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Erotica Pardesi sex (completed)

Yamraaj

Put your Attitude on my Dick......
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परदेसी प्यार भाग -1

बाबी गर्मियों की छुट्टी में अपनी मौसी के गांव आई थी। उस समय उसकी उम्र तकरीबन……साल की रही होगी। उसकी मौसी की लड़की मनु उससे एक साल ही छोटी थी लोकिन वो उसे दीदी कहकर बुलाती थी। बाबी मनु के साथ पूरे गांव में फ्राक पहनकर घूमा करती थी। हांलाकि गांव वाले उसे इस लिबास में देखकर फब्तियां कसा करते थे, लेकिन वो किसी की परवाह नहीं करती थी।
एक दिन बाबी और मनु गांव की चौपाल पर पहुंची जहां पहले से ही चार-पांच लड़के खड़े थे। उनमें एक लड़का अपेक्षाकृत कुछ बड़ा था, जिसका नाम कमल था। बाबी को गांव में घूमते इतने दिन हो गए थे कि वो पहले से ही सभी को जानती थी।
कमल ने उससे पूछा आइस-पाइस खेलोगी?
वो कैसे खेलते हैं? बाबी ने पूछा।
हममें से एक लड़का चोर बनेगा और बाकी सभी छुप जाएंगे। चोर बना लड़का जिसे पहले ढूंढ़ लेगा अगली बार वो दाम देगा। कमल ने बताया।
ठीक है, बाबी ने कहा।
चोर बनने का नंबर सतीश का आया और वो दाम देने चला गया। सभी छुुपने की जगह ढूंढने लगे। कमल ने बाबी का हाथ पकड़कर कहा,
मेरे साथ आओ। मैं तुम्हे ऐसी जगह छुपाउंगा कि सतीश तो क्या उसका बाप भी नहीं ढूढ पाएगा।
बाबी कमल के साथ चली गई। कमल उसे पास के एक घर के एकदम पीछे वाले कमरे में ले गया, जहां बहुत अंधेरा था।
बाबी ने कहा, यहां तो बहुत अंधेरा है मुझे डर लग रहा है।
घबराओ मत मैं तुम्हारे साथ हूं। कमल ने कहा और बाबी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। कमल बाबी के पीछे खड़ा था और बाबी के चूतड़ उसकी जांघों को छू रहे थे। कमल ने अपना एक हाथ बाबी के कंधे पर रख लिया। अचानक उसका हाथ फिसलकर बाबी की चूंचियों पर आ गया तो बाबी बोली,
यहां से हाथ हटाओ न गुदगुदी होती है।
लेकिन यहां हाथ लगवाने में मजा भी बड़ा आता है।
तुम झूठ बोलते हो।
कसम से बाबी अच्छा अगर तुम्हे ठीक न लगा तो मैं हाथ हटा लूंगा।
ठीक है। बाबी ने कहा।
बाबी के इतना कहते ही कमल ने उसकी चूंचियां पकड़ ली और दबाने लगा। बाबी की चूंचियां हाथ में आते ही कमल का लंड झटके से बाबी के चूतड़ों से टकराया तो वह उछल पड़ी। कमल धीरे-धीरे उसकी चूंचियों को दबाने लगा और अब तो बाबी को भी मजा आने लगा। कमल ने अपना एक हाथ बाबी की फ्राक में डाल दिया। बाबी की नंगी चूंचियां हाथ में आते ही उसका लंड एक बार फिर झटके के साथ बाबी के चूतड़ों से टकराया, तो बाबी उछलकर बोली,
ये तुम बार-बार मेरे चूतड़ों पर डंडा क्यों मार रहे हो।
ये डंडा नहीं पगली मेरा लंड है। अच्छा ये बताओ तुमने कभी किसी का लंड देखा है।
तुम्हे लड़कियों से ऐसी बात करते हुए शर्म नहीं आती। बाबी ने शर्मा कर कहा।
देखो बाबी आदमी अगर शर्म से काम ले तो बहुत सी मजेदार चीजों से वंचित हो जाता है। बताओ न तुमने किसी का लंड देखा है।
बड़ों का तो नहीं लेकिन बच्चों का जरूर देखा है। बाबी ने शरमाते हुए जवाब दिया।
हाथ में लोगी।
इतना कहकर कमल ने बाबी को कुछ कहने का मौका दिए बिना अपना लंड निकाला और उसके हाथ में रख दिया। जब बाबी ने कमल का लंड पकड़ा तो उसे ऐसा लगा मानो उसने गरम-गरम लोहे की राड पकड़ ली हो, दूसरे ही क्षण उसने घबराकर कमल का लंड छोड़ दिया। तभी शोर मच गया था। सतीश ने किसी को ढूंढ लिया था, और दोनो बाहर आ गए। अब उस लड़के की चोर बनने की बारी आई और कमल बाबी को पुरानी जगह पर ले आया।
 

