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छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
यह कहानी सीक्वेल है, मेरी एक छोटी सी लेकिन खूब मज़ेदार और गरमागरम होली की कहानी, मज़ा पहली होली का ससुराल में, जी अभी उसकी लिंक भी दूंगी , उसके पहले पेज को रिपोस्ट भी करुँगी, लेकिन उसके पहले इस कहानी की हलकी सी रूपरेखा, जिस कहानी से जुडी है ये कहानी दो चार लाइनें उसके बारे में,
तो इस कहानी में, जुड़ाव बनाये रखने के लिए, पहली कहानी के दो चार प्रसंग, जिनसे छुटकी का और इस कहानी के जुड़े चरित्रों का जुड़ाव है वो पूर्वाभास के तौर पर दूंगी, जिससे छुटकी और उसके जीजा की होली, कैसे और क्यों आयी छुटकी अपनी दीदी के गाँव में , वो सब कुछ कुछ साफ़ हो जाए,
हालांकि मैं तो चाहूंगी की इस होली में आप मूल कहानी को भी एक बार पढ़ लें, अगर पढ़ी हो तो भी तो थोड़ी फगुनाहट, होली का सुरूर चढ़ जाएगा, लेकिन चलिए मैं दो चार बातें उस कहानी के बारे में भी बात देती हूँ, जिस का यह सीक्वेल है.
मज़ा पहली होली का ससुराल में, शादी के बाद की मेरी पहली होली की कहानी है , इनकी भी। मेरी ससुराल में ननदों , ननदोई, देवरों और सास के साथ कैसी पहली होली हुयी और इनकी अपनी ससुराल में सालियों, सलहज, और सास के साथ कैसी होली पड़ी दोनों ही. चलिए पहले पात्र परिचय करा दूँ, फिर आगे की बात , तो ससुराल में मेरे ये है और इनकी दो बहनें , एक शादी शुदा जो होली में नन्दोई जी के साथ अपने मायके आयी थीं, मेरी ही समौरिया, और दूसरी छोटी ननद , जो मेरी छोटी बहन, छुटकी जैसी ही. देवर कोई नहीं है, लेकिन होली में तो सारा गाँव नयी भौजाई के लिए देवर हो जाता है, और मेरी जेठानी और सास। मायके में मेरी माँ, और दो छोटी बहने, मंझली जो बोर्ड का इम्तहान दे रही थी और छुटकी, उससे छोटी।
तो पहले दिन की होली मैंने अपनी ससुराल में मनाई और उसी शाम को ट्रेन से हम लोग इनकी ससुराल को चल दिए, और अगली सुबह वहां मेरी दोनों छोटी बहने इनसे होली खेलने के लिया एकदम बौराई थीं, और मेरी सगी तो नहीं लेकिन सगी से बढ़कर, भाभी, इनकी सलहज भी अपने नन्दोई का साथ दे रही थी। तो ससुराल में पहले दिन ही इन्होने अपनी मंझली साली का नेवान कर दिया, रात में सास के साथ सफ़ेद पिचकारी वाली होली खेली, और अगले दिन छुटकी की दो सहेलियां आयी थीं, उन दोनों के साथ, ... छुटकी बहुत घबड़ा रही थी, लेकिन उसकी भाभी,... अपने नन्दोई के साथ मिलकर तो होली में किस साली की बचती है, अगर ननदोई सलहज एक साथ हो जाएँ तो उसकी भी नहीं बची.
ये चाह रहे थे की छुटकी हम लोगों के साथ चले, और इनके साथ मेरे नन्दोई भी, मैंने छुप के दोनों का पूरा प्रोग्राम सुना था. पर इनकी सास तो अपने दामाद से भी दो हाथ आगे थीं , वो खुद,... तो दो दिन एक रात जो ससुराल में इन्होने बितायी होली की मस्ती के साथ, और अगली रात को जो हम इनके गाँव लौटे तो साथ में इनकी छोटी साली भी,
बस तो ये कहानी उसी ट्रेन यात्रा से शुरू होती है,...
तो आशा रहेगी, मुझे आपके साथ की, प्यार की दुलार की और आपके कमेंट्स की , जो हर कथा यात्रा के लिए पाथेय की तरह है,....
