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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

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deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

187


VOLUME II

विवाह


CHAPTER-4

मेहंदी

PART 7


फिर रोजी रूबी टीना और मोना जिन्होंने मेकअप का कोर्स किया हुआ था और ब्यूटी पारलर वाली हेमा और रीती ज्योत्स्ना को उबटन लगाने के लिए और मालिश करने के लिए राजकुमारी के पास गयी और बोली राजकुमारी जी हमारे हाथो से मालिश करा ले और उबटन लगवा ले आपको नबहुत अच्छा लगेगा . फिर सबसे पहले उन्होंने राजकुमारी को बोलै मुझे अपनी दुल्हन का जिस्म वैक्सिंग वाला और चूत बिल्कुल क्लीन शेवड चाहिए रोजी ने पहले ही बता दिया था इसलिए ज्योत्स्ना ने वैक्सिंग दो दिन पहले ही करा ली थी। अब वो मेरे लिए दुल्हन की छूट की बिलकुल मक्खन चूत बनाना चाहती थी। इसलिए वो आते ही राजकुमारी को लेकर बाथरूम घुस गई और तीन बार चूत और गांड को क्रीम लगा के साफ़ किया और चौथी पांचवी बार वीट लगा कर चूत ऐसी बना ली कि कोई मक्खी भी बैठ जाये तो फिसल जाए।




SHWR5
और फिर हेमा और रीती में गुरूजी के दिए हुए स्पेशल तेल को अपनी उंगलिओं मे लेके लगाना शुरू किया, तो ज्योत्स्ना की जो भी झिझक थी और दर्द, सब कुछ ही देर मे पिघल गया. पैरों, पिंडलियों, जाँघो की थकान तो गायब हो ही गई, उसे बिकुल एकदम हल्का लगने लगा . , . उसका हाथ जब नितंबो पे पहुँचा, और उसने अपने हाथों के बीच राजकुमारी के दोनो नितंबो को लेके मसलना शुरू किया.।


फिर उन्होंने उबटन लगाना शुरू किया और पहले पैरों पर लगाया फिर थोड़ा सा एक दूसरी कटोरी से कुछ अलग सा उबटन बूब्स के साइड मे लगा दिया. वो अपने आप करवट बदल के पीठ के बल हो गयी. अब रीती और हमने उभारों पे कुछ और उबटन लगाया और बोली थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहना राजकुमारी ज्योत्स्ना को बहोत अच्छा लग रहा था. वो बोली मुझे बहोत आराम लग रहा है और फिर सीधे ज्योत्स्ना के उरोजो पे और एक दूसरी कटोरी से एक अलग ढंग का उबटन ले के उसके सीने पे हल्के हाथों से लगाया. वो अनारदाने और अनार का एक ख़ास उबटन था जो बच्चे होने के बाद औरतों के सीने मे कसाव और शेप के लिए इस्तेमाल होता है फिर उसे यहीं लगा हुआ छोड़ कर फिर बाकी देह मे चंदन, हल्दी और सरसों का उबटन लगाना शुरू किया. एक घंटे के बाद फिर सीने पर लगा वो लेप छुड़ाया




HALDI1 HALDI2
सीने पे वो ख़ास उबटन जब वो छुड़ाती तो ज्योत्स्ना के सीने को सहला देती और कहती आपको कुमार कस के मसलेँगे वो जब ज्योत्स्ना के निपल्स को छू देती थी तो पता नही कैसी छुअन थी कि वो तुरंत एरेक्ट हो जाते थे और . फिर फिर हलके से खेंच कर वो कहती, राजकुमारी साहिबा , आपके दूल्हे तो बहुत किस्मत वाले हैं जो उनका इतना मस्त जवानी मिली है वो नीचे भी वो कोई मौका नही छोड़ रही थी, कभी उसकी कुँवारी किशोर पंखुड़ियो को सहला देती तो कभी तेल लगाने के बहाने उंगली की टिप से छेद को छु देती. ज्योत्स्ना एक दम मस्ती से भर जाती और जब वो उसे सीने को छुने से मना करती तो वो और मसल के बोलती, "अर्रे राजकुमारी साहिबा, ये तो जवानी के फूल हैं, आपके दूल्हे के खिलौने. अर्रे वो तो इतने कस कस के मसलेंगे कि आपके पसीने छूट जाएँगे. राजकुमार आपको सिर्फ़ हाथों से नही, होंठो से भी, चूमेगा, चुसेगा, चाटेगा और कच कचा के काटेगा. अब इन कबूतरो के उड़ने के दिन आ गये. और अब वे इन मस्त जोबन को वो लूट लेंगे ।"

राजकुमारी शरमाती, गुस्सा होने का नाटक करती पर मन ही मन सोचती कि अब एक ही दिन की बात है और फिर वो मेरी बाहों मे होंगी, और मैं अपने सीने मे कस के भींच के, दबा के, रगड़ के रोज रात को उनके साथ प्यार करूँगा ।"


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फिर उन्होंने राजकुमारी को शावर चला कर जिस्म मसल मसल कर नहलाया । और उसके बाद उसे एक लेहंगा और चोली पहना दी क्योंकि अभी मेहँदी लगनी थी मेहंदी के लिए, तीन चार मेहंदी वालियाँ आई थी और हाथ पैर के साथ, चारो ने नेवेल पे भी डिज़ाइन वाली मेहँदी लगवा दी . और फिर कमरे में कपडे बदलने के बहाने मेहंदी वालियों के साथ गयी और फिर नंगी होकर मेहंदी लगाने लगी। राजकुमारी ने अपने पैरों से लेकर ऊपर पूरी जांघों तक मेहंदी लगवाई और ठप्पे लगाने वाला मेहंदी डिज़ाइनर से ठप्पे और पैरों से लेकर चूत के पास तक डिज़ाइन बना लिए ।




रात में एक हॉल मे संगीत और नाच गाने का इन्तेजाम था, म्यूज़िक सिस्टम, गाने के कॅसेट सब कुछ बजता रहा और फिर , टीना एक नेई कॉकटेल ड्रेस ले आई थी , और उस के नीचे एक पुश-अप ब्रा भी थी . और जब वो ज्योत्स्ना को पहनाई तो वो ड्रेस एकदम कसी हुई सुकि देह से चिपकी, घुटने तक लम्बी थी और सबसे बढ़ के, उसका गला खुला था, जिससे राजकुमारी के उभारो को और अच्छी तरह उभार दिया था. बेल्ट कस के उसकी पतली कमर पे बाँध दी. जिससे राजकुमारी के किशोर उरोज एकदम साफ साफ ना सिर्फ़ उभरे लग रहे थे बल्कि क्लीवेज भी और गहरा लग रहा था . अब मोना इतने पे भी कहाँ मान-ने वाली थी, राजकुमारी का बहुत ही जबरदस्त मेकप किया .

जब राजकुमारी हाल में पहुंची तो सब लोग अपलक उसे देखते रह गए ।


जूही जो की राजकुमारी की सबसे नजदीकी सहेली थी और साथ में दोनों तरफ की सभी लड़किया और औरते भी थी सबने जम कर डांस किया और गाने गाये फिर राजकुमारी ने मेरे हाथों मे नई नई चूड़िया है गाने पे नाचना शुरू कर दिया, और जब मेने मेरे दर्जी से आज मेरी जंग हो गयी, मेने चोली सिलवाई थी, तंग हो गई पे अपने चोली मे कसे उभारो को मस्ती से उभारा तो चारों ओर मस्ती छा गई. जूही राजकुमारी को पकड़ के बोली "अर्रे बहुत उभर रहे है ना आ गया है दबाने वाला." इसके बाद जूही मुझे खींच कर संगीत और मेहँदी वाले कमरे में ले गयी और फिर मैंने भी उनके साथ डांस किया और फिर कपल डांस हुए और मैं और राजकुमारी आपस में चिपक कर बहुत देर तक नाचते रहे. खैर मेरी बाकी मंगेतर लड़किया और मेरी ससुराल की कई महिलाये भी मेरे साथ नाची और आखिर में पूरा परिवार साथ में नाचा और सब बहुत खुश थे ।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह


CHAPTER-4

शादी

PART 8


मा ने मुझे बताया की कल , जब बच्चे बिस्तर पर गए, तो हम ज्योत्स्ना को उसकी शादी की रात के बारे में छेड़ रहे थे। तब आपको उसे देखना चाहिए था: वह लगातार शरमा रही थी! वैसे भी, सभी लड़कियां उससे सवाल पूछ रही थीं जैसे 'क्या तुमने उसका हाथ पकड़ा ' और 'वह चुम्बन कैसा था ?' लेकिन ज्योत्सना शरमा जाती थी और जवाब में कुछ नहीं कहती थी। फिर हम सभी ने उसे कुछ मिनटों के लिए अकेला छोड़ दिया, फिर, उसकी नानी माँ ने कहा, 'बस मुझे कुमार को उसे देखकर, यकीन है कि उसके होंठ नरम हैं!' उस समय ज्योत्सना को एक बार फिर उसकी नानी पकड़ लिया था और उसने फटाफट कहा 'हाँ, बहुत कोमल होंठ!' खैर, इसके साथ, ज्योत्सना फिर से शर्मा गई और हम सब हसने लगे ।

माँ बोली कल रात आपको अपनी शादी पर एक बड़े सरप्राइज मिलेगा ! उन्होंने तुम्हारा नाम उसके हाथों में रंग दिया है और जब तक आप उसे नहीं ढूंढ लोगे तब तक आप आगे नहीं बढ़ पाओगे गुड लक !"

शादी का दिन बहुत व्यस्त रहा . बारात की तयारी मेहमानो का स्वागत फिर बारात , और दुल्हन पक्ष के द्वारा बारात का स्वागत और फिर शादी समारोह, बारात का स्वागत और शादी समारोह दोनों एक रिसेप्शन हॉल में आयोजित किए जा रहे थे, जिसकी व्यवस्था मैंने अपनी कंपनी के माध्यम से की थी। विवाह समारोह शाम 5 बजे शुरू होना था।

दोपहर
को मैं नहा कर तैयार हो गया । मॉम ने मैचिंग दुपट्टे के साथहरे रंग का एक सुंदर रेशमी लहंगा चोली पहना और साथ में आभूषण पहने जिनमे वो दीप्तिमान लग रही थी। अन्य महिलाओं ने भी सुंदर रेशमी वस्त्र और आभूषण पहने ।

मैं कुलगुरु जी से मिला, उन्होंने मुझे कुछ अनुष्ठानों और उनके महत्व के बारे में बताया और कहा कि उन्हें समय पर किया जाना चाहिए। शाम 3 बजे मेहमानों का आना शुरू हुआ और फिर हमारे कुलगुरु द्वारा कुछ अनुष्ठान किए गए और फिर मुझे घोड़ों द्वारा संचालित रथ की सवारी के लिए बोला गया और बारात का नेतृत्व संगीतकारों के एक बैंड ने किया और फिर बारात 4 बजे विवाह स्थल के लिए निकली और मेरे दोस्तो , मेरे चचेरे और फूफेरे भाईयो और रिश्तेदार सभी नाच रहे थे। मेरी सकहिव ने मेरे माता पिता को बीच रास्ते में सूचित किया की विवाह स्थल पर सभी कुछ व्यवस्थित है ।

शाम के समय मोना और टीना फिर से हेमा औअर रीती के साथ ज्योत्स्ना के पास गयी और उसने फेशियल, मसाज और पेडिक्टीयर, मॅनिक्यूवर सब करवाया फिर उन्होंने उसकी चूत को दो बार वीट लगा कर बिलकुल मक्खन चूत बना दिया और पूरे बदन की फिर से मालिश करके और उबटन लगा कर उसे शावर चला कर जिस्म मसल मसल कर नहलाया और उसके बाद एक बारी फिर उसके बदन की क्रीम से मालिश की जिससे उसका पूरा बदन बिलकुल चिकना हो गया।

ज्योत्स्ना के भाई ने उसके लिए एक लड़की फिटनेस ट्रेनर को लगा दिया जो बहूत ही सख़्त रेजीम से उसने खजूर, दूध और ना जाने क्या क्या खिलाने को कहा और इसके कारण कुछ ही दिनों में .जिम और उसकी मम्मी के प्रयासों का नतीजा ये निकला कि कमर तो ज्योत्स्ना की और पतली हो गयी पर जो भी वजन बढ़ा वो उसके उभारों पर, सीने और हिप्स दोनो जगह बढ़ा . इस लिए जो ड्रेसस फिट थी अब टाइट फिट हो गयी. चोली की फिटिंग करते समय टीना ने कॉंप्लिमेंट किया तो मेने पूछा क्या थोड़ी ढीली करें तो पास मे खड़ी भाभी की सहेली बोली नही और टाइट, और वास्तव मे ड्रेसर ने और टाइट कर दिया. शीशे मे मुझे दिखाती बोली, देखिये राजकुमारी कितना पर्फेक्ट क्लीवेज नज़र आ रहा है. उसके दोनो उभार खूब उभर के सामने आ रहे थे. फिर ज्योत्स्ना की मम्मी को एक कुंदन के काम का बस्टियर, कॉरसेट दिखाया. बहोत प्यारा था और जो राजकुमारी पर बहुत बढ़िया लगा ।

