लेट जाओ



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मैं बैठ गया और मिली ने हुमा को मेरी गोद में नीचे की ओर मुंह करके लेटने का इशारा किया।

हुमा रुआँसी हो गयी थी, हुमा ने मोज़े और जूतों के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था। किसी भी लड़की ने अब एक शब्द भी नहीं कहा । निराशा और डर के साथ-साथ हुमा को उसकी सबसे बड़ी शर्मिंदगी के साथ अपनी सभी गलतियों का पता चला और हुमा ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया इसलिए वह उसने बेंत को मुँह से उठाया और मेरे पास आकर बोली मास्टर अब मैं आपसे याचना करती हूँ की आप मुझे इस बेंत से सजा दीजिये।

मैंने बेंत पकड़ी और फिर अपना शर्मिंदा चेहरा छिपाने के लिए बहुत उत्सुक हुमा तुरंत मेरे घुटनों पर नीचे मुँह करके लेट गयी।

हुमा का चेहरा बहुत प्यारा थाl, जब वह मुस्कुराती थी तो गालो में डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो नरम और सुनहरे रंग के थेl




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जैसे ही हुमा मेरे अपने घुटनों के ऊपर सही ढंग से लेटी और मुझे उसके शानदार नग्न पिछवाड़े के आकर्षणों का दीदार प्रदान किया।, मैंने उसके पीछे के हिस्से और नितम्बो पर देखा तो मैं उसकी चिकनी गांड और नितम्बो पर मोहित हो गया और उन्हें पहले सहलाया और फिर उसके नंगे नितम्बो पर-पर चुटकी काटी जिससे उसे दर्द हुआ और वह दर्द से आह-आह करती हुई कराहने लगी। छड़ी मेरे हाथो से नीचे गिर गयी ।
हुमा के बदन पर सर और आँखों की पलकों और भोहों को छोड़ कर बाल का नाम और निशाँ नहीं था हुमा की बिलकुल चिकनी और दाग रहित त्वचा थी जिसे सहलाने और चुने भर से मेरा तना हुआ हथियार हिचकोले खाने लगा और फुफकारने लगा ।

हुमा अपनी-अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार थी ऊपर से सभी लड़कियों के सामने उसे सजा दी जा रही थी जो की उसके लिए अपमानजनक भी था परन्तु गलती उसी की थी । इसलिए उसका बदन शर्म और आशंका से कांप रहा था और लाल हो चला था ।

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उसकी चिकनी और मखमली गांड और गोल नितम्ब मेरे सामने थे । उसके बाद, मैंने उसकी मखमली चिकनी जांघो को धीरे से सहलाया और उसके नितम्बो को दृढ़ता और गोल रूपरेखा को महसूस किया।

और उसकी गांड के छोटे से गुलाबी छेद को देख मैंने अपने ऊँगली उसकी अंदर घुसाई तो वह बहुत टाइट था और ऊँगली अंदर नहीं घुस पायी और हुमा कराहने लगी । फिर मेरा हाथ उसके योनि के निचले हिस्से और गांड के छेद के बीच गया और मैंने वहाँ कुछ देर अपनी उंगलिया चलाई और फिर मेरा हाथ उसके नीचे से दिख रही बाल रहित योनि पर चला गया। उसके गोल नितंब चिकनी और टाइट गांड और मेरी द्वारा चुद चुकी बाल रहित योनी सब मेरी आसान पहुँच के भीतर थी और वह गुलाबी और प्यारी लग रही थी कि उसे मैं उसे सहलाने के लिए अपना हाथ उसके निचले अंगो पर घुमाते हुए उसकी नाभि और कमर तक ले गया। मेरा हाथ जब भी उसकी किसी नए अंग को छूता था वह कराहने लगती थी और मेरा लंड कसमसाने लगता था ।

उसके नीचे की खूबसूरत गोल गुलाबी गोल नितम्बो बीच में उसकी नाजुक गांड बेहद सुंदर लग रही थी। उस तनावपूर्ण मुद्रा और हलात में हुमा आगे को झुकी हुई अपना निचला पिछले भाग मुझे प्रदर्शित कर रही थी। उसकी गुदा का छोटा-सा गुलाबी छेद और उसकी बाल रहित छोटे-छोटे नरम रोयों वाली छोटी से तंग छेद वाली योनि को कोमल कली उसकी, कोमल घाटी के तल पर स्थित किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए मेरी थी और अब मेरे को समर्पित थी ।


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जब मेरे हाथ उसकी चिकनी गांड पर गए थे तो बार-बार फिसल रहे थे। जब मैं उसके नितम्बो और गांड के निरीक्षण को और लंबा नहीं कर सका, तो मैंने उसके नितम्बो, गांड, योनि, टांगो कमर और पीठ को और जांघों को प्रशंसा पूर्वक सहलाते हुए हुमा को खड़े होने की आज्ञा दी। वह बोल रही थी वह प्लीज मसस्टर मुझे माफ़ कर दो और अब मेरी हर आज्ञा मानेगी तो मैंने उसकी आज्ञाकारिता को आजमाने का फैसला किया और बोला हुमा बोलो हुमा तुम ही बताओ अब तुम्हे अब क्या सजा मिलनी चाहिए क्योंकि अभी तुम्हारी सजा पूरी नहीं हुुइ है ।

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हुमा नीचे झुकी और अपने मुँह में छड़ी उठायी और मुँह मेरी तरफ घुमा दिया और बोली मास्टर आप जो सजा दोगो मुझे मंजूर है और मेरे सामने झुक गयी और अपने हाथों से अपने टखनों को छूआ और अपना पिछवाड़ा सजा के लिए प्रस्तुत कर दिया। मैंने सब लड़कियों को और देखा, सब दरी हुई थी और चुप थी और अब मैंने अपना हाथ जिसमे वह छड़ी थी ऊपर उठाया तो रोजी बोल उठी मास्टर! कृपया रुकिए! मेरे निवेदन पर आप हुमा को इस बार क्षमा कर दे ये इसकी पहली भूल है और हुमा को अपने भूल का आभास हो गया है और उसने आपसे माफ़ी भी मांग ली है आप बहुत दयालु है और आपको हुमा बहुत प्यारी भी है । कृपया मेरे अनुरोध पर आप उसे उसके इस पहले अपराध पर अब क्षमा कर दे।

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रोजी के इस प्रस्ताव का सबसे पहले एमी ने अनुमोदन किया और बोली दीपक आप मेरा भी अनुरोध मानिये और इसे अब क्षमा कर दीजिये । । इसके तुरंत बाद सभी लड़किया जो पहले चुप थी अब सब एक सुर में बोली मास्टर अब आप हुमा को क्षमा कर दीजिये । मैंने मिली से पुछा आपकी क्या राय है, मिली?

तो वह बोली हम सब आपके गुस्से को देख डरी हुई थी परन्तु अब सबने थोड़ा साहस जुटा लिया है और आपसे प्राथना है उसे इस बार क्षमा कर दीजिये ।

तो मैंने हुमा से पुछा हुमा तुम्हारी अब क्या इच्छा है तो हुमा बोली मास्टर आप मुझे थोड़ी-सी सजा आवश्य दीजिये ताकि मैं अपना ये सबक याद रखूँ और कभी कोई गलती न करूँ ।

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तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।

अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।

"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा.

जारी रहेगी
 
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मित्रो और पाठको को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

कहानी जल्द आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास रहेगा
 

deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -22

मिली उस्ताद.


आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 21 में पढ़ा:

तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।


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अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।

"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा।



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आपने मेरी कहानी "मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

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उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।


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लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।



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कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'


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कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।



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उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।

अब आगे:-

मैंने लिली की तरफ देखा और मेरी गोरी मेजबान वैसा ही पारदर्शी गुलाबी गाउन पहने हुई थी, जिसमे मैंने उसे पहली बार देखा था जो ऊपर से खुला था, जिससे उसकी आकर्षक दूधिया छाती के ऊपरी भाग प्रदर्शित हो रहे थे वह केवल पेट के पास एक डोरी से बंधा हुआ था और उसकी गोरी लम्बी और चिकनी टाँगे जिनमे उसने खूबसूरत ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था।

उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। यह वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने अर्ध-नग्न थी और थोड़ा शर्मा रही थी। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती लगभग पूरी तरह से नग्न थी!