तो बस शुरू करती हूँ और सबसे पहले जिस कहानी का यह सीक्वेल है उसका पहला पन्ना , एक झलक के तौर पर,
( इस कहानी के सभी पात्र वयस्क हैं और सभी चित्र इंटरनेट से लिए गए हैं यदि किसी को कोई आपत्ति हो तो टिप्पणी कर सकता है। अंडर एज सेक्स न सिर्फ इस फोरम के नियमों के खिलाफ है बल्कि वैधानिक रूप से भी निषिद्ध है , और मैं वयक्तिगत रूप से भी इसे नहीं पसंद करती।)
पूर्वाभास - पृष्ठ १ और २
भाग १ -पृष्ठ ५ छुटकी - होली, दीदी की ससुराल में
भाग २ पृष्ठ ८ छुटकी -बंधे हाथ, ट्रेन में
भाग ३ पृष्ठ १३ चाय चाय
भाग ४, पृष्ठ १९ छुटकी का पिछवाड़ा और नन्दोई जी का इरादा
भाग ५ - पृष्ठ २२ गोलकुंडा पर चढ़ाई- चलती ट्रेन में
भाग ६ --पृष्ठ २९ -३० रात भर ट्रेन में, सटासट,...
भाग ७ पृष्ठ ३५ रेल में धक्क्म पेल
भाग ८ पृष्ठ ४० छुटकी पहुंच गयी जीजा के गाँव
भाग ९ -पृष्ठ ४६ मेरी सास
भाग १० --पृष्ठ ५० ननद, नन्दोई और छुटकी का पिछवाड़ा
भाग ११ - पृष्ठ ५३ सासू , ननदिया ( नैना ) का महाजाल
भाग १२ - पृष्ठ ५८ दो बहेलिये ( सासू और नैना ननदिया)
भाग १३ -पृष्ठ ६२ पूरा गाँव,... जीजा
भाग १४ पृष्ठ ६६ देवर मेरे
भाग १५ पृष्ठ ७२ चंदू देवर
भाग १६ -पृष्ठ ७७ फागुन का पहला दिन- देवर भौजाई
भाग १७ -पृष्ठ ८१ छुटकी - प्यार दुलार और,...
भाग १८ - पृष्ठ ८७ चुन्नू की पढ़ाई
भाग १९ - पृष्ठ ९१ ननदों भौजाइयों की रंगभरी कबड्डी
भाग २० -पृष्ठ ९३ छुटकी की हालचाल
भाग २१ - पृष्ठ ९९ छुटकी पर चढ़ाई -
भाग २२ पृष्ठ १०३ रात बाकी
भाग २३ पृष्ठ १०९ नई सुबह
भाग २४ पृष्ठ ११३ देवर भाभी की होली
भाग २५ पृष्ठ १२१ छोटा देवर - कैसे उतरी नथ चुन्नू की
भाग २६ पृष्ठ १२७ पिलानिंग - कच्ची ननदों की लेने की
भाग २७ पृष्ठ १३२ और छुटकी की होली
भाग २८ पृष्ठ १३६ - किस्सा इन्सेस्ट यानी भैया के बहिनिया पर चढ़ने का- उर्फ़ गीता और उसके भैया अरविन्द का
भाग २९ पृष्ठ - १४५ इन्सेस्ट का किस्सा -तड़पाओगे, तड़पा लो,... हम तड़प तड़प के भी
भाग ३० पृष्ठ १५२ किस्सा इन्सेस्ट का, भैया और बहिनी का -( अरविन्द -गीता ) दूध -मलाई
भाग ३१ पृष्ठ १६५ किस्सा इन्सेस्ट का,-रात बाकी बात बाकी
भाग ३२ पृष्ठ १७८ इन्सेस्ट गाथा अरविन्द और गीता,-सुबह सबेरे
भाग ३३ पृष्ठ २०० अरविन्द और गीता की इन्सेस्ट गाथा सांझ भई घर आये
भाग ३४ पष्ठ २१४ इन्सेस्ट कथा - चाची ने चांदनी रात में,...
