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Gazab, chaa gaye sunny boy, sahi ja rahe ho, awesome updateUPDATE 4
DEVIL LOK
PART 4
BD सबके सामने आरव बन के गुस्से में बैठा हुआ था भरी सभा में अपनी राज गद्दी में अपने सामने बैठे तीनों राज्य के राजा से बात करते हुए...
BD – (आरव बन के उत्तर के राजा धर्मपाल , दक्षिण के राजा तेजपाल और पूरब के राजा नागेंद्र से बात करते हुए) बहुत ही अफसोस के साथ मुझे कहना पड़ रहा है मेरे भाई ने राज गद्दी की लालच के लिए अपनी मां और हमारी पत्नियों को अगवा कर बंदी बना लिया है वो अपनी पत्नी के साथ भाग गया है उसका कहना है जब तक उसे इस राज्य का राजा नहीं बना दिया जाता वो किसी को आजाद नहीं करेगा...
नागेंद्र – लेकिन रानी मा को कोई कैसे बन्दी बना सकता है...
धर्मपाल – नागेंद्र सही कह रहा है पुत्र रानी सुनंदा की शक्ति के आगे कोई कैसे टिक सकता है भला...
तेजपाल – बात चाहे जो भी हो मुझे अपनी बेटी की फिक्र हो रही है आखिर कहा ले गया होगा वो BD मेरी बच्ची एंजिला को....
नागेंद्र – धैर्य रखिए चाचा जी मेरी बहन लिसा भी उनके साथ में है वो हर तरह से निपुण है अस्त्र शस्त्र की कला में कोई उसके सामने टिक नहीं पाया वो चुप बैठने वालों में से नहीं है चाचा जी....
धर्मपाल – (नागेंद्र से) क्या पता जाने किस हाल में होगी सुनंदा जी और बच्चियां...
BD –(आरव बन के) हम अपनी पूरी ताकत लगा देगे उन्हें आजाद कराने के लिए बस मुझे आप सब का साथ चाहिए ताकि हम मिल के ढूंढ सके सभी को...
राजपाल और धर्मपाल – हम हर तरह से मदद करने को तैयार है आपकी आरव बेटा...
नागेंद्र –(मन में – इतना सब हो गया लेकिन अभी तक राजगुरु के बारे में यहां पर कोई बात नहीं कर रहा है कुछ तो बात हो जो छुपाई जा रही है हमसे)....
नागेंद्र जो अपनी सोच में डूबा था उसे कुछ न बोलते देख...
BD –(आरव बन के) क्या बात है साले साहब किस सोच में डूबे है आप....
नागेंद्र – (मन की बात बदल के) मै ये सोच रहा था अगर वो यहां से भागे है तो डेविल लोक में नहीं होगे क्योंकि यहां पर उन्हें खोजना आसान है लेकिन कही और हुए तो कह नहीं सकते है...
BD –(आरव बन के) आपके कहने का अर्थ है वो इस लोक में नहीं होगे तो कहा जा सकते है वो....
नागेंद्र – यही बात हमें खाए जा रही है जीजा जी...
तीनों की बातों से BD मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि हादसे के अगले दिन ही BD ने आरव बन के पूरे राज्य में ऐलान करा दिया था कि विवाह के बाद रात में ही BD ने अपनी मां और अपनी भाभियों का अपहरण कर लिया जिसमें उसकी बीवी समारा भी उसका साथ दे रही है साथ में ये शर्त रखी है BD ने जब तक पूरे सम्मान के साथ उसे डेविल लोक का राजा नहीं बना दिया जाता है तब तक वो किसी को आजाद नहीं करेगा....
खेर कुछ ही देर में तीनों राज्य के राजा चले गए जिसके बाद BD एक कमरे में गया जहां पर योगिनी बैठी थी अपने पुराने अधेड़ उम्र की औरत वाले शरीर में...
BD – (योगिनी से) डेविल लोक में सबको खबर करवा दी है मैने अब तुम्हे क्या लगता है क्या होगा आगे...
योगिनी – होना क्या है महाराज अब तो आप ही डेविल लोक के राजा है अब आपको जो करना हो वो करिए अब तो किसी की पाबंदी नहीं है आपके ऊपर...
BD – तुम समझ नहीं रही हो योगिनी जब तक वो औरत जिंदा है तब तक खतरा मंडराता रहेगा हम पे....
योगिनी – आपको उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है महाराज अगर आपकी मां को डेविल लोक में छिपना होता तो राजगुरु को कभी न बुलाती राजगुरु के आने का मतलब साफ है महाराज आपकी मां किसी और लोक में छिपी हुई है...
BD – क्या लगता है तुम्हे किस लोक में होगी मां...
योगिनी – महाराज आप जानते हो बिना शक्ति के मै कुछ पता नहीं कर सकती हूँ मुझे इस वक्त एक स्वस्थ शरीर की आवश्यकता है महाराज...
