एक सुबह जब सुनील काम पर चला गया तो रेखा आँचल के कमरे में आई और बोली, “ मेमसाब, नहाने से पहले मैं आपकी बॉडी मसाज कर दूं ? मेरी पहले वाली मेमसाब भी मुझसे खूब मसाज करवाती थी. आप कहो तो आपकी भी कर दूं.” आँचल ने सोचा मसाज करवा के देख लेती हूँ , वास्तव में अच्छे से करती है या खाली बातें बना रही है . रेखा : “ मेमसाब! आप पेट के बल लेट जाओ . मैं तेल गरम करके लाती हूँ और तौलिया भी ले आती हूँ. “ जब रेखा वापस आई तो उसने देखा मेमसाब नाइटगाउन में पेट के बल लेटी है. रेखा: “ मेमसाब! ये गाउन तो तेल से खराब हो जाएगा. आप इसको उतार दो.” आँचल ने गाउन के अन्दर कुछ भी नही पहना था , इसलिए वो बाथरूम चली गयी और गाउन उतारकर ब्रा पैंटी पहन ली. बाथटब में मूठ मारते समय आँचल अपनी नौकरानी रेखा को भी फैंटसाइज करती थी इसलिए अब ब्रा पैंटी में रेखा से मसाज करवाने के ख़याल से उसको उत्तेजना आने लगी. जब आँचल बेडरूम में वापस आई तो चौंक गयी . रेखा सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी बाकी कपड़े उसने उतार दिए थे. आँचल ने देखा की रेखा ने इंपोर्टेड लेस वाली ब्रा पैंटी पहनी हुई है. वो समझ गयी की ज़रूर इसने ये इतनी महँगी ब्रा पैंटी अपनी पिछली मेमसाब से चुराई होंगी. रेखा को आम(मैंगो) बहुत पसंद थे. हर समय आम आम करती थी पर उसके खुद के आम बहुत छोटे थे. रेखा थोड़े काले रंग की पतली दुबली सी थी और छोटी छोटी चूचियाँ पाले थी. पर वो एक नंबर की चुदक्कड़ थी , मुहल्ले के सभी नौकरों से चुदवा चुकी थी . टाँगे उसकी नीचे को कम और ऊपर को ज़्यादा रहती थीं. जब रेखा ने आँचल को ब्रा पैंटी में देखा तो देखती रह गयी. उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियाँ ब्रा से बाहर निकलने को मचल रही थी. आँचल ने रेखा को इस तरह घूरते हुए पाया तो आँचल शरमा गयी और बेड पर पेट के बल लेट गयी.
रेखा आँचल के कंधों पर तेल लगाकर मालिश करने लगी. मालिश के साथ साथ वो आँचल की खूबसूरत गोरी त्वचा (स्किन) की तारीफ भी करते जा रही थी. फिर उसने पीछे से आँचल की ब्रा का हुक खोल दिया और पीठ , कमर में तेल मालिश करने लगी. आँचल को मालिश से बहुत अच्छा महसूस हो रहा था . वो दोनो मालिश के साथ बातें करने लगीं.
रेखा : “ मेमसाब आप कितनी सुंदर हो ! आपकी स्किन बिल्कुल साफ सुथरी कितनी अच्छी है बिल्कुल गोरी उजली ! मेरी किसी भी पुरानी मेमसाब की इतनी सुंदर नही थी. आप वाक़ई बहुत खूबसूरत हो.” मालिश करते करते दोनो को उत्तेजना आने लगी फिर उनकी बातें सेक्स की तरफ मुड़ गयी.
अब रेखा जांघों की मालिश कर रही थी. जांघों के अंदरूनी हिस्से की मालिश करते समय वो जानबूझकर आँचल की चूत के होठों को टच कर दे रही थी . जिससे आँचल की हल्की हल्की सिसकारी निकल जा रही थी. रेखा ने देखा आँचल की पैंटी में गीलापन आ रहा है. वो समझ गयी अब मेमसाब उत्तेजित हो गयी है.
रेखा : “ मेमसाब, वो जो नया कुक आया है ना अपने यहाँ, वो बहुत हरामी है.”
आँचल : “ हरामी ? क्या मतलब ? ”
तभी रेखा ने आँचल से पलटकर पीठ के बल लेटने को कहा. आँचल पलट गयी पर उसको ध्यान नही रहा की रेखा ने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया है. रेखा ने देखा की आँचल के निप्पल उत्तेजना से बिल्कुल तन चुके हैं. अब रेखा भी बहुत उत्तेजित हो चुकी थी.
रेखा : “ मेमसाब, वो छोकरा सिर्फ़ नाम का ही छोकरा है . पर असल में उसका बहुत बड़ा है .”
आँचल : “क्या मतलब है तुम्हारा ? क्या उसने तुम्हें चोदा है ?”
रेखा आँचल को सेक्स की बातों में लगाकर अब उसकी चूचियों और निप्पल में तेल लगाकर उन्हे दबोच और मसल रही थी. आँचल पूरी तरह से एक्साइटेड होकर ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
रेखा : “ मेमसाब, उसका खंभे जैसा है , मोटा और लंबा.”
