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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

ak008

Member
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H bola hai bhai story me waise hona chahiye isme to hi sahi rahega hero ke sath jab bhi koi sex kare to us time Aisa hona chahiye hero ka ling sabse bada or mota hona chahiye
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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bhai character ko ek face de do audience ko character yaad rakhne me aasani hogi
Sorry dost ... wo kya hai hmaari kalpna ki charecters social media site par mil hi nhi sakte h.... sb aas paas pdos ki gadraai jwani aur kuch naye puraane rishtedaaro ko soch kar hi kirdaaro ko rakha hai ..

Yaha tak ki un pahchaan waalo ke haaw bhaaw bolne ka tarika , body figar bhi same to same utaar diya hai.

To sorry dost bahut muskil hai wo chehare mil pana
Aap apni kalpna me dhud lo aur chaahe to unhe yaha post kar do ki kis charecter ke liye kaon si mahila sahi rahegi
 

rahuls448

New Member
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Bhai aap toh next level write thanks for reply me koshish karuga ki kuch kirdar ho analyis karke unko ek chehra dedu
Sorry dost ... wo kya hai hmaari kalpna ki charecters social media site par mil hi nhi sakte h.... sb aas paas pdos ki gadraai jwani aur kuch naye puraane rishtedaaro ko soch kar hi kirdaaro ko rakha hai ..

Yaha tak ki un pahchaan waalo ke haaw bhaaw bolne ka tarika , body figar bhi same to same utaar diya hai.

To sorry dost bahut muskil hai wo chehare mil pana
Aap apni kalpna me dhud lo aur chaahe to unhe yaha post kar do ki kis charecter ke liye kaon si mahila sahi rahegi
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 110

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पीछले अपडेट मे आपने पढ़ा जहा एक तरफ जानिपुर मे राज की मौसी रज्जो को ये पता चल गया था कि उसका नंदोई राजन उसको नंगी देख कर अपना रस टपका चुका था और वही चमनपुरा मे चंपा ने राज को अपना ऐसा जलवा दिखाया कि एक ही बार मे राज बाबू ढेर गये । फिलहाल राज के घर पर कोई मेहमान आया है तो देखते है राज की जुबानी वहा का हाल ।

अब आगे


मा किचन मे जाने लगी और पापा को नहाने जाने को बोला ,,ऐन मौके हमारे घर की बेल बजती है।
हम तीनो की नजरे आपस मे मीलती है और हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते है ।

मा ह्स कर - जा बेटा देख शकुन्तला दिदी आई होंगी ।

मै - हा वही होंगी
मै दरवाजे की ओर जाने तभी मा पापा से - और आप ऐसे ही रहेंगे क्या


पापा ने एक अंगदायी ली और बोले - अरे अब भाभी आई है तो रुक कर नहा लेता हू

मा ह्स कर - मै खुब समझ रही हू आपकी चालाकी

इधर तब तक राज शकुन्तला को लिवा कर हाल मे आता है ।
मा - अरे दीदी आप ,,आईये बैठीए मै पानी लाती हू।

पापा एक नजर शकुन्तला पर डालते है जो आज साडी पहन कर आई थी और पल्लू के अन्दर से झांकते ब्लाउज के बटन का रंग देखने का प्रयास करते है ।

पापा - और बताईए भाभी क्या हाल चाल है
शकुन्तला - सब ठीक है भाईसाहब,
मा तब तक हाल मे पानी लेके आती है - अरे दीदी कभी कभी काजल बिटिया को भी भेज दिया करिये ।

शकुन्तला - आने को तो तुम भी आ सकती हो ,कभी आती हो
मा ह्स कर - हा अब दुकान से घर , घर से दुकान ,,फुर्सत नही मिलती ,,वैसे रोहित कब तक आ रहा है ।

शकुन्तला अपने बेटे की चर्चा सुन कर काफी लालयित हुई - हा वो अगले हफते आने वाला है ।

मा खुश होकर - अरे वाह फिर तो हम लोग भी मिल लेंगे ,, कभी मिलना नही हुआ उससे

शकुन्तला - हा हा क्यू नही ,,जैसे ही वो आयेगा मै खुद खबर करूंगी ।

पापा ह्स कर - अरे हा वैसे भाई साहब क्या करते है ,,मुलाकात तो उसने भी नही हुई क्यू रागिनी

शकुन्तला पापा के सवाल से एक दम चुप हो गयी
मा ने शकुन्तला की हालत देखी तो वो समझ गयी तो उसने फौरन बात को बदल दिया ।

मा - अरे दीदी आप पानी पीजिए ,, और राज बेटा वो जरा झोला लाओ जिसमे दीदी का समान है ।

पापा ने बहुत गौर से मा को बात बदलते देखा और मुझे भी कुछ अटपटा सा लगा ।
फिर मै अपने कमरे से वो पैन्टी का पैकेट लाकर मम्मी को दिया ।

मा शकुन्तला को वो पैकेट देने लगी तो पापा - अरे रागिनी एक बार दिखा तो दो खोल कर भाभी को ,वो भी संतुष्ट रहेगी ना ।

शकुन्तला शर्मा कर पापा को देख कर मुस्कुराने लगी ,,मै और मा तो पापा की नियत से अन्जान थे नही तो हम भी मुस्कुराने लगे ।

