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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

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UPDATE 9


शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...

रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...

सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...

रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...

सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...

सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...

सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...

सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...

सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...

रामू – जी काकी...

बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...

रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...

सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...

रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...

सुमन – (गुस्से में) दीदी...

रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...

बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...

SAPNE ME

साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...

सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...

परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...

तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...

साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...

जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...

साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...

सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...

साहिल – (रात की बात याद करके) I M Sorry मेरी वजह से आपको भी तकलीफ हुई...

सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...

तभी निधि बात बदलते हुए...

निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) छोड़ो ना बुआ उस बात को...

निधि – (साहिल को इस तरह से मुस्कुराता देख) ओह हो अब तो नहीं छोड़ने वाली हूँ मै बता तो क्या सपना देखा तूने कौन थी सपने में तेरे...

साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...

सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...

साहिल – उसका नाम परी था...

कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...

कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...

साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...

सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...

कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...

सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....

कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...

निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...

सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...

निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...

सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...

बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...

निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...

साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...

निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...

ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...


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साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...

निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...

साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...

निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...

साहिल – क्या...

निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...

साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...

निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...

साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...

निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...

साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...

बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...

साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...

निधि – किसने मारा था दादा जी को...

साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...

निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...

साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...

निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...

साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...

निधि – क्या मतलब इस बात का...

साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...

निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...

निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...

तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...

निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...

निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...

निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...

निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...

साहिल – किसकी बहन है वो...

निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....

साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...

निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...

साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...

निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...

साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...

निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...

साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...

निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...

साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...

निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...

साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...

निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...

साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...

निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...

साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...

निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...

साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...

निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...

साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...

निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...

साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...

निधि – हा साहिल....

साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...

निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...

इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में



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जारी रहेगा✍️✍️
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Naik

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UPDATE 7


शाम के समय शहर के बीचों बीच में खड़ी एक अलीशा हवेली के कमरे में सरला देवी (दादी) अपने कमरे में किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी उनके चेहरे को देख के इस लग रहा था मानो किसी गहरी चिंता में डूबी हुई है तभी उनके कमरे में उनकी पोती (खुशी) हाथ में चाय लिए आती है...

खुशी – (कमरे में चाय लाते हुए) दादी चाय...

लेकिन जैसे सरला देवी का ध्यान इस वक्त कही और था जबकि कई बार खुशी ने चाय के बारे में बोला सरला देवी से लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया तब...

खुशी – (सरल देवी के कंधे पे हाथ रख के) दादी क्या बात है आप ठीक हो...

सरला देवी – (अपनी सोच से बाहर आके अपने कंधे पर अपनी पोती खुशी का हाथ देख) अरे बेटा तू कब आई कोई काम था क्या...

खुशी – दादी मै कब से आपको आवाज दे रही थी क्या हुआ दादी आप ठीक हो ना...

सरला देवी – (हल्का मुस्कुरा के) हा बेटा मै ठीक हूँ तू बता कोई काम था क्या...

खुशी – चाय देने आई थी आपको दादी...

सरला देवी – अच्छा रख दे मै पी लूंगी...

खुशी – (चाय टेबल पे रख के) क्या बात है दादी आप किस ख्याल में डूबी हो बताओ ना...

सरला देवी – कही नहीं बेटा बस ऐसे ही कुछ सोच रही थी...

खुशी – किस बारे में सोच रहे थे आप...

सरला देवी – (खुशी को देख हल्का मुस्कुरा के) कुछ नहीं बेटा तू छोड़ और बता कुछ नया हुआ क्या घर में...

खुशी – (मुस्कुरा के) होना क्या है आज दादी जाने किस ख्याल में खोई हुई थी देख के ऐसा लगता था जैसे दादी की जगह फूलन देवी हो...

बोल के हंसने लगी जिसे देख सरला देवी हंसने लगी तब...

सरला देवी – (गुस्से का नाटक करते हुए) अच्छा मै फूलन देवी हूँ रुक तुझे अभी बताती हु खुशी की बच्ची बहुत बोलने लगी है तू...

बोल के सरला देवी खुशी के पीछे आई तब तक खुशी कमरे के बाहर आ गई साथ में सरला देवी भी तब...

खुशी – (अपने कमरे में जाने के लिए सीडीओ में चढ़ते हुए पलट के बोली) और नहीं तो क्या कहा मेरी ऐश्वर्या राय दादी आज फूलन देवी बन गई...

बोल के अपने कमरे में चली गई हस्ते हुए उसके जाते ही सरला देवी भी हंसने लगी तभी सुमन और सुनैना हाल में आ गई आते ही...

सुमन (साहिल की मां) – (सरला देवी से) क्या हुआ मा...

सरला देवी – (हस्ते हुए) कुछ नहीं खुशी की बात सुन के हसी आ गई...

तभी पलट के अचानक से सरला देवी की नजर दीवार पे बने एक छोटे से छेद में गई जिसे देख सरला देवी की हसी जैसे कही गायब हो गई अब सरला देवी की चेहरे से हसी की जगह गंभीरता आ गई साथ ही आंख से आंसू की एक बूंद जिसे देख...

सुनैना (साहिल की छोटी चाची) – (सरला देवी के कंधे पे हाथ रख के) क्या हुआ मा...

सरला देवी – (बिना पलटे सुनैना से) कुछ नहीं बहू ऐसा लगता है मेरे मरने के बाद भी मेरी आत्म भटकती रहेगी अपने बच्चे की चिंता लिए...

सरला देवी की बात सुन सुमन और सुनैना समझ जाते है कि साहिल के बारे में सोच रही है सरला देवी तभी...

सुमन – मा आप कुछ ज्याद नहीं सोच रही है और ये क्या बात बोले जा रही हो आप बुरी चीजों के बारे में कभी सोचा नहीं करते आपका परिवार आपके साथ है हमेशा बस आप ऐसी बाते मत सोचा करिए मा...

सरला देवी – एक मा के लिए उसका बच्चा क्या होता है ये तो वही मा समझ सकती है सिर्फ बाकी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है सुमन...

आज पहली बार सुमन ने अपनी सास सरला देवी के मू से बहु की जगह अपना नाम सुन के चुप हो गई जिसके बाद....

सरला देवी – इन्होंने (अपने पति) इतनी मेहनत से इतनी बड़ी हवेली बना दी लेकिन उन्हें क्या पता इतनी बड़ी हवेली में रहने वाले लोगों का दिल कितना छोटा है जो सालों से सिर्फ नफरत की आग में जल रहे है इतनी भी शर्म नहीं रही उनमें अपनी इस नफरत की आग में अपने बच्चों को भी शामिल कर दिया सुमन शायद इसीलिए ऊपर वाले ने सजा दी है हमें जो हमारे बाद हमारे नाम का चिराग जलाने वाला होते हुए भी हमें नसीब में नहीं दिया शायद इसीलिए ऊपर वाले ने सिर्फ बेटियां दे दी हमें...

सरला देवी की ऐसी कड़वी बात सुन के सुमन और सुनैना ने अपने मू पे हाथ रख लिया साथ ही दोनों की आंखों से आंसू निकल आए तभी घर में एक आदमी आया आते ही...

आदमी – (सरला देवी से) प्रणाम काकी आपने बुलाया मुझे...

सरला देवी – हा रामू मैने इसीलिए बुलाया है कि कल हम सब गांव जा रहे है तुम गाड़ियों को अच्छे से देख लो क्योंकि कल मुझे कही जाना है उसके बाद वही से गांव जाऊंगी...

रामू – ठीक है काकी मै देख लेता हु...

बोल के रामू चला गया उसके जाने के बाद...

सरला देवी – (बिना देखे सुनैना और सुमन से) कल गांव जा रहे है हम याद रखना गलती से भी कोई गलती न होने पाय किसी से भी साथ ही बच्चों को भी समझा देना वर्ना कही और घर देख लेना अपने रहने के लिए अपने जिगर के टुकड़े के लिए जितना बरदाश करना था कर लिया मैने अब और नहीं...

