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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

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Aakash.

sᴡᴇᴇᴛ ᴀs ғᴜᴄᴋ
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Hmmmm, Raay Sahab hai in sab ke piche baat kuch ajib Hai ek taraf wah champa ko apni beti kahte hai or dusri taraf aisa kaam karte chalo wo hai iske piche lekin champa ne ye baat kyu chupai kya use dar tha ki kabir naraz ho jaayega isiliye usne mangu ka naam liya ya fir champa ke dono ke saath sambandh hai. Shuru se hum dekhte aaye hai champa ke pariwaar ki madad kabir ka pariwaar karta hai kya ye uski bharpaai hai bhabhi ke ek jawab ne bahot se sawal khade kar diye hai kabhi kabhi lagta hai champa ki bhi koi majburi hongi...

har kirdaar ki ek kahani hai jo shayad dheere dheere saamne aayegi har ek baat ki wajah hai jise jaane bigar chain nahi milega.. ek baar ke liye kabir ke bade bhai par shak hua tha kyuki wah bhabhi ke saath aise hai lekin yaha to maamla kuch or hi nikla.. in sabhi ka kabir par ghera prabhaav padega kyuki ab wah pitaji ko us najriye se nahi dekh paayega jaisa pahle tha...

Dukh bhabhi ki nazro me bhi dikhta hai lekin wah santaan ka nahi hai wajah kuch or hai kabhi to dil ki baate bahar aayegi.. Nisha ka jikra hua hai or wah nahi hai yaad aa rahi hai uski :verysad:

 
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liverpool244

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Bhai bahut accha update tha..... Mujhe aisa lagta hai ki bhabhi aur Kabir ka rista ab naya mod lene wala hai... Jab rai saahab ke kuch raaz ho sakte hai to unke bade bete ke bhi raaz ho sakte hai jo Kabir ko na pata ho.... Aur sayad bhaiya aur bhabhi ka rista alag ho sabke samne alag aur chaar dewaaron ke ander alag ho.... Bhai ek request hai agar bhabhi aur Kabir ke beech sarirk rista ho to ekdum erotic rakhana.. Apke ye kahani padi to kahaani to acchi hai par sex jayda nhi hai... Chachi aur Kabir mein jo sex hai wo ekdum ruka shuka hai... Jab aap thriller aur suspence itna accha likte hai to sex scenes ko bhi thoda erotic banaaye... Thoda erotic baad cheet ho do characters ke beech bas yahi guzaarish hai aapse... Kuch galat aagar bola diya ho to uske liye maafi chaahate bhai...
 

Sanju@

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की तभी गजब हो गया. बिजली की रौशनी से मेरी आँखे चुंधिया गयी. और उसी एक पल में उस हमलावर ने मुझे धक्का दिया और ऐसे गायब हो गया जैसे की वो था ही नहीं. एक बार फिर मैं खाली हाथ रह गया. गुस्से से मैंने धरती पर लात मारी . पर ये अपनी खीज मिटाना ही था . इस बार मैंने लगभग पकड़ ही लिया था उसको.

“कब तक बचेगा तू ” मैंने खुद को दिलासा दिया. और एक महत्वपूर्ण बात और मेरे मन में आई की आज वो कुछ कमजोर सा लगा मुझे. खैर, सुबह मुझ शहर जाना था चंपा के साथ. मैं तैयार हो रहा था की मंगू आ गया. मैंने देखा वो कुछ लंगडाकर चल रहा था .

मैं- क्या हुआ बे

मंगू- भाई कल छप्पर की छत बाँध रहा था तभी गिर गया तो चोट लग आगयी

मैंने गौर किया जब मैंने उस हमलावर को बैलगाड़ी के पहिये पर फेंका था तो उसे भी ऐसी ही चोट लगी थी. तो क्या मंगू हो सकता था वो . मेरे दिमाग में शक सा होने लगा था .

मैं- तो रात को किसने कहा था छत बाँधने के लिए

मंगू- रात को कहा मैं तो दोपहर में कर रहा था ये काम

हो सकता था की वो झूठ बोल रहा हो . हम बात कर ही रहे थे की मैंने देखा भैया-भाभी कही जा रहे थे .

मैं- सुन मंगू . मुझे मालूम हो गया है की नहर की पुलिया कैसे टूटी थी . आगे से हमें इंतजाम करना होगा की यदि ऐसी कोई भी घटना हो तो पानी खेतो तक न आ सके.

मंगू- हम क्या कर सकते है . इतने पानी को कैसे रोका जाए

मैं कुछ न कुछ तो उपाय होगा ही .

