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Adultery Series: Sarpanch ji ki heveli chudai ki raat

IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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This story is part of the Mummy Aur Mere Teacher Ki Sex Kahani series
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जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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नमस्कार दोस्तो पहले तीसरा पार्ट जरूर पढिये, ताकि अब तक सर और मम्मी के बीच क्या क्या हुआ ये आपको पता चले और इस पार्ट को पढ़ने में आपको मजा आये।

तो दोस्तो जैसा आपने पढ़ा सर ने मम्मी से उनका फोन नंबर लिया और चले गये। अब मुझे लगने लगा था, कि सर अब मम्मी के साथ जरूर फोन पर बाते करना चालू करेंगे।

क्योंकि ट्यूशन में वो मेरे होने के कारण ज्यादा बाते नही कर पा रहे थे। इसलिये मैने उसी दिन मम्मी के मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग चालू कर दी, क्योकि मैं भी सुनना चाहता था कि सर मम्मी से क्या बाते करने वाले है।

अगले दिन मैं स्कूल में गया और वापस आते ही पहले मम्मी का फोन मैंने चेक किया, कि मम्मी को सर का फोन आया था या नही। तो मैंने देखा सर का फोन आया था और दोनों ने 10 मिनट बात की थी।

उन दिनों 1 मिनट का 2 रूपया लगता था, आज की तरह फ्री कॉल नही होती थी। तो ना जाने वो दोनों कितनी बात करते, मैंने मम्मी को देखा मम्मी कहाँ है और क्या कर रही है?

तो मम्मी उस वक्त कपड़े सुखाने छत पर गयी थी। मैंने रिकॉर्डिंग चालू की और सुनने लग गया, वो दोनों ऐसे बात कर रहे थे।

सर – हलो।

मम्मी – हां जी बोलिये राजकुमारजी।

सर हसते हुये बोले – अरे वा क्या बात है रजनीजी! आपने तो मेरी आवाज पहचान ली।

मम्मी – जी हां क्यों नही पहचानूंगी। अब तो आपसे रोज मुलाकात होती है ना। तो आपकी आवाज मुझे मालूम हो गयी ना।

सर – अच्छा जी, और बताइये क्या कर रही है आप?

मम्मी – जी घर के काम और क्या। और आप?

सर – जी मैं तो स्कूल में हूं।

मम्मी जान भुझ कर बोली – जी लगता है आज आप टयूशन नही नही आने वाले है।

सर – नही जी आने वाला हूं। आपको ऐसा क्यों लगा?

मम्मी – नही आप कह रहे थे ना जब मैं नहीं आऊंगा तो आपको फ़ोन करके बता दूंगा।

सर – अच्छा जी, नही मैं तो आने वाला हूं आज। क्या मैं आपको बिना उस वजह के फोन ना करू?

मम्मी – जी नही मेरा मतलब आप स्कूल में बिजी होंगे ना, इसलिये मुझे लगा। तो बताइये कैसे फ़ोन लगाना हुआ।

सर – जी वो आपकी याद आ गयी तो सोचा लगा लूं फोन रजनी जी को।

मम्मी – अच्छा जी। मेरी याद अचानक कैसे?

सर – जी हम तो आप ही की याद में रहते है दिनभर। आप हो ही ऐसी!

मम्मी – अच्छा जी। कैसी हूं मैं?

सर – आपको नही पता आप कैसी है?

मम्मी – नही जी आप बताइये?

सर – जी आप बहुत सुंदर हो और।

मम्मी – और?

सर – और आप अच्छी हो, आप बहुत खूबसूरत हो। आप बहुत आकर्षक हो और।

मम्मी – और?

सर – और क्या बताऊ मै आपको, कि आप कैसी हो एकदिन जरूर बताऊंगा आप और कैसी कैसी हो। आपसे तो बहुत बाते करनी है पर मनीष होता है इसलिये बाते खुलकर नही कर पाता जी।

मम्मी – अच्छा जी। ऐसा है तो आप थोड़ा जल्दी आ जाया करिये।

अब तो मम्मी सर को खुलेआम इनविटेशन दे रही थी। और सर को भी यही सुनना था मम्मी के मुह से।

सर – जी आप कह रही है तो मैं जरूर आऊंगा। आज मैं आधा घण्टा पहले आ जाऊंगा पर मनीष?