भाग ३५ पृष्ठ २२५ फुलवा
भाग ३६ - पृष्ठ २३६ इन्सेस्ट किस्सा- मस्ती भैया बहिनी उर्फ़ गीता -अरविन्द की
भाग ३७ - पृष्ठ २५० इन्सेस्ट कथा - और माँ आ गयीं
भाग ३८ पृष्ठ २६० मेरे पास माँ है
भाग ३९ - पृष्ठ २७१ माँ, बेटा, बेटी और बरसात की रात
भाग ४० पृष्ठ २८६ इन्सेस्ट गाथा - गोलकुंडा पर चढ़ाई -भाई की माँ के सामने
भाग ४१ पृष्ठ ३०३ इन्सेस्ट कथा - मामला वल्दियत का उर्फ़ किस्से माँ के
भाग ४२ पृष्ठ ३१७ इन्सेस्ट कथा माँ के किस्से,
भाग ४३ पृष्ठ ३२९ इन्सेस्ट कथा- माँ के किस्से, मायके के
भाग ४४ पृष्ठ ३४१ रिश्तों में हसीन बदलाव उर्फ़ मेरे पास माँ है
भाग ४५ पृष्ठ ३४८ गीता चली स्कूल
भाग ४६ पृष्ठ ३६३ तीन सहेलियां खड़ी खड़ी, किस्से सुनाएँ घड़ी घड़ी
भाग ४७ पृष्ठ ३७५ रोपनी
भाग ४८ - पृष्ठ 394 रोपनी -फुलवा की ननद
भाग ४९ पृष्ठ ४२० मस्ती -माँ, अरविन्द और गीता की
भाग ५० पृष्ठ ४३५ माँ का नाइट स्कूल
भाग ५१ पृष्ठ ४५६ भैया के संग अमराई में
भाग ५२ पृष्ठ ४७९ गन्ने के खेत में भैया के संग
भाग ५३ - पृष्ठ ४९ ४ फुलवा की ननद
भाग ५४ पृष्ठ ५०६ स्वाद पिछवाड़े का
भाग ५५ पृष्ठ ५२१ माँ
भाग ५६ - पृष्ठ ५३६ - गीता और खेत खलिहान
भाग ५७- पृष्ठ ५४६ कुश्ती ननद भौजाई की -
भाग ५८ पृष्ठ ५५७ मंजू भाभी, मिश्राइन भाभी और स्ट्रेटजी
भाग ५९ पृष्ठ ५६७ कबड्डी ननद और भौजाई की
भाग ६० पृष्ठ ५७३ कबड्डी राउंड २
भाग ६१ पृष्ठ ५८१ कबड्डी राउंड ३
भाग ६२ पृष्ठ ६०५ कबड्डी फाइनल राउंड
भाग ६३ पृष्ठ ६१६ जीत गयी भौजाइयां
भाग ६४ पृष्ठ ६२४ ननदों की हार भाभियों की मस्ती
भाग ६५ पृष्ठ ६३२ भाभियाँ की जीत का जश्न
भाग ६६ पृष्ठ ६३९ ननदों संग मस्ती -मज़ा कच्ची कली रूपा का
भाग ६७ पृष्ठ ६४३ होलिका माई
भाग ६८ - पृष्ठ ६६२ हो गयी शाम घर की ओर
भाग ६९ पृष्ठ ६७३ पिलानिंग कल की , ननदों की
भाग ७० पृष्ठ ६८४ रेनू और कमल
भाग ७१ पृष्ठ ६९३ किस्सा रेनू और कमल का
भाग ७२ पृष्ठ ७०३ मेरा भाई मेरी जान--किस्से भैया बहिनिया के
भाग ७३ - पृष्ठ ७२१ किस्से भैया बहिनिया के
भाग ७४ पृष्ठ ७३२ मस्ती रेनू और कमल की,
भाग ७५ पृष्ठ ७४४ पठान टोले वाली
भाग ७६ - पृष्ठ ७४९ बुर्के वाली पठान टोले की
भाग ७७ पृष्ठ ७६५ इंटरवल के बाद ननदों की मस्ती
भाग ७८ पृष्ठ ७७९ चंदा का पिछवाड़ा और कमल का खूंटा
भाग ७९ - पृष्ठ ७९५ हिना और दूबे भाभी
भाग ८० पृष्ठ ८०७ चमेलिया -गुलबिया
भाग ८१ पृष्ठ ८१८ बारी भौजाइयों की
भाग ८२ पृष्ठ ८३० सुगना भौजी
यह कहानी सीक्वेल है, मेरी एक छोटी सी लेकिन खूब मज़ेदार और गरमागरम होली की कहानी, मज़ा पहली होली का ससुराल में, जी अभी उसकी लिंक भी दूंगी , उसके पहले पेज को रिपोस्ट भी करुँगी, लेकिन उसके पहले इस कहानी की हलकी सी रूपरेखा, जिस कहानी से जुडी है ये कहानी दो चार लाइनें उसके बारे में,
तो इस कहानी में, जुड़ाव बनाये रखने के लिए, पहली कहानी के दो चार प्रसंग, जिनसे छुटकी का और इस कहानी के जुड़े चरित्रों का जुड़ाव है वो पूर्वाभास के तौर पर दूंगी, जिससे छुटकी और उसके जीजा की होली, कैसे और क्यों आयी छुटकी अपनी दीदी के गाँव में , वो सब कुछ कुछ साफ़ हो जाए,
हालांकि मैं तो चाहूंगी की इस होली में आप मूल कहानी को भी एक बार पढ़ लें, अगर पढ़ी हो तो भी तो थोड़ी फगुनाहट, होली का सुरूर चढ़ जाएगा, लेकिन चलिए मैं दो चार बातें उस कहानी के बारे में भी बात देती हूँ, जिस का यह सीक्वेल है.