शकुन्तला - अरे नही कोई बात नही मै घर देख लूंगी ।
पापा - अरे भाभी बस दो मिंट की बात है । खोलो रागिनी

फिर मा ने मुस्कुरा कर वो पैकेट खोल कर एक पैंटी निकाल कर शकुन्तला को दी ।

शकुन्तला बडी झिझक कर पापा को देखते हुए वो पैंटी मा के हाथ से ली और उसे देखने लगी तभी उसकी नजर पैंटी के लेबल पर गयी जिस्पे साइज़ 42 लिखा था ।

शकुन्तला थोडा सोचते हुए - अरे रागिनी ये तो 42 नम्बर है ना

मा ह्स्ते हुए - अरे आपने अपनी कच्छी की हालत देखी भी थी दीदी ,,कैसे लास्टीक ढीली हो गयी थी ,, मेरे ख्याल से आपका साइज़ बढा है इसिलिए 42 दे रही हू ।


मा की बाते सुनकर शकुन्तला की आंखे बडी हो गयी और वो एक नजर पापा को देखती है जो मुस्कुरा रहे थे और फिर शर्मा कर खुद भी मुस्कुराने लगती है ।

शकुन्तला पापा की ओर इशारा कर - क्या रागिनी तू भी हिहिहिही देख कर तो बोल


मा हस कर - क्या दीदी इसमे क्या शर्माना आप भी ना ,कपडे तो है और क्या ? हिहिहिही

फिर ऐसे ही हमारी थोडी बाते चली और फिर शकुन्तला अपने घर चली गयी ।

मा हस कर - कर ली ना अपने मन,,आपको बड़ा शौक है दूसरो की कच्छीया देखने ,, आपको तो कास्मेटिक वाले दुकान पर ही बैठना चाहिये, ठरकी कही के हिहिही

मा की बाते सुन कर मै हस पडा और पापा मुस्कुरा कर अपने उपर खिच लेते है ।

पापा - अरे जान थोडा मस्ती मजाक तो चलता ही है ,,आखिर भाभी है मेरी हाहहहा

मा पापा की बाहो मे कसमसा कर - ओह्ह हो अब छोडिए ,,मुझे खाना ब्नाना है ,,

पापा मा के गाल को चूम कर - अरे छोड दूँगा जान ,,पहले ये बताओ कि तुमने भाईसाहब के बारे मे पूछने से क्यू रोका ।

पापा की बातो पर मैने भी सहमती दिखाई तो मा सिरिअस होकर पापा की गोद से उतरते हुए - वो क्या है ना जी , शकुन्तला दीदी के पति करीब 15 सालो से दुबई मे है और वही सेटल है और अभी पिछले साल पता चला कि उन्होने वही किसी खातुन से शादी कर ली है ।


मा की बाते पापा और मै चौक गये ।
पापा - क्या सच मे ,,,

मा - हा जी ,,इसिलिए पिछ्ले ही शकुन्तला दीदी ने अपना ससुराल छोड दिया और अपने बेटे के पास रहने चली गयी थी । फिर जब यहा चमनपुरा मे उनके बेटे रोहित ने घर बनवा दिया तो वो अपनी बहू के साथ यहा चली आई ।

मा की बाते सुन कर पापा और मै बहुत शौक मे थे । कि आखिर इतना अच्छा परिवार कोई छोड कैसे सकता है वो भी अपना भी बेटा और बीवी को ।

मामले को गंभीर होता देख मा बोली - चलो भाई तुम लोगो ने तो मजा ले लिया अब खाना अकेले मुझे बनाना है ।

मै चहक कर - मा मै भी मदद करू
पापा भी खुश होकर - हा जानू आज तुम रहने दो, आज खाना हम बनायेन्गे , क्यू बेटा

मै खुशी से - हा क्यू नही पापा हिहिहिहीही

फिर हम सब किचन मे चले गये और मा को वही मैने डायनिंग टेबल पर बिठा दिया । मा हस कर हमे क्या कया करना है बताती रही और हम वैसे वैसे खाना बनाते रहे ।

रोटीओ मे कभी मिनी श्रीलंका तो कभी आस्ट्रेलिया बनता , मगर जिद थी तो बनाना ही था । कौन सा कोई बाहरी आने वाला था ।

20 रोटिया और आलू गोभी सब्जी बनाने मे हम बाप बेटे की हालत खराब हो गयी ।
लेकिन जैसा भी था मस्ती भरा समय बिता । खाने के बाद मा ने बर्तन खाली किये और फिर हम सब अपने रात के कामो मे लग गये ।

लेखक की जुबानी

एक तरफ चमनपुरा मे ये सब घटित हो रहा था वही जानीपुर मे राज के मौसी के यहा भी मस्तिया कम नही थी ।

घर मे रज्जो ने सबसे कामो की वसूली करवाई और सोनल की शादी को लेके बहुत खिचाई हुई । पल्लवी तो थी ही चुलबुली , उसने भी थोडे बहुत मजे लिये ।

शाम को 7 बजे तक सारे लोग एकजुट हुए और कल के लिए प्लानिंग होने लगी कि कैसे कैसे काम होना है ।