राजकुमारी की मम्मी ने कहा एकदम बढ़िया . पर मोना को लगा की राजकुमारी इसमें फिट नहीं हो सकेगी वो टॉप नीचे से एकदम पतला था . टीना ने कहा ये मेरा काम है, आप चिंता मत करो. और फिर उसने ब्रा भी उतरवा दी, और राजकुमारी को खूब गहरी साँस लेने को कहा, उसके बाद भी वो बंद नही हो पा रहा था. लेकिन फिर उसने एक एक कर के उसने सारे बंद बंद कर दिए. राजकुमारी बोली मे अगर साँस लूँगी तो ये फट जाएगा. मोना बोली, मुझे नही लग रहा था कि ये अंदर घुस पाएगी लेकिन आ गयी . भाभी की सहेली बोली, अर्रे ऐसे ही होता है. लगता है ज़रा भी नही घुस पायेगा, पर देखते देखते पूरा घुस जाता है. मम्मी सहित सब लोग समझ के कस के मुस्कराने लगे. लेकिन जब राजकुमारी ने नीचे देखा तो उसे उसकी कमर बहुत पतली लग रही थी पर उसके उभार, एकदम छलक के बाहर आ रहे थे. लहंगे के साथ टॉप बिलकुल मैचिंग था ।



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जब बारात कार्यक्रम स्थल के गेट के पास पहुंची तो मेरे माता-पिता मेरे पास आ गए और मैंने ज्योत्सना को अपने परिवार के साथ आते हुए देखा और उसकी कार जल्दी से अंदर गई कि मुझे उसकी एक झलक ही दिखाई दी। उसकी माँ ने मेरी माँ की तरह ही कपड़े पहने हुए थे।

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संगीतकारों का एक छोटा बैंड कार्यक्रम स्थल के द्वार पर हमारा स्वागत कर रहा था , और उन्होंने शहनाईयां बजाना शुरू कर दिया, । औपचारिक शादी समारोह के लिए मेरे ससुराल वालों ने मेहमानों को गुदगुदाने, चिढ़ाने के लिए सुगंधित स्प्रे और फूलो के के साथ बारात का स्वागत किया।

कुछ देर बाद ज्योत्स्ना के रिश्ते में एक भाभी मेरा स्वागत करने आयी और जब वो मेरे पास आयी तो मेरी नजरे उसके स्तनों और स्तनों की बीच की घाटी पर टिक गयी . जिससे मेरा लंड कड़ा हो गया जिसे उस भाभी ने देख लिया और धीरे से मेरे कानो में मजाक करते हुए बोली राजकुमार जी आज पहले गोल पहाड़ो पर विजय प्राप्त कर लो फिर इन पर्वतो को भी जीत लेना ।

कुछ समय बाद ज्योत्सना मेरी तरफ आगे बढ़ी, और मैंने उस दिन पहली बार देखा: वह एक अतिसुंदर अप्सरा की तरह लग रही थी। उसने गुलाबी लहंगा और लंबी चोली पहनी हुई थी जिसमें जटिल कढ़ाई के काम के साथ चांदी की एम्ब्रायडरी और हीरे की तरह झिलमिलाते पत्थर लगे हुए थे। उसका सिर गुलाबी, क्रेप के दुपट्टे से ढका हुआ था, जिससे उसका गोरा चेहरा भी उसके जैसा गुलाबी लग रहा था और उसके हाथऔर पैरो मेहँदी से रंगे हुए थे और उसने सुनहरी सैंडल पहने हुए थे ।



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दुपट्टे के बीच में से मैंने उसके गुलाबी रंग का मुस्कुराता हुआ चेहरा और माथे पर पहनी हुई माथा पाती को देखा जो हीरे की एक स्ट्रिंग की तरह लग रहा था, उसके सिर के केंद्र से एक माणिक लटका हुआ था । उसके कानो में झुमके थे जो प्रत्येक कान पर एक केंद्र माणिक के साथ हीरे की चूड़ी की तरह दिखते थे। और फिर उसके नाक में नाथ पहनी हुई थी . उसने गले में हार भी पहना हुआ था जिसमें बड़े हीरे के हुप्स थे, जिसमें हीरे के स्ट्रिंगर अलग-अलग लंबाई में सामने लटके हुए थे, जिससे प्रत्येक स्ट्रिंगर के अंत में एक माणिक के साथ उसकी छाती के केंद्र में "V" बना हुआ था । उसकी कलाइयों को चांदी और गहनों के चूड़ियों के कंगन से सजाया गया था।

उसने मुझे वरमाला पहनाई और मैंने उसे वरमाला पहना दी उसके बाद शादी की बाकी रस्मे हुई और जब पुरोहित जी ने 8 बजे घोषणा की विवाह पूरा हुआ तो मैंने और ज्योत्स्ना ने सब बड़ो का आशीर्वाद लिया ।

जारी रहेगी

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-4

दुल्हन की बिदाई

PART 9



शादी करने वाली पुरोहित जी बोले आप दोनों ने एक दूसरे को अपनी आजीवन प्रतिबद्धता प्रेम की ओर अग्रसर किया है, अब मैं आपको पति-पत्नी घोषित करता हूं, उसी के साथ, सभी ने ताली बजाई और हम पर फूलो की बारिश की और सबने हमे बधाई दी ।



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मेरे फूफेरे भाई और बहनो ने जिद्द की की मैं अपनी दुल्हन को किश करून तो मैंने भी उसके कम में हाथ डाल के उसे थोड़ा पीछे झुका कर किश किया .


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सभी मेहमानों को रात के खाने के लिए बैठाया गया और ज्योत्सना के परिवार की महिलाये तुरंत हम दोनों को घर में ले गयी ।

फिर वो मेरे से बोली चूड़ीदार और सुनेहरी शेरवानी मे आप बहुत ही हैडसम लग रहे हो और मैंने कहा की गुलाबी के लहँगे मे आप भी बहुत हसीन लग रही हो इसके लहंगे में जो सोने की तारों का काम था वो मेरी शेरवानी से मैंच कर रहा था.

हमारी माँओ ने बहुत ही खूबसूरती से और कुशलता से भोजन की योजना बनाई थी, हमने उस भव्य भोजन का आनद लिया ।

कुलगुरु ने मुझे बोला था शादी की रस्मे आज ही पूरी होनी है और दादा गुरु के आदेश के अनुसार दुल्हन को हमने उसी रात अपने घर ले जाना था और परम्परा अनुसार दुल्हन की सास को उसके लिए उसका स्वागत करते हुए घर का दरवाजा खोलना चाहिए, और नए जीवन की शुरुआत करने के लिए दरवाजे से गुजरते समय दुल्हन को अन्न लुढ़कना होता है और दूल्हे की माँ को पानी का लौटा उसके सिर पर फिराना होता है। वैसे तो घर सूरत या फिर पंजाब में पटिआला में था परन्तु गुरुदेव के आदेश के अनुसार खमे कुछ रस्मे आज रात ही पूरी करनी थी इस कारण विवाह स्थल से कुछ दूर ही हमारा लोकल घर का चयन किया गया जो की वास्तव में पिताजी के मित्र का घर था जो की ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर था । माँ हमारे सामने कार में बैठी, और हमारा स्वागत करने के लिए अन्य महिलाओ के साथ घर चली गई।

मेरी फूफेरी बहने कुछ ज़्यादा ही चहक रही थी , इसलिए की ज्योत्स्ना की सहेलियों और मेरी सालियो का जूता चुराने का प्रोग्राम फेल हो गया था. जेन ने खुद मेरे जूते उतारे थे और अपने लहंगे मे छिपा के, सब लोगों को चिढ़ाते हुए, दिखा के बैठ गयी थी . विजया जो की ज्योत्स्ना की चहेरी बहन है ने मेरे साले राजकुमार महीपनाथ को उसके पास पानी भेजा और जब वो जेन के पास पहुँचा तो उसके लाख प्रयत्न करने पे भी उसने पानी थामने की कोशिश नही की. इस फेर में पानी जेन पर गिर गया. और जेन चिहुकी और कड़ी हुई और ज्योत्स्ना की चचेरी बहन विजया और उसकी सहेलिया पहले से ही तैयार थी.वो तुरंत एक जूता ले के गायब हो गई.

लड़किया जूतों का नेग मांगने लगी पर मेरे फूफेरे भाई बोल रहे थे चुराया नहीं धोखे से लिए हैं पर विजया बहुत चालाक थी उसने जूतों के वाद विवाद के बीच चुपके से मेरा मोबाइल भी उठा लिया था और जब मैंने देखा मेरा मोबाइल गायब है और विजया ने मचलते हुए उसे दिखाया तो मैंने कहा कि जूते का तो साली का नेग होता ही है, और उन्होने कैसे लिया इससे कोई फ़र्क थोड़े ही पढ़ता है, और 10000 रूपये निकाल के विजया को पकड़ा दिए और साथ में कुछ चांदी के छल्ले भी पकड़ा दिए . एक साथ ही सारी लड़कियाँ, दुल्हन की बहनें सहेलिया, भाभीया, खुश हो गयी और बोलने ;लगी , वाह विजया कमाल कर दिया तुमने !

फिर मुझे एक आसन पर बैठने को कहा गया मैंने बैठने से पहले झुक के उस पे रखा कुशन हटाया.

उसके नीचे ढेर सारे पापड रखे थे. उन्हें हटा के मैं वहां बैठ गया . सब लोगो ने चुप चाप प्रशंसा भर निगाह से मुझे देखा अगर माने ऐसे ही बैठ जाता और पापड टूट कर आवाज करते तो सबको मज़ाक का एक मौका मिलता. फिर मुझे गाना सुनाने को कहा गया तो मैंने रफ़ी साहब का गाना एहसान तेरा होगा मुझपर सुना दिया और भाभी ने नेग दिया

उसके बाद ज्योत्स्ना की भाभियों ने मुझसे कुल देवी के आगे सिर झुकानेको कहा. एक मूर्ति सी पर्दे के अंदर रखी गई थी. उन्होने कहा कि नही पहले आप पूजा करो फिर मैं करूंगा .

पहले ज्योत्स्ना ने सर झुका दिया तो मैंने भी सर झुका दिया . भाभी ने कपड़ा उठाया तो वो वास्तव मे कुल देवी की मूर्ति थी.

उसके बाद एक और मूर्ति थी तो ज्योत्स्ना ने सर झुका दिया और मैंने अपनी अंगूठी का प्रयोग कर भाबही का मन पढ़ा तो मुझे खतरा का आभास हुआ और मैंने सर नहीं झुकाया ा और जब पर्दा हटाया गया तो वहां ज्योत्स्ना की मूर्ति थी मैंने झट से सर झुका कर कहा मुझे इनकी ठीक से पूजा कर लेने दीजिये अब ये ही मेरी इष्ट देवी है.

फिर कुछ और रस्मे हुई और हसि मजाक चलता रहा और बिदाई का समय हो गया और आख़िरी रस्म थी, गुड दही खिलाने की. विजया ने ज्योत्स्ना का हाथ पकड़ के मुझे दही गुड खिलवाया, साथ ही साथ अच्छी तरह मेरे गाल पे लपेट दिया. और मैं बोला जेन चाट के साफ कर दे और जेन मजे से सब चाट गयी .

जब मैंने अपने हाथ से ज्योत्स्ना को दही गुड खिलाया, तो ज्योत्स्ना ने कस के काटने मे कोई कसर नही छोड़ी.

हम फिर खड़े हो गए, और ज्योत्सना के पिता ने ज्योत्सना का हाथ लिया और मेरे हाथ में रख दिया, और कहा, "बेटा, वह मेरी जान है, उसकी अच्छी देखभाल करना ।"

मैंने जवाब दिया, "मैं वादा करता हूँ पापा।"

विदाई के समय पूरा माहौल बदल गया था. अपनी माँ महारानी चित्रां देवी से मिलते समय ज्योत्स्ना की आँखे भर आई .किसी तरह मैं आँसू रोक पाई, लेकिन भाभी और विजया से गले मिलते समय, सारे बाँध टूट गये. मैं मौहौल हलका करने के लिए बोला

"अगर गले मिल रोने का रिवाज है तो मैं भी रोना चाहूँगा. "पल भर मे माहौल बदल गया और सब मुस्कुराने लगे और ज्योत्स्ना की रत्नावली भाभी ने हंस कर कहा एकदम. जैसे ही वो आगे बढ़ी, मैंने भाभी को कस के गले लगा लिया, और भाभी ने भी वो मौका नहीं छोड़ा

दौड़ने तरफ के सभी मेहमान हमारे पीछे-पीछे कार तक गए, हमारा उत्साहवर्धन करते हुए क्योंकि हम अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करने जा रहे थे . मैंने लिमो का दरवाज़ा खोला और ज्योत्सना को अंदर बैठा दिया और उसका भव्य लेहंगा पिछली सीट पर फ़ैल गया, फिर मैं दूसरी तरफ गया और अंदर उसे साथ बैठ गया । उसने अपना घूंघट उठा लिया, और मैंने पहली बार अपनी नई दुल्हन का चेहरा देखा। हमने एक-दूसरे को देखा और मुस्कुराए, लेकिन ज्योत्सना उदास लग रही थी ।


मेने देखा कि आगे एक और कार मे, पिछली सीट पे जेन बैठी और अगली सीट पर ज्योत्स्ना की सखी अनुपमा बैठी हुई थी तब तक महिप ज्योत्स्ना के पास पानी का गिलास ले आया. और वो जैसे ही पीने लगी, महिप ने धीरे से अपनी बहन से कहा, बस थोडा सा पीना. मेने कनेखियो से देखा और विजय आ कर अगली सीट पर बैठ गयी उसने वो ग्लास विजया के हवाले कर दिया. विजया ने मुस्करा कर वो ग्लास 'मुझे दिया. साली कुछ दे और मैं मना कर दू मैंने पूरा ग्लास गटक लिया.

कार धीरे धीरे चलने लगी और बाकी सब बारातियो ने भी ज्योत्स्ना के घर वालो से बिदा ली और हमारे साथ में विजया अगली सीट पर बैठ गयी ड्राइवर की सीट पर मेरी प्रमुख अंगरक्षक मरीना था और उसके पीछे मेरे अंगरक्षकों की गाडी थी और धीरे धीरे काफिला कामरूप के हमारे लोकल ठिकाने की तरफ बढ़ चला .

