काफी कम्पलिकेटेड अपडेट था सैंतीस वाला । लोपचे का भटकता मुसाफिर...एडियाना का मकबरा....पारियान... जादूगरनी एडियाना....एडियाना की तीन लालसाएं... जादुगर महाकाश्वर सब कुछ दिमाग के नशें हिला देने वाला था ।
मुझे जो समझ में आया वो यह कि -
रसियन जादूगरनी एडियाना तीन ऐसी शक्तियों की तलाश में थी जिससे वो धरती की सर्वशक्तिशाली बन जाती ।
पहला - बिजली का खंजर , एक ऐसा खंजर जिससे किसी भी व्यक्ति और वस्तु को सेकेंड मात्र में ही चीर कर रख दे । मनुष्य भले ही खुद को मंत्र तंत्र से सुरक्षित ही क्यों न कर लिया हो ।
दूसरा - बहरूपिया चोगा , ऐसा वस्त्र जिसके इस्तेमाल से व्यक्ति किसी का भी रूप धारण कर ले । यहां तक कि उस व्यक्ति की आत्मा से भी खुद को कनेक्ट कर ले ।
तीसरा - पुनर्स्थापित अंगूठी , काफी करामाती है यह अंगूठी । अगर किसी व्यक्ति के शरीर के चिथड़े चिथड़े भी हो जाए फिर भी अंगूठी धारण करने वाला व्यक्ति पुनः अपने शरीर को प्राप्त कर ले और जीवित हो उठे ।
एडियाना की लालसा , लालसा मात्र बनकर रह गई क्योंकि उसने एक कपटी भारतीय जादुगर महाकाश्वर पर विश्वास कर लिया था । तीनों चीजें प्राप्त करने के बाद महाकाश्वर ने एडियाना को मार दिया और उसी के मकबरे में वो अद्भुत चीजें छुपा दी । इसका वजह जरूर शक्तिशाली पारियान लोपचे ही रहा होगा । जो शायद आज भी हिमालय के पहाड़ियों में मौजूद है ।
लेकिन आर्य को पता है कि उस मकबरे से बिजली का खंजर गायब है । जरूर गंगटोक के घने जंगलों में उसने कुछ ऐसा देखा या पाया जिससे उसके पास यह जानकारी आई होगी । हो यह भी सकता है कि भटकता मुसाफिर से उसकी मुलाकात भी हो गई हो ।
बहुत ही विचित्र और करिश्माई चीजें इस अपडेट में देखने को मिला । निशांत ने सच ही कहा रीछ की ताकत का अंदाजा नहीं है प्रहरियों को । आसान नहीं उस पर काबू पाना । शायद तीन शक्तियों में कोई एक भी उन्हें प्राप्त हो जाए तो यह सम्भव हो सकता है ।
इसके पहले अध्याय में पाठक और शुक्ल परिवार के कुछ ऐसे हस्तियों से हमारी मुलाकात हुई जो इसके पहले नहीं हुई थी । जिनमें सबसे प्रमुख और महत्वाकांक्षी और धुर्त धीरेन स्वामी जी थे । स्वामी जी सच में ही काफी पहुंचे हुए स्वामी निकले । अपने पालनहार सज्जन पुरुष देवगिरी पाठक जी को बुद्धु बनाया जो अब तक जारी है । सारे प्रहरियों को बेवकूफ बनाया । भुमि के साथ धोखा किया । भारद्वाज फेमिली की जड़ें काटता रहा । और मुझे विश्वास है वो अपनी पत्नी भारती को भी छल रहा होगा ।
देवगिरी साहब की सगी बेटियां , मुझे लगता है उन्हीं के समान पाक और निष्छल प्रवृत्ति की होनी चाहिए । लेकिन आरती मैडम जो उनकी सगी औलाद नहीं है , की संस्कार उनसे बिल्कुल ही मेल नहीं खाती ।
दोनों अपडेट्स बहुत ही खूबसूरत थे नैन भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।