ये सुनकर आँचल को तुरंत अपने मायके के नौकर रामू और उसके मोटे लंड की याद आ गयी. वो सिसकारी लेते हुए बोली, “ उह आहह …….खंभा ? क्या है खंभा ? बोलो ना आह…….”
रेखा ने दोनो हाथों से आँचल की पैंटी के कोने पकड़े और उनको नीचे को खींचने लगी. आँचल ने अपने नितंबों को थोड़ा उठाकर पैंटी उतरने में रेखा की मदद की. रेखा ने देखा आँचल की पैंटी पूरी गीली हो चुकी है और उसकी चूत के होंठ उत्तेजना से बिल्कुल फूले हुए हैं. उसको आँचल की आँखों में कामुकता दिखी . अब उससे और कंट्रोल नही हुआ और उसने आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया और आँचल का चूतरस पीने लगी. अपनी चूत पर रेखा के होंठ और जीभ के स्पर्श से आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. रेखा ने अपनी जीभ आँचल की चूत के अंदर घुसा दी और लपालप उसकी चूत चाटने लगी. थोड़ी ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आया उसकी कमर हवा में उठकर टेढ़ी हो गयी और चूत से चूतरस बह निकला. ये देखकर रेखा ने अपनी ब्रा पैंटी उतार फेंकी और नंगी होकर अपनी चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल भी अपनी जीभ से रेखा की क्लिट को चाटने लगी और रेखा की चूत में जीभ घुसकर उसका चूतरस पीने लगी. अब दोनो ने एक दूसरे की चूत में अंदर तक जीभ घुमाना शुरू कर दिया. कुछ ही देर बाद दोनो को ओर्गास्म आ गया. आँचल ने रेखा से उस हरामी छोकरे के बारे में और जानना चाहा. लेकिन रेखा ने शर्त रख दी की वो उस छोकरे के बारे में तभी बात करेगी अगर आँचल अपने गर्म बाथटब में रेखा के साथ नहाने के लिए तैयार होगी. आँचल ने रेखा की बात मान ली और दोनो बाथटब में बैठकर एक दूसरे के नंगे बदन में साबुन लगाने लगी. रेखा उस छोकरे के साथ अपनी चुदाई की बातें आँचल को बताने लगी और आँचल की बड़ी बड़ी चूचियों को मसलते हुए उनमे साबुन लगाने लगी. उसका मन ही नही भर रहा था उन चूचियों से.
रेखा ने बताया की जिस दिन उस छोकरे को नौकरी पर रखा था उस दिन वो रात में उसको गद्दे चादर बिस्तर देने उसके कमरे में गयी . वो हरामी उस समय मूठ मार रहा था. रेखा उसके बड़े खंभे जैसे लंड को देखकर हैरान रह गयी. फिर बाथटब में पानी के अंदर आँचल की क्लिट को अपनी अंगुलियों से छेड़ते हुए रेखा ने बताया की उस छोकरे को मूठ मारते हुए देखकर वही पर उसकी चूत से पानी निकल गया था. आँचल ने मन ही मन उस छोकरे का बड़ा लंड इमेजिन किया और सिसकारियाँ लेने लगी.
रेखा : “ बस मेमसाब , उस छोकरे ने कुछ पूछा नही और मेरा हाथ पकड़कर अपने खंभे जैसे लंड पर रख दिया.” फिर रेखा उसके साथ हुई चुदाई के बारे में बताने लगी. उसकी कहानी सुनकर आँचल बाथटब में एक बार और झड़ गयी.
रेखा : “ मेमसाब , वो बहुत हरामी छोकरा है. वो कहता है की उसने कई मेमसाब और आया लोगो को चोदा है.” ये सुनकर आँचल की चूत से फिर पानी निकलने लगा. रेखा आँचल की चूचियों को अपने दांतों से काटते हुए बोली, “ मेमसाब , आप बच के रहना , वो कहता है की आप मस्त माल हो और आपको चोदने में बहुत मज़ा आएगा.” आँचल सिसकारियाँ लेते हुए बोली, “ आह…उहह…उफफफ्फ़ …..मुझे चोदेगा ….आह…. ओह गॉड ….” आँचल को एक जबरदस्त ओर्गास्म आया और उसका पूरा बदन अकड़ गया. उसकी चूत से रस का झरना बह निकला और बाथटब के पानी में जा मिला. आँचल और उसकी नौकरानी रेखा ने एक दूसरे से खूब मज़ा लिया.
लेकिन इस बार आँचल को कोई गिल्टी फीलिंग नही हुई. आँचल को रेखा से जलन हुई की मेरी नौकरानी उस छोकरे के खंभे से रोज़ मज़े ले रही है और मैं मेमसाब होकर भी मेरी सेक्स की प्यास अधूरी है. आँचल ने अपनी नौकरानी रेखा के साथ खूब मज़ा किया . लेकिन उसे इस बात से घबराहट हुई की उसका नया कुक सलीम उसे चोदना चाहता है. उसने सोचा की इसमे बहुत ख़तरा है . क्यूंकी उसका ससुर हर समय उसके आस पास ही मंडराता रहता है , उसको कुछ शक़ भी हो सकता है. आँचल ने निर्णय लिया की इससे पहले कुछ गड़बड़ हो सलीम को नौकरी से निकाल देना ही ठीक रहेगा. आँचल ने सोचा रेखा को तो मैं हैंडल कर लूँगी उससे ज़्यादा नुकसान नही है. थोड़ा बहुत मेकअप का सामान ही तो मांगती है . वैसे भी वो कितनी अच्छी तरह से चूत चाटती है. लेकिन आँचल को ये मालूम नही था की रेखा ने सलीम को वो सब बातें बता दी है जो उसके और रेखा के बीच हुई थी . रेखा ने सलीम को बता दिया था की कैसे तुम्हारे बड़े लंड का जिक्र करने से मेमसाब की पैंटी गीली हो गयी थी. और ये भी की जब रेखा ने आँचल को बताया था की “ मेमसाब वो आपको चोदने का इरादा रखता है “ तो कैसे मेमसाब चूत से रस बहाते हुए झड़ गयी थी .