जैसे ही गाडी गेट से आहर निकली मैंने ज्योत्स्ना आँखों में देखा, वे मुस्कुरा दी लेकिन एक आंसू उसके गाल पर लुढ़क गया। फिर उसने बिना एक शब्द कहे नीचे की ओर देखा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी ठुड्डी के नीचे रखा और उसका चेहरा उठा लिया। और पुछा क्या बात है मेरी दुल्हन राजकुमारी आप क्यों उदास हो ? क्या तुम ठीक हो?

वह अपनी अंगूठियों के साथ खेल रही थी, उन्हें अपनी मेंहदी से रंगी हुई उंगलियों से घुमा रही थी और बोली सब कुछ बदल गया अब मैं शादीशुदा हूँ ! मैं वास्तव में शादीशुदा हूँ और आपकी पत्नी हूँ ।"
"हाँ जानेमन, हम सच में शादीशुदा हैं।?" मैंने धीरे से कहा ।

वो बोली लेकिन अब मैं अपनी मम्मी पापा से दूर हो रही हूँ और अब मेरे बिस्तर कमरे सब बदल जाएंगे !

"क्या आप चाहती हो ? क्या आपको लगता है कि आपने कोई गलती की है; क्या आपको डर है कि अभी आपको शादी नहीं करनी चाहिए थी ?"

नहीं ये तो मेरा बेस्ट निर्णय था . मुझे पता है आप मुझसे कितना प्यार करते हो ? पर मैं सबको मिस करुँगी .

'जानेमन हर चीज का एक समय और मौसम होता है: रोने का समय, हंसने का समय, प्यार करने का समय और शादी करने का समय।' अब हमारा समय है चलो हम एक साथ मिलकर एक नया जीवन शुरू करते हैं ."

वो बोली मैंने अपना प्यार, अपना जीवन, अपना शरीर और वह सब कुछ जो मैं हूँ सब तुम्हारे लिए समर्पित किया है ! मैं तुम्हें अपने पति मान कर प्यार करती हूँ, और मैं तुम्हारे लिए ही जियूँगी और तुम्हारे लिए मरूँगी . यह सिर्फ इतना है कि मुझे एहसास है कि आपकी पत्नी के रूप में आपके साथ मेरा नया जीवन शुरू करने के लिए , मुझे अपने पिछले जीवन का एक दरवाजा बंद करना चाहिए और अपने बचपन और परिवार को पीछे छोड़ देना चाहिए। कृपया मुझसे नाराज़ मत होंना , या मुझे एक मूर्ख लड़की समझ माफ़ कर देना ।"

उसके दुःख को कम करने की कोशिश करते हुए, मैं धीरे से हँसा और कहा, "लेकिन मेरी प्रिय, मेरे लिए तुम चाहे जैसी भी हो मेरी प्यारी और मेरी प्रियतमा हो , मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ, न ही मैं तुमसे निराश हूँ। मैं केवल तुम्हें चाहता हूँ और चाहता हूँ तुम हमेशा खुश रहो हम दोनों खुशी और आशा के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत करे ।

हमारे दिल में कुछ चीजें होती हैं जो हमने अपने माता-पिता को भी नहीं बताते, लेकिन अब हम दोनों जीवन साथी हैं, अब हम दोनों एक हो गए हैं और जब हम में से एक को दुख होता है या दुख होता है, तो दूसरा इसे महसूस करता है, और जब हम में से एक खुश और हर्षित होता है, तो दूसरा भी इसे साझा करता है। हमारे जीवन में हमेशा ऐसे दरवाजे होंगे जिन्हें हम, और केवल हम, एक दूसरे की मदद से खोलना या बंद करना चुन सकते हैं। आप और मैं आज उनमें से एक बिंदु पर पहुंचे हैं । जिस क्षण मैंने पहली बार तुम्हारी आँखों में देखा, मैंने उस पिछले दरवाजे को खुशी के साथ बंद कर दिया था , जिसका आप सामना अब कर रही हो ।

अपने दिल में देखो प्रिय, हमारे साथ हमारे माता पिता और गुरुओ का आशीर्वाद हैं और आपने मुझे और हमारे परिवारों के लिए घोषित प्रतिज्ञाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है और परिवार के दायित्व को आपने आपभी से निभाना भी शुरू कर दिया है । अगर हमारा प्यार सच्चा है, तो हमारे बीच में हमेशा प्यार और आनंद रहेगा , और मुझे लगता है की अगर आप फिर से अपने दिल में गहराई से देखें, तो आप वो वो दरवाजा पहले ही बंद कर चुकी हैं।"


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मैं नीचे झुक गया और उसके कांपते होंठों को चूमा। यह एक प्रेमपूर्ण और पवित्र, मीठा चुंबन था। फिर प्रिया मेरी गोद में रेंग गयी अपनी बाहें मेरे चारों ओर रख दीं और अपना छोटा सा मुँहमेरे ओंठो पर दबा दिया। फिर उसके होंठ अलग हो गए, और मैंने महसूस किया कि उसकी जीभ मेरे होंठों को दबा रही है। जब मैंने अपने होठों को अलग किया, तो उसका भी मुँह खुल गया और मैंने उस अमृत का स्वाद चखा जिसकी मुझे बहुत इच्छा थी। उसने भी पवित्रता और मासूमियत के मीठे, मीठे स्वाद की तरह चखा ... और हाँ, यौवन के जोश की मिठास का आनंद लिया ।

मेरा लंड अब जग रहा था और सीधा हो गया और मैंने धीरे से उसे अपने पास खींच लिया। जब मैंने उसकी जीभ अपनी जीभ के नीचे दबाई, तो उसने एक नरम कराह दी और काँप उठी। उसने हल्के से चुंबन को तोड़ा, और फिर से आगे की ओर दबाते हुए अपनी छोटी सी जीभ को मेरे दांतों पर घुमाते हुए खींच लिया। उसका चेहरा गर्म था और उसके गाल लाल हो गए थे, उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया और धीरे से कहा, "आई लव यू जानू, मैं तुम्हारी हूँ, लेकिन कृपया धैर्य रखें, बस थोड़ी देर प्रतीक्षा करें। मैंने एक दरवाजा बंद कर दिया है। , लेकिन अब हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए। अगले दरवाजे के अंदर हम एक साथ प्रवेश करेंगे जो आपकी माँ द्वारा खोला जाएगा। कृपया, उस समय आप मुझे पकडे रखना और मेरा साथ देना क्योंकि मई अब एक नए परिवेश में जा रही हूँ और मुझे हर कदम पर आपकी मदद चाहिए होगी .

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह


CHAPTER-4

दुल्हन का सोलह श्रृंगार

PART 10

वो मुझसे बोली आप बिदाई के समय मेरी रत्नावली भाभी से क्या कह रहे थे ?

अरे वो तो मजाक था सब रो रहे थे मैंने सोचा थोड़ा मूड हल्का कर दू इसलिए जब भाभी गले लगी तो कह दिया था देखो प्लीज रोना नहीं, तुम रो कर गले लगोगी … और फिर मुझसे कण्ट्रोल नहीं होगा.

ज्योत्स्ना ने मुझे प्यार से कंधे पर मारा और बोली- बस मौका मिला नहीं कि फ़्लर्ट चालू .

मैंने कहा- अरे फ़्लर्ट क्या … इतनी सुन्दर सलहज अगर इतना करीब आकर गले से लगा ले, तो क्या मन नहीं बहकेगा!

उसने कहा- कुछ भी न …क्या मैं सुन्दर नहीं, हूँ जो कोई दूसरी ऐसे कोई थोड़ा पास आयी कि बहक जाओ …

अरे वो कोई थोड़ा है मैंने ाबत संभालते हुए कहा और मेरा मतलब था आप रोयेंगी तो मैं भी रोने लगूंगा आपकी भाभी और मेरी सलहज है और सलहज और नन्दोई का तो रिश्ता ही प्यार भरा होता है आप जानती हो मैं आपको शब्दों से परे प्यार करता हूँ , लेकिन और भी बहुत कुछ था जिसके इशारा मेरा लंड कर रहा था । मैंने ज्योत्सना को पकड़ लिया, घर की सवारी के शेष समय के लिए उसके बालों और गालों को सहलाया। फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मेरे अचानक ऐसे हमले के लिए शायद वो तैयार नहीं थी.



जब तक वो समझ पाती, मैंने उससे बांहों में भर लिया था. उसकी चूचियां मेरे सीने से ऐसे सट गई थी कि जैसे उसके दोनों चुच्चे मुझमें समा जाएंगे. मेरे हाथ उसकी कमर और पीठ पर चिपके थे. और मेरी जीभ उसके मुँह में एक बार फिर घूम कर मजा ले चुकी थी और मैं अब अनुभवी खिलाड़ी की तरह उसके होंठों को चूस रहा था. और मेरे हाथ उसकी उत्तेजना को बढ़ाने की कोशिश में लगे थे.


दुल्हन को रखने के लाइसेंस के साथ और उसकी मासूमियत को लूटने के इरादे के साथ लैस , मुझे अब उसे पाने की ज़रुरत महसूस हो रही थी । मैं सोच रहा टघा की मैं उसे चाहता हूं। मुझे उसकी बहुत सख्त जरूरत है, और जल्द ही, मैं उसे पा लूंगा।

मैंने अपने हाथ से घूँघट थोड़ा सरका के ज्योत्स्ना का सर अपने कंधे पे कर लिया. हलके से उसके कान मे बोलै थोड़ा मैं रिलेक्स कर को घर पर पहुँच के फिर सारी रस्मे चालू हो जाएँगी . दिन भर की थकान, कुछ साथ की गरमी और कुछ कंधे का सहारा,तो ज्योत्स्ना थोड़ी देर मे ही पूरी तरह नीद मे तो नही तंद्रा मे खो गयी . कुछ देर बाद हमारी कार थोड़ा धीमी हो गयी और जैसे ही कार उस रोड पर आयी जिससपे हमारे घर था मैंने उसे हिलाया और कहा , बस हम लोग पहुँचने वाले है तुम थोड़ा पानी पी लो और फ्रेश हो जाओ. , ज्योत्स्ना सीधी हो कर अपनी सीट पर बैठ गईं और उसने अपना लहंगा चोली और चुनरी सीधी कर ली । एक वेट टिश्यू पर्स से निकाल कर मुझे दिया मैंने अपना मुँह पुछा और उसने दुसरे टिश्यू से अपना मुह साफ़ किया और वह मेरी ओर मुड़ी, और उसकी गर्म, मुस्कान लौट आई। वह मुस्कुरायी , और फिर से मेरे ओंठो पर एक त्वरित चुंबन दिया, और मेरी जीभ को धीरे से काटकर समाप्त किया। उसने फिर कहा, "आई लव यू, मेरे प्यारे दीपक कुमार!"

मैंने उत्तर दिया, "एंड आई लव यू, मेरी राजकुमारी ज्योत्सना कुमार!" आखिरकार! वो सुन कर फिर से शर्मा गयी और उसके गाल गुलाबी हुए फिर लाल हो गए !'

जैसे ही हमारी गाडी घर के दरवाजे पर पहुंची तो माँ ने दरवाजा खोला, और गेट पर हाथ में पानी का लौटा लेकर खड़ी हो गई। गाडी के रुकने पर मैं कार से बाहर निकला और अपनी नई नवेली दुल्हन को घर में लाने के लिए दरवाजा खोला।

प्रिया ने मेरा हाथ थाम लिया और कार से बाहर निकली और पहले मुझे देख फिर मान को देख मुस्कुराई। हम पोर्च में हाथ में हाथ डाले कुछ कदम चले, वो चिल्ला पड़ी जब मैंने उसे अपनी बाहों में ऊपर उठाया और तभी मेरे फूफेरे भाई बॉब और जेन ने कहा , "यह दुल्हन को दहलीज तक ले जाने का एक पश्चिमी रिवाज है।"

"यह अच्छा है," वो मेरे कान में बोली , "जानू आप मुझे कभी भी उठा कर ले जा सकते हैं!"

मैं द्वार की ओर बढ़ा, और माँ ने हमे गेट पर रोका हम सब हंस रहे थे जब मैंने ज्योत्सना को उनके पैरों पर खड़ा किया और फिर माँ और ताई जी ने कुछ रस्मे पूरी की . माँ हटी तो बहने आ गयी और बोली भाई नेग दो तभी दुल्हन अंदर ला सकते हो .. मैंने उन्हें भी १००००/- का नेग दिया और फिर हम आगे बढ़े। माँ ने ज्योत्सना के गाल पर किस किया और कहा, "ज्योत्सना आपके नए घर में आपका स्वागत है और एक नई जिंदगी आपका इन्तजार कर रही है !"

गेट पर इस छोटे से अनुष्ठान के बाद हम लिविंग रूम में चले गए। माँ ने कुछ चाय बनाई थी, और हमने चाय पी . रिश्तेदार, कजिन , औरते, बहने ताई जी मौसिया मुझे मुबारक दे रहे थी की मेरी दुल्हन ज्योत्स्ना बहुत खूबसूरत है ।

और उस के बाद ढेर सारी रस्मे, गाने लेकिन मेरी बड़ी भाभी ऐश्वर्या और ताई जी ने एक के बाद एक सारी रस्मे जल्द ही करवा दी. उसके बाद कंगन खोलने की रसम थी और भाभियो ने मुझे खूब चिड़ाया (उसी समय मुझे पता चला कि कंगन और उसके खोलने का क्या 'मतलब' है कि उसके बिना रात को दूल्हा, दुल्हन का मेल नही हो सकता.) तब ताई जी बोली गुरूजी का आदेश है कंगना आज ही खुलेगा.