मज़ा पहली होली का ससुराल में, शादी के बाद की मेरी पहली होली की कहानी है , इनकी भी। मेरी ससुराल में ननदों , ननदोई, देवरों और सास के साथ कैसी पहली होली हुयी और इनकी अपनी ससुराल में सालियों, सलहज, और सास के साथ कैसी होली पड़ी दोनों ही. चलिए पहले पात्र परिचय करा दूँ, फिर आगे की बात , तो ससुराल में मेरे ये है और इनकी दो बहनें , एक शादी शुदा जो होली में नन्दोई जी के साथ अपने मायके आयी थीं, मेरी ही समौरिया, और दूसरी छोटी ननद , जो मेरी छोटी बहन, छुटकी जैसी ही. देवर कोई नहीं है, लेकिन होली में तो सारा गाँव नयी भौजाई के लिए देवर हो जाता है, और मेरी जेठानी और सास। मायके में मेरी माँ, और दो छोटी बहने, मंझली जो बोर्ड का इम्तहान दे रही थी और छुटकी, उससे छोटी।
तो पहले दिन की होली मैंने अपनी ससुराल में मनाई और उसी शाम को ट्रेन से हम लोग इनकी ससुराल को चल दिए, और अगली सुबह वहां मेरी दोनों छोटी बहने इनसे होली खेलने के लिया एकदम बौराई थीं, और मेरी सगी तो नहीं लेकिन सगी से बढ़कर, भाभी, इनकी सलहज भी अपने नन्दोई का साथ दे रही थी। तो ससुराल में पहले दिन ही इन्होने अपनी मंझली साली का नेवान कर दिया, रात में सास के साथ सफ़ेद पिचकारी वाली होली खेली, और अगले दिन छुटकी की दो सहेलियां आयी थीं, उन दोनों के साथ, ... छुटकी बहुत घबड़ा रही थी, लेकिन उसकी भाभी,... अपने नन्दोई के साथ मिलकर तो होली में किस साली की बचती है, अगर ननदोई सलहज एक साथ हो जाएँ तो उसकी भी नहीं बची.
ये चाह रहे थे की छुटकी हम लोगों के साथ चले, और इनके साथ मेरे नन्दोई भी, मैंने छुप के दोनों का पूरा प्रोग्राम सुना था. पर इनकी सास तो अपने दामाद से भी दो हाथ आगे थीं , वो खुद,... तो दो दिन एक रात जो ससुराल में इन्होने बितायी होली की मस्ती के साथ, और अगली रात को जो हम इनके गाँव लौटे तो साथ में इनकी छोटी साली भी,
बस तो ये कहानी उसी ट्रेन यात्रा से शुरू होती है,...
तो आशा रहेगी, मुझे आपके साथ की, प्यार की दुलार की और आपके कमेंट्स की , जो हर कथा यात्रा के लिए पाथेय की तरह है,....
तो बस शुरू करती हूँ और सबसे पहले जिस कहानी का यह सीक्वेल है उसका पहला पन्ना , एक झलक के तौर पर,
Erotica - मजा पहली होली का ससुराल में
मजा पहली होली का, ससुराल में ( इस कहानी के सभी पात्र वयस्क हैं और सभी चित्र इंटरनेट से लिए गए हैं यदि किसी को कोई आपत्ति हो तो टिप्पणी कर सकता है। अंडर एज सेक्स न सिर्फ इस फोरम के नियमों के खिलाफ है बल्कि वैधानिक रूप से भी निषिद्ध है , और मैं वयक्तिगत रूप से भी इसे नहीं पसंद करती।) मुझे...
