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Erotica चस्का चुदाई का

deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update - 1

बहन ने कॉन्डोम लेने भेजा


हॅलो दोस्तो, मेरा नाम राजेश, मैं पुने का रहने वाला 33 साल का शादी शुदा बंदा हु। ये करीब 15 साल पुरानीं एक सुखद घटना है मैं एक कॉलेज मैें पढता था। रोज़ का दिन निकल रहे थे। मेरे एक दोस्त के पास DVD प्लेअर था, उस समय CD का जमाना था, हम किसींको अगर कोई CD मिलती तो, हम दोस्त लोग मिल कर उसके यंहा कभी-कभी ब्लू फ़िल्म देखा करते थे। बहोत मज़ा आता था। हम सभी को चुदाई वाली गन्दी-गन्दी पोर्न फ़िल्मे देखने का चस्का-सा लग गया था।

ब्लू फ़िल्म देखने के बाद अपना लौड़ा हिलाके पानी निकाल ते थे। चोदना कैसे होता है ये तो मालूम था मगर कभी चोदने का मोका नहीं मिल रहा था। हमारे यंहा बुधवार पेठ हे वहा पर वेश्या व्यवसाय चलता है, मगर, बहोत सुना था उधर अगर छोटे उमर के लंडको को लूटा जाता है, में और मेरा दोस्त वह गली से बहोत बार गुजरे मगर, उधर अंदर जाकर कुछ करने का साहस नहीं हो पाया। वेसे ही हाथ से काम चलाकर दिन निकाल रहे थे। अपने लंड को समझा रहे थे बेटा तेरा भी एक दिन आयेगा, तेरे को ये हाथ से छुडाके अपने चुत में समाने वाली कोई तो मिलेगी। बोलते है ना भगवान के घर देर है मगर अंधेर नही, आख़िर वह दिन भी आ गया।

एक दिन में कॉलेज से घर शाम करिब 5 बजे आया । जुते निकालकर सिधे बाथरूम में गया, हाथ पेर धोये और कुछ खाने के लिये किचन मैं गया। तभी मेने देखा मेरी बडी बुआ की लंडकी रेखा बर्तन धो रही थी । मैं आप को रेखा के बारेमे बताऊ तो आप का लंड खडा हो जाये, भरे हुवे स्तन ऐसें उभरे दीखते है कि उसपे झपटने का किसीं का भी मन करे, गोल गांड, भगवान ने भी उसको क्या तराश के बनाया था, एकदम अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा जैसे दीखती थी वो। शादी शुदा थी, मगर कुछ घरेलू झगडे के वज़ह तीन महिने पहले वह अपने पति का घर छोडकर मेरे बुआ के घर आई थी, वापस जाने को हम सब लोगों ने बहुत समझाया पर वह नहीं मानी। तबसे वह अपने मायके रह रही थी। उसको एक बेटी है। वह उसको भी साथ लेकरं आई थी।

आज अचानक रेखा को देखकर में चोक गया। में उसके पास जाकर पुछा; अरे रेखा दीदी कब आई तुम। मेरे से पाच साल बडी होने के वज़ह से मैं उसको दीदी बुलाता था। रेखा दीदी बोली अरे राज कब आये तुम पता ही नहीं चला, में दोपहर को आई, ज़रा पूना मैं काम था तो आ गई, अभी दो दिन यही हु ।मेने पुछा पिंकी दिखाई नहीं दे रही, पिंकी उसकी बेटी का नाम है, उसने बोला अरे दो दिन के लिये आई हु इस लिये उसको साथ नहीं लाई. मेरा और रेखा दीदी का बहुत अच्छी जमती थी ।मे उसको देख कर खुश हो गया । हम लोग इधर उधर की बात कर के कब समय बीत गया पता ही नहीं चला। बातो ही बातो में मैने उसके पति की बात छेडी, इस बात से उसका पुरा मुड बिगड़ गया।

तभी मेरी माँ आगयी, माँ बोली जा थोडी पढाई कर, तबतक में और रेखा मिलकर खाना बना लेते है, और में किचन से चला गया। रात के 9 बजे हम सब लोग खाना खाने के लिये बैठे, खाना खाकर मैं Tv देखने हॉल में लगे बेड पर लेट गया। करिब एक घंटे बाद रेखा दीदी आई मेरे बाजू में बेठकर tv देखने लगी। Tv देखते-देखते कब मेरे को नींद आई पताही नहीं चला । में वही बेड पर सो गया। हमारा घर छोटा था, किच और हॉल, इसलीये हम सभी लोग हॉल में ही सोते है। मेरे को एक बहुत ही मस्त सेक्स का सपना आया , सपने में मैं और मेरी कॉलेज की लंडकी दीपा गार्डन में बैठे है और एक दुसरे को किस कर रहे है, में उसके भरे हुवे स्तन अपने हाथ से दबा रहा हु और दीपा मेरे पॅन्ट में हाथ डालकर मेरा लंड सहला रही है।

महत मजा आ रहा था , मैं उसकी सलवार खोलने ही वाला था कि तभी बिल्ली ने आवाज़ की और में नींद से जाग गया। तभी मेरे को अहसास हुवा की बेड पर मेरे बाजू में रेखा दीदी सोई हुई है। मेरे को लगा शायद tv देखते-देखते मेरे जैसे यही सो गयि। मेरे को कभी भी उसके बारे में ऐसें ग़लत खयाल नहीं आया था, मेने कभी भी उसके बारे मे ऐसें सोचा ही नहीं था, मगर सपने की वज़ह से मेरी वासना का भूत मेरे पर चढ चुका था। मेरा 6 इंच लंड तनके पॅन्ट में गोतें खा रहा था और मेरे बाजू में एकदम मस्त माल सोया हुवा था क्या करू कुछ समझ मे नहीं आ रहा था, तभी मेने सोचा थोडा साहस करते हे ।

मेने मेरा एक हाथ रेखा दीदी के बदन पर डाल दिया करीब पाच मिनिटं तक देखा उसकी कोई रिअकॅशन नहि हुआ , तब मेने थोडा और साहस करके हाथ उसके उभरे हुवे बुब के उपर रखा तब भी कोई प्रतिक्रिया उसके तरफ़ से नहि हुई । में धिरे-धिरे उसके बुब दबाने लगा। थोडी देर दबाने के बाद मेरे को अहसास हुवा की रेखा दीदी गहरी निंद मैं है। मेने थोडा और साहस करते हुवे उसके कुर्ते के अंदर हाथ डालकर बुब दबाने लगा। उसने एक ढिला सलवार कुर्ता पहाना हुवा था। ये मेरा पहला अनुभव था इसलिए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था में तो जैसे जन्नत में था यह सब करते हुवे मेरा लंड बहुत ही उत्तेजना से फडफडा रहा था।

रेखा दीदी से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, करिब 15 मिनिट मैने उसके चुचे आराम-आराम से दबाये। मेरे में और ज्यादा साहस आया तभी मैने सोचा सीधे मुद्दे पर आते है। मैने धिरे-धिरे रेखा दीदी का सलवार का नाडा ढुडनेके लिये अपना हाथ नीचे सरकाया, उसने नाडा सलवार के अंदर घुसाया हुवा था, धीरे से मैने उसे बाहर निकाला और नाडा खोलनेकीं लकीर खिची मगर मेरी बदकिस्मती से नाड़े को गाठ लग गयी, करिब पाच मिनिटं की कोशीश के बाद वह गाठ खुली। मेरे को समज नहीं आ रहा था कि रेखा दीदी सच में सोइ हुवी है या नाटक कर रही है। मेने सोचा जाने दो देखेगे जो होगा वह देखा जयेगा, क्यो की मेरे उपर सेक्स का भूत सवार हो गया था।

मेने सलवार धिरे-धिरे नीचे खोलनेकीं कोशीश की सलवार के साथ उसकी निकर भी उसके जांघो तक आ गयी। तब में उठा और बाजू में देखा सब लोग सो रहे थे, थोडी धीमी रोशनी के कारन मेरे को उसकी चुत दिखी, चुतपर बहोत बाल थे इसलीये गोरी जांघो में मेरे को काले बाल का जंगल दिखाई दे रहा था। अब मेने जादा देर न करते हुवे मेरा तना हुवा लंड पॅन्ट की चेन खोल कर बाहर निकाला और ज्यादा वज़न न डालते हुवे में रेखा दीदी के उपर आया। एक हाथ से लंड पकडकर चुत का रास्ता ढुडने लगा, तभी मेरे को उसकी चुत गिली हुई है यह अहसास हुवा, लंड चुत के उपर घुमाके उसका द्वार मिल गया वेसेही मेने एक झटका दिया पुरा लंड चुत में घुस गया, वाह दोस्तो क्या अहसास था मेरे पहले चुदाई का मानो सारी दुनिया की ख़ुशी मेरे लंड में समा गई है।

मेने देखा नीचे से कोई हलचल नहीं हो रही, तभी मेने और दो तीन बार लंड अंदर बाहर किया लेकिन इतने देर से चल रही क्रीडा के वज़ह से मैं उत्तेजना के परम चरन पर पोहच गया और मेने और एक झटके में मेरा सारा माल उसके चुत में छोडकर उसके उपर गिर गया। तभी रेखा दीदी जेसे नींद से उठी और एकदम धीमी आवाज़ से मेर कान में बोली अरे ये क्या किया तुने ।

मेरी डर के मारे फट गई. में जल्दी से बाजू सरक कर मेरे जगह पर जाकर सो गया। वह अपनी सोयी अवस्था में सलवार उपर खिच कर बाँधी और उठकर बाथरूम चली गयी। में बहोत डर गया, मेरे को लगा अब ये माँ को बता देगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं और ही वह वापस आकर मेरे बाजुंमे सो गई.

मेरी हालत खराब थी सुबह के करिब 6 बज रहे होंगे। मअब क्या होगा कुछ समझ नहीं आ रहा था मेने वैसे ही सोने का नाटक किया । करिब साडे छह बजे मेरी माँ उठी और उसने रेखा दीदी को भी उठाया और दोनों किचन में चली गयी करिब सात बजे मैं उठा और सीधे बाथरूम जाकर फ्रेश होगया और बाहर घूम कर आता हु माँ को कहकर निकल गया।

हमारे घर के बाजू मैं एक बगीचा है मैं वहा जाकर बैठ गया, मेरे कुछ दोस्त वहा पर कसरत कर रहे थे, एक दोस्त ने मुझे भी साथ में कसरत करने को कहा, पर मेरा ध्यान कही और था। डर के मारे मेरी हालत खराब होकर पसीना छूट रहा था। मेरे एक दोस्त ने मेरे को देखकर बोला अरे राज कसरत हम कर रहे है और पसीना तेरे को छुटा क्या बात है।

मै चूप चाप बेठा रहा कुछ बोला नहीं मेरे दिमाग़ मैं बहोत सारे सवाल उठने लगे थे, की अगर रेखा दीदी ने माँ को बताया तो क्या होगा। हमारे घरके सब लोग करीब 9 बजे बाहर काम पर निकल जाते थे, इस लिये में साडे नो बजे घर गया । घर पे कोई नजर नहीं आ रहा था मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी रेखा दीदी के सामने जानेकीं, तभी रेखा दीदी किचन से बाहर आई और मेरे हाथ में चाय दे दी।

मेने उसकी तरफ़ अपराधी की तरह देखा और फटाक से सॉरी बोल दिया। उसने कुछ कहने से पहले में उसके पेर पर गिरकर माँ को मत बताना बोलने लगा। तभी उसने मेरे को उठाकर कहा एक शर्त पर, तब मैं बोला ' तेरी सारी शर्ते मान्य, वह बोली अरे सून तो ले; तुने जो कुछ मेरे साथ किया वही अभी में जैसे बोलुगी वैसे करना पडेगा, में चोक गया, मानो सारी दुनिया की ख़ुशी खुद्द ब खुद्द मेरी झोली मैं आ गिरी हो।

मैने उसे कस के पकडा और उसके पूरे चेहरेको चुंमने लगा। तभी उसने मुझे धकेला और कहा, शर्त के मुताबीक में जैसे कहूगी वेसा होगा। मैं बोला जी दीदी आप जैसे बोलोगी वैसे ही करूंगा , तभी वह बोली तू जब रात को मेरे बुब पर हाथ रखा तभी मैने सोचा की देखते है ये आगे बढता है या नहीं।

मैने उसकी बात काटते हुवे कहा तब तुम जागी हुई थी, वह हस् कर बोली पागल किसी भी औरत का स्तन बहोत सेंसिटिव होता है, तुने उपर-उपर हाथ रखा तभी मैं जाग गयी थी, तेरे को बराबर सेक्स करने को नहीं आता, आज में तेरे को सिखाती हु कैसे करते है, अभी एक काम कर मेरे को नहाने जाणा है तो तू मेडिकल जा और एक इरेजर और कंडोम लेके आ। कंडोम तो समझ आता है, मगर इरेजर क्यो चाहीये मैंने मेरी बहन से पुछा, तभी वह मेरे गाल पर एक हलकी किस करके बोली; अरे मेरे राजा तू लेके तो आ बाद में सब समझ जायेगा।

मे मन मैं सोचा जाने दो अपने को क्या एक तो मस्त चुत का जुगाड़ हुवा है उसको खोना नहीं चाहता था। मेने तुरंत अपनी सायकल निकाली और चला रेखा दीदी ने बोली चीजे लेने, मगर उसी समय मेरे को याद आया साला अपने पास पैसे किधर है। मैं वापीस घर आया, मेरे को देखते ही रेखा दीदी बोली अरे इतने जलदी आ गया , चल अब अपने काम पर लगते है, तब मैं उसके सामने मुरझाया हुआ मुँह लेकरं बोला, दीदी में वो चिजें नहीं लाया।

तभी मेरी बहन बोली देख राज तू अगर सोचता है कि बिना कंडोम के चोदेगा तो वह नहीं चलेगा क्यो की तेरा वीर्य मेरी फुद्दी में जाते ही मैं पेट से हो सखती हु, तभी मैं दीदी से बोला अरे दीदी वेसी बात नहीं, उसने बोला फिर क्या बात है, दरअसल दीदी ये सब लेने को मेरे पास पैसे नहीं है, तभी दीदी मुस्कुराके बोली बस इतनी-सी बात, रुक मैं आई, उसने अपने बॅग से पर्स निकाली और मेरे को सौ की पत्ती निकाल कर दे दि और बोली ये ले पैसे और ले आ और जाते समय आवाज़ दे के बोली ये उधार रहा तुझं पर मेरा...

मैं बोला ठीक है दीदी अभी में कॉन्डोम लेने जा रहा हूँ बाद में दे दुगा... तभी मेरी बहन मुझे कातिल नजरो से देखकर बोली मेरे प्यारे भाई तुमसे ये पैसे कैसे वसुलने है मुझे अच्छी तरह से पता है... में वापीस सायकल ली और कॉन्डोम खरीदने चल दिया अपनी मंज़िल की और......।

तो आगे क्या हुवा ये जानने के लिये आगे की कहानी का वेट करे।

Note-अन्य साइट से ली गयी कहानी
 
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चस्का चुदाई का

Update - 2

बहन के झाटो के जंगल की कटाई


मैं सायकल लेकरं रेखा दीदी की बताई चिजें कंडोम और इरेजर लेने मेडिकल स्टोर के लिये निकल पड़ा. मेडिकल स्टोर पर जाकर इरेजर मांगने मे कोई आपत्ती नही थी ,पर कंडोम मांगने मे मेरे को झिजक महसुस हो रही थी क्योकि आज से पहले मैंने कभी कॉन्डोम नहीं ख़रीदा था. करिब 10 मिनिट सायकल चलाकर मे मेडिकल स्टोर मे पहुच गया. मे मेडिकल की और बढा तभी मेने देखा मेडिकल मे तो एक बहुत हॉट और सेक्सी औरत थी.

मे मेडिकल के पास पहुचकर वापस अपनी सायकल की और मुडा, मेरे मैं हिम्मत ही नही हो पा रही थी की कैसे जाकर उस हॉट और सेक्सी औरत से कंडोम मागू , वो क्या समझेगी, तरह तरह के सवाल मनमे आने लगे, दुसरे मेडिकल जाने का सवाल ही नही आ रहा था, क्योकी वो करिब और 5 किलोमीटर लंबा था. तभी मेने सोचा चलो एक बार प्रयास करके देखते है. मे वापस मेडिकल की और बढा ,जैसे ही मे काउंटर पर पोहचा, ऊस मेडिकल वाली औरत ने मुझसे पुछा ,क्या चाहीये , मेने इरेजर मांगा , उसने मुझे इरेजर लाके दिया, मैं उधर ही खडा सोच रहा था की इस साली से कंडोम कैसे मागू , तभी वो बोली और क्या चाहीये , मे को.को…..कुछ नही.

शायद वह समज गयी थी की मुझे कॉन्डोम भी चाहिये क्यों की में बार बार दुकान में सजे कॉन्डोम की तरफ देख रहा था. फिर वो साली स्माईल करके बोली और कुछ नही चाहीये ना… ? मैं नही बोला , तीस रुपये हो गये वो बोली. मेने 100 का नोट दिया , उसने बाकी का पैसा वापस दिया , मेने बिना उसकी तरफ देखे वहा से निकल गया और सायकल के पास जाकर खडा हुवा , करिब 10 मिनटं खडे रह कर मैने निश्चय किया अभि कुछ भी हो अब कंडोम लेके ही आने का.

मे वापस मेडिकल की तरफ बढा. काउन्ट पर जाकर रुका तभी. वहा पर एक लंडकी आई मेडिकल वाली:- तुम को अब क्या चाहीये, मैं:- आप ऊस लंडकी को देखो पहले क्या चाहीये बाद मैं मे बता देता हु. शायद वो मेडिकल वाली समज गयी थी, एक प्यारी स्माईल करते हुवे , उसने वह लंडकी को जो मेडिसिन चाहीये वो देकर मेरे पास आई, मेडिकल वाली:- अब बोलो मैं:- जी वो को… को.. मेडिकल वाली:- क्या? मैं:- (धीमी आवाज मैं) कंडोम…….. मेडिकल वाली:- क्या बोला तुमने मै समझी नही… शायद वो मेरी फिरकी ले रही थी, उसकी हसी से मे समझ गया और जोर से बोल दिया कंडोम.


मेडिकल वाली एक प्यारी स्माईल देकर बोली, कौनसा कॉन्डोम दु …? मैं – क्या मतलब मेडिकल वाली- अरे कभी लिया नही क्या पहले, मेने पुछा कौनसा फ्लेवर या कंपनी का…? मैं – जो सही लगे वो दे दिजीए. मेडिकल वाली जो में यूज़ करती हूँ वो वाला ही दे देती हूँ फिर उसने एक कॉन्डोम का डिब्बा पेपर मैं बांध कर मुझे दे दिया और बोली 20 रुपये, मेने उसे पैसे दिये. वह मेरे तरफ हसके देख रही थी, वो भी क्या माल थी , उसकी सेटिंग कैसे हुवी और मेने उसे कैसे चोदा वह आपको इस सेक्स स्टोरी के अगले भाग में बताउनगा. फिर मैं कॉन्डोम लेकर वहा से निकल गया. मैंने सायकल के पास जाकर जब उस डिब्बे को देखा तो मुझे पता चला की उसने मुझे कामासूत्र कंडोम का बड़ा पैक दिया था, ऊस समय यही कॉन्डोम चलता था, और जादा मेहंगा भी नही था.

कंडोम जेब मैं रख कर सायकल पर अपनी गांड टेक कर मे घर की तरफ निकल गया. अब मुझे घर पोहचकर अपनी प्यारी बहन (रेखा दीदी) को चोदने की आतुरता लगी थी. इस रोमांचित अनुभव से मेरा लंड तन चुका था और मेरी पेंट के अंदर तम्बू बन चूका था. सायकल का पेडल मारने से मुझे वह जादा महसुस हो रहा था. घर पोहचकर मैने बेल बजाई, रेखा दीदी ने दरवाजा खोला तो मे तुरंत अंदर घुस गया और दरवाजा बंद करके ,उसके उपर तूट पडा, मगर उसने मुझे रोकते हुवे कहा राज अपना क्या तय होगया था? मैं रुक कर बोला जैसे आप चाहो वैसे ही होगा दीदी.


