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Thriller शतरंज की चाल

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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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# अपडेट ५

अब तक आपने पढ़ा -

और फिर दूसरा मैच शुरू हुआ और पहले 5 पॉइंट मैने आसानी से बनाए। फिर मेरी नजर समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर पड़ी और....

अब आगे -

समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर मुझे वही दिखाई दी, एक स्पोर्ट्स t shirt और half pant में टेनिस खेलती हुई नेहा वर्मा। मेरा ध्यान फिर एक बार भटक चुका था, बार बार मेरी नजरें उधर ही पहुंच जाती और ये मैच मैं 21-5 से बुरी तरह हार गया।

"क्यों जीएम साहब, क्या हो गया आपको?"

"कुछ नहीं।" ये बोल कर मैने एक बार फिर से अपना ध्यान अपने मैच पर लगाया और इस बार मैच 21-19 से मैने जीता।

"वाकई भाई डबल्स आपने ही जिताया था।" ये बोल कर समर ने मेरा कंधा थपथपाया। मैने मुस्कुराते हुए टेनिस कोर्ट में देखा। वो नहीं दिखी, शायद चली है थी।

फिर हम लोग बार में आ गए और समर ने दोनों के लिए ड्रिंक ऑर्डर कर दिया। हम पीते हुए बात कर रहे थे कि फिर से मेरी नजर नेहा पर पड़ी, अब वो ट्रैक सूट में थी, शायद कपड़े चेंज करने गई होगी। साथ में कोई और लड़की भी थी, जिसे मैं नहीं जानता था। वो दोनों दूसरी ओर बैठ गई, नेहा की पीठ मेरी ओर थी, और वो शायद मुझे नहीं देख पाई थी।

थोड़ी देर बाद समर ने कहा कि वो जा रहा है, मेरी ड्रिंक अभी बची थी तो मैने बोला कि बस इसे खत्म करके मैं भी निकलूंगा।

उसके जाने के कुछ समय बाद ही मुझे एक आवाज आई, "excuse me सर, what a pleasent surprice, आप यहां पर?"

ये नेहा थी। मैं उसे देख कर थोड़ा आश्चर्य में आ गया क्योंकि समर के जाने से पहले ही उन दोनो ने अपना टेबल छोड़ दिया था, और अभी नेहा अकेली ही थी। उसके पास एक बैग था जो उस समय नहीं था जब वो यहां बैठी थी।

"अरे नेहा जी, कैसी हो आप, और यहां?"

"वो सर actually मुझे टेनिस और गोल्फ का बहुत शौक है, और यहां 15 दिन पहले जब ज्वाइनिंग के लिए आई थी तो HR में किसी ने मुझे इस क्लब के बारे में बताया, अभी लास्ट विक ही ज्वाइन किया, पर आपको पहली बार देखा यहां?"

"मैं समय मिलने पर ही आता हूं यहां, आज ऑफिस से जल्दी छुट्टी मिली कई महीनों बाद तो चल आया यहां। वैसे शायद आप अभी किसी के साथ थी न?"

"अरे वो अर्चना थी, मेरी टेनिस पार्टनर, यहीं क्लब में ही मुलाकात हुई थी उससे। मैं भी वापस जा रही थी, अपना बैग ले कर लाकर रूम में जब आ रही थी तब आप पर नजर पड़ी। तो मिलने चली आई।"

"ओह अच्छा किया। वैसे आप कहां रहती हैं?"

"अशोक नगर में एक फ्लैट दिलवाया है ऑफिस से ही।"

"अच्छी जगह है वो तो, वैसे आप वापस कैसे जाएंगी?"

"कोई ऑटो देखती हूं सर।"

"अरे मैं छोड़ देता हूं, आपका फ्लैट मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता है।"

नेहा कुछ सोच कर, "ok... चलिए चलते हैं फिर।"

मेरी ड्रिंक भी लगभग खत्म ही थी, हम दोनो पार्किंग एरिया में आ गए। अपनी कार के पास हम पहुंचे ही थे कि तभी

"अरे जीएम साहब, आज लगता है आपकी सेवाएं लेनी पड़ेंगी।"

समर मेरी ओर आते हुए बोला, और नेहा को देख कर कुछ आश्चर्य में आ गया।

"क्या हुआ भाई आपकी सरकारी गाड़ी को, जो मेरी सेवाएं लेने की जरूरत पड़ गई?" मैने पूछा।

"यार स्टार्ट नहीं हो रही, पता नहीं क्यों?" उसने नेहा की ओर देखते हुए कहा, "वैसे अगर प्रॉब्लम हो तो मैं मैनेज कर लेता हूं।"

"नहीं भाई क्या प्रॉब्लम होगी। वैसे इनसे मिलो, नेहा वर्मा, मेरे कंपनी में अभी एक हफ्ते पहले ही ज्वाइन किया है, क्लब में मिल गई और घर भी इनका मेरे रास्ते में ही है तो सोचा इनको भी ड्रॉप कर दूं। आजा तुझे भी ड्रॉप कर देता हूं।"

ये बोल कर मैने कार का लॉक खोला, और समर मेरे साथ आगे आ कर बैठ गया, नेहा पीछे बैठ गई।

"चलो भाई जल्दी से घर छोड़ दो, मैं किसी को भेज कर गाड़ी भी दिखवा लेता हूं।"

वो पीछे मुड़ कर, "हेलो नेहा जी, मैं समर सिंह, मनीष का दोस्त। वैसे पहले मुझे लगा कि शायद मैं गलत समय पर आ गया लिफ्ट मांगने।" ये बोल कर वो हंसने लगा।

"अरे नहीं भाई, बस साथ में काम करती हैं ये, अभी तुम्हारे जाने के बाद ही मिला इनसे, इनका घर में मेरे रास्ते में ही है तो सोचा ड्रॉप कर दूं।"

"मतलब आज जीएम साहब टैक्सी ड्राइवर बने हैं।"

ये सुन कर हम सब हंस दिए।

ऐसे ही बातें करते करते हम समर के घर के पास पहुंच गए, उसने गाड़ी अपनी सोसाइटी के बाहर ही रुकवा दी।

"नेहा जी आगे आ जाइए, वरना ये सचमुच में ड्राइवर लगेगा।"

ये बोल कर वो अपनी बिल्डिंग में चला गया। और नेहा आगे आ कर बैठ गई।

"तो सर, क्लब में आप क्या खेलते हैं?"

"स्विमिंग और बैडमिंटन, वैसे नेहा जी पहले तो हम दोनों हमउम्र हैं, तो ऑफिस के बाहर कम से कम मुझे सर मत बोलो।"

"फिर क्या बोलूं?" उसने मुझसे ही उल्टा सवाल

"जो एक दोस्त दूसरे को बोलता है। हम ऑफिस के बाहर दोस्त तो हो सकते हैं न नेहा जी?"

"बिलकुल मनीष जी।" ये बोल कर वो मुस्कुरा दी।


क्या दिलकश मुस्कान थी उसकी..

"अच्छा वैसे आप गोल्फ खेलते हैं क्या?" उसने मुझसे पूछा

"नहीं।"

"आप खेलिए, आपकी हाइट पर वो बहुत सूट करेगा आपको।"

"पर मुझे आता नहीं खेलना।"

"मैं सीखा दूंगी, बदले में आप मुझे स्विमिंग सीखा दीजिए।"

मैं उसके साथ रहना चाहते था, भला ऐसा मौका जो खुद उसने दिया कैसे हाथ से जाने देता। मैने भी हां कर दी।

ऐसे ही बातों बातों में उसका घर आ गया।

"तो कल सुबह साढ़े छः बजे गोल्फ क्लब में मैं आपका इंतजार करूंगी, आइएगा जरूर।"

ये बोल कर वो अपने घर चली गई। मैं भी अपने फ्लैट पर आ गया, आज का दिन बड़ा ही खुशगवार गया था।

सुबह नेहा से दुबारा मिलने की खुशी में मैं बहुत ही जल्दी तैयार हो कर 6 बजे ही क्लब पहुंच गया, फिर मुझे अपनी बेवकूफी का ध्यान आया और मैं क्लब से आगे गाड़ी लगा कर थोड़ा इंतजार किया और फिर समय पर वहां पहुंच गया, गाड़ी पार्क करते करते नेहा भी ऑटो से उतरती दिखी, आज भी उसने एक ट्रैक सूट पहना था ऊपर तो जैकेट थी, लेकिन स्किन फिट लेगिन में उसकी सुडौल जांघें प्रदर्शित हो रही थी। उसके हाथ में एक बैग था।