मम्मी – जी मैं मनीष को बाहर भेज दूंगी खेलने।

सर खुश होकर बोले – जी तो तैयार होकर बैठिये। आज मैंने आपसे बहुत बाते करनी है आपसे।

मम्मी – हां जी।

सर – अच्छा तो रखता हूं। ओके बाय।

मम्मी – बाय।

मैं तो हैरान रह गया, क्योंकि मम्मी मुझे कभी धूप में खेलने नही जाने देती और आज सर के लिये मुझे बाहर भेजने वाली थी। मैने भी सोच लिया कि मैं मम्मी को हां कह कर बाहर जाउंगा, लेकिन घर के पीछे जाकर छुपकर सर के आने के बाद सर की और मम्मी की बाते सुनूंगा।

फिर मम्मी छत से नीचे आयी, और उन्होंने मुझे खाना परोसा। मैंने खाना खाया और मै टीवी देख रहा था और फिर मैंने अंदर जाकर देखा तो मम्मी आज जल्दी से ही तैयार हो रही थी।

मैं ऐसा दिखा रहा था कि मुझे कुछ समझ नहीं रहा है। फिर मम्मी तैयार होकर आयी और मुझे बोली।

मम्मी – जा मनीष बाहर गली के बच्चे क्रिकेट खेल रहे है तुझे खेलना है तो तू चला जा।

मैंने देखा मम्मी ने आज रेड कलर की ट्रांसपेरेंट साड़ी और उस पर डीप नेक स्लीवलेस और पीछे पीठ पर सिर्फ एक इंच वाली स्ट्रिप का काला ब्लाउज पहना था।

उनके हाथो में लाल चूड़ियां और होंठो पर लाल लिपस्टिक खुले छोडे हुये बाल और साड़ी नाभी के नीचे उन्होंने पहनी हुई थी। उन्होंने पल्लू ऐसा लिया था कि उनके आधा बूब्स बाहर थे।

ब्लाउज डीप नेक वाला होने के कारण थोडा क्लीवेज भी दिख रहा था। आज तो मम्मी एकदम कड़क माल दिख रही थी, ऐसा लग रहा था कि आज तो सर देखते ही मम्मी पर चढ़ जायेंगे।
मम्मी के कहने के बाद मैं जाने लगा और थोड़ी देर बाद आकर घर के पीछे छुप गया। करीब 10 मिनट बाद गेट खोलने की आवाज आयी और मैंने चुप के से देखा सर आये थे, सर भी एकदम दबंग होकर आये थे।

उन्होंने ब्लैक कलर की टाइट टीशर्ट और ब्लू जीन्स स्पोर्ट शूज और काला गॉगल।

करीब 5 मिनट बाद मैं धीरे धीरे सामने आया तो देखा हॉल का दरवाजा बंद है, यानी सर को अंदर लेकर मम्मी ने दरवाजा बंद कर दिया था। मैं थोड़ा ऊपर होकर खिड़की से अंदर देखने लग गया।

तो सर सोफे पर बैठे थे और मम्मी पानी ला रही थी पानी देते वक्त मम्मी थोड़ी झुकी तो उनके आधे से ज्यादा क्लीवेज सर को दिख रहा था।

सर ने पानी पिया और मम्मी को बैठने को कहा, मम्मी सर के सामने वाली चेयर पर बैठी और दोनों बाते करने लगे। दोनों को लग रहा था कि उन दोनों के अलावा घर में और कोई नही है।

सर – कहां है मनीष अंदर है क्या?

मम्मी – जी नही मैंने उसे भेज दिया है क्रिकेट खेलने के लिए।

सर – अच्छा किया, मैंने आपसे बहुत बाते करनी है, पर क्या करू मनीष होता है तो नही कर पाता था।

मम्मी सर को अपनी ओर ऐसे देखते हुये शरमारकर नीचे देख कर बोली – जी कहिये क्या कहना है आपको?