वह मुझे टोकते हुवे बोली , मुझे दीदी मत बुला गांडू , अबसे, जब कोई नही होगा तब तुम मुझे जानू बुलाया करना आज से में तुम्हारी बहन नहीं बल्कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ ओके…? मैं ओके जानू. अब वह बोली, अगर तू सब सामान लाया है तो अब हम अपने काम पे लगते है. चल मेरे साथ …. वह मुझे पकडकर बाथरूम की और लेकरं गयी. अंदर जाते जाते उसने गीजर ऑन किया. मेने पुछा, अब तक तुमने नहाया नही, उसने मेरे गाल पर पप्पी ली और बोली नही मेरे राजा तेरे लिये तो रुकी थी ,तेरे साथ नहाने का था ना!! हम लोग बाथरूम मे गये, तभी वह बोली , मेरे राजा अब एक काम कर , वह इरेजर निकाल.

मैंने अन्याधारी के तरह इरेजर निकाल कर उसके हाथ मे दे रहा था, तभी वो बोली रुक इसका क्या करना हे वो सब तुझे ही करना है. मुझे कहा चल काम पे लग जा, प्यार से मेरी सलवार उतार , वेसेही मे आगे बढा और उसके रसिले होठो पे अपना होठं रखकर किस करने लगा , वो भी मेरा पुरा साथ दे रही थी, एक हाथ नीचे ले जाकर मेने उसके सलवार का नाडा खिचा, सलवार खिसकर नीचे पैरो मे जा रुकी.

मेने अपना हाथ अपनी बहन की वर्जिन चुत की तरफ बढाया और अपनी वर्जिन बहन की चुत को चड्डी के उप्पर से ही सहलाने लगा , मेरी वर्जिन बहन भी मस्त सिसकीया लेते हुए मुझे किस कर रही थी , उसने अपनी जीभ मेरे मुह मे डाली , मे और रोमांच से भर गया और उसकी जीभ चुसने लगा , हमारी दोनो की जीभ एक दुसरे का आलिंगन ले रही थी , तब मैं रुका और नीचे झुकर उसकी निकर नीचे सरका कर सलवार और चड्डी अपनी वर्जिन बहन के पैरो से अलग कर दि.


मेरी बहन की झाटो के जंगल मे उसकी चुत भी दिखाई नही दे रही थी, मैंने अपनी बहन से बोला अरे जानू क्या है ये , कितने सालो से इस झाटो के जंगल की कटाई छटाई नही करी है…??? तभी वह बोली मेरे प्यारे भाई आज तक कोई मेरी चूत चोदने वाला नही था तो इसलीये उसके उपर मैने ध्यान ही नही दिया. अब तू है ना तो चल आज तेरे लिये आज इस झाटो के जंगल की कटाई छटाई करके इसे बिलकुल चिकनी कर देते है. फिर मेरी बहन ने ने बाथरम स्टूल लिया और अपनी दोनो टांगे फैला कर बैठ गयी और बोली मेरे भैया राजा चल अब काम पर लग जा आज अपनी इस वर्जिन बहन की चूत को तेरे हाथ से ही चिकनी कर डाल आज अपनी इस बहन के झाटो के जंगल की कटाई छटाई कर दे…

तब मैं समज गया की मेरी बहन ने मुझे रेजर क्यो लाने को बोला था. वो बोली थोडा पानी और साबुन लगा मेरे चुत के बाजू मैं और हलके हलके मसाज कर मेरी चुत की . मेने आज्ञाधरी की तरह साबण और पानी लिया, पहले पानी डालकर उसके चुत को भिगोया और साबुन लगाकर अपना हाथ उसके चुत पर रखा तभी उसने एक सिसकारी लेते हुवे मेरे होट चुंम लिये . मेरा हाथ नीचे उसके चुत पर हलका हलका घुम रहा था और वो और जोश मैं आ रही थी. मेने उसके होट चुंमते चुमते , दुसरा हाथ उसके बुब पर रखा और हलका हलका दबाने लगा , करिब पाच मिनिटं उसके होट चुसने के बाद मेने उसका कुर्ता उतार दिया, उसने भी मेरे सारे कपडे उतार दिये और, अब मेरा मु उसके बुब के निप्पल की और बढाया.


मेने मेरी जीभ ऊस के उपर घुमाई और अपनी बहन के दूध के निप्पल मुह में लेकर जोर जोर से चुसने लगा. उसने मेरे सरके पिछे हाथ डालकर मेरे बाल पकड लिये और जोर से सिसकीया लेने लागी, आहहह…ओहहहहह…म्म्मम्म्मम्म राजू चुस जोर से , मेने एक एक करके दोनो बुबकी चुसाई जोर से चालू की , नीचे मेरे हाथ उसके चुत पर घुम रहे थे तभी मेने मेरी एक उंगली उसके चुत मे घुसा दि, उसने जोर से आहहहहह…..राजू ……और मे उंगली अंदर बाहर करणे लगा , ऊस वजह से वह अब और चहक उठी और मेरे सर को अपने मु की तरफ घुमाके मेरे होठो को चुसने लगी.


एक हाथ मेरे तने हुवे लंड पर रख कर उसे आगे पिछे करते हुए बड़े प्यार से सहलाने लगी , अब मेरे लंड ने अपना आकार पूर्ण रुपसे ले लिया था और तानकर कीब 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा हो चूका था. मे पुरे जोश मे उसके होट कभी बुब चुसते हुवे उसके चुत मे उंगली अंदर बाहर कर रहा था, वो भी बडी कामुक सिसकीया ले रही थी , बाथरूम मे जोर से आवाज हो रही थी….. ओह… अहहहहहहह….म्म्मम्म्मम्म्म….औउउऊऊऊऊऊ…….अपनी चुत को मेरे उंगली पे ढकल रही थी……मेरे लंड को आगे पिछे कर रही थी. उसकी यह कामुक अवस्था देख मेरी हालत खराब होने लगी, मेने और एक उंगली इसकी चुत मे डाल दि , इस वजह से उसने मेरे लंड को और जोर से हिलाने लगी और बडबडा ने लगी राजू…..और जोर से…..आहहह …..अहाहा..आआआआ…. उसकी हाथ की रफतार बढ गयी वेसे मेने भी मेरी उंगली अंदर बाहर जादा रफ्तार से करना चालू किया , अब हम दोनो ही चरम सीमा तक आ चुके थे …

उसने कहा राजू मेरे भाई मे झड़ने वाली हूँ अब में आ रही हु ,मेने और एक उंगली डालकर राफ्तार तेज कर दि , मेरे लंड पे उसके हाथ तेजीसे चलने लगे …और वो जोर से सिसकीया लेने लगी अहआआआआआआ…….ओऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…. .म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म………….अहहहहहहहहहहहहहहहहह…….अहहहहहहहहहहहहहहहहहहह……आ…आ…आ …….. मे भी अपनी परम सीमा पे पोहच गया …..दोनो की सिसकीया अब जोर से मिल गयी और हम दोनो ने अपना पाणी एक साथ छोड कर एक दुसरे को लपेट गये , मेरा सारा वीर्य उसके बदन पे फेल गया…. करिब पाच मिनिटं हम एक दुसरे को लपेटे रहे. फिर उसने मुझे अलग करते हुवे अपनी सलवार ली और खुदका पुरा बदन पोछ लिया.

अब मेने भी थोडी देर रुकर उसको बोला चलो अब ये झाटो के जंगल से ‘तेरी चुत को आजाद कर देते है…. मेने मेरी बहन को स्टूल पर बैठ ने के लिये बोला. मेरी नंगी बहन अपने दोनो पेर फैलाकर बैठ गयी फिर मैने पानी डालकर उसकी गिली चुत साफ करना चालू किया और वापीस साबुन लगाया. अब मेने इरेजर लिया और उसके चुत के बाल साफ करणे लगा. सब बाल निकाल दिये . पानी से अछि तरह से उसकी चुत साफ की. क्या चुत दिख रही थी, में मेरे जिंदगी मे आज पहली बार चुत चुदाई का आनंद ले रहा था वो भी इतनी नजदिकी से… गुलाबी रसिली चुत चमक रही थी, मे किसी भूखे कुत्ते की तरह अपनी वर्जिन बहन की चुत देखे ही जा रहा था….

तभी रेखा बोली मेरे राजा अब अपनी इस वर्जिन बहन की चूत को खाली देखता ही रहेगा या और भी कुछ करेंगा , चल अब ‘तेरी इस जानू की वर्जिन चुत का रसपान कर. जल्दी से अपनी इस बहन की चुत को अपनी जीभ से चाट चाट कर लाल कर दे. अपनी बहन के बोलते ही मेने अपना सर नीचे किया और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी बहन की पुरी चुत पर नीचे से उपर घुमाई और रेखा दीदी ने उतेजित होकर एक जोर की सिसकार दि अहहाआ…… भाई आह………..

दोस्तों मुझे अपनी वर्जिन बहन की चुत चूसने और चाटने में बहुत मजे आने लगे मै आज पहली बार किसी वर्जिन लड़की की चूत चाट रहा था. मै अपनी जीभ से मेरी बहन की चुत के उपर का गुलाबी दाना चाटने लगा, मेने मेरी जीभ अब पुरे चुत पर उपर नीचे करते करते उसके योनी द्वार मे घुसा दि ….रेखा मदमस्त हलकी सिसकीया लेने लगी…मेने अब एक कुत्ते की माफिक उसकी चुत अंदर बाहर करके चाटणे लगा..कुछ देर बाद रेखा बोली भाई मुझे भी तेरा लंड चुसना है. तब मेने बाथरूम का सारा सामान बाजू करके नीचे लेट गया और वह मेरे उपर 69 की पोजिशन मे आ गयी.

मेरी बहन ने जेसे ही मेरे लंड के आगे के भाग पर आईसक्रीम चाटने के माफिक अपनी जबान घुमाई, वेसे ही मेरे पुरे शरीर मे मानो करंट दोड गया … उसने धिरे धिरे लंड का टोपा अपने मु मैं भर लिया वैसे ही मेरा लंड अब तन के खडा हो गया वो बडी प्यार से चुस रही थी और मे पुरे जोश मे आ रहा था, उसकी चुत अब रीज रही थी, हलका खारा स्वाद उसकी वर्जिन चुत से आ रहा था, मे पुरे स्वाद से उसका रसपान करने लगा. अब रेखा बोली बस राजू अब रहा नही जा रहा, तेरा यह लंड अब मेरे चुत मे डाल के कई दिनो की इसकी प्यास बुजा दे.

मेरी प्यारी बहन रेखा मेरे उपर से उठ गई और खुद्द नीचे लेट गयी. मे अब उसके उपर आकार उसे किस करने लगा. हम ऐसें किस करे जा रहे थे मानो ,हम कई सदीयोसे भुके हो, मे उसके ममो को दबा रहा था, थोडी देर किस करने के बाद मेने अपना मोर्चा उसके बुब की तरफ बढाया. एक हात मे एक बुब और दुसरे हाथ में दूसरा बुब लेकर बुब दबा कर चुसने लगा. अपनी सगी बहन के मोटे मोटे boobs चूसने में मुझे बहुत मजे आ रहे थे मे मानो सातवे आसमान पे था. मेरा लंड उसकी चिकनी चुत को छु रहा था. उससे मेरी और रेखा दीदी की सेक्स करने के लिये उत्तेजना बढ रही थी. रेखा ने अपने हात से मेरा लंड पकड कर अपनी एकदम चिकनी चुत पर घुमाया. मेरी वर्जिन बहन की चुत बहुत गिली हो चुकी थी.

अब उसने मेरा लंड अपनी वर्जिन चुत के मुह पर सेट किया और एक हात से मेरे बंब को दबाते हुई लंड चुत मे डालने लगी. मेने भी सोचा अब जादा समय नही जाने देना चाहीये.इसलीये मेने भी लंड उसके चुत मे एकदम धीमी गती से डाल दिया. रेखा जोर से सिसकारी..ओहहह …राजा… मेरा आधा लंड मेरी बहन की गिली चुत मैं समा गया. जन्नत क्या होती होगी यह आनंद मेरे को आ रहा था. मेने करिब पाच मिनिटं तक अपना आधा लंड ही उसकी चुत मे अंदर बाहर करने लगा. मेरी प्यारी रेखा दीदी मानो बिना पानी की मछली के माफिक तडप रही थी क्यों की आज उनकी वर्जिन चूत पहली बार जो चुद रही थी. तभी मेने पुरी ताकत से एक जोर का झटका दिया और मेरा पुरा लंड मेरी वर्जिन बहन की चुत मे समा गया. रेखा इस सुखद आघात से सेहर उठी और जोर से सिसकारी लेने लगी.

मेने भी अपनी राफ्तार अब धिरे धिरे बढाई , वेसेही पुरीबाथरूम ठप्प ठप्प आवाज और रेखा की सिस्कारियोसे भर गयी. मे करिब पाच मिनिट उसको चोदता रहा, बिना लंड चुत से निकाले मेरी बहन रेखा मेरे उपर आगयी. अब मेरी बहन रेखा मेरे लंड पे मानो कुद रही थी, उसके बडे बडे मम्मे जोर जोर से उप्पर निचे उछल रहे थे मे दोनो हाथो से अपनी बहन के मोटे मोटे मम्मे बहुत जोर जोर से दबा रहा था. क्या नजारा था.

रेखा अब अपने परम सीमा पर पोहोच गई थी, उसने अपना एक बुब मेरे मु मे दिया ,मे पुरे चाव से चुस रहा था. अब उसकी स्पीड बढ गयी, जोर जोर से मेरे लंड पे कुद रही थी. अहहाआ अहहहहहहहहहह…..म्म्मम्म्म….. आआआआआआआआ……आवाज के साथ उसने अपना सारा पानी छोड दिया और मेरे उपर गीर गयी , उसने मेरे को एक दीर्घ किस किया और बाजू हो गयी. लेकीन मेरा अभी बाकी था. तो मेने उसे घोडी बनने को बोला वो झट से मेरे आगे घोडी बन गयी.

मेने पिछेसे अपनी बहन की चुत मैं लंड डाल दिया और जोरदार लगा धक्का लगाकर पूरा लौड़ा उसकी चूत में उसकी बच्चेदानी तक पेल दिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. हम भाई बहन की चुदाई से पुरा बाथरूम ठप्प …..ठप्प ….ठप्प आवाज से गुंज रहा था करिब पाच मिनिटं बाद रेखा फिर से गरम होगयी और अपनी गांड पिछे धकेल मुझे साथ देने लगी. अब मे भी और जोश मे आगया और अपनी रफ्तार बढा दि.

करिब पाच मिनिटं धका पेल चदाई के बाद हम दोनो ही सेक्स की परम सीमा पर पहुच गये. आहा… आहा… ओह……. की आवाज के साथ मेने मेरा सारा वीर्य मेरी बहन की चुत मे छोड दिया. और रेखा दीदी ने भी अपना बदन अकडते हुवे पानी छोड दिया. मे अपनी नंगी बहन की पीठ पर निढाल होकर गीर गया , करिब दो मिनिट बाद अपने मुरझाये हुए लंड को अपनी बहन के शरीर से बाहर निकाला. आज मैंने मेरी वर्जिन बहन की चूत की सील तोड़ डाली थी और ये तो बस अभी शुरुवात थी…

दोस्तों आज मेरी बहन की चूत की पहली चुदाई थी. मेरी बहन की चुत से सारा माल टपक रहा था. तब हमको समज आया अरे हम ने कंडोम लाया हुवा मेने पेहना ही नही, सेक्स का हमे नशा ही इतना चढ गया था की हम ऊस आगोश मे कंडोम पेहनाही भूल गया,और उसको भी सेक्स की खुमारी इतनी चढ गयी थी की उसको भी समज नही आया.

मे बोला अब क्या करे जानू , वह बोली अब जाने दो जो हुवा सो हुवा अब तू मुझे माला-डी गर्भ निरोधक गोली लाके दे. मे बोला ठीक है दीदी . उस दिन हमने करिब पाच बार कामसूत्र के करीब करीब हर आसन मैं चुदाई का आनंद लिया. मे ऊस दिन कॉलेज ही नही गया. उसके बाद मेने मेडिकल से उसे गोली लाके दी.

कुछ महिने बाद मेरी बहन रेखा और उसके पती की सुलह हो गयी. वह अपने ससुराल गयी. पर ससुराल जाने से पहले उसने और मेने खूब मजे किये. मैंने मेरी बहन की गांड और चूत को कई दिनों तक खूब जमकर ठोका हम दोनों बहन भाई को सेक्स कने में बहुत आनंद आया. अब मेरी भी शादी हो गयी है फिर भी महिने दो महिने मे जब भी हम भाई बहनों को चुदाई करने का मोका मील जाय तब चुदाई कर लेते है.

मेडिकल मे क्या घटना हुवी और कैसे मुझे मेडिकल वाली को चोदनेका मोका मिला वह अगली कहानी में .
 

deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update -
3

भाभीजी में आपको चोद कर प्रेग्नेंट करूँगा


मैं और मेरी बहन रेखा को चोद कर चरम सुख पाने के बाद एक दुसरे को चिपके हुवे थे, तभी मुझे अहसास हुवा मेडिकल से जो कंडोम मे बडी मुश्किल से लाया था वह सेक्स के आगोश मे पहन ना ही भूल गया.

मे और मेरी बहन रेखा कामवासना मे इतने डूब गये थे की मुझे और उसे यह अहसास ही नही रहा की हम सेक्स बिना कंडोम के कर रहे थे. अब मेने रेखा से बोला, अब क्या करे जानू? रेखा भी अब समज गयी थी की हमने जोश मे होश गवा बेठे. वह मुरझाई स्वर मे बोली, जाने दे अब हो गया सो हो गया, अब तू मेरे को मेडिकल से माला-डी गर्भ निरोधक गोली लाके दे ताकी मेरे पेट में तेरा बच्चा ना टहरे.

मेने भी हामी भरी और हम लोग थोडे रिलॅक्स हुवे. कुछ देर बाद हम साथ मे नहा कर फ्रेश हो गये. अब रेखा ने कपडे पेहन कर हम दोनो को नाश्ता लेकरं आई. हम लोगोने नाश्ता किया. उसके बाद मेरा फिर से अपनी बहन की चुदाई करने का मुंड बनने लगा, तो मेने उससे पहल करना चालू की. मेरी बहन ने भी कोई विरोध नही किया , ऊस दिन हम दोनों भाई बहनों ने बिना कंडोम के ही करिब पाच बार चुदाई का भरपूर आनंद लिया.

अब करीब पाच बजने को गा गये. मेने उससे और पहल करना चाही, मगर अब रेखा ने हार मान ली थी. वह मुझे फिर्यादी स्वर मे बोली राज बस ना यार कीतना चोदोगे, गरीब की जान लेंगा क्या, चल बस कर अब उसने मेरे पास आकार मेरे होठं चुमते हुवे कहा ,जा जलदी मेडिकल और गोली लेकरं आ. मुझमे अब जोश आ गया था तो मैं मेरे बहन को मे मनाने लगा, जानू बस एक बार करेंगे , फिर मे तुरंत जाता हु और लेके आता हु, शायद रेखा बहोत थक गयी थी, पुरी उदासी से बोली नही यार अब फिर कभी करेंगे, मेरी चुत मे अब दर्द हो रहा हे, और मुड भी नही हो रहा. मेने अब जादा जोर डालना उचित नही समजा.