रमन और अनुज अभी भी दुकान से वापस नही आये थे क्योकि शहर की दुकानो पर बिक्री देर रात तक चल्ती है ।

सोनल और पल्लवि किचन मे चले गये क्योकि रात के खाने का इन्तेजाम होना ।

कमलनाथ ने मौका देखकर राजन को उपर चलने का इशारा किया जिसे रज्जो समझ गयी ।

रज्जो - कहा जी कहा जी ,,हम्म्म
कमलनाथ अंगड़ाई लेने के हाथ उपर किया कि रज्जो की नजर अपने पति के कुर्ते के बाहर झांकी दारु की शिसी के लेबल पर गयी ।

कमलनाथ -बस ऐसे ही टहलने और क्या ।
रज्जो मुस्कुरा कर - ठीक है जाईये ,,अभी ममता के हाथ से चखना भिजवा रही हू ।

कमलनाथ रज्जो की बात पर चौक गया और फटाक से हाथ निचे कर दारु के शिसी को पकड कर चेक किया कि समान है या नही ।

कमलनाथ की इस हरकत से रज्जो हसने लगी - अरे जाईये ,,कब्जा नही करूंगी मै उसपे ,,मेरा कब्जा कही और है वो ममता जानती है ,,,क्यू ममता सही है ना

ममता अपने भाभी का मतलब समझ गयी और उसे सुबह बाथरूम के पास अपनी भाभी से हुई बातचीत याद आ गयी ।

ममता मुस्कुरा कर अंजान बनते हुए - नही तो भाभी मुझे ऐसा कुछ नही पता

राजन - कैसा कब्जा भाभी जी हमे तो बताईए

ममता को मानो मौका मिल गया रज्जो को छेड़ने का तो वो हस्ते हुए - हा हा भाभी बताओ ना कैसा कब्जा

रज्जो भी कहा कम थी वो हस्कर - है जीजा जी एक जगह , जहा से मुझे हटा कर ममता खुद कब्जा चाहती है ,,,क्यू ममता बता दू हिहिहिही

ममता की हालत खराब हो गयी और वो एक बार फिर से खुद को कोसने लगी कि आखिर वो क्यू अपने भाभी से उलझ पड़ती है ।

ममता बात को बदलते हुए - क्या भाभी आप कब्जा कब्जा की हो , इनको जाने दीजिये ,,चलिये किचन मे खाना बनाना है अभी ।

रज्जो ममता की मजबूरी पर ह्स्ते हुए उठकर किचन मे जाने लगी ।

कमलनाथ - सुनो रमन की मा ,, वो जरा नमकीन वाला पैकेट दे दोगी क्या ।

रज्जो ममता को लेके किचन मे चली गयी और खुद एक नमकीन का पैकेट और डिसपोजल ग्लास लेके आई ।

रज्जो वो समान राजन को देते हुए - जीजा जी लिजिए ,, आपकी जिम्मेदारी है कि ज्यादा ना पिए ठीक है ।

रज्जो की बात पर राजन बहुत हल्की आवाज मे बोला - हा अब ज्यादा पी लेंगे तो आपकी ठुकाई नही हो पायेगी ना

रज्जो ना मानो आखिर के श्बदो को भाप लिया हो तो वो तपाक से बोल पडी - कुछ कहा आपने जीजा जी

राजन हड़बड़ा कर - अब ब नही भाभी ,, वो मै सोच रहा था कि बच भी गया तो क्या मतलब ,, खुली बोतल खराब हो जायेगी

रज्जो हस कर -अरे तो क्या हुआ एक एक पैग हम दोनो लगा लेंगे हिहिहिहिही

कमलनाथ - कभी हमारे साथ ये ऑफ़र नही रखा

रज्जो इतरा कर - अब जीजा जी मेहमान है ,,इनके लिए तो ऑफ़र रखना ही पडेगा ।

राजन रज्जो के इतराने से सिहर गया कि उसकी सलहज तो खुल्लम खुलल लाईन दे रही है । मगर क्यू ।

रज्जो ह्स कर - तो जीजा जी लगायेंगे ना मेरे साथ हिहिही

राजन ने सोचा इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है ,,आज थोडा बहुत नशे के नाटक कर इनकी गुदाज गदराई जिस्मो का मजा तो ले ही सकता हू ।

राजन - हा हा क्यू नही ,,लेकिन खाने के बाद हिहिही

रज्जो - आप जब कहे जीजा जी ,हिहिही

फिर रज्जो किचन मे चली गयी और राजन कमल्नाथ के साथ उपर उसके कमरे मे ही चला गया ।

फिर कमलनाथ ने पैग बनाए और आधी शिसी ही खतम की । आज का माल और भी तगडा था तो कमलनाथ वही बैठे हुए बाते करते हुए सोफे पर ही सो गया ।
राजन ने समय देखा तो 9 बजे गये थे तो उसने आधी खाली बोतल बंद की और उसे अपने कुरते मे रख लिया ।

फिर वो गुनगुनाते हुए निचे हाल मे उतर आये ।

तभी ममता हाल मे अपने पति को देख कर - अरे आ गये,,भैया कहा है ?? आप चलिये किचन मे बैठीये भाभी खाना लगा रही है ।