सर – रजनी जी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही है, आप इतनी सुंदर आकर्षक है की आपसे नजर हटाने का मन ही नही करता है।

सर के मुंह से इतनी तारीफ सुनकर मम्मी शरमाकर मुस्करा रही थी।

सर – सच में मनीष के पापा बहुत खुशनसीब है, कि उनको आप जैसी सुंदर बीवी मिली है।

मम्मी – जी खुशनसीब तो आपकी बीवी भी तो है, जो उनको आप जैसे हैंडसम और फिट पती मिले है।

मम्मी के मुह से तारीफ सुनकर सर खुश हुये सर को अब यकीन हुआ, कि मम्मी भी सर को चाहने लगी है।

सर – जी अब आप मेरी झूठी तारीफ मत कीजिये।

मम्मी – नही जी सच में आप भी बहुत आकर्षक है।

सर – मनीष के पापा तो आपसे बहुत प्यार करते होंगे? मैं भी क्या पूछ रहा हूं इतनी खूबसूरत आकर्षक बीवी हो तो कौन प्यार नही करता होगा।

मम्मी थोड़ा उदास होते हुये बोली – जी करते तो है पर उनको टाइम ही नही मिलता हमारे लिये। सुबह जल्दी जाते है और रात को थककर वापस आते है। खैर छोड़िये मैं आपके लिये चाय लाती हूं।

सर मम्मी का मूड ऑफ होता हुआ देखकर ज्यादा फोर्स ना करते हुये बोले – जी ठीक है।

मम्मी का उदास चेहरा देख कर सर जान गये की मम्मी अंसतुष्ट है। उतने मैं जानबूझकर आया और मैंने बेल बजा दी। सर ने दरवाजा खोला।

मैं – अरे सर आप, आज आप जल्दी आ गये?

सर थोड़ा भौखलाते हुये बोले – हां बेटा वो मुझे थोड़ा काम था, इसलिए में तो जल्दी आ गया। तुम जाओ किताबे लेकर आओ जल्दी से।

मैं – ठीक है।

फिर सर मुझे पढ़ाने लग गये, मम्मी चाय लेकर आयी और सर को देने के लिये झुकी तो मम्मी का पल्लू ही गिर गया। और मम्मी के बूब्स अब सर के सामने आधे से भी ज्यादा नंगे हो गये।

ये सब देख कर सर की तो हालत खराब हो गयी, सर की पैंट में तंबू बन गया था। मम्मी के हाथों में ट्रे होने के कारण मम्मी भी पल्लू ठीक नही कर पा रही थी।

सर मम्मी के बूब्स देखे जा रहे थे. उनका ध्यान मम्मी के ब्लाउज के अंदर ही था और चाय का कप उठाते वक्त थोड़ी चाय सर के कपड़ो पर गिरी और सर का ध्यान भटका।

मम्मी – अरे मनीष ये लो ट्रे देखो राज कुमार जी के कपड़ो पर चाय गिरी है।

मैंने ट्रे लिया और मम्मी ने पल्लू ठीक करके सर से बोली – जी सॉरी सॉरी पता नही कैसे गिर गयी।

और सर के कपड़ो पे हाथ लगाने लग गयी, पोछते समय मम्मी का हाथ सर के लंड को भी लगा और मम्मी ने हाथ पीछे लिया और वो बोली।

मम्मी – चलिये अंदर। बाथरूम में साफ कीजिये और ये कपड़े चेंज कर कीजिये।

फिर मम्मी और सर अंदर चले गये।

दोस्तो आपको लग रहा होगा, कि कहानी स्लो चल रही है पर दोस्तो मैं आपको हर एक बात बताना चाहता हूं कि कैसे एक अनजान इंसान से सर मम्मी के लिये केसे सब कुछ बन गये।

कहानी पसन्द आयी हो तो जरूर लाइक कीजिये।
 
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हेल्लो दोस्तो जैसे आपने पिछले पार्ट में पढ़ा की मम्मी के हाथो से अनजाने में चाय का कप सर के कपड़ो पर गिरा और मम्मी दाग साफ करने के लिये सर को अंदर ले गयी। मैं भी चुपके से उन दोनों के पीछे देखने के लिये चला गया, कि आगे क्या होता है। मैंने देखा चाय के दाग सर के शर्ट और पैंट पर भी पड़े थे।

मम्मी – सॉरी राज कुमार जी, पता नही कैसे मुझसे गलती हो गयी, आपके तो कपड़े खराब हो गये है। आप ये कपड़े बाथरूम में रखिये मैं कल धोकर ये कपड़े दे दूंगी, आप साफ करके आइये मैं आपके लिये यहाँ दूसरे कपड़े रखती हूं।