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अपना हाथ आगे बढ़ा कर मिली ने लिली को अपने पास बुलाया तो लिली ने मिली का हाथ थोड़ा ऊपर किया तो उसकी गाउन उसकी छाती से थोड़ी दूर एक तरफ गिर गई और अब वह ऊपर से लगभग पूरी तरह से नंगी थी और उसके हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट गोल, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन दिखने लगे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी बाहर निकल आया, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था।

वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे सहलाने और धीरे से दबाने का सौभाग्य एक बार फिर प्राप्त करने के लिए व्याकुल हो गया।
'लिली, अब तुम्हारी बारी है!' मैंने कहा; 'प्रिय अपने वस्त्र निकालो और सबके सामने अपनी सुंदरता का नग्न प्रदर्शन करो । एमी उसकी नाइटी को उतारने में उसकी मदद करें!' उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। एक क्षण में लिली के गाउन की डोरी एमी ने खोली और लिली की जाँघों थोड़ी अलग हो गयी और उसकी गाउन उनके बीच गिर गई और वह अब सबके सामने नग्न खड़ी थी, मैं उसके प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं! और उसने अपने स्तनों की गोलाई और सुंदर रूप को मुझे पूरी तरह से दिखाया, जिससे मेरी कामोतेजना और उसे पाने की इच्छा और अधिक भड़क गयी। मिली जानती थी लिली मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर रही थी। पतली लिली कामुकता का एक सुंदर दृश्य पेश कर रही थी। मेरे और उसकी बड़ी बहन मिली के लिए यह दृश्य परिचित था, लेकिन बाकी लड़कियों और एमी के लिए यह एक रहस्योद्घाटन था जिसके कारण प्रशंसा के लिए शब्द नहीं ढूँढ पा रही थी।




एमी की टूटी हुई सांस ने मुझे बताया कि उसकी बहन की नग्न सुंदरता की दृष्टि उसे कितना प्रभावित कर रही थी, जबकि बाकी लड़कियों बस निर्विवाद आनंद से रोमांचित थी, उनकी आँखें लगभग आश्चर्यजनक रूप से सुनहरे बालों के शानदार धन पर टिकी हुई थीं जो कि लिली के शुक्र पर्वत पर बढ़ीं और उसकी योनी को आश्रय दिया। । हमने लिली को धीरे-धीरे घुमाया, जैसा कि उसकी बहन ने किया था, उसकी आकर्षक कोमलता के तमाशे में आनंदित होना; और जब उसने फिर से हमारा सामना किया, उसके गाल लाल हो गए, मैंने चुपके से मिली की आंखों को देखा क्योंकि वे अपनी बहन के स्वेच्छा से नग्न शरीर, उसके स्वादिष्ट स्तनों और उसके सुनहरे बालों वाली योनी पर घूमते थे।

कामोतेजना के कारण मैं अपने ओंठो पर जीभ फेर रहा था और मिली मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिए आपको मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर लिली पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। लिली के चूतड शानदार, कूल्हों चौड़े और बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे और ज्यादा बड़े लग रहे थे।

एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भी देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा क्योकी लिली को पता था कि भारी चूतड मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने में जहाँ पर पानी का जग रखा था उसने बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके चूतड और उनका मटकना देख सकूं।

फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये और मटक कर उसने गिलास में पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसने ऊँची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे-बडे मम्मे जोर-जोर से उछल रहे थे।

मिली ने लिली से पानी का गिलास पकड़ा और मुझे पानी पिलाने लगी और पानी पीला कर गिलास उसको दे दिया। मैंने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और बोला लिली तुम तो सेक्सी हो। मेरा लंड अब पुरी तरह टनटनाया हुआ है और पैन्ट फाड कर बाहर आने को तैयार है।

फिर मिली ने मेरा कुरता उतारा और अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिराने लगी और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे चल रहा था। वह मुझे मस्त कर रही थी। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती में एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बडा ही मुश्किल था।

फिर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेइन्तेआह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह! ओह! के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।

मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?

उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।



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उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।

तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक


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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -23

मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.

मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में पढ़ा:

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही मिली ने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।

मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?

उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।


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उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।



LICK-1Z1

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।


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कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'


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कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।


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अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।

अब आगे:-

मैंने कमरे में चारो और देखा वह कक्ष बहुत बड़ा था और इसमें कई प्रकार के तकियों से सजा हुआ एक विशाल बिस्तर था। एक पूरी दीवार पर एक जंगल का दृश्य के रूप में चित्रित किया गया था जिसमें नग्न लड़किया और नग्न अप्सराओं झरनो और तालाब में स्नान कर रहे थे और झरने के बगल में घास के मैदान में एक बहुत सुंदर लड़की को एक युवक चोद रहा था और एक उतनी ही सुंदर लड़की तालब में पूल में उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी और कुछ लड़किया वहाँ उत्साह में नाच रही थी और कुछ लड़किया शराब और खाना परोस रही थी। यह कमरा जाहिर तौर पर निजी प्रकृति के मनोरंजन के लिए था।

मिली बोली दीपक आपका प्रक्षिक्षण अब शुरू हो रहा है और फिर मिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मिली ने अपने हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर मेरा मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।



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मैं उसके होंठो को चुसने से पहले मैं गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब 2 मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा।

फिर उसने मेरा निचला होंठ छोड कर मेरा उपरी होंठ अपने दोनों होंठो के बीच पकड लिया और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। मिली ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक वह मेरे होंठ को गीला करती रही और-और मैं उसके ओंठ चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुहँ में गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।



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थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह में जमा हो गयी। फिर मैंने मिली के होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अमृत थी। फिर थोडी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार पीता रहा। फिर मिली ने आखरी बार मेरे होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर मेरे से अलग हो गयी। फिर मैंने पूछा मजा आया दीपक।

तो मैं बोलै हाँ गुरूजी बहुत मजा आया।

तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। मैंने कहा ट्रेनिग कि जरूरत तो मुझे है क्योकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नहीं कर सकता। मिली बोली वोह तो तुम ठीक ही कह रहे हो राजा! ठीक है मैं तुम को पुरी तरह ट्रेन कर दूँगी और लगता है तुम मेरा सारा अनुभव और ज्ञान लूट लोगों। फिर मिली बोली तुम्हारी मस्ती होंठ चूसायी के कारण बढ चुकी है।



kiss-deep
for annie poem meaning

मैं हैरान हुआ और मिली को प्रणाम कर बोलै गुरूजी ये आपकी कैसे पता चला की मेरी मस्ती बहुत बढ़ चुकी है? क्योंकि मेरे लंड का तनाव मस्ती से बहुत बढ़ चूका था

मिली बोली लुंगी में छुपा हुआ नाग बारी-बारी अपना सर उठा कर फुफकार रहा है उसी से मुझे पता लगा । सभी लड़किया हमे किश करते हुए देख कर गर्म हो रही थी और तभी मेरा ध्यान लिली की तरफ गया जो हमे किस करते हुए बड़ी गौर से देख रही थी ।

' मिली मेरे साथ बैठी हुई लिली के दिव्य रूप, सौन्दर्य, यौवन, चमक उत्साह को देख आसक्त लग रही थी।

क्या आपने लिली को इस तरह पहले नहीं देखा है? 'मैं मिली के कान में फुसफुसाया तो मिली शरमा गई।' नहीं! 'उसने धीरे से उत्तर दिया-' लिली छोटी थी जब मैंने उसे आखिरी बार पूरी नंगी देखा था-दीपक, उसे देख कर मुझे लगता है कि मुझे पुरुष होना चाहिए था, उसकी खातिर! '-और वह हसने लगी जबकि एमी जो हमारे पीछे खड़ी थी उसने भी मिली का हसी में साथ दिया।

'तब तो आप निश्चित रूप से इस समय मेरी संवेदनाओं को समझ पाती कर सकते हैं, प्रिय मिली!' मैंने उसके स्तनों से प्रेमपूर्वक खेलते हुए कहा।

'दीपक, जिस चीज पर मैं बैठी हुई थी मैं उसकी धड़कन और चुभन से अभी भी उन संवेदनाओं का अनुमान लगा सकती हूँ!' मिली ने जवाब दिया और उसने खुद को मेरे घुटनों पर दबाया और मुझ पर मुस्कुरा दी और दीपक अब आपको लिली के मिलवाना ही पड़ेगा।


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लिली जैसे खड़ी थी उसमे उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्यालो को उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक पूरा नग्न था।

लिली के समतल पेट का साफ़ चौड़ा मैदान कर उसने कमर में सुंदर आकर्षक कमरघनी पहनी हुई थी जो उसकी नाभि के आरपार गुजर रही थी और फिर उसका शानदार योनि क्षेत्र था और उसके नीचे उसकी सुंदर चिकनी टाँगे सब बिलकुल आकर्षक और शानदार था! उसकी शानदार नग्नता को देखने के बाद कोई भी उसको प्राप्त करने के लिए उत्सुक हो जाता, लिली के कामुक आकर्षण के प्रदर्शन के बाद उसके निकट संपर्क का भड़काऊ प्रभाव और उसके स्तनों को संभालने से उत्पन्न उत्तेजना ने मुझे कामुक आग में झोक दिया था, मैंने इस समय छूने उसकी योनी को छूने की हिम्मत नहीं की। लुंगी के अंदर मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह था और फुफकार रहा था।

मैंने अपने कंधे पर एमी को देखा। वह अभी भी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर उसकी नग्न सुंदरता से बहुत उत्साहित थी। उसकी आँखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी। जिज्ञासा वह स्पष्ट रूप से उस पर हावी थी, जो कुछ समय के लिए उसके दब्बू स्वाभाव पर हावी हो गयी थी।

मिली ने मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।



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फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।

तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक
 
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -24


लिली के साथ मजे.



आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।



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उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे।


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मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।





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कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।



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घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।



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उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।



KIS-EMB
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मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा।

मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 से उद्धृत :

"मिली मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।




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फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।"

अब आगे:-

फिर सब लड़कियों के लिली के पास हुई और उसे घेर लिया और मेरे सामने उसे हाथो और बाजुओं से छिपा लिया और मुझे सिर्फ लड़कियों के हाथ और बाजू ही नजर आ रहे थे और लिली उनमे चुप गयी थी । फिर लड़कियों ने एक-एक कर के अपनी एक-एक बाजू या हाथ को-को हटाया तो लिली मेरे सामने खड़ी अपने स्तनों को सहला रही थी।


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फिर लिली ने अपने स्तनो को अपनी उंगलियों में पकड़ कर दबाया और उन्हें ऊपर से धीरे-धीरे दबाते हुए अपने हाथ निप्पल के पास ले गयी और निप्पल को सहलाने लगी। वह अपना समय ले रही थी और इससे मेरी हालत खराब हो रही थी। अब उसके हाथ उसके स्पॉट पेट पैर से होते हुए नीचे की चले गए. फिर उसके हाथ उसकी योनि क्षेत्र में चले गए और उसकी उंगलिया उसकी योनी के कोमल मांस में छुप गयी और उस संक्षिप्त क्षण के लिए उसके पेट की मांसपेशियाँ सख्त हो गईं,

उसने अपने एक हाथ को अपने शरीर पर फिराया। यह हाथ उसके स्तनों को दबाने के लिए कुछ समय के लिए रुक कर फिर उसके पेट के साथ वापस उसकी चूत पर आ गया। उसकी लंबी उंगली नीचे की ओर झुकी और उसके भगशेफ तक पहुँचने के लिए योनि के मैजेंटा होठों को थोड़ा-सा विभाजित किया!



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फिर लिली लहराते हुए घूमी और उसने चम्मच से अपने पास रखे हनीपोट में से शहद निकाला और उसे अपने स्तनों के निपल्स पर रगड़ा और उसकी अच्छी तरह गोल छाती पर उसके निप्पल लाल चेर्री की तरह चमक उठे। वह फिर मेरे पास चली आयी और एक स्तन को मेरे होठों तक धकेल दिया और कहा, "इसमें से शहद चाटो!" मैंने लालच से अपना मुँह खोला जीभ निकाली और स्तन पर फिरा कर उसे चाटा और ओंठ ब्नद कर एक निप्पल को चूसा और फिर दूसरा। लेकिन यह उसे काफी नहीं लग रहा था। मुझे उन निपल्स को अपने दांतों के बीच ले जाना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्यों मैंने ऐसा नहीं किया।

मेरी धोती के अंदर मेरा लंड ऊपर उठा और उसकी योनी की ओर इशारा किया, मैं अब बुरी तरह से उसे चोदना चाहता था!

मैंने अपनी बाहें खोली और कहा मेरी प्यारी लिली क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ और वह मेरी बाहों में दौड़ पड़ी और मैंने अपनी बाँहों को लिली के चारों डाल दिया और उसे अपनी ओर खींचकर उसे मेरे दिल से दबा दिया, हमारे होंठ जुड़ गए और हम एक लंबे समय तक चुंबन करते रहे।



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"मेरी प्यारी लिली, मेरी परी; मेरी प्यारी मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करता हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।" मैं उसे प्यार करते हुए बोल रहा था। वह अब मेरे सीने पर अपने स्तन गूंथ रही थी और उसकी चूत और कुल्हे ऊपर-नीचे उछल रहे थे ।

लिलीने मेरी बाहो में आ कर आराम करने की जगह खुद को मुझे समर्पित कर दिया और दुलार के साथ मेरे चुंबन का जबाब चुंबन देकर दुलार का जबाब दुलार के साथ। उसके गोरे बदन का रंग गुलाबी हो गया और उसकी आँखें चमक उठीं। और वह भी "ओह मेरे दीपक मेरे मास्टर मेरे प्यारे दीपक मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करती हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ। ओह! माई दीपक माई लव,", "आई लव यू। मैं तुम्हारी हूँ।" बोलती हुई मुझे चुम्बन करने लगी




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आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हो है कि इस तरह के दुलार का मुझ पर क्या असर हुआ। मुझे लगा की मैं बिजली की चिंगारी से टकरा गया और वह एक क्षण ऐसा था मानो मुझे लकवा मार गया हो और मैं अपना होश लगभग खो चुका था। फिर जब उसे मुझे एक बार फिर चुंबन किया तो मुझे जैडसे होश आया और मैंने खुद को संभाला।

मैंने फिर से उसके होंठो को दबाते हुए एक चुंबन किया जिसका उसने-उसने तहे दिल से जवाब दिया। उसने खुद को मेरे चारों ओर लपेट लिया और मुझे अपने ऊपर खींच लिया जिससे मैं उसके ऊपर आधा और आधा सोफे पर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत से कुछ ही दूर उसकी नाभि के मांस पर दब गया और मेरा चेहरा उसके स्तनों के बीच की खायी में उतर गया। माएने उसके स्तनों को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, उसके स्तन बहुत स्वादिष्ट थे! मेरा मुंह इससे पहले कभी भी इतना ग्रहणशील नहीं था। उसके निप्पलों का स्वाद मेरे अंदर तक ऐसे भर गया जैसे मैंने कोई दुर्लभ व्यंजन निगल लिया हो।

मैं उस समय समझ नहीं पाया कि मेरी अंगुलियों की संवेदी नसें भी पहले से दस गुना संवेदनशील हो गयी थी। मैं अब केवल उसकी त्वचा, उसके किसी भी हिस्से को छूना चाहता था, और इसलिए मेरे हाथ और मेरी उंगलिया उस समय लिली के सारे बदन जहाँ भी वह आजादी से जा सकती टी वहाँ पर फिर रही थी।



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ओह मेरे प्यारे बोलते हुए उसने मेरी गर्दन में अपने बाहों को डाले रख मुझे बेतहाशा चुंबन करने लगी तो मैं बोलै लिली मुझे अब पता चला कि तुम मुझे कितना चाहती हो। ओह लिली तुम कितनी सुन्दर हो और मैंने बारी-बारी से उसके प्रत्येक स्तन को छुआ और पाया की उसके स्तन और निप्पल सूज गए हैं ।

अन्य सातो लड़किया हमारे इस प्यार भरे चुंबन को बड़े गौर से देख रही थी।

फिर उसके शरीर को महसूस करते हुए मेरा हाथ उसके नाजुक स्थान पर पहुँच गया और बड़ी उत्सुकता से साथ वहाँ खोज बीन करने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि लिली की योनि में थोड़ा-सा बदलाव आया है। उसकी योनि के होंठ पहले से मोटे हो गए थे; मैंने उस जगह की तलाश की जिसने लालच से मेरी बड़ी और कठोर मशीन को निगल लिया था, लेकिन मुझे एक बार फिर वहाँ पर केवल एक छोटा-सा छेद मिला जिसमें मेरी उंगली उसे दर्द दिए बिना प्रवेश नहीं कर सकती थी। उसकी चूत चुदाई के बाद से थोड़ा सूज गयी थी । मैंने अपनी उंगली को थोड़ा अंदर किया तो एक अवर्णनीय सनसनी ने उसके पूरे अस्तित्व पर आक्रमण किया। मैंने पहले धीरे से उसकी योनि को सहलाया फिर तेज, बाद में धीमे और फिर और तेज ऊँगली को आगे पीछे किया तो लिली ने शब्दों को दोहराया-"।आह! ओह्ह! ओह्ह की धीमे और फिर तेज कराहे कमरे में गूंजने लगी!"




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अंत में एक नर्वस ऐंठन ने लिली को जकड़ लिया और मेरी ऊँगली और हाथ पूरा गीला हो गया। वह पूरा आंनद महसूस कर रही थी क्योंकि वह इस बार बेहोश नहीं हुई थी। और फिर उसने अपनी बिखरी हुई इंद्रियों को इकट्ठा किया और मैंने उसके प्यारे नंगे नितम्बो पर हल्के से थपथपाया और पूछा, "क्या तुम्हें कुछ अलग लग रहा है, लिली?"

लिली को लगा शायद मैं उसे भी हुमा की तरह कुछ सजा दूंगा तो वह बोली ओह्ह! कृपया, -ओह, कृपया मुझे हुमा की तरह सजा मत दीजिये उसने मुझसे भीख माँगी और अपना सिर मेरी तरफ घुमाया ताकि वह मेरे चेहरे की ओर देख सके। "आप जो चाहते हैं, मैं वह करूँगी, अगर आप चाहते हैं कि मुझे इस तरह चोट लगे तो आप वह भी कर सकते हैं।" वह थोड़ा घबरा कर बोली ।

सभी लड़किया लिली के इस प्रेम प्रलाप को सम्भोग का आनद लेते हुए बड़े गौर से देख रही थी।

लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।




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वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"

"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"

कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग 25 में पढ़िए।

आपका दीपक
 
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aamirhydkhan

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बहुत बढ़िया दोस्त वाह वाह

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deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -25

लिली ने की लंड चुसाई.



आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 24 में अब तक पढ़ा:



मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।

मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।

मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 24, से उद्धृत :

लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।

वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"

"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"

अब आगे:-

लिली तुरंत मेरी गोद से नीचे उतरी और मैंने उसे जगह देने के लिए अपनी कुर्सी को टेबल से पीछे खिसका दिया। जब उसने मेरी लुंगी के सामने का उभार देखा, तो वह ईमानदारी से हैरान और उलझन में लग रही थी कि उभार का आकार इतना ज्यादा क्यों है, क्योंकि उसे पता था कि इसका क्या मतलब है।

अपनी अंतर्निहित विनम्रता के कारण वह सबके सामने इस उभार की जांच करने बारे में मेरे आदेशों का पालन करने में झिझक रही थी, लेकिन हुमा की सजा को याद करते हुए, वह मेरे सामने झुक गई। मेरी लुंगी के ऊपर से ही उसके मोटे नन्हे हाथों ने मेरे कठोर लंड को छुआ और यह मेरी लुंगी के अंदर गया और फिर उसने लुंगी को हटाया तो एक झटके के साथ मेरा लंड बाहर निकला और लिली के गालों से टकराया। मेरे लंड की पहली झलक देखते ही मिली की गोद में एमी आश्चर्य से उछल पड़ी और फिर मिली की ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा, मानो पूछ रही हो कि यह अजीब चीज क्या है जो अभी-अभी मेरी लुंगी से बाहर दिखाई दी है।

मिली उसके विस्मय और उसकी प्रतिक्रिया को देख कर जोर से हँसी और मैं हुमा और रोजी उसके साथ हसने लगे। एमी और लिली दोनों शरमा गई और हम हंस रहे थे, क्योंकी लिली के हाथ में उसके चेहरे के ठीक सामने एक व्यस्क मर्द का खड़ा हुआ बड़ा मोटा लम्बा और कड़ा लंड था जिससे लिली के गालो पर चपत लग गयी थी। जाहिर तौर पर इसका एमी के लिए कोई मतलब नहीं था इसलिए यह उसे शर्मिंदा नहीं होना चाहिए था पर ये पहला मौका था जब उसने एक व्यस्क लंड देखा था।

"आप अब तक ठीक कर रहे हैं, लिली।" मैंने लिली को आश्वासन दिया, उसकी टांगो से होते हुए मेरी नज़र स्वतः ही उसकी नन्ही गुलाबी योनी पर टिक गई। तो मिली बोली लिली आपके पास सीखने के लिए बहुत कुछ है और मुझे लगता कि मुझसे इसे सीखने में आपको आनंद भी मिलेगा।

अब सभी लड़कियों को आने दो और उन्हें इसे देखने दो लिली ने मिली की आज्ञा का पालन किया और थोड़ा पीछे होती हुई सीढ़ी होकर बैठ गयी । मैं उसके प्यारे गोल नितम्बो की चिकोटी को देखकर मोहित हो गया। एमी भी लिली को देख रही थी, सपना, शबनम, डेज़ी और एमी सहित सभी लड़कियाँ मेरी सख्त लंबी और सीधे लंड की पहली झलक से चकित थीं। हुमा भी एक टक मेरे लंड को देख रही थी ।

" आह! ओह! वाह देखो लड़कियों देखो! ये कितना सुंदर है! कितना मोटा, लम्बा!! और इतना बड़ा! और ये कठोर ही नहीं है बल्कि लोहे की रोड की तरह इसका सर गर्म और लाल भी है! और फिर दीपक के पास कितने अच्छे बड़े अंडकोष हैं जिनमे हम सबके लिए ढेर सारे रस का भंडार है! ये ही आनद, ख़ुशी और मजे का वो औजार है जो हम सबको जननत की सैर पर ले जाएगा आओ आओ इसे देखो. डरो मत।"

मिली ने लंड को पकड़ कर एक बारी घुमा कर सब लड़कियों को दिखाया और लड़कियों द्वारा मेरे लंड को पहली बार देखने के बाद मैंने लिली को मेरे फैले हुए घुटनों के बीच घुटने टेकने का आदेश दिया। उसके हाथों और चेहरे को मेरे खड़े हुए लंड के करीब रखते हुए, मैंने उससे कहा कि वह उसे को चाटे और चूसें। उसके स्पर्श और उसकी सुंदरता ने मुझ पर अपना प्रभाव दिखाएँ शुरू कर दिया था।

उसने तुरंत आज्ञा मान ली और लिली मेरे खड़े हुए लंड को हाथ से सहलाने लगी और साथ में मेरे अंडकोषों को भी सहला रही थी। फिर लिली ने सिर नीचे किया और जीभ निकाल कर लण्डमुंड चाटने लगी। उसकी जीभ को लंडमुंड पर महसूस करते ही मेरा लंड सख्त महसूस होने लगा और इस बीच लंड की लम्बाई और अंडकोषों को उसने प्यार से अपने हाथ से सहलाया।

मेरे संवेदनशील लंड पर उसके भरे हुए कामुक होंठों को देख और महसूस कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन मैंने इस पूरे अद्भुत प्रकरण को धीरे-धीरे करने का दृढ़ संकल्प किया ताकि इसके रोमांच का अधिकतम आनंद लिया जा सके।

जब मैंने उसके रोमांचक मुंह में अंदर अपने बड़े लंड के बैंगनी सिर को समाते हुए देखा तो मुझे उस परम परमानंद का अनुभव हुआ जिसका मैं यहाँ वर्णन नहीं कर सकता जो। ये रोमांच गहरा और लंबा और किसी भी अन्य चीज़ से अधिक संतोषजनक था जो मैंने पहले कभी अनुभव किया था। मेरी उस समय की भावनाओं का पूर्व के अनुभवों का कोई मुक़ाबला नहीं था। 7 अन्य लड़कियों के सामने जिनमे से 4 कुंवारी थीं। एक रमणीय अति सुंदर और पूरी तरह से आकर्षक महिला मेरा कठोर और उत्तेजित लंड चूस रही थी। मैं उन सबके चेहरे का उत्साह उत्तेजना, रोमांच और विस्मय देख कर मजे और आनद ले रहा था।

मैंने लिली के सिर को धीरे से लेकिन मजबूती से अपने हाथों के बीच पकड़ लिया और उसके अनुभवहीन मुंह को लंड अंदर लेने और चूसने के लिए मेरे लंड के उभरे हुए बैंगनी सिरे को उत्तेजित करने के लिए निर्देशित किया। लिली ने लंडमुंड मुँह में ले लिया और उसकी मासूम आँखें दया की एक खामोश याचना करते हुए मेरे चेहरे की ओर देख रही थीं। उसने देखा था कि हुमा को मेरी बात ना मानने के लिए मैंने अभी उसके साथ क्या किया था और उम्मीद थी कि मैं उसे इसी तरह की सजा नहीं दूंगा, खासकर जब से वह किसी भी तरह से मेरी हर बात मानने को तैयार थी।

"लिली! अपने होंठ और जीभ का प्रयोग करो।" मैंने उससे कहा। "मेरे लंड को अब तुम अच्छी तरह से चूसो।"

उसने मेरे हर सुझाव का पालन किया क्योंकि वह अवज्ञा के लिए मिलने वाली सजा से बचने के लिए उत्सुक थी, भले ही अभी मैंने ज्याद सजा नहीं दी थी लेकिन सजा से शर्म और अपमान का अनुभव तो होता ही है। चूसते समय उसकी आँखें समय-समय पर हुमा की ओर देखती थीं और फिर वह मुझे खुश करने के अपने प्रयासों को दुगना कर देती थी।

फिर मैंने लिली के कोमल कामुक मुँह से अपने कठोर लंड को उसके गले के अंदर और नीचे तक एक लंबा स्ट्रोक लगाया तो उसके पूरे होंठ फैले हुए थे और जैसे ही मैंने उसका सिर नीचे किया, मेरा लंड उसके गर्म तंग गले में इतना गहरा घुसा कि वह ठिठकने लगी। इसने मुझे और भी उत्तेजित कर दिया, लेकिन इससे लिली की आँखों में आँसू आए और उसने चुपचाप कातर आँखों से मुझसे उसे इस पीड़ा से बचाने के लिए विनती की।

फिर मैंने उससे कहा, "तुम मेरे आदेशों का पालन करते हुए बहुत अच्छा कर रही हो, लिली। तुम्हें कुछ और देर तक चूसते और चाटते रहना होगा अगर तुम रुकी तो मुझे तुम्हें कड़ी सजा देनी होगी और तुम्हें पता है कि इससे तुम्हें कितना दुख होगा। क्या तुम समझ रही हो?"

अपनी आँखों में डर और आश्चर्य के साथ मेरी ओर देखते हुए, लिली ने अपना सिर हिलाया, वह कुछ भी बोलने में असमर्थ थी क्योंकि उसका मुँह मेरे गर्म और बड़े लम्बे लंड से भरा हुआ था। "लिली अब मेरे लंड के नीचे मॉए अंडकोषों के तलो पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने उसे आदेश दिया। " वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और उन्हें धीरे से दबा कर सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह को लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो जैसे तुम अब कर रही हो।

उसके हाथ मेरी गेंदों को धीरे से सहला रहे थे, उसकी जीभ मेरे उपकरण पर ऊपर और नीचे फिसलते हुए लंड के मुंह को थपथपा रही थी, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी।

मैंने एमी और अन्य लड़कियों को देखा। वे सभी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर लिली की नग्न सुंदरता और मेरे लंड के आकार और जिस तरह से लिली लंड को चूस रही थी, उससे सभी बहुत कामुक उत्तेजित और रोमांचित थी। विशेष तौर से एमी की आंखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी।

मैं लिली और अन्य सभी लड़कियों को सुनाने के लिए जोर से फुसफुसाया, 'मिली! अगर आपको परेशानी ना हो तो मुझे लगता है की अब मुझे चुदाई करने चाहिए!?' लिली ये सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी ये सुन कर शर्म से क्रिमसन हो गई और उसने आँखे शर्म से झुका कर मेरी ओर देखा।

'जरूर, दीपक!' मिली ने कहा और मुझे एक लम्बा चुंबन किया। फिर एक पल में मैंने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और पूरी तरह से नग्न हो गया, मेरा लंड और उस समय तन कर खड़ा हुआ बहुत शानदार लग रहा था। लिली की आँखें खुशी से चमक उठीं, लेकिन एमी चौंक कर पीछे हट गई और मिली की बाहों में समा गयी, 'ओह! ओह! दीदी!' उसकी आँखें आश्चर्य और अलार्म के साथ व्यापक रूप से फैल गयी थी और वह अब मेरे लंड को देख हैरान थी।

