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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 33

लंड चुसाई


सुबह उठे तो मैंने रुखसार को चूमा और पुछा " आपको यह पसंद आया रुखसार। ?

रुखसार बोली ओह मुझे यह बहुत अच्छा लगा उसने जवाब दिया और मैं यह मानने के लिए तैयार था कि उसकी बहनों की ही तरह उसे चुदाई का मजा आया था। । और आप?

सच रुखसार मुझे सबसे ज्यादा मजा तुम्हारे ही साथ आया मैं उसे चूमते हुए बोला

" अरे, दूल्हे भाई आप इतना क्यों चिल्ला रहे थे । रखसार बोली?

मैंने कहा तुम मेरे लंड तो निचोड़ रही थी तुम्हारी छूट मेरे लंड को चूस रही थी और तुम मुझे धोये जा रही थी। पर सच मजा आ गया मेरी जान और इसे याद करके कमबख्त भी चट्टान की तरह सख्त हो गया है! मेरा लंड बिकुल कठोर हो गया था ।

मम्म, ज़ीनत आपा सही कह रही थी-आपका बहुत बड़ा है! मुझे लगा आपका लंड मेरे गले तक आ गया था! और जल्द ही मैं उसे वहाँ महसूस करने वाली हूँ"रुखसार ने वादा किया और हमारे शरीर के बीच पहुँचकर उसके हाथ मेरे बड़ी गेंदों को सहलाने लगे।" और इस बार ये दूसरी दिशा में पहली बार अंदर जायेगा! "

रुखसार ने इशारा किया की उसे लंड को मुँह में लेने का भी कोई अनुभव नहीं था। मेरे अनुभव से मुझे अंदाजा था को कि महिलाओं को पहले चुदाई के बाद कम से कम एक साल तक उनके मुंह में लंड लेना पसंद नहीं होता है या यह कि उनकी पहली चुदाई के बाद लंड उनमे चूसने की इच्छा पैदा करने में आम तौर पर और भी अधिक समय लगता है। हाँ जो लड़किये चुदने से पहले लंड चूसने लगती हैं वह लंड चूसने के लिए हमेशा त्यार रहती हैं। लेकिन रुक्सार इतनी जल्दी लंड चूसने की बात कर रही थी जिसे सुन कर मुझे काफी हैरानी हुई।



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हालाँकि, युवा रुखसार ने न तो कभी चुदाई करवाई थी न ही लंड चूसा था फिर भी वह मेरे रस के हर निशान को साफ करने के लिए मेरे लंड को चाटने पर पूरी तरह से आमादा थी। मैं एक पल के लिए उसके दृढ़ स्तनों को पुचकारने लगा और मेरा लंड रुखसार की गर्म योनी के अंदर था। मेरी हथेलियों और रुखसार के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से लड़की की चूत को पहले से कहीं ज्यादा गर्म कर दिया और वह मुझे उतनी ही शिद्द्त से चाहती थी, जितनी उसने अपने पूरे जीवन में कभी चाहा था। रुखसार ने अपनी टांगो अपनी जाँघों को पूरी लंबाई में फैला दिया और मैंने उसके लंड को उसकी योनी से बाहर निकालना शुरू कर दिया, जैसे ही मैंने ऐसा किया, मैं सीधे घुटने टेक कर की बैठने की स्थिति में आ गया। रुखसार में मेरी बगल में घुटने टिका दिए और देखने के लिए नीचे झुकी और जैसे ही मेरा लंड अपनी बेगम की चूत से बाहर निकला वह आगे झुकी और लंड को मुँह से चूमने के लिए ओंठो को खोल कर देखने लगी लंड ऊपर उठा हुआ था जिससे वह अपना मुँह लंड के गीले, और हमारे रस में सने सिर पर नीचे सरका सकती थी।

रुखसार को लमेरे लंड पर कामुक आनंद के लक्षण दिखाई दे रहे थे; लंड के सिर से नीचे टपक रहे रस की धार और गाड़ी क्रीम की मोटी बूँदो से लंड के चमड़ी चमक रही थी। वह उपकरण से केवल इंच की दूरी पर अपने होठों के साथ एक पल के लिए झिझक गई। कामुकता की गंध तेज थी-उसकी अपने रस की बूंदों के साथ, कच्ची, अनर्गल वासना की एक प्रबल सुगंध आ रही थी-और उसने महसूस किया कि उस पर एक बार फिर चुदाई का नशा छा रहा था। उसने मुँह आगे कर उन टपकती हुई बूंदी को अपने ओंठो पर लिया और जीभ से उन्हें ओंठो से चाटा और मैं रुखसार की चूत पर हाथ फेरने के लिए नीचे गया और उसे सहलाने लगा। मेरा रसा जो उसकी अंधेरे, युवा भट्ठा के होंठ पर लगा हुआ था और मेरी उंगलियों से चिपक गया। मैंने उस गर्म, चिपचिपी क्रीम को बाहरी सतहों पर फैलाया और


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-और अपनी एक उंगली की नोक को उसकी योनी में खिसका दिया और अतिरिक्त दबाव पर रुखसार ने धीरे से आह भरी-

मैंने निश्चित रूप से उसकी चूत की सभी कोमल संवेदनशीलता को भड़का दिया था। रुखसार अब और इंतजार नहीं कर सकती थी। कामुक वासनाओं से भर कर उसने मेरे लंड को देख और गंध से उत्तेजित होकर, उसने अपना ओढ़ से मेरे लंड के सर को चुमाऔर मुँह खोल कर मोटे लंड के सिर के ऊपर से नीचे गिरा दिया और तुरंत अपने शरीर में जानवरों की कामुकता का एक शक्तिशाली झटका महसूस किया। कर्कश खुशी ने मुझे चीर दिया, जैसे कि बिजली की एक बोल्ट ने उसे मारा हो और उसकी जीभ ने एक ही बार में अपने आप को चौड़े सिरे के चारों ओर लपेटा और सिर को शाफ्ट से अलग करने वाले खांचे में गहरी खुदाई की। उसने अपना मुंह को जितना हो सके तब तक मेरे लंड को नीचे की ओर धकेला, जब तक कि टिप उसके गले में नहीं चली गयी। हालाँकि उसी लंड चूसने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था, लेकिन उसके पास लंड के बड़े हिस्से को अपने गले में लेने की अद्भुत क्षमता थी।


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रुखसार ने अपनी गर्म योनी का स्वाद, साथ में प्रचुर मात्रा में मेरे रस के मजबूत स्वाद के साथ, उसके होश उड़ गए। उसने उमेरे सूजे हुए लंड के चारों ओर अपना चेहरा घुमाया और जितना हो सके उतना जोर से चूसा। मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और उसे स्थिर रखते हुए, उसके गर्म छोटे मुंह में लंड आगे पीछे करना शुरू किया और वह लंड को चूस रही थी, जैसे ही मैंने लंड आगे पीछे किया, मैं मजे से चिल्ला पड़ा । वह मुझे इस तरीके से अपना मुंह चोदते हुए महसूस कर रोमांचित हो गयी थी। अनुभवहीन होने के बावजूद, वह अंदाजा लगा सकती कि मैं इसका आनंद ले रहा था और वह वास्तव में मेरी अच्छी तरह से सेवा कर रही थी।

मैंने लंड को बार खींच लिया अब केवल लंड मुंड उसके मुँह में था जिस पर रुखसार जीभ घुमा रहा थाई और मैं अपनी उँगलियों को उसकी रसीली चूत के होठों में लगा उसे गौर से देखता रहा। बेशक, रुखसार जानती थी कि मेरा दिमाग बहुत कामोत्तेजक था और लड़की के साथ लंबे समय तक सेक्स करने में मेरी गहरी दिलचस्पी थी। मुझे विश्वास नहीं था कि रुखसार इतनी आसानी से लंड चूसने के लिए त्यार हो जायेगी।

इतनी उत्सुकता के साथ मेरे लंड की चूसने वाली मेरी इस बेगम का नजारा मेरे लिए बेहद रोमांचक साबित हुआ और अब मेरी उंगलियों के छेड़छाड़ के कारण रुखसार की कमर भी हिलने लगी थी जो इस बात का स्पष्ट संकेत था को वह अब चाहती है की मैं फिर से अपना लंड उसकी योनी में घुसा दू।