मंगू- भाई. मैं देख रहा हूँ की पिछले कुछ दिनों से तू कुछ उखड़ा उखड़ा सा रहता है . मुझसे भी ठीक से बात नहीं करता . क्या कोई भूल हुई मुझसे

मैं- मंगू तूने मुझे बताया नहीं कविता के बारे में .

मेरी बात सुन कर मंगू के चेहरे का रंग उड़ गया .उसने एक गहरी साँस ली और बोला- भाई . मैं क्या बताता तुझे. कैसे बताता . लाली का हाल हम सबने देखा ही था न. किसी को भी अगर मालूम हो जाता तो मुझे और कविता को भी ऐसे ही लटका दिया जाता.

मैं- क्या तूने अपने भाई को इस लायक भी नहीं समझा

मंगू- अपनी जान से ज्यादा तुझे मानता हु इसलिए तुझसे छिपाई क्योंकि जानता हु जो लाली जो हमारी कुछ नहीं लगती थी उसके लिए गाँव के सामने अड़ गया मेरे लिए न जाने तू क्या कर जाता. इसी डर से मैं तुझे नहीं बताया भाई .

मुझे समझ नही आ रहा था की मैं मंगू की बात को सही समझू या फिर चंपा की बात को . आख़िरकार मैंने भांडा फोड़ने का निर्णय कर ही लिया .

मैं- कुछ और ऐसा है जो तुझे लगता है की मुझे बताना चाइये

मंगू कुछ नहीं बोला उसने अपना सर झुका लिया. मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला- तू मेरा भाई है . मेरा दोस्त मेरा सब कुछ है तू . एक बात हमेशा याद रखना तेरे साथ हमेशा मैं खड़ा हूँ . खड़ा रहूँगा.

मंगू मेरे गले लग गया और बोला- मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गयी कबीर

मैं- जानता हु ,और यही समय है भूल को सुधारने का जो हुआ उसे वापिस नहीं किया जा सकता पर आगे से वैसा न हो तो ही हम सब के लिए बेहतर होगा. फिलहाल खेतो के लिए मजदूरो का इंतजाम कर जितने मिले उतने बेहतर . दिन में ही काम के लिए तैयार करना उनको. मुझे खेत तैयार चाहिए जल्दी से जल्दी .

मंगू ने हाँ में सर हिलाया. उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और फिर मैं चंपा के साथ शहर के लिए निकल गया. वहां हम उसी डॉक्टर के पास गए . चूँकि वो जानता था मुझे इसलिए पैसो के जोर से मैंने उसे चंपा के गर्भपात के लिए मना लिया. उसने अपना काम कर दिया और चंपा को कुछ बेहद जरुरी हिदायते भी दी. जब हम वहां से निकल रहे थे की अचानक से भाभी वहां आ टपकी. उसके पीछे पीछे भैया भी थे.

भाभी भी हम लोगो को वहां देख कर चौंक गयी.

भाभी- तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो .

चंपा भाभी को देख कर बुरी तरह से घबरा गयी . चूँकि उसने अभी अभी गर्भपात करवाया था कमजोरी थी और फिर एक औरत दूसरी को भांप ही लेती है .

मैं- शहर आये थे . मैंने सोचा की डॉक्टर साहब से अपना कन्धा भी दिखा देता हूँ.

भैया- ये अच्छा किया तुमने. वैसे यहाँ आने का इरादा था तो हमारे साथ ही आ जाते.

भाभी की नजरे चंपा पर ही जमी थी .पर भैया की वजह से वो कुछ कह नहीं पा रही थी .

भैया- तुम लोग बाहर बैठो हम डॉक्टर से मिलके आते है फिर साथ ही चलेंगे

मेरे लिए एक नयी मुसीबत हो गयी थी . खैर हम बाहर आये.

मैं- चंपा सुन. भाभी को शक हो गया है चाहे कुछ भी हो जाये तू ये मत कबूल करना की हम यहाँ किसलिए आये थे . वर्ना ऐसा तूफान आएगा जो सब कुछ बर्बाद कर देगा.

चंपा- किस्मत ही फूटी है कबीर.

मैं- माँ चुदाय किस्मत . मैं बोल रहा हूँ वो समझ घर जाते ही वो तेरा रिमांड लेगी. वो तुझको तंग करेगी क्योंकि अभी तू कमजोरी महसूस कर रही है वो तुझसे भारी काम करवाएगी. जितना मैं उसे समझता हूँ तुझे देखते ही वो जान गयी है की हम यहाँ किसलिए आई है . और अगर तू टूट भी जाए तो तू अपने बचाव के लिए भाभी के आगे सारा दोष मुझ पर डाल देना. जब कोई रास्ता न बचे तो तू कहना की मैंने जबरदस्ती की थी तेरे साथ .