बोल के सरला देवी अपने कमरे में चली गई उनके जाने के बाद सुमन और सुनैना रोते हुए अपने कमरे में चली गई जैसे ही सुमन अपने कमरे में आई तभी उसकी बेटी कविता ने अपनी मां को रोते देखा....

कविता (साहिल की बहन) – (अपनी मां को रोता देख) क्या हुआ मा आप रो क्यों रहे हो बताओ...

लेकिन सुमन कुछ नहीं बोलती फिर...

कविता – आखिर बात क्या है मा क्यों रोए जा रही हो आप...

सुमन – (अपने आंसू पोछते हुए) कुछ नहीं बस ऐसे ही रोना आ गया...

कविता – क्यों झूठ बोल रही हो मा ऐसे ही कोई रोता ही क्या भला अब बताओ भी बात क्या है...

सुमन – नहीं कोई बात नहीं है बस अपने मम्मी पापा की याद आ गई थी मुझे....

कविता – ओह मै तो डर गई थी जाने क्या होगया आपको....

सुमन – चल जाने दे कल चलने की तैयारी कर ली है ना तूने अपनी...

कविता – हा कर ली है मा...

सुमन – ठीक है और हा ध्यान रखना एक बात का कल वो मिलेगा गांव में कोई बात चित मत करना उसके बारे में तेरी दादी ने बोला बताने को वर्ना घर में आने नहीं देगी दादी किसी को हवेली में समझी अब जाके बाकी बच्चों को भी बता दे....

जिसके बाद कविता कमरे से निकल तो गई लेकिन अपनी किसी सोच में डूबे हुए जाने लगी थी जबकि इधर सुनैना के कमरे में उसकी दोनों बेटियां ने जब अपनी मां को रोता हुआ कमरे में आता देखा तब उन्होंने भी पूछा लेकिन जवाब नहीं मिला जिसके बाद सुनैना ने भी अपनी दोनों बेटी को वही कहा जो सुमन ने बोला अपनी बेटी को गांव के लिए जिसके बाद खुशी और अवनी भी कमरे से बाहर निकली सोनम और पूनम (साहिल की कजिन बहन) के कमरे में जाने के लिए बाहर निकलते ही कविता मिली और मिलते ही...

कविता – तुम दोनों कहा जा रहे हो...

खुशी – हम तो सोनम और पूनम दीदी के कमरे में जा रहे है लेकिन आप कहा जा रही हो...

मै तुम दोनों के पास आ रही थी वो कल गांव चल रहे है हम सब तो मा ने बोला कि सबको बता दे...

खुशी – (बीच में) की उस कातिल से कोई बात ना करे यही ना...

कविता – हा लेकिन तुम्हे कैसे पता...

खुशी – अभी मा भी जाने क्यों रोते हुए कमरे में आई हमने पूछा भी क्यों रो रही है लेकिन नहीं बताया कुछ भी...

कविता – हा यही हाल मेरे मा का भी था...

अवनी – हो ना हो उस कमीने की जरूर बात हुई है जिस वजह से हमारी मां बोल रही है हमें इस बारे में लेकिन समझ में नहीं आई बात की मा किस बात को लेके रो रही थी...

बोलते बोलते तीनों सोनम और पूनम के कमर एम आ गए आते ही उन्हें सब कुछ बता दिया जिसके बाद...

सोनम – देख यार वैसे भी हमारा कोई मतलब नहीं उस कातिल से जो हम उसके बारे में बात करके अपना मन खराब करे वो उसका और दादी का मैटर है हमारा क्या लेना देना हम सिर्फ शादी में चल रहे है शादी होते ही हम अपने घर में होगे और रही उसकी बात तो शायद धीरेन्द्र दादा ने उसकी औकात के हिसाब से उसे बुलाया होगा ताकि काम करवा सके उससे वैसे भी उसका इस घर से कोई ताल्लुख नहीं तो हमें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है इस बारे में...

पूनम – और न ही तुम लोगों को सोचने की जरूरत है वैसे भी गली के कुत्ते की तरह है तोड़ रहा होगा वहा पर मुफ्त की रोटियां....

खेर आप लोगों को समझ में आया ही होगा कि यहां क्या और किसके बारे में बाते चल रही है चलो चलते है गांव की तरफ जहां साहिल और कमल घूमने निकले है दोनों ही अपनी मस्ती में गांव के खेतों में घूम रहे थे चलते चलते उन्हें खेतों में काम करने वाले कई लोग दिखे साथ ही उन सब ने भी इन दोनों को देखा वजह ये थी कि साहिल और कमल अपनी मस्ती चलते जा रहे थे लेकिन खेतों में काम करने वालों की नजर इसीलिए चली गई इन दोनों पे क्योंकि ये दोनों चलते चलते जंगल की तरफ जा रहे थे तभी साहिल और कमल ने मस्ती की एक दूसरे से जिसके बाद साहिल तेजी से भागा और उसके पीछे कमल भागा हस्ते हुए और तभी एक गांव वाले ने आवाज लगाई चुकी साहिल तेजी से आगे की तरफ भाग रहा था तो उसे आवाज नहीं सुनाई दी लेकिन कमल आवाज सुन रुक गया तभी गांव वाला कमल के पास आके...

गांव वाला – (कमल से) बेटा कहा भागे जा रहे हो तुम...

कमल – कही नहीं काका वो मेरा दोस्त मस्ती कर रहा था उसके पीछे भाग रहा था लेकिन बात क्या है काका....

गांव वाला – बेटा तुम उस जंगल की तरफ मत जाओ वो श्रापित है जंगल...

कमल – (चौक के) कौन सा जंगल काका कैसा जंगल....

गांव वाला – वही बेटा जहां तुम और तुम्हारा दोस्त भाग रहे थे...

कमल – (गांव वाले की बात सुन जैसे ही पलता देखा साहिल नहीं है वहां पर) ये साहिल कहा गया...

बोल के कमल आगे जंगल की तरफ जाने लगा जिसे देख गांव वाले ने कमल का हाथ पकड़ लिया तब....

गांव वाला – रुक जाओ बेटा मत जाओ उस जंगल में वहां पर जाने वाला कभी वापस नहीं आया....

कमल – (गांव वाले से अपना हाथ छुड़ा के) ऐसी बेतुकी बातों को मै नहीं मानता काका...

तभी वहां पे गांव के और लोग भी आ गए जो कमल को रोकने लगे थे लेकिन कमल मानने को तैयार नहीं था काफी बहस होने लगी तभी एक रौबदार आवाज आई जिसे सभी गांव वाले उसे देख...

सभी गांव वाले – प्रणाम राघव बाबू...

राघव – प्रणाम क्या बात है आज सब यहां पे...

तभी एक गांव वाले ने सारी बात बताई राघव को जिसे सुन के....

राघव – (कमल से बात करता है) कौन हो तुम बेटा यहां गांव में किस लिए आए हो...

तभी कमल सारी बात बताता है जिसे सुन के...

राघव – तुम्हारा कहने का मतलब है साहिल जंगल में चल गया (कुछ सोच के सभी गांव वालो से) मशाल लेके आओ हमें जाना होगा इस जंगल में अभी....

यहां ये सब चल रहा था जबकि साहिल जब तेजी से भाग के जंगल में आया था तभी कुछ देर बाद साहिल ने पलट के देखा तो खुद को अकेले पाया जंगल में इसे पहले साहिल कुछ समझ पाता तभी उसे किसी की चीख सुनाई दी जो साहिल के आस पास कही से आ रही थी आवाज की दिशा में थोड़ा आगे बढ़ा ही था साहिल तभी उसने देखा एक लड़की जो पैर पकड़ के पेड़ के नीचे बैठी थी जब साहिल उसके पास गया तभी...

साहिल – (लड़की से) आप क्यों रो रहे हो क्या हुआ आपको...

लड़की – (साहिल तरफ देख) आप मुझसे बात कर रहे हो...

साहिल – हा आपके इलावा कौन है यहां पर और आपके पैर में क्या हुआ है....

लड़की – मेरे पैर में काटा लग गया है...

साहिल – लाइए मै देख लेता हु...