सर – जी कोई बात नही आप इतनी परेशान मत हो मैं अभी साफ कर लेता हूं। आप मुझे बस एक टॉवल दीजिये।

मम्मी ने सर को अलमारी से निकालकर एक सफेद कलर का टॉवल दिया, और सर उसे लेकर अंदर चले गये। मम्मी सर के लिये पापा के कपड़े ढूंढ रही थी, मैंने देखा मम्मी ने एक व्हाइट कलर का पैजामा रखा और एक ब्लैक कलर का कुर्ता निकाला।

मैं ये सब चुपकेसे देख रहा था, फिर मैंने देखा सर बाथरूम से बाहर आये और मम्मी सर को देखकर एक दम स्तब्ध रह गयी। क्योंकि सर ने उनके सब कपड़े यानी टी शर्ट जीन्स और अंडरवियर भी निकाल के रखा था।

सर सिर्फ टॉवल लपेटकर बाहर आये थे। सर के चौड़े सीने पर थोड़े काले बाल थे, सर की बॉडी बहुत फिट नजर आ रही थी।

शायद ही ऐसी बॉडी मम्मी ने पहले किसी की देखी हो, इसलिये मम्मी सर को निहारे जा रही थी। सर भी मम्मी को देख रहे थे सर के टॉवल में थोड़ा उभार आ रहा था। मम्मी वही खड़ी थी सर धीरे धीरे मम्मी के ओर बढ़ने लग गये।

वो मम्मी के बहुत पास आ गये थे, तो मम्मी शरमाकर नीचे देखने लग गयी। सर ने मम्मी का चेहरा हाथों से ऊपर किया, और वो दोनों एक दूसरे के आंखों में देख रहे थे। मम्मी के इतने पास आकर मम्मी का कोई विरोध ना देख कर सर आगे बढ़े और मम्मी के लाल होंठो पर उन्होंने अपने होंठ रख दिये।

मम्मी ने आँखे बंद कर ली मम्मी ने कोई भी विरोध नहीं किया, और सर मम्मी को किस करने लग गये। सर बहुत पैशनेटली मम्मी को चूम रहे थे, मम्मी भी उनका साथ दे रही थी। सर मम्मी को चूमते चूमते उनकी पीठ पर हाथ घुमा रहे थे, और मम्मी सर के बालो में उंगलिया घुमा रही थी।

सर किस करते करते मम्मी को पीछे धकेल रहे थे, मम्मी दीवार से टकरा गयीं। फिर सर ने मम्मी का पल्लू निचे गिराया और मम्मी के ब्लाउज के ऊपर से हाथ घुमा रहे थे। वो धीरे धीरे मम्मी के बूब्स दबा रहे थे, फिर सर ने मम्मी के होंठो को छोड़ा और ब्लाउज पर किस करने के लिये नीचे आ गये।

तो मम्मी ने आंखे खोली और उनको एहसास हुआ, कि मैं भी घर में हूं। इसलिये मम्मी ने सर को आगे बढ़ने से रोका और शरमाकर वो अपने बेडरूम में गयी और अंदर से उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया।

बाद में सर भी थोड़ा संभले और कपड़े पहन कर हॉल में आये, सर की होंठो पर मम्मी के लिपस्टिक की लाली दिख रही थी, मैंने भी ऐसा दिखाया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है।

मैं – सर आपके होंठो पर कुछ लाल लगा हुआ है।

तो सर ने रुमाल से साफ किया, फिर सर मुझे पढ़ाने लगे और बाद में वो चले गये। थोड़ी देर बाद मम्मी बाहर आयी और मुझसे पूछने लगी।

मम्मी – राज कुमार जी गये क्या?

मैं – हाँ।

मम्मी बहुत खुश नजर आ रही थी, फिर मैंने देखा मम्मी बाथरूम में चली गयी सर के कपड़े बाहर लेकर आयी और सर के टीशर्ट को सूंघने लग गयी। वो थोड़ा मुस्करा कर टीशर्ट को देख रही थी, और फिर मम्मी ने टीशर्ट उनके सीने से लगा कर अपनी आंखे बंद करने लग गयी।

वो शायद सर के बारे में सोच रही थी। फिर मम्मी ने सर की अंडरवियर हाथ मे ली और उसको देखेने लगी और अंडरवियर कर भी सूंघने लग गयी। मम्मी लंड की जगह पर हाथ घुमाने लग गयी, मम्मी का ये बर्ताव देख कर लग रहा था कि मम्मी अब सर के साथ चुदाई करने के लिये तैयार हो गयी है।