हम दोनो पीछे बने गोल्फ कोर्स में पहुंच गए, और वो मुझसे कह कर गोल्फ कोर्स की बिल्डिंग में चली गई, मैं पहले ही एक रनिंग पैजामा और पोलो टीशर्ट में था। कुछ देर बाद वो बाहर आई, उसके हाथ में एक केडी बैग था जिसमें कई तरह के गोल्फ क्लब थे। और इस समय वो वही लेगिन और ऊपर एक जिम टीशर्ट में थी, जो उसके शरीर की बनावट को पूरी तरह से दिखा रहे थे। उसे देख कर मेरा मुंह कुछ देर खुला ही रह गया। लेकिन उसके पास आने के पहले ही मैने अपने को सम्हाल लिया।

हम कोर्स के अंदर पहुंचे जहां पहले उसने मुझे अलग अलग तरह के क्लब्स (गोल्फ खेलने वाली छड़ी) के बारे में समझाया। उसे समझने से ज्यादा ध्यान मेरा नेहा पर था। फिर उसके बाद शॉट मारने के लिए क्या पोजीशन लेनी है वो भी बताया। मैने पोज ले कर शॉट लेने गया तो कई बार मेरे पास आ कर वो मेरे पोस्चर को सही कर रही थी, जिसके कारण वो मेरे शरीर के कई हिस्सों को छूती थी, और मेरे मन में सितार बज उठते थे।

कोई २ घंटे के बाद मैं कुछ सही शॉट्स लगने लगा। नेहा मेरी प्रोग्रेस से काफी खुश थी।

"वाह मनीष जी! आपने तो पहले दिन के हिसाब से अच्छा सीख लिया।"

"थैंक्यू नेहा जी, सब आपके सीखने का कमाल है।"मैने कहा, "वैसे एक बात बोलूं? जब हम ऑफिस के बाहर दोस्त बन गए हैं तो ये जी वाली फॉर्मेलिटी क्यों?"

"हां ये बात तो है, लेकिन आप भी तो मुझे जी बोलते हैं।"

"ओह अच्छा आज से सिर्फ नेहा, और मैं मनीष।"

"लेकिन ऑफिस में मनीष सीनियर और नेहा जूनियर।"

"हां ये भी ठीक है।"

इसके बाद हम लोग वापस लौट गए, मैने ही उसे उसके घर ड्रॉप किया और अपने घर आ कर ऑफिस के लिए तैयार हो कर ऑफिस चला गया। वैसे तो सर ने मुझे आज की छुट्टी दे रखी थी, लेकिन कुछ करने को था नहीं इसीलिए ऑफिस आ गया।

आज का दिन भी ऐसा ही बीता, लेकिन शाम में सर ने एक मीटिंग के लिए बुला लिया और उसके कारण आज शाम में क्लब नहीं जा पाया। लेकिन सुबह समय से उठ कर आज मैं सीधा नेहा के घर चला गया, बाहर से उसे कॉल किया और दोनो लोग गोल्फ कोर्स पहुंच गए।

कल के जैसा आज भी हमने २ घंटे तक प्रैक्टिस की। उसके बाद हम वापस आने लगे। नेहा ने कहा, "मुझे स्विमिंग कब सिखा रहे हैं?"

"क्लब में तो कोच है, उससे क्यों नहीं सीख रही तुम?"

"कुछ बेसिक उसने सिखा दी है, लेकिन जब आपके जैसा US का यूनिवर्सिटी चैंपियन है तो किसी और से क्यों सीखूं?"

"अच्छा! वैसे कितना सीखा है क्लब में?" मैने मुस्कुराते हुए पूछा?

"बिना सपोर्ट के पुल में तैर लेती हूं अब तो।"

"एक हफ्ते के हिसाब से अच्छी प्रोग्रेस है। अच्छा आज संडे है, कोई खास प्रोग्राम तो नहीं है तुम्हारा?"

"नहीं तो, वैसे भी अभी किसी को जानती भी नहीं यहां कि कोई ऐसा प्रोग्राम बनेगा।"

"तो चलो फिर आज से ही तुम्हारी क्लास शुरू करते हैं।"

ये बोल कर मैने कार को शहर से बाहर की ओर एक बीच की तरफ ले गया। ये एक अच्छा बीच था, जहां बहुत ही कम लोग आते थे, लेकिन यहां समुद्र का नजारा शानदार था, और स्विमिंग के लिए बहुत ही मुफीद जगह थी ये। ये एक पत्थरों की दिवाल के पास बना हुआ बीच था। सड़क से नीचे की ओर पत्थरों से होते हुए इस तक पहुंचा जा सकता था।

मैने कार को ऊपर सड़क के पास लगाया और उसका और अपना बैग लेकर नेहा के साथ नीचे उतरा, जैसा सोचा था, वहां अभी 4 6 लोग ही थे, हम दोनो उन लोगों से थोड़ी दूर पर जा कर अपना बैग रख दिया।

"स्विमिंग के लिए कॉस्ट्यूम तो लाई हो न?"

"हां, अभी चेंज करती हूं।" ये बोल कर वो अपने बैग से एक टॉवेल और कुछ कपड़े निकल कर एक बड़े पत्थर के पीछे चली गई। मैं भी टॉवेल ले कर एक पत्थर के पीछे जा कर अपना स्विमिंग अंडरवियर और एक वेस्ट पहन ली।

जब मैं बाहर आया तब तक नही भी आ चुकी थी। उसने जो पहना था उसे स्विमिंग कॉस्ट्यूम कहना सही नहीं होगा। उसने एक हॉट पैंट जैसा कुछ पहना था जो उसके टखने से थोड़ा ऊपर तक था, और एक स्पोर्ट्स ब्रा जो आधे पेट को ढके हुए थी। हम दोनो समुद्र में उतर गए।

"तुमने क्या सीखा वो बताओ।"

वो थोड़ा सा ब्रेस्ट स्ट्रोक पोजीशन में तैरने की कोशिश करने लगी। मैने उसके पेट पर थोड़ा सपोर्ट दे कर उसकी मदद की। डिसबैलेंस होने पर वो मुझे कस कर पकड़ लेती, कई बार हमारा पूरा शरीर एक दूसरे के संपर्क में आया। ये कुछ क्षणों का आलिंगन, छुवन मुझे एक अलग ही अहसास दिल रही थी। मेरे होशो हवास कई बार उड़ जा रहे थे। हम लोग करीब एक घंटे तक हम वहां रहे, उसके बाद थोड़ी भीड़ सी भी होने लगी, और नेहा भी थक सी गई थी, तो हम वापस आ गए। पहले मैने अपने कपड़े बदले और फिर उसको बोल कर मैं ऊपर कार को मोड़ने लगा। जब तक मैने कार को मोड़ा, तब तक नेहा भी ऊपर आ चुकी थी।

सुनहरी धूप में उसके गीले खुले बाल, और उससे चेहरे पर पड़ी हुई नमकीन पानी की बूंदों ने एक ऐसी कशिश को जगाया कि मेरी नजरें ही नहीं हट पा रही थी उसके ऊपर से। वो कब आ कर कार में बैठ गई, मुझे पता ही नहीं चला।

"ओ हेलो!!" चुटकी बजते हुए उसने मेरी तंद्रा तोड़ी।

"कहां खो गए जनाब? चलें अब बहुत भूख लग गई है।"

"ओह हां, सॉरी! ऑफिस के एक काम की याद आ गई, वही सोचने लगा था।" मैने बहाना मारते हुए कहा।

फिर हम एक रेस्टुरेंट में चले गए, वहां दोनों ने नाश्ता किया और फिर मैं उसे ड्रॉप करके अपने घर आ गया। आज बहुत थकान हो गई थी तो दिन भर तो सोते हुए ही बीता। शाम को मैं एक बार फिर क्लब चला गया। लेकिन आज वो नहीं आई थी।

अगले दिन से फिर वही रूटीन चालू हो गया। अब चूंकि अगले हफ्ते सबको निकलना था तो सब अपनी तैयारी में जुट गए। सारे टीम वाले कोई न कोई सवाल ले कर मेरे पास आते और मैं उनको उसके बारे में समझने लगता था। शनिवार को फिर से मेरी गोल्फ की ट्रेनिंग और नेहा की स्विमिंग की ट्रेनिंग हुई। शनिवार को मैं अपने केबिन में बैठा टूर की आखिरी तैयारियों में व्यस्त था, अभी टिकट्स और रिजर्वेशन की डिटेल नहीं आई थी। मैने करण से इंटरकॉम पर उसके बारे पूछा तो उसने बताया कि शाम तक सारी चीजें मिल जाएंगी। तभी मेरा केबिन का दरवाजा बजा और मैने "कम इन" बोल कर एक फाइल देखने लगा उधर से एक लड़की की हेलो की आवाज आई और मैने बेध्यानी में उसे नेहा समझ कर, "हां नेहा बोलो।"

"अरे पहले देख तो लो कौन बोल रहा है, या नेहा के सपने अभी से आने लगे जनाब?" ये शिविका थी। मैंने थोड़ा एम्बरेस हो कहा, "सॉरी शिविका, असल में मैं उसका ही का वेट कर रहा था।"

"अरे मैं तो मजाक कर रही थी यार, तुम्हारे ही डिपार्टमेंट में है, कोई बात नहीं।"

"वैसे कुछ काम था क्या?"