जब सारी रस्मे ख़तम हो गयी तो जूही एक कमर्रे मे ले गयी और बोली कि अभी 10 बज रहे हैं तुम थोड़ी देर आराम कर लो ब्यूटी पारलर वाली आ रही होगी .




जेन . अनुपमा और विजया ने मेरी प्रियतमा दुल्हन ज्योत्सना का सोलह श्रृंगार की पूरी तयारी की हुई थी मोना टीना हेमा और रीती आयी और सब लड़कियो ने साथ साथ ज्योत्स्ना का सोलह श्रृंगार करना करना शुरू कर दिया.

सबसे पहले पूरे बदन पे मसाज और हल्के से चंदन और गुलाब का लेप किया . फिर फेशियल इत्यादि सब करवाया फिर उन्होंने उसकी चूत को वीट लगा कर बिलकुल मक्खन चूत बना दिया और पूरे बदन की फिर से मालिश करके और उबटन लगा कर एक टब मे नहलाया जिसमे गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़िया और ना जाने क्या क्या पड़ा था. उसने उसका जिस्म मसल मसल कर नहलाया और उसके बाद एक बारी फिर उसके बदन की क्रीम से मालिश की जिससे उसका पूरा बदन बिलकुल चिकना हो गया। फिर पूरे बदन पर ख़ास इत्र मला . -(1)


फिर मेहँदी – जब तक हथेली पर पिया के नाम की मेंहदी न लगे, तब तक दुल्हन का रंग फीका ही रहता है. और मेंहदी का रंग जितना गहरा हो, उतना ही प्रेम को दर्शाता है. इसके लिए चाय पत्ती का पानी, लौंग का धुंआ, तेल वगैरह का भी प्रयोग होता है. पिया के प्रेम का प्रतीक जो है, वो है रंगत भरी मेंहदी। मेकअप करने वाली लड़किया बदन पर सुंदर मेहँदी देख कर चकित थी उन्होंने हाथो पैरो और बदन पर लगी मेहंदी को उन्होंने रेफ्रेश कर दिया था जिससे मेहदी की हल्की सी महक भी आ रही थी. -(2)

अब बारी थी परिधान की इस खासमौके के लिए परिधान भी ख़ास था लहंगा चोली जो सुहागरात को खास बनाने का काम करनेवाला था ख़ास तौर पर बनवाया गया था . उसका टॉप नीचे से एकदम पतला था . फिर टीना ने ज्योत्स्ना को खूब गहरी साँस लेने को कहा, और फिर उसने एक एक कर के उसने डोरिया बाँध दी . राजकुमारी की कमर बहुत पतली लग रही थी पर उसके उभार, एकदम छलक के बाहर आ रहे थे. लहंगे के साथ टॉप बिलकुल मैचिंग था । . हल्की सी बहुत पतली स्ट्राप लेस्स पुश अप पिंक ब्रा थी जो उभारो को और उभार रही थी. ुर उसकी पतली लंबी गर्दन के नीचे, डोरियों से बंधी हुई टाइट चोली, जो उसके लिए मोना और टीना से खास तौर से बनवाई थी. कुछ ज़्यादा ही लो कट थी , और सिर्फ़ एक डोरी से पीठ पे बँधी. लेकिन थी बड़ी सुंदर, हल्की, गुलाबी जिसपे बहुत सारा एमरॉइडरी का चमकदार काम था , और उन्ही के शेप के साथ बीच मे सन्करि दरार में दो अध खिले, कमल के फूल जिसमे उरोज. समा नहीं रहे थे . .लहँगे के अंदर एक खूब पतली सी मॅचिंग गुलाबी लेसी थान्ग सी पैंटी पहनाई , बस मुश्किल से दो अंगुल आगे से चौड़ी और पीछे तो एक पतली सी पट्टी, जो शरारत मे पार्लर वालीयो ने मेरे पीछे की दरारो के बीच सेट कर दी थी. और इसमे एक खास बात ये भी थी कि इसमे एक छोटा सा गोल्डन हुक भी लगा था, और उसी से वो पेंटी खुलती थी और फिर लहंगा भी 36 कली का गुलाबी, जिसपे चाँदी और सोने का भारी काम किया हुआ था , और इतने नीचा कि बस किसी तरह कुल्हो के सहारे टिका था. कमर तो ज्योत्स्ना की पतली थी ही चोली की फिटिंग करते समय टीना और टाइट कर दी जिससे पूरा क्लीवेज नज़र आ रहा है. और उसके दोनो उभार खूब उभर के सामने आ रहे थे. -(3)





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फिर हेमा और मोना ने बालो में गजरा सजा दिया – और गजरे ने काले, घने और लंबे बालो की सुंदरता को कई गुना बढ़ा दिया . हेमा बोली राजकुमारी जी आपके पिया का दिल जीतने के लिए काले बालों पर यह गजरा काफी है. आप जब भी जूड़ा बनाएं, चोटी बनाएं या फिर बालों को खुला रखें, गजरे से शोभा बढ़ाना न भूलें।-(4)

उसके बाद

अब मेकअप शुरू हुआ टीना ने सबसे पहले आँखों में काजल लगाया और कजरारे नैनों का जादू जब पिया पर चल जाए, फिर मोहब्बत से भला कौन रोक पाएगा. आंखों से ही मन के भावों की अभिव्यक्ति होती है. और भावों की अभिव्यक्ति जितने सुंदर तरीके से दी जाए उतना ही प्रेम बढ़ता है. तो कजरारे नैनों से प्रेम का जादू बिखेरना शुरू कर दिया । कुछ लटो को खुला छोड़ दिया जो गालो को छेड़ती हुई सहला रही थी . और खूब घनी कतर सी तिरछी भौहे, सपनिलि बड़ी आँखो मे हल्की सी काजल की रेखा, पलको पे हल्का सा मास्कारा, प्यारी सी आइ लॅशस, -(5)

फिर चेहरे पर श्रृंगार करते हुए फिर हल्के गुलाबी रूज से हाइ चीक बोन्स, नेतुरल गुलाबी होंठो पे हल्की सी वेट लुक वाली गुलाबी लिपस्टिक जो उसके पंखुड़ी जैसे होंठो को और रसीला बना रही थी. ओंठो के ठीक ऊपर दायी और जो ब्यूटी स्पॉट तिल था उन्होने उसे और गाढ़ा कर दिया था. और जब पतली लंबी गर्दन के नीचे और फिर उन्होंने क्लीवेज पे भी पूरा मेकप किया था जिससे उसका रंग भी बाकी मेकप की तरह ही हो जाय और उसे थोड़ा सा और डार्क कर दिया जिससे क्लीवेज की गहराई और खुल के और उसके कारण उरोजो के उभार और भी उभरे हुए नजर आने लगे . (6)

फिर माथे के बीचो बीच बिंदी लगाई और उसे सजाया . अनुपमा बोली बिंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा-सा लगता है. पिया के नाम की माथे पर चांद सी दमकती बिंदिया दुल्हन की आभा का निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. बिंदी पिया के करीब होने का एहसास दिलाती है। और सब हसने लगी . (7)

अब गहनों को बारी थी मांग सबसे पहले आराम दायक और सुंदर फूलो से बने गहने पहनाये फिर ।टीका ज्योत्सना के माथे पर सजा कर उसे दुल्हन का रूप दिया जो हीरे की एक स्ट्रिंग की तरह लग रहा था, उसके सिर के केंद्र से एक माणिक लटका हुआ था । . जिसने उस के मुखमंडल की शोभा को इतना बढ़ा दिया की सब की नजरे उस पर ही टिक गयी और फिर मांग में लाली लगाई – मांग में सिंदूर के बिना सुहागन के सभी श्रृंगार व्यर्थ हैं. रीती बोली राजकुमारी सुहागने अपने पिया की लंबी उम्र के लिए लंबा सिंदूर अपनी मांग में भरती हैं. इसलिए आप हररोज अपनी मांग में सिन्दूर जरूर भरना क्योंकि पिया के सौभाग्य रूप में धरती पर होने का संदेश है सिंदूर. सुहागरात का सिंदूर बेहद खास क्योंकि ये शादी के समय पहली बार मांग में भरा गया है . और फिर सबसे आखिर में दुल्हन के गले में सुंदर फूलो के हार डाल दिए . (8)


फिर विजया ने उसके हाथो मे पूरी कुहनी तक भर भर के गुलाबी, लाल चूड़िया, हाथी दाँत का चूड़ा और जडाउ कंगन पहनाये और उसकी कलाइयों को चांदी और गहनों के चूड़ियों के कंगन से सजाया गया और बाजूबंद भी पहना दिए और बोली चूड़ि‍यां – हाथों में चूड़ियों की खनक, न केवल पति-पत्नी के प्रेम की ओर संकेत करती हैं, बल्कि मन को प्रफुल्ल‍ित भी रखती हैं. बेशक जीजू को भी बेहद पसंद होगी आपकी चूड़ियों की यह खनक. तो जीजी फिर खूबसूरत, खनकती चूड़ियों को पहनने में कभी कोई कोताही नहीं रखिएगा। (9)

जूही भाभी ने कर्णफूल या झुमके पहनाये – आज के समय में इन्हें बोलचाल की भाषा में ईयरिंग्स कहा जाता है. पारंपरिक झुमके या फिर लटकन या सेट के साथ या परिधान से मिलते-जुलते कर्णफूल खूबसूरती को चार चांद लगा देते हैं । उसके कानो में झुमके थे जो प्रत्येक कान पर एक केंद्र माणिक के साथ हीरे की चूड़ी की तरह दिखते थे। (10)

फिर जूही ने गले में हार पहनाये सबसे बड़े हार में बड़े हीरे के हुप्स थे, जिसमें हीरे के स्ट्रिंगर अलग-अलग लंबाई में सामने लटके हुए थे, जिससे प्रत्येक स्ट्रिंगर के अंत में एक माणिक के साथ उसकी छाती के केंद्र में "V" बना हुआ था । फिर गले के श्रृंगार के लिए उसके गले में परिवार का हीरे मोती जड़ा पारंपरिक हार पहनाया . और , मोती और कुंदन जड़ित रानी हार भी पहना कर उसे दुल्हन रानी का रूप दे दिया जो उसके सौंदर्य को बढ़ा रहे थे . फिर उन सब के ऊपर मंगलसूत्र पहनाते हुए जूही बोली – पिया के नाम का मंगलसूत्र सोलह श्रृंगार का सबसे अहम हिस्सा है. मंगलसूत्र है तो नारी के लिए सारे साज-श्रृंगार हैं, (11)

फिर रीती ने उसके नाख़ूने पर नेल पोलिश लगाईं और अंगूठीया पहना ऊँगलीयो में सोना, चांदी, हीरा, मोती व कुंदन की अंगूठिया और हाथफूल पहना कर पहना कर हाथो का श्रृंगार किया . सोना, चांदी, हीरा, मोती व कुंदन की अंगूठियो और हाथफूल हाथों के सौंदर्य को खूब बढ़ा रही थी । (12)

फिर हेमा ने दुल्हन की कमर मे सोने के घुंघरू जड़े पतली सी रूपहली करधन बाँध दी और रीती ने गहरी नाभि पे ना सिर्फ़ उन्होने हल्का सा मेकप किया बल्कि वहाँ भी डिज़ाइन बना दिया . इस कमरबंद से उसकी कमर की खूबसूरती बढ़ गयी और वो बहुत सेक्सी दिखने लगी पतली कमर पर सोने के घुंघरू जड़ी करघनी बहुत जच रही थी । (13)



फिर हल्दी लगे पैरो पर थोड़ा महावर लगाया और सुहागन स्त्री का प्रतीक बिछिया पहनाई . दुल्हन के लहंगे से मिलती जुलती कुंदन, हीरा व मोती जड़े घुंघरु व चेन वाले सुंदर बिछिया से पैरों को सजाया तो पैरो की रौनक बहुत बढ़ गयी (14)


फिर मोटी पायजेब पहना दी जिसने , आपके पैरों की खूबसूरती को चार चाँद लगा दिए बल्कि पायजेब के घुंघरुओं की मीठी सी छनक दुल्हन का भी दिल दिल धड़काने लगी . (15)



सबसे अंत में , लंबी सुतवा नाक मे एक बड़ी सी नथ, जिसमे एक मोटी और दो छोटे छोटे घुंघरूवाली बड़ी सी नथनी, या नथ पहनाई जिससे चेहरे की रौनक बढ़ गयी . मांग टीका और नथनी ने मिलकर चेहरे की रौनक को इतना बढ़ा दिया की सब की नजरे वही जम गयी . (16)

कहानी जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह


CHAPTER-4

स्वर्ग की अप्सरा

PART 11


फिर ब्यूटी पारलर वालीयो ने बड़ी सी गुलाबी चुनर इस तरह ऊढा दिया कि ना सिर्फ़ उसकी देह अच्छी तरह से ढँक गयी बल्कि घूँघट भी बन गयी और थोड़ा सा क्लीवेज और चोली का उभार अभी भी दिख रहा था. फिर उन्होने चुनरी को लहँगे और चोली मे ठीक से सेट भी कर दीया .

मेकअप करने के लिए रोजी और रूबी की टीम मेरे को भी ले गयी और उन्होंने बसे पहले मेरी शेव की ऊपर और नीचे और बगले साफ़ कर दी फिर एक टब मे नहलाया जिसमे गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़िया और ना जाने क्या क्या पड़ा था. थोड़ी देर मे ही सारा टेन्षन, थकान काफूर हो गये. उसके बाद पूरे बदन पे मसाज और हल्के से चंदन और गुलाब का लेप. फिर फेशियल किया . और फिर क्रीम मल कर मेरे बदन को चिकना किया फिर मैंने अपना कुरता और पायजामा पहना .

