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Adultery आँचल : एक खूबसूरत हाउसवाइफ की अय्याशियां

IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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214
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ये कहानी है आँचल की , जो 24 साल की खूबसूरत हाउसवाइफ थी । हाल ही में वो अपने पति सुनील के साथ शिमला में हनीमून मनाकर लौटी थी । सुनील दिल्ली में बिज़नेस करता था । आँचल अपने पति सुनील और सास ससुर के साथ दिल्ली में रहती थी । आँचल का खूबसूरत चेहरा , सुन्दर नाक नक्श , गोरा उजला रंग , बड़ी बड़ी गोल चूचियां , पतली कमर और उसके नीचे कसे हुए सुडौल नितम्ब , किसी भी देखने वाले को , चाहे वो मर्द हो या औरत , एक बार फिर मुड़कर देखने को मजबूर कर देते थे । सुनील से शादी होने के समय आँचल कुंवारी थी । हालाँकि अपने मायके में नौकर राजू और कुछ अन्य लड़कों के साथ उसने थोड़े बहुत मजे किये थे । पर बात कुछ आगे बढ़ कर सेक्स तक पहुँचती इससे पहले ही उसकी शादी सुनील से तय हो गयी । हनीमून का आँचल ने खूब मजा लिया था , उसका पति सुनील उसके साथ रोज़ 3 - 4 बार चुदाई करता था । अब अपनी ससुराल में वापस आने के बाद वो धीरे धीरे वहां एडजस्ट होने की कोशिश कर रही थी।

बेहद खूबसूरत होने के कारण ससुराल में सभी मर्दों और नौकरों की नज़रें उसी पर लगी रहती थी । कुछ औरतें भी उस पर ललचायी नज़र रखती थीं । आँचल इन सब बातों का खूब मज़ा लेती थी , वैसे भी उसके मन में कामुक ख्याल बहुत आते थे । उसका पति सुनील अपने बिज़नेस के पीछे लगा रहता था और रात को देर से थका हारा घर लौटता था । घर में ऐसी मादक बहू को देखकर उसके ससुर की जवानी लौट आयी थी । वो हर समय आँचल के नज़दीक बने रहने की कोशिश करता था और उसको बिना कपड़ों के नंगे देखने की कल्पना करता था । जब वो घर के छोटे मोटे कामों में लगी रहती थी तो उसे निहारते हुए ससुर का लंड खड़ा हो जाता था । उसे आँचल को नाइटी पहने हुए देखना बहुत अच्छा लगता था । जब आँचल सुबह नाइटी पहने हुए परिवार को नाश्ता कराती थी तो वो ससुर खाता कम था , उसे घूरता ज्यादा था । नाश्ते के बाद उसका पति सुनील काम पर चला जाता था । और इधर घर में आँचल की पतली कमर , बड़ी बड़ी चूचियां निहारते हुए ससुर मंत्रमुग्ध सा हुआ रहता था । मन ही मन सोचा करता था कि कैसे मैं इस औरत को जवानी के मजे लेना सिखाऊं । वो ठरकी बुड्ढा इस ताक में रहता था कि कोई मौका मिले तो अपनी मादक बहू को चोदने का उसका सपना पूरा हो । आँचल अपने ससुर की हरकतों से बखूबी वाक़िफ़ थी , लेकिन जवान तो छोड़ो , ससुर जैसी बड़ी उम्र वाले भी मेरे पीछे पागल है , इस ख्याल से उसे अपनी सेक्स अपील पर और गर्व होता था । आँचल को ताकने के लिए सुनील के कजिंस भी वहां चक्कर लगाते रहते थे । उन्हीं में से एक समीर था , लम्बा चौड़ा काफी हैंडसम दिखता था । वो आर्मी में था और उन दिनों 3 हफ्ते की छुट्टी आया था । 32 वर्ष की उम्र हो गयी थी पर अभी तक शादी नहीं की थी । वो लड़कियां पटाने में बहुत माहिर था , बहुत सारी लड़कियों और हाउसवाइव्स को चोद भी चुका था । सेक्स की उसको कोई कमी नहीं थी इसलिए उसने अभी शादी के बारे में नहीं सोचा था । वो आँचल के घर आते रहता था । कई बार उसे घूमने चलने का प्रस्ताव भी दे चुका था । आँचल उसको हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती थी पर वो भी हार मानने वालों में से नहीं था ।लड़कियां पटाने की कला में माहिर होने के कारण वो सही मौके का इंतज़ार कर रहा था ।

दिन भर इतने सारे मर्दों के आकर्षण का केंद्र बने रहने के कारण सुनील के रात में घर लौटने तक आँचल बहुत उत्तेजित हो जाया करती थी । सुनील थका रहता था पर आँचल की उत्तेजना देखकर उसकी चुदाई करने के बाद ही सोता था । लेकिन थकान की वजह से वो अक्सर जल्दी ही झड़ जाता था और जमकर चुदाई न हो पाने से आँचल की प्यास अधूरी रह जाती थी । अपनी प्यास बुझाने के लिए आँचल ने मुठ मारना शुरू कर दिया । वो सुबह बाथटब में देर तक नहाते हुए मुठ मारती थी। बाथ टब में लेटे लेटे उसके मन में पुराने बॉयफ्रैंड्स , मायके का नौकर रामू , ससुर , समीर और अपनी नौकरानी रेखा के ख्याल आते रहते थे । इन सब के बारे में सोच सोच कर वो मुठ मारा करती थी और अपनी आग बुझाती थी । उसके मन में कामुकता इतनी भरी थी कि वो सेक्सी औरतों को देखकर भी उत्तेजित हो जाती थी ।अपने मायके का एक किस्सा उसे बहुत पसंद था और वो उसे याद करके अक्सर मुठ मारा करती थी । उसके मायके में एक 18 साल का नौकर रामू था । उसका काम घर की साफ़ सफाई और बाजार से छोटा मोटा सामान लाना था । आँचल की तरफ वो कम उम्र का छोकरा आकर्षित रहता था । वो रोज़ आँचल के कमरे में चाय देने जाया करता था ,था वो साला हरामी , इसलिए बिना खटखटाये चुपचाप अंदर चला आता था और आँचल को रोज़ अलग अलग पोज़ में सोये हुए देखने का मज़ा लेता था । कभी कभी उसको आँचल की चूचियां और कभी नाइटी के अंदर पैंटी की झलक भी दिख जाया करती थी । ये सब देखकर उसका मन मचल जाता था और उसकी इच्छा होती थी कि सोते में ही आँचल को चोद डाले लेकिन नौकरी चले जाने के डर से कुछ कर नहीं पाता था ।जब उसको पता चला कि आँचल की शादी तय हो गयी है तो वो बहुत उदास हो गया क्योंकि अब उसको सुबह सुबह आँचल के बदन को ताकने का मौका नहीं मिलने वाला था । एक सुबह जब रामू चाय देने गया तो उसने देखा कि आँचल अपने बिस्तर में टाँगे फैलाये सोयी पड़ी है । वो पीठ के बल सोयी थी और चादर उसके बदन के ऊपर से हट गयी थी । उसकी नाइटी पूरी ऊपर को उठी हुई थी और उसमें से पैंटी पूरी दिख रही थी । उसकी मांसल गोरी चिकनी जांघें और पैंटी के किनारे से चूत के काले बाल दिखाई दे रहे थे । ये सीन देख कर रामू का लंड तन के खड़ा हो गया और उसको क्या जो करूँ हो गयी । उसने अपने निक्कर में से लंड बाहर निकाला और आँचल की काली झांटों को देखकर लंड हिलाने लगा । अचानक उसने देखा कि आँचल की नींद खुल गयी है , उसने झट से अपने लंड को निक्कर के अंदर घुसाना चाहा । आँचल ने नींद खुलते ही देखा कि रामू उसके पास ही खड़ा है और उसके हाथ में चाय के कप की बजाय उसका बड़ा और मोटा लंड है । आँचल की नज़रें उस लंड पर ही जम गयीं । उसने मैगज़ीन्स में लंड देखा था पर असली लंड और वो भी अपने इतने नज़दीक कभी नहीं देखा था । इस छोटे से छोकरे का इतना बड़ा लंड कैसे है , ये सोचकर आँचल हैरान थी । आँचल को गुस्सा होने की बजाय हैरान देखकर वो हरामी लौंडा समझ गया कि ये मेरे बड़े लंड से हैरान है । उसकी हिम्मत बढ़ गयी और उसने आगे बढ़कर आँचल के हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया । अपने हाथ में फनफनाता हुआ बड़ा लंड देखकर आँचल के पूरे बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी । उसको अपनी चूत से रस बहकर पैंटी को गीला करता महसूस हुआ । आँचल को गरम होता देखकर रामू की हिम्मत और बढ़ गयी । उसने आँचल के बाल पकड़कर उसका मुंह अपने लंड के पास कर दिया । वो आँचल के गलों पर अपना लंड रगड़ने लगा । आँचल मदहोश होती जा रही थी उसके बदन में उत्तेजना से गर्मी बढ़ती जा रही थी । अब रामू ने अपना लंड आँचल के होठों के बीच लगा दिया , उसका मुंह अपने आप खुल गया और वो सुपाड़े को चूसने लगी । रामू ने लंड को मुंह के और अंदर डालना शुरू कर दिया । आँचल को उस लंड से कुछ अजीब सी गंध और कुछ नमकीन सा स्वाद महसूस हुआ । उसे अपना दम घुटता सा लगा । ये देखकर रामू ने अपना लंड मुंह से बाहर निकाल लिया उसमें आँचल के मुंह की लार लगी हुई थी । फिर वो लंड को आँचल के गाल पर रगड़ने लगा । कुछ पल बाद उसने फिर से आँचल के मुंह में लंड घुसा दिया । इस तरह जब भी आँचल का दम घुटता वो लंड बाहर निकाल लेता और कुछ पल बाद फिर से घुसा देता । कुछ देर बाद आँचल को गंध की आदत सी हो गयी और वो ज्यादा देर तक लंड मुंह में रखकर चूसने लगी । तभी नीचे की मंज़िल से आँचल की माँ ने आवाज़ दी, " रामू , ओ रामू कहाँ मर गया तू ? " रामू झड़ने ही वाला था तो रुकता कैसे । उसने झट से आँचल के मुंह से लंड बाहर निकाला और उसके गालों पर तेज तेज रगड़ने लगा । और फिर आँचल के खूबसूरत चेहरे पर उसने वीर्य की धार छोड दी । फिर लंड को निक्कर में घुसाकर नीचे भाग गया ।

इस तरह शादी से सिर्फ तीन दिन पहले आँचल को पहली बार वीर्य का स्वाद चखने को मिला । फिर उनका घर मेहमानों से भर गया इसलिए और कोई बात नहीं हुई । अब शादी के बाद वो अक्सर रामू के लंड को याद करके मुठ मारती थी । वो कल्पना करती थी कि रामू का बड़ा लंड उसकी तड़पती चूत में घुस कर उसकी प्यास बुझा रहा है । आँचल की शादी को अब दो महीने बीत चुके थे । सुनील के साथ सेक्स करके आँचल को वो मज़ा नहीं आ पाता था जो उसको रामू के मोटे बड़े लंड को अपने हाथों में पकड़कर हिलाने और मुंह में लेकर चूसने में आया था । हालाँकि जब सुनील थका नहीं होता था तो सेक्स में आँचल को संतुष्ट कर देता था । पर ऐसा कम ही होता था क्योंकि वो अपने बिज़नेस की भागदौड़ में अक्सर थका हुआ ही होता था । सिर्फ हनीमून के दिनों में जरूर उसने आँचल को खुश रखा था ।

आँचल का पति सुनील चुदाई करके जल्दी झड़ जाता था और फिर सो जाता था . इससे आँचल फ्रस्टरेटेड रहने लगी . उसको लगता था चुदाई शुरू होने तक तो ख़त्म हो जा रही है. अपने फ्रस्ट्रेशन्स वो सुबह नहाते समय बाथटब में मूठ मारकर निकलती थी . मूठ मारते समय वो अपने ससुर , रामू , समीर और अपनी नौकरानी रेखा को फैंटसाइज़ करती थी. अपनी फैंटसी में वो इन सब लोगो से चुदवाती थी लेकिन रियल लाइफ में एक संस्कारी बहू बने रहना चाहती थी और सिर्फ़ अपने पति को ही चोदने दूँगी ऐसा उसने मन बना रखा था . लेकिन फ्लर्ट करने में उसे कोई बुराई नही दिखती थी. फ्लर्ट करने में उसको बहुत मज़ा आता था और इससे मूठ मारते समय फैंटसाइज़ करने में एक्सट्रा आनंद मिलता था. अब आँचल पतली पतली नाइटीस पहनने लगी और ऊपर के दो बटन खुले रखती थी. अपने ससुर और पति को नाश्ता करते समय जानबूझकर थोड़ा झुकती थी और क्लीवेज दिखाती थी . अपने बाल ठीक करने के बहाने अपने हाथ ऊपर ले जाकर चूचियों को बाहर को धकेल देती थी. उसका ससुर और घर के नौकर उसकी इन हरकतों को देखकर मस्त हुए रहते थे. वो नहाने जाने से पहले अक्सर अपने ससुर को ताश के पत्ते (कार्ड्स) खेलने के लिए अपने कमरे में बुलाती थी और खेलते समय ससुर का हाथ या उसकी बाँह टच कर देती थी. कभी कभी उसको पतली नाइटी से अपनी चूची या चिकनी गोरी जाँघो की हल्की झलक भी दिखा देती थी. ससुर बेचारा खेलते समय हाथ लगाकर अपना खड़ा लंड ढकने की कोशिश करता था और बर्दाश्त के बाहर हो गया तो बहू के कमरे से सटे बाथरूम मे जाकर मूठ मार आता था. बुड्ढे की परेशानी देखकर आँचल को बहुत मज़ा आता था , उसे लगता था मेरी मादकता से जवान तो जवान बुड्ढ़ों का भी लंड खड़ा हो जा रहा है. कभी कभी वो जानबूझकर बाथरूम में अपनी ब्रा या पैंटी छोड़ के आती थी उसे मालूम था ये ठरकी बुड्ढा उनको सूँघकर मूठ मारेगा. अपनी बहू से कुछ कहने करने की दम ससुर में नही थी इसलिए वो बेचारा मन मसोस कर रह जाता था. कैसे इस टीज़िंग बिच को चोदने का मौका मिले तो मेरी किस्मत खुले यही सोच उसके दिमाग़ में रहती थी. समीर ने जब देखा की आँचल सिर्फ़ उसको टीज़ कर रही है तो उसने उनके घर आना कम कर दिया. उसको चुदाई के लिए लड़कियाँ मिल ही रही थी तो उसने सोचा इसके पीछे टाइम वेस्ट क्यूँ करू. जब कभी सही मौका लगेगा तो फिर देखूँगा.

