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सन्नी
हम दोनों को निचोड़ कर लक्ष्मी आंटी अपनी गांड़ ठुमकाते हुए चली गई। हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी का ललचाता पिछ्वाड़ा देख अपने आप पर गुस्सा किया।
“विक्की, ये बड़ी ना इंसाफी है कि हम लक्ष्मी आंटी की चूत मार कर गांड़ को सुखा छोड़ रहे हैं। क्यों ना इसका इंतजाम किया जाए?”
विक्की “सच में, ऐसी लापरवाही हमसे ठीक नहीं। चल करते हैं।”
हम दोनों निचे उतरे तो देखा लक्ष्मी आंटी शाम का नाश्ता कर रही थी। हमने उपर ही तय कर लिया था कि आगे क्या करना है।
विक्की “लक्ष्मी आंटी, अगर इस रूप में kitchen में काम करो तो गलत जगह जल जाओगी फिर हमारा खयाल कौन रखेगा?”
लक्ष्मी आंटी “अब आप दोनों क्या खिचड़ी पका रहे हो? वैसे तो अगर मैं कपड़े पहनूं तो खिंच कर निकाल दोगे। बोलो अब क्या सोचा है?”
“लक्ष्मी आंटी, तुम तो हमें पहचान गई। लो, इसे पहन कर जलने का डर कम हो जायेगा।”
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लक्ष्मी आंटी “आह हा हा हा!!! जलने से तो बच जाऊंगी पर आप दोनों से कैसे बचुंगी? अगाडी पिछाडी चिपक कर ऐसे लगे हो की मुझे नाक के सामने नहीं दिखता।”
विक्की “लक्ष्मी आंटी, ये बहुत बुरी बात है। पहले तो तुमने हमारे रात भर के प्यार को बड़ी बेरहमी से धो दिया। दुबारा प्यार देना चाहा तो पेड़ पर चढ़ गई। अब बोल रही हो कि नाक के सामने दिखाई नहीं देता? चलो इसका इंतजाम भी किए देते हैं।”
विक्की के बोलने तक मैंने लक्ष्मी आंटी को कुछ दिखाया।
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लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये क्या बला है?”
“हमारी प्यारी लक्ष्मी आंटी, इसे chastity belt के नाम से जाना जाता है। पुराने जमाने में मर्द घर से दूर जाते हुए इसे अपनी बीवी को पहना जाता था। इस के ताले की चाबी मर्द अपने पास रखता था। अब कोई और उस औरत पर जबरदस्ती कर उसे पेट से नही कर सकता था। समझो कि मर्द अपने सबसे कीमती खजाने को बंद कर जाता था।”
लक्ष्मी आंटी ने पहले apron पहना और फिर उसने मेरी ओर देखा “खजाना बचाने के लिए या बीवी पर विश्वास नहीं था इस लिए? वैसे भी आप दोनों अब मेरे पति हो तो यह पट्टा क्या कर लेगा?”
विक्की “लक्ष्मी आंटी, हम दोनों आप की कसम खा कर कहते हैं कि कल सुबह से पहले हम यह पट्टा बिलकुल नहीं खोलेंगे।”
लक्ष्मी आंटी “अगर मुझे बीच में जाना पडा तो?”
“अरे लक्ष्मी आंटी, जब मर्द कई महीनों के लिए जाते थे तो क्या औरतें सब कुछ रोक लेती? इस में पीछे से खुला छोड़ा हुआ है।”
लक्ष्मी आंटी ने मेरी मदद से belt पहनना शरू किया। जब belt कमर के पास पहुंचा, मैंने बीच में लगा औजार उठा लिया। मेरा इशारा समझ कर विक्की ने लक्ष्मी आंटी की कमर में belt खिंच लिया।
लक्ष्मी आंटी “हान… इसश… सन्नी बाबू… अम्म्म… आह्ह… रुक जाओ बाबू!!!”
“क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”
लक्ष्मी आंटी “ये क्या है? पहले तो नहीं था! कुछ मेरे अंदर गया है। आह… निकालो इसे…”
विक्की “अरे लक्ष्मी आंटी अब तो ताला भी लग गया। कल सुबह तक नहीं खुलेगा। जरा हिलाकर देखो, शायद निकल जाए।”
लक्ष्मी आंटी “विक्की बाबू, तंग मत करो। आपके औजर जितना बड़ा क्या हिलने से निकलेगा? ये तो बिलकुल उस आह्ह्हह्ह… बाबू…”
विक्की (शैतानी मुस्कान से) “क्या हुआ लक्ष्मी आंटी?”
लक्ष्मी आंटी (खुद को संभालते हुए) “बड़े वो हो आप दोनों!!! पुराने जमाने के मर्द अपनी औरत को ऐसे तड़पाकर छोड़ जाते थे क्या?”