मैं जब त्यार हो गया तो मैंने ज्योत्स्ना के कमरे के दरवाजे को ये जानने के लिए खटखटाया की क्या वो त्यार है तब रोजी अंदर चली गयी और सजी हुई और श्रृंगार करी हुई दुल्हन को देख कर देखती ही रह गयी और फिर छुड़ा मणि दी और बोली ये कुमार ने भेजी है . और मेकअप करने लड़कियों ने ने जल्दी से उसे भी पहना दिया और अब वो बिलकुल एक रानी लग रही थी . रोजी उसे देख कर बोली आज तो कुमार की बुरी हालत होने वाली है .

जब जूही भाभी बोली अगर ऐसे हुस्न की देख कर कुमार ने बेसब्री से जल्दी अंदर घुसा दिया तो दुल्हन की तो दुर्गति हो जाएगी थोड़ा तेल डाल दो . उसके बाद रीती और हेमा ने उसे कुर्सी पर बिठा कर लेहगंगे के अंदर घुस कर एक शीशी तेल की लेकर कुछ बूंदे योनि में डाल दी और उसे कुछ देर ऐसे ही बैठने को कहा .

फिर रोजी मेरे पास आयी और बोली कुमार दुल्हन को थोड़ा समय लगेगा .

तो मैंने कहा, " ठीक है ! रोजी तुम ज्योत्स्ना से बोलो वो आराम से तैयार हो जाये मैं माँ के साथ हॉल में रहूँगा, "

तो रोजी मेरे पास आयी और मेरे कान में बोली कुमार सच में आपकी दुल्हन बहुत सुंदर है आज आप पर बिजलिया गिरने वाली हैं और आज आपको बहुत धैर्य रखने की जरूरत पड़ेगी, फिर सबको सुनाए के लिए बोली दुल्हन के साथ धैर्य रखने के लिए के लिए आपका धन्यवाद, मैं कुछ ही मिनटों में दुल्हन को लेकर वहां पहुंच जाऊंगी। और दुल्हन ने आपको आई लव यू बोलने को कहा है ।"

"मैं रोजी के कान में फुसफुसाया मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ," और फिर अलग हो कर मैंने जवाब दिया आप उसको बोल देना मैं भी राजकुमारी आपसे बहुत प्यार करता हूँ । फिर मैंने अपने पीछे अपने कमरे का दरवाजा बंद करके कमरे को छोड़ दिया और मा के पास हाल में चला गया।

माँ के साथ बात करते हुए, मैंने घर के रास्ते में हुई घटनाओं के बारे में बताया तो वो बोली , "बेटा, आप उसके साथ बहुत, बहुत धैर्य रखें। हो सकता है वो वह आज रात तैयार नहीं हो , इसलिए आप इसे सहज तौर पर ले और धैर्य रखें और अगर वो त्यार हो तो धीरे से और उसके साथ कोमल रहें। मैं चाहती हूं कि आप पहली बार कुछ ऐसा करें जिसे वह संजोए। इसे उसकी रात बनाओ और उसे प्रसन्न करने के बारे में विचार करो । , लेकिन मैं आपको किसी लड़की से प्यार करने के बारे में कोई सलाह नहीं दे सकती , लेकिन अगर वह तैयार है, और जब तक आप उसे उत्तेजित करने के लिए पर्याप्त धैर्य रखते हैं, और ये निश्चित हैं की उसके हार्मोन के उग्र होने के साथ, वह किसी भी सामान्य महिला की तरह प्रतिक्रिया करेगी: शायद अधिक जुनून के साथ । बस उसके साथ कोई जोर जबरदस्ती मत करना , समझे?"

"हाँ माँ!"

"अच्छा। सुनो अब वह तुम्हारी पत्नी है, बेटा। उसके पूरे जीवन तक चलने वाले जुनून को जगाना और ये आज रात से शुरू होता है। और अब चुप रहो, मुझे लगता है कि वह अब आ रही है।"

रोजी रूबी मोना टीना, अनुपमा विजया और जूही भाभी से घिरी हुई , ज्योत्सना ने फूलो और इत्र की बहुत बढ़िया सुगंध के झोंके के साथ गुलाबी रंग की लहंगा चोली पहनकर अपने मेंहदी से रंगे पैरों पर सैंडल पहनकर लिविंग रूम में कदम रखा। उसके बाल गजरे से बंधे हुए थे, और मैं उसके शानदार लंबे बालों को पहली बार नीचे देखने का इंतजार नहीं कर सकता था .

मैंने उसके गुलाबी रंग का मुस्कुराता हुआ चेहरा जो की उस पारदर्शी चुनरी के घूंघट में छिपा हुआ था वो देखा .मुझे उसके माथे पर पहनी हुई माथा पट्टी नजर आयी जो उसके माथे पर हीरे की एक स्ट्रिंग की तरह लग रही था, उसके सिर के केंद्र से एक माणिक लटका हुआ था । उसके कानो में झुमके थे जो प्रत्येक कान पर एक केंद्र माणिक के साथ हीरे की चूड़ी की तरह दिखते थे। और फिर उसके नाक में बड़ी नाथ पहनी हुई थी . उसने गले में हार भी पहना हुआ था जिसमें बड़े हीरे के हुप्स थे, जिसमें हीरे के स्ट्रिंगर अलग-अलग लंबाई में सामने लटके हुए थे, जिससे प्रत्येक स्ट्रिंगर के अंत में एक माणिक के साथ उसकी छाती के केंद्र में "V" बना हुआ था । इसकेइलावा अन्य हार, रानी हार और मंगल सूत्र भी पहना हुआ था और उसकी कलाइयों को चांदी और गहनों के चूड़ियों के कंगन से सजाया गया था।



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उसके बालो में गल्रे और फिर बालो के बीच सितारो से जड़ा माँग टीका, पतली लंबी गर्दन के नीचे, डोरियों से बंधी हुई लो कट टाइट चोली, जिसमे से उसकी सन्करि दरार क्लीवेज की गहराई के कारण उरोजो के उभार भी उभरे हुए नजर आ रहे थे . वो हाथो मे पूरी कुहनी तक भर भर के गुलाबी, लाल चूड़िया, हाथी दाँत का चूड़ा और जडाउ कंगन पहने हुई थी , बाहों मे बाजू बंद और हाथ मे हथ फूल, और उसमे से फूलो और इत्र की बहुत बढ़िया सुगंध आ रही थी और उसका लेहंगा भी 24 कली का गुलाबी, जिसपे चाँदी और सोने का भारी काम किया हुआ, और इतने नीचा कि बस किसी तरह कुल्हो के सहारे टिका था.

पतली कमर मे सोने के घुंघरू जड़े पतली सी रूपहली करधन बंधी हुई थी और गहरी नाभि पे डिज़ाइन बना हुआ था . पैरो मे खूब घुंघरू लगी चाँदी की चौड़ी सी पायल और बिछुए. ज्योत्सना बहुत्त शरमा रही थी, .

उसे देख माँ बोली बेटे आपकी दुल्हन तो सच में स्वर्ग की अप्सरा से भी सुंदर है .

मैं तो कुछ बोलै ही नहीं बस उसे देखता ही रह गया पर मेरा लंड मेरी हालत बयां कर रहा था क्योंकि वो अब कठोर हो गया था .

कहानी जारी रहेगी
 
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VOLUME II

विवाह- सुहागरात

CHAPTER-4


रात के दंगल की तैयारी

PART 1


ज्योत्सना नीचे आयी और मेरी माँ को ताई जी ने कुछ काम के लिए बाहर बुला लिया और मेरी फूफेरी बहनो ( ननदो) ने ज्योस्ना को घेर लिया . लूसी, सिंडी , अलका , बिना और श्रीजा दीदी , रीता और नीता और एक दो और लड़किया पहले से बैठी थी,

अलका बोली, " तो भाभी हो गई रात के दंगल की तैयारी. भाभी नज़र ना लगे बहुत मस्त लग रही हो, देखते ही कुमार तो आप पर टूट पड़ेंगे"

लूसी बोली भाभी आप एकदम, कच्ची गुलाब की कली लग रही हो,

तो बिना दीदी बोली मैं तो यह सोच रही हूँ रात भर मसले रगड़े जाने के बाद इस कली की क्या हालत होगी. "एक ने छेड़ा तो दूसरी बोली,


श्रीजा दीदी बोली कली को फूल बनने का इन्तजार रहता है क्रीम लगा दी है कि नही,

फिर मत कहना कि ननदो ने पहले से बताया नही. " ये सिंडी बोली.

तभी वह पर बड़ी भाभी ऐश्वर्या आ गयी और बोलीतुम लोगो को छेड़ छाड़ के सिवा कोई काम नहीं है क्या . अभी कुछ ही दिन में तुम सबका नंबर लगने वाला है फिर देखती हूँ अपना ज्ञान तुम्हारे कितना काम आता है . तभी जूही वहां आ गयी और फिर एक थाल देते हुए बोली तुम लोग जाओ और देखो की सुहागरात का कमरा त्यार हो गया है और से थाल वही रख आओ .


"अर्रे भाभी के गाल कितने प्यारे है लाल टमाटर की तरह.. " रीता बोली.

"अर्रे तभी तो कुमार रात भर चटनी बनाएँगे, "उसकी सहेली नीता ने छेड़ा.

तब तक मेरी माँ वह आ गयी और उन्होंने उन सबको डांटा,

फिर जेन ने ज्योत्स्ना को पकड़ कर मेरे बिठा दिया और उसका हाथ मेरे हाथ में दे दिया और मैंने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया फिर उसने कहा, "आपको यह अजीब लग सकता है, लेकिन मुझे अभी कुछ समझ में आया है ।"


माँ ने कहा, "वह क्या है?"

ज्योत्सना ने हंसते हुए कहा, "मुझे अभी-अभी एहसास हुआ कि मुझे एक गंभीर लड़की दिखने की आवश्यकता नहीं है! "

हम सब हँसे और माँ ने कहा, "यह सही है, बेबी, अब तुम जितनी चाहें उतनी शरारती हो सकती हो!”

ज्योत्सना हंस पड़ी, शरमा गई . छेड़ छाड़ मुझे थोड़ी बुरी भी लग रही थी और अच्छी भी.

लेकिन शायद वो छेड़ छाड़ ना होती तो शायद ज्योत्स्ना इतनी जल्दी सहज नहीं हुई होती और मुझे

तब ये बहुत खराब लगता.. बस मन मे एक सिहरन सी लग रही थी. और इंतजार था और जब बड़ी ताई जी और बड़ी भाभी आयी तो उन्होने भी ज्योत्स्ना को छेड़ा और बोली , आज की रात तो दुल्हन तुम्हारी रात है, जलने वाले जला कर्रे खूब मजे करना .

माँ ने हँसते हुए कहा, दुल्हन तुम जैसी अपनी माँ के पास रहती थी वैसे ही यहाँ रहना और खुश रहो बेटी !" वैसे, क्या दीपक के लिए अब कोई टास्क बचा हुआ है?”

विजया ने कहा, "अरे हाँ है।" मेरी ओर देखते हुए और ज्योत्सना की रंगी हुई हथेलियों को उलटते हुए, उसने कहा, " जीजू आपके आपका और जीजी दोनों के नाम खोजने होंगे: प्रत्येक हथेली पर एक है । क्या आप शुरू करने के लिए तैयार हो ?"

"ज़रूर," मैंने कहा, "यह कितना कठिन हो सकता है?" महिलाओं ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दी।


डिजाइनों की कलात्मकता और विवरण मनमौजी और जबरदस्त थी ! क्या आपने कभी सावन ऋतु के दौरान किसी उपवन या पार्क या वन में हरे रंग के बटन को खोजने की कोशिश की है? बस मेरा भी वही हाल था मैंने देखा और मैंने खोजै । मैंने उसकी बायीं हथेली में अपना नाम मिलने से पहले पंद्रह मिनट तक तलाश की और मुझे उसकी बाईं हथेली में उसका नाम खोजने में दस मिनट लगे।

हम सब हँसे और मैंने विजया से मज़ाक में कहा, "कार्य समाप्त हो गया है और मैं पुरस्कार की प्रतीक्षा कर रहा हूँ।

अब बड़ी भाभी ऐश्वर्या बोली दुल्हन क्या आप तैयार हो ?”


चंचलता से अपने चेहरे को छुपाते हुए ज्योत्स्ना ने माँ की ओर देखा और कहा, "ओह माँ ! क्या इस लड़की और उसके गुणों की रक्षा करने का कोई और उपाय नहीं है?”

माँ को लगा अब हमे आगे बढ़ने की जरूरत है .

दासीयाँ भी मेरे साथ हँसी ठिठोली करने लगीं। ज्योत्सना के साथ उसकी कुछ सखिया और परिचारिकायें भी विवाह के उपरान्त ज्योत्सना के साथ ही आ गयी थी और सभी परिचारिकायें और सखिया अत्यंत प्रसन्न थीं।


खूब इशारे कर के नाच के गाने लगी,

बलम हमपे हाथ ना लगाइयो, दुर ही रहियो,
बलम गले पे दाँत ना लगाइयो,हमसे दुर ही रहियो.

निगोड़ी कैसे जवानी मोरी चोली पे आई, इसे लूट मत जाईयो
बलम मोरे जोबन पे हाथ ना लगाइयो, दुर ही रहियो.

जवानी मोरी लहंगा पे आई, अनमोल चीज़ ना छुईयो,
बलम मेरी बुलबुल पे हाथ ना लगाइयो. दुर को रहियो.