तो मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा।

कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक
 

deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -26

घट कंचुकी



कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 25 में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।

मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।

मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 25 से उद्धृत :

अपनी आँखों में डर और आश्चर्य के साथ मेरी ओर देखते हुए, लिली ने अपना सिर हिलाया, वह कुछ भी बोलने में असमर्थ थी क्योंकि उसका मुँह मेरे गर्म और बड़े लम्बे लंड से भरा हुआ था। "लिली अब मेरे लंड के नीचे मॉए अंडकोषों के तलो पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने उसे आदेश दिया। " वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और उन्हें धीरे से दबा कर सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह को लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो जैसे तुम अब कर रही हो।

उसके हाथ मेरी गेंदों को धीरे से सहला रहे थे, उसकी जीभ मेरे उपकरण पर ऊपर और नीचे फिसलते हुए लंड के मुंह को थपथपा रही थी, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी।

मैंने एमी और अन्य लड़कियों को देखा। वे सभी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर लिली की नग्न सुंदरता और मेरे लंड के आकार और जिस तरह से लिली लंड को चूस रही थी, उससे सभी बहुत कामुक उत्तेजित और रोमांचित थी। विशेष तौर से एमी की आंखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी।

मैं लिली और अन्य सभी लड़कियों को सुनाने के लिए जोर से फुसफुसाया, 'मिली! अगर आपको परेशानी ना हो तो मुझे लगता है की अब मुझे चुदाई करने चाहिए!?' लिली ये सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी ये सुन कर शर्म से क्रिमसन हो गई और उसने आँखे शर्म से झुका कर मेरी ओर देखा।

'जरूर, दीपक!' मिली ने कहा और मुझे एक लम्बा चुंबन किया। फिर एक पल में मैंने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और पूरी तरह से नग्न हो गया, मेरा लंड और उस समय तन कर खड़ा हुआ बहुत शानदार लग रहा था। लिली की आँखें खुशी से चमक उठीं, लेकिन एमी चौंक कर पीछे हट गई और मिली की बाहों में समा गयी, 'ओह! ओह! दीदी!' उसकी आँखें आश्चर्य और अलार्म के साथ व्यापक रूप से फैल गयी थी और वह अब मेरे लंड को देख हैरान थी।

तो मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा।

अब आगे:-

चारो लड़किया हुमा, सपना, मिली और लिली उस समय एक ट्रॉफी की तरह हाथ ऊपर उठा कर खड़ी हुई थी। बड़ा अध्भुत और कामुक दृश्य था। चारो लड़कियों बहुत सुन्दर थी और उस समय मुझे उनमे से एक को चुदाई के लिए चुनना था।

मैंने एक बार उन चारो के आसपास चक्कर लगाया ताकि किसी एक को चुन सकूँ पर मैं चयन नहीं कर पा रहा था तो मुझे संशय में देखकर रोजी ने मेरी दुविधा भांप ली और बोली मास्टर अब आप ऐसा करिये पुरातन भारतीय सेक्स क्रीड़ा "घट कंचुकी" का सहारा लीजिये-


घट केंचुकी

‘घट कंचुकी’- प्राचीन भारत में सामूहिक रूप से योन ऊर्जा को नई गति देने के लिये के लिए ,एक विलक्षण कामुक तंत्र साधना खेल की तरह किया जाने वाली तंत्र क्रीडा की जाती थी.

भारत वो जगह है जहां कामसूत्र लिखा गया था इसलिए भारत को ‘लैंड ऑफ कामसूत्र’ कहा जाता है हमने इस धरती से विश्व को सर्वप्रथम ‘काम ज्ञान’ दिया हमारे खजुराहो के मंदिरो की मूर्तियां न केवल कामुक प्रेम को दर्शाती हैं बल्कि संभोग की बहुत सारी विचित्र स्थितियों के बारे में भी बताती है लेकिन आप यह जानकर बिल्कुल भी अचम्भा नहीं होना चाहिए कि प्राचीन भारत में इसके विपरीत लोग सम्भोग कला को भी तंत्र की तरह करने को लेकर बेहद सक्रिय थे भारत में ऐसी कई यौन प्रथाएं और इससे सम्बंधित क्रीड़ाए थी .

प्राचीन समय में कई तरह की तंत्र काम क्रीड़ा खेली जाती थी जिसमें एक तीर से दो शिकार किये जाते थे जिसमें योन आन्नद के साथ साथ तंत्र क्रिया द्वारा दैविक ऊर्जा प्राप्त कर के शरीर में समाहित किया जाता था ……..प्राचीन समय में कुछ स्थानों पर

‘घट कंचुकी तंत्र’​

घट कंचुकी नामक खेल खेला जाता था यह उस समय काफ़ी प्रचलित क्रीड़ा थी इन खेल के अजीबो गरीब नियमों के बारे में जानकर आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं इस तंत्र खेल के जरिये ,महिलाओ के साथ स्वछंद तरीके से खुले निर्भयतापूर्वक वातावरण में आपसी सहमति से शरीर द्वारा तंत्र क्रिया की जाती थी और किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होती थी .

आइए विस्तार से जानते है प्राचीन सम्भोग से जुड़े खेल या क्रीड़ाओं के बारे में जिनका प्राचीन समय में अनुसरण किया जाता था इस ‘घट कंचुकी’ खेल की स्पष्ट प्रकृति और नियम के साथ होता था.

‘घट’ का अर्थ होता है मिट्टी से बना मटका या घड़ा और ‘कंचुकी’ स्त्री के वक्ष स्थल ढकने वाले अधोवस्त्र ( स्तनवस्त्र ) को कहते है ,इसमें कमर पर बंधी धोती टाँगो को ढके रहती थी एवं आज के दुप्पटे जैसा एक लम्बा कपड़ा वक्ष स्थल पर बँधा हुआ होता था यही ‘कंचुकी’ कहलाता था जिसे आज सामान्य भाषा में ‘चोली’ भी कहा जाता है लेकिन ये कंचुकी आज की चोली से भिन्न होती थी

जिसके बारे में आपको विस्तार से बताना जरुरी है……..कंचुकी कालीबंगा या आहड़ आदि स्थानों की प्रागैतिहासिक युग की वेश भूषा थी जिसका प्रयोग स्त्रीयाँ करती थीं यहाँ की खुदाई से प्राप्त मिट्टी के खिलौने, “जंतर” पर बनी मूर्तियों से प्रमाणित होता है कि उस काल में स्रियाँ केवल अधोभाग को ढ़ँकने के लिए छोटी साड़ी का प्रयोग करती थीं .



मगर विजयस्तम्भ की मूर्तियों को देखने से लगता है कि कंचुकी वैकल्पिक नहीं थी कुछ मूर्तियाँ बिना कंचुकी के भी हैं और कुछ में वक्षस्थल ढ़ँकने के लिए एक लम्बे वस्र का प्रयोग हुआ है इनमें साड़ी को कर्धनी से बंधा दिखाया गया है जो ऊपर तक सिर को ढ्ँकती थीं जिसको स्त्री कपड़े से ढ़ँक कर पीठ से बाँध लिया करती थीं और अपने स्तनों को ढांप लेती थी यही अधोवस्त्र ‘कंचुकी’ कहलाती है स्त्रियाँ आमतौर पर सफ़ेद मलमल के छोटे से कपड़े की कंचुकी से सुडौल उरोजों को गांठ लगाकर बांधती थी कंचुकी को उतारने व पहनने के लिए पीठ के पीछे मात्र एक गांठ लगानी होती थी जिसके लिए आम तौर पर किसी अन्य की सहायता से भली भांति बांधा या उतारा जा सकता था कंचुकी की मुख्य विशेषता ये थी की स्त्रियां बिना सिले भी इसे धारण कर सकती थी इन कंचुकी परिधानों के सांस्कृतिक नाम कुवलयमाला, धर्मबिन्दु, उपमितिभाव, प्रपंचक तथा कथाकोष में भी मिलते हैं स्त्रियॉं अपनी अपनी हैसियत के अनुसार बढिया और साधारण कपड़े का चयन कर अपनी कंचुकी बनवाती थी तब स्रियों के परिधानों की रचना में भड़कीलापन अधिक रहता था धनवान स्त्रियाँ कंचुकी बनवाने के लिए जामदानी, किमखाब, टसर, छींट मलमल, मखमल, पारचा, मसरु, चिक, इलायची, महमूदी चिक,मीर-ए-बादला, नौरंगशाही, बहादुरशाही, फरुखशाही छींट, बाफ्टा, गंगाजली,आदि प्रचलित कपडे का इस्तेमाल करती थी .

उच्चवर्गीय स्रियाँ अपने चयन में इन महंगे कपड़ों को प्रमुखता से वरीयता देती थीं,परन्तु साधारण वर्ग की स्त्रीयाँ लट्ठे व छींट के वस्रों से बनी कंचुकी पहन कर ही संतोष कर लेती थीं .