फिर मेने मेरी बहन से बोला ठीक है तू आराम कर ले तब तक मे जाकर मेडिकल से माला-डी गोली लेकरं आता हु. वह बोली ठीक है जा… मे बाहर आकर मेरी सायकल निकाली. अब मुझे भी अपनी बहन के साथ नॉनस्टॉप सेक्स करने के कारणथकान महसुस हो रही थी. लेकींन सायकल चलाते समय , मेरे दिमाग मे खाली आज की हुवी चुदाई का मंजर और रेखा का नंगा बदन घुम रहा था. पता ही नही चला की मै कब मेडिकल के पास पहुच गया. मेने सायकल लगाई स्टँड पे और , थोडी देर वही रुक कर मेडिकल का मुआईना करने लगा की कोई आयेगा तो नही ना मे गोली मांगते समय. मेडिकल के काउंटर के सामने कोई नही था. तभी मेरे को वो मेडिकल स्टोर वाली सेक्सी औरत दिखी , नीचे देख कर कुछ हिसाब कर रही थी शायद.


मेने सोचा अब रास्ता साफ हे, कोई हे भी नही, तो फटाफट जा कर गोली ले लेते है. अब मे काउन्ट पर पोहचा. वह मेडिकल वाली सेक्सी औरत औरत अभी भी अपने काम मे ही व्यस्त थी , मेने मेरे जेब से पाच रुपये का सिक्का निकाला और काच के काउंटर पर नॉक कर के आवाज की, ऊस आवाज से उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत औरत ने मेरी तरफ देखा और वही जगह पर बैठे हुए उसने मुझे एक कातिल मुस्कान देते पुछा “बोलो”. अब उसे जोर से कैसे कहु की मुझे माला डी गोली चाहीये. मे कुछ बोला नही शायद उसको मेरी दिक्कत समज आ गई.


उसने अपने हाथ मे का काम छोडकर एक मादक स्टाईल मे, जोर से अपने दोनो हाथ उपर कर आलंस्य देने की मुद्रा मे अपना पेठ आगे और सर पीठ पिछे करके अपने खुर्ची से उठी, और मेरी तरफ अपनी गांड हिलाते आई. बडी मादकता से उसने काउंटर पर हाथ रखे, वह खडी इस तरहसे थी की, उसके दोनो बोबे मानो काउंटर पर हो, और थोडा झुक कर मेरे से स्माईल देते बोली, “बोलो अब क्या रह गया”, वह बडी स्माईल करते हुवे ,मुझे छेडनेके हिसाब से पुछा, मेरा ध्यान तो उसके दोनो बोबे की दरार पर था, वह समज गयी की मे उसके बोबे घुर रहा हु.


अब उसने अपना पल्लू थोडा ठीक किया , थोडी उंची आवाज मे बोली “अरे बोलो”, मेरी तो मानो गांड ही फट गयी, “जी वो माला डी है?” मेने एकदम धीमी आवाज मे बोला. वह एकदम मेरी तरह देख कर बोली , ‘करंदिया ना कांड’. मे जैसे उसकी बात सुनीही नही ऐसें मुद्रा मे खडा रहा. उसने भी अब अंदर जाकर गोली का पाकीट लाकर मेरे सामने रखकर बोली चार रुपये हो गये, पाकीट जेब मे डाला मेने और वह पाच का सिक्का उसे दे दिया. उसने मुझे 1 रुपये वापस देनेके लिये ड्रॉवर खोला और कुछ सेकंद ढुढते हुवे बोली, अरे खुले नही है, मे तुमको एक रुपये का चोको चॉकलेट दु, क्या पता मेरा ध्यान उसके बोबे की गोलाई और मादकता मे खो गया था, मे थोडा सवर थे हुवे बोला ‘हा देदो’ जो भी आप को ठीक लगे.


उसने मेरी तरफ एक ऐसी मादक भाव से देखा और मुझे एक कॅण्डी दि. ऊस अदा से मेरे को मानो घायल कर दिया. ऊस मेडिकल वाली सेक्सी औरत के बारे मे बताने का तो मे भूल ही गया. क्या गजब की थी वो साली, उस सेक्सी औरत का नाम सविता था जो बाद मे उसने मुझे बताया. करिब 21 साल की, इतनी गोरी थी की टच किया तो लाल हो जाये. उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत के जिस्म की बनावट ऐसी थी मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आई हो.. भरे उरोज , वह सास लेते समय ऐसें हिलते थे किसींको भी पानी पानी कर दे. मदमस्त गांड , मानो उसको किसीं कारीगर ने तराश के आकार दिया है.


गोल चेहरा, चेहरे पे एक काली लट झुलती थी और उस सेक्सी औरत की सुंदरता को और बढा देती थी, गुलाबी होट बिना लिपस्टिक के भी चमकते हुवे दीखते है, किसींको भी लगेगा की उसको चुस चुस्के खा जाऊ. मानो भगवान ने उसे पुरी सिद्दत से बनाया था. साडी मे तो उसका रूप मानो चांद को भी लज्जा दे ऐसें था. मेने जब उसे पहली बार देखा था , तब सोचा यार क्या नसिब लेकरं आया है उसका पती. अब मेने वहासे जाने का ही उचित समजा. मे मेरी सायकल की तरफ जा ही रहा था, तभी उसने मुझे आवाज दी, “अरे सुनो” मे तो सायकल तक जाने तक उसके बारे मे ही सोच रहा था , तभी उस सेक्सी औरत के आवाज सुन मानो मेरा जी मचल गया पर मुझे गभराहट भी हो रही थी.


कुछ पल मेरे को ऐसा लगा की मानो मेरे मनमे क्या चल रहा है उसका उसे शक हो गया. मेने पिछे देखा और उससे पुछा , “हा बोलीये” .” इधर आजाओ” उसने सामान्य स्वर मे बोला. मे काउंटर की तरफ गया. और वापीस पुछा ” जी बोलीये” . उसने मेरे तरफ मुसकूराते हुवे कहा , अरे मेरा एक काम हे करोगे प्लिज…. अब मे थोडा सा डर से बाहर आया और बोला , बोलीये ना!!!उसने मुझसे कहा अरे , वो से चार वडापाव लाना है. अब कोई इधर रुकने को भी नही है, नही तो मे जाती थी, मेरे पती भी देर से आते है तब तक गाडी भी बंद हो जाती है, दुसरा कोई नही जाने के लिये और आज बडा मन कर रहा है वडापाव खाने का प्लिज मेरे लिये लाओगे. इतने प्यारे ढंग से बता रही थी की मे ना नही कह पाया. मेने कहा क्यो नही भाभीजी, जरूर लाके देता हु.


उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत ने ड्रॉवर से 50 रुपये निकाल कर मुझे दे दिये. मेने मुस्कुराते हुवे वो लिये और वहा से निकल गया. ऊस वडा पाव वाले के ठेले के पास मे पाच मिनिटं मे पोहच गया. वह वडापाव निकाल ही रहा था. भीड भी बहोत थी. तुरंत मेने चार वडापाव का ऑर्डर दे दिया. पाच मिनिटं बाद मेने वडापाव लिये और वहा से निकल गया . मेडिकल पर आ गया. तभी मेने देखा की , वहा अंदर एक लंडकी और मेडिकल वाली सेक्सी औरत कुछ बात कर रही थी. मेने आवाज दि भाभी आपके वडापाव. तभी मेरे तरफ देखकर बोली, अरे तुम बहोत जलदी आ गये. एक काम करो पिछे के गेट की तरफ आ जाओ मे उधर आती हु.

मे वेसे ही मेडिकल के पिछे के दरवाजे की तरफ गया, और वहा पे रुक गया. करिब दो मिनिट बाद वो आ गयी. मूस्कुराते हुवे बोली तुम तो बडे जदली आ गये. मे बोला जी वह निकाल ही रहा था , गरमा गरम वडापाव, जलदी मिल गये तो जलदी आया. मेने वडापाव का पार्सल उनके हाथ मे देनेको हाथ आगे किया. उसने थैली लेते हुवे बोला, अरे तुम भी लो ना एक. मे बोला नही भाभी. मेरी बात काटते हुवे बोली अरे एक काम करो चलो हम साथ मे मिलके खाते है. मे वापस नही कहा. पर वो इस तरह से मुझे कह रही थी की मानो मुझें बाद मे लगा ठीक हे मान लेंनी चाहीये बात. मेने बोला ठीक है भाभी. तभी उसने मुझसे कहा एक काम करो ये सिडियो से उपर जाओ और पहले दरवाजे के पास रुको मे चाभी लेके आती हु.


मे बोला ठीक है,पर मेडिकल मे कोन? तब वो बोली अरे कल से मेने एक लंडकी रखी है मेडिकल मे काम करने के लिये ,शाम के समय के लिये. क्यो की मेडिकल बंद करके बाद मे खाना बनाना बोहोत देर हो जाती थी इसलीये. बस मे अभि आई चाभी लेके और वह मेडिकल के अंदर चली गई. मेडिकल के दरवाजे के बाजू लगकर सिडिया थी मे सिधा उपर जाकर दरवाजे के पास जा कर रुका. मेरे को लगा शायद वह यही रेहती है. करिब दो मिनिट बाद वो सिडिया चढ कर आ रही थी , मेरी नजर उसके उपर गई, मुसकूराते मेरे पास आ रही थी. क्या गजब माल दिख रही थी. उसने चावी से दरवाजा खोला, और अंदर जाते हुवे बोली आजो ना. मे शरमाते हुवे अंदर जाकर खडा रहा.


उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत ने मेरी तरफ देखते हुवे बडे प्यार से बोला अरे बेठो सोफे पे शर्माओ मत. मे आज्ञाधारी के माफिक उसकी बात सूनकर सोफे पे बैठा और सामने वाली टी पॉय पे वडापाव की थैली रखी. उसने मुझे कहा “दो मिनिट रुको मे प्लेट लेकरं आई”. वह अंदर की तरफ गई और प्लेट और पानी का जार और ग्लास लेके आ गई. वह सब टी पॉय पर रख कर मेरे बाजू मे थोडा अंतर रखकर बेठ गई. मुझे तो बडी शरम आ रही थी. उसने वडापाव प्लेट मे निकाल कर कहा. अरे लो ना शर्माओ मत अपना ही घर समझो. मेने प्लेट से एक वडापाव लिया. उसने भी एक लिया और हम दोनो वडापाव खाने लगे.


वडापाव खाते खाते उसने मुझसे पुछा ‘तुम्हारा नाम क्या है’, मे उसकी तरफ देखते हुवे कहा जी भाभी राजेश. लेकींन सब लोग मुझे राज बुलाते है!! वह एक प्यारी मुसकुराहट से बोली ठीक है मे भी तुझे राज ही बुलाउनगी. चलेगा, मे बडी मस्ती भरी स्वर मे कहा. उसने मुझे पुछा क्या करते हो तुम. मे बोला; जी ११ वी कक्षा मे पढता हु. अरे तुम तो अभी छोटे हो फिर भी तेज लगते हो…. जी मे समजा नही. वो- तुम बहोत समजदार हो , ना समज मत बनो. मैं – जी भाभी मे सच मैं नही समजा वो- सुबह वह कंडोम क्या खाली फुलाने को लेके गये थे क्या? उसकी इसबात से मे थोडा सेहम गया, क्या बोलू कुछ समज नही आ रहा था ,मेने कहा भाभीजी वह ऐसें ही……. और आगे कुछ नही बोला.


तभी उसने बोला अरे डरो मत , मुझे अपनी दोस्त संमजके बताओ ना की सच मे तुमने ऊस कंडोम का क्या किया और अभी ये गोली किस लिये लेके जा रहे हो? मेरी तो मानो दुविधा अवस्था हुवी थी, यह ऐसें सवाल क्यो पुछ रही है मेरे को कुछ समज नही आ रहा था. तभी उसने बडी प्यार भरी आवाज से कहा.. राजूउउउ… अरे मुझे अपनी दोस्त समाजो… और अपने दोस्त की तरह ही मुझसे बाते करो शर्माओ मत… तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मे उसकी तरफ देखते हुवे बोला जी नही भाभी. फिर यह सब चिजें तेरे क्या काम की, तू क्यो लेके गया? उसने प्यार भरे स्वर मे पुछा… अब मेरे को भी थोडा थोडा अहसास होने लगा की , बात अब डर ने वाली नही है. मामला कुछ और ही लग रहा है.. मेरे मन मे तरह तरह के विचार आने लगे, शायद उसके मन मे कुछ और ही हे.


मेरे मन मे उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत के लिये अभी तक काम वासना नही जगी थी, मगर अब उसकी बातो से मेरे मनमे लड्डू फुटने लगे. मगर थोडा डर भी लग रहा था. मेने थोडी हिम्मत करके उसको कहा, “जी भाभीजी आपको पता ही होगा की ऊन चीजो का क्या करते है… मुझे तो पता है लेकींन तुमने इनका क्या किया ये जानना था… एक मिस्कील मुसकुराहट से उसने मुझे कहा….. उसी समय मेने वडापाव खतम किया और फटाफट पानी पिया और सोफे से उठते हुवे उसे बोला जी भाभीजी मे निकल ता हु अभी…… तभी उसने मेरा हाथ पकडकर नीचे बिठाते हुवे कहा, अरे बैठो तो सही, चाय बनाती हु , साथ मे चाय पियेगे फिर चाय पिते पिते मुझे तुमने क्या क्या किया बताना…


मुझे बिठाकर वह मेडिकल वाली सेक्सी औरत उठी और दरवाजा लगाकर किचन मे चली गई. अब मुझे डाल में कुछ काला लगने लगा था. मेरे दिमाग मे बहुत से खयाल आने लगे, मुझे अब लगने लगा था की , उसके दिमाग मे कुछ चल रहा हे, शायद ये मेरे को सारी बाते सूनकर मुझे ब्लैकमेल तो नही करेगी, या फिर उसके दिमाग मे मुजसे चुदने का खयाल हे. कुछ समज नही आ रहा था. मेरे दिमाग मे सवालोनका चक्र चलने लगा.


तभी वो सेक्सी और हॉट सविता भाभी दो चाय के कप लेकरं आई. एक मुझे दिया और एक कप खुद लेकर मेरे पास बैठ गयी. मेने महसुस किया की अब वो थोडी मेरी तरफ सरक कर बेठ गई. वो- राज चलो बताओ , डरो मत मुझे अपनी दोस्त संमजकर बताओ. मे- भाभी मुझे शरम आ रही है वो- शर्माने की क्या बात हे , अब हम दोस्त हे . हे ना? मे- जी…. लेकींन….. वो- अभी लेकींन वेकीन कुछ नही चलो बताओ.


वह मेडिकल वाली सेक्सी औरत बडे प्यार से बोल रही थी, तब मेरे को थोडा विश्वास हुवा और अब मैने उसे बताना चालू किया. मे- जी… वो मेरी बुवा की लंडकी हें ना रेखा उसके साथ किया वो- क्या किया? (वो बडे प्यार से और आतुर्तासे पुछा) मे – वो ..उसके साथ… वो- हा बोलो…( उसके चेहरे पर आतरुता बढि दिख रही थी) मे- जी वो मेने आज उसको चोदा. वो- अहाहा..क्या बात है ,मेरा दोस्त तो बडा शातिर निकला. क्या उमर है उसकी या ‘तेरी उमर की हे? मे – जी वो शादी शुदा है. वो- हाय दय्या!! तू तो मेने सोचा उससे भी आगे का निकला. मुझे शर्म के मारे उसके तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी.


तभी उसने पुछा फिर तुने वो गोलिया किसके लिये ली. मेने शर्माते हुए बोला जी हमने कंडोम लगांये बिना ही सेक्स किया इसलीये. मेरी बात काटते हुवे वह बोली, अरे वो शादी शुदा हे तो क्या फरक पडता है. मेने रेखा की सारी हकीगत उसको बता दि. वो समजदार स्वरूप भाव चेहरे पे लाके बोली मे समज सकती हु!!! दो मिनिट के लिये हमने कुछ बोला नही, मेने अपनी चाय पी और सोफे से उठ कर बोला भाभी अब मे जाता हु. मे दरवाजे तक गया तभी उसने मुजको आवाज दि . मे रुक गया और बोला ‘जी कहिये’. उसने मुजसे कहा ‘मेरा और एक काम करोगे’. मेने आज्ञाधारी की तरह कहा जी काहिये मे करुंगा, लेकींन आप ये सब बात किसीं को मत बताना .

उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत ने मुस्कुराके कहा यार दोस्त हु मे अब तेरी तेरा सिक्रेट वो मेरा सिक्रेट लेकींन मुजसे वादा कर मेरा ये काम जरूर करेंगा. मेने बोला भाभीजी बोलो ना कुछ सामान लाने का हे क्या तुरंत लाके देता हु. अरे नही आजो इधर बेठो मे तूम्हे बताती हु. मे जाकर उसके बाजू मे बेठ गया , अब तक मेरा पुरा डर उसकी प्यारी बातो से निकल गया था. उसने कहा देखो राज मेरी एक जरूरत है उसको तुमको पुरा करना है. मेने कहा कैसी जरूरत. तब उसने सारी कहानी बताना चालू किया.


उसने कहा मेरी शादी को तीन साल हो गये है. लेकींन मेरे पती से मुझे बच्चा नही हो सकता. “मुझे तुमसे बच्चा चाहीये”. मे चोक गया और बोला “भाभीजी आप लोग किसीं डॉक्टर को क्यो नही दिखाते”. मेरे मन मे एक तो लाड्डू फूट गये थे , और एक चुत का झुगाड हो गया था. मगर मेने उसको वेसा महसुस होने नही दिया. उसने कहा उसका कोई फायदा नही, मेरा पती ” गे ” है. यह सूनतेही मेरे को बहुत बडा झटका लगा. इतनी सुंदर लंडकी और उसके नसिब मे क्या आया. समाज के डर से अब हम अलग नही हो सकते और लोगो का मुह बंद करने के लिये हमे बच्चा चाहीये . क्या तुम मेरी मदत करोगे. उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत ने अपेक्षा भरी निघाहो से पुछा. तभी मेने कहा लेकींन मे तो अभी कम उमर का हु तो कैसे होयेगा.


उसने कहा अरे राजू मे मेडिकल के क्षेत्र मे हु . जब कोई लंडका वयस्क हो जाता हे और उसका लंड खड़ा होने लग जाता है तो समझो वो किसी महिला को चोद कर प्रेग्नेंट करने लायक है. कम उम्र का लड़का किसीं भी औरंत को चोदकर प्रेग्नेंट कर सकता हे. अब मेरी भी इच्छा वेसे तो थी ही तो मेने कहा ठीक है भाभीजी में आप को चोद कर प्रेग्नेंट करूँगा लेकींन अगर आपके पती आ गये तो. तभी उसने कहा उसकी तुम चिंता मत करो. मे जब अंदर गयी चाय बनाने, तभी उनको मेने फोन कर के बता दिया था की , आज अपना काम करने के लिये कोई मिला है , आप फोन करके ही आना. तभी मेने ऊनसे पुछ लिया भाभी आप इतनी सुंदर हो तो कोई भी आप की चुदाई करने को तयार हो जाता फिर मे ही क्यो.


तभी उसने कहा देख राज वेसे तो बहुत लोग मेरे पे डोरे डालते है लेकींन , कोई भी उसका गलत फायदा ले सकता हे , मुझे बाद मे ब्लैकमेल कर सकता है और बदनामी भी. हम लोगो का यह इलाके मे बडा नाम है. इसलीये मेने सोच लिया था, और तेरे जेसे ही कम आयु के लडके की खोज मे थी उसका फायदा यह की, कम उमर के कारन यह बात बता ने को झिजक करोगे. क्यो की छोटे उर्म के लंडके बडे औरत से संबंध होने कीं बात हमेशा गोपनीय ही रखते है ऐसा मेरा और मेरे पती का मानना है. जब तुने आज मेरे से कंडोम मांगा तभी मेने सोचा था की तेरे से कुछ झुगाड करू. देखो राज यह बात हम दोनो के बीच ही रहेगी. मेरे पती भी नही जानना चाहते की मुझे होने वाले बच्चे का बाप कोन है. तूझें मेरे साथ सिर्फ आज से मेरी महावारी की तारीख आने तक यांनी की 12 दिन रोज सेक्स संबंध बनाने पड़ेंगे.