अब मेरी बहन जेन कौन सा कम थी उसने भी धीरे से बोल दिया बलम हाथ न लगाइयो मुँह लगाइयो




उसके हाथों के बीच अपना सिर झुकाते हुए, जूही ने कहा, "कयामत, हे कयामत! कुमार को भाला दिया जाएगा और सखी तुम्हारा सब सामान चकनाचूर हो जाएगा! कृपा करके कुमार आप कृपया दयालु बनें रहना और भाले के बजाय एक छोटे से खंजर का उपयोग करना ।"

हंसते हुए, मैंने उत्तर दिया, "मुझे लगता है कि मैं इसके बजाय चौड़ी तलवार का उपयोग करूंगा।
माँ बोली लड़कियों चलो अब दुल्हन को उसके शयन कक्ष में ले जाओ!"


बेचारी कहाँ मना कर रही है, ये तो तैयार होके शृंगार करके तैयार होके बैठी है, ये लड़किया ही नही ले कर जा रही हो. " बड़ी भाभी ने चुटकी ली

चल बही थोड़ा आराम कर ले, ११ बज गये है. जा बहू जा.

चलने के पहले, किसी ने बोला घबड़ाना मत ज़रा सा भी माँ बोली, घबड़ाने की क्या बात है. ज्योत्स्ना को उसकी माँ ने सीखा रखा था की सुहाग के कमरे मे जाने से पहले अपनी सास का पैर ज़रूर छू लेना ज्योत्स्ना ने सब के पेअर छुए और माँ ने ज्योत्सना के सर पे हाथ फेरते हुए , कान मे मुस्करा के बोली, ना घबड़ाना ना शरमाना, और आशीष दी, "बेटी तेरा सुहाग अमर रहे, और तेरी हर रात सुहाग रात हो" मेरी बहने दुल्हन को सुहाग के कमरे में ले जाने के लिए तैयार खड़ी हो गयी .

खास दासीयाँ, मौसियो के पुत्रवधुएँ मीना और स्मिता भाभियाँ और ऐश्वर्या, भाभी मुझे उसके साथ साथ चलने लगी अनुपमा भी अब हँसी ठिठोली करने लगीं।

"हमारी राजकुमारी बहुत कोमल हैं, अपने कठोर हाथ उनसे दूर ही रखियेगा कुमार ! अनुपमा ने हस्ते हुए कहा।

"सच कह रही हो सखी , नहाते हुए यदि जल अधिक गर्म हो या फिर उसमे इत्र और पुष्पों के रस की मात्रा तनिक भी अधिक हो जाये, तो दीदी के अंग विहल हो जाते हैं!"। तो विजया बोली।

"मुझे नहीं लगता की कुमार पूरी रात राजकुमारी को सिर्फ मीठी-मीठी बातें करके ही कटायेंगे!" और ये अब रीता बोली।

"अब तो प्रात:काल राजकुमारी के स्नान के समय ही पता चलेगा की उनके किस-किस अंग को कितना काटा गया और कितनी क्षति हुई है!"। जूही ने छेड़ा ।

सभी भाभियाँ , बहने, मेरी साली विजया और ज्योत्सना की अंतरंग सखी खिलखिला कर हँसने लगीं।

"निर्लज्ज लड़कियों! अब भागो यहाँ से। कुमार और दुल्हन के विश्राम का समय हो गया है!"। बड़ी भाभी ने अनुपमा और विजया को डांट डपट लगाई और बोली अरे कुमार और दुल्हन आप इनकी बातो के चक्कर मे मत पड़ जाना आख़िर दूर रखना था तो इतनी दूर से लिवाने क्यों आये हैं" जेन ने फिर से छेड़ा" ।

"हमें तो नहीं लगता की महाराज और राजकुमारी जी आज पूरी रात सिर्फ विश्राम करेंगे!"। फिर से किसी ने कहा तो सभी लड़किया और भाभियाँ फिर से हँस पड़ी।

"कुमार ! इन उदंड लड़कियों को कुछ उपहार दे दीजिये, वर्ना ये यहाँ से जायेंगी नहीं और आपको ऐसे ही तंग करती रहेंगी!"। महारानी ऐश्वर्या ने कहा।

मैंने रोजी से इस अवसर के लिए बना कर राखी अँगूठिया उतार कर विजया और अनुपमा को भेंट दी, तो उन्हें लेकर अनुपमा हँसती खिलखिलाती बोली अब चलो जीजी अब हमे कबाब में हड्डी नहीं बना चाहिए और हँसती खिलखिलाती हुई वहाँ से चली गई।

मैं और ज्योत्सना अब कमरे के द्वार पर खड़े थे और अब जब अंदर प्रवेश करने को आगे बढे तो अब उनकी फूफेरी बहने जेन, अलका, लूसी और सिंडी और उनकी मौसेरी बहने श्रीजा, बीना और भतीजियाँ नीता और रीता सुहागरात कक्ष के द्वार पर मोर्चे बना कर डटी हुई थी और हमे रोका। और एक बोली जानती है भाभी ये कमरा आप के लिए खास तौर पे कुमार भाई ने खुद डिज़ाइन कर के बनवाया है. दूसरी बोली, और इसलिए की इसमे आप को कोई डिस्टर्ब नही कर पाए, आराम से रात भर. तब तक एक और ने छेड़ा, नही रे, असल मे इससे हम लोग नही डिस्टर्ब होंगे. नहीं तो रात भर आ उहह, बस करो, चीख पुकार .सिसक़ियो की आवाज़, पायल और बिछुओ की झंकार सुनते . ये लोग खुद तो रात भर सोएंगे नही और हम लोगो को भी नही सोने देंगे. एक ने कमरे का दरवाजा खोला, तो एक बहन बोली , बस भैया भाभी, अब इंतजार की घड़िया ख़तम, जिस पल का आपको इतने महीनो से इंतजार था और फिर ज्योत्सना का घूँघट ठीक करते हुए मेरे कान मे बोली,

" अरे अरे! ये क्या? चाह कुमार अपनी बहनो का नेग तो देते जाईये। नववधु के साथ सुहागकक्ष में प्रवेश अपनी बहनो को नेग देने के बाद ही मिलेगा। तो मैंने अँगूठिया अपनी बहनो और भतीजियों को नेग में दे दिए।

"और भी कोई सेवा हो तो बता दीजिये भाभी जी! "। मैंने बड़ी भाभी ऐश्वर्या से मज़ाक में कहा।


बस अब जल्दी से भतीजे का मुँह दिखला दीजिये देवर, देवरानी जी ।


कहानी जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 2


सुहाग कक्ष




सब कजिन बहने कहने लगी कुमार! दुल्हन को उठा कर कमरे में ले जाओ और फिर जब हम सुहाग कक्ष के दरवाजे पर पहुँचे, तो वह मेरी बाँहों में कूद गई, अपना सिर मेरी गर्दन के पिछले हिस्से में रखते हुए, उसने धीरे से कहा, "मुझे ले चलो।"

माँ ने आँखों से बस मुझे एक इशारा किया। मैं अपनी दुल्हन को ऊपर ले जाने के लिए मुड़ा।

जूही भाभी मेरे कान में बोली कुमार अभी 11 बज रहे है। यहाँ पर अब आप दोनों के इलावा सिर्फ आपकी अंगरक्क्षक मरीना, आपकी सचिव हेमा और रीती आपकी सेविका, रोजी, रूबी, बड़ी भाभी ऐश्वर्या और अनुपमा होंगी । महाराज, राजमाता, आपकी माँ पिताजी और ताई जी सहित परिवार के अन्य सब लोग कल सुबह तक वापिस सूरत लौट जाएंगे। तुम लोगों को कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा।"


रोजी ने सुहाग कक्ष का दरवाजा खोला तो हमारे सामने था हमारा सुहाग कक्ष । जूही ने पास आ के ज्योत्सना के कान में कहा, "सखी ये जो दूध का ग्लास रखा है ना ये अपने साजन को सबसे पहले पिला देना और खुद भी पी लेना और ये पान भी" और फिर कुछ मेरे से हल्के से मुस्करा के कहा। दरवाजे पर पहुँच के वह रुकी और हम दोनों की ओर देख के मुस्कराने लगी । फिर वह निकल गयी।

सामने था खूब बड़ा। एक ओर खूब चौड़ा-सा बेड और उसपर गुलाब के पंखुड़ियो से सजावट, पूरा कमरा ही गुलाबी गुलाब से सज़ा, गुलाब की पंखुड़ियो से रंगोली सजी हुई थी सुहागसेज को गुलाब, मोगरा और अन्य कई सारे फूलों से इस कदर सजाया गया था कि बिस्तर की चादर तनिक भी नज़र नहीं आ रही थी और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो पूरी सेज फूलों से ही निर्मित हो। पूरा कक्ष मोगरे के इत्र की खुशबु से सुगंधित था।



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बेड के तल में गुलाब की पंखुड़ियो रास्ता बना हुआ था, दो बड़ी खिड़किया जिन पर रेशमी पर्दे पड़े थे और सामने ज़मीन पर भी बिस्तर-सा और एक-एक तरफ सोफा। बेड पर हल्की गुलाबी दूधिया रोशनी और फर्श पर नाइट लॅंप की लाइट्स और-और बेड के तल में गुलाब की पंखुड़ियो रास्ता बना हुआ था, दो खूब बड़ी खिड़किया जिन पर रेशमी पर्दे पड़े थे और सामने ज़मीन पर भी बिस्तर-सा और एक-एक तरफ सोफा। बेड पर हल्की गुलाबी दूधिया रोशनी और फर्श पर कामुकता जगाने वाली सुगन्धित मोमबतिया जली हुई थी। बेड के बगल में टेबल पर चाँदी की तश्तरी में पान, दूसरी प्लेट में कुछ मिठाइया और फल और चाँदी की ग्लास में दूध रख हुआ था ।


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मैंने पुछा केसा लगा हमारा सुहाग कक्ष?

तो वह बोली सुंदर! बहुत सुंदर! मेरी कल्पना से भी ज़्यादा सुंदर। हम बेडरूम में अंदर गए और जैसे ही मैंने कमरे में कदम रखा कुछ डोरिया खींच गयी और हम दोनों पर फूलों की बौछार होने लगी।

ज्योत्स्ना बोली ओह्ह आप कितने रोमांटिक हो! और उसने मेरे गालो पर एक चुंबन दिया और बोली थैंक यू!

मैंने ज्योत्सना को हमारे शयन कक्ष के साथ संलग्न बैठक में बैठाया। मैंने उसे चूमा और कहा, "क्या आप हमारे प्यार को पूरा करने के लिए तैयार हैं?"

उसने धीरे से उत्तर दिया, "मैं अब तक एक लड़की हूँ और महिला बनने के लिए तैयार हूँ," फिर वह शर्म से मुस्कुराई और उसके गाल गुलाबी हो गए।

मेरे पायजामा के सामने मेरा लंड तन गया और का एक बड़ा तम्बू बन गया ।

वो मुझ से पूछने लगी जूही मेरे कान में क्या बोली थी तो मैंने उसे बताया की जूही ने बताया है कि घर में अब सिर्फ मरीना, हेमा, रीती, रोजी, रूबी, बड़ी भाभी ऐश्वर्या और अनुपमा होंगी और महाराज, राजमाता, माँ पिताजी और ताई जी सहित परिवार के अन्य सब लोग कल सुबह तक वापिस सूरत लौट जाएंगे। अब हम लोगों को यहाँ कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा । " मेरी बात सुन वो शर्मा गयी और मेरा लंड कड़ा हो गया ।

तो उसने मुझ से पुछा की यहाँ पर आपकी बड़ी भाभी ऐश्वर्या क्यों रुकी है तो मैंने उसे परिवार को मिले श्राप और उसके निदान के बारे में बताया और ये भी बताया की आपके साथ हमे कुछ रस्मे करनी होंगी और उसके बाद मुझे अपनी भाभियो को गर्भदान देना है और ये सब आपकी जानकारी में होना है और इसके लिए आपकी अनुमति आवश्यक है और उसे दादा गुरु का लिखा हुआ एक पत्र भी दिया।

मैंने दादा गुरु का सीलबंद पत्र मैंने खोला और उंसमें निम्न सन्देश था:-


" प्रिय राजकुमारी

आयुष्मान भाव

पुत्री !जब ये पत्र आपको मिलेगा तब तक आपका विवाह कुमार से हो चूका होगा अब आपको विशेष रस्मे अदा करनी है जिससे कुमार के कुल को मिला श्राप और अन्य पाप नष्ट हो जाएंगे और इसके लिए आपकी सहमति और इनमे आपका भाग लेना आवश्यक है।

पुत्री ! नारी जीवन है, नारी वास्तव में रत्न हैं और नारी ही योनि है! शक्ति है! । सृष्टि के उत्पत्ति का केंद्र नारी योनि है ।

यह वैज्ञानिक सत्य है कि पुरुष शरीर में निर्मित होने वाले शुक्राणु भी की आकर्षण शक्ति से ही चालित होकर अंडाणु से संयोग करने के लिए गुरुत्वाकर्षण के नियम का उल्लंघन योनि में उतपन्न शक्ति ऊर्जा से आगे बढ़ते हैं। विज्ञान के अनुसार शुक्राणु जीव होते हैं जो शरीर पाने के लिए अंडाणु से संयोग करने के लिए भागते हैं और अरबों खरबों शुक्राणुओं में से किसी दुर्लभ को ही शरीर प्राप्त होता है।

लिंग और योनि के घर्षण से ही सर्जन का परमाणु रूप उत्पन्न होता है। दोनों संरचनाओं के मिलने से ही नया शरीर बनता है और इनकी क्रिया से ही उसमें जीवन और ऊर्जा का संरचना होता है। यह योनि एवं लिंग का संगम प्रत्येक के शरीर में चल रहा है। इस ज्ञान को धारण कर जब स्त्री पुरुष पति पत्नी के रूप में तादात्म्य स्थापित कर दैहिक सम्बन्ध करते हैं तो वह सर्जन करते हैं।