रेखा से ये सब बातें सुनकर सलीम बहुत उत्तेजित हो गया और उसने मेमसाब के बारे में सोचते हुए रात भर रेखा को जमकर चोदा. रेखा को चोदते समय वो मेमसाब के गोरे उजले रंग, बड़ी बड़ी चूचियाँ और मक्खन जैसी मुलायम लेकिन बड़ी गांड के बारे में सोच रहा था. अपनी अम्मी की मोटी गांड मारते मारते उसे अब गांड मारना ही पसंद था. और ख़ासकर बड़े घरों की मेमसाब की गांड मारकर उसे और ज़्यादा मज़ा आता था.
उधर आँचल के ससुरजी के अलग ही चुदाई के प्लान बन रहे थे. उसको लगता था की मेरे घर पर होते हुए भी बहू किसी बाहरवाले से चुद के आ गयी ये तो मेरे साथ सरासर धोखा है. अगर मेरा बेटा उसको सैटिस्फाई नही कर पा रहा है तो मुझको चांस मिलना चाहिए था बहू को सैटिस्फाई करने का. इससे घर की बात घर में ही रहती. आँचल जैसी मादक बहू के घर में आने से उसकी जवानी फिर से लौट आई थी उसे अपना लंड फिर से जवान लगने लगा था. वो ससुरा अपना थोड़ा सेक्सुअल टेंशन दूर करने के लिए दो चार रंडियां भी चोद आया पर उससे कुछ फायदा नही हुआ , उसे बहू ही चाहिए थी. उसके एक दोस्त का न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन के पास होटेल था , उसी होटेल के कमरे में ससुर और उसके दोस्त ने रंडियां चोदीं थी. वो सोच रहा था की बहू को कैसे उस होटेल में ले जाऊँ , अगर एक बार वहाँ आ गयी तो फिर उसे चोदने में कोई प्राब्लम नही है. आँचल के पति सुनील को घर में चल रही इन बातों की कोई भनक नही थी की कौन कौन उसकी खूबसूरत बीवी को चोदने का प्लान बना रहा है. सुनील कभी कभी आँचल को चोद लिया करता था लेकिन आँचल के बढ़ते सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन से वो अंजान था. उसकी तरफ से तो सेक्स करने का मतलब था चूत में लंड घुसाओ और अपना पानी निकाल दो . उसे कोई ज़्यादा इन बातों का अनुभव नही था. बीवी को भी संतुष्ट करना पड़ता है इस बारे में उसने कभी सोचा ही नही. लेकिन आँचल अब जानती थी की असली चुदाई क्या होती है , क्यूंकी ये उसे समीर और किमी के साथ अनुभव हो चुका था. उसे पता था की मर्द एक औरत को कितना सुख दे सकता है और एक औरत भी औरत को मज़ा दे सकती है अगर वो
किमी जैसी माहिर हो. एक अच्छी और जबरदस्त चुदाई के लिए आँचल की चूत तड़पने लगी. रामू और समीर के बड़े लंड देख लेने के बाद अब उसे सुनील का लंड पतला छोटा लगता था. सुनील से चुदवाते समय अब उसे लगता था इस पतले छोटे लंड से चूत की रगड़ाई नही हो पा रही. अगली सुबह सुनील के ऑफीस जाने के बाद आँचल ने रेखा को अपने बेडरूम में बुलाया . उसे बहुत उत्तेजना महसूस हो रही थी और वो रेखा की मदद से अपनी उत्तेजना शांत करना चाह रही थी. जब रेखा ने बेडरूम में आकर अपने कपड़े उतारे तो आँचल चौंक गयी. रेखा के बदन में जगह जगह हल्के निशान पड़े हुए थे. आँचल के पूछने पर उसने बताया की सलीम ने उसे रात भर बुरी तरह चोदा और अब उसकी चूत दुख रही है और वो निशान उसके काटने के हैं. ये बात सुनकर आँचल की चूत से रस बहने लगा और उसकी पैंटी गीली हो गयी. आँचल ने रेखा से कहा की वो उसको सारी चुदाई के बारे में पूरे विस्तार से बताए की सलीम ने उसे कैसे कैसे चोदा. रेखा उसे अपना किस्सा सुनाने लगी . किस्सा सुनते सुनते दोनो ही बहुत उत्तेजित हो गयी और एक दूसरे को चूमने , चाटने, काटने और मसलने लगी. कुछ देर में उनको ओर्गास्म भी आ गया.
