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Adultery बुरी फसी लक्ष्मी आंटी (Completed)

Lefty69

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Sorry friends for a counting mistake!
Score card is
लक्ष्मी आंटी----- मुंह-----चूत------ गांड
विक्की--------------4-------6---------3
सन्नी-----------------4-------6---------3
I didn't count the blowjob during phone call.
Editing posts soon.
 
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Lefty69

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विक्की

लक्ष्मी आंटी हमें ऐस चूम रही थी जैसे हम किसी भी पल गायब हो जाएं।

लक्ष्मी आंटी “आप बहुत बुरे हो बाबू, आप दोनों ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी। जरा सोचा भी नही की जवान औरत को जवानी का मज़ा दिखा कर उसका क्या हाल करोगे?”

“मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझा लक्ष्मी आंटी। तुम्हें मज़ा आया और ये गलत बात है?”

लक्ष्मी आंटी “हां, बिलकुल गलत बात है। कभी सोचा कि आप दोनों कहीं चले गए और मैं पप्पू का खड़ा न होनेवाला भाग देख कर पिट गई तो मेरे अंदर क्या बीतेगी? प्यासे को रेगिस्तान मेरे न मारे, जिसने पानी चखा वोह जरूर मरेगा। मुझे पानी क्यों पिलाया?”

लक्ष्मी आंटी रो रही थी। उसके मन में दुख नहीं, डर था। डर कि बाद में उसके शरीर की भुक उसे किस के द्वार पर खड़ा कर दे। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को पकड़ कर अपनी बाहों में भर लिया था।

मैंने इशारा किया तो सन्नी बेड से उतर गया। लक्ष्मी आंटी ने मुझे ऐसे पकड़ा जैसे डूबते को तिनका। सन्नी भागते हुए वापस आया और उसने लक्ष्मी आंटी को कोई चीज ऐसे दी जैसे कोहिनूर हीरा हो।

लक्ष्मी आंटी उसे देख कर पहचान गई। यह तो वो था जिस से लक्ष्मी आंटी तड़प तड़प कर farmhouse पहुंची थी।

लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू अब बोलने की भी सजा दोगे?”

सन्नी “लक्ष्मी आंटी, ये सजा नहीं मज़ा है। जैसे हम दोनों को हिलाकर तुमने हमें खुश किया और हमारी भूक़ मिटाई, ये भी वही करेगा।”

लक्ष्मी आंटी हम से बड़ी थी पर अधेड़ उम्र की नही थी। उसने उत्सुकता से फिर से देखा। सन्नी ने उस lipstick vibrator को मेरे हाथ में दिया। सन्नी खुद लक्ष्मी आंटी को उठाकर, उसके पीछे बैठ गया। अब लक्ष्मी आंटी सन्नी के कंधों पर सर रख कर बैठी थी। लक्ष्मी आंटी के पैर फैले हुए थे और हाथ खुले। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को पीठ पीछे से बहों में भर कर सहारा दिया था तो मैं लक्ष्मी आंटी को उसके शरीर के अंग दिखा रहा था।

लक्ष्मी आंटी को जब पता चला कि वह अपनी भूख अपने हाथों मिटा सकती है तो ऐसे खिली जैसे बच्ची को गुड़िया मिले। लक्ष्मी आंटी को मैंने समझाया कि औरत को यौन सुख उसकी योनी के उपर बने दाने से मिलता है और योनी के अंदर पुरुष का लिंग जाने से। अगर लिंग ना मिले तो लिंग जैसी कोई भी चीज चल जाएगी। शरीर को इस से कोई फरक नही पड़ता।

लक्ष्मी आंटी शर्म से लाल हो गई और उसने अपने हाथों से चेहरा छिपा लिया। 15 मिनट पहले ही 2 मर्दों को एक साथ लेते हूए जो लक्ष्मी आंटी जोर जोर से चिल्ला कर मज़े ले रही थी वो योनी और लिंग सुन कर शरमा रही थी।