एक दिन समीर उनके घर आया और उसने सुनील और आँचल को अगले वीकेंड पर अपने घर डिनर का न्योता दिया. उसकी छुट्टी ख़त्म होने वाली थी इसलिए वो अपने दोस्तों के लिए पार्टी दे रहा था. जब सुनील और आँचल , समीर के घर पार्टी में आए तो वहाँ बहुत सारी जवान जोड़िया मज़ा कर रही थी. समीर एक सेक्सी लड़की के साथ था . आँचल ने सुनील से पूछा की ये कौन है ? तो उसने बताया की ये समीर की गर्लफ्रेंड किमी है . किमी 27 साल की देल्ही की एक मॉडल थी . पार्टी में सारे मर्दों की नज़र किमी पर ही थी. उसने काले रंग की पार्टी ड्रेस पहन रखी थी . जिसमे उसकी बड़ी बड़ी चूचियां आधी खुली दिख रही थी . वो ड्रेस इतनी छोटी थी की जाँघो के सिर्फ़ उपरी भाग को ही ढक पा रही थी . आँचल ने गौर से उस छोटी ड्रेस को देखा तो उसको पैंटी नही दिखी , शायद किमी ने पहनी ही नही थी. आँचल ने देखा किमी की बड़ी बड़ी चूचियां ड्रेस फाड़ के बाहर आने को हो रही है . वो मुँह खोले हुए उसे देखती रह गयी , सोचने लगी ये तो बहुत बोल्ड लड़की है. नंग धड़ंग ड्रेस पहने हुई है. उसकी चूचियों को देखकर आँचल को बड़ी एक्साइट्मेंट हुई और उसको अपनी चूत में गीलापन महसूस हुआ.
अचानक किमी ने उसकी ओर देखा और आँचल को अपनी ओर ताकते पाया , आँचल शरमा गयी , उसने तुरंत नज़रें फेर ली. तभी किमी और समीर उसके पास आ खड़े हुए. किमी ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और आगे बढ़कर उसके गाल पर किस किया. दोनो की चूचियां आपस में ज़ोर से दब गयी. “सुनील बहुत लकी है उसको इतनी खूबसूरत बीवी मिली है “ किमी हंसते हुए बोली. उसने आँचल का हाथ अभी भी पकड़ा हुआ था और हल्के हल्के उसे दबा रही थी. किमी के अपने इतने नज़दीक़ आने से उसके परफ्यूम की खुशबू आँचल को आई . जिन चूचियों को वो दूर से घूर रही थी वो भी अब उसकी आँखो के सामने थी. आँचल को लगता था की उसकी चूचियां बड़ी हैं पर किमी की तो बहुत बड़ी थीं और ड्रेस फाड़ के खुली हवा में साँस लेने को बेताब हो रही थीं. थोड़ी देर सुनील और आँचल से बातें करने के बाद समीर और किमी दूसरे मेहमानों के पास चले गये. जाने से पहले किमी आँचल के कान के पास अपना मुँह लायी जैसे कुछ कहना चाह रही हो. लेकिन कान के पास मुँह लाकर उसने आँचल के कानका निचला हिस्सा चाट लिया और अपनी बड़ी चूचियां उसकी बाँह से रगड़ दी. किमी की इन हरकतों से आँचल समझ गयी की ये मेरी तरफ आकर्षित हो गयी है , वो शरमा के लाल हो गयी. समीर सब देख रहा था आँचल को ऐसे शरमाते देख उसके होठों पर शरारती मुस्कुराहट आ गयी. फिर पार्टी में बीच बीच में आँचल , किमी और समीर को ताकती रही और वो दोनो भी इस बात को समझ रहे थे. रात में जब आँचल घर लौटी तो वो बहुत हॉर्नी फील कर रही थी . उसने फटाफट अपने कपड़े उतारे और सुनील के उपर चढ़ गयी . सुनील दो धक्कों में झड़ के सो गया . आँचल बेचारी अनसॅटिस्फाइड ही रह गयी और किमी-समीर के बारे में सोचते हुए करवटें बदलती रही.

अगली सुबह उसने सुनील से पूछा की समीर ने अब तक शादी क्यूँ नही की ? सुनील ने हंसकर कहा की इसे चोदने को लड़कियाँ मिल ही रही हैं तो शादी के झंझट में क्यूँ पड़ेगा. फिर उसने आँचल को कहा की ,समीर बहुत हाउसवाइव्स को अपने जाल में फँसा चुका है तुम इससे दूर ही रहना. इन बातों से आँचल डर गयी लेकिन कहीं समीर उसको भी फँसा के चोद ना डाले , इस ख्याल से उसकी चूत गीली हो गयी. उस दिन आँचल ने समीर और किमी की बातों को याद करके मूठ मारी. लेकिन उसको अपने पति की बात भी ठीक लगी और उसने फ़ैसला किया की वो समीर से सिर्फ़ फैंटसी में चुदवायेगी और असल जिंदगी में सिर्फ़ अपने पति सुनील की बन के रहेगी. कुछ दिनों बाद , आँचल ने अपने पति सुनील के साथ बोरिंग सेक्स लाइफ को थोड़ा चटपटा बनाने के लिए सेक्सी लिंजरी खरीदने का इरादा किया . उसने सेक्सी लिंजरी पहनकर रात में सुनील को सरप्राइज देने की सोची. इसके लिए वो एक इंपोर्टेड अंडरगार्मेंट शॉप में गयी . वहाँ सॅटिन टेडी देखकर वो उसका साइज़ वगैरह चेक करने लगी तभी किसी ने उसका नाम पुकारा. उसने मुड़कर देखा तो पीछे किमी खड़ी थी . किमी ने उसको अपने आलिंगन में लिया और गाल पर किस किया. फिर आँचल के हाथ में सॅटिन टेडी देखकर बोली, “ आँचल तुम इसे पहनकर बहुत सेक्सी लगोगी”. आँचल मुस्कुरायी, फिर सेल्सगर्ल से बोली थोड़ा बड़ा साइज़ दो.

किमी – “ आँचल डियर, पिछले हफ्ते मैंने भी यही साइज़ लिया था जो मुझे बिल्कुल फिट आया. वैसे भी ये बदन ढकने के लिए नही बल्कि दिखाने के लिए होती है.”

उसकी इस बात पर आँचल शरमा गयी.

किमी – “आँचल तुम्हारा फिगर बहुत सेक्सी है और चेहरा भी कामुक है तुमको ज़रूर मॉडलिंग करनी चाहिए. ”

किमी के साथ आँचल को कुछ अजीब सा फील होता था. किमी बहुत सेक्सी थी और आज उसने टाइट टीशर्ट और टाइट पैंट पहना हुआ था. टाइट टीशर्ट में उसकी बड़ी चूचियां बाहर को निकली हुई थी. आँचल ने पेमेंट किया और जाने को हुई. तभी किमी ने उसे रोका और बोली, “आज साथ ही लंच करते हैं.” आँचल थोड़ा हिचकिचाई लेकिन किमी ने उसकी बाँह पकड़ी और शॉप से बाहर आ गयी. बाहर आकर उसने बताया की पहले उसे समीर यहीं पर मिलने वाला था लेकिन अब वो उसे सीधे कॉफी शॉप पर आने को बोलेगी. इससे पहले की आँचल विरोध कर पाती , उसने समीर को फोन करके वहाँ आने को बोल दिया. आँचल को थोड़ा घबराहट हुई लेकिन समीर और किमी के साथ टाइम बिताने को मिलेगा ये सोचकर एक्साइट्मेंट भी हुई. लेकिन वो सुनील को क्या बोलेगी ? सुनील ने तो उसे समीर से दूर रहने को बोला था. ये सब ख़याल उसके दिमाग़ में आए. फिर उसने सोचा समीर के साथ लंच करने में कोई हर्ज़ नही . तभी किमी ने उसका हाथ दबाया , “ समीर कल जा रहा है और उसके पास अभी गाड़ी नही है , इसलिए हमे ही उसे पिकअप करना पड़ेगा.चलो चलते हैं .” किमी कार में बैठ गयी और आँचल ने कार ड्राइव की . रास्ते भर किमी बातों बातों में आँचल की बाँहों , उसके बालों और गालों को टच करते रही. वो क्या बात कर रही हैं इन पर तो आँचल ने ज़्यादा ध्यान नही दिया पर उसके टच करने को वो सब समझ रही थी. जब वो दोनो समीर के अपार्टमेंट में पहुँचे तो किमी टॉयलेट चली गयी , अब आँचल समीर के साथ अकेली रह गयी.
समीर ने उसका हाथ पकड़कर उसके गाल पर किस कर लिया और बोला, “ आँचल तुम साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही हो .“
बोलते समय वो आँचल की चूचियों और नाभि पर नज़रें गड़ाए हुए था. फिर उसने आँचल को सोफे पर अपने पास बिठा लिया. आँचल ने उसकी मर्दाना गंध को महसूस किया और उसके इतने नज़दीक़ बैठने से उसको उत्तेजना भी हुई और वो शरमा गयी.
उसके इस तरह शरमाने से उत्साहित समीर ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और उसके बालों और बाँहो को सहलाने लगा. वो बहुत डॉमैनेटिंग नेचर का था आँचल उसके सामने बिल्कुल दब गयी और उसको मना नही कर पाई. वो डरी हुई थी लेकिन साथ ही साथ एक्साइटेड भी थी.आँचल के चेहरे को सहलाते हुए वो बोला “ आँचल तुम्हारा चेहरा बहुत सेक्सी है तुमको तो मॉडल बनने के बारे में सोचना चाहिए.” फिर वो अपना चेहरा आँचल के पास लाया , आँचल ने सोचा वो किस करना चाहता है , उसने होंठ किस के लिए थोड़ा खोल दिए . तभी किमी कमरे में आ गयी और आँचल झटके से समीर से अलग हो गयी. उसने किमी की ओर देखा. वो जानती थी की किमी ने सब देख लिया है. आँचल टॉयलेट का बहाना बनाकर वहाँ से चली गयी. टॉयलेट में उसने ठंडे पानी से अपना मुँह धोया और अपने आप को सम्हालने की कोशिश की. उसको समीर पर बहुत गुस्सा आया की वो उसको कठपुतली की तरह जैसे चाहे वैसे कैसे नचा सकता है. उसको मालूम था की आँचल शादीशुदा औरत है फिर भी उसके बदन को हाथ लगा रहा था और किस भी कर ही देने वाला था. आँचल उसको मना कर ही नही पा रही थी. अगर किमी नही आती तो ना जाने क्या हो जाता.
लेकिन समीर के साथ किस और चुदाई के बारे में सोचकर उसको बहुत उत्तेजना आई. उसकी पैंटी गीली हो गयी. उसने अपने ऊपर ज़्यादा कंट्रोल करने की सोची लेकिन उसका जिस्म हॉर्नी फील कर रहा था. टॉयलेट से जब वो बाहर आई तो सामने का नज़ारा देखकर हकबका गयी. किमी समीर की बाँहो में थी और समीर उसके मुँह में जीभ घुसाकर उसे चूम रहा था. उसके हाथ किमी के नितंबों को मसल रहे थे और वो अपने पैंट के अंदर खड़े लंड को उसके पेट पर रगड़ रहा था.