वैसे तो आँचल को रेखा के मुँह से सलीम और रेखा की चुदाई का किस्सा सुनकर बहुत मज़ा आया था , पर उसके मन में सलीम को लेकर डर भी था. वो उसे नौकरी से निकालने का कोई बहाना ढूंढने लगी. धीरे धीरे उसने अपने पति और ससुर के सामने खाना खाते समय खराब खाने की शिकायत करना शुरू कर दिया. लेकिन इससे पहले की आँचल सलीम को नौकरी से निकलवा पाती वो बीमार पड़ गयी. उसे वायरल फीवर हो गया था. शुरू के दो दिन तक तेज बुखार रहा तो उसके पति सुनील ने घर पर ही रहकर उसकी देखभाल की. तीसरे दिन उसका बुखार काफ़ी कम हो गया तो सुनील अपने ऑफिस चला गया. सुनील के ऑफिस जाने के बाद आँचल के ससुर ने मौका देखकर उसकी देखभाल शुरू कर दी. वो दिन भर उसके पास ही बैठा रहा और बुखार चेक करने के बहाने से कभी आँचल का माथा , कभी उसके गाल , कभी बाँहों , कभी कंधों को छू रहा था. आँचल नाइटी पहने थी , इससे ससुर को कभी उसकी कांख , कभी ब्रा का कोई कोना और नाइटी के बाहर से ही उसकी मांसल जांघों का शेप दिख जा रहा था. आँचल अपने ससुर की सब हरकतें समझ रही थी पर वो बीमारी में देखभाल के बहाने से उससे चिपका हुआ था इसलिए वो उसको मना भी नही कर पाई. दो दिन तक ससुर ऐसे ही उससे चिपका रहा. अब आँचल काफ़ी हद तक ठीक हो चुकी थी. अपने ससुर के साथ दो दिन के हर समय के साथ से उसे अब कुछ उत्तेजना सी महसूस होने लगी. अपने पास बैठे हुए ससुर के पैंट में बना तंबू उसने देख लिया था और एक दो बार तो उसका ससुर जानबूझकर बहाने से उसकी बाँह से अपने तंबू को रगड़ भी चुका था. उधर ससुरजी के मन में अलग ही ख़याली पुलाव पक रहे थे. उसने नोटिस किया की बहू मेरे तंबू को घूर रही थी और जब मैं उसको बहाने बहाने से इधर उधर टच करता हूँ तो कुछ विरोध भी नही कर रही है. ये समय बिल्कुल ठीक है अब हथौड़ा मार ही देना चाहिए. अगले दिन सनडे है , सुनील तो घर पर होगा लेकिन रेखा की कल छुट्टी रहेगी. अगर मैं सुनील को किसी बहाने से कहीं बाहर भेज दूं तो बहू और मैं अकेले ही रह जाएँगे फिर तो मैं जी भर के बहू को चोदूँगा. मुझे लगता है अब बहू की भी यही इच्छा है और वो इसके लिए तैयार दिखती है , नही तो मुझे अपने बदन को टच क्यूँ करने देती. शाम को जब सुनील घर आया तो ससुर बोला, “ बेटा , एक कस्टमर है सोनीपत में. मैं चाहता हूँ की तुम कल सनडे को जाओ और उससे मिलो. मैंने अपायंटमेंट भी ले लिया है.”
सुनील बोला, “ ठीक है , मैं मिल लूँगा उससे.”
अब ससुर हिसाब लगाने लगा , सुनील को जाने में दो घंटे और आने में दो घंटे और मीटिंग का टाइम भी जोड़ लो तो इसका दिनभर लग ही जाएगा आने जाने में . तब तक मैं……….आआआहह.
आँचल को दिन भर चोदने के ख़याल से ससुर के मुँह से लार टपकने लगी . अरे यार , इस चिकनी छोकरी को तो मैं सेक्स का ऐसा पाठ पढ़ाऊँगा की ये भी क्या याद करेगी की किस एक्सपीरियेन्स्ड मर्द से पाला पड़ा है. दिन भर चोदने को मिलेगी , अहा मुझे तो अपने लक पर विश्वास ही नही हो रहा , मज़ा आ जाएगा टनाटन.
