Story - कब , क्यों , कैसे ?
Writer
TheBlackBlood .
मीना मैडम और आनंद साहब का चरित्र एक बहुत ही पुरानी फिल्म के गीत की याद दिला रहा है -
" देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान ,
कितना बदल गया इंसान , कितना बदल गया इंसान।
छल और कपट के हाथों अपना बेच रहा ईमान ,
कितना बदल गया इंसान ।"
धन दौलत की माया ने एक बहन को अपने ही भाई का कातिल बना दिया । और भाई भी वो जो एकलौता था , मासूम था , प्यार मे खता खाया हुआ एक बदनसीब प्रेमी था ।
स्टोरी सस्पेंस थ्रिलर थी लेकिन इमोशंस से भरपूर थी और काफी अच्छे तरीके से लिखी हुई थी ।
इंस्पेक्टर श्रीकांत साहब का किरदार भी बहुत बढ़िया था । इनके संवाद कुछ कुछ मशहूर दिवंगत उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा के कालजयी किरदार ' विजय ' के जैसे थे ।
अभिनय मर्डर केस का इनवेस्टिगेशन सीन्स भी काफी अच्छा लिखा आपने । कुल मिलाकर सबकुछ वाह वाह था।
लेकिन इस स्टोरी को बहुत कम शब्दों मे आपने समाप्त कर दिया । किरदारों के चरित्र और कार्यशैली पर थोड़ा-बहुत और फोकस करना चाहिए था ।
और जहां तक बात है पोस्टमार्टम रिपोर्ट की , यह पुख्ता से कभी नही जाहिर करता कि मृतक व्यक्ति की मौत सुसाइड है या फिर कत्ल ।
यह अपना मेडिकल रिपोर्ट तैयार करता है - मृतक व्यक्ति की मौत कैसे हुई थी । जैसे - किसी धारदार हथियार से , कोई प्वाइजन से , किसी गन से , शरीर पर चोट से , दम घूटने से या फिर किसी और तरीके से ।
यह रिपोर्ट करता है - मृतक व्यक्ति के शरीर मे वाइन या कोई ड्रग्स की मात्रा पाई गई है या नही ।
यह रिपोर्ट करता है मृतक व्यक्ति के मौत के सम्भावित टाइम की ।
इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आकलन करती है कि मृतक व्यक्ति की हत्या हुई है , या उसने सुसाइड किया है , या फिर यह स्वभाविक मौत है ।
कहानी बहुत ही शानदार थी और कांटेस्ट के लिए डिजर्व भी करती है ।
बेस्ट आफ लक शुभम भाई।