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी के हाथ खींच कर नीचे किए। लक्ष्मी आंटी का बदन शरम से लाल हो गया था। मैंने vibrator लक्ष्मी आंटी के हाथ में देकर उसे अपनी मुनिया को प्यार करने के लिए कहा। लक्ष्मी आंटी ने हिचिचाहट के साथ vibrator अपने दाने पर लगाया और बिजली के झटके की तरह बेड से उड़ी।

लक्ष्मी आंटी “विक्की बाबू, ये मुझसे नहीं होगा। गुदगदी सी होती है।”

सन्नी ने पीछे से लक्ष्मी आंटी के दूधिया गोले पकड़ कर दबाने लगा। सन्नी की उंगलियों के बीच फसी लाल बेरियां दबते हुए निचोड़ी जा रही थी। मैंने लक्ष्मी आंटी के हाथ पकड़ कर लक्ष्मी आंटी को अपना मज़ा लेने के लिए मजबूर किया। धीरे धीरे लक्ष्मी आंटी तपने लगी और मज़े से खुद को चोदने लगी।

लक्ष्मी आंटी की आहों से कमरा भर गया। मैं बेड से उतर गया और लक्ष्मी आंटी की मादक सुंदरता निहारने लगा। लक्ष्मी आंटी अब अपना आपा खो कर किलकारियां देते हुए खुद के शरीर को सुख देने में व्यस्त हो गई। सन्नी भी इस मनजर को दंग हो कर देख रहा था।

कुछ देर बाद लक्ष्मी आंटी की योनी से रस का रिसाव हुआ और लक्ष्मी आंटी सन्नी के बदन पर अपना बोझ डाल कर निढाल हो गई।

“क्या लक्ष्मी आंटी? मजा आया कि नहीं?”

लक्ष्मी आंटी ने शरमा के नीचे देखा और सर हिलाकर हां कहा।

सन्नी “लक्ष्मी आंटी, आधी अधूरी खुशी में इतना नहीं शरमाते। विक्की कुछ दिमाग चला।”

अब मैं नीचे भागा। मुझे जो चाहिए था वो लेकर मैं उपर दौड़ा। लक्ष्मी आंटी ने मेरे हाथों में लौकी देख चकराकर मेरी ओर देखा। मैंने हंस कर लक्ष्मी आंटी को कहा कि लौकी का नया उपयोग सीखने का समय हो गया है।

“अरे लक्ष्मी आंटी, डरो मत। सुबह खीरे के साथ कि मस्ती याद है ना? अब लौकी का खेल, खेल लो।”

लक्ष्मी आंटी ने जब मुझे लौकी पर तेल लगाते देखा तो उसकी आंखें फ़टी की फटी रह गई। मैंने हंसकर लौकी से अपना लौड़ा नापा और उतनी लंबाई पर नाखून से लौकी पर निशान बनाया। अब लौकी का तेल लगा छोर लक्ष्मी आंटी की खुली पंखुड़ियों के बीच लगा दिया।

लक्ष्मी आंटी “असस… विक्की बाबू… ये गंदा है। गलत है… अहह…”

मैंने और सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की एक न सुनी और उसे हस्तमैथून का अभ्यास कराने लगे। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का हाथ पकड़कर उसके सुख के दाने को स्वर्ग के सुखों का द्वार बनाने का काम किया था। जबकि मैं, लक्ष्मी को बिना मर्द के चुदाई सीखा रहा था। लक्ष्मी आंटी मुंह से लाख मना करने के बाद भी खुशी से हमारा साथ दे रही थी। कुछ देर की जबरदस्ती के बाद लक्ष्मी आंटी इतनी उत्तेजित हो गई कि हम दोनों उसके हस्तमैथून का खेल देख रहे थे और लक्ष्मी आंटी बड़ी खुशी से खुद को चोद रही थी।

3 मिनट बाद, लक्ष्मी आंटी ने कांपते हुए एक चीख निकाल कर अपनी मुनिया से पानी छोड़ा। हांफते हुए लक्ष्मी आंटी ने पूछा “बाबू, क्या मर्द भी ऐसा करते हैं? आप दोनों भी ऐसे करते हैं?”

