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छुटकी - होली दीदी की ससुराल में भाग १०३ इमरतिया पृष्ठ १०७६
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
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शत प्रतिशत सहमत हैं आपकी बातों से...अगले दो महीने के लिए यह कहानी पॉज मोड पर रहेगी, कारण कई हैं,
पहली बात तो कहानी की प्रतियोगिता के कारण अनेक मित्र पाठक वहीँ, लिखने पोस्ट करने में व्यस्त हैं और हर व्यक्ति एक सिमित समय ही इस फोरम पर दे सकता है,
और अगर कमेंट करने वालों की संख्या मैं देखूं तो उनमे थोड़ी कमी, लोगो की अपनी व्यस्तता के कारण भी आयी है, फिर अपने मित्रो से अपेक्षा करना की नियमित रूप से तीन तीन कहानियों को पढ़ें, उन्हें लाइक करें, कमेंट करें, कुछ शायद ज्यादा ही है।
दूसरी बात जब मैंने यह कहानी शुरू की थी तब ही मैंने सोचा था की अधिक से अधिक १०० भाग होंगे और अगर २० लाख व्यूज मिल गए तो बड़ी बात होगी, क्योंकि मोहे रंग दे ऐसी कहानी भी उस समय १५ लाख तक नहीं पहुंची थी , और अब इसके व्यूज भी २४ लाख हो गए हैं और पोस्ट भी १०० होगयी है तो विराम के लिए इससे अच्छा स्थल नहीं हो सकता।
हाँ कहानी के अंत में मैं द एन्ड अभी नहीं लिख रही हूँ, यह सिर्फ विराम है।
और आगे निर्भर करेगा, मित्र पाठको की उपलब्धता पर, उनके आग्रह पर और मेरे पास भी समय की उपलब्धता पर
हाँ बाकी दोनों कहानियां जारी रहेंगी, कोशिश होगी की जोरू का गुलाम और फागुन के दिन चार पर दो -तीन अपडेट हर महीने देती रहूं यानी महीने में ४-६ अपडेट। वो दोनों कहानियां भी अब एक नयी दिशा में मुड़ चुकी हैं , एक्शन और थ्रिलर की ओर जहाँ लिखने के ;िये पढ़ने की और समझ कर अधिक प्रयास करने की जरूरत पड़ती है , समय भी अधिक लगता है।
हाँ इस सूत्र पर भी मैं आती रहूंगी, बतकही भी होगी, कमेंट्स के जवाब भी दूंगी लेकिन फोरम पर मेरी उपलब्धता थोड़ी कम रहेगी।
अभी भी आपके कमेंट्स के लिए इन्तजार में
लेकिन अच्छी, श्रेष्ठ और उम्दा लिखने के लिए समय की दरकार होती है...Mujhe to yahi update ka intejar tha.baki ko rok lijiye.abhi saas or nanad ki nanad ko to sabak sikhana hi tha
सही कहा... समय-समय पर अपनी लेखनी से लुभाती रहें..Kahain ka the end to abhi bahut door hai, bahut kuch baki hai abhi. Or pause krne ke bajaye , update 2-3 week me ek baad de do. Baki intejar rahega
जिनके इसरार पर यह सीक्वेल शुरू हुआ था उनके चरण रखे तो महीनो हो गए।जोरू का गुलाम भाग २४२ आज अभी पोस्ट किया है देखती हूँ एक हफ्ते में कितने मित्र कमेंट देने की ज़हमत फरमाते हैं।
पिछले हफते फागुन के दिन चार का अपडेट पोस्ट किया, भाग ३३, अंदर की बात
ठीक एक हफ्ते बाद हाल ये है की पांच पार्ट्स थे उस पोस्ट के और सात दिन में तीन कमेंट आएं है और व्यूज भी कुछ ख़ास नहीं हैं।
छुटकी की यह कहानी बंद नहीं हुयी है सिर्फ पॉज हुयी है, दो महीनो के लिए और उसका एक कारण यह भी है है की बहुत से मित्र कम्टीशन में बिजी है साल भर का त्योहार है, मैं नहीं भाग लेती लेकिन बाकी लोगो के लिए यह अच्छा मौका है और मैं चाहती भी हूँ की लोग भाग लें, समीक्षा लिखे और जीतें। लेकिन लोग कहाँ कहाँ टाइम देंगे, जिंदगी में और काम भी है, तो मेरी तीनो कहानियों पे पाठकों का सूखा पड़ना ही था,
जिनके इसरार पर यह सीक्वेल शुरू हुआ था उनके चरण रखे तो महीनो हो गए।
आज फागुन के दिन चार के भाग ३३ पर सात दिन में तीन कमेंट देखकर ऐसा लगा, जैसे मैं खुद कहानी लिखूं , कमेंट दूँ , पढूं और खुश हो जाऊं और फिर अगला भाग पोस्ट कर दूँ।
तो अब जोरू के गुलाम की पोस्ट पर कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।
वो कुछ दिनों की जल्द जल्द से आने की मनोकामना रहेगी...Try to read my other stories also aur yahan par bhi kuch din baad agala update aayega, kahani sirf pause huyi hai stop nahi. thanks
जागे हुए हैं कोमल जी...Phagun ke din chaar men saat din men 3 comment aaye hain har hafte main update post kar rhin hun .
जागो पाठक जागो
Sare padhe huye hai.ab to wahi baar baar padhna pad raha hai.yahan update kab tak aayega.or kahani kis pe based hogiTry to read my other stories also aur yahan par bhi kuch din baad agala update aayega, kahani sirf pause huyi hai stop nahi. thanks
Hi aarti..Bhabhi story complete ya band ho gayi hai kye