लड़की – नहीं नहीं आप रहने दो मै ठीक हो जाऊंगी अपने आप...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) हा लेकिन उससे आपका दर्द तो कम नहीं होगा ना वर्ना आप अपने घर कैसे जाओगे यहां से...

तभी साहिल लड़की के पैर को देखता जहां पे काटा लगा हुआ था उसे धीरे से निकलता है जिसके बाद लड़की जमीन में पैर रखती है उसे फिर से हल्का दर्द होता है तभी...

साहिल – एक मिनिट मै कुछ करता हु...

तब साहिल अपनी जेब से रुमाल निकाल के उसे अच्छे से लड़की के पैर में बांधता है...

साहिल – अब पैर नीचे रख के खड़ी हो जाओ...

जैसे ही लड़की खड़ी होती है उसे अब दर्द नहीं होता है तब हल्का सा मुस्कुरा के....

लड़की – शुक्रिया आपक आपने मेरी मदद की...

साहिल – कोई बात नहीं लेकिन आप अकेले इस जंगल में क्या कर रहे हो...

लड़की – (मुस्कुरा के) आप भी तो अकेले हो जंगल में...

साहिल – हा मै अपने दोस्त के साथ था थोड़ी मस्ती कर रहे थे तभी मैने आपकी आवाज सुनी तो यहां आ गया...

लड़की – अकेले जंगल में आपको डर नहीं लगा...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) पहले डरता था मै लेकिन अब डर नहीं लगता है किसी का भी , क्या मै आपको जंगल के बाहर तक छोड़ दूं....

लड़की – (एक तरफ इशारा करके) वो मेरा घर है मै यही रहती हु...

साहिल – (लड़की के घर की तरफ देखता है जो काफी सुंदर लगता है वहां से साहिल को सड़क भी दिखती है जिसके बाद) ओह तो यहां से सड़क भी जाती है और मै सोच रहा था आप इस जंगल में घर कैसे बनवाया होगा...

लड़की – आइए मेरे घर में...

साहिल – अरे नहीं अभी मुझे जाना होगा वो क्या है ना मै यहां शादी में आया हु जो अगले हफ्ते है आप भी गांव में रहते हो आप तो आओगे ना शादी में...

लड़की – अगर आप बुलाओगे तो जरूर आओगी....

साहिल – (पहले मुस्कुराता है फिर अचानक से) अरे इतनी देर से हम बात कर रहे है लेकिन मैने तो अपना नाम बताया नहीं आपको मेरा नाम साहिल है और आपका....

लड़की – मेरा नाम सेमेंनथा है...

साहिल – बहुत खूबसूरत नाम है आपका अच्छा चलता हूँ ख्याल रखिएगा आप अपना...

सेमेंनथा – फिर कब आओगे तुम....

साहिल – कल आऊंगा मै उसके बाद का कह नहीं सकता क्योंकि शादी में नहीं बल्कि शादी के साथ उसमें होने वाले काम में हाथ भी बताने आया हु मै वैसे आप तो आओगे ना शादी में....

सेमेंनथा – आप बुलाओगे तो जरूर आऊंगी...

साहिल – अच्छा ठीक है मै कल आपको न्योता देने आऊंगा पक्का अच्छा चलता हूँ मै...

बोल के साहिल जाने लगा तभी पीछे से...

सेमेंनथा – साहिल सुनो...

साहिल – (पलट के) जी कहिए...

सेमेंनथा – आप इस तरफ से आए हो इस तरफ से जाओ आप आपका दोस्त शायद ढूंढ रहा होगा आपको...

साहिल – ओह शुक्रिया सेमेंनथा अच्छा किया बता दिया वर्ना मैं गलता रस्ते चल जाता (फिर चारों तरफ देख के) अब याद हो गया मुझे ये जगह मै कल आऊंगा फिर से...

बोलके साहिल निकल जाता है जंगल से उसके जाने के बाद सेमेंनथा मुस्कुरा रही होती है तभी अचानक से सेमेंनथा गायब हो जाती है और आ जाती है मंदिर के बाहर जहां एक पुजारी बैठा होता है उसे देख...

सेमेंनथा – (पुजारी को प्रणाम करती है) प्रणाम बाबा (जगन्नाथ)...

जगन्नाथ – क्या बात है पुत्री आप बहुत खुश लग रही हो...

सेमेंनथा – (मुस्कुरा के) हा बाबा आज बरसो के बाद कोई मिला मुझे जो मुझे देख सकता है क्या ये वही है बाबा...

जगन्नाथ – हा पुत्री ये वही है....

सेमेंनथा –(खुश होके) वो मुझे कल शादी में आने का न्योता देने आने वाला है...

जगन्नाथ – हम्ममम कल उसे अपने बारे में बता देना पुत्री....

इस तरफ साहिल जंगल से बाहर आता तो देखता है उसका दोस्त कमल के साथ गांव के कुछ लोग थे जो बात कर रहे थे उनके पास जाके...

साहिल – तू यहां पर है मुझे लगा तू मेरे पीछे आया होगा....

कमल – तू आ गया अच्छा हुआ वर्ना हम तो तुझे ढूंढने आ रहे थे...

साहिल – ढूंढने मुझे लेकिन क्यों...

राघव – (बीच में) तुम्हे उस जंगल में नहीं जाना चाहिए था बेटा...

साहिल – जी आप कौन...

राघव – (मुस्कुरा के) मै तुम्हारा चाचा हूँ बेटा धीरेन्द्र जी का बेटा राघव...

साहिल बात सुन उनके पैर छू के...

साहिल – प्रणाम चाचा...

राघव – (मुस्कुरा के साहिल के सिर पे हाथ रख के) खुश रहो साहिल बेटा और बताओ तुम यहां कैसे हवेली में बोर हो रहे थे क्या...

साहिल – वो दादा जी ने कहा आज से कल अभी काम नहीं है इसीलिए हम दोनों गांव घूमने आ गए...

राघव – (मुस्कुरा के) अच्छा किया बेटा लेकिन अब ध्यान रखना इस जंगल में मत जाना जंगली जानवरों से भरा हुआ है ये जंगल आए दिन जंगली जानवर कभी कभी बाहर आ जाते है खेतों की तरफ इसीलिए यहां कोई नहीं आता है....

साहिल इससे पहले कुछ बोलता तभी कमल बोला...

कमल – चाचा जी शाम होने को आइए घर चले बहुत जोर की भूख लग रही है...

राघव –(मुस्कुरा के) तुम दोनों घर चलो मुझे थोड़ा वक्त लगेगा घर आने में गांव वालो से काम है मुझे...

जिसके बाद साहिल और कमल दोनों निकल गए घर की तरफ दोनों के जाते ही एक गांव वाला बोला...

गांव वाला – (राघव से) मालिक आज तक जो भी इस जंगल में गया कभी वापस नहीं आया लेकिन ये लड़का आ गया वापिस कैसे...

राघव – (मुस्कुरा के) काका ये कोई मामूली लड़का नहीं है ये हमारे प्रताप दादा का पोता है रनवीर भैया का बेटा साहिल है....

गांव वाला – सच में ये रनवीर का बेटा है कितना बड़ा हो गया है मालिक जब छोटा था तब देखा था इसको बहुत खेलता है आपके साथ बचपन में...

राघव – हा काका उसके बाद किस्मत ने जो खेल खेला है इसके साथ तब से आज तक बेचारा परिवार के प्यार को तरस गया है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा मै पिता जी से बात करूंगा ताकि साहिल अब से हमारे साथ रहे हमेशा के लिए....
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जारी रहेगा✍️✍️
Badhiya shaandar update
Saari behne nafrat Karti h Sahil se
yeh ladki ke aisa kia huwa Jo atma banke ghoom Rahi h jungle me
Dekhte h aage kia hota h
Badhiya shaandar update
 

Naik

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UPDATE 8


इस वक्त गांव की हवेली के बाहर से साहिल और कमल साथ में गांव घूम के वापस आते है तो पाते है रागिनी हवेली के लॉन की बेंच में अकेले बैठी हुई थी जिसे देख के...

कमल – (साहिल से धीरे से) क्या बात है ये चाची अकेले क्यों बैठी है लॉन में...

साहिल – पता नहीं चल चल के बात करते है...