मम्मी अब सर से प्यार करने लग गयी थी, बाद में सर के कपड़े मम्मी ने वैसे ही बेडरूम में जाकर मम्मी के खुद की अलमारी में रखे और मन ही मन वो मुस्कराने लग गयी।

दूसरे दिन मैं स्^$$ल से आया, और मैंने मम्मी के मोबाइल में देखा तो सर का कॉल आया था। मैं उनकी रिकॉर्डिंग सुनने लगा।

सर – हेल्लो रजनी जी गुड़ मॉर्निंग।

मम्मी – जी गुड़ मॉर्निंग।

सर – भाई साहब गये ऑफिस?

मम्मी – जी।

सर – रजनी जी आप नाराज है क्या मुझसे?

मम्मी ने कुछ जवाब नही दिया, तो सर बोले – जी पता नही कैसे ये हुआ मैं उस मोमेंट में इतना खो गया, कि मुझे ख्याल ही नही रहा कि मनीष भी है घर पर है।

मम्मी – जी कोई बात नही।

सर – आपसे एक बात पुछु?

मम्मी – जी पूछिये।

सर – आज आऊ जल्दी शाम को?

मम्मी – जी?

सर – मनीष को बाहर भेज दीजियेगा, आज मैं एक घण्टा जल्दी आ जाऊंगा।

मम्मी – जी ठीक है।

सर – तैयार रहियेगा मैं आज आपके लिये एक गिफ्ट लाने वाला हूं।

मम्मी – कैसा गिफ्ट?
सर – जी आपको वहां आकर दूंगा आपको बहुत पसन्द आयेगा।

मम्मी – बताइये ना क्या ला रहे हो आप?

सर – सरप्राइज है आपको शाम को पता चल जायेगा।

फिर मैंने देखा आज मम्मी तैयार होने लगी थी, मम्मी ने स्काई ब्लू कलर की ट्रांसपरन्ट सारी और व्हाइट कलर का स्लीवलेस ब्लाउज पहना हुआ था। उन्होंने अपने कानो में लंबे झुमके हाथों में मैचिंग चूड़ियां होंठो पर पिंक कलर की लिपस्टिक, और उन्होंने अपने बाल खुले छोड़े हुये थे।

आज मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थी, मैं ये सोचने लगा की अगर मम्मी ऐसा पहनावा लेकर बाहर मार्केट में गयी तो ना जाने कितने मर्द मम्मी के पीछे पड़ जाये।

फिर मम्मी ने मुझे खेलने के लिये भेजा, मैं कल की तरह फिर पीछे जाकर छुप गया और सर के आने का वेट करने लग गया। थोड़ी देर बाद सर की बाइक की आवाज आयी, तो मैं थोड़ा बाहर आकर देखने लग गया।

बहार सर आये थे, सर ने भी आज स्काई ब्लू चेक्स वाली शर्ट फॉर्मल पैंट पहनी हुई थी। फॉर्मल शूज और ब्लैक गॉगल, हालाकि सर का ये लुक मैंने स्कूल में देखा था पर मम्मी ने सर को ऐसे कभी नही देखा था।

क्योंकि सर ट्यूशन देने टीशर्ट और जीन्स पहनकर ही आते थे। मैंने देखा सर की हाथो में एक बैग था शायद मम्मी का सरप्राइज इसी बैग में था। जैसे ही सर अंदर गये मैं भी सामने आया और खिड़की से झाककर अंदर देखने लगा।

अगले पार्ट में पढिये कि सर ने मम्मी के लिये क्या गिफ्ट लाया था, और उसको देखकर मम्मी का क्या रिएक्शन होता है। दोस्तो कहानी पसन्द आयी हो तो लाइक किजीये।
 
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नमस्कार दोस्तों जैसे आपने पिछले पार्ट में पढ़ा, मैने देखा कि सर की हाथों में कुछ था शायद यही वो सरप्राइज गिफ्ट था। सर के अंदर जाने के बाद मैंने सामने आकर खिड़की से झांककर देखा, कि सर सोफे पर बैठे थे।