जब तक मैं कर सकता था मैं लंड चुसवाता रहा। रुखसार खुशी-खुशी मुझे एक बार फिर झड़ने की कगार पर ला रही थी क्योंकि वह यह महसूस कर काफी खुश थी कि उसका शौहर आज उसकी पहली छूट चुदाई के बाद अब पहली बार उसके मुंह में आने वाला है लेकिन मैं अब दूसरे तरीके से झड़ना चाहता था।

"लेट जाओ रुखसार पीठ के बल लेट जाओ!" मैं उस पर झुक गया। "अपने पैरों को फैलाओ और मेरे लंड को तुम्हारी उस गर्म छोटी योनी में जाने दो!" मुझे इसमें कोई संदेह नहीं था मैं उस युवा योनी के अंदर लंड घुसा कर उसकी सील तोड़ने वाला उसका शौहर था। । रुखसार खुद ऐसा होने के लिए काफी तैयार थी और वह तेजी से लेट गयी और अपने पैरों को अलग कर लिया, ऐसा करते हुए अपने घुटनों को ऊंचा कर दिया। मैंने उस युवा योनी की ओर देखा जो उसने मुझे कल रात भेंट की थी; इसके कोमल रूप ने मुझे गर्म कर दिया।

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जिस तरह से रुखसार ने मेरा लंड चूसा था, उसने उससे मुझे अपने लंड को उसके गर्म छोटे छेद में घुसाने का अतिरिक्त कारण दिया था मैं अब महसूस करना चाहता था कि उसके मुँह से लंड चुसवाने के बाद जब उसकी चूत संकुचन करते हुए मेरे लंड को चूसेगी तो कितना ज्यादा मजा आएगा। मैंने लंड से उसकी भगनासा की छुआ और वह कारह उठी और अब मैंने उसकी चूत के छोटे से छेद को मेरे लंड से फैलाने का इरादा किया।

रुखसार ने जोर से कराह उठी जा उसे लगा कि मेरा लंड उसकी चूत के होठों से टकरा रहा है। सेक्स की शक्ति का एक बढ़ता हुआ झोंका उसमे आया और उसकी कमर से स्पंदित हुआ और उसने अनजाने में अपने घुटनों को मेरे धड़ के चारों ओर ले आई। मैंने मेरे लंड के सिर को एक पल के लिए उसके भट्ठे के ऊपर और नीचे किया, उसे समृद्ध, गीले तेलों और लंड पर लगी उसके लार में नहलाया, लार उसकी योनी में बह गयी और धीरे-धीरे उसे उस तनी हुई छोटी दरार के बीच में अपने लंड को लाया।


रुखसार जानती थी कि एक बार फिर मैं उसकी योनी को चौड़ी करूँगा । वह लंड को अपनी योनी के अंदर और अधिक उत्साह के साथ चाहती थी, और इस इच्छा से उसने अपनी एड़ी को मेरी गांड के नितम्बो पर एक साथ बंद कर दिया। मैंने उसके दुबले-पतले, सुडौल शरीर को प्यार किया और वह मुझे देखकर मुस्कुराई, मुझे उसकी मुस्कान में चुदने के इच्छा साफ नजर आयी। जब वह नहीं हिली, तो मैंने अपने कूल्हों को एकहल्का-सा झटका दिया, जिससे उसकी योनी का मुंह मेरे लंड के सिर के चारों ओर कस गया।

इस रगड़ और डबास ने उसकी चूत के बीच से सेक्स और चुदाई की इच्छा का एक और चौंकाने वाला झटका भेजा और उसके होठों पर आश्चर्यजनक खुशी भाई कराह निकली। "अहह! यह करो! अभी करो!" वह कराह रही थी, वह चिल्ला उठी ।मुझे चौदो! और उसने अपनी योनी को ऊपर उठा दी ताकि मुझे इसे चौदने में बेहतर कोण मिल सके। "ऊह, मुझे चोदो, मुझे जोर से चोदो! मैं तुम्हारा लंड हर तरह से महसूस करना चाहती हूँ ।" मैंने उसे-उसे वही करने की मिन्नतें करते हुए सुना जो मैं करना चाहता था। वह मेरा लंड लेने को बेकरार और त्यार थी

मैंने थोड़ा दबाव डाला। उसकी योनी पहले से ही उसकी लार से और साथ ही साथ उसकी तंग छोटी सुरंग के भीतर से निकलने वाले फिसलन वाले तेलों से भीगी हुई चूत ने अब लंड का स्वागत किया। लंड आसानी से थोड़ा अंदर फिसल गया। खिंचाव की अनुभूति से वह कराह उठी। उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं मैंने उसे चूमा और उसके होंठ चाटे। उसने गहरी साँस ली उसका सीना ऊपर उठा। फिर कई बार चूमने के बाद मैंने केवल कुछ सेकंड के लिए अपना कठोर लंड थोड़ा-सा पीछे किया तो उसने अपने एड़ी को मेरे नितम्बो पर दबा दिया और साथ में अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए और मैंने भी ठीक उसे समय धक्का लगाया। उसकी चूत की मासपेशिया फैली और मेरे लंड पर कस गयी और लंड रगड़ कर आगे सरक गया।

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जैसे-जैसे मेरा लंड और अंदर गया, रुखसार की उंगलियाँ मेरी पीठ पर चली गईं। वह मेरे लंड की कठोरता और अपनी चूत के नादर हो रहे खिचाव को अपने अंदर महसूस कर रही थी और उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा लिया। मैं थोड़ा झुका और उसके निप्पल को अपने दांतों से पकड़ लिया। ओह्ह! वह कराह उठी।

रुखसार की आँखें बंद हो गईं और उसका सिर पीछे की ओर झुक गया पहली बार की ही तरह उसकी योनि से आनंद की लहर उसके पूरे शरीर को बहा ले गयी। उसके हाथ मेरे कूल्हों के चारों ओर गए और वह मुझे अपने अंदर खींचने लगी। वह मुझे अपने ऊपर और अंदर महसूस कर रही थी, वह मुझ पर अपनी गर्म सांसें छोड़ रही थी।

उसकी चूत बिलकुल टाइट थी, फिर मैंने धीरे-धीरे लंड को पीछे किया और एक तेज और फिर खुद को उसके सबसे गहरी गहराई में धकेल दिया और पूरा का पूरा लंड अंदर पैबस्त कर दिया। वह पूरी तरह से मेरे लंड से भर गई। मेरा पूरा लंड पूरा नादर जाते ही मजे से वह कराह उठी । मैंने बेरहमी से उसके मांस में अपना लंड एक दो बार आगे पीछे किया। प्रत्येक स्ट्रोक के साथ, मैंने महसूस किया कि लंड का सिर उसके गर्भाशय से टकरा रहा था। । फिर मैंने धीमी चुदाई की गतिशुरू की और साथ में उसे-उसे गहराई से और जोश से चूमा।

कई मिनट रुखसार को चूमने और सहलाने और टटोलने के बाद वह मेरे से लिपट गयी। उसने मेरे पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया। मैंने उसके स्तन दबाये तो महसूस किया कि रुखसार की चूत की मांसपेशियों मेरे लंड पर को कस गयी ।

खसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। ऐसा लगा जैसे मेरा लंड रेशम के अंदर कैद था और मेरा लंड उसकी मांसपेशियों का दबाब महसूस कर रहा था। मैं स्वर्ग में था! मैंने अपने हाथ उसके स्तनों पर रख उन्हें धीरे से दबाया तो चूत के मांपेशिया कसने लगी और फिर निचोड़ा और। जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता उसकी मांसपेशिया तेजी से कस कर लंड को निचोड़ने लगी रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी। वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी अब लगा चूत भी लंड को चूसने लगी थी।

अब मुझे मसोस हुआ जब मेरा लंड उसके मुँह में था तो लंड चूसा जा रहा था अब चूत लंड को चूस भी रही थी और उसका मुँह मेरे मुँह पर था और मैं उसके मुँह जीभ और ओंठो को चूस रहा था और

साथ में उसके स्तन दबा और निचोड़ रहा था-था तो उसके कसी हुई चूत मेरे लंड को दबा और निचोड़ रही थी । मैं धीरे-धीरे लंड आगे पीछे करता रहा और फिर स्पीड बढ़ती गयी ।