मे तो मन ही मन सातवे आसमान पे था. आज से 12 दिन मुझे एक ऐसें हुसन की परी की चुदाई करने को मिलने वाली थी जो की कभी मेने सपने मे भी नही सोचा था. अब हम लोगोकी बाते लगभग हो गयी थी, तभी उसने कहा तो फिर चले , मे तो पहलेसे ही उसे चोदने को उतावला हो रहा था. मे ने बोला चलीये भाभी. उसने मेरे गाल पे पप्पी लेते हुवे कहा , राज अब तू मुझे भाभी मत बुलाव मेरा नाम सविता है. उसके रसभरे होटो के स्पर्श से मेरा लंड फनफना उठा. मेने भी अब पहल करना सुरू किया. उसको खडा कर मेने उसके होटो पे होट रख दिया. हमारे होट एक दुसरे के होटो मे समा गये , वो मेरा पुरा साथ दे रही थी, उसके साडी का पल्लू नीचे गीर गया मेने मेरा एक हात उसके गालो से घुमाते हुवे नीचे ले गया, और उसके बडे बोबे के उपर रखा और ब्लॉउज के उपर ही हलके हलके दबाने लगा.


मेरी इस हरकत से उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत का अंग अंग रोमांचित हो गया. वह मेरे को आलिंग देते हुवे मेरे बदन हो सहलाने लगी. हम लोग अब , पुरे सेक्स के आगोश मे डूब गये. तभी उसने मुझे कहा चलो बेडरूम मे चलते है. हम लोग एक दुसरे को किस करते ,एक दुसरे के बदन को सहला ते हुवे बेडरूम मे पोहोच गये. उसी अवस्था मे हम बेड पर गिरे. वह मुझे अब पुरे आगोश मे चुंम रही थी , कभी मेरे होट ,कधी मेरे गाल पे अपनी झिभ घुमा रही थी, तो अभी मेरी गर्दन पे चुंम रही थी. वो जेसे अपना आपा खोकर एक प्यासे के माफिक मुझसे पहल कर रही थी.


मे भी अब पुरे आगोश मे उसको चुंम रहा था, उसने मेरे शर्ट के उपर हाथ घुमाके उसके एक एक सारे बटन खोल दिये और मेरे छाती को बेतहाशह चुंमने लगी. मेने अपनी शर्ट निकाल दि, उसके भरे बोबे को एक हाथ से दबाते दबाते मेने सविता भाभी का ब्लाउज खोलना चालू किया, खोलते खोलतेही मेने उसके खुलते जा रहे बोबे पे अपनी जबान घुमाने लगा , वेसे ही उस ने एक गहरी सिसकार भरी…आहाहाहा हा , उसकी सिसकार पुरे बेडरूम मे गुंज उठी, उससे मुझे और जोश आया मेने उसके ब्लाउज की सारी बटने खोल दि, उसने सफेद रंग की प्रिंटेड ब्रा पहनी थी, मेने ब्रा के उपर ही अपना मु घुमाने लगा , उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत का जोश बढ रहा था. अब मेने सविता भाभी का ब्लाउज निकालने कीं कोशीश की तो उसने उठ कर मेरा साथ दिया और अपना ब्लाउज निकाल दिया.

अब वो मेरे सामने ब्रा मे थी , मे उस सेक्सी सविता भाभी के हर खुले अंग को चुंम रहा था, चुमते चुमते मेने अपना हाथ पिछे ले जाकर सविता भाभी की ब्रा का हुक खोला ,वेसे ही उसके बडे बडे बुब्स , आजाद हो गये और हवा में झूलने लगे. उस सेक्सी सविता भाभीजी के क्या बोबे थे, उसके सामने मेरी बहन रेखा के बोबे क्या पुरी रेखा ही फिकी लगने लगी मुझे और मेने एक बोबे को हाथ से दबाते ,दुसरे बोबे के निप्पल पे अपनी जबान घुमाई , वह उत्तेज ना के मारे अब तडपने लगी, और मुझे कहने लगी..ओहह राज बहोत मजा आ रहा है चुसे इन्हे, जिंदगी मे पहली बार इतना मजा आ रहा है.

वो मेडिकल वाली सेक्सी औरत बहुत तेज सिसकीया भर रही थी..म्म्मम्म्मम्म्म….आहहआआआआआ… मेने अब उसके निप्पल को मु मे लिया और जितना हो सके उतना बोबे मु मे लेकरं उसे चुसने लगा, एक हाथ से दुसरे को मसलने लगा, थोडी देर बाद मेने अपना एक हाथ नीचे लेते हुवे उसकी साडी खोलने लगा, मेने उसकी पुरी साडी निकाल दि, वह अब खाली पेटीकोट मे थी, अब मे बोबे से थोडा नीचे आकर पेट चुंमने लगा, तभी उसने अपना हाथ नीचे लेके पेटीकोट का नाडा खोल दिया , पेटी कोट ढिला हो गया , मे चुमते चुमते उसकी नाभी तक आ गया और अपनी जबांन उसपे घुमाई , आहहआआआआआ राजा अहआआआआआआ सिसकीया लेते हुवे वो तडपने लगी, उसकी हालत अब बिना पानी के मछली के माफीफ हो गयी थी.

अब मे नीचे आते आते हाथ से पेटीकोट नीचे सरकाते हुए सविता भाभीजी की चड्डी तक आ गया , मेने उसका पेटीकोट निकाल दिया , ओहहह क्या लग रही थी , गोरी जांघो मे सफेद प्रिंटेड निकर , मे अब उठा अपनी पॅन्ट उतार दि, मेने उसके पेर के उंगली से उपर अपनी जुबान घुमाते हुवे उपर आ रहा था वो तडप रही थी, जोर जोर से सिसकीया ले रही थी , उसके निकर चुत के रिझाव से गिली हुवी थी, मेने अब अपना मु उसकी निकर के उपर से ही घुमाया और किस करने लगा, हलकी सी चुत की मेहक मुझे अब और उत्तेजी कर रही थी, उसके मु से जोर जोर से सिस्कारिया निकल रही थी, मेने अपनी जुबान जब उसके चुत पे घुमाई वो मानो तडप गयी , अब मेने उसकी निकर निकाल दि , उस सेक्सी सविता भाभी की चिकनी छोटी चुत मेरे सामने थी.

मे उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत की चुत चाटने लगा, उसको इस आघात से खुद पर कंट्रोल नही रहा और वो मेरे मुह मी ही झड गयी, उसका पानी मेरे होटो पे ,जुबान पे गा गया, फिर भी मेने चाटना चालू रखा , अब मेने मेरी जुबान से चुत के दानेको टाटोलने लगा, वह वापस मुड मे आ गयी. वो मेरा सर उसके चुत की जुबान पे दबाने लगी, इस वजह से मुझे सास लेने को दिक्कत हो रही थी. मे अब रुक गया, और अपनी चड्डी उतार कर उसके उपर 69 के पोजिशन मे गा गया , मेने जेसे ही वापीस उसजी चुत पे जुबान घुमाई, उसने फटाक से मेरा लंड अपने मु मे लेकरं चुसना चालू किया. मेरा लंड पुरी तरह से खडा हो गया था.

करिब 10 मिनिट चुसाई के बाद सविता भाभी मुझसे बोली, राज बस अब नही तो मै वापीस ऐसें ही झड जाऊगी अब डालदो अपना लंड मेरी इस प्यासी चुत में मुजसे अब रहा नही जा रहा , मेरी चुत की प्यास बुजा दो जल्दी से.मे अब उठ गया और सविता भाभी के पैरो के बीच आकर उनकी चुत पर अपना लंड रख कर उपर नीचे घुमा दिया , उसने जोर से सिसकारी भरी, उस सेक्सी सविता भाभी की चुत बहुत गिली हो चुकी थी, अब मेने उसकी चुत के छेद पे लंड सेट कर एक जोर का धक्का लगाया मेरा लंड फिसल गया, उस सेक्सी सविता भाभी की चूत एक दम वर्जिन चूत की जैसी थी मुझे ऐसा लग रहा था की उस औरत की चुत अभि तक सही ढंग से चुदी नही है, इस वजह से उस मेडिकल वाली भाभी की चूत एकदम वर्जिन चूत की तरह कसी हुवी थी.

मेने अब हाथ से लंड को पकडा और सविता भाभी की कसी हुई चूत के अंदर डालने की कोशीश करने लगा, भाभीजी को बहुत दर्द हो रहा था उसने अपने दोनो हाथ बेड शीट को दबोचे अपनी आखे बंद की थी , अब मेने जोर लगाया , मेरे लंड का टोपा अंदर गया, वह झट पटा ने लगी, निकालो, बहोत दर्द हो रहा है, मे मर जाऊगी निकालो कहकर मुझे ढकलने लगी, तभी मेने उसके हाथ दोनो हाथो से पकड उसके होठो पे अपने होठं लगाये और जोर से एक धक्का दिया. मेरा पुरा लंड उसकी चुत चिरते हुवे अंदर चला गया.
उसकी होटो को मेने अपनी होटो को दबा रखा था तो उसके नाक से अम्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्म की आवाज से बहोत लंबी चिख निकली .


मै लंड को उस सेक्सी मेडिकल वाली औरत की चूत के अंदर रख कर रुक गया, एक शदिशुदा और की चुत की सील मे ने तोड दि थी, उसके चुतसे निकले हलके खून की गरमाहट मुझे महसुस हो रही थी. थोडी देर मे वो नॉर्मल हो गयी. मेने अब बहोत ही हलके से लंड अंदर बाहर करना सुरू किया, अभी भी उसको थोडा दर्द हो रहा था , कुछ समय बाद सविता भाभी भी मेरे होटो को चुसने लगी, तब मे समज गया अब उसे भी मजा आने लगा है. वेसेही मेने आराम आराम से मेरी रफ्तार बढा दि, अब वो भी अपनी गांड उचल के मेरा साथ दे रही थी मुझे , बेताहाशा चुंम रही थी….आहहहहहहह राज …..चोदो…..बहुत मजा आ रहा है…..अहआआआआआआ….ऊऊऊऊऊउऊऊऊऊऊ…..म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म.जोर से आहाआअअअअअअअ…मेने भी अपनी रफ्तार बढा दि …

उस मेडिकल वाली सेक्सी औरत की उत्तेजना बहुत बढ गयी वो भी अपनी मोटी गांड जोर जोर से उचल रही थी….. मुझे महसुस हो रहा था की उसकी चुत उसने टाईट कर दि मे समज गया ये झडने वाली है , मेने जोर जोर से चोदना शुरू किया.. ठप्प ठप्प ठप्प आवाज इतनी तेज हो गयी थी की शायद बाहर तक सुनाई दे , वह अपने चरम सीमा पर आ गई. उसने मुझे कस के पकड जोर जोर से अपनी चुत मेरे लंड पे घुमाने लगी अहआआआआआ………..यस यस यस यस अहआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम अहआआआआआआ लंबी सिसकीया लेके वो झड गयी . और अब वो थंडी पडी खाली मेरे पीठ पे हाथ घुमा रही थी. मे अभी तक अपने चर्म सीमा पर नही आया था.

दिन भर चुदाई करने की वजह से शायद ऐसा हुवा था, मेरे लंड मे भी हलका हलका दर्द होने लगा था, पर इस सुख के सामने मुझे वह कूच भी नही था. मुझे अब थकान महसुस होने लगी , अब तक नीचे सविता भी उत्तेजित हो गयी थी , मेने अब बिना लंड निकाले उसे उपर ले लिया और मे आराम से नीचे लेट गया, अब सविता अपनी गांड उठा उठा कर लंड अंदर बाहर कर रही थी . मे उसका एक बोबे मु मे लेकरं चुस रहा था.

करिब 10 मिनिट बाद वो भी चरम पे आ गयी और मे भी तभी मेने उसे नीचे कर जोर से धका पेल चुदाई चालू की अब मे भी अपने अंतिम चरम पर आ गया था, मेरी गती अब बहुत जादा बढ गयी नीचेसे सविता भी अपनी गांड जोर जोर से उछाल कर सिसकीया ले रही थी अहहहहहहहहह राज……और जोर से…….आहाआआआआआआ…जोर से म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म…….आहाआआआआआआआआ……म्म्मम्म्मम्म्मम……जोर से……….. अहआआआआआआ मे भी तेजी से चोद रहा था …..

मेने और जोर से धकके लगाकर कर मेरा सारा माल सविता भाभी की चुत मे छोड दिया….. हम एक साथ दोनो झड गये, मे अब उसके उपर गीर गया. उसने मुझे अपनी बाहो मे भर लिया और मेरे कानो मे कहा “थँक्स राज आज तुने मेरी सालो की प्यास बुझा दि”. पाच मिनिटं बाद मे उठा अपना लंड बाहर निकाल लिया , उसने अपने पेटीकोट से मेरा लंड साफ कर उसपे एक पप्पी ली. एक घंटे से जादा हमारी चुदाई चल रही थी , अब मेरी हालत बहोत खराब हो गयी थी. मे पुरी तरह से थक गया था. और लंड दर्द करने लगा था.


वो बाथरूम मे चली गयी और मेने अब अपने कपडे पहन लिये और वही थोडा बेड पर लेट गया. तभी वह बाथरूम से बाहर आई. अलमारी से एक गाऊन निकाल कर पेहन ली. वो अब थक चुकी थी. मेर बाजू लेट कर उसने मेरे गाल पे किस कर कहा राज कल शुबह 11 बजे आ जाना . मे कल ऊस लडकी को मेडिकल में रुकने के लिये बुला लुंगी. कल हम दिन भर चुदाई करेंगे. मेने भी उसके होटो को किस कर हामी भरी और बोला ओके भाभी जी जैसी आप की मर्ज़ी.

अब बहुत देर से मै घर से बाहर था और घर पर मेरी बहन मेरा इंतजार भी कर रही थी क्यों की उसे बच्चा नहीं होने वाली गोली जो खानी थी. तो मेने सविता भाभीजी से कहा अब मे निकलता हु. वो भी मेरे साथ दरवाजे तक आ गयी. हमने एक दुसरे को किस किया और मे वहा से निकल गया.

अब मेरे दुसरे दिनकी चुदाई के बारे मे जानने के लिये मेरे इस हिंदी सेक्स स्टोरी के अगले भाग का वेट करे.
 
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deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update- 4

बहन की गांड के साथ खिलवाड़


यह हिंदी सेक्स स्टोरी मेरे जीवन मैं घटित एक सच्ची घटना पर आधारीत है. भाग 3 में आपने पढा था: मेडिकल वाली सविता भाभी की बच्चे की चाह पुरी करने के लिये हमने सेक्स करना शुरू किया. हमारे दमदार सेक्स के बाद मे बुरी तरह थक गया था , ऊस दिन मैंने रेखा के साथ पहले पाच बार और बाद मे सविता भाभी के साथ एक बार चुदाई की थी. मे सविता भाभी के घर से सायकल लेकरं घर निकला. बहुत समय से मे घर से बाहर था, तो घरवाले मुझे डाटेंगे ये तो तय था. मे घर पर पोहचा. रेखा हॉल मे tv देख रही थी.

माँ किचन मे कुछ काम कर रही थी. मुझे देखकर रेखा ने माँ को आवाज दिया, मामी देखो राज आ गया. मैंने गुस्से से रेखा की और देखा. तभी माँ ने बाहर आके पुछा, कहा गये थे इतनी देर, खाना खानेका भी ध्यान नही. मे मन मे सोच रहा था खाने से भी बडीया चीज खाने को मिली तो खाना भुलना ही था. फिर एक बार माँ ने डाटके पुछा, मे थोडा डरके, जी वो दोस्तो के साथ खेल ने गया था. बहुत थक गया हु माँ खाना लगा दे. माँ ने डाटते हुवे कहा जा हाथ मु धो ले, देख क्या अवस्था की है. माँ ने रेखा को मुझे खाना लगाने को कहा और वो बाहर पडोस मैं गई. हमारे यंहा खाना होने के बाद सभी महिलाये गप्पे मारने बेठती थी. पिताजी भी किसीं दोस्त के घर गये थे. अब मे और रेखा ही घर मे थे.

मे फ्रेश होकर खाना खाने को बैठ गया. तभी रेखा थाली लेके आगयी. थाली मेरे सामने रख कर मेरी गाल की चुटकी निकाल कर बोली, रेखा-खा ले बेटा अभी रात को बहुत काम करने है तुझे. मैं- यार आज नही कल सुबह सब जाने के बाद करेंगे , अभि मुझे नीचे दर्द हो रहा है. रेखा- अरे जाते समय तो पहल कर रहा था. अभी क्या हुवा? मैं- अरे वो दर्द थोडी देर पहले चालू हुवा है. (उसको क्या बोलू की आज मैने कुछ देर पहले एक कुवारी चुत की सील तोंडी है) रेखा- ओहो … मुझे कुछ मालूम नही , तुझे मुझे थंडा करना पडेगा.

मैंने आगे कुछ बोला नही, और उसको जेब से माला डी गोली का पॅकेट निकाल कर दे दिया. उसने पाकीट लेते हुवे कहा,तुझे आने मे इतना समय क्यो लगा? मैंने बात टालते हुवे कहा , जावो सबजी लेके आओ. रेखा किचन मे अपनी गांड मटका मटका के गयी. उसकी गांड देख कर तो लग रहा था की इसकी गांड मारू पर क्या करू आज बहुत थक गया था और गांड मारने का प्रयास आज रात को तो मुश्किल था क्यो की सब लोग हम हॉल मे सोते है. मैंने सोचा कल सुबह जम कर चोदूगा रेखा को. रेखा ने मुझें सबजी लाके दि. मैंने अपना खाना खतम किया और बेड पर बैठ कर tv देखने लगा.


रेखा भी उसका काम निपटा कर मेरे बाजू बैठ गयी. Tv देख ते देखते वो बार बार मुझे छेड रही थी. पर मेरा मुड कुछ बन नही रहा था. तभी रेखा मेरे कान मे बोली, रात को सब सोने का वेट कर सो मत जाना. मैंने उसे कहा रेखा देख हमे रात को मन चाहा सेक्स करने को नही आयेगा, उससे भला हम कल सुबह सब जाने के बाद मन चाहा सेक्स करेंगे. अब रेखा का मुड कुछ उखडा उखडा लगने लगा.


मैंने उसे एक होटो पे किस करके बोला अरे जान मे तेरे लिये ही हु ना. कल सुबह जम कर चोदूगा तुझे. तभी माँ आने की आहट हमे लगी. हम लोगो ने अब TV देखने का नाटक किया. सेक्सी माँ आ गयी और बोली, सोने की तैयारी करते है. तू कहा पे सोने वाली है रेखा, एक काम कर तू राज के साथ उपर बेड पे ही सो जा . हम नीचे सोते है. माँ की बात सुन रेखा दीदी के मन में लड्डू फूटने लगे और उसने मुझें चोरी से आख मारी. पिताजी भी आ गये.


अब हम सब लोग सोने की तय्यारी कर अपने अपने जगह पर सो गये. रेखा मेरे बाजू मे सो कर tv देख रही थी. मे थक गया था तो थोडी देर मे ही मे सो गया. करिब बारह साडे बारा बजे, मेरे लंड पे कुछ हलचल महसूस हुवी . रेखा पॅन्ट के उपर से ही मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा सहला रही थी. मे जाग गया. मैंने भी उसकी तरफ मु करके करवत ली और अपना एक हाथ उसकी बुब पर रखा और उसके होटो को किस करने लगा. मे उसके बुब उपरसेही दबा रहा था उसको मजा आ रहा था, मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा भी अब हलचल करने लगा, और खडा होने लगा. पर मुड कुछ बन नही रहा था. तभी रेखा उठी और बाजू का हाल देखा. सभी लोग गहरी निंद मे सो रहे थे. उसने अब मेरे पैर की तरफ मुह करके अपने पैर मेरे मुह की तरफ कर सोने की मुद्रा मे आ गयी.