आँचल को देखकर किमी समीर से अलग हो गयी और मुस्कुराते हुए सफाई देने लगी , “ कल समीर जा रहा है इसलिए आज हमारा साथ में अंतिम दिन है .“
आँचल को उनका प्रेमालाप देखकर ईर्ष्या हुई .
वो बोली , “ मेरे ख़याल से तुम दोनो प्रेमियों को अकेले छोड़कर मुझे चले जाना चाहिए.”
समीर और किमी दोनो ने एक साथ “नही “ बोल दिया.
किमी शरारत से मुस्कुराते हुई बोली , “ समीर ने मुझे प्रॉमिस किया है की वो मुझे आज सारी रात सोने नही देगा .“
समीर सारी रात किमी को चोदेगा , इस ख़याल से आँचल का मुँह लाल हो गया . उसका पति सुनील दो धक्के लगा के सो जाता था और दो-तीन दिन में एक बार ही चुदाई उसके लिए बहुत थी और यहाँ सारी रात चुदाई की बात हो रही है. किमी आँचल के पास आई और उसके कान में फुसफुसा के बोली, “ तुम्हें यहाँ देखकर समीर हॉर्नी फील कर रहा है”. आँचल का चेहरा ये सुनकर शरम से लाल हो गया , किमी को हँसी आ गयी. फिर आँचल का चेहरा अपने हाथों में लेकर बोली , “ आँचल तुम्हे देखकर मैं भी हॉर्नी फील करती हूँ . मैं तुम्हे टेस्ट करना चाहती हूँ . फिर उसने अपने होंठ आँचल के होठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी. आँचल ने कोई विरोध नही किया. फिर किमी ने आँचल की बाँह पकड़ी और वो तीनो कॉफी शॉप में लंच के लिए निकल पड़े. कॉफी शॉप में पहुँचकर आँचल ने देखा की सभी की निगाहें उन्ही की ओर हैं. किमी ने टाइट टीशर्ट पहनी हुई थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों पर सबका ध्यान था. आँचल खुद उनको देखना और फील करना चाह रही थी . किमी को मालूम था की आँचल उससे बहुत प्रभावित है . वो आँचल के चूतरस को चखने के लिए मरी जा रही थी.
किमी आँचल के पास ही बैठी थी और बहाने से बार बार उसको टच कर रही थी. जिससे वो उत्तेजित होती रहे. लेकिन समीर चुपचाप था . वो सोच रहा था आज इस टीज़िंग बिच को चोदने का बहुत बढ़िया मौका है. उसने देख लिया था की आँचल भी किमी की तरफ आकर्षित है , इससे उसके प्लान में फायदा ही होगा. आँचल को चोदने के ख़याल से उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. लंच के दौरान समीर और किमी , आँचल को मॉडलिंग के लिए उकसाते रहे. वो दोनो उसके फिगर , सुंदर चेहरे की तारीफों के पुल बांधते रहे. किमी इस दौरान आँचल के बदन को , उसके चेहरे को टच करने का कोई मौका नही छोड़ रही थी. अपनी तारीफ सुनकर आँचल खुश हो गयी और किमी की हरकतों को नज़रअंदाज़ करती रही. लेकिन उत्तेजना से उसकी पैंटी गीली हो गयी थी और उसका चुदाई का बहुत मन कर रहा था. उन दोनो ने आँचल को कुछ मॉडलिंग एजेन्सीस और फोटोग्राफर्स के नाम भी बताए. लंच के बाद जब समीर पेमेंट करने लगा तो आँचल ने पाया की वो अपना पर्स तो समीर के कमरे में भूल आई है.
समीर के कमरे में पहुँचकर आँचल ने अपना पर्स उठाया और जाने लगी. लेकिन समीर ने कुछ फोटो लेने की ज़िद करी और अपने बेडरूम में कैमरा लेने चला गया. किमी ने आँचल को सोफे पर अपने पास बैठा लिया और उससे बातें करने लगी. उसने आँचल से कहा की वो उसे फिर दुबारा ज़रूर मिलेगी और उसको कुछ अच्छे फोटोग्राफर्स के पास ले जाएगी. तब तक समीर भी वापस आ गया और उन दोनो से फोटोस के लिए कुछ पोज़ बनाने को कहा. तुरंत किमी ने पोज़ के बहाने आँचल को अपने आलिंगन में ले लिया और उससे चिपटने लगी. उस मॉडल को अपने से चिपटता देखकर आँचल से भी रहा नही गया वो भी किमी के बदन में हाथ फिराने लगी. अब तो किमी को ग्रीन सिग्नल मिल गया उसने आँचल के रसीले होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों के बीच जीभ डालकर मुँह के अंदर घुमाने लगी. आँचल को इससे पहले कभी किसी ने ऐसे किस नही किया था .किमी की कामुकता से वो भी अपने उपर काबू नही रख सकी और उसका पूरा साथ देने लगी.
अब किमी आँचल के कान , उसके गालो और गले में चूमने और दाँत से हल्के हल्के काटने लगी. आँचल के बदन में मानो आग सी लग गयी. समीर उन दोनो की इस कामलीला को अपने कैमरा में क़ैद कर रहा था वो भी ये सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गया था. उसने फटाफट अपने कपड़े उतार फेंके और अपने मोटे लंड को हाथ में पकड़कर हिलाने लगा. फिर उन दोनो के बीच में घुसकर दोनो औरतों को अलग कर दिया. समीर का नंगा गठीला जिस्म और मोटे लंड को देखकर आँचल घबरा गयी. उसके दिमाग़ ने कहा “ समीर मुझे मत चोदो , मैं शादीशुदा औरत हूँ.” लेकिन उसके मुँह से निकला “ ओह, समीर तुम्हारा कितना बड़ा है ….”“आँचल डार्लिंग, डरो मत . इसे अपने हाथ में पकड़ो ये तुम्हें काटेगा नहीं.” समीर बोला. फिर उसने आँचल का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. आँचल ने फड़कता हुआ लंड पकड़ा और उसकी पैंटी में चूत से रस बहने लगा. उसका गला सूख गया. आँचल को घबराया हुआ देखकर किमी ने समीर के लंड को अपने होठों में ले लिया . पर समीर आज आँचल को ही चोदना चाह रहा था , उसने किमी को हटा दिया और उससे कैमरा पकड़ने को कहा. फिर समीर ने आँचल की पीछे से गर्दन पकड़ ली और उसके मुँह के पास लंड लगा दिया. आँचल का ना चाहते हुए भी मुँह खुल गया. आँचल को विरोध ना करते देखकर समीर की बाछें खिल गयी और उसने धीरे धीरे आँचल के मुँह में लंड घुसा दिया.

आज दूसरी बार आँचल लंड चूस रही थी . पहली बार मायके में नौकर रामू का चूसा था. उसका पति सुनील ये सब काम नही करता था सिर्फ़ मिशनरी पोज़िशन में आँचल के ऊपर चढ़ के चुदाई कर लेता था. समीर आँचल के मुँह में लंड अंदर बाहर करता रहा और जब उसको लगता की आँचल का दम घुट रहा है तो वो लंड मुँह से बाहर निकालकर उसके गालो पर रगड़ने लगता. आँचल को भी अब मज़ा आ रहा था वो मन लगाकर लंड चूसने लगी. उधर किमी उन दोनो की फोटो खींचती रही. आँचल के सेक्सी चेहरे में समीर का लंड देखकर उत्तेजना से उसको अपने को सम्हालना मुश्किल हो रहा था, उसको लग रहा था ओर्गास्म आने ही वाला है. आँचल ने समीर के नितंबों को अपने दोनो हाथों से पकड़ रखा था और वो लंड के साथ साथ उसकी गोलियों को भी चूस रही थी. समीर को लगा की वो अब झड़ने ही वाला है , उसने आँचल को रोक दिया और उससे पूछा की उसे लंड चूसने में मज़ा आ रहा है ? आँचल मुँह में लंड होने की वजह से कुछ नही बोल पाई, बस हाँ में सर हिला दिया. इस नयी नवेली दुल्हन को कोई विरोध ना करते देख समीर बहुत खुश था.

फिर समीर ने उसके सर को दोनो हाथ से पकड़कर उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया. पहले धीरे धीरे फिर तेज तेज स्ट्रोक्स लगाए. कुछ देर बाद उसने आँचल का मुँह वीर्य से भर दिया. उसका दम ना घुट जाए इसलिए समीर ने अपना लंड मुँह से बाहर निकाल लिया. इससे आँचल के चेहरे, बाल, कंधे, ब्लाउज, साड़ी सब जगह वीर्य की बूंदे गिर गयी. आँचल जितना वीर्य निगल सकती थी उतना उसने निगल लिया फिर भी कुछ उसके होठों से बाहर बहने लगा. अचानक किमी कैमरा छोड़कर आँचल का मुँह, चेहरा चूसने लगी . उसने भी आँचल के चेहरे और मुँह से समीर का वीर्य चाट लिया. आँचल को दूसरी बार वीर्य का स्वाद चखने को मिला था . उसे वीर्य की हर एक बूँद बहुत अच्छी लगी.आँचल की पैंटी अब चूतरस से पूरी गीली हो चुकी थी. थोड़ा रस जांघों को भी गीला कर चुका था. जब किमी उसको किस करने लगी तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी. उसने किमी की टाइट टीशर्ट को फाड़कर उसके सर के ऊपर से निकाल दिया. फिर किमी की गुलाबी रंग की लेसी ब्रा से एक चूची बाहर निकालकर उसके बड़े से निप्पल को मुँह में भर लिया.

बिना ब्रा उतारे बड़ी चूची बाहर निकालने से किमी को ब्रा कस गयी उसने आँचल को एक तरफ हटा दिया और अपनी ब्रा उतार ली. अब उसकी बहुत बड़ी बड़ी चूचियां खुली हवा में लटकने लगी. आँचल उन पर टूट पड़ी और उन्हे अपने हाथ और मुँह में भरने लगी. आँचल की कामुकता देखकर समीर अब और देर बर्दाश्त ना कर सका. उसने दोनो औरतों को खींचकर अलग कर दिया. आँचल को गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले गया. बेडरूम में पहुँचकर उसने आँचल का ब्लाउज फाड़ दिया और किमी ने आँचल के बाकी कपड़े उतारने में उसकी मदद की. आँचल की गीली लेस वाली पैंटी को समीर ने उतारने की बजाए फाड़कर फेंक दिया. उसने देखा आँचल की चूत के होंठ उत्तेजना से फूल गये हैं और क्लाइटॉरिस बिल्कुल तन चुका है. आँचल की चूत के उपर काले बाल छोटे छोटे थे, शायद उसने कुछ दिन पहले ही साफ़ किए होंगे. आँचल की गोरो गोरी मक्खन जैसी जांघें और फूली हुई चूत के गुलाबी होंठ देखकर समीर उत्तेजना से पागल हो गया. वो समझ गया था की आँचल भी चुदाने को बिल्कुल रेडी है. उसने आँचल को पीठ के बल लिटा दिया और उसकी टाँगे पकड़कर अपने कंधों पर रख ली. फिर उसने अपने लंड को आँचल की तपती चूत के छेद पर लगाया और सुपाड़े को अंदर धकेल दिया. आँचल ने कभी इतना मोटा लंड अपनी चूत में नही लिया था. ये उसका अपने पति सुनील के अलावा दूसरा ही लंड था जो उसकी चूत में घुसा था. अभी समीर के लंड का सिर्फ़ सुपाड़ा ही अंदर गया था और उसकी चूत के बाहरी होंठ पूरे खींच चुके थे. आँचल दर्द से चिल्लाई , “ आ …प्लीज़ समीर बाहर निकालो, मैं इतना मोटा नही ले सकती.” उसके माथे पर पसीना आकर उसके चेहरे पर बहने लगा. आँचल बहुत घबरा गयी .वो चिल्लाई , “ ओई मा…एयाया…तुम मेरी चूत फाड़ रहे हो ……….उईईईईई……..माआआअ….”.
वैसे तो आँचल की शादी को दो महीने हो गये थे लेकिन उसकी चूत इतना स्ट्रेच कभी नही हुई थी. वो समीर के हाथ जोड़ने लगी प्लीज़ मुझे छोड़ दो. समीर को ऐसा लग रहा था जैसी वो किसी कुँवारी लड़की की टाइट चूत को चोद रहा है . इससे उसकी उत्तेजना और भी बढ़ गयी और जोश दुगना हो गया. आँचल ने किमी से प्रार्थना करी की वो समीर को रोके. अब घबराहट से उसकी गीली चूत भी सूख चुकी थी और उसको डर था की बिना ल्यूब्रिकेशन के सूखी चूत में मोटे लंड से और भी दर्द बढ़ जाएगा. समीर ने अपने लंड का सुपाड़ा बाहर निकाल लिया . उसमे थोड़ा थूक लगाया और फिर से आँचल की चूत में डाल दिया. थोड़ी देर तक वो ऐसा ही करते रहा. सिर्फ़ सुपाड़ा घुसाता फिर निकाल लेता.थोड़ी देर बाद आँचल को सुपाड़े से दर्द होना बंद हो

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गया. अब समीर ने धीरे धीरे लंड को और अंदर डालना शुरू किया. जब आधा अंदर घुस गया तो फिर उतने को ही धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. कुछ पल बाद आँचल भी उत्तेजना से अपने नितंबों को ऊपर को उछालने लगी . अब फिर से उसका चूतरस निकलने लगा. उसने समीर की पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए और उसे तेज तेज स्ट्रोक लगाने को कहने लगी. किमी ने उससे पूछा , “आँचल , तुम्हें कैसा लग रहा है ? ” आँचल सिसकारियों के बीच बोली, “ ऊ ..आअहह…ही इस फक्किंग मी सो नाइस्ली, इट फील्स सो गुड….”