"वो कुछ इश्यू है प्रेजेंटेशन का, उसी के लिए मिलना था।"

"लाई, अभी तो फ्री ही हूं।"

उसने अपना इश्यू बताया और मैं उसे कुछ देर समझाया। वो क्लियर होने के बाद हम ऐसे ही बातें करने लगे।

"तो जनाब को अब मंडे से तो मजे हैं आपके?" वो फिर से मजाक के मूड में थी, और मेरी टांग खींच रही थी।

"काम करने जा रहे हैं हम शिविका।"

"अरे काम करो न, किसने मना किया है? वैसे ठंड का मौसम और sexy and hot लड़की साथ में!! है न डेडली कॉम्बिनेशन?"

"तुम जाओ यार, जब देखो टांग खींचती हो।" मैने थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए कहा।

और वो खिलखिलाती हुई चली गई।

शाम को करण ने एक एनवेलप मुझे दिया, "इसमें सारे टिकट्स और होटल बुकिंग के डिटेल हैं। सुबह 7:30 की फ्लाइट है आपकी लखनऊ की। नेहा को कंपनी की कार पिकअप कर लेगी, आप टाइम से पहुंच जाइएगा।" ये बोल कर वो चला गया।

करण मध्य प्रदेश से था, बहुत ही मेहनती और तेज दिमाग का। वो यहां कोई 5 साल से काम कर रहा था, और 2 साल पहले ही बैंकिंग डिवीजन में आया, पहले वो रियल एस्टेट देखता था।


एनवेलप बैग में रख कर मैं घर चला गया। सुबह ड्राइवर आ गया था, और 6:30 पर मैं एयरपोर्ट के लिए निकल गया, नेहा को भी कॉल करके कंफर्म कर लिया की वो भी निकल गई है या नहीं।

रास्ते में मैने एनवेलप खोल कर टिकट्स निकलीं। उसमें सबसे ऊपर लखनऊ की ही टिकट थी। बुकिंग में नाम दिखा रहा था

Mr. Manish Mittal, age 27, male
Mrs. Neha Verma, age 29, female

ये देख कर मुझे लगा कि कोई गड़बड़ है क्या? फिर मैने सारी टिकट और बुकिंग चेक की, सबमें Mrs. Neha Verma ही था।

मैने करण को कॉल किया, "जी सर, कोई दिक्कत है क्या?"

"ये नेहा का नाम गलत प्रिंट हुआ है शायद? सब जगह Mrs. नेहा वर्मा है।"


"जी सही तो है सर वो।"...
 
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Riky007

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acchi hai

Awesome update

Or fir tumhari najar samar ke peeche padhi or wahi ladki dikhi, jise dekhte hi game haar gaye :D
Badhiya update bhai :good:

Bhai kya hai ye..aise cliff hanger de dete ho... Main nahi khel raha....

Haha... Bohot hi sundar update tha.... Bhai office ki meeting aisi hi hoti hai..jis mein mostly mein so jata hu.....(boss ko mat batana bhai 🤫😝).....mujhe laga main khud hi office mein betha hua hu...

Aur is meeting ke beech ek sundar chehra dikh jana bhai sab bhul jata hai Banda sach mein..

Bohot achcha update tha... Ab dekhna hai ki ye game khelte samay Manish ke haarne ka kaaran kaun banega ya banegi..... (sshhh humein nahi pata ke wo Neha hi hogi)

Bahut hi badhiya update he Riky007 Bhai,

Badminton court me shayad ab Neha aa gayi he.............

Manish ab agle dono set harega.........

Keep posting Bro

Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update....

ओह हो लगता है हमारे हीरो मनीष बाबू को उनकी हीरोइन मिल गई है अच्छा नाम है नेहा और अब तो कंपनी की ब्रांच खोलने की तैयारी हो गई है सभी की 2 टीम में लोग रहेगी ओर मनीष के साथ नेहा रहेगी ऐसा लगता है ये टूर काफी सुहाना होने वाला है मनीष के लिए
.
बहुत हे मजेदार अपडेट दिया अपने Riky007 भाई मजा आग गया
लास्ट में लगत है मनीष बाबू को नेहा दिख गई है ऐसा लगता है मुझे

काहानिकार 45+ का है, और 70 और 80 के दशक की manmohaan देसाई की फिल्मों का शौकीन रहा है, इसी वजह से इस update को पूरा ओल्ड is gold फिल्म की कहानी की तरह परोस दिया है।

घिस घिस कर पांचवी पास लोंडा high टेक्नोलॉजी वाला फोन सुधार कर रहा है। भाई साहब मेरा spice का keypad mobile सुधरवा सकते है क्या 😁😜


IMG-20241018-214724

Tow Neha ki entry kerwa di gayi or uski qismat Kaho ya fir Manish kharab qismat yahi ladki Manish ki nayya dubwayegi
Filhal tow dono pehle Kafi masti or Maza Lene wale uske baad bagwan bhala kare
SANJU ( V. R. ) Sanju@ avsji Shetan

अपडेट पोस्टेड 🙏🏼
 

Riky007

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अब तक आपने पढ़ा -

और फिर दूसरा मैच शुरू हुआ और पहले 5 पॉइंट मैने आसानी से बनाए। फिर मेरी नजर समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर पड़ी और....

अब आगे -

समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर मुझे वही दिखाई दी, एक स्पोर्ट्स t shirt और half pant में टेनिस खेलती हुई नेहा वर्मा। मेरा ध्यान फिर एक बार भटक चुका था, बार बार मेरी नजरें उधर ही पहुंच जाती और ये मैच मैं 21-5 से बुरी तरह हार गया।

"क्यों जीएम साहब, क्या हो गया आपको?"

"कुछ नहीं।" ये बोल कर मैने एक बार फिर से अपना ध्यान अपने मैच पर लगाया और इस बार मैच 21-19 से मैने जीता।

"वाकई भाई डबल्स आपने ही जिताया था।" ये बोल कर समर ने मेरा कंधा थपथपाया। मैने मुस्कुराते हुए टेनिस कोर्ट में देखा। वो नहीं दिखी, शायद चली है थी।

फिर हम लोग बार में आ गए और समर ने दोनों के लिए ड्रिंक ऑर्डर कर दिया। हम पीते हुए बात कर रहे थे कि फिर से मेरी नजर नेहा पर पड़ी, अब वो ट्रैक सूट में थी, शायद कपड़े चेंज करने गई होगी। साथ में कोई और लड़की भी थी, जिसे मैं नहीं जानता था। वो दोनों दूसरी ओर बैठ गई, नेहा की पीठ मेरी ओर थी, और वो शायद मुझे नहीं देख पाई थी।

थोड़ी देर बाद समर ने कहा कि वो जा रहा है, मेरी ड्रिंक अभी बची थी तो मैने बोला कि बस इसे खत्म करके मैं भी निकलूंगा।

उसके जाने के कुछ समय बाद ही मुझे एक आवाज आई, "excuse me सर, what a pleasent surprice, आप यहां पर?"

ये नेहा थी। मैं उसे देख कर थोड़ा आश्चर्य में आ गया क्योंकि समर के जाने से पहले ही उन दोनो ने अपना टेबल छोड़ दिया था, और अभी नेहा अकेली ही थी। उसके पास एक बैग था जो उस समय नहीं था जब वो यहां बैठी थी।

"अरे नेहा जी, कैसी हो आप, और यहां?"