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( इस कहानी के सभी पात्र वयस्क हैं और सभी चित्र इंटरनेट से लिए गए हैं यदि किसी को कोई आपत्ति हो तो टिप्पणी कर सकता है। अंडर एज सेक्स न सिर्फ इस फोरम के नियमों के खिलाफ है बल्कि वैधानिक रूप से भी निषिद्ध है , और मैं वयक्तिगत रूप से भी इसे नहीं पसंद करती।)
पूर्वाभास - पृष्ठ १ और २
भाग १ -पृष्ठ ५ छुटकी - होली, दीदी की ससुराल में
भाग २ पृष्ठ ८ छुटकी -बंधे हाथ, ट्रेन में
भाग ३ पृष्ठ १३ चाय चाय
भाग ४, पृष्ठ १९ छुटकी का पिछवाड़ा और नन्दोई जी का इरादा
भाग ५ - पृष्ठ २२ गोलकुंडा पर चढ़ाई- चलती ट्रेन में
भाग ६ --पृष्ठ २९ -३० रात भर ट्रेन में, सटासट,...
भाग ७ पृष्ठ ३५ रेल में धक्क्म पेल
भाग ८ पृष्ठ ४० छुटकी पहुंच गयी जीजा के गाँव
भाग ९ -पृष्ठ ४६ मेरी सास
भाग १० --पृष्ठ ५० ननद, नन्दोई और छुटकी का पिछवाड़ा
भाग ११ - पृष्ठ ५३ सासू , ननदिया ( नैना ) का महाजाल
भाग १२ - पृष्ठ ५८ दो बहेलिये ( सासू और नैना ननदिया)
भाग १३ -पृष्ठ ६२ पूरा गाँव,... जीजा
भाग १४ पृष्ठ ६६ देवर मेरे
भाग १५ पृष्ठ ७२ चंदू देवर
भाग १६ -पृष्ठ ७७ फागुन का पहला दिन- देवर भौजाई
भाग १७ -पृष्ठ ८१ छुटकी - प्यार दुलार और,...
भाग १८ - पृष्ठ ८७ चुन्नू की पढ़ाई
भाग १९ - पृष्ठ ९१ ननदों भौजाइयों की रंगभरी कबड्डी
भाग २० -पृष्ठ ९३ छुटकी की हालचाल
भाग २१ - पृष्ठ ९९ छुटकी पर चढ़ाई -
भाग २२ पृष्ठ १०३ रात बाकी
भाग २३ पृष्ठ १०९ नई सुबह
भाग २४ पृष्ठ ११३ देवर भाभी की होली
भाग २५ पृष्ठ १२१ छोटा देवर - कैसे उतरी नथ चुन्नू की
भाग २६ पृष्ठ १२७ पिलानिंग - कच्ची ननदों की लेने की
भाग २७ पृष्ठ १३२ और छुटकी की होली
भाग २८ पृष्ठ १३६ - किस्सा इन्सेस्ट यानी भैया के बहिनिया पर चढ़ने का- उर्फ़ गीता और उसके भैया अरविन्द का
भाग २९ पृष्ठ - १४५ इन्सेस्ट का किस्सा -तड़पाओगे, तड़पा लो,... हम तड़प तड़प के भी
भाग ३० पृष्ठ १५२ किस्सा इन्सेस्ट का, भैया और बहिनी का -( अरविन्द -गीता ) दूध -मलाई
भाग ३१ पृष्ठ १६५ किस्सा इन्सेस्ट का,-रात बाकी बात बाकी
भाग ३२ पृष्ठ १७८ इन्सेस्ट गाथा अरविन्द और गीता,-सुबह सबेरे
भाग ३३ पृष्ठ २०० अरविन्द और गीता की इन्सेस्ट गाथा सांझ भई घर आये
भाग ३४ पष्ठ २१४ इन्सेस्ट कथा - चाची ने चांदनी रात में,...