BD – हमने उसकी व्यवस्था कर ली है योगिनी कुछ ही देर में आती होगी वो...
तभी उस कमरे में सैनिक एक पागल लड़की को पकड़ के लाते है जो दिखने और हरकतों से ही पागल लग रही थी जिसे देख....
योगिनी – (गुस्से में) ये किस पागल को उठवा लाए है महाराज....
BD – (मुस्कुरा के) देखो योगिनी अभी मुझे इस राज्य की जनता के सामने अच्छा बनने का नाटक करना पड़ेगा अगर मैने अभी से गलत हरकत की तो लोगों को शक हो जाएगा और क्या पता हर कोई बात बनाने लगे कि ये सब मेरा किया धारा है इसीलिए मैने इस पागल लड़की को पकड़ने के लिए सैनिकों को भेजा था क्योंकि राज्य में इसका होना न होना बराबर है समझी बात....
योगिनी – हम्ममम ठीक है...
जिसके बाद योगिनी ने कुछ ही देर में अपना शरीरी को बदल लिया पागल लड़की के शरीरी के साथ जिसके बाद...
योगिनी – आज रात को ही मै पता लगाती हु अपनी शक्तियों से उन सबका कहा छुपे बैठे है वो सब...
यहां तो ये सब हो रहा था जबकि इस तरफ एक घने जंगल के बीचोबीच जहां गहरा सन्नाटा छाया हुआ था अचानक से वहां तेज हवा चलने लगती है और तभी वहां पर एक तेज रोशनी होती है जो धीरे धीरे कम होने लगती है जैसे ही वो रोशनी कम होती है तभी उस जगह पर राजगुरु ज्ञानेन्द्र , रानी सुनंदा , समारा , अग्निशा , लिसा , परी , शीना , एंजिला , आरव का मृत शरीर और रत्नेश होते है तब...
सुनंदा – (राजगुरु ज्ञानेन्द्र से) गुरु देव ये हम कहा आ गए है....
ज्ञानेन्द्र – रानी सुनंदा इस वक्त हम धरती लोक में है...
सुनंदा – धरती लोक में लेकिन क्यों गुरु देव...
ज्ञानेन्द्र – हालात को देखते हुए उस वक्त मुझे जो सही लगा मैने वही किया रानी सुनंदा...
तभी उस शांत माहौल में एक तेज आवाज गुजी....
आवाज – स्वागत है आपका धरती लोक में...
ये आवाज सुन सभी चौक जाते है तभी...
आवाज – कृपया करके आप सभी घबराए नहीं मेरी आवाज की दिशा पर चलते आए....
सुनंदा –(आवाज सुन राज गुरु से) ये किसकी आवाज है गुरुदेव किसे पता है हमारे बारे में की हम धरती लोक में है...
ज्ञानेन्द्र – घबराए नहीं रानी सुनंदा ये आवाज जिसकी भी है उसे हमारे आगमन के बारे में जानकारी शायद पहले से है इसीलिए उसने स्वागत की बात बोली चलिए देखते है कौन है वो...
ज्ञानेन्द्र की बात सुन सुनंदा हा बोल के सभी को आगे चलने के लिए बोल दिया लिसा ने परी का हाथ पकड़ के आगे जाने लगी वहीं शीना और एंजिला आगे चलने लगी थी अग्निशा के साथ आखिर में रत्नेश ने आरव के शरीरी को गोद में उठाने के लिए आगे बढ़ गया लेकिन तभी...
रत्नेश –(ज्ञानेन्द्र को पुकार के) गुरुदेव....
आवाज सुन ज्ञानेन्द्र पलट के देखा रत्नेश के साथ ही बाकी सभी देखने लगे जहां रत्नेश अकेला खड़ा था और आरव का शरीरी गायब हो गया था जिसे देख...
ज्ञानेन्द्र – (रत्नेश से) क्या बात है रत्नेश और आरव का शरीर कहा गया...
रत्नेश – गुरुदेव जैसे ही मै आरव का शरीरी उठाने के लिए आगे बढ़ा ही था तभी आरव का शरीरी गायब हो गया अपने स्थान से...
ये नजारा देख सुनंदा के साथ बाकी सभी हैरान थे तभी...
ज्ञानेन्द्र – (कुछ सोच के) हमे आगे बढ़ना चाहिए आवाज की दिशा में वहां चल के इस बारे में वार्ता लाप करेंगे...
जिसके बाद सभी राजगुरु की बात मान आगे जाने लगे कुछ दूरी में आने के बाद सभी को एक शिव मंदिर दिखा जो कि पूरा खुला हुआ था जहां सीढ़ियां बनी हुई थी उसके ऊपर शिव जी की एक बड़ी सी मूर्ति खड़ी थी जैसे नृत्य कर रहे हो साथ ही मंदिर का कुछ मलबा जमीन में पड़ा हुआ था जैसे ही सब मंदिर के नजदीक आए तभी पंडित का चोला पहने एक आदमी उनके सामने आया दिखने में जिसकी उम्र लगभग 70 से 75 लग रही थी ऐसा लगता था जैसे मंदिर का पुजारी हो वो अपने सामने सभी को देख...