राजन ममता को कुछ सम्झाता उससे पहले ही ममता सीढियो से उपर अपने भैया को बुलाने के लिए चली गयी ।

कमरे मे जाते ही ममता को उसके भैया सोये हुए दिखे ।

ममता उन्के पास गयी तो उसे शराब की हल्की गन्ध आई तो उसने बुरा सा मुह बना कर - ओह्हो ये भैया भी ना ,,खाना भी नही खाये और सो गये ।

ममता कमलनाथ के सामने जाकर खड़ी हो गयी और झुक कर उसका कन्धा पकड कर हिलाते हुए- भैया उठिए ,,,चलिये खाना नही खाना क्या

दो चार हिलाने पर कमलनाथ की नीद खुली मगर नशे से उसकी आंखे पूरी नही खुल रही थी और दारु का असर भी बहुत था ।

कमलनाथ को अपनी धुन्धली आन्खो से अपने सामने झुकी हुई ममता को रज्जो समझ लिया - अरे जानू तुम आ गयी काम खतम करके ,,,, चलो ना अब मेरा लण्ड चुसो ,, लो मै खोल रहा हू ,,,

ममता की सासे अटक गयी कि उसके भैया नशे मे उसे पहचान नही रहे ।
डर से उसकी आवाज नही निकल रही थी ,,वो क्या बोले और वो जल्दी से अपना हाथ छुड़ा कर निचे भाग गयी ।

वही कमलनाथ जल्दी जल्दी बड़ब्डाते हुए अपना पैजामा खोल कर लण्ड बाहर निकाल देता है और फिर वैसे ही बडबड़ाते हुए सो जाता है ।
कमरे से भागते हुए ममता आखिर की सीढिओ से पहले रुकती है और अपनी सांसे बराबर कर अभी उपर हुए हादसे हो सोच कर हसने लगती है ।

ममता मन मे - उफ्फ्फ ये भाईयाआआ भीईई ना हिहिहिहिही

ममता हाल मे आती है और फिर किचन मे खाने के लिए बैठ जाती है । अनुज और रमन भी आ चुके थे ।

ममता - भाभी वो भैया सो गये , शायद खाना नही खायेन्गे

रज्जो अपना माथा पीट कर - मतलब आज भी ज्यादा ले लिये ।

रज्जो राजन से - क्या जीजा जी आपको ध्यान देना चाहिए ना

राजन - अब ब मैने तो रोका लेकिन वो माने नही ,,, अब मै क्या कर सकता था ।

रज्जो - हमम चलिये छोडिए खाना खाते है हम लोग

फिर सबने खाना खाया और धीरे धीरे सारे लोग अपने अपने कमरो मे जाने लगे । सिवाय राजन , ममता और रज्जो के ।
राजन वही हाल मे बैठ कर किचन मे खड़ी अपनी सल्हज रज्जो को निहार रहा था और अपना लण्ड कस रहा था ।

वही किचन मे ममता को अपने भैया की चिंता हो रही थी कि वो बिना खाये ही सो गये ।

रज्जो बर्तन धुलते हुए - क्या हुआ ममता क्या सोच रही हो ?
ममता - वो भाभी ,,भैया ने कुछ खाया नही
रज्जो ह्स कर - क्या तू भी ,,उनकी आदत है वो जाने दे ।

ममता - लेकिन फिर भी भाभी रोज रोज ऐसे तो उनकी तबियत खराब हो जायेगी

रज्जो हस कर - नही रे , वो हमेशा नही पीते बस घर पर फ्री रहते है तो हो जाता है कभी कभी हिहिही

रज्जो ममता को मुरझाए देख मुस्कुराई- अगर इत्नी ही चिन्ता है तो एक थाली मे खाना लेले और जा अपने भैया को खिला देना और वही सो जाना

ममता रज्जो की बात पर मुस्कुराइ- फिर आप कहा सोयेन्गी हिहिही

रज्जो ह्स कर - आज तो मेरा जीजा जी के साथ पैग लगाने का मूड है हिहिहिजी

ममता चौक कर - क्या सच मे आप दारु पियेन्गी

रज्जो हस कर - अब अपने नंदोई का दिल कैसे तोड दू

ममता मुह बना कर - छीईईई फिर तो मै नही आने वाली उनके कमरे मे आज ,,,,

रज्जो हस कर - मै तो कह ही रही हू तू आज अपने भैया के साथ सो जा हिहिही

ममता उखड़ कर - क्या भाभी आप भी ,, मै आज पल्लवी के साथ ही सो जाती हू ,,

रज्जो हस कर - जैसी तेरी मर्जी हिहिहिहिही

ममता हाल मे आई और गुस्से मे तिलमिला कर राजन को देखा तो उसे कुछ समझ नही आया और वो सीधा पल्लवि के कमरे की ओर बढ गयी ।

राजन को कुछ समझ नही आया और वो भौचक ही देखता रहा ।

वही किचन मे रज्जो ने सारा काम खतम कर हाथ पोछते हुए हाल मे आती है ।

राजन - वो ममता को क्या हुआ
रज्जो मुस्कुरा कर - उसको मुझे आपके साथ देख कर जलन हो रही है हिहिहिही