कमल – ना भाई अभी नहीं अभी मै जा रहा हूँ फर्श होने पेट भारी हो गया है मेरा तू जाके बात कर ले...

बोल कमल चला जाता है जबकि साहिल जाता है रागिनी के पास जाते ही...

साहिल – क्या बात है चाची आप अकेले क्यों बैठी हो यहां पर...

रागिनी – (साहिल को देख के) आ गए घूम के गांव आप मजा आया गांव घूम के...

साहिल – हा मजा तो आ गया लेकिन आप अकेले क्यों बैठी हो यहां पर...

रागिनी – कुछ नहीं ये अकेला पन तो हर बार का है मेरे लिए जिससे उम्मीद करी वो भी साथ नहीं देता मेरा...

साहिल – चाची फिर से वही बात आप को कैसे समझाऊं अब मैं...

रागिनी – कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है साहिल मै समझ चुकी हूँ सब कुछ...

इससे पहले साहिल कुछ और बोलता तभी रागिनी की बेटी दौड़ते हुए मा मा करते रागिनी की गोद में आते ही...

रागिनी – (गुस्से में) क्या है क्यों चिल्ला रही हो इतना...

बच्ची – (डर से) वो दादा जी खाने के लिए बोल रहे थे बस यही बताने आई थी दादा जी आपको बुला रहे है...

जिसके बाद रागिनी बच्ची को गोद से उतार के चली गई हवेली के अन्दर जबकि साहिल ने बच्ची को गोद में उठा के...

साहिल – (बच्ची से) क्या हुआ प्रिंसेस आप उदास क्यों हो गए...

बच्ची – वो मा बहुत गुस्से में क्यों है...

साहिल – पता नहीं प्रिंसेस...

बच्ची – आपको पता है मा जब भी गुस्से में होती है किसी से बात भी नहीं करती यहां तक कि पापा भी मा के गुस्से से बहुत डरते है...

बच्ची की बात सुन साहिल इस बात के बारे में सोचने लगता है और चला जा है हवेली के अन्दर जहां दादा जी (धीरेन्द्र) बैठे थे साहिल को देख...

धीरेन्द्र – अरे आओ बेटा घूम लिए गांव कैसा लगा तुम्हे...

साहिल – बहुत अच्छा गांव आपका दादा जी...

धीरेन्द्र – अच्छी बात है चलो जल्दी से फ्रेश हो आओ खाना खाते है साथ में...

थोड़ी देर बाद साहिल फर्श होके आ जाता है सबके साथ हाल में खाना खाने जहां सबके साथ एक नया चेहरा बैठा था निधि के साथ जब सब बैठ जाते है खाने के लिए तब...

निधि – (साहिल और कमल से) इनसे मिलो ये है मेरी दोस्त सविता याद है तुम दोनों को या भूल गए उसे..

साहिल तो गौर से देखने लगता है जबकि कमल देखते ही तुरंत...

कमल – अरे सविता तू (इससे आगे बोलता तभी कमल को बाकी सभी का ध्यान आता है तब) मैडम आप...

सविता – (मुस्कुरा के) हा मै क्यों क्या हुआ...

निधि – (कमल को धीरे से आंख मार के) मेरी सहेली है क्यों नहीं आना चाहिए था यहां पर...

कमल – (हड़बड़ा के) नहीं मै मै मैने ऐसा कब कहा आपकी दोस्त है तो जरूर आएगी शादी जो है आपकी...

धीरेन्द्र – (कमल से) तुम जानते हो इनको...

निधि – हा पिता जी सविता भी टीचर थी उसी स्कूल में जहां मै पढ़ाती थी तभी तो कमल और साहिल जानते है इसे...

धीरेन्द्र – अच्छा बहुत अच्छी बात है तो सविता कैसे है दोनों पढ़ने में...

सविता – (कमल को एक नॉटी मुस्कान से) बहुत अच्छे है पढ़ने में ये अंकल और बहुत तेज है हर मामले में दोनों (साहिल और कमल से) क्यों सही कहा ना मैने...

सविता की बात सुन दोनों मुस्कुरा के सिर नीच कर लेते है तब रागिनी खाना रखती है और तभी धीरे से साहिल को इशारा करती है जिसे देख साहिल समझ तो जाता ही लेकिन ध्यान नहीं देता है साथ ही कमल भी देख लेता है रागिनी के इशारे को जो साहिल को कर रही थी जिसके बाद रागिनी तो चली जाती है रसोई में जबकि...

कमल – (धीरे से साहिल से) देखले बेटा कैसे इशारे कर रही है तुझे , लगता है जब तक ये तुझे चख न ले चैन नहीं मिलेगा चाची को...

बोल के कमल धीरे से हंसने लगता है जिसे देख...

साहिल – (धीरे से) ज्यादा दांत मत निकाल भोंसड़ी के मै नहीं आने वाला इस औरत के चक्कर में...

अभी ये बात साहिल ने बोली थी कमल को तभी रागिनी आई आते ही...

रागिनी – (धीरेन्द्र से) बाबू जी रसोई में तेल खत्म हो गया है वो रसोई के ऊपर की दराज स निकलना पड़ेगा वो काफी ऊपर के खाने में रखा है...

धीरेन्द्र – अच्छा रुको मै चलता हूँ...

साहिल – (जब देखा दादा जी खाने के बीच से उठ के जा रहे है तब) दादा जी आप परेशान मत होइए मै चला जाता हु (रागिनी से) चाची कहा प रखा है तेल का डब्बा...

रागिनी – आओ मेरे साथ...

बोल के रागिनी अपने साथ साहिल को ले जाती है रसोई में जैसे ही रसोई के अन्दर आती है तभी...

रागिनी – साहिल मुझे तुमसे एक बात कहनी है पहले मेरी बात सुन लेना फिर बोलना...

साहिल – क्या बात करनी है आपको...

रागिनी – देखो साहिल मैने जो कुछ भी तुमसे कहा करने के लिए बस उसे अपने तक रखना किसी से जिक्र मत करना इस बात का मै नहीं चाहती कि...

साहिल – (बीच में) मै इतना भी बेवकूफ नहीं हूँ चाची की लोगो से गाता फिरू ऐसी बाते और वैसे भी निधि बुआ को तो सब पता है ना इस बारे में की चाचा आपको खुश नहीं रख पाते इसीलिए निधि और अपने ये रास्ता अपनाने की बात कही थी मुझे...

रागिनी – (हड़बड़ा के) हा हा हा निधि को सब पता है इस बात के बारे में लेकिन आप उनसे कुछ मत बोलिए गा वर्ना वो बुरा मान जाएगी...

साहिल – (रागिनी को इस तरह से हड़बड़ाना के बोलना बहुत अजीब लगा जिसके बाद) आप घबराए मत चाची मै किसी को नहीं बोलूंगा ये बात बस आप चाचा का अच्छे से इलाज कराइए क्योंकि आज तो आपने मुझे कही ये बात कही कोई और होता और वो आपका गलत फायदा उठाता तो सोचो चाची कितनी बदनामी होती परिवार की सोचो चाची इस बात को...

रागिनी – (साहिल की बात को समझने के बजाए उल्टा गुस्सा होके) तुम बार बार ये जो मेरी बदनामी की बात कर रहे हो ना ये अच्छा नहीं लग रहा तुम्हारे मू से साहिल जब देखो बस ज्ञान देते हो , (फुल गुस्से में) मुझे तो लगता है औरत को खुश करना तुम्हारे बस में नहीं है तुम भी अपने चाचा की तरह पूरे नामर्द हो जो बाते सिर्फ बड़ी करता लेकिन कर कुछ नहीं पता नामर्द कही के...

साहिल – (रागिनी की बात सुन गुस्से से रागिनी की गर्दन पकड़ उसे दीवार से लगा के) साली कमिनी तुझ जैसी औरत को प्यार की भाषा समझ कहा आती है तेरी जैसे औरतों को सिवाय अपने जिस्म की भूख के आगे किसी का प्यार नहीं दिखता है और तू मुझे नामर्द बोलती है साली मै बताऊंगा तुझे मर्द किसे कहते है...