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कितना मजा आ रहा था की इस मजे के आगे सब मजे बेकार है । मैंने उसके मीठे होंठों को मेरे मुंह को ढँकते हुए चूमा। मैंने अपने हाथों को उसके स्तनों को दबा लिया और उसने मुझे दबाया और मेरी पीठ के चारों ओर अपने हाथो को फेंक दिया और कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमना जारी रखा और मैं लंड आगे पीछे करता रहा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को मेरे स्तन दबाने के गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया। जल्द ही वह कांपने लगी और उसका बदन ऐंठने लगा और मेरे लंड में भी ऐंठन होने लगी, और फिर मेरा भी बदन काम्पा और मैंने पिचकारियाँ मार दी साथ ही में वह भी झड़ी । मैंने जोर से कराहते हुए अपने अंडकोष खाली कर दिए और उसके बाद भी लंड अंदर बाहर करना जारी रखा और कराहते हुए हांफते हुए उस पर लेट गया।

कहानी जारी रहेगी
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 34

बुलंद चीखे


मैं अपने लंड को बड़ा नहीं मानता था, लेकिन वह एक सामान्य पुरुष की तुलना में अतिरिक्त बड़ा था, मेरा लंड पूरी तरह से सीधा होने पर 11 इंच बड़ा हो जाता था लेकिन सोने की स्थिति में, यह 7 इंच से कम नहीं होता था जो की साधारण पुरुष के खड़े लंड से भी लम्बा रहता था। लेकिन चुदाई के बाद जैसे रुखसार ने मुझे निचोड़ दिया था और मेरा लंड बैठ गया और वह थोड़ा हिली और लंड बाहर निकल आया पर लंड जिसे रुखसार की चूत ने निचोड़ा था अभी भी मोटा लग रहा था क्योंकि घमासान चुदाई के कारण थोड़ा सूज गया था।


तभी वहाँ पर हमारी कराहे सुन कर मेरी अन्य तीनि बेगमे ज़ीनत, जूनि और अर्शी और मेरी तीनो बहने रुखसाना, सलमा और फातिमा भी कमरे में दरवाजा खोल कर आ गयी। उन्होंने देखा की चादर गीली और लाल थी और फिर पहले जीनत ने रुखसार को गले लगा कर कामयाब सुहागरात की बधाई दी, रखसाना, सलमा और फातिमा की आँखे मेरे लंड पैट टिकी हुई थी और मेरे सोते हुए लंड का आकार देखकर उनकी आंखें नम हो गईं। हाय अम्मी! इस हालत में भी लंड का आकार इतना बड़ा है, खड़ा होने बाद क्या होगा! यह एक विशाल, एक राक्षस होगा और एक पूर्ण विकसित महिला की योनी को आसानी से नुकसान पहुँचा सकता है। यहाँ तक कि उनके शौहर रिजवान के पास भी बड़े आकार का लंड था लेकिन मेरा लंड उससे भी बड़ा था। ये सोचते ही रखसाना के पूरे शरीर में एक कंपकंपी दौड़ गई।




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मेरी आपा रुखसाना ने मुझे बधाई दी और फिर सब में हम दोनों को मुबारकबाद दी । रुखसाना आपा मेरे सबसे करीब थी और दोस्त जैसे मुझसे सब बात कर लेती थी उसने पुछा सलमान भाई इसमें कोई हैरानी की बात नहीं की सुहागरात में लड़किया चुदाई होने पर आम तौर पर चिल्लाती है। उसी तरह से कल रात में जब रुखसार चिल्ला रही थी तो हमे कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि जब तुम ज़ीनत और अर्शी की सील फाड़ रहे थे तो हमने उनके भी बुलंद चीखे सुनी हैं लेकिन बाद में हमने तुम्हारी भी बुलंद चीखे सुनी। क्यों री रुखसार तुमने भी काट तो नहीं लिया। तुम्हे है आदत सबको काट खाने की।

इस पर ज़ीनत आपा मेरी सबसे बड़ी बेगम बोली बाज़ी आप ठीक कह रही हो जब उसकी चूत इन्होने फाड़ी थी तो मैंने कमसिन और अल्हड़ जूनि की बुरी हालत देखि है तो वह मेरे से भी तेज चिल्ला रही थी लेकिन कल रात तो हमने इनकी भी चिलाने के आवाजे सुनी।

क्यों री रुक्सार! क्या किया तुमने हमारे मिया के साथ? और ज़ीनत आपा ने मेरा लंड पकड़ लिया और घुमाया और उसका मुयायना करने लगी । वह लंड के बड़े लाल मोठे और मांसल सर जो एक जो बेड लैंप के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे बिजली के बल्ब के जैसा लग रहा था उसे देखकर हैरान रह गई. उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। उसने बोलै देखे बाजी ये कैसे सूज गया है और लाल हो गया है इस शैतान रुखसार! ने जरूर इसे काट लिया है तभी दूल्हे भाई भी चिल्ला पड़े थे।

मैंने कहा नहीं आपा इसने कुछ नहीं किया है वह मेरी दर्द भरी चीखे नहीं तेज मजे की कराहे थी। आप बिलकुल बेफिक्र रहो मैं बिलकुल ठीक हूँ और मैंने फिर अपनी बेगमो अर्शी और जूनि को चूमा और बोला आपा सच बोलूं तो रात जैसा मजा पहले कभी नहीं आया और फिर सबके सामने रुखसार को एक लम्बी लिप किश की और चारो बीबियो को गले लगा कर बोला मैंने चारो बिबिया बहुत शानदार, खूबसूरत और मुहब्बत से भरी हुई हैं और जीनत को चूमा।

रुखसार तो नंगी थी ही और उसके इलावा सब लड़कियों ने पारदर्शी और पतली डोरी वाली नाइटी पहनी हुई थी जो कल्पना के लिए कुछ भी नहीं छोड़ती और किसी ने भी ब्रा नहीं पहनी हुई थी जिससे उनके स्तन पूरी तरह से उपस्थिति दर्ज कर रहे थे और साथ में मैं उनके नितम्ब के गाल भी आसानी से देख सकता था।



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शर्म थी नहीं क्योंकि मुझे मालूम था सबने छुप कर रात में चुदाई का पूरा नजारा देखा है और मेरे से मजे ले रही हैं । रुखसार वैसे ही सबसे बहुत नटखट, तीखी तेज और फ्रैंक थी । अब सामने इतना सारा दूध हो तो बिल्ला कैसे सो सकता है और यही हुआ अपनी बेगमे के शानदार अर्ध नग्न बूब्स और हुस्न को देख मेरा लंड आधा खड़ा हो गया था और थोड़ा बड़ा होने लगा था जिसे देख मेरी तीनो बहनें शर्मिंदगी महसूस कर रही थीं और मुझे इसे नीचे रखने में समस्या हो रही थी।

सभी लड़किया चुपचाप मुस्कुराईं और उन सभी की आँखे मेरे लंड पर टिक गयी और ये जान कर की लंड पर नजरे जमी हुई है मैंने अपने बदन में एक कंपकंपी महसूस की और लड़किया शायद पहली बार लंड को उठते हुए देख रही थी और हैरान लग रही थी।



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"ओह! जीनत आपा भाई का आपके भाई से बहुत बड़ा है," सबने रुखसाना की बड़बड़ाहट सुनी मैं रुखसाना का सब कुछ देख सकता था। उसके निप्पल बड़े और सख्त थे, जो उसकी छाती पर तने हुए थे। मैं देख सकता था कि उसके स्तन जीनत आपा से थोड़े छोटे थे पर उससे भी मजबूत और गोल लग रहे थे, फिर भी बहुत दृढ मजबूत और बढ़िया लग रहे थे!