पंडित – (अपने हाथ जोड़ के सभी से) आप सभी को मेरा प्रणाम , स्वागत है आपका धरती लोक में मेरा नाम जगन्नाथ है मै इस मंदिर का पुजारी हूँ....
जगन्नाथ को प्रणाम करता देख सभी ने उन्हें प्रणाम किया जिसके बाद...
जगन्नाथ – (सभी से) कृपया मंदिर के अन्दर पधारे...
जगन्नाथ की बात सुन सभी गौर से उसे देखने लगे तभी...
जगन्नाथ – (उन्हें देख मुस्कुरा के) आप सभी चकित मत होइए हमें पता है आप कौन है और किस कारण धरती लोक में आए है हमारा विश्वास रखिए , आप सब यहां पूर्ण रूप से सुरक्षित है...
जगन्नाथ की बात सुन सभी मंदिर में चले जाते है जहां जगन्नाथ सभी को बैठता है फिर सभी के समीप बैठ के...
जगन्नाथ – (सभी से) हम जानते है आप सभी किन हालातों से निकल के यहां आए है आप निश्चित रहिए यहां आप सभी सुरक्षित है....
तभी...
ज्ञानेन्द्र – (जगन्नाथ से) ऋषिवर आप हमें कैसे जानते है और आपको कैसे पता हम यहां आने वाले है....
जगन्नाथ – (मुस्कुरा के) ये सब शिव जी की लीला है गुरुदेव मै तो उनका एक छोटा सा सेवक हूं जो उनकी आज्ञा का पालन कर रहा हूँ...
ज्ञानेन्द्र – शिव जी की आज्ञा मै कुछ समझा नहीं ऋषिवर....
जगन्नाथ – (मुस्कुरा के) मुझे एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए ही शिव जी ने चुना है जिस कारण मै वर्षों से आप सभी के यहां आने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ...
सुनंदा – कैसा कार्य ऋषिवर...
जगन्नाथ – बुरी शक्तियों के नाश के लिए रानी सुनंदा इस कार्य को करने के लिए आपके बेटे आरव को चुना गया है....
अपने पुत्र आरव की बात सुन के...
सुनंदा – मेरा पुत्र आरव का शरीर यहां आते ही जाने कहा...
जगन्नाथ – (बीच में) हम जानते है रानी सुनंदा आपके पुत्र आरव के बारे में और हमें अफसोस भी है आपके पुत्र आरव को आपके सामने कैसे मारा गया था लेकिन जिस कार्य के लिए आपके पुत्र आरव को चुना गया है उसके लिए उसका अगला जन्म का वक्त आने वाला है जिस कारण आप सभी को यहां आना पड़ा....
ज्ञानेन्द्र – लेकिन ऋषिवर हम तो यहां सभी को बचाने के कारण यहां आए थे लेकिन आरव का अगला जन्म से इसका क्या ताल्लुख है...
जगन्नाथ – ताल्लुख है गुरुदेव कुछ ऐसी बुरी शक्तियां जो भविष्य में आपके लोक के साथ धरती लोक में भी विनाश का कारण बन सकती है उनका नाश करने के लिए ही शिव ने चुना है आरव को जो समय आने पर बुरी शक्तियों का नाश खुद करेंगे....
सुनंदा – (खुशी से आंख में आंसू लिए) मेरे आरव का जनम कब होगा ऋषिवर...
जगन्नाथ – (मुस्कुरा के) निश्चित रहिए देवी आपके पुत्र का जन्म कुछ साल बाद इसी लोक में होगा और आपके पुत्र का शरीर कही गायब नहीं हुआ है बल्कि (जलते हुए एक दिए की तरफ इशारा करके) वो देखिए वो जलता दिया कोई ओर नहीं आपका पुत्र आरव है जो जल्द ही पुनर जनम लेने वाला है लेकिन...
सुनंदा – जगन्नाथ की आखिरी बात सुन) लेकिन क्या ऋषिवर....
जगन्नाथ – लेकिन ये की सभी कार्यों को करने से पहले आपके पुत्र आरव को कठिन परीक्षा से गुजरना होगा साथ ही कई कष्टों से गुजरना होगा और इसमें आप सब उसकी कोई मदद नहीं कर सकते है ये विधि का विधान है रानी सुनंदा....
तभी इतनी देर से आरव की चारों पत्नियों साथ थी सभी एक साथ बोल पड़ी....
आरव की चारों पत्नियों – (हाथ जोड़ के रोते हुए जगन्नाथ से) बाबा हमे हमारे पति के साथ रहने दीजिए बाबा उनके बिना नहीं रह सकते हम उनकी हर परीक्षा हर एक कष्ट में उनका साथ देंगे बस हमें उनके साथ रहने दीजिए बाबा....