ॠतु और अवसरानुकूल चटकीले रंग बिरंगे परिधानों का चाव स्रियों में अवश्य रहता था इसलिए उनके चयन में कुछ चमकीले और कुछ छपाई व रंगाई की कंचुकियाँ होती हैं जब वेश भूषा में अलंकरण, छपाई और कसीदे का काम पूर्व मध्यकाल में प्रचलित हो गया तो स्त्रियाँ पुरुषो को लुभाने के लिए कंचुकी के अग्रभाग ( स्तनों की गोलाइयों को ) गहरे रंगो और फूल पत्तियों की सुन्दर कलाकारी से भी सजाने लगी …….कंधे पर सफ़ेद उतारसंग, कमर बंद चाँदी की तगड़ी और नाभि के नीचे तक के झांकते तन पर बांधी महीन पारदर्शी वासिका ( लुंगी ) मे अंग अंग छलकता प्रतीत होता था वासिका और कंचुकी में लिपटी स्त्री के अर्धनग्न बदन का सौंदर्य उसे और भी मादक बना देता था कामसूत्र के चित्रों में स्रियों को प्राय ऐसी ही कंचुकी के साथ अधोवस्र और ओढ़नी से ढ़ँका दिखाया गया है कई यक्षी मूर्तियाँ स्री वेशभूषा इसी तरह की कंचुकी को स्पष्ट करती हैं .

कंचुकी तथा काँचली का स्वरुप बदल गया और वह लम्बी आस्तीनों वाली उदर के नीचे तक बढ़ गई है आज गाँवों में मुख्यता कंचुकी या चोली के इसी स्वरूप को देखा जाता है स्त्रियों के वक्ष स्थल को ढकने वाली वाली यही कंचुकी ‘घट कंचुकी’ खेल में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी इसी कंचुकी के माध्यम से पुरुष उनका चुनाव करते थे .

उपमितिभाव प्रपमचकथा, रत्नावली आदि ग्रन्थों में कई काम उत्सवों का उल्लेख है जो नाचना, गाना, झूलना आदि मनोरंजन के अन्तर्गत आते थे ‘घट कंचुकी’ समाज में सामञ्जस्य एवं सद्भाव उत्पन्न करने का अच्छा अवसर था .

आश्चर्य की बात यह है की वर्णो में बंटा समाज इस खेल में जात -पाँत का भेद -भाव नहीं रखता था प्रत्येक वर्ग के स्त्री और पुरुष को आपस में मिलने -जुलने का अवसर मिलता था किसी भी जाति वर्ण के पुरुष और महिलाएं इस कामुक खेल में हिस्सा ले सकते थे जिस प्रकार इस युग में अगर आखेट ( शिकार ) क्षुधापूर्ति से सम्बन्धित क्रीड़ा थी, तो घट कंचुकी जैसी क्रीड़ा यौन आनंद और काम की शक्ति बढाना के लिए खेली जाती थी ,जिनमें स्त्री-पुरुष समान रुप से भाग लेते थे स्त्री और पुरुषो दोनों को ऐसे आयोजनों में बड़ी रुचि रहती थी और वो ‘घट कंचुकी ( समूह तंत्र सम्भोग उत्सव ) ‘जैसे उत्तेजक काम उत्सवों का बड़ी व्याकुलता से इंतज़ार करते थे इसके लिए पहले बाकायदा संदेशे भिजवाए जाते थे और किसी गुप्त स्थान का चयन कर कर घट कंचुकी के आयोजन के लिए चुना जाता था ऐसे स्थान मुख्यता आबादी से दूर घने वनो और नदियों या तलाबो के किनारे होते थे राजे रजवाड़े इस खेल का आयोजन रंग महलो में करते थे रंगमहलो का उपयोग शाही लोगो द्वारा भोग विलास के लिए किया जाता था अभिजात वर्ग के चुने हुए स्त्री-पुरुष प्राय राजमहलों के ‘रंगमहल ‘में जुटते थे घट कंचुकी खेलने का असली रंग रंगमहलो में जमता था राजघरानो के रंगमहलो में कुछ संभ्रांत पुरुषों और महिलाओं को मनोरंजन के लिए एक दूसरे से यौन संबंध बनाने के लिए विशेष तौर पर घट कंचुकी खेलने के लिए आमंत्रित किया जाता थाघट कंचुकी खेलने आने वाली स्त्रियों को लेने के लिए लिए विशेष वाहन और पर्देवाली पालकियाँ भेजी जाती थी इन रंगमहलो के रंगीन गोपनीय किस्से-कहानिया और क्रियाकलाप कभी भी महलो की चारदीवारी के बाहर नहीं जाते थे सुरक्षा की दृष्टि से ये रंग महल अभेद माने जाते थे इसलिए शाही लोग ‘घट कंचुकी’ के आयोजन के लिए इन्हे बेहतर स्थान मानते थे इस खेल को खेलने के लिए .

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पूर्णिमा के पूर्ण चाँद की तिथि​

पर ‘घट कंचुकी’ खेली जाती थी लेकिन मदनोत्सव (बसंत ऋतू ) के आगमन पर अँधेरी रातो में भी इसके आयोजन विशाल स्तर पर किये जाते थे क्योंकि शिशिर ऋतु के प्रस्थान के पश्चात् बाद जब पेड़-पौधों में नव बहार का संचार होने लगता है तो मानव के कामुक हृदय में मदन का खुमार और काम की मस्ती अधिक छाने लगती है .

इस काम क्रीड़ा में स्त्री और पुरुष की संख्या एक सामान होना एक अनिवार्य शर्त थी एक समान सम संख्या में युवक और युवती, स्त्री या पुरुषों के समूह रात के अंधेरे में तय समय पर निर्धारित गुप्त स्थान पर एकत्रित होते थे .

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कामसूत्र के सांप्रयोगिक अधिकरण (श्लोक 4.6)

में आचार्य वात्स्यायन ने यौन जीवन में साफ़-सफ़ाई और शृंगार को बड़ी अहमियत दी है इसी का अनुसरण करते हुए स्त्रियाँ इस ‘काम उत्सव’ के लिए विशेष रूप से सजती,संवरती थी शरीर को सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए वह विशेष रुप से अपने मखमली शरीर पर चंदन, कस्तूरी, अगुरु और केसर का लेप करती थी.

स्त्रियां अपने बालो को पुष्पों की वेणी से सजा कर सुंगधित तेलों से उनका शृंगार करती थी केशों की अग्रभाग की पट्टियों को कड़ा रखने के लिए गोंद और “घासा” नामक लेप का प्रयोग होता था जिससे एक विशेष चमक दिखाई देती थी स्त्रियां और नवयुतियाँ अपनी केश रहित योनि द्वार ( Vagina) को विशेष रूप से सुगन्धित,कामोद्दीपक औषधिया ड़ालकर सुरभित किये तेल और मादक जड़ी बूटियों के धुएं से विशेष धूनी देती थी और अपने उन्नत उरोजों पर सिंदूर ,मेहंदी अथवा प्राकृतिक रंगो से मीनाकारी या नक्काशी करती थी बालो के जूड़े में बहुमूल्य रत्न या चाँदी -सोने की घूँघरियाँ लटकाई जाती थीं जिनसे एक चमक दिखाई देती थी इन सभी आभूषणों को साधारण स्तर की स्रियाँ भी पहनती थीं केवल धातु का अंतर होता था इस खेल में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वाली ‘कंचुकी’ का चुनाव स्त्रियों के लिए बड़ा जटिल होता था इस खेल में किसी स्त्री की कंचुकी ही उसकी असली पहचान होती थी नवयुवतियों पुरुषो को रिझाने के लिए एक से बढ़ कर सुन्दर भड़कीले वस्त्रो और भिन्न-भिन्न प्रकार की चटख रंगो वाली नक्काशीदार कंचुकियो को वक्ष स्थल पर धारण करती थी ‘घट कंचुकी’ खेलने के लिए स्त्रियों का ये विशेष श्रृंगार उस समय की कला की उत्कृष्ट स्थिति थी, एवं उस समय के समाज की सौन्दर्य रुची थी.

‘घट कंचुकी’ खेलने के लिए किसी गुप्त स्थान पर एकत्रित होने के बाद क्रीड़ा के स्थान के बीचो बीच एक मिट्टी से बना बहुत बड़ा घट ( मटका या घड़ा ) रखा जाता था जिस पर कामसूत्र से सम्बंधित खूबसूरत कामुक चित्र अंकित होते थे इस घट के आस पास पाँवों में नूपुर, कानों में कुंडल मृणमय तथा चमकीले पत्थरों की मणियों, काँसे, हाथी दाँत ,पीतल, ताँबा, कौड़ी, सीप अथवा मूँगे के गहनों के आभूषण पहने जोड़े में स्त्री पुरुष एकत्र होते थे सूरा या महुए से बनी मदिरा का सेवन किया जाता था ,मनोरंजन के सम्बन्ध में विविध आयोजनों में गीत संगीत को प्रधानता दी जाती थी , गीत गाना नाचना और छंद-दोहे गाये जाते थे और खेल आरम्भ होता था ……

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रात्रि के प्रथम पहर में कामुक गीत नाच वार्तालाप करते हुए स्त्री और पुरुष एक दूसरे को छेड़ते हुए उत्तेजित करते थे, युवतियां कानों में ताजा आम्रमंजरी सजाकर तथा जानवरो के सींग से बनी पिचकारी से सुगन्धित पुष्पों का जल अथवा मदमस्त करने वाला इत्र पुरुषो पर छिड़कती थी ऐसा कर स्त्रियां पुरुषो को अपनी कंचुकी और वस्त्रो को उतार कर नग्न करने का मूक आमंत्रण देती थी .