अब समीर ने तेज़ी से स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए. उसकी गोलियाँ आँचल की उठी हुई गांड से टकराने लगी. ठप ठप ठप की आवाज़ पूरे बेडरूम में गूंजने लगी. दोनो के बदन पसीने से लथपथ हो गये. आँचल की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी. आँचल उसके जबरदस्त स्ट्रोक्स से रोमांचित हो गयी और अपनी जिंदगी में पहली बार उसको चुदाई का भरपूर आनंद मिल रहा था. समीर धक्के लगाए जा रहा था और आँचल को ओर्गास्म आने ही वाला था , ये देखकर समीर ने उसे तड़पाने के लिए अचानक धक्के लगाना बंद कर दिया.
 
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IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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आँचल चिल्लाई , “ यू बास्टर्ड , धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ , आई ऍम कमिंगम्मींगगगग ….फक मी …….चोदो मुझे …कमीने तुम शुरू से मुझे चोदना चाहते थे …अब रुक क्यूँ गये…….ओइईईईई..आह……ओइइ…माआअ…” समीर ने मुस्कुराते हुए फिर जोरदार धक्के लगाने चालू किए…कुछ पलों बाद आँचल को ओर्गास्म आ गया ….”ओइइ….माआआ…अहह….ओह….माआआ….” अब समीर भी ज़्यादा देर रुक नही पाया और उसने आँचल की चूत को अपने वीर्य से भर दिया. फिर वो आँचल के बगल में बिस्तर में गिर पड़ा. उधर किमी का काम लगाने वाला कोई नही था बेचारी खुद ही अपनी क्लाइटॉरिस को रगड़कर ओर्गास्म लाने की कोशिश कर रही थी. समीर और आँचल की चुदाई ख़त्म होते ही वो झट से आँचल के फूले हुए चूत के होठों पर मुँह लगाकर चूतरस पीने लगी. चूत के अंदर जीभ डालकर उसने चूतरस के साथ साथ समीर का वीर्य भी चाट लिया. फिर वो आँचल की क्लाइटॉरिस को जीभ से टीज़ करने लगी जिससे आँचल की सिसकारियाँ निकल गयी.

आँचल की चूत को इससे पहले कभी किसी ने नही चाटा था. वो उत्तेजना से अपने नितंबों को किमी के मुँह पर उछालने लगी. उधर किमी को भी मज़ा चाहिए था उसने आँचल के मुँह पर अपनी चूत रख दी और 69 की पोज़ में आ गयी. आँचल समझदार थी जल्दी ही 69 का मज़ा भी सीख गयी और कुछ ही देर में दोनो औरतों को जबरदस्त ओर्गास्म आया. दोनो सेक्सी औरतों की कामुकता देखकर समीर का लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने आँचल को किमी से अलग कर दिया . फिर पास में पड़ी कुर्सी में बैठ गया और आँचल से अपनी गोद में बैठने को कहा. आँचल ने उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और धीरे धीरे नीचे को बैठ गयी. जब लंड पूरा अंदर घुस गया उसके बाद समीर , आँचल की गोरी गोरी चूचियों को चूमने , चूसने और उन पर हल्का दाँत से काटने लगा.
“आँचल अच्छा लग रहा है ? ” समीर ने पूछा.
हालाँकि समीर हल्के हल्के से धक्के लगा रहा था लेकिन आँचल एक और ओर्गास्म के करीब थी . उसके मुँह से निकला , “अहह…..तुम …….उम्म्म..…तुमने….ओह…..तुम्हारे लंड ने मेरी चूत को पूरा भर दिया है …….उउम्म्म्ममम……” और उसको जल्दी ही ओर्गास्म आ गया.

फिर समीर ने किमी से पीछे से आँचल के कंधे पकड़ने को कहा और खुद उसने आँचल के नितंब पकड़ लिए . अब वो खड़ा हो गया , लंड अभी भी आँचल की चूत में ही था. अब आँचल हवा में लटकी हुई थी. कंधे किमी ने पकड़े हुए थे और नितंबों से समीर ने पकड़ा हुआ था. समीर ने धीरे धीरे चूत में धक्के लगाने शुरू किए. आँचल को हवा में लटके हुए ही झटके लगने लगे. समीर ने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी , उसके साथ ही आँचल की सिसकारियाँ भी बढ़ती चली गयी ……..ह…………अन्णन्न्……….…उगगगगगगग…..कुछ देर बाद उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म आया और पूरा कमरा उसकी चीखों से गूंजने लगा. तभी समीर ने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और किमी की सहायता से आँचल को बेड पर लिटा दिया. आँचल अभी भी सिसकारियाँ लेने में थी. उसकी ऐसी जबरदस्त चुदाई पहले कभी नही हुई थी. समीर ने किमी की गर्दन के नीचे दो तकिये लगाए और खुद उसके पेट के दोनो तरफ पैर डालकर बैठ गया और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच अपना लंड घुसाकर चूची-चुदाई करने लगा . वो किमी की चूचियों से होते हुए उसके मुँह में भी लंड घुसा दे रहा था. आँचल ने पहले कभी ऐसी चूची-चुदाई नही देखी थी. समीर को किमी की बड़ी चूचियों को निचोड़ते मसलते देखकर वो रोमांचित हो उठी. अब समीर ने आँचल और किमी को पास पास लिटा दिया और उनकी गांड के नीचे एक एक तकिया लगाकर चूत को थोड़ा उठा दिया. आँचल की बायीं और किमी की दाहिनी टांग हवा में उपर उठा दी. फिर उसने आँचल की चूत में लंड घुसाकर तगड़े स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए. फिर आँचल की चूत से लंड निकालकर बगल में लेटी किमी की चूत में लंड घुसेड दिया. समीर बारी बारी से दोनो को चोदते रहा. आँचल और किमी को दुगना मज़ा आ रहा था क्योंकि अगल बगल लेटे होने से जब एक चुद रही थी तो दूसरी को भी उसी लय में धक्के लग रहे थे. दोनो सिसकारियाँ लेने लगी और समीर उन्हे चोदते रहा. जल्दी ही दोनो औरतों को एक और ओर्गास्म आया . जब समीर को लगा की अब वो झड़ने वाला है तो उसने उनकी टाँगे नीचे कर दी और अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया. फिर वो आँचल की चूचियों के उपर बैठ गया और उसके मुँह में लंड घुसा दिया. आँचल के सुंदर चेहरे को अपना लंड चूसते देखकर उसे बहुत आनंद मिला. जब उसने पहली बार आँचल को देखा था तब से ही उसकी आँचल के मुँह में लंड घुसाने की इच्छा थी. कुछ देर बाद उसने आँचल के मुँह में अपना वीर्य भर दिया और इस बार अपना लंड मुँह से बाहर नही निकाला . आँचल का दम घुटने लगा पर समीर वीर्य की धार उसके मुँह में छोड़ते रहा. कुछ पलों के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और लंड को उसके सेक्सी चेहरे और बालों पर रगड़ने लगा . फिर उन दोनो के साथ वो भी बेड पर ही लेट गया लेकिन उन दोनो के बदन को चूमते और दांतो से काटते रहा.
थोड़ी देर बाद आँचल उठ गयी और पेशाब करने के लिए टॉयलेट चली गयी. उसकी चूत से अभी भी वीर्य टपक रहा था. उसने टॉयलेट के मिरर में देखा की उसके बालों , चेहरे और बदन में काफ़ी जगह पर वीर्य लगा हुआ है . उसने अपना मुँह धोया और सर के बालों से वीर्य निकालने की कोशिश की पर जहाँ तहाँ चिपका होने से अच्छी तरह से साफ़ नही हो पाया और बाल सब उलझ गये. अब मैं इस हालत में घर कैसे जाऊँगी , इस बास्टर्ड ने बुरी गत बना दी है , आँचल ये सब सोचने लगी. अपने बालों का वो बहुत ख़याल रखती थी और दिन में बहुत वक़्त उनकी देखभाल में लगा देती थी अब उनकी ये हालत देखकर वो रुआंसी हो गयी. उसकी गर्दन, गालों , चूचियों और बदन में कई जगह पर चूसने, काटने से लाल रंग के निशान पड़ गये थे और होंठ भी सूज़ गये थे. ("उपर - नीचे" दोनो जगह के ) आँचल ने सोचा , जब तक ये निशान मिट नही जाते मुझे कोई बहाना बनाकर सुनील से दूर ही रहना पड़ेगा. जब उसने घड़ी में देखा तो शाम के 5 बज चुके थे. उसका पति सुनील शाम 7 बजे के बाद ही घर वापस आता था तब तक उसको घर पहुँचकर नहा धो लेना था. वो लोग लगभग पिछले 3 घंटे से चुदाई कर रहे थे. इतना टाइम कब बीत गया उनको पता ही नही चला. आँचल जल्दी से टॉयलेट से बाहर आई और घर जाने के लिए अपने कपड़े ढूंढने लगी. कपड़े फर्श पर पड़े थे वो झुककर उन्हे उठाने लगी , जिससे उसकी बड़ी नंगी गांड हवा में ऊपर को उठ गयी. जब समीर ने उसे झुके हुए देखा तो जल्दी से बेड से उठा और उसकी बड़ी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला , “ साली तेरी बड़ी गांड को चोदने का तो चान्स ही नही मिला .”


आँचल ने देखा की समीर का लंड फिर खड़ा हो गया है. समीर की गंदी बातें सुनकर और अपनी गांड पर थप्पड़ मारने और उसे मसलने से आँचल फिर से उत्तेजित होने लगी. लेकिन बोली, “ नही समीर प्लीज़, सुनील घर आता ही होगा . अभी मुझे जाने दो . मैं प्रॉमिस करती हूँ फिर किसी दिन तुम अपनी इच्छा पूरी कर लेना, प्लीज़ अभी जाने दो.” फिर वो अपने कपड़े उठाने लगी. लेकिन जब उसने साड़ी उठाई तो वो कुछ जगह पर फटी हुई थी और वीर्य के धब्बे भी लगे हुए थे. ब्लाउज और पैंटी के भी दो टुकडे हो गये थे. उसे रोना आ गया. किमी ने उसे अपने कपड़े देने चाहे पर वो साड़ी नही पहनती थी . उसके पास सिर्फ़ मॉडर्न ड्रेस थी. वही वाली ब्लैक ड्रेस जो उसने पार्टी में पहनी हुई थी. आँचल के पास कोई चारा नही बचा था. उसे वही छोटी सी ड्रेस पहननी पड़ी वो भी विदाउट पैंटी. उसके सूज़े हुए निप्पल साफ दिख रहे थे और वो ड्रेस उसकी गांड पर बिल्कुल टाइट हो रही थी. उसे लग रहा था की इस ड्रेस से ढक तो कुछ रहा नही है ऊपर से पैंटी ना होने से कहीं चूत ना दिख रही हो. फिर वो कार ड्राइव कर के घर को चली गयी पर रास्ते में रेड सिग्नल पर रुकते समय उसको लग रहा था सब उसके खुले जिस्म को ही घूर रहे हैं. घर पहुँचकर उसने मन ही मन प्रार्थना की, “ हे भगवान , सब अपने कमरे में ही हो. कोई मुझे ना देखे.” लेकिन उसकी नौकरानी रेखा उसके ही कमरे में सफाई कर रही थी और वो दोनो एकदम से आमने सामने हो गये. आँचल शरमा गयी और उसने रेखा को वहाँ से जाने को कहा. रेखा ने देख लिया मेमसाब की क्या हालत है. साड़ी पहन के गयी थी और ऐसे छोटे कपड़ों में वापस आई है. दिखने से ही बहुत चुदी हुई लग रही है. वो आँचल को ऊपर से नीचे तक घूरने लगी और फिर मुस्कुराते हुए बाहर चली गयी. बेचारी आँचल!!!
लेकिन कोई और भी था जिसने ये सब देखा था. कौन था भाई ?





आँचल का ठरकी ससुर और कौन .


आँचल को पता नही चला पर उसके ससुर ने भी उसको अंदर आते हुए देख लिया था . वो अपने बेडरूम से ताकाझाँकी कर रहा था हमेशा की तरह. जब उसने भी आँचल की हालत और छोटे कपड़े देखे तो वो भी समझ गया बहू आज किसी से चुदाकर आई है . अब वो अपना दिमाग़ भिड़ाने लगा की इस जानकारी का फायदा मैं कैसे उठाऊ. एक और बात थी जो आँचल को पता नही थी. उसकी समीर के साथ चुदाई और लंड चूसते समय लिए गये फोटोज , जिनका उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता था. आँचल ने तबीयत का बहाना बनाकर कुछ दिन सुनील को अपना बदन नही देखने दिया ताकि वो उसके जिस्म पर बने निशान ना देख ले. चेहरे और गर्दन के निशान उसने थोड़ा मेकअप से ढक लिए. मन ही मन सुनील भी खुश था की आजकल सेक्स से थोडा ब्रेक मिल रहा है. वरना तो थक के आओ और फिर बीवी की सेक्स की डिमांड पूरी करो. उसे बिल्कुल खबर नही थी की उसके कज़िन समीर ने उसकी बीवी की क्या गत बनाई थी.