थोडा उपर खिसकर उसका मुह मेरे लंड के सामने आ गया और उसकी चुत मेरे मुह के सामने. मे समज गया की मेरी बहन का क्या इरादा है. उसने मेरे लंड को पेंट की चेन खोल बाहर निकाल लिया. मैंने भी उसका गाऊन उपर किया. उसने निकर पेहनी ही नही थी . वह पुरी तयारी कर के ही थी. उसने मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा को थोडा अपने हाथ से हिलाके आगे पिछे किया और मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा की चमडी पिछे कर लंड के टोपे पर अपनी जीभ से चाटने लगी. मे भी उसके चुत पे अपने होट रखा और उसको किस किया. वो सिहर उठी , उसकी चुत तो पहले से ही पानी छोड रही थी. उसने अब मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा मु मे पुरा भरा और चुसने लगी.

मैंने भी अपनी जीभ अपनी बहन की चुत पर घुमाई, वो और ज्यादा चुहक उठी. लेकींन मुझे डर लगने लगा की इसकी इस आवाज से कोई जाग ना जाये, तो उसको मैंने एक चुटकी निकाली और थोडा थप थपा कर शांत रहने का इशारा किया. वो भी समज गयी और मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा जोर जोर से चुसने लगी. मे भी मेरी जुबान उसके चुत के छेद मे डाल अंदर ही घुमा रहा था..उसका स्वाद मुझे कुछ खास नही लग रहा था पर उसकी मेहक मुझे और उत्तेजित करने लगी. उसको और मुझे बहुत मजा आ रहा था.


अब वो अपनी चुत मेरे मु पे दबा के अपनी गांड हिला रही थी , उसकी चुत से पानी रिजना चालू हुवा. उसकी पुरी चुत गिली हुवी. हम दोनो ही अब चरम पर पोहोच गये थे. मैंने उसे अपना लंड उसके मु पे दबा कर उसको इशारा किया , उसने मुझे इशारा किया , उसने लंड चुसने की और मैंने चुत चुसने की रफ्तार बढा दि, थोडी ही देर मे हम एक दुसरे के मु मैं झड गये. मैंने अपना मु उसके गाऊन को पोछ लिया. उसने मेरा सारा माल पी लिया. मे उठ कर बाथ रम जाकर पेशाब की और अपना मु धोके आ के सो गया. थोडी देर बाद वो भी बाथरूम जा कर आई. फिर हम सो गये.


कुछ भी कहो जो मजा और उत्साह चुपके से चुदाई क्रीडा मैं आता है वह मजा और किसी चीज में नहीं आता है. सुबह मे करिब 8 बजे उठ गया, बाथरूम जा कर नहा धो के फ्रेश हो गया. रेखा मेरे से पहले ही उठ कर माँ को काम मे हाथ बटा रही थी. रेखा ने मुझे नाश्ता लाके दिया और आँख मारते हुवे एकदम धीमी आवाज मे कहा तैयार रहो आज तेरा बुरा हाल करुंगी. मैंने भी उसको आँख मारते हुवे उसको हामी भरी. मैंने मनही मन सोचा एक शॉट रेखा को मारकर फिर सविता भाभी की दिन भर चुदाई करेंगे. मैंने नाश्ता किया और बाहर जरा टेहले को निकल गया. करिब 9 बजे मे वापस आ गया. घरसे सब लोग अब निकल गये थे. मैं और मेरी सेक्सी बहन रेखा ही अब घर पर अकेले थे.


मे जाकर बेड पर बैठ गया. रेखा दीदी दरवाजा बंद करके मेरे पास आकर बैठ गई. रेखा दीदी -राज आज मैं दोपहर को गाव जाने वाली हु. मैंने – रुको ना और दो दिन और. रेखा- अरे नही पिंकी अकेली है गाव मैं. मुझे उसकी याद आ रही है. मैं- वो भी सही है. उसको भी ‘तेरी याद आती होगी. पर तू वापस कब आयोगी. रेखा- अब तुम ही आना गाव हर शनिवार को , हम बहुत मस्ती करेंगे, अगर तू गाव आया तो मैं कुछ सरप्राईज भी दुगी. मैं- हा मे जरूर आउंगा, पर वो सरप्राईज क्या है बता दो ना रेखा दीदी – अरे सरप्राईज है वो, आने के बाद मिलेगा. अब रेखा ने मेरे होट पे अपने होट रख कर चुंमना शुरू किया. मैंने भी उसका साथ देते हुवे उसके होटो को चुंमने लगा.


हम भाई बहन अब एक दुसरे को बेताहाशा चुंम रहे थे. होटो के साथ साथ एक दुसरे की जुबान भी एक दुसरे मैं समा रही थी. साथ ही साथ उसके गाऊन के उपर से ही मे उसके बडे बडे स्तन दबा रहा था. रेखा और मे काम वासना की आग मे अब डूब गये थे. हम लोग आज बिछड ने वाले है इसका असर था वो. रेखा की सिसकीया अब मुझे बहुत उत्तेजित कर रही थी. मैंने फटाक से उसका गाऊन उतारा और मेरे पुरे कपडे. मे पुरा नंगा हो गया था. वो जेसे मेरे उपर तूट पडी. मुझे उपर से नीचे बेताहाश चुंम रही थी. मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उतार दि और उसके एक बोबे को अपने मुह मे लिया. मेरी रेखा दीदी ने बहुत बडी सिसकारी भरते हुवे अपना दुसरा बोबा भी मेरे मुह में के दिया.


अब मै अपनी बहन के दोनो बोबे एक साथ चुस रहा था और जोर जोर से दबा भी रहा था, रेखा दीदी आगोश मे सिसकीया भर रही थी,तभी उसने अपने मम्मे छुडाकर मुझे नीचे बेड पे लीटा दिया और वो मेरे उपर आगई और फिर अपनी चुत मेरे मुह पर रख दी. और बोली चाट साले चाट इसे तू बहुत किस्मत वाला है जो तुझे अपनी बहन की चूत चाटने को मिल रही है, फिर कब आयेगा तू पता नही चाट इसे जोर से, मे उसकी चुत चाटने लगा उसकी सिसकीया पुरे हॉल मे गुंज रही थी. उसका ये रूप देख मे चोक गया. वासना का भूत उसपे चढा हुवा था. आआआआआआआआ आऊऊऊऊऊऊऊऊऊया आआआआआआआआ कुत्ते के तरह चाट साले आज पानी पानी कर इसका वो बहुत जोरो से सिसकीया लेते बडबडा रही थी.


सेक्सी मम्मी की चूत और उस से निकलता पेशाब हिंदी सेक्स स्टोरी

मे भी अपनी बहन की चुत मे मेरी जुबान जोर जोर से अंदर बाहर कर रहा था. अब रेखा दीदी ने थोडा झुक कर मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा अपने मुह मे लिया और पुरे आगोश मे उसे चुसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी रेखा ने जोर जोर से अपनी चुत मेरे मुह पर मारना चालू किया आआआआआआआआ मे आ रही हु आआआआआआआआ ऊऊऊऊऊऊज संसससससंसससस और उसने उसका पुरा पानी छोड दिया और वो वही पोजिशन मे मेरे उपर गीर गयी. उसने पुरी निढाल होके मेरे उपर समर्पण किया. अब मैंने उसको उठाया. उसको डॉगी स्टाईल मे होने को बोला. वह ऊस पोजिशन मे आ गयी. अब मैंने पिछेसे लंड उसकी चुत पे सेट किया और एक जोर का धक्का दिया.


चुदाई का चस्का पार्ट 4 – बहन की गांड के साथ खिलवाड़ Hindi Sex Tory

मेरा पुरा लंड उसकी चुत मे समा गया. मे जोर से उसे धक्के दे रहा था. मेरी बहन भी अब जोश मे आके मेरा साथ दे रही थी. इसी बिच मेरी अंजर मेरी बहन की गांड के छेद की तरफ गयी और मेरा मन बहन की गांड के साथ खिलवाड़ करने का करने लगा. तभी मैंने सोचा अब इसकी गांड मारते है. मैंने अपना लंड बहन की चुत से बाहर निकाल कर उसकी गांड के छेद पर लगा दिया. मेरी बहनर बोली भाई तू ये मेरी गांड के साथ क्या खिलवाड़ कर रहा है…??? मत कर मैंने कभी किया नही. मैंने बोला, मैंने भी कब किया है अब हम मिलकर करते है पहली बार.


बहुत मनाने के बाद मेरी बहन अपनी गांड मरवाने के लिये मान गयी. मैंने मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा अपनी बहन की गांड के छेद पे दबा दिया लेकींन अंदर जा ही नही रहा था क्यों की मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा बहुत मोटा था और बहन की गांड का छेद बहुत छोटा था. मईकरिब पाच मिनिटं प्रयास करके मे थक गया लेकींन मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लौड़ा बहन की गांड के अंदर जानेका नाम नही ले रहा था. तब मेरी बहनरेखा उठी और किचन मे जाकर तेल की बोतल ले आयी, उसने मेरे लंड पे और अपनी गांड के छेद मे तेल लागाकर एक उंगली डाली.


करिब एक मिनिट उसने खुदकी ही उंगली अपनी गांड मे अंदर बाहर की. अब वो नीचे लेटकर अपनी दोनो पैरो को चोडा कर अपने हाथ से पैर सिर तक ले गयी, अब मेरी बहन की गांड का छेद मुझे बिलकू साफ साफ दिख रहा था. मैंने भी अपना लंड उसपे सेट किया और हाथ से थोडा अंदर डालनेकीं कोशिष करने लगा. लंड का टोपा जेसे ही अंदर गया , रेखा बहुत जोर से चिल्लइ, और मुझे ढकलने लगी , लेकींन मैंने उसके दोनो पेर पकड लिये और जोर का धक्का दिया और पुरा लंड उसकी गांड मे समा गया. मेरी बहन जोर से चिख कर बोली भाई प्लिज मेरी गांड से अपना लंड निकालो बहुत दर्द हो रहा है, मे अब रुकने का नाम नही ले रहा था , पुरे आगोश मे अपनी बहन की गांड में जोर- जोर से धक्के देने लगा.


मेरी बहन दर्द के मारे नीचे तडप रही थी, उसे दर्द कुछ जादा ही हो रहा था, मेरी बहन की आखे अब आंसू से भर गयी. वो अब रोने लगी मुझे भी अब अपनी बहन की ऐसी हालत देख कर बुरा लगा, तो मैंने उसकी गांड से लंड बाहर निकाला और उसके चुत मे डालकर उसे चोदने लगा करिब पाच मिनिटं बाद वो नॉर्मल हो गयी और मेरा साथ देने लगी.अब मे परम सिमा तक आ चूका था. मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दि, नीचे रेखा भी अब जोश मे आ गयी. वो भी अपनी गांड उठा उठा कर चूद रही थी. मैंने अब उसे कस कर पकड अपनी स्पीड दुगनी की, वो भी मुझे कस के पकड अपनी जुबान मेरे जुबान मे डाले मेरे होटो को चुसने लगी.


मै भी पुरे जोर से अपनी सेक्सी बहन की जुबान चुस रहा था, उसके होट काट रहा था .आखरी समय आ गया मैंने जोर के धक्के दे दे के अपना पानी से उसकी चुत भर दि उसने भी अपना पानी छोड दिया. हम एक दुसरे को चिपके वैसे ही पाच मिनिटं लेटे रहे. अब मे उठा और बाथरम गया. मेरी बहन रेखा भी मेरे पिछे आई. हमने एक दुसरे का शरीर साफ किया और फ्रेश होकर बाहर आकर कपडे पेहेन लिये. थोडी देर बेठ कर मे मेरी बहन को बोला जानू अब मे चलता हु मुझे कॉलेज जाना है. रेखा मुजसे बोली आज गांड मरवाने में बहुत दर्द हुआ पर मजा भी बहुत आया भाई… आज रात को भी मेरी गांड के साथ खिलवाड़ करने का वादा कर फिर जा. मैंने उससे रात में उसकी गांड के साथ खिलवाड़ करने का वादा किया और बाहर निकल के सायकल ली और घर से निकल गया.


अब मुझे चुदाई के दुसरे राऊंड के लिये सविता भाभी के पास जाना था. दोस्तों अब मुझे चुदाई का चस्का लग चूका था और और मुझे रात दिन बस चुदाई का ख्याल आता रहता था. मे करिब पाच मिनिटं सायकल चला कर मेडिकल वाली के पास पोहच गया. सायकल लगा कर मेडिकल मे झाका तो सविता भाभी और वो नयी लंडकी कुछ बाते कर रहे थे. करिब पाच मिनिटं बाद उसकी नजर मुझपे पडी उसने मुझे पिछे आने का इशारा किया. मे समझ गया और पिछे के दरवाजे के पास जा रुका. वो दो मिनिट बाद आई और मेरे हाथ मे चाभी देकर बोली तुम घर मे जाके रुको मे वो नयी लंडकी को काम समझा कर और तेरे लिये कुछ लेके आती हु.

मैंने सविता भाभी से रूम की चाभी ली और उपर जाकर सोफे पे बैठ गया और उनके आने का इंतजार करने लगा. आज सविता भाभी कुछ जादा ही सुंदर दिख रही थी शायद कल की चुदाई ने उनका रंग रूप पहले से ज्यादा निखार दिया था. वो पुरी तरह सजी हुवी थी. लाल कलर की साड़ी, लाल लिपस्टिक और उसके मुह पे झुलती बालो की लट आज उसे जादा ही सुंदर बना रही थी. मे सविता भाभी की चुदाई के खयालो मे डूब गया था और सोच रहा था की किस तरह से उसे चोदु. तभी सविता भाभी आगयी और अंदर आते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया. सेक्सी सविता भाभी मेरे पास आकर बैठ गयी, और मेरे गालो पे किस करते हुए बोली ,बहुत देर की आने मे मेरे राजा.


तभी मैंने कहा की आज मेरी बहन रेखा की इच्छा पुरी करने मे वक्त लगा आज मैंने मेरी बहन की गांड के साथ खिलवाड़ भी करा था तो गांड मारने में एक्स्ट्रा समय लग गया और अब वो जा भी रही है तो मैंने सोचा की पहले उन्हें खुश कर दूँ. सविता भाभी बोली अरे वा याने आज से सिर्फ तुम मुझे ही चोदोगे. मैंने उसके होटो को चुमते हुवे कहा जी मेरी रानी….. आगे की कहानी और मजेदार है दोस्तो, उसके आने तक थोडा वेट करो…
 
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चस्का चुदाई का

Update- 5

सविता भाभी को प्रेग्नेंट करा


अपनी बहन रेखा की चुदाई निपटाने के बाद मे मेडिकल स्टोर वाली सविता भाभी की चुदाई करने उनके घर पर गया उस दिन वो बहुत हॉट और सेक्सी दिख रही थी

मे सोफे पर अपनी गांड टेक कर बैठे-बैठे सविता भाभी की कड़क चुदाई के खयालो मे डूब गया था और सोच रहा था की आज सविता भाभी को कामसूत्र की किस सेक्स पोजिशिन में चोदुं. मेरा मकसद बच्चे की चाह में तड़प रही सविता भाभी को चोद कर प्रेग्नेंट करना था. तभी सविता भाभी आ आगयी और अंदर आते ही उसने दरवाजा बंद किया. सेक्सी सविता भाभी अपनी मोटी गांड मेरे पास टेक कर बैठ गयी, और मेरे गालो पर किस कर के बोली ,बहुत देर करी मुझे चोदने आने मे मेरे राजा. तभी मेने कहा की आज रेखा जाने वाली थी तो उसकी इच्छा पुरी करने मे वक्त लगा.. सविता भाभी बोली अरे वा याने आज से सिर्फ तुम मेरी ही चुत चोदोगे आज से तुम्हारे इस लौड़े पर मेरा और सिर्फ मेरा ही हक़ है. मेने सविता भाभी के गुलाबी-गुलाबी होटो को चुमते हुए कहा जी भाभी…..

आज सेक्सी रंडी सविता भाभी कयामत ढा रही थी. लाल रंग की साडी, लाल रंग का ब्लॉउज उसके सुंदरता को और बढा रहा था. आज उसके बडे बडे स्तन कुछ जादा ही आकर्षित कर रहे थे, उसकी जुल्फो ने तो उसके चेहरे पर एक तेज बिखर रहा था क्या गजब दिख रही थी. मेने उससे कहा – मैं- सविता भाभी जी आज आप कुछ जादा ही सुंदर दिख रही हो, आपके चेहरेपे एक तेज झलक रहा है!! सविता भाभी– राज ये सब तुने कल दि दवाई का नतिजा है, कल तुने मुझे मेरी शादी के तीन साल बाद सही रूप से एक लंडकी से औरत बना दिया. तेरे वीर्य का नतिजा है ये. मैं- मेरे वीर्य मैं इतनी ताकहै तो फिर आप इसे मेडिकल मे बेचके पैसा कमा सकती हो.

सविता भाभी- हँसते हुए बोली ही….ही…ही राज तुम्हारे वीर्य पर सिर्फ मेरा हक है, इतनी किमती चीज बेचने के लिये थोडी है. मैं- हक तो बस अगले कुछ दिन ही ना( मे मुरझाई स्वर मे बोला) सविता भाभी– …राज ये तो सही बात है, लेकींन आज तुम मेरी खुशी के लिये इतना कुछ कर रहे हो तो मेरा भी फर्ज कुछ बनता है ना. मैं- मतलब उसके बाद भी सविता भाभी- तूम आगे की मत सोचो अभी के पलो के मजे लो. सविता भाभी ने मेरे होटो को चुमलिया. आज कुछ अलग ही फील सविता भाभी के होटो को चुंमने मैं आ रहा था. मेरा रोम रोम रोमांचित हो रहा था.

सविता भाभी भी एक प्यासी की तरह मेरे होटो का रसपान कर रही थी. उसने अपनी जुबान मेरे होटो पे घुमाते हुवे अपने दोनो नाजूक होटोमे मेरे होट समा लिये थे. एक रियल फ्रेंच किस का अनुभव मुझे आ रहा था जो मैने अभी तक खाली पॉर्न मुवि और अग्रेजी मुवि मैं देखा था. हम दोनो के होटो के साथ अब हमारे हाथ भी एक दुसरे को सहला रहे थे. मुझे आज कुछ अलग ही फील हो रहा था. कुछ जादा ही उत्साह हम दोनो को महसुस हो रहा था. मेने उसके गाल से धिरे धिरे हाथ घुमाते हुवे उसके नाजूक कानो से उंगली घुमाई . सविता भाभी मानो सुख के सागर मे डूब गयी. अहआआआआआआ …एक लम्बी सिसकार भर उसने अपना समर्पण किया. वो मेरे बाहो मे थी.

मैंने सविता भाभी को सोफे पे लिटा दिया और उनके सेक्सी जिस्म को जगह जगह चूमने और चाटने लगा. मेने मेरी जुबान से भाभी की गर्दन पे चाटते हुए अपना एक हाथ भाभी के बोबे पर रखा कर दबाया. मेरी इस हरकत से मानो सेक्सी सविता भाभी और उत्तेजित हो गयी. उसने अपना शरीर जैसे हवा मे उठा दिया. अब मै बच्चे की चाह में अंधी सविता भाभी के ब्लाउज का एक एक बटन खोलने लगा ,और उसी तरह उसे किस करके मेने उसका ब्लाउज के सारे बटन खोले. लाल कलर के डिझायनर ब्रा मे सविता भाभी के बडे बडे बुब कुछ जादा ही आकर्षित लगणे लगे थे.