बोल के रागिनी का गला छोड़ गुस्से में हॉल में चला जाता है खाने की टेबल की तरफ कुर्सी में बैठ के चुप चाप सिर नीचे करके हाथ की मुट्ठी को कस के दबाए रहता है जबकि रसोई में रागिनी अपने गले में हाथ रख के खांसती है और पानी पीती है इस तरफ साहिल गुस्से में बैठा रहता है तभी धीरेन्द्र की नजर पड़ती है साहिल पर जो खाना नहीं खा रहा था तभी...

धीरेन्द्र – (साहिल के कंधे पे हाथ रख) क्या बात है साहिल खाना अच्छा नहीं बना है क्या...

लेकिन साहिल का कोई जवाब नहीं आता तब फिर से धीरेन्द्र बोलता है साहिल को लेकिन फिर भी जवाब नहीं आता तब कमल की नजर पड़ती है साहिल पे उसे गौर से देखता है मन में कुछ सोच के...

कमल – (साहिल के कंधे पे हाथ रख हिलाता है) साहिल , साहिल , साहिल...

तभी साहिल अचानक कमल की तरफ टेढ़ा हो उसके कंधे पे गिरता है जिसे देख कमल को बात समझ आ जाती है...

कमल – (साहिल को संभालते हुए धीरेन्द्र से) दादा जी साहिल को अटैक आया है...

तभी कमल तुरंत अपनी गोद में साहिल को उठा के सोफे पर लेता देता है , निधि और सविता भी साहिल को देख के अपना खाना छोड़ देती है तब...

धीरेन्द्र – (हैरान होके) कमल कैसे हो गया ये सब...

कमल – पता नहीं दादा जी महीने में एक बार आता है ये अटैक साहिल को और अभी 3 दिन पहले ही आया था ये अटैक लेकिन आज फिर से जाने क्या बता हैं...

निधि – मै डॉक्टर को बुलाती हूँ...

कमल – नहीं बुआ डॉक्टर को बुला के कोई फायदा नहीं होगा अगले 10 मिनिट में ठीक हो जाएगा साहिल...

सविता – (कमल से) क्या अभी तक साहिल का इलाज नहीं हुआ इस बीमारी का...

कमल – नहीं , दादी ने कई बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया साहिल को लेकिन कोई नहीं जान पाया साहिल की इस बीमारी के बारे में सभी डॉक्टर का यही कहना है कि साहिल को कोई बीमारी नहीं है...

धीरेन्द्र – तो ये अटैक कैसे आते है...

कमल – जब भी गुस्सा हद से ज्यादा बढ़ जाता है इसका या खून देख लेता है या फिर गोली की आवाज से ऐसा होता है अक्सर साहिल के साथ इसीलिए हमलोग कभी मूवी देखने नहीं जाते थे अपने रूम में भी हमने टीवी नहीं लगाई कभी दिवाली तक में फ़टाके नहीं जलाते थे हम लोग...

असल में धीरेन्द्र को जानकारी थी पहले से साहिल के बारे में जो उसकी बड़ी बहन सरला देवी (दादी) ने बताया था लेकिन आज कमल के जरिए धीरेन्द्र को पूरी जानकारी मिली साहिल पे आने वाले अटैक की वजह का खेर कुछ ही देर में 10 मिनिट बीत गए जिसके बाद साहिल झटके से उठ गया और उठते ही...

साहिल – (डर से घबरा के) दादा जी (बोल के जोर से सास लेते हुए डर से) मार दिया उसने , मार दिया उसने दादा जी को वो वो वो मुझे भी मार देगा...

इस वक्त साहिल डर और घबराहट से बोलने लगता है जिसे देख...

कमल – (साहिल को संभालते हुए) कुछ नहीं हुआ साहिल सब ठीक है कोई नहीं मरेगा तुझे....

साहिल – (उसी डर और घबराहट से लंबी सास लेते हुए) नहीं वो मार देगा मुझे भी मार देगा वो कमल मार देगा मुझे...

धीरेन्द्र , निधि और सविता इस तरह से साहिल की ऐसी हालत देख उन्हें भी चिंता होने लगती है धीरेन्द्र को तो समझ नहीं आ रहा था जिस साहिल से पहले मिला क्या ये वही साहिल है जो इस वक्त एक छोटे बच्चे की तरह डरा सहमा सा है तब...

निधि – (साहिल के पास बैठ गले लगा के) कुछ नहीं होगा साहिल सब ठीक है कोई तुझे कुछ नहीं करेगा हम सब है तेरे साथ डरो मत तुम...

बोल के साहिल को गले लगाए रहती है जिसके कुछ मिनिट बाद साहिल शांत हो गया तब धीरेन्द , कमल , निधि और सविता मिल के साहिल को कमरे में ले जाके बेड में लेटा दिया थोड़ी देर में साहिल को नींद आ गई जिसके बाद...

धीरेन्द्र – (कमल से) रात बीरात अगर कोई दिक्कत हो तो बता देना कमल...

निधि – कोई बात नहीं पिता जी आप आराम करिए इससे पहले भी मैने और कमल ने मिल के साहिल को सम्भाल चुके है स्कूल में जब उसे अटैक आता था आज हम तीनों साहिल के साथ रहेंगे...

धीरेन्द्र – ठीक है...

जिसके बाद धीरेन्द्र जाते जाते साहिल के बारे में सोचते हुए चला गया अपने कमरे में आराम करने लेकिन जब ये सब हो रहा था तब रागिनी सब देख रही थी उसने भी साहिल की ऐसी हालत देख ली थी लेकिन वो बीच में नहीं आई...
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जारी रहेगा✍️✍️
Kitni Kamini h yeh Ragini iski koyi chaal tow nahi Sahil ko fasane ke Liye Jo woh aisa BAAT kar Rahi h
Yeh attack tow bada hi darawna type ka h
Baherhal dekhte h aage kia hota h
Badhiya update
 

Sushil@10

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UPDATE 9


शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...

रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...

सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...

रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...

सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...

सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...

सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...

सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...

सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...

रामू – जी काकी...

बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...

रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...

सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...

रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...

सुमन – (गुस्से में) दीदी...

रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...

बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...

SAPNE ME

साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...

सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...

परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...

तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...

साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...

जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...

साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...

सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...

साहिल – (रात की बात याद करके) I M Sorry मेरी वजह से आपको भी तकलीफ हुई...

सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...

तभी निधि बात बदलते हुए...

निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) छोड़ो ना बुआ उस बात को...

निधि – (साहिल को इस तरह से मुस्कुराता देख) ओह हो अब तो नहीं छोड़ने वाली हूँ मै बता तो क्या सपना देखा तूने कौन थी सपने में तेरे...

साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...

सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...

साहिल – उसका नाम परी था...

कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...

कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...

साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...

सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...

कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...

सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....

कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...

निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...

सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...

निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...

सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...

बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...

निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...

साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...

निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...

ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...


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साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...

निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...

साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...

निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...

साहिल – क्या...

निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...

साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...

निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...

साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...

निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...

साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...

बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...

साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...

निधि – किसने मारा था दादा जी को...

साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...

निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...

साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...

निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...

साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...

निधि – क्या मतलब इस बात का...

साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...

निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...

निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...

तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...

निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...

निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...

निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...

निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...

साहिल – किसकी बहन है वो...

निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....

साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...

निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...

साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...

निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...

साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...

निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...

साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...

निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...

साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...

निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...

साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...

निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...

साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...

निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...

साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...

निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...

साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...

निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...

साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...

निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...

साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...

निधि – हा साहिल....

साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...

निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...

इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में



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जारी रहेगा✍️✍️
Nice update
 

Naik

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UPDATE 9


शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...

रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...

सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...

रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...

सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...

सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...

सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...

सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...

सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...

रामू – जी काकी...

बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...

रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...

सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...

रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...

सुमन – (गुस्से में) दीदी...

रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...

बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...

SAPNE ME

साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...

सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...

परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...

तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...

साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...

जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...

साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...

सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...

साहिल – (रात की बात याद करके) I M Sorry मेरी वजह से आपको भी तकलीफ हुई...

सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...

तभी निधि बात बदलते हुए...

निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...

साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) छोड़ो ना बुआ उस बात को...

निधि – (साहिल को इस तरह से मुस्कुराता देख) ओह हो अब तो नहीं छोड़ने वाली हूँ मै बता तो क्या सपना देखा तूने कौन थी सपने में तेरे...

साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...

सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...

साहिल – उसका नाम परी था...

कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...

कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...

साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...

सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...

कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...

सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....

कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...

निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...

सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...

निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...

सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...

बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...

निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...

साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...

निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...

ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...


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साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...

निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...

साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...

निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...

साहिल – क्या...

निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...

साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...

निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...

साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...

निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...

साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...

बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...

साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...

निधि – किसने मारा था दादा जी को...

साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...

निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...

साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...

निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...

साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...

निधि – क्या मतलब इस बात का...

साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...

निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...

निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...

तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...

निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...

निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...

निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...

निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...

साहिल – किसकी बहन है वो...

निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....

साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...

निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...

साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...

निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...

साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...

निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...

साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...

निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...

साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...

निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...

साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...

निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...

साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...

निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...

साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...

निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...

साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...

निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...

साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...

निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...

साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...

निधि – हा साहिल....

साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...

निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...

इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में



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Tow Ragini or uski bahen Rina milke Sahil ke Saath game khel Rahi h agar aisa Kuch karta h tow Sahil ko or badnam kia jaa sake
Baherhal dekhte h poori paltan aane ke Baad kia hota h
Badhiya shaandar update
 

parkas

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शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...

रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...

सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...

रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...

सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...

सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...

सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...

सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...

सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...

रामू – जी काकी...

बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...

रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...

सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...

रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...

सुमन – (गुस्से में) दीदी...

रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...

बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...

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साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...

सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...

परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...

तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...

साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...

जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...

साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...

सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...

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सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...

तभी निधि बात बदलते हुए...

निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...

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साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...

सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...

साहिल – उसका नाम परी था...

कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...

कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...

साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...

सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...

कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...

सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....

कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...

निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...

सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...

निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...

सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...

बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...

निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...

साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...

निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...

ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...


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साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...

निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...

साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...

निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...

साहिल – क्या...

निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...

साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...

निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...

साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...

निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...

साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...

बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...

साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...

निधि – किसने मारा था दादा जी को...

साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...

निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...

साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...

निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...

साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...

निधि – क्या मतलब इस बात का...

साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...

निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...

निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...

तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...

निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...

साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...

निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...

निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...

निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...

साहिल – किसकी बहन है वो...

निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....

साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...

निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...

साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...

निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...

साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...

निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...

साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...

निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...

साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...

निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...

साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...

निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...

साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...

निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...

साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...

निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...

साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...

निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...

साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...

निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...

साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...

निधि – हा साहिल....

साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...

निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...

इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में



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जारी रहेगा✍️✍️
Bahut hi badhiya update diya hai DEVIL MAXIMUM bhai....
Nice and beautiful update....
 
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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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UPDATE 10


दोपहर 3 बजे सरला देवी निकल चुकी थी शहर की हवेली से ड्राइवर रामू के साथ करीबन 2 घंटे बाद सरला देवी पहुंच गई अपने भाई धीरेन्द्र के गांव लेकिन अपने भाई के पास जाने के बजाय सरला देवी उसी गांव के घने जंगल की तरफ वही एक गुप्त रस्ते से होते हुए सरला देवी आती है रामू के साथ शिव मंदिर की तरफ (ये वही मंदिर है जहां रानी सुनंदा शुरुवात में आई थी सभी के साथ जहां बाबा जगन्नाथ मिले थे) गाड़ी रोक के सरला देवी गाड़ी से उतर के मंदिर में जाती है जहां इस वक्त जगन्नाथ बाबा शिव जी की मूर्ति के नीचे बैठे जाप कर रहे थे उन्हें देखते ही सरला देवी खुद ब खुद घुटनों के बल हो गई और रोने लगी सरला देवी के रोने की आवाज सुन जगन्नाथ बाबा की आंखे खुल गई उन्होंने पलट के देखा सरल देवी को अपने स्थान से खड़े हो गए तभी सरला देवी का ड्राइवर ने सरला देवी को रोता देख उसके पास जाने लगे तभी...

जगन्नाथ बाबा – (रामू को रोक के) रुक जाओ पुत्र रो लेने दो इन्हें कई सालों से दर्द को अपने दिल में दबाए हुए है रो लेने दो जी भर के आज इन्हें...

कुछ देर बाद जगन्नाथ बाबा ने सरला देवी को उठाया जिसके बाद...

सरला देवी – (सुबकते हुए) क्यों बाबा आखिर क्यों हुआ मेरे साथ ऐसा क्या कसूर था मेरा क्या कसूर था मेरे जिगर के टुकड़े का जो इतने सालों से झेल रहा है सजा को आखिर क्यों बाबा...

जगन्नाथ – कोशिश तो मैने बहुत की थी पुत्री ऐसा कुछ ना हो लेकिन विधि के विधान को कौन बदल सका जो मै कर सकता...

सरला देवी – बाबा उस मनहूस रात के बाद जैसे मेरा सब कुछ तबाह हो गया मेरी मांग का सिंदूर मुझसे छीन गया साथ ही मेरे पोते के माथे पे कलंक लग गया उसके दादा के नाम का बाबा और मै कुछ ना कर सकी बाबा...

जगन्नाथ – नहीं पुत्री तुमने बहुत कुछ किया अपने पोते के लिए जो मा बाप को करना चाहिए था लेकिन ये सौभाग्य तुम्हारे नसीब में था पुत्री इसीलिए ऐसा हुआ लेकिन अब वक्त आ गया है पुत्री तुमने जो किया है अपने पोते के खातिर उसका फल मिलेगा तुझे बस कुछ दिनों की बात और है पुत्री...

सरला देवी – मै बस यही चाहती हूँ मेरी आंख बंद हो उससे पहले मेरे पोते वापस आ जाए अपने परिवार में शांति से ताकि उसे वो सब मिल सके जिसके लिए वो आज तक तरसता रहा है बाबा...

जगन्नाथ – ऐसा ही होगा पुत्री बस कुछ दिन में तेरे पोते का 21 वा जन्मदिन है उसके बाद शुरुवात होगी उसकी खुशी की जिसके लिए तूने इतनी तपस्या की है और साथ ही उस कार्य की जिसके लिए उसका जन्म हुआ है पुत्री बस तुझे उसका साथ देते रहना है जैसे अब तक देती रही हो ताकि जल्द से जल्द वो अपनी सभी शक्ति को प्राप्त कर सके जानती हो उसकी शक्ति कौन है...

सरला देवी – नहीं बाबा...

जगन्नाथ बाबा – (मुस्कुरा के) मै बताता हूं...

उसके बाद जगन्नाथ बाबा आगे की बात बताते है सरला देवी को जिसे सुन के वो चौक जाती है उसके बाद आगे की बात सुन के...

सरला देवी – मेरी आखिरी सास तक मै अपने पोते के साथ रहूंगी बाबा उसे उसकी शक्ति तक मै लेके जाऊंगी...

जगन्नाथ – अति उत्तम पुत्री जिस तरह से तूने कुछ समय से जहर से जहर को काटा है उसी तरह से तुझे इन कुछ दिनों में ऐसा ही कुछ करना होगा तभी तेरी सालों की तपस्या सफल होगी पुत्री...

सरला देवी – हा मै करूगी बाबा...

जगन्नाथ – ठीक है पुत्री अब आप प्रस्थान करे आपका पोता आपकी राह देख रहा है....

सरला देवी – जी बाबा अब मुझे कब आना होगा बाबा...

जब तेरी इच्छा हो पुत्री ये मंदिर शिव के सभी भक्तों के लिए है पुत्री बस अब मै वक्त आने पर आऊंगा खुद तेरे पास इंतजार करना...

सरला देवी – जी बाबा...