लेकिन आँचल ने अपने ससुर और आया रेखा के , अपने प्रति व्यवहार में बदलाव महसूस किया. अब उसके ससुर की हिम्मत बढ़ गयी थी और वो बहाने से उसकी बाँह, चूचियाँ और गांड को छूने की कोशिश करने लगा था. आँचल उसके साथ इनसेक्यूर महसूस करने लगी और उससे दूरी बनाने की कोशिश करने लगी. अब जब भी वो ताश के पत्ते खेलने को कहता या उसके नज़दीक़ आने की कोशिश करता तो वो कुछ ना कुछ बहाना बना देती. इससे वो संस्कारी बुड्ढा चिढ गया . उसने देखा था की कैसे उस दिन उसकी बहू बुरी तरह से चुद के आई थी . अब वो भी उसे चोदना चाहता था. नौकरानी रेखा भी अब आँचल के मुँह लगने लगी थी. कभी उसकी लिपस्टिक, कभी परफ्यूम लगा लेती. कभी मूवी जाने के लिए रुपये मांगती. लेकिन आँचल को मालूम था की ये सब तो सहन करना ही पड़ेगा. अगर उसने बड़ी चीजो के लिए मुँह खोला तो फिर वो क्या करेगी ? कभी कभी उसको समीर और किमी के साथ बिताए दिन की याद करके गिल्टी फील भी होने लगता था. उसी दिन की वजह से आज ये रेखा सर चढ़ी है. वो समीर और किमी को ब्लेम नही करती थी क्योंकि उन्होने तो सिर्फ़ उसकी कमज़ोरी का फायदा उठाया था , अगर वो अपने ऊपर कंट्रोल कर पाती तो वो दोनो कुछ नही कर सकते थे. वो पूरी तरह से खुद ही ज़िम्मेदार थी .वो इस बात से खुश थी की किमी ने उसको फोन नही किया था, वो किमी को अवॉयड ही करना चाह रही थी. वैसी उस दिन जमकर हुई चुदाई से वो पूरी तरह से सैटिस्फाइड थी लेकिन उसने प्रण किया की ऐसा रिस्क वो अब नही लेगी. और सुनील के साथ वफ़ादार बने रहेगी. उस दिन समीर ने कंडोम नही पहना था और आँचल को डर था की उतना ज़्यादा वीर्य उसकी चूत में समीर ने भर दिया था , कहीं वो प्रेग्नेंट तो नही हो गयी होगी. लेकिन जब भी उसको उस चुदाई की याद आती थी उसकी चूत बिल्कुल गीली हो जाती थी. समीर का लंड चूसने , गोलिया चूमने और चाटने , किमी की चूत चाटने में आँचल को बहुत मज़ा आया था. अब तक वो तीन लंड देख चुकी थी . पहला नौकर रामू का , दूसरा अपने पति सुनील का और तीसरा समीर का. इनमे से दो लंड बड़े थे , जो उसे पसंद आए थे. उस दिन हुई जमकर चुदाई से आँचल की सब फ्रस्ट्रेशन दूर हो गयी थी. अब वो खुश थी और मूड भी अच्छा रहता था. अपने पति सुनील की भी अब वो एक्सट्रा केयर करने लगी थी. उसने सोचा था अब वो सुनील को थोडा अड्वेंचरस बना कर उसी के साथ मस्त सेक्स के मज़े लेगी. लेकिन सेक्स के मामले में सुनील थोडा शर्मीला था. आँचल ने सोचा उसी को कोई कदम उठाना पड़ेगा जिससे सुनील भी थोडा खुले.उसने सुनील से उसकी पुरानी गर्लफ्रेंड्स के साथ सेक्स लाइफ के बारे में पूछा . लेकिन सुनील ने बताया की उसकी कोई GF थी ही नही . वो अपनी पिछली सेक्स लाइफ के बारे में बात करने को भी राज़ी नही था. आँचल के बहुत मनाने के बाद उसने बताया की वो शादी से पहले रंडियों के पास कई बार गया था , उनके अलावा उसने किसी और के साथ सेक्स नही किया था. उसने ये भी बताया की उसे रंडी चोदने में बहुत मज़ा आया था. आँचल ने उससे कहा की तुम मेरे साथ सेक्स करते समय मुझे रंडी ही समझो अपनी बीवी नही. लेकिन सुनील ने मना कर दिया. उसने कहा की वो आँचल को रंडी की तरह नही सोच सकता.

आँचल बोली ये बात तुम मुझ पर छोड़ दो. लेकिन प्लीज़ ये रंडी समझने वाला आइडिया मान लो, “ मैं प्रॉमिस करती हूँ बहुत मज़ा आएगा, सच्ची.”
उस रात जब सुनील घर आया तो उसने देखा आँचल बेडरूम में रंडी की तरह बनी बैठी है. उसने किमी की वही छोटी ड्रेस बिना ब्रा और पैंटी के पहनी हुई थी. मुँह पर खूब मेकअप पोत रखा था और होठों पर खूब लाल लिपस्टिक लगा रखी थी. उसने

पूरे बदन में परफ्यूम डाला हुआ था और 6 इंच की हील वाली सैंडल पहनी हुई थी.
जब सुनील उसके पास आया तो वो बोली, “ ब्लोजोब का वन थाउज़ंड, अंदर डालने का 5 थाउज़ंड , पीछे का 10 थाउज़ंड और अगर मुझे सारी रात चाहते हो तो ट्वेंटी थाउज़ंड.”
सुनील उसके मुँह से ऐसी बातें सुनकर हैरान हो गया .
आँचल फिर बोली, “ आज पूरे दिन मेरा कोई बिज़नेस नही हुआ है, बताओ तुम्हारा क्या जवाब है , नही तो मैं दूसरी जगह ट्राइ करती हूँ.”

सुनील अब भी कुछ नही बोला. वो आँचल का ये रूप देखकर हैरान था.

अब आँचल बोली, “ मुँह में लंड लेने का एक हज़ार, चूत में डालने का 5 हज़ार , गांड में घुसाने का 10 हज़ार और रात भर चोदने का 20 हज़ार , क्या बोलता तू , तेरे को क्या माँगता ?

अपनी अपर क्लास बीवी के मुँह से रंडी की जैसी भाषा सुनकर सुनील का लंड खड़ा हो गया. उसने आँचल को पकड़कर किस करना चाहा.

“नही नही , मेरा चुम्मा नही लेना, मैं चुम्मा नही देती…” ऐसा कहकर आँचल ने अपने को सुनील से छुड़ा लिया और फिर बोली, “ पहले पैसे दो , फिर मज़ा लूटो ..”

“आँचल प्लीज़ चोदने दो ना “ सुनील बोला.

लेकिन आँचल नही मानी.उसका अड़ियलपन देखकर सुनील ने बीस हज़ार निकाले और आँचल के मुँह पर फेंकते हुआ बोला, “रंडी ये ले तेरा दाम, अब तू रात भर के लिए मेरी है साली !!!”

आँचल ने सुनील के पैंट की ज़िप खोली और उसका अधखड़ा लंड बाहर निकाल लिया. सुनील के कुछ सोचने समझने से पहले ही आँचल ने लंड मुँह में डाल लिया और चूसने लगी , साथ ही साथ उसकी गोलियो को भी हाथ से सहलाने लगी. अपनी खूबसूरत बीवी को लंड चूसते देखकर सुनील बहुत उत्तेजित हो गया , वो ज़्यादा देर कंट्रोल नही कर पाया और कुछ ही देर में आँचल के मुँह में उसने वीर्य की धार छोड़ दी . फिर उसका लंड मुरझा गया. आँचल ने अभी शुरू ही किया था और यहाँ पतिदेव झड़ गये . उस बेचारी को बहुत निराशा हुई. फिर उसने सुनील के कपड़े उतार कर उसे जगह जगह चूमना , चाटना , काटना शुरू कर दिया, की क्या पता सुनील को फिर उत्तेजना हो और उसका लंड फिर से खड़ा हो जाए. थोड़ी देर तक वो ये सब करती रही. फिर सुनील ने उसको एक तरफ हटाया और नहाने चला गया. नहाकर उसने कुर्ता पैजामा पहना और आँचल से डिनर लगाने को कहा. आँचल ने रेखा को आवाज़ लगाई और उससे कहा की आज हम डिनर अपने बेडरूम में ही करेंगे. रेखा ने जब आँचल को वैसे कपड़ो में देखा तो उसके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कुराहट आ गयी. वो समझ गयी मेमसाब साहब को सिड्यूस करने का प्रयास कर रही है. उस रात सुनील और आँचल ने अपने बेडरूम में ही डिनर किया. किमी की छोटी सी ड्रेस पहनकर आँचल बहुत सेक्सी फील कर रही थी. उत्तेजना से उसके निपल तन गये थे और चूत रस बहने से गीली हो गयी थी. सुनील ने अपनी बीवी में आए बदलाव को महसूस किया. डिनर करते समय उसके दिमाग़ में यही बात घूम रही थी की आज कुछ बदली बदली सी लग रही है कुछ ज़्यादा ही कामुक हो रही है. सुनील ने आँचल से पूछा , “ तुम्हे मेरा लंड चूसते समय घृणा नही आई ? “ आँचल बोली, “ घृणा क्यूँ आएगी ? मुझे तो बहुत मज़ा आया .“ सुनील मन ही मन सोचने लगा , इतनी सुंदर और साफ सफाई से रहने वाली औरत ये लंड चूसने जैसा गंदा काम कैसे कर सकती है ? कहीं इसने पहले तो नही चूसा है किसी का ? अब ये शक़ उसके दिमाग़ में घूमने लगा. फिर उसने सीधे ही पूछ लिया, “ तुमने शादी से पहले इसका एक्सपीरियेन्स लिया था क्या ?”
आँचल शरमा गयी और फिर तुरंत पलटकर झूठा जवाब दिया, “ तुमसे मिलने से पहले मैं सबका लंड चूसते फिरती थी , यही सोच रहे हो ना तुम ? और कोई काम नही था क्या मुझको , यू बास्टर्ड….”

सुनील हड़बड़ाकर बोला, “ अरे नाराज़ क्यूँ हो रही हो , मैंने तो ऐसे ही पूछ लिया.”फिर सोचने लगा खाली शक़ किया अपनी प्यारी बीवी पर.

डिनर के बाद थोड़ी देर दोनो ने टीवी देखा और फिर बेड में चले गये. आँचल सुनील के लंड और गोलियो से खेलने लगी और सुनील आँचल की चूचियों को चूसने लगा. फिर आँचल ने सुनील का लंड चूसना चाटना शुरू कर दिया . कुछ देर तक वो ऐसे ही करती रही पर लंड खड़ा होने का नाम ही नही ले रहा था. हद है !!! थक हार कर बेचारी ने कोशिश छोड़ दी और लेट गयी. भगवान बचाए ऐसे पति से तो. हुह ! सुनील खर्राटे भर रहा था और इधर आँचल करवटें बदल रही थी . आँचल को कुछ सैटिस्फेक्शन तो मिला नही , सोचने लगी जब से हनीमून से लौट के आई हूँ मुझे एक बार भी ढंग से ओर्गास्म नही आया है , छि !! डालने तक तो ये झड़ जाता है और फिर इसका दुबारा खड़ा होता नही , चाहे जो मर्ज़ी कर लो. वो बेचारी कर भी क्या सकती थी , बस वही अपना सुबह बाथटब में फैंटसाइज करो और मूठ मारो , अपना सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन मिटाने को वही करने लगी. लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद अब इसमे भी मज़ा मिलना खत्म हो गया. समीर और किमी के साथ जो रगड़कर वो चुदी थी तो अब इन सबसे होना भी क्या था , क्या मज़ा आता इसमे. आँचल को अब समीर और किमी के साथ हुई चुदाई का सुख फिर से लेने का बहुत मन होने लगा, पर समीर वापस जा चुका था और किमी ने आँचल को फोन किया नही था. आँचल के पास उसका एड्रेस और नंबर भी नही था. अब फ्रस्ट्रेशन से आँचल चिड़चिड़ी और एजी टाइप की हो गयी.

(ऐसी हालत में वो फिर से दूसरी बार ऐसे ग़लत काम में जा फँसी जो वरना वो कभी नही करती . पहली बार समीर ने उसके सेक्सुअली अनसैटिस्फाइड होने का फायदा उठाया था , अबकी बार फिर उसका फायदा उठा लिया गया ).

हुआ ये की रेखा ने आँचल का व्यवहार देखा तो औरत होने के नाते वो समझ गयी की मेमसाब ढंग से चुद ना पाने से परेशान हैं.
 