राजन असमंजस मे मुस्कुराते हुए - मै समझा नही

रज्जो हस कर - हिहिहिही अरे वो मैने उसको हमारे पैग लगाने के बारे मे बता दिया तो वो पल्लवि के पास सोने चली गयी ।

राजन हस कर - ओह्ह्ह हाहहहा कोई बात नही ,,उसे भी मेरा पीना पसंद नही
रज्जो हस कर - कोई बात नही मै हू ना साथ देने के लिए हीहिहिही ,,तो चले

राजन उठ कर - हा क्यू ही
रज्जो मुस्कुरा कर - ठीक है आप ऊपर चलिये कमरे मे ,,यहा बच्चे आ गये तो उनके सामने अच्छा नही लगेगा ,,,

राजन ने भी रज्जो की बात पर सहमती दिखाइ तो रज्जो हस कर बोली - ठीक है फिर आप चलिये मै ग्लास और कुछ खाने का लाती हू हिहिही

राजन मुस्कुरा कर उपर की ओर चल दिया ।

राजन सीढिया चढ़ते हुए आगे की प्लानिंग करते हुए सोच रहा था - अच्छा हुआ ममता चली गयी , नही तो उसके सामने मै कुछ कर नही पाता ,,,और देखता हू आज कितना काम बन पाता है ।

धीरे धीरे राजन उपर आया तो पहले कमलनाथ का कमरा था जो हल्का खुला था । राजन मे एक नजर कमरे मे मारा तो कमलनाथ वैसे ही सोया हुआ था ।

राजन मन ही मन हस कर - इनको देखो ,,,इतनी गदराई मालदार बीवी के रहते दारु के नशे मे पडा है हाहाहाहा ,, आज अगर मौका मिल गया तो आज ही पेल दूँगा भाभी जी को ,,, लेकिन क्या इतनी जल्दीबाजी ठीक रहेगी । कुछ योजना तो बनानी पडेगी ।

राजन वही विचार करते हुए अपने कमरे मे गया और फिर एक योजना के तहत अपने सारे कपडे निकाल के एक जान्घिये और फुल बाजू की बनियान डाल ली । फिर रज्जो के आने का इन्तजार करने लगा ।

जैसे ही रज्जो की आहट मिलती ही वो वैसे ही बिस्तर के पास खडे होकर अपने कपडे फ़ोल्ड करने लगता है ।
इतने मे रज्जो एक ट्रे मे ग्लास और थोडा च्खना लेके पर्दा हटाकर राजन को आवाज देते हुए कमरे मे प्रवेश कर जाती है । मगर राजन की हालात देख कर वो फौरन मुह फेर लेती है ।

राजन नाटक करते हुए - अरे आप आ गयी क्या ,,,ओह्हो ये तौलिया नही मिल रहा है । रुकियेगा भाभी थोडा ।

रज्जो वही खडी खडी मुस्कुरा रही थी और कुछ सोच कर बोली - अरे नही मिल रहा है कोई बात नही , आईये बैथिये ।

रज्जो बिना राजन की ओर देखे सोफे पर बैठ कर सामने की टेबल पर ट्रे रखा ।

राजन भी अपना कुर्ता लेके, उससे अपने रोयेंदार सख्त जान्घो को धक कर बैठ गया ।
रज्जो को भी थोडी सुविधा हुई ।

राजन अपने कपड़ो के लिए बहाना बनाता हुआ - वो सोचा कि अब सोने का समय है तो कपडे निकाल दू ,,मगर तौलिया नही मिला

रज्जो मुस्कुरा कर - अरे कोई बात नही ,,, चलिये फिर शुरु करिये

राजन हस कर - मै बनाऊ फिर
रज्जो हस कर - हा आप ही बनाईए ,,मैने बनाने लगी तो नशा ज्यादा हो जायेगा आपको हिहिही

राजन रज्जो की बात से सम्भला और उसे याद आया कि उसे बहकना नही है बल्कि मौके का फ़ायदा लेना है ।

राजन हस कर - अरे नही नही मेरे रहते अब आपको काहे की तकलिफ ,, आप साथ दे रही हैं वही काफी है ।

फिर राजन एक हल्का पैग बनाया और रज्जो को पेश किया ।

रज्जो - शुक्रिया ,
एक सिप लेके ग्लास रख दी । हम्म्म बहुत नोर्मल है ये तो
राजन - हा लेकिन भाईसाहब का ब्राण्ड बहुत तेज है ,, पकड रहा है ।

धीरे धीरे बाते शुरु हुई कि किसने कब पहली बार शुरु की थी और करीब आधे घंटे मे रज्जो को बहुत ही हलका नशा होने लगा था ।

राजन - लग रहा है भाभी आपको नशा हो रहा है हिहिहिही ,,

रज्जो हस कर - हिहिहिही अरे ठीक है जीजा जी कोई बात नही ,,,अभी एक पैग और चलेगा

राजन इस बार और भी हल्का डोज वाला बनाया और रज्जो के हाथ मे थमाया , अचानक रज्जो के हाथ से वो दिस्पोजल ग्लास सरका और उसकी साड़ी पर ही गिर गया ।