कहानी जारी रहेगी
 
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 35

चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत


मेरी तीन बेगमो ज़ीनत अर्शी और जूनि ने पारदर्शी और पतली डोरी वाली नाइटी पहनी हुई थी जो कल्पना के लिए कुछ भी नहीं छोड़ती और जिससे उनके स्तन पूरी तरह से उपस्थिति दर्ज कर रहे थे।

मैंने जीनत को अपनी बाहों में ले लिया और उसे अपने पास खेंच कर कस कर आगोश में लिया और उसकी पतली डोरी वाली नाइटी निकाल दी जिससे उसके नंगे स्तन मेरी छाती से छुए और दब गए और मैंने उसके होंठ पर तब तक चुंबन किये जब तक वह सांस के लिए हाफने नहीं लगी, अब रुखसार की तीखी चुदाई के तीखे स्वाद को चखने के बाद ज़ीनत की मीठी साँसे बहुत सकूंन दे रही थी । और उसकी मीठी साँसों की खुशबू को में तब तक चूसता रहा, जब तक कि वह उत्तेजित हो कर कांपने नहीं लगी। फिर जब मैंने अपनी पकड़ को ढीला किया तो वह शर्माती हुई जूनि की बगल में चली गयी।

रुखसार बिस्तर के एक तरफ थक कर लेटी हुई हमारी प्यार मुहबबत देख रही थी।



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जूनी ने पूरी तरह से नाइटी की डोरियों के अवरोधों से मुक्त होकर और मेरे करीब चली गई, मैंने उसकी नाइटी को हटाकर उसे दूर कर दिया। मैंने, ज़ीनत अर्शी और रुखसार ने उसके नग्न और कमसिन बदन को निहारा और उसकी प्रशंसा करने के लिए देखते रहे । लेकिन जूनी ने जारी रखा, उसने अपने आस-पास हम लोगों की तरफ देखा और अपने स्तन सहलाते हुए अपनी बाजू ऐसे नीचे की और ले गयी जैसे कि एक स्ट्रिप शो में प्रदर्शन कर रही हो। अपने हाथों को अपनी कमर पर लाते हुए, उसने धीरे-धीरे अपने हाथों को अपनी कमर से नीचे कर लिया और अपनी उंगलियों को अपनी पैंटी के अंदर खिसका दिया, क्योंकि वह अकेली थी जिसने पैंटी पहन रखी थी और फिर उसने धीरे-धीरे पेंटी को अपने घुटनों तक खिसका दिया फिर वह झुकी उसके स्तन मेरे सिर के इंच के भीतर थे। अपनी पैंटी को हटाने के लिए अपने पैरों को ऊपर उठाया और उसे भी नाइटी की ही दिशा में फेंक देिया।

मैंने जूनि के चेहरे को देखा और जैसे ही मैंने उसके शरीर को देखा, मेरा लंड फूल गया। हम एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए। वह बड़ी कोमल और कमसिन बदन वाली थी। जब मेरी निगाहें उसके कंधों, बाहों और स्तनों को घूर रही थीं, तो जूनी अविश्वसनीय रूप से सेक्सी महसूस करने लगी। जूनी आगे झुकी और मुझे पहले धीरे से होठों पर चूमा। फिर बिना किसी प्रतिरोध के, उसने मुझे फिर से खुले मुंह और जोर से चूमा जब तक कि मैं सांस के लिए हांफने नहीं लगा। जूनि का स्वाद थोड़ा खट्टा-खट्टा था।

जूनी ने अपने स्तनों को सहलाते हुए एक नरम हाथ को महसूस किया। जूनी ने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि अर्शी का हाथ उसे प्यार से सहला रहा था। यह पहली बार था जब जूनी ने अपने स्तनों पर अर्शी के हाथ का कोमल तो जूनी ने अर्शी को मुस्कान के साथ देखा। मैंने उसके एक स्तन को एक हाथ से सहलाया और फिर निचोड़ा और दूसरे हाथ से उसके नितंबों को निचोड़ा, जूनी अब मुझ पर वापस मुस्कुराई, ज़ीनत और रुखसार, प्रशंसा के साथ जूनी के शरीर को देख रहे थे। मैं उसे चूमने के लिए झुक गया। हम नीचे और नीचे तब तक डूबे जब तक हम एक दूसरे के सामने घुटने नहीं टेके।

हमारे हाथ एक-दूसरे के शरीर पर लगभग भूखे-प्यासे घूमते रहे। मेरे हाथ ने उसकी चूत को स्पर्श किया। जैसे ही मैं आगे हुआ, वह कराह उठी, उसकी योनी मेरी उंगलियों को महसूस करने के लिए तड़प रही थी। मैंने अपना मुँह नीचे किया, मेरी जीभ उसके प्रत्येक निप्पल पर चक्कर लगा रही थी फिर मेरा हाथ उसकी जांघों के बीच फिसल गया था और मेरी एक उंगली उसकी गर्म टपकती सिलवटों के बीच में फिसल गई। मैंने ुक दो बार योनि को सहलाया ओर फिर जूनि पीछे हो गयी ।

अब मैंने अर्शी को अपने पास खींचा और मैंने धीरे-धीरे अर्शी की नाइटी की डोरियों को खींचा और खोलना शुरू किया। मेरे हाथों ने उसकी कोमल चिकनी त्वचा को सहलाया और मैंने उसकी पतली डोरी वाली नाइटी को धीरे-धीरे सरका कर इंच दर इंच उसके बदन को उजागर किया और साथ-साथ उजागर होने वाले अंगो को चूमता रहा। जल्द ही वह मेरे सामने पूरी नग्न बैठी थी। मैं थोड़ा पीछे झुक गया और उसके शरीर को देखने लगा। उसके स्तन गोल और रस से भरे हुए, निप्पल सख्त और धूल भरे गुलाब के रंग के थे, उसका पेट चिकना था, उसके कूल्हे गोल और भरे हुए थे, उसकी चूत बालरहित थी और उसकी मलाईदार जांघें कांप रही थीं। मैं उसके ऊपर झुक गया और मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया। ;


ज़ीनत ने अपने हाथों को अर्शी के कूल्हों पर रखा और उसके कान में फुसफुसायी की वह मुझे उसे महसूस करने और तलाशने की अनुमति दे। फिर उसने शर्म से झुक कर मुझे चूमा। अर्शी ने अपना मुँह थोड़ा खोला और उसने धीरे से अपनी जीभ मेरे गर्म, गीले मुँह के अंदर सरका दी। मैं धीरे से कराह रहा था क्योंकि मैं एक बार फिर उसका नमकीन स्वाद चख रहा था जीनत के मीठे स्वाद और अर्शी के मुँह के नमकीन स्वाद का संतर मुझे साफ़ महसूस हुआ। यह वास्तव में मुझे एक बार फिर यह एहसास हुआ कि मैं एक अकेला आदमी हूँ जिसने कभी उसका स्वाद चखा। वह कराह रही थी क्योंकि हमारी जीभ पहले धीरे-धीरे मिल रही थी, फिर और अधिक उत्साह से उसने खुद को मेरे में खो जाने दिया।



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मैंने उसके गर्म कोमल शरीर को अपनी ओर खींच लिया, उसके स्तन मेरी छाती पर दब गए, उसके निप्पल सख्त थे, मेरी छाती में चुभ रहे थे। अर्शी ने चुंबन तोड़ दिया और वह थोड़ा पीछे हुई, हम दोनों के चेहरे थोड़े से लाल हो गए थे क्योंकि एक दूसरे के लिए हमारी इच्छा धीरे-धीरे मजबूत और मजबूत होती जा रही थी। उसने अपनी आँखों को मेरे शरीर पर घूमने दिया, वह मुस्कुराई क्योंकि उसकी आँखें मेरे बड़े लंड पर जो कि ज़ीनत के हाथों में था टिक गयी थी और जीनत आपा अभी भी मेरा लंड पकड़ कर उसे धीरे-धीरे उसे सहला रही थी । मैं कराह उठा क्योंकि अर्शी ने अपना हाथ नीचे किया और मेरा खड़ा लंड को सहलाते हुए मेरी गेंदों को पकड़ा और सहलाया।