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IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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एक सुबह जब सुनील काम पर चला गया तो रेखा आँचल के कमरे में आई और बोली, “ मेमसाब, नहाने से पहले मैं आपकी बॉडी मसाज कर दूं ? मेरी पहले वाली मेमसाब भी मुझसे खूब मसाज करवाती थी. आप कहो तो आपकी भी कर दूं.” आँचल ने सोचा मसाज करवा के देख लेती हूँ , वास्तव में अच्छे से करती है या खाली बातें बना रही है . रेखा : “ मेमसाब! आप पेट के बल लेट जाओ . मैं तेल गरम करके लाती हूँ और तौलिया भी ले आती हूँ. “ जब रेखा वापस आई तो उसने देखा मेमसाब नाइटगाउन में पेट के बल लेटी है. रेखा: “ मेमसाब! ये गाउन तो तेल से खराब हो जाएगा. आप इसको उतार दो.” आँचल ने गाउन के अन्दर कुछ भी नही पहना था , इसलिए वो बाथरूम चली गयी और गाउन उतारकर ब्रा पैंटी पहन ली. बाथटब में मूठ मारते समय आँचल अपनी नौकरानी रेखा को भी फैंटसाइज करती थी इसलिए अब ब्रा पैंटी में रेखा से मसाज करवाने के ख़याल से उसको उत्तेजना आने लगी. जब आँचल बेडरूम में वापस आई तो चौंक गयी . रेखा सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी बाकी कपड़े उसने उतार दिए थे. आँचल ने देखा की रेखा ने इंपोर्टेड लेस वाली ब्रा पैंटी पहनी हुई है. वो समझ गयी की ज़रूर इसने ये इतनी महँगी ब्रा पैंटी अपनी पिछली मेमसाब से चुराई होंगी. रेखा को आम(मैंगो) बहुत पसंद थे. हर समय आम आम करती थी पर उसके खुद के आम बहुत छोटे थे. रेखा थोड़े काले रंग की पतली दुबली सी थी और छोटी छोटी चूचियाँ पाले थी. पर वो एक नंबर की चुदक्कड़ थी , मुहल्ले के सभी नौकरों से चुदवा चुकी थी . टाँगे उसकी नीचे को कम और ऊपर को ज़्यादा रहती थीं. जब रेखा ने आँचल को ब्रा पैंटी में देखा तो देखती रह गयी. उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियाँ ब्रा से बाहर निकलने को मचल रही थी. आँचल ने रेखा को इस तरह घूरते हुए पाया तो आँचल शरमा गयी और बेड पर पेट के बल लेट गयी.

रेखा आँचल के कंधों पर तेल लगाकर मालिश करने लगी. मालिश के साथ साथ वो आँचल की खूबसूरत गोरी त्वचा (स्किन) की तारीफ भी करते जा रही थी. फिर उसने पीछे से आँचल की ब्रा का हुक खोल दिया और पीठ , कमर में तेल मालिश करने लगी. आँचल को मालिश से बहुत अच्छा महसूस हो रहा था . वो दोनो मालिश के साथ बातें करने लगीं.

रेखा : “ मेमसाब आप कितनी सुंदर हो ! आपकी स्किन बिल्कुल साफ सुथरी कितनी अच्छी है बिल्कुल गोरी उजली ! मेरी किसी भी पुरानी मेमसाब की इतनी सुंदर नही थी. आप वाक़ई बहुत खूबसूरत हो.” मालिश करते करते दोनो को उत्तेजना आने लगी फिर उनकी बातें सेक्स की तरफ मुड़ गयी.

अब रेखा जांघों की मालिश कर रही थी. जांघों के अंदरूनी हिस्से की मालिश करते समय वो जानबूझकर आँचल की चूत के होठों को टच कर दे रही थी . जिससे आँचल की हल्की हल्की सिसकारी निकल जा रही थी. रेखा ने देखा आँचल की पैंटी में गीलापन आ रहा है. वो समझ गयी अब मेमसाब उत्तेजित हो गयी है.

रेखा : “ मेमसाब, वो जो नया कुक आया है ना अपने यहाँ, वो बहुत हरामी है.”
आँचल : “ हरामी ? क्या मतलब ? ”
तभी रेखा ने आँचल से पलटकर पीठ के बल लेटने को कहा. आँचल पलट गयी पर उसको ध्यान नही रहा की रेखा ने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया है. रेखा ने देखा की आँचल के निप्पल उत्तेजना से बिल्कुल तन चुके हैं. अब रेखा भी बहुत उत्तेजित हो चुकी थी.
रेखा : “ मेमसाब, वो छोकरा सिर्फ़ नाम का ही छोकरा है . पर असल में उसका बहुत बड़ा है .”
आँचल : “क्या मतलब है तुम्हारा ? क्या उसने तुम्हें चोदा है ?”
रेखा आँचल को सेक्स की बातों में लगाकर अब उसकी चूचियों और निप्पल में तेल लगाकर उन्हे दबोच और मसल रही थी. आँचल पूरी तरह से एक्साइटेड होकर ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
रेखा : “ मेमसाब, उसका खंभे जैसा है , मोटा और लंबा.”
ये सुनकर आँचल को तुरंत अपने मायके के नौकर रामू और उसके मोटे लंड की याद आ गयी. वो सिसकारी लेते हुए बोली, “ उह आहह …….खंभा ? क्या है खंभा ? बोलो ना आह…….”
रेखा ने दोनो हाथों से आँचल की पैंटी के कोने पकड़े और उनको नीचे को खींचने लगी. आँचल ने अपने नितंबों को थोड़ा उठाकर पैंटी उतरने में रेखा की मदद की. रेखा ने देखा आँचल की पैंटी पूरी गीली हो चुकी है और उसकी चूत के होंठ उत्तेजना से बिल्कुल फूले हुए हैं. उसको आँचल की आँखों में कामुकता दिखी . अब उससे और कंट्रोल नही हुआ और उसने आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया और आँचल का चूतरस पीने लगी. अपनी चूत पर रेखा के होंठ और जीभ के स्पर्श से आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. रेखा ने अपनी जीभ आँचल की चूत के अंदर घुसा दी और लपालप उसकी चूत चाटने लगी. थोड़ी ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आया उसकी कमर हवा में उठकर टेढ़ी हो गयी और चूत से चूतरस बह निकला. ये देखकर रेखा ने अपनी ब्रा पैंटी उतार फेंकी और नंगी होकर अपनी चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल भी अपनी जीभ से रेखा की क्लिट को चाटने लगी और रेखा की चूत में जीभ घुसकर उसका चूतरस पीने लगी. अब दोनो ने एक दूसरे की चूत में अंदर तक जीभ घुमाना शुरू कर दिया. कुछ ही देर बाद दोनो को ओर्गास्म आ गया. आँचल ने रेखा से उस हरामी छोकरे के बारे में और जानना चाहा. लेकिन रेखा ने शर्त रख दी की वो उस छोकरे के बारे में तभी बात करेगी अगर आँचल अपने गर्म बाथटब में रेखा के साथ नहाने के लिए तैयार होगी. आँचल ने रेखा की बात मान ली और दोनो बाथटब में बैठकर एक दूसरे के नंगे बदन में साबुन लगाने लगी. रेखा उस छोकरे के साथ अपनी चुदाई की बातें आँचल को बताने लगी और आँचल की बड़ी बड़ी चूचियों को मसलते हुए उनमे साबुन लगाने लगी. उसका मन ही नही भर रहा था उन चूचियों से.

रेखा ने बताया की जिस दिन उस छोकरे को नौकरी पर रखा था उस दिन वो रात में उसको गद्दे चादर बिस्तर देने उसके कमरे में गयी . वो हरामी उस समय मूठ मार रहा था. रेखा उसके बड़े खंभे जैसे लंड को देखकर हैरान रह गयी. फिर बाथटब में पानी के अंदर आँचल की क्लिट को अपनी अंगुलियों से छेड़ते हुए रेखा ने बताया की उस छोकरे को मूठ मारते हुए देखकर वही पर उसकी चूत से पानी निकल गया था. आँचल ने मन ही मन उस छोकरे का बड़ा लंड इमेजिन किया और सिसकारियाँ लेने लगी.
रेखा : “ बस मेमसाब , उस छोकरे ने कुछ पूछा नही और मेरा हाथ पकड़कर अपने खंभे जैसे लंड पर रख दिया.” फिर रेखा उसके साथ हुई चुदाई के बारे में बताने लगी. उसकी कहानी सुनकर आँचल बाथटब में एक बार और झड़ गयी.
रेखा : “ मेमसाब , वो बहुत हरामी छोकरा है. वो कहता है की उसने कई मेमसाब और आया लोगो को चोदा है.” ये सुनकर आँचल की चूत से फिर पानी निकलने लगा. रेखा आँचल की चूचियों को अपने दांतों से काटते हुए बोली, “ मेमसाब , आप बच के रहना , वो कहता है की आप मस्त माल हो और आपको चोदने में बहुत मज़ा आएगा.” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए बोली, “ आह…उहह…उफफफ्फ़ …..मुझे चोदेगा ….आह…. ओह गॉड ….” आँचल को एक जबरदस्त ओर्गास्म आया और उसका पूरा बदन अकड़ गया. उसकी चूत से रस का झरना बह निकला और बाथटब के पानी में जा मिला. आँचल और उसकी नौकरानी रेखा ने एक दूसरे से खूब मज़ा लिया.


लेकिन इस बार आँचल को कोई गिल्टी फीलिंग नही हुई. आँचल को रेखा से जलन हुई की मेरी नौकरानी उस छोकरे के खंभे से रोज़ मज़े ले रही है और मैं मेमसाब होकर भी मेरी सेक्स की प्यास अधूरी है. आँचल ने अपनी नौकरानी रेखा के साथ खूब मज़ा किया . लेकिन उसे इस बात से घबराहट हुई की उसका नया कुक सलीम उसे चोदना चाहता है. उसने सोचा की इसमे बहुत ख़तरा है . क्यूंकी उसका ससुर हर समय उसके आस पास ही मंडराता रहता है , उसको कुछ शक़ भी हो सकता है. आँचल ने निर्णय लिया की इससे पहले कुछ गड़बड़ हो सलीम को नौकरी से निकाल देना ही ठीक रहेगा. आँचल ने सोचा रेखा को तो मैं हैंडल कर लूँगी उससे ज़्यादा नुकसान नही है. थोड़ा बहुत मेकअप का सामान ही तो मांगती है . वैसे भी वो कितनी अच्छी तरह से चूत चाटती है. लेकिन आँचल को ये मालूम नही था की रेखा ने सलीम को वो सब बातें बता दी है जो उसके और रेखा के बीच हुई थी . रेखा ने सलीम को बता दिया था की कैसे तुम्हारे बड़े लंड का जिक्र करने से मेमसाब की पैंटी गीली हो गयी थी. और ये भी की जब रेखा ने आँचल को बताया था की “ मेमसाब वो आपको चोदने का इरादा रखता है “ तो कैसे मेमसाब चूत से रस बहाते हुए झड़ गयी थी .



रेखा से ये सब बातें सुनकर सलीम बहुत उत्तेजित हो गया और उसने मेमसाब के बारे में सोचते हुए रात भर रेखा को जमकर चोदा. रेखा को चोदते समय वो मेमसाब के गोरे उजले रंग, बड़ी बड़ी चूचियाँ और मक्खन जैसी मुलायम लेकिन बड़ी गांड के बारे में सोच रहा था. अपनी अम्मी की मोटी गांड मारते मारते उसे अब गांड मारना ही पसंद था. और ख़ासकर बड़े घरों की मेमसाब की गांड मारकर उसे और ज़्यादा मज़ा आता था.



उधर आँचल के ससुरजी के अलग ही चुदाई के प्लान बन रहे थे. उसको लगता था की मेरे घर पर होते हुए भी बहू किसी बाहरवाले से चुद के आ गयी ये तो मेरे साथ सरासर धोखा है. अगर मेरा बेटा उसको सैटिस्फाई नही कर पा रहा है तो मुझको चांस मिलना चाहिए था बहू को सैटिस्फाई करने का. इससे घर की बात घर में ही रहती. आँचल जैसी मादक बहू के घर में आने से उसकी जवानी फिर से लौट आई थी उसे अपना लंड फिर से जवान लगने लगा था. वो ससुरा अपना थोड़ा सेक्सुअल टेंशन दूर करने के लिए दो चार रंडियां भी चोद आया पर उससे कुछ फायदा नही हुआ , उसे बहू ही चाहिए थी. उसके एक दोस्त का न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन के पास होटेल था , उसी होटेल के कमरे में ससुर और उसके दोस्त ने रंडियां चोदीं थी. वो सोच रहा था की बहू को कैसे उस होटेल में ले जाऊँ , अगर एक बार वहाँ आ गयी तो फिर उसे चोदने में कोई प्राब्लम नही है. आँचल के पति सुनील को घर में चल रही इन बातों की कोई भनक नही थी की कौन कौन उसकी खूबसूरत बीवी को चोदने का प्लान बना रहा है. सुनील कभी कभी आँचल को चोद लिया करता था लेकिन आँचल के बढ़ते सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन से वो अंजान था. उसकी तरफ से तो सेक्स करने का मतलब था चूत में लंड घुसाओ और अपना पानी निकाल दो . उसे कोई ज़्यादा इन बातों का अनुभव नही था. बीवी को भी संतुष्ट करना पड़ता है इस बारे में उसने कभी सोचा ही नही. लेकिन आँचल अब जानती थी की असली चुदाई क्या होती है , क्यूंकी ये उसे समीर और किमी के साथ अनुभव हो चुका था. उसे पता था की मर्द एक औरत को कितना सुख दे सकता है और एक औरत भी औरत को मज़ा दे सकती है अगर वो



