अगले दो महीने के लिए यह कहानी पॉज मोड पर रहेगी, कारण कई हैं,
पहली बात तो कहानी की प्रतियोगिता के कारण अनेक मित्र पाठक वहीँ, लिखने पोस्ट करने में व्यस्त हैं और हर व्यक्ति एक सिमित समय ही इस फोरम पर दे सकता है,
और अगर कमेंट करने वालों की संख्या मैं देखूं तो उनमे थोड़ी कमी, लोगो की अपनी व्यस्तता के कारण भी आयी है, फिर अपने मित्रो से अपेक्षा करना की नियमित रूप से तीन तीन कहानियों को पढ़ें, उन्हें लाइक करें, कमेंट करें, कुछ शायद ज्यादा ही है।
दूसरी बात जब मैंने यह कहानी शुरू की थी तब ही मैंने सोचा था की अधिक से अधिक १०० भाग होंगे और अगर २० लाख व्यूज मिल गए तो बड़ी बात होगी, क्योंकि मोहे रंग दे ऐसी कहानी भी उस समय १५ लाख तक नहीं पहुंची थी , और अब इसके व्यूज भी २४ लाख हो गए हैं और पोस्ट भी १०० होगयी है तो विराम के लिए इससे अच्छा स्थल नहीं हो सकता।
हाँ कहानी के अंत में मैं द एन्ड अभी नहीं लिख रही हूँ, यह सिर्फ विराम है।
और आगे निर्भर करेगा, मित्र पाठको की उपलब्धता पर, उनके आग्रह पर और मेरे पास भी समय की उपलब्धता पर
हाँ बाकी दोनों कहानियां जारी रहेंगी, कोशिश होगी की जोरू का गुलाम और फागुन के दिन चार पर दो -तीन अपडेट हर महीने देती रहूं यानी महीने में ४-६ अपडेट। वो दोनों कहानियां भी अब एक नयी दिशा में मुड़ चुकी हैं , एक्शन और थ्रिलर की ओर जहाँ लिखने के ;िये पढ़ने की और समझ कर अधिक प्रयास करने की जरूरत पड़ती है , समय भी अधिक लगता है।
हाँ इस सूत्र पर भी मैं आती रहूंगी, बतकही भी होगी, कमेंट्स के जवाब भी दूंगी लेकिन फोरम पर मेरी उपलब्धता थोड़ी कम रहेगी।
अभी भी आपके कमेंट्स के लिए इन्तजार में