"वो सर actually मुझे टेनिस और गोल्फ का बहुत शौक है, और यहां 15 दिन पहले जब ज्वाइनिंग के लिए आई थी तो HR में किसी ने मुझे इस क्लब के बारे में बताया, अभी लास्ट विक ही ज्वाइन किया, पर आपको पहली बार देखा यहां?"

"मैं समय मिलने पर ही आता हूं यहां, आज ऑफिस से जल्दी छुट्टी मिली कई महीनों बाद तो चल आया यहां। वैसे शायद आप अभी किसी के साथ थी न?"

"अरे वो अर्चना थी, मेरी टेनिस पार्टनर, यहीं क्लब में ही मुलाकात हुई थी उससे। मैं भी वापस जा रही थी, अपना बैग ले कर लाकर रूम में जब आ रही थी तब आप पर नजर पड़ी। तो मिलने चली आई।"

"ओह अच्छा किया। वैसे आप कहां रहती हैं?"

"अशोक नगर में एक फ्लैट दिलवाया है ऑफिस से ही।"

"अच्छी जगह है वो तो, वैसे आप वापस कैसे जाएंगी?"

"कोई ऑटो देखती हूं सर।"

"अरे मैं छोड़ देता हूं, आपका फ्लैट मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता है।"

नेहा कुछ सोच कर, "ok... चलिए चलते हैं फिर।"

मेरी ड्रिंक भी लगभग खत्म ही थी, हम दोनो पार्किंग एरिया में आ गए। अपनी कार के पास हम पहुंचे ही थे कि तभी

"अरे जीएम साहब, आज लगता है आपकी सेवाएं लेनी पड़ेंगी।"

समर मेरी ओर आते हुए बोला, और नेहा को देख कर कुछ आश्चर्य में आ गया।

"क्या हुआ भाई आपकी सरकारी गाड़ी को, जो मेरी सेवाएं लेने की जरूरत पड़ गई?" मैने पूछा।

"यार स्टार्ट नहीं हो रही, पता नहीं क्यों?" उसने नेहा की ओर देखते हुए कहा, "वैसे अगर प्रॉब्लम हो तो मैं मैनेज कर लेता हूं।"

"नहीं भाई क्या प्रॉब्लम होगी। वैसे इनसे मिलो, नेहा वर्मा, मेरे कंपनी में अभी एक हफ्ते पहले ही ज्वाइन किया है, क्लब में मिल गई और घर भी इनका मेरे रास्ते में ही है तो सोचा इनको भी ड्रॉप कर दूं। आजा तुझे भी ड्रॉप कर देता हूं।"

ये बोल कर मैने कार का लॉक खोला, और समर मेरे साथ आगे आ कर बैठ गया, नेहा पीछे बैठ गई।

"चलो भाई जल्दी से घर छोड़ दो, मैं किसी को भेज कर गाड़ी भी दिखवा लेता हूं।"

वो पीछे मुड़ कर, "हेलो नेहा जी, मैं समर सिंह, मनीष का दोस्त। वैसे पहले मुझे लगा कि शायद मैं गलत समय पर आ गया लिफ्ट मांगने।" ये बोल कर वो हंसने लगा।

"अरे नहीं भाई, बस साथ में काम करती हैं ये, अभी तुम्हारे जाने के बाद ही मिला इनसे, इनका घर में मेरे रास्ते में ही है तो सोचा ड्रॉप कर दूं।"

"मतलब आज जीएम साहब टैक्सी ड्राइवर बने हैं।"

ये सुन कर हम सब हंस दिए।

ऐसे ही बातें करते करते हम समर के घर के पास पहुंच गए, उसने गाड़ी अपनी सोसाइटी के बाहर ही रुकवा दी।

"नेहा जी आगे आ जाइए, वरना ये सचमुच में ड्राइवर लगेगा।"

ये बोल कर वो अपनी बिल्डिंग में चला गया। और नेहा आगे आ कर बैठ गई।

"तो सर, क्लब में आप क्या खेलते हैं?"

"स्विमिंग और बैडमिंटन, वैसे नेहा जी पहले तो हम दोनों हमउम्र हैं, तो ऑफिस के बाहर कम से कम मुझे सर मत बोलो।"

"फिर क्या बोलूं?" उसने मुझसे ही उल्टा सवाल

"जो एक दोस्त दूसरे को बोलता है। हम ऑफिस के बाहर दोस्त तो हो सकते हैं न नेहा जी?"

"बिलकुल मनीष जी।" ये बोल कर वो मुस्कुरा दी।


क्या दिलकश मुस्कान थी उसकी..

"अच्छा वैसे आप गोल्फ खेलते हैं क्या?" उसने मुझसे पूछा

"नहीं।"

"आप खेलिए, आपकी हाइट पर वो बहुत सूट करेगा आपको।"

"पर मुझे आता नहीं खेलना।"

"मैं सीखा दूंगी, बदले में आप मुझे स्विमिंग सीखा दीजिए।"

मैं उसके साथ रहना चाहते था, भला ऐसा मौका जो खुद उसने दिया कैसे हाथ से जाने देता। मैने भी हां कर दी।

ऐसे ही बातों बातों में उसका घर आ गया।

"तो कल सुबह साढ़े छः बजे गोल्फ क्लब में मैं आपका इंतजार करूंगी, आइएगा जरूर।"

ये बोल कर वो अपने घर चली गई। मैं भी अपने फ्लैट पर आ गया, आज का दिन बड़ा ही खुशगवार गया था।

सुबह नेहा से दुबारा मिलने की खुशी में मैं बहुत ही जल्दी तैयार हो कर 6 बजे ही क्लब पहुंच गया, फिर मुझे अपनी बेवकूफी का ध्यान आया और मैं क्लब से आगे गाड़ी लगा कर थोड़ा इंतजार किया और फिर समय पर वहां पहुंच गया, गाड़ी पार्क करते करते नेहा भी ऑटो से उतरती दिखी, आज भी उसने एक ट्रैक सूट पहना था ऊपर तो जैकेट थी, लेकिन स्किन फिट लेगिन में उसकी सुडौल जांघें प्रदर्शित हो रही थी। उसके हाथ में एक बैग था।

हम दोनो पीछे बने गोल्फ कोर्स में पहुंच गए, और वो मुझसे कह कर गोल्फ कोर्स की बिल्डिंग में चली गई, मैं पहले ही एक रनिंग पैजामा और पोलो टीशर्ट में था। कुछ देर बाद वो बाहर आई, उसके हाथ में एक केडी बैग था जिसमें कई तरह के गोल्फ क्लब थे। और इस समय वो वही लेगिन और ऊपर एक जिम टीशर्ट में थी, जो उसके शरीर की बनावट को पूरी तरह से दिखा रहे थे। उसे देख कर मेरा मुंह कुछ देर खुला ही रह गया। लेकिन उसके पास आने के पहले ही मैने अपने को सम्हाल लिया।

हम कोर्स के अंदर पहुंचे जहां पहले उसने मुझे अलग अलग तरह के क्लब्स (गोल्फ खेलने वाली छड़ी) के बारे में समझाया। उसे समझने से ज्यादा ध्यान मेरा नेहा पर था। फिर उसके बाद शॉट मारने के लिए क्या पोजीशन लेनी है वो भी बताया। मैने पोज ले कर शॉट लेने गया तो कई बार मेरे पास आ कर वो मेरे पोस्चर को सही कर रही थी, जिसके कारण वो मेरे शरीर के कई हिस्सों को छूती थी, और मेरे मन में सितार बज उठते थे।

कोई २ घंटे के बाद मैं कुछ सही शॉट्स लगने लगा। नेहा मेरी प्रोग्रेस से काफी खुश थी।

"वाह मनीष जी! आपने तो पहले दिन के हिसाब से अच्छा सीख लिया।"

"थैंक्यू नेहा जी, सब आपके सीखने का कमाल है।"मैने कहा, "वैसे एक बात बोलूं? जब हम ऑफिस के बाहर दोस्त बन गए हैं तो ये जी वाली फॉर्मेलिटी क्यों?"