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परदेशी प्यार भाग-2




कमल बाबी की चूचियां दबाने लगा और बाबी उसके लंड से खेलने लगी। कभी वो उसको मुट्ठी में दबा लेती तो कभी उसके सुपाड़े को हटाकर देखती। कमल का लंड हाथ में लेकर बॉबी अपने पूरे जिस्म में अजीब सी सनसनी महसूस कर रही थी। इधर कमल उसकी चूचियों को हौले-हौले सहला रहा था, दबा रहा था। तभी कमल जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबाने लगा तो बाबी चिल्लाई,
क्या करते हो , जोर से दबाने से दर्द होता है न।
सॉरी अब धीरे-धीरे दबाऊंगा। कमल ने कहा और बाबी की चूचियां फिर से दबाने लगा। अचानक कमल बाबी की फ्राक के ऊपरी बटन खोलने लगा तो बाबी बोली-
बटन क्यों खोल रहे हो।
तम्हारी चूचियां बाहर निकालने के लिए।
क्यों?
उन्हे चूसूंगा। कमल ने धीरे से कहा।
न बाबा न। बॉबी कांप कर बोली।
क्यों क्या हुआ ? कमल ने पूछा
तुमने मेरी चूचियों को चूसते समय काट लिया तो?
क्या पहले भी किसी ने तुम्हारी चूंचियों पर काटा है?
चूंचियों पर तो नहीं हां मगर मेरे अंकल प्यार करते समय गाल पर जरूर काट लिया करते थे।
घबराओ मत मैं तुम्हारे अंकल जैसा नहीं हूँ, मैं तुम्हारी चूंचियों को बड़े प्यार से चूसूंगा।
फिर ठीक है। बाबी ने कहा।
बाबी के इतना कहते ही कमल ने उसकी फ्राक के बटन खोलकर चूंचियों को बाहर निकाल लिया। बॉबी की चूंचियां अभी विकसित होना शुरू ही हुई थीं। उनका आकार छोटे संतरे जैसा था। अग्रभाग पर छोटा सा गुलाबी निपल। कमल उसकी चूंचियों को पहले तो धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर एक चूंची अपने मुंह में भरकर धीरे-धीरे चूसने लगा। कमल के ऐसा करते ही बाबी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। उसके हाथ से कमल का लंड छूट गया और कमल के सिर को सहलाने लगी। कमल कभी एक चूंची को मुंह में भरकर चूसता तो कभी दूसरी को। आनंद से बॉबी की आंखें मुंद गईं। वह आनंद के सागर में गोता लगा ही रही थी कि तभी अचानक बाहर शोर मच गया। बाबी जल्दी से अपनी फ्राक के बटन बंद कर कमल के साथ बाहर आ गई। वहां पहले से ही सभी लोग जमा हो गए थे।
मनु ने बाबी से कहा- दीदी अब घर चलो।
तुम चलो मैं अभी थोड़ा और खेलूंगी।
ठीक है मगर जल्दी आ जाना वरना मां नाराज होंगी। इतना कहकर मनु वहां से चली गई। नया लड़का दाम देने चला गया और सभी छुपने लगे। कमल बाबी को लेकर पुरानी जगह आ गया। अचानक उसने कहा,
क्यों न हम खेल बंद करवा दें। जिससे बार-बार बाहर नहीं भागना पड़ेगा और तुम्हे जी भर कर मजा दूंगा।
ठीक है। बाबी ने कहा।
इसके बाद कमल बाहर आया और उसने सभी को बुलाकर खेल बंद करने को कहा। उसके सारे दोस्त चले गए, मगर बॉबी वहीं खड़ी रही। सबके जाने के बाद कमल बॉबी को लेकर फिर उसी अंधेर कमरे में आ गया। न जाने क्यों इस बार कमल के साथ आने पर बॉबी का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसके मन में अनजाना सा खौफ था, मगर उस आनंद के सामने वह खौफ छोटा पड़ गया जो कुछ समय पहले कमल से उसे मिल रहा था। वह चुपचाप कमल के साथ चली आई।
 