मम्मी सर के लिये पानी लेकर आयी, फिर सर मम्मी को देखकर मुस्कराये और पानी का ग्लास लेकर मम्मी को बैठने के लिये कहा। मम्मी सर के सामने बैठ गयी, फिर सर मम्मी के साथ बात करने लग गये।

सर – रजनी जी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही है। मैं आपके लिये एक गिफ्ट लाया हूं।

फिर सर के मुह से तारीफ सुनकर मम्मी मुस्करायी, फिर सर सोफे से उठे और मम्मी के पास गये। मम्मी चेयर पर बैठी थी सर ने मम्मी को आंखे बंद करने के लिये कहा, तो मम्मी ने भी आंखें बंद कर ली।

सर ने कैरीबैग से एक बॉक्स निकाला और उसमें से नेकलेस निकल कर मम्मी को पहना दिया और उन्होंने मम्मी को आंखे खोलने को कहा। मम्मी वो नेकलेस देखकर बहुत खुश हुयी, मम्मी को वो नेकलेस बहुत सूट कर रहा था।

मम्मी की गर्दन पर वो अच्छे से फिट हुआ था और उसका पेंडल मम्मी के क्लीवेज पर ख़त्म हो रहा था। मम्मी की खूबसूरती पर वो नेकलेस चार चांद लगा रहा था, और वो सर को बोली।

मम्मी – राज कुमार जी ये तो बहुत महंगा लगता है इसकी क्या जरूरत है?

सर – रजनीजी आपके सामने इसकी क्या कीमत? आप कहे तो आपके लिये जान भी हाजिर है।

मम्मी ने ये सुनकर सर के होंठो पर उंगली रख दी और बोली – ऐसी बात मत कीजिये।

सर ने मम्मी के पीठ के पीछे हाथ डालकर मम्मी को अपनी और खिंचा, अब मम्मी सर के बाहों में आ गयी थी।

सर – रजनी जी मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूं। मुझे आपको दुनिया की हर खुशी देनी है। आय लव यू रजनी जी, क्या आपको मैं पसन्द हूं?

मम्मी सिर्फ शरमाकर मुस्करा रही थी और वो बोली – जी मुझे भी आप अच्छे लगते है राज कुमार जी आय लव यू टू।

ये सुनकर सर खुश हुये, और मम्मी के होंठो पर होंठ रख दिये। सर मम्मी को बहुत अच्छे से किस कर रहे थे। मम्मी भी सर का साथ दे रही थी, कभी सर मम्मी के दो होंठो के बीच उनका ऊपर होंठ रखते। तो कभी उनके दो होंठो के बीच मम्मी का ऊपर का होंठ लेते बहुत पैशनेटली किस कर रहे थे।

करीब 5 मिनट की किस के बाद दोनों अलग हुये, सर ने मम्मी को बाहों में ले लिया। मम्मी सर के पीठ पर हाथ घुमा रही थी, और सर मम्मी के गांड पर हाथ घुमा रहे थे। लगभग 5-6 दिन में ही सर ने मम्मी को पटा लिया था।

उतने में मैंने बेल बजा दी, उसके बाद मम्मी सर से अलग हुई और वो बोली – लगता है मनीष आ गया है।

तो सर सोफे पर बैठ गये और मम्मी अंदर चली गयी, फिर सर मुझे पढ़ाकर चले गये। अगले दिन सर का मम्मी को कॉल आया था, मैंने रिकॉर्डिंग सुनने लग गया।

सर – हलो रजनी जी क्या कर रही हो?
मम्मी – कुछ नही जी बैठी हूं, आपसे एक बात कहूँ?

सर – हां जी कहो।

मम्मी – आप मुझे जी कह मत बुलाया करो , सिर्फ रजनी बुलाइये।

सर – ठीक है रजनी डार्लिंग जैसा तुम कहो।

मम्मी – अच्छा जी डार्लिंग !!

सर – हां मेरी डार्लिंग, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं काश तुम मेरी बीवी होती !!

मम्मी – अच्छा जी तो क्या कर लेते आप?

सर – अगर तुम मेरी बीवी होती ना, तो दिन रात तुमको मैं प्यार करता तुमसे चिपक कर रहता दिन रात।

मम्मी – इश्श !!!