पुरुष भी मनोविनोद से महिलाओं के वस्त्र खींचते थे और उन्हें नग्न करने का प्रयास करते थे स्त्रियाँ मदिरा मुंह में भरके पुरुषो को छेड कर उनसे नग्न होने से बचने का झूठा प्रयास करती थी ,इस खेल में आधी रात होने तक या तो महिलाओं के वस्त्र और कंचुकी उतर चुकी होती थी या थकी हुई कमोत्तेजित स्त्रियों खुद अपने वस्त्र उतारकर केंद्र में पड़े घड़े पर रख देती थी इस प्रकार वो पुरुषो के सामने एक तरह से आत्मसमर्पण कर देती थी ,खेल के इस प्रथम पड़ाव पर ‘घट कंचुकी ‘खेल रहे प्रत्येक पुरुष और स्त्रियां पूर्णयता नग्न हो चुके होते थे इस प्रकार ये खेल अपने पूर्ण यौवन और रात्रि के दूसरे पहर में खेल अपने पूरे यौवन पर होता था ‘घट कंचुकी’ के अगले पड़ाव में एक पुरुष समस्त महिलाओं की उतारी हुई कंचुकिया को उस बड़े से घड़े में डाल कर अच्छी तरह से मिला देता था अब खेल में हिस्सा ले रहा हर पुरुष बारी बारी से घड़े में बिना झांके खेल में हिस्सा ले रही महिलाओं की कंचुकी को घड़े में हाथ डाल कर उठाता जब वो हाथ घड़े में से बाहर निकालता तो उसके हाथ में एक कंचुकी होती उस पुरुष द्वारा घड़े से उठाई गई जिस स्त्री की वो कंचुकी होती थी वो स्त्री शरमाते हुए अपने स्थान पर खड़ी हो जाती थी वो स्त्री कंचुकी उठाने वाले उस पुरुष की साथी तय मानी जाती है उसे अपने आप को पूरी रात के लिए उस पुरुष की साथी बनना होता था जिसका सीधा मतलब होता है वह स्त्री उस पुरुष द्वारा चुन ली गई है ,पुरुष अब उस स्त्री के साथ क्रिडा कर सकता है बाकि सहभागी स्त्री और पुरुष कल्लोल कर उस जोड़े का उत्साह बढ़ाते थे .

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अंत में कंचुकी के आधार पर स्त्री को चुनने वाला पुरुष नग्न अवस्था में उपस्तिथ समूह के सामने ही विभिन्न आसनो में समय और सीमा की परवाह करते हुए सहमति से चक्र पर बैठ कर अनेको बार तंत्र क्रिया करता जैसे सामान्य लोगो द्वारा वनो व जंगलो में ये खेल घट कुंचकी समूह में खेला जाता था ठीक बिलकुल वैसे ही वैसे ही राजमहलों के रंगमहलो में भी रंग जमता था महल के पारदर्शी रेशमी पर्दो के पीछे,महलो के बुर्जो मीनारों ,या छतो पर इसे खेलने के लिए शाही समूह जमा होते थे ये सुनहरा अवसर सब के लिए बेहद खास होता था युवा राजकुमार अपनी प्रेमिकाओं से सम्बन्ध बनाने के लिए ‘घट कुंचकी’ खेलने के लिए सहर्ष आमंत्रित करते थे भाग्यवश घड़े से अपनी मनपसंद स्त्री या प्रेमिका की कंचुकी पा कर हर्ष से गर्जना कर उसे आकाश में उछाल देते और अपनी प्रिय प्रेयसी इसी तरह से यह खेल रात भर आगे चलता था बाकि बचे पुरुष घड़े से कंचुकी उठा कर शेष बची स्त्रियों को उस रात के लिए यौन आनंद के चुनते चले जाते थे रात्रि का अंतिम पहर आते आते घड़ा स्त्रियों की कुंचुकियो से खाली हो जाता था भूमि पर हर तरफ स्त्रियों की रंगबिरंगी उतरी हुई कंचुकियाँ पड़ी होती थी और रात के अँधेरे में नग्न हो कर उन्मुक्त यौनाचार करते पुरुषो और स्त्रियो के कल्लोल और मादक सिसकियाँ माहौल को उत्तेजक बना देते ,काम उत्तेजना से भरी स्त्रियां झूला झूलती हुई अपने कंठ से पक्षियों और जानवरो की आवाजे निकाल कर साथी पुरुषो का उत्साह बढाती थी तथा कोई चौपाया पशु बनकर सम्भोग का स्वांग रचती ,सभी पुरुष और सभी स्त्रियाँ मधपान के नशे में लज़्ज़ा छोड़ के नग्न हो कर स्वछंद वातावरण में लिपट जाती कुछ उत्साही जोड़े जल में ,झूला झूलते हुए ,वृक्षों पर ,मचानो पर ,मिट्टी के टीलो पर ,महलो के बुर्जों में भी सहवास कर आनंदित होते थे यह खेल तब तक चलता रहता था जब तक कि सभी पुरुष स्त्री को चुनकर उससे यौन संबंध नहीं बना लेते थे स्त्री और पुरुष दोनों की पूर्ण आत्मसंतुष्टि तक कामुकता की ये विचित्र क्रीड़ा ‘घट कंचुकी’ भोर की काली चिड़िया के कूकने और तारे छिपने तक तक निर्बाध यूँ ही चलती रही.

अंत में पुरुष साथी स्त्री के यौन व्यव्हार से प्रसन्न हो उसे अपनी रजामंदी से बहुमूल्य उपहार प्रदान करता था लेकिन ये अनिवार्य नहीं था मगर स्त्रियां उपहार लेने के लिए अपने साथी पुरुष को खुश करने का कोई मौका ‘घट कंचुकी ‘में नहीं छोड़ती थी.

इस प्रकार इस कामुक खेल में सभी पुरुषो द्वारा,सभी स्त्रियों की कंचुकी चुनकर सहवास क्रिया का निष्पादन किया जाता था सम्भोग के लिए स्त्री का चयन केवल भाग्य के आधार पर होता था इसलिए किसी विवाद या बल प्रयोग की आशा निर्मूल थी इस खेल के नियमानुसार जिस स्त्री की कंचुकी जिस पुरुष के हाथ में आती थी भले ही वो उसे पसंद ना हो लेकिन वो स्त्री उस पुरुष से सम्भोग करने से इंकार नहीं कर सकती थी इसी तरह पुरुष द्वारा भी कंचुकी के आधार पर चुनी गई स्त्री के आलावा किसी अन्य स्त्री से सम्भोग करना वर्जित माना जाता था ‘घट कंचुकी’ खेलते वक्त कोई भी किसी दूसरे जोड़े के सहवास में न तो व्यर्थ का व्यधान उत्पन करता था और न ही उसे रोकता टोकता था ये खेल भोर के प्रथम पहर तक ऐसे ही चलता था .

सुबह होने से पहले ये खेल समाप्त हो जाता था कोई भी किसी की पहचान को सार्वजानिक नहीं करता था उसे अपने साथी की पहचान गुप्त रखने और बीती रात की बातो की सार्वजिक चर्चा नहीं करने के नियम का सख्ती से पालन करना होता था घट कंचुकी खेलने वाली रात के बाद किसी भी स्त्री और पुरुष को इसकी चर्चा करने की सख्त मनाही थी जो इस नियम को तोड़ता था उसे फिर दोबारा इस कामुक खेल ‘घट कंचुकी ‘का हिस्सा नहीं बनाया जाता था .

शायद यही कारण रहा होगा की घट कंचुकी खेलने वाली रात के कामुक उत्तेजक ,किस्से कहानियाँ कंही भी ज्यादा न तो सुने गए और न ही कही लिखे पाए जाते है .

घट केंचुकी के नियम​

‘घट कंचुकी’ के कामुक खेल में हिस्से लेने वाले स्त्री और पुरुषो के कुछ प्राचीन किताबो में इस खेल को ‘चक्रपूजा’ ( तांत्रिकों की एक रीति भैरवी चक्र का ) नाम दिया गया है हिंदू तंत्रिका पाठ कुलार्नवा में भी भी इसका उल्लेख किया गया है घट कंचुकी से मिलते जुलते इस खेल चक्र पूजा में भी महिलाएं और पुरुष अपने सारे कपड़े उतारकर भोजपत्र ,कागज़ या लकड़ी पर बनाए गए चक्र के निशान के इर्द-गिर्द बैठ जाते थे चक्र पूजा में भी पूजा करने वाली सब स्त्रियों की चोलियाँ एक घड़े में भर देती थी तब जिस पुरुष के हाथ में जिस स्त्री की चोली आ जाती है .

वह उसी स्त्री के साथ चक्र पर तंत्र संभोग द्वारा काम ऊर्जा को उपर की तरफ गति देनी होती है .​

खेल के बाद कि उस रात के दौरान जो कुछ भी अच्छा या बुरा होता था इस खेल में भाग लेने वाले महिला और पुरुष किसी को भी नहीं बताना होता था ‘घट कंचुकी’ या ‘चक्र पूजा ‘से मिलता जुलता एक खेल खेलने का प्रचलन कर्नाटक प्रदेश में भी आजादी मिलने से कुछ पहले तक था सामूहिक संभोग ( Group Sex ) के ऐसे आयोजनों में उम्र अथवा रिश्ते-नाते का कोई विचार नहीं किया जाता था ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में दक्षिण भारत में भी खुले में सबके सामने संभोग किया करते थे इसे बुरा नहीं बल्कि पवित्र माना जाता था जाहिर है की ये पवित्र अवधारणा कामसूत्र पर ही आधारित रही होगी’वाइफ स्वैपिंग की तुलना ‘घट कंचुकी’ से करना बेमानी है .
आज कुछ लोग इसे खेल न मानते हुए अपनी काम वासना की पूर्ति के साधन के रूप रचा गया प्रपंच बता प्रचारित करते है और कहते है .