“नहीं लक्ष्मी आंटी, उस जमाने में बैटरी और रिमोट कंट्रोल नहीं थे। पर अब ये रिमोट कंट्रोल अगर चाहिए तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बोलो चुकाओगी इसकी कीमत?”
लक्ष्मी आंटी “अब क्या करवाओगे बाबू? अब आपकी हो चुकी हूं और क्या दूं आपको?”
“लक्ष्मी आंटी, पिछले 24 घंटों में तुम ने हम दोनों को वोह खुशी दी है कि हम तेरे गुलाम है। पर सच कहें तो लक्ष्मी आंटी हम दोनों थोड़ा थक गए हैं। क्यों ना हम सब ताश का खेल खेलें?”
लक्ष्मी आंटी “सन्नी बाबू, ये ताश और बोतल ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी है। इसे मेरे हाथ मत दीजिए।”
“लक्ष्मी आंटी, हर ताश का खेल जुआ नहीं होता और हर बोतल शराब नहीं होती! चलो, आज ताश के पत्तों का सादा खेल दिखाते हैं।”
विक्की ने ताश का पैक लाया और हमने बच्चों के ताश के खेल लक्ष्मी आंटी को सिखाए। लक्ष्मी आंटी अपनी चूत में मचलते vibrator से सिहरते हुए खेल सीख रही थी। लक्ष्मी आंटी हर बात में हम दोनों से हारी थी और अब जीत का एक और मौका पाकर उसे गवाना नहीं चाहती थी।
विक्की और मैं जल्द ही समझ गए कि लक्ष्मी आंटी बड़ी समझदार और तेज दिमाग थी। लक्ष्मी आंटी जल्दी खेल सीख गई और कुछ ही देर में जितने भी लगी। हमने लक्ष्मी आंटी को सिर्फ घर के काम करते देखा था और उसके बाद लक्ष्मी आंटी हमारी हवस का शिकार थी। लक्ष्मी आंटी का ये रूप नया और लुभावना था जब वह एक होशियार जवान लड़की थी। चतुराई और बुद्धि भी औरत को आकर्षक बनती है ये बात हम दोनों को आज समझ आई। अगर बदनसीब लक्ष्मी आंटी पढ़ाई कर पाती तो आज वह इस हालत में नहीं होती।
लक्ष्मी आंटी “मैं जीत गई… मैं जीत गई… हा!!!”
लक्ष्मी आंटी ने खुशी से झूम कर नाचते हुए कहा। हम दोनों लक्ष्मी आंटी की अल्हड़ खूबसरत जवानी को देख दंग थे। लक्ष्मी आंटी ने झुक कर हम दोनों को चूमा और फिर आदेश दिया।
लक्ष्मी आंटी “बाबू, अब आप दोनों हार गए हो। लाओ वो रिमोट कंट्रोल मुझे दो!!! अब और सहा नहीं जाता। दो!!”
मैंने हंसके लक्ष्मी आंटी की बात मानली और रिमोट कंट्रोल उसे से दिया। लक्ष्मी आंटी ने देखा और कहा “इसमें off कैसे करते हैं?”
रिमोटकंट्रोल पर सिर्फ १-४ अंक थे ० नहीं था।
विक्की “लक्ष्मी आंटी, इसको रिमोट कंट्रोल से बंद नहीं कर सकते। अब भी ये 1 पर चल रहा है। 1 से 4 जो मरजी चला लो पर बैटरी ख़तम होने तक ये रुकेगा नहीं। शायद स्पीड बढ़ा कर बैटरी जल्दी ख़तम हो गए।”
लक्ष्मी आंटी “उन्हह… आप दोनों बड़े शैतान हो!!! आह… मां… क्या करूं!!! उफ्फ…”
लक्ष्मी आंटी ने झट से स्पीड बढ़ाई और 1- 2- 3- करते 4 पर पहुंची। लक्ष्मी आंटी का बदन अब सिहरन को पार कर कांपने लगा और लक्ष्मी आंटी ने जमीन पर गिर कर झडना शुरू कर दिया। 3 मिनट तड़पने के बाद लक्ष्मी आंटी ने जैसे तैसे स्पीड घटा कर 1 पर लाया।
लक्ष्मी आंटी की आंखे खुली तो हमें देखता पाया। लक्ष्मी आंटी शरमा कर लाल हो गई तो हम दोनों हंसने लगे। लक्ष्मी आंटी ने नकली गुस्से में हम दोनों पर 1-1 प्याज फेंका। "जल्दी से काटो नहीं तो नाश्ता नहीं दूंगी।”
लक्ष्मी आंटी ठुमकते कूल्हों से kitchen में गई और हम दोनों किसी अदृश्य डोर से बंधे उसके पीछे पीछे खिंचे चले गए।