आँचल को ससुर के इस प्लान के बारे में कुछ नही पता था. सनडे को उसने देखा की सुनील किसी मीटिंग के लिए सोनीपत जा रहा है. जैसे ही सुनील घर से बाहर निकला , ससुर आँचल की देखभाल करने के बहाने उसके कमरे में घुस गया. अब वो सोचने लगा बहू को सिड्यूस करना कैसे शुरू करूँ , थोड़ी देर में ही उसके दोस्त का फोन आ गया. उसके दोस्त की बीवी की रात में मृत्यु हो गयी थी और अभी सुबह उसका क्रियाकर्म करना था. ससुर का दिल बैठ गया अब क्रियाकर्म में तो उसको जाना ही पड़ेगा. लेकिन उसने अपने को दिलासा दिया की दोपहर के बाद तक मैं वापस आ जाऊँगा फिर भी मेरे पास कुछ घंटे तो बचेंगे ही , जिसमे मैं बहू को चोद सकता हूँ, सुनील तो शाम को ही वापस आएगा. फिर उसने आँचल से आराम करने को कहा और खुद दोस्त के घर चला गया. उनके कुक सलीम ने देखा घर में कोई नही है अब ये अच्छा मौका है. वो आँचल के बेडरूम में घुसा और बोला, “ मेमसाब लंच के लिए क्या पकाना है ? आपको अभी कुछ चाहिए तो नही ?” उसने देखा आँचल नाइटी में लेटी है. उसकी गोरी गोरी बाहें और नाइटी में बड़ी बड़ी चूचियाँ देखकर सलीम के मुँह से लार टपकने लगी. आँचल ने सलीम की आँखों में वासना देखी और उसे डर लगने लगा लेकिन साथ ही साथ उत्तेजना भी महसूस हुई. रेखा ने बताया था इसका खंभे जैसा है , फिर आँचल की निगाहें उसके निक्कर की तरफ मुड़ गयी.सलीम ने देखा आँचल उसके निक्कर को देख रही है . उसकी हिम्मत बढ़ गयी और अपने लंड को निक्कर के बाहर से ही सहलाते हुए वो आँचल के थोड़ा और करीब आते हुए बोला, “ क्या देख रही हैं मेमसाब ? कुछ चाहिए क्या ?” आँचल ने उसे ऐसा करते देखा तो अपना सर झटका और अपने को संयत करते हुए कहा , “ न.... नही कुछ नही चाहिए. तुम जाओ अभी.” आँचल का चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था. सलीम समझ गया , मुँह से जाओ कह रही है और अंदर से उत्तेजित हो रही है, उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो आँचल की बेड के पास आ खड़ा हुआ. फिर आँचल के माथे पर हाथ रखता हुआ बोला, “ मेमसाब अब तो आपका बुखार बिल्कुल उतर गया है.” आँचल ने मन ही मन कहा इस छोकरे की हिम्मत तो देखो मेरे बेडरूम में घुसकर मुझे छू रहा है. उसने थोड़ा कठोर आवाज़ में कहा, “ मेरे लिए नाश्ता लेकर आओ, जल्दी…”सलीम मुस्कुराया और बोला, “ पर आपको तो मेरी बनाई हुई चीजें अच्छी नही लगती हैं “. फिर उसने अपने निक्कर में से पूरा तना हुआ लंड बाहर निकाला और उसको आगे पीछे अपने हाथ में हिलाता हुआ बोला, “ ये तो ज़रूर अच्छा लगेगा आपको”. सलीम समझ गया , मुँह से जाओ कह रही है और अंदर से उत्तेजित हो रही है, उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो आँचल की बेड के पास आ खड़ा हुआ. फिर आँचल के माथे पर हाथ रखता हुआ बोला, “ मेमसाब अब तो आपका बुखार बिल्कुल उतर गया है.”
आँचल ने मन ही मन कहा इस छोकरे की हिम्मत तो देखो मेरे बेडरूम में घुसकर मुझे छू रहा है. उसने थोड़ा कठोर आवाज़ में कहा, “ मेरे लिए नाश्ता लेकर आओ, जल्दी…”सलीम मुस्कुराया और बोला, “ पर आपको तो मेरी बनाई हुई चीजें अच्छी नही लगती हैं “. फिर उसने अपने निक्कर में से पूरा तना हुआ लंड बाहर निकाला और उसको आगे पीछे अपने हाथ में हिलाता हुआ बोला, “ ये तो ज़रूर अच्छा लगेगा आपको”.सलीम का खंभे जैसा लंड देखकर आँचल धक से रह गयी. वो पहली बार ख़तने वाला लंड देख रही थी. सलीम के लंड के सुपाड़े के ऊपर कोई चमड़ी नही थी. आँचल के मुँह से कोई बोल नही फूटे. सलीम को मालूम था की उसके लंड को देखकर औरतें हक्की बक्की रह जाती हैं. अब उसने अपने हाथ आँचल के माथे से हटाकर उसके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ लिया और आँचल की आँखों के सामने उसका लंड फनफना रहा था. आँचल को बहुत डर लग रहा था लेकिन उसकी चूत से पानी भी निकलता जा रहा था. उसने धीमी आवाज़ में अटकती सांसो के बीच कहा, “ उहह.... मुझे माफ़ करो सलीम, तुम यहाँ से चले जाओ , प्लीज़!” आँचल की उलझन देखकर सलीम मुस्कुराया और उसके गालों को मलते हुए बोला , “ मैं चला जाऊँगा बस तुम एक बार इसे अपने हाथ में ले लो .” सलीम जानता था की उसके लंड को देखकर औरतें घबरा जाती हैं. उनको कैसे धीरे धीरे पटाके काबू में करना है ये उसने सीख लिया था. उसने फिर आँचल से बोला , मैं चला जाऊँगा तुम बस एक बार अपने हाथ मे ले लो.
आँचल काँपती हुई आवाज़ में बोली, “ पक्का ? तुम चले जाओगे ? अगर मैं हाथ में ले लूँगी तो ?”
सलीम फिर मुस्कुराया और बोला, “ पक्का मेमसाब.”