चुदाई का चस्का पार्ट 5 – सविता भाभी कोप्रेग्नेंट करा Hindi Sex Story

मेने सेक्सी सविता भाभी के दोनो मोटे मोटे बोबो की दरार पर अपना मुह घुसा दिया और बेतहाशा चुंमने और चाटने लगा. सविता भाभी मेरे पुरे बदन पर हाथ घुमा रही थी. मेने उसके गर्दन के पिछे हाथ डालकर उसे थोडा आगे खिचा और उसका आधा खुला ब्लाउज निकाल दिया. उसके कंधोसे किस करते करते उसके पीठ पे किस करणे लगा, वेसे ही मेने भाभी की ब्रा का हुक अपने दातो से खोल दिया. सविता भाभी की ब्रा उतर गयी और उनके दूध से भरे मोटे मोटे बोबे हवा में आजाद झूलने लगे. अब मेने उसे वापस सोफे पे लेंटा कर उसके बुब पर तूट पडा. कभी एक, कभी एक साथ दोनो बुब मे अपने मु मे लेकरं चुस रहा था. सविता भाभी नीचे मानो तडप रही थी. मे पुरे जोश मे था. मेने भाभी के सेक्सी जिस्म से उनकी साडी निकाल फेकी.


सविता भाभी की गांड पर लाल कलर का पेटीकोट और खुले बुब का रूप मुझ पे कयामत ढा रहा था. मेने पेटीकोट को निकाल दिया और अब मेने भी अपने सारे कपडे उतार दिये. मे खाली अब अंडर वेअर और सविता भाभी लाल कलर की डिजायनर निकर मे थी. उसके गोरी जांघो के बीच पतली कमर पे लगी निकर मे सविता भाभी मानो कोई पॉर्न स्टार से कम नही दिख रही थी. आज मे सविता भाभी के इस रुपसे पुरा घायल हुवा था. मेने उसके पेर के लास्ट उंगलीसे अंगुठे तक चूमना चालू किया . इस हरकत से सविता भाभी मानो झटपटा ने लगी. आज उसकी सिसकीया और भी सेक्सी लग रही थी. अहहहहहहहह…..राज ….आहहहहहह….खा जागो ….मुझे…..अहआआआआआआ…..बहोत मजा आ रहा है.

मै सविता भाभी के गोर गोर पैरो को चाटते हुवे धिरे धिरे उपर आ रहा था. सविता भाभी इधर उधर अंगडाई ले रही थी. उसे ये बहोत ही रोमांचित कर रहा था.. मुझे भी सविता भाभी की तडप और उत्साहित कर रही थी. मेने सेक्सी भाभी की गोरी-गोरी जांघो को चाटते हुवे देखा, सविता भाभी की पुरी पेंटी चुत ने छलके पानी से गिली हो चुकी थी. मेने उस् पे अपना हाथ फेरा. वेसे सविता भाभी ने अपना हाथ नीचे करते हुवे मेरे लंड को उपर से ही पकडा और सहलाने लगी. अब मेने मेरा मु उसके दोनो जांघो के बीच घुसाकर निकर के उपर से ही चाटणे लगा.


सविता भाभी जोर जोर से सिसकार रही थी. राज….आय लव्ह यु…. आज तो मे तेरे लिये मर भी जाऊ…आहाआआआआआआ लंबी सिसकारिया भर रही थी. मेरे लंड भी अब थोडा थोडा पानी छोडमर अंडर वेअर को गिली कर रहा था . मे उठा और सविता भाभी की निकर खिची, उसने अपने चुतड उठा कर मुझे उसे निकाल ने मे मदत की. उसने भी उठ कर मेरी अंडर वेअर निकाल दि. जेसे ही उसने अंडर वेअर निकाली वेसे ही मेरा तना हुवा लंड सेक्सी सविता भाभी के सुन्दर से मुह पर जाकर लगा .उसने भी उसे सहलाते हुवे अपनी जुबान उसपे घुमाई. लंड का चमडा पिछे खिसका कर टोपे पर चाटना शुरू किया. मेरे मे मानो करंट दोड गया . मेने सविता भाभी का एक बोबा अपने हाथ मे लेकर बहुत जोर से दबाया. सविता भाभी जोर से चिल्लई आई…..

फिर भाभी मेरे 9 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लंड को अपने मुह मे लेकर किसी रंडी की तरह चुसने लगी. मे उसके बुब को दबा रहा था. वेसे उसका स्पीड बढ जाता था. मुझे लगा मे ऐसें ही झड जाउगा. तो उसको मेने कंधो पे पकड खडा किया. उसका एक पेर सोफे पे रखा. नीचे बैठे मेंने अपना मु उसके चुत मे लगा दिया. इस हरकत से सेक्सी सविता भाभी पानी पानी हो गई.आहहआआआआआ राज …..तुम …..यार… मे अपनी जुबान से उसके चुत को बेताहाश चाट रहा था. चुत से निकले पाणी का स्वाद आज मुझे कुछ खास लग रहा था, और उसकी खुशबू मुझे और रोमांचित कर मेरा जोश बढा रही थी.

कुछ समय बाद सविता भाभी ने मेरे बालो को पकड उपर उठा लिया और उसने मेरे होटो मे होट डाल चुंमने लगी , हमारी एक दुसरे की जुबान एक दुसरे को चुस रही थी. उसने मुझे जोर से दबोच रखा था. वेसे ही अवस्था मे हम सोफे पर गीर गये . हम जैसे एक दुसरे मे समा गये थे. मेरा लंड उसकी चुत को टटोल रहा था. वो भी अपने चुतड उठा कर उसको अंदर समा लेने की कोशिश कर रही थी. अब उसने अपना हाथ नीचे मेरे लंड को चुत पर घुमाने लगी. उसने लंड को चुत के छेद पर सेट किया. मेने भी एक दम आराम से लंड अंदर डाल दिया. लौड़ा अंदर डालने की गती इतनी धीमी थी की अंदर जाने का वो अहसास मुझे महसुस हो रहा था वो मे शब्दो मे बयांन नही कर सकता.

सविता भाभी की कसी हुई चुत की गर्मी मेरे लंड को और उत्तेजित कर रही थी. करिब 10 मिनिट उसी रफ्तार से चुदाई का आनंद लिया. लंड और चुत के मिलन का सही अहसास हम दोनो अनुभव कर रहे थे. हम दोनो भी अब चरम पर आ गये थे. मेने अब अपनी रफ्तार बढा दि , नीचेसे सविता भाभी भी मानो उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी. पंचक पंचक लंड और चुत के मिलन की आवाज पुरे हॉल मे गुंज रही थी. सविता भाभी जोर जोर से सिसकीया लेने लगी आआआआआआआआ राज मे आने वाली हु …..जोर से….आहहहहा..आआआआआआआआ….उंम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम…और जोर से ……..आआआआआआआआ ……….म्म्मम्म्मम्म्मम्म और एक लंबी सास छोड हम दोनो ही झड गये.


मै भाभी के उपर वैसे ही लंड अंदर रख गीर गया. चुदाई का असली सुख क्या होता है , यह मुझे भाभी की इस चुदाई मैं महसुस हुवा. करिब 10 मिनिट बाद हम लोग उठ कर बाथरूम गये. एक दुसरे को साफ किया और नहाके उसके रूम मे गये. और एक दुसरे को किस करते बेड पर गीर गये. एक दुसरे को चिपकर हम लोगो को कब आख लगी पताही नही चला. एक घंटे बाद मेरे लंड पे कुछ हलचल महसुस हुवी. सविता भाभी मेरे लंड को सहला रही थी. मे भी जाग गया. और खाली उसके हरकतो को देखता रहा. उसने मेरे लंड को मु मे भर चुसना शुरू किया . तगड़ा लंड अब उसी रफ्तार से खडा हो गया वैसे ही सविता भाभी मेरे उपर आई और लंड को चुत पर सेट करके उसके उपर बैठ गयी और मेरे लौड़े पर उप्पर निचे होने लगी.

इसी अवस्था मे मे उसने करिब 20 मिनिट जम कर चूदाई की और दो बार झड गयी. अब उसने मुझे उपर आने को कहा तो उसे मेने घोडी बनणे को बोला. वह भी वो पोजिशन मे आ गयी. अब मेने लंड सेट कर जोर दार चुदाई शुरू की. मेने नीचे हाथ लेके भाभी की चुत का पानी उंगली मे ले उसकी गांड मे उंगली डालने लगा भाभी भी विरोध नही किया. तब मैंने भाभी की चुत से लंड निकाल उसके गांड के गुलाबी छेद पे लगाकर अंदर डालने कीं कोशिश करी.


तभी सविता भाभी बोली राजा लंड का गर्म गर्म पानी मेरी चुत मे ही निकाल देना. मेने भी भाभी को ओके जानू कह कर गांड मे लंड घुसा दिया. मेरे लंड का टोपा ही भाभी की गांड के अंदर घुसा था और वो जोर से चिल्लई आई… उसे दर्द हो रहा था. मगर मेने जोर से एक झटके के साथ अपना पुरा लंड भाभी की गांड मे डाल दिया.


सविता को बहुत दर्द हो रहा था जिस कारण वो रोने लगी मगर उसने मुझे रोका नही. मेने भी अब जोर से तगड़ा लंड पेलना चालू किया. थोडी देर मे ही वह नॉर्मल हो गयी. मे अब चरम पर आ गया था. तो उसको मेने सिधा किया और तगड़ा लंड उसकी चुत मे डाल भाभी की चुत चोदनि शुरू करी. सविता भाभी भी चुतड उठकर साथ दे रही थी. दो मिनिट बाद हम एक साथ झड गये . एक दुसरे को चिपके नंगे ही पाच मिनिटं वैसे ही पडे रहे.

बाद मे मे भाभी से अलग हुआ और भाभी जी के बाजू मेंलेट गया. उसके बाद हमने ऊस दिन और दो बार चुदाई करी. सविता भाभी और मेरी चुदाई का ये सिलसिला करिब 12 दिन तक चला. एक दिन सविता भाभी ने मुझे बताया की मेरे पिरियड मिस हुए है और ये प्रेग्नेंट होने के लक्षण है शायद तुमने मुझे चोदकर प्रेग्नेंट कर दिया है और में अब तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ. दोस्तों ये बात भाभी के लिये बहुत ख़ुशी की बात थी क्यों की बच्चे की चाह ने ही उन्हें मुझसे अपनी फुद्दी चुदवाने के लिये मजबूर कर दिया था. दुसरे दिन वो डॉक्टर के पास गयी और प्रेगनेनसी टेस्ट किया जिसमे पता चला की वो मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है.

आज हमें हमारी चुदाई का फल मिल गया था. सविता भाभी मुझसे प्रेग्नेंट होकर बहुत खुश थी उसने मुझे धन्यवाद दिया. लेकींन मे अब मायूस हुवा की अब शायद सविता भाभी मुझसे रीशता नही रखेगी. उसको मेने बधाई दी और उसको पुछा अब मेरा क्या होयेगा. सविता भाभी मूस्कुरा के बोली तुम्हारे लंड ने तो कमाल कर दिया आज तुमने मुझे प्रेग्नेंट करके इतना बडा गिफ्ट दिया है तो अब मेरा भी कुछ फर्ज बनता है ना. अभी 3 महिने हम सेक्स नही कर सकते क्यो की इन तीन महिनो मे सेक्स करना रिसकी है और मे कोई रिस्क नही लेना चाहती. पर तेरे लिये इन दिनो के लिये कुछ जुगाड जरूर करूनगी उसके बाद मे हु ही.


अब मुझे भी थोडी राहत मिली की उसने मुझे तुरंत काम होने के बाद छोडा नही. दो तीन दिन ऐसें ही निकल गये, अब मुझे चुत चुदाई की आदत लग गयी थी और रोज तिन चार बार चोदने के लिये खड्डा चाहिये था. खाली खाली मन नही लग रहा था. तभी मुझे मेरी प्यारी रेखा दीदी की याद आ गयी और मेने सोचा क्यो ना इस शनिवार गाव जाये और उनके जिस्म का मजा लुट कर आया जाये. मेने गाव मे रेखा दीदी के डॉक्यूमेंट लाने का बहाना बताकर माँ से परमिशन ली और अपनी बहन की चुदाई करने के लिये गाव जाने की तयारी करने लगा.

मै शनिवार को दोपहर की गाडी से गाव पहुच गया. आगे क्या हम भाई बहन के बिच क्या हुआ ये और भी मजेदार है, ये जानने के लिये मेरी अगली सेक्सी स्टोरी का वेट करे.
 
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चस्का चुदाई का

Update- 6

दीदी की चुदाई करने गाँव गया


इस हिंदी सेक्स स्टोरी के पिछले वाले भाग में आप ने पढ़ा था की मेडिकल स्टोरी वाली सविता भाभी मैंने छोड़ चढ़ कर प्रेग्नेंट कर डाला था और अब वो मेरे बच्चे की माँ बन्ने वाली थी. सविता भाभी को प्रेग्नेंट होने की वजह से डॉक्टर ने सेक्स न करने की सलहा दी.

सविता भाभी ने मुझे ये बात बतादी और कुछ तेरे लिये जुघाड करुंगी ये भी वादा किया. दो तीन दिन ऐसें ही निकल गये, अब मुझे चुदाई की आदत लग गयी थी. खाली खाली मन नही लग रहा था. तभी अपनी बहन रेखा दीदी की बात याद आगयी और मेने सोचा क्यो ना अपनी बहन की चुदाई करने के लिये गाँव चला जाये. मेने गाँव मे रेखा दीदी के डॉक्यूमेंट लाने का बहाना बताकर माँ से परमिशन ली. और गाँव जाने की तयारी की अब आगे- मे शनिवार को दोपहर की गाडी से गाँव पोहच गया. जाते जाते शाम हो गयी थी.

मे घर पोहच गया. मेरी चाची ने और मेरी बुवा ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया. पर मेरी नजरे रेखा दीदी को ढुंढ रही थी. रेखा दीदी किधर नजर नही आ रही थी. मे ने बुआ से पुछा,रेखा दीदी दीदी दिखाई नही दे रही है? बुवा बोली होगी यही कही किसीं सहेली के घर…तभी दौडते हुवे रेखा दीदी दरवाजे से अंदर आ गयी. रेखा दीदी मुझे देख एकदम उत्साह के साथ आकार मुझे गले लगाने ही वाली थी तभी उसने सामने बुवा को देख अपने होश संभाले.रेखा दीदी ने मुझे पुछा अरे राज तुम कब आये. मेने कहा अभी अभी ही पोहचा हु. चलो अब फ्रेश हो आओ तब तक हम खाने की तयारी करते है, रेखा दीदी ने एक प्यारी मुस्कान के साथ कहा.

मे भी फ्रेश होकर बाहर आंगन मे जाकर बेठा. रेखा दीदी ने मुझे चाय लाके दी और धीमी आवाज मे कहा इतने दिन क्यो लगे आने मैं. मेने कहा कुछ बहाना नही मिल रहा था आने के लिये. अब क्या मिला तुझे बहाना रेखा दीदी ने मेरी चुटकी काटते कहा. मेने रेखा दीदी से कहा माँ से तेरे डॉक्यूमेंट पोहचाने का बहाना बताकर तेरी चुदाई करने आया हूँ. मेरी बहन रेखा अपनी चुत मसलते हुए अंदर चली गयी. करिब 8 बजे रेखा दीदी दीदी ने मुझे खाना खाने के लिये आवाज दि. मे भी अंदर जाकर खाना खाने को बैठ गया. हम सब लोग साथ मे ही खाना खाने बैठ गये.

चाची ने मुझे पुछा, राजेश बहुत दिन बाद गाँव की कैसे याद गयी. मेने भी तुरंत जबाब दिया ,चाची वो रेखा दीदी दीदी के डॉक्यूमेंट देने थे ना इसलीये आया हु. तेरे को क्या गाँव आने को कोई बहाना ही चाहीये क्या, अब हर छुट्टी को आते जा , चाची ने बडी जोर डालकर कहा. मेने भी उनके हा मे हा मिला के रेखा दीदी की और देखा. रेखा दीदी अपनी खुशी छुपाने का नाकाम प्रयास कर रही थी. हम सब ने खाना खाकर आंगन मे जाकर गप्पे मारने बैठ गये. कुछ समय की बातचीत के बाद चाचा और चाची सोने चले गये.अब मे मेरी बुवा और रेखा दीदी ही आंगन मे गप्पे मार रहे थे. कुछ समय बाद बुवा बोली ,चलो अब सोने के लिये बहुत रात हुवी है.

तभी रेखा दीदी ने कहा राज तुम मेरे कमरे मे ही चलो सोने के लिये, बाहर हॉल मे तुम्हे निंद नही आयेगी. बुवा भी बोली हा राज तू रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे बैड पर सोजाओ , तूम्हे आदत नही होनगी ना नीचे सोने की, मे और पिंकी बाहर हॉल मे सोजाती हु. मेने कहा नही बुआ आप सोजाओ रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे मैं हॉल में नीचे सोजाता हु. बुवा बोली नही मेरा भाई क्या बोलेगा मुझे की ,मेरा बेटा इतने दिनो बाद गाँव आया और बुवा ने उसे नीचे बाहर सुलाया. नही नही तुम अंदर बैडरूम में ही सोना. मेरे मन मे तो रेखा दीदी दीदी के साथ बैडरूम मेंही सोने का था मगर थोडी नौटंकी तो करनी ही थी. मेने कहा ठीक है बुआ मे जाता हु अब सोने को, थक गया हु यात्रा मे.

अब मे अंदर अपनी बहन रेखा के बैडरूम में चला गया. और कपडे बदल कर बैड पर लेट गया. मे रेखा दीदी की बडी आतुरता से राह देख रहा था. कुछ समय बाद रेखा दीदी आगयी. आते ही उसने फटाक से दरवाजा बंद कर मेरे उपर तूट पडी. मुझे बेताहाशा चुंमने लगी. तभी मेने देखा की दरवाजा खुला है. मेने उसे बहुत ही धीमी आवाज मे कहा दरवाजा तो बंद करो. रेखा दीदी भी होश मे आकार दरवाजा बंद करने गइ और दरवाजा बंद कर वापस आकार मेरे उप्पर टूट पडी. रेखा दीदी को रोकते हुवे मेने कहा, कंहा है मेरा सरप्राइज दीदी….??? रेखा दीदी ने मेरे होटो को चुमते हुए कहा सब्र करो मेरे राजा भैया सब्र का फल मीठा होता है. मेने उसके होटो को काटते हुवे कहा नही मुझे मिठा फल नही चाहीये, जो भी हो वो अब चाहीये.

रेखा दीदी ने भी जबाब मे मेरे होट काटते हुवे कहा अब ये खट्टा फल खाले कल तुझे मिठा फल मिल जायेगा. मेने भी उसके रसिले होटो को चुमते हुवे कहा आज तो इस खट्टे फल को निचोड निचोड के खाउगा. मेरी बहनरेखा दीदी मेरे होटो को चुंम रही थी, चुस रही थी. माहोल एकदम रोमांच से भर गया तथा. मेने भी उसके गर्दन के पिछे हाथ डालकर उसके गर्दन को पकडे बडी रोमॅंटिक स्टाईल मे उसके होटो को किस कर रहा था. रेखा दीदी और मे अब पुरी तरह सेक्स करने के मुड मे आने लगे थे. मेने मेरा एक हाथ उसके कुर्ते के उपर से ही उसके बोबे के उपर रख दबा दिया. वेसे ही वह सिहर उठी, और मुझे दुगनी रफ्तार से किस करने लगी.