जैसे ही मैंने उसकी आँखों में भूख देखी, मैं मुस्कुराया। मैंने उसे अपने पास खींच लिया, अपने कूल्हों को उसके खिलाफ दबाते हुए, मैंने अपने हाथों को उसके कूल्हों पर सरका दिया। हमारे कूल्हे आपस में दब रहे थे, धीरे-धीरे पीसते हुए मैं उसके कोमल जांघो के ट्रिम किये हुए बालो को अपनी जांघो के क्षेत्र में गुदगुदी करते हुए महसूस किया। मैं उसके ऊपर झुक गया और धीरे से उसकी गर्दन की नमकीन त्वचा को कुतर दिया। वह मेरे खिलाफ चिपकी हुई कांप उठी। अब वह एक भूखे जानवर की तरह थी। उसने अपनी बाहें मेरे चारों ओर सरका दीं, मुझे अपने पास खींच लिया, उसने मुझे जोर से और जोश से चूमा और मैंने भी उसे उसी जुनून से चूमा। मेरे हाथ उसके कूल्हों पर, उसके पेट के ऊपर, उसकी भुजाओं पर और फिर धीरे से उसके पूरे स्तन को सहलाते हुए, धीरे से उन्हें निचोड़ते और सहला रहे थे। अर्शी कराह रही थी क्योंकि मेरी उंगलियों ने उसके सख्त निपल्स को घुमाया और मजबूती से निचोड़ा। उसने मेरे कूल्हों को जोर से दबाया। अर्शी के हाथ मेरी गांड पर फिसल गए, उन्हें मजबूती से पकड़ लिया और निचोड़ते हुए और भी करीब से दबाने की कोशिश की।

अर्शी ने मुझे बिस्तर के किनारे पर बिठाया और मुझे आमने-सामने लेटा दिया। उसने अपनी नंगी चूत को उभार पर रगड़ा जबकि ज़ीनत मुझे किस करने लगी। ज़ीनत ने मेरा चेहरा दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरे होठों पर एक बड़ा-सा किस कर दिया। अर्शी ने अपनी बाहों को मेरी कमर के चारों ओर घुमाया और जब उसने अपने स्तनों को मेरी नंगी छाती से दबाया और अर्शी मेरी गोद में इधर-उधर हो गई। जूनी ने अपने स्तन मेरी पीठ पर दबाए। फिर ज़ीनत मेरी पीठ के पास चली गई और अर्शी ने मुझे किस किया।

एक-एक मिनट के बाद, अर्शी मुझसे दूर हो गई और जूनी ने उसकी जगह ले ली। ज़ीनत की तरह, अर्शी मुझे बगल से चूमती रही और जूनी ने उसके स्तनों को उसकी नंगी छाती से रगड़ा। ज़ीनत ने अपने स्तन मेरी पीठ पर दबाए लेकिन वह भी मेरे बट के पीछे पहुँच गई और मेरी गेंदों की मालिश की।

जब ज़ीनत की बारी आई, तो उसने मुझे पटक दिया ताकि वह अपने नंगे स्तनों को मेरे चेहरे पर दबा सके। उसने एक निप्पल को मेरे मुंह में धकेला और स्विच करने से पहले मुझे थोड़ी देर चूसने दिया और दूसरा मुझे दे दिया। मैंने अपना सिर आगे झुकाया और चूसना जारी रखा क्योंकि वह नीचे पहुँची और मेरे लंड को पकड़ लिया। उसने कुछ मिनटों के लिए मेरी गेंदों को खींचा और निचोड़ा और रगड़ा। अंत में, वह मेरी गोद में बैठ गई, मेरे कठोर लंड के सिर के खिलाफ अपनी चूत लगा दी। वह आगे-पीछे हिलती-डुलती, मुझे अपनी भगशेफ के खिलाफ रगड़ती हुई आगे झुकी और मुझे चूमा और मेरे कान में फुसफुसाया। मैंने अपने कूल्हों को उठाना शुरू कर दिया, उसके खिलाफ जोर देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मैं बहुत कुछ करने में सक्षम नहीं था क्योंकि वह मुझे वास्तव में उसे चोदने की अनुमति देने से ज्यादा सता रही थी।

जूनी ने मुझे होठों पर किस किया और अर्शी ने मेरी पीठ पर अपने स्तन दबाए.। कुछ देर बाद, ज़ीनत मेरी जांघों पर, लगभग मेरे घुटनों तक सरक गई। जूनी और अर्शी भी मेरे दोनों तरफ जमा हो गईं।



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ज़ीनत ने मेरे लंड को पकड़ा और उसकी जाँच की यह सबसे सुन्दर, सीधा और लम्बा और मोटा था।

ज़ीनत ने लंड कई बार स्ट्रोक किया। फिर अर्शी झुकी और लंड चूसने लगी। मेरी कराहो से महिलाएँ भी प्रभावित हुईं।


कहानी जारी रहेगी
 
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 36

बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत


मेरा लंड अर्शी के मुँह में था। अर्शी ने अपने नाजुक होंठों को मेरे टोपे पर लगाएl आह! मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था। अर्शी ने थोड़ी देर ही मेरा लंड चूसा था तभी जूनि ने भी अपना मुझ मेरी गेंदों पर लगा दिया और मेरी गेंदे चाट कर चूसने लगी ।

उधर अर्शी मस्ती से लंड चूसे जा रही थीl उसने तो कुछ ही दिनों में जैसे लंड चूसने में महारत हासिल कर ली थी वह मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी और मेरे लंड को अब तक किसी ने ऐसे नहीं चूसा थाl वह जीभ फिर-फिर कर मेरा लंड चूस रही थी और उसकी लंड चूसने की अदा और कला से मुझे बहुत मजा आ रहा थाl

उसने कभी लंड धीरे से चूसा और कभी तेज चूसा और अपने हाथों को मेरी भीतरी जांघों पर सरका दिया। इस बीच जूनि ने मेरी गेंदों को चूसते हुए उन्हें अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया। एक पल के अर्शी ने लिए मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकलने दिया और मेरी गेंदे सहलाते हुए बड़बड़ाते हुए बोली, "मम्म...बड़ी गेंदें...बहुत भारी और बड़ी गेंदे इन्हे हमारे लिए मणि और रस से भरा हुआ?"



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मैं केवल एक घुरघुरा और सिर हिला सकता था क्योंकि उन दोनों मेरी गेंदों को निचोड़ा और फिर अर्शी मेरी गेंदे चूसने लगी और जूनि अब मेरा लंड चूसने लगी।

जूनि ने कुछ देर बाद मुझे चूसना बंद कर दिया और मेरे लंड पर अपने हाथ ऊपर नीचे करने लगी । मैंने जूनि को अपने पैरों पर किया और अपने ऊपर खींच लिया। वह फिर से उठी और फुसफुसायी, "तुम बहुत मेहनत कर रहे हो! अब मैं तुम्हारी सवारी करना चाहती हूँ।"

उसने मुझे बिस्तर के खिलाफ पीछे धकेल दिया। मैं अपनी पीठ के बल लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गई, मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और लंड को एक झटके में ही पूरा अंदर ले गई। उनकी चूत बिलकुल गीली थी और वह मुझे ऊपर चढ़ कर उछल-उछल कर चोद रही थी और बीच-बीच में मैं भी अपने चूतड़ ऊपर कर के धक्क्का लगा देता था और वह कराह उठती थी। उधर अर्शी मेरे गेंदे चूसे जा रही थी ।

फिर जूनि ऊपर नीचे उछलती रही और उसने मणि छोड़ी और फिर वह नीचे खिसकी, मेरे लंड को उसके रस ने चिकना कर दिया था। फिर वह मुझ पर से उतारी और मेरे ऊपर सीने के बल लेट गई।

"देखा मेरी चूत कितनी गीली है?" देखो, मैंने तुमसे कहा था कि मैं तुम्हारे लिए गर्म हूँ। "

मैंने अपनी बाँहों को उसके चारों ओर लपेट लिया और उसे चूम लिया।

तभी बिस्तर हिल गया और अचानक नग्न अर्शी उसकी पीठ पर मेरी बगल में लेट गयी और दूसरी तरफ जीनत लेटी हुई थी ज़ीनत के हाथ अर्शी की जांघों के बीच थे। वह अर्शी मेरी बग़ल में तब तक हिलती रही जब तक उसका सिर मेरे बगल में नहीं आ गया और बायीं कावट हो गयी और उसने फुसफुसाते हुए कहा, "ज़ीनत आपा कह रही थी कि रुखसार के साथ आपको बहुत मजा आया है। मैंने रुखसार की ओर देखा, वह अभी भी गहरे सांस ले रही थी, जूनी ने कहा, उसकी चिंता मत करो। वह ठीक है।" \

"क्या वह आप तीनों के साथ शामिल नहीं होगी?"

"नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता।" अर्शी एक पल के लिए रुक गयी जैसे कि कुछ तय करने की कोशिश कर रहा हो। फिर उसने जारी रखा, "मुझे लगता है कि आज वह अकेली ही चुदेगी। यह उसकी सुहागरात है।"

मैंने एक गहरी सांस ली और जूनि को नीचे उतार कर लिटा दिया और अर्शी को उसकी पीठ पर लिटा दिया। मैं खड़ा हुआ और बिना बताए अर्शी की चुत में लंड डाल दियाl

अर्शी भी लंड के अहसास से मस्त हो गई और लंड लेने में कमर उठा कर सहयोग करने लगीl उसकी कराहें मेरा जोश बढ़ा रही थींl



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उधर जूनि मेरे अंडकोष चूसने लगीl ताबड़तोड़ चुदाई होने लगीl अर्शी अपनी पूरी टांगें हवा में उठा आकर मेरे लंड का मजा ले रही थीl

मैंने अर्शी की जाँघों के बीच घुटने टेके, उसके स्तनों को निचोड़ा और उसके निपल्स को चूसने लगा।


मैंने अपने घुटनों पर बैठ कर जीनत के होठों पर चूमा। फिर मैंने उसकी गर्दन से एक निप्पल तक और फिर दूसरे को चूमा। मैंने उसकी छाती और पेट के बीच से उसकी चूत तक उसे चूमना जारी रखा।

मैंने उसकी चूत की फिसलन भरी सिलवटों को चाटा और अपनी जीभ से उसकी चूत की जाँच की। जब मैंने अपनी जीभ को उसके अंदर धकेला, तो उसने एक गहरी सांस ली और क्षण भर के लिए मेरे सिर को अपनी जाँघों के बीच दबा लिया। मैंने उसके क्लिट को अपने होठों से चूसा और अपनी जीभ से उसे थपथपाया। और देर किये बिना और उसकी गर्म चुत पर जीभ फेरना चालू कर दियाl वह मस्ती से गांड हिलाते हुए अपनी चूत चटवाने लगी। मैंने भी बहुत जोर-जोर से जीभ से चाट-चाट कर और उंगली डाल-डाल कर उसकी चुत का पानी निकाल दियाl वह झड़ गई तो मैं उसकी चुत का मीठा पानी पूरा पी गया।

ये बिलकुल ऐसा था जैसे तीखा कहने के बाद मीठा बहुत अच्छा लगता है वैसे ही ये ज़ीनत का ये मीठे जैसा रस भी रुखसार की तीखी चुदाई के बाद बहुत सुहाना और मजेदार लगा ।

ज़ीनत अपने शरीर को थोड़ा मोड़ती नजर आईं। मैंने नज़र उठाकर देखा कि वह क्या कर रही है। अब अर्शी के एक स्तन पर उसकी पकड़ थी और वह उसके दूसरे निप्पल को चूस रही थी। ज़ीनत थोड़ा और मुड़ गयी ताकि वह दूसरे निप्पल तक पहुँच सके।

अगले कुछ मिनटों के लिए, मैंने ज़ीनत की क्लिट को चूसा जबकि अर्शी ने जूनि के निपल्स को चूसा। अंत में, ज़ीनत ने मेरे कानों को थपथपाया और कहा, "चलो। अब मुझे चौदो।"

ज़ीनत ने अर्शी के स्तन चूसे। मैंने जीनत पर चढ़कर अपना लंड उस में डाल दिया। उसने अपने घुटनों को ऊपर उठाया और चौड़ा फैला दिया मैंने लंड और गेंदों तक ज़ीनत में घुसा दिया और उस पर लेट गया।

" उसने मुझे गले लगाया और चूमा। फिर वह मुड़ी और अर्शी के कान में फुसफुसायी। अर्शी ने ज़ोर से सिर हिलाया और अपने पेट पर लुढ़क गई। जूनी ने मुझे घुमाया और मेरा लंड खींच कर रुखसार की चुत के होठों पर रख दिया और मैंने उसे एक तेज़ झटके में घुसा दिया।

ज़ीनत मेरी ओर मुड़ी और मुझे किस किया। "अगली बार, हम धीमी गति से करेंगे और अब तुम रुखसार के साथ सारी रात प्यार करो। लेकिन आज रात, रुखसार के साथ मजे करो।"

मैं काफी समय से विस्फोट के कगार पर था, इसलिए इसे ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं पड़ी। मैंने रुखसार को कंधों से पकड़ लिया और तेज गाड़ी चलाने लगा। उसके प्राकृतिक स्तन प्रत्येक स्ट्रोक के साथ उसकी छाती के ऊपर और नीचे तैरने लगे और अर्शी ने मेरे होठों को चूमा और दूसरी तरफ जूनी ने मेरे निप्पल और शरीर को चाटा और जीनत रुखसार के ओंठो चूचियों को चूमने लगी और बहुत जल्द मैंने रुखसार में अपनी मणि का एक बड़ा भार डाल दिया।



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मैंने अपनी गेंदों को रुखसार की गांड के खिलाफ दबाया और मेरा लंड उसके अंदर धड़कता रहा और पिचकारियाँ मारता रहा । हरेक धक्के के साथ उसके अंदर थोड़ा और वीर्य डाला। रुखसार का शरीर एकदम अकड़ा और उसने ज़ीनत का मुंह अपने ओंठो में जकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से काम्पने लगी और चूसते हुए झड़ने लगी ।फिर मैंने उसके होठों पर किस किया और उसके ऊपर ही लेट गया।



कहानी जारी रहेगी
 
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 37

बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है


स तरह मेरी मौसी की दोनों लड़कियाँ ज़ीनत और आरसी और मेरे चाचा की दोनों लडकियाँ रुक्सार और ज़ूनी के साथ मेरे निकाह और सुहागरात हो गयी थी। लेकिन अभी कहानी अभी बाकी है दोस्तों!

फिर मैंने अर्शी के कहते हुए सुना की वह हमेशा मेरी टांगो के बीच के बड़े पैकेज को देखकर अंदाजा लगाती थी की मेरा हथियार काफी बड़ा है और-और सोचती थी कि जब ये अंदर जाएगा तो कैसा मजा और आनंद मिलेगा। " ये कहते हुए अर्शी ने मेरी गेंदों को पकड़ लिया और उन्हें दबा दिया।


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मैं जोर-जोर से सांस लेते हुए लेट गया और पीछे झुक गया। अर्शी ने तेजी से एक बार फिर कड़ा होते हुए लंड को रुखसार की चूत से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की और आखिरकार वह सफल हुई। उसका हाथ लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था लेकिन फिर भी उसका छोटा-सा हाथ और उसकी उंगलिया लंड से उसके चारों ओर नहीं पहुँच रही थी। यह आधा कड़ा होकर भी लगभग नो इंच से लम्बा और बड़ा मोटा था। वह झुकी और उसके होठों ने उस पर काबू करने का प्रयास किया। उसके फैले हुए ओंठ और बल्बनुमा सिर के ऊपर सरक गए। जैसे ही उसकी जीभ सिर के चारों ओर चाट रही थी, उसका हाथ काले शाफ्ट की लंबाई से ऊपर और नीचे खिसक रहे थे। उसने लंड पर लिपटे मेरे वीर्य और रुखसार के सह की बूंदो का स्वाद चखा। मैंने अपना सिर पीछे झुका लिया और अपनी आंखें बंद कर लीं और अर्शी के मुंह और हाथ से मेरे काले लम्बे और बड़े लंड को चूसने का आनंद लिया।


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जूनि ने अपना हाथ उसके सिर के पीछे रखा और धीरे से उसे और अधिक लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अर्शी का जबड़ा पूरा खींच गया क्योंकि लंड नौ इंच की लम्बी चट्टान की तरह पूरा फैला हुआ था और उसके चूसने से और बड़ा हो गया लेकिन धीरे-धीरे वह आधे से ज्यादा हिस्से को अपने मुंह में लेने में कामयाब हो गई। अब उसका हाथ मेरी गेंदों को निचोड़ रहा था और उसका सिर तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा था और उसने बढ़िया चुसाई की।