फिर आँचल ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया. उसके हाथ में सलीम का खंबे जैसा लंड अच्छी तरह से पकड़ा ही नही जा रहा था. सलीम ने उससे अपना मुँह खोलने को कहा. आँचल ने जैसे सुना ही नही वो उसके लंड को अपने हाथों में देखकर उसी में हैरानी से खो सी गयी थी.
सलीम ने कहा, “ कैसा लगा पकड़ने में मेमसाब ?”. फिर बोला , “अब अपने मुँह में लेकर चूसो इसे .”
जब सलीम ने देखा की आँचल तो जैसे जड़वत हो गयी है तो उसने उसके हाथ से लंड हटाकर आँचल के गालों पर रगड़ना शुरू किया.
आँचल ने तुरंत कहा, “ नही ! तुमने कहा था की तुम चले जाओगे .” “थोड़ा सा चूसो फिर मैं पक्का चला जाऊँगा”, सलीम ने जवाब दिया.
आँचल ने अपने होंठ थोड़ा खोले और सलीम ने उन होठों के बीच अपना लंड घुसा दिया. जब उसने देखा की ये तो आराम से लंड चूस रही है तो वो समझ गया की ये मुझसे चुदवाना चाहती है.
उसने आँचल की गर्दन पकड़ ली और लंड थोड़ा और अंदर घुसा दिया फिर पूछा, “ मेमसाब, कैसा लग रहा है मेरा लंड ?”
आँचल लंड चूसने में मगन थी इसलिए उसने जवाब में सिर्फ़ …. ग..गु गो गु … की आवाज़ निकली.
फिर वो सलीम की गोलियों को सहलाने लगी. सलीम समझ गया इसको मज़ा आ रहा है. उसने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और अपनी गोलियाँ चाटने को कहा. आँचल ने तुरंत गोलियों को चाटना शुरू कर दिया. सलीम अब उसको पूरी नंगी देखना चाहता था इसलिए बोला, “ अपने कपड़े निकाल , मुझे तेरी चूचियाँ देखनी हैं.” आँचल ने अपनी नाइटी उतार दी . अब वो सिर्फ़ लेस वाली पैंटी में थी. उसकी गोरी गोरी चूचियों को खुला देखकर सलीम उनको मुँह में भरकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर चूचियों को रफ तरीके से मसलने और काटने लगा. आँचल दर्द से चिल्लाई.
सलीम उसको एक थप्पड़ मारते हुए बोला, “ साली, रेखा की चूचियाँ और चूत , तू चूसती है और अब रोती है.” फिर उसने आँचल की गीली हो चुकी पैंटी को फाड़ दिया . आँचल की टाँगों को ज़ोर से अलग करते हुए उसने आँचल की चूत में अपना लंड घुसेड दिया. आँचल दर्द से चिल्ला पड़ी, “ आ आ आ हह……ऊओ आह माँ.....आह मेरी फट रही है ……..आह माँआअ …”
आँचल की टाइट चूत देखकर सलीम हैरान रह गया. आँचल के रोने धोने से वो और एक्साइट हो गया और उसकी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
फिर बोला, “ तेरी चूत तो बहुत मस्त है, मज़ा आ गया.”
अब वो पूरा लंड बाहर निकालकर फिर एक झटके में पूरा अंदर धाँसने लगा. अब उसकी स्पीड तेज हो गयी थी. आँचल को किसी ने इतनी तेज तेज नही चोदा था. अब उसने भी सलीम के धक्कों के साथ ही अपनी गांड ऊपर को उछालनी शुरू कर दी इस तरह वो भी सलीम को चोदने लगी. उसको ओर्गास्म पर ओर्गास्म आने लगे और उसके मुँह से तेज सिसकारियाँ निकल रही थी ….ऊओ अहह ओइईईईईईईईईई........... उफफफफफफफफफफफफ्फ़ अहह…” सलीम की गोलियाँ हर झटके के साथ आँचल की गांड से टकरा रही थी ….ठप….. ठप….. ठप .. इसी तरह वो आँचल को धकाधक चोदता रहा. जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड पूरा चूत के अंदर डाल दिया और आँचल के चूत की गहराइयों में अपना वीर्य छोड़ दिया. फिर उसने अपना लंड चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दिया. आँचल को लंड से वीर्य के साथ अपने चूतरस का स्वाद आया और उसने लंड चूसना शुरू कर दिया. आँचल ने देखा की सलीम का मुरझाया हुआ लंड भी आँचल के पति सुनील के खड़े लंड से बड़ा था.