इसे पुराने लोगो ने स्त्रियों को तंत्र क्रिया से जोड़ने का लिये बनाया गया था .

घट कंचुकी खेल में स्त्रियां स्वयं अपनी इच्छा से भाग लेती थी जाहिर है स्वछंद यौन आनंद के साथ साथ यौन ऊर्जा को ऊंचाईयों पर ले जाने के लिये, और नए साथी के साथ काम सुख हासिल करने की कल्पना ही उन्हें ‘घट कंचुकी ‘ खेलने के लिए आमंत्रित करती थी और मुनि वात्सायन भी तो कामसूत्र में स्त्री की इसी यौन स्वछंदता की बात प्रमुखता से करते है.

प्राचीन भारत में एक सेक्स गेम (समूह सम्भोग) का खेल खेला जाता था, जिसका नाम था घट कंचुकी। इस गेम में महिलाओं और पुरुषों का एक समूह हिस्सा रात के वक्त एक जगह इकट्ठा होता था। महिलाएँ और पुरुष अपने सारे कपड़े उतारकर एक घड़े में डाल देते। इसके बाद महिलाएँ एक पर चक्र के निशान के इर्द-गिर्द बैठ जातीं। गेम में हिस्सा ले रहा हर पुरुष घड़े में मौजूद महिलाओं के कपड़ों में से एक कपड़ा उठाता और जिस महिला का वह कपड़ा होता था, वह महिला उस रात के लिए उसका सेक्स पार्टनर बन जाती थी।

अब इस समय हमारे पास चार लड़किया और आप ही केवल एकमात्र पुरुष है तो इस खेल में थोड़ा-सा परिवर्तन कर लेते हैं। सब महिलायो के वस्त्र एक घड़े में डाल देते हैं और उनमे से एक वस्त्र को बाहर निकाल लेंगे और जिसका वस्त्र होगा वही आज रात आपकी पहली सेक्स पार्टनर होगी।

तो मिली ने पुछा उस समय बाकी लड़किया क्या करेंगी। तो रोजी बोली बाकी सब लोग उस समय सम्भोग को देखेंगे और सीखेंगे।

तो मिली बोली उसके बाद? तो मैं बोला उसके बाद क्या होगा उसे बाद में तय कर लेंगे।

तो सबके कपडे एक घड़े में डाल दिए गए और मैंने बोला अब रोजी ही इसमें से पहला कपड़ा निकाल कर मेरी पहले सेक्स पार्टनर का पता लगाएगी।

तो एमी ने हाथ डाल कर सब कपड़ो को अच्छे से घुमा फिर कर, मिक्स कर दिया और फिर रोजी ने घड़े में हाथ डाल कर हाथ निकाला तो उसमे लिली के वस्त्र थे और सबने ताली बजा कर लिली को बधाई दी।

बाकी लड़कियों को मैंने हाथ नीचे कर उपयुक्त जगह लेकर बैठने को कहा तो मिली सपना के साथ और मिली की गोदी में एमी बैठी, एमी के साथ में उसकी सहायिका शबनम बैठी और एक तरफ हुमा, लिली की सहायिका डेज़ी और रोजी बैठ गयी।

मैं लिली की तरफ बढ़ गया और लिली के चारो तरफ एक चक्कर लगाया तो मैंने पाया लिली का रंग शर्म और उत्तेजना से लाल हो गया था। उसके कूल्हे और स्तन बड़े और गोल थे। वह पूरी तरह से नंगी थी, उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी और मैंने उसके हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट, चिकने, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन देखे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी देखा, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था। उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। मैं उन प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं!

वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तनो को मैं सहलाना और धीरे से दबाना चाहता था। उसका सौन्दर्य, यौवन और रूप मुझे कामुक उत्तेजना से भर रहे थे और मेरा लंड कामुक तुनके मार रहा था।

लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने नग्न थी और शर्मा रही थी।

लिली के हाथ आकर्षक लालित्य वाले हैं मैंने लिली के हाथो पर हाथ रखा जो की उसके सर के ऊपर थे और उसने सहलाया और चूमा फिर धीरे-धीरे उसके पूर्ण और सुंदर हाथो और बाजुओं को सहलाते हुए उसके उत्तम गोल चमकदार कंधो पर हाथ रखा और उसके सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ।

उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती पूरी तरह से नग्न थी! मैं अपनी आँखों को त्वचा के करीब ले गया तो मुझे दिखा की उसकी त्वचा की बनावट कितनी चकनी नरम और मुलायम थी।

लिली जैसी सुंदर महिला के गर्म, धड़कते शरीर को अपने इतने पास महसूस करके मेरा खून अधिक तेजी से चला, बल्कि मुझे यह महसूस होने लगा कि मेरा लिंग फटने को हो गया। मुझे उसकी सांसें साफ सुनाई दे रही थीं, जो वाकई पहले से तेज थी। मैं उसके हाथ काँपते हुए महसूस कर रहा था!

वह भी जानती थी की वह मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर सकती थी। मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी पतली कमर के चारों ओर खिसका दिया और उसे अपनी ओर थोड़ा-सा आलिंगन किया।

फिर कंधो से शुरू करके गले से होकर मेरी हथेलियों ने लिली के स्तनों के ऊपर उसके गले और गार्डन को सहलाया महसूस किया और उसके मेरे स्तन का वह हिस्सा जो ब्लाउज या टॉप के ठीक ऊपर खुला रहता है वहाँ मेरे हाथ गए और मेरी उँगलियाँ उसके स्तनों की गहरी दरार को महसूस करने लगी। मेरी उँगलियाँ उसके स्तनों की गोलाइयों को महसूस कर रही थीं और स्तनों का तना हुआ मांस महसूस कर रही थीं।

मेरा हाथ और स्तनों पर गया और अब मैं सामने से मेरे पूरे स्तनों को अपनी दोनों हथेलियों से सहला रहा था और उसके तंग स्तन के मांस की गोलाई और चिकनाई का आनंद ले रहा था। अब लिली इतनी उत्तेजित हो गयी थी कि उसने अपनी मुट्ठी हवा में बंद कर ली और उसके मुँह से ओह्ह! आह! की काराहे निकल रही थी ।

महिला के पूर्ण विकसित स्तनों को खुले तौर पर छूने और महसूस करने का अवसर मिलने पर मेरे हाथो का अस्थिर होना स्वाभाविक था और चिकनाई के कारण मेरे हाथ फिसल रहे थे।

मेरी चूत के अंदर पहले से ही बड़ी हलचल हो रही थी-मानो कोई नदी, जो कई सालों से सूखी थी, अचानक उसे बारिश का पानी मिल गया। अब वह और नीचे चला गया, उसकी उँगलियाँ मेरे ब्लाउज के कपड़े को पकड़ रही थीं और मेरे पूरे स्तनों का तना हुआ मांस महसूस कर रही थीं।

वो कराह रही थी आआह! उह्ह्ह! ह्ह्हह्ह! ह्ह्ह्हाई!

मेरी उंगलियाँ और नीचे खिसक रही थीं और फिर उंगलियों दोनों स्तनों पर उसके निप्पल पर थी। मैंने उसके निपल्स के ऊपर अपनी उंगलियाँ दबाईं और उसके गोल बड़े और भरे स्तनों को छूकर और महसूस करके काफी उत्तेजित हो गया था और वह भी उत्तेजित हो गयी थी क्योंकि मैंने उसके स्तन पकड़ लिए थे और उन्हें धीरे-धीरे उन्हें दबा रहा था! मेरी हथेलियाँ ने उसके भारी स्तनों को ढँक लिया था और अपने दोनों हाथों की मध्यमा उंगली से उसके सख्त हो चुके निपल्स को सहला रहा था!

आह! यससससस? ओह्ह! प्लीज और करो!

मेरी हथेलियाँ इस समय लिली के दिल परथी और उसका दिल उस समय उत्तेजना के कारण तेज फड़क रहा था और निश्चित रूप से उसके स्तनों को दबाने का अवसर मिलने से मेरा लंड सीधा हो गया था।

मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसको चूमना शुरू कर दिया । फिर लिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मैंने अपने हाथ लिली की गर्दन के पीछे ले जाकर लिली का मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर लिली के होंठो पर जीभ फिराने लगा। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।

थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता कुछ देर तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा और अपने हाथो से उसके स्तनों और निप्पलों को दबाता रहा ।

फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी।

थोडी देर मैंने लिली को ओंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेता रहा।

इसके साथ हर पल और अधिक साहसी होते हुए लिलि के स्तन दाबते हुए और किस करते हुए मैं अपना एक हाथ उसकी नाभि से उसकी-उसकी जांघो तक ले गया! और फिर अपना हाथ उसकी योनि पर ले गया तो मैंने पाया उसकी चूत गीली थी उसकी चुत ने पानी छोड़ गया था ।

चुत पर हाथ लगते ही वह बोली आआआआ आआआआआह! उह्ह्ह! ह्ह्हह्ह! हईय! ह्ह्ह्हाई!

तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक
 
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



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