मैंने दोनों हाथों का इस्तेमाल करकेअर्शी का सिर मजबूती से उसकी ओर खींचा। जैसे ही मेरा लंड उसके गले में घुसा, उसकी नाक मेरी झांटो में चली गई और मेरी प्यूबिक बोन से मजबूती से दब गई। उसने महसूस किया कि उसके गले की दीवारें मेरे लंड के सर के किनारों को कसकर रगड़ रही हैं और उसे लगा कि उसके गले की मांसपेशियाँ सिकुड़ रही हैं और वह मेरे लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी । अर्शी ने मुझे धक्का दिया और अपना सिर पीछे खींच लिया। वह ठिठक गई और खांसने लगी और अपनी सांस रोक ली। मैंने उसका सर पकड़ लिया और उसे अपने लंड की पूरी लंबाई के नीचे खींच लिया।

अर्शी ने अपनी सांसें रोक लीं और तेजी से मुँह को लंड के ऊपर और नीचे किया और मैं उसके मुँह को चोदने लगा। मैंने अर्शी के स्तन दबाये और उसके निपल्स को जोर से दबा दिया। अर्शी मेरे लंड के आसपास दर्द और खुशी से कराह उठी। अर्शी के जबड़े में दर्द होने लगा और गले में दर्द होने लगा। वह सोचने लगी कि क्या ये कभी रुकने वाला है। उसने दूर होने और हार मानने के बारे में सोचा और अंत में अपने मुंह में सिर्फ लंडमुंड को पकड़ लिया और फिर जब लंड गले में गया तो मैंने उसके मुंह में एक बार फिर विस्फोट कर दिया,। वह निगल गई, लेकिन वह जितना नियंत्रित कर सकती थी, उससे कहीं अधिक वीर्य था और कुछ उसके ओंठो से लीक हो लंड के चारो तफ फ़ैल गया और नीचे बह कर मेरी गेंदों पर पहुँच गया।

मेरी मणि की बड़ी धार उसके गले के ठीक अंदर जा कर लगी और वही चिपक गयी और अर्शी उस गाढ़ी मणि की निगलने की कोशिश करने लगी। चिपचिपाहट के कारण, वह मणि को निगल नहीं पायी।

साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए जब लंड बाहर निकलता था तब वह केवल नाक से ही साँस ले पा रही थी और इस बीच मैं पिचकारियाँ मार रहा था।



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उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और वह खाँसने लगी और उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखी हुई थी। गाढ़ी मणि से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी हुई और अब मणि निगलना और भी मुश्किल हो गया। उसने मेरी और देखा तो उसे तकलीफ में देख कर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरी मणि उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया lऔर कुछ उसके गले में गया और कुछ उसकी नाक से बह रहा था, मैंने अर्शी को रिहा कर दिया और जूनि और ज़ीनत से कहा कि वह हमे चाट कर साफ करे, जो उन्होंने तुरंत किया।

अर्शी ने अपने होठों को चाटा और मुझे देखकर मुस्कुराई, "वाह, मैंने ऐसा कभी पहले अनुभव नहीं किया।"

" मुझे खुशी है कि आपको यह पसंद आया, इसलिए मैंने भी किया।

फिर अर्शी ने बताया कि वह और उसकी तीनों बहने अब आगे से मेरे साथ एकसाथ सेक्स करना चाहती है। यह सुनकर मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा और मैं अपनी चार प्यारी बेगमो को एकसाथ चोदने और के बारे में सोचने लगा था। इससे पहले कि मैं एक बार फिर रुखसार को छोड़ना शुरू करता अर्शी ने मेरे लंड को एक बार फिर से निचोड़ दिया।

मैंने उसके बाद एक बार फिर रुखसार को अपने पर चढ़ा लिया वह मेरे से लिपट गयी। मैंने कई मिनट रुखसार को चूमने और सहलाने और टटोलने के बाद उसके पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया। मैंने उसके स्तन दबाये तो महसूस किया कि रुखसार की चूत की मांसपेशियों मेरे लंड पर को कस गयी।

रुखसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। मेरा लंड उसकी मांसपेशियों का दबाब महसूस कर रहा था। अपने पहले के अनुभव को याद करते हुए मैंने अपने हाथ उसके स्तनों पर रख उन्हें धीरे से दबाया तो चूत के मांपेशिया कसने लगी और फिर निचोड़ा और। जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता उसकी मांसपेशिया तेजी से कस कर लंड को निचोड़ने लगी रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी। वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी अब लगा चूत भी लंड को चूसने लगी थी।

मैं साथ में उसके स्तन दबा और निचोड़ रहा था-था तो उसके कसी हुई चूत मेरे लंड को दबा और निचोड़ रही थी। मैं धीरे-धीरे लंड आगे पीछे करता रहा और फिर स्पीड बढ़ती गयी। उसके कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमना जारी रखा और मैं लंड आगे पीछे करता रहा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को मेरे स्तन दबाने के गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया। जल्द ही वह कांपने लगी और उसका बदन ऐंठने लगा और मेरे लंड में भी ऐंठन होने लगी और फिर मेरा भी बदन काम्पा और मैंने पिचकारियाँ मार दी साथ ही में वह भी झड़ी। मैंने जोर से कराहते हुए अपने अंडकोष खाली कर दिए और उसके बाद भी लंड अंदर बाहर करना जारी रखा और कराहते हुए हांफते हुए उस पर लेट गया।



शाम को जीनत ने मुझे बताया कि अर्शी को मेरा लंड चूसने में कितना मज़ा आया और बताया कि मेरी चारों बेगमो ने आज रात ही से मेरे साथ एकसाथ रहने और चुदाई करवाने का फैसला किया है। "

मैंने बोला ठीक है आप मुझे लगता है कि यह मजेदार होगा। मुझे ये मंजूर है लेकिन याद रखना कि जब हम एक बार जब हम शुरू कर देंगे तो मैं पूरी तरह से नियंत्रण करूँगा और आप सब वही करेंगी जो मैं कहूंगा। "

" ठीक है, बढ़िया, मैं सब लड़कियों को बता दूँगी।



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रात में मैंने दरवाज़ा खटखटाया और जीनत आपा ने दरवाजा खोल कर मुझे अंदर आने के लिए कहा। जैसे ही मैं बड़े बैडरूम में गया, मैंने देखा कि चार पत्नियाँ मेरे सामने छोटी-छोटी ड्रेस पहने हुई खड़ी थीं। मैंने एक मिनट सोचा और फिर कहा। "मैं आप आपकी ड्रेस को उपहार की तरह से खोलना पसंद करूंगा और जब तक मैं ये करूंगा, तब तक आप सब चुपचाप खड़ी रहें।" कुछ ड्रेस बहुत महंगी थी लेकिन मैं धीरे-धीरे उन्हें खोलना शुरू किया और उनमे-सी कुछ को नहीं खोल पाया तो मैंने उन ड्रेसों को फाड़ दिया, लेकिन जब तक मैं आखिर तक पहुँचा और तीनों महिलाएँ नग्न हो चुकी थीं, तब तक प्रत्येक महिला चुपचाप खड़ी रही और अमीने उनके कपड़े को चीर फाड़ कर तार-तार दिया। वे सभी उत्तेजित थी और उनके निप्पल सख्त हो गए थे। मैंने देखा कि उन सभी ने झांटो के बाल नए सिरे से मुंडाए हुए थे। मेरा लंड इस बीच कड़ा होने लगा ।

"मैंने ज़ीनत की ओर इशारा किया," आपा आप आओ और मेरे कपडे उतारो। "मैंने जैसा कहा जीनत आपा ने मुझे किस किया और किस करते हुए बड़े ही मादक अंदाज में मेरा कोट उतार दिया।" अब वापस लाइन में लग जाओ। "फिर मैंने अर्शी की ओर इशारा किया," तुम आओ और मेरी शर्ट उतारो। " अर्शी ने ऐसा किया और मुझे चूमते हुए मेरी शर्त उतारी और-और फिर वापस लाइन में आ गई। सभी ने मेरी मांसपेशियों वाली कसरती छाती और सपाट पेट की प्रशंसा की। फिर जूनी ने भी मुझे मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर मेरी पैंट उतार दी और मेरे लंड के कठोर उभार साफ़ दिखने लगे और अंत में रुखसार ने मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर टांगो को चूमते हुए नीचे के शॉर्ट्स को हटा दिया, जिससे मेरी खड़ी मर्दानगी बाहर निकल गई और चार उत्तेजित महिलाओं के सामने सीखा खड़ा होकर उसने तुनक कर सलाम ठोका।