सर – शरमा मत मेरी जान एक मौका तो देकर देख तुझको मैं कैसे सुख देता हूं।

अब मम्मी कुछ भी नही बोली।

सर – यार डार्लिंग अब मुझसे रहा नही जा रहा। मुझे तुमको खुलकर प्यार करना है, ये ऐसे छुप छुपकर डरके नही कि कोई आ जायेगा।

मम्मी – जी कैसे होगा मनीष दिन में घर पर होता है, और रात को मनीष के पापा आ जाते है।

सर – तुम कुछ करो ना डार्लिंग।

मम्मी – मैं क्या करूं?? इंतजार करिये आप। सब्र का फल मीठा होता है।

सर – हां मेरी जान वो तो मैं जानता हूं, पर तुम जितनी देर करोगी उतनी तुम्हारी उस रात हालत खराब हो जायेगी।

मम्मी – वो कैसे?

सर – तुझे उस रात इतनी दिन की वासना पूरी जो करूंगा, एक बात बताओ डार्लिंग तेरे पति ने तुझे लास्ट कब चोदा था?

मम्मी – जी 2 महीने हुये।

सर – यार नामर्द है क्या तेरा पति! इतनी सेक्सी बीवी होकर कुछ नही करता। मैं तो तुम्हे दो दिन भी प्यासी नही छोड़ता।

मम्मी – नामर्द होता तो मनीष कैसे पैदा होता जी। आप जैसे फिट नही है ना वो।

सर – ठीक है रखता हूं बाद में बात करते है लव यू डार्लिंग।

मम्मी – लव यू टू जी।

ऐसे ही मम्मी और सर का चक्कर शुरू हुआ। अब मम्मी रोज मुझे खेलने के लिये बाहर भेजती और सर मम्मी के साथ घर के अंदर मजे करती थी।

सर चाहे तो जब मैं बाहर होता 1 घण्टे के लिये तभी मम्मी को चोद सकते थे, पर सर की कुछ अलग ही फैंटेसी थी जो आपको आगे पता चल जायेगी।

ऐसे ही 15 दिन हो गये, और एक दिन रात को खाना खाते वक्त पापा ने मम्मी को बताया। कि उनको ट्रेनिंग के लिये दिल्ली 3-4 दिन के लिए जाना पड़ेगा। मम्मी ये सुनकर बहुत खुश हो गयी।

वो कहते है ना किसी चीज को दिल से चाहो, तो वो पूरी होती है। शायद मम्मी और सर के दिल की चाहत पूरी होने वाली थी। मम्मी ने सर को ये बात फोन कर के बताई, और सर भी खुश हो गये।

सर – जब तक तुम्हारा पति घर नहीं आता मैं तुम्हारे यहां ही रहूंगा। मैं भी अपनी बीवी को कहूंगा कि मैं ट्रेनिंग के लिये जा रहा हूं, और तुम्हारे घर आकर रहूंगा ये ठीक है ना? तुम मनीष को कैसे भी करके पटा लेना।

मम्मी – ठीक है।

सोमवार को पापा ट्रेनिंग के लिये चले गये। उस शाम सर अपनी कार लेकर आये थे। सर के अंदर आते ही मम्मी मुझसे बोली – अरे बेटा घर का सामान खत्म हुआ है तुम्हारे पापा को बताना रह ही गया, चलो मैं शॉपिंग करके आती हूं।

उतने मे सर बोले – अरे रजनी जी, आप कहाँ अकेली जा रही है हम भी आते है आपके साथ आपकी मदद करने के लिये, चलो मनीष चलते है।

अब मुझे समझ आया कि ये सब पहले से ही प्लान था, वो दोनों बहुत अच्छा नाटक कर रहे थे। सर ने मम्मी को और मुझे तैयार होने को कह दिया था। मम्मी ट्रांसपेरेंट स्काई ब्लू साड़ी और डीप नेक वाला ब्लाउज औरहोंठो पर लिपस्टिक हाथों में चूड़ियां गले मे नेकलेस पहन कर तैयार हो गयी।

हाई हिल वाले सैंडल में मम्मी आज माल लग रही थी। फिर हम सर की कार में चले पड़े, मम्मी ने ग्रोसरी शॉपिंग की बाद में कार में बैठने के बाद बोली – चलो मनीष बेटा पार्क में जाते है।

मैं – हाँ ठीक है।

पार्क में जाने के बाद मम्मी और सर हाथों में हाथ डालकर चल रहे थे, जैसे वो पति पत्नी हो। गार्डन में सब लड़के और अंकल लोग मम्मी को घूर रहे थे। फिर सर मुझे बोले – जाओ मनीष तुम खेलो हम यहां लॉन पर बैठते है।