सन्नी “हां, लक्ष्मी आंटी। मर्द जवान होने के बाद से ये सब खुद शुरू कर देते हैं। क्या तुम देखना चाहती हो कि तुमने जो खुशी ली है उस से हमें कितनी तकलीफ हुई है?”

हम दोनों बेड पर लक्ष्मी आंटी के सामने खड़े हो गए। हमारे सख्त लौड़े फूलकर लक्ष्मी आंटी कि नाक की ओर इशारा कर खड़े थे। हम दोनों ने एक दूसरे की ओर देखा। हमने आज तक कभी एक दूसरे के सामने नही हिलाया था।

“यार सन्नी, साला एक साथ अगर लक्ष्मी आंटी को चोद सकते हैं तो हिला कर दिखा भी सकते हैं। चल शूरु करते हैं।”

मैंने अपने लौड़े को अपनी मुठी में पकड़ लिया और धीरे धीरे आगे पीछे हिलाने लगा। सन्नी भी मेरे ताल में अपना लौड़ा हिला रहा था। लक्ष्मी आंटी आंखे फाड़ कर हमारे लौडों को देख रही थी।

लक्ष्मी आंटी “जब ये दोनों मेरे अंदर जाते हैं तो ऐसे ही दिखते हैं?”

“हां भी और ना भी। दिखते तो कुछ ऐसे ही होंगे पर कुदरत नही चाहती कि इंसान ऐसे करे। इसीलिए ऐसा करने में हाथ को रस नहीं होता और ज्यादा करने से लौड़ा छिल सकता है। जब तक लड़के को लड़की अपने अंदर नहीं लेती तब तक लड़का ऐसे ही खुद को बेहला सकता है।”

लक्ष्मी आंटी ने अपने हाथ उठाए और हम दोनों के हाथ हटाए।

लक्ष्मी आंटी “जब तक लक्ष्मी आंटी है, मेरे बाबुओं का हथियार नही छिल सकता। मैं ऐसा होने नहीं दूंगी।”

लक्ष्मी आंटी आगे बढ़ी और हमें एक साथ देखते हुए उसने हम दोनों के लौड़े एक साथ अपने मुंह में ठूस दिए। लक्ष्मी आंटी के गरम गीले मुंह में हम दोनों के लौड़े एक दूसरे से टकराकर बिछड़ रहे थे। हालांकि हमें लक्ष्मी आंटी के अलग अलग छेद एक साथ लेने में दिक्कत नहीं थी पर एक छेद में एक साथ थोड़ा अजीब लग रहा था। खुशी की बात यह थी कि बीच में लक्ष्मी आंटी की जीभ आ कर हमारी मालिश करती। पहले से ही उत्तेजित हम दोनों ज्यादा टिक नहीं पाए। कुछ ही देर में हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी का नाम आलाप कर उसकी जीभ को अपने गाढ़े रस से अभिषिक्त किया। लक्ष्मी आंटी ने हमारे रस को अपने मुंह में संभाल कर रखते हुए अपने होठों से हम दोनों को निचोड़ लिया। जब अपना पूरा रस उड़ेल कर हम दोनों पीछे सरक गए तो लक्ष्मी आंटी ने हमें अपने मुंह में जमा रस दिखाया। लक्ष्मी आंटी ने अपनी गुलाबी जीभ से उस गाढ़े रस को मिलाया और फिर अपने होंठों को दबाकर बंद कर दिया।

लक्ष्मी आंटी हमारी आंखों के सामने, हम दोनों का रस गटक गई। अब की बार हम दोनों आंखे फाड़ कर लक्ष्मी आंटी को देख रहे थे।


लक्ष्मी आंटी “खबरदार अगर किसी ने मेरे बाबुओं के हथियार को छुआ भी तो!!”