भाग ३५ पृष्ठ २२५ फुलवा
भाग ३६ - पृष्ठ २३६ इन्सेस्ट किस्सा- मस्ती भैया बहिनी उर्फ़ गीता -अरविन्द की
भाग ३७ - पृष्ठ २५० इन्सेस्ट कथा - और माँ आ गयीं
भाग ३८ पृष्ठ २६० मेरे पास माँ है
भाग ३९ - पृष्ठ २७१ माँ, बेटा, बेटी और बरसात की रात
भाग ४० पृष्ठ २८६ इन्सेस्ट गाथा - गोलकुंडा पर चढ़ाई -भाई की माँ के सामने
भाग ४१ पृष्ठ ३०३ इन्सेस्ट कथा - मामला वल्दियत का उर्फ़ किस्से माँ के
भाग ४२ पृष्ठ ३१७ इन्सेस्ट कथा माँ के किस्से,
भाग ४३ पृष्ठ ३२९ इन्सेस्ट कथा- माँ के किस्से, मायके के
भाग ४४ पृष्ठ ३४१ रिश्तों में हसीन बदलाव उर्फ़ मेरे पास माँ है
भाग ४५ पृष्ठ ३४८ गीता चली स्कूल
भाग ४६ पृष्ठ ३६३ तीन सहेलियां खड़ी खड़ी, किस्से सुनाएँ घड़ी घड़ी
भाग ४७ पृष्ठ ३७५ रोपनी
भाग ४८ - पृष्ठ 394 रोपनी -फुलवा की ननद
भाग ४९ पृष्ठ ४२० मस्ती -माँ, अरविन्द और गीता की
भाग ५० पृष्ठ ४३५ माँ का नाइट स्कूल
भाग ५१ पृष्ठ ४५६ भैया के संग अमराई में
भाग ५२ पृष्ठ ४७९ गन्ने के खेत में भैया के संग
भाग ५३ - पृष्ठ ४९ ४ फुलवा की ननद
भाग ५४ पृष्ठ ५०६ स्वाद पिछवाड़े का
भाग ५५ पृष्ठ ५२१ माँ
भाग ५६ - पृष्ठ ५३६ - गीता और खेत खलिहान
भाग ५७- पृष्ठ ५४६ कुश्ती ननद भौजाई की -
भाग ५८ पृष्ठ ५५७ मंजू भाभी, मिश्राइन भाभी और स्ट्रेटजी
भाग ५९ पृष्ठ ५६७ कबड्डी ननद और भौजाई की
भाग ६० पृष्ठ ५७३ कबड्डी राउंड २
भाग ६१ पृष्ठ ५८१ कबड्डी राउंड ३
भाग ६२ पृष्ठ ६०५ कबड्डी फाइनल राउंड
भाग ६३ पृष्ठ ६१६ जीत गयी भौजाइयां
भाग ६४ पृष्ठ ६२४ ननदों की हार भाभियों की मस्ती
भाग ६५ पृष्ठ ६३२ भाभियाँ की जीत का जश्न
भाग ६६ पृष्ठ ६३९ ननदों संग मस्ती -मज़ा कच्ची कली रूपा का
भाग ६७ पृष्ठ ६४३ होलिका माई
भाग ६८ - पृष्ठ ६६२ हो गयी शाम घर की ओर
भाग ६९ पृष्ठ ६७३ पिलानिंग कल की , ननदों की
भाग ७० पृष्ठ ६८४ रेनू और कमल
भाग ७१ पृष्ठ ६९३ किस्सा रेनू और कमल का
भाग ७२ पृष्ठ ७०३ मेरा भाई मेरी जान--किस्से भैया बहिनिया के
भाग ७३ - पृष्ठ ७२१ किस्से भैया बहिनिया के
भाग ७४ पृष्ठ ७३२ मस्ती रेनू और कमल की,
भाग ७५ पृष्ठ ७४४ पठान टोले वाली
भाग ७६ - पृष्ठ ७४९ बुर्के वाली पठान टोले की
भाग ७७ पृष्ठ ७६५ इंटरवल के बाद ननदों की मस्ती
भाग ७८ पृष्ठ ७७९ चंदा का पिछवाड़ा और कमल का खूंटा
भाग ७९ - पृष्ठ ७९५ हिना और दूबे भाभी
भाग ८० पृष्ठ ८०७ चमेलिया -गुलबिया
भाग ८१ पृष्ठ ८१८ बारी भौजाइयों की
भाग ८२ पृष्ठ ८३० सुगना भौजी
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