जगन्नाथ – पुत्री हम जानते है आपके लिए आपके पति आरव क्या है लेकिन ये जरूरी है पुत्री बिना कष्ट के कुछ भी आसानी से प्राप्त नहीं किया जा सकता है लेकिन सिर्फ आरव ही नहीं आप सभी का जन्म भी उनके साथ ही होगा आप उनके साथ होगे लेकिन कुछ वक्त के लिए दूरी जरूर रहेगी आपकी और वक्त आने पर आरव सभी के साथ होगे एक दोस्त , एक प्रेमी और एक पति के रूप में उससे पहले उन्हें कुछ परीक्षा देनी ही होगी....
चारों एक साथ – हम उन्हें पहचानेंगे कैसे ऋषिवर...
जगन्नाथ – आप सभी मानव रूप में जनम लेगे लेकिन एक एक करके परन्तु परी पुत्री आपको छोड़ के और जब आपक मिलन होगा उसके बाद ही आपकी अपनी स्मृति वापस आ जाएगी...
परी – तो क्या मेरा जन्म नहीं होगा ऋषिवर मै कैसे अपने पति के बिना रह पाऊंगी...
जगन्नाथ – पुत्री जन्म तो आपक भी होगा मानव रूप में लेकिन आपके पति आरव की तरह आपके भी जन्म का एक उद्देश्य है जो आपके पति आरव के जन्म के साथ जुड़ा हुआ है वक्त आने पर आप सभी मिलेंगे एक साथ...
जिसके बाद....
चारों एक साथ – (हाथ जोड़ के) हमे मंजूर है ऋषिवर....
सुनंदा – (जगन्नाथ से) क्या मेरा भी जन्म....
जगन्नाथ – (बीच में) नहीं रानी सुनंदा उसके लिए आपको यही प्रतीक्षा करनी होगी वक्त आने पर आपका पुत्र स्वयंम यहां आएगा (एक तरफ इशारा करके जहां मंदिर के बाहर त्रिशूल जमीन में गढ़ा हुआ था) उस त्रिशूल को निकालने वाला ही आपका पुत्र आरव होगा तब तक आपको यही पर उसकी प्रतिक्षा करनी होगी जिस दिन ऐसा होगा उसके बाद आप अपनी शक्तियों के साथ उसी रूप में वापस आ जाएगी जैसे आप आज है साथ ही आपकी दासी अग्निशा भी....
सुनंदा – मै अपने पुत्र प्रतीक्षा करूगी ऋषिवर लेकिन आपने अभी कहा मेरे पुत्र का पुनर जन्म होगा लेकिन उसे उसकी शक्तियां कैसे मिलेगी...
जगन्नाथ – वक्त के साथ शक्ति मिलेगी उसे जिस दिन अपनी प्रेमिकाओं से मिलन होगा उसके बाद आपके पुत्र की स्मृति भी वापस आ जाएगी...
सुनंदा – ठीक है ऋषिवर....
जगन्नाथ – अति उत्तम (ज्ञानेन्द्र से) गुरुदेव अब आपको वापस जाना होगा अपने लोक में वहां आपको आरव के आने की प्रतीक्षा करनी होगी ताकि अपने लोक में पुनः वापस आके अपना कार्य भार सम्भल सके आरव....
ज्ञानेन्द्र – (मुस्कुरा के) मै समझ गया ऋषिवर लेकिन जाने से पहले मुझे आपको कुछ जरूरी बात बतानी है...
जगन्नाथ और ज्ञानेन्द्र एक साथ अलग जगह जाके बात करके वापस आते है तब...
ज्ञानेन्द्र – (सुनंदा से) रानी सुनंदा हमे आज्ञा दीजिए अब हमे वापस जाना होगा अपने लोक में जल्द ही आप सभी से वही भेट होगी....
जिसके बाद ज्ञानेंद्र विदा लेके धरती लोक से गायब हो जाता है और चला जाता है डेविल लोक की राज सभा में जहां इस वक्त BD राज गद्दी में बैठा हुआ था योगिनी के साथ अकेले उनके सामने आके....
ज्ञानेन्द्र – (अचानक से BD के सामने आके) कैसे हो BD...
अचानक से अपन नाम सुन के...
BD –(ज्ञानेन्द्र को सामने देख चौक के) तू यहां पर कैसे और कहा है बाकी सब...
ज्ञानेन्द्र – जहां भी है सुरक्षित है वो सब...
BD – (गुस्से में) लेकिन कहा है वो सब....
ज्ञानेन्द्र – (मुस्कुरा के) वक्त आने पर तुझे पता चल जाएगा BD....
BD – क्या मतलब है इस बात का...
ज्ञानेन्द्र – (मुस्कुरा के) रानी सुनंदा ने तेरे लिए एक संदेश भेजा है कि जितनी मर्जी मनमानी करले तू जल्द ही आरव आएगा तेरा नाश करने...