मेरे शिष्य मृदुल मुनि जी ने दीपक को समझा दिया है की आप दोनों को आगे क्या करना है। ये विशेष रस्मे शुद्धिकरन के लिए आवश्यक है ।

मेरा आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ रहेगा। "

और उस पत्र पर दादा गुरु के हस्ताक्षर थे।

मैंने उससे कहा। अब हमें कुछ बहुत ही सरल रस्मे पूरी करनी है। "

कुल गुरु ने मुझे बताया था कि शादी की रात इस विशेष परम्परा अनुसार दूल्हा एक बर्तन में दुल्हन के पैर धोता है और फिर कमरे के चारों वह पानी छिड़कता है।

मैंने उस बैठक में पहले से रखे बर्तन और तौलिये को उठाया और फिर जैसे ही मैंने उसके सुंदर पैरों से सैंडल उतारे, उसके पैर एक आकर्षक जटिल मेंहदी डिजाइनों से ढके हुए थे और इससे वह और भी अधिक कामुक लग रहे थे।

वो बोली आप मेरे पैर छू कर क्यों मुझे पाप का भागी बना रहे हो ।

मैंने कहा गुरु देव का पत्र पढ़ कर भी आपको क्या अभी भी कोई संशय है तो वह कुछ नहीं बोली ।

फिर मैंने उस के पैर की उंगलियों के ऊपर उसके बाएँ पैर को चूमा और फिर उसके दाहिने पैर से सैंडल हटा दी और चुंबन दोहराया। फिर मैंने उसके पैरों को वाश बाउल में नीचे कर दिया, धीरे-धीरे एक हाथ से प्रत्येक पैर की मालिश की। फिर मैंने उसके पैरों को तौलिये से सुखाया और जैसे ही मैंने बेडरूम के चारों ओर पानी छिड़का :


हमें स्नेह प्रेम और समृद्धि का आशीर्वाद दें; और हम एक दुसरे से प्रसन्न रहे और हमें एकता के सर्वोत्तम रूप में और पूर्ण सद्भाव में एक साथ लाओ।

मैंने पुछा की क्या आपकी सहमति है तो ज्योत्स्ना बोली की इस बारे में दादा गुरु जी की शिष्या "ऐना " और जूही भाभी ने उसे थोड़ा-सा इशारा किया था और अब वह मेरे परिवार है हिस्सा है और मेरी जो भी जिम्मेदारियाँ है वह उन्हें पूरा करने में पूरा सहयोग देगी और मेरी किसी भी प्रत्यक्ष इच्छा और अप्रत्यक्ष इच्छा को पूरा करने का भरपूर प्रयास करेगी।

मैंने उसे धन्यवाद के रूप में चुंबन किया और फिर मैंने उसे उठाया और फिर हम बेडरूम में चले गए। मैंने उसे बिस्तर के किनारे पर बिठा दिया। वह अब भी नीचे देख रही थी, जाहिर तौर पर बहुत शर्मी रही थी और थोड़ी असहज थी, मैंने उसे सहज होने के लिए कहा और बिस्तर पर आराम से बैठने को कहा ।

मैंने पूछा नींद तो नहीं आ रही और उसने सर हिला के इशारे से जवाब दिया, 'नही' । तो मैंने कहा फिर रिलैक्स हो जाओ मैं अभी आता हूँ ।

फिर ज्योत्सना बिस्तर पर ठीक से बैठ गयी और मैंने एक गुलाब का फूल लेकर कमरे में प्रवेश किया ।


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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 3

पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहत

मैं उसके पास गया और उसकी बगल मे बैठ गया और हाथ में पकडे फूल से ज्योत्स्ना के गालो को छुआ तो उसके गाल गुलाबी हो गए और शर्माने लगी फिर मैंने श्रृंगार किये हुई ज्योत्सना को निहारा तो देखा की वो मदमस्त और कोमल जिस्म की मालकिन के स्तनों की साइज 34 इंच लग रहा था और बलखाती उसकी कमर 24 इंच की लग रही थी और उसके कूल्हे 34 इंच के थे। गुलाबी जोड़े में गुलाबी चुनरी ओढ़े हुए वो अपने संगमरमरी बदन को लपेटे हुए फूलों से सजे बेड पर गहनों और फूलों से शृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी। मेरा तो लंड उसे देख कर कड़ा होने लगा।

फिर मैंने उसकी तरफ देखा वो श्रृंगार किये हुए घूंघट लिए हुए बैठी थी । ये श्रृंगार आदमी की तड़प को बढ़ा देता है और उसे रस पीने के लिए उकसाता है . ज्योत्सना बिस्तर पर शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई भी थी..और फिर मैं उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उससे बातें करने लगा तो मेरे साथ थोड़ा सहज हो गयी .

मैंने कहा आज रात क्या होता है इस बारे में आपको आपकी बहनो और भाभियो ने भी कुछ बताया होगा ?

वो कुछ नहीं बोली पर जब शर्म से लरजते होंठ नही बोल पाते तो आँखो, उंगलियों, देह के हर अंग मे ज़ुबान उग जाती है. और उसकी शर्म सब बयान कर रही थी .

मैंने फिर से छेड़ा क्या उन्हें भी कुछ नहीं पता और आपको कुछ नहीं बताया तो वो बड़े धीरे से बोली .

किसी आदमी से पूछा गया अगर आपके सामने कोई शेर आ जाए तो तुम क्या करोगे. मैं क्या करूँगा, जो करेगा वो शेर ही करेगा." मेरी एक भाभी ने बताया था कि सुहाग रात मे बस यही होता है. जो करेगा, वो शेर ही करेगा !

तो मैंने कहा देखो मेरी रानी मैं शेर वाला काम नहीं करना चाहता . ये हमारे सुख और आनंद की पहली रात है और आज हमारा पहला मिलन है और मैं चाहता हूँ ये रात हम दोनों के लिए न केवल यादगार हो बल्कि आने वाले सुखो के दरवाजे खोलने वाली चाबी हो . मैं हम दोनों के बीच पूरे जीवन तक चलने वाले प्यार और जुनून को जगाना चाहता हूँ और हम उसे आज की रात से शुरू करेंगे ।

मैंने थोड़ा सा आगे होकर और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया तो उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा और कड़ा हो गया.


फिर मैंने कहा आप अपनी आँखे बंद करो और उसके मुस्कुरा और शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली . मैं एकदम से उसके पास आ गया और उसकी सांसो की गर्माहट मैं अपने गालो पे महसूस कर करते हुए , फिर अपने हाथो की उसके गले के पीछे उसकी पीठ पर ले गया और उसके सीने को अपने सीने से दबाते हुए उसके उभारो को हल्के से छूते हुए अपने साथ लाया हुआ एक हीरे का हार, उसको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर पहना दिया तो उसके गहने खड़कने लगे.
हार के बीच का बड़ा हीरा ठीक उसकी चोली के कटाव के बीच, क्लीवेज की गहराई मे टिका था. फिर उसके अर्धगोलाकार उभार को उंगली से सहलाते हुए छूते मैंने कहा अब आँखे खोलो और बताओ "कैसा लग रहा है?'. उसने गरदन झुका के चोली से झाँकती हुई दोनो अर्ध गोलाईयों के" बीच,देखा और बोल पड़ी, 'बहुत सुंदर !"

फिर मैंने उसे चूड़ामणि भी दिया और फिर मैंने धीरे से उसका घूंघट उठा दिया और उसका सुंदर चेहरा मेरे सामने था , उसने शर्मा कर आँखे बंद कर ली और उसके गाल गुलाबी हो गए मैंने देखा की वो बिलकुल दूध जैसी गोरी थी और उसके नाजुक ओंठ गुलाबी थे और फिर उसके नाज़ुक होटों के नीचे ऊपर ठीक ऊपर दायी पतली लंबी गर्दन घणो और फूलो के भोझ से झुकी जा रही थी . मैं अपना हाथ थोड़ी पर ले गया . नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !बहुत सुंदर ! तो वो शर्मा गयी और मुझ से लिपट कर उसने मुझे कस के उन्हे अपनी बाहों मे भींच लिया. और उसके होंठ लरज के रह गये लेकिन उसकी आँखो की चमक उसकी खुशी बयान कर रही थी.

अति सुन्दर, काम-भावना का स्वत: संचार करने वाली, निहायत-गोरी और कसे बदन की मालकिन, असाधारण यौनाकर्षण से परिपूर्ण, बिल्कुल ताज़ा, जवान, चुस्त-दुरूस्त और तन्दुरुस्त सुहासिनी अक्षतयौवना राजकुमारी जो अब विवाह के उपरान्त मेरी धर्मपत्नी बन गयी थी अब सुहागकक्ष में मेरी बाहो में थी और मैं उसे ज़्यादा से ज़्यादा प्यार, खुशी और सन्तुष्टि देंना चाहता था.

फिर मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया तो ज्योत्सना की आँखे बंद थी. मैं बोला मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने दीवाने को देखो उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी तो मैंने उसकी ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया .. वह शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी. मैंने उसको को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरायी तो पाया की चोली एक डोरी से बंधी हुई थी और उसकी पीठ बहुत चिकनी थी .

उसका अनमोल खूबसूरत युवा बदन और और मदमस्त यौवन। उभारों वाले बेदाग और भरे-पूरे सन्गेमरमरी बदन को देखने से से ही मेरी नसों में स्वत: कामोत्तेजना बढ़ गयी थी और लिंग कड़ा होने लगा था और इस एहसास ने की अब हम अपने प्रथम सम्भोग की और बढ़ रहे थे और फिर उस स्पर्श ने तो लिंग को अति कठोर कर दिया और अपने-अपने जिस्म से चिपकी अति हसीन अपनी दुल्हन को अपने से लिपटा पाकर मैं विस्मित-सा हो गया था ।

मेरे हाथो का स्पर्श पाकर जब वो मुझ से कस कर चिपकी तो मैं जैसे होश में आया और मेरा एक हाथ अब उसके कंधे पे था और दूसरा कीथ पर और फिर मैंने भी उसे अपनी ओर खींचा. थोड़ी देर तक मैं उसे अपनी बांहों में भरकर उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाता रहा। वह मेरी बांहों में मुझसे और चिपक गयी। उसके कुँवारे नारी शरीर और अनभोगे, सुडौल, बेहद कड़े और भरपूर उभार और गर्म चूचियों के पर्श से मेरा मन वासना के ज़्वार-भाटे में डगमगा उठा। मुझे लगा मेरा लिंग बेहद कड़ा होकर विशाल रूप लेते हुए मेरे पायजामे को चीर कर बाहर आ जाएगा ।

उसको खींचने से ही उसकी चुनरी सरक कर माथे और पीठ से हट गई. पीठ और चोली पर मेरी उंगलियो का अहसास उसे अपनी पीठ पे हो रहा था, जिससे उसकी पीठ कम्पन कर रही थी उसकी पीठ के कम्पन की थिरकन को मैं आराम से महसूस कर रहा था। फिर मेरे हाथ फिसल कर कमर तक पहुँच गए थे। एकदम पतली चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी। फिर मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसने लेहंगा नाभि के काफी नीचे पहना हुआ था।

और वो मेरी बाहों मे ऐसे चिपकी हुई थी की मुझे छोड़ना ही नहि चाहती थी. मुझे एहसास हुआ की अब आगे बढ़ने के लिए थोड़ा पीछे होना जरूरी है और मैं हल्का सा पीछे हुआ तो मेरी निगाहे उसकी निगाही में झाँक कर आगे बढ़ने की इजाजत मांग रही थी तो उसकी पलके खुद शरम के बोझ से झुक गयी तो मेरी निगाहे इस बार फिसल के उसकी चोली के उभार पे चली गयी और चोली से बाहर झाँकते उसके सीने के उपरी भाग और कसी चोली से दिखते गहरे क्लीवेज मे जा के अट्क गयी .