किमी जैसी माहिर हो. एक अच्छी और जबरदस्त चुदाई के लिए आँचल की चूत तड़पने लगी. रामू और समीर के बड़े लंड देख लेने के बाद अब उसे सुनील का लंड पतला छोटा लगता था. सुनील से चुदवाते समय अब उसे लगता था इस पतले छोटे लंड से चूत की रगड़ाई नही हो पा रही. अगली सुबह सुनील के ऑफीस जाने के बाद आँचल ने रेखा को अपने बेडरूम में बुलाया . उसे बहुत उत्तेजना महसूस हो रही थी और वो रेखा की मदद से अपनी उत्तेजना शांत करना चाह रही थी. जब रेखा ने बेडरूम में आकर अपने कपड़े उतारे तो आँचल चौंक गयी. रेखा के बदन में जगह जगह हल्के निशान पड़े हुए थे. आँचल के पूछने पर उसने बताया की सलीम ने उसे रात भर बुरी तरह चोदा और अब उसकी चूत दुख रही है और वो निशान उसके काटने के हैं. ये बात सुनकर आँचल की चूत से रस बहने लगा और उसकी पैंटी गीली हो गयी. आँचल ने रेखा से कहा की वो उसको सारी चुदाई के बारे में पूरे विस्तार से बताए की सलीम ने उसे कैसे कैसे चोदा. रेखा उसे अपना किस्सा सुनाने लगी . किस्सा सुनते सुनते दोनो ही बहुत उत्तेजित हो गयी और एक दूसरे को चूमने , चाटने, काटने और मसलने लगी. कुछ देर में उनको ओर्गास्म भी आ गया.
वैसे तो आँचल को रेखा के मुँह से सलीम और रेखा की चुदाई का किस्सा सुनकर बहुत मज़ा आया था , पर उसके मन में सलीम को लेकर डर भी था. वो उसे नौकरी से निकालने का कोई बहाना ढूंढने लगी. धीरे धीरे उसने अपने पति और ससुर के सामने खाना खाते समय खराब खाने की शिकायत करना शुरू कर दिया. लेकिन इससे पहले की आँचल सलीम को नौकरी से निकलवा पाती वो बीमार पड़ गयी. उसे वायरल फीवर हो गया था. शुरू के दो दिन तक तेज बुखार रहा तो उसके पति सुनील ने घर पर ही रहकर उसकी देखभाल की. तीसरे दिन उसका बुखार काफ़ी कम हो गया तो सुनील अपने ऑफिस चला गया. सुनील के ऑफिस जाने के बाद आँचल के ससुर ने मौका देखकर उसकी देखभाल शुरू कर दी. वो दिन भर उसके पास ही बैठा रहा और बुखार चेक करने के बहाने से कभी आँचल का माथा , कभी उसके गाल , कभी बाँहों , कभी कंधों को छू रहा था. आँचल नाइटी पहने थी , इससे ससुर को कभी उसकी कांख , कभी ब्रा का कोई कोना और नाइटी के बाहर से ही उसकी मांसल जांघों का शेप दिख जा रहा था. आँचल अपने ससुर की सब हरकतें समझ रही थी पर वो बीमारी में देखभाल के बहाने से उससे चिपका हुआ था इसलिए वो उसको मना भी नही कर पाई. दो दिन तक ससुर ऐसे ही उससे चिपका रहा. अब आँचल काफ़ी हद तक ठीक हो चुकी थी. अपने ससुर के साथ दो दिन के हर समय के साथ से उसे अब कुछ उत्तेजना सी महसूस होने लगी. अपने पास बैठे हुए ससुर के पैंट में बना तंबू उसने देख लिया था और एक दो बार तो उसका ससुर जानबूझकर बहाने से उसकी बाँह से अपने तंबू को रगड़ भी चुका था. उधर ससुरजी के मन में अलग ही ख़याली पुलाव पक रहे थे. उसने नोटिस किया की बहू मेरे तंबू को घूर रही थी और जब मैं उसको बहाने बहाने से इधर उधर टच करता हूँ तो कुछ विरोध भी नही कर रही है. ये समय बिल्कुल ठीक है अब हथौड़ा मार ही देना चाहिए. अगले दिन सनडे है , सुनील तो घर पर होगा लेकिन रेखा की कल छुट्टी रहेगी. अगर मैं सुनील को किसी बहाने से कहीं बाहर भेज दूं तो बहू और मैं अकेले ही रह जाएँगे फिर तो मैं जी भर के बहू को चोदूँगा. मुझे लगता है अब बहू की भी यही इच्छा है और वो इसके लिए तैयार दिखती है , नही तो मुझे अपने बदन को टच क्यूँ करने देती. शाम को जब सुनील घर आया तो ससुर बोला, “ बेटा , एक कस्टमर है सोनीपत में. मैं चाहता हूँ की तुम कल सनडे को जाओ और उससे मिलो. मैंने अपायंटमेंट भी ले लिया है.”
सुनील बोला, “ ठीक है , मैं मिल लूँगा उससे.”
अब ससुर हिसाब लगाने लगा , सुनील को जाने में दो घंटे और आने में दो घंटे और मीटिंग का टाइम भी जोड़ लो तो इसका दिनभर लग ही जाएगा आने जाने में . तब तक मैं……….आआआहह.
आँचल को दिन भर चोदने के ख़याल से ससुर के मुँह से लार टपकने लगी . अरे यार , इस चिकनी छोकरी को तो मैं सेक्स का ऐसा पाठ पढ़ाऊँगा की ये भी क्या याद करेगी की किस एक्सपीरियेन्स्ड मर्द से पाला पड़ा है. दिन भर चोदने को मिलेगी , अहा मुझे तो अपने लक पर विश्वास ही नही हो रहा , मज़ा आ जाएगा टनाटन.
आँचल को ससुर के इस प्लान के बारे में कुछ नही पता था. सनडे को उसने देखा की सुनील किसी मीटिंग के लिए सोनीपत जा रहा है. जैसे ही सुनील घर से बाहर निकला , ससुर आँचल की देखभाल करने के बहाने उसके कमरे में घुस गया. अब वो सोचने लगा बहू को सिड्यूस करना कैसे शुरू करूँ , थोड़ी देर में ही उसके दोस्त का फोन आ गया. उसके दोस्त की बीवी की रात में मृत्यु हो गयी थी और अभी सुबह उसका क्रियाकर्म करना था. ससुर का दिल बैठ गया अब क्रियाकर्म में तो उसको जाना ही पड़ेगा. लेकिन उसने अपने को दिलासा दिया की दोपहर के बाद तक मैं वापस आ जाऊँगा फिर भी मेरे पास कुछ घंटे तो बचेंगे ही , जिसमे मैं बहू को चोद सकता हूँ, सुनील तो शाम को ही वापस आएगा. फिर उसने आँचल से आराम करने को कहा और खुद दोस्त के घर चला गया. उनके कुक सलीम ने देखा घर में कोई नही है अब ये अच्छा मौका है. वो आँचल के बेडरूम में घुसा और बोला, “ मेमसाब लंच के लिए क्या पकाना है ? आपको अभी कुछ चाहिए तो नही ?” उसने देखा आँचल नाइटी में लेटी है. उसकी गोरी गोरी बाहें और नाइटी में बड़ी बड़ी चूचियाँ देखकर सलीम के मुँह से लार टपकने लगी. आँचल ने सलीम की आँखों में वासना देखी और उसे डर लगने लगा लेकिन साथ ही साथ उत्तेजना भी महसूस हुई. रेखा ने बताया था इसका खंभे जैसा है , फिर आँचल की निगाहें उसके निक्कर की तरफ मुड़ गयी.सलीम ने देखा आँचल उसके निक्कर को देख रही है . उसकी हिम्मत बढ़ गयी और अपने लंड को निक्कर के बाहर से ही सहलाते हुए वो आँचल के थोड़ा और करीब आते हुए बोला, “ क्या देख रही हैं मेमसाब ? कुछ चाहिए क्या ?” आँचल ने उसे ऐसा करते देखा तो अपना सर झटका और अपने को संयत करते हुए कहा , “ न.... नही कुछ नही चाहिए. तुम जाओ अभी.” आँचल का चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था. सलीम समझ गया , मुँह से जाओ कह रही है और अंदर से उत्तेजित हो रही है, उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो आँचल की बेड के पास आ खड़ा हुआ. फिर आँचल के माथे पर हाथ रखता हुआ बोला, “ मेमसाब अब तो आपका बुखार बिल्कुल उतर गया है.” आँचल ने मन ही मन कहा इस छोकरे की हिम्मत तो देखो मेरे बेडरूम में घुसकर मुझे छू रहा है. उसने थोड़ा कठोर आवाज़ में कहा, “ मेरे लिए नाश्ता लेकर आओ, जल्दी…”सलीम मुस्कुराया और बोला, “ पर आपको तो मेरी बनाई हुई चीजें अच्छी नही लगती हैं “. फिर उसने अपने निक्कर में से पूरा तना हुआ लंड बाहर निकाला और उसको आगे पीछे अपने हाथ में हिलाता हुआ बोला, “ ये तो ज़रूर अच्छा लगेगा आपको”. सलीम समझ गया , मुँह से जाओ कह रही है और अंदर से उत्तेजित हो रही है, उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो आँचल की बेड के पास आ खड़ा हुआ. फिर आँचल के माथे पर हाथ रखता हुआ बोला, “ मेमसाब अब तो आपका बुखार बिल्कुल उतर गया है.”
आँचल ने मन ही मन कहा इस छोकरे की हिम्मत तो देखो मेरे बेडरूम में घुसकर मुझे छू रहा है. उसने थोड़ा कठोर आवाज़ में कहा, “ मेरे लिए नाश्ता लेकर आओ, जल्दी…”सलीम मुस्कुराया और बोला, “ पर आपको तो मेरी बनाई हुई चीजें अच्छी नही लगती हैं “. फिर उसने अपने निक्कर में से पूरा तना हुआ लंड बाहर निकाला और उसको आगे पीछे अपने हाथ में हिलाता हुआ बोला, “ ये तो ज़रूर अच्छा लगेगा आपको”.सलीम का खंभे जैसा लंड देखकर आँचल धक से रह गयी. वो पहली बार ख़तने वाला लंड देख रही थी. सलीम के लंड के सुपाड़े के ऊपर कोई चमड़ी नही थी. आँचल के मुँह से कोई बोल नही फूटे. सलीम को मालूम था की उसके लंड को देखकर औरतें हक्की बक्की रह जाती हैं. अब उसने अपने हाथ आँचल के माथे से हटाकर उसके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ लिया और आँचल की आँखों के सामने उसका लंड फनफना रहा था. आँचल को बहुत डर लग रहा था लेकिन उसकी चूत से पानी भी निकलता जा रहा था. उसने धीमी आवाज़ में अटकती सांसो के बीच कहा, “ उहह.... मुझे माफ़ करो सलीम, तुम यहाँ से चले जाओ , प्लीज़!” आँचल की उलझन देखकर सलीम मुस्कुराया और उसके गालों को मलते हुए बोला , “ मैं चला जाऊँगा बस तुम एक बार इसे अपने हाथ में ले लो .” सलीम जानता था की उसके लंड को देखकर औरतें घबरा जाती हैं. उनको कैसे धीरे धीरे पटाके काबू में करना है ये उसने सीख लिया था. उसने फिर आँचल से बोला , मैं चला जाऊँगा तुम बस एक बार अपने हाथ मे ले लो.
आँचल काँपती हुई आवाज़ में बोली, “ पक्का ? तुम चले जाओगे ? अगर मैं हाथ में ले लूँगी तो ?”
सलीम फिर मुस्कुराया और बोला, “ पक्का मेमसाब.”
फिर आँचल ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया. उसके हाथ में सलीम का खंबे जैसा लंड अच्छी तरह से पकड़ा ही नही जा रहा था. सलीम ने उससे अपना मुँह खोलने को कहा. आँचल ने जैसे सुना ही नही वो उसके लंड को अपने हाथों में देखकर उसी में हैरानी से खो सी गयी थी.
सलीम ने कहा, “ कैसा लगा पकड़ने में मेमसाब ?”. फिर बोला , “अब अपने मुँह में लेकर चूसो इसे .”
जब सलीम ने देखा की आँचल तो जैसे जड़वत हो गयी है तो उसने उसके हाथ से लंड हटाकर आँचल के गालों पर रगड़ना शुरू किया.
आँचल ने तुरंत कहा, “ नही ! तुमने कहा था की तुम चले जाओगे .” “थोड़ा सा चूसो फिर मैं पक्का चला जाऊँगा”, सलीम ने जवाब दिया.
आँचल ने अपने होंठ थोड़ा खोले और सलीम ने उन होठों के बीच अपना लंड घुसा दिया. जब उसने देखा की ये तो आराम से लंड चूस रही है तो वो समझ गया की ये मुझसे चुदवाना चाहती है.
उसने आँचल की गर्दन पकड़ ली और लंड थोड़ा और अंदर घुसा दिया फिर पूछा, “ मेमसाब, कैसा लग रहा है मेरा लंड ?”
आँचल लंड चूसने में मगन थी इसलिए उसने जवाब में सिर्फ़ …. ग..गु गो गु … की आवाज़ निकली.
फिर वो सलीम की गोलियों को सहलाने लगी. सलीम समझ गया इसको मज़ा आ रहा है. उसने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और अपनी गोलियाँ चाटने को कहा. आँचल ने तुरंत गोलियों को चाटना शुरू कर दिया. सलीम अब उसको पूरी नंगी देखना चाहता था इसलिए बोला, “ अपने कपड़े निकाल , मुझे तेरी चूचियाँ देखनी हैं.” आँचल ने अपनी नाइटी उतार दी . अब वो सिर्फ़ लेस वाली पैंटी में थी. उसकी गोरी गोरी चूचियों को खुला देखकर सलीम उनको मुँह में भरकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर चूचियों को रफ तरीके से मसलने और काटने लगा. आँचल दर्द से चिल्लाई.
सलीम उसको एक थप्पड़ मारते हुए बोला, “ साली, रेखा की चूचियाँ और चूत , तू चूसती है और अब रोती है.” फिर उसने आँचल की गीली हो चुकी पैंटी को फाड़ दिया . आँचल की टाँगों को ज़ोर से अलग करते हुए उसने आँचल की चूत में अपना लंड घुसेड दिया. आँचल दर्द से चिल्ला पड़ी, “ आ आ आ हह……ऊओ आह माँ.....आह मेरी फट रही है ……..आह माँआअ …”
आँचल की टाइट चूत देखकर सलीम हैरान रह गया. आँचल के रोने धोने से वो और एक्साइट हो गया और उसकी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
फिर बोला, “ तेरी चूत तो बहुत मस्त है, मज़ा आ गया.”
अब वो पूरा लंड बाहर निकालकर फिर एक झटके में पूरा अंदर धाँसने लगा. अब उसकी स्पीड तेज हो गयी थी. आँचल को किसी ने इतनी तेज तेज नही चोदा था. अब उसने भी सलीम के धक्कों के साथ ही अपनी गांड ऊपर को उछालनी शुरू कर दी इस तरह वो भी सलीम को चोदने लगी. उसको ओर्गास्म पर ओर्गास्म आने लगे और उसके मुँह से तेज सिसकारियाँ निकल रही थी ….ऊओ अहह ओइईईईईईईईईई........... उफफफफफफफफफफफफ्फ़ अहह…” सलीम की गोलियाँ हर झटके के साथ आँचल की गांड से टकरा रही थी ….ठप….. ठप….. ठप .. इसी तरह वो आँचल को धकाधक चोदता रहा. जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड पूरा चूत के अंदर डाल दिया और आँचल के चूत की गहराइयों में अपना वीर्य छोड़ दिया. फिर उसने अपना लंड चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दिया. आँचल को लंड से वीर्य के साथ अपने चूतरस का स्वाद आया और उसने लंड चूसना शुरू कर दिया. आँचल ने देखा की सलीम का मुरझाया हुआ लंड भी आँचल के पति सुनील के खड़े लंड से बड़ा था.
आँचल के चूसने से सलीम का लंड फिर खड़ा हो गया. उसने आँचल को पलट दिया और घुटनो के बल कुतिया बना दिया. अब आँचल के पीछे जाकर उसने आँचल की चूत में अपना लंड घुसेड दिया और वो पीछे से धकाधक चोदने लगा साथ ही साथ आँचल की बड़ी गांड में थप्पड़ भी मारते जा रहा था…चटाक़……. चटाक़…… चटाक़. आँचल कभी भी डॉगी स्टाइल में नही चुदी थी , उसे बहुत मज़ा आ रहा था. चूत में लंड के ताबड़तोड़ धक्कों के साथ अपनी गांड पर पड़ते थप्पड़ से उसको जल्दी ही जबरदस्त ओर्गास्म आ गया …आ आहह ओइईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आअहह……..उसके घुटने कमजोर पड़ गये और वो बेड पर गिर पड़ी. उसकी जांघें और टाँगे ओर्गास्म की उत्तेजना से कांप रही थी. सलीम ने उसको फिर उठाने की कोशिश की पर आँचल बिना उसके सपोर्ट के नही उठ पा रही थी. इतनी बार झड़ जाने से आँचल अब कमज़ोरी महसूस कर रही थी. उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था . उसकी आँखों में अजीब से भाव थे जैसे वो शून्य को घूर रही हो. उसके घुटने कमज़ोरी से कांप रहे थे. सलीम के काटने से उसके गालों और चूचियों पर लाल निशान पड़ चुके थे. उसकी गांड थप्पड़ मारे जाने से लाल हो चुकी थी. लेकिन सलीम तो अभी शुरू ही हुआ था , उसने सुनील की टेबल से सब काग़ज़ फेंक दिए और आँचल को टेबल पर बैठा दिया फिर उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रखकर आँचल की चूत में फिर से अपना लंड घुसेड दिया , एक जोरदार झटके में लंड पूरा चूत में अंदर तक धँस गया. फिर वो तेज़ी से लंड अंदर बाहर पेलने लगा.
आँचल चिल्लाई …अहह् ………..आहह…… ओइईईई… आअरहगगगघहीुई..म्म्म्माआ… इस पोज़िशन में सलीम का लंड बहुत डीप पेनिट्रेट कर रहा था. आँचल को लगा आज तो उसकी चूत फट के चिथड़ा हो जाएगी. उसकी पहले से ही लाल हो चुकी गांड भी टेबल से रगड़ खाकर और लाल हो गयी. जैसे ही सलीम झड़ने को हुआ उसने अपना लंड आँचल की चूत से बाहर निकाला और आँचल के बाल पकड़कर उसका चेहरा नीचे झुका दिया और वीर्य की धार को उसके बालों , उसके खूबसूरत चेहरे और उसकी गोरी चूचियों पर छोड़ दिया . आँचल अपना बैलेंस नही बना सकी और टेबल से नीचे गिरने लगी, तभी सलीम ने उसको पकड़कर नीचे फर्श पर बैठा दिया .तभी आँचल का फोन बजने लगा. सलीम ने फोन उठाया तो देखा सुनील की कॉल थी . लेकिन आँचल उठकर फोन पर बात करने की हालत में नही थी. सलीम ने आँचल को फोन दिया और खुद उसकी चूचियाँ मसलने लगा. सुनील ने फोन पर आँचल से पूछा की वो अब कैसा फील कर रही है और तबीयत कैसी है , आँचल सिर्फ़ हूँ हाँ में ही जवाब दे पाई .इतनी खूबसूरत औरत को बुरी तरह से चोदकर भी सलीम का मन नही भरा , उसको फोन पर हूँ हाँ करते देखकर उसका लंड फिर तन गया. उसने फर्श पर बैठे बैठे ही आँचल को कमर और गांड से पकड़कर उठाया और अपने लंड पर बैठा दिया .आँचल अभी फोन पकड़े हुए ही थी. लंड के चूत में घुसते ही आँचल के मुँह से आह निकली , दूसरी तरफ सुनील ने समझा की उसकी बीवी की तबीयत खराब है और वो उल्टी कर रही है. आँचल डर गयी उसने समझा कहीं सुनील कुछ शक़ ना कर बैठे , इसलिए उसने नॉर्मल तरीके से बात करना चाहा , लेकिन सलीम उसकी गांड उठा उठा के धीरे धीरे चूत चोद रहा था इसलिए उसके मुँह से सिसकियाँ निकल जा रही थी. सलीम इस बात से और एक्साइटेड हो गया की मेमसाब अपने हसबैंड से फोन पर बात कर रही है और मैं उसे चोद रहा हूँ. वो समझ गया की मेमसाब डर से , सुनील से नॉर्मल होके बात करने की कोशिश कर रही है , उसने नीचे से तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए.
अब आँचल सलीम की गोद में तेज धक्कों से चुदते हुए उछलने लगी उसकी तेज सिसकारियाँ निकलने लगी . लेकिन अभी भी वो फोन पकड़े हुए थी . उसको ओर्गास्म आ गया. सुनील को फोन पर सिर्फ़ आहह….उफ़फ्फ़….अरगगगगगग…अर्र्र्र्र्ररर…..ओइईईईईईईईईई…. सुनाई दे रहा था.
सुनील बोला, “ आँचल , आँचल क्या बात है ? तुम ऐसी अजीब आवाज़ें क्यूँ निकाल रही हो , तबीयत ज़्यादा ही खराब हो रही है क्या ?”
ओर्गास्म खत्म होने के बाद आँचल ने सुनील को बोला की उसको अभी उल्टी आई थी , इसलिए उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी. फिर उसने कहा मेरी तबीयत ठीक नही है तुम जल्दी घर आ जाओ और फोन रख दिया.
आँचल को अपने पति से झूठ बोलते देखकर सलीम बोला, “ अच्छा नाटक करती है तू साली !”
आँचल बोली, “ आह ,....उफ़फ्फ़ अब मुझे छोड़ दो सलीम , प्लीज़ अब तुम जाओ.”
आँचल को फर्श पर पड़े देखकर और अपने को छोड़ देने की मिन्नतें करते देखकर सलीम ज़ोर से हंसा फिर आँचल की गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला ,” साली अभी तो तेरी गांड चोदूँगा , क्या मस्त बड़ी गांड है तेरी.”फिर उसने आँचल को पकड़कर खड़ा कर दिया. लेकिन आँचल कमज़ोरी महसूस कर रही थी इसलिए खड़ा नही हो पाई और सलीम के हाथों में झूल गयी. सलीम ने उसको पेट के बल बेड पर लिटा दिया और फिर घुटने अंदर को मोड़कर आँचल की गांड हवा में ऊपर को उठा दी. फिर उसके दोनो नितंबों को फैला कर गांड के छेद में लंड घुसाने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही सलीम का लंड का सुपाड़ा आँचल की गांड में घुसा आँचल ज़ोर से चिल्लाई, “ अहह ओह फट गयी ……ईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआ….”