BD – (हस्ते हुए) उम्र के साथ उस औरत का दिमाग भी खराब हो गया है मुर्दे जिंदा नहीं हुआ करते है गुरुदेव अच्छा होगा आप मेरा साथ दे...
ज्ञानेन्द्र – लेकिन आरव जिंदा होगा भी और तेरा नाश भी करेगा BD तब तक के लिए अगर तुझे अपनी गलती का एहसास हो जाय तो अच्छा होगा तेरे लिए तब शायद रानी सुनंदा माफ करदे तुझे लेकिन मैं जनता हूँ तू ऐसा नहीं करेगा छल कपटी है तू जिसने प्यार का नाजायज फायदा उठाया अपने भाई को मार दिया केवल राज सिंहासन के लिए....
BD – गुरुदेव अपने प्रवचन अपने पास रखे आप अगर मेरा साथ देना हो तो बता दो कहा है वो लोग वर्ना....
ज्ञानेन्द्र – मरना मंजूर है मुझे लेकिन तुझे कभी नहीं बताऊंगा कहा है वो सब....
BD योगिनी की तरफ इशारा करता है जिसे देख योगिनी अपनी शक्ति का इस्तमाल कर ज्ञानेन्द्र को बंदी बना लेती है...
योगिनी – (हस्ते हुए ज्ञानेन्द्र से) ये बंधन कोई मामूली बंधन नहीं है गुरुदेव इसके बांधते ही आपकी कोई भी शक्ति काम नहीं करेगी और बिना शक्ति के आप ना चल सकते हो ना कुछ कर सकते हो...
तभी अचानक ज्ञानेन्द्र जमीन में गिर पड़ता है साथ ही ज्ञानेन्द्र के चेहरे पर झुर्रियां आने लगती है उसके बाल पूरे सफेद होने लगते है उसका शरीर भी कमजोर होने लगता है इसी के साथ बेहोश हो जाता है जिसके बाद....
BD – (सैनिकों को बुला के) ले जाओ इसे और डाल दो कैद खाने में (योगिनी से) योगिनी ध्यान रहे ये मारना नहीं चाहिए हमें जानना है सबके बारे में कहा है वो सब...
योगिनी – (मुस्कुरा के) जी महाराज...
जिसके बाद धीरे धीरे करके वक्त सालों में बीतता चला गया अब धरती लोक के शिव जी के उस मंदिर में जगन्नाथ के साथ रानी सुनंदा और उनकी दासी अग्निशा ही थी एक पुजारिन की वेश भूषा में जो सिर्फ आरव के आने का इंतजार कर रही थी....
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जारी रहेगा![]()
Bahot badhiya shaandar updateUPDATE 5
DHARTI LOK
सुबह के 10 बज रहे थे एक कमरे में एक लड़का और एक लड़की बिना कपड़ों के एक दूसरे की बाहों में बाहे डाले सो रहे थे
तभी लड़के का फोन बजने लगा जिससे उस लड़के की नींद टूट गई फोन में नंबर देख उठा के...
लड़का – (कॉल उठा के) क्या हुआ बे सुबह सुबह क्यों गान्ड में उंगली कर रहा है मेरे...
सामने से – चल बे भोसडीके टाइम देख सुबह के 10 बज रहे है अभी...
लड़का – (चौक के) क्या 10 बज रहे है....
सामने से – और नहीं तो क्या हरामखोरो चल जल्दी तैयार होके रूम में आजा...
बोल के कॉल कट कर दिया जिसके बाद लड़का फोन को वापस रख पलट के लड़की को देखता है जो अभी तक उस लड़के की बाहों में सो रही थी उसके सिर पे हाथ फेर के...
लड़का – (प्यार से लड़की से) उठो निधि देखो सुबह हो गई है...
निधि – (नींद में) सोने दो न साहिल पूरी रात सोने नहीं दिया तुमने...
सही समझे आप ये लड़का कोई और नहीं साहिल है कहानी का हीरो....
साहिल – (मुस्कुरा के) उठ जाइए निधि मैडम सुबह के 10 बज गए है...
निधि – (वक्त का सुन के झटके से उठ के) क्या 10 बज गए है इतनी देर तक सोती रही मै...
साहिल – जी मैडम...
निधि – (साहिल से गले लग के) दो दिन तुम्हारे साथ इतनी जल्दी बीत गए साहिल पता ही नहीं चला यार...
साहिल – हा मैडम ये दो दिन आपके साथ कब निकल गए पता नहीं चला मैडम...
निधि – (थोड़ा मायूस होके) वैसे आज मै अपने गांव जा रही हूँ क्योंकि अगले हफ्ते मेरी शादी है...
साहिल – (चौक के) क्या शादी आपकी और आपने बताया क्यों नहीं मुझे...
निधि – (मुस्कुरा के) वो इसीलिए मेरे भोले बालम मैने सोचा तेरा भी आखिरी साल है स्कूल में और मेरा भी इसके बाद जाने मिल भी पाएंगे की नहीं तो जाने से पहले ये दो दिन अपने इस भोले बालम के नाम कर जाऊं...