"हां ये बात तो है, लेकिन आप भी तो मुझे जी बोलते हैं।"

"ओह अच्छा आज से सिर्फ नेहा, और मैं मनीष।"

"लेकिन ऑफिस में मनीष सीनियर और नेहा जूनियर।"

"हां ये भी ठीक है।"

इसके बाद हम लोग वापस लौट गए, मैने ही उसे उसके घर ड्रॉप किया और अपने घर आ कर ऑफिस के लिए तैयार हो कर ऑफिस चला गया। वैसे तो सर ने मुझे आज की छुट्टी दे रखी थी, लेकिन कुछ करने को था नहीं इसीलिए ऑफिस आ गया।

आज का दिन भी ऐसा ही बीता, लेकिन शाम में सर ने एक मीटिंग के लिए बुला लिया और उसके कारण आज शाम में क्लब नहीं जा पाया। लेकिन सुबह समय से उठ कर आज मैं सीधा नेहा के घर चला गया, बाहर से उसे कॉल किया और दोनो लोग गोल्फ कोर्स पहुंच गए।

कल के जैसा आज भी हमने २ घंटे तक प्रैक्टिस की। उसके बाद हम वापस आने लगे। नेहा ने कहा, "मुझे स्विमिंग कब सिखा रहे हैं?"

"क्लब में तो कोच है, उससे क्यों नहीं सीख रही तुम?"

"कुछ बेसिक उसने सिखा दी है, लेकिन जब आपके जैसा US का यूनिवर्सिटी चैंपियन है तो किसी और से क्यों सीखूं?"

"अच्छा! वैसे कितना सीखा है क्लब में?" मैने मुस्कुराते हुए पूछा?

"बिना सपोर्ट के पुल में तैर लेती हूं अब तो।"

"एक हफ्ते के हिसाब से अच्छी प्रोग्रेस है। अच्छा आज संडे है, कोई खास प्रोग्राम तो नहीं है तुम्हारा?"

"नहीं तो, वैसे भी अभी किसी को जानती भी नहीं यहां कि कोई ऐसा प्रोग्राम बनेगा।"

"तो चलो फिर आज से ही तुम्हारी क्लास शुरू करते हैं।"

ये बोल कर मैने कार को शहर से बाहर की ओर एक बीच की तरफ ले गया। ये एक अच्छा बीच था, जहां बहुत ही कम लोग आते थे, लेकिन यहां समुद्र का नजारा शानदार था, और स्विमिंग के लिए बहुत ही मुफीद जगह थी ये। ये एक पत्थरों की दिवाल के पास बना हुआ बीच था। सड़क से नीचे की ओर पत्थरों से होते हुए इस तक पहुंचा जा सकता था।

मैने कार को ऊपर सड़क के पास लगाया और उसका और अपना बैग लेकर नेहा के साथ नीचे उतरा, जैसा सोचा था, वहां अभी 4 6 लोग ही थे, हम दोनो उन लोगों से थोड़ी दूर पर जा कर अपना बैग रख दिया।

"स्विमिंग के लिए कॉस्ट्यूम तो लाई हो न?"

"हां, अभी चेंज करती हूं।" ये बोल कर वो अपने बैग से एक टॉवेल और कुछ कपड़े निकल कर एक बड़े पत्थर के पीछे चली गई। मैं भी टॉवेल ले कर एक पत्थर के पीछे जा कर अपना स्विमिंग अंडरवियर और एक वेस्ट पहन ली।

जब मैं बाहर आया तब तक नही भी आ चुकी थी। उसने जो पहना था उसे स्विमिंग कॉस्ट्यूम कहना सही नहीं होगा। उसने एक हॉट पैंट जैसा कुछ पहना था जो उसके टखने से थोड़ा ऊपर तक था, और एक स्पोर्ट्स ब्रा जो आधे पेट को ढके हुए थी। हम दोनो समुद्र में उतर गए।

"तुमने क्या सीखा वो बताओ।"

वो थोड़ा सा ब्रेस्ट स्ट्रोक पोजीशन में तैरने की कोशिश करने लगी। मैने उसके पेट पर थोड़ा सपोर्ट दे कर उसकी मदद की। डिसबैलेंस होने पर वो मुझे कस कर पकड़ लेती, कई बार हमारा पूरा शरीर एक दूसरे के संपर्क में आया। ये कुछ क्षणों का आलिंगन, छुवन मुझे एक अलग ही अहसास दिल रही थी। मेरे होशो हवास कई बार उड़ जा रहे थे। हम लोग करीब एक घंटे तक हम वहां रहे, उसके बाद थोड़ी भीड़ सी भी होने लगी, और नेहा भी थक सी गई थी, तो हम वापस आ गए। पहले मैने अपने कपड़े बदले और फिर उसको बोल कर मैं ऊपर कार को मोड़ने लगा। जब तक मैने कार को मोड़ा, तब तक नेहा भी ऊपर आ चुकी थी।

सुनहरी धूप में उसके गीले खुले बाल, और उससे चेहरे पर पड़ी हुई नमकीन पानी की बूंदों ने एक ऐसी कशिश को जगाया कि मेरी नजरें ही नहीं हट पा रही थी उसके ऊपर से। वो कब आ कर कार में बैठ गई, मुझे पता ही नहीं चला।

"ओ हेलो!!" चुटकी बजते हुए उसने मेरी तंद्रा तोड़ी।

"कहां खो गए जनाब? चलें अब बहुत भूख लग गई है।"

"ओह हां, सॉरी! ऑफिस के एक काम की याद आ गई, वही सोचने लगा था।" मैने बहाना मारते हुए कहा।

फिर हम एक रेस्टुरेंट में चले गए, वहां दोनों ने नाश्ता किया और फिर मैं उसे ड्रॉप करके अपने घर आ गया। आज बहुत थकान हो गई थी तो दिन भर तो सोते हुए ही बीता। शाम को मैं एक बार फिर क्लब चला गया। लेकिन आज वो नहीं आई थी।

अगले दिन से फिर वही रूटीन चालू हो गया। अब चूंकि अगले हफ्ते सबको निकलना था तो सब अपनी तैयारी में जुट गए। सारे टीम वाले कोई न कोई सवाल ले कर मेरे पास आते और मैं उनको उसके बारे में समझने लगता था। शनिवार को फिर से मेरी गोल्फ की ट्रेनिंग और नेहा की स्विमिंग की ट्रेनिंग हुई। शनिवार को मैं अपने केबिन में बैठा टूर की आखिरी तैयारियों में व्यस्त था, अभी टिकट्स और रिजर्वेशन की डिटेल नहीं आई थी। मैने करण से इंटरकॉम पर उसके बारे पूछा तो उसने बताया कि शाम तक सारी चीजें मिल जाएंगी। तभी मेरा केबिन का दरवाजा बजा और मैने "कम इन" बोल कर एक फाइल देखने लगा उधर से एक लड़की की हेलो की आवाज आई और मैने बेध्यानी में उसे नेहा समझ कर, "हां नेहा बोलो।"

"अरे पहले देख तो लो कौन बोल रहा है, या नेहा के सपने अभी से आने लगे जनाब?" ये शिविका थी। मैंने थोड़ा एम्बरेस हो कहा, "सॉरी शिविका, असल में मैं उसका ही का वेट कर रहा था।"

"अरे मैं तो मजाक कर रही थी यार, तुम्हारे ही डिपार्टमेंट में है, कोई बात नहीं।"

"वैसे कुछ काम था क्या?"

"वो कुछ इश्यू है प्रेजेंटेशन का, उसी के लिए मिलना था।"

"लाई, अभी तो फ्री ही हूं।"

उसने अपना इश्यू बताया और मैं उसे कुछ देर समझाया। वो क्लियर होने के बाद हम ऐसे ही बातें करने लगे।

"तो जनाब को अब मंडे से तो मजे हैं आपके?" वो फिर से मजाक के मूड में थी, और मेरी टांग खींच रही थी।

"काम करने जा रहे हैं हम शिविका।"

"अरे काम करो न, किसने मना किया है? वैसे ठंड का मौसम और sexy and hot लड़की साथ में!! है न डेडली कॉम्बिनेशन?"