राजन - ओह्ह हो भाभी ,,,ये तो गिर गया ,,,साडी खराब हो जायेगी ।

रज्जो - अरे कोई बात नही जीजा जी आप बैथिए मै अभी अपने कमरे मे जाकर इसको बदल देती हू ।।

राजन इस मौके को हाथ से जाने नही देना चाहता था इसिलिए - अरे कहा जा रही है ,, अच्छा खासा मूड बना लिया हिहिहिहिही ,,,यही ममता की कोई सादी पहन लिजिए ।

रज्जो मुस्कुराई और मन मे बुदबुदाइ - जान रही हू नंदोई जी आपकी चालाकी ,, ऐसा जलवा दिखाऊंगी की याद रखोगे अपनी सल्हज को ।

रज्जो - हा सही कह रहे , फिर रज्जो खडी हुई और पहले अपना पल्लू और फिर कमर से सारी साड़ी निकाल ली । फिर पेतिकोट मे ही कुल्हे मटकाते हुए आल्मरि तक गयी । चुकी राजन ने पहले ही तौलिये को अल्मारी मे रख कर चाभी छिपा दी थी इसिलिए आल्मारि बंद थी ।

रज्जो- अरे ये तो बंद है
राजन - अरे हा चाभी ममता के पास होगी ,,, रुकिये मै लाता हू

रज्जो मुस्कुरा राजन की ओर चलती हुई आई - अरे कोई बात नही ,, ऐसे ही ठीक है कौन यहा कोई बाहरी है हिहिही

राजन ने भी चैन की सास ली और अबतक उसने अपना कुर्ता भी जान्घ से हटा दिया था जिससे उसके जान्घिये मे उभार हल्का हल्का दिख रहा था ।

रज्जो राजन को देख कर मुस्कुराई- लाईए मै बनाती हू पैग
फिर रज्जो ने पैग बना के राजन को दिया ।
राजन हस कर - वैसे आप भाईसाहब के साथ क्यू नही लेती हिहिहिजी

रज्जो थोडा खुल के- परसो देख ही रहे थे ना उनकी हालत हिहिहिही वो बस अनाब स्नाब बोलते है ।

राजन एक नजर रज्जो के फैले हुए कूल्हो पर डाला और सिप लेते हुए- सही ही तो बोलते है भाई साहब हिहिहिही

रज्जो समझ गयी राजन की बात - क्या जीजा जी आप भी, कुछ भी बोलते है । हिहिहिही

राजन रज्जो की मोटी मोटी चुचियो को निहारते हुए हल्का सा जान्घिये के उपर से लण्ड के सर को दबाया और बोला - अब क्या कहू भाभी ,, मेरा बोलना उचित नही है ऐसे मामलो मे हिहिहिहीही आप समझ ही रही होंगी ।

रज्जो की नजर राजन के हाथ पर गयी जिस्से वो अपना लण्ड सहला रहा था ।
रज्जो हस कर- हा देख रही हू कि अब आपको ममता की जरुरत मह्सूस हो रही हैं हिहिहिही क्यू जीजा जी

राजन रज्जो को खुलता देख कर - क्यू आपको भाईसाहब के पास नही जाना क्या हाहहहा

रज्जो सिप लेते हुए और नजरे राजन के हाथो पर रखे हुए बोली - वो तो सो गये है ,,उनसे कहा कुछ होगा हिहिही

राजन रज्जो की हरकतो पर बराबर नजर बनाये रखा था और जब उसने देखा कि रज्जो लगातार उसके हाथो की क्रिया को घूरे जा रही है तो उसने अच्छे से लण्ड को पकड कर जान्घिये के उपर से ऐसे सहलाना शुरु किया जिससे लण्ड की मोटाई लम्बाई रज्जो को अच्छे से दिखे ।

राजन की इस क्रिया से रज्जो सिहर उठी ।
रज्जो मुस्कुरा कर - लग रहा है आपकी तलब ज्यादा है ,,,तभी शादी के बाद से मेरी ननद रानी के तबले को बड़ा कर दिया हिहिही

राजन ममता का मजाक समझ गया और बोला - वैसे कसर तो भाई साहब ने भी नही छोड़ी है कोई हिहिहीहीही
रज्जो राजन की बातो से शरमा के मुस्कुराने लगती है ।
फिर वो अपना ग्लास खतम कर उठने लगती है ।

राजन - अरे क्या हुआ कहा जा रही हैं भाभी जी

रज्जो ने बाथरूम जाने के इशारे वाली ऊँगली दिखाई और मुस्कुराइ

राजन हस कर - हाहाहा ,,चलिये मै भी चलता हू ,,मै भी फ्रेश हो लूंगा

फिर राजन अपने पैग का ग्लास लेके रज्जो के पीछे पीछे चल देता है । रज्जो उपर की सीढि लेके जान बुझ कर अपने चुतड मटका कर चल रही थी और राजन बडे ध्यान से उसके गाड का दोलन निहार रहा
छत पे पहुचते ही बहुत हल्की चांदनी रात मे ठंडी हवा चल रही थी। हलका हल्का सा ही कुछ दिख रहा था ।

छत पर जाते ही अरगन पर पडी तौलिये को देखकर रज्जो बोली - हिहिही देखिये ,,यहा है तौलिया