साहिल – हा मै भी चला जाऊंगा जाने अब कहा जाऊंगा कौन से कॉलेज में...
निधि – हम्ममम चल कोई बात नहीं सच कहूं अगर उम्र की बात न होती तो अपने पिता को बोल के तेरे से शादी करती मै....
साहिल – क्या मै इतना अच्छा हूँ...
निधि – (मुस्कुरा के) अच्छा नहीं बहुत अच्छा है तू मेरे स्टूडेंट में तू मेरा खास स्टूडेंट है मेरा भोला बलम....
साहिल – अब तो आपका बलम कोई और बनने वाला है....
निधि – बनने दे उससे क्या होगा मै तुझे भूल थोड़ी जाऊंगी तेरा प्यार मेरे साथ रहेगा हमेशा के लिए...
साहिल – (चौक के) क्या मतलब है इस बात का....
निधि – (मुस्कुरा के) कुछ नहीं मेरे भोले बलम चल जल्दी से मै तैयार हो जाती हूँ दोपहर की बस से गांव निकलना है मुझे तू भी तैयार होजा...
कुछ देर में दोनों तैयार हो जाते है जिसके बाद साहिल जाता है निधि को बस में छोड़ने तब...
निधि – (साहिल से) अच्छा साहिल चलती हूँ अपना ख्याल रखना...
बोल के निधि बस में चढ़ गई जिसके बाद बस निकल गई वहां से तब साहिल चलते चलते आ गया एक फ्लैट के अंदर आते ही...
सामने से – आ गया गान्ड मरा के भोसडीके...
साहिल – चल बे अपने काम मुझे मत बता कमल ये तुझे ज्यादा पसंद है...
कमल – अच्छा तो कहा था तू दो दिन से...
साहिल – कही नहीं यार वो निधि मैडम के साथ था मै...
कमल – अच्छा कोई और नहीं मिला तुझे अपने क्लास टीचर को पता लिया तूने...
साहिल – मैने थोड़ी पटाया उसने पटाया मुझे यार...
कमल – चल चल मुझे ज्यादा जान मत दे 4 साल से देख रहा हूँ तुझे और निधि मैडम का पढ़ाई तक ठीक था लेकिन साल भर से कुछ ज्यादा ही पढ़ाई होने लगी है तुम दोनों की क्यों बे....
साहिल – चल अब जाने दे बात को वैसे भी निधि मैडम अपने गांव चली गई है अगले हफ्ते उसकी शादी है...
कमल –(हस्ते हुए) ओह हो तब तो तेरी दुनिया ही हिल गई होगी क्यों सही कहा ना....
साहिल – (घूर के देखते हुए) क्या फालतू की बक बक किए जा रहा है बे तू भी तो 2 साल से इंग्लिश टीचर के साथ मौज कर रहा था...
कमल – (हस्ते हुए) जलन हो रही है क्या...
साहिल – मै क्यों जलने लगा तेरे से...
कमल – अबे मेरे से नहीं इंग्लिश टीचर की बात कर रहा हूँ मै....
और फिर दोनों हंसने लगे जोर से जिसके बाद...
कमल – (हस्ते हुए) और बता अब क्या करने का इरादा है क्लास 12 तो खत्म हो गया रिजल्ट मिल गया है अब आगे का क्या....
साहिल – (कुछ सोचते हुए) हम्ममम कल दादी आ रही है मिलने फोन पे बात हुई थी उन्होने पूछा भी था इस बारे में फिर खुद ही बोली कि बाद में बात करेंगे इस बारे में...
कमल – मतलब कल दादी लेने आ रही है तुझे...
साहिल – मुझे नहीं लगता ऐसा कुछ है खेर जाने दे कल की कल देखते है यार......
कमल – हा भाई चल मै जा रहा हूँ सोने 2 दिन से सही से सो नहीं पाया हूँ यार...
साहिल – मै भी...
दोनों हस्ते हुए सोने चले गए कमरे में....