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परदेशी प्यार भाग -3

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इस बार जब बाबी उसके साथ वहां आई तो न जाने क्यों उसका दिल धड़क रहा था। कमल ने बाबी की चूंचियों को बाहर निकाला और चूसने लगा। बाबी कमल के लंड से खेल रही थी और उसके मुंह से सिकारियां निकल रहीं थीं। तभी कमल ने अपना एक हाथ बाबी के जांघिए में डाल दिया और उसके चूतड़ों को सहलाने लगा। जब कभी कमल उसके चूतड़ों की बीच की रेखा पर उंगली फिराता तो बाबी सिहर उठती। अपनी चूंचियों पर कमल के होंठों का स्पर्श पाकर तथा कमल के लंड को हाथ में लेकर न जाने क्यों बाबी अपनी चूत पर खुजली सी महसूस करने लगी। तभी कमल ने उसकी चूचिंयों से मुंह हटाया तो बाबी बोली,
रुक क्यों गए चूसते रहो न।
कमल ने कहा, वो तो मैं चूसूंगा ही, मगर क्या तुम मेरे लंड को मुंह में ले सकती हो।
ना बाबा ना।
क्यों?
क्यों मतलब उसी से तुम पेशाब करते हो उसे मैं मुंह में लूं। मुझे घिन आती है।
बाबी तुम शायद नहीं जानती कि मैं अपने लंड की कितनी सफाई रखता हूं।
फिर भी तुम उसी से पेशाब करते हो न, मैं उसे मुंह में नहीं ले सकती।
कमल ने जबरजस्ती की तो बाबी बोली,
देखो अगर तुम जबरजस्ती करोगी तो मैं यहां से चली जाऊंगी।
अच्छा नहीं करता जबरजस्ती। मगर मुझे तो करने दोगी।
क्या?
यहां की चुम्मी लेने। कमल ने बाबी की चूत पर फ्राक के ऊपर से ही हाथ फिराकर कहा।
छी: तुम्हे इस गंदी जगह मुंह लगाते घिन नहीं आएगी।
घिन कैसी। बाबी तुम नहीं जानती कि जब कोई लड़का किसी लड़की की चूत चूमता है तो उसे कितना मजा आता है। प्लीज चूमने दो न।
ठीक है। बाबी ने कहा चूम लो।
बाबी के इतना कहते ही कमल ने उसकी फ्राक ऊपर उठाकर चड्ढी सरका दी। हालांकि वहां अंधेरा था फिर भी बाबी का चेहरा शर्म से लाल हो गया। कमल ने बाबी की चूत पर हाथ फिराया। उसकी चूत का रंग भी उसके रंग के समान ही गोरा था और वो एकदम चिकनी थी, उस पर अभी हलके-हलके रोंए आना शुरू हुए थे। कमल बाबी की फाम सी मुलायम और मक्खन सी चिकनी चूत पर हाथ फिरा कर पगला सा गया। उसने बाबी की दोनों टांगों को थोड़ा सा खोला और उसके चूतड़ों पर अपने हाथ टिका कर चिकनी चूत पर मुंह रख दिया। बाबी सिहर उठी वो तो सोच भी नहीं सकती थी कि जब कोई लड़का किसी लड़की की चूत चूमता है, तो इतना मजा आता है। यह आनंद उस मजे से कई गुना ज्यादा था जो चूंची चुसवाने में मिल रहा था।
कमल बाबी की चूत को पहले तो धीर-धीरे चूमता रहा फिर अपनी जीभ निकालकर चाटने लगा। जब कमल ने जीभ निकाल कर उसकी चूत के बीच वाले हिस्से को चाटा तो बाबी सिसकारियां लेने लगी। फिर कमल ने बाबी की चूत के बीच के भाग में उभरे चने के दाने के सामान रचना पर अपनी गीली जीभ फिराई और उसे जीभ से सहलाने लगा। सहलाते-सहलाते उसने धीरे से उस हिस्से को अपने होंठों के बीच दबाकर चूसना शुरू किया तो बाबी आनंद से पागल हो गई। उसे ऐसा लगा कि उसके शरीर में खून की जगह गरम-गरम लावा बह रहा है। उसके मुंह से जोर-जोर से सिकारियां निकलने लगी। तभी कमल ने अपना मुंह बाबी की चूत से हटा लिया तो बाबी तड़पकर बोली रुक क्यों गए चाटते रहो न।
क्या? कमल ने पूछा।
मुझे उसका नाम बोलने में शर्म आती है।
देखो बाबी जब तक तुम नहीं बताओगी मैं नहीं चूसूंगा। कमल ने शरारत से कहा।
मेरी चूत। बाबी कंपकंपाते स्वर में बोली।
कमल ने फिर से उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए और चाटने लगा। अचानक कमल ने अपनी जीभ बाबी की चूत के छेद में डाल दी तो बाबी को इतना मजा आया कि उसने कमल का सिर अपनी जांघों के बीच दबा लिया। ताकि वो जीभ का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा उसकी चूत में घुसेड़ सके। बाबी का आनंद चरम पर था और उसके शरीर में अजीब सी सनसनी दौड़ रही थी। उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी और ही दुनिया में है। वह आनंद के गहरे सागर में गोते लगा ही रही थी कि उनके कानों में मनु की आवाज पड़ी। वो बाबी को ही पुकार रही थी। बाबी और कमल दोनों चौंक पड़े। कमल ने उसकी चूत से मुंह हटा लिया और बाबी ने जल्दी-जल्दी चड्ढी पहन ली। वह बाहर जाने लगी तो कमल ने उसे रोक लिया। बाबी बोली,
जाने दो वरना मनु यहीं आ जाएगी और सब गड़बड़ हो जाएगा।
ठीक है जाओ मगर वादा करो कल दोपहर मेरे घर आओगी। मां तीन से पांच के बीच सोती है। उस समय हमें देखने वाला कोई नहीं होगा। उसी समय आना।
ठीक है आऊंगी, मगर अभी जाने दो। कमल ने बॉबी का हाथ छोड़ दिया और बाबी चली गई। जाने से पहले कमल उसके चूतड़ों पर हाथ फेरना नहीं भूला था।
 