राजन ने मुस्कुरा कर हा तो कहा, लेकिन वो जानता था कि ये उसका तौलिया नही है ।


वही रज्जो अपने कुल्हे हिलाते बाथरुम तक गयी और लाईट जलाकर बिना दरवाजा बंद किये जान बुझ कर वही बैठ गयी ।

राजन बाथरूम के बाहर ही खड़ा हो गया और थोडी ही देर मे रज्जो ने सुरीली धुन छेड़ दी । राजन मन मुग्ध हो गया और दरवाजे पर आकर एक बार अन्दर झाका तो रज्जो की फैली हुई गाड देख कर उसका लण्ड तन गया और वो अपना लण्ड जांघिये के उपर से मुठियाने लगा ।

रज्जो उठी और राजन फौरन हट गया ।

रज्जो बाहर आई - जाईये आप भी फ्रेश हो लिजिए

राजन ने अपना पैग रज्जो को थमाते हुए - इसे जरा पकड़ेगी भाभी मुझे नाड़ा खोलना पडेगा ना

रज्जो हस कर राजन का ग्लास ले लेती है और राजन मस्ती मे बाथरूम मे जाके नाड़ा खोलने के बजाय उसे कस देता है ।

दो तिन मिंट तक रज्जो कोई प्रतिक्रिया ना पाकर दरवाजे के पास आकर - जीजा जी सब ठीक है ना

राजन - हा वो जरा मेरा नाड़ा तंग हो गया है खुल नही रहा

रज्जो हस कर - मै मदद करू क्या
राजन की तो चान्दी हो गयी ।
राजन - हा अगर आपको एतराज ना हो तो ,

रज्जो फौरन बाथरूम मे आई ग्लास को राजन को देते हुए - ये पकड़ीये आप इसे मै खोलती हू ।

रज्जो झुक कर राजन के नाडे के गांठ को खोलने लगी मगर उसकी नजरे बराबर जान्घिये मे खडे लण्ड के तनाव पर बनी थी

यहा सच मे राजन का प्रेसर तेज था और वो खुद चाह रहा था किसी तरह नाड़ा खुल जाये । उसकी मस्ती अब उसपे ही भारी थी ।

रज्जो कुछ समय झुक रही तो उसके कमर मे दर्द होने लगा ,,इसिलिए वो एड़ियो के बल राजन के ठीक सामने बैठ गयी और गांठ खोलने लगी ।

राजन की लण्ड ने लीकेज शुरु कर दिया था ,,वो कभी भी अपना नियन्त्रण खो सकता था ।
राजन परेशान होकर कर - क्या हुआ भाभी ,,जल्दी करिये बहुत तेज उम्म्ंम्म्ं

रज्जो हड़ब्डा कर - हा हा बस खुल रहा है ,,लो खुल गया

रज्जो के इत्ना बोल के जांघिया निचे की ही थी और लण्ड अभी पूरी तरह से बाहर निकला ही नही था कि राजन के सबर का बान्ध फुट पड़ा, उसके सुपाडे से पेसाब की तेज धार जन्घिये को चिरते और छिटकारे मारते हुए रज्जो के गले और छातियो पर जाने लगी ।

रज्जो चिल्लाई - यीईई जिजाआआआ जीईई ये क्याह्ह्ह्ह

राजन को रज्जो की बात का ध्यान आया तो उसने निचे देखा और फौरन अपनी मुठ्ठि से सुपाड़े को दबा लिया,,जिससे पेसाब के छीटें और छिटके ,,,कुछ रज्जो के चेहरे पर बाकी राजन की बनियान और जान्घिये मे

राजन फौरन दुसरी ओर घुम गया और पेसाब की तेज धार छोड़ते हुए एक राहत ही सास ली


राजन ने पेसाब करके जांघिया को उपर किया और हल्का सिंगल गांठ ही दिया था ।

राजन रज्जो को देखकर जो अभी निचे ही बैथी हुई अपने सीने से पेसाब को हटाने की कोसिस कर रही थी ।

राजन - माफ कीजिएगा भाभी जी वो अन्जाने मे ,,मुझसे रोका नही गया ,,,हे भगवान ये क्या अनर्थ हो गया मुझसे ।

राजन रज्जो को पकड कर उठाते हुए - उठिए भाभी जी आप आईये

तभी रज्जो को उठाने के चक्कर मे राजन का जांघिया सरक जाता है और रज्जो खिलखिला पडती है ।

रज्जो - पहले खुद का समान सम्भालिये हिहिही
राजन फौरन अपना जांघिया उठा कर उसे अच्छे से बान्धता है ।

राजन - माफ कीजिएगा भाभी जी वो गलती से हो गया , आईये इधर मै धुला देता हू

रज्जो मुस्कुरा कर राजन को देख रही होती है । उसका ब्लाउज भी थोडा भीग गया था ।

राजन और रज्जो एक पानी भरे टब के पास आते है तो राजन मग से पानी निकाल कर रज्जो के सामने गिराता है जिसे रज्जो अपनी अंजुली मे भर कर गले और सीने को धोने की कोशिस करती है ।

वही राजन का लण्ड रज्जो की लटकी हुई चुचियो को देख कर टनटना गया था ।

राजन - मेरे ख्याल से आपको नहा लेना चाहिए भाभी जी

रज्जो एक नजर राजन के पेसाब से भिगे कपडे देख कर - नहाने की जरुरत तो आपको भी है हिहिहिही