"तुम जाओ यार, जब देखो टांग खींचती हो।" मैने थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए कहा।

और वो खिलखिलाती हुई चली गई।

शाम को करण ने एक एनवेलप मुझे दिया, "इसमें सारे टिकट्स और होटल बुकिंग के डिटेल हैं। सुबह 7:30 की फ्लाइट है आपकी लखनऊ की। नेहा को कंपनी की कार पिकअप कर लेगी, आप टाइम से पहुंच जाइएगा।" ये बोल कर वो चला गया।

करण मध्य प्रदेश से था, बहुत ही मेहनती और तेज दिमाग का। वो यहां कोई 5 साल से काम कर रहा था, और 2 साल पहले ही बैंकिंग डिवीजन में आया, पहले वो रियल एस्टेट देखता था।


एनवेलप बैग में रख कर मैं घर चला गया। सुबह ड्राइवर आ गया था, और 6:30 पर मैं एयरपोर्ट के लिए निकल गया, नेहा को भी कॉल करके कंफर्म कर लिया की वो भी निकल गई है या नहीं।

रास्ते में मैने एनवेलप खोल कर टिकट्स निकलीं। उसमें सबसे ऊपर लखनऊ की ही टिकट थी। बुकिंग में नाम दिखा रहा था

Mr. Manish Mittal, age 27, male
Mrs. Neha Verma, age 29, female

ये देख कर मुझे लगा कि कोई गड़बड़ है क्या? फिर मैने सारी टिकट और बुकिंग चेक की, सबमें Mrs. Neha Verma ही था।

मैने करण को कॉल किया, "जी सर, कोई दिक्कत है क्या?"

"ये नेहा का नाम गलत प्रिंट हुआ है शायद? सब जगह Mrs. नेहा वर्मा है।"


"जी सही तो है सर वो।"...
Whoaaaa Riky007 bhai... Gazab ka scene....
Waah wo Neha hi nikli jo club mein Manish ko dikhi
Yhaan Neha aur Manish ka mast tuning chal rahi hai..
Koi golf sikha raha hai to koi swimming
Aur Manish ke to Dil mein guitar hi bajne lagte hain Neha ko touch krte hi

Aur yahaan ye episode fir se ek suspense par khatam hua.. ke Neha Mrs hai ya Miss...

Iska parda shayad agle episode mein uthe...

Keep writing bhai
 
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मनीष साहब अपने न्यू कलिग ' नेहा ' के तौबा शिकन हुस्न पर हद से कहीं अधिक फिदा तो हो गए लेकिन उसके आधार कार्ड पर उसका मैरिटल स्टेटस देखकर हैरान और परेशान भी हुए ।
वैसे इश्क पर जोर नही ! दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाए !
खैर , लखनऊ का ट्रीप ही बतायेगा कि इस युगल की केमिस्ट्री बन पाती है या नही !

शिविका मैडम खुले ख्यालात की एक बोल्ड युवती है जो शायद मनीष साहब की कदरदान भी है । देखते है यह आधुनिक युग की लड़की आगे चलकर क्या गुल खिलाती है !

बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी इस कहानी से एक ख्यालात उभर कर आ रही है कि कहीं इनके बायोमेट्रिक हाई टैक टेक्नोलॉजीज से लैस बैंक मे राॅबरी तो नही होने वाली है !

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Whoaaaa Riky007 bhai... Gazab ka scene....
Waah wo Neha hi nikli jo club mein Manish ko dikhi
Yhaan Neha aur Manish ka mast tuning chal rahi hai..
Koi golf sikha raha hai to koi swimming
Aur Manish ke to Dil mein guitar hi bajne lagte hain Neha ko touch krte hi

Aur yahaan ye episode fir se ek suspense par khatam hua.. ke Neha Mrs hai ya Miss...

Iska parda shayad agle episode mein uthe...

Keep writing bhai
Thanks भाई जी

नेहा क्या है ये तो क्लियर ही है कि वो मिसेज ही है, बस अब इसका क्या असर होना है मनीष पर वो ज्यादा देखने वाली बात होगी।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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मनीष साहब अपने न्यू कलिग ' नेहा ' के तौबा शिकन हुस्न पर हद से कहीं अधिक फिदा तो हो गए लेकिन उसके आधार कार्ड पर उसका मैरिटल स्टेटस देखकर हैरान और परेशान भी हुए ।
वैसे इश्क पर जोर नही ! दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाए !
खैर , लखनऊ का ट्रीप ही बतायेगा कि इस युगल की केमिस्ट्री बन पाती है या नही !

बिलकुल इसी ट्रिप में ही सब क्लियर होगा।
शिविका मैडम खुले ख्यालात की एक बोल्ड युवती है जो शायद मनीष साहब की कदरदान भी है । देखते है यह आधुनिक युग की लड़की आगे चलकर क्या गुल खिलाती है !
वो सबके साथ ऐसी बोल्ड तो नहीं है शायद।
बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी इस कहानी से एक ख्यालात उभर कर आ रही है कि कहीं इनके बायोमेट्रिक हाई टैक टेक्नोलॉजीज से लैस बैंक मे राॅबरी तो नही होने वाली है !
देखिए बैंक की रॉबरी होती है या और कुछ बड़ा प्लान होगा।
खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
थैंक्स संजू भैया 🙏🏼
 

Rekha rani

Well-Known Member
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# अपडेट ५

अब तक आपने पढ़ा -

और फिर दूसरा मैच शुरू हुआ और पहले 5 पॉइंट मैने आसानी से बनाए। फिर मेरी नजर समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर पड़ी और....

अब आगे -

समर के पीछे टेनिस कोर्ट पर मुझे वही दिखाई दी, एक स्पोर्ट्स t shirt और half pant में टेनिस खेलती हुई नेहा वर्मा। मेरा ध्यान फिर एक बार भटक चुका था, बार बार मेरी नजरें उधर ही पहुंच जाती और ये मैच मैं 21-5 से बुरी तरह हार गया।

"क्यों जीएम साहब, क्या हो गया आपको?"

"कुछ नहीं।" ये बोल कर मैने एक बार फिर से अपना ध्यान अपने मैच पर लगाया और इस बार मैच 21-19 से मैने जीता।

"वाकई भाई डबल्स आपने ही जिताया था।" ये बोल कर समर ने मेरा कंधा थपथपाया। मैने मुस्कुराते हुए टेनिस कोर्ट में देखा। वो नहीं दिखी, शायद चली है थी।

फिर हम लोग बार में आ गए और समर ने दोनों के लिए ड्रिंक ऑर्डर कर दिया। हम पीते हुए बात कर रहे थे कि फिर से मेरी नजर नेहा पर पड़ी, अब वो ट्रैक सूट में थी, शायद कपड़े चेंज करने गई होगी। साथ में कोई और लड़की भी थी, जिसे मैं नहीं जानता था। वो दोनों दूसरी ओर बैठ गई, नेहा की पीठ मेरी ओर थी, और वो शायद मुझे नहीं देख पाई थी।

थोड़ी देर बाद समर ने कहा कि वो जा रहा है, मेरी ड्रिंक अभी बची थी तो मैने बोला कि बस इसे खत्म करके मैं भी निकलूंगा।

उसके जाने के कुछ समय बाद ही मुझे एक आवाज आई, "excuse me सर, what a pleasent surprice, आप यहां पर?"

ये नेहा थी। मैं उसे देख कर थोड़ा आश्चर्य में आ गया क्योंकि समर के जाने से पहले ही उन दोनो ने अपना टेबल छोड़ दिया था, और अभी नेहा अकेली ही थी। उसके पास एक बैग था जो उस समय नहीं था जब वो यहां बैठी थी।

"अरे नेहा जी, कैसी हो आप, और यहां?"

"वो सर actually मुझे टेनिस और गोल्फ का बहुत शौक है, और यहां 15 दिन पहले जब ज्वाइनिंग के लिए आई थी तो HR में किसी ने मुझे इस क्लब के बारे में बताया, अभी लास्ट विक ही ज्वाइन किया, पर आपको पहली बार देखा यहां?"

"मैं समय मिलने पर ही आता हूं यहां, आज ऑफिस से जल्दी छुट्टी मिली कई महीनों बाद तो चल आया यहां। वैसे शायद आप अभी किसी के साथ थी न?"

"अरे वो अर्चना थी, मेरी टेनिस पार्टनर, यहीं क्लब में ही मुलाकात हुई थी उससे। मैं भी वापस जा रही थी, अपना बैग ले कर लाकर रूम में जब आ रही थी तब आप पर नजर पड़ी। तो मिलने चली आई।"

"ओह अच्छा किया। वैसे आप कहां रहती हैं?"

"अशोक नगर में एक फ्लैट दिलवाया है ऑफिस से ही।"

"अच्छी जगह है वो तो, वैसे आप वापस कैसे जाएंगी?"