“साली लगता है कभी तेरे पति ने तेरी गांड नही मारी , तभी तो तू इतना फुदकती रहती है” , आँचल की गांड के बहुत टाइट छेद को देखकर सलीम बोला.
फिर उसने अपना लंड छेद से हटा लिया और अपनी उँगलियों पर थूका और उंगली को गांड के छेद में घुमाने लगा.
आँचल फिर चिल्लाई, “आहह….मत करो सलीम…आहह ओइईई…”
लेकिन सलीम भोसड़ी का बहुत गांडू था , अपनी अम्मी की गांड मारते मारते अब उसको गांड मारने की आदत पड़ गयी थी. इसलिए वो नही माना और फिर उसने अपना लंड आँचल की गांड के छेद पर टिका कर धक्का मारा.
“आहह…..मैं मर गयी ……..कमीने कुत्ते हरामजादे ने मेरी गांड फाड़ दी...... उईईईईईईईईईई माआआआआआ…”, आँचल फिर चिल्लाई .
आँचल के रोने चिल्लाने से सलीम और एक्साइटेड हो गया और आँचल की कुँवारी गांड को बुरी तरह से चोदने लगा. दर्द से आँचल की आँखों से टपाटप आँसू बहने लगे. कुछ देर बाद सलीम उसकी गांड में ही झड़ गया. और आँचल को बेड पर रोता छोड़कर बेडरूम से चला गया. जब सलीम अपने कमरे में पहुँचा तो उसे होश आया की मैंने ये क्या कर दिया . डर के मारे अब खुद उसकी गांड फट के हाथ में आ गयी और उसने फटाफट अपना दो कौड़ी का सामान प्लास्टिक के थैले में डाला और घर छोड़कर भाग गया.
तब तक दोपहर के 2 बज चुके थे और आँचल का ससुर भी क्रियाकर्म से वापस आ पहुँचा. वो दिन भर आँचल को चोदने का ही प्लान बनाने में था . इसलिए जैसे ही घर पहुँचा टाइम वेस्ट ना करते हुए सीधे आँचल के बेडरूम में घुस गया. पर बेडरूम का नज़ारा देखते ही उसकी गांड फट गयी . ये तीसरी गांड थी जो आज उस घर में फटी थी. उसने देखा आँचल बेड पर नंगी पड़ी है और सुबक रही है. उसके पूरे बदन में निशान बने हुए हैं और बदन में जहाँ तहाँ वीर्य लगा हुआ है. उसकी गांड से थोड़ा खून भी निकल रहा था. जैसे ही आँचल ने अपने ससुर को देखा उसने ज़ोर ज़ोर से रोना शुरू कर दिया.
ससुर उसके पास पहुँचा और उसके नंगे बदन को अपने आलिंगन में लेकर उसको दिलासा देते हुए बोला, “ तुम्हारी ऐसी हालत किसने की ?”
आँचल बोली, “ वो हमारा कुक सलीम , उसी कमीने ने मेरा रेप किया है.”
ससुर मन ही मन सोचने लगा , इस लड़की को मैं चोदने को मरा जा रहा हूँ और यहाँ ये दो कौड़ी का नौकर सलीम इसको चोद गया और पहले दिन भी ना जाने बाहर किससे चुदवा के आई थी. पता नही और कौन कौन चोद गया इसे , सिर्फ़ मैं ही नही चोद पा रहा हूँ बस.

ससुर गुस्से में सलीम के कमरे की तरफ दौड़ा तो वहाँ जाकर देखा की वो भोसड़ी का तो भाग लिया. फिर वो वापस आँचल के पास आया .

आँचल उससे हाथ जोड़ते हुए बोली , “ प्लीज़ आप सुनील या किसी और को ये सब मत बताना.”
ससुर बोला, “ ठीक है, मैं किसी को ये बात नही बताऊँगा.”

फिर उसने गरम पानी करके आँचल को नहाने और कपड़े पहनने में मदद की.


उसके बाद उसने आँचल का कमरा धो दिया और फिर साफ करके वीर्य और चूतरस के सभी निशान फर्श से मिटा दिए और बेड की शीट्स वगैरह सब बदल दी. ताकि सुनील के आने तक बेडरूम फिर से पहले जैसा साफ सुथरा हो जाए.
 
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story me intro vagaira hona chahiye bro ......edit kro ....tumhari story forum ke top storiyo me hogi
BUT THIS ONLY COPY PASTE MATERIAL & ABOVE ALL
:iamnew:
 
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