राजन - हा सही कह रही है , ऐसे गंदगी लेके निचे जाना उचित नही है , मगर हमारे कपडे भी तो नही

रज्जो हस कर - अब भी आपको कपड़ो की पडी है हिहिहिही

राजन रज्जो की बात समझ गया ।
रज्जो ह्स कर - आप न्हायिये , मै तैलिया लेके आती हू


रज्जो बाथरुम से निकल गयी और राजन ने सोचा की अब क्या फर्क पडने वाला है इसिलिए वो फटाफट अपने सारे कपडे निकाल कर नंगा हुआ और टोटी चालू कर नहाने लगा ।

इतने मे रज्जो तौलिया लेके बाथरूम के दरवाजे तक गयी तो देखा कि राजन उसकी ओर पीठ करके नंगा खड़ा है और साबुन लगा रहा है ।

रज्जो मुस्कुराइ और राजन के नहा कर बाहर आने का इन्तेजार करने लगी ।
थोडी देर बाद राजन नहा कर दरवाजे की ओर घुमा था रज्जो उसकी ओर पिठ करके खड़ी थी ।

राजन दरवाजे का ओट लेके - हा भाभी तौलिया दीजिये

रज्जो मुस्कुरा कर उसे तौलिया दी और राजन उसे लपेट कर बाहर आ गया ।

राजन - आप नहा लिजिए भाभी ,,मै अभी बदन पोछ कर देता हू आपको

रज्जो मुस्कुराई और बाथरूम मे घुसकर दरवाज बंद कर लिया ,,,राजन की उम्मीदो पर पानी फिर गया मानो ,,,

वही एक तरफ जहा उपर खुले छत पर नंदोई सलहज का ये कामुक ड्रामा हो रहा था वही पल्लवि और सोनल के साथ सोयी ममता अपने भैया को लेके बहुत ही बेचैन थी ।

और उसे नीद नही आ रही थी कि उसके भैया बिना खाये सो गये है । ममता गाव से जुडी थी और खुद खेती करती थी तो उसे बिल्कुल नही पसंद था कि शराब या गलत आदतो की वजह से अनाज का अनादर करे और फिर उसके भैया भुखे सोये ये उसे रास नही आ रहा था ।

इसिलिए उसने ठाना कि उसे एक बार फिर अपने भैया के पास जाना चाहिए खाना लेके ।
एक नयी उम्मीद के साथ किचन मे गयी और एक थाली मे खाना निकाल के एक जग पानी लेके उपर कमरे की ओर गयी ।

ममता ने नजर अपने कमरे की ओर मारी तो उसे राजन और रज्जो का ख्याल आया कि वो लोग भी आज दारु पी रहे होंगे ।
इसिलिए मुह बिच्का कर ममता सीधा खाना लेके अपने भैया कमलनाथ के कमरे मे गयी ।

उसने कमलनाथ पर बिना ध्यान दिये सामने की टेबल पर खाना रखा और अपने भैया के बगल मे बैठते हुए बडे प्यार से कमलनाथ को पुचकारा

ममता - भैया उठो ,,, भईआआ ऊ
ममता की आवाज रुक गयी ,,उसकी सांसे तेज होने लगी , क्योकि उसकी नजरे इस वक़्त उसके भैया के पैजामे से बाहर निकले लण्ड पर थी । जिसे वो आंखे फाडे देखे जा रही थी ।


जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रयाओ का इंतजार रहेगा

अपडेट कैसा लगा जरुर बताये
 
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Bahot badhiya zaberdast
Shaandaar update bhai

fantastic update waiting for next

Waahbhai ye Champa to bahut hi gajab ka maal nikali... Ab ye aa gayi hai to kitne kaand karegi aur kitno ka pani bahayegi ye to aane wala samay hi batayega.
Aur baki Janipur mein nanad bhabhi ki kamuk nokjhok dekhkar to dil khush ho jata hai..
Har jagah aisi hi nanad bhabhi ho to kitna prem rahe duniya mein...


Bahut hi rochak update.. aage ka intezar

Komal update dost

Super tha... bhai Sonal ka bhi kuch karo... madanlal aur MURARILAL ka bhi kuch update do... waiting more

Very well Said, Dreamboy Bhai

Maza agya bhai

SAVE-20220110-173741

वाह चूत और लण्ड का क्गेल शुरु

Bhai apki story suru se nahi padha hai padh ke bata dunga taki apko jyada response mile or behtar update de Sako fir bhi jabardast update diya hai bhai

Shakuntala Tai Aayi hogi. Raj aur Uske papa ko maza aayega. Pratiksha Romanchak kahani ke agle rasprad update ki

Waiting for the next update

बहुत ही शानदार अपडेट है एकदम जबरदस्त । लगता है मौसी के घर पर पल्लवी अनुज को भी जवानी के मजे दिलवा ही देगी। चारो तरफ मस्ती जोरों पर हैं

Waiting for next update mitr ….

bhai character ko ek face de do audience ko character yaad rakhne me aasani hogi

New update posted
Padh kar revo jarur de...
Posivte ya negative jo bhi man me ho
 
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