Score Card शनिवार दोपहर 4 बजे तक
लक्ष्मी आंटी -मुंह------चूत --------गांड
विक्की---------5---------6---------3
सन्नी------------5---------6---------3
 

Lefty69

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Aage kuchh fantasy add kar shakte ho jaise strip poker game, murga punishment, roleplay games etc.
What kind of role-play? I am looking for ways these 3 can bond with lesser sex. बार बार dp से लक्ष्मी आंटी की हालत बिग जाएगी।
अन्य सुझाव poorva AVINASH kamdev99008 ?
 
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poorva

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agar dp nahi chiye to Achanak unko ghar bapas bhejo
jaha laxmi shyad one by one sex kar sakegi
 

Lefty69

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सन्नी

हम दोनों को निचोड़ कर लक्ष्मी आंटी अपनी गांड़ ठुमकाते हुए चली गई। हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी का ललचाता पिछ्वाड़ा देख अपने आप पर गुस्सा किया।

“विक्की, ये बड़ी ना इंसाफी है कि हम लक्ष्मी आंटी की चूत मार कर गांड़ को सुखा छोड़ रहे हैं। क्यों ना इसका इंतजाम किया जाए?”

विक्की “सच में, ऐसी लापरवाही हमसे ठीक नहीं। चल करते हैं।”

हम दोनों निचे उतरे तो देखा लक्ष्मी आंटी शाम का नाश्ता कर रही थी। हमने उपर ही तय कर लिया था कि आगे क्या करना है।

विक्की “लक्ष्मी आंटी, अगर इस रूप में kitchen में काम करो तो गलत जगह जल जाओगी फिर हमारा खयाल कौन रखेगा?”

लक्ष्मी आंटी “अब आप दोनों क्या खिचड़ी पका रहे हो? वैसे तो अगर मैं कपड़े पहनूं तो खिंच कर निकाल दोगे। बोलो अब क्या सोचा है?”

“लक्ष्मी आंटी, तुम तो हमें पहचान गई। लो, इसे पहन कर जलने का डर कम हो जायेगा।”

30Egu


https://pixbb.com/image/30Egu

लक्ष्मी आंटी “आह हा हा हा!!! जलने से तो बच जाऊंगी पर आप दोनों से कैसे बचुंगी? अगाडी पिछाडी चिपक कर ऐसे लगे हो की मुझे नाक के सामने नहीं दिखता।”

विक्की “लक्ष्मी आंटी, ये बहुत बुरी बात है। पहले तो तुमने हमारे रात भर के प्यार को बड़ी बेरहमी से धो दिया। दुबारा प्यार देना चाहा तो पेड़ पर चढ़ गई। अब बोल रही हो कि नाक के सामने दिखाई नहीं देता? चलो इसका इंतजाम भी किए देते हैं।”

विक्की के बोलने तक मैंने लक्ष्मी आंटी को कुछ दिखाया।

30R09


https://pixbb.com/image/30R09
लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये क्या बला है?”

“हमारी प्यारी लक्ष्मी आंटी, इसे chastity belt के नाम से जाना जाता है। पुराने जमाने में मर्द घर से दूर जाते हुए इसे अपनी बीवी को पहना जाता था। इस के ताले की चाबी मर्द अपने पास रखता था। अब कोई और उस औरत पर जबरदस्ती कर उसे पेट से नही कर सकता था। समझो कि मर्द अपने सबसे कीमती खजाने को बंद कर जाता था।”

लक्ष्मी आंटी ने पहले apron पहना और फिर उसने मेरी ओर देखा “खजाना बचाने के लिए या बीवी पर विश्वास नहीं था इस लिए? वैसे भी आप दोनों अब मेरे पति हो तो यह पट्टा क्या कर लेगा?”

विक्की “लक्ष्मी आंटी, हम दोनों आप की कसम खा कर कहते हैं कि कल सुबह से पहले हम यह पट्टा बिलकुल नहीं खोलेंगे।”

लक्ष्मी आंटी “अगर मुझे बीच में जाना पडा तो?”