चंपा- इतनी बेगैरत नहीं हूँ मैं की तेरा यूँ इस्तेमाल करू मैं

मैं- समझ जा . क्या मालूम ये घडी टल जाए वर्ना तेरा हाल भी लाली जैसा ही होगा.



मैं जानता था की भाभी पक्का यही सोचेंगे की मैंने चंपा को पेल दिया . क्योंकि वो शक में इतनी अंधी हो चुकी थी . खैर उन दोनों के आने के बाद हम लोग भैया की गाड़ी में बैठे और घर आ गए. पर भाभी ने वैसा कुछ भी नहीं किया जो मैं सोच रहा था . शाम तक सब ठीक ही था . शाम को चाची ने मुझसे कहा की बहुरानी तुझे बुला रही है , अपने कमरे में .

मैं- मुझसे क्या काम है

चाची- वो ही जाने

मैं उठ कर भाभी के कमरे में गया .

भाभी- चोट कैसी है तुम्हारी

मैं- जी ठीक है

भाभी- मेरे प्यारे देवर जी , चंपा को ऐसा कौन सा रोग हो गया था की तुम उसे सीधा बड़े डॉक्टर के पास लेकर गए .

मैं- ये सवाल जवाब किस लिए भाभी , हम दोनों जानते है इस बात को

भाभी- उफ्फ्फ ये बेशर्मी तुम्हारी जानते हो मैंने अगर तुम्हारे भैया को बता दिया तो क्या होगा

मैं- हम को किसी का डर नहीं

भाभी- तुम डर की बात करते हो मैं चाहूंगी न तो तू थर थर कांप जाओगे.

मैं- चाहे भैया को बता दो. पिताजी को बता दो चाहे सारे गाँव में ढोल बजा दो

अगले ही पल भाभी की उंगलिया मेरे गाल पर छप गयी.

भाभी- उसको तो मैं क्या दोष दू जब हमारा ही खून गन्दा है . मेरी नजरो में गिर गए हो तुम लोग . अरे तुमको अपनी औलाद जैसे पाला मैंने और तुम मेरे ही घर में कचरा फैला रहे हो. जवानी इतनी ही मचल रही थी तो एक बार मुझसे कह तो दिया होता ब्याह करवा देती तुम्हारा . पर ये मत समझना की इस बात को मैं दबा दूंगी. तुम दोनों की खाल उतारूंगी मैं.

“मैं हाजिर हूँ मोहब्बत की सजा पाने को ” मैंने कहा और अगले ही पल भाभी ने भैया की बेल्ट उठाई और मारने लगी मुझे......................
एक बार फिर हमलावर छूट कर भाग गया है अबकी बार वह कमजोर सा लग रहा था वही मंगू के पैर में भी चोट लगी है जैसे हमलावर के पैर में है मंगू पर शक जा रहा है
मंगू ने कविता से अपने संबंध को मान लिया है और कबीर के कहने पर शायद उसने अपने और चंपा के बीच हुए अपराध को भी मान लिया है चंपा के पास एक बहुत ही अच्छा दोस्त हैं जो उसकी हर कदम पर सहायता कर रहा है केवल दोस्ती की खातिर । भाभी वहा आ गई है और उसे कबीर पर शक हो गया है क्युकी उसे कबीर पर पहले से ही शक है तो अब बात बहुत ज्यादा बिगड़ गई है भाभी तो कबीर को मारने लग गई है
अगर आप सही है तो सफाई देने की जरूरत नहीं है जब वक्त आएगा तो कबीर सब को जवाब देगा बस इंतजार है तो सबूत का
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Ye kya hua bhai in dono update ne to dimaak hila diya.
Bhabhi ko to sab kuch pata hai or hum use aise hi dosh de rahe the. Or kya champa ki ray sab ne le li? Kabir to such me chutiya nikla. Ab chachi ka kya hoga?
Dekhna ye hai ki nisha kabir ko kaise multi hai
Or kya mangu hi wo katil hai?
 
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Yamraaj

Put your Attitude on my Dick......
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1. Pahli baat jis ladki pe sabse jyada bharosha hota h aage jake wahi madharchod sabse bada dhokha deti h.

2. Apne hi sabse bade madharchod Hote h Kabir bechara jise sabse sharif samajhta tha wahi madharchod nikla ( Roy sahab)

Waiting for your next update.....
 
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