आँचल के चूसने से सलीम का लंड फिर खड़ा हो गया. उसने आँचल को पलट दिया और घुटनो के बल कुतिया बना दिया. अब आँचल के पीछे जाकर उसने आँचल की चूत में अपना लंड घुसेड दिया और वो पीछे से धकाधक चोदने लगा साथ ही साथ आँचल की बड़ी गांड में थप्पड़ भी मारते जा रहा था…चटाक़……. चटाक़…… चटाक़. आँचल कभी भी डॉगी स्टाइल में नही चुदी थी , उसे बहुत मज़ा आ रहा था. चूत में लंड के ताबड़तोड़ धक्कों के साथ अपनी गांड पर पड़ते थप्पड़ से उसको जल्दी ही जबरदस्त ओर्गास्म आ गया …आ आहह ओइईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आअहह……..उसके घुटने कमजोर पड़ गये और वो बेड पर गिर पड़ी. उसकी जांघें और टाँगे ओर्गास्म की उत्तेजना से कांप रही थी. सलीम ने उसको फिर उठाने की कोशिश की पर आँचल बिना उसके सपोर्ट के नही उठ पा रही थी. इतनी बार झड़ जाने से आँचल अब कमज़ोरी महसूस कर रही थी. उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था . उसकी आँखों में अजीब से भाव थे जैसे वो शून्य को घूर रही हो. उसके घुटने कमज़ोरी से कांप रहे थे. सलीम के काटने से उसके गालों और चूचियों पर लाल निशान पड़ चुके थे. उसकी गांड थप्पड़ मारे जाने से लाल हो चुकी थी. लेकिन सलीम तो अभी शुरू ही हुआ था , उसने सुनील की टेबल से सब काग़ज़ फेंक दिए और आँचल को टेबल पर बैठा दिया फिर उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रखकर आँचल की चूत में फिर से अपना लंड घुसेड दिया , एक जोरदार झटके में लंड पूरा चूत में अंदर तक धँस गया. फिर वो तेज़ी से लंड अंदर बाहर पेलने लगा.
आँचल चिल्लाई …अहह् ………..आहह…… ओइईईई… आअरहगगगघहीुई..म्म्म्माआ… इस पोज़िशन में सलीम का लंड बहुत डीप पेनिट्रेट कर रहा था. आँचल को लगा आज तो उसकी चूत फट के चिथड़ा हो जाएगी. उसकी पहले से ही लाल हो चुकी गांड भी टेबल से रगड़ खाकर और लाल हो गयी. जैसे ही सलीम झड़ने को हुआ उसने अपना लंड आँचल की चूत से बाहर निकाला और आँचल के बाल पकड़कर उसका चेहरा नीचे झुका दिया और वीर्य की धार को उसके बालों , उसके खूबसूरत चेहरे और उसकी गोरी चूचियों पर छोड़ दिया . आँचल अपना बैलेंस नही बना सकी और टेबल से नीचे गिरने लगी, तभी सलीम ने उसको पकड़कर नीचे फर्श पर बैठा दिया .तभी आँचल का फोन बजने लगा. सलीम ने फोन उठाया तो देखा सुनील की कॉल थी . लेकिन आँचल उठकर फोन पर बात करने की हालत में नही थी. सलीम ने आँचल को फोन दिया और खुद उसकी चूचियाँ मसलने लगा. सुनील ने फोन पर आँचल से पूछा की वो अब कैसा फील कर रही है और तबीयत कैसी है , आँचल सिर्फ़ हूँ हाँ में ही जवाब दे पाई .इतनी खूबसूरत औरत को बुरी तरह से चोदकर भी सलीम का मन नही भरा , उसको फोन पर हूँ हाँ करते देखकर उसका लंड फिर तन गया. उसने फर्श पर बैठे बैठे ही आँचल को कमर और गांड से पकड़कर उठाया और अपने लंड पर बैठा दिया .आँचल अभी फोन पकड़े हुए ही थी. लंड के चूत में घुसते ही आँचल के मुँह से आह निकली , दूसरी तरफ सुनील ने समझा की उसकी बीवी की तबीयत खराब है और वो उल्टी कर रही है. आँचल डर गयी उसने समझा कहीं सुनील कुछ शक़ ना कर बैठे , इसलिए उसने नॉर्मल तरीके से बात करना चाहा , लेकिन सलीम उसकी गांड उठा उठा के धीरे धीरे चूत चोद रहा था इसलिए उसके मुँह से सिसकियाँ निकल जा रही थी. सलीम इस बात से और एक्साइटेड हो गया की मेमसाब अपने हसबैंड से फोन पर बात कर रही है और मैं उसे चोद रहा हूँ. वो समझ गया की मेमसाब डर से , सुनील से नॉर्मल होके बात करने की कोशिश कर रही है , उसने नीचे से तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए.
अब आँचल सलीम की गोद में तेज धक्कों से चुदते हुए उछलने लगी उसकी तेज सिसकारियाँ निकलने लगी . लेकिन अभी भी वो फोन पकड़े हुए थी . उसको ओर्गास्म आ गया. सुनील को फोन पर सिर्फ़ आहह….उफ़फ्फ़….अरगगगगगग…अर्र्र्र्र्ररर…..ओइईईईईईईईईई…. सुनाई दे रहा था.
सुनील बोला, “ आँचल , आँचल क्या बात है ? तुम ऐसी अजीब आवाज़ें क्यूँ निकाल रही हो , तबीयत ज़्यादा ही खराब हो रही है क्या ?”
ओर्गास्म खत्म होने के बाद आँचल ने सुनील को बोला की उसको अभी उल्टी आई थी , इसलिए उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी. फिर उसने कहा मेरी तबीयत ठीक नही है तुम जल्दी घर आ जाओ और फोन रख दिया.
आँचल को अपने पति से झूठ बोलते देखकर सलीम बोला, “ अच्छा नाटक करती है तू साली !”
आँचल बोली, “ आह ,....उफ़फ्फ़ अब मुझे छोड़ दो सलीम , प्लीज़ अब तुम जाओ.”