“अरे लक्ष्मी आंटी, जब मर्द कई महीनों के लिए जाते थे तो क्या औरतें सब कुछ रोक लेती? इस में पीछे से खुला छोड़ा हुआ है।”

लक्ष्मी आंटी ने मेरी मदद से belt पहनना शरू किया। जब belt कमर के पास पहुंचा, मैंने बीच में लगा औजार उठा लिया। मेरा इशारा समझ कर विक्की ने लक्ष्मी आंटी की कमर में belt खिंच लिया।

लक्ष्मी आंटी “हान… इसश… सन्नी बाबू… अम्म्म… आह्ह… रुक जाओ बाबू!!!”

“क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”

लक्ष्मी आंटी “ये क्या है? पहले तो नहीं था! कुछ मेरे अंदर गया है। आह… निकालो इसे…”

विक्की “अरे लक्ष्मी आंटी अब तो ताला भी लग गया। कल सुबह तक नहीं खुलेगा। जरा हिलाकर देखो, शायद निकल जाए।”

लक्ष्मी आंटी “विक्की बाबू, तंग मत करो। आपके औजर जितना बड़ा क्या हिलने से निकलेगा? ये तो बिलकुल उस आह्ह्हह्ह… बाबू…”

विक्की (शैतानी मुस्कान से) “क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”

लक्ष्मी आंटी (खुद को संभालते हुए) “बड़े वो हो आप दोनों!!! पुराने जमाने के मर्द अपनी औरत को ऐसे तड़पाकर छोड़ जाते थे क्या?”

“नहीं लक्ष्मी आंटी, उस जमाने में बैटरी और रिमोट कंट्रोल नहीं थे। पर अब ये रिमोट कंट्रोल अगर चाहिए तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बोलो चुकाओगी इसकी कीमत?”

लक्ष्मी आंटी “अब क्या करवाओगे बाबू? अब आपकी हो चुकी हूं और क्या दूं आपको?”

“लक्ष्मी आंटी, पिछले 24 घंटों में तुम ने हम दोनों को वोह खुशी दी है कि हम तेरे गुलाम है। पर सच कहें तो लक्ष्मी आंटी हम दोनों थोड़ा थक गए हैं। क्यों ना हम सब ताश का खेल खेलें?”

लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये ताश और बोतल ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी है। इसे मेरे हाथ मत दीजिए।”

“लक्ष्मी आंटी, हर ताश का खेल जुआ नहीं होता और हर बोतल शराब नहीं होती! चलो, आज ताश के पत्तों का सादा खेल दिखाते हैं।”

विक्की ने ताश का पैक लाया और हमने बच्चों के ताश के खेल लक्ष्मी आंटी को सिखाए। लक्ष्मी आंटी अपनी चूत में मचलते vibrator से सिहरते हुए खेल सीख रही थी। लक्ष्मी आंटी हर बात में हम दोनों से हारी थी और अब जीत का एक और मौका पाकर उसे गवाना नहीं चाहती थी।

विक्की और मैं जल्द ही समझ गए कि लक्ष्मी आंटी बड़ी समझदार और तेज दिमाग थी। लक्ष्मी आंटी जल्दी खेल सीख गई और कुछ ही देर में जितने भी लगी। हमने लक्ष्मी आंटी को सिर्फ घर के काम करते देखा था और उसके बाद लक्ष्मी आंटी हमारी हवस का शिकार थी। लक्ष्मी आंटी का ये रूप नया और लुभावना था जब वह एक होशियार जवान लड़की थी। चतुराई और बुद्धि भी औरत को आकर्षक बनती है ये बात हम दोनों को आज समझ आई। अगर बदनसीब लक्ष्मी आंटी पढ़ाई कर पाती तो आज वह इस हालत में नहीं होती।

लक्ष्मी आंटी “मैं जीत गई… मैं जीत गई… हा!!!”