बोल के सरला देवी अपने ड्राइवर के साथ निकल गई अपने भाई धीरेन्द्र की हवेली पर लेकिन उसके कुछ समय पहले सुबह को क्या हुआ ये देख लीजिए आप सब...

सुबह साहिल और कमल तैयार होके नीचे हाल में आ गए जहां धीरेन्द्र अपनी पोती और निधि साथ उसकी सहेली सविता के साथ नाश्ते के लिए बैठे थे तभी साहिल और कमल आ गए आते ही...

धीरेन्द्र – (साहिल से) आ गए बेटा अब कैसे हो तुम...

साहिल – मै अच्छा हूँ दादा जी...

धीरेन्द्र – नींद तो आई ना तुम्हे अच्छे से बेटा...

साहिल – जी दादा जी अच्छी नींद आई और मै बिल्कुल ठीक हूँ दादा जी...

धीरेन्द्र – हम्ममम कल रात तुम्हे देख के एक पल मै डर गया था बेटा लेकिन अच्छा लगा तुम बिल्कुल ठीक हो खेर चलो नाश्ता कर लो जल्दी से मुझे जाना है अपनी बेटी रचना को लेने स्टेशन पर...

जिसके बाद सबने नाश्ता किया लेकिन इस वक्त साहिल बार बार किचेन की तरफ देख रहा था रागिनी चाची को जो उसे दिख नहीं रही थी जिसके बाद धीरेन्द्र नाश्ते के बाद चले गए तब...

निधि – (साहिल से) तो आज कहा जाने की सोच रहे हो तुम...

साहिल – मै सोच रहा आज भी गांव घूम लूं कल सिर्फ खेत देखा था...

निधि – अच्छी बात है एक काम करो दीदी के आने के बाद तुम दोनों चले जाना साथ में सविता को भी लें जाना वो भी घूम लेगी इस बहाने गांव...

काफी देर इंतजार के बाद हवेली के बाहर गाड़ी के रुकने की आवाज आई तभी निधि , सविता , साहिल और कमल गेट पर चले गए जहां धीरेन्द्र अपने हाथ में एक छोटे से बच्चे को अपनी गोद में लिए हुए थे साथ में उनकी बेटी रचना उसका पति और रचना की सास आ रहे थे हवेली के अन्दर आते ही...

रचना अपनी बहन निधि से गले लग के मिली साथ ही निधि अपने जीजा जी और उनकी सास से मिली तब...

धीरेन्द्र – (साहिल को देख अपनी बेटी रचना से) बेटी इसको पहचाना तुमने...

रचना – (साहिल को देख मुस्कुरा के) कौन है ये पिता जी...

धीरेन्द्र – बेटी ये मेरी बहन उनके पति का पोता साहिल है ये जब ये छोटा था तब तुम ही इसे गोद में लेके पूरे हवेली में घुमाया करती थी...

धीरेन्द्र की बात सुन रचना की हसी रुक गई फिर एक नजर साहिल को देखा...

रचना – हाय...

बोल के अपनी बहन के साथ चली गई सीढ़ियों से अपने कमरे में अपनी बेटी का ऐसा व्यवहार देख धीरेन्द्र उसके दामाद और उसकी सास को अच्छा नहीं लगा तभी...

साहिल – (धीरेन्द्र का चेहरा देख के) कोई बात नहीं दादा जी शायद बुआ थक गई होगी सफर से अच्छा दादा जी आज कोई काम मेरे लायक है...

धीरेन्द्र – नहीं बेटा अभी तो नहीं है कल से जरूरत पड़ेगी काम के लिए...

साहिल – ठीक है दादा जी क्या हम लोग आज गांव घूम आए....

धीरेन्द्र – हा बेटा घूम आओ गांव...

बात करके साहिल , कमल और सविता निकल गए गांव घूमने रस्ते में जाते समय...

कमल – (साहिल से) ये बुआ है तेरी और ये तरीका है अपने भतीजे से मिलने का उनका बड़ा अच्छा तरीका है उनका तो मन तो किया दे मारू एक तमाचा उसके गाल पर...

साहिल – जाने दे बे इस बारे में सोच के दिमाग की दही नहीं करनी है अपने को...

कमल – वो सब तो ठीक है लेकिन आज तू कार्ड क्यों लेके आया है शादी वाला अपने साथ किसको देना है...

साहिल – (मुस्कुरा के) है कोई उसके लिए लाया हूँ...

कमल – अच्छा कौन है वो और यहां कब मिला तू उससे...

साहिल – कल मिला था यार अच्छी लड़की है वो...

कमल – ओह हो पहली मुलाक़ात में अच्छी लड़की मिल गई तुझे क्या नाम है उसका...

साहिल – सेमेंथा नाम है उसका अच्छा सुन एक काम कर यार मेरा...

कमल – हा बोल ना...

साहिल – तू मैडम के साथ यही घूम मै उससे मिल के आता हु थोड़ी देर में...

कमल – क्यों बे मै चलूंगा तो क्या बुराई हो जाएगी बे...

साहिल – अबे समझा कर ना यार प्लीज जाने दे ना जल्दी आ जाऊंगा मैं...

कमल – चल ठीक है लेकिन जल्दी आना ज्यादा देर की तो मै आ जाऊंगा समझा...

साहिल – ठीक है मै जल्दी आता हु...

बोल के साहिल दौड़ के जंगल की तरफ चला गया अन्दर आते ही साहिल को सेमेंथा वही मिल गई जहा कल मिली थी साहिल को देख के...

सेमेंथा – आ गए आप मै आपका इंतजार कर रही थी...

साहिल – कैसे नहीं आता मैने कहा था ना आपको शादी का न्योता देने आऊंगा (कार्ड देते हुए) ये लीजिए शादी का कार्ड...

सेमेंथा – (कार्ड लेते हुए) शुक्रिया साहिल...

साहिल – एक बात पूछूं तुम इस जंगल में ही क्यों रहती हु गांव में सबके साथ क्यों नहीं...

सेमेंथा – गांव में कोई मुझे नहीं जानता है साहिल...

साहिल – (चौक के) ऐसा क्यों आप भी तो इस गांव में रहती हो ना फिर अलग क्यों...

सेमेंथा – क्यों की मुझे कोई नहीं देख सकता है साहिल...

साहिल – (हस्ते हुए) अच्छा मजाक करते हूँ आप...

साहिल को हंसता देख...

सेमेंथा – ये सच है साहिल शायद आपने मुझे अभी तक पहचाना नहीं है...

साहिल – भला मै आपको कैसे पहचानूं गा मै तो पहली बार मिला हु आपसे...

सेमेंथा – नहीं साहिल हम पहली बार नहीं मिले है इससे पहले भी मिल चुके है हम...

साहिल – लेकिन कब और मुझे याद क्यों नहीं है ये बात....

सेमेंथा – क्योंकि तब तुम छोटे थे...

साहिल – (हस्ते हुए) आप मजाक अच्छा कर लेते हो सेमेंथा मुझे सच में याद नहीं है इस बारे में की मै आपसे मिला था और गांव वाले आपको देख क्यों ही सकते अगर ऐसा है तो मै कैसे देख रहा हूँ आपको...

सेमेंथा – (सीरियस होते हुए) मै बताती हु आपको पूरी बात साहिल आज से कई साल पहले मै इस जंगल में आई थी अपने भाई के साथ यहां तभी घूमते घूमते उनसे अलग हो गई थी और तभी मेरा पैर में एक काटा लगा मुझे बहुत दर्द हो रहा था बहुत रो रही थी और तभी तुम आ गए मेरा रोना सुन के तुमने आते ही मेरे पैर से काटा निकाला बिल्कुल उसी तरह जैसे कल किया था और उसी तरह तुमने मेरे पैर पर अपना रुमाल बांध दिया जिसके बाद तुम तो चले गए कुछ समय बाद मेरा भाई आया मुझे लेके चला गया उसके बाद जब मैं अपने परिवार के पास पहुंची तब मेरे पिता जी ने मुझे गौर से देखा और उन्हें पता चल गया कि मै एक इंसान से मिली हूँ और उसने मुझे छू लिया है जिसके बाद मेरे पिता जी ने गुस्से में आके मुझे निकाल दिया घर से तब से मैं इस जंगल में रहने लगी...