आँचल को फर्श पर पड़े देखकर और अपने को छोड़ देने की मिन्नतें करते देखकर सलीम ज़ोर से हंसा फिर आँचल की गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला ,” साली अभी तो तेरी गांड चोदूँगा , क्या मस्त बड़ी गांड है तेरी.”फिर उसने आँचल को पकड़कर खड़ा कर दिया. लेकिन आँचल कमज़ोरी महसूस कर रही थी इसलिए खड़ा नही हो पाई और सलीम के हाथों में झूल गयी. सलीम ने उसको पेट के बल बेड पर लिटा दिया और फिर घुटने अंदर को मोड़कर आँचल की गांड हवा में ऊपर को उठा दी. फिर उसके दोनो नितंबों को फैला कर गांड के छेद में लंड घुसाने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही सलीम का लंड का सुपाड़ा आँचल की गांड में घुसा आँचल ज़ोर से चिल्लाई, “ अहह ओह फट गयी ……ईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआ….”
“साली लगता है कभी तेरे पति ने तेरी गांड नही मारी , तभी तो तू इतना फुदकती रहती है” , आँचल की गांड के बहुत टाइट छेद को देखकर सलीम बोला.
फिर उसने अपना लंड छेद से हटा लिया और अपनी उँगलियों पर थूका और उंगली को गांड के छेद में घुमाने लगा.
आँचल फिर चिल्लाई, “आहह….मत करो सलीम…आहह ओइईई…”
लेकिन सलीम भोसड़ी का बहुत गांडू था , अपनी अम्मी की गांड मारते मारते अब उसको गांड मारने की आदत पड़ गयी थी. इसलिए वो नही माना और फिर उसने अपना लंड आँचल की गांड के छेद पर टिका कर धक्का मारा.
“आहह…..मैं मर गयी ……..कमीने कुत्ते हरामजादे ने मेरी गांड फाड़ दी...... उईईईईईईईईईई माआआआआआ…”, आँचल फिर चिल्लाई .
आँचल के रोने चिल्लाने से सलीम और एक्साइटेड हो गया और आँचल की कुँवारी गांड को बुरी तरह से चोदने लगा. दर्द से आँचल की आँखों से टपाटप आँसू बहने लगे. कुछ देर बाद सलीम उसकी गांड में ही झड़ गया. और आँचल को बेड पर रोता छोड़कर बेडरूम से चला गया. जब सलीम अपने कमरे में पहुँचा तो उसे होश आया की मैंने ये क्या कर दिया . डर के मारे अब खुद उसकी गांड फट के हाथ में आ गयी और उसने फटाफट अपना दो कौड़ी का सामान प्लास्टिक के थैले में डाला और घर छोड़कर भाग गया.
तब तक दोपहर के 2 बज चुके थे और आँचल का ससुर भी क्रियाकर्म से वापस आ पहुँचा. वो दिन भर आँचल को चोदने का ही प्लान बनाने में था . इसलिए जैसे ही घर पहुँचा टाइम वेस्ट ना करते हुए सीधे आँचल के बेडरूम में घुस गया. पर बेडरूम का नज़ारा देखते ही उसकी गांड फट गयी . ये तीसरी गांड थी जो आज उस घर में फटी थी. उसने देखा आँचल बेड पर नंगी पड़ी है और सुबक रही है. उसके पूरे बदन में निशान बने हुए हैं और बदन में जहाँ तहाँ वीर्य लगा हुआ है. उसकी गांड से थोड़ा खून भी निकल रहा था. जैसे ही आँचल ने अपने ससुर को देखा उसने ज़ोर ज़ोर से रोना शुरू कर दिया.
ससुर उसके पास पहुँचा और उसके नंगे बदन को अपने आलिंगन में लेकर उसको दिलासा देते हुए बोला, “ तुम्हारी ऐसी हालत किसने की ?”
आँचल बोली, “ वो हमारा कुक सलीम , उसी कमीने ने मेरा रेप किया है.”
ससुर मन ही मन सोचने लगा , इस लड़की को मैं चोदने को मरा जा रहा हूँ और यहाँ ये दो कौड़ी का नौकर सलीम इसको चोद गया और पहले दिन भी ना जाने बाहर किससे चुदवा के आई थी. पता नही और कौन कौन चोद गया इसे , सिर्फ़ मैं ही नही चोद पा रहा हूँ बस.
ससुर गुस्से में सलीम के कमरे की तरफ दौड़ा तो वहाँ जाकर देखा की वो भोसड़ी का तो भाग लिया. फिर वो वापस आँचल के पास आया .
आँचल उससे हाथ जोड़ते हुए बोली , “ प्लीज़ आप सुनील या किसी और को ये सब मत बताना.”
ससुर बोला, “ ठीक है, मैं किसी को ये बात नही बताऊँगा.”
फिर उसने गरम पानी करके आँचल को नहाने और कपड़े पहनने में मदद की.
उसके बाद उसने आँचल का कमरा धो दिया और फिर साफ करके वीर्य और चूतरस के सभी निशान फर्श से मिटा दिए और बेड की शीट्स वगैरह सब बदल दी. ताकि सुनील के आने तक बेडरूम फिर से पहले जैसा साफ सुथरा हो जाए.