मैं भी थोड़ी देर चला गया और एक पेड के पीछे छुपकर मम्मी और सर को देखने लग गया। मम्मी बैठी थी और सर मम्मी के टांगों पर सर रखके सोये थे। मम्मी सर के बाल सहला रही थी और सर मम्मी के पेट पर बूब्स पर हाथ फेर रहे थे।

मुझे आते देख मम्मी ने सर को उठाया और फिर सर हड़बड़ाये और वो बोले – चलो कुछ चाट भेलपुरी खाते है।

फिर हमने वहां पेट भरके खाया और उसके बाद सर मम्मी को वो बोले – सामने कुछ कपडो की दुकाने है, आपको कुछ लेना हो तो चलो चलते है।

फिर हम एक लेडीज दुकान पर गये, तो वहां का सेल्समैन सर से बोला – हां जी सर बोलिये क्या दिखाऊँ मैडम के लिये?

शायद वो मम्मी और सर को पति पत्नी समझ रहा था, और मुझे उनका बेटा। और समझे भी क्यों न सर मम्मी दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डालकर चिपक कर जो चल रहे थे।

फिर सर ने उसको एक लाल कलर की ट्रांसपरेंट वर्क वाली साड़ी दिखाने को कहा, फिर उसमें से एक साड़ी सर ने मम्मी के लिये ली। सर और मम्मी के साड़ी के चॉइस को और उनका एक दूसरे के प्रति बर्ताव देखकर सेल्स मैन को पता चल गया था, कि ये रंगीन मॉडर्न कपल है।

फिर सर बिल देने के लिये जा ही रहे थे, तो वो सेल्समैन ने सर के पास गया और वो बोला – सर हमारे यहां लेटेस्ट मॉडर्न ब्रा पेंटी का सेट आया है। आप कहे तो मैडम के लिये दिखा दूँ?

ये सुनकर सर मेरी ओर देखने लगे, फिर मम्मी को देखा तो मम्मी शरमा रही थी। तो सर ने उसको दिखाने को कह दिया। सेल्समेन ने एक से बढ़कर एक हॉट सेक्सी सेट दिखाये, सर मम्मी को उस ब्रा पैंटी मे आंख बंदकरके इमैजिन कर रहे थे।

और सर ने मम्मी के लिये चार सेट लिये, जो अलग अलग स्टाइल के थे। सर की चॉइस देखकर सेल्समैन भी सर की तारीफ कर रहा था, और सर मम्मी को देखकर मुस्करा रहे थे ।मम्मी बस शरम के मारे लाल हो रही थी।

उसके बाद हम घर के लिये निकले, सर ने एक जगह गाडी रोकी। मैंने देखा सर मेडिकल स्टोर पर जा रहे थे। और सर ने कुछ 10-12 छोटे छोटे पैकेट लिये, और मम्मी के साइड विंडो से मम्मी को दि दिए और आंख मार कर वो बोले – बस होंगे ना इतने या और लूँ?

मुझे उस समय पता नही चला, मैने सर से पूछा तो सर ने कहा कि ये उनकी दवाई है। फिर हम घर पर आये, तो मम्मी ने मुझको किचन में बुलाया और कहा।

मम्मी – बेटा तेरे पापा नही है, और सुना है कॉलनी में चोर घूम रहे है रात को। राज कुमार जी को आज रात रुकने के लिये बोलू क्या? वैसे भी उनके घर पर भी कोई नही है।

मैं – ठीक है मम्मी, मुझे भी पापा नही होते तो डर लगता है।

फिर मम्मी ने सर को हॉल में आकर कहा – राज कुमार जी आप आज यही रुक जाइये मनीष भी यही कह रहा है।

ये सुन कर सर ने तुरन्त हां कर दी। दोनों बहुत अच्छे से नाटक कर रहे थे, और मैं भी हां करते जा रहा था। क्योंकि मुझे भी उन दोनो की चुदाई देखनी थी, उस रात सर हमारे यहां ही रुक गये।

अब अगले पार्ट में पढिये उस रात क्या होता है? सर कैसे उनकी कामवासना पुरी करते है? मम्मी सर से खुश होती है या नही?

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