कहानी जारी रहेगी
 
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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART4

अरमानो वाली रात


फिर मैंने अपनी इस अरमानो वाली रात का एक चुंबन उसकी कजरारे नयनो की लाज हरने के लिए पलकों पर किया. मैंने बस अपने होंठो को पलकों पर छू भर दिया, फिर दूसरी पालक पर चुंबन किया. और दो तीन हल्के चुंबनो के बाद मैंने एक एक कर दोनो पॅल्को को कस के चूम लिया और उसने ऐसे आँखे बंद ही हुई थी की जैसे मैं उन कजरारे नयनो में ढेर सारे सपने भर रहा हू।

फिर मैंने हल्के से जहा सिंदूर का बेस था वहां चूम लिया और माथापट्टी से लटक रहे हीरे के चारो और चूमा और . और फिर माथे की बिंदी पे चूमा तो उसने खुद को अब मेरी बाहों के हवाले कर दिया था. उसकी मूंदी पलके बस अभी तक उन चुंबनों का मजा और स्वाद ले रही थी।

कहंते हैं न शेर के मुँह खून लग गया था और अब यही हालत मेरे होंठो की भी थी।

माथे से वो सीधे मैं उसके गोरे गुलाबी गालो पे आ के रुका और फिर धीरे से नाक को चूमा और फिर होंठो पर हल्का सा चुंबन किया . उसके गाल शर्म से गुलाबी हुए और मैंने जब दुबारा चूमा तो अब मेरे होंठ वही ठहर गये और मुझे आज तक उस चुंबन का स्वाद याद है.. मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी। ज्योत्सना ने अपने होंठों को मेरे होंठों से छुड़ाने की कोशिश की।

मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो उसने आँखे खोली और शरमा गयी और हलके से मुस्करायी। मैंने अब उसका सुंदर चेहरा देखा, पसीने की चमक में, मुझे इच्छा से भरी एक कामुक निगाह दिखाई दी और उसकी भौंह टेढ़ी हो गई थी और उसने भीगे हुए दांतों की भीचते हुए कुछ गहरी तेज सांसें लीं। मैंने आनंद के संकेतों को पढ़कर और फिर मैंने ओंठ के ऊपर जो तिल था उसे चूम लिया. और फिर उसे फिर से चूमा और फिर दो तीन चुंबनो के बाद कही उसके ओंठ हल्के से लरज के मेरे चुंबन का जवाब देने लगे और उसी के साथ उनकी उंगलियाँ मेरी केले के पत्ते ऐसी चिकनी पीठ पे फिसल रही थी. मैंने अब उसकी की पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। उसके हाथ मेरे कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और खींच रही थी।

मेरे हाथो ने जब उसे खींचा तो उसकी चुनरी ने उसकी पीठ का साथ छोड़ दिया और अब चोली को बांधने वाली एक पतली सी स्ट्रिंग हाथ फिराते हुए सी रुकावट डाल रही थी. उंगलियो के स्पर्श से उसकी पीठ में कम्पन हो रहा था. और फिर मेरे होंठ, उसके गले से होते होते फिसल के, उसके उभारो के उपरी भाग पे रुके, और वहाँ मेरे होंठो का स्पर्श होते ही वो अचानक ही मुझसे अलग हो गयी. ओह! प्रिय! ... मेरे प्रिय!' और कुछ देर तक हम चुप रहे, हमारी आँखें एक-दूसरे को देख रही थीं और उसकी आँखे प्यार और शर्म से झुक रही थीं वह फिर धीरे से मुझे देखती थी और फिर शर्मा कर आँखे झुका लेती थी औअर उसके गाल गुलाबी हो रहे थे ।

अब मुझे प्रबल इच्छा हुई की मैं उसे अपना बना लू और बहुत प्यार करून और वह मेरी आँखों में मेरी भावना पढ़ रही थी। मैंने उसे पहले से कहीं अधिक निकटता से पकड़ अपने से चिपका लिया और उसकी प्यार भरी आँखों में देखते हुए मैंने धीरे से उसे छेड़ते हुए कहा, 'मेरी रानी, क्या अब आप प्रेमवश अपने भविष्य की ख़ुशी के लिए मुझे एक लड़की के तौर पर अपने सबसे कीमती खजाने को अर्पण करने के लिए तैयार हो ।

उसके चेहरे पर वही अद्भुत गुलाबी मुस्कान आ गई और फिर वह शर्मा गयी उसके गाल गुलाबी से लाल हो गए उसने एक गहरी सांस ली और उसकी आँखें ख़ुशी के आँसुओं से भर गईं, उसके होंठ कांपते हुए खुले और वह धीरे से फुसफुसाई, 'ओह! कुमार !' और वह मुझसे प्यार से लिपट गई। और उसने शर्म के मारे अपना चेहरा छुपा लिया।

मैंने उसे पीछे किया और उसकी आँखों में देखा तो उसने हलके से मुस्कुरा का पलकों को झुका अपने ओंठ मेरे ओंठो से चिपका दिए. मैं कुछ समय के बाद फिर पीछे हुआ वह अभी भी नीचे देख रही थी, वो जाहिर तौर पर बहुत शर्मीली और थोड़ी असहज थी, और मैंने अपनी शेरवानी उतार दी और फिर अपने मोज़े भी उतार दिए और फिर अपना पायजामा निकालने के लिए खड़ा हो गया और अब मैं अब केवल अपने अंडरवियर था , उसने मुझे परोक्ष रूप से शरमिली मुस्कानके साथ देखा। मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में ले लिया और उसके हाथों को नीचे सीधा कर दिया।

ज्योत्सना ने फिर मेरी तरफ देखा, शरमाकर मुस्कुराई और फिरमैं धीरे से उसकी चुनरी उतारने लगा । जब तक मैंने उसकी चुनरी का सिरा उसके लहंगे से नहीं निकाल दिया तब तक उसकी आँखों मुझे देखती रही । फिर उसने चुनरी के कपड़े को बड़े करीने से मोड़ा और साइड में रख दिया।


मैंने उसकी चुनरी निकाल सिर्फ़ लहँगे चोली मे और चोली भी क्या वह छिपा कम रही थी, दिखा ज़्यादा रही थी. मेरे उरोजो के उपरी भाग, और लहंगा भी कमर के बहुत नीचे. और जब मेरी नज़र उन पे पड़ी, तो उन की ढीठ निगाहे एकदम वही चिपकी थी जैसे मन्त्र मुग्ध हो ।

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा।

फिर मैंने अपने होंठ उसके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

मैं कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी. मैंने उसकी पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी ।

फिर मैंने उसके गालों पर अपनी जीभ फेरनी चालू कर दी और फिर ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब वो भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब मैं उनके चेहरे को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. फिर मेरा एक हाथ उसकी पीठ पे और दूसरा उसके उभारो को हल्के से छू रहा था और उत्तेजना से मेरी हालत खराब हो रही थी।

फिर उसकी क्लीवेज की गहराई मे हाथ टिका कर मैंने उसकी गोलाई के अर्धकार उभार पे उंगली से सहलाते हुए छूते हुए और मेरे हाथ उसकी चोली पर से होते हुए पीठ और कमर पर होते हुए उसके स्तनों पर पहुँच गये. मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. ज्योत्सना की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी. पीठ और सीने पे मेरी उंगलियो के दबाव से उसके उभार सख़्त हो गये थे, और लग रहा था की उसके स्तन अब चोली मे समा नही रहे थे. और बस एक दो पल और उत्तेजना से तो कबूतर खुद मेरी चोली के बँध को तोड़ देंगे. तो मैंने अपने दुसरे हाथ से पीठ पर उंगलिया चलाते हुए डोरी को खींचा और चोली के बँध खुल गये उसने पीठ घुमा दी और मैंने जो हाथ पीठ पे था अब उससे उसकी पतली कमर को अपने घेरे मे ले लिया और दूसरे हाथ ने नीचे से चोली को अलग करने की कोशिश की, उसने मेरे दोनो हाथ कस के उसे पकड़े थे. तो मैंने होंठो पर कस के चुंबन लेना शुरू किया।

होंठो पे से शुरू करते हुए और फिर चोली के ऊपर से हेफिर दोनो हाथ लहंगे के नाडे पर चले गए और मैंने पल भर मे उसे खींचा और खोल दिया. उसकव हाथ लहंगे पर गए और मैंने उसकी स्लीव लेस चोली खींची तो वो थोड़ी नीचे हो गयी और मैं उसके कंधों और बाँहों पर किस करने लगा. वो शर्माने लगी और शर्मा कर बांहों से अपनी छाती छुपाने लगी मैंने अपनी बाजुए फैला दी तो वो जल्दी से मुझसे लिपट गयी।



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मैंने उसे कस के अपनी बाहो मे रखते हुए बिस्तर पे लिटा दिया. हमारे होंठ एक बार फिर से मिले और मैं उसके होंठो के कस कस के चुंबन ले रहा था और फिर मैं धीरे से उनको अलग हुआ और उसकी छातियों को हाथों से पकड़ लिया औरप्यार से सहलाने लगा , दोनों बूब्स एकदम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया औरसहलाने लगा ., जिन उभारो को देख के, मैं उसे पहली बार देखने से ही बेचैन था अब मैं उन्हे छू रहा था और सहला रहा था . और इसी के साथ उसकी चोली, जिसे ना अब बाँध का सहारा था ना उसके हाथो का,न मेरे छाती का उसकी देह से अलग हो गयी. उसके बाद नीचे से खींच कर चोली की अलग कर दिया और उसकी स्ट्राप लेस्स ब्रा को भी लग किया और उसके उरोज आजाद कर दिए।

ज्योत्सना के गुलाबी चूचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे हाथों ने स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा. हम दोनों की साँसें तेज तेज चलने लगी।


कहानी जारी रहेगी
 
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deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 5

मैं चुपचाप निहारता रहा



वो भी मेरे लिए एक ब्रेसलेट लायी थी। मैंने अपना पास रखा पर्स खोल कर ब्रेसलेट निकला और मेरी और बढ़ाते हुए कहा 'यह मेरी ओर से आपके लिए है!'

'ओह... बहुत खूबसूरत है...' मैं हंसते हुए बोला और अब इसे आपको ही पहनाना होगा! ' उसके हाथ कांपने लगे थे और कांपते हुए हाथो से उसने उस ब्रासलेट को मेरी कलाई में पहना दिया।

'इस अनुपम भेंट के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!' कहते हुए मैंने उस ब्रासलेट को चूम लिया। वह एक बार फिर लजा गई। मैं उस परम् सुंदरी को चुपचाप निहारता रहा।



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मुझे ऐसे निहारता देख उसने शर्मा कर अपनी पीठ मेरी तरफ कर ली और मैंने उसके पतले बदन, उसके चौड़े कंधों और उसकी चिकनी, निर्दोष, हल्के दूधिया गुलाबी रंग की पीठ को देखा। इस बिंदु पर, मेरा लंड उत्तेजना से इतना कठोर हो गया था कि मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ। मैंने उसे घुमाया और अपने होंठो से कस-कस के उसके स्तनों को देखने लगा । उसके पेट पतला और मैं उसके बिलकुल सुंदर सांचे में ढले हुए दृढ़ स्तनों को देख रहा था, वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे पर भी-भी रस भरे लग रहे थे और उनकी गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल कभी भी चूसे गए थे।



मैं आगे हुआ और स्तनों को चूमने लगा और मेरे हाथ स्तन सहला और दबा रहे थे और वह भी मस्ती में चूर हो रही थी। उसकी देह के जिस भी-भी अंग पर मेरी उंगलियाँ छू जाती थि और फिर मैं उन्हें होंठो से चूम लेता मुझे लगता था वह अब मेरा बस मेरा हो गया और उसके बदन का स्पंदन भी यही बता रहा था की वह भी यही महसूस कर रही थी की उसका बदन अब उसका नहीं रहा था मेरा होता जा रहा था।

जब मैंने दोनों बूब्स के बीच ठीक उसके दिल के पास चूमा तो मुझे लगा कि अब दिल भी मेरा हो गया। पर दिल तो उसने मुझे जब पहली बार गुरूजी के सान्निध्य में देखा था तभी दे दिया था और फिर उसने भी यही सोच कर की जब दिल दिया तो देह देने में क्या है लेकिन उसके गुलाबी गाल उसकी शरम की दास्ताँ बयान कर रहे थे ।

जब मैंने दिल पर चुंबन किया तो उसने बेसाख्ता ही मेरे गले में बाहे कस दी और अपने स्तन मेरी नंगी छाती से चिपका दिये और जब मैंने उसे अलग किया और उसके स्तनों के बीच चुंबन करने लगा तो वह मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी और जब मैंने उसकी नाभि में जीभ दाल कर घुमाई तो उसने नितम्ब उठा दिए जो की इस बात का संकेत था कि अब इस अब इस किशोर दुल्हनिया का अपनी देह पर राज ख़तम हो गया है और उसने असली मालिक के सामने समर्पण कर दिया है।

मैं इसी पल का इंतजार कर रहा था और जैसे ही उसने नितम्ब उठाये मेरे हाथ उसके लहँगे पर गए और मैंने लहंगे को नीचे सरका दिया और अब वह सिर्फ दो अंगुल की गुलाबी पट्टी वाली पेंटी में थी जो ढक कम दिखा ज्यादा रही थी और फिर जब मैंने उसे बाहों ले कर कस कर भींचा तो मेरा औजार अंडरवेअर के अंदर से उसके योनि क्षेत्र से छु गया एकदम कड़ा और सख़्त लंड जब स्पर्श हुआ तो उसकी । देह में एक झुरजुरी-सी दौड़ गयी और शरम से उसकी आँखे बंद हो गयी।



लेकिन उसकी गोरी, जांघे अभी भी नारी सुलभः शर्म के कारण अपने आप भींची रही, उसने अपनी टांगो को खूब कस के.सटा रखा था। मैंने एक बार उसे भींचा मेरे सीने से उसके मेरे उभार दब गए ा और मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया तो वह अब काम रस का मजा लेने लगी और उसके अंगो ने समर्पण किया, उसकी टाँगे अब शिथिल हो गयी और उसके पैरो के बीच भी मेरा एक हाथ घुस गया ।

मेरा एक हाथ जो उसके पैरो के बीच था मैंने उससे सहलाना शुरू कर दिया और उसकी मुलायम जाँघो के बीच, आगे बढ़ता गया और फिर जांघो के अंदरूनी हिसे को सहलाया और जब तक वह अपनी जाँघे दुबारा भींचती मेरी उंगलिया उसकी पैंटी के उपर से ही उसकी योनि को सहलाने लगी और इस बीच मेरा दूसरा हाथ उसकी जवानी के कलशो पर था और उनके दृढ और गोलाकार स्तनों को सहला और चुचकों को छेद रहा था और दूसरा सीधे पैंटी के उपर । पहले तो मैं थोड़ी देर स्तनों को दबाता और सहलाता रहा, फिरमेरी एक ऊँगली साइड से पैंटी को हल्के से सरका कर अंदर जाने लगी तो मुझे वहाँ एक हुक महसूस हुआ और जब मैंने उसे ठोस छेड़ा ऑटो वह हुक खुल गया और फिर मेरी उंगलियों ने उस पेंटी को निकाल दिया और उसने शर्म से आँखे बंद की हुई थी। उसकी बिलकुल चिकनी थी, कही झांटो का कोई नामो निशाँ नहीं था और योनि ओंठ आपस में बिकुल चिपके हुए थे ।


कहानी जारी रहेगी



कहानी जारी रहेगी
 
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