मेने भी अपनी सेक्सी बहन का स्तनमंथन जोर से शुरू किया. करिब पाच मिनिटं बाद हम दोनो ने एक दुसरे के सारे कपडे उतार दिये. हम दोनों भाई बहन पुरे नंगे एक दुसरे के सामने थे. तभी मेने मेरी बहन को बोला लाईट बंद करदो दीदी . मेरी बहन ने बैडरूम की लाईट बंद कर जिरो ब्लब जला दिया. पुरे कमरे मे धीमी लाल रोशनी छा गयी. ऊस लाल रोशनी मे रेखा दीदी दीदी का बदन और भी मादक लग रहा था. मेने उसे खिचकर बैड पर लिटा दिया. उसके पैरो की उंगली को मेरे जबान से चाटते हुवे उपर की तरफ जाने लगा. रेखा दीदी के बदन मे मानो करंट दोड गया.जेसे जैसे मे उसके पैरो को चुंम रहा था वैसे वैसे वो आहे भर रही थी.

अब में अपनी बहन की जांघो तक आ गया उसकी जांघो को चाटने के बाद मै थोडा उपर चाटने लगा. रेखा दीदी ने अब आखे बंद कर बैड शीट को अपने दोनो हाथो से दबोचे अपने होटो को दातो मे दबोचे एक प्यारी आह भरी. उसकी आवाज तेज थी.मेने उसे आवाज कम करनेका इशारा किया. अब मे उसकी चुत तक आ गया , मगर मे उसे और तडपानां चाहता था. उसकी चुत के बाजू से किस करते हुवे मे उसके पेट तक पोहोच गया और उसके नाभी मे अपनी जुबान डाल चाटने लगा. रेखा दीदी नीचे मानो चुदाई के लिये तडप रही थी.

मेने अब धिरे धिरे पेट पे किस करते हुवे बोबे के निप्पल तक पोहच अपनी जुबान निप्पल पे घुमा दी. उसने अब मेरे सर के बालोमे हाथ डालकर सेहलाना शुरू किया मेने भी अब एक हाथ उसके दुसरे बोबे पर ले जाते हुवे एक बोबे का निप्पल मु मे भर चुसने लगा और दुसरे को दबाने लगा. रेखा दीदी अब पुरी तरह से गरम होगयी थी. उसके पैरो ही हलचल सब बयान कर रही थी. दोनो बोबे की बारी बारी चुसाई के बाद मे मुडकर 69 पोजिशन मे आ गया और उसकी चुत को चुंम लिया. अपनी जुबान से उसकी चुत की पँखुडियो को बाजू कर चुत के छेद मे जुबान लगा दि. मेरी जुबान के स्पर्श से रेखा दीदी ने अपने कुल्हे उठा दिये. मेरा पुरा लंड मु मे भर चुसने लगी. मेने भी उसकी चुत चाटना शुरू किया. अब मेरी बहन की चुत से पानी रिज रहा था.

करिब पाच मिनिटं बाद रेखा दीदी ने कहा बस करो भाई अब अपनी बहन को और मत तडपाओ अब डाल दो नही तो मे बिना चुदवाये ही झड जाऊगी. अब मे उठ कर उसके दोनो पेर अपने कंधो पे लिये अपना लंड उसकी चुत पर घुमाँकर उसके छेद का मुवायना किया और एक झटके मे ही अंदर डाल दिया. चुत गिली होने की वजह से बडी आसनी से लंड अंदर चला गया. मगर झटका इतना जबरदस्त था की रेखा दीदी को तकलीब हुवी उसने कहा आराम से राज . अब मेने उसकी चुत मे लँड अंदर बाहर करना शुरू किया. रेखा दीदी भी जोश मे आ रही थी. मे अपनी बहन के पेर नीचे कर उसके दोनों पैरो के बीच आ गया. रेखा दीदी के उपर लेट कर उसकी चुत मे लंड अंदर बाहर कर उसके बोबे दबाकर ,होटो को किस करने लगा.

रेखा दीदी भी अब पुरे आगोश मे मुझे चुंम रही थी. नीचे से कमर हिलांकर मेरा साथ दे रही थी. मे तो सातवी आसमान मे था. मेरा लंड मानो फटने को आय था. तो मे थोडा रुक गया. वह फील मुझे जादा समय लेना था. रेखा दीदी मानो जोश मे थी , वह नीचे से कमर उठा के खुद ही चूदवा रही थी. 1 मिनिट रुकर मेने भी वापीस लंड अंदर बाहर करना चालू किया. लंड धीमी गती से उसकी चुत मे अंदर बाहर करने लगा. वाह क्या फील था. मे पुरा लंड बाहर निकाल अंदर डाले जा रहा था. लंड चुत मे पुरा घुसाकर दबा रहा था, चुत से निकले पानी से लंड और मेरा अंडा तक भिग गया था. रेखा दीदी बडी कामुक सिसकीया ले रही थी. अब उसका सब्र तूट गया वो अब उसकी गांड जोर जोर से उठाने लगी. मे समज गया अब रेखा दीदी अपने चरम पर आ गयी है. मेने भी अपनी बहन को ठोकने की स्पीड बढा दी और जोर जोर से चोदने लगा.

मे तेजी से धक्के लगाने लगा. रेखा दीदी के मुह से दर्द के कारण जोर – जोर से आवाजे निकली, मेने वैसे ही उसके मु पे हाथ रखा और अपने धक्को की स्पीड बढा दि. आवाज नही होनी चाहीये इस लिये चुत पे लंड दबाके अंदर बाहर कर रहा था. मगर चरम पे पोहच ने के बाद मे भी कंट्रोल न कर सका और जोर से आवाज की परवाह किये बिना ही लंड अंदर बाहर करने लगा. चप चप ढप की आवाज होने लगी एक जोर दार धक्के के साथ मे और रेखा दीदी एक साथ ही झड गये. कुछ पल के लिये जोर से आवाज हुवी थी इसलीये , मुझे डर लगा की आवाज बाहर किसींने सुनी तो नही. मेने रेखा दीदी के उपर गीर उसके कानो मे कहा. रेखा दीदी ने कहा मत टेंगशन ले इतनी आवाज बाहर नही जाती. मे भी थोडा रिलॅक्स हो कर बिना लंड बाहर निकाले रेखा दीदी के उपर ही लेट गया.

कुछ पल मे ही हम लोगो को निंद आ गयी. हम भाई बहन नंगे ही एक दुसरे से चिपके हुए सो गये. करिब 2 घंटे बाद रेखा दीदी ने मुझे उठाया. उसके बाद हम भाई बहनों ने एक बार फिर चुदाई करी और फिर से नंगे ही एक दुसरे को चिपकर सो गये. सुबह 8 बजे रेखा दीदी ने मुझे फिर से उठाया और बोला की भाई सुबह हो गयी है जल्दी से कपडे पहनो नहीं तो कोई देख लेगा. हम दोनोने कपडे पहने. मे वापस लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. रेखा दीदी बाहर चली गयी. करिब 15 मिनिट बाद मे उठकर बाहर आया. बाथरूम जाकर नहा धोकर तैयार हो गया. रेखा दीदी भी नहा धोकर तैयार होकर मुझे नाष्टा लेकरं आई और मेरे कानो मे कहा सरप्राईज के लिये तैयार हो जाओ.

मेने भी नाष्टा किया और बाहर आंगन मे जाकर बेठ गया. करिब 10.30 बजे रेखा दीदी बाहर आई और मुझे कहा चलो राज कही घुम आते है. मे भी बैठे बैठे बोर हो रहा था तो बोला चलो. हम लोग चलते चलते गाँवसे आधा किलोमीटर दूर आ गये थे. सब तरफ खेत ही दिखाई दे रहे थे. कुछ दूर चलने के बाद मेने रेखा दीदी से पुछा,हम कहा जा रहे है. तो रेखा दीदी ने हाथो के इशारे से मुझे एक खेत मे दिख रहा घर दिखाया. मुझे लगा शायद रेखा दीदी मुझे वहा चुदवाने ले जा रही है. मे ने उससे पुछा वहा क्या है.उसने मुझे कहा तेरा सरप्राईज. मेरी भी उत्सुकता अब बढ गयी थी. करिब पाच मिनिटं चलने के बाद हम वहा पोहच गये. रेखा दीदी ने मुझे कहा तुम यंहा रुको मे आती हु.

करिब 2 मिनिट बाद रेखा दीदी ने मुझे आवाज दि भाई अंदर आ जाओ. मे अंदर गया, घर पुराना मिट्टी से बना हुवा था मगर बहुत बडा था. मे अंदर जाने के बाद रेखा दीदी को आवाज दि , तो अंदर के रुम से रेखा दीदी की आवाज आई. अरे यंहा आओ. मे अंदर गया तो रेखा दीदी नीचे बैठी थी और रेखा दीदी के सामने एक लंडकी बैठी थी. रूम मे जादा रोशनी नही थी तो मुझे वह ठीक से दिखाई नही दे रही थी. तभी मेने कहा अरे अंधेरे मे क्यो बेठो हो. लाईट जलाओ. तभी रेखा दीदी उठी और लाइट जलाई. रेखा दीदी ने लाईट जलाई वैसे ही मुझे वह लंडकी दिखी. लंडकी गोरी चिट्टी और एकदम मस्त माल थी. भरा हुवा बदन, मिडीयम साईज के मम्मे कायामत लग रही थी.

मेने उसे ठीक से देखा तो वो वही लंडकी थी जिसे मे बहुत चाहता था उसका नाम अंजली था. जब भी मे गाँव आता था तब हम लोग बहुत खेलते थे. बचपन से ही मे उसे चाहता था. अंजली मेरे उमर की याने 18 साल की थी. तभी रेखा दीदी बोली राज पेहचाना क्या. मेने भी सर हिला कर हा मे जबाब दिया. रेखा दीदी अब हमारे साथ बैठ गई. तभी रेखा दीदी ने मुझे कहा तुमने कभी माडी पी है क्या.

हमारे गाँव मे नारीयल जैसा एक पेड मगर उसके पत्ते थोडे अलग रहते है ऊस पेड से निकला रस को माडी बोलते है. गाँव मे नशा करने को उसे पिते है. कुछ मात्रा मे उसे दवाई के रूप से पिया जाता है.उसके 2 ग्लास पिने से एक बियर इतनी नशा चढती है. मेने रेखा दीदी से कहा मेने कभी नही पी. तभी रेखा दीदी ने कहा पियेगा क्या? मेने कहा , मुझे भी ट्राय करनी थी लाओ. तभी अंजली उठी और बाजू मे रखा मटका ले आ गयी और 3 ग्लास भी ले आयी.

मेने अंजली से पुछा ,तुमने कभी पी है. अंजली बोली यार हमारी तो घरकी खेती है, मे नही पिऊनगी यौ कैसा. उसने बात करते करते तीन ग्लास भरे. हमने एक एक ग्लास उठा लिया. मेने उसे पिया उसका स्वाद मुझे थोडा खट्टा मिठा लगा. मुझे बहुत पसंद आया. मेने एक ग्लास फटाक से पी लिया. रेखा दीदी बोली आराम से पहली बार पी रहा है. मे ने अंजली से कहा और एक भरो ऐसें ही हम लोगो ने 3-3ग्लास पी लिये. अब उसका असर होने लगा था, मुझे बडा मस्त लग रहा था. मेरी हिम्मत मानो दुगनी हो गयी थी.तभी मेने रेखा दीदी से पुछा ए , कहा हे मेरा सरप्राईज. रेखा दीदी बोली सरप्राईज तो तेरे सामने है. मे कुछ समजा नही.मे पुरा नशे मे आ गया था.

मेने अंजली के और देखा और कहा अंजली!!!!! मे नशे मे पुरे जोश मे अंजली को मेरी तरफ खिचा वो मेरी गोदी मे आकार गीर गयी और उसे कहा अंजली मे तूम्हे बहुत चाहता हु. तभी रेखा दीदी बोली ये महारानी भी तुझे चाहती है और तेरे से अपनी चुत चुदाई करवाना चाहती है. ये सूनते ही मे मानो खुशी से उछल गया. मेने अंजली को उठाया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे आलिंगन दि. अब मेने उसके होटो पे अपने होट रख उसे किस करने लगा. वो भी मुझे बेताहाश चुंमने लगा.उस सेक्सी लड़की ने अपने जिस्म पर गाऊन पेहन रखा था. रेखा दीदी बोलीं कैसा लगा सरप्राईज. मेने कहा. मेरे जिंदगी का सबसे बडा. अंजली को पाकर मे बेहत खुश था. मे उसके जिस्म को मानो भुके शेर की तरह चुंम रहा था.

नशे की वजह से माहोल और भी रोमांचभरा लगने लगा. अंजली भी मानो बहुत दिनो की भुखी शेरनी की तरह मुझे चुंम रही थी. तभी नीचे मेरी पॅन्ट पे कुछ हलचल महसुस हुवी. रेखा दीदी मेरी पॅन्ट की चैन खोल रही थी. मे अंजली के बोबे दबाते दबाते उसे चुंम रहा था. मेंने अंजली का टॉप उतार दिया. उसने ब्रा नही पेहनी थी . उसके मिडीयम साईज के बोबे खुले हो गये. उसपे गुलाबी छोटे निप्पल देख मे उनपर तूट पडा. जेसे ही मेने उसके बोबे के निप्पल अपने मुह में लेकर चुसना शुरू किये वैसे ही वो जोर जोर से सिसकीया लेने लगी. अहआआआआआआ राज आय लव यु…..आहाआआ आआआआआआआआ. म्म्मम्म्मम्म्मम.

नीचे रेखा दीदी ने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाल चुसना शुरू किया 6 इंच का लंड मानो लोहे के माफिक कडक हो गया था. मेने अब रेखा दीदी को रोका और अंजली को नीचे बिठाकर उसके मु मे लंड डालदिया. वो भी बडी प्यार से लंड चुसने लगी.रेखा दीदी ने मेरे होटो पर होट रख किस किया दो मिनिट बाद रेखा दीदी अंजली के पिछे गयी. रेखा दीदी ने अपने सारे कपडे उतार दिये अंजली मेरा लँड घोडी की पोजिशन बना चुस रही थी. रेखा दीदी ने पिछे से उसकी सलवार चड्डी उतार खिंच दि और उसकी चुत पर अपना मु घुसा चाटने लगी. रेखा दीदी जैसे चाटती वैसे अंजली का जोश बढता और वो लंड जोर से चुसने लगती. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.

मेने अब अंजली को उठाया. उसे नीचे लिटाकर उसकी चुत की तरफ मुह घुमाया. क्या चुत थी उसने उसे शायद आज ही साफ किया था. उसकी चुत मुझे रेखा दीदी के चुत के सामने बहुत ही छोटी लग रही थी. मेने अपनी जुबान अंजली के चुत पे जैसे ही घुमाई , वैसे ही वो उछल पडी. रेखा दीदी ने अब अपना मोर्चा अंजली के बोबे की तरफ किया . वो उसके बोबे चुसने लगी. मे नीचे से उसकी चुत चाट रहा था. अंजली मानो तडप उठी उसने मेरा सर उसकी चुत पे दबा दिया और जोर जोर से आवाज करते गांड हिलाने लगी. आहाआआय आआआआम्म्मम्म्मम्म्म…राजज्जजज्जज्ज….. आह्हाआआआआ… आम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म. और वो मेरे मु मे झड गयी. मेने अब रुक कर रेखा दीदी को उसकी चुत चाटने को कहा. अब रेखा दीदी नीचे जाकर उस सेक्सी लड़की की चुत चाटने लगी.

अब हम तीनो का थ्रीसम सेक्स शुरू हो गया था दोस्तों यह मेरे जीवन का पहला थ्रीसम सेक्स होने वाला था आज से पहले मैंने कभी दो – दो लड़कियों को एकसाथ नहीं चोदा था. मेंने भी मेरे सारे कपडे निकाल फेके और अपना लँड अंजली के मु मे दे दिया. अंजली मेरे लंड को चुसने लगी. दो मिनिट के चुसाई के बाद मे उठ गया और रेखा दीदी को बाजू कर अंजली के दोनो पैरो के बीच आ कर लंड चुत पे सेट किया. एक जोर दार झटका दिया. मगर लंड फिसल गया.

तभी अंजली ने अपने चुत पर मेरा लंड सेट कर पकडे रही. मेने जोर से झटका दिया मेरा लंड का टोपा उसकी चुत मे घुस गया. मगर अंजली बहुत जोर से चिल्लई और तडप उठी. मेने दुसरा झटका इतना करारा मारा मानो उसकी चुत को फाडतें हुए मेरा पुरा लंड उसकी चुत मे समा गया. अंजली अब बहुत जोर से चिल्लई और रोने लगी. मुझे निकालने को कहने लगी. मगर अब मुझपे चुत चोदकर फाड़ने का नशा चढ चूका था उसकी चुत से खून भी आने लगा था पर मै उस रंडी पर बिना तरस खाए उसकी चुत में अपना लौड़ा पेलता रहा.

मै निर्दयी रूप से उसे चोदने लगा मे इतने जोर से धक्के मार रहा था की आवाज बडी तेज आ रही थी. लंड बहुत तेजीसे मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरा लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा. चुत से निकला खून मुझे लंड पे दिख रहा था. कुछ समय बाद अंजली का दर्द मानो किधर गुम हो गया. वो भी अपनी चुतड उठाने लगी. वो भी अब जोश मे आ गयी दो मिनिट मे ही वो चरम पर पोहचनकर आहाआआय आआआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम्म आहहहहहह कर झड गयी.

मेरा मानो पानी गिरने का नाम नही ले रहा था. नशे का असर था शायद. अब मेने उसे घोडी बनने को कहा. और रेखा दीदी को भी उसके बाजू घोडी बनने को बोला. दोनो एक दुसरे बाजू घोडी बन के थे. वैसे ही मेने पिछे जाकर रेखा दीदी की चुत मे लंड पेल दिया. एक मिनिट बाद लंड निकाल कर अंजली की चुत मे पेला. मुझे थ्रीसम सेक्स करने में बहुत मजा आ रहा था. कभी रेखा दीदी की चुत मे कभी अंजली की चुत मे लंड डाले मे धकापेल चुदाई कर रहा था. 10 मिनिट बाद अंजली वापस चरम पर आ गयी उसने मुझे लंड बाहर निकाल ने नही दिया. मे समज गया और जोर से चोदने लगा अंजली अब जोर से सिसकारी भर झड गयी और नीचे गीर गयी.

मैने वेसे ही लँड रेखा दीदी की चुत मे घुसाया. रेखा दीदी को जोर से चोदने लगा. ठप्प ठप्प ठप्प पुरे घर मे आवाज गुंज रही थी 5 मिनिट बाद रेखा दीदी भी चरम पर आ गयी लेकींन मेरा पानी गिरने का नाम नही ले रहा था.दोन मिनिटं बाद रेखा दीदी भी झड गयी. मेने पुरा पसिने से भर गया था मगर जोश कम नही हो रहा था. मेने अंजली को कहा आ जाओ. अंजली ने मानो हार मान ली थी. उसने कहा दर्द हो रहा है मुझे बस. अब मे नीचे लेट रेखा दीदी को उपर आने को कहा . रेखा दीदी भी मेरे उपर आ कर लंड चुत मे डाल पेलने लगी.

मेरी रंडी बहन उछल उछल कर मेरा लंड अपनी चुत मे अंदर अपनी बच्चे दानी तक ले रही थी. अंजली बाजू लेटी ये नजारा देख रही थी. मे अब चरम पे आने लगा था.वेसे ही लंड बिना निकाल मेने रेखा दीदी को मेने नीचे किया और जोर जोर से लँड अंदर बाहर करने लगा रेखा दीदी भी नीचे से चुतड उठाकर मुझे साथ देने लगी. करिब दो मिनिट बाद मे और रेखा दीदी दोनो एक साथ झड गये. ऊस दिन हम तिनो ने 3 बार चुदाई की , मेरी 3 बार लेकींन हर बार दोनो 2 बार झड चुकी थी. बीच बीच मे मेने माडी पी इसलीये उसने एक व्हायग्रा का काम किया. 5 बजने को आ गये थे. तभी अंजली बोली बस अब निकलो मेरे माँ बाबा अब आने का समय हो गया है.