साहिल – (सेमेंथा की सारी बात सुन के) मुझे समझ नहीं आई बात मेरे छूने की वजह से तुम्हारे पिता जी ने तुम्हे निकल दिया घर से इसका क्या मतलब हुआ समेंथा...

सेमेंथा – मै धरती से नहीं हूँ साहिल मै परी लोक की परी हूँ...

साहिल – (बात सुन जोर से हस्ते हुए) 😂😂😂😂😂😂 तुम परी 😂😂😂😂....

साहिल को इस तरह हंसता देख एक पल सेमेंथा को भी हसी आ गई और तभी सेमेंथा अपने परी रूप में आ गई जिसे देख साहिल की हसी रुक गई तब....


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साहिल – (अपनी हसी रोक के हैरानी से) तुम तो सच में परी हो समेंथा...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हा साहिल में सच में परी ही हूँ परी लोक पे रहने वाली लेकिन अब धरती पर रहती हु....

साहिल – लेकिन ऐसा क्यों सेमेंथा....

सेमेंथा – साहिल हमारे यहां नियम है कि हम इंसानों के सामने ना आने का पर ना ही उन्हें खुद को छूने देने का और जिसने भी ये नियम का उल्लंघन किया उसे परी लोक से निकाल दिया जाता है बस वही मेरे साथ हुआ अनजाने में मै तुमसे मिली बस यही मेरी गलती थी जिसकी सजा मुझे मिली हमेशा के लिए धरती लोक में रहने की....

साहिल – लेकिन जब तुम धरती में रह रही हो तो बाकी लोगों से मिल सकती थी ना फिर तुम...

सेमेंथा – (बीच में) क्योंकि मैं परी लोक की राजा की बेटी हूँ इसीलिए मुझे मेरी शक्ति के साथ निकाल दिया गया था परी लोक से आजीवन अकेला रहने के लिए जाने कितने साल तक मै अकेले रहती आई हूँ यहां पर (अपनी आंख में आसू लिए) अपने घर की याद में हर रात मै रोती थी अकेले लेकिन एक दिन मेरी मां मेरे सपने में आई सपने में कहा कि एक दिन वो लड़क फिर आएगा तेरे पास उसके आने से तेरा अकेला पन दूर हो जाएगा हमेशा के लिए सिर्फ उसके चाहने से ही तू नजर में आएगी सबके , तब से मैं सिर्फ तुम्हारी राह देख रही हूँ साहिल...

बोल के रोने लगती है सेमेंथा उसे रोता देख...(लेकिन इस बीच सेमेंथा ने साहिल को जगन्नाथ बाबा की बात नहीं बताई जैसे वो भी सेमेंथा को देख सकते है ऐसा क्यों है आगे पता चलेगा जल्द ही)

साहिल – (सेमेंथा के आसू अपने हाथ से पोछ के) मुझे माफ कर दो सेमेंथा अनजाने में मेरी एक गलती की तुम्हे इतनी बड़ी सजा मिलेगी मुझे नहीं पता था मुझे माफ कर दो सेमेंथा....

सेमेंथा – नहीं साहिल उस वक्त मुझे भी नहीं पता था इस सब नियमों के बारे में अपने बचपने में मै बहुत शरारती जो थी शायद यही मेरी सबसे बड़ी गलती साबित हुई....

साहिल – अच्छा अब ये बताओ मै तुम्हारे लिए ऐसा क्या कर सकता हूँ सेमेंथा जिससे तुम फिर से अपने घर जा सको...

सेमेंथा – साहिल मै कभी नहीं जा सकती अपने घर पर मेरा प्रवेश निषेद कर दिया गया है परी लोक में सदा के लिए मै चाह के भी वहा नहीं जा सकती...

साहिल –(कुछ सोच के) क्या तुम मेरे साथ रहोगी अगर तुम चाहो तो....

सेमेंथा – क्या तुम्हे कोई एतराज तो नहीं होगा इस बात से...

साहिल – अरे मुझे क्यों एतराज होगा इस बात से भला , चलो ठीक है तुम मेरे साथ चलो...

सेमेंथा – लेकिन साहिल....

साहिल – अब क्या हुआ तुम्हे....

सेमेंथा – तुम्हारे इलावा मुझे ना कोई देख सकता है और ना ही सुन सकता है...

साहिल – ओह ये बात तो मै भूल गया था यार अब....

सेमेंथा – लेकिन तुम चाहो तो मुझे सब देख , सुन सकते है अगर तुम चाहोगे तो ऐसा होगा...

साहिल – (कुछ देर सोचता है जिसके बाद) अगर ऐसा है तो ठीक है तुम मेरे साथ चलो मै जब बोलूं तब तुम सामने आना सबके ठीक है...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) ठीक है....

साहिल – तो चलो आज मै तुम्हे अपने दोस्त अपने भाई से मिलवाता हूँ...

सेमेंथा – वही जो कल तुम्हारे साथ था...

साहिल – हा वही लेकिन जब मैं कहूं तब आना सामने उसके...

बोल के साहिल अपने साथ सेमेंथा को लेके निकल गया जंगल से कमल की तरफ कुछ देर में दोनों कमल के पास आ गए जो सविता के साथ झील के किनारे टहल रहे थे उनको देख...

साहिल – क्या हो रहा है बे...

कमल – आ गया तू मुझे लगा ढूंढने जाना पड़ेगा तुझे जंगल में...

सविता – बड़ी जल्दी आ गए तुम...

साहिल – (मुस्कुराते हुए) क्यों सुबह का काम अधूरा रह गया था क्या दोनों का...

साहिल की बात सुन सविता शर्मा गई वही...

कमल – अबे जरा देख के बात बोला कर बे अकेले नहीं है हम लोग यहां पर...

साहिल – अच्छा तो कौन है यहां हम तीनों के इलावा बता तो वैसे भी सुबह तो बहुत तेजी से जा रहा था तू सविता मैडम के साथ कमरे में...

कमल – चल बे अब ज्यादा मत बोल तू भी कुछ कम नहीं है समझा सब जनता हूँ मै...

सेमेंथा तीनों की बाते सुन मुस्कुरा रही थी वही ये दोनों एक दूसरे की खिंचाई करने में लगे हुए थे तभी कमल और साहिल की नजर गई झील किनारे रोड पे जहां तीन गाड़िया तेजी से जारही थी उनमें बैठे शख्स को देख साहिल की हसी जैसे गायब सी हो गई साहिल को देख कमल ने साहिल के कंधे पे हाथ रखा...

कमल – लगता है हमें चलना चाहिए साहिल तेरे परिवार के बाकी लोग भी आ गए है...

साहिल – (बिना कमल की तरफ देखे) दादी और तेरे सिवा मेरा कोई परिवार नहीं है...

बोल के साहिल जाने लगा साथ ही कमल , सेमेंथा और सविता भी जाने लगे लेकिन सविता को साहिल की परिवार वाली बात कुछ अजीब लगी तब...

सविता – (कमल से) क्या बात है कमल ये साहिल इतना सीरियस क्यों हो गया और ऐसा क्यों कहा कि दादी और तेरे सिवा परिवार नहीं है इसका आखिर क्या बात है कमल...

कमल – (सविता को साहिल के परिवार की बात बताता है जिसके बाद) इसीलिए साहिल इतने सालों से अलग रहता आया है मेरे साथ बस दादी ही है जो साहिल से मिलने आती रहती है बाकी कोई नहीं...

सविता – ओह ये तो गलत हुआ साहिल के साथ...

कमल – जाने अब क्या होने वाला है हवेली में मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है...

साहिल – जाने दे वो सब जो होगा देखा जाएगा वैसे भी अब मुझे किसी का डर नहीं है...

बोल के जाने लगे हवेली जबकि इनकी सारी बातों को सेमेंथा गौर से सुन रही थी जाते हुए रस्ते भर में सेमेंथा सिर्फ साहिल को देखे जा रही थी जाने क्या चल रहा था उसके मन में....

जबकि ये लोग इस बात से अंजान की हवेली में एक नया धमाका इंतजार कर रहा है इनका....
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जारी रहेगा✍️✍️
 
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