"कोई ऑटो देखती हूं सर।"

"अरे मैं छोड़ देता हूं, आपका फ्लैट मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता है।"

नेहा कुछ सोच कर, "ok... चलिए चलते हैं फिर।"

मेरी ड्रिंक भी लगभग खत्म ही थी, हम दोनो पार्किंग एरिया में आ गए। अपनी कार के पास हम पहुंचे ही थे कि तभी

"अरे जीएम साहब, आज लगता है आपकी सेवाएं लेनी पड़ेंगी।"

समर मेरी ओर आते हुए बोला, और नेहा को देख कर कुछ आश्चर्य में आ गया।

"क्या हुआ भाई आपकी सरकारी गाड़ी को, जो मेरी सेवाएं लेने की जरूरत पड़ गई?" मैने पूछा।

"यार स्टार्ट नहीं हो रही, पता नहीं क्यों?" उसने नेहा की ओर देखते हुए कहा, "वैसे अगर प्रॉब्लम हो तो मैं मैनेज कर लेता हूं।"

"नहीं भाई क्या प्रॉब्लम होगी। वैसे इनसे मिलो, नेहा वर्मा, मेरे कंपनी में अभी एक हफ्ते पहले ही ज्वाइन किया है, क्लब में मिल गई और घर भी इनका मेरे रास्ते में ही है तो सोचा इनको भी ड्रॉप कर दूं। आजा तुझे भी ड्रॉप कर देता हूं।"

ये बोल कर मैने कार का लॉक खोला, और समर मेरे साथ आगे आ कर बैठ गया, नेहा पीछे बैठ गई।

"चलो भाई जल्दी से घर छोड़ दो, मैं किसी को भेज कर गाड़ी भी दिखवा लेता हूं।"

वो पीछे मुड़ कर, "हेलो नेहा जी, मैं समर सिंह, मनीष का दोस्त। वैसे पहले मुझे लगा कि शायद मैं गलत समय पर आ गया लिफ्ट मांगने।" ये बोल कर वो हंसने लगा।

"अरे नहीं भाई, बस साथ में काम करती हैं ये, अभी तुम्हारे जाने के बाद ही मिला इनसे, इनका घर में मेरे रास्ते में ही है तो सोचा ड्रॉप कर दूं।"

"मतलब आज जीएम साहब टैक्सी ड्राइवर बने हैं।"

ये सुन कर हम सब हंस दिए।

ऐसे ही बातें करते करते हम समर के घर के पास पहुंच गए, उसने गाड़ी अपनी सोसाइटी के बाहर ही रुकवा दी।

"नेहा जी आगे आ जाइए, वरना ये सचमुच में ड्राइवर लगेगा।"

ये बोल कर वो अपनी बिल्डिंग में चला गया। और नेहा आगे आ कर बैठ गई।

"तो सर, क्लब में आप क्या खेलते हैं?"

"स्विमिंग और बैडमिंटन, वैसे नेहा जी पहले तो हम दोनों हमउम्र हैं, तो ऑफिस के बाहर कम से कम मुझे सर मत बोलो।"

"फिर क्या बोलूं?" उसने मुझसे ही उल्टा सवाल

"जो एक दोस्त दूसरे को बोलता है। हम ऑफिस के बाहर दोस्त तो हो सकते हैं न नेहा जी?"

"बिलकुल मनीष जी।" ये बोल कर वो मुस्कुरा दी।


क्या दिलकश मुस्कान थी उसकी..

"अच्छा वैसे आप गोल्फ खेलते हैं क्या?" उसने मुझसे पूछा

"नहीं।"

"आप खेलिए, आपकी हाइट पर वो बहुत सूट करेगा आपको।"

"पर मुझे आता नहीं खेलना।"

"मैं सीखा दूंगी, बदले में आप मुझे स्विमिंग सीखा दीजिए।"

मैं उसके साथ रहना चाहते था, भला ऐसा मौका जो खुद उसने दिया कैसे हाथ से जाने देता। मैने भी हां कर दी।

ऐसे ही बातों बातों में उसका घर आ गया।

"तो कल सुबह साढ़े छः बजे गोल्फ क्लब में मैं आपका इंतजार करूंगी, आइएगा जरूर।"

ये बोल कर वो अपने घर चली गई। मैं भी अपने फ्लैट पर आ गया, आज का दिन बड़ा ही खुशगवार गया था।

सुबह नेहा से दुबारा मिलने की खुशी में मैं बहुत ही जल्दी तैयार हो कर 6 बजे ही क्लब पहुंच गया, फिर मुझे अपनी बेवकूफी का ध्यान आया और मैं क्लब से आगे गाड़ी लगा कर थोड़ा इंतजार किया और फिर समय पर वहां पहुंच गया, गाड़ी पार्क करते करते नेहा भी ऑटो से उतरती दिखी, आज भी उसने एक ट्रैक सूट पहना था ऊपर तो जैकेट थी, लेकिन स्किन फिट लेगिन में उसकी सुडौल जांघें प्रदर्शित हो रही थी। उसके हाथ में एक बैग था।

हम दोनो पीछे बने गोल्फ कोर्स में पहुंच गए, और वो मुझसे कह कर गोल्फ कोर्स की बिल्डिंग में चली गई, मैं पहले ही एक रनिंग पैजामा और पोलो टीशर्ट में था। कुछ देर बाद वो बाहर आई, उसके हाथ में एक केडी बैग था जिसमें कई तरह के गोल्फ क्लब थे। और इस समय वो वही लेगिन और ऊपर एक जिम टीशर्ट में थी, जो उसके शरीर की बनावट को पूरी तरह से दिखा रहे थे। उसे देख कर मेरा मुंह कुछ देर खुला ही रह गया। लेकिन उसके पास आने के पहले ही मैने अपने को सम्हाल लिया।

हम कोर्स के अंदर पहुंचे जहां पहले उसने मुझे अलग अलग तरह के क्लब्स (गोल्फ खेलने वाली छड़ी) के बारे में समझाया। उसे समझने से ज्यादा ध्यान मेरा नेहा पर था। फिर उसके बाद शॉट मारने के लिए क्या पोजीशन लेनी है वो भी बताया। मैने पोज ले कर शॉट लेने गया तो कई बार मेरे पास आ कर वो मेरे पोस्चर को सही कर रही थी, जिसके कारण वो मेरे शरीर के कई हिस्सों को छूती थी, और मेरे मन में सितार बज उठते थे।

कोई २ घंटे के बाद मैं कुछ सही शॉट्स लगने लगा। नेहा मेरी प्रोग्रेस से काफी खुश थी।

"वाह मनीष जी! आपने तो पहले दिन के हिसाब से अच्छा सीख लिया।"

"थैंक्यू नेहा जी, सब आपके सीखने का कमाल है।"मैने कहा, "वैसे एक बात बोलूं? जब हम ऑफिस के बाहर दोस्त बन गए हैं तो ये जी वाली फॉर्मेलिटी क्यों?"

"हां ये बात तो है, लेकिन आप भी तो मुझे जी बोलते हैं।"

"ओह अच्छा आज से सिर्फ नेहा, और मैं मनीष।"

"लेकिन ऑफिस में मनीष सीनियर और नेहा जूनियर।"

"हां ये भी ठीक है।"

इसके बाद हम लोग वापस लौट गए, मैने ही उसे उसके घर ड्रॉप किया और अपने घर आ कर ऑफिस के लिए तैयार हो कर ऑफिस चला गया। वैसे तो सर ने मुझे आज की छुट्टी दे रखी थी, लेकिन कुछ करने को था नहीं इसीलिए ऑफिस आ गया।

आज का दिन भी ऐसा ही बीता, लेकिन शाम में सर ने एक मीटिंग के लिए बुला लिया और उसके कारण आज शाम में क्लब नहीं जा पाया। लेकिन सुबह समय से उठ कर आज मैं सीधा नेहा के घर चला गया, बाहर से उसे कॉल किया और दोनो लोग गोल्फ कोर्स पहुंच गए।

कल के जैसा आज भी हमने २ घंटे तक प्रैक्टिस की। उसके बाद हम वापस आने लगे। नेहा ने कहा, "मुझे स्विमिंग कब सिखा रहे हैं?"

"क्लब में तो कोच है, उससे क्यों नहीं सीख रही तुम?"

"कुछ बेसिक उसने सिखा दी है, लेकिन जब आपके जैसा US का यूनिवर्सिटी चैंपियन है तो किसी और से क्यों सीखूं?"

"अच्छा! वैसे कितना सीखा है क्लब में?" मैने मुस्कुराते हुए पूछा?