हम लोगो ने अब कपडे पहन लिये और मे और रेखा दीदी कल आते है फिर से थ्रीसम सेक्स करने… कह कर वहा से निकल गये. घर जाकर रात को खाना खाने के बाद मैंने फिर से अपनी बहन की चुदाई करी पर इस बार वो सुबह की थ्रीसम सेक्स जैसा मजा नहीं आया. अगले दो दिन हमारा ये सिलसिला जारी रहा. अब मुझे पुना जाने का समय आ गया था. बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाँव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ रेखा दीदी भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पे पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते भी चुदाई करने के लिये आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर लाल डिब्बे मे बैठ गया. तो दोंस्तो आगे भी बहुत कुछ हुवा है. अगली कहानी का वेट करें..
 
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deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update 7

प्रेग्नेंट सविता भाभी ने वर्जिन चुत का बंदोबस्त करा

अंतिम भाग


बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाँव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ मेरी बहन रेखा भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पर पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते सेक्स करने आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर बस मे बैठ गया. देड घंटे बाद मैं पुने पहुच गया. सुबह के करिब 10 बजे होंगे मै पैदल ही घर के लिये निकल पड़ा क्यों की बस स्टॉप से मेरे घर का रास्ता करीब 10 मिनट का ही था. घर जाते समय मुझे रास्ते में प्रेग्नेंट सविता भाभी मेडिकल दुकान खोलते हुवे नजर आई. उसने भी मुझे देखालिया और आवाज दी “अरे राज कहा से आ रहे हो सुबह सुबह…” मैंने सविता भाभी से कहा शनिवार को गाँव गया था बहन के डाक्यूमेंट्स देने, अब लोट रहा हु.

भाभी बोली, लंबी छुट्टी लेकरं गया था, तभी मे सोचू तू कुछ दिन से दिख क्यों नही रहा है खैर छोडो तुम घर जाकर 12 बजे तक यंहा आ जाना तुझसे कुछ काम है. मैं बोला ठीक है आ जाऊगा भाभी जी. मैं घर पहुच गया. घर पर कोई नही था. मे फ्रेश होकर tv देखने लगा. Tv देखते कब 12 बजे समज ही नही आया. तभी मुझे याद आया की प्रेग्नेंट सविता भाभी ने मुझे 12 बजे बुलाया है. मैने भी घरको ताला लगाया और सायकल लेकरं निकल पडा सविता भाभी से पिलने. पाच मिनिटं बाद मे मेडिकल के पास पहुच गया. पर मेडिकल बंद था. मेने सोचा शायद प्रेग्नेंट सविता भाभी की तबयत ठीक नहीं होगी तो वो घर चली गयी होगी तो मै उनके घर की तरफ गया.

भाभी के घर का दरवाजा बंद था तो मैने दरवाजा खट खटाया. दरवाजा खुला तो सामने प्रेग्नेंट सविता भाभी के मेडिकल मे काम करने वाली सेक्सी लंडकी थी. मेने पुछा सविता भाभी है, तभी अंदर से प्रेग्नेंट सविता भाभी की आवाज आई , अरे राज तुम आ गये अंदर आ जाओ. मे अंदर जाकर सोफे पे बैठ गया. ऊस लंडकी ने मुझे ग्लास मे पानी लाके दिया. वह लंडकी करिब 18-19 की उमर की होगी मगर उसके मोटे मोटे आम कुर्ते के उपर मानो मस्त आकार लिये थे, मुझे उस लड़की का शरीर बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रहा था. सावले रंग की, पर मादक लग रही थी. ग्लास मे पानी देते समय उसके हाथ का स्पर्श मेरे हाथ को हो गया. वो शरमाते हुवे अंदर चली गयी. कुछ समय बाद प्रेग्नेंट सविता भाभी और वो दोनो साथ मे बाहर आई.


ऊस लंडकी के हाथ मैं कोल्ड्रिंक से भरे ग्लास का ट्रे था. उसने मुझे एक ग्लास दिया. और वो दोनो ने एक एक ग्लास ले के सोफे पै बैठ गये. प्रेग्नेंट सविता भाभी मेरे बाजू मे ही बैठ गयी. प्रेग्नेंट सविता भाभी बोली, राज इससे मिलो यह है दिव्या और दिव्या यह है राज. हम दोनो ने एक दुसरे को हॅलो कहा. करिब दस मिनिट हम इधर उधर की बाते कर रहे थे. मेने प्रेग्नेंट सविता भाभी से पुछा मॅडम मेरे से आप को क्या काम था जो मुझे बुलाया था. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने कहा काम तो मुझे नही इस दिव्या को है. मे ने कहा बोलीये दिव्या जी; क्या काम है. दिव्या शर्मा के अंदर भाग गयी.


मेने प्रेग्नेंट सविता भाभी से कहा इसे क्या हुवा. तभी प्रेग्नेंट सविता भाभी मुझे बोली , राज मेने तेरे लिये उसे पटाया है ,तेरे लिये समज झुगाड किया है. तुने मेरे लिये इतना किया तो मेरा फर्ज बनता है ना तेरे लिये कुछ करू. ऊस लंडकी के बारे मैं मेरे मन मैं कुछ नही था पर प्रेग्नेंट सविता भाभी की बातो से मेरे मन मैं लाड्डू फूट गये. मेने प्रेग्नेंट सविता भाभी से पुछ लिया याने उस 18-19 साल की वर्जिन लड़की के साथ चुदाई…. प्रेग्नेंट सविता भाभी बोली हा मेरे राजा आज से उस 18-19 साल की वर्जिन लड़की के साथ चुदाई. फिर प्रेग्नेंट सविता भाभी मेरा हाथ पकडकर मुझे बैडरूम मे ले गयी.

सेक्सी दिव्या बैडरूम में बेड पर अपनी गांड टेक कर बैठी हुई थी. वो 18-19 साल की वर्जिन लड़की मुझे देखकर शर्मा गई. उसके शर्माने के तरिके से मैं पुरा पानी पानी हो गया मुझसे ऐसा अहसास होने लगा मानो मेरी नई नवेली दुल्हन सुहागरात की सेज पर अपनी होने वाली शानदार चुदाई के बारे में सोच कर शरमा रही हो. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने दिव्या से कहा दिव्या चलो आज जैसे तय हो गया था वैसे ही तुम्हे तुम्हारी पहली चुदाई का खेल सिखा दुगी. राज तुम्हे बताने की जरूरत नही की क्या करना है. मैने भी प्रेग्नेंट सविता भाभी से कहा इसे तो मैं चुदाई के खेल में मास्टर बना दूगा. मैने दिव्या से कहा तुम तैयार हो ना अपनी वर्जिन चुत की चुदाई मेरे तगड़े लंड से करवाने के लिये. दिव्या ने भी शरमाते हुए अपना सर हिला कर अपनी सहमती दे दी.


मैं उस वर्जिन दिव्या के पास जाकर बैठ गया ठीक वैसे जैसे एक दूल्हा अपनी दुल्हन के साथ सुहागरात की सेज पर बैठता है. प्रेग्नेंट सविता भाभी हमारे सामने कुर्सी पर अपनी मोटी गांड टेक कर बैठ गयी. वर्जिन दिव्या ने आज से पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं करा था जिस वजह से वो बहुत शरमा रही थी. मेने पुरी फिल्मी तरिके से उसका चेहरा मेरी तरफ घुमाया. पर उसकी आखे किसी दुल्हन की आँखों की तरह झुकी हुवी थी. आराम से मेने मेरे होठं उस वर्जिन लड़की के होटो पर रखे. वो सिहुर उठी. मैं उसके होटो को बडी आराम से किस कर रहा था. कुछ ही देर मैं दिव्या ने भी अपने होट खोल दिये और वो मेरा साथ देने लगी. हमारे होठं एकदुसरे मे समा गये.

हमारी जुबाने एक दूसरे के मुह मे घुस एक दुसरे को चुसने लगी. मेरा हाथ अब दिव्या के पुरे बदन को सहला रहा था. दिव्या मेरा सर पकड कर मेरे होटो को बेतहाशा चुस रही थी. मेरा हाथ अब उसके संत्रे जैसे बोबे पर गये , मैने उनको हलके से दबाया. आहाआआय ऐसी आवाज के साथ दिव्या की मादक सिसकी निकल पडी. प्रेग्नेंट सविता भाभी सामने बैठे हमारी काम क्रीडा देख रही थी. वो भी अपनी उत्तेजना को कंट्रोल नही कर पाई वो भी हमारे पास आ गई और मुझे पकडकर बेताहाशा चुंमने लगी. अब मैं दुविधा मैं पढ गया.


मैने प्रेग्नेंट सविता भाभी से कहा भाभी डॉक्टर ने तूम्हे कुछ दिन तक सेक्स करने के लिये मना किया है ना? प्रेग्नेंट सविता भाभी बोली सेक्स नही लेकींन उपर का मजा तो ले सक्ती हु. मैने भी आगे जादा कुछ नहीं बोला क्यों की मुझे पता था की थ्रीसम सेक्स में बहुत मजे आते है मैंने इससे पहले गाँव में भी अपनी बहन के साथ थ्रीसम सेक्स करा था. अब मैने वर्जिन दिव्या की चुदाई करने के लिये उसके कपडे उतारना चालू किये, जैसे ही ऊसका टॉप उतारा तो संत्रे जैसे उसके उभरे बोबे मेरे सामने नंगे हो गये. उस वर्जिन लड़की ने अपने बोबो पर ब्रा नही पेहनी थी. नीचे से सविता भाभी ने मेरी पेंट उतार दि और साथ मे अंडरवियर भी. उपर दिव्या ने भी मेरी टी शर्ट को उतार दिया.

मैं अब वर्जिन दिव्या के संतरे जैसे बोबे के उपर किसी भूखे कुत्ते की तरह तूट पडा. जैसे ही मेने उसके मोटे मोटे बूब्स के छोटे-छोटे निप्पल पर जुबान घुमाई दिव्या ने पुरे आगोश मे मेरा सर पकड कर प्यारी मादक सिसकी भरी. उस वर्जिन लड़की की मादक आवाज पुरे बैडरूम में गुंज पडी. दिव्या की सिसकीया इतनी कामुक थी की उसकी चुदाई करने का मेरा जोश और बढ गया. नीचे से प्रेग्नेंट सविता भाभी ने मेरा लंड अपने मुह मैं भर लिया और चुसने लगी.


आज मैं सातवे आसमान मैं था किस्मत में मुझे एक बार फिर थ्रीसम सेक्स करने का मौका जो दे दिया था. इतनी चुदाई की इन दिनो मैं, लेकींन आज मुझे कुछ अलग ही फील हो रहा था. प्रेग्नेंट सविता भाभी किसी रंडी की तरह मेरा लंड बड़े मजे से चूस रही थी. लंड चुसाई से मेरे लंड मैं मानो बिजली दोड रही थी. उपर मैं 18-19 साल की वर्जिन दिव्या के बोबे दबा और चुस रहा था.

अब मैने दिव्या की सलवार उतार दी. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने भी अपने कपडे उतार पुरी नंगी हो गयी. मैने अब दिव्या के पेट पर किस करने लगा जैसे जैसे मे किस कर नीचे आ रहा था वैसे दिव्या का जोश भी बढा जा रहा था. प्रेग्नेंट सविता भाभी उपर आकर दिव्या के बोबे दबाने लगी. और चुसने लगी. मे नीचे दिव्या के जांघो को किस कर उसकी अन चुदी वर्जिन चुत पर हाथ घुमाया. उसकी चुत पुरी गिली हो गयी थी. चुत मस्त चिकनी दिख रही थी शायद उसने आज ही झांट केबाल निकाले थे. 18-19 साल की वर्जिन दिव्या की चुत मे से हलकी मेहेक ने मुझे मदहोश कर दिया. जैसे ही मैने अपनी जुबान उसकी चुत के दाने पर लगाई उसने अपने कुल्हे उठा लिये और मेरा सर चुत पे दबा दिया.

मैने भी अब उसकी चुत चाट कर अपनी जुबान उसकी वर्जिन चुत मैं डाल कर उसकी चुत को चोदने लगा. दिव्या जोर से सिसकीया लेने लगी और नीचे से कुल्हे उठा उठा कर मेरे सर को चुत पे दबाने लगी.करिब पाच मिनिटं चुत और जुबान के खेल मैं दिव्या का शरीर अकडने लगा वो जोर से चिख पडी अआहाआआआआआआआ….. अअअअ…..म्म्मम्म्मम्म ..और उसने उसका पानी छोड दिया.


मेरा पुरा मुह, नाक उसकी चुत से निकले गरमा गरम काम रस से भर गया. मैने मेरा मुह उसकी सलवार से पोछ दिया. दिव्या अब निपचित लेटी थी. अब मैने दिव्या से मेरा लंड मु मे लेनेको कहा. पर वो ना बोलने लगी. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने उसे समझांया. की सेक्स मे तो ये सब जायज है. तब जाकर वो मेरा लंड अपने मुह मे लेने को राजी हुवी.

जैसे ही उस भोली भली लड़की ने मेरा तगड़ा लंड अपने मुह मैं लिया और चुसने लगी मुझे बहुत मजा आने लगा उस लडकी का मुह बहुत छोटा था मेरा लंड उसके गले के अंदर तक जा रहा था जिस कारण मेरा लौड़ा चूसते वक्त उसे खांसी आ रही थी. पाच मिनिटं बाद मैने उसे उठा कर बेड पर लिटा दिया. फिर मै उसकी वर्जिन चुत मे जुबान डाल चुसने लगा और प्रेग्नेंट सविता भाभी उपर उसके मोटे मोटे बोबे चुसने लगी. करिब दो मिनिट मैं ही दिव्या गरम हो गयी. दोस्तो औरत को कभी भी बिना गरम किये चोदना नही चाहीये नही तो चुदाई का असली मजा नही आता.


अब वक्त आ गया था उस भोली भली लडकी की चुत को मेरे तगड़े लंड का स्वाद चखाने का तो मैं उठा और दिव्या के दोनो पैरो को चौड़ा करके उस लड़की की दोनों टांगो के बीच आकार अपना लंड उसकी चुत के उपर घीसने लगा वो भोली भली सेक्स लड़की अपने कुल्हे उठा कर मेरे लंड को अंदर लेने की नाकाम कोशिश कर रही थी. मैं उस वर्जिन लड़की को चुदाई के लिये थोडा तडपाना चाहता था. कुछ मिनिट तक मैं अपना लंड खाली उसकी चुत पे उपर नीचे कर रहा था जिस कारण काम रस से उसकी वर्जिन चुत पुरी तरह गिली हो चुकी थी. दिव्या बोली, अब डालो भी कितना तडपाओगे.


मैने भी लंड सेट किया और धक्का दिया वैसे ही मेरा पुरा अंदर गुस गया. दिव्या को हलका दर्द हुवा. उसकी चुत बहुत टाईट थी मगर कुवारी नही थी ये मुझे समज आ गया. मैने प्रेग्नेंट सविता भाभी से बोला अरे ये तुम्हारे खिलाडी ने तो पहले से चुदाई का खेल खेला हुवा है. उस 18-19 साल की वर्जिन लड़की ने कहा मैं आज से पहले किसीं से चुदी नही हु, लेकींन जब मेरी वर्जिन छुट में खुजली होती थी तो मै गाजर मुली से काम चलाती थी इस वजह से मेरी चुत की सील तुटी हुवी है. मेने भी जादा जोर नही दिया.


मेने सोचा जाने दो ना 18-19 साल की जवान लड़की की टाईट चुत तो मिल रही है ना… मैने अब आराम आराम से उस 18-19 साल की जवान लड़की की टाईट चुत में अपना मोटा तगड़ा लंड अंदर बाहर करना चालू किया. उसकी चुत टाईट थी और काम रस छोड़ रही थी जिस वजह से लंड और चुत के घर्षण में मुझे और दिव्या को मजा आ रहा था. दिव्या चुदवाते चुदवाते बडी कामुक सिसकीया ले रही थी मैं भी बडे आराम आराम से लंड अंदर बाहर कर चुदाई का मजा ले रहा था.

चुदाई का चस्का पार्ट 7 – प्रेग्नेंट सविता भाभी ने वर्जिन चुत का बंदोबस्त करा Sex Story
हमारी चुदाई की क्रीडा देख प्रेग्नेंट सविता भाभी को रहा नही जा रहा था वो भी खुद अपनी उंगली से अपनी चुत चोदने लगी. दिव्या मेरे पुरे बदन पे हाथ घुमाँकर मेरे होटो को चुसने लगी. हमारी दोनो की जुबाने एक दुसरे बारी बारी चुस रही थी. लंड चुत मैं अंदर बाहर हो रहा था. अब दिव्या अपनी चरम पर आ गयी थी. उसने जोर जोर से नीचेसे उछल कर चुदने लगी. अब मेने भी अपनी स्पीड बढा दि , ठप्प ठप्प पच पच आहा आहा आहा की आवाज पुरी रम मे गुंज रही थी , प्रेग्नेंट सविता भाभी भी शायद चरम पर थी उसके मुसे भी आवाज निकलने लगी. इन मादक आवाजो से मे भी अब जादा उत्तेजित हो गया था.

मे भी अब उस लड़की को चोदते चोदते अपने चरम पर आ गया. मे जोर जोर से लंड अंदर बाहर कर रहा था. प्रेग्नेंट सविता भाभी मेरे सामने अपनी चुत मैं जोर जोर से उंगली कर रही थी. एक मिनिट बाद प्रेग्नेंट सविता भाभी झड गयी. नीचेसे दिव्या जोर से कुल्हे उठाने लगी. उसने अपने नाखून मेरे पीठ पर गडा दिये. अहआआआआआआA …….आआआआआआआआ….जोर से…….आहाआआय म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्म करिब एक मिनिट मे दिव्या और मे एक साथ झड गये. मेरे काम रस से दिव्या की चुत भर गई. मे दिव्या के उपर वैसे ही गीर गया. दो मिनिट बाद मेने मेरा लंड बाहर निकाला. दिव्या ने उसे साफ कर दिया. और खुद की चुत भी पोछ ली. अब हम लोग उठ गये. दिव्या बाथरूम चली गयी.

मैने प्रेग्नेंट सविता भाभी से कहा, तुम्हारी खिलाडी पहलेसे ही इस खेल मे माहीर है. तब प्रेग्नेंट सविता भाभी बोली अरे तेरा झुगाड करने के लिये मैने उसे ब्लु फ्लिम दिखाई थी. तभी उसने मुझे बताया था और उसने मेरे सामने एक बार मुली चुत मे घुसा ली थी. छोडो ना तुम्हारा तो काम हो गया ना. ऊस दिन दिव्या को मेने करिब चार बार चोदा. प्रेग्नेंट सविता भाभी की चुत चाट कर उसको भी थंडा किया. यह हमारा सिलसिला करिब आगे 6 महिने चलता रहा. बीच बीच मैं मे गाँव जाकर रेखा और अंजली को भी चोदता रहा.


कुछ दिनो बाद रेखा और उसके पती की सुलह हो गयी और वो अपने पती के साथ अमेरिका चली गयी. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने भी एक लडके को जन्म दिया. उसके पती की बंगलोर ट्रासफर हो गयी तो वो लोग भी बंगलोर चले गये. प्रेग्नेंट सविता भाभी ने भी मुझे उसके बाद संपर्क नही किया. मेने बहुत कोशिश की उससे संपर्क करने की पर नही हो पाया. अंजली को उसके बाद मेने दो तीन बार और चोदा पर हमारा चुदाई कांड उसके घर पता चल गया तो उसके घरवालो ने उसकी जलदी शादी कर डाली. तब से आज तक उसने भी मुझे कोई कॉन्टॅक्ट नही किया.

दिव्या तो कहा गायब हो गयी पता ही नही चला. ये सब तो चली गयी मगर मुझे चुदाई का ऐसा नशा दे गई की आज तक वो उतरा नही है.
 

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक कहानी है :sex:
भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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