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"वाह।" "ओह" और "क्या बात है बहुत बड़ा और शानदार है" चारो तरफ से ये ही सुनाई दीया।


कहानी जारी रहेगी
 
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 38

ज़ीनत आपा की मदहोश अदा


कुछ न पहने होने की वज़ह से ज़ीनत आपा की मोटी मुलायम और गुदाज रान अपनी पूरी आबो ताब के साथ मेरी भूखी और प्यासी आंखों के सामने नीम नंगी हो रही थी। उसी कमरे में लगे शीशे में ज़ीनत आपा को अपना अक्स नजर आया और उन्होंने अपनी मुलायम रानों पर एक नज़र दौड़ाई, तो उन्हें अपनी सुहागरात का वाक़्या याद आ गया। जब मैंने पहली बार उनकी गान्ड और चूतड़ों पर बड़े ज़ोर और जोश से काटा था।

एक अरसा गुज़र जाने के बावजूद जीनत आपा को अपने दूल्हे के दांतों की चुभन अपनी गान्ड की पहाड़ी पर महसूस हो रही थी।

जीनत आपा ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर अपनी गान्ड घुमा कर और थोड़ी तिरछी हो कर शीशे में अपनी गान्ड को देखने लगी। कि कहीं मेरे "काटने" का निशान अब भी उनकी गान्ड की पहाड़ी पर बाक़ी तो नही।


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मैं उनकी जांघो और चूत को घूरने लगा तो ज़ीनत आपा ने शर्मा कर अपनी जांघो को सिकोड़ कर जोड़ लिया और तक टांग मोड़ कर अपनी चूत छुपाने लगी इनकी इस अदा ने मेरा दिल और लंड को घायल कर दिया। अपनी आपा को यूं अपनी गान्ड का जायज़ा लेता देख कर कमरे से बाहर खड़े खड़े मेरे होश की उड़ गये और मेरा लंड पहले से ज़्यादा रफ़्तार से फ़न फनाने लगा।

फिरजीनत आपा ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक-एक कर के अपनी दोनों गुदाज रानों और लंबी-लंबी टांगों पर क्रीम लगाने लगी।

मैं अपनी बड़ी बेगम जो की शानदार और मस्त मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।

आज ज़ीनत आपा की रसभरी जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी।

"हाये! मेरी जीनत मेरी जान! आपा अगर आप मुझे इजाज़त दो, तो में अपने लंड की टोपी पर क्रीम लगा कर तुम्हारी मोटी रानो पर अपने लंड से मालिश कर दू" कमरे में अपनी ज़ीनत आपा को अपनी गरम और मोटी रानों पर क्रीम से भरे हाथ फेरते देख कर गरम होते हुए मैंने मन में कहा।

फिर मेरे देखते ही देखते जीनत आपा ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली और मेरी तीनो छोटी बेगमे अर्शी जूनि और रुखसार उनकी और देखने लगी।

ज़ीनत की-की इस अंगड़ाई से उस के मोटे और बड़े मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो मैं ज़ीनत आपा बहन की इस मदहोश अदा से मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।

मदहोश करने वाली इस अंगड़ाई को देख कर किसी भी मर्द के लिए ख़ुद पर काबू रखना एक ना मुमकिन बात होती। बिल्कुल ये ही हॉल मेरा भी ज़ीनत आपा के जवान बदन को देख कर उस वक़्त हो रहा था। फिर मैंने अपनी चारो कजिन्स के बदन पर नजर डाली और मेरा लंड अपनी कजिन्स के बदन के खूबसूरत नज़ारे से फुल मस्ती में आया हुआ था। और उनके बारे में सोच-सोच कर मैं बहुत गरम हो रहा था। और मेरे हाथ मेरे खड़े लंड पर आहिस्ता-आहिस्ता फिसल रहे थे।

" ओह क्या मस्त मम्मे हैं मेरी कजिन्स के और क्या शानदार टाइट चूते है, हाय!

"चलो अब चारो अपने घुटनों के बल बैठो" , मैंने दृढ़ता से कहा। जब उन्होंने ऐसा किया तो मैं उनके सामने खड़ा हो गया।



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अर्शी ने उत्साह से कहा, " मैं, मैं। मैं। पहले मैं! और वह सबको धकेल कर आगे बढ़ी और जीनत गिरते-गिरते बची और अर्शी ने मेरे लंड के चारों ओर अपना हाथ लपेट लिया और अपने होंठ मेरे लंड के सर पर रख कर लंड को लगभग तीन इंच अंदर ले गई। तभी जूनि भी आगे हो गयी और उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया। । तभी रुखसार आगे आयी और उसने अर्शी और जूनि के सर और हाथो को पीछे किया और लंड को चूमने लगी । और फिर अर्शी बोली जूनि और रुखसार पहले मैं आयी थी तुम्हे मुझे क्यों हटाया और तीनो में छोटा-सा युद्ध शुरू हो गया ।

मैंने कहा तीनो रुक जाओ और ज़ीनत आपा आप पहले आओ और अर्शी जूनि और रुखसार हालांकि तुम तीनो मुझे बराबर अजीज हो और मैंने तुम तीनो को अपने प्यार का बरारबर हिस्सा दूंगा लेकिन तुम तीनो ने फिर से झगड़ा किया है । मैंने तुम्हे पहले भी झगड़ा करने से मना किया था और तुमने जीनत आपा को भी धकेला है इसलिए अब तुम तीनो को पहले सजा मिलेगी तुम तीनो आपस में भी लड़ती हो इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l

तो तीनो एकदम तड़प उठी और मुझसे माफी मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l

यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे l

तो मैंने कहा ज़ीनत आपा तुम सब से बड़ी हैं तुम्हे उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए और उनका हुक्म मानना होगा ।

तो तीनो ज़ीनत आपा से माफ़ी मांगने लगी

तो मैंने कहा की ज़ीनत आपा के पैर चुम कर उनसे माफ़ी मांगो तो तीनो ने ज़ीनत आपा के पैर चूमने चाहे तो उन्होंने तीनो को रोक दिया और उन्हें गला लगा लिया । मैंने कहा सीखो तुम आपा से और अब वादा करो को उनकी सब बात मानोगी ।

ज़ीनत आपा बोली तो तुम तीनो को वादा करना होगा l

पहला कभी आपस में नहीं लड़ोगी और मिल कर रहोगी l

तीनो बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी कभी ज़ीनत आपा से भी नहीं लड़ेंगी l

ज़ीनत फिर बोली दूसरा तुम सलमान की भी सभी बातें मानोगी l

तीनो बोली हमें कबूल है सलमान भाई की सब बाते मानेंगी और सलमान भाई की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l

तीनो आगे बोली हमें कबूल है सलमान की सब बाते मानेंगी पर एक शर्त है सलमान भाई कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे।

तो मैंने कहा तुम चारो बहुत प्यारी हो । मैं भी वादा करता हूं अब तुम सब को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम ज़ीनत आपा की सब बाते मानना और उन तीनो को अपने गले लगा लियाl ज़ीनत आपा भी हमारे साथ में चिपक गयी l मैंने चारो को बारी-बारी किश किया ।

फिर अर्शी की टांगो


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के बीच मेरा लंड घुस गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया।

मैंने जल्द ही लंड उससे दूर खींच लिया। "आपको अपनी बहनो के साथ साझा करना होगा। चिंता न करो मेरा वादा है आपको अपना हिस्सा मिलेगा।"

अगले कई मिनटों तक, मैं चार आकर्षक और बहुत उत्साही में सबसे पहले अपना लंड चूसवाने के लिए जीनत आपा के पास गया । वह मेरे विशाल लंड को अपने गले में पूरा ले गयी।

ज़ीनत आपा ने मेरे लंड पकड़कर मुहं में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी।

एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद जीनत आपा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहं खोला। धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।



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मेरी कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे। जीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहं के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहं में समा गया। जैसे ही ज़ीनत ने लार से भरा मुहं से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहं से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहं खोलकर ज़ीनत अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहं में ले आती।

ज़ीनत मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थीऔर सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।

उसके बाद ज़ीनत ने मेरे सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।

कहानी जारी रहेगी
 
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