लक्ष्मी आंटी ने खुशी से झूम कर नाचते हुए कहा। हम दोनों लक्ष्मी आंटी की अल्हड़ खूबसरत जवानी को देख दंग थे। लक्ष्मी आंटी ने झुक कर हम दोनों को चूमा और फिर आदेश दिया।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, अब आप दोनों हार गए हो। लाओ वो रिमोट कंट्रोल मुझे दो!!! अब और सहा नहीं जाता। दो!!”

मैंने हंसके लक्ष्मी आंटी की बात मानली और रिमोट कंट्रोल उसे से दिया। लक्ष्मी आंटी ने देखा और कहा “इसमें off कैसे करते हैं?”

रिमोटकंट्रोल पर सिर्फ १-४ अंक थे ० नहीं था।

विक्की “लक्ष्मी आंटी, इसको रिमोट कंट्रोल से बंद नहीं कर सकते। अब भी ये 1 पर चल रहा है। 1 से 4 जो मरजी चला लो पर बैटरी ख़तम होने तक ये रुकेगा नहीं। शायद स्पीड बढ़ा कर बैटरी जल्दी ख़तम हो गए।”

लक्ष्मी आंटी “उन्हह… आप दोनों बड़े शैतान हो!!! आह… मां… क्या करूं!!! उफ्फ…”

लक्ष्मी आंटी ने झट से स्पीड बढ़ाई और 1- 2- 3- करते 4 पर पहुंची। लक्ष्मी आंटी का बदन अब सिहरन को पार कर कांपने लगा और लक्ष्मी आंटी ने जमीन पर गिर कर झडना शुरू कर दिया। 3 मिनट तड़पने के बाद लक्ष्मी आंटी ने जैसे तैसे स्पीड घटा कर 1 पर लाया।

लक्ष्मी आंटी की आंखे खुली तो हमें देखता पाया। लक्ष्मी आंटी शरमा कर लाल हो गई तो हम दोनों हंसने लगे। लक्ष्मी आंटी ने नकली गुस्से में हम दोनों पर 1-1 प्याज फेंका। "जल्दी से काटो नहीं तो नाश्ता नहीं दूंगी।”

लक्ष्मी आंटी ठुमकते कूल्हों से kitchen में गई और हम दोनों किसी अदृश्य डोर से बंधे उसके पीछे पीछे खिंचे चले गए।
 

Lefty69

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it is guess/possibility. Not force to write same.
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Sorry for late reply but I am trying to keep 2 Marathi and 1 Hindi stories running together.
Will appreciate your support
 
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SKYESH

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सन्नी

हम दोनों को निचोड़ कर लक्ष्मी आंटी अपनी गांड़ ठुमकाते हुए चली गई। हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी का ललचाता पिछ्वाड़ा देख अपने आप पर गुस्सा किया।

“विक्की, ये बड़ी ना इंसाफी है कि हम लक्ष्मी आंटी की चूत मार कर गांड़ को सुखा छोड़ रहे हैं। क्यों ना इसका इंतजाम किया जाए?”

विक्की “सच में, ऐसी लापरवाही हमसे ठीक नहीं। चल करते हैं।”

हम दोनों निचे उतरे तो देखा लक्ष्मी आंटी शाम का नाश्ता कर रही थी। हमने उपर ही तय कर लिया था कि आगे क्या करना है।

विक्की “लक्ष्मी आंटी, अगर इस रूप में kitchen में काम करो तो गलत जगह जल जाओगी फिर हमारा खयाल कौन रखेगा?”

लक्ष्मी आंटी “अब आप दोनों क्या खिचड़ी पका रहे हो? वैसे तो अगर मैं कपड़े पहनूं तो खिंच कर निकाल दोगे। बोलो अब क्या सोचा है?”