थोड़ा अपने बारे में बता देता हूँ मेरा नाम तो आप सब जानते है तो शॉट में कुछ बात क्लियर बता देता हूँ मै अपने दोस्त के साथ अपने गांव के बाहर शहर में रहता हूँ मेरे दोस्त का नाम कमल है इसका इस दुनिया में कोई नहीं सिवाय मेरे और मेरा इस दुनिया में सिर्फ दो लोग है एक मेरा दोस्त कमल और दूसरा मेरी प्यारी दादी (सरला देवी) कहने को मेरा परिवार बहुत बड़ा है लेकिन उनके लिए मै मर चुका हु इसीलिए नहीं कि मैं मनहूस हूँ बल्कि उनके लिए मै एक कातिल हूँ और कातिल भी किसका अपने दादा जी (प्रताप सिंह) का जबकि सच तो मै जनता हूँ लेकिन मुझे सही से कुछ याद नहीं क्योंकि जब दादा जी का कत्ल हुआ तब मै वही था लेकिन उस वक्त मुझे ऐसा अटैक लगा जिसके बाद से लेके आज तक मुझे वो अटैक लगते रहते है जिसमें 10 मिनिट के लिए मै जैसे सो जाता हु जब उठता हु तो एक और अटैक के साथ जो मुझे अपने सपने में लगता है जिसमें हर बार अपने दादा जी को मरते देखता हूँ लेकिन मुझे उस कातिल का चेहरा नहीं दिखता है दादा जी के चेहरे के इलावा सब धुंधला सा दिखता है , मुझे लगने वाले अटैक के बारे में दादी और कमल जानते है साथ ही निधि , मेरी दादी ने मुझे कई बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया लेकिन कोई नहीं जान पाया मेरी इस अटैक का असली कारण खेर कई सालों से मै बाहर शहर में रहके पढ़ाई कर रहा हूं ये सब मेरी दादी ने जो किया मेरे लिए किया है अब तो मेरे 12 के एग्जाम हो गए और रिजल्ट भी आ गया है अब जाने कहा जाऊंगा कहा भेजेगी दादी मेरी मुझे आगे की पढ़ाई के लिए ये सिर्फ मेरी दादी जानती है जब वो आएगी तब बताएगी कहा मेरी आगे की पढ़ाई होगा खेर शाम को हम दोनों की नींद खुली फ्रेश होके तैयार होके हम दोनों बाहर टहलने निकले और बाहर से खाना खा के वापस आके सो गए जल्दी क्योंकि कल दादी आने वाली है अगली सुबह मेरी नींद टूटी फोन कॉल से नंबर देख तुरंत फोन उठाया...
साहिल – (कॉल पे) हेलो दादी कैसे हो आप...
दादी (सरला देवी) – मै अच्छी हूँ मेरे लल्ला तू बता क्या कर रहा है....
साहिल – अभी उठा हूँ...
दादी – जल्दी से तैयार होजा लल्ला मै आ रही हूं थोड़ी देर में तेरे पास...
साहिल – ठीक है दादी...
बोल के कॉल कट कर दिया जिसके बाद...
साहिल – (कमल को उठाते हुए) अबे उठा जा बे जल्दी से दादी आ रही है...
लेकिन कमल नहीं उठता जिसे देख साहिल उसके पिछवाड़े में एक जोर की लात मारता है तब...
कमल – (पिछवाड़े पे लात लगने से जमीन में गिरता है) अरे बहनचोद तेरी मां का मारू साले....
साहिल – (बीच में) चल बे बस कर ये रण्डी रोना जल्दी से उठ दादी रस्ते में है यहां आने वाली है....
कमल – (जल्दी से उठ के) क्या दादी आने वाली है...
साहिल – हा चल जल्दी से तैयार होजा मै भी तैयार होने जा रहा हूँ...
जिसके बाद दोनों तैयार होते है तभी उनके घर की घंटी बजती है जिसे साहिल खोलता है सामने दादी खड़ी थी और उनके साथ एक लंबा आदमी...
साहिल दादी को देख पैर छू के गले लग जाता है...
दादी – (मुस्कुरा के) कैसा है मेरा लल्ला...
साहिल – आपको देख के अब बहुत अच्छा हो गया हूँ दादी...
दादी – (मुस्कुरा के सिर पे हाथ फेर के) लल्ला इनसे मिल (अपने साथ वाले आदमी का परिचय देती है) ये मेरा छोटा भाई है रिश्ते में ये तेरे दादा लगते है इनका नाम धीरेन्द्र सिंह है इनकी बेटी की शादी है अगले हफ्ते तुझे न्यौता देने आए है....
साहिल – (धीरेन्द्र के पैर छू के) प्रणाम दादा जी...
साहिल का ऐसा व्यवहार देख उनके चेहरे पे मुस्कान आ जाती है जिसके बाद...
धीरेन्द्र – (साहिल के सिर पे हाथ फेर के) हमेशा खुश रहो बेटा अगले हफ्ते मेरी बेटी की शादी है तुम्हे भी शामिल होना है हमारे साथ मै चाहता हूँ मेरा पूरा परिवार शादी में एक साथ रहे....
दादी – (कमल को देख जो दरवाजे के पीछे छिपा हुआ था उसका कान पकड़ के) क्यों रे ड्रामेबाज वैसे तो बड़ा शेर बन के फिरता रहता है सबके सामने बस मेरे सामने भीगी बिल्ली बन जाता है...
कमल – आआ दादी मा लग रही है जोर से....
दादी – चल पहले ये बता तू दरवाजे के पीछे क्यों छुपा हुआ था....
कमल – वो दादी आप हर बार आते ही मुझे डांटने लगते हो इसीलिए मैं छुप गया था सौरी दादी मा अब से ऐसा नहीं होगा....
दादी – (कमल के काम छोड़ के) क्यों ना डॉट लगाऊं तुझे तू भी तो मेरा शरारती पोता है...