Last edited:

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परदेशी प्यार भाग -4



अगले दिन बाबी करीब आधा घंटा देरी से कमल के घर पहुंची। कमल बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार ही कर रहा था, कि तभी उसने खिड़की से बाबी को आते देखा। बाबी ने पैंट और टॉप पहन रखा था। कुछ देर बाद बाबी कमल की नजरों से ओझल हो गई फिर उसके कमरे में प्रविष्ट हुई।
कमल ने उसके आते ही पूछा
बड़ी देर कर दी।
क्या करूं मनु को नींद ही नहीं आ रही थी। अभी भी उसे सोता छोड़कर आई हूं, जो भी करना हो जल्दी कर लो वरना वो जाग गई तो मुझे ढूंढेगी।
मैं तो वहीं करूंगा जिसमें तुम्हे मजा आता है।
मुझे तो अपनी चूत चटवाने में ही ज्यादा मजा आता है।
तो ठीक है मैं यही करूंगा।
इतना कहकर कमल ने बाबी के तमाम कपड़े उतार दिए और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। पहले तो कुछ देर वो उसकी चूंचियां दबाता रहा। फिर उसने बाबी की चूंचियो को बारी बारी से चूसा और उसकी चूत पर हाथ फिराता रहा। तभी बाबी बोली
जल्दी से मेरी चूत चाटना शुरू करो न।
और कमल ने उसकी टांगों को थोड़ा फैलाया और उसकी चूत के होंठो पर अपना मुंह रख दिया, बाबी ने मारे आनंद के अपनी आंखे मूंद ली। उसके मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकलने लगी। कमल ने अपनी जीभ निकाल कर बाबी की चूत के बीच वाले हिस्से पर फिराना शुरू किया तो बाबी के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों की आवाज भी तेज हो गई। कमल ने उसकी चूत के बीच वाले भाग को अपने होंठो के बीच दबाकर चूसना शुरू किया तो बाबी आनंद से पागल हो गई। कमल ने अपनी जीभ बाबी की चूत के छेद में घुसा दी और धीरे धीरे जीभ से चूत के छेद को सहलाने लगा। बाबी को इतना मजा आया कि उसने कमल के सिर को जोर से अपनी जांघों के बीच दबा लिया। बॉबी को इतना मजा आ रहा था कि उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
आह…सी…सी… ओह कमल जोर से चाटो न। आह… सी…सी.. मैं मर जाउंगी कमल। मेरे शरीर में कुछ हो रहा है। बॉबी बिस्तर पर मचल रही थी और कमल उसकी चूत को चाटने में जुटा हुआ था। बॉबी चरम पर पहुंचने ही वाली थी और उसका शरीर ऐंठने लगा था। उसे लग रहा था कि इससे बड़ा आनंद और कोई हो ही नहीं सकता, तभी कमल ने अपना मुंह बाबी की चूत से हटा लिया तो वो तड़पकर बोली…
हाय कमल रुक क्यों गए चाटते रहो न मेरी चूत। मुझे बहुत मजा आ रहा है।?
नहीं पहले तुम मेरा लंड अपने मुंह में लो तभी मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा। कमल ने आंखों में शरारत भरकर कहा।