“लक्ष्मी आंटी, तुम तो हमें पहचान गई। लो, इसे पहन कर जलने का डर कम हो जायेगा।”

30Egu


https://pixbb.com/image/30Egu

लक्ष्मी आंटी “आह हा हा हा!!! जलने से तो बच जाऊंगी पर आप दोनों से कैसे बचुंगी? अगाडी पिछाडी चिपक कर ऐसे लगे हो की मुझे नाक के सामने नहीं दिखता।”

विक्की “लक्ष्मी आंटी, ये बहुत बुरी बात है। पहले तो तुमने हमारे रात भर के प्यार को बड़ी बेरहमी से धो दिया। दुबारा प्यार देना चाहा तो पेड़ पर चढ़ गई। अब बोल रही हो कि नाक के सामने दिखाई नहीं देता? चलो इसका इंतजाम भी किए देते हैं।”

विक्की के बोलने तक मैंने लक्ष्मी आंटी को कुछ दिखाया।

30R09


https://pixbb.com/image/30R09
लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये क्या बला है?”

“हमारी प्यारी लक्ष्मी आंटी, इसे chastity belt के नाम से जाना जाता है। पुराने जमाने में मर्द घर से दूर जाते हुए इसे अपनी बीवी को पहना जाता था। इस के ताले की चाबी मर्द अपने पास रखता था। अब कोई और उस औरत पर जबरदस्ती कर उसे पेट से नही कर सकता था। समझो कि मर्द अपने सबसे कीमती खजाने को बंद कर जाता था।”

लक्ष्मी आंटी ने पहले apron पहना और फिर उसने मेरी ओर देखा “खजाना बचाने के लिए या बीवी पर विश्वास नहीं था इस लिए? वैसे भी आप दोनों अब मेरे पति हो तो यह पट्टा क्या कर लेगा?”

विक्की “लक्ष्मी आंटी, हम दोनों आप की कसम खा कर कहते हैं कि कल सुबह से पहले हम यह पट्टा बिलकुल नहीं खोलेंगे।”

लक्ष्मी आंटी “अगर मुझे बीच में जाना पडा तो?”

“अरे लक्ष्मी आंटी, जब मर्द कई महीनों के लिए जाते थे तो क्या औरतें सब कुछ रोक लेती? इस में पीछे से खुला छोड़ा हुआ है।”

लक्ष्मी आंटी ने मेरी मदद से belt पहनना शरू किया। जब belt कमर के पास पहुंचा, मैंने बीच में लगा औजार उठा लिया। मेरा इशारा समझ कर विक्की ने लक्ष्मी आंटी की कमर में belt खिंच लिया।

लक्ष्मी आंटी “हान… इसश… सन्नी बाबू… अम्म्म… आह्ह… रुक जाओ बाबू!!!”

“क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”

लक्ष्मी आंटी “ये क्या है? पहले तो नहीं था! कुछ मेरे अंदर गया है। आह… निकालो इसे…”

विक्की “अरे लक्ष्मी आंटी अब तो ताला भी लग गया। कल सुबह तक नहीं खुलेगा। जरा हिलाकर देखो, शायद निकल जाए।”

लक्ष्मी आंटी “विक्की बाबू, तंग मत करो। आपके औजर जितना बड़ा क्या हिलने से निकलेगा? ये तो बिलकुल उस आह्ह्हह्ह… बाबू…”

विक्की (शैतानी मुस्कान से) “क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”

लक्ष्मी आंटी (खुद को संभालते हुए) “बड़े वो हो आप दोनों!!! पुराने जमाने के मर्द अपनी औरत को ऐसे तड़पाकर छोड़ जाते थे क्या?”

“नहीं लक्ष्मी आंटी, उस जमाने में बैटरी और रिमोट कंट्रोल नहीं थे। पर अब ये रिमोट कंट्रोल अगर चाहिए तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बोलो चुकाओगी इसकी कीमत?”

लक्ष्मी आंटी “अब क्या करवाओगे बाबू? अब आपकी हो चुकी हूं और क्या दूं आपको?”

“लक्ष्मी आंटी, पिछले 24 घंटों में तुम ने हम दोनों को वोह खुशी दी है कि हम तेरे गुलाम है। पर सच कहें तो लक्ष्मी आंटी हम दोनों थोड़ा थक गए हैं। क्यों ना हम सब ताश का खेल खेलें?”

लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये ताश और बोतल ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी है। इसे मेरे हाथ मत दीजिए।”

“लक्ष्मी आंटी, हर ताश का खेल जुआ नहीं होता और हर बोतल शराब नहीं होती! चलो, आज ताश के पत्तों का सादा खेल दिखाते हैं।”

विक्की ने ताश का पैक लाया और हमने बच्चों के ताश के खेल लक्ष्मी आंटी को सिखाए। लक्ष्मी आंटी अपनी चूत में मचलते vibrator से सिहरते हुए खेल सीख रही थी। लक्ष्मी आंटी हर बात में हम दोनों से हारी थी और अब जीत का एक और मौका पाकर उसे गवाना नहीं चाहती थी।

विक्की और मैं जल्द ही समझ गए कि लक्ष्मी आंटी बड़ी समझदार और तेज दिमाग थी। लक्ष्मी आंटी जल्दी खेल सीख गई और कुछ ही देर में जितने भी लगी। हमने लक्ष्मी आंटी को सिर्फ घर के काम करते देखा था और उसके बाद लक्ष्मी आंटी हमारी हवस का शिकार थी। लक्ष्मी आंटी का ये रूप नया और लुभावना था जब वह एक होशियार जवान लड़की थी। चतुराई और बुद्धि भी औरत को आकर्षक बनती है ये बात हम दोनों को आज समझ आई। अगर बदनसीब लक्ष्मी आंटी पढ़ाई कर पाती तो आज वह इस हालत में नहीं होती।

लक्ष्मी आंटी “मैं जीत गई… मैं जीत गई… हा!!!”

लक्ष्मी आंटी ने खुशी से झूम कर नाचते हुए कहा। हम दोनों लक्ष्मी आंटी की अल्हड़ खूबसरत जवानी को देख दंग थे। लक्ष्मी आंटी ने झुक कर हम दोनों को चूमा और फिर आदेश दिया।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, अब आप दोनों हार गए हो। लाओ वो रिमोट कंट्रोल मुझे दो!!! अब और सहा नहीं जाता। दो!!”

मैंने हंसके लक्ष्मी आंटी की बात मानली और रिमोट कंट्रोल उसे से दिया। लक्ष्मी आंटी ने देखा और कहा “इसमें off कैसे करते हैं?”

रिमोटकंट्रोल पर सिर्फ १-४ अंक थे ० नहीं था।

विक्की “लक्ष्मी आंटी, इसको रिमोट कंट्रोल से बंद नहीं कर सकते। अब भी ये 1 पर चल रहा है। 1 से 4 जो मरजी चला लो पर बैटरी ख़तम होने तक ये रुकेगा नहीं। शायद स्पीड बढ़ा कर बैटरी जल्दी ख़तम हो गए।”

लक्ष्मी आंटी “उन्हह… आप दोनों बड़े शैतान हो!!! आह… मां… क्या करूं!!! उफ्फ…”

लक्ष्मी आंटी ने झट से स्पीड बढ़ाई और 1- 2- 3- करते 4 पर पहुंची। लक्ष्मी आंटी का बदन अब सिहरन को पार कर कांपने लगा और लक्ष्मी आंटी ने जमीन पर गिर कर झडना शुरू कर दिया। 3 मिनट तड़पने के बाद लक्ष्मी आंटी ने जैसे तैसे स्पीड घटा कर 1 पर लाया।

लक्ष्मी आंटी की आंखे खुली तो हमें देखता पाया। लक्ष्मी आंटी शरमा कर लाल हो गई तो हम दोनों हंसने लगे। लक्ष्मी आंटी ने नकली गुस्से में हम दोनों पर 1-1 प्याज फेंका। "जल्दी से काटो नहीं तो नाश्ता नहीं दूंगी।”

लक्ष्मी आंटी ठुमकते कूल्हों से kitchen में गई और हम दोनों किसी अदृश्य डोर से बंधे उसके पीछे पीछे खिंचे चले गए।




mast update hai...................
 

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