कमल – (मुस्कुरा के) वो तो मै हूँ दादी मा...
दादी – (अपने बैग से दो टिफिन निकाल के देते हुए) ये ले तुम दोनों के लिए मै गाजर का हलवा बना के लाई हूँ खा लेना अभी गर्म है...
कमल – वाह हलवा I Love You दादी मा मुझे हलवा बहुत पसंद है....
दादी – (कमल और साहिल से) चलो अब तुम दोनों जल्दी से अपना सारा सामान पैक करके तैयार हो जाओ अपने दादा के साथ गांव जाना है शादी है अगले हफ्ते उनके काम में हाथ बताना है दोनों को समझे....
साहिल – ठीक है दादी लेकिन....
दादी – तू चिंता मत कर लल्ला कोई तुझे कुछ नहीं बोलेगा मैने पहले ही समझा दिया है सबको अब जल्दी से पैकिंग करो बाकी बाते गांव में आके करेंगे हम लोग...
साहिल – तो क्या आप नहीं चल रही है हमारे साथ...
दादी – नहीं लल्ला हमलोग कल शाम तक आयेगे गांव में...
साहिल – ठीक है दादी...
धीरेन्द्र – अच्छा बच्चों तुम दोनों जल्दी से अपना सामान लेके नीचे चलो गाड़ी तैयार खड़ी है 2 घंटे लगेगे गांव पहुंचने में...
जिसके बाद साहिल और कमल ने अपना सामान पैक कर बैग लेके नीचे गाड़ी में रख के निकल गए धीरेन्द्र के साथ गांव की तरफ जबकि दादी अपनी कार से निकल गई अपने गांव की तरफ....
दो घंटे के सफर के बाद तीनों गांव में आ गए धीरेन्द्र ने अपनी हवेली के बाहर गाड़ी रोक के साहिल और कमल को उतार के...
धीरेन्द्र – (साहिल और कमल से) बच्चों ये है हमारी हवेली तुम दोनों अन्दर जाओ आराम करो मै कुछ देर में आता हु गांव वालो से मिल के (गेट में खड़े चौकीदार को बुला के) इन दोनों को अन्दर ले जाओ बहू और बिटिया से मिलाव देना मै कुछ देर में आता हु...
चौकीदार – जी मालिक...
जिसके बाद धीरेन्द्र निकल जाता है चौकीदार साहिल और कमल को लेके हवेली का दरवाजा खटखटाता है तभी दरवाजा खुलता है तो सामने एक खूबसूरत लड़की और उसके साथ एक औरत खड़ी होती है...
चौकीदार – मालकिन बड़े मालिक के साथ दो मेहमान आय है बड़े मालिक उन्हें छोड़ गांव वालो के पास गए है...
तभी साहिल और कमल पलट के सामने वाले को देखते ही...
दोनों एक साथ हैरानी से – आप...
सामने खड़ी लड़की – (पहले हैरान होती फिर अचानक से मुस्कुरा के) आ गए तुम दोनों....
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जारी रहेगा![]()
पात्र परिचय बडा ही खुबसुरत हैं भाई मजा आ गयाINTRODUCTION
Pratap Singh – (dada) 76 saal
Sarla – (dadi) 69 saal inke 3 Bete or 2 Betiya hai
1. Rajesh Singh – (bade papa) 49 saal
Reena – (badi maa) 45 saal inki 2 Twins beti or 1 Beta hai
Sonam – 23 saal
Poonam – 23 saal
Riky – 20 saal
2. Ranveer Singh – (papa) 45 saal
Suman – (Maa) 38 saal inka 1 Beta or 1 Beti hai
Sahil Singh – 20 saal (HERO)
Kavita – 18 saal (choti behen)
Kamal – 20 saal HERO ka khass dost
3. Dheeraj Singh – (chote papa) 42 saal
Sunaina – 38 saal inke Judva bacche hai
Khushi – 19 saal
Avni – 19 saal
4. Amrita – (badi bua) 47 saal
Sumant Singh – (bade fufa) 50 saal inke 1 beta or 2 Betiya hai
Mayank – 26 saal
Shivani – 23 saal
Surbhi – 21 saal
5. Sunita Singh – (choti bua) 39 saal
Hemant Singh – (chote fufa) 45 saal inki 2 Betiya hai
Shabanam – 23 saal
Payal – 21 saal
Jagannath Baba – Mandir ke Pujari
Samantha – ek khoobsurat Pari
DEVIl LOK
SUNANDA – Devil Princess sath he Aarav or BD ki Maa
Aarav – Devil Prince
Pari – Devil Prince ki pehli Bivi
Lisa – Devil Prince ki Dosri Bivi
Sheena – Devil Prince ki Tisri bivi
Anjila – Devil Prince ki Chauthi Bivi
BD Devil – Devil Prince ka Judva Bhai (Bad Devil)
Samara – BD ki Bivi
Yogini – BD ki Rakhel
Gyanendra – Devil Lok ke Kulguru