"बिना सपोर्ट के पुल में तैर लेती हूं अब तो।"

"एक हफ्ते के हिसाब से अच्छी प्रोग्रेस है। अच्छा आज संडे है, कोई खास प्रोग्राम तो नहीं है तुम्हारा?"

"नहीं तो, वैसे भी अभी किसी को जानती भी नहीं यहां कि कोई ऐसा प्रोग्राम बनेगा।"

"तो चलो फिर आज से ही तुम्हारी क्लास शुरू करते हैं।"

ये बोल कर मैने कार को शहर से बाहर की ओर एक बीच की तरफ ले गया। ये एक अच्छा बीच था, जहां बहुत ही कम लोग आते थे, लेकिन यहां समुद्र का नजारा शानदार था, और स्विमिंग के लिए बहुत ही मुफीद जगह थी ये। ये एक पत्थरों की दिवाल के पास बना हुआ बीच था। सड़क से नीचे की ओर पत्थरों से होते हुए इस तक पहुंचा जा सकता था।

मैने कार को ऊपर सड़क के पास लगाया और उसका और अपना बैग लेकर नेहा के साथ नीचे उतरा, जैसा सोचा था, वहां अभी 4 6 लोग ही थे, हम दोनो उन लोगों से थोड़ी दूर पर जा कर अपना बैग रख दिया।

"स्विमिंग के लिए कॉस्ट्यूम तो लाई हो न?"

"हां, अभी चेंज करती हूं।" ये बोल कर वो अपने बैग से एक टॉवेल और कुछ कपड़े निकल कर एक बड़े पत्थर के पीछे चली गई। मैं भी टॉवेल ले कर एक पत्थर के पीछे जा कर अपना स्विमिंग अंडरवियर और एक वेस्ट पहन ली।

जब मैं बाहर आया तब तक नही भी आ चुकी थी। उसने जो पहना था उसे स्विमिंग कॉस्ट्यूम कहना सही नहीं होगा। उसने एक हॉट पैंट जैसा कुछ पहना था जो उसके टखने से थोड़ा ऊपर तक था, और एक स्पोर्ट्स ब्रा जो आधे पेट को ढके हुए थी। हम दोनो समुद्र में उतर गए।

"तुमने क्या सीखा वो बताओ।"

वो थोड़ा सा ब्रेस्ट स्ट्रोक पोजीशन में तैरने की कोशिश करने लगी। मैने उसके पेट पर थोड़ा सपोर्ट दे कर उसकी मदद की। डिसबैलेंस होने पर वो मुझे कस कर पकड़ लेती, कई बार हमारा पूरा शरीर एक दूसरे के संपर्क में आया। ये कुछ क्षणों का आलिंगन, छुवन मुझे एक अलग ही अहसास दिल रही थी। मेरे होशो हवास कई बार उड़ जा रहे थे। हम लोग करीब एक घंटे तक हम वहां रहे, उसके बाद थोड़ी भीड़ सी भी होने लगी, और नेहा भी थक सी गई थी, तो हम वापस आ गए। पहले मैने अपने कपड़े बदले और फिर उसको बोल कर मैं ऊपर कार को मोड़ने लगा। जब तक मैने कार को मोड़ा, तब तक नेहा भी ऊपर आ चुकी थी।

सुनहरी धूप में उसके गीले खुले बाल, और उससे चेहरे पर पड़ी हुई नमकीन पानी की बूंदों ने एक ऐसी कशिश को जगाया कि मेरी नजरें ही नहीं हट पा रही थी उसके ऊपर से। वो कब आ कर कार में बैठ गई, मुझे पता ही नहीं चला।

"ओ हेलो!!" चुटकी बजते हुए उसने मेरी तंद्रा तोड़ी।

"कहां खो गए जनाब? चलें अब बहुत भूख लग गई है।"

"ओह हां, सॉरी! ऑफिस के एक काम की याद आ गई, वही सोचने लगा था।" मैने बहाना मारते हुए कहा।

फिर हम एक रेस्टुरेंट में चले गए, वहां दोनों ने नाश्ता किया और फिर मैं उसे ड्रॉप करके अपने घर आ गया। आज बहुत थकान हो गई थी तो दिन भर तो सोते हुए ही बीता। शाम को मैं एक बार फिर क्लब चला गया। लेकिन आज वो नहीं आई थी।

अगले दिन से फिर वही रूटीन चालू हो गया। अब चूंकि अगले हफ्ते सबको निकलना था तो सब अपनी तैयारी में जुट गए। सारे टीम वाले कोई न कोई सवाल ले कर मेरे पास आते और मैं उनको उसके बारे में समझने लगता था। शनिवार को फिर से मेरी गोल्फ की ट्रेनिंग और नेहा की स्विमिंग की ट्रेनिंग हुई। शनिवार को मैं अपने केबिन में बैठा टूर की आखिरी तैयारियों में व्यस्त था, अभी टिकट्स और रिजर्वेशन की डिटेल नहीं आई थी। मैने करण से इंटरकॉम पर उसके बारे पूछा तो उसने बताया कि शाम तक सारी चीजें मिल जाएंगी। तभी मेरा केबिन का दरवाजा बजा और मैने "कम इन" बोल कर एक फाइल देखने लगा उधर से एक लड़की की हेलो की आवाज आई और मैने बेध्यानी में उसे नेहा समझ कर, "हां नेहा बोलो।"

"अरे पहले देख तो लो कौन बोल रहा है, या नेहा के सपने अभी से आने लगे जनाब?" ये शिविका थी। मैंने थोड़ा एम्बरेस हो कहा, "सॉरी शिविका, असल में मैं उसका ही का वेट कर रहा था।"

"अरे मैं तो मजाक कर रही थी यार, तुम्हारे ही डिपार्टमेंट में है, कोई बात नहीं।"

"वैसे कुछ काम था क्या?"

"वो कुछ इश्यू है प्रेजेंटेशन का, उसी के लिए मिलना था।"

"लाई, अभी तो फ्री ही हूं।"

उसने अपना इश्यू बताया और मैं उसे कुछ देर समझाया। वो क्लियर होने के बाद हम ऐसे ही बातें करने लगे।

"तो जनाब को अब मंडे से तो मजे हैं आपके?" वो फिर से मजाक के मूड में थी, और मेरी टांग खींच रही थी।

"काम करने जा रहे हैं हम शिविका।"

"अरे काम करो न, किसने मना किया है? वैसे ठंड का मौसम और sexy and hot लड़की साथ में!! है न डेडली कॉम्बिनेशन?"

"तुम जाओ यार, जब देखो टांग खींचती हो।" मैने थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए कहा।

और वो खिलखिलाती हुई चली गई।

शाम को करण ने एक एनवेलप मुझे दिया, "इसमें सारे टिकट्स और होटल बुकिंग के डिटेल हैं। सुबह 7:30 की फ्लाइट है आपकी लखनऊ की। नेहा को कंपनी की कार पिकअप कर लेगी, आप टाइम से पहुंच जाइएगा।" ये बोल कर वो चला गया।

करण मध्य प्रदेश से था, बहुत ही मेहनती और तेज दिमाग का। वो यहां कोई 5 साल से काम कर रहा था, और 2 साल पहले ही बैंकिंग डिवीजन में आया, पहले वो रियल एस्टेट देखता था।


एनवेलप बैग में रख कर मैं घर चला गया। सुबह ड्राइवर आ गया था, और 6:30 पर मैं एयरपोर्ट के लिए निकल गया, नेहा को भी कॉल करके कंफर्म कर लिया की वो भी निकल गई है या नहीं।

रास्ते में मैने एनवेलप खोल कर टिकट्स निकलीं। उसमें सबसे ऊपर लखनऊ की ही टिकट थी। बुकिंग में नाम दिखा रहा था

Mr. Manish Mittal, age 27, male
Mrs. Neha Verma, age 29, female

ये देख कर मुझे लगा कि कोई गड़बड़ है क्या? फिर मैने सारी टिकट और बुकिंग चेक की, सबमें Mrs. Neha Verma ही था।

मैने करण को कॉल किया, "जी सर, कोई दिक्कत है क्या?"

"ये नेहा का नाम गलत प्रिंट हुआ है शायद? सब जगह Mrs. नेहा वर्मा है।"


"जी सही तो है सर वो।"...
Awesome update
Neha जितनीतेजी से मनीष के साथ घनिष्ठता बढ़ा गई उससे लगने लगा है शतरंज की चाल शुरू हो गई है
 
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