Lo buchi ke chut fatai ka date bhi fix ho gaya.छुटकी -होली दीदी की ससुराल में
भाग १११ पंडित जी और बुच्ची की लिख गयी किस्मत
२८,५३,५०१
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जबतक सूरजु की माई ये किस्सा सुना रही थीं की एक ज्योतिषी आये /आयीं
ज्योतिषी जी लगता है सीधे बनारस से आये थे, पोथी पत्रा समेटे, माथे पे त्रिपुण्ड, खूब गोरे, थोड़े स्थूल, धोती जैसे तैसे बाँधी, ऊपर से कुरता पहने, एक हाथ में चिमटा भी,खड़का के बोले,
" अलख निरंजन, अलख निरंजन, किसी को बच्चा न हो रहा हो, कोई लंड के बिन तरस रही हो, बाबा सब का हल करेंगे, सबकी परेशानी दूर करेंगे, सबका भाग बाँचेंगे "
चुनिया तो आज अपनी सहेली बुच्ची की ऐसी तैसी करवाने पे जुटी है, बस ज्योतिषी जी का पैर पकड़ लिया और छोड़ने को तैयार नहीं,...
" आप मेरी इस बेचारी सहेली का कल्याण कर दीजिये, बहुत परेशान है बेचारी,… जो दक्षिणा कहियेगा देगी, आप की सब बात मानेगी, "
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" अच्छा तो ये दूल्हे की बहिनिया भी है " पंडित जी ने बुच्ची के गोरे गोरे मुखड़े को देख कर कहा,
" सगी से बढ़कर, …सगी तो कोई है नहीं तो ये सगी से बढ़कर, राखी यही बांधती है, सब रसम बहन वाली यही " मुन्ना बहु ने जोर से हंकार लगाई
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और ज्योतिषी जी बैठ गए, बुच्ची का बायां हाथ पकड़ लिया और सब ओर देख के बोले,
" यह छिनरिया क भौजाई कौन है "
इमरतिया, मुन्ना बहु, रामपुर वाली भाभी सब ने जोर की हंकार लगाई, लेकिन डांट पड़ी इमरतिया को, और हुकुम हुआ,
" ये कहती है की कोरी है, अभी तक लंड का सुख नहीं लिया तो पहले खोल के जांच कर के मुझे दिखाओ "
जबतक इमरतिया आती रामपुर वाली भाभी ने बुच्ची का हाथ पकड़ के खड़ा कर दिया और छोटी सी स्कर्ट कमर पे, इमरतिया और मुन्ना बहु ने बुच्ची को जकड़ लिया और रामपुर वाली ने पहले तो हथेली से सबको दिखाते हुए बुच्ची की बुर को रगड़ा थोड़ी देर और जब पनिया गयी तो दोनों फांको को पूरी ताकत से फ़ैलाने की कोशिश की,
बुच्ची की बुरिया सच में नहीं खुल पायी, बड़ी मुश्किल से, कोई बहुत कोशिश करेगा तो बस पतली वाली ऊँगली वो भी एक, तेल वेल लगा के, कलाई की पूरी ताकत से एक पोर भी घुस जाए तो बड़ी बात,
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और सब भौजाइयों का मन खुश हो गया, कोई अपने भाइयों के मजे के बारे में सोच के, कोई देवरों के लेकिन सबसे ज्यादा इमरतिया मुस्करा रही थी, आज तो उसने घोंट के देख भी लिया था, अब तक परपरा रही थी, टमाटर ऐसा मोटा सुपाड़ा था सूरजु का और कड़ा भी कितना, और कमर में जोर तो, सांड मात। और इस पतली संकरी दरार में जाएगा, लेकिन जाएगा तो जाएगा, भैया बहिनिया का रिश्ता है, बिना चुदे तो बचेगी नहीं,
लेकिन इमरतिया का ध्यान टूटा ज्योतिषी जी की डांटसे,
" कौन भौजाई है कोहबर रखाने वाली, सुन लो कान और गांड दोनों खोल के, कल सांझ होने के पहले, ये अपने भाई से, दूल्हे से चुद जानी चाहिए, और झूठ मुठ का नहीं, सच्ची, कम से कम दो भौजाइयां, इस स्साली की बुर में ऊँगली डाल के मलाई जांचेगी तब माना जाएगा इसने अपने भैया क मलाई घोंट ली है "