नहीं मैं तुम्हारा लंड मुंह में नहीं ले सकती, मुझे घिन आती है। बॉबी कमल की इस मांग से सकपका गई। वह नहीं चाहती थी कि कमल उसकी चूत से एक पल के लिए भी अपना मुंह हटाए।
जब मुझे तुम्हारी चूत चाटते हुए घिन नहीं आई तो फिर भला तुम्हे मेरा लंड मुंह में लेने में कैसे घिन आएगी? कमल ने कहा।
फिर भी तुम उसी से पेशाब करते हो, मैं उसे मुंह में नहीं ले सकती। बॉबी की आवाज में अब भी लरज थी।
देखों बाबी ये तो सौदा है। तुम मुझे मजा दो और मैं तुम्हे मजा देता हूं, वरना मैं तो चला सोने। अब कमल ने बॉबी के सामने सीधे-सीधे शर्त रख दी।
कमल की इस बात पर बाबी सोचने लगी।
कमल जानता था कि बॉबी मना नहीं कर सकती। उसने उसे आनंद की जो अनुभूति करवाई थी, उसके लिए बॉबी कुछ भी करने को तैयार हो जाती। यह तो केवल लंड चूसने का मामला था। खैर कुछ ही पल बॉबी ने सोचने में लगाए और अपना सिर सहमति में हिला दिया। बॉबी उसके लंड को मुंह में लेने को तैयार हो गई। तब कमल उसके सामने लेट गया। उसने कमल की पैंट के बटन खोलकर उसका लंड बाहर निकाला। कुछ देर उसे वैसे ही देखती रही। कमल ने उसकी तरफ प्रश्नवाचक नजरों से देखा। बॉबी से उसकी नजरें मिली तो एक बार फिर उसे सहमति में सिर हिलाया और उसे अपने मुंह में डाल लिया।
अब आनंद के सागर में गोते लगाने की बारी कमल की थी। बॉबी की गीली जीभ का स्पर्श अपने लंड पर पाते ही कमल के मंह से एक सिसकारी सी निकल गई। थोड़ी देर बाद बाबी को भी कमल का लंड चूसने में मजा आने लगा और वो बड़े चाव से उसका लंड चूसने लगी। कमल के मुंह से जोर-जोर से सिसकारियां निकलने लगी। कभी बाबी उसके लंड को जोर-जोर से चूसने लगती तो कभी वो लंड के ऊपर की चमड़ी हटाकर चाटने लगती। कमल को बहुत मजा आ रहा था कि तभी बाबी को शरारत सूझी और उसने कमल को लंड पर दांत गड़ा दिए। कमल ने तड़पकर उसके मुंह से अपना लंड बाहर खींच लिया।
बाबी ने पूछा, क्यों मजा नहीं आया?
मजा तो आ रहा था, लेकिन तुम्हारे दांतों ने सब किरकिरा कर दिया।
अचछा अब नहीं काटूंगी। कसम से बाबी कमल के लंड को प्यार से सहलाते हुए बोली।
ठीक है। कमल ने कहा और बाबी उसके लंड पर झुकने लगी तभी उसके मन में कोई विचार आया और वह रुक गई। कमल ने उसकी तरफ प्रश्रवाचक नजर से देखा तो वह बोली,
क्या ऐसा नहीं हो सकता कि तुम मेरी चूत चाटो और उसी समय मैं तुम्हारा लंड भी चूंसू? दोनों को एक साथ मजा आएगा।
हो क्यों नहीं सकता। कमल ने कहा फिर बाबी को लेटा कर इस पोजिशन में आ गया कि उसका लंड बाबी के मुंह के सामने था और बाबी की चूत उसके मुंह के सामने।
 

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कोई पढ़ नहीं रहा ह क्या भाई . किसी को कहानी पसंद नहीं आ रही ह क्या .
 
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